dost ki wife Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/dost-ki-wife/ Hindipornstories.org Sat, 26 Feb 2022 08:52:51 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 हालत की वजह से दोस्त की वाइफ की चुदाई https://sexstories.one/dost-ki-wife-ko-choda/ Sat, 26 Feb 2022 08:52:51 +0000 https://sexstories.one/?p=3532 मैंने भाभी को सीधा किया और मै उपर से आ गया, अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा, उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, उसकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया पर गीली चुत की बजाह से लंड सतक रह था...

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Dost ki Wife ko Choda दोस्तो, मेरा नाम विकास ठाकुर है. मै हाजिर हू एक नयी कहानी लेकर जो मेघना नामक रीडर की विनांती सुनकर. आप तो जानते ही है फिर भी एक बार फिर से बता देता हू, वैसे तो मैं एक डॉक्टर हूँ. मुझे अन्तर्वासना पर सेक्स कहानी पढ़ना बहुत पसंद है. मैं एक 28 साल का युवक हूँ और मेरे लंड की साइज़ भी इतनी मस्त है कि ये किसी भी लड़की या भाबी को चुदाई का पूरा मज़ा दे सके. हालांकि मुझे लड़कियों से भाबियों की चुदाई करना ज्यादा पसंद है. मैं अपनी कहानी पर आने से पहले ही बता दूँ कोई भी दोस्त मेरे से भाबी का नंबर या आइडी ना मांगे. किसी भी लड़की या भाबी के लिए उसकी प्राइवेसी और गोपनीयता बनाए रखना बहुत ज़रूरी होता है. इसलिए ये देखते हुए मैंने कहानी में नाम बदल दिए हैं.

मै कहानी पे आता हू पर ये बता देता हू की मैने कोई गद्दारी नही की जो भी हुवा मर्ज़ी से एक बार की हुवा. ये कहानी है दोस्त की वाइफ की चुदाई की है. हम तीनो साथ मे ही काम करते है. पहले दोस्त की वाइफ के बारे मी बता डू वो एकदम सिंपल लड़की की जिसका फिगर जाड़ा नही है लेकिन उसकी पिछवाड़ा धेखकर बड़े बड़े लोगो के लंड खड़े हो जाते थे. उसकी गांड मे ऐसा जादू है की मरीज सिर्फ़ उसकी गांड धेकने के लिए बार बार आते थे. वो साड़ी पहनती उसकी आँखें भूरी ओर गाल एक दम गुलाबी थे। उसके बूब्स ओर गांड भी मस्त बाहर निकलती है.

मै कहानी पे आता हू हम लोगो को एक मेडिकल कॅंप के लिए नासिक जाना था. हम लोग लगभग १५ लोग थे. पल्लवी भाबी ओर मेरा दोस्त सागर भी साथ मे थे. सागर, मै, ओर भाभी हमेशा साथ मे घूमते थे ड्रिंक करते थे. मई उनके घर पर बोहोट बार रहा हू. हम लोग वाहा पे गये. वाहा पे हमे जंगल मे रहना था. मतलब टेंट लगा दिए थे पर दोनो तरफ़ से को भी ज़ाक सकता था. दो दिन के ब्बाद सागर के पैर मे मोच आने के कारण सागर वापिस आ गया ओर कॅंप ओर भाबी की ज़िमेदारी मूज़े दे दी. जहा हम गये थे वाहा पे जड़तर आदिवासी लोग रहते थे. सागर के जाने के बाद पल्लवी भाबी ने मूज़े बुलाया ओर बोला की आज रात को कल का प्लान डिसकस करते है. हमारा काम होने के बाद मै फ्रेश होके उनके टेंट मे गया. भाबी कपड़े चेंज कर रही थी अंदर ओर एक पड़दा था लेकिन मूज़े सब दिखा रहा था. भाबी ने ब्लाउस ओर ब्रा निकली ओर टिशियर्ट पहनी ओर नीचे कुछ नही पहना था पनटी निकल दी ओर सिर्फ़ नाइट पॅंट पहनी. उसके बूब्स ओर गांड को धेकते ही मेरा लिंड खड़ा हो गया. मेरा मंन किया की अभी जाके उसकी गांड मारू, उसे घोड़ी बनके शॉट लगाउ. मेरा लंड उसके मूह मे डाल डू.

मैने आवाज़ दी तो पल्लवी भाभी ने अंदर आने को कहा मै पहले से ही अंदर था मै गया तो भाभी को द्देखता रहा गया भाबी बहोट हॉट लग रही थी.
मैने ऊपर से नीचे तक पहले भाभी को घूरना शुरू किया. पल्लवी भाभी के कपड़े बहोत टाइट थे, उनके बुब्स ओर चुत एकदम शेप मे धिक रही थी. वो मुज़से बात कर रही थी ओर मेरी नज़र उनकी फूली हुई गांड पर थी. तभी बाकी लोग आ गये हम लोगो ने कल का प्लान डिसकस किया. सभी को सोने की जल्दी थी, बहोट सारी नर्स गांड मरवाने को बेकरार थी ओर सबकी अपना लंड को सेलेक्ट कर लिया था. ऐसा पहली बार हुवा था जब मैने भाभी के बारे मे ग़लत सोचा था. थोड़ी देर बाद सब लोग निकल गये भाभी ने मूज़े रुकने को कहा.

भाभी ने कहा की हुमने जिनको दवाई दी है. उन लोगो ने उनका आदिवासी डॅन्स धकने बुलाया है. बाकी सब नही आ रहे है. हम लोगो को जाना चाहिए. हम लोग उनके यहा जाने के लिए निकल गये. वो लोग पहाड़ो के बीच अपने भगवान के पास कुछ प्राथना कर रहे थे. फिर उनका डॅन्स सुरू हुवा. बहोत मज़ा आ रहा था. उन लोगो ने हुमे भी नाचया. फिर बाद मे एक बंदे ने मूज़े एक ग्लास लाकर दिया जिसमे कुछ था. पीने के बाद पता चला वो शराब जैसा कुछ था. पर वो लोग बहोट सिंपल थे तो मैने ओर भाभी ने पिया ओर मज़ा लेते रहे. वो लोग हुमे मिया बीबी समज रहे थे. उनके डॅन्स के हिसाब से भाबी मेरे आगे थी मेरा लंड भाभी की मक्खन की तरह गांड मे गुस रहा था. पर हम लोग नशे मे थे. फिर उनको बोलके हम वाहा से टेंट आने के लिए निकले.

हम रास्ता भटक गये ओर कुछ समज मे नही आ रहा था. मोबाइल मे नेटवर्क नही था. हम लोग २ घंटे से भटक रहे थे. भाभी थक गयी ओर बोली कही पे बैठेते है ओर फिर सोचते है. ठंड बोहोत जाड़ा थी. हम दोनो ने नॉर्मल कपड़े पहने थे. उतने मे भाभी को सामने एक खाली खंदर धीखा. हम डरते डरते वाहा पे गये. अंदर खाली कमरे थे. हमने सोचा यही पे कुछ देर रुकते है. मै दूसरे रूम मे गया तभी भाभी के चिल्लाने की आवाज़ आई मैने धेखा तो भाभी वाहा पे टंकी जैसा कुछ था जिसमे घिर गयी. मैने पानी के अंदर गया ओर उनको निकाला. हम दोनो भीग गये थे. ओर ठंड बोहोत थी. मूज़े वाहा पे दो चटाई मिली.

Kamuk Story ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म

हम लोगो ठंड के मारे कप रहे थे. तभी भाभी ने जो कहा वो सुनके मई हैरान था भाभी ने कहा हुमे कपड़े उतार के बैठना पड़ेगा नही तो हम ऐसे ही मार जाएगे. मैने उनकी तरफ धेखा, तो भाभी ने कहा हम डॉक्टर है तोड़ा दिमाग़ से सोचो. फिर अंधेरे मे हम दोनो ने अपने अपने गीले कपड़े उतार के एक दूसरे की तरफ पीठ करके बैठ गये. लेकिन कब तक ऐसे ही रहते ठंड तो अभी भी थी तो हम लोग चटाई पे सो गये ओर एक चटाई उपर से ले ली.

मेरा लंड खड़ा हो चुका था हमारा शरीर एक दूसरे को टच हो रहा था भाभी तोड़ा पीछे हो गयी मेरी शरीर की गर्मी की बाजसे उनकी तंदी कम हो गयी. भाभी ने कहा कोई दूसरा ऑप्षन नही है. एक दूसरे को लिपट के सोना पड़ेगा फिर मुज़से कंट्रोल नही हुवा मैने उनकी उनकी गोल ओर नरम गांड को अपने हाथों से दबाना शुरू कर दिया। उनकी गांड काफी बड़ी थी ओर एकदम मक्खन की तरह थी। उनकी गांडो को हाथों से दबाने ओर मसलने में काफी ज्यादा मजा आ रहा था। धीरे से फिर भाभी भी जोश मे आ रही थी. आ हू दबाओ ज़ोर से कुछ तो करो ऐसा बोल लेकिन २ मिनिट के बाद बोलने लगी ये सही नही है. मेरा लंड पूरा खड़ा हो चका था.
फिर मैने भाभी को समजाया की हुमे ये करना होगा वरना हम मर जाएँगे. तो भाभी ने मुज़ेसे प्रॉमिस लिया की ये एक ही बार होगा ओर किसी को पता नही चलेगा. मैने भाभी को प्रॉमिस किया ओर किस करना स्टार्ट किया.

मैं पीछे से उनकी गांड और बूब्स पर हाथ फेर रहा ओर दबा रहा था। हाय कितनी मुलायम ओर नरम बूब्स थे. मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।भाभी भी इतने में काफी गर्म हो गयी थी उनके मुंह से आह,आह की धीमी आवाज निकल रही थी। कुछ देर बाद भाभी ने मुझसे कहा ”मुझे चुत चटवनी है सागर ने कभी नही किया प्लीज़ चॅटो ना मै नीचे चली गया.

मैं 69 पोजीसन होकर उसकी चूत के पास पहुंच गया और फ़िर मैं उसकी चूत जीभ से चाटने लगा. मै पूरा फील दे रहा था पूरा चुत के अंदर था जीभ डालके आइस्क्रीम की तारह छत रहा था. उसका वो चुत का खट्टा पानी मूज़े मस्त लग रहा था. फिर भाबी ने मेरा लण्ड हाथ में ले लिया. वो मेरे लण्ड को हिलने लगी अपने हाथ , ओर मेरी भी आहें निकलने मेरी हालत खराब हो रही थी और भाभी ने लन्ड मुंह मे लेकर चूसने लगी. उसने मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले लिया ओर अंदर बाहर किए जा रही थी और मेरी जीभ उसकी चूत के साथ साथ ज़ट के बाल भी नोच रहा था.

भाभी ने मूज़े बोली की मूज़े लंड चूसना बहोत पसंद है. ओर वो बोली मेरे मुहफ़ मे निकल दो मूज़े माल को पीना है. मेरे लौड़े को चूस चूस कर और बड़ा कर दिया ओर कहने लगी मूज़े बड़ा ही पसंद है. मै भी काफ़ी जोश में आ गया था मै भाभी का सर दबा रहा था ओर लंड पूरा अंदर तक जा रह था. भाभी हाथों से मुठ मार मार कर चूस रही थी. ओर मेरा लौड़ा गरम हो गया ओर मैने सारा माल निकाल दिया भाभी के मुँह में गिरा दिया. भाभी ने मेरा सारा माल पी लिया ओर चाट कर सारा माल साफ कर दिया.

भाभी बोली, “अब तुम मुझे चोदो अपने लण्ड से ओर माल अंदर मत गिरना मूज़े हर एक स्टाइल मे चोदो, अब मुझसे रहा नहीं जाता जल्दी करो… चोदो मुझे ! चोदो मेरी चुत फाड़ के रख दो. अब मैंने अपने होंठों से उसके होंठों पर चूमना करना शुरू किया, मै बहोत सेरटाक किस कर रहा था ओर साथ मे उसको मसल रहा था. फ़िर गाल पर, गले पर, चूत, गाड़, बुब्बस हर जगह फ़िर और नीचे से हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा ओर अंदर उंगली डालने लगा. बड़े और सख्त बूब्स को पी रहा था !मैं उन्हें मसलने और जोर से दबाने लगा. मैंने उसके निप्पल को अपनी मुहा में लेकर दबाया, वो जोर से सिसकने लगी, “उह उह आह विकास आज मुझे पूरी तरह से चुदाई का मज़ा दे दो. मूज़े तेरा लंड चाहिया प्लीज़ डाल दो. चाहो तो माल अंदर ही दाल दो लेकिन अब सब्र नही होता.

मैंने भाभी को सीधा किया और मै उपर से आ गया, अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा, उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, उसकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया पर गीली चुत की बजाह से लंड सतक रह था. फिर भाभी ने एक हाथ से लंड सेट किया मैने बूब्स को मुहा मे लिया ओर एक ज़ोर का शॉट लगया, भाभी ज़ोर से चिल्लाई, ओह मर गई, कितना बड़ा है तेरा, मूज़े दर्द हो रहा है . मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में गया था, मैने बात करते हुवे ओर एक शॉट मारा मगर काफ़ी टाईट चूत थी, फिर भाभी ने गाड़ उपर की ओर बोला अब लगाओ शॉट, एक बार फिर जोर के झटके से अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया. वो बोल रही थी “आह धीरे धीरे करो मूज़े मज़ा लेनो दो, चप चप आवाज़ आनी चाहिए ! ” भाभी मेरे पीठ मे नाख़ून के निशान छोड़ रही थी.

मैने उसस्के बूब्स को डबते हुवे धीरे धीरे अपने लण्ड को आगे पीछे कर रह था साथ मे बीच मे ज़ोर से शॉट लगा रह था. कुछ देर बाद भाभी का दर्द भी कम हो गया और वो भी मज़ा लेने लगी ओर जो आवाज़े निकालने लगी ” ओहो! ह्म्म! आ ! जोर से ! और ज़ोर से करो, मूज़े तुम्हे अंदर लेना है, मर्द की तरह चोदो, आह प्लीज़ स्पीड बदाओ अपनी मै आने वाली हू. फिर मैंने अपने झटकों की ताकत बढ़ाई ओर स्पीड भी.
मैं और जोर से उसे चोदने लगा मैने भाभी के पैर गले मे ले लिए ओर स्टाइल चेंज कर दी. अब तो पच पच आवाज़ से सारा महॉल बन गया था. थोड़ी देर बाद वो झड़ गई फिर भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी. उसकी चूत का रस टपकने लगा, मूज़े उसकी खुसबु आ रही थी,
मुझे और भाभी काफ़ी मज़ा आ रहा था. फ़च फ़च की आवाज़ ओर भी भाग रही थी. थोड़ी देर बाद मुझे लगने लगा कि मैं भी होने वाला है. फिर मैने उसे उल्टा कर से कुतिया बना कर पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड घुसा कर शॉट लगाना चालू किया.

मै पीछे से जोर जोर से धक्के लगा रहा था. अब मेरा लौड़ा रुकने वाला था नही, मैने भाभी को बोला मूज़े कंट्रोल नही हो रहा है, मेरा होने वाला है मै चुत मे निकल रहा हू, तो उसने कहा ठीक है निकल दो मई गोली ले लूंगी. मै पूरी ताकत से उसकी टाईट चूत में झटके लगा रहा था, ओर वो बहाल थी मेरा लंड मानने को तय्यार ही नही था फिर उसने गोतिया साहलाई और १०से १२ झटके के साथ मैंने अपना पूरा माल उसके चूत में डाल दिया. हम नंगे ही वाहा पे पड़े थे.

हमे अब ठंडी नही लग रही थी, पूरे पसीने से बहाल थे. भाभी ने मूज़े थॅंक्स कहा ओर मेरे लंड को चॅट कर साफ करने लगी. फिर १० मीं बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया इस टाइम पे भाभी ने बोला चुत मे दर्द हो रहा है. बाद मे करते है लेकिन भाभी मेरी तरफ गांड करके एकदम चिपके के सो गयी. मई सुबह जगा तो मेरा लंड खड़ा था मैने भाभी के गाड़ मे लंड डालने की कोशिश की लेकिन भाभी ने कभी गांड नही मरवाई थी. भाभी जाग गयी ओर आखरी टाइम मै करने दे रही हू. फिर भाभी ने बोला मूज़े मुहा मे लेना है. मैने दोनो बुब्बस के बॉच मे से मुहा मे लंड डाला ओर मूह मे चोदने लगा. ओर सारा माल भाभी के मुहा मे निकल दिया. भाभी ने मेरे लंड को किस किया ओर मिस यू कहा.

फिर हम दोनो ने अपने कपड़े पहने, भाभी ने कहा के ये बात कभी किसी को पता नही चलनी चाहिए, मैने उन्हे हग किया ओर प्रॉमिस किया की कभी किसी को पता नही चलेगा ओर ये दुबारा भी नही. फिर हमने एक दूसरे को हग किया एक लंबा किस किया भाभी ने मेरे लंड की तरफ़ देखा वो खड़ा था, भाभी ने कहा हाथ हिलाओ या कोई ओर ढूंड लो, ओर हम लोग टेंट मे चले गये. आज भी हम लोग दोस्त है ओर मस्त जी रहे है. कभी कभी भाभी को धेखकर मूड होता है मई उनको बोलता भी हू लेकिन फिर हम लोग कंट्रोल कर लेते है. कंट्रोल की बजाह है मेरा दोस्त ओर उनका पति सागर.

दोस्तो ये थी मेरी कहानी जो मैने एक पाठक की विनांती पर लिखी तो मूज़े मैल कीजिए ओर लिखिए ये कहानी कैसे लगी ओर कुछ ग़लती हो गयी है तो माफ़ कीजिए, चाहे तो गालिया दे सकते है. जाते जाते एक ही बात कहूँगा ओर औरतो का रेस्पेक्ट कीजिए, उनको प्यार ओर इज़्ज़त दीजिए. उनकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखें.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी. मूज़े अपने विचार बातये ओर कुछ भी हो जो शेर कर सकते हो कीजिए. मूज़े आपके प्यार भरे मेल का इंतज़ार रहेगा. नये साल की हार्दिक शुब्कामनाए, ये साल आपके जीवन मे ढेर सारी खुशिया लाए. अगली कहानी लेकर जल्द ही आउगा तब तक हिलाते रहिए, शॉट लगते रहिए ओट चुत मे उंगाली करना मत भूलना.

अपनी राय मुझे ज़रूर लिखें. मुझे इस मेल पर भेजें.

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दोस्त की बीवी के साथ उसीके घर पर सुहागरात https://sexstories.one/dost-ki-biwi-ke-sath-usike-ghar-pe-suhagraat-xxx/ Sun, 24 Oct 2021 12:02:21 +0000 https://sexstories.one/?p=3100 उनकी चूचियां मेरे पीठपर टकराने लगीं और मेरा लंड एक्ससिटेमेंट में पैंट फाड़ने के लिए तैयार हो गया.. फिर मैं जैसे ही बर्तन के रैक को फिट करके पीछे मुडा तो भाभी पीछे हो खड़ी थी. एक बार फिर आमने-सामने की टक्क्रर हो गयी। इस बार उनकी चूचियाँ मेरे सीने से टकराई...

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Dost ke biwi ki saath Suhagraat XXX kahani ये दास्ताँ है मेरे दोस्त की बीवी की चुदाई की.. मैं उस समय नॉएडा में पोस्टेड था. मेरे ऑफिस में एक प्रोजेक्ट मैनेजर था, सुमन. वो मेरे ही प्रोजेक्ट पर था इसलिए हमारे बिच अच्छी दोस्ती हो गयी थी. मेरे सीनियर था, भाग्य से वो भी मेरे ही सोसाइटी में रहता था. धीरे धीरे उसके घर मेरे आना जाना शुरू हो गया था. उसकी बीवी से भी मेरी खुब पटती थी. शादी नयी नयी हुई थी. इसलिए भाभीजी फुलटू माल थी.. लगभग ५ फुट ५ इंच की हाइट और फिगर ३४-३६-३४ का! गोरी चिट्टी से मस्त आइटम थी….

मेरे दोस्त ने नया नया फ्लैट ख़रीदा था और मैं क्लोज फ्रेंड होने के कारण वह इनवाइटेड था हाउस-वार्मिंग पार्टी में. भाभीजी, जिनका नाम श्वेता था, वो काफी चिपक रही थी.. मेरे दोस्त को कुछ सामान लाना था तो वो बाहर चला गया. उसने कहा तुम इधर ही बैठो. मैं उसके घर पर ही रुक गया और टीवी देख रहा था.. फिर अचानक मैंने सोचा की भाभी की कुछ मदद कर देता हु और मैं किचन में गया… भाभीजी फर्श की सफाई कर रही थी.. वो रेड कलर की मैक्सी पहनी थी और नीचे झुककर सफाई कर रही थी. मैंने जैसे ही उनकी तरफ देखा, वो मुस्कुराने लगी और बोली की क्या बात है देवरजी?

मैंने कहा की मैं खली बैठा था तो सोचा की आपकी ही मदद कर देता हु.. तो वो हंसने लगी..

फिर अचानक ही मेरी नज़र उनके फेस से निचे पहुंची तो मैं अवाक् रह गया.. उनकी मैक्सी के ऊपर का बटन खुला हुआ था और उसके अंदर से उनकी मस्त चूचियाँ दिख रही थी… गोल गोल मक्खन जैसी उजली चूचियाँ देख के मैं अवाक् रह गया… मेरा लंड तनक गया…

Desi porn kahani पडोसन की चूत

भाभीजी शायद ताड़ गयी और उन्होंने अपनी मैक्सी का बटन ठीक कर लिया.. अब उनकी चूचियाँ नहीं दिख रही थी.. फिर वो अचानक से कड़ी हो गयीं और बोटी की आपको मेरी मदद करनी है तो मेरा बर्तन लगा दीजिये.. लेकिन बर्तन वाला रैक भी नहीं लगा था.. मैंने उनसे पुछा की बर्तन का रैक कहाँ है तो उन्होंने बताया के बगल वाले कमरे में है. मैंने कहा ठीक है, मैं ले आता हूँ..

फिर मैं बगल वाले रूम में गया तो भाभीजी भी आ गयीं… बोली – रैक बहुत ऊँचा है.. आप चेयर ले लीजिये… मैं उसको पकड़ लुंगी.. फिर मैं चेयर पर चढ़ कर उनके बर्तन वाला रैक उतरने लगा.. भाभीजी ने चेयर ज़ोर से पकड़ा था सटकर… धीरे धीरे वो मेरे और खरीद सटती जा रही थी.. कुछ देर बाद ही उनकी चूचियाँ मेरे पीठ पर सटने लगीं… दोस्तों मेरा ८ इंच लम्बा लंड खड़ा हो गया.. भाभीजी की चूचियाँ अब पूरी तरह से मेरे पीठ में रगड़ खा रहीं थी.. और मेरी हालत ख़राब हो रही थी… किसी तरह अपने ऊपर कण्ट्रोल करके मैंने बर्तन वाला रैक उतार लिया…

फिर मैं जैसे ही चेयर से उतरने के लिए मुडा तो मेरा पैर स्लिप कर गया और मैं फिसल गया.. भाभी पीछे कड़ी होकर मुझे पकड़े हुए थी तो उन्होंने मुझे बचने की कोशिश की.. मेरे हाथ से बर्तन का रैक छूट कर निचे गिर गया.. भाभी मेरे सामने कड़ी थी तो उन्होंने रोकने की कोशिश की और मैं उनकी बाँहों में हो गिरा… उन्होंने कस कर मुझे पकड़ा ताकि मैं गिरूं नहीं.. इसी कोशिश में मैं उनसे गले मिलने की पोजीशन में आ गया और उनसे पूरी तरह चिपक गया.. उनकी चूचियाँ अब मस्त मुझसे चिपकी हुई थी.. दोस्तों मैं तो जैसे सातवे आसमान पर था.. मेरा लंड जो अभी तक खड़ा था वो भी फुल फॉर्म में आ चूका था…

भाभी ने मुझे ज़ोर से भींच लिया और कहा – राजीव आप ठीक हो?

मैं कहाँ ठीक था यारों.. लेकिन मैंने सर हिलाया… तब भाभी ने पकड़ के मुझे बगल के बेड पर बिठा दिया.. मेरे पूरे शरीर में मानो बिजली दौड़ गयी हो… फिर कुछ देर बाद मैं नार्मल हो गया तो बर्तन का रैक उठाकर उनके किचन में फिट करने चला गया…

जैसे ही मैं कील ठोक कर बर्तन का रैक को फिट करने चला, तो भाभी ने फिर से पीछे से आकर पकड़ लिया और बोला – कहीं आप फिर से ना गिर जाओ…

फिर उनकी चूचियां मेरे पीठपर टकराने लगीं और मेरा लंड एक्ससिटेमेंट में पैंट फाड़ने के लिए तैयार हो गया.. फिर मैं जैसे ही बर्तन के रैक को फिट करके पीछे मुडा तो भाभी पीछे हो खड़ी थी. एक बार फिर आमने-सामने की टक्क्रर हो गयी। इस बार उनकी चूचियाँ मेरे सीने से टकराई और मेरा लंड उनके कमर के निचे.. भाभी ने एक कातिलाना स्माइल दी.. उसके बाद मेरा फ्रेंड आ गया और फाइनली उनकी फंक्शन स्मूथली ख़त्म हो गयी..

लगभग चार दिन के बाद सुमन ने अपने केबिन में मुझे बुलाया और कहा – राजीव, मुझे अर्जेंट काम से बॉम्बे जाना है एक दिन के लिए.. मैं कल यानी गुरुवार को जा रहा हूँ और शनिवार को वापस आ जाऊंगा, तब तक तुम प्रोजेक्ट का ध्यान रखना..

मैंने कहा ठीक है.. फिर जैसे ही मैं उसके केबिन से बाहर निकल रहा था तो उसने कहा – सुन तेरी भाभी भी अकेली रहेगी, उसे भी ऑफिस के बाद मिल लिया करना..

भाभी का नाम सुनते ही मेरे दिल में गुदगुदी होने लगी..

उस दिन रात भाई मैंने श्वेता भाभी के नाम पर ४-५ बार मुठ मारी… फिर मैंने सोचा, कहीं सच में अवसर मिल जाए तो.. तो मैंने सरसो के तेल से अपने लंड की मालिश की और उसको मोटा बना लिया.. उसका साइज थोड़ा बढ़ ही गया था.. लगभग ८. ५ इंच! दूसरे दिन ऑफिस में मेरा मन एकदम नहीं लग रहा था.. मन कर रहा था जल्दी से भाभी के पास पहुँच जाऊं.. आखिरकार शाम को ६:३० में ही मैं ऑफिस से निकल गया…

६:५० तक मैं भाभी के सोसाइटी में था.. मैंने दरवाज़े की बेल बजायी.. ५ मिनट के बाद श्वेता भाभी ने दरवाज़ा खोला.. लोहे के दरवाज़े के पीछे से, मुझे देखते ही खुश हो गयी – अरे राजीव… आइये…

फिर उसने लोहे का जालीदार दरवाज़ा खोला..

Dost ke biwi ki chudayi पानी और चुत

मैं घर में घुसते हो बोला – सर ने आपसे मिलकर पूछने के लिए बोला था, अगर आपको कुछ चाहिए तो..

तो उसने स्माइल देकर कहा – अच्छा ठीक है.. ऑफिस से आ रहे हैं तो थोड़ा आराम कर लीजिये, फिर बताउंगी..

श्वेता भाभी ने एक पिंक कलर का सलवार-कमीज पहन रखा था.. वो पूरा टाइट फिट था.. वो ऊपर से नीचे तक क़यामत लग रही थी..

उसने कहा – आप बैठो, मैं चाय बनती हूँ.. मैंने कहा नहीं भाभी, आप क्यों परेशान होती है… कुछ सामान लाना है तो बता दीजिये, जल्दी से ला दूंगा..

तो श्वेता भाभी ने कातिलाना अंदाज़ में अंगड़ाई लेते हुए कहा – अभी इतना भी क्या जल्दी है देवरजी, अभी तो पूरी रात बाकी है..

मैं अंदर से खुश हो गया. फिर भाभी चाय बनाने चली गयी. लेकिन मेरा एक्ससिटेमेंट से बुरा हाल हो रहा था. मन कर रहा था की बस दबोच के चोद डालूं. लेकिन फिर भी मैंने कण्ट्रोल रखा. मैं उनके बाथरूम में फेसवाश करने गया. हाथ मुंह धोने के बाद मैंने टॉवल ढूंढा तो वो नहीं था..

मैंने निकलकर भाभी से पुछा, तो स्माइल देते हुए बोली – हाँ आज देर से सूखने के लिए डाला है…

और फिर उसने अपना दुपट्टा उतारते हुए कहा – तक तक अप्प इससे काम चला लो.

अब भाभी की चूचियाँ साफ़ दिख रही थी. गोल-गोल और पूरी पुष्ट! मैंने दुपट्टा लेने के लिए किचन में चला गया और उनके बगल में ही अपना मुंह पोछने के बाद खड़ा हो गया. उनके दुपटे को अपने गले में लपेटकर.. अब मैंने और भाभी किचन में खड़े थे, लेकिन वो मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी और ज़ोर-ज़ोर से साँस ले रही थी, जिसके कारन उसकी चूचियाँ भी ऊपर नीचे हो रहे थीं… मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रखा था. फिर भाभी कुछ लेने के लिए पलटी तो उनकी चूचियाँ मेरे कंधे से टच हुईं.. अब मैंने एक हाथ से उनको पकड़ लिया.. उन्होंने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन बच बोला नहीं…

मैंने उनको खींच कर अपने और करीब कर लिया.. अब वो पूरी तरह से शांत थी.. कोई प्रतिरोध नहीं था लेकिन आँखें झुकी हुई थी. मैंने उनकी ठुड्डी की पकड़ के उनका चेहरा सीधा किया लेकिन फिर भी वो नज़र नहीं मिला रही थी. फिर मैंने उनको थोड़ा और खरीद खींचने को कोशिश की – तो भाभी ने झट से अपने आप को मेरे बाँहों से अलग कर कहा – ये सब क्या है राजीव?

मैंने कहा – प्यार, मैं आपको बहुत प्यार करने लगा हूँ.

तो वो हांसे लगी, बोला मैं – आपके प्यार के मतलब समझती हूँ, और अभी फ़ोन लगाउंगी आपके भाई को जिसने आपके ऊपर विश्वास करके भेजा है मेरे पास…

यारों, मेरी तो जान ही निकल गयी. लगा मेरे ऊपर किसीने १० घड़ा ठंडा पानी दाल दिया हो. मेरा एक्ससिटेमेंट तो जैसे पल भाई में ही काफूर हो गया. भाभी ने दूसरे रूम में जाकर अपना फ़ोन भी उठा लिया. मैं उनके पीछे गया और बोला – की आप तो बुरा मान गयी.. मेरा कोई गलत इंटेंशन नहीं था. मैं तो आपका बहुत बहुत रेस्पेक्ट करता हूँ.

तो भाभी ने फ़ोन रख दिया… और हँसते हुए बोली – बस एक धमकी में प्यार का भूत उतर गया?

मैं अवाक् रह गया.. एक पल के लिए मतलब नहीं समझ पाया…

Dost ke biwi ka bhosda choda बीवी और डोली भाभी

तब फिर भाभी ने कहा – मैंने तुमको पहले ही दिन समझ गयी थी, जब तू जान बूझकर मेरे ऊपर गिरा था..

फिर मैंने भाभी को बाँहों में उठाकर भींच लिया और उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया.. कुछ देर के बाद भाभी भी मेरे होंठों को चूसने लगी और मुझमे और घुसती जा रही थी.. लगभग १५ मिनट तक हम लोगों ने एक दूसरे के होठों को जमकर चूसा.

फिर भाभी बोली – मै तो तुम्हारे लंड की दीवानी हूँ.. उस दिन टच किया था, आज चूसूंगी..

मैंने कहा – सच?

तो भाभी ने बोला – हाँ! आज तेरे लवडे की खैर नहीं..

फिर मैंने भाभी को उठाकर बेड पर रख दिया.. भाभी भी मुझे कर कर भींचे हुए थी और छोड़ने का नाम हो नहीं ले रही थी.. मैंने भाभी के पूरे फेस पर किस करना शुरू किया.. इसी दरमियाँ मैंने भाभी का कमीज भी खिंच कर ऊपर कर दिया था..

फिर मैंने ब्रा का हुक भी खोल दिया और भाभी की मस्त चूचियों से खेलने लगा. यारों! मैं बयान नहीं कर सकता हूँ.. चूचियों की खूबसूरती… पूरी मक्खन.. मैं तो पूरा बच्चा बन गया था.. भाभी के निप्पल्स को मुंह में लेकर चूस रहा था.. और भाभी मदमस्त आवाज़ें निकाल रही थी.. आह्हः… ऊह्ह्ह्ह… यू… फकर.. आहह.. काट खायेगा क्या?

अचानक भाभी ने मुझे पटक दिया और मेरे ऊपर चढ़ गयी.. उसने बारी बारी से मेरे शर्ट के सारे बटन खोल दिए.. मेरी गंजी भी निकाल दी.. फिर वो मुझे चूमने लगी.. माथे से लेकर नाभि तक! जैसे ही वो निचे पहुंची, उसने मेरे पेंट का हुक भी एक झटके से खोल दिया और पेंट बहार निकाल दिया.. अब मैं अंडरवियर में था.. मेरा मोटा लंड अंडरवियर के पीछे से ही फाड़ने के लिए तैयार दिख रहा था..

भाभी ने मेरा अंडरवियर भी एक झटके में निकाल दिया. अब मैं पूरा नंगा था. भाभी ने एक बार फिर से पैर से चूमना शुरू किया.. लंड को उसने हाथ से कसकर पदक हुआ था.. फिर जैसे ही वो लंड के पास आयी, उसने लंड को मुंह में ले लिया.. लेकिन पूरा लंड उसके मुंह में नहीं जा पा रहा था… वहीँ से उसने मेरे लंड को अपने जीभ से चूसना शुरू कर दिया,…

यारों! अब आवाज़ जी बारी थी.. मैं बेड पर उछल था था.. और वो मज़े ले रही थी.. लगभग १० मिनट में मैं भाभी के मुंह में ही झड़ गया… और मेरा लंड छोटा हो गया…

अब भाभी ने एक बार फिर से मेरे होंठों में अपने होंठ दाल दिया और स्मूच करने लगी… इससे लंड तुरंत ही फिर से टाइट हो गया. अब भाभी टाँगे खोल कर मेरे जांघ के नीचे बैठ गयी.. उसने अपने बुर को आगे किया और मेरे लंड को अपने बुर में घुसाना चाहा… लेकिन उसके छेद में मेरा लंड नहीं घुस पा रहा था.. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था…

मैंने अब भाभी को निचे गिरा दिया और तुरंत उसके ऊपर चढ़ कर उसकी चूचियों को कस कर चूसना शुरू क्या.. ५ मिनट के बाद मैंने भाभी के जांघों को फैला दिया और अपना लंड धक्का देकर घुसाना चाहा.. लेकिन तो कराहने लगी…

भाभी बोली – फट जायेगा…! तेरे नामर्द बॉस का तो ४ इंच का ही है, साला नामर्द…

फिर मैंने अपने मुंह भाभी के बुर के पास ले जाकर ढेर सारा थूक बुर के मुंह के पास लगाया.. उसके बाद मैंने भाभी की दोनों टांगों को अपने दोनों कन्धों पर रखा और ज़ोर से अपना लंड बुर में घुसेड़ा.. इस बार आधा लंड जाने के बाद रुक गया..

भाभी दर्द से बिलबिला उठी – फट जाएगा राजीव!!!

मैंने कहा – कुछ नहीं होगा.. आप थोड़ा पेशेंस रखो.. बहुत मज़ा आएगा…

अब मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर बहार करने लगा. भाभी की हालत ख़राब थी.. उसने अपनी आखें मूँद ली थी और होंठों को दांत से दबा के रखा था.. लगभग ५ मिनट तक लंड आगे-पीछे करने के बाद भाभी की बुर में थोड़ा गीलापन लगने लगा था…

अब दर्द भी पहले से कम था.. इस बार मैंने फिर से शॉट मारा.. तो पूरा लंड अंदर घुस दया.. भाभी दर्द के मारे चीख उठी – आह्ह्ह्हह्ह!!!! फट गया!!!!

सच में, बुर का आगे का हिस्सा बहुत ज़्यादा टाइट था.. वह लंड अच्छे से आगे पीछे नहीं हो पा रहा था,…

मैंने झट से अपना लंड निकाला और भाभी ने बुर में अपने मुंह घुसा दिया.. भाभी अब उछलने लगी.. लगभग १० मिनट तक मैंने भाभी की चुदाई अपने जीभ से की… उसके बाद भाभी ने अपने दोनों जांघो के बिच में मेरा सर जकड लिया.. और अपना पानी छोड़ दिया…

फिर बोली – आज लाइफ में पहली बार मैं झड़ी हूँ.. नहीं तो सुमन मादरचोद को खुद ३-४ बार झड़ जाता है लेकिन मेरा कुछ नहीं कर पाटा है..

अब भाभी का बुर अच्छा ख़ासा गीला हो चूका था. मैं फिर जांघों के पास बैठा और भाभी को पैर फैला कर ज़ोरदार शॉट मारा.. और पूरा लंड अंदर..!!

भाभी बेड से उछाल कर मुझसे चिपक गयी.. उसकी चूचियां लग रहा था जैसे मेरे अंदर घुस जाएंगी और स्मूचिंग तो लगातार जारी था.. इस बार हम लोगों ने जमकर चुदाई की…

भाभी ने भी अपनी कमर उठा उठाकर मेरा भरपूर साथ दिया. लगभग २५ मिनट चुदाई करने के बाद मैं भाभी के बुर में ही झड गया.. लेकिन मेरा लंड अभी वैसे का वैसे ही था.. अब बुर में और पानी हो गया था.. और चुदाई में और ज़्यादा मज़ा आ रहा था.. इसलिए मैंने चुदाई रोकी नहीं और और चोदता था… बिच-बिच में भाभी कभी अपने जांघों को सटा लेती थी.. कभी मैं उसके जांघों को अपने कंधे पर रख लेता था.. ऐसे ही लगभग १ घंटे के बाद मैं फिर से झड़ गया एयर भाभी भी झड़ गयी..

अब लंड महाराज ८.५ इंच से ३ इंच के हो चुके थे.. मैं अपना लंड बुर से बाहर निकाल रहा था तो भाभी ने कहा – इसी में डाले रखो.. बहुत अच्छा लग रहा है..

हम लोग उसे पोजीशन में सो गए..

रात में मेरी जब नींद खुली तो रात के १ बज चुके थे.. भाभी बेसुध हो कर सोयी थी..

मैंने कहा – बहुत रात हो गयी है, मैं अपने घर जाऊं क्या?

तो भाभी ने अपने ऊपर फिरसे खींचकर सुला लिया और बोली – अब तो सुमन के आने के बाद ही तुम यहाँ से जाओगे.. आधे घंटे रुको, मैं खाना बनती हूँ… फिर मैं तुमको फिर से खाउंगी…

दूसरे दिन मैंने ऑफिस से मेडिकल लीव् ले लिया और मैंने और श्वेता भाभी ने जमकर सेक्स का आनंद उठाया..

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