Dost ke biwi ki chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/dost-ke-biwi-ki-chudai/ Hindipornstories.org Wed, 03 Nov 2021 06:54:06 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 गर्लफ्रेंड की सहेली के साथ सेक्स के आनंद लिए https://sexstories.one/girl-friend-ke-saath-group-sex/ Wed, 03 Nov 2021 06:54:06 +0000 https://sexstories.one/?p=3253 मुझसे और नहीं रहा गया और मैंने उसकी पेंटी उतार दी, वो पूरी तरह से नंगी थी और बहुत ही मस्त लग रही थी. उसकी चूत के पास एक भी बाल नहीं था और फिर उसकी गुलाबी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा और थोड़ी ही देर में उसने एक सेक्सी सा एक्सप्रेशन दिया...

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Girlfriend ke Friend ke saath sex story हैल्लो दोस्तों, कैसे है आप सब? बस दुआ करता हूँ कि इस साईट पर आने वाले सब लोग खुश रहे, कहानी पढ़कर क़िसी को नये अनुभव मिले, तो कोई अपने अनुभव शेयर करे और हम सबको नई स्टोरी सुनने को मिले. इस स्टोरी में सेक्स है, लेकिन एक प्यार की दस्तक भी है.

मेरा नाम ध्रुव है, में बोम्बे का रहने वाला हूँ, में एक 22 साल का लड़का हूँ. मेरा ब्रेकअप यही मुंबई में हुआ है और हमेशा उस रात के बारे में सोचता हूँ, जो कि लोगों के दिमाग़ में बसा है, लेकिन शायद कभी जी नहीं पाया, मुंबई रात को बहुत खूबसूरत हो जाती है और इस रात में कई कहानी बसती है और उनमे से मेरी भी है.

मेरी लाईफ में वैसे तो बहुत लड़कियाँ थी और काफ़ी गर्लफ्रेंड्स भी रही और सेक्स लाईफ भी अच्छा था, लेकिन मेरा हमेशा एक सपना रहता था, लेकिन वो कभी हो ही नहीं पाया. यह बात अगस्त 2012 की थी, मेरी गर्लफ्रेंड ने एक फार्म जॉइन किया और मुझसे अक्सर उसके बारे में बात करती थी और अक्सर उसकी दोस्त श्रुति के बारे में बात करती थी. में बॉलीवुड मूवी पसंद करता हूँ और श्रुति भी वैसी ही थी. में अपनी गर्लफ्रेंड से खुश नहीं था, इसलिये हमने ब्रेकअप ले रखा था और वो अक्सर कहती थी कि तुम श्रुति से मिलो, हम कहीं पार्टी करेंगे, लेकिन मुझे कभी मौका नहीं मिला.

फिर मौका आ ही गया. श्रुति भोपाल की रहने वाली लड़की थी और मेरी गर्लफ्रेंड के दादा जी भी वहीं के थे और दोनों ने साथ में घर जाने का प्लान बनाया और मुझे फोर्स किया कि मुझे ड्रॉप करने आना ही पड़ेगा. उसी बहाने से में श्रुति से मिल लूँगा और उन्हे दादर से ट्रेन में भेज दूँगा और ट्रेन का टाईम शाम के 8 बजे का था. अक्सर में फास्ट ट्रेन से जब घर जाता हूँ, तो पंजाब मैल ट्रेन मेरे सामने से गुजरती है, तो उस दिन ठीक 7 बजे हम दोनों वहां पहुँच गये और में भी वही समय पर पहुंचा और श्रुति को पहली बार देखा.

श्रुति एक मीडियम हाईट और क्यूट लड़की है, उसकी हाईट 5 फुट 4 इंच, गोरा रंग, बूब्स 32 या 34 इंच के है, लेकिन सबसे प्यारी उसकी स्माईल और नशीली आँखें थी, जैसे वो कुछ कहती हो. फिर मैंने उससे हाथ मिलाया और ध्रुव अपना नाम बताया, में आपको अपने बारे में बता दूँ कि दूसरो की कहानी की तरह में कोई भारी शरीर वाला नहीं हूँ. में एक गोरा सामान्य दिखने वाला लड़का हूँ और और लोगों को हंसाकर उनके चेहरे पर हंसी लाने की कोशिश करता हूँ और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है, जो कि नॉर्मल है.

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मुझे अपनी गर्लफ्रेंड से पता चला कि ट्रेन लेट है और रात को 1 बजे आयेगी, तो में निराश नहीं हुआ और हम सब ने मिलकर कहीं टाईम पास करने का सोचा, तो हम वी.टी. स्टेशन चले गये. जब प्लेटफॉर्म पर हम टाईम पास कर रहे थे, तो मैंने श्रुति के बारे में जानने की कोशिश की और पता लगा कि उसका एक बॉयफ्रेंड है, जो कि पिछले 6 सालो से उसके साथ है और अब वो रूम एक कपल के साथ शेयर करते है.

में जब बात कर रहा था, तो बार बार मेरे पैर श्रुति के पैर से टकरा रहे थे और यह वो खुद भी महसूस कर रही थी और शायद उसकी आँखें मुझसे कुछ कहने की कोशिश कर रही थी, लेकिन में समझ नहीं पाया.

ट्रेन आ गई और हमने नंबर एक्सचेंज किये और बातों ही बातों में मैंने बॉलीवुड फ़िल्मो का ज्ञान दिया और कहा कि तुम मुझे फिल्म लाकर देना और कभी हम साथ में मूवी देखने जायेंगे. में और बातें करना चाहता था, लेकिन मेरी गर्लफ्रेंड वहीं थी और में ज़्यादा कुछ ना कह सका और गाड़ी चलने से पहले मैंने उसे बॉय कहा और मुझे अपनी गर्लफ्रेंड से हग मिला और श्रुति ने भी मुझे हग किया और एक अच्छी सी स्माईल दी और हग बड़ा ही प्यारा था. उसके बूब्स मेरी छाती से दबे और उसकी एक अलग ही खुशबू मुझे आई और बॉय कहकर में चल दिया.

कुछ दिन बीते और मुझे मेरे वाट्सअप पर एक मैसेज आया कि बोलो सर हम मूवी देखने कब जा रहे है और मुझे कुछ अच्छी मूवी कब मिल रही है. में समझ गया था कि वो श्रुति थी, मेरी गर्लफ्रेंड ट्रिप से वापस नहीं आई थी और वो लौट रही थी और उसने कहा कि हम मेरे ऑफिस के बाद मूवी देखने चलेगे. फिर मैंने हाँ कर दी, लेकिन मैंने पूछा कि हम रहेंगे कहा और तुम्हारे बॉयफ्रेंड और मेरी गर्लफ्रेंड को कोई ऐतराज़ नहीं होगा ना, तो उसने कहा कि हम नहीं बतायेंगे

तो उन्हें पता कैसे चलेगा और मैंने एक स्माईल दी, लेकिन मूवी के बाद का प्लान नहीं बन रहा था. उसने कहा कि तुम क़िसी दोस्त के घर रुक जाना में देखता हूँ, कहाँ जाना है और सोचने लगा.

फिर उसने कहा कि में देखती हूँ, कुछ देर बाद मैसेज किया कि मेरी रूम पार्टनर का बॉयफ्रेंड भी नहीं है और मेरा भी अपने घर गया हुआ है, तो तुम मेरे साथ रुक सकते हो, लेकिन वो भी रहेगी. फिर मैंने कहा कि ठीक है और तारीख 14 अगस्त का तय हुआ और उसने कहा कि आते वक़्त हेडफोन ले आना और ढेर सारी मूवी भी लेकर आना.

फिर वो दिन आ गया, जो मैंने सोचा भी नहीं था कि कुछ ऐसा हो जायेगा कि में बस सोचता ही रह जाऊंगा. में मूवी देखने के लिये वहां पहुंचा, तो वो पहले ही वहां पहुँच चुकी थी और काली ड्रेस में वो बहुत ही मस्त दिख रही थी. फिर मैंने कहा और उसने प्यारी स्माईल दी.

उसकी आँखे और बूब्स बहुत मस्त दिख रहे थे और वो मुझे खींचती हुई मूवी देखने लेकर चली गई, क्योंकि में पहले ही बहुत लेट पहुंचा था और जब मूवी देखने लगे, तो ताली बजती सीटी बजती और डायलॉग पर हम बहुत करीब आ चुके थे. फिर मैंने उसके माथे पर किस किया और बोला थैंक्स, क्योंकि बहुत टाईम बाद कुछ अलग हो रहा था, मस्ती, फन और वो स्पेशल सीन. मूवी ख़त्म होने के बाद खाना खाकर हम घूमने चले गये और मैंने धीरे धीरे से उसका हाथ पकड़कर घूमना शुरू किया.

फिर उसने बताया कि उसकी शादी लगभग तय हो गई है और वो लाईफ को एन्जॉय करना चाहती है और वो कुछ भूलना नहीं चाहती थी कि लाईफ जीने में उससे कुछ मिस हुआ है और एक क्यूट स्माईल दी. फिर में उसके घर गया और उसके रूम पार्टनर से मिला और उसने कहा कि मेरी नाईट शिफ्ट है और थोड़ी ही देर में वो चली गई और हम साथ में बैठकर बातें करने लग गये और फिर उसने मुझे एक मूवी देखने को बोला और वो बहुत रोमेंटिक मूवी थी.

उस फिल्म में एक डॉक्टर होता है, जो कि एक व्यक्ति को क़िसी के दिमाग़ से मिटा सकता है और उसके बारे में उस लड़की को या लड़के को कुछ पता नहीं चलता और एक एक हेडफोन लगाकर हम मूवी देखते रहे.

फिर अचानक जब एक रोमांटिक सीन आया, तो फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसने भी कुछ नहीं कहा, मूवी ख़त्म हुई और उसने वही स्माईल देकर मुझे गाल पर किस किया और कहा कि तुम बहुत क्यूट हो. मैंने कहा कि थैंक्स और वो सीन मेरे लिए सबसे अलग था, क्योंकि में प्यार करने लगा था. फिर मैंने सेक्स बहुत लड़कियों के साथ किया या कई लड़कियों के साथ टाईम बिताया, लेकिन यह सब कुछ अलग था.

अब मैंने उसका हाथ पकड़ा और प्यार से उसके माथे पर किस किया और एक टाईट हग दिया और थैंक्स कहा और वो मुझे टाईट हग करती रही. फिर धीरे-धीरे पता नहीं कब मेरे होंठ उसके होंठ से मिले और हम किस करने लगे और किस करते समय हम कब गर्म हो गए, पता ही नहीं चला और किस करते टाईम मेरे हाथ उसके बूब्स दबा रहे थे और उसके हाथ मेरी पीठ पर नाख़ून से निशान छोड़ रहे थे.

फिर 15 मिनट तक की गई किसिंग के बाद मैंने उसका टॉप निकाला और वो अब सिर्फ़ ब्रा पहने हुई थी. काली ब्रा में वो बहुत हॉट लग रही थी, में ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा और उसे भी बहुत अच्छा लगने लगा. फिर वो मेरे लंड को हाथ लगाने लगी, लेकिन मुझे उसे थोड़ा तड़पाना था और मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया.

अब वो आधी नंगी मेरे सामने खड़ी थी, में उसके निप्पल को चूसने लगा, उसके निप्पल गुलाबी कलर के थे और वो थोड़ा मौन करने लगी. फिर उसने मेरी शर्ट निकालने को कहा और फिर में और वो दोनों टॉपलेस थे और इस दौरान उसने मुझे रोका और एक ख्वाईश की और कहा मुझे 5 मिनट तुम्हें सिर्फ़ टॉपलेस हग करना है और इसके बाद जो तुम बोलोगे, वो में करूँगी.

फिर मैंने ठीक है कहा और वो टॉपलेस और में टॉपलेस हग करने लगे और फ्रेंड्स में बता दूँ कि अगर आप किसी को टच करते है और रेस्पेक्ट करते है, तो कभी यह ट्राई करना, मस्त फीलिंग आती है. फिर 5 मिनट तक हम में से क़िसी ने कुछ भी नहीं कहा. मेरी छाती और उसके बूब्स और निप्पल टाईट प्रेस हो रहे थे, वो फीलिंग बहुत ही अलग और खूबसूरत थी.

फिर अचानक वो मुझे किस करके अचानक नीचे बैठी और पेंट के ऊपर से मेरे लंड को दबाने लगी, जो कि अब तक पूरी तरह खड़ा था. उसने मेरा पेंट और अंडरवियर उतारा और मेरे लंड को हाथ में ले लिया और वो डरी नहीं या कुछ कहा नहीं, बस उसे अपने मुँह में लेकर चूसती रही और मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था, वो थोड़ी देर उसे चूसती. फिर रुक जाती फिर उसे थोड़ा हिलाती और फिर रुक जाती. फिर धीरे-धीरे फिर से सक करती, यह बाकी के हुए मेरे सेक्स से बिल्कुल अलग था.

फिर लास्ट में तो उसके मुँह में ही पूरा झड़ गया और उसने पूरा पानी चूस लिया. अब मैंने उसे उठाया और उसकी पेंट उतार दी और वो अब सिर्फ़ काली पेंटी में थी, जो बहुत ही हॉट लग रही थी, वो पूरी तरह गीली हो चुकी थी. में पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को छू रहा था और वो तरह तरह के एक्सप्रेशन दे रही थी.

फिर मुझसे और नहीं रहा गया और मैंने उसकी पेंटी उतार दी, वो पूरी तरह से नंगी थी और बहुत ही मस्त लग रही थी. उसकी चूत के पास एक भी बाल नहीं था और फिर उसकी गुलाबी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा और थोड़ी ही देर में उसने एक सेक्सी सा एक्सप्रेशन दिया और झड़ गई, लेकिन में यहाँ कहाँ रुकने वाला था, में पागलो की तरह चूसता रहा और चूत का पानी पीता रहा.

फिर मैंने दो उंगली उसकी चूत में डाली, तो वो बहुत गर्म हो गई और में उंगली को उसकी चूत में अंदर बाहर करता रहा और उससे और नहीं रहा गया और उसने मेरा लंड पकड़ा और कहा कि प्लीज़ अब मत तड़पाओ, डाल दो मेरी चूत में अपना लंड, वो 15 अगस्त की रात मुझे शायद वो सुनने को मिला, जो कि मेरे साथ कभी नहीं हुआ था और जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था.

फिर में अपने लंड को उसकी चूत के पास ले गया और मैंने कहा की कंडोम, तो उसने मना कर दिया और कहा कि नहीं आज कुछ नहीं बस इस रात को एन्जॉय करे और इन पलो में खो जाये.

फिर मैंने पोज़िशन ली और धीरे से अपना लंड उसकी चूत में सरका दिया, वो थोड़ी चीखी, लेकिन मेरा साथ दे रही थी और दूसरे ही धक्के में मेरा लंड उसकी चूत में पूरा अंदर था और उसकी आँख से थोड़े से आँसू निकले, वो वर्जिन नहीं थी, लेकिन वो आँसू क्यों निकले? मुझे अभी भी नहीं पता. में धक्के मारते रहा और वो मेरा पूरा पूरा साथ देती रही.

उसकी चूत क़िसी भट्टी से कम नहीं थी. में झड़ने वाला था. फिर उसने अंदर ही झड़ने का इशारा किया, वो दो बार झड़ चुकी थी और आहें भर रही थी और जैसे ही में झड़ा तो उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ा दिये और हम लेट गये. फिर मैंने कहा कि अब मुझे उसकी गांड में लंड डालना है और उसने कुछ नहीं कहा. फिर मैंने उसकी गांड भी मारी.

उसकी गांड का छेद थोड़ा टाईट था और जब मैंने लंड उसकी गांड में डाला, तो वो अंदर घुस गया. उसे बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन एक अलग सी खुशी उसके चेहरे पर थी. फिर में उसकी गांड में ही झड़ गया और पूरी रात हमने अलग अलग पोज़िशन में सेक्स किया और उस रात का बहुत अलग ही मजा था और हम एक दूसरे से चिपककर सो गये. सुबह माइक पर देश गीत सुनकर मेरी आँखें खुली और देखा कि श्रुति अभी भी सो रही थी, वो बहुत ही मस्त दिख रही थी. फिर हम उठ गये और में घर जाने लगा, तो जाने से पहले उसने मुझे एक किस दिया.

जब में घर के लिये निकला तो मन किया कि वापस जाऊं और उसे किस करूँ और उसे थैंक्स कहूँ, लेकिन में वहां से चल दिया. फिर वो धीरे धीरे मुझे इग्नोर करने लगी और कहा कि उसका बॉयफ्रेंड वापस आ गया है और वो उसके साथ मूवी देखने जाती है. अब हम ज्यादा सम्पर्क में नहीं है. अब भी कभी कभी जब में घर जा रहा होता हूँ तो पंजाब मैल दिख जाती, जिससे हम मिले थे और मुस्कुराहट आ जाती है और में श्रुति और उस रात को याद कर लेता हूँ और कहता हूँ कि बहुत ही खूबसुरत थी वो यादें और वो पल, जो कि में आज भी याद करता हूँ.

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दोस्त की बीवी गैर मर्द की दीवानी https://sexstories.one/dost-ki-biwi-gair-mard-ki-deewani/ Sun, 24 Oct 2021 12:11:43 +0000 https://sexstories.one/?p=3110 अब भाभी ने उसके लंड को कसकर पकड़ा और कहा कि सिर्फ़ पेटीकोट ही उतारना, उसने अब अपना अंडरवियर भी उतारा और पूरा नंगा हो गया। अब वो उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगी, इस बीच उसने भाभी की मेक्सी को और पेटीकोट दोनों ऊपर उठाए....

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Dost Ki Biwi Gair Mard Ki Deewani मेरा नाम सन्नी है। मेरा एक दोस्त है जिसका नाम आकाश है और वो सरकारी विभाग में एक अच्छे पद पर है। मेरा उसके घर पर हमेशा आना जाना रहता है और उसकी बीवी का नाम दीपा है। उसकी उम्र लगभग 40, एकदम दूध जैसी गोरी है। वो दिखने में सुंदर, सुशील, एकदम सीधी है और किसी को भी उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता है कि वो औरत एक नंबर की चुदक्कड़ है। में उसे भाभी कह कर बुलाता हूँ और वो मेरे साथ बहुत खुलकर रहती है, फिर भी मुझे एक दिन भी उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगा कि इस औरत ने कई लोगो के लंड से जी भरकर खेला है।

एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा कि तू तेरे दोस्त आकाश के घर पर ज़्यादा मत जाया कर तो मैंने पूछा कि ऐसा क्यों? तब उसने मुझे बताया कि उसकी औरत बहुत चालू है और अब तक कई लोगो ने उसे ठोका है और उनमे से ऐसे लोग भी है जो बुरा काम करते है जैसे कि गुंडे और बदमाश के साथ उसके गलत संबध है और वो चुदाई के लिए कुछ भी कर सकती है। दोस्तों मुझे उसकी इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ, लेकिन अब मेरे मन में एक शक सा पैदा हुआ और मैंने उससे पूछा कि तुम यह सब कुछ कैसे जानते हो? तो उसने मुझे बताया कि में कई बार उसे चुदते हुए और कई बार उसकी खिड़की के बाहर से रात भर यह सब कुछ देख चुका हूँ और उसे नये नये लड़को को पटाकर चुदवाना बहुत अच्छा लगता है और अगर तुझे विश्वास नहीं है तो उसका पति जब भी अपने घर से बाहर जाता है तो तू देखना उसके घर पर कोई ना कोई नया आदमी रहता है और वो उससे जमकर चुदवाती है और उसे भी मज़ा देती है और वो मुझसे इतना कहकर वो चला गया।

दोस्तों उसकी यह बात सुनकर मुझे भी कुछ कुछ याद आने लगा कि जब भी में उनके घर पर जाता था तो उसके मोबाईल पर बहुत बार कॉल आते थे और भाभी उससे बाद में बात करती हूँ यह कहकर काट देती थी और कई बार जब हम बाहर बैठकर बातें करती थी तो उसकी नज़र हमेशा बाहर आने जाने वाले पर टिकी रहती और कई बार वो मेरी तरफ देखकर भी मुझे कुछ इशारे करती थी। उस वक़्त में उन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था, लेकिन अब मेरे दोस्त की बातें सुनकर मुझे भाभी पर शक़ हुआ और अब मैंने कैसे भी करके मेरे शक़ को दूर करने की ठान ली और सही मौके का इंतजार करने लगा। एक दिन ऐसा मौका आ गया। मुझे पता चला कि आकाश अपने यूनियन के काम से दो दिन के लिए बैंगलोर जा रहा है। में उस दिन शाम को करीब 7 बजे उसके घर पर चला गया।

आकाश उस वक़्त घर पर था और जाने की तैयारी कर रहा था। उसकी गाड़ी 8.00 बजे थी और हमे बातें करते करते 7.30 बज गये थे। उतने में आकाश के ऑफिस से कुछ दोस्त आए और आकाश को अपने साथ लेकर चले गये। फिर में और भाभी दोनों बातें करते रहे कि तभी मैंने गौर किया कि कुछ देर बाद भाभी का फोन बजा और भाभी ने फोन उठाया और फिर दूसरे कमरे के अंदर जाकर उन्होंने आहिस्ते से बात करनी शुरू कर दी। मुझे ठीक से सुनाई नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर सुना कि में कुछ देर में अपको फोन करूँगी तैयार रहना और वो फोन काटकर फिर उसी जगह आकर मेरे पास आकर बैठ गई जहाँ पर पहले वो बैठी हुई थी।

वो अब मुझसे इधर उधर की बातें करने लगी, लेकिन में समझ गया कि यह मुझे जल्द से जल्द यहाँ से भगाना चाहती है और इसलिए में भी उनसे भाभी में अब जाता हूँ कहकर वहां से रवाना होने का नाटक करके थोड़ा दूर रुककर उसके घर की तरफ नज़र रखने लगा और जैसे ही वो अंदर गई तो में जल्द से जाकर उनके घर के पीछे की खड़की के पास जाकर बैठकर अंदर देखने लगा। तभी मुझे फोन पर बात करने की आवाज़ सुनाई दी और मैंने उसे किसी से बातें करते हुए सुना, वो कह रही थी जल्दी आ जाओ में तुम्हारा ही इंतजार कर रही हूँ।

तभी उधर से किसी से कुछ कहने पर वो फिर से बोली कि ज़रा इधर उधर नज़र डालकर आना वैसे तो इस समय सभी लोग अपने घर पर ही रहते है और हमारे आस पास में कोई भी नहीं रहता है। फिर वो उधर से और कुछ सुनकर बोली कि ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी आ जाना में बाहर खड़ी रहती हूँ जब में अंदर आ जाऊं तो तुम घर में आ जाना और उन्होंने ठीक है कहकर फोन रख दिया और बाथरूम जाकर फ्रेश होकर बेडरूम में जाकर एक नीले रंग की चूड़ीदार सलवार पहनकर तैयार होकर बाहर आकर अब उसका इंतजार करने लगी। फिर कुछ देर बाद मैंने देखा कि एक हट्टाकट्टा सा आदमी उसके घर के सामने रुककर इधर उधर देख रहा है, लेकिन बाहर अंधेरा बहुत था इसलिए मुझे उसका चेहरा ठीक से दिखाई नहीं दिया और देखते ही देखते वो भाभी का इशारा पाकर अंदर चला आया और भाभी ने बाहर आकर दरवाजे के पास रुककर इधर उधर देखकर दरवाजे को लगाया और अंदर चली आई में तुरंत उनकी खिड़की के पास जाकर उसके आगे का नजारा देखना लगा। वो आदमी देखने में एकदम काला सांड जैसा था, लेकिन बहुत हट्टाकट्टा था। उसे देखते ही लगता था कि वो कोई गुंडे किस्म का इंसान है और मैंने अब तक उसे अपने शहर में कभी नहीं देखा था और भाभी उसके सामने वाली सीट पर बैठ गई।

फिर उसने कहा कि क्या मेडम घर तो बहुत अच्छा सज़ा रखा है बिल्कुल आपकी तरह एकदम सुंदर तो भाभी ने कहा कि धन्यवाद। तो उस बात पर उसने कहा कि इसमे धन्यवाद की क्या बात है? आप तो वैसे ही बहुत सुंदर हो तो भाभी ने कहा कि आप मेरी बिना वजह तारीफ कर रही हो। फिर उसने अपने साथ लाए हुए बेग से एक छोटी सी पुड़िया निकली और भाभी के हाथ में देते हुए कहा कि हमारे मिलन की खुशी में आपको मेरा पहला तोफा। भाभी ने कहा कि इसकी क्या ज़रूरत थी? वैसे भी तो आपके मेरे ऊपर बहुत सारे अहसान है, आपने मुझे जब भी में कहती हूँ पैसे दिए है और में आपकी वो उधारी चुकाने की कोशिश कर रही हूँ। यह बात कहकर वो उठकर अंदर चली गई और अंदर से एक विस्की की बॉटल और एक ग्लास और साथ में कुछ स्नेक्स लेकर आई और उसके सामने वाली टेबल पर रख दिए।

यह सब देखकर उसने बोला कि क्या जल्दी भेजने का प्लान है क्या? अभी तो में आया हूँ। इस पर भाभी ने कहा कि नहीं नहीं आप ग़लत मत समझना, मुझे तो आपका यहाँ पर आना बहुत अच्छा लगा रहा है और आपका जब जी करेगा तब चले जाना। मुझे दिल से कोई ऐतराज़ नहीं है। अब उसने कहा कि आप इतना दूर क्यों बैठी हो? थोड़ा नज़दीक बैठो ना। फिर भाभी उठकर उसके पास दीवान पर बैठ गई, तब उसने विस्की की बॉटल को खोला और एक पेग बना दिया और भाभी से कहा कि आप भी लो ना। फिर भाभी ने कहा कि मुझे इसकी आदत नहीं है, तो उसने कहा कि मेरे खातिर एक सीप लो ना प्लीज, में तुम्हारा झूठा पीना चाहता हूँ। तो भाभी ने उस ग्लास को मुहं से लगाकर एक सीप लिया और फिर उसे पीने को कहा। उसने एक ही झटके में पूरा ग्लास खाली कर दिया। फिर भाभी ने और एक पेग बनाया और खुद ने एक सीप लगाई और उसे दे दिया। उसने अब आहिस्ते आहिस्ते पीना शुरू कर दिया और कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा।

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फिर उसने भाभी से कहा कि इतने दिन हमारी सिर्फ़ फोन पर ही बात होती थी, लेकिन आज तुमने मुझे अकेले में मिलने का मौका दिया, क्यों तुम खुश हो ना मेडम? तो भाभी ने कहा कि मौका मैंने नहीं दिया बल्कि आपने खुद बनाया है, में इसकी अहसान मंद हूँ और में भी चाहती थी एक ऐसा इंसान जो मुझे केवल देखकर ही मेरे शौक पूरे करवाता रहे और मुझे खुश रखता रहे। में ऐसे आदमी को एक बार मेरे साथ खुलकर रहने का मौका नहीं दे दूँ तो मेरे जैसी मतलबी इंसान कोई नहीं होगी। तब उसने धन्यवाद मेडम कहा। तो यह बात सुनकर भाभी बोली कि मुझे मेडम मत कहा करो, मुझे मेरे नाम से पुकारा करो ठीक है। फिर उसने कहा कि ठीक है दीपा और फिर इस बीच उसने वो पेग भी खाली कर दिया था और भाभी से कहा कि आखरी टाईम तुमने साड़ी लेने के लिए पैसे लिए थे ना तो साड़ी ली क्या?

फिर भाभी ने कहा कि हाँ अरे वो तो में बातों ही बातों में आपको दिखना ही भूल गई, में अभी दिखाती हूँ और हाँ बोलकर वो बेडरूम में चली गई और साड़ी लेकर आ गई। उसके हाथ में देकर पूछा कि कैसी है? वो साड़ी एक नीली रंग की थी और उस पर छोटी छोटी डिज़ाईन थी और वो दिखने में बहुत महंगी थी। वो साड़ी देखकर बोला कि बहुत अच्छी है और तुम पर खूब जमेगी और जब तुम इसे पहनोगी तो बिल्कुल परी जैसी लगोगी। तब भाभी ने कहा कि अच्छा तो में इसे पहनकर अभी आती हूँ। मैंने इसे अभी तक नहीं पहनी थी और सोचा था कि जब हम पहली बार मिलेंगे तब में इसे पहनूंगी, यह कहकर वो उठाने लगी। तभी उसने भाभी का हाथ पकड़ा और उसे अपने सामने बैठाकर उससे कहा कि तुम अगर बुरा ना मनोगी तो में एक बात कहूँ? तो भाभी ने कहा कि मुझे आपकी कोई बात बुरी नहीं लगती है, कहो ना। तब उसने कहा कि तुम बहुत सुंदर हो और मैंने पहली बार जब आपको देखा था तो आपके बहुत नज़दीक आने की ठान ली थी। मुझे आपको देखकर ना जाने क्या हो जाता है? में आपसे बहुत प्यार करता हूँ प्लीज ना मत करना।

तब भाभी बोली कि में सच कहूँ तो में अपने पति को बहुत चाहती हूँ और मैंने उनके अलावा आज तक किसी और को नहीं देखा, लेकिन मुझे जो भी पति से नहीं मिला वो आपने मुझे दे दिया। इससे में कुछ परेशानी में हूँ कि में हाँ कहूँ या ना, लेकिन एक बात है आप मुझे पसंद हो बस और कुछ नहीं। तब उसने कहा कि बस इतना बहुत है मेरे लिए, लेकिन क्या में तुमसे हाँ सुनकर ही रहूँगा। तब भाभी बोली कि में भी चाहती हूँ, लेकिन मेरी मजबूरी है कि में शादीशुदा हूँ और अगर किसी को पता चला तो मेरी और मेरे परिवार की बहुत बदनामी होगी। फिर वो बोला कि में किसी को खबर नहीं होने दूँगा और जब तुम कहोगी तब ही आपसे मिलूँगा, कोई ज़बरदस्ती नहीं करूँगा, अब तो बोलो प्लीज़। तभी भाभी ने कहा कि मुझे सोचने दो, लेकिन अब नहीं अभी में आपकी बहुत सेवा करना चाहती हूँ क्यों ठीक है? तब उसने कहा की ठीक है जैसी आपकी मर्ज़ी, लेकिन क्या मेरी एक बात तो मनोगी? तो भाभी ने पूछा कि कहो कौन सी बात? तब उसने कहा कि जो यह साड़ी है, में इस साड़ी को तुम्हे मेरे हाथों से पहनाना चाहता हूँ?

अब भाभी बोली कि मुझे बहुत शर्म आती है, तभी उसने कहा कि क्या तुम मेरे लिए इतना भी नहीं करोगी? तो भाभी ने कहा कि ठीक है, लेकिन सिर्फ साड़ी ही बाकी सब में पहनूंगी। फिर उसने कहा कि ठीक है और भाभी उठकर अंदर चली गई। उससे कहा कि तुम इधर ही बैठना में बाकी सब पहनकर आती हूँ और यह कहकर वो बेडरूम में चली गई और थोड़ी देर में भाभी नीले कलर का ब्लाउज और उसी कलर का पेटीकोट पहनकर उसके सामने आकर खड़ी हो गई और वो भाभी को देखता ही रहा। यह देखकर भाभी ने कहा कि जल्दी से मुझे साड़ी पहनाओ मुझे अब बहुत शर्म आ रही है और फिर उसने साड़ी उठाई तो भाभी ने उसके एक पल्लू को अपने पेटीकोट में घुसाकर गोल गोल घूमने लगी और इस बीच उसने दो तीन बार भाभी के जिस्म को छूकर महसूस किया, लेकिन भाभी ने इसका कोई विरोध ना करते देख पूरी साड़ी पहनाने के बाद उसने भाभी के दोनों कंधो पर हाथ रखकर भाभी को दीवार के सहारे चिपकाकर खड़ा करके देखने लगा। भाभी बोली कि क्यों घूर रहे हो, क्या कभी कोई औरत नहीं देखी?

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फिर उसने कहा कि हाँ देखी जरुर है, लेकिन तुम्हारे जैसी नहीं, तुम बहुत सुंदर लग रही हो और अब भाभी मुस्कुराकर अपना मुहं नीचे करके खड़ी हो गई। फिर उसने धीरे से भाभी के कंधो से हाथ नीचे सरकाते हुए भाभी की कमर तक लाकर धीरे से कमर को पकड़कर धीरे से दबाया और भाभी के मुहं से आहह्ह्ह उह्ह्ह्हह् की आवाज़ निकली और भाभी ने कहा कि यह क्या कर रहे हो? तो उसने कहा कि में एक सुंदर औरत को जी भरकर देख रहा हूँ, क्या तुम्हे कोई ऐतराज़ है? अब भाभी ने कहा कि नहीं और फिर उसने भाभी को उठाया और दीवाना पर लाकर लेटा दिया। भाभी एकदम सीधा लेट गई और उसके आगे की हरक़त का इंतज़ार करने लगी और अब उन्हें देखकर लगता था कि भाभी जल्द से जल्द उससे चुदवाना चाहती थी, लेकिन नाटक कर रही थी और इस बीच वो भाभी के पास आकर लेट गया और लेटे लेटे ही उसने एक और पेग बनाया और भाभी से उसे पीने को कहा तो भाभी बैठ गयी और ग्लास पकड़कर एक सीप पीकर उसे दे दिया और फिर से उसी पोज़िशन में लेट गई और तब उसे भी अंदाजा लग गया कि यह भी वही चाहती है जो में चाहता हूँ।

फिर उसने वो सारी विस्की एक ही बार में खाली कर दी और ग्लास को टेबल पर रखकर भाभी के साथ लेट गया और भाभी से पूछा कि मेरे साथ सोकर तुम्हे कैसा लग रहा है? तो भाभी बोली कि मैंने कभी भी ऐसा नहीं सोचा था कि में तुम्हारे साथ ऐसे अकेले में एक बिस्तर पर सो जाउंगी, लेकिन जो कुछ भी हो रहा है मुझे वो बहुत अच्छा लग रहा है और तुमने मुझे इतना प्यार किया कि में अब पागल हो रही हूँ। तब उसने धीरे से भाभी का पेट सहलाया और कहा कि में तुम्हारी मर्ज़ी के बगैर कुछ भी नहीं करूँगा, क्योंकि मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो। फिर भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा कि में तुम्हारी इसी बात के ऊपर फिदा हो गई हूँ।

फिर उसने धीरे से भाभी का पल्लू थोड़ा साईड में किया और भाभी से कहा कि में तुम्हे किस करना चाहता हूँ तो भाभी ने कहा कि हाँ मेरा भी मन कर रहा है, लेकिन में मजबूर हूँ क्योंकि में एक शादीशुदा औरत हूँ, अगर मैंने ऐसा किया तो यह बिल्कुल ग़लत होगा। तब उसने कहा कि कुछ भी गलत नहीं होगा, जो कुछ भी होगा हम दोनों के बीच होगा और यहाँ पर तो कोई भी नहीं है। अब भाभी ने कहा कि लेकिन फिर भी मुझे बहुत शरम आ रही है और अब उसने भाभी को अपनी गोद में उठाया और सीधे दीवार पर सेट किया और कहा कि ठीक है अगर तुम्हे शर्म आ रही है तो एक काम करो। तुम यह साड़ी निकालो में तुम्हे उसी पोज़िशन में देखन चाहता हूँ। तो भाभी ने कहा कि आप ही ने पहनाई थी तो आप ही उतार दो। उसने ठीक है कहा और भाभी की साड़ी की गाँठ को खोल दिया और भाभी की साड़ी को उससे अलग कर दिया। अब भाभी पेटीकोट और ब्लाउज में थी और उसने भाभी को अपनी बाहों में ले लिया और ज़ोर से कसकर पकड़ा और अब भाभी के मुहं से आह्ह्हह्ह्ह उह्ह्ह्ह बस आईईईइ बस में उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ पागल हो जाउंगी।

अब उसने भाभी से पूछा कि कैसा लग रहा है? भाभी ने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है और कसकर पकड़ो तब उसने भाभी को और कसकर पकड़ा और भाभी से कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ जान और फिर भाभी के मुहं से निकला हाँ बस मुझे ऐसे ही प्यार करना। भाभी के मुहं से यह बात सुनकर उसका जोश और भी बड़ गया और उसने भाभी से पूछा कि क्या तुम मेरे साथ एक बार फिर से बेड पर आ सकती हो? भाभी ने कहा कि क्यों नहीं? आज में आपकी एक बात भी नहीं ठुकराउंगी, तो यह बात सुनकर उसकी हिम्मत दुगनी हो गई और उसने अपनी पेंट और शर्ट को उतार दिया। अब भाभी ने पूछा कि तुम यह क्या कर रहे हो? तब उसने कहा कि तुम्हे गर्मी चाहिए और अगर में कपड़े पहनूं तो कैसे गरम होगी? भाभी ने कहा कि मेरे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है तुम क्या करना चाहते हो?

फिर वो बेड पर आकर लेट गई और वो भी भाभी के पास में आकर लेट गया और भाभी की कमर को पकड़कर आगे खींच लिया और कहा कि तुम बहुत सुंदर हो इतना ही नहीं तुम्हारा फिगर भी बहुत तगड़ा है। अब भाभी ने कहा कि आप भी बहुत हट्टेकट्टे हो और मुझे पहली बार ऐसा लग रहा है कि में किसी असली मर्द के साथ बिस्तर पर हूँ और भाभी ने उसे कसकर पकड़कर कहा कि तुम मुझे किस करना चाहते हो ना, लो तुम्हारी इच्छा पूरी कर लो, यह कहकर भाभी ने भी उसे कसकर पकड़ा और होंठो पर किस करने लगी। तो उसने भी भाभी को और कसकर पकड़ा ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा और इस बीच उसने भाभी के सारे बदन को कपड़ो के ऊपर से सूंघ लिया और भाभी की नंगी गर्दन को और पेट को मसलने लगा और भाभी की गांड को कपड़ो के ऊपर से दबाता रहा था और अब भाभी के बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज के ऊपर से खड़े होकर बाहर आने को तड़प रहे थे और इस तरह 10-15 मिनट किस करने के बाद भाभी ने कहा कि अब टाईम बहुत हो रहा है।

फिर उसने कहा कि क्यों तुम इतना जल्दी मुझे भेजना चाहती हो? भाभी ने कहा कि अरे नहीं मेरे राजा, में तो खाना खाने की बात कर रही थी। फिर उसने कहा कि नहीं अभी मेरा खाना खाने का मूड नहीं है, मुझे ऐसा लग रहा है कि में बस तुम्हे ऐसे ही किस करता रहूँ। भाभी ने कहा कि अरे बाबा खाना भी खा लो, फिर हम वापिस करेंगे। तब उसने टाइम देखा और कहा कि अभी तो सिर्फ़ 9.45 हुये है और हम 10.30 बजे खाना खाएँगे, क्यों ठीक है? भाभी ने कहा कि ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी, लेकिन मुझे एक बार बाहर देखकर आने दो और फिर उसने कहा कि ठीक है और भाभी उठ गई और बेडरूम जाकर अपने ऊपर मेक्सी डालकर दरवाजा खोलकर बाहर गई और कुछ देर खड़े रहकर देखा कि आस पड़ोस में कोई नहीं दिखा तो वो अंदर चली आई और उससे कहा कि अब कोई चिंता नहीं है, तुम रात भर मेरे साथ रुक सकते हो, यह बात कहकर वो अब उसके पास में आकर लेट गई। उसने भाभी से कहा कि तुम पहले जब लेटी थी तब मेक्सी नहीं थी, भाभी ने कहा कि वो मुझे पता है और बात यह कहते हुए भाभी अपनी मेक्सी उतार रही थी। तभी उसने भाभी का हाथ पकड़ाकर कहा कि तुम इतना कष्ट क्यों ले रही हो? में हूँ ना कहकर उसने धीरे से कहा कि इसे अब रहने दो में इसके बदले तुम्हारा पेटीकोट उतार देता हूँ।

फिर भाभी ने कहा कि नहीं नहीं प्लीज मुझे शर्म आती है। उसने कहा कि तुम्हे शर्म आती है, लेकिन तुम उतारना चाहती हो ना? भाभी ने कुछ नहीं बोला और अपनी आखों से इशारा किया कि हाँ तो उसने भाभी का हाथ अपने अंडरवियर पर रखकर कहा कि तुम इसे छू लो तुम्हारी सब शर्म दूर हो जाएगी। दोस्तों पहले तो भाभी ने मना किया, लेकिन फिर भाभी ने धीरे से अपना हाथ उस पर रखा और कहा कि अरे बाप रे यह क्या है? तो उसने कहा कि इसे लंड कहते है तो भाभी ने कहा कि वो तो मुझे भी मालूम है, लेकिन इतना बड़ा और फिर कहा कि प्लीज मुझे कुछ मत करना।

अब भाभी ने उसके लंड को कसकर पकड़ा और कहा कि सिर्फ़ पेटीकोट ही उतारना, उसने अब अपना अंडरवियर भी उतारा और पूरा नंगा हो गया। अब वो उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगी, इस बीच उसने भाभी की मेक्सी को और पेटीकोट दोनों ऊपर उठाए और ज़ोर ज़ोर से भाभी की जांघे मसलने लगा और फिर भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खोला और एक ही झटके में भाभी का पेटीकोट अलग करके फेंक दिया और उसकी जांघो को पागलों की तरह चाटता रहा चूमता रहा।

अब ऐसे ही करीब 10-15 मिनट लगातार करने के बाद भाभी बोली कि अरे बस नीचे ही करते रहोगे या ऊपर भी करोगे। फिर वो ऊपर आ गया और उसने भाभी के बूब्स को ज़ोर दबाया भाभी अहहहहह चिल्लाई और कहने लगी कि हाँ बहुत मज़ा आ रहा है। अब उसने भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया और भाभी ने उसे निकालकर फेंक दिया और फिर उसने एक बूब्स को अपने मुहं में ले लिया और दूसरे को दोनों हाथों से दबाने लगा और भाभी उसका लंड चूसने लगी। वो लंड चूसने का तरीका देखाकर हैरान होकर बोला तुम लंड चूसने ने माहिर हो या तुम्हे ऐसा लंड कभी भी नहीं मिला?

तो भाभी बोली कि हाँ तुम सच कह रहे हो मेरे राजा मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, बस अब रुका नहीं जाता, अब में पूरी तरह से तुम्हारी हो गई हूँ, अब में आपको नहीं रोकूंगी कहकर उन्होंने अपनी दोनों जांघे चौड़ी कर दी और कहा कि अब और मत तड़पाओ जल्दी से एक धक्का मारो प्लीज़। फिर उससे भाभी की चूत में दो उँगलियाँ घुसा दी और ऊपर से चूत को चाटने लगा। इसी तरह 5-10 मिनट चलाने के बाद उसने भाभी के दोनों पैरों को और भी चौड़ा किया और अपने लंड को भाभी की चूत पर सेट किया और दबाने लगा। फिर एक ही झटके में पूरा लंड अंदर चला गया और भाभी के मुहं से अहहह्ह्ह्हह सीईईईईई क्या मर्द का लंड है आईईए अब रूको मत, जल्दी से अपनी गाड़ी चलाओ।

फिर उसने पहले दो चार झटके हल्के से लगाए और थोड़ी देर बाद उसने रफ्तार पकड़ ली और धन धना धन चोदने लगा। भाभी उसका अपनी गांड उठा उठाकर साथ दे रही थी और ज़ोर ज़ोर से आहहाह ऊओ उफुफूफूफुफ अहहहह्ह्ह्ह वाह कितना तगड़ा है रे तुम्हारा यह लंड, मेरी बहुत दिन की तमन्ना थी तेरे जैसे लंड से चुदने की और वो भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगता रहा और कहने लगा कि तू भी तो मस्त माल है लगता है कि तुझे जमकर चोदूं। फिर इस तरह 10-12 मिनट धक्के मारने के बाद उसने कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ। तो भाभी ने कहा कि कोई समस्या नहीं है, अंदर ही डाल दो तो उसने सारा वीर्य भाभी के अंदर ही छोड़ दिया और वो भाभी के पास में लेट गया।

फिर भाभी ने कहा कि में तैयार हूँ जितना चाहे चोद लो और अब भाभी उठी और उसका लंड मुहं में लेकर थोड़ी देर चूसकर उसे साफ कर दिया और फिर उसने धीरे से भाभी को घोड़ी बनाया और भाभी की गांड को सूंघने लगा और थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड निकाला और भाभी की गांड पर सेट किया और हल्के से एक धक्का मारा तो उसका लंड अंदर नहीं गया। फिर भाभी ने अपनी गांड को और भी चौड़ा कर दिया और उससे कहा कि अब धक्का मारो। तो उसने फिर से अपना लंड सेट किया और धीरे से धक्का दिया तो उसका आधा लंड अंदर चला गया और भाभी के मुहं से अहहहहह आईईईईई की चीख निकली।

फिर उसने भाभी को धक्का देना शुरू कर दिया और भाभी भी अपनी गांड को आगे पीछे करते हुए उसका साथ देने लगी और यह सब देखकर उसने बोला कि तू गांड मरवाने में एक्सपर्ट है और भाभी मुहं से अचानक निकला पड़ा कि बहुत दिन के बाद ऐसा तगड़ा लंड मिला है। तो वो मन में हंसा और उसने अपनी स्पीड को बड़ा दिया। करीब 15-20 मिनट में उसने भाभी के अंदर ही अपना वीर्य छोड़ दिया और दोनों एक दूसरे को लिपटकर सो गये। थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद भाभी ने कहा कि तुम बहुत अच्छी तरह से चोदते हो मुझे तुमसे चुदवाना अच्छा लग रहा है।

यह बात हुए भाभी ने उसे एक किस किया और अब उसके लंड को मसलने लगी। तो उसने कहा कि तुम भी मस्त माल हो बहुत मज़ा देती हो में चाहता हूँ कि रोज़ तुम्हारी चुदाई करता रहूँ। अब भाभी ने कहा कि में भी चाहती हूँ, लेकिन में मजबूर हूँ, लेकिन एक बात कहती हूँ इसके बाद जब भी मुझे मौका मिलेगा में तुम्हे ज़रूर बुलाउगी मेरे राजा।उसने भाभी को चार बार आगे से और दो बार पीछे से चोदा।

इस तरह उन दोनों ने रात भर चुदाई की और बहुत मज़े किए ।।

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दोस्त की बीवी के साथ उसीके घर पर सुहागरात https://sexstories.one/dost-ki-biwi-ke-sath-usike-ghar-pe-suhagraat-xxx/ Sun, 24 Oct 2021 12:02:21 +0000 https://sexstories.one/?p=3100 उनकी चूचियां मेरे पीठपर टकराने लगीं और मेरा लंड एक्ससिटेमेंट में पैंट फाड़ने के लिए तैयार हो गया.. फिर मैं जैसे ही बर्तन के रैक को फिट करके पीछे मुडा तो भाभी पीछे हो खड़ी थी. एक बार फिर आमने-सामने की टक्क्रर हो गयी। इस बार उनकी चूचियाँ मेरे सीने से टकराई...

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Dost ke biwi ki saath Suhagraat XXX kahani ये दास्ताँ है मेरे दोस्त की बीवी की चुदाई की.. मैं उस समय नॉएडा में पोस्टेड था. मेरे ऑफिस में एक प्रोजेक्ट मैनेजर था, सुमन. वो मेरे ही प्रोजेक्ट पर था इसलिए हमारे बिच अच्छी दोस्ती हो गयी थी. मेरे सीनियर था, भाग्य से वो भी मेरे ही सोसाइटी में रहता था. धीरे धीरे उसके घर मेरे आना जाना शुरू हो गया था. उसकी बीवी से भी मेरी खुब पटती थी. शादी नयी नयी हुई थी. इसलिए भाभीजी फुलटू माल थी.. लगभग ५ फुट ५ इंच की हाइट और फिगर ३४-३६-३४ का! गोरी चिट्टी से मस्त आइटम थी….

मेरे दोस्त ने नया नया फ्लैट ख़रीदा था और मैं क्लोज फ्रेंड होने के कारण वह इनवाइटेड था हाउस-वार्मिंग पार्टी में. भाभीजी, जिनका नाम श्वेता था, वो काफी चिपक रही थी.. मेरे दोस्त को कुछ सामान लाना था तो वो बाहर चला गया. उसने कहा तुम इधर ही बैठो. मैं उसके घर पर ही रुक गया और टीवी देख रहा था.. फिर अचानक मैंने सोचा की भाभी की कुछ मदद कर देता हु और मैं किचन में गया… भाभीजी फर्श की सफाई कर रही थी.. वो रेड कलर की मैक्सी पहनी थी और नीचे झुककर सफाई कर रही थी. मैंने जैसे ही उनकी तरफ देखा, वो मुस्कुराने लगी और बोली की क्या बात है देवरजी?

मैंने कहा की मैं खली बैठा था तो सोचा की आपकी ही मदद कर देता हु.. तो वो हंसने लगी..

फिर अचानक ही मेरी नज़र उनके फेस से निचे पहुंची तो मैं अवाक् रह गया.. उनकी मैक्सी के ऊपर का बटन खुला हुआ था और उसके अंदर से उनकी मस्त चूचियाँ दिख रही थी… गोल गोल मक्खन जैसी उजली चूचियाँ देख के मैं अवाक् रह गया… मेरा लंड तनक गया…

Desi porn kahani पडोसन की चूत

भाभीजी शायद ताड़ गयी और उन्होंने अपनी मैक्सी का बटन ठीक कर लिया.. अब उनकी चूचियाँ नहीं दिख रही थी.. फिर वो अचानक से कड़ी हो गयीं और बोटी की आपको मेरी मदद करनी है तो मेरा बर्तन लगा दीजिये.. लेकिन बर्तन वाला रैक भी नहीं लगा था.. मैंने उनसे पुछा की बर्तन का रैक कहाँ है तो उन्होंने बताया के बगल वाले कमरे में है. मैंने कहा ठीक है, मैं ले आता हूँ..

फिर मैं बगल वाले रूम में गया तो भाभीजी भी आ गयीं… बोली – रैक बहुत ऊँचा है.. आप चेयर ले लीजिये… मैं उसको पकड़ लुंगी.. फिर मैं चेयर पर चढ़ कर उनके बर्तन वाला रैक उतरने लगा.. भाभीजी ने चेयर ज़ोर से पकड़ा था सटकर… धीरे धीरे वो मेरे और खरीद सटती जा रही थी.. कुछ देर बाद ही उनकी चूचियाँ मेरे पीठ पर सटने लगीं… दोस्तों मेरा ८ इंच लम्बा लंड खड़ा हो गया.. भाभीजी की चूचियाँ अब पूरी तरह से मेरे पीठ में रगड़ खा रहीं थी.. और मेरी हालत ख़राब हो रही थी… किसी तरह अपने ऊपर कण्ट्रोल करके मैंने बर्तन वाला रैक उतार लिया…

फिर मैं जैसे ही चेयर से उतरने के लिए मुडा तो मेरा पैर स्लिप कर गया और मैं फिसल गया.. भाभी पीछे कड़ी होकर मुझे पकड़े हुए थी तो उन्होंने मुझे बचने की कोशिश की.. मेरे हाथ से बर्तन का रैक छूट कर निचे गिर गया.. भाभी मेरे सामने कड़ी थी तो उन्होंने रोकने की कोशिश की और मैं उनकी बाँहों में हो गिरा… उन्होंने कस कर मुझे पकड़ा ताकि मैं गिरूं नहीं.. इसी कोशिश में मैं उनसे गले मिलने की पोजीशन में आ गया और उनसे पूरी तरह चिपक गया.. उनकी चूचियाँ अब मस्त मुझसे चिपकी हुई थी.. दोस्तों मैं तो जैसे सातवे आसमान पर था.. मेरा लंड जो अभी तक खड़ा था वो भी फुल फॉर्म में आ चूका था…

भाभी ने मुझे ज़ोर से भींच लिया और कहा – राजीव आप ठीक हो?

मैं कहाँ ठीक था यारों.. लेकिन मैंने सर हिलाया… तब भाभी ने पकड़ के मुझे बगल के बेड पर बिठा दिया.. मेरे पूरे शरीर में मानो बिजली दौड़ गयी हो… फिर कुछ देर बाद मैं नार्मल हो गया तो बर्तन का रैक उठाकर उनके किचन में फिट करने चला गया…

जैसे ही मैं कील ठोक कर बर्तन का रैक को फिट करने चला, तो भाभी ने फिर से पीछे से आकर पकड़ लिया और बोला – कहीं आप फिर से ना गिर जाओ…

फिर उनकी चूचियां मेरे पीठपर टकराने लगीं और मेरा लंड एक्ससिटेमेंट में पैंट फाड़ने के लिए तैयार हो गया.. फिर मैं जैसे ही बर्तन के रैक को फिट करके पीछे मुडा तो भाभी पीछे हो खड़ी थी. एक बार फिर आमने-सामने की टक्क्रर हो गयी। इस बार उनकी चूचियाँ मेरे सीने से टकराई और मेरा लंड उनके कमर के निचे.. भाभी ने एक कातिलाना स्माइल दी.. उसके बाद मेरा फ्रेंड आ गया और फाइनली उनकी फंक्शन स्मूथली ख़त्म हो गयी..

लगभग चार दिन के बाद सुमन ने अपने केबिन में मुझे बुलाया और कहा – राजीव, मुझे अर्जेंट काम से बॉम्बे जाना है एक दिन के लिए.. मैं कल यानी गुरुवार को जा रहा हूँ और शनिवार को वापस आ जाऊंगा, तब तक तुम प्रोजेक्ट का ध्यान रखना..

मैंने कहा ठीक है.. फिर जैसे ही मैं उसके केबिन से बाहर निकल रहा था तो उसने कहा – सुन तेरी भाभी भी अकेली रहेगी, उसे भी ऑफिस के बाद मिल लिया करना..

भाभी का नाम सुनते ही मेरे दिल में गुदगुदी होने लगी..

उस दिन रात भाई मैंने श्वेता भाभी के नाम पर ४-५ बार मुठ मारी… फिर मैंने सोचा, कहीं सच में अवसर मिल जाए तो.. तो मैंने सरसो के तेल से अपने लंड की मालिश की और उसको मोटा बना लिया.. उसका साइज थोड़ा बढ़ ही गया था.. लगभग ८. ५ इंच! दूसरे दिन ऑफिस में मेरा मन एकदम नहीं लग रहा था.. मन कर रहा था जल्दी से भाभी के पास पहुँच जाऊं.. आखिरकार शाम को ६:३० में ही मैं ऑफिस से निकल गया…

६:५० तक मैं भाभी के सोसाइटी में था.. मैंने दरवाज़े की बेल बजायी.. ५ मिनट के बाद श्वेता भाभी ने दरवाज़ा खोला.. लोहे के दरवाज़े के पीछे से, मुझे देखते ही खुश हो गयी – अरे राजीव… आइये…

फिर उसने लोहे का जालीदार दरवाज़ा खोला..

Dost ke biwi ki chudayi पानी और चुत

मैं घर में घुसते हो बोला – सर ने आपसे मिलकर पूछने के लिए बोला था, अगर आपको कुछ चाहिए तो..

तो उसने स्माइल देकर कहा – अच्छा ठीक है.. ऑफिस से आ रहे हैं तो थोड़ा आराम कर लीजिये, फिर बताउंगी..

श्वेता भाभी ने एक पिंक कलर का सलवार-कमीज पहन रखा था.. वो पूरा टाइट फिट था.. वो ऊपर से नीचे तक क़यामत लग रही थी..

उसने कहा – आप बैठो, मैं चाय बनती हूँ.. मैंने कहा नहीं भाभी, आप क्यों परेशान होती है… कुछ सामान लाना है तो बता दीजिये, जल्दी से ला दूंगा..

तो श्वेता भाभी ने कातिलाना अंदाज़ में अंगड़ाई लेते हुए कहा – अभी इतना भी क्या जल्दी है देवरजी, अभी तो पूरी रात बाकी है..

मैं अंदर से खुश हो गया. फिर भाभी चाय बनाने चली गयी. लेकिन मेरा एक्ससिटेमेंट से बुरा हाल हो रहा था. मन कर रहा था की बस दबोच के चोद डालूं. लेकिन फिर भी मैंने कण्ट्रोल रखा. मैं उनके बाथरूम में फेसवाश करने गया. हाथ मुंह धोने के बाद मैंने टॉवल ढूंढा तो वो नहीं था..

मैंने निकलकर भाभी से पुछा, तो स्माइल देते हुए बोली – हाँ आज देर से सूखने के लिए डाला है…

और फिर उसने अपना दुपट्टा उतारते हुए कहा – तक तक अप्प इससे काम चला लो.

अब भाभी की चूचियाँ साफ़ दिख रही थी. गोल-गोल और पूरी पुष्ट! मैंने दुपट्टा लेने के लिए किचन में चला गया और उनके बगल में ही अपना मुंह पोछने के बाद खड़ा हो गया. उनके दुपटे को अपने गले में लपेटकर.. अब मैंने और भाभी किचन में खड़े थे, लेकिन वो मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी और ज़ोर-ज़ोर से साँस ले रही थी, जिसके कारन उसकी चूचियाँ भी ऊपर नीचे हो रहे थीं… मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रखा था. फिर भाभी कुछ लेने के लिए पलटी तो उनकी चूचियाँ मेरे कंधे से टच हुईं.. अब मैंने एक हाथ से उनको पकड़ लिया.. उन्होंने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन बच बोला नहीं…

मैंने उनको खींच कर अपने और करीब कर लिया.. अब वो पूरी तरह से शांत थी.. कोई प्रतिरोध नहीं था लेकिन आँखें झुकी हुई थी. मैंने उनकी ठुड्डी की पकड़ के उनका चेहरा सीधा किया लेकिन फिर भी वो नज़र नहीं मिला रही थी. फिर मैंने उनको थोड़ा और खरीद खींचने को कोशिश की – तो भाभी ने झट से अपने आप को मेरे बाँहों से अलग कर कहा – ये सब क्या है राजीव?

मैंने कहा – प्यार, मैं आपको बहुत प्यार करने लगा हूँ.

तो वो हांसे लगी, बोला मैं – आपके प्यार के मतलब समझती हूँ, और अभी फ़ोन लगाउंगी आपके भाई को जिसने आपके ऊपर विश्वास करके भेजा है मेरे पास…

यारों, मेरी तो जान ही निकल गयी. लगा मेरे ऊपर किसीने १० घड़ा ठंडा पानी दाल दिया हो. मेरा एक्ससिटेमेंट तो जैसे पल भाई में ही काफूर हो गया. भाभी ने दूसरे रूम में जाकर अपना फ़ोन भी उठा लिया. मैं उनके पीछे गया और बोला – की आप तो बुरा मान गयी.. मेरा कोई गलत इंटेंशन नहीं था. मैं तो आपका बहुत बहुत रेस्पेक्ट करता हूँ.

तो भाभी ने फ़ोन रख दिया… और हँसते हुए बोली – बस एक धमकी में प्यार का भूत उतर गया?

मैं अवाक् रह गया.. एक पल के लिए मतलब नहीं समझ पाया…

Dost ke biwi ka bhosda choda बीवी और डोली भाभी

तब फिर भाभी ने कहा – मैंने तुमको पहले ही दिन समझ गयी थी, जब तू जान बूझकर मेरे ऊपर गिरा था..

फिर मैंने भाभी को बाँहों में उठाकर भींच लिया और उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया.. कुछ देर के बाद भाभी भी मेरे होंठों को चूसने लगी और मुझमे और घुसती जा रही थी.. लगभग १५ मिनट तक हम लोगों ने एक दूसरे के होठों को जमकर चूसा.

फिर भाभी बोली – मै तो तुम्हारे लंड की दीवानी हूँ.. उस दिन टच किया था, आज चूसूंगी..

मैंने कहा – सच?

तो भाभी ने बोला – हाँ! आज तेरे लवडे की खैर नहीं..

फिर मैंने भाभी को उठाकर बेड पर रख दिया.. भाभी भी मुझे कर कर भींचे हुए थी और छोड़ने का नाम हो नहीं ले रही थी.. मैंने भाभी के पूरे फेस पर किस करना शुरू किया.. इसी दरमियाँ मैंने भाभी का कमीज भी खिंच कर ऊपर कर दिया था..

फिर मैंने ब्रा का हुक भी खोल दिया और भाभी की मस्त चूचियों से खेलने लगा. यारों! मैं बयान नहीं कर सकता हूँ.. चूचियों की खूबसूरती… पूरी मक्खन.. मैं तो पूरा बच्चा बन गया था.. भाभी के निप्पल्स को मुंह में लेकर चूस रहा था.. और भाभी मदमस्त आवाज़ें निकाल रही थी.. आह्हः… ऊह्ह्ह्ह… यू… फकर.. आहह.. काट खायेगा क्या?

अचानक भाभी ने मुझे पटक दिया और मेरे ऊपर चढ़ गयी.. उसने बारी बारी से मेरे शर्ट के सारे बटन खोल दिए.. मेरी गंजी भी निकाल दी.. फिर वो मुझे चूमने लगी.. माथे से लेकर नाभि तक! जैसे ही वो निचे पहुंची, उसने मेरे पेंट का हुक भी एक झटके से खोल दिया और पेंट बहार निकाल दिया.. अब मैं अंडरवियर में था.. मेरा मोटा लंड अंडरवियर के पीछे से ही फाड़ने के लिए तैयार दिख रहा था..

भाभी ने मेरा अंडरवियर भी एक झटके में निकाल दिया. अब मैं पूरा नंगा था. भाभी ने एक बार फिर से पैर से चूमना शुरू किया.. लंड को उसने हाथ से कसकर पदक हुआ था.. फिर जैसे ही वो लंड के पास आयी, उसने लंड को मुंह में ले लिया.. लेकिन पूरा लंड उसके मुंह में नहीं जा पा रहा था… वहीँ से उसने मेरे लंड को अपने जीभ से चूसना शुरू कर दिया,…

यारों! अब आवाज़ जी बारी थी.. मैं बेड पर उछल था था.. और वो मज़े ले रही थी.. लगभग १० मिनट में मैं भाभी के मुंह में ही झड़ गया… और मेरा लंड छोटा हो गया…

अब भाभी ने एक बार फिर से मेरे होंठों में अपने होंठ दाल दिया और स्मूच करने लगी… इससे लंड तुरंत ही फिर से टाइट हो गया. अब भाभी टाँगे खोल कर मेरे जांघ के नीचे बैठ गयी.. उसने अपने बुर को आगे किया और मेरे लंड को अपने बुर में घुसाना चाहा… लेकिन उसके छेद में मेरा लंड नहीं घुस पा रहा था.. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था…

मैंने अब भाभी को निचे गिरा दिया और तुरंत उसके ऊपर चढ़ कर उसकी चूचियों को कस कर चूसना शुरू क्या.. ५ मिनट के बाद मैंने भाभी के जांघों को फैला दिया और अपना लंड धक्का देकर घुसाना चाहा.. लेकिन तो कराहने लगी…

भाभी बोली – फट जायेगा…! तेरे नामर्द बॉस का तो ४ इंच का ही है, साला नामर्द…

फिर मैंने अपने मुंह भाभी के बुर के पास ले जाकर ढेर सारा थूक बुर के मुंह के पास लगाया.. उसके बाद मैंने भाभी की दोनों टांगों को अपने दोनों कन्धों पर रखा और ज़ोर से अपना लंड बुर में घुसेड़ा.. इस बार आधा लंड जाने के बाद रुक गया..

भाभी दर्द से बिलबिला उठी – फट जाएगा राजीव!!!

मैंने कहा – कुछ नहीं होगा.. आप थोड़ा पेशेंस रखो.. बहुत मज़ा आएगा…

अब मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर बहार करने लगा. भाभी की हालत ख़राब थी.. उसने अपनी आखें मूँद ली थी और होंठों को दांत से दबा के रखा था.. लगभग ५ मिनट तक लंड आगे-पीछे करने के बाद भाभी की बुर में थोड़ा गीलापन लगने लगा था…

अब दर्द भी पहले से कम था.. इस बार मैंने फिर से शॉट मारा.. तो पूरा लंड अंदर घुस दया.. भाभी दर्द के मारे चीख उठी – आह्ह्ह्हह्ह!!!! फट गया!!!!

सच में, बुर का आगे का हिस्सा बहुत ज़्यादा टाइट था.. वह लंड अच्छे से आगे पीछे नहीं हो पा रहा था,…

मैंने झट से अपना लंड निकाला और भाभी ने बुर में अपने मुंह घुसा दिया.. भाभी अब उछलने लगी.. लगभग १० मिनट तक मैंने भाभी की चुदाई अपने जीभ से की… उसके बाद भाभी ने अपने दोनों जांघो के बिच में मेरा सर जकड लिया.. और अपना पानी छोड़ दिया…

फिर बोली – आज लाइफ में पहली बार मैं झड़ी हूँ.. नहीं तो सुमन मादरचोद को खुद ३-४ बार झड़ जाता है लेकिन मेरा कुछ नहीं कर पाटा है..

अब भाभी का बुर अच्छा ख़ासा गीला हो चूका था. मैं फिर जांघों के पास बैठा और भाभी को पैर फैला कर ज़ोरदार शॉट मारा.. और पूरा लंड अंदर..!!

भाभी बेड से उछाल कर मुझसे चिपक गयी.. उसकी चूचियां लग रहा था जैसे मेरे अंदर घुस जाएंगी और स्मूचिंग तो लगातार जारी था.. इस बार हम लोगों ने जमकर चुदाई की…

भाभी ने भी अपनी कमर उठा उठाकर मेरा भरपूर साथ दिया. लगभग २५ मिनट चुदाई करने के बाद मैं भाभी के बुर में ही झड गया.. लेकिन मेरा लंड अभी वैसे का वैसे ही था.. अब बुर में और पानी हो गया था.. और चुदाई में और ज़्यादा मज़ा आ रहा था.. इसलिए मैंने चुदाई रोकी नहीं और और चोदता था… बिच-बिच में भाभी कभी अपने जांघों को सटा लेती थी.. कभी मैं उसके जांघों को अपने कंधे पर रख लेता था.. ऐसे ही लगभग १ घंटे के बाद मैं फिर से झड़ गया एयर भाभी भी झड़ गयी..

अब लंड महाराज ८.५ इंच से ३ इंच के हो चुके थे.. मैं अपना लंड बुर से बाहर निकाल रहा था तो भाभी ने कहा – इसी में डाले रखो.. बहुत अच्छा लग रहा है..

हम लोग उसे पोजीशन में सो गए..

रात में मेरी जब नींद खुली तो रात के १ बज चुके थे.. भाभी बेसुध हो कर सोयी थी..

मैंने कहा – बहुत रात हो गयी है, मैं अपने घर जाऊं क्या?

तो भाभी ने अपने ऊपर फिरसे खींचकर सुला लिया और बोली – अब तो सुमन के आने के बाद ही तुम यहाँ से जाओगे.. आधे घंटे रुको, मैं खाना बनती हूँ… फिर मैं तुमको फिर से खाउंगी…

दूसरे दिन मैंने ऑफिस से मेडिकल लीव् ले लिया और मैंने और श्वेता भाभी ने जमकर सेक्स का आनंद उठाया..

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