Gair mard se chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/gair-mard-se-chudai/ Hindipornstories.org Thu, 23 Sep 2021 05:54:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 पति के पास चोदने का वक्त ही नहीं था https://sexstories.one/gair-mard-se-chudai-karwai/ Mon, 06 Sep 2021 09:42:43 +0000 https://sexstories.one/?p=4247 रजत अपने ऑफिस के काम से कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जा रहे थे तो मैंने रजत को कहा कि मुझे कुछ पैसे चाहिए थे रजत ने मुझे कहा कि ठीक है मैं ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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रजत अपने ऑफिस के काम से कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जा रहे थे तो मैंने रजत को कहा कि मुझे कुछ पैसे चाहिए थे रजत ने मुझे कहा कि ठीक है मैं कल तुम्हें जाने से पहले पैसे दे दूंगा। अगले दिन सुबह जब रजत गए तो उन्होंने मुझे जाने से पहले पैसे दे दिए थे रजत और मेरी शादी को 10 वर्ष हो चुके हैं रजत और मेरा शादीशुदा जीवन अच्छे से चल रहा है। रजत ने हमेशा ही मुझे खुश रखने की कोशिश की है उन्होंने मुझे कभी किसी चीज की कोई कमी महसूस नहीं होने दी रजत और मैं एक दूसरे से जब भी बात करते हैं तो हमें बहुत ही अच्छा लगता। रजत कुछ दिनों के लिए घर से बाहर थे इसलिए मैं अपने आपको काफी अकेला महसूस कर रही थी वह अक्सर अपने काम के सिलसिले में बाहर जाते रहते थे। मैंने उस दिन सोचा कि मैं क्यों ना अपनी दोस्त सुमन के घर चली जाऊं और फिर मैं अपनी सहेली सुमन से मिलने के लिए चली गई। सुमन हमारे घर के पास ही रहती है और काफी दिनों बाद मैं सुमन से मिलने के लिए गई थी।

उस वक्त करीब 11:00 बज रहे थे मैं अपने घर का सारा काम कर के सुमन से मिलने के लिए गई और जब मैं सुमन के घर पहुंची तो सुमन घर पर ही थी सुमन ने मुझे देखते ही कहा कि राधिका तुम कितने दिनों बाद मुझसे मिलने के लिए आ रही हो। मैंने सुमन को कहा कि हां सुमन मैं तुमसे काफी दिनों बाद मिल रही हूं। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे कि तभी मैंने देखा कि सुमन के घर पर कोई मेहमान भी आए हुए थे सुमन ने मुझे बताया कि वह उसके चाचा जी हैं सुमन ने मुझे अपने चाचा जी से मिलवाया। थोड़ी देर हम उनके साथ ही बैठे रहे और सुमन रसोई में चाय बनाने के लिए चली गई थी। सुमन चाय लेकर आई और हम लोग साथ में बैठे हुए थे तो सुमन के चाचा जी भी अब चाय पीकर रूम में चले गए। सुमन ने मुझे बताया कि उसके चचेरे भाई का सिलेक्शन हुआ है और वह कुछ दिनों के लिए हमारे साथ ही रहने वाला है लेकिन उस वक्त वह घर पर नहीं था क्योंकि वह अपने ऑफिस गया हुआ था।

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सुमन ने मुझे बताया कि उसके चाचा जी कल रोहतक चले जाएंगे सुमन और मैं काफी देर तक साथ में बैठे रहे करीब दोपहर के 1:00 बज रहे थे तो मैंने सुमन से कहा कि मैं अब चलती हूं और मैं अपने घर चली आई। मैं जब घर आई तो उस वक्त मुझे रजत का फोन आया और रजत के साथ मैं फोन पर बात करने लगी रजत के साथ मैंने फोन पर काफी देर तक बात की। मैंने रजत से कहा कि आप वापस कब लौट रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मैं बस दो दिनों बाद वापस लौट आऊंगा। उसके बाद मैं भी खाना बनाने की तैयारी करने लगी थी क्योंकि बच्चे भी थोड़ी देर बाद स्कूल से आने वाले थे। मैंने खाना बनाया ही था कि बच्चे भी घर पहुंच चुके थे बच्चे घर पहुंचते ही शरारत करने लगे मेरी सासू मां मुझे आवाज देते हुए कहने लगी कि राधिका बेटा जरा इन बच्चों को देखना। वह मेरी सासू मां को काफी ज्यादा परेशान कर रहे थे इसलिए मैं उन्हें उनके कमरे से बाहर ले आई और फिर उन्हें मैंने खाना खिलाया।

खाना खाने के बाद वह लोग कुछ देर आराम करने लगे फिर शाम के वक्त मैं उन्हें छोड़ने के लिए ट्यूशन चली गई मेरे दोनों ही बच्चे पड़ोस में ट्यूशन पढ़ने के लिए जाते हैं। मैं उन्हें लेने के लिए करीब 6:00 बजे गई, जब मैं उन्हें लेकर घर आ रही थी तो सुमन से मैंने कुछ देर बात की और फिर मैं अपने घर लौट आई। रजत भी दो दिन बाद वापस लौट आए थे रजत उस दिन घर पर ही थे तो मैंने रजत को कहा कि क्या आज आप ऑफिस नहीं जा रहे हैं तो रजत ने मुझे बताया कि नहीं आज वह ऑफिस नहीं जा रहे हैं। मैं और रजत एक दूसरे से बात कर रहे थे तो रजत ने मुझे कहा कि राधिका तुम मेरे लिए चाय बना देना मैंने रजत के लिए चाय बनाई। रजत अखबार पढ़ने में इतने व्यस्त थे कि वह मेरी तरफ देख ही नहीं रहे थे और उन्होंने जब अखबार पढ़ कर एक किनारे रखा तो मैंने रजत को कहा कि क्या आज हम लोग साथ में समय बिता सकते हैं? रजत कहने लगे क्यों नहीं। काफी समय बाद रजत मुझे और बच्चों को शॉपिंग कराने के लिए ले गए थे मुझे याद है करीब 6 महीने पहले हम लोग साथ में शॉपिंग करने के लिए गए थे।

उस दिन जब हम लोग साथ में थे तो हमें काफी अच्छा लगा बच्चे भी काफी खुश थे और जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त शाम हो चुकी थी शाम के करीब 7:00 बज रहे थे और हम लोग घर लौट आये थे। मैं रसोई में खाना बनाने की तैयारी करने लगी थी मैं खाना बनाकर करीब एक घंटे बाद फ्री हुई और 9:00 बजे के आसपास हम लोगों ने डिनर कर लिया था हम लोगों ने डिनर किया। रजत कहने लगे कि राधिका मुझे कल जल्दी ऑफिस जाना है मैंने रजत को कहा कि कल आप कितने बजे तक हो ऑफिस जाएंगे तो रजत कहने लगे कि मैं कल सुबह 8:00 बजे ही घर से निकल जाऊंगा। मैंने रजत से कहा ठीक है मैं आपके लिए सुबह नाश्ता बना दूंगी और अब रजत और मैं सो चुके थे। उस रात मुझे नींद नहीं आ रही थी और मेरे अंदर एक अलग ही बेचैनी सी हो रही थी। मैंने रजत को कहा कि मुझे आज आपके साथ सेक्स करना है तो रजत मुझे कहने लगे राधिका आज मेरा बिल्कुल भी मन नहीं है मैं तुम्हारे साथ सेक्स नहीं कर सकता। उस रात रजत ने मेरी तड़प अधूरा ही रखी जो कि मैं अगले दिन पूरा करवाने के लिए सुमन के घर चली गई। जब मैं सुमन के घर पर गई तो मैंने देखा कि उस दिन उसका चचेरा भाई संजय भी घर पर ही था संजय से मैं पहली बार ही मिली थी मुझे नहीं पता था कि संजय से मैं अपनी चूत की खुजली को मिटा दूंगी।

संजय को मैंने अपने बदन के मायाजाल में पूरी तरीके से फंसा लिया था और संजय मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो चुका था। मैंने उसे उस दिन अपने घर पर बुलाया वह भी घर पर आ गया वह घर पर आया तो संजय के लंड को मैं अपनी चूत में लेना चाहती थी मेरी सासू मां अपने कमरे में सो रही थी अब संजय और मैं ही मेरे रूम में थे हम दोनों बेडरूम में थे। मैंने संजय से कहा तुम अपने लंड को तो दिखाओ संजय ने मुझे अपने लंड को दिखाया। संजय का मोटा लंड देखते ही तुरंत उसे अपने हाथ में ले लिया जब मैंने उसे अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। मैं संजय के लंड को बड़े अच्छे तरीके से अपने हाथों में लेकर हिला रही थी और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था लेकिन अब मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी। मैंने उसके मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया और उसे तब तक मैं चूसती रही जब तक संजय के लंड से मैंने पानी बाहर नहीं निकाल दिया। संजय पूरी तरीके से तड़पने लगा था और उसकी तड़प को मैंने इतना अधिक बढ़ा दिया था कि वह जल्दी से मेरी चूत मारने के लिए तैयार हो चुका था।

मैंने भी अपने बदन से कपड़े उतार दिए और जब मैंने अपने बदन के कपड़े उतारे तो उसने मेरी तरफ देखा और कहने लगा मैं आपकी चूत मारने के लिए तैयार हूं। मेरी चूत भी उसके मोटे लंड को लेने के लिए बेताब हो रही थी मैंने उसके सामने अपने पैरों को चौड़ा कर लिया जब उसने मेरी चूत की तरफ देखा तो उसने मेरी चूत के अंदर अपनी उंगली को घुसाया और काफी देर तक उसे वह अंदर बाहर करता रहा उसकी उंगली जब मेरी चूत के अंदर जा रही थी तो मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कि किसी का मोटा लंड मेरी चूत में जा रहा हो। उसने जब मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो मुझे और भी अधिक मज़ा आने लगा मुझे इतना अधिक मज़ा आने लगा था कि मैं उसके मोटे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए बड़ी बेताब थी।

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उसने भी मेरी चूत पर अपने लंड को सटाया और धीरे धीरे अंदर की तरफ डलाना शुरू किया जैसे ही उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा तो मुझे बहुत ही मजा आया मैंने अपनी चूतडो को थोड़ा सा ऊपर उठाया तो उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर तक चला गया था अब मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा था। वह मुझे बड़ी तीव्रता से चोद रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका मोटा लंड मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा। यह पहला ही मौका था जब मैंने किसी गैर पुरुष के साथ संभोग किया था इससे पहले रजत ने ही मेरी चूत मारी थी और रजत ने ही मेरी इच्छा को पूरा किया था लेकिन अब मुझे संजय के साथ अपनी चूत मरवाने में मजा आ रहा था। संजय जिस प्रकार से मुझे धक्के देता उस से मेरी गर्मी में भी बढ़ोतरी होती जा रही थी और मेरी सिसकारी इतनी अधिक बढ़ने लगी थी कि संजय कहने लगा कि कहीं आपकी सासू मां ना सुन ले।

मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम मुझे धक्के देते रहो। अब वह लगातार मुझे बड़े अच्छे से चोद रहा था और काफी देर तक उसने मेरी चूत का आनंद लिया लेकिन जब मुझे एहसास होने लगा कि मैं झड़ने वाली हूं तो मैंने उसे अपने दोनों पैरों के बीच में जकडना शुरू किया जब मैंने उसे अपने दोनों पैरों के बीच में जकड़ लिया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। अब मेरी चूत कुछ ज्यादा ही टाइट हो गई थी इसलिए वह मुझे कहने लगा आपकी चूत बहुत ही ज्यादा टाइट हो चुकी है। मैंने उसे कहा कि तुम अपने माल को मेरी चूत के अंदर ही गिरा दो तो उसने भी अपने माल को मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया। जब उसने अपने माल को गिराया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा उस दिन संजय से अपनी चूत मरवाकर मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी और वह भी बड़ा खुश था।

उसके बाद भी जब मेरा मन होता तो मैं उसे बुला लिया करती और वह मेरी इच्छा को पूरा कर दिया करता मेरे लिए तो बहुत ही अच्छी बात थी कि मै उसके साथ संभोग कर पाती थी क्योंकि रजत तो अक्सर अपने काम से थक जाते थे और उनके पास मुझे चोदने का वक्त ही नहीं होता था।

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पति नहीं भाया, अजनबी से चुदवाया https://sexstories.one/pati-nahi-bhaya-ajnabi-se-chudwaya/ Sat, 18 Jul 2020 09:56:23 +0000 https://sexstories.one/?p=616 दोस्तो, मेरा नाम अनिता अग्रवाल है, और मैं 25 साल की एक औरत हूँ| मैंने :- पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ीं हैं, और अक्सर दिल में ये खयाल आता कि काश कभी मेरी भी कहानी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तो, मेरा नाम अनिता अग्रवाल है, और मैं 25 साल की एक औरत हूँ| मैंने :- पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ीं हैं, और अक्सर दिल में ये खयाल आता कि काश कभी मेरी भी कहानी :- पर छपे, मगर दिक्कत यह थी कि ऐसा मैं क्या लिखूँ, पहले लिखने का कोई तजुरबा नहीं|
तो एक दिन मैंने सोचा कि हर औरत की ज़िंदगी में कुछ न कुछ ऐसा ज़रूर होता है जिसे वो सबसे छुपा कर रखती है, किसी को नहीं बताती| अब शादीशुदा, बालबच्चेदार औरत हूँ, अगर अपने पति के साथ अपने सेक्स के बारे में बात करूंगी तो उसमें क्या खास है, सभी पति पत्नी आपस में सेक्स करते हैं, इसे नया या अलग कुछ भी तो नहीं|

फिर और क्या लिखूँ…. स्कूल में या कॉलेज में भी कोई खास नहीं हुआ, साधारण सी शक्ल की लड़की, कोई बॉय फ्रेंड नहीं था|

शादी से पहले मेरे किसी से कोई चक्कर या सेक्स का तो कोई मतलब ही नहीं था| पहली बार से अपनी सुहाग रात पर अपने पति से किया|

मगर उसके बाद ऐसा चस्का लगा लंड का कि मेरी चूत हर वक़्त मछली के मुँह की तरह खुली रहती| शादी के बाद तो ये हाल हो गया कि दिन में दो बार बढ़िया सेक्स करने के बाद भी मैं हाथ से करती थी|

फिर सोचा क्यों न अपनी शादी के बाहर जो मैंने कारनामे किए हैं, उन पर कुछ लिखूँ|

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पहले मैंने एक कहानी लिखी, फिर पढ़ी, मगर मुझे जँची नहीं, फिर मैंने उसमें और फेर बदल किया| ऐसा ही करते करते मैंने 3 महीने से भी ज़्यादा समय लगा दिया, मगर अंत में जो कहानी बन कर सामने आई, वही कहानी मैं आपको पेश कर रही हूँ|

22 साल की थी, जब मेरी शादी अशोक से हुई| अच्छा हट्टा कट्टा मर्द, मेरी खूब रेल बनाई| पहले पहले तो डर भी बहुत लगा, दर्द भी बहुत हुआ, मगर जब मशीन रवां हो गई, फिर मैंने अशोक की रेल बनाई| वो खुद कहते हैं ‘साली तेरा पेट नहीं भरता चुदवा चुदवा के….’

मेरा जवाब होता:- पेट तो बाद की बात है, अभी तो ये छोटा सा सुराख ही नहीं भरा|

खैर, अशोक की जॉब अच्छी तो है, मगर इसमें बार बार बदली का बहुत झंझट है| हर दो तीन साल में कहीं न कहीं बदली हो जाती है| जब हमारी बदली दिल्ली की हुई, तो हम दिल्ली के पीतमपुरा में आए, यहाँ पे हमे एक एल आई जी फ्लैट किराए पर मिला| वो भी टॉप फ्लोर, चौथी मंज़िल| अब दिन में 2:-3 बार ऊपर नीचे आना जाना तो हो ही जाता था|

मैंने नोटिस किया, बार बार सीढ़ियाँ चढ़ने उतरने से मेरे फिगर में फर्क पड़ गया था| मेरे कपड़े ढीले हो गए थे| एक दिन मैंने खुद को अपने घर में लगे बड़े सारे शीशे के सामने खड़े हो कर निहारा, सच में मैं पहले से पतली हो गई थी|

मैंने सोचा, ऐसे कपड़ों में नहीं, कपड़े उतार कर देखा जाए|

घर में कोई नहीं था, बच्चे स्कूल गए थे, पति ऑफिस| मैंने अपने सारे कपड़े उतार कर बेड पे रख दिये और अपने बदन हर एक कोण से देखने लगी कि कहाँ कहाँ से मुझे फर्क पड़ा है|

अब खुद को नंगी देख रही थी, तो थोड़ा मन भी बेईमान सा होने लगा, मैं खुद ही अपने बदन को सहलाने लगी| मेरा दिल कर रहा था, अगर आज शनिवार होता तो मेरे पति घर होते और बच्चे स्कूल, तो दोनों पति पत्नी खुल कर मौज करते, मगर आज तो बुधवार था|

तभी अचानक मेरी निगाह, सामने वाले फ्लैट में गई, वहाँ उनका 19:-20 साल का लड़का मुझे देख रहा था| पहले तो मुझे बड़ी शर्म आई, मगर मैं तो खुद मचल रही थी| मैंने बिना ये ज़ाहिर किए के मुझे उस लड़के के बारे में पता चल गया है, मैं वैसे ही एक्टिंग करती रही और शीशे में से ही उसे देखती रही|

वो अपनी खिड़की में खड़ा हिल रहा था|

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‘क्या वो मुट्ठ मार रहा है?’ ये विचार मेरे मन में आया और मेरे मुँह में लंड का नमकीन स्वाद आ गया|

‘ओह, इसके पास भी तो एक लंड होगा, मोटा, लंबा, काला’ मैंने सोचा|

फिर शीशे में अपने ही प्रतिबिंब से पूछा:- अनिता, क्या तुझे उस नौजवान का लंड लेना चाहिए, क्या तेरी चूत में उसका लंड लेने की प्यास जग रही है, क्या तेरी चूत के मुँह में भी उसका लंड सोच कर पानी आ रहा है?

मैंने हाथ लगा कर देखा, उफ़्फ़…. ये तो सचमुच गीली हो चुकी थी| मेरा मन बेचैन हो उठा, क्या मैं इशारा करके उस लड़के को बुलाऊँ? नहीं…. पहले मैं उसे ये जता दूँ कि मैंने उसे देख लिया है|

यह सोच कर मैंने अपने नाईटी पहनी, गला खींच कर आगे किया, ताकि मेरा क्लीवेज दिख सके और बड़ी बेख्याल सी हो कर बाहर बालकनी में आ कर खड़ी हो गई और नीचे देखने लगी| अपनी दोनों बाहें मैंने अपने बूब्स के नीचे ऐसे रखी कि मेरे बूब्स ऊपर को उठ जाएँ और मेरा क्लीवेज और बड़ा दिखे|

पहले इधर उधर देखा फिर नज़र घूमती हुई, उस लड़के की तरफ ले गई| वो अभी अपना लंड फेंट रहा था| मैंने उसे देखा, उसने मुझे देखा और मैं एक हल्की सी स्माइल पास करके अपना मुँह घुमा लिया|

वो ताड़ गया कि मैंने उसे स्माइल दी है| वो खिड़की से काफी पीछे हट कर खड़ा हो गया जहाँ से मैं उसे पूरा देख सकती थी|

हम दोनों के फ्लैट्स के बीचे कोई 50 फीट का फासला था, हम दोनों एक दूसरे को बिल्कुल साफ देख सकते थे|

टी शर्ट के नीचे उसने कुछ नहीं पहना था, नीचे से बिल्कुल नंगा, कोई 6 फिट के करीब कद, उसका, 6:-7 इंच का ही उसका लंड होगा, मोटा, लंबा, मगर गोरा और गुलाबी टोपा|

मैं उसे देखती रही और वो मुझे देख कर मुट्ठ मारता रहा और फिर उसके लंड से वीर्य की धार बह गई| मैंने अपने माथे पे हाथ मार कर उसे इशारा किया कि पगले ये क्या किया तुमने|

उसने मेरा इशारा देख कर मुझसे इशारे में ही पहले अपने लंड को हाथ लगाया और फिर मेरी तरफ इशारा किया, जैसे कहा हो ‘तुम्हें चाहिए क्या?’

मैंने भी ‘हाँ’ में सर हिला दिया|

मेरी हाँ सुन कर वो तो नाचने लगा, अपनी टी शर्ट भी उसने उतार दी| गोरा बदन, और सारे बदन पर बाल ही बाल|

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उसको खुश देख कर मैं भी मुस्कुरा दी और अंदर आ गई, आकर मैं बिल्कुल सामने कुर्सी पर बैठ गई|

उस लड़के ने अपनी खिड़की से मुझे इशारा किया:- अपने कपड़े उतारो|

मैंने अपनी नाईटी, अपने घुटने तक उठाई और नीचे गिरा दी|

वो वहाँ तड़पा:- नहीं, पूरी उतार कर दिखाओ|

उसने इशारा किया|

मैंने अपनी नाईटी, उतारी और एक तरफ फेंक दी| उधर वो नंगा, इधर मैं नंगी|

मैं यह भी सोच रही थी कि ये मैं क्या कर रही हूँ| क्या मैं उस लड़के से पट गई, या वो मुझसे पट गया|

अगले दिन करीब 11 बजे सुबह, वो लड़का फिर खिड़की में खड़ा था| मैंने सोचा, क्या किया जाए| सिर्फ इशारे बाज़ी तक ही ठीक है या बात आगे बढ़ाई जाए|

मैं देखने लगी उसे, तो उसने मुझे दिखा कर अपने सारे कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगा हो कर मेरी तरफ दिखा कर अपना लंड हिलाने लगा|

वो लंड हिला रहा था और मेरे तन बदन में आग सी जलने लगी थी| जब ऐसे ही काफी देर चलता रहा, तो मैंने उसे हाथ से इशारा करके बुला लिया|

उसने एक मिनट में अपने कपड़े पहने और नीचे उतरा|

2 मिनट बाद ही मेरे घर की काल बेल बजी, मैंने दरवाजा खोला, सामने वो खड़ा था|

‘नमस्ते भाभी|’ वो बोला|

मैंने भी नमस्ते कहा.

मैंने देखा कि उसकी निकर में उसका लंड अभी भी कुछ तना हुआ था, मैंने उसके लंड को देखा और फिर उसे अंदर बुला लिया| मगर हम दोनों के मन में ही ये बात चल रही थी कि बात शुरू कैसे की जाए|

मैंने उसे अंदर तो बुला लिया, पर अब सोच रही थी कि अब मैं क्या करूँ, इसे वापिस भेजूँ, या नहीं, क्योंकि ये तो पूरा मूड बना कर आया है| मैंने उसे पानी लाकर दिया|

‘थैंक्स’ कह कर वो गटागट पानी पी गया|

फिर हमने एक दूसरे को एक खिसियानी सी स्माइल पास की

‘मैं जी…. वहाँ आपके सामने ही रहता हूँ.’ वो बोला|

मैंने भी हाँ में सर हिलाया|

‘वहाँ से आपको देखा, आप तो जी बहुत ही गजब हो|’ वो फिर बोला|

मैं फिर मुस्कुरा दी, मगर बोली कुछ नहीं|

‘क्या आप मेरे साथ सेक्स करेंगी?’ उसने एकदम से पूछा|

मैं क्या कहती, मैं चुप सी बैठी रही, मन में ज़रूर मेरे ये बात आई कि यार तुझे इसी लिए तो बुलाया है, अगर मेरी खुजली उठ रही थी, तभी तो तुझे आने का इशारा किया| मन में बहुत कुछ चल रहा था, मगर मैं कह नहीं पा पा रही थी, बस चुप ही रही|

मगर वो मुझे दिलेर लगा, वो उठ कर मेरे पास आया और उसने मेरे बिल्कुल पास खड़े हो गया:- आप कुछ बोल नहीं रही हैं, मैं तो बहुत कुछ सोच कर आया था, अगर आप चुप रहेंगी तो बात आगे कैसे बढ़ेगी?

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मैंने कहा:- कौन सी बात?

वो बोला:- अरे भाभी आप ऐसा मत कहिए, जिस बात के लिए आपने मुझे यहाँ बुलाया, मुझे अपने घर के अंदर लिया|

मगर मैं अपने मन की कशमकश में उलझी थी, इस लड़के को बुला तो लिया पर अपने पति अशोक से थोखा कैसे करूँ| अगर कल को किसी को पता चल गया तो? क्या होगा?

उसने अपनी निकर नीचे को खिसका दी, नीचे से उसने चड्डी नहीं पहनी थी| 4 इंच का भूरा सा लंड मेरे बिल्कुल पास था, मेरी चूत में जैसे एकदम से पानी का बांध टूट गया हो| एक पल में ही मैं उसका लंड देख कर गीली हो गई| जो प्यास मैं दबाये बैठी थी, वो एकदम से भड़क गई, मेरे सब्र का बांध टूट गया, मैंने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसे ऊपर को उठाया, और उसकी चमड़ी पीछे हटा कर, उसका गुलाबी टोपा बाहर निकाला|

‘चूसो इसे|’ वो बोला|

वो ना भी कहता तो भी मैं तो इसे चूसने वाली ही थी| मैंने अपने मुँह खोला और बिना कुछ कहे उसका लंड चूसने लगी|

1 मिनट से भी कम समय में उसका लंड तन कर सख्त हो गया|

वो मेरी नाईटी के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबा रहा था| जब उसका लंड टनाटन हो गया तो उसने मुझे उठा कर खड़ा किया, और मेरी नाइटी उठाई और उतार दी| पहली बार मैं किसी गैर मर्द के सामने नंगी हुई थी|

‘क्या सेक्स में सचमुच इतनी ताकत होती है, जो आपको इतना मजबूर कर दे कि आप सेक्स के लिए किसी से भी धोखा कर दो, किसी के भी नीचे लेट जाओ?’ मैंने सोचा|

मगर अब सोचने समझने का वक़्त नहीं रहा था, एक अंजान लड़का जिसका मैं नाम नहीं जानती थी, पहली बार आज हमारे घर में वो आया, और आने के 3 मिनट बाद मैं उसके सामने नंगी खड़ी थी, उसका लंड मेरे मुँह में जा चुका था और वो मेरे बोबों से खेल रहा था, उन्हें दबा के मसल के देख रहा था|

‘क्या था यह? प्यार तो नहीं है…. सिर्फ और सिर्फ काम वासना| और मैं इसी काम वासना की नदी में बह जाना चाहती हूँ|’ मैंने अपनी आँखें बंद कर ली, उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पे ले गया| बेड पे लेटा कर वो मेरे ऊपर लेट गया|

मैंने भी अपनी टाँगें खोल कर उसको अपने ऊपर एडजस्ट कर लिया| मेरे बालों को थोड़ा सा सहला कर उसने मेरे होंठों को चूमा, फिर हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे|

मैं नीचे लेटी लेटी अपनी कमर हिला रही थी, मैं चाहती थी कि किसी तरह से इसका कड़क लंड मेरे चूत में घुस जाए, मगर ऐसा नहीं हो पा रहा था|

फिर उसने खुद ही अपना लंड मेरी चूत पे रखा, और अगले ही पल मेरी चूत में एक गर्म सख्त कीला जैसे घुस गया| एक जवान और मजबूत लंड|

लंड अंदर डालते ही वो ताबड़तोड़ चोदने लगा, उसके चोदने का तरीका भी बड़ा बेहूदा था|

मैंने उस से पूछा:- आज पहली बार कर रहे हो क्या?

वो बोला:- जी भाभी, आज तो सब कुछ मेरा पहली बार ही है, पहली बार किसी औरत की चूत इतनी करीब से देख, पहली बार किसी औरत के होंठ चूसे, पहली बार किसी औरत के बोबे दबाये, बोबे चूसे, चूत चाटी, चूत मारी, जो कुछ भी मैं आज कर रहा हूँ, सब पहली बार ही है| पर आपने ये क्यों पूछा?

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मैंने कहा:- तुम्हारा सेक्स करने का तरीका बड़ा बेकार है| जिस स्पीड से तुम कर रहे हो, तुम 2:-3 मिनट में झड़ जाओगे और मैं प्यासी रह जाऊँगी|
वो रुक गया और बोला:- तो कैसे करूँ भाभी?

मैंने उसे कहा:- पहली बात, इसको पूरा अंदर डालते हैं और पूरा बाहर निकालते हैं, और वो भी आराम से|

उसने मेरे कहे मुताबिक किया, 5:-6 बाहर अंदर बाहर कर के बोला:- उम्म्ह…. अहह…. हय…. याह…. अरे वाह भाभी, ये तो मज़ेदार है|

फिर मैंने कहा:- अपना ध्यान सिर्फ सेक्स करने पे ही मत रखो, इसके साथ साथ औरत के जिस्म के बाकी अंगों से भी खेलो, उसे चूमो, चाटो, ये पता करो उसके बदन पे किस जगह, छूने, चूमने, चाटने या काटने से वो और उत्तेजित होती है| उसके सारे बदन पर अपने हाथ फिराओ|

उसने मेरे बदन पे अपनी उंगलियों से सहलाया, गर्दन के पास, और कमर पर छूने से मैं मचली तो उसने बार बार मुझे वहाँ छूकर, सहला कर और तड़पाया|

‘मेरे होंठ चूसो, मेरे निप्पल अपने मुँह में लेकर दूध पियो मेरा|’ अपने लंड को धीरे धीरे से चलाते हुये मेरे बदन पर जहाँ जहाँ भी हो सकता था, उसने चूमा चाटा| मुझे खूब चूसा और यही मैं चाहती थी| सेक्स के दौरान मुझे जितना चूमा और चाटा जाता है, मैं उतनी जल्दी पानी छोड़ देती हूँ|

सिर्फ 3:-4 मिनट में ही मैंने उसे अपनी बाहों में कस कर, अपनी पूरी जीभ उसके मुँह में डाल दी| उसने मेरी जीभ चूसी और मैं इतने में ही झड़ गई| मैंने अपनी जीभ उसके मुँह से नहीं निकाली, और वो भी मेरी जीभ को चूसता रहा| पूरी तरह स्खलित होकर मैं नीचे को ढल गई|

उसने पूछा:- आपका हो गया भाभी?

मैंने कहा:- हाँ, मेरा हो गया, अब तू अपना ज़ोर लगा ले|

उसने भी बड़े वहशियाना तरीके से दबादब मेरी चुदाई की और एक डेढ़ मिनट में ही मेरे पेट पर अपना गर्म माल गिरा दिया| उसके लंड से गर्म वीर्य की छींटे मेरी छाती तक आ कर गिरे| झड़ने के बाद वो मेरे ऊपर ही लेट गया|

‘वाह भाभी, मज़ा आ गया, आज पहली बार चूत मारी किसी की, आप बहुत सेक्सी हो भाभी, आई रियली लव यू|’

मैंने कहा:- ये प्यार नहीं है, सिर्फ वासना है, जिसमें हम दोनों ने मज़े किए| अब सुन आज के बाद हाथ मत करना, जब दिल करे तो आ जाया करो| सुबह 9 से 3 बजे तक मैं घर में अकेली होती हूँ’|

वो बोला:- और अगर रात को मेरा दिल करे तो?

मैंने कहा:- तो अगले दिन तक का इंतज़ार कर, मगर आना सिर्फ इसी वक़्त|

वो बोला:- पर अभी तो 12 बजे हैं, क्या हम एक बार और कर सकते हैं?

मैंने कहा:- हाँ, क्यों नहीं…. पर पहले मैंने लंच का इंतजाम कर लूँ|

वो बोला:- ठीक है|

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उसके बाद उसने मेरे साथ लंच बनवाने में पूरी मदद की, सारा समय हम दोनों बिल्कुल नंगे ही रहे, मैंने बिल्कुल नंगे ही लंच पकाया, फिर हमने साथ में खाया| इस दौरान हमने बहुत सी बातें करी|

उसका नाम अंशु था|

खाना खा कर हमने एक बार और सेक्स किया| उसके बाद तो ये हमारी रूटीन ही हो गई|

मैंने अंशु को दिल से प्यार किया, उसे हर तरह से सेक्स करने का तरीका सिखाया, जितना भी मुझे आता था| बहुत सी चीज़ें हमने साथ में ब्लू फिल्मे देख देख कर, उनकी नकल कर के सीखीं| मेरे बदन में जो सेक्स की चाहत थी, वो उसने और बढ़ा दी थी| अब तो मुझे उसके अलावा और भी पड़ोसी मर्दों को ताड़ने की आदत पड़ गई थी|

पता नहीं क्यों, मुझे ऐसा लगने लगा कि पड़ोसी ही आपको सच्ची संतुष्टि दे सकता है| मैंने 3 और पड़ोसियों से भी सेक्स किया, मगर सब से ज़्यादा मज़ा मुझे अंशु के साथ आया| उसका चढ़ती उम्र का जोश बहुत ही लाजवाब था|

तीन साल तक मैंने अपने पति को इस बात का पता नहीं लगने दिया| जब मेरे पति की फिर से बदली हो गई, तो हम नए शहर में गए, वहाँ भी मैंने अपने एक नए पड़ोसी से बहुत जल्दी संबंध बना लिए|

आज जब मैं आपके लिए अपनी ये कहानी लिख रही हूँ, तो आज भी मैं खुद नहीं समझ पा रही हूँ, अपने आप को ठीक से बयान नहीं कर पा रही हूँ कि क्यों मैंने अंशु के साथ सेक्स किया|

ऐसा क्या हुआ था, उस दिन कि मैंने उसे ये सब करने से क्यों नहीं रोका, और उसे ऐसे सेक्स करने दिया, जैसे मैं उसकी कोई पुरानी गर्ल फ्रेंड हूँ|

पर जो भी हुआ, उसने मुझे सदा के लिए मेरे चरित्र को ही बदल दिया| आज भी मैं हर जगह सबसे पहले अपने पड़ोसी को ही देखती हूँ| कोई भी हो मर्द या नौजवान लौंडा, लाइन मैं सबको देती हूँ, क्या पता कब किसका तना हुआ लंड मेरे अंदर हो…

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रास्ते में चुदाई https://sexstories.one/raste-me-chudai/ Sat, 28 Mar 2020 22:47:55 +0000 https://sexstories.one/?p=511 हाय दोस्तो, मेरा नाम रागिनी वर्मा है.. मैं 26 साल की हूँ और आज मेरा फिगर 32-30-34 का है.. बहुत से लड़के मुझ पर आज भी मरते हैं.. उस वक्त मेरा गोरा बदन.. 28-24-28 का ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हाय दोस्तो, मेरा नाम रागिनी वर्मा है.. मैं 26 साल की हूँ और आज मेरा फिगर 32-30-34 का है.. बहुत से लड़के मुझ पर आज भी मरते हैं.. उस वक्त मेरा गोरा बदन.. 28-24-28 का मोहक फिगर.. उम्र 20 की थी, मेरा पूरा बदन भरा-पूरा था।

रोहित मेरा बचपन का दोस्त है एक दिन मुझे उसका कॉल आया कि कहीं घूमने चलते हैं।मैंने पहले मना कर दिया.. लेकिन फिर मैं मान गई और मम्मी की ‘हाँ’ भी हो गई। सो हम दोनों ने 2 दिन के लिए आगरा जाने का प्लान बनाया।

मैंने भी अपने 2-3 ड्रेस रख लिए। अगले दिन रोहित बाइक लेकर आया.. तो मम्मी ने कहा- बाइक से नहीं.. कार से जाना है।

रोहित ने हमारी कार निकाल ली और हम दोनों चल दिए।

मैंने शर्ट और टॉप डाला हुआ था.. और रोहित ने जीन्स टी-शर्ट पहनी थी।

Antarvasna Koi mil gaya – मेरी चूत का उद्घाटन समारोह

मैं तो किसी और ‘मूड’ में थी.. रोहित मुझे बहुत अजीब तरीके से देख रहा था।

मैंने बोला- क्या हुआ?

वो बोला- तू बहुत क्यूट लग रही है..उसने मेरी किस्सी ले ली।

उसके बाद वो एक दुकान पर रुका.. कोल्डड्रिंक्स और कुछ सामान लेकर आया। सब सामान उसने पीछे की सीट पर रख दिया और एक छोटी सी डिबिया मुझे दी।

मैंने कहा- इसमें क्या है?

वो बोला- देख ले.. तेरे लिए ही लाया हूँ। मैंने उसको खोल कर देखा.. तो उसमें कन्डोम के 2 पैक थे।

मैंने उससे बोला- रोहित यार ये सब क्या है..

मैं यह कह कर हंसने लगी।

हम चलते रहे.. उसने मुझे बहुत कुछ बताया कि कब से वो मुझे चाहता है और उसने कैसे स्कूल वाली सारी तैयारी की थी..

वो बहुत स्मार्ट निकला.. मैं ये सब नहीं जानती थी।

चलते हुए मैंने रोहित को बोला- यार वॉशरूम जाने की लग रही है।

वो बोला- यहाँ सब खुला है.. कहीं भी कर लो।

Antarvasna Koi Mil Gaya – पड़ोसवाली मामी को चोदा

मैंने मना कर दिया.. लेकिन बहुत जोरों से आई थी.. क्या करती.. रुकना पड़ा।

मैं एक टीले नुमा पहाड़ी देख कर उधर गाड़ी को रुकवा कर बाहर आई और टीले की आड़ में थोड़ा ऊपर को गई।

मैंने देखा कि वहाँ कोई नहीं था.. सो मैंने सूसू कर ली..

ऐसा खुले में करना बहुत अजीब सा था.. लेकिन क्या करती..

अब जो होने वाला था.. उसका मुझे बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था।

मैं जैसे ही उठी.. रोहित मेरे ठीक पीछे खड़ा हुआ था। यार उस वक्त तो मैं एकदम से बहुत डर गई। सोचा पता नहीं कौन है..

लेकिन जब देखा कि रोहित है तो मैं सम्भल गई।

वो बोला- रागिनी तेरी पैन्टी बहुत अच्छी है।

मैंने बहुत पतली डोरी वाली पैन्टी डाली हुई थी।

उसने मेरे सामने अपनी पैंट उतार दी और अपना लण्ड बाहर निकाल कर सूसू करने लगा।

करने के बाद बोला- यार, तू रुक मैं आता हूँ।

उसके हाथ में पानी की बोतल और टिश्यू पेपर का बॉक्स था।

मैं समझी नहीं कि वो करना क्या चाहता है।

वो सीधा मेरे पास आया और बोला रागिनी एक बार हो जाए।

मैंने बोला- पागल है.. यहाँ खुले में?

बोला- कोई नहीं आएगा यार.. जल्दी कर.. मेरा लण्ड बहुत टाइट हो रहा है.. मुझे पता है तू स्कर्ट क्यों डाल कर आई है.. चल अब जल्दी से चूस ले मेरी जान!

Antarvasna Koi Mil Gaya – सुहागरात की कहानी मेरी जुबानी

अब मैं क्या करती.. उसने अपना लण्ड और मेरी चूत पानी से साफ़ की और कूद पड़े।

वो पैर चौड़े करके पेड़ से टिक कर खड़ा हो गया और मुझे नीचे बिठा कर अपना लण्ड मेरे मुँह के आगे कर दिया।

मैंने लण्ड को सिर्फ चुम्मा किया था.. उसने अन्दर लेने को कहा। अब तक लण्ड को चूसने का ये पहला अवसर था.. सो मैंने मना कर दिया.. लेकिन वो नहीं माना और वो मेरे मुँह में अपना मूसल डालने लगा।

बहुत मुझे उल्टी आने लगी.. तो वो रुक गया.. फिर मैंने उसको हाथ से हिलाना चालू किया।

तभी उसने कन्डोम निकाला और लण्ड पर लगाने के लिए मुझे दिया।

मैंने कहा- रोहित यहाँ कोई देख लेगा। लेकिन वो नहीं माना।

मैंने लण्ड पर कन्डोम चढ़ा दिया।

अब रोहित बोला- देख रागिनी तेरा पसन्दीदा खुश्बू वाला कन्डोम है.. अब चूस ले।

मैंने अब उसके खड़े लौड़े को बड़े आराम से मुँह में ले लिया। मुझे अब कोई दिक्कत नहीं थी, मैंने लण्ड को चूस-चूस कर और मोटा कर दिया।

अब वो बोला- रागिनी तू पेड़ को पकड़ कर घोड़ी बन जा.. मैं तेरे पीछे से आता हूँ।

मैं मान गई.. और पेड़ को पकड़ कर थोड़ा झुक कर खड़ी हो गई।

उसने मेरी स्कर्ट को ऊपर किया.. मेरी पैन्टी को नीचे किया और बोला- रागिनी तू नाटक कर रही थी साली… तेरी चूत तो बिल्कुल गीली हुई पड़ी है।

मैंने कहा- अब बात मत कर रोहित.. जल्दी कर..

Antarvasna Koi Mil Gaya – चाची की रसीली चूत और मेरा कड़क लंड

तो उसने पीछे से अपना लण्ड मेरी चूत पर रखा और अन्दर डालने लगा।

मुझे थोड़ा दर्द हुआ.. लेकिन थोड़ी देर में उसका आधे से ज्यादा लण्ड मेरी चूत को चीरता हुआ घुस चुका था।

उसने मेरी टी-शर्ट ऊपर की और मेरी ब्रा उतार दी। मुझे लगा आज अगर किसी ने मुझे इस हालत में देख लिया तो गजब हो जाएगा। मैं डर रही थी.. लेकिन रोहित को तो बस चुदाई दिख रही थी।

रोहित ने अपना लण्ड थोड़ा सा बाहर निकाला और पूरी रफ़्तार से एक झटके में अपना पूरा मूसल मेरी चूत में डाल दिया।

उस समय मेरी आँखें भी बाहर आ गई थीं।

वो तेज़-तेज़ चुदाई कर रहा था, कुछ ही मिनट की चुदाई में मैं दो बार झड़ चुकी थी।

अब रोहित अपना पूरा ज़ोर लगा रहा था.. और 5 मिनट बाद उसने मेरी चूत में अपना पानी छोड़ दिया।

फिर उसने अपना लण्ड निकाला.. वो बोला- आज तू पूरी तरह से खुल गई है।

वो मुझे किस करने लगा.. मैं भी उसकी बांहों में सिमट गई।

फिर हम दोनों ने अपने कपड़े सही किए और कार में आकर थोड़ा आराम किया।

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शिमला में चुदाई https://sexstories.one/shimla-me-chudai/ Fri, 27 Mar 2020 22:35:04 +0000 https://sexstories.one/?p=507 दोस्तो, मेरा नाम अनन्या है, मैं शिमला की रहने वाली हूँ। मैं अभी 21 साल की हूँ, रंग गोरा, बदन कच्चा एवं गठीला तथा साईज 34-28-36 है। बात कुछ समय पहले की है जब मैं बी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तो, मेरा नाम अनन्या है, मैं शिमला की रहने वाली हूँ। मैं अभी 21 साल की हूँ, रंग गोरा, बदन कच्चा एवं गठीला तथा साईज 34-28-36 है। बात कुछ समय पहले की है जब मैं बी एस सी प्रथम वर्ष में थी। मैं इंटरनेट का बहुत प्रयोग करती थी, दिन भर व्हाटस एप और फेसबुक पर लगी रहती थी।

आज भी मैं अश्लील साइटें देख लेती हूँ।वैसे मैं बहुत ही कामुक लड़की हूँ।

मैं व्हाटस एप पर लोगों से सेक्स चैट करती थी और अब भी करती हूँ।

एक दिन एक मैसेज आया- हेलो!

मैंने कोई जवाब नहीं दिया।

पर उसके रोज मैसेज आने लगे तो मैंने एक दिन जवाब दिया- हाई…

वो- धन्यवाद जी

मैं- क्यों?

वो- आपने रिप्लाई किया इसलिए… आपका नाम क्या है?

मैं- अनन्या!

वो- मैं अखिल, आप कहाँ से हो?

Antarvasna Sex Stories in Hindi – सुहागरात की कहानी मेरी जुबानी

मैं- शिमला से, पर आपको मेरा नम्बर कहाँ से मिला?

वो- मेरे दोस्त ने दिया, पर नाम नहीं बता सकता!

मैं- ओके

वो- क्या आप मेरे साथ सेक्स चैट कर सकती हैं?

मैं- नहीं!

वो- मैं आपको पैसे दे सकता हूँ सेक्स चैट करने के!

मैं- ओके

इस तरह उसने मुझे पैसे भेज दिये और हम सेक्स चेट करने लग गये।

तब मुझे पता चला कि वो राहुल (ज़िससे मैं सेक्स चैट करती थी) का दोस्त है।

हम दोनों रोज रात को बातें करते, एक दूसरे को अपनी फोटो भेजते थे।

मैं भी उसे पसंद करने लगी थी, जब वो बातें करता तो मेरी पेंटी गीली हो जाती थी, मैं उसके साथ रातें रंगीन करना चाहती थी पर चाहती थी कि पहल वो करे।

और एक दिन चैट पर…

अखिल- अनन्या, क्या हम मिल सकते हैं?

मैं- पर आप तो जयपुर से हो!

अखिल- मैं शिमला आ जाऊँगा!

मैं- नहीं!

मैंने चाहते हुए भी मना कर दिया।

अखिल- प्लीज अनन्या, एक बार!

वो मुझे मनाने लगा।

मैं मान गई और हाँ कर दी, अगले दिन मिलने का प्लान कर लिया।

मैंने उसे फोन पर बता दिया कि हम पार्क में मिलेंगे।

अगले दिन रविवार था तो मैं मम्मी से सहेली के घर जाने की बोल कर घर से निकल गई और वो रात को ही शिमला के लिए रवाना हो गया था।

11 बजे हम दोनों पार्क में मिले, वो मुझे देख कर मुस्कुराया और मैं भी दिल की धड़कन को काबू में रख कर मुस्कुरा दी।

हम पार्क की बैंच पर बैठ कर बात करने लगे।

Antarvasna Sex Stories in Hindi – नौकरी के जुगाड़ में मिली छोकरी

मैंने गौर किया कि उसके चेहरे और आँखों में एक रौनक थी.. ऐसी जैसे वो मुझे देख कर ना जाने कितना खुश है।

हम दोनों आपस में बात करने लगे… वो मेरी जांघों को अपने हाथों से सहला रहा था, मेरा भी रोम रोम उत्तेजित हुए जा रहा था, और तभी अचानक उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होंटों को चूमने लगा।

मैं भी यही चाहती थी तो मैं भी उसको चूमने लगी।

फिर याद आया कि हम तो पार्क में है तो मैंने उसको अपने से अलग किया और कहा- यहाँ नहीं।

वो बोला- चलो होटल चलते हैं।

और हम होटल आ गए।

दिल में अजीब एहसास था… एक तो चुदाई के लिए मेरी चूत मचल रही थी और ऊपर से लोग मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे मैं नंगी ही होटल में आई हूँ।

खैर हम अपने कमरे में आ गये।

वो बोला- कुछ खाना है तुम्हें?

मैं- नहीं तुम खा लो!

वो बोला- मेरा तो कुछ और ही खाने का मन है!और अपना हाथ मेरी कमर पर रख दिया।

उसके हाथ में एक अलग ही जादू था, उसके स्पर्श करते ही नाभि के पास एक अजीब सी गुदगुदाहट हुई और ऐसा लगा जैसे मेरी योनि में जाकर खत्म हो गई।

Antarvasna Sex Stories in Hindi – सहेली की चुत में पति का लंड

वो बोला- कितने समय रूकोगी?कहते हुए मुझे बाँहों में भर लिया।

मैंने कहा- मुझे शाम तक जाना है।

यह सुनते ही उसने मेरे होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा।मैं भी उसका पूरा साथ देने लगी।वो कभी होंठों को हल्का सा काट लेता था।

वो मुझे लगातार चूमे जा रहा था, कभी होंठ, कभी वक्ष तो कभी गर्दन पर चुम्बन लेते हुए प्यार से मेरी नाभि को सहला रहा था और मैं उसके इस कामुक स्पर्श से मदहोश हुए जा रही थी।

उसने मेरे टॉप के अन्दर हाथ डाल कर मेरी चूचियाँ दबानी शुरू की।गजब का अहसास था वो…!!

फिर उसने मेरे टॉप से हाथ निकाल कर मेरी जाँघों को सहलाना शुरू कर दिया।मैं भी उसकी शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर उसके सीने को सहला रही थी।

वो सहलाते हुए मेरी जांघों से मेरी चूत की तरफ बढ़ गया।उस एहसास से मेरी मक्खन जैसी चिकनी चूत ने अपना कामरस छोड़ दिया था।

मैं पूरी मदहोश हो चुकी थी, मेरी गीली चूत लन्ड को निगलने के लिए बेताब थी।

मैंने कहा- अखिल, आज मुझे इतना चोदो कि मुझे ये चुदाई हमेशा याद रहे।

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दो सहेलियां https://sexstories.one/do-saheliyaan/ Fri, 27 Mar 2020 10:26:31 +0000 https://sexstories.one/?p=503 अदिति की जुबानी मैं आपके सामने अपनी 34-28-36 की फिगर का एक नायाब धमाका एक ऐसी स्टोरी के माध्यम से करने जा रही हूँ जो आपकी पेंट को गीला कर देगा। बात गर्मियों के मौसम ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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अदिति की जुबानी मैं आपके सामने अपनी 34-28-36 की फिगर का एक नायाब धमाका एक ऐसी स्टोरी के माध्यम से करने जा रही हूँ जो आपकी पेंट को गीला कर देगा।

बात गर्मियों के मौसम की है.. जब मैं अपने आपको खीरे मूली से ठंडा करती थी। मेरा एक फ्रेंड था राज.. जो मेरे लिए अपने मन में सेक्स की भावना रखता था।

मुझे यह बात पता थी क्योंकि वो हमेशा मुझे भूखी-नंगी नज़रों से देखता था।

वो बहुत स्मार्ट भी था और थोड़ा हैण्डसम भी था.. और मुझे भी पता नहीं क्यों उसका मुझपे ऐसी नज़रों से देख़ना अच्छा लगता था, मैं उसके सामने जितना एक्सपोज़ कर पाती थी.. करती थी पर वो मुझे कभी छूता नहीं था और उसके सामने मेरी सारी कोशिशें बेकार रह जाती थीं। जबकि मेरी नर्म चिकनी चूत की गर्मी को किसी के लंड की बहुत ज़रूरत थी।

Antarvasna Samuhik Chudai kahani – पडोसी से चुत चुदवाई

मैंने एक प्लान बनाने का सोचा और मुझे पता था कि अगले हफ्ते मेरे घर वाले सब बाहर जा रहे हैं और मेरे एग्जाम की वजह से मुझे कोई नहीं ले जाएगा।मैंने राज को स्कूल में बोल दिया था कि अगले हफ्ते 2 दिन फ्री रहना.. तुम और मैं मेरे घर पर पढ़ाई करेंगे।

पर मुझे उसका जवाब सुन कर लगा कि वो शायद ही आएगा। फिर भी मुझे कुछ तो करना था इसलिए मैंने अपनी सहेली बीना को भी बोल दिया- तू पढ़ाई के बहाने मेरे घर आ जाना और हम मज़े करेंगे और ब्लू फिल्म्स देखेंगे।

आख़िर वो दिन आ ही गया और घर से मम्मी-पापा.. दीदी.. सब दो दिन के लिए दिल्ली चले गए। अब मैं घर पर अकेली थी.. तो मैंने राज को फोन किया।

वो बोला- ठीक है.. मैं आ रहा हूँ।

मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।

मैं पागल हो रही थी, तो मैं जल्दी से नहा कर नंगी ही बैठ गई और चैन नहीं पड़ा तो मैं पूरे घर में नंगी ही घूमने लगी। फिर मैंने सोचा एक बार कुछ पहन ही लेती हूँ। मैंने अपने कमरे में जाकर पेंटी और इनर पहन लिया, नीचे पापा का बॉक्सर पहन लिया और ऊपर एक टाइट टी-शर्ट पहन कर राज का वेट करने लगी।

कुछ देर बाद घन्टी बजी.. तो मैं खुश हो गई और गेट खोला तो देखा गेट पर बीना थी, मैंने देखा कि उसके हाथ में डिल्डो और ब्लू-फिल्म्स की सीडी थी। वो मुझे ऊपर से नीचे तक देख कर मेरे मम्मों पर हाथ फेरते हुए बोली- आज क्या बात है?

मैंने उससे कहा- राज आ रहा है।

तो वो बोली- तुझे अकेले मज़ा नहीं लेने दूँगी.. मैं भी साथ चुदूँगी।

तो मैं उसे मना नहीं कर पाई। उसका 36-30-38 का फिगर तो मुझसे भी ज्यादा अच्छा था, मैंने कहा- ठीक है।

उसने जीन्स ब्रा और एक कट स्लीव्स का ढीला सा टॉप पहना हुआ था।

हम दोनों ने प्लेयर में सीडी लगाई और सोफे पर एक-दूसरे के ऊपर लेट कर बुरी तरह चूमा-चाटी चालू कर दी।

इतने में घर की फिर से बेल बजी.. तो मैं समझ गई कि राज ही होगा।

Antarvasna Samuhik Chudai kahani – ससुर ने गांड मारी बरसात में

मैंने बीना को कहा- डीवीडी प्लेयर ऑफ कर दे.. पर सीडी मत निकालना और सोफे पर ढंग से बैठ जा।

अब मैंने गेट खोला तो देखा राज खड़ा था, वो आज बहुत मस्त लग रहा था।मैंने उसे अन्दर बुलाया और बिठाया।

वो बीना को वहाँ देख कर परेशान सा हो गया.. पर फिर हम तीनों साथ में पढ़ने लगे। मैंने बीना को देखा और कहा- थोड़ी देर टीवी देखते हैं।

हम तीनों सोफे पर बैठ गए और टीवी ऑन कर दिया। बीना ने डीवीडी प्लेयर ऑन किया और हम बैठे-बैठे बातें कर रहे थे। हम दोनों ने राज को बीच में बिठा लिया था इससे राज को भी मज़ा आ रहा था।

इतने में बीना ने रिमोट से टीवी मोड की जगह डीवीडी मोड सिलेक्ट कर दिया और ब्लू-फिल्म चालू हो गई।

राज देख कर चौंक कर रह गया.. पर वो कुछ नहीं बोला और थोड़ा शर्मा गया।

मूवी में 4 लड़के एक लड़की को बुरी तरह चोद रहे थे। हम तीनों कामुकता से देखने लगे।अब ये सब देख कर राज भी पागल हो रहा था।

मैं उठी और राज की गोद में बैठ गई.. जैसे वो भी सोफा हो। मेरे पैर उसके पैर पर.. मेरी गांड उसके लंड पर और मेरी कमर उसके सीने पर थी, उसका सर मेरे कंधों पर टिका था।

वो कुछ नहीं बोला.. पर उसका लंड मेरी गांड के आगे चूत के एकदम पास खड़ा हो रहा था। अब उसने मुझे पीछे से चूमना चालू कर दिया और पागलों की तरह अपनी जीभ निकाल कर मेरे गले.. कंधे.. सबको चाटने लगा।

बीना ये सब देख कर उठी और अपनी जीन्स और टॉप उतार कर और अपने आपको मसलने लगी।

Antarvasna Samuhik Chudai kahani – पति के भतीजे और एक पंजाबी से चुदवाया

राज ने आगे से अपना हाथ मेरे टॉप के अन्दर डाला और मेरे बोबे मसलने लगा। तब तक बीना ने अपनी ब्रा भी उतार दी मैंने देखा कि वो साली तो बिना पैन्टी के ही आई थी।

अब बीना मेरे ऊपर चढ़ गई और उसने अपने चूचे मेरे मुँह में डाल दिए और अपने हाथ मेरी कमर से ले जाकर बॉक्सर के अन्दर मेरी चूत में उंगली करने लगी।

राज सोफे पर बैठा हुआ था और मैं भी उस पर लेटी हुई सी थी, बीना मेरे दूधों से चिपकी हुई बैठी थी, हम तीनों पागलों की तरह एक-दूसरे को चाट चूम रहे थे।

फिर बीना ने अपने पैर राज की कमर पर कस कर लपेट लिए और मैं दोनों के बीच में फंस सी गई। कमरे का पंखा चल रहा था.. फ़िर भी हम तीनों पसीने से तर-बतर हो चुके थे, पहले ही गर्मी का मौसम था और इस पर हम बहुत अधिक गर्म हो चुके थे।

राज मुझे पीछे से चाट रहा था और मेरे मम्मों को दबा रहा था। बीना मेरी चूत के बाल और चूत को सहला रही थी। मैं भी बीना के मम्मों को चूस रही थी।

तभी मैंने अपने हाथ राज की पैन्ट पर रखा और उसके लंड को सहलाने लगी.. उसे मज़ा आने लगा।

मैं और बीना ‘अया.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह हाय..’ कर रहे थे।

अब राज और जोश में आ गया और उसने हम दोनों को उठा कर सोफे पर पटक दिया। हम दोनों ने उसकी टी-शर्ट उतारी और उसकी पैन्ट खोल कर उसके अंडरवियर से ही लंड निकाल लिया।

जब मैंने उसका अंडरवियर उतारा तो मैं दंग रह गई। उसका लंड खीरे जैसा लम्बा और मोटा था। हम दोनों खुशी से उसकी गोटियों को सहलाने और चूसने लगे।

उसने अपना लंड बीना के मुँह के अन्दर डाल दिया और मुझे उठा कर सोफे पर पटक कर बेरहमी से मेरे कपड़े खींचते हुए उतारने लगा।

उसने मेरे बॉक्सर को खींच कर उतार फेंका और मेरी पेंटी को मुँह से उतारने लगा, मेरे टॉप को पूरी तरह ऊपर से खींच कर फाड़ दिया।

Antarvasna Samuhik Chudai kahani – भाभी ने चोदना सिखाया

उसका लंड बीना के मुँह को भी बहुत ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था।कुछ ही पलों में उसके सामने मैं पूरी नंगी हो गई थी।

वो बीना के मुख चोदन के कारण झड़ने वाला था। उसने बीना के सर को ज़ोर से अपने लंड पर दबा लिया और एक ‘आह्ह..’ करते हुए झड़ गया।

बीना के मुँह में उसका पूरा माल आ गया और वो साली उस माल को निगल भी गई।

फिर राज ने मुझे उठाया और मुझे चित्त लिटा कर अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा, उसके मोटे लंड से मुझे बहुत दर्द हुआ।
अभी मैं कुछ कह पाती कि तभी उसने एक तेज धक्का मार दिया। मैं चिल्ला उठी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और मेरी चूत से खून निकलने लगा जबकि उसका लंड अभी 2 इंच ही घुसा था।

उसने फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा, मैं ‘उईहही.. आआहह.. माँआ..’ करके चिल्लाने लगी।अगले ही पल उसका पूरा लंड मेरी चूत में अन्दर था।

शायद उसको भी दर्द हुआ और वो मुझे लेकर मेरे ऊपर सोफे पर लेट गया, उसका लंड मेरी चूत के अन्दर ही था। बीना ये सब देख कर अपना डिल्डो अन्दर डाल कर ‘अयायाह.. अया..’ चिल्लाने लगी और राज के बाजू में लेट कर अपने मम्मों को उसकी कमर से रगड़ने लगी।

राज उठा और बीना को आगे खड़ा करके उसकी चूत चाटने लगा। जबकि बीना अपने मुँह में डिल्डो को अन्दर बाहर कर रही थी। राज का लंड मेरी चूत में था और उसने ज़ोर से लंड को मेरी चूत में अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।

मुझे बहुत चोदा.. मैं भी बहुत मज़े से चूत चुदवा रही थी। वो काफी देर तक मुझे चोदने के बाद मेरी चूत में अन्दर ही झड़ गया।

कुछ देर आराम करने के बाद राज उठ कर बीना को चोदने के लिए आगे बढ़ा, उसने बीना को भी काफी देर तक चोदा।

जब बीना चुद रही थी तो मैं बीना के मम्मों को चाट रही थी।उसने बीना के अन्दर भी अपना सारा माल झाड़ दिया।

Antarvasna Samuhik Chudai kahani – पडोसी की बेटी का भोसड़ा

अब हम तीनों एक साथ बाथरूम में जा कर नहाने लगे। इधर राज हम दोनों के मम्मों को चाट रहा था.. चूस रहा था। हम दोनों उसके लंड से खेल रही थीं।

ठंडा पानी हमारा मज़ा और बढ़ा रहा था। हम तीनों लोगों ने 4 घंटे तक खूब चोदम चोदी की, साथ में ब्लू-फिल्म भी देखते रहे।

फिर वो दोनों अगले दिन फिर से आने की कह कर चले गए।
अगले दिन बीना और मैं एक-दूसरे से साथ में एक घंटे नंगे मज़े से खेले और फिर राज और उसके साथ उसके तीन दोस्त भी आ गए।

उन चारों ने हम दोनों को खूब चोदा.. कभी मुँह में लंड डाल कर.. कभी चूत में डाल कर खूब चुदाई हुई। हम सभी ने बहुत मज़े किए और मेरा राज से चुदवाने का सपना भी पूरा हो गया।

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