ghar me sex Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/ghar-me-sex/ Hindipornstories.org Fri, 29 Oct 2021 12:29:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 ये मेरा घरेलु मामला है https://sexstories.one/bua-ki-beti-chachi-ki-chooth/ Fri, 29 Oct 2021 12:29:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3189 मैंने दूसरा आप्शन चुना और उनके कमरे में पहुँच गया | चाची रो रही थी तो मैंने उनका सिर अपने कंधे पे रखा और उनको चुप कराने लगा लेकिन वो चुप नहीं हुई | तो मैंने भी मौके का फायेदा उठाते हुए अपना लंड बाहर निकाला और चाची से कहा चूस लो अब....

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bua ki beti aur chachi ki chooth chudai सलाम वालेकुम मेरे भाइयों, मेरा नाम इमरान अली है और मैं भोपाल का रहने वाला हूँ | मेरा बहुत बड़ा परिवार है और घर भी बहुत बड़ा है | यहाँ मैं मेरे मम्मी पापा मेरे चार चाचा चाची और उनके बच्चे रहते है | मेरी दो बुआ भी है लेकिन वो कभी कभी हमारे यहाँ रहने आती है और जो मेरी बड़ी बुआ है उनकी दो बेटियाँ है और दोनों ही बहुत गज़ब की माल है | बड़ी वाली का नाम हुस्ना है और छोटी वाली का नाम रेशमा और दोनों ही मुझसे बड़ी है | एक सच बात बताऊँ दोस्तों दोनों लेस्बियन है और एक दूसरे के मज़े लूटती रहती है | तो दोस्तों आगे की कहानी थोड़ा और खुलके बताता हूँ |

तो बात है गर्मियों की जब बुआ हमारे घर आई थी और वो दोनों भी | एक दिन जब वो दोनों टी.वी. देख रही थी और उस कमरे में कोई नहीं था उनके अलावा, तो मैं नाश्ता देने के लिए गया | जैसे मैं कमरे में घुसने को हुआ तो मैंने देखा कि टी.वी. पे हॉट सीन चल रहा था और दोनों का हाँथ एक दूसरे के पाजमे के ऊपर से उनकी चूत पर रखा हुआ था | मुझे आता देख दोनों जल्दी से अपना हाँथ हटा लिया लेकिन मैं समझ गया था कि कुछ तो गड़बड़ है दया | हम तीनों की अच्छी दोस्ती थी मतलब हम तीनों एक दूसरे को अपनी सब बातें बताते थे जो बताने वाली होती थी | मेरी पहली गर्लफ्रेंड जब बनी थी तो पटाने में दोनों ने ही मेरी मदद की थी इससे आप समझ सकते है दोस्ती कहाँ तक होगी, और इतना ही नहीं हम तीनों ने साथ बैठके दारू भी पी है एक बार और लाके मैंने ही दी थी |

मैंने सोचा इनसे डायरेक्ट पूछूँगा तो कुछ बताएँगी नहीं इसलिए मैंने उनसे दोपहर में कहा अच्छा फिर से दारू पीनी है क्या ? तो उसने कहा हाँ यार छोटे, तो मैंने कहा ठीक है मेरे पास रखी है ऊपर वाले कमरे में | तो हम तीनों ऊपर वाले कमरे में गए और उसके बाद हम तीनों ने दो दो पेग मारे और उसके बाद मेरे कमरे में आके बैठ गए | सब लोग नीचे थे और दोपहर का वक़्त था तो शायद सो रहे होंगे और इससे अच्छा मौका नहीं था मेरे पास | हम तीनों बैठके बातें करने लगे और बातों बातों में मैंने कहा अच्छा सुबह जो मैंने देखा वो क्या था ? तो उन्होंने कहा क्या ? मैंने कहा अरे जो सुबह दोनों एक दूसरे के नीचे हाँथ रखके बैठी थी वही | तो उन्होंने कहा नहीं ऐसा तो कुछ नहीं हुआ था, मैंने कहा अरे बता भी दो मैंने खुद देखा है |

तो उन्होंने ने बताया कि हम दोनों का जब मन बहुत मचलता है तो एक दूसरे से ही अपनी प्यास बुझा लेते है | मैंने कहा कभी मुझे भी याद कर लिया करो, तो दोनों मुझे घूरने लगी जैसे खा जाएँगी और फिर दोनों ने एक दूसरे को देखा और कहा आज़मा के देखें क्या ? तो रेशमा नीचे घुटनों पर बैठी और मेरा चड्डा और चड्डी उतार के मेरा लंड सहलाने लगी | मेरा लंड जल्दी से खड़ा हो गया और रेशमा ने उसे चूसना भी शुरू कर दिया और हुस्ना वहीँ बैठके उसे ये सब करते हुए देखती रही | रेशमा ने थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसा और उसके बाद हुस्ना ने अपनी लैगी और पैंटी थोड़ी नीचे तक उतारी और टाँगे उठा दी, तो मैं लंड लेके उसके पास गया और उसकी चूत पे थूक लगाके उसकी चूत पे लंड रगड़ने लगा | उसकी चूत में थोड़े थोड़े बाल थे लेकिन चूत बिलकुल गोरी, मैं ये सोच रहा था कि अगर चूत में बिलकुल भी बाल नहीं होते तो कितनी मस्त लगती |

Chachi ki chooth aur क्या मस्त बोबे हैं यार…

फिर मैंने उसकी चूत में लंड डाल दिया और उसको चोदने लग गया | मैं उसको चोद रहा था और रेशमा नीचे से मेरे गोटे पकड़ के प्यार से दबा रही थी | तभी मैंने हुस्ना को चोदते हुए रेशमा से पूछा तुम्हें नहीं चाहिए तो उसने कहा अभी नहीं बाद में और फिर मैं हुस्ना को चोदता रहा और वो यह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह यह्ह्ह अह्ह्ह्ह हह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआअ ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अय्य्हह्ह्ह अय्ह्हह्ह ह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह करती रही | उसको चोदते चोदते मेरा मुट्ठ निकलने को हुआ तो मैंने लंड बाहर निकाला और रेशमा के मुँह पर गिरा दिया |

हुस्ना ने कहा ली मेरी और गिराया उसके ऊपर, तो मैंने कहा ठीक है अगली बार उसकी लूँगा और तुम्हारे ऊपर गिरा दूंगा | तो ऐसे ही मैंने एक दिन रेशमा और हुस्ना दोनों की साथ में मारी और आज भी जब रेशमा घर आती है तो हम सैक्स सैक्स खेल लेते है क्यूंकि हुस्ना का निकाह हो चुका है तीन महीने पहले | मगर दोस्तों मेरी सैक्स का कारवाँ यहीं ख़त्म नहीं होता है मैंने अपने घर में सिर्फ अपनी बुआ की लड़कियों को नहीं चोदा है, मैंने अपनी चची को भी चोदा है तीसरे नंबर वाली चाची को | तो हुआ कुछ यूँ कि मेरे तीसरे चाचा का कांच का काम है और उसके सिलसिले में उनका बाहर आना जाना होता रहता है लेकिन बात सिर्फ इतनी नहीं है उनका किसी और औरत से चक्कर भी है इसलिए चाची बदला लेने के लिए दूसरे से चुदवाती रहती है जिसमें से एक मैं भी हूँ |

मुझे बहुत पहले के दोस्त से खबर मिली थी कि चाची एक जगह जाती है किसी से मिलने और एक दिन मैंने पीछा किया और उनका वीडियो भी बना लिया | फिर जब मैंने चाची को वो वीडियो दिखाया और उनसे पूछा कि कौन है ये ? और आप क्यों करती हो ? तो चाची ने रोते हुए पूरी कहानी मुझे बताई कि चाचा उनको चोदते नहीं है और उनसे रूठे रहते है, कभी ठीक से बात नहीं करते और उनका किसी और औरत से चक्कर भी है | फिर उन्होंने कहा औरतों की भी कुछ ज़रूरतें होती है और अगर वो घर में पूरी न हो तो उन्हें बाहर जाना पड़ता है |

तो मैंने कहा चाची कभी चाचा से प्यार से बात करके देखो मान जायेंगे और ये बाहर किसी गैर मर्द से ताल्लुक रखना गलत बात है | तो चाची ने कहा मैंने बहुत कोशिश की है छोटे लेकिन तेरे चाचा नहीं मानते और अगर मेरी ख्वाहिशें तेरे चाचा नहीं पूरी करेंगे तो कौन तू करेगा ? तो मेरे मुँह से हाँ निकल गया और चाची ने एक पल के लिए मुझे देखा और उठके अन्दर अपने कमरे में चली गई | मैं सोच रहा था कि क्या चाची गुस्सा हो या अन्दर इसलिए गई है ताकि मैं उनके पीछे पीछे उनके कमरे में जाऊं और उनकी ख्वाहिशें को पूरा करूँ |

तो मैंने दूसरा आप्शन चुना और उनके कमरे में पहुँच गया | चाची रो रही थी तो मैंने उनका सिर अपने कंधे पे रखा और उनको चुप कराने लगा लेकिन वो चुप नहीं हुई | तो मैंने भी मौके का फायेदा उठाते हुए अपना लंड बाहर निकाला और चाची से कहा चूस लो अब | चाची ने एक पल कुछ सोचा और फिर मेरा लंड चूसने लग गई | चाची मेरा लंड चूस रही थी तभी मेरी नज़र दरवाज़े पे पड़ी, तो मैंने देखा कि दरवाज़ा खुला है मैंने चाची से कहा रुको एक मिनिट और जल्दी से भाग के दरवाज़ा बंद किया और वापस आके फिर से उनके मुँह में लंड डाल दिया | चाची ने थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसा और उसके बाद मैंने उनका मुँह पकड़ा और उनके मुँह में ही लंड आगे पीछे कर के उनके मुँह की चुदाई करने लगा | फिर वो वहीँ रखे पलंग पे लेट गई और मैंने उनकी सलवार उतार दी और पैंटी भी |

उनकी चूत देखके मेरे मुँह से सिर्फ एक बात निकली या खुदा | उनकी चूत बिलकुल चिकनी शेव की हुई थी और चाची का फिगर भी मस्त था तो उनकी कमर से लेकर नीचे तक का नज़ारा लाजवाब था | उनकी चूत देखकर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उनकी चूत चाटना शुरू कर दी | मैंने कुछ देर तक उनकी चूत चाटी और उसके बाद अपना लंड अन्दर डालके उनको चोदने लगा | चाची चद्दर जोर से पकड़कर यहह यह्ह्ह य्याह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आआ यहह यह्ह्ह य्ह्ह्हह य्ह्ह्ह कर रही थी |

फिर मैं चोदते हुए चाची के ऊपर लेट गया और उसी तरह उनको चोदता रहा और फिर चाची को किस भी करने लगा | चाची बहुत दिनों के बाद ठुकी थी क्यूंकि उनकी चूत बहुत टाइट लग रही थी और वो सिसकारियाँ भी ऐसे ले रही थी जैसे बहुत दर्द हो रहा हो | मैं फिर उसी तरह उनको चोदता रहा और वो यहह यह्ह्ह य्याह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आआ यहह यह्ह्ह य्ह्ह्हह य्ह्ह्ह करती रही | फिर जब मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने सारा माल अन्दर ही गिरा दिया और लंड बाहर निकालके उनके ऊपर लेट गया और किस करता रहा | फिर जब मैं उठा तो देखा कि चाची की चूत से मेरा माल बह रहा है |

उसके जब भी हमें मौका मिलता था तो हम भी सैक्स सैक्स खेल लिया करते थे |

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शादी में अनजान लड़की की चुदाई https://sexstories.one/chudai-ki-kahaniya-anjaan-ladki-ki/ Wed, 16 Sep 2020 23:05:14 +0000 https://sexstories.one/?p=772 जब मैं 18 साल का था तो मुझे पता तो था कि सेक्स क्या होता है पर यह नहीं पता था कि कैसे करते हैं। मेरा कद 5.8″ है, रंग गोरा है मेरे लंड का आकार ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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जब मैं 18 साल का था तो मुझे पता तो था कि सेक्स क्या होता है पर यह नहीं पता था कि कैसे करते हैं। मेरा कद 5.8″ है, रंग गोरा है मेरे लंड का आकार 6″ है। मैं पहले हिंदी कहानियाँ पढ़ा करता था। कहानी पढ़ते-पढ़ते मुठ मारता था और मेरा मन भी चूत फाड़ने को करता था। पर क्या करूँ, कोई रास्ता नहीं था मेरे पास ! chudai ki kahaniya

मेरी भी किस्मत खुल गई एक दिन !

एक बार मैं अपने दोस्त की शादी में गया हुआ था तो मैं और मेरा दोस्त एक साथ बैठे हुए थे। वहां पर कुछ लड़कियाँ आई, उनसे मेरे दोस्त ने मेरा परिचय करवा दिया तो वे सब वहीं बैठ गई। कुछ देर बाद वो जाने लगी तो उनमें से एक लड़की ने मुझे देखा और मुस्कुरा कर चली गई।

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chudai ki kahaniyaमैं सोचने लगा कि क्या करूँ?

कहते हैं “हंसी तो फंसी”

पर डर लग रहा था कि कहीं किसी ने देख लिया तो बहुत बुरा होगा।

पर शायद भगवान भी यही चाहता था कि उस दिन तो मुझे चूत मिलेगी।

शाम को नाच-गाने का कार्यक्रम था तो मैं कुछ देर देख कर कमरे में चला गया। कुछ देर बाद वो लड़की आई और वहाँ कुछ ढूंढने लग गई।

मैंने पूछा- क्या चाहिए आपको?

उसने कहा- कुछ नहीं ! आप जाओ, मैं ढूंढ लूंगी।

मैंने कहा- ठीक है।

फ़िर मैंने कहा- आप बहुत सुन्दर लग रही हो ! कसम से, आप जैसी मैंने कभी लड़की नहीं देखी।

वो फिर से हंस कर चली गई !

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वो फिर दोबारा आई और मेरे पास वाली कुर्सी पर बैठ गई। कुछ देर हमने सामान्य बातें की, फिर उसने मुझसे पूछा- कोई गर्ल फ्रेंड है तुम्हारी?

मैंने कहा- नहीं !

तो उसने कहा- झूठ बोल रहा हो !

मैंने कहा- जी नहीं ! मैं सच बोल रहा हूँ !

फिर मैंने पूछा- तुम्हारा बॉय फ्रेंड है?

उसने कहा- था ! पर अब नहीं है !

तो मैंने कहा- क्यों, क्या हुआ?

उसने कहा- छोड़ो !

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मैंने कहा- बता भी दो?

वो आनाकानी करने लगी।

हम कुछ देर ऐसे ही एक दूसरे को देखते रहे और उसने कहा- क्या देख रहे हो?

मैंने कहा- कुछ नहीं ! आप बहुत सुन्दर हैं !

तो उसने कहा- क्यों मजाक करते हो?

मैंने कहा- नहीं, सच में तुम बहुत सुन्दर हो !

फिर उसने कहा- क्या अच्छा लगा मुझ में तुम्हें?

मैंने कहा- तुम्हारे होंठ, तुम्हारी आँखें और तुम्हारा चेहरा !

यह सुनते ही उसने कहा- मेरा वक्ष कैसा है?

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उफ़्फ़ दोस्तो ! मैं बताना भूल गया उसकी तनाकृति 32-30-34 थी, पूरी मस्त माल थी ! सच में गजब की लगती थी ! मोटे मोटे कूल्हे उसके ! जब चलती थी तो दोनों आपस में टकराते थे तो कयामत ही आ जाती थी मेरे दिल में !

फिर उसने मुझसे अचानक पूछ लिया- तुमने कभी वो किया है?

मैंने कहा- क्या?

उसने कहा- ~ शादी के बाद जो करते हैं ~ !

तो मैंने कहा- नहीं !

वो कहने लगी- चल झूठा कहीं का !

मैंने कहा- सच में !

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फिर मैंने भी पूछ लिया- तुमने किया है?

उसने कहा- हाँ, किया है दो बार !

फिर मैंने पूछा- किसके साथ?

उसने कहा- बॉयफ्रेंड के साथ !

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मैंने कहा- अब मन नही करता करने को?

उसने कहा- करता है, पर अब कोई नहीं है !

मैंने मजाक में कहा- मैं हूँ ना !

उसने कहा- तुम करोगे?

मैंने कहा- क्यों नहीं ! नेकी और पूछ-पूछ ?

वो हंसने लगी और कहा- कहाँ? यहाँ कोई आ जाएगा ! तुम ऊपर वाले कमरे में आ जाओ !

मैंने कहा- ठीक है, तुम चलो !

मैं वहाँ से ऊपर चला गया और दोस्त को कह दिया- मैं ऊपर सोने जा रहा हूँ !

दोस्त ने कहा- ठीक है, जाओ !

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फिर मैं ऊपर गया और कमरे में चला गया।

उसने तुरन्त कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और मुझसे चिपक गई। मैंने भी उसे जोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और उसके होंटों को चूसने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।

उसकी साँसें गर्म हो चुकी थी, उसने जोर से मुझे जकड़ लिया। मैं धीरे-धीरे उसके स्तन दबाने लगा और उसके कपड़े उतारने लगा।

उसने काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी, गजब की अप्सरा लग रही थी।

मैंने धीरे से उसकी ब्रा उतार दी तो ब्रा से दो बड़े बड़े कबूतर आजाद हो गए। मोटी-मोटी चूचियाँ थी और उन पर गुलाबी रंग के चुचूक ! लाजवाब !

मेरे मुँह में तो पानी भर आया।

मैंने कभी भी किसी लड़की को इतने करीब से नंगी नहीं देखा था। मैंने उसके एक चुचूक को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा।

और कभी एक हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहला देता था।

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थोड़ी देर मैंने उसके चूचे चूसे। वो भी अब पूरी गर्म हो गई थी। मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी।

साली ने पैंटी भी काले रंग की पहनी हुई थी। और चूत पर बाल भी थे, शायद काफी दिन हो गए थे बाल साफ़ किए ! पर मस्त लग रही थी उसकी चूत !

मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ लगा दी और चाटने लगा। उसकी चूत से कुछ लिसलिसा सा पानी निकल रहा था, नमकीन सा स्वाद था !

अब उससे रहा नही गया, वो बेताबी से मेरा लण्ड पकड़ पर दबाने लगी और फ़िर अपने मुँह में लेकर चूसने लगी जैसे कोई आइसक्रीम चूसता है।

मुझे बहुत मजा आ रहा था कसम से ! मैंने कहा- छोड़ो, नहीं तो तुम्हारे मुँह में ही मेरा गिर जाएगा !

उसने छोड़ दिया और कहा- जल्दी से चूत में घुसा ! अब बर्दाश्त नहीं होता !

मैंने कहा- रुको !

फिर मैं उसकी चूत पर अपना लण्ड रख कर अन्दर करने लगा तो बोली- पागल हो क्या? पहले थूक लगा दो मेरी चूत और अपने लण्ड पर ! नहीं तो दर्द होगा !

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मैंने झट से थूक अपने लण्ड और उसकी चूत पर लगाया और लंड को उसकी चूत में घुसाने लगा।

मेरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया, उसको थोड़ी तकलीफ हुई, उसने कहा- उई ईई ईए थोड़ा धीरे से करो न ! कितने दिनों बाद चुदवा रही हूँ।

मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में दबा दिया।

उसने कहा- थोड़ा रुक जाओ, अभी थोड़ा दर्द हो रहा है, लण्ड को अन्दर ही रहने दो !

फिर दो मिनट के बाद उसने कहा- अब करो !

उसे थोड़ा दर्द हो रहा था। फिर मैं उसकी चूत में लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा। वो भी नीचे से अपनी गाण्ड हिला-हिला कर मेरे लण्ड के ठुमकों को जवाब दे रही थी। मस्त चुद रही थी वो ! उई ई ई ई ई ई आ आ आह्ह उफ्फ की आवाजें निकल रही थी उसके मुँह से ! कभी कभी मेरी पीठ पर अपने नाख़ून भी गड़ा देती ! वो पूरे जोश में चुदवा रही थी मेरे नीचे लेट कर मजे से !

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उसने कहा- हई ई ई मजे से चोदो राजा ! कितने दिनों बाद मिला है लण्ड ! मजे से जोर-जोर से चोदो मुझे!

वो फिर जोर जोर से अपनी कमर हिलाने लगी, मेरे लण्ड को धक्के मारने लगी, पूरी मस्ती में थी वो, कह रही थी- जोर से चोदो ! जोर से ! और जोर से !

मैं भी जोर जोर से चुदाई कर रहा था उसकी, मुझे भी बहुत मजा जा रहा था।

फिर उसका शरीर अकड़ने लगा। वो मुझे जोर से पकड़ कर झरने लगी, फ़िर वो झर कर शांत हो गई, पर मेरा माल नहीं निकला था अभी, मैं अभी भी लगा हुआ था।

उसके कहा- जल्दी करो, अब दुख रहा है !

मैंने कहा- थोड़ी देर और लगेगी।

उसने कहा- ठीक है, जल्दी करो !

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मैंने भी अब अपने धक्के तेज कर दिए और अब मेरी भी बारी झरने की थी। मैंने कहा- कहाँ निकालूँ अपना माल?

तो उसने कहा- निकल दो मेरी चूत में ही ! कितने दिन हो गए हैं चूत को माल खाए !

फिर मैं भी आहा आआ आ उह़ा कर के उसकी चूत में झर गया।

सच में दोस्तो, बहुत ही मजा आया उसकी चूत मारने में ! हम दोनों ने करीब बीस मिनट तक चुदाई की थी।

पर उसके बाद वो मुझे कभी नहीं मिली। मैं अपने घर आ गया उसकी यादें ही रह गई है अब बस !

उसके बाद मुझे कभी मौका नहीं मिला !

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