gandi kahani Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/gandi-kahani/ Hindipornstories.org Wed, 01 Dec 2021 06:52:22 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बीवी को गांड मरवाते देंखा https://sexstories.one/biwi-ki-gand-mari/ Sat, 20 Feb 2021 14:21:21 +0000 https://sexstories.one/?p=2874 रितु को फोन किया और अभी भी उसका नंबर बीजी आ रहा था, मुझे लगा के यह साली अभी भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ ही लगी होंगी, इस हरामी से शादी कर के मेरे भाग्य ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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रितु को फोन किया और अभी भी उसका नंबर बीजी आ रहा था, मुझे लगा के यह साली अभी भी अपने बॉयफ्रेंड के साथ ही लगी होंगी, इस हरामी से शादी कर के मेरे भाग्य ही फुट गए थे. रितु दिखने में और बिस्तर दोनों में मेरे साथ खुश रहती थी और मैं उसे अपने 8 इंच लम्बे लंड से हर दुसरे तीसरे दिन चोद लेता था. biwi ki gand mari

पर पता नहीं क्यूँ फिर भी वह खोई खोई रहती थी.. biwi ki gand mari

मुझे मेरी बहन नंदिनी ने बताया की उसका गली के नुक्कड़ पर आये मेडिकल स्टोर वाले बिरजू और दुसरे एक दो और लोंदो के साथ चक्कर था. मुझे खबर नहीं पद रही थी की मैं क्या करूँ, क्यूंकि मेरे सामने वह हमेंशा सती सावित्री होने का ढोंग करती थी. उसके खिलाफ मेरे पास कोई सबूत नहीं था और ऊपर से उसका बाप सबूत के बगेर कुछ माने ऐसे कम ही चांस थे. मैंने मनोमन सबूत जुटाने की योजना बनाई और फिर मुझे पता चला की रितु को क्या चाहिए था….मुझे फिर पता चला की उसको तो लंड चूत से ज्यादा गांड के अन्दर लेना अच्छा लगता था, और मैं उसे केवल चूत के अंदर ही लंड देता था.

मेरा दोस्त अनूप एक प्राइवेट डिटेक्टिव था और मैंने उस से बात की, उसने मुझे एक ख़ुफ़िया केमेरा दिया और मुझे अपने बेडरूम के अन्दर लगाने को कहाँ. मैंने केमेरा अलमारी के उपर इस एंगल से लगाया की बेड और कुर्सी का पूरा हिस्सा उसमे आ जाए. मैं रोज जब रितु सब्जी लेने जाती तो केमेरा चला के देख लेता, एक हफ्ता हो गया था अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा था. मैं रोज पुराने रेकोर्डिंग डिलीट करता और रितु की मटकती गांड अब मुझे दुशमन सी लगने लगी थी, उसके साथ मैं केवल सेक्स नाम के लिए करता था. मेरा सम्पूर्ण ध्यान तो उसकी चुदाई को केमरे के माध्यम से पकड़ने पर केन्द्रित था.

एक दिन जब रितु बाजार गई थी.. biwi ki gand mari

मैंने केमेरा देखा और आंखे खुली रह गई जब मैंने केमरे में बिरजू को देखा, बिरजू एक हट्टाकट्टा लौंडा था और उसकी हाईट भी बढ़िया थी. मैंने तुरंत केमेरा बंध किया और मैं उसे लेके सीधा अपने फार्म पर चला गया, जहाँ बैठ कर मैंने बाकी की रेकोर्डिंग देखी..इसमें मेरी बीवी रितु बिरजू से गांड मरवा रही थी…पूरी रेकोर्डिंग देख के मेरे गुस्से का ठिकाना ही ना था….रेकोर्डिंग के द्रश्य कुछ इस प्रकार के थे.

बिरजू करीब दोपहर 1 बजे आया था घर पे, जब मैं ऑफिस गया था और घर पे रितु के अलावा कोई और नहीं था. गर्मी के चलते 1 बजे बहुत कम चहलपहल होती है. वैसे भी हम लोग कम घुलते मिलते थे इसलियें बिरजू को कोई पूछने वाला भी नहीं था. पता नहीं रितु ने द्रोइंग रूम में बिरजू को बिठाया की नहीं क्यूंकि मेरे पास के द्रश्य केवल बेडरूम के ही थे..

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लेकिन उन्हें देख मुझे मेरी बीवी की गांड के अंदर रही लंड की तलब का अंदाजा अच्छी तरह चल गया था. बिरजू को उसने तुरंत पलंग के उपर ढकेला और वह उसके सामने जैसे की नग्न डान्स कर रही हों वैसे अपने कपड़े एक एक कर के उतारने लगे. बिरजू रितु को कुछ कह रहा था लेकिन केमेरा में सुनने का इन्तेजाम ना था इसलिए मैं समझ नहीं पाया. रितु ने अपने सारे कपड़े उतारे और वह एक जम्प लगा के पलंग़ के उपर चढ़ गई. बिरजू की पेंट रितु ने तुरंत उतार दी. बिरजू का लंड होगा कुछ मेरे जितना ही लेकिन उसका लंड एकदम काला था जैसे बेन्चोद धोता भी ना हो उसे. रितु उसका काला लंड पकड़ के हिलाने लगी और बिरजू रितु की गांड के उपर अपना हाथ फेरने लगा.

रितु अब बिरजू के लंड को धीमे धीमे सहला रही थी.. biwi ki gand mari

और फिर तो उसने सीधे इस लंड को अपने मुहं में भर लिया और उसके गले तक ले ले के चूसने लगी. बिरजू अपना हाथ रितु की गांड पर धीरे धीरे फेरने लगा. रितु की चुसाई और भी तीव्र होने लगी और वह उसे और भी जोर से चूसने लगी. रितु की गांड के उपर ठपठप मार रहा था और रितु बिच बिच में मुहं उठा के हंस रही थी. बिरजू भी रितु का मुहं लंड के ऊपर दबा दबा के उसको अपना लंड चुसाए जा रहा था.

रितु अब खड़ी हुई और उसने गांड को बिरजू के आगे किया. biwi ki gand mari

बिरजू ने गांड में अपना मुहं घुसाया और उसके उपर ढेर सारा थूंक लगाया. अच्छा अब पता चला की रितु मेरे से खुश क्यों नहीं थी, वह गांड मरवाने की मशीन थी औ उसे अपनी दुकान में डंडा चाहिए होता था और मैं उसे 20 मिनिट तक चूत में लंड दिए रहेता था…..! बिरजू ने रितु को वही उल्टा लिटा दिया और रितु घुटनों के बल अपने कूलो को उपर किये हुए थी.बिरजू ने अपना डंडा लिया हाथ में और रितु के कूलो के बिच होते हुए उसकी गुदा में धकेल दिया….!

बिरजू रितु को पेट से पकड कर अब उसकी गांड को जोर जोर से ठोकने लगा.. biwi ki gand mari

रितु के कूलो पर बिरजू के ठपाके लगने लगे, आवाज तो नहीं आ रही थी लेकिन चुदाई के समय जरुर मस्त आवाजे अ रही होगी. रितु पहले बिना हिलेदडुले गांड मरवा रही थी और थोड़ी देर बाद उसने अपनी गांडको हिलाना चालू कर दिया. मेरा लंड रितूका गुदामैथुन देख खड़ा हो रहा था…मुझे लगा की मैंने इस रसीली गांडको कभी ठुकाई की लिए सही नहीं समझा…!

बिरजू अब और जोर जोर से रितु की गांड को धकेलने लगा और रितु भी अब और जोरों से हिलने लगी थी. बिरजूने हाथ आगे कर के मेरी बीवी के सेक्सी चुंचे दबाये. रितु की गांड से इसका लंड पूरा अन्दर बहार होने लगा था. तभी बिरजू के लंड से वीर्य निकला औ रितु के कूलो से निचे टपकने लगा…थोड़ी देर में दोनों कपडे पहनने लगे और रितु ने अलमारी से बिरजू को कुछ पैसे भी दिए…

मुझे केमरे में पता नहीं चला लेकिन उसने कम से कम उसे 500 जितने रूपये दिए थे….!

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चाचा के लड़की ने मिटाई मेरी वासना https://sexstories.one/desi-gand-chudai-ladki-ki/ Sun, 15 Nov 2020 23:16:03 +0000 https://sexstories.one/?p=1509 जब में दिल्ली में पढ़ता था और दोस्तों से ढेर सारे किस्से सुनता था। कुछ दोस्तों की गर्ल-फ्रेंड थी और वो उनके मुम्मे दबाते थे या उनकी किस लिया करते थे। मुझे भी यह सब ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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जब में दिल्ली में पढ़ता था और दोस्तों से ढेर सारे किस्से सुनता था। कुछ दोस्तों की गर्ल-फ्रेंड थी और वो उनके मुम्मे दबाते थे या उनकी किस लिया करते थे। मुझे भी यह सब सुन कर बहुत ज़रुरत महसूस होती थी कि मैं भी किसी लड़की के साथ वो सब करूं। मैं मुठ तो मारता ही था तो शरीर की ज़रूरत तो पूरी हो जाती थी पर हमेशा एक जिज्ञासा बनी रही कि किसी लड़की के साथ वो सब करके कैसा लगेगा। desi gand chudai

मेरे एक चाचा हैं जिनकी लड़की कीर्ति मेरी हम उम्र है और लड़का तन्मय मुझ से ४ साल छोटा है। वो लोग जींद में रहते थे और अक्सर छुट्टियों में हम उनके घर जाते थे या फिर वो सब लोग हमारे घर आ जाते थे। गर्मियों की छुट्टियों में भी ऐसा ही होता था। चाचा ज्यादातर २-३ दिन रूककर वापिस चले जाते थे और चाची, तन्मय और कीर्ति हमारे साथ ३-४ हफ्ते बिताते थे। ऐसा काफी सालों से चल रहा था और हम सब आपस में बहुत घुल मिल गए थे।

यह बात २०१४ की जून की हे। desi gand chudai

चाची विथ फॅमिली हमारे घर आई हुई थी। मैं कीर्ति से पूरे २ साल के बाद मिल रहा था। मैंने नोटिस किया की वोह अब बड़ी हो गयी थी और उसके मम्मे भी बड़े साइज़ के हो गए थे। लेकिन मेरे मन में कोई बुरा विचार नहीं था। फिर भी मैं थोडा हैरान था कि २ साल में उसके मम्मे कहाँ से आ गए।

पहले २-३ दिन तो हम सब खेलते रहे- मोनोपोली, ताश, लूडो, लुका-छिपी वगैरह। हमारे घर के सामने कुछ नए गवर्नमेंट मकान बन रहे थे। लुका छिपी खेलते हुए हम लोग अक्सर उन्हीं मकानों में छुप जाते थे। वहाँ कुछ घर पूरे बन गए थे और कुछ आधे ! किसी भी कमरे में दरवाज़े नहीं लगे थे तो खेलना आसान था। तो हम लोग कभी किसी स्टोर-रूम में, तो कभी किसी टंकी के पीछे, तो कभी दीवारें टाप कर खुद तो आउट होने से बचाते थे।

ऐसे ही एक दिन शाम को हम सब कालोनी के बच्चे लुका-छिपी खेल रहे थे। कीर्ति और मैं योजना बना कर के खेलते थे ताकि हम पकड़े न जाएँ। वो और मैं एक छोटे स्टोर रूम में छुप गए। वो स्टोर रूम एल आकार का था और हम उसके छोटे वाले कोने में थे। अचानक मैंने देखा कि जिस लड़के की बारी थी वो हमारी ही तरफ आ रहा था।

मैं छुपने के लिए और साइड पे हो गया। desi gand chudai

मैंने इशारे से कीर्ति को बता दिया कि वो इसी तरफ आ रहा था। वो भी सांस खींच कर अन्दर को हो गई। मैं भी और पीछे होने लगा और अब मेरी कोहनी और हाथ उसकी साइड बॉडी से छू रहा था। मेरी बाजू को कुछ नर्म नर्म सा लगा और मुझे जानते हुए समय नहीं लगा कि उसके मम्मे मेरे हाथ से दब रहे हैं। उसने कुछ नहीं कहा और मैं भी ऐसे ही खड़ा रहा। वो लड़का कोई दो मिनट आस पास घूम कर चला गया पर उसे हम नहीं दिखे।

वो तो चला गया लेकिन मैंने अपनी जगह नहीं बदली। मैं उसके साथ ही चिपका रहा। मेरा दिमाग सुन्न हो गया था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। कुछ ५ मिनट के बाद मैंने कहा- लगता है कि अब वोह लड़का चला गया है। यह कह कर मैं बाहर आ गया। मैं कीर्ति से नज़र नहीं मिला रहा था क्योंकि मुझे लगा कि कहीं वो मेरी हालत समझ न जाए।

रात को मुझे नींद नहीं आई। बार बार वही नर्म-नर्म स्पर्श का ख्याल आ रहा था। बिलकुल अजीब सा अहसास था। २-३ दिन ऐसे ही निकल गए और कुछ ख़ास नहीं हुआ। फिर एक रोज़ कीर्ति नहा रही थी और मेरी मेरी मम्मी और चाची बोली- हम ज़रा मार्केट जा रहे हैं।

तन्मय जिद करने लगा कि मैं भी साथ जाऊँगा तो चाची ने उसे भी ले लिया। वो तीन घंटे से पहले नहीं आने वाले थे। अब मैं घर पे अकेला ही था और कीर्ति बाथरूम में नहा रही थी। उसे नहाने में पूरा एक घंटा लगता है। मैं बोर हो रहा था तो मैंने कीर्ति को बोला- मैं ज़रा अपने दोस्त के घर जा रहा हूँ और एक घंटे तक आऊँगा। बाहर से ताला लगा दूंगा। कीर्ति बाथरूम से ही चिल्ला कर बोली- ठीक है।

मैं अपने पड़ोस के दोस्त के घर गया पर उनके यहाँ ताला लगा हुआ था। मैं वापिस आ गया और कमरे में आकर लेट गया। कीर्ति दूसरे कमरे के बाथरूम में नहा रही थी और उस कमरे का दरवाजा खुला था। मेरे कमरे से ऐसा एंगल था कि मैं बाथरूम से निकलते हुए कीर्ति को देख सकता था। मैंने चादर ले रखी थी और आँखें आधी बंद थी तो ऐसा ही लगता था कि मैं सो रहा हूँ। दोस्तों आप ये कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है l

कुछ २० मिनट बाद मैंने देखा कि कीर्ति ने बाथरूम का दरवाजा खोला। desi gand chudai

उनसे केवल ब्रा और पैंटी ही पहन रखी थी। उसने सोचा होगा कि कोई घर पर हैं नहीं तो सूट बाहर आकर पहन लेती हूँ। उसको ऐसा देख कर मेरा तो दिमाग हिल गया। मैं उसी पोजिशन में लेटा रहा ताकि उसे शक न जो जाए। कीर्ति ने मुझे लेटा देखा तो अचानक सकपका गई पर जब उसने देखा कि मैं सो रहा हूँ तो उसने दरवाजा बंद किया और अपना सूट पहन लिया। मैंने ज़िन्दगी में पहली बार किसी लड़की को इस रूप में देखा था।

उस रात फिर मुझे नींद नहीं आई और मैंने रात को उठ कर दो बार मुठ मारी। मेरे ख्याल में कीर्ति की नंगी काया ही थी। अगले पूरे दिन उसकी लम्बी टांगें और गोल-गोल मम्मे मेरी आँखों में घूम रहे थे। मैं कीर्ति को देख रहा था और उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके मम्मे और टांगों का नज़ारा ले रहा था। दोस्तों आप ये कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है|

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पडोसवाली लड़की को चोदा https://sexstories.one/padoswali-ladki-ki-chudai/ Fri, 16 Oct 2020 22:46:34 +0000 https://sexstories.one/?p=400 हैलो दोस्तों कैसे है आप सभी.. अन्तर्वासना, हिंदी सेक्स स्टोरी, मस्तराम और कामुकता के दुनिया में आपका स्वागत है.. पहले मे आप सभी को अपने बारे मे बता दूँ. मेरा नाम बब्लू है मेरी हाईड ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैलो दोस्तों कैसे है आप सभी.. अन्तर्वासना, हिंदी सेक्स स्टोरी, मस्तराम और कामुकता के दुनिया में आपका स्वागत है.. पहले मे आप सभी को अपने बारे मे बता दूँ. मेरा नाम बब्लू है मेरी हाईड 5,9 है रंग सावला है पर दिखने बहुत हैन्डसम हूँ । और बहुत सेक्सी भी हूँ ।जब तक मुझ को चूत न मिले तब तक मे बहुत परेशान रेहता हूँ मेरी उम्र 38 बर्ष है।मे चूत का बहुत दीवाना हूँ ।

अब मे आपको एक सच्ची कहानी बताता हूँ मैं मध्य प्रदेश से हूँ ।

जब हमने पेहली बार चुदाई की, उस समय हम पढ़ते थे… तकरीबन हमारी उम्र 18 वर्ष होगी ।अक्सर हम दोस्तों से सुनते रेहते थे सेक्स के बारे में इसलिए हमारा भी दिल करता था की मे भी किसी लड़की के साथ सेक्स करू।

Antarvasna Hindi sex kahani – पडोसी की बेटी का भोसड़ा

एक भगवान ने हमारी दिल की मुराद सुन ली और एक लड़की उसका नाम में आप सभी को नहीं बताऊंगा क्यों की नाम बताने से प्यार कम हो जाता है ।मे उस लड़की को बहुत बहुत प्यार करता हूँ । उसका मुझको पता नही..

बो हमारे पड़ोसी की भाॅजी थी दिखने दूध से भी गोरी बहुत सुंदर थी उसके बारे में जितना भी बताऊंगा उतना कम है दूध की साईज ३४ – ३२ -३४ !! एक दम मस्त माल थी उम्र 20 वर्ष जब मे उसको देखता था तो मे पागल हो जाता था और सोचता था यार ऊपर बाले ने क्या खूब माल बनाया ।

और मुठ्ठ मारकर रह जाता था ।

Antarvasna Hindi sex kahani – मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका

पर ऊपर बाले के यहाँ देर है अंधेर नही एक दिन ऊपर बाले ने हमारी सुन ही ली ।

उसकी मामी जो पेट से थी उस दिन उनके पेट मे बहुत जोर से दर्द हुआ इसलिए बो लड़की हमारे पास आई क्यों की उसके मामा एंड छोटी मामी दूर खेतों मे काम कर रही थी..

https://sexstories.one/meri-padosan-jiya-ki-chudai/

मामा मामी को बुलाने के लिये उसने हम से कहा बस फिर क्या हमने उसकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए उस से कहा की हमारे पास टाइम नहीं है तो बो हमसे बहुत गिड़गिड़ाई मेने मन ही मन सोचा क्यों न मोका पर चोका मारदिया जाय फिर क्या था मेने अपने दिल की बात उस्से केहदी पहले उसने हमको ऑख दिखाई और मना कर दिया ..

तो मेने भी मामा को बुलाने से मना कर दिया जब जा के बो तैयार हुई उसने एक दिन बाद मिलने का समय दिया मे तैयार हो गया पूरी रात उसके सपनों मे ही निकाल दी तकरीबन २, ३ दोपहर मे उसने हमको बुलाया और सिर्फ एक ही बार करने को बोला मे भी मान गया..

Antarvasna Hindi sex kahani – बीवी ने नौकर के मोटे लंड से चुदवाया

फिर क्या था मे लग गया काम पर पहले मेने उसके गाल होंठ चूमे धीरे धीरे उसके दूध मसलता रहा अब उसको भी मजा आने लगा क्यों की उसकी न मेरी पेहली चुदाई थी इस लिए चुदाई के मामले में हम दोनों ही अनाड़ी थे..

उसकी भी चूत मे कुछ अजीब सी हल चल होने लगी और मेरा भी लंड खड़ा हो गया जब मेने उसकी सलवार के अंदर हाथ डाला तो उसकी पेंटी पानी से पूरी गीली हो चुकी थी बो बहुत गर्म हो चुकी थी उसकी साँस बहुत गर्म और तेज चल रही थी उसका भी हाथ मेरी पेंटी के अंदर चला गया और बो भी हमारे लंड से खेल रही थी ।

अब देर न करते हुए मेने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिए जब उसने हमारा लंड देखा तो चोक गईं और बोली इतना बड़ा मोटा !

Antarvasna Hindi sex kahani – ससुराल में तीन लंड और मैं अकेली

मेरे लंड की साईज 8 इंच लंबा 3 इंच मोटा है मेरी छोटी सी चूत मे कैसे जायगा और बो डर के मारे कपड़े पेहनने लगी जैसे भी करके मेने उसको तैयार किया बो बोली पूरा मत डालना तो ही करने दूंगी..

मे तैयार हो गया अब टाइम न बैस्ट करते हुए मेनै अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रखा और एक ही झटके मे आदा अंदर चला गया बो दर्द के मारे चिल्लाने रोने लगी पर मैंने उसकी एक न सुनी मैंने झटकै देना जारी रखा पता नही कम मेरा लंड उसकी छोटी सी चूत मे पूरा चला गया..

१० -१५ मिनट के बाद उसको भी अच्छा लगने लगा बो भी अपनी चूत को उठा उठा कर चुदने लगी और केहने लगी और जोर से चोदो इसको फाड़ दो …

Antarvasna Hindi sex kahani – भैया के साथ सुहागरात मनाई

इसी प्रकार हमारी चुदाई जारी रही तकरीबन २५ -३० मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये कुछ देर तक हम एक दूसरे लिपटे रहे..

सके बाद अपने अपने कपड़े पहने मेने उससै पूछा अच्छा लगा की नहीं बो हस कर रह गईं ।

उस दिन के बाद जब भी हमको मोका मिलता है मह चुदाई करते हैं…

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सेक्स के 7 दिन https://sexstories.one/desi-chudai-ke-7-din/ Fri, 16 Oct 2020 22:26:34 +0000 https://sexstories.one/?p=339 नमस्ते, मेरा नाम अनीता है, मैं 28 वर्ष की हूँ ।ये मेरी पहली कहानी है जो बिल्कुल सत्य घटना पर आधारित है। अक्सर लोगो को लगता है लड़कियां इस तरह अपने बारे में सत्य नही ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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नमस्ते, मेरा नाम अनीता है, मैं 28 वर्ष की हूँ ।ये मेरी पहली कहानी है जो बिल्कुल सत्य घटना पर आधारित है। अक्सर लोगो को लगता है लड़कियां इस तरह अपने बारे में सत्य नही बताती, और उनकी बात सही भी है, पर मैं अपने बारे में ये सत्य कैसे लिख रही हूं मेरी हिम्मत क्यो पड़ी ये आपको मेरी इस कहानी को पढ़ कर ही पता चल जाएगा। इस लिए आप इसे ध्यान से अंत तक पढ़े। (Antarvasna, Hindi sex story)

मैं उत्तर प्रदेश बलिया की रहने वाली हूँ, मैं अमेठी में HAL में अप्रिंटिस शिप करती थी मेरे साथ रुचिका नाम की लड़की भी वही अप्रिंटिस शिप करती थी मेरी उससे बहुत अच्छी दोस्ती थी क्योकि मै उसके साथ ही रहती थी वो मुझसे सीनियर थी इस लिए मैं उनको दीदी बोलती थी मैं उनके घर लखनऊ भी कई बार जा चुकी थी और उनके घर पर मुझे बहुत अपना पन सा लगता था जैसे मेरा ही घर हो, उनके घर पर सबका व्यवहार भी बहुत शालीन था, इस लिए मुझे कोई दिक्कत नही होती थी, HAL में जॉब से पहले मैंने हॉस्टल में रहते हुए IT से इंजीनियरिंग की थी.

वहाँ हॉस्टल में रहते हुए मैने खूब मस्ती की थी और उस समय हॉस्टल की लड़कियां मुझे ब्लू फिल्म दिखा देती थी और सेक्स की कहानियां भी पढ़ा देती थी तो उनके साथ मैं भी मज़े ले लेती थी, दोस्तो के साथ मैं जितना मस्ती कर पाती थी , उतना ही सामाजिक जीवन मे मैं बहुत शालीन थी। सामाजिक जीवन मे मुझमें कोई अवगुण नही था अन्य लड़कियों की तरह, न ही कोई लड़का मित्र था मेरा कभी। मैं एक स्थाई नौकरी चाहती थी अतः मैने HAL की अप्रिंटिशिप छोड़ दी और सरकारी नौकरी की तैयारी करने लगी, क्योकि नौकरी करते हुए पढ़ाई नही कर पा रही थी.

Antarvasna Hindi sex story – देहाती चाची की जमके चुदाई की

रुचिका दीदी भी पारिवारिक समस्या के कारण लखनऊ वापस चली गईं थी। मैने बलिया में ही रह कर पार्टटाइम स्कूल में पढ़ना शुरू
कर दिया और पढ़ाई करने लगी, मैं अक्सर परीक्षा केंद्र का चुनाव ज्यादातर लखनऊ ही चुनती थी, और रुचिका दीदी के यहाँ घर पर आराम से रुक जाया करती थी।

उनके घर पर 4 लोग थे, दीदी मम्मी उनके बड़े भाई और एक छोटा भाई, उनके यहाँ सबका स्वभाव बहुत अच्छा था, सभी शालीन थे, खास तौर पर उनका छोटा भाई शिवांश बहुत ही भोला भला क्यूट सा था और सम्मान भी खूब करता था और शर्मिला भी था थोड़ा पर उससे बात करने पर खूब बात भी करता था वो स्नातक कर रहा था।

वो संगीत सीखता था, गिटार के साथ बहुत अच्छा गाना गाता था। उसके साथ बात करने में बड़ा मजा आता था और उससे थोड़ा थोड़ा मज़ाक भी कर लेती थी मैं, पर कोई भद्दा मजाक कभी नही किया। एक समय की बात है कि मैने BDO का फॉर्म डाला था जिसका सेंटर लखनऊ में पड़ा, काफी समय हो गया था मैं रुचिका दीदी के यहां नही गई थी, मई के महीना था…

मैने सोचा स्कूल में भी छुट्टी है पढ़ाने तो जाना नही है, तो हफ्ते भर दीदी के यहां रुक भी लूंगी। मैने अपना हफ्ते भर का सामान व कपड़े बैग में पैक कर लिया और घर मे बोल दिया कि 1 हफ्ते बाद आऊंगी रुचिका दीदी के यहाँ छुट्टी बिता लूंगी, घर वालो ने कहा ठीक है लखनऊ पहुँच कर कॉल कर देना। मैने कहा ठीक है।

मैंने रुचिका दीदी को अपने आने की खबर नही दी मैने सोचा अचानक पहुंच कर दीदी को सरप्राइज दूंगी मैं शनवार की सुबह ही स्टेशन पहुंच गई और शाम होते होते लखनऊ पहुंच गई। रविवार को मेरा एग्जाम था।

शाम 8 बजे मैं रुचिका दीदी के घर पहुंची मैने घर की घन्टी बजाई, अंदर से शिवांश बाहर आया और उसने गेट खोला उसने मुझे देख कर मुस्कुराते हुए कहा- अरे दीदी आप ? नमस्ते।

मैने भी मुस्कुराते हुए उसे नमस्ते कहा और पूछा कैसे हो?

उसने कहा ठीक हूँ दीदी आइये अंदर आइये।

Antarvasna Hindi sex story – अजनबी लड़के ने टाँगें उठा कर चोदा

उसने मेरा बैग ले लिया अपने हाथ मे और मुझे अंदर ले गया और बैग रख कर मुझसे बैठने को कहा और बोला आप बैठिए मैं अभी आता हूँ। घर मे काफी सन्नाटा था ऐसा लग रहा था कि घर पर शिवांश के सिवा कोई है नही। थोड़ी देर में वो पानी लेकर आया और मुझे बिस्कुट की प्लेट आगे करते हुए बोला लीजिये दीदी पानी पीजिए।

मैने बिस्कुट उठाते हुए शिवांश से पूछा कोई है नही क्या बड़ा सन्नाटा है घर मे? शिवांश ने बताया कि भैया दीदी और मम्मी गांव गए हैं मामी की लड़की की शादी है। मैंने पूछा कब आएंगे? उसने कहा अगले सोमवार को यानी 1 हफ्ते बाद। मैंने कहा तुम नही गए? उसने
कहा हां मेरा कल ही पेपर था BA फाइनल ईयर का इस लिए नही गया फिर घर पे ताला भी लगाना पड़ता तो सब चले गए मैं यही हूँ। अब पेपर सब खत्म हो गए अब मैं खाली हो गया हूँ।

तभी उसने पूछा आप किसी काम से आई हैं लखनऊ?

मैने कहा हाँ कल रविवार को मेरा पेपर है।

मैने सोचा था रुचिका दीदी को सरप्राइज दूंगी अचानक आकर पर यहां तो कोई है ही नही। शिवांश ने कहा अरे हम है न। मैने मुस्कुराते हुए उसे देखा।

तभी उसने पूछा एग्जाम सेंटर कहा पड़ा है?

मैने कहा जानकीपुरम, उसने पूछा समय क्या है?

मैंने कहा 9 बजे की है सुबह 8 बजे एंट्री होगी 1 घंटे पहले बुलाया है।

उसने कहा – मै आपको छोड़ दूंगा,

मैने कहा अरे नही परेशान मत हो तुमको सब लोग घर की रखवाली करने छोड़ गए है, तुम घर पर ही रुकना मैं चली जाऊंगी।

उसने कहा ठीक है।

फिर उसने मेरा बैग देखते हुए कहा की दीदी बैग बहुत भारी है आपका कही और जाने का प्लान भी है क्या?

मैने कहा नही मैने सोचा था छुट्टी हो गई है स्कूल में तो 1 हफ्ते यहां छुट्टी बिता लूँगी पर यहाँ कोई है ही नही अब क्या करूँ समझ नही आ रहा ।

उसने कहा दीदी अब आईं है आप इतना भारी बैग ले कर फिर वापस बलिया इतने जल्दी जाएंगी? अब कुछ दिन रहिए मैं तो यही
कहूंगा बाकी आपकी मर्जी,

मैने कहा देखते है पहले एग्जाम दे लूं फिर बताती हूँ क्या करना है।

फिर उससे इधर उधर की बातें हुईं फिर वो बोला की दीदी खाना बनाना है मैं जरा तैयारी करता हूँ खाने की।

मैने कहा अरे मैं आ गई हूं तो तुम क्यो परेशान होगे मैं बना देती हूं। तुम बस किचन में समान बता दो कहा क्या है।

मैने कहा खिचड़ी बना दूँ चलेगा?

उसने कहा हां हां बिल्कुल।

मैंने फटा फट खिचड़ी बना दी। और शिवांश से कहा चलो खाना बन गया चलो खाते है।

हम लोगो ने खाना खाया और TV पर समाचार देखा, फिर 10 बजे तक हम सोने के लिए तैयार हो गए, मैंने ढीला ढाला सा अपना एक टॉप पहन लिया और लोवर पहन ली।

Antarvasna Hindi sex story – ससुराल में तीन लंड और मैं अकेली

शिवांश ने कहा आप कूलर वाले कमरे में सो जाइये मैं पीछे कमरे में सो जाता हूँ, मैंने उसका भोला पन देख कर कहा अरे नही गर्मी में क्यो लेटोगे? तुम भी इसी कूलर वाले कमरे में सो जाओ,

कूलर के कमरे में 2 तखत सटे हुए लगे हुए थे। एक तखत पर शिवांश लेट गया एक पर मैं। थोड़ी देर बाद मुझे नींद आ गई और सुबह कब हुई पता ही नही चला मैं सुबह 5.30 पर उठ गई मैने नहाया और तैयार हो गई 6.30 पर शिवांश भी उठ गया मैने उससे कहा ब्रेड ले आओ चाय बना दूँ, वो ब्रेड ले आया फिर मैंने ब्रेड में मक्ख़न लगाया और चाय बनाई,

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चोरों ने चूत फाड़ी https://sexstories.one/biwi-ko-chor-ne-choda/ Fri, 16 Oct 2020 22:11:34 +0000 https://sexstories.one/?p=323 हैल्लो दोस्तों, हिंदी चुदाई और सामूहिक चुदाई के दुनिया में आपका स्वागत है.. में एक शादीशुदा औरत हूँ और मेरी उम्र 34 साल है. मेरे पति एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते है, वो मार्केटिंग ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, हिंदी चुदाई और सामूहिक चुदाई के दुनिया में आपका स्वागत है.. में एक शादीशुदा औरत हूँ और मेरी उम्र 34 साल है. मेरे पति एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते है, वो मार्केटिंग में है इसलिए वो अक्सर शहर से बाहर रहते है, मेरे दो बच्चे है, एक लड़का एक लड़की है. अब में आपको अपने बारे में बता दूँ में एक खूबसूरत औरत हूँ और मेरे बूब्स का साईज 40 होगा. अब में आपको ज्यादा बोर ना करती हुई सीधी अपनी स्टोरी पर आती हूँ.

यह बात दिसम्बर की है. में अपने घर में अपने बच्चों के साथ अकेली थी और बाहर काफ़ी ठंड थी और धुंध भी पड़नी शुरू हो गयी थी. अब खाना खाने के बाद बच्चे अपने कमरे में सोने चले गये थे. में काफ़ी टाईम तक टी.वी देखती रही और टी.वी देखते-देखते कब मेरी आँख लग गयी मुझे पता ही नहीं चला.

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कुछ देर के बाद अचानक से कुछ टूटने की आवाज़ से मेरी नींद खुल गयी तो मैंने आस पास देखा तो कोई भी नहीं था. अब मेरे रूम की लाईट बंद थी और टी.वी चल रहा था. में उठी और टी.वी बंद किया, अब में समझी शायद टी.वी में से आवाज़ आई है. मैंने टी.वी बंद करके जैसे ही बाथरूम का दरवाजा खोला तो मेरे होश उड़ गये. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. अब मेरे सामने दो आदमी खड़े थी, जिनके चेहरे पर कपड़ा बँधा हुआ था और हाथ में चाकू था.

उनमें से एक आदमी ने मुझे धक्का मारा और अपने हाथों से मेरा मुँह बंद कर दिया, तो में कुछ भी समझ नहीं पाई कि क्या हो रहा है? अब में बहुत डर गयी थी और शायद इसी कारण मेरी चीख भी नहीं निकल पाई थी. अब तक उन दोनों ने मुझे कुर्सी पर बैठा दिया था और धीरे से एक आदमी बोला कि अगर तूँ चीखी तो समझ लेना कि यह तेरी आखरी चीख होगी. मेरी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई और अब मेरी बॉडी डर के मारे काँप रही थी.

दूसरा आदमी मेरे कान के पास आकर बोला कि बता घर के सारे गहने और पैसे कहाँ पर रखे है? और यह कहते हुए दूसरे ने चाकू मेरी गर्दन पर लगा दिया. अब में समझ गयी थी कि यह दोनों चोर है. मैंने अपने मुँह में से दबी हुई आवाज निकाली, तो वो समझ गये कि में कुछ बोलना चाहती हूँ, तो एक ने मेरा मुँह खोल दिया.

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में डरी हुई आवाज़ में बोली कि मेरे पास सिर्फ़ एक मंगलसूत्र और कान के झुमके है और मेरे पास कुछ भी नहीं है. तब दूसरा चोर चाकू दिखाता हुआ बोला कि साली सीधे से बताती है कि चाकू तेरे अंदर घुसेड़ दूँ. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. में बोली कि में सच कह रही हूँ. वो चोर बोला कि बता घर में और कौन है? तो में बोली कि सिर्फ़ में और मेरे बच्चे. उन दोनों ने मुझे कुर्सी से बांधना शुरू कर दिया और एक चोर मेरे पास खड़ा रहा और दूसरा चोर कमरे का सामान देखने लगा.

में बोली कि में सच कह रही हूँ मेरे पास इस समय कुछ भी नहीं है, सब बैंक के लॉकर में है. मेरी बात सुनकर एक ने मुझसे अलमारी की चाबी माँगी, तो में कुछ नहीं बोली. तब एक बोला कि साली बताती है या तेरे बच्चो को मार दूँ. अब में बहुत डर गयी थी और उनको चाबी दे दी. उन्होंने पूरी अलमारी और बाकी का सामान चैक कर लिया मगर उनको कुछ भी नहीं मिला. वो दोनों चोर गुस्से से मेरे पास आए और मेरा मंगलसूत्र और कान से झुमके उतारने लगे, तो में कुछ नहीं बोली.

अब में समझी कि शायद अब यह दोनों चले जाएँगे, लेकिन मेरी सोच ग़लत थी. अब मेरा मंगलसूत्र उतारते समय एक चोर के हाथ मेरे मोटे-मोटे बूब्स पर चले गये. वो तभी अपने साथी से बोला कि यार क्या हुआ अगर माल नहीं मिला? यह माल तो हमें जरूर मिलेगा. अब उसके हाथ मेरे बूब्स पर थे, तो में डर गयी और बोली कि प्लीज़ मुझे जाने दो, में दो बच्चो की माँ हूँ. दूसरा चोर बोला कि तीसरे बच्चे की माँ बनने के लिए तैयार हो जा.

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अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था, वो दोनों ही चोर काफ़ी लंबे ऊँचें थी. अब उन दोनों ने अपने मुँह के कपड़े खोल लिए थे, अब वो दोनों मुझे ललचाई नजरों से देखने लगे थे. एक ने मेरे ब्लाउज के हुक खोलने शुरू कर दिए. अब मेरे ब्लाउज के सभी हुक खुल चुके थी, अब मेरे मोटे-मोटे बूब्स मेरी ब्रा से बाहर आ रहे थे. वो दोनों मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाने लगे.

अब एक ने मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया था और अब मेरे दोनों बूब्स आज़ाद थे. उन दोनों ने मेरा एक-एक बूब्स पकड़ लिया और जोर-जोर से दबाने लगे. अब मेरी आँखों से आँसू निकलने शुरू हो गये थे. मैंने उनसे बहुत मिन्नते की मगर वो दोनों कहाँ मानने वाले थे? एक ने मुझे खोल दिया और मेरी साड़ी को मेरी टाँगों से ऊपर तक उठा दिया. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. अब वो दोनों यह सब कुछ बहुत जल्दी-जल्दी कर रहे थे. अब में समझ गयी थी कि मेरे साथ क्या होने वाला है? वो दोनों मुझे कुर्सी से उठाकर बेड पर ले गये.

अब मेरे बूब्स नीचे लटक रहे थे और अब उन दोनों के लंड पेंट में खड़े हो गये थे. अब वो दोनों मेरे बूब्स को जोर-जोर से चूस रहे थे. अब मुझे भी कुछ होने लगा था और अब में कुछ नहीं बोल रही थी. तो तब एक चोर बोला कि साली क्या बूब्स है? दिल करता है कि चूस-चूसकर लाल कर दूँ. अब मेरे दोनों निपल्स लाल हो चुके थे, अब मुझे भी मजा आने लगा था. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है..

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इतने में एक ने मेरी साड़ी खोल दी और मेरे पेटीकोट का नाड़ा ढूँढने लगा और जब उसे नाडा नहीं मिला तो उसने मेरा पेटीकोट मेरी जांघों से ऊपर तक उठा दिया. मैंने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी तो मेरी चिकनी चूत देखकर उन दोनों की आँखे फट गयी, अब वो दोनों पागल हो गये थे. वो दोनों खड़े हुए और उन दोनों ने अपनी पेंट उतार दी, उन दोनों का लंड उनका अंडरवेयर फाड़कर बाहर की तरफ आ रहा था. जैसे ही उन दोनों ने अपने अंडरवेयर खोले, तो मेरी आँखे फटी की फटी ही रह गयी एक का लंड 9 इंच का तो दूसरे का 8 इंच से कम नहीं होगा.

एक चोर ने मुझे बेड पर सीधा लेटाकर अपना 9 इंच लंबा लंड मेरी चूत के लिप्स पर रख दिया और दूसरे ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया. अब में उसका लंड लॉलीपोप की तरह चूसने लगी थी. अब वो दूसरा वाला धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में डालता जा रहा था. अब में दर्द से पागल हो रही थी मगर में चीख भी नहीं सकती थी, क्योंकि एक लंड मेरे मुँह में था.

उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और आगे पीछे धक्के मारने लगा. अब मुझे भी मज़ा आने लगा था और अब मेरे मुँह से उम्म्म्म, आह की आवाजे आने लगी थी. अब मुझे उसका लंड चूसना अच्छा लग रहा था, ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. अब पूरे कमरे में छप-छप की आवाजे आने लगी थी. कुछ देर के बाद एक चोर ने मेरे मुँह में ही अपना वीर्य गिरा दिया मगर नीचे वाला फुल स्पीड में अंदर बाहर कर रहा था.

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उसने भी एक ज़ोरदार झटका मारकर अपना वीर्य मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया और ऊपर वाले चोर का वीर्य मेरे गले के अंदर जा रहा था. कुछ देर तक लेटे रहने के बाद में बाथरूम की तरफ भागी कि कहीं में सच में गर्भवती ना हो जाऊं. जब में वापस आई तो मैंने देखा कि वो दोनों चोर अपने कपड़े पहनकर वहाँ से भाग चुके थे.

अब मुझे अपने आपसे शर्म और हँसी दोनों आ रही थी. मैंने ज़िंदगी में भी नहीं सोचा था कि इस तरह दो चोर मुझे चोदोंगे.

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ससुराल में तीन लंड और मैं अकेली https://sexstories.one/sasural-me-samuhik-chudai/ Fri, 16 Oct 2020 02:27:41 +0000 https://sexstories.one/?p=320 हैल्लो फ्रेंड्स.. हिंदी चुदाई और सामूहिक चुदाई के दुनिया में आपका स्वागत है.. मेरा नाम रेणु है और मेरी उम्र 24 साल है। में बहुत गोरी और सेक्सी फिगर की लड़की हूँ। मेरे बूब्स ज्यादा ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो फ्रेंड्स.. हिंदी चुदाई और सामूहिक चुदाई के दुनिया में आपका स्वागत है.. मेरा नाम रेणु है और मेरी उम्र 24 साल है। में बहुत गोरी और सेक्सी फिगर की लड़की हूँ। मेरे बूब्स ज्यादा बड़े तो नहीं.. लेकिन में बहुत ज्यादा सेक्सी हूँ। मेरा फिगर 32-34-38 है। मेरी गांड को देखकर कई लोगों के लंड पानी छोड़ देते है और में राजस्थान के एक छोटे से शहर भीलवाड़ा की रहने वाली हूँ। दोस्तों आज में जिस कहानी को आप सभी के सामने लेकर आई हूँ.. यह कहानी नहीं.. मेरे साथ हुई एक सच्ची घटना है।

जिसने मेरी पूरी जिन्दगी ही बदल कर रख दी। दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है और अगर मुझसे इसमें कोई भी गलती हो तो प्लीज मुझे माफ़ करें। दोस्तों मेरे पिता बहुत ही ग़रीब है और मैंने अपनी पढ़ाई बहुत ही गरीबी की हालत में पूरी की है। में पढ़ाई और घर के सभी कामों में बहुत अच्छी हूँ। लेकिन वक्त से पहले ही दिखने वाले मेरे सेक्सी बदन की वजह से मेरे पापा ने एक साल पहले मेरी शादी पास ही के गावं के एक ज़मींदार के 30 साल के बेटे से करवा दी। अभी तो मैंने अच्छे से अपनी जिन्दगी के वो दिन भी नहीं देखे थे जिसमे मुझे कोई अपनी निगाह से घूरकर देखे।

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मेरे सेक्सी बदन को देखकर शादी में ज़मींदार ने मेरे पिताजी से दहेज में कुछ भी नहीं लिया। बस यह कहा कि शादी के बाद लड़की कभी अपने बाप के घर नहीं जाएगी और फिर मेरी शादी एक आम शादी की तरह हुई.. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. लेकिन मुझे उनकी नजरें ठीक नहीं लगती थी। मेरे ससुराल में मेरी सास, ससुर मेरा पति और मेरा देवर रहते है। मेरे ससुर ठाकुर ज़मींदार 45 साल के है और मेरी सास 40 साल की और देवर की उम्र 25 साल है। वो मेरी शादी के बाद का घर में पहला दिन था और सभी मेहमानों के जाने के बाद में थोड़ा आराम करने लेट गई। तभी अचानक से मेरी सास कमरे में आई और बोली कि रंडी साली कुतिया तू अभी तक सोई पड़ी है.. चल उठ साली हरामजादी। तो में जल्दी से कांपती हुई उठकर खड़ी हो गई।

फिर सास बोली कि अभी तो तेरी मुहं दिखाई बाकी है और अब तू इस घर के कुछ नियम सीख ले.. घर पर तुझे सब रंडी या गालियाँ देकर ही बुलाएँगे और तुझे घर में एक नौकरानी की तरह बाकी नौकरो के साथ काम करना पड़ेगा। में जो कपड़े दूँगी तू वो ही पहनेगी और तू किसी भी काम के लिए कभी भी मना नहीं करेगी। फिर में यह सब बातें सुनकर बहुत डर गयी। तो फिर मेरी सास ने मुझे इसके आगे बताया कि तू इस घर की रंडी बनकर रहेगी। आज तेरा मुहं और चूत दिखाई होगी..

तू घर के सभी मर्दों को खुश और संतुष्ट करेगी। यह बात सुनकर तो में बहुत चकित रह गई और फिर उन्होंने अपने साथ लाए कपड़े मुझे दिए और कहा कि नहाकर यह कपड़े पहनकर अपने ससुर के कमरे में आ जाना और थोड़ा जल्दी.. वरना में तेरा बहुत बुरा हाल करूँगी कि तू जिन्दगी भर नहीं भूलेगी। तो में जल्दी से बाथरूम गई और फटाफट नहाकर बाहर आई और जब मैंने वो कपड़े देखे जो मेरी सास ने लाकर मुझे पहनने के लिए दिए थे तो में उन्हें देखकर बहुत हैरान हुई।

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उसमे सिर्फ़ लाल रंग की एक चोली और घाघरा था.. वो चोली भी बहुत छोटी और सिर्फ़ पीछे एक डोरी से बंधी हुई थी और उसमे से मेरे 32 साईज़ के बूब्स सब बाहर दिख रहे थे और घाघरा इतना छोटा कि मेरी नंगी जांघे दिख रही थी और उसके साथ एक जाली का दुपट्टा था जो कि कुछ भी छुपा नहीं रहा था।

फिर मुझे अपने आपको ऐसे दिखाने में बहुत शरम आ रही थी और ऐसे ही मुझे अपने ससुर के सामने जाना था। मेरे ससुराल में सब कमरो के बीच में एक खुला आँगन है और जब में अपने कमरे से निकली तो घर के नौकर बंसी और रामू मुझे घूर घूरकर देख रहे थे और तभी इतने में मेरा देवर मेरे पास आया और बोला कि अरे रंडी भाभी तू क्या माल लग रही है? ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. जब मेरा नंबर आएगा तो में तेरा वो हाल करूँगा कि तू सोच भी नहीं सकती.. चल अभी के लिए एक चुम्मा ही दे दे और यह कहकर वो ज़बरदस्ती मुझे चूमने लगा और मेरे बूब्स दबाने लगा और यह सब वो नौकरो के सामने ही कर रहा था। फिर वो बोला कि चल कुतिया अभी अपने ससुर को अपनी नई नवेली चूत दिखा और फिर उसने मुझे मेरे ससुर के कमरे के दरवाजे पर छोड़ा। तो अपने देवर के चूमने और मेरे बूब्स दबाने से मेरी चूत गीली हो गयी थी। फिर मैंने दरवाज़ा खटखटाया.. तभी मुझे अंदर से मेरी सास की आवाज़ आई कि रंडी अंदर आ जा और अपने घुटनों पर बैठकर कुतिया बन जा।

फिर मैंने दरवाजे से थोड़ा अंदर आकर देखा कि अंदर कमरे में बहुत रोशनी थी और मेरे ससुर कुर्सी पर बैठे थे और मेरी सास बिस्तर पर। तभी ससुर गुस्से में बोले कि साली रंडी हरामजादी तू कितनी देर में आई है चल अब यूँ ही घुटनों के बल बैठकर कुतिया जैसे चलकर मेरे पास आ और मेरे जूते चाट। फिर जब में घुटनों पर कुतिया बनने के लिए बैठी तो बिना ब्रा के मेरे दोनों बूब्स चोली के बाहर लटक गये और मेरी नंगी गांड दिखने लगी और मुझे बहुत शरम आ रही थी..

लेकिन मेरे पास और कोई रास्ता भी नहीं था। फिर में वैसे ही कुतिया की तरह अपने घुटनों के बल अपने ससुर के पास गयी और उनके जूते चाटने लगी.. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. मेरा मुहं नीचे अपने काम में लगा हुआ था और मेरी गांड के ऊपर मेरे ससुर अपना एक हाथ फिराकर दबा रहे थे। उन्होंने धोती कुर्ता पहना था। फिर वो मुझसे बोले कि अब तू अपने बूब्स मेरे पैरों पर रगड़ और अपने आपको गालियाँ दे और मेरा लंड माँग।

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फिर मैंने अपने लटकते हुए बूब्स अपने ससुर के पैरों पर रगडे और गालियाँ देनी शुरू की.. मालिक में रंडी, हरामजादी कुतिया हूँ.. मालिक में आपके लंड की प्यासी हूँ.. मालिक मुझे आपका लंड चूसने दीजिए। मेरी चूत को आप जैसे चाहे मारो.. मालिक में आपकी रंडी हूँ। में ऐसे कह रही थी तभी उन्होंने अपना लंड धोती से निकाला और मेरे मुहं में डाल दिया और मेरे बाल पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगे.. उनका लंड मेरे गले तक आ रहा था और उन्होंने जल्दी ही मेरे मुहं में सारा वीर्य का पानी छोड़ दिया और यह सब देख रही मेरी सास भी गरम हो गयी थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी।

तो मेरे ससुर ने कहा कि अब जा साली रंडी अपनी सास की चूत चाट.. मुझे लगा कि ससुर जी ने अब मुझे फ्री कर दिया और में वैसे की कुतिया बनकर बिस्तर पर सास के पास गयी। उन्होंने अपनी गीली चूत फैला दी और में उनकी चूत चाटने लगी। तभी मेरे ससुर पीछे से अपनी छड़ी लेकर आए और मेरी गांड में डाल दी में बहुत ज़ोर से चिल्लाई तो मेरी सास ने मुझे चार जोरदार थप्पड़ मारे और गालियाँ दी.. रंडी कमिनी लगता है पहली बार तेरी गांड मारी जा रही है। में चुप हो गयी और मेरी सास की चूत वापस चाटने लगी। तो मेरी सास अपनी चूत चटवाते हुए सिसकियाँ ले रही थी और मेरे बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी।

तभी मेरे ससुर ने मेरी चूत में पीछे से ही अपना लंड डाल दिया और कुतिया की तरह चोदने लगे.. में बहुत गरम हो गयी थी और मेरी सास भी अब एक बार झड़ चुकी थी.. लेकिन में अभी भी आहह आह्ह्ह कर रही थी और कह रही थी और चोदो मुझे और चोदो मुझे.. 10 मिनट चोदने के बाद मेरे ससुर ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और वीर्य ज़मीन पर झाड़ दिया.. लेकिन में अभी तक एक बार भी झड़ी नहीं थी और चुदाई के लिए तड़प रही थी। तो यह देखकर मेरा ससुर बोला कि साली रंडी और चुदना चाहती है ना.. फिर मैंने कहा कि जी मालिक तो उन्होंने एक मोटी सी मोमबत्ती ली और मेरी चूत में डाल दी और कहा कि अब उछल साली हरामजादी कुतिया.. अब तू इस मोमबत्ती को और चूत को हाथ मत लगाना और सुबह तक तड़प।

फिर मेरी सास बोली कि चल यह ज़मीन पर पड़ा वीर्य सब अपनी जीभ से चाटकर साफ कर। तू नहीं तो क्या तेरी माँ साफ करेगी कुतिया की औलाद और फिर अपने पति के कमरे में जा वो अभी सो रहा होगा.. तू उससे जगाना मत.. बस नंगी होकर और उसका लंड अपने मुहं में डालकर रखना और सुबह लंड चूसते हुए उसे उठा देना। उसे ऐसे ही सोने की आदत है बाकी का काम में तुझे कल सुबह चाय पर बताउंगी।

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फिर मैंने सारा वीर्य ज़मीन से चाटकर साफ किया और अपने पति के कमरे में आई और मैंने देखा कि वो नंगा होकर अपने पैर फैलाए सो रहा था और जैसा मेरी सास ने कहा था। में अपनी घाघरा चोली उतारकर नंगी होकर अपनी चूत में मोमबत्ती डाले बिस्तर पर गयी और अपने पति का लंड मुहं में डालकर सो गयी। फिर रात को गहरी नींद में मेरा पति मेरे बूब्स अपने दोनों हाथों से मसल रहा था।

दोस्तों इसके बाद मेरे पति ने मुझे तड़पा तड़पा कर चोदा और अब मेरा देवर मुझे अपनी रांड बनाकर चोदता है और मेरी सास मुझे बीच आँगन में नंगा करके नौकरो से चुदवाती है और सबके खाना खाते वक़्त में सबका लंड चूसती हूँ और घर के मर्द मेरे बूब्स को चूसते है और मेरे ससुर मुझे अपने कुत्ते के साथ कुतिया बनाकर बेल्ट से बाँधकर रखते है।

घर में कोई भी कभी भी मेरी चूत में लंड डाल देता है और ख़ास मेहमनो के सामने मुझे नंगी होकर पहले खाना सर्व करना पड़ता है और फिर मुझे रंडी बनाते है। हर दिन मेरे जिस्म से नया खेल खेलते है। दोस्तों मेरी गीली चूत से आप सभी लोगों को सलाम ।

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पडोसी की बेटी का भोसड़ा https://sexstories.one/padosi-ki-beti-ki-chudai/ Mon, 05 Oct 2020 10:17:46 +0000 https://sexstories.one/?p=315 हैल्लो दोस्तों, आपका हिंदी चुदाई कहानी के दुनिया में स्वागत है.. मेरा नाम बबलू है. में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 36 साल है. में आज आप सभी लोगों को अपनी एक ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, आपका हिंदी चुदाई कहानी के दुनिया में स्वागत है.. मेरा नाम बबलू है. में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 36 साल है. में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. जिसमें मैंने अपने पड़ोस की एक लड़की को चोदा. वैसे मुझेबचपन से ही सेक्स करना बहुत पसंद था और अब पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ने का बहुत शौक है. मैंने अब तक बहुत सारी कहानियाँ पढ़कर उनके मज़े लिए और इसलिए मेंने सोचा कि क्यों न जो घटना मेरे साथ हुई, उसको में आप लोगों को सुनाऊँ.

मेरी यह कहानी आप सभी को जरुर अच्छी लगेगी और अब आपका ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए सीधे आज की कहानी पर आता हूँ. दोस्तों उस समय मेरे पड़ोस में अग्रवाल साहब रहते थे और वो मेरे पापा के बहुत अच्छे दोस्त थे, इसलिए मेरा उनके घर पर आना जाना लगा रहता था. इसलिए वो लोग भी हमारे घर पर आते-जाते रहते थे, उनके पांच बच्चे थे. जिनमें तीन लड़कीयां और दो लड़के थे और उनके लड़के मेरी उम्र के ही थे, इसलिए हम लोग हमेशा साथ में खेला करते थे. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है..

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दोस्तों अग्रवाल साहब की सबसे बड़ी लड़की का नाम अनु और वो मुझसे उम्र में करीब तीन साल छोटी थी, लेकिन थी बहुत सुंदर और उसका स्वभाव भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और वो मुझसे बहुत ज्यादा हंसी मजाक किया करती थी. मैंने कई बार सही मौका देखकर उसके बूब्स, गांड को छुआ, लेकिन वो बस मुस्कुराकर रह जाती, लेकिन मुझे कुछ ना कहती.

धीरे-धीरे हम लोग जवान हो रहे थे. हम लोग उस समय हम चुप्म चुपाई का खेल खेला करते थे और एक दिन हम सभी लोग मिलकर खेल रहे थे. उस समय हम दोनों ऊपर वाले कमरे में जाकर छुप गये, तो मैंने देखा कि उस कमरे में बहुत ज्यादा अँधेरा था और अब वो ठीक मेरे आगे खड़ी थी.

कुछ देर बाद उसने अपने कूल्हों को पीछे की तरफ दबा दिया, जिसकी वजह से वो अंजाने में मुझसे एकदम चिपक गई थी. अब उसकी गांड की गरमी पाकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया, इसलिए मैंने उसको और भी आगे की तरफ धक्का दे दिया. मैंने ऐसा करीब चार पांच बार किया और मैंने हिम्मत करके अपने दोनों हाथों को उसके आगे लाकर उसके बूब्स को पकड़ लिया, मेरे दोनों हाथ उसके छोटे आकार के, लेकिन एकदम गोल गरम बूब्स पर थे. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है..

उसकी सांसे ज़ोर से चलने की वजह से मुझे उसकी छाती अंदर बाहर होती हुई महसूस हो रही थी, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और मैंने उसकी तरफ से किसी भी तरह का विरोध ना देखकर तुरंत थोड़ी और हिम्मत करके उसके कपड़ो को झट से ऊपर उठाकर उसके बूब्स को नंगा कर दिया और अब में उसकी छाती को अपनी तरफ घुमाकर बूब्स को ब्रा को ऊपर करके बाहर निकालकर ज़ोर ज़ोर से चूसने दबाने लगा.

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उसके मुहं से सस्स्स्स्स्स्स आईईईइ की आवाज़ निकल रही थी. मैंने करीब पांच मिनट तक उसके बूब्स को बहुत मज़े लेकर चूसा और चूसने की वजह से उसको बहुत दर्द हुआ, इसलिए मैंने उसको छोड़ दिया और उसने जल्दी से अपने कपड़े ठीक किए.

उसके बाद हम दोनों नीचे आ गये और वो मेरी तरफ मुस्कुराती हुई अपने घर पर चली गई और में उसके चले जाने के ठीक बाद बाथरूम में चला गया और अब मैंने उसके नाम की मुठ मारी और अपने खड़े लंड को बैठा दिया, लेकिन उसके बाद मेरी हिम्मत अब इतनी बढ़ चुकी थी कि जब भी मुझे मौका मिलता तो में उसको पकड़कर अपनी बाहों में दबोच लेता और उसके बूब्स को दबा देता था. मैंने उसके साथ यह सब बहुत बार किया और उसने भी धीरे धीरे अब मेरा साथ देना शुरू कर दिया था, क्योंकि अब शायद उसको भी मेरे साथ मज़ा आने लगा था.

एक दिन हमारी अच्छी किस्मत से हम दोनों के घरवाले फिल्म देखने चले गये, लेकिन उनके घर से अन्नु और मेरे घर से में भी उनके साथ नहीं गया था, क्योंकि में उस समय अपने घर से बाहर था और मुझे घर पहुंचने में ज्यादा समय लगता, इसलिए मेरे घरवाले मुझसे फोन पर यह बात कहकर चले गए कि हम सभी लोग और अन्नु के घर वाले हम सभी फिल्म देखने जा रहे है.

जब में अपने घर पर आया तो मैंने देखा कि अन्नु मेरे घर पर बैठी हुई थी. मैंने उससे बिल्कुल अंजान बनकर पूछा कि घर के सभी लोग कहाँ है और वो मुझसे बोली कि वो सभी फिल्म देखने गये है.

मैंने उससे पूछा कि तुम भी उनके साथ क्यों नहीं गई? तो वो मुझसे हंसकर कहने लगी कि बस ऐसे ही मेरी इच्छा नहीं थी. तभी मैंने उसके बूब्स को पकड़ लिया और उसको कपड़ो के ऊपर से ही चूमने लगा और दबाने लगा, तो वो मुझसे बोली कि तुम ऊपर वाले कमरे में चलो, में पूरे घर को ताला लगाकर अभी ऊपर आती हूँ. मैंने उससे बोला कि में भी तुम्हारे साथ चलता हूँ और मैंने एक चादर को उठा लिया, वो जल्दी- जल्दी से अपना काम खत्म करने लगी और हम दोनों ऊपर वाले कमरे में आ गए.

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मैंने उस चादर को ज़मीन पर बिछा दिया और लेट गया. वो भी मेरे साथ लेट गयी. अब मैंने उसके गुलाबी होंठो को चूमना शुरू कर दिया और धीरे धीरे मैंने महसूस किया कि उसको भी अब बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने उसको कपड़े उतारने के लिए कहा, लेकिन वो मना करने लगी. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. मैंने कहा कि तुम नंगी हो जाओ कुछ नहीं होगा, तुम मेरे होते हुए डरती क्यों हो? वो मुझसे बोली कि ठीक है, में ऊपर वाले कपड़े खोल देती हूँ, लेकिन सलवार नहीं उतारूंगी.

मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है और उसने जैसे ही ऊपर से अपने कपड़े उतारे. मैंने देखा कि उसके छोटी छोटी बूब्स की वो निप्पल एकदम टाईट हो चुकी थी और उसको देखकर मेरा लंड पेंट फाड़ने को तैयार हो गया और जैसे ही में पेंट खोलने लगा तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया और वो मुझसे बोली कि तुम पूरी पेंट नहीं बस चैन खोलकर उसको बाहर निकाल लो.

अब मैंने उसके कहने पर अपनी पेंट की चैन को खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मेरा 6.5 इंच का लंड तनकर लोहे के सरीये की तरह खड़ा हो गया था. मैंने उससे बोला कि तुम अब इसको पकड़ लो.

उसने तुरंत मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों से पकड़ लिया. जैसे ही उसके हाथों ने मेरे लंड को स्पर्श किया तो में पागल हो गया, जिसकी वजह से मेरे लंड ने अब हल्के हल्के झटके देना शुरू किया और अब मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और में ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स चूस रहा था और वो आआआऊ उफ्फ्फफ्फ्फ़ कर रही थी. अब वो बहुत जोश में आ गई थी और में अब उसकी गरम चूत को सलवार के ऊपर से ही मसलने, सहलाने लगा, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेकर और भी ज्यादा गरम हो गई.

ने जल्दी से अपनी पेंट को उतार दिया और अब में पूरा नंगा हो गया था. मैंने उसको भी नंगा होने के लिये कहा तो वो अब भी मना करने लगी. मैंने उससे कहा कि तुम अपनी सलवार को थोड़ा सा नीचे ही कर लो, मुझे बस एक बार तुम्हारी चूत को देखना है, प्लीज तुम मुझे उसके दर्शन करवा दो और मेरे बहुत कहने पर वो अब मान गई और उसने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया.

Hindi sex kahani – Koi Mil gaya – मेरे घमंड से मुझे लुंड मिले

दोस्तों मैंने जब उसकी चूत देखी तो में बिल्कुल बेकाबू पागल सा हो गया, क्योंकि उसकी चूत पर बहुत छोटे छोटे बाल थे और वो बिल्कुल मासूम कली की तरह दिख रही थी, इसलिए उसकी वो कुंवारी चूत मुझे बहुत जोश दिला रही थी, इसलिए अब में उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा और उसको सहलाने लगा, जिसकी वजह से उसके मुहं से आह्ह्ह्हह्ह हूऊऊह्ह्ह्हह स्सीईईईइ तुम यह क्या कर रहे हो, प्लीज अब अपना हाथ हटाओ वहां से आह्ह्हह्ह यह सब गलत है. उसके मुहं से ऐसे शब्द निकल रहे थे.

मैंने उससे कहा कि हम दोनों बहुत गरम हो गए है, यह जोश हम दोनों में बराबर है, प्लीज मुझे एक बार प्यार करने दो और उसके बाद में अपनी जीभ से चूत को चाटने लग गया, जिससे वो मज़े से पागल हो गई और नीचे से अपने कूल्हों को उछालने लगी, जिससे में एकदम से रुक गया और अब मैंने उससे कहा कि तुम मेरे लंड को चूसो तो उसने मना कर दिया.

उसकी तरफ से ना सुनकर मैंने भी तुरंत उसकी चूत को चाटने से मना कर देने के बाद वो मुझसे बोली कि प्लीज और ज़ोर से चूसो ना, मुझे तुम्हारे चूसने से बहुत अच्छा महसूस हो रहा है और बहुत मज़ा भी आ रहा है, प्लीज एक बार चूस लो. मैंने कहा कि तुम भी मेरा लंड चूसो और में तुम्हारी चूत को चूसता हूँ और अब वो मान गई और कुछ देर मेरे लंड को चूसने के बाद अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है.. उसके कुछ देर बाद हम दोनों बारी बारी से झड़ गये. मैंने उसकी चूत चाटी तो उसने मेरा लंड चूसकर और चाटकर साफ किया और वो नीचे चलने की बात करने लगी. तब मैंने उससे बोला कि अभी तो हमने कुछ भी नहीं किया है और अभी तो हमें बहुत कुछ और भी करना है, लेकिन वो नहीं मानी और हम लोग नीचे आ गए और वो उसके बाद अपने घर पर चली गई.

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मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका https://sexstories.one/choot-chudai/ Sun, 04 Oct 2020 21:56:39 +0000 https://sexstories.one/?p=310 बात उन दिनो की है जब मैं गयारहवीं कक्षा में पढ़ता था। हमारे पड़ोस में एक पंजाबी परिवार रहता था जिसमें सिरफ़ तीन ही सदस्य थे। एक 70 वर्षीय बुजुर्ग, एक लड़का और एक लड़की। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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बात उन दिनो की है जब मैं गयारहवीं कक्षा में पढ़ता था। हमारे पड़ोस में एक पंजाबी परिवार रहता था जिसमें सिरफ़ तीन ही सदस्य थे। एक 70 वर्षीय बुजुर्ग, एक लड़का और एक लड़की। लड़के की उमर लगभग 24-25 साल की रही होगी और लड़की की उम्र 20-21 साल की होगी। बुजुर्ग उन दोनों के पिता थे और अकसर बीमार से ही रहते थे। जबकि उन दोनों की माँ की मृत्यु हो चुकी थी। वैसे तो उस परिवार में 5-6 लड़कियाँ और भी थी लेकिन वो सब काफ़ी उमर की थी और सब की शादी हो चुकी थी और अपने पति के साथ अपनी ससुराल में ही रहती थी जो कि कभी-2 अपने पिताजी को देखने परिवार के साथ 2-3 दिन के लिये आती रहती थी। हमारा भी उस परिवार में काफ़ी आना जाना था। (Antarvasna, Choot, Kamukta story, Hindi sex story)

Antarvasna Choot Chudai – कुसुम की झांट की सफाई

लड़के का नाम राजेश और लड़की का नाम दीपाली था। दीपाली बहुत ही खूबसूरत थी। मैं राजेश को भाई साहब और दीपाली को जीजी कहता था। दीपाली का बदन मानो भगवान ने सांचे में ढाल कर बनाया हो। गोरा चिट्टा रंग हल्का गुलाबीपन लिये जैसे कि दूध में चु्टकी भर केसर डाल दी हो। शरीर 36-24-38। चूची एक दम सख्त और उभरी हुई और उसके चूतड़ भारी थे, लगता था कि उसके चूतड़ की जगह दो गोल बड़ी बड़ी गेंदें हो।

choot chudaiवो अधिकतर सलवार कुरता पहनती थी और जब चलती थी तो ऐसा मालूम होता था कि दो गेंद आपस में रगड़ खा रही हो। जब वो हंसती थी तो गालो में बड़े प्यारे गढ्ढे पड़ते थे जिस से वो और भी खूबसूरत लगने लगती थी।

वोह बोलती बहुत थी और एक मिनट भी चुप नहीं बैठ सकती थी। उसमें एक खास बात थी कि वो किसी की भी चीज में कोई नुक्स नहीं निकालती थी चाहे उसको पसंद हो या ना हो।

वो हमेशा यही कहती थी कि बहुत ही प्यारी है। यदि उसको कुछ खाने के लिये दो और वो उसको पसंद नहीं आई हो पर वो तब भी उसकी तारीफ़ ही करती कि बहुत ही स्वादिष्ट बनी है।

Antarvasna Choot Chudai – आंटी और उनकी बेटी की चुदाई

इस बात की हम सब हमेशा ही दीपाली की तरीफ़ किया करते थे।

हमारी कालोनी के सभी लोग उसके दीवाने थे और एक बार बस उसको चोदना चाहते थे। मैं भी अकसर सोचता था कि काश मैं दीपाली को चोद सकूँ और एक दिन ऐसा मौका आ ही गया।

सितम्बर का महीना चल रहा था। उस दिन रविवार था और सबकी छुट्टी थी और समय रहा होगा लगभग 11 बजे सुबह का। मैं किसी काम से अपनी छत पर गया था।

हमारी दोनों की छत आपस में मिली हुई हैं और छत से उनके कमरे और बाथरूम बिलकुल साफ़ दिखाई देते हैं।

तो उस रोज जब मैं छत पर गया तो दीपाली के गाने की आवाज आ रही थी सो मैं वैसे ही उनके घर की तरफ़ देखने लगा तो मैं चौंक गया कयोंकि दीपाली बिलकुल नंगी बाथरूम में पटरे पर बैठी थी और टाँगें चौड़ी कर रखी थी।

Antarvasna Choot Chudai – चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा

सच दोस्तो ! मैं तो देखता ही रह गया। दीपाली की चूचियाँ एकदम गोरी और तनी हुई थी और जैसा कि मैं ख्यालों में सोचता था, उससे भी अधिक सुंदर थी। उसकी गोरी चूचियों के बीच में हल्के गुलाबी रंग के दो छोटे-2 घेरे थे और उनमें बिलकुल गुलाबी रंग के निप्पल थे जो कि बाहर को निकले थे। उसका सारा शरीर बहुत ही चिकना और गोरा था और टाँगों के बीच में तो पूछो ही मत। वहाँ उसकी चूत पर काले रेशमी बाल नज़र आ रहे थे और उनके बीच हल्की सी गुलाबी रंग की दरार नज़र आ रही थी। दरार में ऊपर की तरफ़ एक छोटा सा चने जैसा दना चमक रहा था। वो उस वक्त कपड़े धो रही थी और उसका सारा ध्यान उस तरफ़ ही था।

दीपाली को इस हालत में देख कर मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया मानो वो इस हसीन चूत को सलामी दे रहा हो। मन कर रहा था कि मैं फ़ोरन ही वहाँ पहुँच जाऊँ और दीपाली को कस कर चोद दूँ पर मैं ऐसा नहीं कर सका। मैं काफ़ी देर तक वहाँ खड़ा रहा और दीपाली को ऐसे ही देखता रहा और ऊपर से ही अपने लण्ड को पकड़ कर सहलाता रहा। मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी। मेरा गला एकदम से खुश्क हो गया था कि मैं थूक भी ठीक से नहीं निगल पा रहा था। मेरी टाँगें काम्प रही थी और ऐसा लग रहा था कि मेरी टाँगों में बिलकुल दम नहीं रहा और मैं गिर जाऊँगा।

मैं इस हालत में उसको करीब 15-20 मिनट तक देखता रहा। वो बार-2 सर झुका कर टाँगों में अपनी चूत की तरफ़ देख रही थी और एक कपड़े से चूत के बालों को रगड़ रही थी जिस से उसकी चूत के कुछ बाल उतर जाते थे। मैं समझ गया कि आज दीपाली अपनी चूत के बाल हेयर-रिमूवर से साफ़ कर रही है। मैं उसे बड़े ही गौर से देख रहा था कि अचनक उसकी नज़र मेरे ऊपर पड़ गई और उसने एकदम से बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया।

Antarvasna Choot Chudai – पड़ोसवाली भाभी की गुलाबी चुत

यह देख कर मैं बहुत डर गया और छत से नीचे उतर आया। मैं सारे दिन इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि अगर जीजी इस बारे में पूछेंगी तो मैं क्या जवाब दूंगा लेकिन कुछ सूझ ही नहीं रहा था। मैंने सोचा कि मैं 2-3 दिन उसको दिखाई ही नहीं दूंगा और उसके बाद मामला कुछ शान्त हो ज़ायेगा और तभी देखा जयेगा कि क्या जवाब देना है।

मैं एक दिन तो दीपाली से बचा ही रहा और उसकी नज़रों के सामने ही नहीं अया।

अगले दिन पापा और मम्मी को किसी के यहाँ सुबह से शाम तक के लिये जाना था और ड्राइवर आया नहीं था तो पापा ने मुझको कहा कि मैं उनको कार से छोड़ आऊँ और शाम को वापस ले आऊँ।

मैं उनको कार से छोड़ने जा रहा था कि मैंने दीपाली को अपनी कार की तरफ़ तेजी के साथ आते हुए देखा तो डर के मारे मेरा हलक खुश्क हो गया। मम्मी पापा कार में बैठ ही चुके थे सो मैंने झट से कार आगे बढ़ा दी।

हालांकि मम्मी ने कहा भी कि दीपाली हमारी तरफ़ ही आ रही है कहीं कोई ज़रूरी काम ना हो, पर मैंने सुना अनसुना कर दिया और गाड़ी को तेजी के साथ ले गया।

Antarvasna Choot Chudai – भीगी भीगी रात में

मैंने मन ही मन सोचा कि जान बची तो लाखों पाये और लौट कर बुद्धू घर को आये।

जब मैं पापा मम्मी को छोड़ कर वापिस घर आया तो देखा कि वो हमारे गेट पर ही खड़ी है, जैसे ही मैंने कार रोकी, वो भाग कर कार के पास आ गई और मेरे से बोली कि कार को भगा कर ले जाने की कोशिश ना करना वरना बहुत ही बुरा होगा।

मैं बहुत बुरी तरह से डर गया और हकलाते हुये कहा- जीजी मैं कहाँ भागा जा रहा हूँ और मेरी इतनी हिम्मत ही कहाँ है कि जो मैं आप से भाग सकूँ?

इस पर दीपाली ने कहा- अभी जब तूने मुझे देखा था तब तो जल्दी से भाग गया था और अब बात बना रहा है।

मैंने कहा- जीजी, मुझ को कार को एक तरफ़ तो लगाने दो और फिर अंदर बैठ कर बात करते हैं।

Antarvasna Choot Chudai – सवेरे वाली चुदाई

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मेरी चूत का उद्घाटन समारोह https://sexstories.one/desi-choot-ki-chudai/ Sun, 04 Oct 2020 21:51:39 +0000 https://sexstories.one/?p=305 जबसे मेरी दीदी गीता मेहरा के ज़रिये मुझे इस वेबसाइट का पता चला, मैंने उनकी बताई साईट खोली। जब कहानियाँ पढ़ी तो लोगों की बिस्तर की बातें इसमें देख मेरी तो चूत गीली हो गई ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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जबसे मेरी दीदी गीता मेहरा के ज़रिये मुझे इस वेबसाइट का पता चला, मैंने उनकी बताई साईट खोली। जब कहानियाँ पढ़ी तो लोगों की बिस्तर की बातें इसमें देख मेरी तो चूत गीली हो गई थी। मैं भी अपनी जिन्दगी का पहला सेक्स आपके सामने लाकर शुरुआत करने जा रही हूँ, उम्मीद से दुनिया कायम है, मुझे आशा है कि मेरी यह चुदाई – desi choot, जल्द ही आप सबके सामने अन्तर्वासना के ज़रिये आपकी कंप्यूटर स्क्रीन पर होगी।

Antarvasna desi choot – सेक्सी चाची

मेरा नाम वैशाली, ५ फुट ५ इंच कद, गुन्दाज़ बदन, गोरे-चिट्टे मखमल जैसे वक्ष ! मै बारहवीं जमात की छात्रा हूँ। पहले हम एक संयुक्त परिवार में रहते थे, चाचू-चाची, बुआजी, ताया-ताई, घर इतना बड़ा नहीं था, इसलिए मैं चुदाई के लाइव सीन देख देख बड़ी हुई।

एक दिन चाचू-चाची अकेले थे। मैं तबीयत ठीक न होने की वजह से पहले घर आ गई। चाचू के कमरे से सिसकी की आवाज़ सुन मैं पिछली खिड़की की ओर बढ़ी। मैं जब मॉम-डैड के बीच सोती थी तो कई बार डैड को मॉम पर सवार होते देखा था, लेकिन अच्छी तरह से नहीं देख पाई। आज मौका था, अन्दर चाचू बेड के किनारे बैठे थे नंगे, चाची फर्श पर घुटनों के बल बैठी चाचू के लौड़े को मजे ले ले कर चूस रहीं थी। फिर चाची बिस्तर पर आई। नंगी चाची को चाचू ने लिटा अपना लौड़ा चाची की चूत में घुसा दिया। यह देख मेरी पैंटी भी गीली हो गई।

फिर डैड ने शहर में आकर अपना बढ़िया मकान बनाया और हम शहर आकर बस गए। गाँव में पंजाबी मीडियम से सातवीं जमात तक पढ़ी, वो एक कन्या-विद्यालय था। यहाँ आकर मैंने एक प्राइवेट और अंग्रेजी मीडियम लड़के-लड़कियों के स्कूल में मैंने आठवीं में दाखला लिया और मेरी सहेलियां भी बन गई। हमारा चार लड़कियों का ग्रुप बन गया। श्वेता, मरियम, नूरी और मैं !

Antarvasna desi choot – सुहागरात की कहानी मेरी जुबानी

उनका अभी से लड़कों में ध्यान था, नूरी का तो अफेअर भी चल निकला था। हमारे ग्रुप की चर्चा चालू लड़कियों में होती थी। अब मेरी जवानी भी अंगड़ाई लेने लगी। सबमें से मेरी जवानी की बातें लड़कों में ज्यादा होने लगी। सब जब घर से निकलती तो लड़कों की निगाहें मेरी छातियों पर रहने लगी। देख देख मुझे मजा आने लगा। तभी मुझे मेरे ही स्कूल में पढ़ने वाले अमृत नाम के एक लड़के ने मुझे परपोज़ किया। उसको मैंने कोई जवाब नहीं दिया।

जब मैं स्कूल से घर जाती तो मेरे पीछे होंडा सिटी कार में एक दूसरा लड़का आने लगा हर रोज़ सुबह और स्कूल के बाद ! बहुत हैण्डसम था, बड़े घर का लड़का था। उसने मुझे एक दो बार कार पास लाकर अपना मोबाइल नंबर दिया, मेरे साथ नूरी भी रहती थी, उसने नंबर पकड़ के रख लिया और मुझे कहने लगी- पटा ले मेरी जान ! और क्या चाहिए !

मैंने कहा- जो अमृत ने परपोज़ किया उसका क्या?

उसको स्कूल तक सीमित रख !

मैंने नूरी से नंबर लिया, दोनों पास की एस.टी.डी पर गई और कॉल की। उसने अपना नाम करण बताया और मुझे कहा- मैं आप पर फ़िदा हूँ प्लीज़ !

मैंने उसको हाँ कर दी।

वो बोला- मैं इसी मार्केट में ही हूँ ! चलिए मैं आपको घर छोड़ देता हूँ, प्लीज़ मना मत करना ! मुड़ कर देखो !

Antarvasna desi choot – चूत का जुगाड़

मैंने केबिन से देखा, उसने हाथ हिलाया। नूरी का घर पास था, वो पैदल चली गई। मैं उसकी कार में बैठ गई। कुछ देर ऐसे ही घूमते रहे। उसने मेरा हाथ पकड़ा- आप बहुत सेक्सी हो, बहुत सुन्दर हो !

उसने हाथ पर किस किया- आई लव यू सो मच !

मैंने कहा- आई लव यू टू !

उसने पास खींचते हुए मेरे होंठों पे किस कर दी, मुझे करंट सा लगा। उसने कार साइड पर कर मेरे होंठ चूसने शुरु किये।

मैंने कहा- प्लीज़ छोड़ो न !

वो बोला- कितने दिन से आपके इन होंठों का रसपान करने का दिल था ! आप कहती हैं छोड़ो !

मुझे भी कुछ होने सा लगा- मैं भी लिप-किस में उसका साथ देने लगी। पता ही नहीं चला कब उसका हाथ मेरी शर्ट में घुसता हुआ मेरे मम्मों तक पहुँच गया। उसने सीट पीछे कर दी और मेरे ऊपर बैठ गया। एक हाथ उसने मेरी स्कर्ट में डाल मेरी जांघें सहलाने लगा। मैं इतनी गरम हो गई कि सब भूल गई। बस दोनों जवानी के जोश में एक दूसरे में खोने लगे।उसने बटन खोल मेरा मम्मा ब्रा से निकाल लिया और उसको मसलने लगा। मुझे तब होश आया जब मैंने उसका हाथ अपनी पैंटी पर महसूस किया। एकदम से अलग होकर हांफने लगी। वो बोला- क्या हुआ?

Antarvasna desi choot – तीन मोटे लंड और मम्मी की अकेली चूत

प्लीज़ ! हम सड़क पर हैं, कोई पकड़ लेगा तो आफत आ जायेगी !

बोला- इसको तो छोड़ो !

एकदम से मैं चौंक गई, मेरा हाथ उसके लौड़े पर था। मैं शरमा सी गई। उसने कहा- कोई नहीं आयेगा ! इतनी कड़ी गर्मी में कौन आएगा !

फिर भी उसने मुझे घर छोड़ दिया। बाथरूम में जाकर अपनी पैंटी देखी जो गीली हो गई थी। अपने मम्मे पर जब उसके दांत का निशान देखा तो मुझे अजीब सी हलचल हुई। उसके बाद कुछ दिन ऐसे ही कार में मिलते रहे। घूमने के बहाने चूमा-चाटी चलती रही।

एक रोज़ जब मैंने शाम को उसको कॉल किया। उसने कहा- आज ट्यूशन मिस कर दो, एअरपोर्ट रोड की तरफ घूमने जायेंगे। वहां सुनसान सी एक सड़क है।

मैंने कहा- ठीक है ! मुझे पिक कर लो ! ए एन टी ए आर वी ए एस एन ए .सी ओ एम

Antarvasna desi choot – शादी के दिन सास मां की चुदाई

हम निकल पड़े। वहां एक रेस्तराँ था, बिलकुल एअरपोर्ट के कार्नर पर था, वहां कई लोग अपनी अपनी कार में ही बैठे थे। आज वो अपनी बड़ी कार लाया था। उसने पार्किंग की बजाये वो साथ वाली खाली सड़क पर कार मोड़ ली और रेस्तराँ के पीछे ले गया। वहीं वेटर आया। उसने अपने लिए चिल्ड बियर ली, मैंने कोल्ड काफी आर्डर की।

उसने मुझे बाँहों में लिया। अब तो हम दोनों घुल मिल चुके थे, उसने फोर्ड एंडवर की सीट फ्लैट की। लग्ज़री कार किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं थी। मैंने उसका साथ देते हुए खुद ही उसके होंठ चूसने शुरु किये। वो मेरे मम्मों को बेरहमी से मगर मजा आने वाले अंदाज़ में मसल रहा था। मैं गरम होने लगी और उसने मेरा टॉप उतार दिया। मैंने अपनी ब्रा की स्ट्रिप खोल दी जिससे मेरे दोनों कबूतर आज़ाद हो गए। उसने उड़ते कबूतर पकड़ने में वक्त न लगाया और टूट पड़ा मुझे पर। मैं भी पूरी गर्म हो चुकी थी, मैं लगातार उसके लौड़े को मसल रही थी। उसने मेरी जींस खोल कर घुटनों तक सरका दी और आज खुल कर मेरी जांघें सहलाने लगा।

उसने स्पोर्ट्स ड्रेस डाली थी, मैंने भी लोअर खींच के नीचे करके उसके लौड़े को हाथ में पकड़ लिया, पहली बार इतना खुलकर पकड़ा था। मेरे हाथ लगते ही फनफ़ना उठा उसका लौड़ा ! इतने में वेटर आया। उसने कहा- खुद पी ले और बिल ले जाना ! वेटर बोला- जी साहिब !

Antarvasna desi choot – बीवी ने नौकर के मोटे लंड से चुदवाया

स्टार्ट कार, ए.सी ओन किया हुआ था, फिल्मिंग वाले शीशे थे, उसने सीट पूरी फ्लैट कर दी, बिस्तर सा बन गया। खींच कर मेरी जींस उतार दी और अपना लौड़ा मेरे होंठों पर रगड़ने लगा। मैंने झट से उसके लौरे को मुँह में डाल लिया और अच्छी तरह चूसने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। उसने थोड़ा चुसवाने के बाद मुझे पीछे लिटाते हुए बीच में बैठ अपना लौड़ा मेरी सील बंद चूत पे रखा। एक बार सोचा कि पता नहीं कैसे यह घुसेगा?

कार के आस पास दूर तक कोई न दिख रहा था। उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया था खुद नीचे घुटनों तक ! मैंने सोचा- चल वैशाली ! आज तेरी लाडो रानी का उदघाटन समारोह कैसा रहेगा ? !

उसने झटका दिया और लौड़े का सर मेरी चूत में फंस गया। उसको भी तकलीफ हो रही थी। मैंने कस के सीट के कपड़े को पकड़ रखा था। उसने दूसरे झटके में आधा लौड़ा अन्दर डाल दिया। मेरी जान निकल गई- निकाल लो प्लीज़ ! यहाँ अच्छे से नहीं होगा ! जगह कम है, बहुत तकलीफ होगी ! दोनों का ही पहली बार है। लेकिन उसने तीसरा ऐसा झटका मारा कि लौड़ा पूरा घुस गया। मेरी चीख निकल गई। खून टपकने लगा ! आँखों में आंसू आ गए !

उसने मेरे होंठ अपने होंठो में ले रखे थे ताकि चीख न निकले। उसने फिर सारा निकाल के डाला ऐसे तीन चार बार जब किया तो दर्द की जगह मजे ने ले ली। आंखें खुद ब खुद बंद होने लगीं। उसके एक एक झटके का मुझे इतना मजा आया कि सिसकारी ले ले कर मैं चुदवाने लगी- हाय और करो ! और करो !

Antarvasna desi choot – मुस्लिम सब्ज़ीवाले ने मेरी बड़ी चूची वाली बीवी को चोदा

अचानक मुझे अपने अन्दर से कुछ गरम गरम सा पानी महसूस हुआ, मैं झड़ गई और मेरी चूत की गर्मी में तीन चार मिनट बाद ही करण भी झड़ गया। दोनों हांफने लगे। उसने कार में पड़ा एक कपड़ा मुझे दिया, जिससे मैंने अपनी चूत को साफ़ कर लिया, खून साफ़ किया !

दोनों ने कपड़े पहन लिए और सामान्य होकर एक दूसरे की बाँहों में लिपट गए। उसने मेरे होंठ चूमते हुए कहा- कैसा लगा?

बहुत अच्छा लगा !

सुबह उठने पर चूत पर सूजन सी थी, चलने में थोड़ी सी अजीब लग रही थी। नूरी इन कामों में से कई बार निकली थी, उसने मुझसे सब कुछ बकवा लिया। अन्तर्वासना पर इसके छपते ही मैं अपनी करण के अलावा किसी से चुदवाई लेकर सबके लौड़ों पर बैठने आऊँगी।

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पड़ोसवाली भाभी की गुलाबी चुत https://sexstories.one/padoswali-bhabhi-ki-chudai/ Sun, 04 Oct 2020 21:46:39 +0000 https://sexstories.one/?p=302 दोस्तों ये मेरी पहली सच्ची कहानी है हिंदी सेक्स स्टोरी (hindi sex story) में उम्मीद है आपको पसंद आएगी पसंद आये या ना आये कमेंट ज़रूर करीयेगा चलिए अब मेरी रियल स्टोरी आपको सुनाता हूँ. ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तों ये मेरी पहली सच्ची कहानी है हिंदी सेक्स स्टोरी (hindi sex story) में उम्मीद है आपको पसंद आएगी पसंद आये या ना आये कमेंट ज़रूर करीयेगा चलिए अब मेरी रियल स्टोरी आपको सुनाता हूँ.

आज से ६ महींना पहले मेरी बीबी का बहार घूमने का प्रोग्राम हुआ अपनी चार सहेलीओं के साथ मुझे टिकट कन्फर्म करने को बोली मैने चार टिकट करवा दिए फिर कुछ दिन बाद बीवी ने कहा की एक और सहेली को टिकट चाहिए साथमे चलना है मैने कहा अब तो मुश्किल है मिलना में ट्राई करता हूँ.

मैं यहाँ पर भाभी का नाम दीपा रखता हूँ मैने दीपा भाभी की टिकट वैटिंग में लेली बीवी को कहा करवा दूंगा ट्रैन में जाने से पहले मैने टिकट करवा दी दीपा भाभी की बीबी ने कहा उनके घर टिकट दे आओ में टिकट लेके भाभी को देने उनके घर गया डोर बेल बजाई और दरवाजा खुला तो एक सिंपल सी लेकिन हुस्न की धनी एक लेडी थी हल्का सा स्माइल देकर उसने कहा अंदर आईये में अंदर बैठा हॉल में सोफे पर बैठ गया..

भाभी ने मधुर धीमी अव्वाज़ में कहा कुछ चाय ठंडा लाऊँ मैने मना कर दिया तो वो पानी का गिलास ट्रे में लायी मैने पिया और कहा भाभीजी ये आपकी आज रात की ट्रैन की टिकट है इतना सुनते ही भाभी खुश हुई बोली बहोत बहोत थैंक्यू भैया मैने कहा भाभी आप मुझे भैया मत कहो और कोई भी रिश्ता चलेगा..

Hindi Sex Story – ड्राईवर और नौकर से चुदी

ये सुनकर भाभी थोड़ा सोचने लगी फिर बोली ओके आगे से भैया नहीं बुलाऊंगी दोस्तों हिंदी सेक्स स्टोरी पर आपको लिखते ख़ुशी हो रही है की भाभी ने मेरी बात मान ली में तो डर गया था कही बुरा न मान जाये क्यूंकि बीवी ने बताया था दीपा भाभी का हस्बैंड कैंसर में दो साल पहले गुज़र गया था खेर में टिकट देकर भाभी का मोबाइल नंबर लेकर घर आया और व्हाट्स अप पर भाभी को कन्फर्म बर्थ भेज दिए बदले में उसने थैंक्यू लिखा और उसदिन मेरी बीवी चार सहेलीओं के सेहत टूर पर चली गयी.

कुछ दिन बाद सब लोग टूर से वापस आये तो मैने दीपा भाभी को मेसेजेस भेजा शरू किआ जैसे गुड मॉर्निंग, भगवान के सन्देश आदि ऐसा करते करते हमारी दोस्ती हो गयी अब रात देर तक व्हाट्स अप पर बातें होती. भाभी ने रोकर सारी अप बीती बताई कैसे हस्बैंड गुज़र गए में अकेली हो गई हूँ वगैरह एक दिन भाभी ने मैसेजे किआ की मेरी AC ख़राब है कोई हो तो बताओ मैने कहा आज शामको आता हूँ और में भाभी घर शामको पंहुचा बेल बजाई दीपा भाभी ने ही दरवाजा खोला में देखता ही रह गया सच दोस्तों भाभी गुलाबी रंग का गाउन पहने खड़ी थी..

अब आपको सबसे पहले दीपा भाभी के बारे में बताऊँ भाभी का कद ५.८ फुट रंग गोरा बदन गठीला उम्र ४२ साल आँखे गोल बादाम आकर की सूंदर बहुत ही कामुक आँखें आईब्रोस कमान से तीखे गोल मटोल सेक्सी चेहरा रसीले होंठ इस उम्र भी भाभी के होंठ गुलाबी कलर के पतले रसीले होंठ बदन उफ़ क्या बोलू गदराया गर्दन सूंदर गोरी सुराही दार गोल लेकिन लम्बी गर्दन फिगर करीब ४२ ३८ ३८ आप इससे अंदाज़ा लगा सकते हैं तीखे वक्ष बड़े बड़े, कमर कसम से चलने पर लचकती थी और हिप्स गाउन में भी एकदम तंदुरस्त और गोल गोल टाइट हिप्स चलने पर दोनों ऊपर निचे होते थे .

गाउन में भाभी एकदम कामुक और गढीले बदन की मालकिन थी और भीनी भीनी सुगंध आ रही थी दूर से भी शायद कोई अच्छा परफ्यूम लगाया था मेरा तो दिमाग ही काम नै करता था कुछ पल भाभी का बदन ऊपर से निचे देखता ही रहा फिर नार्मल होकर स्माइल देकर अंदर हॉल में बैठा भाभी अंदर चली गयी ५ मिनट बाद चाय बिस्किट ट्रे में लायी मुझे पता ही नई चला झट से सब ले आयी और मेरे सामने वाले सोफे पे बैठ गयी मैने चाय पी फिर बातें करने लगे मेरी नज़र भाभी के गोर चेहरे और बदन से बार बार टकरा रही थी और मेरे अंदर में एक बेचैनी भर गयी थोड़ा मेरा लिंग कड़क भी हो गया…

Hindi Sex Story – मुस्लिम सब्ज़ीवाले ने मेरी बड़ी चूची वाली बीवी को चोदा

दोस्तों सच में भाभी जब चाय पी रही थी तो गोरी गर्दन से स्पष्ट निचे जाती दिखाई देती थी, खेर मैने कहा भाभी ऐसी बताओ तो अपने बैडरूम में ले गयी में देखता ही रह गया किसी फाइव स्टार से काम न था बैडरूम शाम का टाइम था हलकी ब्लू लाइट जल रही थी गोल पलंग पर सफ़ेद बेडशीट और गोल तकिये मरून कलर के बग़ल में बेड के दोनों तरफ ताजे गुलाब के गुलदस्ते रखे थे जिसकी खुशबु से माहौल और भी मादक हो गया था .

भाभी ने लाइट जलाई और मैने एक देखा तो उसका फ्यूज गया था मैने फ्यूज बदला और ऐसी चालू करदी .भाही बहोत खुश हुई और हसने से उसके मोती जैसे दाँत दोनों पतले होंठो से बहार बहुत कामुक लग रहे थे दाँत भी बिलकुल सलीके से कुदरत बनाये थे एकदम सीधे सफ़ेद मेरा मन करता था भाभी के दांतों पर ही किस कर दूँ पर मज़बूर था फिर जैसे ही में स्टूल से निचे उतरा तो थोड़ा फिसला और पीछे खड़ी भाभी से टकराया मेरी दोनों कोहनी भाभी के सुडोल कड़क स्तन से टकराई भाभी में मुझे संभाल लिया वरना में गिर जाता मैने सॉरी बोला” भाभी पैर फिसला था सॉरी ”

भाभी कहा कोई बात नहीं और मुस्करा दी .

मेरे बदन में जैसे बिजली का करंट लगा ४४० वाल्ट का इतने में अचानक बिजली चली गई तो भाभी डर गई और जोरसे मुझसे लिपट गई बोली मनोज मुझे अँधेरे से डर लगता है.. बहोत मैने कहा भाभी शांत हो जाओ में आपके साथ हूँ ना और भाभी का गदराया खुशबूदार बदन मेरे बदन से चिपका था और में मदहोश हुआजा रथा था भाभी के बड़े बड़े उरोज़ मेरी छाती से चिपके था उनका कड़क पन में स्पस्ट महसूस कर रहा था मैने भाभी के सिर पर हाथ फेरा और धीरे धीरे उनके खुशबूदार सूंदर मुलायम बालों में अपनी उंगलियां फेरने लगा भाभी के बालों से बहोत भीनी भीनी शैम्पू की सुगंध आ रही थी जो मुझे और मदहोश बना रही थी .

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अब भाभी भी थोड़ा शांत हुई और मुझसे ज़ोर से लिपट गई में जान भुजकर अँधेरा रखना चाहता था ताकि भाभी के मदमस्त बदन का रसपान कर सकूँ भाभी के गदराये बदन से सेक्सी महक आ रही थी में पूरा लाभ ले रहा था अब मेरी भी हिम्मत खुली और मैने कसके भाभी को अपनी बाँहों में भर लिया और उनके बालों में चुम्बन करने लगा दोनों के बदन अब आग लगी थी क्यूंकि भाभी को २ साल से किसी मर्द का स्वाद नहीं मिला था तो वो मचल उठी और ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी अब उसकी गरम सांसे मेरी गरम सांसो से टकरा रहित ही दोनों मदहोश हुए जा रहे थे मैने अब झटसे से भाभी का गोल मटोल सूंदर चेहरा दोनों हाथो में लिया और पागलों के तरह चूमने लगा गालों पै नाक पै आँखों कानो सुराही दार गले पै चुम्बन पै चुम्बन जड़ दिए अब भाभी भी गरम हो चुकी थी वो भी मुझे पागलों की तरह चूमने छटने लगी .

मैने दोनों हाथ गाउन के गले में दाल दिए ओफ़्फ़्फ़ दोस्तों क्या बोलूं में दो बड़े कबूतर गदराये सुडोल वक्ष मेरे दोने हाथों में थे ब्रा के अंदर हाथ दाल दिए इस उम्र में भी इतने कड़क सुडोल बूब्स मैने कम देखे थे अब मैने भाभी के रसीले गुलाबी होंठ चूसने शरू किये मस्त लिप्स का टेस्ट था भाभी भी मेरे होंठो को चूसने लगी और अपनी अपनी रसदार रसीली जिब मेरे मुँह के अंदर दाल थी और में स्वीट टेस्टी जिब का रस पीने लगा दोनों मदहोश हो चुके थे लम्बी लम्बी सांसे भरने लगे दूसरी तरफ मेरे हाथ उनकी टाइट ब्रा के अंदर थे और अब मेने निप्पल धीरे धीरे मसलने शरू कर दिए भाभी के मुँह से अजीब आवाज़ निकलने लगी ऊऊऊह्ह्हह्ह्ह्ह आअह्ह्हआआ .

अब मेने गाउन ऊपर करके सीधे मस्त सुडौल भरावदार हिप्स पर रख दबाने लगा क्या माहौल था दोस्तों एकदम नरम स्किन गदराये से हिप्स बड़े बड़े ३८ साइज के गोल मटोल फिर मेने पैंटी में पीछे से हाथ अंदर दाल दिए पैंटी बहोत टाइट थी हाथ मुश्किल से अंदर गए और भाभी के गरम नरम हिप्स दबा रहा था और वोह आंखे बंद किये सिसकारियां ले रही थी मेने पूरा गाउन उतार दिआ अब सिर्फ वोह पर्पल रंग की ब्रा पेंटी में थी गज़ब का भरा भरा गदराया बदन था उरोज ब्रा से बड़े होने के कारन आधे से अधिक बाहर थे अब भाभी ने भी मेरी टीशर्ट उतारदी जीन्स भी उतार दी में अब सिर्फ बॉक्सर में था मेरा लिंग कड़क था ६ इंच का बॉक्सर में तना हुआ था..

उसने मेरे लिंग को पकड़ा और प्यार से सहलाने लगी तुरंत मेरे बॉक्सर के अंदर हाथ डालकर मेरे ६ इंच कड़क लिंग को हाथ से मसलने लगी में बदन में आग लगी थी मेने जट से ब्रा उतर दी तो दो सुडौल फिट गोल गोल बूब्स बहार तनी निप्पल के साथ खड़े थे मेने झट से एक बूब मेरे मुँह में लिया और चूसने लगा भाभी ज़ोर ज़ोर से आहे भरने लगी और मेरा बॉक्सर उतार दिया मेरे लिंग से खेलने लगी .

इतने बड़े बूब्स थे की मेरे मुँह में समां नहीं रहे थे फिर मेने कड़क हो चुकी छोटी गुलाबी निप्पल की पीना शरू किआ तो भाभी मचल उठी uuuiiiiiiiiiiii मम्माआआ…

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उसके मुँह से निकला और एक हाथ मेरा निचे पैंटी पर चला गया तो पैंटी थोड़ी गीली थी… में समज गया भाभी झड चुकी है मेने झट से पैंटी भी उतर दी और चुत पे हाथ फेरने लगा थोड़ी चुत भी गीली थी अब हम दोनों एकदम मस्त हो चुके थे चरम सुख मिल रहा था भाभी ने मेरा लिंग कसकर पकड़ लिया ज़ोर से हिलाने लगी अब दोनों एकदम लगे थे.

एक दूसरे से लिपटे दोनों के बदन गरम हो चुके थे मुझे भाभी के बदन की सुगंध और मचला रही थी..

में धीरे धीरे बूब्स पीते पेट पर किस करना लगा चूमते हुए उन्नत नाभि तक और फिर सीधे चुत पै किस की सहर उठी भाभी बोली मर गयी में और मेने अपनी जिब गीली चुत में डाल दी और चूसने लगा अब भाभी से रहा नई गया मुँह हटाकर खुद निचे आयी मेरी छाती चूमते निचे मेरे लिंग पर किस की में तो सिहर उठा ‘ओह्होऊ भाभी मार दोगी क्या’ और मेरा लिंग मुँह में लेकर चूसने लगी मेरा सुपारा चाटने लगी तो थोड़ी रौशनी में मेरा सुपर गुलाबी सा चमक रहता था..

लगातार चूसे जा रा थी फिर अंदर बहार लिंग मुँह से करने लगी में झड़ने वाला था तुरंत भाभी को दूर किआ और उसकी चुत चाटने लगा जैसे मुझे टाइम मिला.

में सीधा पलंग पर ले गया और ऊपर चढ़कर उन्मुक्त बूब्स पीने लगा निप्पल चूसने लगा जीब से पुरे दोनों बूब्स को चाटने लगा सच में अलग स्वाद था अब भाभी ने खिंच केर मुझे बाँहों में भर लिया टंगे छोड़ी कर दी मेनै कमर से पकड़कर अपना कड़क तना हुआ लिंग चुत पर रखा और अंदर डालने लगा लेकिन चुत बहोत टाइट था कंयुकि भाभी ने २ साल से सेक्स नई किआ था फिर मेने थूक लगाई लिंग पर और धीरे धीरे अंदर डालने लग भाभी ुउउइइइइ मर गयीईइ मा अंतिम झटका देकर पूरा लिंग ग़ुस्सा दिए छटपटा उठी भाभी आए मार दिया..

कुछ सेकंड बाद उससे मज़ा आने लग्गा अब मेने स्पीड बाद दी घपहप की ाववज़े आने लगी चुदाई की चुत अंदर से बिलकुल गीली
थी मेरे लिंग के लिए क्रीम का काम किआ वोह झड चुकी थी मेने अब ज़ोर ज़ोर से झटके देने शरू, किये और करीब ५ मिनट बाद मेने पूरा अपना गरम लावा चुत में छोड़ दिया भाभी की भी चुत का पानी और मेरा पानी मिलकर एक गरम अहसास दे रहे थे अब में भाभी के ऊपर पड़ा रहा १० मिनट तक दोनों थक गए थे और में बालों में हाथ भी फेर रहा था बूब्स पै गलों पै गुलाबी होठों पै.

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फिर दोनों उठे बैडरूम में ही वाश रूम था दोनों फ्रेश हुए भाभी ने गाउन पहना में त्यार हुआ और हॉल में आये एक जोदार चुंबन भाभी के रसीले होठों पे दिए तो मेरी जीब को चूसने लगी बोली बहोत टेस्ट है आपके अंदर फिर कभी आओगे मेने कहा भाभी रोज़ तो नहीं क्यूंकि आप विधवा हो बच्चे है ससुर है समाज भी है तो कभी कभी मिलेंगे और खूब मस्ती करेंगे ऐसा कहकर में बहार आया और घर आकर रात को सोया तो भाभी के साथ बिताये अनमोल पल याद आ रहे थे कब आँख लगी पता ही नहीं चला .

तो दोस्तों ये थी मेरी रियल विधवा के साथ सेक्स स्टोरी, मेँ जो भी स्टोरी लिखूंगा रियल ही लिखूंगा मेरा वादा है, बस आपका प्यार होना चिहिए अगर पसंद आये तो और न आये तोभी आप अपनी राय ज़रूर दीजियेगा ताकि में मेरी अगली रियल कहानी अच्छी तरह से लिख सकू..

आपका मनोज कुमार – nairprashanthan [at] gmail .com

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