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]]>अब धीरे-धीरे मुझे भी आदत लग गयी कि बेटा अब मुझे ज़्यादा प्यार करता है। अब वो रात में मेरे साथ सोता था और माँ-माँ कहकर मुझे अपनी बाँहों में भरकर लेटने लगा था। फिर मुझे गड़बड़ लगना तब शुरू हुआ जब वो सिर्फ़ पजामा पहनकर मुझसे चिपक जाया करता था। तब मुझे उसका खड़ा लंड मेरे चूतडों में महसूस होता था, लेकिन में शर्म के मारे कुछ नहीं बोलती थी।
Gaand chudai kahani – कुंवारे लंड की चाहत
फिर इसी तरह से वो रात को मुझ पर चढ़कर सोने लगा। अब में रोज सुबह देखती थी कि उसका पजामा गंदा हुआ रहता था। अब मुझे उसके इरादे पता लग गये थे। फिर एक दिन आ ही गया, जब वो मुझे बाँहो में दबोच रहा था। अब में उसके हाथ हटाने लगी थी और वो माँ-माँ बोलता रहा और में हट बेटा, हट बेटा बोलती रही। फिर अचानक से वो मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरा सिर पकड़ा और मेरे मुँह को अपने मुँह से बंद कर दिया, मैंने ऐसा पहले कभी नहीं किया था। फिर उसने मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी। अब में उसके बाल खींचकर हटाने लगी थी, लेकिन वो 1 मिनट तक मेरा मुँह चूसता ही रहा। फिर में हटकर झट से भागी और शीशे के सामने खड़ी हो गयी। अब मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी। फिर मैंने देखा कि मेरे पेटीकोट पर नाड़े के नीचे कुछ गीला-गीला सा लगा हुआ था। अब उस समय में अचंभे से सोच नहीं पाई थी कि वो क्या था।
फिर में डरी हुई कुछ देर के बाद वापस कमरे में आई, लेकिन बेड पर आने से डर रही थी। तब बेटा बोला कि माँ में तो बस मज़ाक कर रहा था, माफ कर दे, वो गलती से हो गया, ले में तेरे से दूर होकर सोता हूँ। अब मेरा मुँह खुल नहीं रहा था, लेकिन में आराम से बेड पर आकर सो गयी थी। अब अगले दिन बेटा सुबह से ही बाहर गया था। तब में दिनभर यही सोचती रही कि मेरा अपना बेटा मुझे चोदना चाहता है, अब में डरी हुई थी। फिर रात को बेटा आया। अब वो पूरा पिये हुए था। अब मेरे पति ने उसे देख लिया था और मारकर घर से बाहर निकाल दिया और पास वाले भूसे के ढेर में बंद कर दिया था और बोले कि जब उतरे तब ही अंदर आना।
Gaand chudai kahani – चूत में डालो मै सह लुंगी
फिर में ममता से पानी लेकर वहाँ गयी। अब वो भूसे में पड़ा हुआ था। फिर मैंने उसे पानी पिलाया और अब वो बच्चो की तरह मेरी गोद में अपना सिर रखकर सोने लगा था। अब मेरी ममता फूट गयी थी और में रोकर उसे चूमने लगी थी। तभी अचानक से वो उठा और उसने ढेर का दरवाजा बंद कर दिया और मेरी तरफ मुस्कुराकर एक-एक करके अपने कपड़े उतारने लगा था। अब में डर से काँपने लगी थी, तो तभी मेरे नंगे बेटे ने मुझ पर छलाँग लगा दी और मेरा मुँह अपनी टी-शर्ट से बंद कर दिया था। अब इससे पहले की में चिल्ला पाती, उसने मेरे हाथ जकड़कर पकड़ लिए और मेरी साड़ी ऊपर उठा दी थी। अब में रो और चिल्ला रही थी, लेकिन वो रुकने को तैयार नहीं था। अब उसके मुँह से तेज शराब की बदबू आ रही थी।
अब में झटके मारने लगी थी तो तब उसने अपने दातों से मेरे कान की बाली खींचकर उतार डाली और मेरा ब्लाउज फाड़ दिया। तो में दर्द से कराहकर तिलमिला उठी, तो तभी मुझे अहसास हुआ की उसका लंड मेरी चूत में जा चुका है। फिर उसने मेरी दूसरी बाली भी ऐसे ही उतार दी और मुझे ज़ोर-ज़ोर के झटके मारकर चोदने लगा था। फिर वो मेरी चूड़ियाँ तोड़ता गया और मुझे चोदता गया और फिर आख़िरकार उसने अपना बीज मेरी कोख में बो डाला।
Gaand chudai kahani – ममेरी बहन के साथ रंगरलियां
फिर में पड़ी-पड़ी रोती रही और अब उसने मेरे सारे कपड़े फाड़ दिए थे और मुझे रातभर चोदता रहा और फिर उसने मुझे पलटकर मेरी गांड भी खूब मारी। अब उसके वीर्य से मेरे चूतड़ तर थे, लेकिन वो मेरी गांड मारता रहा। फिर मेरे बेटे ने रातभर बेरहमी से मुझे चोदा ।
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]]>प्रमे बीकानेर में सरकारी नौकरी में है।
आकांक्षा (अनीता का घर का नाम) गृहणी है, उसकी आँखें बड़ी बड़ी हैं, उसके चूचे भी बड़े और कूल्हे बाहर को निकले हुए हैं, कद 5’3″ का होगा, उसे बन संवर कर रहना अच्छा लगता है।
Sali ki chudai – चूत का जुगाड़
मेरी उस पर नज़र पहले दिन से ही थी, वो भी मुझे जब भी मिलती तो मजाक करती हुई एक आँख दबा देती थी।
‘उम्म्माआ…’ क्या मस्त लगती थी उस समय वो! पूछो मत… मुझे अंदर तक जला देती थी।
वो अक्सर, जब भी हम अकेले होते, तो सेक्स को लेकर मजाक कर लेती थी!
मैं उसे भाभीजी कह कर ही बुलाता था।
एक बार मैं किसी काम से बीकानेर गया हुआ था तो मैंने उसके लिए काफी सुपारी ले ली थी, हमारे सोनी समाज में सुपारी ज़रूरी होती है!
जब मैं पहुँचा तो सुबह के 10 बज रहे थे, मेरे साले साहब अपनी नौकरी पर जा चुके थे, उनका 7 साल का लड़का स्कूल जा चुका था और भाभीजी जी घर पर अकेली थी!
Sali ki chudai – ऑफिस के लड़के मारी मेरी चूत
जैसे ही मैं पहुँचा, उन्होंने अभिवादन किया और मेरी उम्मीद से बढ़ कर उन्होंने हाथ भी मिलाया जो पहले कभी नहीं हुआ था।
वो अभी भी नाइट सूट में थी, क्या गजब का माल लग रही थी!
उसके बाद हम अंदर आये उन्होंने चाय बनाई और जैसे ही मेरे सोफे के सामने झुकी, उनके नाईटी का गला बड़ा होने के कारण उनके दूधिया, सफेद सिल्की उरोजों के दर्शन हो गए… आआह्ह्ह्ह मज़ा आ गया!
ब्रा भी नहीं पहनी थी…
उनके बांयें स्तन पर काला तिल बहुत जँच रहा था।
मेरे लिंग ने तम्बू बनाना शुरू कर दिया था!
Sali ki chudai – भाभी का प्यार
‘वाह्ह्ह… क्या बात है!’ अचानक मेरे मुँह से निकल गया और आकांक्षा ने भी नोटिस कर लिया था, वो झट से सीधी हो गई, उसके चेहरे पर गुस्से और शर्म की लाली दिख रही थी।
यह देख कर मैं सकपका गया और लिंग का तम्बू ऐसे हो गया जैसे किसी ने गुब्बारे की हवा निकाल दी हो !!
फ़िर मैं हिम्मत करके बोला- भाभी जी, आपकी चाय की महक पहले ही नशा कर देती है।
मेरा तीर निशाने पर लगा और वो मुस्कुरा उठी।वैसे भी तारीफ किसी भी महिला को खुश करने का अचूक हथियार है।
वो खुश होकर बोली- तो लाईये मेरी सुपारी…
मैंने चाय पीते हुए कहा- ढूँढ लो खुद ही!
और दोनों मुस्कुरा दिये !
चाय पीने के बाद मैं बोला- भाभी जी, मेरा नहाने का इंतजाम कर दीजिए!
Sali ki chudai – मसाज़ वाले से चुद गयी
तो वो बोली- अभी रहने दो जीज्जु जी (वो मुझे हमेशा इसी नाम से बुलाती है) पहले मैं नहा लूँ, नहीं तो पता नहीं क्या गड़बड़ हो जाये!और मुस्कुराती हुई बाथरूम में चली गई!
मैं समझ गया था कि उसने ऐसा क्यों बोला पर यह नहीं समझ पाया कि वो क्या चाहती है!
जब वो नहा रही थी तो मैं भी पहुँच गया बाथरूम के पास, पर कोई छेद नज़र नहीं आया देखने के लिए, मैं निराश मन से वापिस लौट रहा था कि दरवाजा खुला और वो बाहर निकली, साथ ही मेरा भी मुँह खुल रह गया !
वो सिर्फ ब्लाउज पेटिकोट में थी, खुले गीले बाल थे, गरदन से थोड़ा सा ही नीचे तक स्टेप कटिंग रखती है वो !
गहरा गला उसकी काली ब्रा को छुपा नहीं पा रहा था, सफेद रंग पर कली ब्रा और रॉयल ब्ल्यू ब्लाउज कहर ढा रहा था।
पेटिकोट मैरून रंग का था जो नाभि से काफी नीचे बँधा हुआ था।
Sali ki chudai – सेक्सी मंजू को रसीली चुत
‘उम्म्म्माआ…’ उसका दूधिया पेट, चिकनी, भरी हुई कमर थी ! पेट थोड़ा सा बढ़ा हुआ था पर ज्यादा नहीं था!
बहुत ही गदराया सा बदन था उसका, बहुत ही आकर्षित लग रहा था!
उसके बालों से पानी टपक कर उसके बदन को भिगो रहा था… साथ ही मैं अंदर तक भीगा महसूस कर रहा था, मेरी तो सारी थकान उतर गई!
सलहज भाभी एकदम बोली- क्या देख रहे हो जीज्जु?
मैं चौंक कर बोला- कुछ नहीं!
और वो पास से अपने बदन की खुशबू बिखेरती निकल गई।
अब मैंने उसका पिछवाड़ा देखा, यह मेरे लिए झटके जैसा था क्योंकि आज तक मैंने उसे इस तरह सपनो में ही देखा था, बाहर को निकले गोल मटोल चूतड़, ऊपर से वो चलते हुए ऐसे मटका रही थी कि बस इसे देखते ही जिंदगी गुजर जाये!
Sali ki chudai – पंजाबन लड़की की चुदाई
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]]>मैं अमित भिलाई छतीसगढ़ का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 22 साल है! मैं दिखने में सिंपल हूँ! मैं अपने घर में सबसे छोटा हूँ. इस वजह से सबका लाड़ला हूँ! मेरे बड़े भाई और पापा सरकारी सर्विस में हैं!
बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके घर पर ही रहता था! चूंकि पापा और भैया सरकारी सर्विस में हैं तो वे सुबह से ही जॉब पर चले जाते थे. घर पर मम्मी और मैं ही रह जाते थे! तो हुआ यूं कि एक रात में 10 बजे मेरे दोस्त की कॉल आई तो उससे बात करते:-करते मैं छत पर चला गया!
Meri biwi ki chudai – सेक्सी मंजू को रसीली चुत
मेरे घर के सामने एक भाभी रहती हैं. जिनका नाम स्वाति है! भाभी के बारे में कुछ बता देना चाहता हूँ! भाभी की शादी को 2 साल हो गए हैं. लेकिन उनको अब तक एक भी बच्चा नहीं हुआ है.. क्योंकि उनके पति शराबी हैं!
मैंने देखा कि भाभी उस वक्त बरामदे में अपने कपड़े चेंज कर रही थीं! वो सोने से पहले नाइटी पहनती हैं सो इस समय वो अपने घर के बरामदे में साड़ी खोल रही थीं! चूंकि रात हो चुकी थी.. इस कारण वो बेफिकर हो कर साड़ी खोल रही थीं!
सबसे पहले उन्होंने अपना पल्लू नीचे किया.. जिससे उनके स्तन दिखाई दिए!
ये देखते ही मैंने दोस्त को बोला:- तू फोन रख.. मैं तुझे सुबह कॉल करता हूँ!
उसके बाद भाभी ने पूरी साड़ी को शरीर से अलग कर दिया.. उसके बाद उन्होंने ब्लाउज खोला और ब्रा निकालने लगीं!
अब मुझे उनकी चूचियाँ दिखाई दे गईं. भाभी की तनी हुई चूचियां देखते ही मेरे तो होश उड़ गए!
उसके बाद भाभी ने पेंटी भी निकाल दी और नाइटी पहन ली!
ये सब देख कर मैं बहुत उत्तेजित हो चुका था सो मैंने बाथरूम में जा के मुठ मारी!
इस घटना के बाद मेरे दिमाग में उथल:-पुथल होना शुरू हो गई! जिस भाभी के लिए मेरे दिमाग में कोई बुरे विचार नहीं थे. मैं उनके बारे में सोचने लगा! मेरी आँखों से नींद गायब हो गई थी.. मुझे करीब सुबह के समय नींद लगी!
अब मैं डेली रात में छत में जाकर ये सब देखने लगा और मुठ मार कर सो जाता था!
एक दिन घर की बेल बजी.. जाकर देखा तो वही भाभी थीं!
मैंने कहा:- आइए भाभी!
भाभी:- आंटी कहाँ हैं?
मैं:- मम्मी तो मामा के यहाँ गई हैं. आपको कुछ काम था?
भाभी:- नमक चाहिए था!
मैं रसोई में जा कर नमक का डब्बा ले आया और भाभी को दे दिया!
भाभी फिर दूसरे दिन नमक वापिस करने के लिए आईं!
मैंने कहा:- इसकी क्या ज़रूरत थी.. एक पड़ोसी ही दूसरे पड़ोसी के काम आता है!
Biwi ki chudai – शिमला में चुदाई
भाभी नहीं मानी और नमक वापिस करके चली गईं!
इसके बाद एक रात भाभी जब भाभी नाइटी पहन रही थीं तो तब भाभी ने मुझे ये सब देखते हुआ देख लिया! मेरे तो होश उड़ गए. मैं सोचने लगा कि कहीं भाभी मम्मी से मेरी शिकायत ना कर दें! मैं अपने रूम में जा कर सो गया.. पर पूरी रात मुझे नींद नहीं आई!
इस घटना के 5 दिन बाद जब पापा और भैया जॉब पर चले गए थे तब भाभी घर पे आईं!
चूंकि मेरी मम्मी मामा के यहाँ से नहीं आई थीं. इस कारण मैं घर पर अकेला था!
भाभी को देखते ही मैंने सॉरी बोला और रोने लगा!
भाभी ने मुझे रोते देख कर चुप कराया और कहा:- इस उम्र में ये सब होता रहता है.. और तुमने ही तो कहा था कि एक पड़ोसी ही दूसरे पड़ोसी के काम आता है!
उनकी यह बात सुनकर मेरे दिमाग में कुछ हलचल हुई!
मैंने कहा:- क्या मतलब?
तब भाभी ने बताया:- मेरे पति शराबी हैं जिसके कारण मैं माँ नहीं बन पा रही हूँ! मेरे ससुराल वाले मुझे ताना मारते हैं! इसमें तुम मेरी मदद कर सकते हो!
मैंने कहा:- ये ग़लत है.. आप मेरी भाभी हो!
तब भाभी ने मेरे गले लगते हुए मुझसे कहा:- प्लीज़ मुझे माँ बना दो!
मैंने कहा:- मुझे सोचने के लिए समय चाहिए!
मेरे दिमाग में चल रहा था कि मैंने भाभी के साथ सेक्स किया तो इसके पति को शक हो जाएगा तो कहीं कोई लफड़ा न हो जाए!
भाभी ने मुझे 2 दिन दिए!
दो दिन बाद भाभी मुझसे उत्तर पूछने आईं तो मैंने कहा:- भाभी आपके पति तो नपुंसक हैं.. अगर मैं आपको प्रेग्नेंट कर दूँगा तो भैया को पता चल जाएगा कि आपका किसी से अवैध संबंध है!
तब भाभी ने जो कुछ कहा उसे सुनकर मेरे होश उड़ गए!
भाभी ने बताया कि बरामदे में साड़ी चेंज करने का आइडिया तुम्हारे भैया का था! उन्होंने ही ये सब प्लान बनाया था.. उन्हें सब पता है!
ये जान कर मैंने कहा:- ठीक है पहले मैं भैया से बात करूँगा.. उसके बाद ही ये सब होगा!
भाभी चली गईं!
Biwi ki chudai – सहेली के जीजू का लंड
उसी दिन दोपहर को भैया मुझसे मिलने आए.. चूंकि दोपहर के वक्त मैं अकेला रहता हूँ!
भैया ने सारी बात बताई और कहा:- मेरी वाइफ को औरत बना दो और मुझे पिता बना दे. तू अपनी भाभी के साथ सेक्स कर सकता है.. लेकिन इसके बारे में किसी को भी पता नहीं चलना चाहिए!
मैं भैया की बात सुनने के बाद मान गया.. और मैंने कहा:- कल मेरी मम्मी आने वाली हैं! अगले महीने जब मम्मी मुंबई जाएंगी उसके बाद प्लान बनाते हैं!
यह कहकर मेरे और भैया के बीच भाभी सेक्स की डील हो गई!
उसके बाद मैं डेली भाभी से फोन में बात करता उनके साथ फोन सेक्स चैट का मजा लेता और सेक्सी बातें करता रहता था! साथ ही मैं अपने लंड को सहलाते हुए मम्मी के मुंबई जाने के बचे हुए दिनों की गिनती करता रहता था!
इस तरह वो दिन आ ही गया जिसका मुझे और भाभी को इंतजार था! मैंने भाभी से कहा:- कल मम्मी मुंबई जा रही हैं.. कल से मैं घर पर अकेला हूँ! आप बताओ कुछ घर का माहौल चेंज करना है?
तो भाभी ने कहा:- मुझे जल्दी से जल्दी माँ बनना है.. मुझसे और इन्तजार नहीं होता!
मैंने कहा:- कल से आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी!
मैं मम्मी को सुबह एक्सप्रेस ट्रेन में बैठा कर आ गया! मम्मी मुंबई के लिए चल दीं!
मैं घर आते:-आते मेडिकल स्टोर से कुछ टॅबलेट ले आया! सुबह पापा अपने समय पर जॉब को चल दिए.. अब घर में सिर्फ़ और सिर्फ़ मैं ही था!
मैंने भाभी को फोन करके पूछा:- आप कब तक आ रही हो?
तो भाभी ने कहा:- बस घर का काम खत्म करके एक घंटे में आ जाऊंगी!
मैं नहा:-धोकर भाभी की चुदाई के लिए रेडी हो गया और भाभी का इन्तजार करने लगा!
एक घंटे बाद घर की बेल बजी.. मैं खुश हो गया और दरवाजा खोला. बाहर भाभी सेक्स के लिए आई थीं.. मैंने भाभी से जल्दी से अन्दर आने का कहा और गेट बंद करते ही तुरंत भाभी को गले से लगा लिया और बेतहाशा चूमने लगा!
चूँकि ये मेरा फर्स्ट टाइम था.. मैंने भाभी को सोफे पर गिरा दिया!
भाभी ने कहा:- अरे थोड़ा धीरे करो यार. ऐसे नहीं करते!
मैं उनके होंठों पर किस करने लगा और इस बार तो मेरी किस से उनकी साँसें अटक गईं!
उन्होंने मुझे धक्का दिया और कहा:- तुम्हें कुछ नहीं आता.. किस ऐसे नहीं करते!
उसके बाद जैसा उन्होंने कहा. मैंने वैसा ही किया!
Biwi ki chudai – सरदी की रात आंटी के साथ
सबसे पहले उनके होंठों पर किस किया उसके बाद ऊपर वाले लिप को चूसा.. उसके बाद नीचे वाले लिप को किस किया!
किस क्या कर रहा था मैं तो लगभग काट ही रहा था! भाभी को किस करते हुए कब मेरे हाथ उनके मम्मों पर आ गया. मुझे पता ही नहीं चला!
मेरे होंठ उनके होंठों पर थे.. और हाथ उनके मम्मों पर थे! होंठों से होते हुए मेरे होंठ अब उनके चूचों पर आ गए थे! मैंने उनके पल्लू को हटाया और मम्मों को दबाने लगा!
अब तक हम दोनों की साँसें तेज हो चुकी थीं! मेरा लंड खड़ा हो चुका था! भाभी का हाथ में लंड आ चुका था और मेरा एक हाथ उनके मम्मों पर चल रहा था. मेरा दूसरा हाथ उनकी बुरके ऊपर था!
अब भाभी ने कहा:- चलो रूम में चलते हैं.. इधर हॉल में कोई आ जाएगा तो प्राब्लम हो जाएगी!
हम दोनों मेरे रूम की तरफ चल दिए!
रूम में पहुँचते ही मैंने धीरे:-धीरे उनकी साड़ी को निकलना शुरू किया. अब वो सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में थीं! मैंने भाभी के मम्मों को दबाते हुए उनका ब्लाउज निकाल दिया! उन्होंने पिंक कलर की ब्रा पहनी हुई थी!
मैं पहली बार किसी को इतने पास से और इस तरह देख रहा था!
मैं ब्रा के ऊपर से ही उनके मम्मों मुँह में लेकर चूसने लगा! भाभी ज़ोर:-ज़ोर से सिसकारियां लेने लगीं! इसके बाद मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया.. मेरी इस हरकत से उनकी ब्रा नीचे गिर गई.. जिसके कारण उनका ऊपर का हिस्सा पूरी तरह से नंगा हो गया था!
उन्होंने अपने हाथों से अपने मम्मों को छुपाने की कोशिश की.. मैंने बड़े प्यार से उनके हाथों को उनके मम्मों से हटाया और भाभी को अपने सीने से लगा लिया!
इसके बाद भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया.. इस तरह भाभी ऊपर से पूरी तरह नंगी और नीचे सिर्फ़ पेंटी में ही रह गई थीं!
मैंने फिर से भाभी के मम्मों को दबाना शुरू किया.. तो भाभी ने कहा:- अपने कपड़े नहीं उतारोगे?
तो मैंने कहा:- आप ही उतार दो!
भाभी ने मेरी टी:-शर्ट और लोवर निकाल दिया! मैं सिर्फ़ चड्डी में रह गया था. सामने भाभी सिर्फ पेंटी में थीं!
अब मैंने उनके पूरे जिस्म को किस किया उनके जिस्म का एक भी हिस्सा नहीं छोड़ा! सबसे पहले उनकी गर्दन को किस किया.. उनकी गर्दन से होते हुए उनके मम्मों को चूमा और फिर धीरे:-धीरे नीचे पेट पर आ गया! पेट से होते हुए उनकी जाँघों पर पहुँच गया!
मैंने उनके चिकनी टांगों को पूरी तरह से किस किया! मेरे इस किस के कारण भाभी बहुत उत्तेजित हो गई थीं और बोल रही थीं:- और मत तड़पाओ.. जल्दी से डाल दो!
पर मेरा तो फर्स्ट टाइम था. मैं एक:-एक मोमेंट एंजाय कर रहा था!अब मैंने धीरे से भाभी की पेंटी को निकाल दिया! मुझे उनकी बुरके दीदार हुए.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… भाभी की बुरदेखते ही मैं तो पागल हो गया!
लेकिन मुझसे ज्यादा जल्दी तो भाभी को थी! भाभी सेक्स के लिए मचल रही थी. उन्होंने मेरी चड्डी को फाड़ दिया और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी बुरपर रगड़ने लगीं!
मैंने कहा:- भाभी आप तो इसे अन्दर लेने को एकदम से तैयार हैं! ऐसा कीजिए कि अपनी गांड के नीचे तकिया लगा लीजिए!
उन्होंने गांड के नीचे तकिया लगाया और पोजीशन बनाई. उसके बाद मैंने लंड को उनकी बुरपर रख कर धक्का दे दिया.. पर मेरा लंड उनकी बुरसे फिसल गया!
तब भाभी ने लंड को पकड़ कर अपनी बुरपर रखा और कहा:- अब धक्का मारो!
Meri Biwi ki chudai – ऑफिस में माया की सामूहिक चुदाई
मैंने वैसा ही किया.. इस तरह मेरा लंड अभी भाभी की बुरमें थोड़ा ही अन्दर जा पाया था कि भाभी की चीख निकल गई!
मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया. जिससे उनका चीख दब गई!
अब मैंने थोड़ी देर रुक कर मैंने फिर से ट्राइ किया तो मेरा पूरा लंड उनकी बुरमें घुसता चला गया.. और वो बुरी तरह चीख पड़ीं!
मैंने ऐसे ही शांत पड़ा रहा.. थोड़ी देर बाद मैंने अपने लंड को ऊपर:-नीचे करना शुरू किया! अब भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं! भाभी की साँसें और मेरी साँसें तेज हो गई थीं! मैंने लगभग 15 मिनट भाभी को चोदा और फिर उनकी बुरमें ही झड़ गया. मेरे साथ ही भाभी भी झड़ गईं!
उसके बाद मैंनेने एक बार और भाभी सेक्स किया! फिर भाभी चली गईं!
इस तरह मैंने भाभी के साथ एक महीने तक सेक्स किया और एक दिन उन्होंने मुझे बताया कि वो अब प्रेग्नेंट हो गई हैं!
इसके लिए मुझे धन्यवाद कहा और 10000 रूपए भी दिए! मेरे मना करने पर भी वो नहीं मानी!
पूरे 9 महीने बाद उन्होंने एक सुंदर लड़की को जन्म दिया! जब मैंने अपनी बेबी को पहली बार देखा. तो वो अहसास मैं बयान नहीं कर सकता!
अब भैया का तबादला हो गया है! वो भिलाई छोड़ कर चले गए हैं!
दोस्तो. मैं उम्मीद करता हूँ कि आप लोगों को मेरी भाभी सेक्स की कहानी पसंद आई होगी! मुझे मेल ज़रूर कीजिएगा!
आपका दोस्त अमित
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]]>मेरा रंग थोड़ा सांवला हैं और मेरे लिंग की लंबाई लगभग 5:-6″ होगी क्योंकि मै कभी इसकी नाप नहीं ली।
Koi Mil gaya – Ladki ki chudai kahani – ट्रेनिंग में आयी भाभी की मस्त चुदाई
मैं अपने घर 2:-3 महीने में एक बार ही जा पाता हूँ, तो मार्च के महीने में मुझे कुछ जरूरी काम से घर आना पड़ा, रात की ट्रेन थी प्रयागराज एक्सप्रेस,,, स्लीपर में सोते हुए आया तो मैं लगभग साढ़े चार बजे सुबह अपने घर पहुंचा, सबसे मिला, चाय पी, अब सोने का समय तो था नहीं, मेरा घर नहर के पास में ही है तो मैं घर से बाहर निकल गया टहलने,,, नहर पर जाकर सिगरेट जलाई अब छः बज चुके थे तो बाकी लोग भी टहल रहे थे।
मैं सिगरेट पी ही रहा था की कुछ दूरी पे मुझे एक हसीं सी लड़की आती हुई दिखी। 32:-28:-34 का फिगर होगा, 20:-21 ही ऐज होगी लोअर टी:-शर्ट में वो गज़ब की दिख रही थी। वो भी सैर के लिए निकली थी।
मैं पता नहीं क्यों उसे घूरे जा रहा था।
वो थोड़ा रुकी और सीधा मेरे पास आ गई। मेरी तो गांड फट गई मुझे लगा कि बेटा आज जूते पड़ गए।
पर मेरी तरफ बड़े ध्यान से देखते हुए वो बोली:- अमृता?
तो मै भी उसके चेहरे पर नजर डाली तो देखा कि यह तो मेरी क्लासमेट निशा थी जिसको क्लास में कोई देखता भी नहीं था उसके मोटापे की वजह से,,, पर आज वो बदल चुकी थी, उसका फिगर तो कमाल का हो चुका था, गोरा बदन, नशीली आँखें।। क्या गज़ब का माल बन चुकी थी।
Ladki ki chudai kahani – मसाज़ वाले से चुद गयी
हम दोनों की बात शुरू हुई और बातें करते हुए हम घर से काफी दूर आ गए। धूप चढ़ने लगी थी तो उसने मुझसे वापस चलने को कहा। फिर हमने अपने मोबाईल नंबर एक्सचेंज किये और घर आ गए।
अगले 3 दिनों तक हम ऐसे ही सुबह की सैर पर मिलते रहे।
अगले दिन उसे कहीं जाना था तो उसने मुझसे सुबह जल्दी आने को बोला सैर पर,,, तो मैं चार बजे के आस पास पहुंच गया,,, वहाँ पे सन्नाटा था। 5 मिनट बाद वो भी आ गई, हम दोनों चल दिए।
पर आज वो कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रही थी।
बातों बातों में मै उसे प्रपोज कर दिया तो उसने अपनी वाक स्पीड बढ़ा दी। मै हिम्मत दिखाते हुए उसका हाथ पकड़ लिया तो वो रुक गई। मै उससे जवाब मांगी तो वो बोली:- क्यों? मानसी और स्नेहा नहीं पटी क्या जो मुझे प्रपोज कर रहे हो?
मैं चुप हो गया।
मैं थोड़ा उदास हो गया।
पता नहीं क्यों,,,
उसने मुझे घूरते हुए देखा और किस कर लिया।
मुझे कुछ समझ नहीं आया।
तो उसने बोला:- मैं तुझसे 10वीं से ही प्यार करती हूँ, पर तुमने कभी उन सबसे ध्यान ही नहीं हटाया जो मेरा प्यार समझते!
मै उसे गले लगाकर सॉरी बोला तो वो भी मुझसे चिपक गई। मै उसके होठों पर किस करना चाहा तो उसने रोक दिया और बोली:- कोई देख लेगा!
Ladki ki chudai kahani – भाई ने की जम कर चुदाई
पास में ही एक बिल्डिंग है जो काफी दिनों से बंद पड़ी है। हम वहाँ जाते ही एक दूसरे से चिपक गए और किस करना शुरू कर दिया।
हम एक दूसरे में खोते जा रहे थे, मेरे हाथ उसके मम्मों पर चले गए और दूसरे हाथ से मै उसका लोअर नीचे कर दिया और बुर के दाने को सहलाने लगा।
उसके मुख से मादक आवाजें आने लगी ‘आह ऊह उम्म्ह,,, अहह,,, हय,,, याह,,, ओएह ओ याह,,,’ और उसकी बुर से पानी बहने लगा। उसकी बुर में उंगली डालने से मुझे महसूस हुआ कि वो शायद पहले भी सेक्स कर चुकी थी।
निशा उत्तेजित हो चुकी थी, वो तुरंत मेरा लोअर नीचे करके मेरे लंड को चूसने लगी, मुझे 2 ही मिनट में उसने सातवें आसमान में पंहुचा दिया और मैं उसके मुंह में झड़ गया और वो सब पी गई। अब उसने मैने ही सारे कपड़े उतारे और लेट गई फिर मुझे अपने ऊपर खींचा और मुझे लिप किस करने लगी और हाथों से मेरे लंड को आगे पीछे करके खड़ा कर दिया।
उसके मुंह से अभी भी मादक आवाजें आ रही थी। मै भी देर न करते हुए उसके पैर फैलाये और उसकी बुर पे लंड का टोपा रख कर एक ही झटके में पूरा लंड अंदर कर दिया। उसकी बुर गीली थी तो बिना किसी परेशानी के उसकी बुर में लंड घुसता चला गया।
Ladki ki chudai kahani – ज़रा धीरे से चोदो
अब हम दोनों के मुख से मादक आवाजें आने लगी और वो बोल रही थी:- मादरचोद,,, तुझे मुझसे नहीं, मेरी बुर से प्यार है,,, चोद मादरचोद!
मुझे और जोश बढ़ता जा रहा था,,, उसके मुख से लगातार गालियाँ और मादक आवाजें ‘आह उह आह ओ याह आह आह,,, आह फ़क मी,,, कमीने चोद!’ निकल रही थी।
मै भी पूरी ताकत से उसको कुछ देर तक चोदा फिर वो मैने ही उठी और घोड़ी बन गई, मैं पीछे से उसकी बुर में लंड डाल कर चोदने लगा। 7:-8 मिनट बाद वो झड़ गई, उसके पानी का स्पर्श होते ही मैं भी उसकी बुर में ही झड़ गया।
5 मिनट हम वैसे ही लेटे रहे और फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और घर की तरफ निकल गए।
आपको मेरी पोर्न सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बतायें
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]]>पर हम लड़को को पता नहीं लगने देते! मेरी सभी दोस्त इस साईट की कहानियों को पढ़कर बहुत मज़े लेती है!
आज में आप सभी से जो कहानी शेयर कर रही हूँ.. ghar me chudai kahani
इससे बस यही साबित होता है कि एक लड़का और एक लड़की के बीच सिर्फ़ एक ही रिश्ता हो सकता है और वो आप सभी जानते होंगे.
लीजिए में अपनी कहानी पर आती हूँ! दोस्तों यह पिछले साल बरसात के दिनों की बात है! हमारे कॉलेज की छुट्टी हुई और अचानक मौसम खराब हो गया और जोरों से बारिश होने लगी! में कुछ देर तो कॉलेज में रुकी और एक घंटे तक में वहाँ पर खड़ी रही. लेकिन बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और अब धीरे धीरे रात भी होने को थी. तो में बारिश में भीगते भीगते अपने घर पर आ गयी!
Ghar me chudai kahani – सरदी की रात आंटी के साथ
घर पर पहुंचते पहुंचते मुझे 7 बज गए थे और बहुत अंधेरा भी हो चुका था और उस समय घर पर लाईट भी नहीं आ रही थी! मैं दरवाजा बजाया तो मेरा छोटा भाई रमेश दरवाजे पर आया और उसने दरवाजा खोला………..
वो मुझसे दो साल छोटा था!
रमेश :- आप तो बिल्कुल भींग गई हो
में :- तो में क्या करती रेनकोट ले जाना भूल गई थी.. क्या तू एक काम करेगा?
रमेश :- हाँ दीदी!
में :- तू मेरे लिए चाय बना दे.. मुझे बहुत ठंड लग रही है!
रमेश :- ठीक है……….. में अभी बनाकर लाता हूँ!
फिर में अपने कमरे में चली गई………..
बाहर मौसम अब ठीक हो चुका था………..
लेकिन हवा तेज़ चल रही थी और में मोमबत्ती जलाकर अपने रूम तक गयी………..
लेकिन रूम तक जाते जाते मोमबत्ती बुझ गई और फिर में बाथरूम में कपड़े चेंज करने गई और मैं एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए! तभी मुझे याद आया कि मैं टावल तो लिया ही नहीं………..
तो मैं बाथरूम के दरवाजे को हल्का सा खोला और देखा कि ज्यादा अंधेरे में बाहर कुछ भी नहीं दिख रहा था! फिर में धीरे धीरे अलमारी की ओर जाने लगी जो कि दरवाजे के बिल्कुल पास थी और में अलमीरा के पास पहुंच गई थी………..
तभी अचानक तेज लाईट के कारण मेरी आखें बंद हो गयी………..
लेकिन जब मैं आंखे खोली तो में सहम गई………..
मेरा भाई मेरे सामने खड़ा है एक हाथ में चाय का कप और दूसरे में बुझी हुई मोमबत्ती लेकर! मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूं और वो मेरे 34 साईज के चूचियो को तो कभी मेरी नंगी बुर को देख रहा था………..
Ghar me chudai kahani
मानो जैसे उसकी लाटरी लग गयी हो! मैं एक हाथ से बुर और एक हाथ से चूचियो को छुपा लिया और उसे डाटते हुए बोली कि रमेश हट जा और फिर में दौड़ते हुए बाथरूम में चली गई!
रमेश :- सॉरी दीदी ( वो चाय लाया था ) मुझे माफ़ करना वो मोमबत्ती हवा से बुझ गई और में यह चाय टेबल पर रख देता हूँ और फिर वो चला गया………..
लेकिन पता नहीं क्यों मुझे गुस्सा सा आ रहा था?
फिर मैं सोचा कि इसमें उसकी क्या ग़लती थी! में भी तो जवान हूँ बहुत खूबसूरत हूँ भला 34 इंच के चूचियो गोरा रंग 26 इंच की कमर 34 इंच की गांड को देखकर कोई भी पागल हो सकता है! फिर ऐसे ही मैं अपने आप को कांच में देखा………..
में सच में क़यामत लग रही थी तो मैं बुर के भीगे बालों पर हल्का हल्का हाथ फेरा तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा! फिर मैं सलवार सूट पहन लिया और फिर में किचन में आ गयी………..
लेकिन में अपने भाई से आंख भी नहीं मिला पा रही थी और उसे बार बार अनदेखा कर रही थी और वो भी बहुत उत्सुकता महसूस कर रहा था! फिर मैं ही आगे होकर उससे बात शुरू की………..
में :- क्या पापा ऑफिस गए है?
रमेश :- हाँ उनका नाईट शिफ्ट है और वो कल सुबह आएँगे……….. लेकिन सॉरी दीदी वो में आपके कमरे में!
में :- कोई बात नहीं……….. कभी कभी हो जाता है और उसमें तुम्हारी कोई ग़लती नहीं थी……….. लेकिन अब तुम आगे से ध्यान रखना ठीक है और अब भूख लगी है तो चलो किचन में खाना बना लेते है!
रमेश :- हाँ ठीक है दीदी!
दोस्तों मेरे परिवार में हम तीन लोग ही रहते थे! इसलिए घर का सभी काम हम लोग मिल बाँटकर करते थे………..
फिर हम इधर उधर की बातें करते करते खाना बनाने लगे! तभी अचानक से मेरी गांड रमेश से टकरा गयी और मुझे कुछ चुभता हुआ महसूस हुआ? तो मैं पीछे मुड़कर देखा तो उसके पजामे में उसका कामदेव (लंड) तंबू बनकर खड़ा हुआ है! लेकिन इस बात से वो बिल्कुल अंजान होने की कोशिश कर रहा था! तो मैं भी अनदेखा कर दिया………..
तो इससे उसकी हिम्मत और बढ़ गई और कुछ देर के बाद उसने फिर से मेरी गांड में अपना कामदेव (लंड) सटाया! फिर में कुछ दूर जाकर खड़ी हो गयी……….. वो भी मेरे और करीब आ गया! तभी मैं गौर किया कि वो मेरे चूचियो को अपनी तिरछी तिरछी निगाहों से देख रहा था………..
क्योंकि मैं दुपट्टा हटा रखा था तो मेरे चूचियो का पूरा आकार साफ साफ नज़र आ रहा था! फिर कुछ देर में खाना बनकर तैयार हो गया और फिर हम करीब 9 बजे खाना खाने बैठे………..
हम टीवी देखकर खाना खा रहे थे तो अचानक उसने मुझसे पूछा कि………..
Ghar me chudai kahani – मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका
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]]>मुझे बहुत दर्द हुआ था जो तीन चार दीन तक रह था. उस के बाद दो ओर लड़कों ने मुझे चोदा था लेकीन मुझे कोई खास मजा आया नहीं था. हुआ क्या की मुझे बरोड़ा में MBA में admission मीला. रहने के लीये ladies होस्टल में तुरंत जगह ना मिल. मुझे चार महीना मेरी cousin दीदी नीलम के गहर रहना पड़ा. में खूब खूब आभारी हूँ दीदी की जीस ने मुझे आश्रय दीया और जीस की वजह से में मेरे पती को प सकी, जीस की वजह से orgasm का असवाद ले सकी.
Bhabhi ki chudai – ऑफिस में माया की सामूहिक चुदाई
मेरे बारे में बता दूँ. पांच फ़ीट छे इंच लम्बाई के साथ मेरा वजन है कुछ १४० पौंड, या नी की में पतली लड़कियों में से नहीं हूँ, जरा सी भरी हूँ. मेरा रंग गोरा है, बाल और आँखें काले हैं. चाहेरा गोल है. मुँह का ऊपर वाला होठ जरा सा आगे है और नीचे वाला मोटा भारव्दर है. मेरी सहेलियाँ कहती है की मेरा मुँह बहुत किस्सब्ले दीखता है. मेरा सब ससे ज्यादा आकर्षक feature है मेरे स्तन. जो मुझे देखता है उस की नजर पहले मेरे स्तनों पर जम जाती है. ४३ साइज़ के स्तन पुरे गोल है और जरा भी ज़ुके हुए नहीं है. मेरी areola और निप्प्लेस छोटी हैं और बहुत sensitive हैं. कभी कभी मेरी निप्प्लेस ब्रा का स्पर्श भी सहन नहीं कर सकती है. मेरा पेट भरा हुआ है लेकीन नितम्ब भरी और चौड़े हैं. मेरे हाथ पाँव चिकने और नाजुक हैं. अब क्या रह ? मेरी bhos ? इस के बारे में में नहीं बतौंगी, मेरे वो कहेंगे.
खैर. में नीलम दीदी के साथ रहने चली आयी. आप नीलम दीदी को जानते होंगे. नीलम की जग्रुती के नाम उस मे अपनी कहानियाँ इस में प्रगत की है. उस के पती, मेरे जीजु Dr. वीन्य बरोदा में practice करते थे. वो दीदी के फूफी के लडके भी लगते थे. दीदी और जीजु सेक्स के बारे में बिल्कुल खुले विचार के थे. दीदी ने खुद ने मुझे कहा था की कैसे वीन्य के एक दोस्त Jigar को लंड खड़ा हो ने की कुछ बिमारी थी और इलाज के जरिये कैसे दीदी ने जिगर से चुदावाया था. अपने पती के सीवा ग़ैर मर्द का वो पहला लंड था जो दीदी ने लीया था. इस के बाद दीदी ने अपने बॉस पर तरस खा कर उस से भी चुदावाया था.
दीदी और जीजू का एक closed ग्रुप था जो अक्सर ग्रुप चुदाई करता था. नए मेंबर की पूरी छान पहचान के बाद ही ग्रुप में शामील कीया जता था. शुरू शुरू में शरम की मरी में दीदी और जीजू से दूर रही, ज्यादा बात भी नहीं कराती थी. जीजू हर रोज मेरे स्तन की साइज़ के अंदाज़ लगते थे, लेकीन कभी उस ने छेद छाड़ नहीं की थी. दीदी धीरे धीरे मेरे साथ बातें बढ़ाने लगी और कभी कभी dirty जोकेस भी कर ने लगी. ऐसे ही एक मौक़े पर उस ने मुझे बताया था की चुदाई के बारे में उन की क्या philosophy है. एक दीन कालेज जलदी छूट गयी और में जलदी घर आ पहुंची. दोपहर को घर पर कोई होगा ये मैंने सोचा ना था. मेरे पास चाबी थी, दरवाजा खोल में अन्दर गयी. Siting रूम के दरवाजे में ही मेरे पाँव थम गए, जो सीन मेरे सामने था…
Bhabhi ki chudai – रास्ते में चुदाई
उसे देख कर में हील ना सकी. सोफा पर जीजू लेते थे. उन के पाँव जमीं पर थे. पतलून नीचे सरका हुआ था. दीदी उन पर सवार हो गयी थी. जीजू का तातर लंड दीदी की चूत में फसा हुआ था. दीदी कुल्हे उठा गीरा कर लंड चूत में अन्दर बहार कराती थी. जब दीदी के कुल्हे ऊपर उठाते थे तब जीजू का मोटा सा आठ इंच लम्बा सा लंड साफ दिखाई देता था. जब कुल्हे नीचे गिरती थी तब पुरा लंड चूत में घुस जता था. दीदी के स्तन जीजू के मुँह पास थे और मेरे ख़याल से जीजू उस की निप्प्लेस भी चूस रहे थे.
मैंने ऐसा खेल कभी देखा नहीं था. मेरा दील धक् धक् कराने लगा, बदन पर पसीना छा गया और चूत ने पानी बभा दीया. इतने में जीजू ने मुझे देख लीया. चुदाई की रफ्तार चालू रखते हुए वो बोले : अरे, आना, कब आयी ? आजा आजा, शरमाना मत. में तुरंत होश में आयी और भाग कर मेरे कमरे में चली गयी. दुसरे दीन जीजू practice पर गए तब मैंने दीदी से कहा : दीदी मुझे माफ़ कर देना, में अनजाने में आ पहुंची थी. मुझे पता नहीं था की जीजू उस वक्त घर पर होंगे और तुम.तुम..
दीदी ने मुझे आश्वासन दीया की कुछ बुरा हुआ नहीं था. वो बोली : देख, आना, सेक्स के बारे में हम बिल्कुल खुले वीचार के हैं. चोद ने चुदावा ने से हम संकोच नहीं रखते हैं. हम दो नो बीच समजौता भी हुआ है की तेरे जीजू कीसी भी लडकी को चोद सकते हैं और में कीसी भी मन पसंद मर्द से चुदावा सकती हूँ. लेकीन एयर ग़ैर के साथ हम चुदाई नहीं करते. हमारा एक छोटा सा ग्रुप है जीन के मेम्बेर्स आपस में ग्रुप सेक्स करते हैं. मुझे ये सुन कर बहुत आश्चर्य हुआ. मैंने पूछा : तो तुम ने जीजू के आलावा ओर कीसी से.. ?
दीदी : हाँ, चुदावाया है, और तेरे जीजू ने दुसरी दो लड़कियों को चोदा भी है.
मैं : आप के ग्रुप में कोई भी शामील हो सकता है ?
दीदी : नहीं, आने वाला मर्द या लडकी सब को मंजूर होना चाहिऐ. ज्यादा तर हम जाने पहचाने व्यकती को ही बुला लेतें हैं.
मैं : मैं पूछ सकती हूँ की कौन कौन है आपके ग्रुप मे ?
दीदी : अभी नहीं.वक्त आने पर बतौंगी.
मैं : कीस ने ये ग्रुप शुरू कीया और कैसे ?
Bhabhi ki chudai – अंकल पैंटी आए और चोद गए
दीदी : वीन्य के एक दोस्त को लंड खडे होने की बीमारी थी. इलाज के जरिए मैंने उसे चुदावाया. वीन्य वहां मोजूद थे. दोस्त के बाद तुरंत वीन्य ने मुझे चोदा. उन को ओर ज्यादा मजा आया. वो कहने लगे की दुसरे लंड से चुदायी चूत को चोदने में ओर ज्यादा मजा आया. उन के दोस्त ने वचन दीया की वो ऐसी लडकी से शादी करेगा जो वीन्य से चुदवाने तैयार हो. ऐसी मील भी गयी और उन की शादी भी हो गयी. वचन के मुताबीक दोस्त की पत्नी ने वीन्य से चुदावाया. उस वक्त मैं और दोस्त भी मोजूद थे, हम ने भी मस्त चुदाई कर ली. बाद में दुसरे दो कोउप्लेस शामील हुए.
मैं : एक बात पूछूं ?
दीदी : क्या ?
मैं : जिसे ये लोग orgasm कहते हैं वो क्या होता है ?
दीदी : orgasm तो महसूस कीया जता है. दुनीया का सब से उत्तम आनंद orgasm में है. कई लोग उसे ब्रहमानंद का भाई कहते हैं तो कई लोग उसे छोटी मौत कहते हैं. orgasm दौरान व्यकती अपने आप को भूल जाती है और बस आनंद ही आनंद का अनुहाव होता है.
मैं : हर एक च.चु.चुदाई के वक्त orgasm होता है ?
दीदी : ना. आदमी को होता है. उस वक्त लंड से वीर्य की पिचाकरियाँ छूटती है. लडकी को ना भी हो, एक बार हो, या एक से ज्यादा भी हो. चोदने वाला सही तेचनीक जनता हो तो लडकी को एक बार की चुदाई में दो या तीन orgasm दे सकता है.
मैं : जीजू कैसे हैं ?
दीदी : बहुत अच्छे.
मैं : आप लोग रोज.रोज.. ?
दीदी : हाँ, रोज जीजू मुझे चोदते हैं, कम से कम एक orgasm होने तक. कभी कभी दो orgasm भी करवाते हैं. तू ने अब तक चुदावाया नहीं है क्या ?
मैं : सिर्फ तीन बार. बहुत दर्द हुआ था पहली बार. थोड़ी सी गुदगुदी हुई थी वहां, इन से ज्यादा कुछ नहीं.
दीदी : वहां मैंने चूत में ?
मैं ; हाँ, जब.जब..वो छोटे दाने से touch होता है ना ?
दीदी : वो छोटे दाने को क्लितोरिस कहते हैं. आदमी के लंड बराबर का अंग है वो.. अच्छी तरह क्लितोरिस को उत्तेजित कराने से orgasm होता है. छोड़ ये बातें. साफ साफ बता, चुदावाना है अपने जीजू से ?
दीदी की बात सुनते ही मैं शरमा गयी. जीजू का लंड याद आ गया. तुरंत मेरी चूत ने संकोचन कीया और clitoris ने सर उठाया. निप्प्लेस कड़ी होने लगी. मैं कुछ बोल ना सकी. दीदी मेरे पास आयी. मेरे स्तन थम कर बोली : तू ने padded ब्रा तो नहीं पहनी है ना ? कितने अच्छे है तेरे स्तन ? तेरे जीजू कहते हैं की ऐसे स्तन पा ने के लीये तुने काफी चुदाई की होगी.
मैं : दीदी, मैं तो मोंटी हूँ, कौन पसंद करेगा मुझे ? सब लोग पतली लडकीयां धुनधते हैं.
दीदी : अरे, थोड़ी सी मोंटी हो तो क्या हुआ ? खुबसुरत जो हो, कोई ना कोई मील जाएगा. चुदवाने की इच्छा हो तो बोल, मैं वीन्य से बात करुँगी. मैंने धीर आवाज से हां कह दी.
उस शाम खाना खाते समय मैं जीजू से नजर नैन मीला सकी. वो तो बेशरम थे. बोले : क्या ख़याल है साली जी ? पसंद आया मेरा लंड ?
दीदी : वीन्य, छोदिये बेचारी को. बहुत शराती है. अब तक उस ने तीन बार ही लंड लीया है.
जीजू : अच्छा, तब तो कंवारी जैसी ही है, ऐसा ना ?
दीदी : हाँ, ऐसा ही. और उस ने orgasm महसूस नहीं कीया है. वो ऐसे लडके को धुंध रही है जो उसे अच्छी तरह से चोदे और orgasm करवाये.
Bhabhi ki chudai – चूत का जुगाड़
जीजू : अरे वह, आना, अपने जीजू को छोड़ दुसरे से चुदवाने चली हो ? मैं : ऐसा नहीं है. मुझे ड़र था की अप्प ना बोले तो.. ?
जीजू : ना बोलूं ? तेरे जैसी खुबसुरत साली को चोदने से कौन मूर्ख जीजू ना बोलेगा ? हो जाय अभी ?
बोले बीन मैंने सर ज़ुका दीया. मेरे होंठों पर की मुस्कान मैं रोक ना सकी और जीजू से छीपा ना सस्की. जीजू उठ कर मेरी कुर्सी के पीछे आये, मेरे कन्धों पर हाथ रख कर आगे ज़ुके और मेरे गाल पर कीस कराने लगे. मुझे गुदगुदी होने लगी, मैं छात्पता गयी. दीदी बोली : तुम दोनो बेडरूम में चले जाओ, मैं बाद में आती हूँ. जीजू मेरा हाथ पकड़ कर बेडरूम में पलंग पर ले गए. मुझे बहुत शर्म आ रही थी लेकीन जीजू का लंड याद आते ही उन से चुदवाने की इच्छा जोर कर देती थी. जीजू ने मुझे night ड्रेस पहनने दीया और खुद ने भी पहन लीया. जीजू अपने पाँव लंबे कर के पलंग पर बैठे और मुझे अपनी गोद में बिठाया, मेरे पाँव भी लंबे रख दिए. मेरी पीठ उन के सीने से लगी हुई थी. उन के हाथ मेरी क़मर से लिपट कर पत् तक पहुंच गए.
मेरा चाहेरा घुमा कर उस ने मेरे मुँह पर कीस की. फ्रेंच कीस का मुझे कोई अनुभव ना था, क्या करना वो मुझे पता ना था. मैं होठ बंद किए बैठी रही. उन्हों ने जीभ से मेरे होठ चाटे और जीभ मुह में डालने का प्रयास कीया. मैंने मुँह खोला नहीं. उस ने मेरा नीचे वाला होठ अपने होंठों बीच ले कर चूसा. मेरे बदन में ज़ुर्ज़ुरी फेल गयी और मेरी दोनो निप्प्लेस और clitoris खादी होने लगी. पेट पर से उन का हाथ मेरे स्तन पर आ गया. मैंने मेरे हाथ की चौकादी बाना कर स्तन धक् रक्खे थे. मेरा हाथ हटा कर उस ने स्तन थम लीये. निघ्त्य के ऊपर से सहलाने लगे और बोले : आना, तेरे स्तन तो बहुत बडे हैं, और कठीन भी हैं. मैं कुछ बोली नहीं, उन के हाथ पर हाथ रख दीया लेकीन हटाया नहीं. कुछ देर तक स्तन सहलाने के बाद उस ने nighty के हूक खोल दीये. मुझे शर्म आती थी इसी लीये मैंने निघ्त्य के पहलुओं को पकड़ रक्खे, हटाने नहीं दीये.
वो फीर से मेरे मुँह पर कीस कराने लगे तो मैं भान भूल गयी और उस ने nighty पूरी खोल दी. जैसे उन्हों ने नंगा स्तन हथेली में लीया वो चीख पडे और बोले : ये क्या चुभ गया मेरी हथेली में ? देखूं तो. उन का इशारा था मेरी नुकीली निप्प्लेस से. उस की उंगलियों ने निप्प्लेस पकड़ ली, मसली और वो बोले : ये ही चुभ रही थी. अब बात ये है की मेरी निप्प्लेस बहुत sensitive है. उन की उन्गलियाँ छुते ही वो कड़ी हो गयी और बिजली का करंट वहीँ से निकल कर clitoris तक दौड़ गया. मेरी चूत ने रस बहाना शुरू कर दीया. उन का एक हाथ अब फीर से पेट पर उतर आया और पेट पर से जांघ पर चला गया.
Bhabhi ki chudai – मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका
मेरी दाहिनी जांघ उस ने ऊपर उठायी. जांघ के पिछले हिस्से पर उस का हाथ फिसलने लगा. घुटन से ले कर ऊपर चूत तक उस ने जांघ सहलायी लेकीन vulva को छुआ नहीं. मुँह पर कीस करते हुए उस ने दुसरे हाथ से पाजामा की नदी खोल दी. मैं इतनी excite हो गयी थी की मैंने पाजामा उतरने में कोई विरोध कीया नहीं, बलकी कुल्हे उठा कर सहकर दीया. अब उन का हाथ मेरी नंगी जांघ का पिछला हिस्सा सहलाने लगा. दुसरा हाथ चूत पर लग गया. उस की उंगलियों ने clitoris धुंध ली. दुसरे हाथ ने चूत का मुँह खोज लीया. उस ने एक साथ clitoris टटोली और चूत में दो उन्गलियाँ भी डाली.
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]]>अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं मैंने उसको कब कहां पटाया कैसे चोदा..
वह एक लड़के से बात करती थी उस लड़के ने उसको धोखा दे दिया वह रो रही थी वह लड़का हमारे साथ रहता था हमसे उससे दोस्ती हो गई थी एक दिन वह बाहर गया था मोबाइल छोड़कर राधा का कॉल आया हमने उठा लिया उसने बोला आप कौन..
हमने बोला उसका फ्रेंड फिर उस लड़के का उसके बारे में हमने पूरा बता दिया कई लड़कियों से बात करता है फिर राधा ने हमारा नंबर मांगा हमने उसे अपना नंबर दे दिया..
हम दोनों में बात होने लगा धीरे धीरे फोन पर सेक्स की बात होने लगी 2:00 बजे रात 3:00 बजे रात तक अभी से 4 महीना चला एक दिन मुझसे बोलने लगी तुम मिलने कब आओगे हमने बोला मिलने आऊंगा आप दोगी तो…
Hindi sex kahani – मकान मालिक की मस्त बेटी
वो मान गई फिर एक दिन हम उसे जौनपुर होटल में ले गए एक रूम बुक किया जाते ही हम उसे अपनी बाहों में भरा उसके होठों पर होठ रख के किस करने लगा..
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धीरे धीरे उसका सारा कपड़ा उतार के मैंने अपना कपड़ा उतारा उसके पहले भी लंड ले चुकी है..
फिर मैंने अपना लंड उसके मुंह में दिया वह मना कर रही थी हमने कसम ली तब ले ली 1 मिनट में ही छोड़ दिया ..
फिर मैंने उसका चूची एक मुंह में लिया दूसरा हाथ में एक दूसरा था दूसरा दबा रहा था..
वह पूरा जोश में आ गई फिर मैंने उसके होंठ पर होंठ रखा चूसने लगा ..
उसके चूत में उंगली करने लगा धीरे धीरे पानी छोड़ने लगे बहुत गर्म हो गई उसने मेरा लंड हाथ में लेकर मसल शुरू कर दिखा मुझसे कहने लगी आप अपना लंड मेरी चूत में पेल दो..
Hindi sex kahani – मयूरी, मेरी गर्लफ्रेंड
हम धीरे से अपना लंड उसकी चूत के मुंह पर रखकर हल्का सा धक्का दिया मेरा लंड उसकी चूत में 1 इंची गया और जोर से चिल्लाई धीरे धीरे हमने अपना लंड उसकी चूत में पूरा डाल दिया वह हमसे कहने लगी दर्द हो रहा है उसके होंठ पर हॉट रखकर कोई सही चोदता रहा ..
10 मिनट बाद राधा पानी छोड़ दी हमने उसे आधा घंटा तब चोदा तब वो कहने लगी मेरी चूत दर्द हो रहा है मैं अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुंह में दे दिया लंड मुंह में लेकर 5 मिनट सूची मेरा पानी उसके मुंह मैं गिर गया फिर हम ऐसा ही लेट गए 10 मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा..
धीरे धीरे फिर गर्म होने लगी फिर मैंने उससे पूछा अपनी पीछे से डाल दूं वह बोली नहीं धीरे धीरे उसकी चूत में लंड डाला चोदते चोदते…
10 मिनट में फिर पानी छोड़ दी मेरा लंड वैसा ही खड़ा था हमने जबरदस्ती उसकी गांड में लंड डाल दिया वह बहुत चिल्ला रही थी…
हमने उसकी एक न सुनी फिर 20 मिनट तक गांड मारने के बाद लंड का पानी उसकी गांड में छोड़ दिया फिर वो कहने लगी गांड मरवाते बहुत मजा आया..
अब हम जब भी मिलते हैं एक बार चूत मारता हूं एक बार गांड मारता हूं फिर उसके बाद मैंने उसकी कई सहेलियों को पटाखे खूब चोदा..
यह कहानी कैसी लगी मुझे ईमेल करके जवाब जरूर देना अगली कहानी मैंने उसके सहेली को कैसे चोदा यह आपको बताऊंगा मेरा ईमेल आईडी [email protected]
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]]>सबसे पहले में आपको मेरे बारे में बता दू ,मुझे सेक्स करने का बहुत मन करता है और अगर मुझे कभी सेक्स करने का मौका मिले तो में कभी भी उसे नहीं जाने दूंगा। में थोड़ा दुबला लेकिन 1 स्मार्ट लड़का हु ,मेरी उम्र अभी 20 वर्ष हे और मेरा लंड 7 इंच का हे ।
हां तो दोस्तों यह अनुभव मेरा पहला अनुभव था जब में 12 वीं कक्षा में पड़ता था।
Antarvasna – असंतुष्ट आंटी की गुलाबी चूत
में अपनी प्रेमिका से पिछले 2 सालों से प्यार करता था लेकिन मेने अभी तक उसके साथ सेक्स नहीं किया था और करता भी कैसे पहली बार होने के कारण कभी कहने की हिम्मत ही नहीं हुई । मेने अपनी प्रेमिका से कई कर kiss किया था लेकिन उससे आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हो पाती थी और अब तो उससे मिलने भी बहुत कम हो गया था जिससे उसके साथ सेक्स कर सकूँ। लेकिन शायद भगवान की ही मर्जी थी की में उसके साथ सेक्स करू ।
बहुत दिनों बाद मुझे उसका कॉल आया और उसने मुझे बताया कि उसे मुझसे मिलना हे मेने उसे मिलने के लिए कह दिया और वह दिन में हमारे खेत में आ गयी में भी उसी समय उससे मिलने वहां पहुच गया हमने वहां बहुत देर तक बात की ,लेकिन तभी वहां हमें गाऊँ के काकाजी ने देख लिया और यह बात उन्होंने मेरी प्रेमिका के अंकल को बता दी। हालाँकि हमने बहाने करके उन्हें झूट बोल दिया की में तो सिर्फ वहां घूमने गया था तो वहां इससे बात करने लग गया और वह मान भी गए।
लेकिन इन सबके बाद हुआ यह की वह दिन में मिलने से डरने लगी और एक दिन उसने मुझे रात में अपने घर मिलने बुलाया ,उस दिन उसके माता पिता कही रिस्तेदार की शादी में गए थे और उस दिन घर में सिर्फ वह और उसका छोटा भाई था। में रात को 11 बजे उसके घर के पास वाले खेत में पहुच गया था ।
Antarvasna – चुत चुदाई गन्ने के खेत में
जैसे ही उसका भाई सो गया वह घर से बहार बाथरूम के बहाने निकली तो में इसके पास पहुच गया ।वह मुझे लेकर उसी कमरे में गयी जहा उसका भाई सोया था लेकिन उसने जाकर लाइट बंद कर दी और लाइट के तार भी निकल दिए । चूँकि में पहली बार उससे रात में मिला था इसलिए मुझे डर भी लग रहा था तो में वही दिवार के सहारे नीचे बैठ गया , थोड़ी देर बाद वह भी घर की लाइट बंद करके मेरे पास आकर बैठ गयी।
हम दोनों ऐसे ही बैठ कर करीब आधे घंटे तक बाते करते रहे, उसके बाद मेने बहाना बनाया की में बैठे बैठे थक गया हूं तो उसने कहा की चलो मेरे बिस्तर पर सोकर बाते करेंगे मेने कहा ठीक है अब मुझे लग रहा था की आज मेरा काम हो जायेगा लेकिन जब हम उसके बिस्तर पर सोने लगे तो उसने मुझे दूसरी रजाई दे दी मेरे लिए अब हम दोनों एक ही बिस्तर पर लेकिन अलग अलग रजाई में थे । मुझे उसपर बहुत गुस्सा आ रहा था । और साथ में डर भी लग रहा था कि कही उसका भाई नहीं उठ जाये नहीं तो प्रॉब्लम हो जायेगी।बहुत देर तक ऐसे ही सोते हुए हम दोनों बाते करते रहे लेकिन फिर मेने हिम्मत करके उसे किश कर लिया और उसे बहुत देर तक नहीं छोड़ा ,उसने विरोध तो किया लेकिन फिर बाद में वह भी मेरा साथ देने लगी में अब उसकी रजाई में आ गया था और उससे चिपक कर किश करने लगा और मेरे पैरो को उसके पैरों पर सहलाने लगा धीरे धीरे वह भी उसके पैर मेरे पैरो में दबाकर सहलाने लगी ,अब तक मुझे बहुत हिम्मत आ गयी थी में अब कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं था बस चुप चाप अपना काम कर रहा था।
मेने धीरे धीरे अपने हाथों को उसकी कुर्ती में दाल दिया और सहलाने लगा अब वह थोड़ी मचलने लगी थी में इतना ही कर सका था कि उसने मुझे अपने से दूर कर दिया और कहने लगी की में यह सब कुछ नहीं करुँगी अगर करना हो तो शादी के बाद। मेने उसे बहुत समझाया लेकिन वह मानने के लिए तैयार नही थी फिर मेने उसे विश्वास दिलाया कि में तुम्हारे साथ कभी भी धोका नहीं करूँगा और अगर मेने कभी भी तुम्हे धोका दिया तो तुम मेरे खिलाफ पुलिस में कंपलेंट करवा देना जिसके बाद वह मानी। मेने फिर से उसे किश करना चालू किया और मेरे हाथ फिर से उसकी कुर्ती में दाल दिए फिर मेने उसकी कुर्ती को ऊपर करके उसके मस्त मखन जैसे बूब्स को चूसने लगा अब वह भी सिसकारियां भरने लगी थी में बहुत देर तक उसके बूब्स को चूसा करा। मेने आज तक किसी लड़की के बूब्स नहीं चूसे थे मुझे आज बहुत मजा आया ।
Antarvasna – दोस्त की बीवी की ज़बरदस्त चुदाई
फिर मेने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया लेकिन उसने दोनों हाथों से सलवार को पकड़ लिया और कहने लगी तुम मुझे कभी धोका तो नहीं दोगे मेने फिर से उसे समझाया और उसकी सलवार उतारी। लाइट बंद होने के कारण में उसकी चूत तो नहीं देख पाया लेकिन सलवार के साथ ही एक अजीब सी खुसबू आने लगी ।
अब तक मेरी मेरा लंड पूरा कड़क हो चूका था और मेरी चडी तथा पेण्ट गीली हो चुकी थी जिसका मुझे जरा भी ध्यान नहीं था। जब मैने उसकी पेंटी निकाली तो मुझे पता चला उसकी पूरी चडी गीली हो चुकी थी उसकी पैंटी निकलने के बाद मेने अपने कपडे निकाले तो पता चला मेरी भी पेण्ट और चडी पूरी गीली हो गयी है में अपने अपने कपडे निकालके उसपर चढ़ गया और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और वह भी जोर जोर से सिसकारी भर रही थी फिर मेने अपने लंड को उसकी चूत पर सेट किया और एक धका लगाया लेकिन मेरा लंड फिसल गया अब मुझे शर्म भी आने लगी थी लेकिन मेने फिर से लंड को सेट किया और उसे वहीँ पकड़ कर एक और धका लगाया अब मेरा लंड ला सूपड़ा अंदर जा चूका था लेकिन इसके साथ ही वह छटपटाने लगी और मुझे धका देने लगी लेकिन मेने उसके दोनों हाथ उसकी गर्दन के नीचे से पकड़ रखे थे जिसके कारण वह ज्यादा हिल नहीं सकती थी। मेने थोदी देर बाद एक और धका मारा मेरा लंड थोड़ा और अंदर जा चूका था अब मुझे भी अपने लंड में कुछ कसाई मालूम होने लगी ।हम यश सब इतनी देर से चुप चाप कर रहे थे लेकिन अब उससे रहा नहीं गया और वह चिलाते हुए बोली इसे बहार निकाल लो वरना में मर जाउंगी मुझे बहुत दर्द हो रहा है ,और वह रोने लगी। मुझे भी डर लगने लगा की कही कुछ हो गया तो, लेकिन फिर भी मेने उसे समझाया कि कुछ नहीं होगा लेकिन वह कह रही थी की वह अब और ज्यादा सहन नहीं कर सकती ।
लेकिन मेने उसकी बात नहीं सुनी और ऐसे ही उसके ऊपर सोया रहा जब उसने रोना थोड़ा कम किया तो मैने फिर दबाव देना सुरु कर दिया लेकिन में अब धके नहीं मार रहा था मेने उसपर दबाव दिया तो मेरा लंड धीरे धीरे उसकी चूत में जाने लगा उसे दर्द तो हो रहा था और वह रो रही थी लेकिन मेने उसके हाथ अछि तरह पकड़ कर रखे थे जिससे वह हिल नहीं सकती थी जब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया तो मैने उसके हाथ छोड़ दिए और उसे कस कर पकड़ लिया हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही सोये रहे फिर जब उसने रोना बंद किया तो मेने उसे धके देना चालू किया शुरुआत में 1,2 धको में उसे दर्द हुआ लेकिन फिर बाद में वह भी चूतड़ उठा कर मेरा साथ देने लगी ।थोड़ी देर बाद उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और फिर एक दम से कमजोर हो गयी और मुझे धका दे कर हटाने लगी लेकिन मेने उसे पकड़ रखा था जिसके कारण में उससे अलग नहीं हो सका फिर थोड़ी देर बाद में भी उसकी चूत में ही झड़ गया।
झड़ने के बाद मुझे एक दम से उससे चीड़ होने लगी और में उससे दूर हो गया, फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही लेटे रहने के बाद में वहां से घर आ गया और सो गया। मुझे बहुत जल्दी नींद आ गयी।
Antarvasna – पहला चुदाई अनुभव
सुबह में बहुत देर तक सोया रहा और जब नींद खुली तो बहुत थकन महसूस हुई। इसके बाद में सर्म के कारण उससे 1 हफ्ते तक नहीं मिला फिर उसने मुझे कॉल करके बताया कि उस दिन उसे ब्लीडिंग भी हुई थी लेकिन लाइट नहीं होने के कारण पता नहीं चला और बिस्तर भी पूरा गन्दा हो गया था । उस दिन के बाद मेने बहुत बार सेक्स किया और अब तो बहुत बिंदास होकर। मुझे बस अफ़सोस इस बात का हे की में उसके मुंह में उस दिन लंड नहीं चुसवा सका ।
तो दोस्तों यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव अगर पसंद आये तो कमेंट जरूर करियेगा और फॉलो कीजिये। मेरी पहली कहानी होने के कारण अगर कोई गलती हुई हो तो मुझे मेल करके जरूर बताये । यह मेरी रियल लाइफ कहानी है।
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]]>बात गर्मियों के मौसम की है.. जब मैं अपने आपको खीरे मूली से ठंडा करती थी। मेरा एक फ्रेंड था राज.. जो मेरे लिए अपने मन में सेक्स की भावना रखता था।
मुझे यह बात पता थी क्योंकि वो हमेशा मुझे भूखी-नंगी नज़रों से देखता था।
वो बहुत स्मार्ट भी था और थोड़ा हैण्डसम भी था.. और मुझे भी पता नहीं क्यों उसका मुझपे ऐसी नज़रों से देख़ना अच्छा लगता था, मैं उसके सामने जितना एक्सपोज़ कर पाती थी.. करती थी पर वो मुझे कभी छूता नहीं था और उसके सामने मेरी सारी कोशिशें बेकार रह जाती थीं। जबकि मेरी नर्म चिकनी चूत की गर्मी को किसी के लंड की बहुत ज़रूरत थी।
Antarvasna Samuhik Chudai kahani – पडोसी से चुत चुदवाई
मैंने एक प्लान बनाने का सोचा और मुझे पता था कि अगले हफ्ते मेरे घर वाले सब बाहर जा रहे हैं और मेरे एग्जाम की वजह से मुझे कोई नहीं ले जाएगा।मैंने राज को स्कूल में बोल दिया था कि अगले हफ्ते 2 दिन फ्री रहना.. तुम और मैं मेरे घर पर पढ़ाई करेंगे।
पर मुझे उसका जवाब सुन कर लगा कि वो शायद ही आएगा। फिर भी मुझे कुछ तो करना था इसलिए मैंने अपनी सहेली बीना को भी बोल दिया- तू पढ़ाई के बहाने मेरे घर आ जाना और हम मज़े करेंगे और ब्लू फिल्म्स देखेंगे।
आख़िर वो दिन आ ही गया और घर से मम्मी-पापा.. दीदी.. सब दो दिन के लिए दिल्ली चले गए। अब मैं घर पर अकेली थी.. तो मैंने राज को फोन किया।
वो बोला- ठीक है.. मैं आ रहा हूँ।
मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
मैं पागल हो रही थी, तो मैं जल्दी से नहा कर नंगी ही बैठ गई और चैन नहीं पड़ा तो मैं पूरे घर में नंगी ही घूमने लगी। फिर मैंने सोचा एक बार कुछ पहन ही लेती हूँ। मैंने अपने कमरे में जाकर पेंटी और इनर पहन लिया, नीचे पापा का बॉक्सर पहन लिया और ऊपर एक टाइट टी-शर्ट पहन कर राज का वेट करने लगी।
कुछ देर बाद घन्टी बजी.. तो मैं खुश हो गई और गेट खोला तो देखा गेट पर बीना थी, मैंने देखा कि उसके हाथ में डिल्डो और ब्लू-फिल्म्स की सीडी थी। वो मुझे ऊपर से नीचे तक देख कर मेरे मम्मों पर हाथ फेरते हुए बोली- आज क्या बात है?
मैंने उससे कहा- राज आ रहा है।
तो वो बोली- तुझे अकेले मज़ा नहीं लेने दूँगी.. मैं भी साथ चुदूँगी।
तो मैं उसे मना नहीं कर पाई। उसका 36-30-38 का फिगर तो मुझसे भी ज्यादा अच्छा था, मैंने कहा- ठीक है।
उसने जीन्स ब्रा और एक कट स्लीव्स का ढीला सा टॉप पहना हुआ था।
हम दोनों ने प्लेयर में सीडी लगाई और सोफे पर एक-दूसरे के ऊपर लेट कर बुरी तरह चूमा-चाटी चालू कर दी।
इतने में घर की फिर से बेल बजी.. तो मैं समझ गई कि राज ही होगा।
Antarvasna Samuhik Chudai kahani – ससुर ने गांड मारी बरसात में
मैंने बीना को कहा- डीवीडी प्लेयर ऑफ कर दे.. पर सीडी मत निकालना और सोफे पर ढंग से बैठ जा।
अब मैंने गेट खोला तो देखा राज खड़ा था, वो आज बहुत मस्त लग रहा था।मैंने उसे अन्दर बुलाया और बिठाया।
वो बीना को वहाँ देख कर परेशान सा हो गया.. पर फिर हम तीनों साथ में पढ़ने लगे। मैंने बीना को देखा और कहा- थोड़ी देर टीवी देखते हैं।
हम तीनों सोफे पर बैठ गए और टीवी ऑन कर दिया। बीना ने डीवीडी प्लेयर ऑन किया और हम बैठे-बैठे बातें कर रहे थे। हम दोनों ने राज को बीच में बिठा लिया था इससे राज को भी मज़ा आ रहा था।
इतने में बीना ने रिमोट से टीवी मोड की जगह डीवीडी मोड सिलेक्ट कर दिया और ब्लू-फिल्म चालू हो गई।
राज देख कर चौंक कर रह गया.. पर वो कुछ नहीं बोला और थोड़ा शर्मा गया।
मूवी में 4 लड़के एक लड़की को बुरी तरह चोद रहे थे। हम तीनों कामुकता से देखने लगे।अब ये सब देख कर राज भी पागल हो रहा था।
मैं उठी और राज की गोद में बैठ गई.. जैसे वो भी सोफा हो। मेरे पैर उसके पैर पर.. मेरी गांड उसके लंड पर और मेरी कमर उसके सीने पर थी, उसका सर मेरे कंधों पर टिका था।
वो कुछ नहीं बोला.. पर उसका लंड मेरी गांड के आगे चूत के एकदम पास खड़ा हो रहा था। अब उसने मुझे पीछे से चूमना चालू कर दिया और पागलों की तरह अपनी जीभ निकाल कर मेरे गले.. कंधे.. सबको चाटने लगा।
बीना ये सब देख कर उठी और अपनी जीन्स और टॉप उतार कर और अपने आपको मसलने लगी।
Antarvasna Samuhik Chudai kahani – पति के भतीजे और एक पंजाबी से चुदवाया
राज ने आगे से अपना हाथ मेरे टॉप के अन्दर डाला और मेरे बोबे मसलने लगा। तब तक बीना ने अपनी ब्रा भी उतार दी मैंने देखा कि वो साली तो बिना पैन्टी के ही आई थी।
अब बीना मेरे ऊपर चढ़ गई और उसने अपने चूचे मेरे मुँह में डाल दिए और अपने हाथ मेरी कमर से ले जाकर बॉक्सर के अन्दर मेरी चूत में उंगली करने लगी।
राज सोफे पर बैठा हुआ था और मैं भी उस पर लेटी हुई सी थी, बीना मेरे दूधों से चिपकी हुई बैठी थी, हम तीनों पागलों की तरह एक-दूसरे को चाट चूम रहे थे।
फिर बीना ने अपने पैर राज की कमर पर कस कर लपेट लिए और मैं दोनों के बीच में फंस सी गई। कमरे का पंखा चल रहा था.. फ़िर भी हम तीनों पसीने से तर-बतर हो चुके थे, पहले ही गर्मी का मौसम था और इस पर हम बहुत अधिक गर्म हो चुके थे।
राज मुझे पीछे से चाट रहा था और मेरे मम्मों को दबा रहा था। बीना मेरी चूत के बाल और चूत को सहला रही थी। मैं भी बीना के मम्मों को चूस रही थी।
तभी मैंने अपने हाथ राज की पैन्ट पर रखा और उसके लंड को सहलाने लगी.. उसे मज़ा आने लगा।
मैं और बीना ‘अया.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह हाय..’ कर रहे थे।
अब राज और जोश में आ गया और उसने हम दोनों को उठा कर सोफे पर पटक दिया। हम दोनों ने उसकी टी-शर्ट उतारी और उसकी पैन्ट खोल कर उसके अंडरवियर से ही लंड निकाल लिया।
जब मैंने उसका अंडरवियर उतारा तो मैं दंग रह गई। उसका लंड खीरे जैसा लम्बा और मोटा था। हम दोनों खुशी से उसकी गोटियों को सहलाने और चूसने लगे।
उसने अपना लंड बीना के मुँह के अन्दर डाल दिया और मुझे उठा कर सोफे पर पटक कर बेरहमी से मेरे कपड़े खींचते हुए उतारने लगा।
उसने मेरे बॉक्सर को खींच कर उतार फेंका और मेरी पेंटी को मुँह से उतारने लगा, मेरे टॉप को पूरी तरह ऊपर से खींच कर फाड़ दिया।
Antarvasna Samuhik Chudai kahani – भाभी ने चोदना सिखाया
उसका लंड बीना के मुँह को भी बहुत ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था।कुछ ही पलों में उसके सामने मैं पूरी नंगी हो गई थी।
वो बीना के मुख चोदन के कारण झड़ने वाला था। उसने बीना के सर को ज़ोर से अपने लंड पर दबा लिया और एक ‘आह्ह..’ करते हुए झड़ गया।
बीना के मुँह में उसका पूरा माल आ गया और वो साली उस माल को निगल भी गई।
फिर राज ने मुझे उठाया और मुझे चित्त लिटा कर अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा, उसके मोटे लंड से मुझे बहुत दर्द हुआ।
अभी मैं कुछ कह पाती कि तभी उसने एक तेज धक्का मार दिया। मैं चिल्ला उठी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और मेरी चूत से खून निकलने लगा जबकि उसका लंड अभी 2 इंच ही घुसा था।
उसने फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा, मैं ‘उईहही.. आआहह.. माँआ..’ करके चिल्लाने लगी।अगले ही पल उसका पूरा लंड मेरी चूत में अन्दर था।
शायद उसको भी दर्द हुआ और वो मुझे लेकर मेरे ऊपर सोफे पर लेट गया, उसका लंड मेरी चूत के अन्दर ही था। बीना ये सब देख कर अपना डिल्डो अन्दर डाल कर ‘अयायाह.. अया..’ चिल्लाने लगी और राज के बाजू में लेट कर अपने मम्मों को उसकी कमर से रगड़ने लगी।
राज उठा और बीना को आगे खड़ा करके उसकी चूत चाटने लगा। जबकि बीना अपने मुँह में डिल्डो को अन्दर बाहर कर रही थी। राज का लंड मेरी चूत में था और उसने ज़ोर से लंड को मेरी चूत में अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया।
मुझे बहुत चोदा.. मैं भी बहुत मज़े से चूत चुदवा रही थी। वो काफी देर तक मुझे चोदने के बाद मेरी चूत में अन्दर ही झड़ गया।
कुछ देर आराम करने के बाद राज उठ कर बीना को चोदने के लिए आगे बढ़ा, उसने बीना को भी काफी देर तक चोदा।
जब बीना चुद रही थी तो मैं बीना के मम्मों को चाट रही थी।उसने बीना के अन्दर भी अपना सारा माल झाड़ दिया।
Antarvasna Samuhik Chudai kahani – पडोसी की बेटी का भोसड़ा
अब हम तीनों एक साथ बाथरूम में जा कर नहाने लगे। इधर राज हम दोनों के मम्मों को चाट रहा था.. चूस रहा था। हम दोनों उसके लंड से खेल रही थीं।
ठंडा पानी हमारा मज़ा और बढ़ा रहा था। हम तीनों लोगों ने 4 घंटे तक खूब चोदम चोदी की, साथ में ब्लू-फिल्म भी देखते रहे।
फिर वो दोनों अगले दिन फिर से आने की कह कर चले गए।
अगले दिन बीना और मैं एक-दूसरे से साथ में एक घंटे नंगे मज़े से खेले और फिर राज और उसके साथ उसके तीन दोस्त भी आ गए।
उन चारों ने हम दोनों को खूब चोदा.. कभी मुँह में लंड डाल कर.. कभी चूत में डाल कर खूब चुदाई हुई। हम सभी ने बहुत मज़े किए और मेरा राज से चुदवाने का सपना भी पूरा हो गया।
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]]>कभी-कभी घर में तो मैं सिर्फ़ बिकिनी पहने रहती हूँ.. वैसे भी मैं बाहर भी शॉर्टस और टॉप पहने घूमती हूँ। मेरे इस उन्मुक्त रवैये के कारण सभी लौंडे मुझे घूर-घूर कर देखते रहते हैं। मुझे भी अपनी बॉडी एक्सपोज़ करने में मजा आता है।
चलो अब सेक्स स्टोरी पर आती हूँ।
जैसे कि मैंने बताया कि मुझे हीरोइन बनना है पर मैं फिल्म इंडस्ट्री के किसी भी इंसान को नहीं जानती थी।
इसके लिए मैंने एक लड़के को पटाया जो मीडिया से जुड़ा हुआ है और उसके साथ पार्टीज और बाकी फंक्शन में जाना शुरू किया। वैसे तो सभी मुझे देखते थे पर कोई बात नहीं करता था। सो मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे कुछ लोगों से इंट्रोड्यूस किया, जिनमें से कुछ डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स थे।
एक दिन ऐसे ही एक पार्टी में एक मध्यम सा आदमी मेरी तारीफ़ करता हुआ बोला- तुम्हारा फिगर काफी अच्छा है.. फिगर का साइज़ क्या है?
Antarvasna Samuhik chudai kahani – मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका
मैंने नॉटी सी स्माइल देते हुए कहा- साइज़ 36-26-38 का है।
वो- वाह क्या मस्त फिगर है.. तुम हमारी फ़िल्म इंडस्ट्री में try क्यों नहीं करती हो?
मैं- करना तो चाहती हूँ, पर..
वो- पर क्या..! एक काम करो कल मेरे ऑफिस आ जाना.. वहीं स्टूडियो में तुम्हारा ऑडिशन ले लेंगे।
मैं- ओह्ह थैंक यू सर.. थैंक्स अ लॉट.. आय विल कम tomorrow ।
वो- यू वेलकम और हाँ मेरा नाम उदय कपूर है.. सो कॉल मी उदय।
मैं- ओके..
फिर उन्होंने मुझे अपना नंबर और ऑफिस का एड्रेस दिया और वो चले गए।
दूसरे दिन मैं ऑफिस के एड्रेस पर पहुँच गई, रेसिप्शन पर नाम बोला और थोड़ी देर में एक लड़का आया, वो बोला- मैडम आपको सर ने बुलाया है।
मैं अन्दर गई तो उन्होंने मुझे वेलकम किया और कुर्सी देकर कहा- देखो तुम एक सुंदर चेहरा हो और हमारे इंडस्ट्री में तुम्हारी जरूरत है.. पर तुम्हें एक्टिंग भी आनी जरूरी है।
Antarvasna Samuhik chudai kahani – सुहागरात की कहानी मेरी जुबानी
मैं- यस सर..
उदय- तो ऑडिशन रूम में चलें??
मैं- यस सर..
और हम दोनों एक रूम में चले गए।
वहां बहुत लोग थे शायद किसी हीरो के रोल का ऑडिशन चल रहा था..उदय ने मुझे अपने बाकी टीम से इंट्रो करवाया और एक एक्टर को बुलाकर उसे एक सीन दिया। वो सीन मुझे उस लड़के के साथ करना था।
सीन था कि प्रेमी अपने प्रेमिका को छोड़ कर जा रहा है और प्रेमिका को उसे रोकना है।
सीन शुरू हुआ।
मैं पहले 4 बार चूक गई.. सभी लोग अपसेट हो गए क्योंकि कुछ भी रोमांटिक और मसालेदार नहीं था।
अबउदय ने मुझसे कहा- ये तुम्हारा लास्ट चांस है।
मैंने सोचा इस बार सब भूल जाती हूँ और उसके साथ दमदार शॉट देती हूँ।
उदय सर ने एक्शन बोला…
Antarvasna Samuhik chudai kahani – शादी में मेरी पहली चुदाई
मैं- रुक जाओ अभी.. मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।
अभी- नहीं अगर तुम मुझसे प्यार करती तो मुझे अपने से दूर नहीं करती।
मैं- मैंने कभी तुम्हें अपने से दूर नहीं किया।
अभी- तुम झूठ बोल रही हो और अब मैं एक पल के लिए भी नहीं रुकना चाहता।
तभी मैं उस एक्टर को अपने ओर खींच कर किस करने लगती हूं और अपनी शर्ट के बटन खोल के उसके सर को अपने उभार पर दबाने लगती हूँ।
तभीउदय सर कट बोलते हैं और खड़े होकर ताली बजाने लगते है।
उदय- वाह… तुमने तो सीन में गर्मी और जान दोनों डाल दी नेहा .. वाह.. चलो कम विद मी..
मैं बड़ी खुश थी। हम दोनों वापस उनके ऑफिस में आ गए।
उदय मेरे साथ सोफे पे बैठ गए और उन्होंने अपने सेक्रेटरी को बुलाया और कहा- देखो मैं मैडम के साथ डिस्कशन में हूँ.. स्क्रिप्ट और रोल फायनालाइज करना है.. सो डोन्ट डिस्टर्ब अस।
सेक्रेटरी ‘हाँ’ कह कर वहाँ से चला गया।
Antarvasna Samuhik chudai kahani – बड़े चुचे वाली मौसी
अब उदय मेरे पास आए और कहा- तुम्हारे एक्टिंग में दम तो है.. पर मेरे पास इस रोल के लिए कई सारी हिरोइनों के फ़ोन आ चुके हैं.. तो तुम इस रोल के लिए और क्या कर सकती हो??
ये कहते हुए उदय मेरे चेहेरे पे से हाथ फेरते हुए मेरे उभारों पर ले गए।
मैंने झट से उनके होंठों पे किस किया। मेरी इस प्रतिक्रिया से वो एकदम से खुश हो गए और कहा- गुड.. तुम काफी समझदार हो.. तरक्की करोगी।
मैं- थैंक यू सर।
‘ओके कैरी ऑन..’
मैंने अपने कपड़े उतारे तो वो मेरी बॉडी को देख कर एकदम पागल हो गए। अब उदय मेरी बॉडी को किस करते हुए मेरे शरीर से खेलने लगे।
मैंने उनकी पैंट के ऊपर से ही उनके लंड को मसल दिया।
अगले कुछ पलों में हम दोनों पूरी तरह सेक्स में डूब गए थे। उदय सर ने भी अपने कपड़े उतार दिए और मुझे लंड चूसने बोला.. मैंने वैसा ही किया।
अब उन्होंने मुझे चोदना शुरू किया.. मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई.. क्योंकि मैं पहले भी कई बार चुद चुकी थी।
उन्होंने मेरी चूत में लंड डाला और अन्दर-बाहर करने लगे। मैं भी कामुक सिसकारियां भरने लगी और चुत चुदाई के मजे लेने लगे।
हम दोनों बिल्कुल नंगे एक-दूसरे से लिपटे हुए थे.. वो मुझे चूम रहे थे और साथ में धकापेल चोदे जा रहे थे।
Antarvasna Samuhik chudai kahani – ऑफिस में माधुरी को चोदा
‘आह्ह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… सर अह्ह्ह लव यू.. आह्ह्ह..’ मैं सिसकारियां भर रही थी और उदय सर अपने लंड का सारा पानी मेरी चुत के अन्दर छोड़ कर मेरे ही ऊपर निढाल हो गए।
उदय सर मेरे ऊपर पड़े-पड़े मुझे किस करने लगे। 2 घंटे में उन्होंने मुझे 3 बार चोदा।
इसके बाद हम दोनों ने कपड़े पहन लिए थे। तभी बेल बजी और उनका सेक्रेटरी आकर बोला- मैडम सैट पर पहुँच गई हैं.. शूट शुरू करना है।
उदय- हाँ मैं आता हूँ।
मैंने उदय की ओर देखा तो उसने स्माइल दी और बोला- क्या करूँ तुम्हें देखा तो चोदने का मन हुआ.. इसी लिए ये सब नाटक किया.. सॉरी।
उदय ने मेरे हाथ में 50000 रुपये दिए और सैट पर चला गया।
मेरी चुत की चुदाई की कीमत मुझे अब समझ आ रही थी।
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