hindi chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/hindi-chudai/ Hindipornstories.org Wed, 03 Nov 2021 06:58:06 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 कॉलेज के डायरेक्टर ने चोद दिया https://sexstories.one/college-me-director-se-chudai-kahani/ Wed, 03 Nov 2021 06:58:06 +0000 https://sexstories.one/?p=3256 उनका लंड मेरी जांघो के बीच मे फँसने लगा सर ने फिर से अपना काम शुरू कर दिया मेरी दूसरी चूंची को चूसने लगे ओर मेरे होठो को चूसने लगे मे भी गर्म हो चुकी थी उसकी वजह थी की उनका मोटा लंड जो मेरी जांघो के बीच में बेठ कर मेरी चूत को रग़ड रहा था...

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College me chudai kahani मेरा नाम हीना हे ओर मे 20 साल की इंजिनियरिंग स्टूडेंट हूँ मैने इन स्टोरियों को अभी कुछ दिनो से पढ़ना शुरू किया है तो सोचा अपनी लाइफ की रियल स्टोरी भी शेयर करूँ। में बी.टेक II ईयर की स्टूडेंट हूँ ये कहानी आज से करीब 1 साल पहले की है जब मे I ईयर मे थी दोस्तो पहले मे आपको अपने बारे मे बता दूं मे दिखने मे काफ़ी खूबसूरत हूँ.

ऐसा मेरी फ्रेंड्स कहती है ओर शायद सच ही कहती है क्योंकि मेने हमेशा लड़को को अपने आस पास फिरते देखा मेरा फिगर भी काफ़ी आकर्षक है 36-28-36 मेरी फ्रेंड्स और ये भी कहती है की तुझे मॉडल होना चाहिये था मेरे बूब्स स्कूल टाइम से ही थे लेकिन कभी सेक्स तक बात नही पहुंची और लड़को से बस किस और बूब्स प्रेस तक ही बात सीमित रही मे भी डरती थी की कहीं कुछ प्रोब्लम ना हो जाये तो मेने आगे नही बढ़ने दिया किसी को यहाँ एड्मिशन के टाइम हॉस्टल की सीट्स फुल हो जाने की वजह से मुझे हॉस्टल मे रूम नही मिल सका ओर बाहर किराये पर रूम लेना पड़ा.

अब्बू ने ये देखकर ही किराये पर रहने की इजाजत दी की वहाँ लड़के नही थे सिर्फ़ लड़कियाँ ही थी खेर किसी तरह सेट्ल हो गई मे भी लेकिन मेरा कॉलेज जाने का मन नही करता था क्योंकि मेरी कोई दोस्त भी नही थी ओर ए.सी ब्रांच थी मेरी तो सभी लड़के ही थे तो मे बोर हो जाती थी ये बात अलग है की लड़के सभी मेरे पीछे ही पड़े रहते थे लेकिन मेरा मन नही करता था क्लास में जाने का और लेक्चर्स बोरिंग लगते थे मुझे लेकिन मेरी इस लापरवाही से मेरी उपस्थिती शॉर्ट हो गई मेरा नामे डीटेंड लिस्ट मे आ गया यानी वो स्टूडेंट्स जिन्हे परीक्षा ही नही देने दी जायेगी मेरी तो हालत खराब हो गई परीक्षा ना देने का मतलब था की मेरा 1 साल बर्बाद चला जाता अब्बू अम्मी को क्या कहूँगी मे यही सोच कर मे टेन्शन मे आ गई.
सभी टीचर्स से रिक्वेस्ट की मेने लेकिन कोई सुनने को तैयार नही था सभी का कहना था की अब तो सिर्फ़ डाइरेक्टर सर ही कुछ कर सकते है लेकिन मेरी हिम्मत नही हो रही थी उनके सामने जाने की फिर मेरी एक सीनियर ने समझाया तो डाइरेक्टर से मिल ले नही तो फैल होने के लिये तैयार रहना मेने दिल को कड़ा करके उनसे मिलने का फेसला किया मिलने से डर इसलिये लग रहा था क्योंकि काफ़ी स्ट्रिक्ट थे वो आर्मी से रिटायर्ड थे करीब 6’6” फुट लंबे ओर काफ़ी भारी शरीर के व्यक्ति थे हमेशा गुस्से मे ही लगते थे लेकिन अब मेने फेसला कर लिया तभी मेरी 1 फ्रेंड ने मुझे उनके बारे मे ये बताया की डाइरेक्टर सर लड़कियों की तरफ़ कुछ ज़्यादा ही ध्यान रखते है कई बार पहले उनके रिलेशन सुनने को मिले है कॉलेज की लड़कियों से अगर तू उन्हे फंसा सके तो समझ काम हो गया तेरा। मेने उसके सामने तो उसे डाट दिया की मे ये सब नही करने वाली चाहे फैल होना पड़े.

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फिर रात भर सोचने के बाद मुझे लगा की यही एक रास्ता है मगर प्रोब्लम तो ये थी की बात केसे वहाँ तक पहुचें खेर मेरी एक फ्रेंड ने मुझे सलाह दी की ऐसे कपड़े पहनना जिनसे आकर्षित हो सके तो मेने भी तैयारी शुरू कर दी मेने आज ब्रा नही पहनी थी एक काले कलर की टाइट टी-शर्ट वो भी बड़े गले की पहन ली इससे मेरी 36 साइज़ के बूब्स बाहर आने के लिये तड़पने लगे ओर क्योंकि टी–शर्ट हल्के कपड़े की थी तो मेरे निपल का शेप भी दिख रहा था नीचे मैने टाइट ब्लू जीन्स पहनी थी जिसमे मेरी 28 की कमर ओर 36 की गांड बाहर निकलने को तैयार थी जेसे ही ये पहन कर बाहर निकली सभी मुझे घूर कर देखने लगे किसी तरह नज़र नीची करके मे पहुँच गई डाइरेक्टर सर के ऑफिस मे डाइरेक्टर सर कोई फाइल पढ़ रहे थे उनकी नज़र नीचे ही थी मेने पर्मिशन ली अंदर आने की ओर उनको विश करके आपनी प्रोब्लम बताई.

उन्होने बिना देखे ही मुझे साफ कह दिया की मे इसमे कुछ नही कर सकता ऐसे ही करने लगा तो नियमों का क्या फायदा। जाओ यहाँ से मेरा तो एक बार दिल ही टूट गया लेकिन मेने अभी हिम्मत नही हारी थी अभी तो अपना हथियार भी इस्तेमाल नही किया था मे आगे बढ़ कर उनके पेरो को पकड़ कर उनसे रिक्वेस्ट करने लगी ऐसा करते ही उनकी नज़र मुझ पर पड़ी ओर मेरी जवानी को देख कर तो एक बार तो वो अपनी पलक झपकाना ही भूल गये मे भी उनकी आँखो मे देखते हुये रिक्वेस्ट कर रही थी.

अब मे उठ तो गई लेकिन झुक कर उनके पैर को पकड़े रखा बड़े गले की टी-शर्ट होने के कारण मेरी चुचियां बाहर निकलने को फड़फड़ाने लगी 1/3 हिस्सा बाहर झूलने लगा सर का तो दिमाग़ ही काम करना बंद कर गया वो तो मेरी रिक्वेस्ट को सुन ही नही रहे थे बस मेरी चुचियों को देखे जा रहे थे मे ये देख कर थोड़ा शर्मा गई ओर उठ कर सीधी खड़ी हुई तब उनका ध्यान मेरी तरफ़ गया लेकिन फिर भी उनकी नज़रे मेरे बूब्स को ही घूर रही थी मेने भी अब अपना हथियार चलाना उचित समझा मेने कहा सर प्लीज मुझे एक मोका दे दीजिये इसके बदले आप जो कहेंगे वो में करने को तैयार हूँ उनकी आँखे चमक गई कहने लगे लेकिन बेटा मेरी भी तो परेशानी समझो मे क्या जवाब दूँगा सबको। मेने कहा सर मे किसी से नही कहूँगी ओर आपको खुश भी कर दूँगी सर ने कहा खुश केसे? मेने कहा सर आप जो कहेंगे वो कर दूँगी सर देख लो तुम्हे वो करना पड़ेगा जो मे कहूँगा मेने कहा हाँ सर सोच लिया मे तैयार हूँ.

उन्होने कहा ठीक है तो ज़रा मेरे ऑफिस का रूम लॉक करके आओ मे समझ गई थी की अब क्या करने वाले है मे भी चुपचाप बिना कुछ पूछे रूम लॉक करके आ गई सर चलो अपनी टी-शर्ट निकालो ज़रा मे पहले से ही तैयार थी मेने चुपचाप अपनी टी-शर्ट अपने बदन से अलग कर दी टी-शर्ट निकालते ही मेरे बूब्स आज़ाद हो गये ओर सर के सामने तन कर खड़े हो गये सर की तो नज़रे ही चिपक गई ओर उनके मुँह से निकाला ऐसी चूंचियां मेने अपनी लाइफ मे नही देखी है मे कुछ ना बोली लेकिन तारीफ सुन कर खुश हो गई सर ने मुझे अपने पास बुलाया ओर मेरा हाथ खीच कर अपनी गोद मे बिठा लिया मे अचानक हुये हमले से सहन गई इधर सर ने मेरे बूब्स को थाम लिया ओर एक को मसलने लगे ज़ोर ज़ोर से दूसरे को चूसने लगे मुझे उनसे इतनी जल्दी की उम्मीद नही थी उनके इस हमले से मे तड़प उठी ओर मेरे अंदर का नारीपन भी जाग उठा.

अब मे भी मस्ती लेने के मूड में आ गई उनका लंड मेरी गांड के नीचे दबा हुआ फंफना रहा था इधर सर ने अपना हाथ मेरी चूंची से हटा मेरी जीन्स के अंदर घुसाने की कोशिश करने लगे लेकिन टाइट होने के कारण नही घुस रहा था तो मेने बटन खोल दिया ओर थोड़ा उठ कर अपनी गांड के नीचे सरका दिया इधर सर भी अपना लंड निकाल कर बेठ गये मेरी नज़र उनके खड़े हुये लंड पर पड़ी तो मे तो डर गई करीब 8 इंच लंबा लंड था उनका सर ने मेरी पेंटी भी सरका दी नीचे ओर मुझे अपने लंड पर ही बिठा दिया.

उनका लंड मेरी जांघो के बीच मे फँसने लगा सर ने फिर से अपना काम शुरू कर दिया मेरी दूसरी चूंची को चूसने लगे ओर मेरे होठो को चूसने लगे मे भी गर्म हो चुकी थी उसकी वजह थी की उनका मोटा लंड जो मेरी जांघो के बीच में बेठ कर मेरी चूत को रग़ड रहा था लेकिन तभी मुझे याद आया की मेरा असली मिशन क्या है कहीं सर मुझे चोद कर भूल ना जाये तो मेने सर को कहा सर आप पहले मुझे पर्मिशन दे दो परीक्षा के लिये सर ने कहा मेरी रानी ये कोन सी बड़ी बात है उन्होने फोन उठाया ओर ऑफीस मे मेरा नाम लेकर उन्हे निर्देश दे दिये ओर अपने पास पड़ी डीटेंड लिस्ट मे से मेरा नाम काट दिया ओर कहा की लो अब तो खुश होना और अब जब बाहर जाना तो अपना एड्मिट कार्ड ले लेना ऑफीस जाकर मे खुश हो गई.

अब मे आराम से सर को सब कुछ करने देने को तैयार थी सर ने इधर फिर से अपना मिशन स्टार्ट कर दिया उन्होने मेरी चूंचियो को फिर से निचोड़ना शुरू कर दिया लेकिन तभी किसी ने डोर बजाया हम दोनो के ही होश उड गये सर ने मुझे उठाया ओर कहा की जाओ अपने कपड़े लेकर बाथरूम मे छुप जाओ मे जल्दी से भाग कर बाथरूम मे छुप गई इधर थोड़ी देर मे डोर ओपन होने की आवाज़ आई ओर उनकी बात सुन कर लगा की वहा का ही कोई है जो मेरी ही बात कर रहा है मतलब क्लियर कर रहा था की एड्मिट कार्ड दे या नही तो सर ने कहा हाँ दे देना वो चला गया.

सर ने फिर मुझे आवाज़ दी मे निकली तो सर ने कहा की अभी जाओ यहाँ से ओर ये बताओ की रात को मेरे साथ चल सकती हो? मेने कहा ठीक है सर मुझे कोई प्रोब्लम नही है तो सर ने कहा की ठीक 7 बजे मुझे कॉलेज के बाहर मिलो मे पिक कर लूँगा तुम्हे कार से फिर मेरे फार्म हाउस पर चलना है तुम्हे मेने कहा ठीक है सर उन्होने जाते-जाते कहा की अपना एड्मिट कार्ड ऑफिस से ले लेना मे खुश होकर बाहर निकली ओर ऑफीस जाकर एड्मिट कार्ड ले लिया

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होने वाली बीबी को शादी के पहले चोद डाला https://sexstories.one/biwi-ko-chod-daala/ Mon, 04 Jan 2021 23:44:09 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%b9%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%80%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%b6%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa/ दोस्तों हिंदी सेक्स कहानियां के पाठको को मेरा नमस्कार | दोस्तों मैं भी आप सभी लोगो की तरह ही सेक्सी कहानियों को काफी अरसे से पढता आ रहा हूँ | मैं अभी तक जो भी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तों हिंदी सेक्स कहानियां के पाठको को मेरा नमस्कार | दोस्तों मैं भी आप सभी लोगो की तरह ही सेक्सी कहानियों को काफी अरसे से पढता आ रहा हूँ | मैं अभी तक जो भी कहानी पढ़ी है मुझे वो कहानी बहुत पसंद आई हैं और मैं भी आज आप लोगो के लिए अपनी कहानी को लेकर आया हूँ | मैं जो आज कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रहा हूँ इस कहानी में मैं आप लोगो को बताऊंगा की कैसे मैंने अपनी होने वाली बीबी को शादी के पहले उड़ाया था | biwi ko chod daala

दोस्तों मैं कहानी को शुरू करने से पहले अपना परिचय दे देता हूँ | biwi ko chod daala

मेरा नाम अभय है और मैं रहने वाला मुम्बई का हूँ | मेरी उम्र 26 साल है और मैं दिखने में कभी गोरा हूँ | मैं काफी शर्मीला हूँ जिसकी वजह से मैं किसी लड़की से बात नही कर पाता था और इससे पहले मेरी दोस्त कोई लड़की नही बनी थी | मेरी हाईट 6 फुट 3 इंच है है और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच और मोटाई 3 इंच है | दोस्तों मैंने इससे पहले कभी चुदाई नही की थी और ये मेरी पहली चुदाई का अनुभव है | दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ की ये मेरी कहानी आप लोगो को बहुत पसंद आयेगी और इस कहानी को पढने में आप लोगो को मज़ा तो जरुर आएगा | मैं आप लोगो का ज्यादा टाइम न लेते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

दोस्तों इस कहानी को लगभग 1 साल हो गया है | biwi ko chod daala

मैं जब एक प्राइवेट ऑफिस में जॉब करता था और वहां से घर के लिए चल कर ही जाता था क्यूंकि मेरा घर पस में ही था | तब मुझे एक लड़की दिखी जो मुझे बहुत अच्छी लगी और ये बात मैंने अपने दोस्तों से बताई तो मेरे दोस्तों ने मुझे उससे बात करने की राय दी | मैं लड़कियों से बात करने में डरता था इसलिए उससे बात नही कर पाया |

दोस्तों उसके कुछ दिनो के बाद की बात है जब वो लड़की मुझे फिर से मिली और उस दिन मैंने बहुत हिम्मत की और उससे बात करने के लिए गया | मैंने उससे हाय हेल्लो किया और बात करने लगा | मैं उससे कुछ देर तक बात करता रहा तब उसने मुझसे कहा की मैं देख रही थी की आप मुझे कई दिनों से देख रहे थे पर बात करने की हिम्मत नही कर रहे थे |

मैं तो आप ही कर ली होती ? वो तुम्हे पता नही है की लड़कियां काफी पहले बात नही करती है | मैं भी उससे कह दिया की मैंने इससे पहले कभी किसी लड़की से बात नही की न इसलिए मुझे तुमसे बात करने में डर लग रहा था | वो मेरी ये बात सुनकर हँसने लगी और बोली बुधु फिर चली गयी |

दोस्तों मैं आप लोगो को उसके बारे में बता देता हूँ | उसका नाम पल्लवी है और वो दिखने में मस्त माल थी | उसकी चूचियां कभी बड़ी थी और जब वो चलती थी तो उसकी मस्त चूचियां हिलती थी जिसको देखकर मैं उस पर फ़िदा था | दोस्तों उसको तुम फिल्म स्टार विद्या बालन समझ लो ? उसका फिगर ठीक विद्या बालन की तरह है |

उसके कुछ दिन के बाद मैं अपना रिश्ता उसके घर भेज दिया और मेरी शादी उसके साथ फिक्स हो गयी | दोस्तों अब मैं उससे रात में भी बाते किया करता था और वो मुझसे बाते किया करती थी | उसके कुछ दिन बाद मेरी उसके साथ सगाई हो गयी और अब मैं उसको कभी कभी अपने साथ घुमाने भी ले जाने लग था |

दोस्तों उसके कुछ दिन बाद की बात है जब मैं उसके साथ घुमने गया था तो उस दिन मैं उसे अपने साथ डिनर पर ले गया और डिनर करने के बाद हम दोनों मूवी देखने गए | हम जब मूवी देख रहे थे तो उसने मुझे किस की तो मुझे ऐसा लगा की मेरे जिस्म में करंट सा लग गया हो | उस दिन जब मैं उसको देख रहा था तो मेरे अन्दर कुछ अजीब सा फिल हो रहा था |

फिर कुछ ही देर में मूवी भी ख़त्म हुई तो मैं उसे उसके घर छोड़ने आया और जब मैं उसको उसके घर छोड़ने आया तो उसने मुझे घर आने को कहा तो मैंने माना किया और कहा नही मैं जा रहा हूँ | तब उसने मुझसे कहा की आज घर पर कोई नही है मम्मी और पापा बाहर गए हुए हैं वो देर तक आयेंगे | वो ये कहती हुई मेरी होठो पर किस कर दी और भाग कर घर के अन्दर घुस गयी |

दोस्तों मैं समझ गया था की वो क्या कह रही है | biwi ko chod daala

तब मैंने गाड़ी को किनारे खाड़ी की और उसके घर के अन्दर चला गया | जब मैं उसके घर के अन्दर चला गया तो उसने घर के दरवाजे को अन्दर से बंद कर दिया | फिर मेरे साथ बैठ कर बात करने लगी | हम दोनों एक दुसरे से कुछ देर तक बात करते रहे | फिर उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और लिपट गयी |

दोस्तों वो मुझसे ज्यादा उतावली हो रही थी और मुझे चूमने लगी | वो मुझे चूम रही थी और मैं उससे लिपट कर उसकी मस्त बड़ी गांड को दबाने लगा | क्या गांड है मेरी बीबी की आप लोगो को कैसे बताऊँ इतना समझ लो की अगर ऐसी गांड मिल जाये तो चूत कोई न चोदना चाहे | मैं उसकी गांड को दबा रहा था और वो मुझे चूम रही थी | ये चुम्बन का सिससिला ऐसे ही 10 मिनट तक चलता रहा |

फिर पल्लवी ने मुझसे कहा की ये हम सही कर रहे हैं | biwi ko chod daala

मैं भी अब मज़े लेना चाहता था तो मैंने उससे कह दिया यार इसमें गलत क्या है हम कुछ दिन बाद शादी करने वाले हैं | वो हाँ ये तो है पर शादी के पहले सेक्स मुझे सही नही लग रहा है | मैं उसको अपनी बाँहों में जकड़ लिया और बोला यार मेरी जान सब सही है हम पति पत्नी बन जायेगे तब तो करेंगे अभी मज़े ले लेते है |

वो हाँ ठीक है पर ये मेरी जिन्दगी का पहला सेक्स है तो मैं इसे थोडा रंगीन बनाना चाहती हूँ | मैं वो कैसे ? और वो अपना लैपटॉप को लेकर आई और उसने एक सेक्सी मूवी चलाई और बोली जैसे ये लोग करेंगे हम भी ठीक वैसे ही करेंगे | मैं हाँ ठीक हैं और उस विडियो में पहले लड़की ने अपने कपडे निकाल दिए और ठीक उसी तरह पल्लवी ने अपने कपडे निकाल दिए |

दोस्तों कसम से क्या मस्त फिगर था पल्लवी का और उसका जिस्म सोने की तरह चमक रहा था | मैं उसके सेक्सी बदन को घूरने लगा और सोच में पड़ गया की मुझे इतनी सेक्सी औरत की चुदाई करने को मिलेगा मैंने कभी नही सोचा था | दोस्तों वो पूरी तरह से बिना कपड़ो के नही थी क्यूंकि उसने अभी भी ब्रा और पैंटी पहन रक्खी थी |

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फिर उस विडियो में लडकी ने लकड़े के कपडे निकाल दिए और ठीक उसी तरह पल्लवी ने मेरे कपडे निकाल दिए | तब उस विडियो के लड़के ने उस लड़की की होठो को मुंह में रख कर चूसने लगा और मैं इधर पल्लवी को होठो को मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं पल्लवी को होठो को चूस रहा था और वो मेरी होठो को चूस रही थी | ये कार्यक्रम ठीक 10 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा |

फिर उस विडियो की लड़की ने उस लड़के के लंड को हाथ में पकड कर हिलाती हुई मुंह में रख लिए और चूसने लगी | ठीक उसी तरह पल्लवी ने मेरे लंड को मुंह में रख लिया और अन्दर बाहर करती हुई चूसने लगी | दोस्तों जब वो मेरे लंड को मुंह में रख कर चूस रही थी तो मेरी धीमी सांसे तेज तेज चलने लगी थी और ये लंड चुसाने के रागिन खेल पुरे 5 मिनट तक चलता रहा |

फिर क्या हुआ दोस्तों उस आदमी ने लड़की की चूत को अपनी उँगलियों से फैलाया और अपनी जीभ को बाहर की और निकाल कर उसकी चूत में घुसा कर चाटने लगा और वो लड़की जोर जोर से अन्हे भारती हुई चटवाने लगी | मैं भी ठीक उसी तरह उसकी चूत में अपने लंड को घुसा कर उसकी चूत को चाटने लगा | मैं जब पल्लवी की चूत को चाटने लगा तो पल्लवी आह आह ऊई माई अभय और जोर से करो मज़ा आ रहा है | मैं उसकी चूत में अपनी जीभ को और जोर से रगड़ते हुए चाटने लगा साथ में अपनी उँगलियों को घुसा दिया |

पल्लवी आह उह उई माई यार अभय और जोर से करो और मैं उसकी चूत में ऐसे ही जोर जोर से कुछ देर तक करता रहा | फिर पल्लवी मुझसे बोली की अभय अब मुझे असली मज़ा दे ही दो ? अब मुझसे रहा नही जा रहा है | मैंने तब उसकी चूत को फैला कर उसकी चूत में अपने लंड को धीरे से घुसा कर एक जोरदार का धक्का मारा जिससे मेरे लंड उसकी चूत में घुस गया और वो जोर से खीच पड़ी और बोली यार निकाल लो नही मैं मार जाउंगी | मैंने तब चूत में धक्के मारने रोक कर उसकी होठो को चूसने लगा |

मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसकी चूत में धीर धीरे धक्के मारने लगा और वो कुछ ही देर में मेरे धक्को के मज़े लेने लगी | मैं उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को पकड कर उसकी चूत में जोर के धक्के मार रहा था | वो मेरे धक्को के मज़े लेती हुई उह औच आह उई औच माई उह… की सेक्सी आवाजे करती हुई चुदाई के मज़े ले रही थी | मैं उसको ऐसे ही 15 मिनट तक चोदता रहा और उस 15 मिनट में उसकी चूत ने 2 बार पानी छोड़ा |

फिर मैं भी झड़ गया और अपने कपडे पहन लिए | biwi ko chod daala

पल्लवी ने अपने कपडे पहन लिए | दोस्तों उस रात मुझे चुदाई में बहुत मज़ा आया था और जब साथ में मस्त फिगर वाली लड़की हो तो क्या कहना | उसके बाद हम दोनों की शादी हो गयी और अब मैं उसके साथ रोज ही चुदाई का रंगीन खेल खेलता हूँ और वो इस खेल में मेरा पूरा साथ देती है |

धन्यवाद…

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राजेश ने संचिता की जबरदस्त चुदाई https://sexstories.one/sanchita-ki-sex-chudai/ Mon, 04 Jan 2021 11:40:47 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a4%ac%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a4%b8%e0%a5%8d/ संचीता की भी हालत वैसी ही थी और वो भी हांफ रही थी. 1-2 मिनट रुककर वो उठा और मेडम से बोला कि संचीता अब पीछे से आ जाओ, तो वो उठी और बिस्तर पर ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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संचीता की भी हालत वैसी ही थी और वो भी हांफ रही थी. 1-2 मिनट रुककर वो उठा और मेडम से बोला कि संचीता अब पीछे से आ जाओ, तो वो उठी और बिस्तर पर कुत्तिया बन गई और वो खड़ा होकर मेडम की गांड पर झुका और संचीता की चूत में लंड घुसा दिया. में उसको साईड से देख रहा था तो मुझे मेडम की चूत में लंड आता जाता नहीं दिख रहा था. वो झुककर मेडम की गांड पर हाथ जमाकर धक्के लगाने लगा. sex chudai

इस बार जब जब लंड संचीता की चूत में अंदर जाता तो मुझे पच पच की आवाज़ सुनाई देने लगी, वो जब धक्का देता तो मेडम की बड़ी बड़ी चूची आगे पीछे हो रही थी. संचीता मेडम मस्ती से आँख बंद कर सिसकारी लेती हुई उससे कुछ बोलती थी, जो कि मुझे सुनाई नहीं दे रहा था. राकेश अब थोड़ा और संचीता के ऊपर झुक गया था और मेडम की लटकी हुई चूची को पकड़कर उसको चोदता रहा.

जब उसका बेलेन्स समाप्त होने लगा तो वो संचीता की गांड के पीछे कुत्ता बनकर बैठ गया और दोनों हाथ से मेडम की गांड को साईड से पकड़कर उसकी चूत चोदता रहा. संचीता को कुत्तिया बनाकर राकेश बहुत देर तक चोदता रहा. फिर अचानक से वो बोला कि मेडम अब आपकी गांड मारूँगा.

इतना सुनते ही मेडम उससे अलग हो गई और बोली नहीं बहुत दर्द होता है संचीता इनकार करते हुए बोली कि आपका लंड ज़्यादा मोटा है, तो वो बोला कि हाँ मेरे जैसा लंड बहुत कम लोगों का ही होता है. फिर संचीता बोली कि तभी तो आपको जब उस दिन पेशाब करते देखा और आपका लंड देखा,

में हैरान रह गई थी कि हमारे यहाँ भी मर्दो का सामान ऐसा होता है और मैंने उसी दिन सोच लिया था कि एक दिन इस सामान से मज़ा ज़रूर लूँगी. अच्छा कोई बात नहीं संचीता रानी, किसी और दिन गांड मार लूँगा, अभी चूत तो मारने दो, मेडम बोली कि तो मारो ना जितना मार सकते है मारो, उसके लिए में हमेशा तैयार हूँ.

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यह कहती हुई मेडम सीधी लेट गई और उसने मेडम के पैर को खोलकर लंड डालकर उसकी चूची को पकड़ा और दबाते हुए मेडम की चूत पेलने लगा. संचीता उुउऊहह आआईईईइ हहाई आपके जैसा मज़ा किसी ने नहीं दिया मुझे आज तक अहह्ह्ह चोदो मुझे, ज़ोर ज़ोर से चोदो, मेरी चूत की सारी गर्मी निकाल दीजिये, आहह बड़ा मज़ा रहा है.

अब वो शायद लास्ट स्टेज में आ चुका था. sex chudai

राकेश अब संचीता मेडम के ऊपर लेटा और दोनों हाथ मेडम की गांड के नीचे रखकर नीचे से मेडम की गांड को पकड़ लिया. उसके ऐसा करते ही संचीता मेडम ने अपने दोनों पैर उठाकर हवा में खोल दिये. राकेश संचीता की चूची को मुँह से रगड़ते हुए घोड़े जैसी स्पीड से संचीता को पेलने लगा.

मेडम उससे कसकर लिपटी हुई थी, आहह में झड़ने वाली हूँ. राकेश भी हाफते हुए बोला कि हाँ अब मेरा भी निकलेगा संचीता. उन दोनों को उस स्टाईल से चुदते देख मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे दो पहलवान कुश्ती लड़ रहे हो और एक दूसरे को हरा देना चाहते हो. तभी राकेश ने अपना हाथ संचीता मेडम की गांड के नीचे से निकाला और मेडम को कंधे से पकड़ लिया और जोर से धक्का मारने लगा और ज़ोर ज़ोर से हाँफते हुए मेडम से चिपक गया.

संचीता भी ज़ोर से सीसीयाई अहहहहहाः और राकेश को कसकर पकड़ लिया. दोनों एक साथ झड़ रहे थे और संचीता ने अभी भी अपने दोनों पैर हवा में उठा रखे थे, जिसको उसने कुछ देर के बाद बिस्तर पर रखे और लगभग दस मिनट तक दोनों एक दूसरे से उसी तरह लिपटे रहे.

फिर संचीता मेडम उसकी गांड पर हाथ मारकर बोली कि उठो ना अब, राकेश उठा और संचीता भी उठकर बैठी हो गई और नाईटी से अपनी चूत साफ करने लगी. फिर उसने घड़ी देखी और बोली कि अब आप जाइये, 4 बजने वाले है.

मैंने भी टाईम देखा तो 3:40 हो रहा था. sex chudai

मतलब कि लगभग 1:30 घंटे तक चुदाई का खेल चला. राकेश कपड़े पहनने लगा और संचीता ने भी अपनी नाईटी पहन ली. राकेश बोला कि अब कब आना है? संचीता बोली कि में बाद में बता दूँगी, अब जल्दी से निकलो आप. फिर में वहां से हटा और अपने रूम में आ गया. मैंने भी संचीता मेडम को चुदते देखा तो मैंने भी अपना पानी निकाल डाला, जिससे में थक गया और चुपचाप सो गया.

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नगमा को चाहिए मेरा फौलादी लंड https://sexstories.one/nagma-sex-ki-bhukhi/ Sun, 25 Oct 2020 20:35:46 +0000 https://sexstories.one/?p=1368 नमस्कार मेरे प्यारे चूत के दीवानों और लंड की प्यासी लड़कियों | मैं जग्गू फिर से हाजिर हुआ हूँ अपनी कुछ अनकही कहानी ले कर | मैंने पिछली दो कहानिया लिखी थी उसमे मुझे बहुत ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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नमस्कार मेरे प्यारे चूत के दीवानों और लंड की प्यासी लड़कियों | मैं जग्गू फिर से हाजिर हुआ हूँ अपनी कुछ अनकही कहानी ले कर | मैंने पिछली दो कहानिया लिखी थी उसमे मुझे बहुत से कमेंट्स और मेल्स आये | मुझे वो सब पढ़ कर बहुत खुशी हुई कि आप सभी को मेरी कहानी इतनी पसंद आई | इसलिए आज मैं फिर से आया हूँ चुदाई के सफ़र की दास्तान बताने | आप सभी मुझे जानते है इसलिए मैं सीधा कहानी में आता हूँ बिना वक़्त बरबाद किये | nagma sex

दोस्तों, पिछली कहानियो में मैंने आपको बताया था मेरी और नगमा की चुदाई के बारे में | मेरी और ऋचा मैडम की चुदाई और मेरी, नगमा और ऋचा मैडम की चुदाई के बारे में | 12 वी पास करने के बाद हम सभी अलग अलग हो गये | अब किसी से उतना मिलना जुलना नहीं हो पाता था | मेरा मोबाइल गुम हो जाने के कारण मेरा नंबर किसी के पास नहीं था और मेरे पास भी नहीं था किसी का भी नंबर |

मैं अब वेल्लोर जा कर कॉलेज की पढाई में जुट गया था चेन्नई में मेरा एक दोस्त रहता था | तो उसने मुझे एक रूम दिलवाया वहां बस मैं ही अकेले किराय से रहता था | मैं जिस घर में रहता था वहां एक 60-65 साल की बुढ़िया और एक जवान शादीशुदा महिला रहती थी जिसका नाम अफरीदा था | मैं जिनके घर किराय से रहता था वो एक मुस्लिम्स परिवार था | मैंने उस अफरीदा का चेहरा कभी नही देखा था | पर चुदाई के बाद तो सब देख लिया | वो बहुत अच्छी फॅमिली थे |

हिन्दू-मुस्लिम में कोई फर्क नहीं समझते थे | nagma sex

एक दिन की बात है मैं अपने कमरे में नहा रहा था |

अफरीदा की माँ कहीं गयी हुई थी | अफरीदा मेरे लिए रोज कॉफ़ी बना कर लाती थी | मेरी आदत थी कि मैं नंगे हो कर नहाता था | जब नहा कर निकलता था तो नंगा ही निकलता था | मैं नहा कर बाहर निकला और अपने शरीर को पोछने लगा | तभी वहां अफरीदा आ गयी कॉफ़ी ले कर और मुझे नंगा देख कर कोई रिएक्शन ही नहीं दिया | मैंने अपना लंड उसके सामने तक कर दिया तब भी उसने ऐसा किया जैसे कुछ हुआ ही नहीं | वो बस कॉफ़ी दे कर चली गयी |

कुछ देर बाद एक हॉस्पिटल से फ़ोन आया कि आपकी माता जी का का एक्सीडेंट हो गया है जल्दी हॉस्पिटल आइये | तब तक मैं रेडी हो चुका था कॉलेज जाने के लिए | तभी अफरीदा मेरे पास आई और बताया कि ऐसा ऐसा हो गया है | तो मैंने भी तुरंत एक्शन लिया और ऑटो करके हम दोनों हॉस्पिटल पंहुचे | तो डॉ, ने बताया कि घबराने वाली बात नही है ये बेहोश हो गयी थी एक्सीडेंट की वजह से |

उनके सर में बस हलकी सी चोट आई थी | nagma sex

उसके बाद हम तीनो घर आ गये | उनकी अम्मी की तबियत ठीक ना होने कि वजह से मैंने उन्हें आराम करने दे दिया और फिर खाना खिला कर दवा दे दी और वो कुछ मिनट में सो गयी | मैं उस दिन कॉलेज नही जा पाया था | अपने रूम में आ कर मैं ऐसे ही बैठा था और पीएसपी में गेम खेल रहा था | तभी अफरीदा आई और मेरे पास आ कर बैठ गयी | मैंने उनसे पूछा आप यहाँ कुछ काम है क्या ? तो उन्होंने कहा हाँ काम तो है पर कैसे कहूं कुछ समझ नही आ रहा | तो मैंने उनके हाँथ में अपना हाँथ रख कर कहा कि आप मुझे अपना ही समझिये और बताइए क्या बात है ? तो उन्होंने कहा कि आज जब मैंने तुम्हारा लंड देखा था तब से मुझे कुछ कुछ होने लगा |

Desi sex kahani – मुझे बच्चा चाहिए, प्लीज चोदो मुझे

तो मैंने भी मुस्कुराते हुए पूछा क्या हो रहा है ? तो उन्होंने बताया शरमाते हुए कि उसे छूने का मन हो रहा है | इतना सुनते ही मेरा लंड खड़ा हो गया | उसके बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला | उसकी आँखे मेरे लंड को देख के चमक उठी और वो उसे छूने लगी | मुझे बहुत अच्छा लग रहा था | उसने मुझसे कहा कि क्या मैं तुमहरा लंड चूस सकती हूँ | तो मैंने कहा ये भी कोई पूछने की बात है | लेकिन तुम्हे अपने पूरे कपडे उतार के ये सब करना होगा | वो झट से तैयार हो गयी और अपना बुरखा एक ही मिनट में अपने शरीर से अलग कर दी |

मैंने उसका चेहरा और बदन पहली बार देखा क्या कमायत थी यार देख के मुंह में पानी आ गया था | अब यो मेरे लंड के पकड़ के हिलाने लगी और अपनी जीभ से चाटने लगी | मैं बस अपनी आँखे बंद कर के आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगा |

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्यूंकि इतना टाइम हो गया था और मुझे चूत नहीं मिली थी | nagma sex

अब वो मेरे लंड को जोर जोर अपनी जीभ से मेरे लौड़े को चाट रही थी | मैं भी सिस्कारिया भरते हुए आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ कर रहा था |

अब मेरे लंड को अच्छे से चाट के उन्होंने गीला कर दिया | अब वो मेरे लंड को मुंह में डाल कर चूसने लगी और मैं आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगा | वो बहुत अच्छे से मेरे लौड़े को चूस रही थी जैसे ब्लू फिल्म में लौंडिया चूसती हैं | मेरे लंड को 15 मिनट तक खूब अच्छे से चूसी और चाटी | फिर जब वो खड़ी हुई तो मैंने अपने होंठ उनके होंठ में रख दिए |

अब मैं उसके होंठ को चूसने लगा और वो मेरे होंठ को चूसने लगी | nagma sex

मैंने उसके होंठ चूसते हुए उसके दूध को भी दबाना शुरू कर दिया | 10 मिनट तक किस करने के बाद मैं अब उनके दूध को जोर जोर से मसलते हुए दूध पीना चालू कर दिया था | वो भी मदहोशी के आलम में आ चुकी थी और आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए सिस्कारिया भर रही थी |

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मैं उनके दूध जोर जोर से दूध चूसने लगा और साथ में जोर जोर से दबा रहा था | वो इतना गरम हो चुकी थी कि आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए एक बार झड चुकी थी | मैंने उनके दूध 10 मिनट तक खूब चूसा | उसके बाद मैंने उन्हें जमीन पर ही लेटा दिया चादर बिछा कर | अब मैंने उनकी टाँगे चौड़ी करते हुए अपना मुंह उसकी भीगी चूत में लगा दिया और उनकी चूत चाटने लगा |

वो मछली जैसे तडपते हुए अपनी गांड उठा उठा के चूत चटवा रही थी और आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ कर रही थी | मैं उनकी चूत में ऊँगली डाल कर चोद रहा था और चाट रहा था और वो मदहोशी में आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगी थी | उनकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी | उन्होंने मुझसे कहा कि अब इंतजार नही होता अब मुझे चोद दो | मैं तुम्हारी हो चुकी हूँ और अपने आप को तुम्हे सौंप दिया है |

फिर उतने में मैंने अपना लंड उनकी चूत में टिका कर एक ही झटके में अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और मेरा फौलादी लंड चूत में जगह बनाते हुए घुस गया | अब मैं उनकी चूत चोदने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरी छाती को सहला रही थी | मैं जोर जोर से उसकी चूत की चुदाई कर रहा था और उसके दूध मसल रहा था | वो मुझसे चुदवाते हुए आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए 2 बार और झड़ चुकी थी |

उसकी आधे घंटे तक चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत के ऊपर ही निकाल दिया | nagma sex

फिर हम दोनों वहीँ लेट गये |

दोस्तों, ये कहानी यहीं समाप्त होती है | मुझे उम्मीद है कि आप लोगो को पसंद आई होगी | ये मत समझना कि पिक्चर ख़त्म हो गयी है |

अभी तो बहुत सी चुदाई का खुलासा बाकी है जो मैं आप लोगो को आगे की कहानी में बताता जाऊँगा और आपको मज़े दिलाता जाऊंगा तो इंतज़ार करिएगा मेरा और हाँ मुठ मारना न भूलना |

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मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका https://sexstories.one/choot-chudai/ Sun, 04 Oct 2020 21:56:39 +0000 https://sexstories.one/?p=310 बात उन दिनो की है जब मैं गयारहवीं कक्षा में पढ़ता था। हमारे पड़ोस में एक पंजाबी परिवार रहता था जिसमें सिरफ़ तीन ही सदस्य थे। एक 70 वर्षीय बुजुर्ग, एक लड़का और एक लड़की। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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बात उन दिनो की है जब मैं गयारहवीं कक्षा में पढ़ता था। हमारे पड़ोस में एक पंजाबी परिवार रहता था जिसमें सिरफ़ तीन ही सदस्य थे। एक 70 वर्षीय बुजुर्ग, एक लड़का और एक लड़की। लड़के की उमर लगभग 24-25 साल की रही होगी और लड़की की उम्र 20-21 साल की होगी। बुजुर्ग उन दोनों के पिता थे और अकसर बीमार से ही रहते थे। जबकि उन दोनों की माँ की मृत्यु हो चुकी थी। वैसे तो उस परिवार में 5-6 लड़कियाँ और भी थी लेकिन वो सब काफ़ी उमर की थी और सब की शादी हो चुकी थी और अपने पति के साथ अपनी ससुराल में ही रहती थी जो कि कभी-2 अपने पिताजी को देखने परिवार के साथ 2-3 दिन के लिये आती रहती थी। हमारा भी उस परिवार में काफ़ी आना जाना था। (Antarvasna, Choot, Kamukta story, Hindi sex story)

Antarvasna Choot Chudai – कुसुम की झांट की सफाई

लड़के का नाम राजेश और लड़की का नाम दीपाली था। दीपाली बहुत ही खूबसूरत थी। मैं राजेश को भाई साहब और दीपाली को जीजी कहता था। दीपाली का बदन मानो भगवान ने सांचे में ढाल कर बनाया हो। गोरा चिट्टा रंग हल्का गुलाबीपन लिये जैसे कि दूध में चु्टकी भर केसर डाल दी हो। शरीर 36-24-38। चूची एक दम सख्त और उभरी हुई और उसके चूतड़ भारी थे, लगता था कि उसके चूतड़ की जगह दो गोल बड़ी बड़ी गेंदें हो।

choot chudaiवो अधिकतर सलवार कुरता पहनती थी और जब चलती थी तो ऐसा मालूम होता था कि दो गेंद आपस में रगड़ खा रही हो। जब वो हंसती थी तो गालो में बड़े प्यारे गढ्ढे पड़ते थे जिस से वो और भी खूबसूरत लगने लगती थी।

वोह बोलती बहुत थी और एक मिनट भी चुप नहीं बैठ सकती थी। उसमें एक खास बात थी कि वो किसी की भी चीज में कोई नुक्स नहीं निकालती थी चाहे उसको पसंद हो या ना हो।

वो हमेशा यही कहती थी कि बहुत ही प्यारी है। यदि उसको कुछ खाने के लिये दो और वो उसको पसंद नहीं आई हो पर वो तब भी उसकी तारीफ़ ही करती कि बहुत ही स्वादिष्ट बनी है।

Antarvasna Choot Chudai – आंटी और उनकी बेटी की चुदाई

इस बात की हम सब हमेशा ही दीपाली की तरीफ़ किया करते थे।

हमारी कालोनी के सभी लोग उसके दीवाने थे और एक बार बस उसको चोदना चाहते थे। मैं भी अकसर सोचता था कि काश मैं दीपाली को चोद सकूँ और एक दिन ऐसा मौका आ ही गया।

सितम्बर का महीना चल रहा था। उस दिन रविवार था और सबकी छुट्टी थी और समय रहा होगा लगभग 11 बजे सुबह का। मैं किसी काम से अपनी छत पर गया था।

हमारी दोनों की छत आपस में मिली हुई हैं और छत से उनके कमरे और बाथरूम बिलकुल साफ़ दिखाई देते हैं।

तो उस रोज जब मैं छत पर गया तो दीपाली के गाने की आवाज आ रही थी सो मैं वैसे ही उनके घर की तरफ़ देखने लगा तो मैं चौंक गया कयोंकि दीपाली बिलकुल नंगी बाथरूम में पटरे पर बैठी थी और टाँगें चौड़ी कर रखी थी।

Antarvasna Choot Chudai – चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा

सच दोस्तो ! मैं तो देखता ही रह गया। दीपाली की चूचियाँ एकदम गोरी और तनी हुई थी और जैसा कि मैं ख्यालों में सोचता था, उससे भी अधिक सुंदर थी। उसकी गोरी चूचियों के बीच में हल्के गुलाबी रंग के दो छोटे-2 घेरे थे और उनमें बिलकुल गुलाबी रंग के निप्पल थे जो कि बाहर को निकले थे। उसका सारा शरीर बहुत ही चिकना और गोरा था और टाँगों के बीच में तो पूछो ही मत। वहाँ उसकी चूत पर काले रेशमी बाल नज़र आ रहे थे और उनके बीच हल्की सी गुलाबी रंग की दरार नज़र आ रही थी। दरार में ऊपर की तरफ़ एक छोटा सा चने जैसा दना चमक रहा था। वो उस वक्त कपड़े धो रही थी और उसका सारा ध्यान उस तरफ़ ही था।

दीपाली को इस हालत में देख कर मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया मानो वो इस हसीन चूत को सलामी दे रहा हो। मन कर रहा था कि मैं फ़ोरन ही वहाँ पहुँच जाऊँ और दीपाली को कस कर चोद दूँ पर मैं ऐसा नहीं कर सका। मैं काफ़ी देर तक वहाँ खड़ा रहा और दीपाली को ऐसे ही देखता रहा और ऊपर से ही अपने लण्ड को पकड़ कर सहलाता रहा। मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी। मेरा गला एकदम से खुश्क हो गया था कि मैं थूक भी ठीक से नहीं निगल पा रहा था। मेरी टाँगें काम्प रही थी और ऐसा लग रहा था कि मेरी टाँगों में बिलकुल दम नहीं रहा और मैं गिर जाऊँगा।

मैं इस हालत में उसको करीब 15-20 मिनट तक देखता रहा। वो बार-2 सर झुका कर टाँगों में अपनी चूत की तरफ़ देख रही थी और एक कपड़े से चूत के बालों को रगड़ रही थी जिस से उसकी चूत के कुछ बाल उतर जाते थे। मैं समझ गया कि आज दीपाली अपनी चूत के बाल हेयर-रिमूवर से साफ़ कर रही है। मैं उसे बड़े ही गौर से देख रहा था कि अचनक उसकी नज़र मेरे ऊपर पड़ गई और उसने एकदम से बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया।

Antarvasna Choot Chudai – पड़ोसवाली भाभी की गुलाबी चुत

यह देख कर मैं बहुत डर गया और छत से नीचे उतर आया। मैं सारे दिन इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि अगर जीजी इस बारे में पूछेंगी तो मैं क्या जवाब दूंगा लेकिन कुछ सूझ ही नहीं रहा था। मैंने सोचा कि मैं 2-3 दिन उसको दिखाई ही नहीं दूंगा और उसके बाद मामला कुछ शान्त हो ज़ायेगा और तभी देखा जयेगा कि क्या जवाब देना है।

मैं एक दिन तो दीपाली से बचा ही रहा और उसकी नज़रों के सामने ही नहीं अया।

अगले दिन पापा और मम्मी को किसी के यहाँ सुबह से शाम तक के लिये जाना था और ड्राइवर आया नहीं था तो पापा ने मुझको कहा कि मैं उनको कार से छोड़ आऊँ और शाम को वापस ले आऊँ।

मैं उनको कार से छोड़ने जा रहा था कि मैंने दीपाली को अपनी कार की तरफ़ तेजी के साथ आते हुए देखा तो डर के मारे मेरा हलक खुश्क हो गया। मम्मी पापा कार में बैठ ही चुके थे सो मैंने झट से कार आगे बढ़ा दी।

हालांकि मम्मी ने कहा भी कि दीपाली हमारी तरफ़ ही आ रही है कहीं कोई ज़रूरी काम ना हो, पर मैंने सुना अनसुना कर दिया और गाड़ी को तेजी के साथ ले गया।

Antarvasna Choot Chudai – भीगी भीगी रात में

मैंने मन ही मन सोचा कि जान बची तो लाखों पाये और लौट कर बुद्धू घर को आये।

जब मैं पापा मम्मी को छोड़ कर वापिस घर आया तो देखा कि वो हमारे गेट पर ही खड़ी है, जैसे ही मैंने कार रोकी, वो भाग कर कार के पास आ गई और मेरे से बोली कि कार को भगा कर ले जाने की कोशिश ना करना वरना बहुत ही बुरा होगा।

मैं बहुत बुरी तरह से डर गया और हकलाते हुये कहा- जीजी मैं कहाँ भागा जा रहा हूँ और मेरी इतनी हिम्मत ही कहाँ है कि जो मैं आप से भाग सकूँ?

इस पर दीपाली ने कहा- अभी जब तूने मुझे देखा था तब तो जल्दी से भाग गया था और अब बात बना रहा है।

मैंने कहा- जीजी, मुझ को कार को एक तरफ़ तो लगाने दो और फिर अंदर बैठ कर बात करते हैं।

Antarvasna Choot Chudai – सवेरे वाली चुदाई

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लंड और गांड का मिलन https://sexstories.one/gaand-me-lund/ Sun, 04 Oct 2020 21:21:39 +0000 https://sexstories.one/?p=285 दोस्तों मेरा नाम अशोक है। मेरी आयु २४ साल है. मैं यहाँ अक्सर हिंदी सेक्स कहानी (hindi sex kahani), हिंदी चुदाई कहानी (hindi chudai kahani) और मस्तराम सेक्स कहानी (mastram sex kahani) पढ़ने आता हु. ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तों मेरा नाम अशोक है। मेरी आयु २४ साल है. मैं यहाँ अक्सर हिंदी सेक्स कहानी (hindi sex kahani), हिंदी चुदाई कहानी (hindi chudai kahani) और मस्तराम सेक्स कहानी (mastram sex kahani) पढ़ने आता हु. मैं अजमेर में पिछले तीनसालों से टूरिस्ट गाइड का काम कर रहा हूँ. मेराकाम टूरिस्टों को होटलों में ठहराने और शहर घुमाने का है.कयी बार विदेशी टूरिस्ट भी मिल जाते हैं.जिन से काफी कमाई हो जाती है .

इस लिए मैंने अंग्रेजी,स्पेनिश और इटालियन भाषा भी सीख रखी है.मैं टूरिस्टों की तलाश ने रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर चक्कर लगाता रहता हूँ.काफी दिनों से मेरी इच्छा किसी विदेशी लड़की को चोदने की थी.लेकिन आज तक कोई ऐ\ऐसा मौका नहीं मिला था। वैसे मैंने अपने ही शहर की कई लड़कियों को चोदा है.मेरा लंड भी ९ इंच का है .

Mastram sex kahani – ट्रैन में माँ को अजनबी ने चोदा

जिसे लडकियां बहुत पसंद करती हैं.एक दिन मेने रैलवा स्टेशन पर दो विदेशी लड़कियों को देखा ,जो काफी परेशान दिखाई दे रहींथीं और फोन पर किसी से जोर जोर से बातें कर रही थीं.मेंने हिम्मत कर के उन से पूछा की क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ.मेने उन्हें अपना आई कार्ड दिखाया.और उनकी समस्या के बारे में पूछा .

तो उन्होंने बतायाकि उन्होंने जिस होटल में अपना कमरा बुक किया था वह कन्फर्म नहीं हो सका है.इसलिए उन्हें सिर्फ़ दो दिनों के लिए ठहराने की व्यवस्था चाहिए .मेने दो तीन होटलों से पता किया लेकिन कहीं जगह नहीं मिल सकी.इस से दोनों लडकियां काफी निराश हो गयीं.उन में एक लड़की काली और दूसरी गोरी थी.जब मेने उनके बारे में पूछा तो काली ने अपना नाम फ्रेंकी बताया और आयु २४ साल बतायी .दूसरी लड़की का नाम ब्रियाना बताया.आयु २२ साल.

दोनों अमेरिकन थीं लेकिन फ्रेंकी ब्राजीलियन थी.दोनों अजमेर का पुष्कर मेला देखने आयीं थीं और उन्हें दो दिन बाद ही अपने देश वापिस जाना था। मेला के कारण सभी होटलों केसारे कमरे भरे हुए थे.तभी मुझे अचानक याद आया की मेरे दोस्त बंटी का अजमेर से २० मील दूर ख़ुद का एक फार्म हाउस है .

Mastram sex kahani – चाची की रसीली चूत और मेरा कड़क लंड

जिसका बंगला खाली पडा हुआ है ,मेने लड़कियों से पूछा की अगर वह चाहें तो में उस बंगले में उनके रहने की व्यवस्था करा सकता हूँ ,ऎसी दशा में और कोई उपाय नहीं है.मेने लड़कियों को भरोसा दिलाया की की उन्हें मेरे दोस्त के बंगले कोयी डर नहीं होगा,वह आराम से जितने दिन चाहें रह सकतीं हैं.उनके लिए सारा इंतज़ाम कर दिया जाएगा.और उन्हें इसके लिए कोई पैसा भी नहीं देना पडेगा.दोनों फ़ौरन तय्यार हो गयीं।

मेने उनका सामान टेक्सी में रखवाया.और,अपने दोस्त को फोन से बताया की वह जल्दी से खाने पीने का सारा सामानौर दो बोतल व्हिस्की लेकर जल्दी से अपने फार्म हाउस वाले बंगले पर पहुँच जाए आज मेने दो विदेशी लड़किया फांस ली हैं.जिसमे एक गोरी और एक काली है.

अगर किस्मत ने साथ दिया तो मिल कर दोनों की चुदायी करेंगे,मेरा दोस्त बंटी भी विदेसी चूत का दीवाना है उसकी उमर २२ साल है .वह थोड़ी अंग्रेजी भी जानता है.वह एक घंटे में ही सारा सामान लेकर आगयी.यह देख कर लडकियां बहत खुश हो गयीं.और थैंक्स देने लगीं.फ्रेश होने के बाद हम सब सोफे पर बैठगए.मेने चार पैग बनाए और प्लेट\में चिप्स और काजू रख दिए .फ़िर हम बातें करने लगे.मेने लड़किओं से पूछा की क्या वह अपने देश में जाकर शादी करने जा रही हैं.तो वह बोलीं एसा नहीं है .

Mastram sex kahani – पति के भतीजे और एक पंजाबी से चुदवाया

हम लोग लोग शादी में विशवास नहीं रखते.हम तो ओपन सेक्स में विशवास रखते हैं .हमारा मानना है की हमारा जीवन सिर्फ़ सेक्स के लिए ही बना है.हर इंसान को मरते दम तक सेक्स करना चाहिए.दुनिया में इस से अच्छा कुछ भी नहीं है.हमारा शरीर मौजमस्ती के लिए ही बना है.इतना सुनते ही मेरे दोस्त ने फ्रेंकी को चूम लिया.और बाहों में ले लिया.फ्रेंकी ने भी मेरे दोस्त को चूम कर उसके मुंह में अपनी जीभ घुसा दी .

मेरे दोस्त का लंड खडा हो गया था.फ्रेंकी ने उसके पेंट को खोल कर लैंड बाहर निकाला और चूसने लगी लड़कियों ने भी अपनी अपनी शर्ट निकाल दी.उनके बड़े बड़े गोरे काले बूब्स बड़े सेक्सी लग रहे थे.मैं ब्रियाना के मम्मे दबाने लगा और चूसने लगा.मरे दोस्त का लैंड १० इंच का है.फ्रेंकी उसे मुंह में लेकर चूसने लगी .मेरा दोस्त फ्रेंकी को नंगा करना चाहता था. और चोदना चाहता था.

जब उसने फ्रेंकी के कपड़े उतारे तो वह भौंचक्का रह गया.लड़की की जाँघों के बीच में चूत की जगह १२ इंची लंबा मोटा लंड लटक रहा था.यह देख कर मैंने भी ब्रियाना के कपड़े उतार दिए.वहाँ भी लंबा लंड चमक रहा था.,जिसका सुपारा खुला हुआ था.मरे दोस्त को समझ में नहीं आ रहा था.यह क्या माजरा है .वह मेरी तरफ़ देखने लगा,मैंने उसे समझाया की यह लडकियां नहीं बल्कि लंड कन्याएं हैं.इन्हें विदेशों में शीमेल या लेडी बॉय कहते हैं.दुनिया में ऎसी लाखों लेडी बॉय हैं.यह अक्सर गांड मरवाती हैं और मार भी सकती हैं .

Mastram sex kahani – बीवी ने नौकर के मोटे लंड से चुदवाया

यह लड़कियों की चुदायी भी कर सकती हैं.अगर कोई एक बार इनकी गांड मार लेगा तो वह चूत को भूल जाएगा.क्योंकि इनकी गांड काफी टाइट होती है.जिसमे लंड पुरी तरह से फिट हो जाता है.इनसे गांड मरवाने से भी बहुत मजा आता है .और मारने वाले को चूत से दस गुना आनंद आता है।तभी फ्रेंकी ने मेरे दोस्त को झुकने कहा,जिस से मेरे दोस्त की गांड साफ़ दिखायी देने लगी फ़िर फ्रेंकी ने अपने बैग से एक क्रीम निकाली और मेरे दोस्त की गांड पर लगा दी मेरे दोस्त की गांड लुप्लुपा रही थी.फ्रेंकी ने अपने लंबे मोटे काले लंड का सुपारा मेर डी\दोस्त की गांडछेद केपर रख दिया.सुपारा गांड में घुस गया.फ़िर धीमे धीमे आधा लंड अन्दर उतार दिया.

और जोर का एक ऐसा ढका मारा का सारा लंड गांड फाड़ कर भीतर चला गया.मेरादोस्त चिल्लाया अशोक मेरी गांड फट रही है .इसने मेरी गांड में मूसल घुसा दिया है.मेने कहा ज़रा हिम्मत रखो। कुछ नहीं होगा.पाँच मिनट बाद फ्रेंकी ने लंड की स्पीड तेज कर दी.और दनादन गांड मारने लगी.दोस्त की गांड ढीली हो चुकी थी.वह मज़े से गांड मरवा ने लगा.उसे मजा आने लगा.

Mastram sex kahani – पिंकी की चुत का भोसड़ा बनाया

बीस मिनट तक गांड मारने के बाद फ्रेंकी ने लंड बाहर निकाला.और अपना सारा वीर्य मेरे दोस्त के मुंह में निकाल दिया .जिसे वह बड़े मजे से पी गया.फ़िर फ्रेंकी ने मेरे दोस्त लंड चूस कर उसे खडा किया और अपनी गांड सामने कर दी.मेर दोस्त ने भी दबादब फ्रेंकी गांड मारना शुरू करदी.उसे अपना बदला भी लेना था.उसने फ्रेंकी की इतनी जोर से गांड मारी की वह हर धक्के पर ओह ओह ओ माय फक .फक मी .फक मी.उ उ उ .करीब चालीस मिनटतक गांड मारने बाद ही मेरा दोस्त झड़ सका ।

इसी तरह ब्रियाना मेरी और मैंने उसकी रात तक गांड मारी.इतना मजा हमने जिन्दगी में नहीं पाया था।सवेरे ब हम सो कर उठे तो हमारी गांड सूजी हुयी थीं.लेकिन हम बहुत खुश थे,हम अजमेर के पाहिले व्यक्ति थे जिन्होंने लंड कन्याओं की गांड मारी और उनसे गांड भी मरवाई थी.बाद में हम सब एक साथ बैठे और अपना वीर्य निकाल कर एक ग्लास में डाला और व्हिस्की में मिला कर सबने पीया.और हमेशा के लिए दोस्ती पक्की कर ली।

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कविता की रसीली चुत https://sexstories.one/sex-hindi-kavita-ki-rasili-chut/ Fri, 07 Aug 2020 10:07:23 +0000 https://sexstories.one/?p=752 एक लड़की मेरी मित्र थी, जिसका नाम कविता था। वो लड़की अभी कॉलेज में पढ़ती है और मेरी उससे दोस्ती मेरी एक रिश्तेदार की बेटी की वजह से हुई जिससे कि मेरी अच्छी तरह पटती ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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एक लड़की मेरी मित्र थी, जिसका नाम कविता था। वो लड़की अभी कॉलेज में पढ़ती है और मेरी उससे दोस्ती मेरी एक रिश्तेदार की बेटी की वजह से हुई जिससे कि मेरी अच्छी तरह पटती थी। वो एक छोटे कद की लड़की थी, उसकी लम्बाई कोई 5 फुट थी और उसका फिगर कोई 30-26-32 होगा। वो दिखने में ठीक तो थी, पर उसके दांत थोड़े से ख़राब थे। sex hindi

हम अक्सर मिला करते थे, कभी होटल में कभी चाय की दुकान पर या कभी कभी कोचिंग पर मिला करते थे।

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sex hindiएक बार फ़ोन करके उसने मुझे अपने घर बुलाया जो कि एक चौराहे के पास पड़ता था। छोटा सा घर था, उसके मम्मी पापा कुछ काम से बाहर गए हुए थे। चूंकि मैंने सारा शहर देखा हुआ था तो मुझे उसका घर ढूँढने में ज्यादा दिक्कत नहीं आई।

जैसे ही मैं उसके घर पहुँचा तो उसने दरवाजा खोला और मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया। वो उस दिन जीन्स और टी-शर्ट पहने हुई थी। सफ़ेद रंग की टी-शर्ट और गहरे नीले रंग की जीन्स जो कि एकदम शरीर से चिपकी हुई थी। इस तरह के कपड़ों में कविता क़यामत ढा रही थी। हालाँकि देखने में वो ज्यादा अच्छी नहीं थी पर वो फिर भी ठीक लग रही थी।

खैर… मुझसे बैठने के लिए बोलने के बाद वो मेरे लिए पानी लाई और चाय बनाने की कहकर चली गई और मैंने पानी पीने के बाद उसके घर को देख रहा था लेकिन वो मुझे ज्यादा अच्छा नहीं लगा क्योंकि वो किराये के मकान में रहती है। इतनी देर में वो मेरे लिए चाय और नाश्ता लाई और हम दोनों ने चाय पीने के दौरान कुछ इधर-उधर की बातें की और चाय खत्म होने के बाद वो मुझे फ्रेश होने की बोलकर चली गई।

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जब वो चली गई तो मैंने भी पास में रखे उसके कंप्यूटर को चालू किया और उसमे कुछ फाइलें ढूँढने लग गया और इत्तफाक से मुझे उसके कंप्यूटर में एक ब्लू-फिल्म मिल गई, जो कि मैंने चालू कर दी और मैं देखने में इतना मग्न हो गया कि मुझे पता ही नहीं चला कि कविता कब मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई और वो भी मूवी को दखने लग गई।

वो देखते ही देखते अपने 32 साइज़ के मम्मे दबाने लग गई और उसके मुँह से कामुक आवाज निकलने लगीं। जब मैंने ‘सिसिसिसीईइ’ की आवाज सुनी और पीछे मुड़कर देखा तो कविता मेरे पीछे एक गाउन में खड़ी थी, जो कि बिल्कुल पारदर्शी था। जिसमें से उसकी ब्रा और पैन्टी साफ़ दिखाई दे रहे थे और मेरे मुड़ते ही उसने अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए और हम दोनों की साँसें तेज़ हो गईं।

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करीब 5 मिनट तक चुम्बन करने के बाद वो मुझे अपने पापा-मम्मी के कमरे में ले गई और मुझे बिस्तर पर लिटा कर वो खुद मेरे ऊपर लेट गई और मुझे ताबड़तोड़ चूमने लगी और फिर मैंने भी उसे बेहताशा चुम्बन किए और उसके गाउन के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा। वो और गर्म होती जा रही थी और उसकी गर्म-गर्म साँसों से मेरा लण्ड भी खड़ा होकर 6” का हो गया था।

फिर मैं थोडा संभला और उसका गाउन उतारा तो देखा कि वो सुर्ख लाल रंग की ब्रा और पैन्टी पहने हुए थी और उसके मम्मे कबूतरों की मानिंद उसकी ब्रा में फड़फड़ा रहे थे।

मैंने जैसे ही उसकी ब्रा को खोला किया तो उसके दोनों मम्मे आज़ाद पंछी की तरह उड़ कर मेरे हाथों में आ गए। मैं उन्हें देखकर एक बच्चे की तरह चूसने लगा। बारी-बारी से कभी एक को चूसता तो एक को मसलता।

ये क्रम लगभग 5 मिनट चला और उसके बाद उसके पूरे बदन को चूसने के बाद मेरा मुँह उसके पैन्टी पर आकर रूक गया और एक ही झटके में मैंने उसकी पैन्टी उसकी टांगों से अलग कर दी।

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मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल सफाचट है और जैसे ही मैंने उसकी चूत के होंठों पर अपना मुँह रखा तो उसके मुँह से एक ‘सिसकारी’ निकल गई और ‘आआआऔऊऊउईईईई’ की आवाजें निकलने लगीं।

वह मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और कुछ बड़बड़ाने लगी ‘प्लीज़ मत..करो..र..र..उई..रे… र..र..!’

पर मैं तो अपनी मस्ती में उसकी चूत चाटने में लगा हुआ था। कुछ देर के बाद वो मेरे मुँह में ही झड़ गई और मैं अपने मुँह में वो रस लेकर उसके मुँह के पास गया और वो रस उसके मुँह में डाल दिया और वो उस रस को मस्ती में पी गई।

अब उसकी बारी थी सो मैंने उससे कहा- मेरा लंड चूस..!

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तो पहले तो मना करने लगी, पर मेरे ज्यादा कहने पर उसने मेरा 6″ का लौड़ा हाथ में लेकर आगे-पीछे करने लगी और उसके बाद वो उसे मुँह में लेकर उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। उसने मेरे लंड की इतनी चुसाई की कि मेरा सारा माल निकाल दिया और अपने मुँह में लेकर सारा का सारा माल पी गई, उसने एक बूंद भी नहीं टपकने दी।

मेरा माल निकलने के बाद में मैं लेट गया और उससे चिपक गया। थोड़ी देर बाद फिर से मेरा लंड खड़ा होना शुरू हो गया और इस बार मैंने सीधे उसकी चूत के मुँह पर ही अपना लंड रखा और एक हल्का सा झटका दिया जिससे कि मेरा लंड अन्दर नहीं जा पाया और बाहर निकल गया।

फिर कविता ने मेरे लंड को अपनी चूत के मुँह पर रखा और इस बार वो बोली- अब जोर लगा..!

तो फिर मैंने एक जोरदार झटका दिया जिससे कि मेरा लगभग आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो चिल्लाई- उई माँ… मर गई!

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उसे दर्द होने की वजह से मैं थोड़ी देर रुक गया जब वो खुद कूल्हे उठा कर मेरा साथ देने लगी तो मैंने एक और झटका दिया, जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया।

अब जोरों से चुदाई चालू हो गई और यह पारी हमने कम से कम 20 मिनट की खेली और आखिरी में हम दोनों एक साथ झड़ गए और हम दोनों का रस मिल कर कविता की चूत से बाहर निकलने लगा। चुदाई का यह खेल खेलने के बाद हम बहुत थक चुके थे, तो हम एक-दूसरे के पास निढाल होकर गिर गए और जब हमारी आँख खुली तो देखा कि शाम के पांच बज चुके हैं।

हम उठे, फिर कविता ने अपना बिस्तर की चादर साफ़ की।

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इसके बाद तो जैसे यह सिलसिला ही बन गया था। हम तक जब भी मौका मिलता तो उस पर चौका ज़रूर लगाते। फिर कुछ दिन बाद कविता ने मुझे उसकी एक और सहेली से मिलवाया जिसका नाम कि ज्योत्सना है।

मेरी और ज्योत्सना की चुदाई कहानी बाद में फिर कभी लिखूँगा, पहले आप यह बताओ कि आपको यह कहानी कैसी लगी, यह एक सच्ची घटना है।

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मेरी टीचर https://sexstories.one/sex-story-in-hindi/ Fri, 07 Aug 2020 09:42:23 +0000 https://sexstories.one/?p=803 यह उस समय की बात है जब मैं पढ़ता था। गर्मियों के दिन थे, मैं अपनी एक कॉपी अपनी अंग्रेजी की टयूशन टीचर के घर पर भूल आया था। मैं दोपहर को दो बजे अपनी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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यह उस समय की बात है जब मैं पढ़ता था। गर्मियों के दिन थे, मैं अपनी एक कॉपी अपनी अंग्रेजी की टयूशन टीचर के घर पर भूल आया था। मैं दोपहर को दो बजे अपनी कॉपी लेने टीचर के घर गया। sex story in hindi – पहले मैं यह बता दूँ कि मेरी टीचर की उमर 30-32 साल के आस पास होगी और वो शादीशुदा हैं। जब भी मैं टयूशन जाता था तो वो मुझे अजीब नज़रों से देखती थीं और जब भी मौका मिलता था तब मुझको अपने से चिपका लेती थीं।

Sex Story in Hindi – Maa ki Chudai

story in hindi teacher ki chudaiजब मैं उनके घर पंहुचा तो दरवाज़ा खुला हुआ था। मैं दरवाज़ा खोल के अन्दर गया और मैडम के कमरे में घुस गया। मैंने देखा कि वो पारदर्शी सलवार और कुरते में लेटी हुई थीं। उन्हें देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने उन्हें नमस्ते की और उनके पास जाकर बैठ गया। मैंने उन्हें बताया कि मेरी कॉपी रह गई थी और मैं उसी को लेने आया हूँ।

वो टीवी पर एक फिल्म देख रही थीं, तभी उसमें एक गरम दृश्य आ गया। उन्होंने कस कर मेरा हाथ पकड़ लिया और उसे दबाने लगीं। मेरा तो वैसे ही हाल बुरा था और अब तो मेरी धड़कने और भी तेज़ हो गई।

उन्होंने उठ कर अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया और मुझसे बोलीं- हाय !

मैं तो कबसे इस इंतज़ार में थी कि तुम मेरी प्यास बुझाओ। मेरे पति तो हमेशा बाहर रहते हैं और मैं तड़पती रहती हूँ मैं भी अपनी मैडम की एक बार लेना चाहता था और आज मुझे मौका मिल गया।

Sex Story in Hindi – Ajnabi Ladke ne choda

वो मेरे पास आकर बैठ गईं और मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को मसलने लगीं।

मैं भी अपने हाथों से उनकी चूचियाँ दबाने लगा और अपने होंठ उनके लाल-लाल होठों पर रख दिए। वो मेरे होंठ चूसने लगीं। मैंने इससे पहले कभी किसी के साथ सेक्स नहीं किया था।

करीब द्स मिनट तक यही चलता रहा। फिर उन्होंने मेरी पैंट खोल दी और मेरे लंड को बाहर निकाला।

हालाँकि मैं बहुत छोटा था पर मेरा लंड तब भी काफी बड़ा और मोटा था। वो मेरे लंड को देख कर चौंक गईं, बोलीं- तुम्हारा लंड तो मैंने जितना सोचा था उससे भी बड़ा है !

और यह कहते हुए उनहोंने मेरे लंड पर अपना मुँह लगा दिया। वो काफी देर उसे चूसती रहीं।

फिर मैंने उनसे कहा- बस यही करना है क्या?

और मैंने उनके कपड़े उतारने शुरू कर दिए। जैसे ही मैंने उनकी ब्रा खोली, उनकी चूचियाँ उछ्ल कर बाहर आ गईं, मैं तो दंग ही रह गया।

Sex Story in Hindi – Bhai Behan ki chudai

इतनी बड़ी चूचियाँ मैंने पहली बार देखी थीं। मैंने झट से उन्हें मुँह में ले लिया और चूसने लगा। मैंने उनकी पैंटी के अन्दर हाथ डाला और उनकी चूत को रगड़ने लगा।

वो मस्त हो कर आह ऊई ओह ! चिल्लाने लगी।

फिर उन्होंने भी मेरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों बिलकुल नंगे थे। मैंने उनसे कहा- मुझे सेक्स करना नहीं आता !

तो उन्होंने कहा- मैं सिखा दूंगी।

फिर उन्होंने मुझे उनकी चूत चाटने को कहा।

पहले तो मैंने मना किया कि मुझे यह गन्दा लगता है, पर बाद में मैं मान गया।

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मैंने अपने नरम नरम होंठ उनकी चूत पर लगा दिए और कस-कस के चूसने लगा। वाह क्या खुशबू थी।

फिर मैं अपनी जीभ उनकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। वो पलंग पर लेटी हुई सिसकियाँ भर रहीं थीं।

मैं उनके ऊपर गया और उनके होंठ चूसने लगा, साथ ही साथ अपनी ऊँगली उनकी चूत में डाल कर हिला रहा था, तभी मेरे हाथ में कुछ पानी सा आने लगा।

मैंने देखा कि मैडम झड़ चुकी थीं। मैंने उनकी चूत का पानी अमृत जल समझ कर चाट लिया।

फिर हम उठे और मैडम मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं।

मेरा लंड लोहे की तरह सख्त था।

फिर वो अपनी टांग चौड़ा कर लेट गई।

मैं समझ गया कि अब क्या करना है क्यूंकि मैं काफी ब्लू फिल्म देख चुका था।

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मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया। वो आहह्ह्ह ऊहहह करने लगीं।

क्यूंकि वो पहले चुद चुकी थीं इसलिए मेरा लंड आसानी से अन्दर चला गया।

फिर मैं उन्हें झटके देने लगा। सारा कमरा फच-फच की आवाजों से गूंज उठा।

मैडम भी मस्त होकर सिसकियाँ भरने लगीं। उसी में मैडम दो बार और झड़ गईं।

तभी मुझे लगा कि मेरा लंड फूल रहा है और बाहर नहीं आ पा रहा है।

मैंने मैडम को बताया तो उन्होंने कहा- तुम पानी छोड़ने वाले हो !

मैंने कहा कि उससे तो आप प्रेग्नेंट भी हो सकती हो !

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तो वो मेरे भोलेपन पर हंसती हुई बोलीं- कोई बात नहीं ! मैं तो एक हफ्ते पहले ही अपने पति से चुदी हूँ ! किसी को शक नहीं होगा !

इसी बीच मैंने पानी छोड़ दिया और निढाल होकर एक ओर लुढ़क गया।

पर अभी भी थोड़ा सा पानी मेरे लंड में बचा था। मेरी मैडम ने मेरा लंडा हिलाया तो एक ज़ोरदार धार निकली और मेरा अमृत रस उनके मुहँ में भर गया।

फिर उन्होंने मेरा लण्ड और जांघ चाट कर साफ़ किये। फिर मुझे बाथरूम में ले जा कर नहलाया और नहाते समय भी मज़े लिए।

मैंने भी नहाते समय उन्हें खूब रगड़ा।

फिर मैं अपनी कॉपी लेकर घर चला गया।

उसके बाद भी मैंने उन्हें कई बार चोदा .

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गैर मर्द से चुत चुदवाई https://sexstories.one/kamasutra-gair-mard-se-chudai/ Fri, 07 Aug 2020 09:12:23 +0000 https://sexstories.one/?p=739 पापा ने कहा कि वो नहीं जा पाएँगे, उनको ऑफीस के काम से बाहर जाना है। तभी मम्मी गुस्सा हो गई, उन्होंने कहा ठीक है आप मना कर दो फोन पर, में मना नहीं कर ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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पापा ने कहा कि वो नहीं जा पाएँगे, उनको ऑफीस के काम से बाहर जाना है। तभी मम्मी गुस्सा हो गई, उन्होंने कहा ठीक है आप मना कर दो फोन पर, में मना नहीं कर सकती। पापा ने कहा ठीक है में मना कर दूँगा। फिर उन्होंने दादी को कॉल किया और कहा कि हम लोग गाँव नहीं आ सकते। तभी दादी ने कहा कि ठीक है, कम से कम मेरी बहू और मेरे पोते को तो तुम गाँव भेज दो, पापा ने कहा ठीक है। फिर पापा ने मम्मी से कहा कि तुम विक्की को लेकर गाँव चली जाओ, में नहीं जा सकता। मम्मी ने कहा ठीक है। फिर पापा ने हमारा ट्रेन से रिज़र्वेशन करा दिया और हम गाँव पहुंच गये। वहाँ पर हमारा स्वागत हुआ हम दिन के 11 बजे गाँव पहुंच गये थे। फिर हम घर पर पहुंच कर खाना खाकर सो गये। kamasutra

फिर शाम को जब हम उठे तो देखा कि हमारे घर के बगल में एक चाचा रहते है, उनका नाम सीबू था। वो आए हुए थे। में और मम्मी बैठ कर चाचा से बात करने लगे, बातों बातों में चाचा ने मम्मी से कहा कि भाभी बिलकुल सही समय पर आई हो, मम्मी ने कहा क्या मतलब? सीबू चाचा ने कहा देवर के लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती है कि उसकी भाभी होली पर आई हो, इस बार तो मज़ा आएगा। ये कह कर चाचा हँसने लगे और मेरी मम्मी भी उन्हे देख कर थोड़ा सा शरमा गई।

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kamasutraअब अगले दिन होली थी। सुबह से ही सारे लोग होली खेलने मिलने जुलने आये हुए थे। दिन के 12 बज चुके थे, मम्मी ने मुझसे कहा कि में नहाने जा रही हूँ। तभी मैंने कहा कि ठीक है। मम्मी आप नहा कर आ जाईये फिर मैं नहा लूँगा, मम्मी ने कहा ठीक है। ये कहकर मेरी मम्मी नहाने चली गई। में बाहर खेलने लगा, तभी मैंने देखा कि सीबू चाचा आए हुए है। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि बेटा तुम्हारी मम्मी कहाँ है? मैंने कहा कि मम्मी बाथरूम मे नहाने चली गई है।

चाचा ने कहा कि ठीक है। हमारे गाँव में जो हमारा बाथरूम था, वो थोड़ी सी दूरी पर था और उसमें गेट भी कोई खास नहीं था। उसमें से सब कुछ साफ़ दिखता था। घर की सभी औरतें उसी बाथरूम मे जाकर नहाती थी। फिर चाचा मम्मी को रंग लगाने के लिए बाथरूम की तरफ चले गये। में भी उनके पीछे पीछे चला गया, तभी मैंने देखा कि मेरी मम्मी वहाँ पर नहा रही थी और अपने शरीर पर साबुन लगा रही थी।

फिर चाचा वहीँ पर चुपके से खड़े होकर मम्मी को नहाते हुए देखा रहे थे। मम्मी को ये बात पता नहीं थी। वो आराम से साबुन अपने शरीर पर लगा रही थी।

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स्थिति कुछ ऐसी थी कि मम्मी ने अपने पेटीकोट का नाडा अपने बूब्स से बाँध रखा था और उनका पूरा शरीर पानी से भीगा हुआ था और उन्होंने अपने पेटीकोट को अपनी जांघ तक उठा रखा था और वो बस साबुन मल रही थी। तभी मैंने चाचा की तरफ देखा। वो मम्मी को बहुत ही गंदी नज़र से देख रहे थे। फिर चाचा बाथरूम मे अंदर गये।

उन्होंने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया, चाचा के अचानक इस तरह से पकड़ने से मम्मी घबरा गई। चाचा ने कहा भाभी मुझसे रंग नहीं लगवाओगी क्या? मम्मी ने कहा मैंने रंग साफ कर लिया है, अब नहीं चाचा ने कहा, ऐसे कैसे भाभी आज तो होली है, बिना रंग के कैसे मज़ा आएगा। उन्होंने मेरी मम्मी को कसकर अपनी बांहों मे जकड़ रखा था और मम्मी के मना करने के बावजूद वो मम्मी को रंग लगाने लगे। चाचा मम्मी के पेटीकोट को धीरे धीरे ऊपर करते हुए, उनकी जांघों मे रंग लगा रहे थे।

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तभी मम्मी ने कहा कि प्लीज बस करो अब तो रंग लगा लिया ना, अब रहने दो, फिर चाचा हँसने लगे। उन्होंने कहा अभी कहाँ भाभी अभी तो में आपके पूरे शरीर में रंग लगाऊंगा, ये कहते हुए चाचा ने मेरी मम्मी के पेटीकोट को पूरा पेट तक उठा दिया।

शायद चाचा को भी ये पता नहीं था कि मेरी मम्मी ने पेंटी नहीं पहनी हुई है। अब चाचा ने मेरी मम्मी के पेटीकोट को उनके बूब्स तक चड़ा दिया और मम्मी के पूरे शरीर में रंग लगाने लगे। उनका हाथ मेरी मम्मी की गोरी गोरी जांघो को छू रहा था। मम्मी अपने हाथों से अपनी चूत छुपाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन चाचा के सामने उनकी एक ना चली।

फिर मम्मी ने कहा नहीं नहीं प्लीज इसमें मत लगाओ, चाचा ने कहा अरे कुछ नहीं होगा भाभी लगाने दो प्लीज़, ये कह कर चाचा ने मम्मी का हाथ हटा दिया। मैंने देखा कि मम्मी की चूत पर पूरे झांट के बाल थे। तभी चाचा ने अपने हाथ में रंग भरा और अपना हाथ अंदर ले जाते हुए मेरी मम्मी की चूत में रगड़ने लगे। पहले कुछ देर तक मेरी मम्मी नॉर्मल मज़ाक में सब लेती रही क्योंकि गाँव में ऐसा ही होता है।

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लेकिन मैंने देखा कि मम्मी को अब बहुत मज़ा आने लगा।

चाचा ने सोचा अच्छा मौका है और ये सोचकर उन्होंने अपनी दो उंगली मेरी मम्मी की चूत में घुसा दी, फिर मम्मी ने कहा अब रहने दो, चाचा ने पूछा कि क्या मज़ा नहीं आ रहा? मम्मी ने सर हिलाते हुए कहा हाँ फिर क्या था चाचा को हरी झंडी मिल गई। फिर चाचा अपनी उंगली मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर करने लगे। कभी अपना हाथ बाहर निकाल कर मेरी मम्मी के पेट पर रगड़ते तो कभी पीछे ले जाकर उनकी गांड को मसलते।

फिर कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा। थोड़ी देर बाद किसी के आने की आहट आई, तभी चाचा वहाँ से हट गये और वहाँ से चले गये।

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मम्मी फिर से नहाने लगी फिर में भी वहाँ से चला गया। थोड़ी देर बाद मम्मी नहाकर घर में आ गई। मैंने मम्मी की तरफ देखा एक अजीब सी ख़ुशी देखी उनकी आँखो में, फिर हमने साथ मे बैठकर खाना खाया और में सोने चला गया, फिर शाम को जब मेरी आँखे खुली तो मैंने मम्मी की आवाज़ सुनी जो पास के कमरे से आ रही थी।

तभी में ये देखने चला गया कि मम्मी किससे बात कर रही है। जब मैंने देखा तो पाया कि सीबू चाचा बैठे हुए है और वो मम्मी से कह रहे थे कि भाभी आज मेरे यहाँ पर चलो प्लीज, मम्मी उनसे मना कर रही थी और कहने लगी कि नहीं माँजी घर में है नहीं हो पाएगा।

मुझे कुछ समझ मे नहीं आ रहा था। फिर चाचा ने कहा कि आप टेंशन मत लो में काकी (मेरी दादी) को में मना लूँगा, ये कहकर चाचा दादी के पास चले गये।

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फिर उन्होंने कहा कि काकी में भाभी को गाँव घूमाने ले जा रहा हूँ, आपको कोई दिक्कत तो नहीं। दादी को चाचा की नियत के बारे में पता नहीं था इसलिए उन्होंने भी हाँ कर दी। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी रेडी हो गई, उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा में चाचा जी के साथ घूमने जा रही हूँ, तुम दादी के पास ही रहना।

में समझ गया कि आज ये लोग क्या करेंगे फिर मेरी मम्मी चाचा के साथ चली गई। में भी थोड़ी देर बाद दादी से खेलने का बहाना करके चाचा के घर पर चला गया, तभी मैंने देखा कि चाचा के घर का गेट बंद था, इसलिए में पीछे की खिड़की पर चला गया और वहाँ से अंदर की तरफ देखने लगा। मम्मी और चाचा बेड पर बैठे हुए थे और चाचा ने मेरी मम्मी को अपनी बाँहों में ले रखा था और दोनों लिप किस कर रहे थे।

चाचा मेरी मम्मी के गुलाबी होठों को चूस रहे थे। कभी ऊपर की लिप को चूसते तो कभी नीचे के लिप को, मम्मी ने अपने हाथ पीछे ले जाकर चाचा की गर्दन को पकड़ रखा था और उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी उनके होंठ चूसने की आवाज़ मेरे कानो तक आ रही थी।

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अब मम्मी ने अपना हाथ चाचा की पेंट में डाल दिया, चाचा ने कहा अरे भाभी रुक जाओ इतनी जल्दी क्या है? ये कहकर चाचा ने अपनी पेंट खोलकर अपनी जांघो तक कर दी, चाचा का लंड पूरा मुरझाया हुआ था और बिल्कुल काला था।

मेरी मम्मी ने अपने हाथों से चाचा के लंड को सहलाया, उधर चाचा मेरी मम्मी को चूमे जा रहे थे। थोड़ी देर बाद चाचा ने मेरी मम्मी का ब्लाउज का हुक खोल दिया और मेरी मम्मी के गोल गोल बूब्स को ब्रा के ऊपर से चूमने लगे। चाचा कभी मेरी मम्मी की छाती को चूमते, तो कभी मेरी मम्मी के बूब्स पर किस कर रहे थे।

अब चाचा ने अपने सारे कपड़े खोल लिए। उन्होंने मेरी मम्मी को अपने बेड पर लिटा दिया। चाचा मेरी मम्मी के पेरों के पास आकर बैठ गये, उन्होंने मेरी मम्मी के एक पैर को उठा लिया और उनके तलवे पर किस करने लगे।

मम्मी आआह्ह्ह की सिसकारीयां लेने लगी। अब मम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था। चाचा मेरी मम्मी के तलवे को जीभ से चाट रहे थे। अब उन्होंने ने मेरी मम्मी की दोनों पायल खोल दी और पास में रख दी। अब धीरे धीरे चाचा ने मेरी मम्मी की साड़ी को उनकी जांघ तक उठा दिया और मेरी मम्मी के घुटने के नीचे वाले हिस्से को चूमने लगे, थोड़ी देर तक ऐसा ही चलता रहा।

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उधर मम्मी ने बेडशीट पकड़ रखा था और अपने होंठो को अपने दांतों से दबाए हुई थी। चाचा मम्मी की जाँघो को अपनी जीभ से चाट रहे थे, चूम रहे थे। अब चाचा मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये उन्होंने मेरी मम्मी के होंठो पर किस किया और पूछा भाभी मज़ा आ रहा है क्या? मम्मी ने कुछ भी नहीं कहा, चाचा ने पूछा क्या हुआ? मम्मी ने कहा कि में ये सब नहीं कर सकती।

तभी चाचा ने पूछा क्यों क्या हो गया? आपका मन था तभी तो आप मेरे साथ आई है। मम्मी ने कहा नहीं में शादीशुदा हूँ, हमारा एक बेटा है में ये नहीं कर सकती। चाचा ने कहा इसमें कुछ बुरा नहीं है। भाभी क्या शादीशुदा ओरतें सेक्स नहीं करती। प्लीज़ भाभी मान जाओ ना और वैसे भी ये बात सिर्फ़ मेरे और आपके बीच में रहेगी और चाचा मम्मी को किस करने लगे। उन्होंने मेरी मम्मी की ब्रा खोल दी।

अब मेरी मम्मी की नंगे बूब्स चाचा के सीने से टकराने लगे, चाचा ने अपने दोनों हाथों से मम्मी के बूब्स को पकड़ लिया और दबाने लगे। मम्मी आआआअ सस्सस्स करने लगी। अब चाचा ने मम्मी के एक बूब्स को अपने हाथ से दबाना स्टार्ट किया और दूसरे को चूसने लगे। चाचा के होंठ निप्पल पर पड़ते ही मम्मी तिलमिला उठी और उनकी पीठ पूरी ऊपर हो गई।

चाचा ने अपना हाथ पीछे ले जाते हुए मेरी मम्मी की पीठ को कसकर जकड़ लिया और मेरी मम्मी के निप्पल को चूसने लगे।

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वो कभी मम्मी की छाती को चूमते, तो कभी उनके निप्पल अपने होंठो से चूसते। मम्मी की रसभरी सिसकारियां मेरे कानो में सुनाई दे रही थी। तभी चाचा ने तकिया मेरी मम्मी की पीठ पर टिका दिया, जिससे मम्मी के बूब्स और तन गये। उधर चाचा ने मेरी मम्मी की साड़ी उठाकर कमर तक कर दी थी। अब चाचा ने मम्मी के पूरे बदन को चूमना स्टार्ट किया। वो मेरी मम्मी के पेट को चूमने लगे और अपना एक हाथ मेरी मम्मी की चूत के इधर उधर फेरने लगे।

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खट्टी मीठी चुत की चुदाई https://sexstories.one/story-in-hindi-chut-ki-chudai/ Thu, 06 Aug 2020 20:52:17 +0000 https://sexstories.one/?p=733 मेरे भैया की शादी मेरे कॉलेज में आने के कुछ ही दिनों बाद तय हो गई और कुछ ही दिनों बाद शादी भी हो गई। मैं कॉलेज परीक्षा के कारण शादी में नहीं जा सका। शादी के ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरे भैया की शादी मेरे कॉलेज में आने के कुछ ही दिनों बाद तय हो गई और कुछ ही दिनों बाद शादी भी हो गई। मैं कॉलेज परीक्षा के कारण शादी में नहीं जा सका। शादी के अगले दिन भैया का फ़ोन आया और उन्होंने मेरी भाभी से बात कराई। story in hindi

फिर एक दिन उन्होंने भाभी की एक फोटो मुझे ईमेल की।

फोटो में भाभी क्या माल लग रही थी।

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मैंने पहली बार में ही फोटो देख कर रूम में मूठ मार ली।

फिर धीरे धीरे भाभी से फ़ोन पर बात होने लगी।

मैंने इशारों ही इशारों में भाभी को बताया कि मैं जवान हो चुका हूँ और मुझे लड़की की जरूरत है।

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भाभी बार बार कहती- लड़की के साथ क्या करोगे?

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इसी तरह जब एक दिन उन्होंने कहा तो मैंने बोल दिया- जो आप भैया के साथ करती हो…

तो उन्होंने कहा- तुम बिगड़ गए हो।

ऐसे ही भाभी के संग गर्म और खट्टी मीठी बातें करते करते मेरी परीक्षा ख़त्म हुई और मैं घर आ गया।

जब मैंने भाभी को पहली बार देखा तो वो लाल रंग की साड़ी पहने हुए थी, गहरे गले के ब्लाउज में उनके नितम्ब मानो बाहर आने को बेताब हो रहे थे।

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मेरा लौड़ा तुरंत खड़ा हो गया और मैंने किसी तरह उसे संभाला और बाथरूम जाकर मूठ मारी।

अब मैं हर समय इस ताक में रहता कि कब भाभी के संग कुछ करने का मौका मिले।

भाभी भी मुझे सबकी नजरों से बच कर कभी आँख मारती तो कभी मेरे खड़े लंड की ओर इशारा करती।

इसी तरह छः दिन बीत गये।

एक दिन अचानक भैया को किसी काम से बाहर जाना पड़ा।

मैंने सोचा कि मौका अच्छा है अब जल्द ही कुछ करना पड़ेगा।

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गर्मियों के दिन थे तो रात को सब नहा कर सोते थे।

उस दिन जब रात को भाभी के नहाने का समय हुआ तो मैं जान बूझ के बाथरूम में चला गया और नंगा होकर नहाने लगा।

मैंने जानकर दरवाज़ा बंद नहीं किया था।

थोड़ी देर बाद भाभी आई और बाथरूम में घुसी।

जब मैंने उनको देखा तो लंड छुपाने का नाटक करते हुए सॉरी बोलने लगा।

मगर उन्होंने कहा- मैं भी तो देखूँ, तुम्हारा कैसा है और जो तुम्हारे भैया मेरे साथ करते हैं वो तुम कर पाओगे या नहीं?

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तो मैंने हाथ हटाए और मेरा सात इंच लम्बा और तीन इंच मोटा लंड सामने आ गया।

भाभी मेरे नजदीक आई और लंड सहलाते हुए बोली- वाह देवर जी, यह तो तैयार है।

तो मैंने मौका ना खोते हुए बोला- तो करने दो न मुझे भी?

इस पर वो बोली- अभी मम्मी पापा जगे हुए हैं थोड़ी देर बाद वो सो जायेंगे तब तक मैं नहा कर आती हूँ।

फिर भी मैंने जिद की- कम से कम इसे सुला तो दो!

तो उन्होंने मेरे लंड को मुख में लेकर चूसना शुरु किया और पांच मिनट में मैं उनके मुँह में ही झड़ गया।

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फिर मैं अपने कमरे में आकर सो गया।

थोड़ी देर बाद मुझे शरीर पर कुछ रेंगता हुआ लगा।

मैं पलटा तो देखा कि भाभी काले रंग की साड़ी पहने मुझे सहला रही हैं।

मैं तुरंत उनको किस करने लगा तो उन्होंने कहा- देवर जी इतनी क्या जल्दी है, अभी चार दिन हमारे हैं। आपके भैया चार दिन बाद आयेंगे!

कहते हुए वो मेरी हाथ पकड़ कर मुझे अपने कमरे में ले गई।

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अन्दर जाने के साथ मैं उन्हें किस करने लगा।

अब वो भी मुझे एक हवसी की तरह चूमे जा रही थी।

दस मिनट तक चूमने के बाद मैंने उसके कपड़े उतारने शुरु किये।

वो भी मुझे नंगा कर रही थी।

अब वो सिर्फ काले रंग की ब्रा और पैंटी में थी।

उफ़ क्या लग रही थी वो…

मेरा लंड तो अंडरवियर फाड़ कर बाहर आने को आतुर हो रहा था।

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फिर मैंने भाभी की ब्रा हटा कर उनके चूचे दबाने शुरु कर दिये, वो भी धीरे धीरे मेरा लंड सहलाने लगी।

अब हम दोनों पूरी तरह नंगे हो चुके थे और मैं अपनी भाभी की चिकनी चूत चाटने लगा।

पता नहीं कैसा खट्टा मीठा नमकीन सा स्वाद था भाभी की गर्म और गीली चूत का !

फिर 69 में आकर हम दोनों ने आठ मिनट तक एक दूसरे को चूम-चाट कर मज़ा दिया।

अब वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और बोलने लगी- जल्दी से चोद दो मुझे…

तो मैंने अपना लंड चूत से रगड़ते हुए एक ही झटके में आधा अन्दर डाल दिया।

वो बोली- आराम से डालो… दर्द होता है।

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थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने दूसरा झटका लगाया और पूरा लंड अन्दर डाल दिया।

अब मैं धीरे धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा।

करीब दस मिनट तक चोदने के बाद मैं उनकी बुर में ही झड़ गया।

इस तरह मैंने अगले चार दिन तक दिन रात 9 बार अपनी भाभी को चोदा।

फिर भैया भी आ गए और मेरी छुट्टियाँ भी ख़त्म हो गई।

अब मैंने कैसे भाभी की बहन को चोदा, वो अगली कहानी में…

मेरी कहानी कैसी लगी, जरूर बताइयेगा।

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