doodhwali Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/doodhwali/ Hindipornstories.org Wed, 06 Jan 2021 08:25:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 शादीशुदा बहन के मस्त मोटे दूध चूसे https://sexstories.one/doodhwali-behan-ki-chudai/ Wed, 06 Jan 2021 04:28:12 +0000 https://sexstories.one/shadi-ke-baad-behan-n-pilaya-dudh-xxx-storiez/ मेरा नाम राजू है मैं मुंबई का रहने वाला हूँ । दोस्तो आज में अपनी एक सच्ची कहानी आप लोगो को बताने जा रहा हूँ। जब में 20 साल का था। मेरे परिवार में सिर्फ ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम राजू है मैं मुंबई का रहने वाला हूँ । दोस्तो आज में अपनी एक सच्ची कहानी आप लोगो को बताने जा रहा हूँ। जब में 20 साल का था। मेरे परिवार में सिर्फ चार लोग थे मै मेरी बड़ी बहन ओर मम्मी पापा। बड़ी बहन जो मुझ से 5 साल बड़ी थी। एक साल पहले उस की शादी हो गई। doodhwali behan

ओर शादी के 5 महीने बाद दीदी की अपने पति से अनबन हो गई इस लिए वो रूठ कर वापस हमारे घर आ गयी। मेरी दीदी दिखने में बहुत ही खूबसूरत थी। उसका बदन 34-30-36 था। जो भी उसे देख लेता था वो उसे एक बार पलट कर ज़रूर देखता था। उसका रंग एकदम सफेद था ओर उसकी हाइट 5.4 फिट थी। वो बिल्कुल मेडम जैसी दिखती थी। उसका कोमल बदन शादी के बाद ओर निखर गया था।

एक दिन उन्होंने मम्मी को बताया की वो 5 महीने की गर्भवती है। doodhwali behan

उनकी गर्भवती होने की बात सुनकर मम्मी पापा बहुत परेशान रहने लगे। ओर दीदी भी हमेशा खामोश रहने लगी।

में उनको चुप देख कर उनके साथ अच्छा व्यहवार करता था। करीब पाँच महीने बाद दीदी ने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया। हम लोग इस बात से बहुत खुश थे। करीब दो महीने बाद चार बजे दरवाजे की घंटी बजी उस दिन घर मे मम्मी ओर दीदी दोनों ही अकेले थे। पापा ऑफीस गये थे ओर में भी घर पर नही था। दीदी ने दरवाजा खोला तो देखा सामने जीजाजी खड़े थे। जीजाजी बहुत गुस्से मे थे। वो अपने कुछ दोस्तो के साथ आए थे ओर ज़बरदस्ती बेबी को दीदी से ले कर जाने लगे दीदी ने काफ़ी शोर किया लेकिन वो ज़बरदस्ती बेबी को अपने साथ ले कर अपनी कार मे बैठ कर चले गये।

मम्मी ने पापा को फ़ोन कर दिया। doodhwali behan

एक घंटे बाद पापा आ गये। हम लोगो ने जीजा जी से बात करने की कोशिश की लेकिन वो हम लोगो का फोने नही उठा रहे थे। मम्मी पापा दीदी के ससुराल बेंगलोर जाने का प्रोग्राम बनाने लगे। में भी उन लोगो के साथ जाना चाह रहा था। लेकिन मम्मी पापा ने मुझे मना कर दिया। और मम्मी पापा दीदी के ससुराल चले गये। हमारे घर में तीन कमरे है। एक मम्मी पापा का दूसरा मेरा ओर एक मेरी दीदी का था।

शाम को जब टीवी देख रही थी तो पता चला की हमारे शहर मे दंगे शुरु हो गये हैं। हम ओर भी परेशन होने लगे। दीदी बोली राजू मेरे रूम मे आ जाओ इधर ही सो जाना। मैने कहा ठीक है ओर में दीदी के कमरे में ही सोने आ गया। हम पहले ही परेशन थे उपर से दंगो की बाते सुन कर ओर टेंशन हो गयी।

रात के करीब बारह बजे होंगे की दीदी की उहह उफ़फ्फ़ की आवाज़ सुन कर मेरी आँख खुल गयी। लाइट पहले से ही चालू थी। मैने करवट बदल कर देखा तो दीदी के चेहरा से साफ ज़ाहिर हो रहा था की दीदी किसी तकलीफ़ में है।

मैने पूछा दीदी क्या बात है? doodhwali behan

दीदी बोली बस तुम सो जाओ कोई बात नही। मेरी आँख खुल चुकी थी। मैने ज़िद की तो दीदी ने मुझ से एक पेपर ओर एक पेन लाने को कहा। में जल्दी से ले आया दीदी ने इंग्लीश मे कुछ लिखा जो मे नही पड़ सका। दीदी मुझसे बोली मार्केट जाओ ओर मेडिकल स्टोर से ये ले आओ। मैने कहा ठीक है ओर मैं चला गया। जब मैं मार्केट के लिए निकला तो देखा दंगे के कारण मार्केट बंद हो चुका था। ओर वहाँ पर सभी तरफ पुलिस ही पुलिस थी। उन्होने मुझे घर वापस भेज दिया। घर पहुच कर मैने सारी बात दीदी को बताई तो वो बोली कोई बात नही। सब ठीक हो जाएगा अब तुम सो जाओ।

रात के करीब चार बजे दीदी ने मुझे जगाया ओर बोली राजू मेरी मदद करो। मेरी बात ध्यान से सुनो। मेरी बेबी को तुम्हारे जीजा जी ले गये हैं। वो मेरा दूध पीती थी। लेकिन उसके ना रहने से मेरे दूध ज़्यादा हो गया है। उसने अपने एक बूब्स की तरफ इशारा किया। मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था। दीदी बोली अगर मेडिकल स्टोर से वो मिल्क सकर मिल जाता तो मैं तुमसे यह सब नही कहती। मेरे मन में बहुत सारे लड्डू फुट रहे थे। दिल मे घंटिया बज रही थी। लेकिन में मासूम बना रहा ओर बोला जैसे बच्चे दूध पीते हैं वैसे क्या? दीदी बोली हाँ वैसे ही। मैं पागल हो रहा था मैने मन ही मन अपने जीजा जी को धन्यावाद किया जिसे में थोड़ी देर पहले तक गालियाँ दे रहा था।

दीदी बेड पर जैसे अपने बच्चे को दूध पिलाती है। doodhwali behan

उसी पोज़िशन मे बैठ गयी। दीदी एक काली साडी पहने हुए थी जिसमे वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थी। मैं उसके सामने बैठ गया फिर दीदी ने अपनी साडी को अपने ब्लाउज से नीचे गिराया। मेरी पैंट भी अब टाइट हो चुकी थी। मैं क्या बताऊ दोस्तो में तो जैसे कोई सपना देख रहा था। मैने आज अपनी दीदी को चोदने का पूरा मूड बना लिया था।

दीदी का ब्लाउज सामने से गीला था। जिससे उसके निप्पल को मैं साफ महसूस कर पा रहा था। साड़ी अलग करने के बाद दीदी ने अपने ब्लाउज को उतारा। दोस्तो आप तो समझ ही रहे होंगे की मेरी नज़रे कहाँ पर ठहरी थी। ये तो मुझे आपको बताने की ज़रूरत नही होंगी। उसके बाद दीदी ने अपनी ब्रा को पीछे से खोल दिया दोस्तो मैं ठंडी साँसे लेता हुआ पागल हुआ जा रहा था। ओर उसके बूब्स को अपने हाथो से दबाने के लिए मचल रहा था। दीदी ने अपनी ब्रा खोल कर मुझे लेट जाने का इशारा किया। मैं तो जैसे इस इशारे का ही इंतजार कर रहा था।

समय ना खराब करते हुए में जल्दी से लेट गया। doodhwali behan

दीदी ने अपने ब्रा को अपने दूध से हटाया ओर मैने उनके बड़े बड़े बूब्स के दर्शन किये। में अपने आप को बड़ा खुशकिस्मत समझ रहा था। ओर अपने प्यारे जीजा जी ओर भगवान को धन्यवाद कह कर रहा था। उनके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे ओर बहुत ही अच्छे सुडोल आकार मे थे। गोरे गोरे बूब्स देख कर मेरे तो होश ही उड़ गये थे।

Mote lund ki chahat

मैने दीदी की गोद मे अपना सिर रख दिया। दीदी ने अपनी ब्रा थोड़ी उपर की ओर एक बड़ा बूब्स निकाला ओर मुझे पीने को कहा जब मैने अपने होंठ बूब्स के पास किए तो मुझे दूध की स्मेल आई ओर जब निप्पल को अपने होंठो से छुआ तो बहुत ही मज़ा ही आ गया। जब मैने चूसना शुरू किया तो मुझे एक अजीब सा अहसास हुआ। मुझे दूध बड़ा ही स्वादिष्ट लग रहा था। मेरी सगी बहन मुझे दूध पिला रही थी। मैने तेज़ी से दूध पीना शुरू कर दिया। करीब 6 या 7 मिनिट बाद जब मैने एक बूब्स खाली कर लिया तो दीदी ने अपना दूसरा बूब्स भी मेरे होंठो के सामने कर दिया।

अब तक दीदी ने अपनी ब्रा को पूरी तरह से उतार दिया था। ओर वो ऊपर से बिल्कुल नंगी हो गयी थी। मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था ओर अंडरवेर से बाहर आने लगा था। मेरे दिल की धडकन तेज़ हो गयी ओर मुझे पसीना आने लगा। दीदी के नरम नरम दूसरे बूब्स को अब मैने अपने मुहं मे भर लिया था। मैं उसके बूब्स को बड़े प्यार से सहलाता भी जा रहा था जिसके कारण दीदी भी कामुक हो रही थी। उसने भी अपने हाथ अब मेरी शर्ट के अंदर डाल दिए थे ओर अपने हाथो को उपर नीचे कर रही थी।

अब हम दोनो एकदम पुरे खुल चुके थे। doodhwali behan

भाई बहिन वाली कोई फीलिंग अब हमारे अंदर नही थी। मैं भी बड़े मज़े से उसके बूब्स को सहला रहा था। उसकी निप्पल को किस करता तो वो ठंडी ठंडी साँसे भर रही थी। उसे ये सब बहुत अछा लग रहा था। अब मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर था ओर उसने भी मुझे बहुत अच्छे से पकड़ रखा था। मेरी आह निकल गयी। दीदी ने आँखें खोल दी ओर मुझसे पूछा क्या हुआ। पसीना क्यों आ गया?

मैने कहा की दीदी गर्मी की वजह से मुझे पसीना आ गया था। और फिर दीदी ने अपनी साड़ी उपर की ओर बोला की राजू तुम थक गये होना। लेकिन एक बात याद रखना तुमने मेरी मदद की और मे तुम्हारी बहन हूँ। ओर तुम मेरे प्यारे छोटे भाई हो ये बात किसी को ना बताना प्लीज़। मैने दीदी को कहा की में आपकी मदद कर के खुश हूँ ये मेरा फ़र्ज़ है।

सुबह उठ कर हम लोगो ने साथ में बैठकर नाश्ता किया फिर दीदी नहाने चली गयी में अभी भी रात के ख़यालो में ही खोया हुआ था..

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गदराई आंटी के मस्त दूध निचोड़े https://sexstories.one/aurat-ka-doodh/ Wed, 18 Nov 2020 18:08:51 +0000 https://sexstories.one/?p=1522 मेरी माँ की सहेली सुनीता की उम्र करीब 40 से ज्यादा ही होगी पर वो लगती नही थी। उनके पति ऑफीस के काम से अक्सर बाहर जाते थे और उनके 2 बच्चे थे। एक लड़का ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरी माँ की सहेली सुनीता की उम्र करीब 40 से ज्यादा ही होगी पर वो लगती नही थी। उनके पति ऑफीस के काम से अक्सर बाहर जाते थे और उनके 2 बच्चे थे। एक लड़का जो होस्टल में पड़ता था और एक लड़की जिसकी कुछ टाइम पहले शादी हुई थी। वो मेरी माँ की कुछ टाइम पहले ही नई सहेली बनी थी। aurat ka doodh

फिर वो मेरे घर आने लगी सुनीता आंटी हमेशा साडी ही पहनती है। में उनके बारे में कभी कुछ गलत नही सोचता था। आंटी मेरे घर आई और मेरी माँ से कहने लगी। मेरे घर में कोई नही होता हे। में आशीष से कभी कुछ काम होगा तो उससे करा लूंगी।

मेरी माँ ने हाँ कह दिया आप कोई भी काम हो इस को बोल दिया करो। ये कर देगा फिर क्या था सुनीता आंटी मुझको एक दो दिन मैं कुछ ना कुछ समान मगाती रहती थी और में उन के घर में जाता रहता पर कभी घर के अंदर नही जाता था। बाहर से उनको समान दे कर चला जाता था।

एक दिन आंटी ने मुझको कॉल किया की आशीष मेरे साथ तुम मार्केट चलो मुझको कुछ समान लेना है। उन दीनो बारिश हो रही थी। मैं आंटी के घर के बाहर आया और कॉल की आंटी मैं आ गया हूँ….. आंटी ने क्या साडी पहनी थी। रेड सिल्क कलर की सिल्की साडी। मैने इतना ध्यान नही दिया क्यूकी में आंटी के बारे में कभी भी गलत नही सोचता था।

में आंटी को बाइक में ले जाने लगा और आंटी को मार्केट ले आया। आंटी ने कुछ घर का समान लिया और फिर आंटी एक शॉप में गयी। जहा पेंटी और ब्रा मिलता था। में शॉप के बाहर ही रुक गया। aurat ka doodh

आंटी बोली आशीष क्या हुवा में बोला आंटी आप ही जाइए आंटी ने बोला चलो ना कोई दिक्कत नही है। आंटी के साथ अंदर चला गया आंटी ने शॉपकीपर से कुछ पेंटी और ब्रा मंगवाई। आंटी का साइज़ 42 था। आंटी ने 3 पेंटी और ब्रा पसंद कर ली और आंटी को में घर लाने लगा तभी बारिश होने लगी।

आंटी और में तोड़ा भीग गये। हम जैसे आंटी के घर पहुचे तभी बारिश तेज़ हो गयी। आंटी बोली आशीष अंदर चलो जल्दी से मैं बाइक लगा के आंटी के घर चल दिया।

आंटी ने अपने घर का दरवाजा खोला और हम अंदर गये। मैं आंटी के घर के अंदर पहली बार गया था। आंटी ने कहा आशीष ये लो टॉवल जल्दी से ड्रेस उतार लो नही तो ठंड लग जायगी।

मैं कहा आंटी कोई बात नही में बारिश कम होते ही चला जाउगा। आंटी ने कहा अरे आशीष तुम्हारी ड्रेस पूरी भीग गयी है। तुम बीमार हो जाओगे। मैने आंटी की बात मान ली और ड्रेस उतार ली और टॉवल को पहन लिया और आंटी भी ड्रेस चेंज करने चली गयी। अपने रूम में। आंटी जब वापस आई तो क्या लग रही थी। वो पिंक कलर की नाइटी में आई और मेरे सामने आ कर बैठ गयी।

फिर आंटी बोली आशीष में चाय बना कर लाती हू। उस टाइम तक मेरे लिए आंटी के लिए कुछ ग़लत नही सोच रहा था। फिर आंटी चाय लेकर आई और मेरे सामने आ कर बेठ गयी और हम दोनो चाय पिने लगे और आंटी इधर उधर की बाते करने लगी की।। आशीष तुम क्या करते और क्या करना चाहते हो।

फिर आंटी कहने लगी आशीष में ब्रा चेक कर लू की साइज़ सही है या नही अगर सही नही होगा तो तुम चेंज कर लाना। फिर आंटी अंदर गयी और थोड़ी देर बाद आंटी ने मुझको आवाज़ मारी। आशीष ज़रा अंदर आना।

में टॉवल में ही अंदर गया और अंदर जाते ही मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी। aurat ka doodh

आंटी पेंटी और ब्रा में थी। ब्रा पहनने की कोशिस कर रही थी।

आंटी बोली अंदर आ जाओ। में हिम्मत करके अंदर गया और आंटी बोली आशीष ज़रा इसको पहनाना मुझसे हुक लग नही रहा। में बोला आंटी में… आंटी बोली तो क्या हुआ… में आंटी की ब्रा का हुक लगाने लगा और चुपके चुपके उनके मोटे बोब्स देख रहा था। आंटी मुझसे पूछने लगी आशीष तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है…. मैं उस टाइम चुप रहा आंटी फिर बोली बताओ ना मैं किसी को नही बोलूंगी…..

मैं बोला आंटी ऐसी कोई बात नही हे। मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है। आंटी क्यू झूट बोल रहा हे। मैं बोला आंटी कोई मिली नही. . .

आंटी बोली तुमको किस तरह की लड़की चाहिए।। मैं बोला जो मुझको प्यार करे। आंटी बोली हा सही है. . मैने आंटी के ब्रा का हुक लगा दिया। आंटी मेरे सामने सीधी हो कर खड़ी हो गयी। उनके मोटे मोटे बोब्स देखा कर लंड खड़ा हो गया और टॉवल से साफ दिखने लगा। आंटी ने देख लिया।

फिर आंटी बोली आशीष ज़रा वो वाली लाना जो बाद में है।। मैं उस दूसरी ब्रा लेने गया। तब तक आंटी ने अपनी ब्रा उतार दी और मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी मैं थी। मेरे दिमाग़ ही काम नही कर रहा था।

आंटी बोली लाओ। मैं लेकर आंटी के पास गया। aurat ka doodh

आंटी बोली क्या हुवा आशीष कभी किसी ओरत को ऐसे नही देखा… मैं कहा नही आंटी… मेरे लंड की तरफ़ देखकर बोली ये क्या है… में बोला आंटी कुछ नही… आंटी मेरे पास आई और मेरे लंड को छूने लगी।

में पागल सा हो रहा था। आंटी ने मेरा टॉवल निकाल दिया। मैं अपने अंडरवेयर में था। आंटी मेरे लंड को अंडरवेयर के बाहर से हिलाने लगी मुझसे कंट्रोल नही हुआ मैं आंटी को बाहो में भर लिया और उन को किस करने लगा।

आंटी बोली आशीष काफ़ी टाइम से तेरे अंकल ने मुझको प्यार नही किया। इस लिए मैने ये सब करा अगर मैं तुझसे बोलती तो तू मुझसे बात भी नही करता क्योकि तुमको मुझ मैं क्या मिलेगा।

मैने बोला आंटी ऐसी बात नही है। में आपको आज से प्यार करुगा। आंटी मुझको किस करने लगी। मैंने आंटी को गोद में लिया और बेड में लेटा दिया।

मैने आंटी की पेंटी के उपर से ही उनकी चूत मसलने लगा और उनके बोब्स को चूसने लगा। आंटी मस्त आवाज़ निकालती जा रही थी। मैने आंटी की पेंटी उतार दी मैने देखा आंटी की चूत में एक भी बाल नही है पूरी लाल चूत थी।

आंटी बोली मैंने आज ही साफ किया है। मुझे आज तुझसे जो मिलना था.. मैने कहा क्या बात है साली…

वो हँसने लगी और मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी। में उसके बोब्स चूसते चूसते उसकी नाभि को किस और चाटने लगा। उसने कहा आशीष अपनी आंटी को मत तड़पाओ प्लीज़ अपना लंड डालो। मैंने कहा अच्छा। मैने आंटी के पेरो को फेलाया और उनकी चूत में अपना लंड रखा। धीरे से अंदर डालना शुरू किया।

एक झटका दिया आंटी की चीख निकल गयी और मैंने अपनी स्पीड बड़ा ली और आंटी की आवाज़ मुझको दीवाना करने लगी। हहा…आ.आ.. हम्म हहा…आई… मैने स्पीड से उनकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड करता रहा। आंटी ने अपना पानी छोड़ दिया। पर मेरी स्पीड चल रही थी। 15 मिनट बाद मेरा भी निकलने वाला था।

मैंने पूछा आंटी कहा निकालू वो बोली बाहर निकाल दो। aurat ka doodh

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