devar bhabhi Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/devar-bhabhi/ Hindipornstories.org Fri, 05 Nov 2021 08:04:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बहन का देवर https://sexstories.one/%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%b0/ Fri, 05 Nov 2021 08:04:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3284 मैं अपना हाथ उसकी पेंट के ऊपर घुमा रही थी. एक कड़क और मोटी लंबी सलाख मेरे हाथ मे आ गयी. यह तो राकेश का लंड था. उसने अपना लंड अपनी पेंट की चैन खोल कर निकाल लिया था और मेरा हाथ जैसे हीवहाँ पहुँचा उसने पॉपकॉर्न के पॅकेट की जगह अपना लंड खड़ा कर रखा था..

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Behan Ka Devar ne choda रजनी दीदी कितनी बदल गयी इन दिनों. मुझे तो यकीन ही नही हो पा रहा था की शादी के तीन साल बाद दीदी को इतने मॉडर्न आउटफिट मे देखूँगी. कहाँ हम दोनो बहने छत्तीसगढ के दुर्ग मे रहने वाली सीधी सादी लड़कियाँ कहाँ आज वेस्टर्न आउटफिट मे बात-बात मे “ओह कहने वाली मेरे से 2 साल बड़ी रजनी दीदी. कपड़े भी क्या थे. छोटा स्कर्ट जिसमे से उसकी जांघें ऊपर तक दिख रही थी. सामने वाले को उसकी पेंटी के दर्शन करने मे शायद ही कोई तकलीफ़ हो. साथ ही टॉप ऐसा की उसके दोनो बोब्स के बीच की घाटी दूर तक जाती हुई दिखाई पड़ रही थी. सामने वाला आदमी तो भोचक्का हुए दीदी को ऊपर से नीचे तक देखता रहे।

मुझे याद है जब रजनी दीदी की शादी मुंबई के उदय शाह के साथ तय हुई थी. रजनी दीदी का रूप ही ऐसा था की हर कुंवारे मर्दो मे होड़ बनी रहती की कैसे इसे पाया जाए. लेकिन मेरे दूर के एक रिश्तेदार ने दीदी की शादी उदय से फिक्स करवा दी. उदय तो दीदी को देखते ही फिदा हो गया और शादी के लिए तुरंत हां कर दी. विवाह 2 महीने बाद होना था. उस समय मैं B.A. के लास्ट इयर मे पढ़ रही थी. वैसे खूबसूरती मैं भी कम नही हूँ. मेरा गोरा बदन और मेरा साँचे मे ढला जिस्म कइयो को रात भर तड़पाता है. ऐसा मेरा नही मेरे बॉय-फ्रेंड राकेश का कहना है. जहाँ दीदी का किसी से प्यार नही था वहाँ मेरा राकेश के साथ अफेर्स एक साल से चल रहा है. हम दोनो के शारीरिक संबंध भी बन गये. मैं दीदी के मुकाबले काफ़ी फास्ट-फॉर्वर्ड हूँ. लेकिन यहाँ आज दीदी को देखकर पता चला की मैं फास्ट-फॉर्वर्ड नही बल्कि स्लो मोशन हूँ।

शादी की दो साल बाद जब जीजाजी उदय ने शेर मार्केट से काफ़ी पैसा बना लिया तो उन्होने यह 3 बेडरूम हॉल का फ्लॅट मुंबई के प्रभादेवी इलाक़े मे खरीदा जो कि यहाँ का काफ़ी पॉश एरिया माना जाता है. दीदी के साथ उसका देवर राकेश भी रहता है. संजोग से मेरे बॉय-फ्रेंड और दीदी के देवर का नाम एक जेसा ही है. मैने दीदी से चहकते हुए पुछा, “दीदी, जीजाजी ने पैसा कमाते हुए तुझे भी कोहिनूर का हीरा जैसा बना दिया… क्या बात है..”तब दीदी ने मुझे सब तसल्ली से बताया की जीजाजी को दीदी का मॉडर्न रूप ही पसंद है।

अब उँची सोसाइटी वालों के साथ उठना बैठना हो गया तो रोज किसी ना किसी पार्टी या क्लब मे जाना पड़ता है.. वहाँ पर सभी वेस्टर्न आउटफिट्स पहने हुए नाचते गाते हुए सारी रात मस्ती करते है और देर रात बाद घर वापस आते है… दीदी ने कहा, “कल्पना, तेरे जीजाजी को यह सब ही पसंद है… अब मुझे भी यही सब अच्छा लगने लगा..” तभी मुझे जीजाजी और उनके भाई राकेश का ध्यान आया. मैने तुरंत ही पूछ लिया, “दीदी, जीजाजी और राकेश नही दिखाई दे रहे है.. कहाँ गये हुए है?” दीदी ने कहा, “तेरे जीजाजी और राकेश बिजनेस के सिलसिले मे कोलकाता गये हुए है… कल दोपहर तक आ जाएँगे… अब तू आराम कर और नहा ले.. काफ़ी थक गयी होगी..” मैं फिर नहाने चली गयी और तेयार होकर फिर से दीदी के बेडरूम मे आ गयी।

फ्लॅट के तीन रूम मे से एक दीदी का बेडरूम, एक मे राकेश और तीसरा गेस्ट रूम है जिसमे अभी मेरा समान पड़ा है. जैसे ही मैं दीदी के रूम घुसी दीदी ने कहा, “मुंबई आई है तो ऐसी ड्रेस तो छोड़ दे… यहाँ तो वेस्टर्न आउटफिट्स पहन कर मजा ले… दुर्ग मे तो तुझे पहनने का मौका मिलेगा नही..” मैं हंसते हुई बोली, “सलवार कमीज़ ठीक नही है क्या?” दीदी ने कहा, “नही.. यह बात नही… यहाँ हम लोग जब पार्टियों मे जाते है तो वेस्टर्न आउटफिट ही पहनते है.. तू भी वही सब पहन…” मैने कहा, “मेरे पास तो वो सब कुछ नही है…” दीदी ने कहा, “तो मेरे वाले पहन ले… एक सी ही फिटिंग है हम दोनो की… कोई तकलीफ़ नही होगी..” मेरा भी वेस्टर्न आउटफिट पहनने का सौक था लेकिन दुर्ग मे नही चलता था।

तभी दीदी ने अपनी अलमारी से अपनी ढेर सारी ड्रेस निकाली और मुझे दे दी और बोली, “जो पसंद है उससे पहन ले.. साथ ही 5-7 ड्रेस और निकाल ले ताकि रोज-रोज मेरी अलमारी से निकालना ना पड़े..” मैने अपनी पसंद की ड्रेस निकाल ली… ज़्यादातर स्कर्ट और ब्लाउज ही थे. इनमे से एक ड्रेस मैने अपने कमरे में जाकर पहनी. ड्रेस पहने के बाद जब मैने आईने मे देखा तो शरमा गयी. मेरा रूप कुछ ज़्यादा ही खिल पड़ा. साथ ही मेरी शरीर के दर्शन भी कुछ ज़्यादा ही हो गया. मेरी पतली जांघें स्कर्ट के नीचे से अपना पूरा जलवा दिखा रही थी. मेरी नाभि और मेरा पेट शॉर्ट स्कर्ट और शॉर्ट टॉप के बीच चमक रहा था. लो कट टॉप के कारण मेरे बोब्स खिल उठे. मेरे हाथ ने बरबस ही मेरे दोनो बोब्स को थाम लिया. मैं चहक उठी. उफ मेरा सेक्सी बदन…फिर हम दोनो बैठ कर गप-शप करने लगे. लंच और डिनर हम दोनो ने भरपूर बातें करते हुए ही लिया।

रात कब हुई पता ही नही चला. ज़्यादातर मैं ही बोलती रही. दुर्ग की बातों को याद करते रहे. फिर हम दोनो कपड़े चेंज करके सो गये. सुबह उठने के बाद, दीदी तो कहीं चली गयी. मैं घर मे अकेली ही थी. दोपहर के बाद वापस आई तो हम दोनो ने साथ ही लंच लिया. थोड़ी देर बाद जीजाजी और उनका भाई राकेश भी कोलकाता से वापस आ गये. जीजाजी मुझे देखते ही अपनी बाहों मे ले लिया.”कब आई मेरी सालीजी,” जीजाजी ने पूछा.”कल से आई हूँ लेकिन हमारे जीजाजी को फुर्सत ही कहाँ,” मैने बनावटी गुस्सा जताते हुए कहा और हम सब हंस पड़े. तभी दीदी ने अपने देवर राकेश से मिलाया. मैने कहा, “हेल्लो…” राकेश बोला, “ऐसे नही.. अपने जीजाजी से जैसे मिली वैसे ही हमारी बाहों मे..” मैने शरमा गयी और बोली, “धत्त्त..”सब हंस पड़े।

मैने राकेश को अपने जिस्म पर घूरते हुए कई बार पाया. ऐसी मिनी ड्रेस कयामत ही धाती है मर्दो पर. मुझे भी लड़को को सताने मे बड़ा मजा आता है. मेरा साँचे मे ढला जिस्म राकेश का ध्यान मेरी और बार-बार खींच रहा था. तभी जीजाजी दीदी से मुस्कराते हुए बोले, “रजनी आज रात को मिस्स. & मिस्टर. अग्रवाल आ रहे है. रात को उनके यहाँ पार्टी है. वहा जाना पड़ेगा..” यह सुनते ही दीदी का चेहरा खिल उठा. दीदी बोली, “ठीक है मैं रात को 10 बज़े तक तैयार हो जांउगी..” मैने जीजाजी से शिकायत करते हुए कहा, “क्या जीजाजी? हम तो आए है और बाहर रहने की बात करते है.” जीजाजी ने कहा, “एक दो दिन की ही बात है. फिर फ़ुर्सत से तुम्हारे साथ ही रहेंगे.”दीदी ने अपने देवर से कहा, “राकेश, क्यों न तुम कल्पना को यहाँ खुले हुए नये मल्टिप्लेक्स में मूवी दिखा देते.

फिर रात को किसी क्लब मे ले चलना. बोर नही होगी.” राकेश बोला, “ठीक है.. अभी 4 बजे है. कल्पना तुम ठीक 6 बजे रेडी रहना. फिर क्लब चलेंगे…”

शाम 6 बजे मैं और राकेश मूवी देखने पहुँचे. ओंकारा. देशी गालियो से भरी हुई मूवी ले..” आ “रग़ड डाल साली को..” जैसे कॉमेंट धीरे-धीरे पास कर रहा था. एक तो मूवी की गालियाँ और दूसरे राकेश के कमेंट्स फिल्म देखने का मेरा मजा दुगुना कर रहे थे. तभी इंटरवेल हो गया. इंटरवेल मे राकेश पॉपकॉर्न का बड़ा पेक ले आया. वापस आया तो हॉल की हल्की लाइट के बीच मेरे सामने खड़ा हो गया. मैने उसकी नज़रों को अपने दोनो बोब्स की घाटी के बीच पाया. मैने महसूस किया की उसकी पेंट चैन के हिस्से से उठ चुकी थी. वो काफ़ी तनाव मे था. मैं हल्के-हल्के मुस्कुरा उठी।

Chodayi stories बीवी के प्लान से बहन को चोद डाला

तभी मैने जान बुझ कर अपने सिर को आगे किया और उसके तने हुए लंड पर टच कर दिया और बोली, “लो आगे निकलो और बैठो.” लंड पर मेरे सर का टच होते ही उसने अपनी आँखें बंद कर ली. मानो उसको बड़ी रिलीफ मिली हो. मैं जानती थी की यह रिलीफ नही बल्कि उसके लंड को और बेचैन कर देगा. और वही हुआ. हम दोनो पॉपकॉर्न खाने लगे. पॉपकॉर्न का बास्केट राकेश ने अपनी पेंट पर रख रखा था और शायद अपने हाथ से अपने लंड को दबा रहा था. उसके हाथ की हरकत मुझे यह महसूस करवा रही थी. लेकिन उसके मन मे तो कुछ और ही चल रहा था.

अंधेरे मे पॉपकॉर्न खाने के मेरे हाथ बार-बार उसकी पेंट से टकरा रहा था और इससे उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. उसके कमेंट्स आने बंद हो चुके थे. तभी मैने महसूस किया की मेरे हाथ मे यह गर्म-गर्म क्या लग रहा है. अंधेरे मे पॉपकॉर्न के लिए मैं अपना हाथ उसकी पेंट के ऊपर घुमा रही थी. एक कड़क और मोटी लंबी सलाख मेरे हाथ मे आ गयी. यह तो राकेश का लंड था. उसने अपना लंड अपनी पेंट की चैन खोल कर निकाल लिया था और मेरा हाथ जैसे हीवहाँ पहुँचा उसने पॉपकॉर्न के पॅकेट की जगह अपना लंड खड़ा कर रखा था।

मैं चोंक गयी. मुझे गुस्सा भी आ रहा था और मजा भी. गुस्सा इसलिए की उसने मुझे क्या समझ रखा है. एक रांड़. जिसे जब चाहो अपना खिलोना दे दो. मजा इसलिए आ रहा था की कोई लड़का मेरी जवानी के लिए तरस रहा था. लेकिन मैने गुस्से से लेकिन धीरे से कहा, “कोई तमीज नही है तुम मे..?” फिर मुहँ घुमा कर चुप-चाप बैठ गयी. थियेटर मे मैं कोई तमाशा खड़ा करना नही चाहती थी. बाकी की फिल्म हम-दोनो चुप- चाप देखते रहे. जैसे ही मूवी खत्म हुई मैं झट से उठी और बाहर निकालने लगी.

बाहर आते ही राकेश बोला, “i m सॉरी… प्लीज़ माफ़ कर दो…” मैने गुस्से मे बोली, “क्यों माफ़ कर दू ? तुम किसी भी लड़की के साथ ऐसी हरकत कैसे कर सकते हो?”

राकेश ने नज़रें झुकाए बोला, “मैं अपने आपे मे नही रहा… प्लीज़ माफ़ कर दो ना..” मैने तमाशा ना खड़े करते हुए कहा, “ठीक है.. माफ़ किया.. लेकिन आगे से मेरे साथ ऐसा नही करोगे.. समझे..” फिर हम दोनो बगैर क्लब गये घर पर आ गये. डिनर भी नही ले पाए. घर पहुँचा तो पाया दीदी और जीजाजी जा चुके थे. एक्सट्रा चाबी राकेश के पास थी. मैं सीधे अपने रूम मे चली गयी और गुस्से मे बगैर ड्रेस चेंज किए सीधे बिस्तर पर लेट गयी. राकेश हॉल मे बैठा टीवी देख रहा था. टीवी की आवाज़ कुछ देर तो सुनाई दी फिर मुझे नींद आ गयी. भूखी सोई थी।

अचानक उठ बैठी. घड़ी देखी. घड़ी मे सुबह के 4बजे थे. कितना सोई मे वो भी बगैर ड्रेस चेंज किए. उठकर पानी पिया और किचन की तरफ गयी शायद कोई बिस्किट्स वगेरह मिल जाए. हॉल की लाइट जल रही थी. राकेश वही सोफे पर ही सोया हुआ था. उसने कपड़े ज़रूर चेंज कर लिए थे. इस समय उसने केवल बॉक्सर पहन रखा था. बनियान या टी -शर्ट नही पहने हुए था.

राकेश का शरीर बड़ा ही दिलकश दिखाई दे रहा था. चेहरे पर हल्की मुस्कान. सीना नंगा और उस पर काले- काले गहरे बाल. मज़बूत फूली हुए बाहें. हाथ अपने बॉक्सर पर. बॉक्सर का आगे का हिस्सा फुला हुआ. शायद मुझे ही सपने मे देख रहा हो इसीलिए उसका लंड अकड़ा हुआ लग रहा था. अब मेरा ध्यान उसके बॉक्सर पर ही टिक गया. थियेटर मे जब उसने अपना लंड पॉपकॉर्न की जगह मुझे पकड़ाया था वो सब अब मुझे ध्यान आने लगा. उसका लंड बहुत ही गर्म था. काफ़ी लंबा और मोटा लंड था उसका. मैने ध्यान दिया की मेरा हाथ उसको पूरी तरह से पकड़ नही पाया था कारण की उसका लंड काफ़ी मोटा था.

पॉपकॉर्न की तलाश मे मैने उसका पूरा लंड नाप लिया था. काफ़ी लंबा भी था. उसको सोचते ही मैं अब उसके एक दम करीब आकर बॉक्सर को देखने लगी. वाकई मे काफ़ी लंबा और मोटा लंड था उसका. मैने अपने बॉयफ्रेंड का लंड अपने मुहँ और चूत मे लिया था लेकिन राकेश का लंड काफ़ी बड़ा लग रहा था।

मेरी मुहँ से एक सिसकारी निकल पड़ी. फिर मैं किचन की तरफ गयी मगर मुझे कुछ नही मिला. दीदी शायद कहीं और रखती थी स्नॅक्स. लेकिन कहाँ यह मुझे नही मालूम. एक बार सोचा राकेश को उठा कर पुछु मगर मैने इस वक़्त उसे उठाना मुनासिब नही समझा. पेट मे चूहे दौड़ रहे थे लेकिन क्या करती. वापस अपने रूम की तरफ आने लगी. फिर से राकेश के बॉक्सर की तरफ नज़र गयी. राकेश मस्ती मे सोया हुआ था अपने तने हुए लंड को अपने हाथ से पकड़े हुए. मेरी चूत मे इसको देखकर पानी आने लगा. बेकार मे ही उस से गुस्सा कर बैठी.

भूखी भी रही और एक मतवाले दिलवाले सांड़ को छोड़ कर सो गयी मैं. रूम की तरफ जब बढ़ने लगी तो दीदी के बेडरूम का दरवाज़ा बहुत ही हल्का खुला हुआ दिखा. रूम मे लाइट जल रही थी. मेने सोचा शायद जीजाजी और दीदी वापस आ गये है. या शायद अभी ही आए है. यह सोचकर की दरवाज़ा लॉक नही है तो उसे लॉक कर दू. शायद दीदी लॉक करना भूल गयी हो. जब बेडरूम के दरवाजे के पास पहुँची तो मुझे अजीब आवाज़ें सुनाई दी. यह आवाज़ें मुझे हॉल मे नही सुनाई दी थी।

इससे आगे कि कहानी अगले भाग में . . .

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देवर का मोटा लंड https://sexstories.one/meri-choot-me-devar-ka-mota-lund/ Sat, 20 Feb 2021 04:19:33 +0000 https://sexstories.one/?p=2870 नमस्कार दोस्तोँ, मेरा नाम नेहा शर्मा है. मैँ एक 36 साल की औरत हूँ. मेरी शादी को हुए 8 साल बीत चुके हैँ. मेरी एक लडकी है जिसकी उम्र 6 साल है. मेरे पति एक ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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नमस्कार दोस्तोँ, मेरा नाम नेहा शर्मा है. मैँ एक 36 साल की औरत हूँ. मेरी शादी को हुए 8 साल बीत चुके हैँ. मेरी एक लडकी है जिसकी उम्र 6 साल है. मेरे पति एक बैंक मैनेजर हैँ और मैँ एक हाऊस वाईफ हूँ.मुझे अपने घर की देख रेख करना बहुत अच्छा लगता है. लेकिन मुझे सब्से ज़्यादा कोई चीज़ खलती है मेरी लाईफ मेँ तो वो है सेक्स. मुझे घर मेँ सेक्स का सुख नहीँ मिलता है. Devar ka lund

मेरे पति अक्सर थक कर घर आते हैँ और सेक्स से कतराते हैँ. Devar ka lund

उन्हेँ सेक्स पसन्द हुआ करता था लेकिन जब से वो मैनेजर बने हैँ, बस उन्हेँ सिर्फ और सिर्फ काम ही नज़र आता है. अपनी मदमस्त चूचीयोँ और भरी हुई गांड वाली बीवी पर तो उनकी नज़र पडती ही नहीँ है. बस इसी फिराक मेँ मुझे यहाँ वहाँ नज़र दौडानी पडती है. लेकिन समाज के डर से मैँ बाहर कुछ भी नहीँ कर सकती हूँ तो इसलिये मुझे अपनी चूत की आग को अपनी हथेली और ऊंगली से बुझाना पडता है.

लेकिन एक दिन ऐसा हुआ जिसने मेरी ज़िन्दगी बदल दिया. Devar ka lund

पूरी तरह से. जी हाँ, मेरे घर मेँ मेरे पति का कज़िन मैँ मोहित रहने आया अपनी छुट्टियाँ बिताने के लिये. उसकी उम्र 20 साल की है. लम्बा चौडा लडका है. और स्वभाव से भी काफी हंसमुख है. उसे देखकर मुझे लगा क्योँ ना इसे ट्राय करूँ, हो सकता है यह मेरी प्यास बुझा दे. यही सोच कर मैँने एक प्लान बनाया ताकि मोहित मेरे हुस्न और चूत के जाल मेँ फंस कर मुझे खुद ब खुद अपना लंड सौंप दे. और उस लंड से मैँ अपनी प्यास जब चाहे तब बुझा सकूँ. बस इसी आस मेँ मैँने अपने प्लान को पूरा करना शुरु कर दिया. बात एक ह्फ्ते पहले की है.

एक दिन मोहित मेरे सामने सोफे पर बैठ कर टी वी देख रहा था. उसने शौर्ट और बनियान पहन रखा था. मैँने भी कैप्री और टी शर्ट पहना हुआ था. वो मुझे बीच बीच मेँ देखे जा रहा था क्युंकि सामने टी वी मे एक किस सीन चल रहा था और मैँ मोहित को कंखियोँ से देख रही थी. उसकी टांगेँ वासना के मारे कांप रही थी, यह सब मैँ समझ और देख पा रही थी. मुझे लगा कि इसे पटाना बहुत आसान है. तो इसलिये मैँने उसके कन्धे के पास अपना हाथ रख दिया. वो मुझे देखने लगा और मैँ बिना उसे देखे ही मुस्कुराने लगी. उसने थूक निगला और थोडा सा मेरी ओर सरक आया. मेरी धडकनेँ भी बढने लगीँ. मुझे यह सब अच्छा लगने लगा था.

मैँने जानबूझ कर अपना हाथ नीचे उसकी जांघ के पास रख दिया. Devar ka lund

अब मेरे हाथ उसकी जांघोँ को छू रहे थे. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. और वो भी ज़ोर ज़ोर से सांसेँ ले रहा था. मैँने अपनी हथेल धीरे धीरे बढा कर उसकी नंगी जांघोँ पर रख दी. वो कांपने लगा. यह देखकर मुझे बहुत मज़ा आने लगा. घर मेँ सेक्स की कल्पना से ही मेरी चूची कडी और मेरी चूत गीली हो गई. मान्सल जांघोँ को छोने और सह्लाने मेँ बहुत मज़ा आ रहा था. एकदम फौलादी जांघ थी उसकी.

उसका लंड भी मैँ देख पा रही थी उसके चौर्ट्स मेँ उभार बना रहा था. मुझे इतना अच्छा लगा कि मन किया कि अभी उसे पकड कर मुर्गे की तरह उसकी भी गरदन मरोड दूँ. किसी तरह मन को रोका और उसे कुछ करने के लिये उकसाने की प्लानिंग करने लगी. मैँने अपनी एक ऊंगली उसकी चड्ढी मेँ घुसा दिया और उसे घुमाने लगी. वो पसीने पसीने होने लगा और उसने मेरे कन्धे पर हाथ रख दिया.

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अब मैँ फील करने लगी उसके बढते हाथ मेरी गोल गोल सुन्दर गोरी चूची के बहुत पास थे. अचानक से जैसे ही मेरी ऊंगली उसके लंड के करीब पहुंची, उसने झट से मेरी चूची को पकड लिया और लगा उसे कस कस कर दबाने. मैँने आंखेम बन्द कर लिया और उसके लंड को पकड कर उसे दबाने लग गई. वाह क्या मज़ा आ रहा था.

उसने मेरी टी शर्ट को निकाल दिआ और मैँने भी उसकी बनियान और चड्धी को खींच कर बाहर कर दिया, अब मैँ कैप्री मेँ थी और वो अंडरवीयर मेँ. उसने मुझे कस कर दबोच लिया और कस कस कर मेरे लिप्स को किस करने लगा. मुझे भी रिस्पोंस करने मेँ मज़ा आने लगा. फिर मैँने उसके लंड को अंडरवीयर से आज़ाद कर दिया. और उसने भी मेरी कैप्री को निकाल दिया और मेरी गांड को मेरी पैंटी के अन्दर हाथ डाल कर सह्लाते हुए मेरे गांड और चू के छेद से खेलने लगा.

मैँ एकदम से गीली होती जा रही थी. Devar ka lund chusa bhabhi ne

हमारी सांसेँ फूल रही थी. बहुत मज़ा आने लगा था. उसने मेरी पैंटी को निकाल कर मुझे एकदम नंगा कर दिया और मुझे सोफे पर बिठा कर मेरी टांगोँ को फैलाकर मेरे चूत को चाटने लगा. हाय.. सी ..उउउ म्म्म.. इस तरह आवाज़ निकालने मेँ बहुत मज़ा आने लगा मुझे. और यह आवाज़ सुनकर वो भी जोश मेँ आकर मुझे और चाटने लगा.

थोडी देर बाद वो उठा और अपने लंड को सहलाते हुए मेरे मुख के पास उसे रख दिया जिसे मैँने गप से चूसना शुरु कर दिया. वाह क्या लंड था साले का. मोटा तगदा जवान, वीर्य से भरपूर. जैसे वैनिला कैंडी. मज़ेदार लंड था उसका. घर मेँ सेक्स का अनोखा आनन्द हम दोनोँ ही लूट रहे थे आज. ऐसा आनन्द जो हम दोनोँ को ही कभी नहीँ मिला था.

मैँ जितनी बार उसे पकड कर मरोडती उतना ही ज़्यादा वो बडा और कडक होता जा रहा था जैसे कोई काला नाग हो और संपेरे से लड रहा हो. उसके लंड की ताकत देख कर ही मेरी चूत के बाल खडे हो गये और मेरी चूत गीली होने लगी. मेरे चूत के दाने को उसने अपनी ऊंगलियोँ के बीच फंसाया और बडे प्यार से चुभलाने लगा. असीम आन्नद की अनुभूति मेरे सारे शरीर मेँ दौड गई.

ऐसा लगा जैसे वो मुझे लिफ़्त मेँ बैठा कर स्वर्ग ले जा रहा हो और लिफ्ट का बटन मेरी चूत का दाना हो. बहुत बडा खिलाडी लग रहा था वो. मुझे अहसाह हो गया कि आज कोई आ गया है मेरी टक्कर का जो धक्के से धक्का मिला कर मुझे चुनौती देगा और मेरी सारी थकान दूर कर देगा. इसी आस मेँ मैँ नीचे झुकी उसके लंड को सलाम करने के लिये और फिर उसे आंखोँ से लगा कर उसकी गर्मी महसूस किया और उसे मुख मेँ ले कर चूसने लगी.

वाह्ह्ह्ह… क्या स्वाद था साले के लंड का. Devar ka mota lund

बहुत टेस्टी था. मैँ चूसती गई लेकिन उसका लंड मेरे मुख मेँ पूरा नहीँ समा रहा था. आखिर मैँने उसे बहुत चूसा तो वो मुझे लिटा कर मेरी चूत चाटने और चूसने लगा. हम दोनोँ ही पागल हो गये और सुध बुध खो बैठे.

थोडी देर बाद उसने मुझे सीधा लिटा दिया और मेरी चूत पर लंड टिका कर अनदर डालने लगा. आह्ह्ह्ह … बहुत मोटा है तुम्हारा लंड मोहित प्लीज़ थोडा धीरे से डालो यह कहा मैँने और यह सुनकर वो मुस्कुराया और बडी बेदर्दी के साथ एक ज़ोरदार ठाप मारा और उसका आधा लौडा मेरी चूत को नश्तर की तरह फाड कर अन्दर घुस गया. मैँने उसे कस कर पकड लिया और मेरे नाखून उसके जिस्म मेँ घुसा दिये.

उसने गुस्से मेँ एक के बाद एक धक्के मेरी चूत मेँ मारने शुरु कर दिये जैसे कि वो बदला ले रहा हो. और हम दोनोँ की यह चुदाई वाली जंगली लडाई और भी ज़्यादा हिंसक होने लगी. थोडी देर बाद उसने मेरे होंठोँ को चूसना और काटना शुरु कर दिया फिर वो नीचे झुका और चोदते हुए मेरी चूची को चूसते हुए उसे भी काटने लगा.

इस तरह की चुदाई से मैँ आज तक वाकिफ नहीँ हुई थी. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. मैँ भी गांड उठा उठा कर उसके लंड की ठाप का जवाब अपनी चूत से देने लगी. घर मेँ सेक्स का वातावरण बहुत ज़्यादा घुल चुका था और अचानक से हम दोनोँ ही कचकचा कर एक साथ झड गये. उस दिन हमने फिर से 4 बार चुदाई किया और एक दूसरे को संतुष्ट किया.

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Bhabhi Aur Devar Ke Jism Ki Aag https://sexstories.one/devar-bhabhi-ki-sex-kahani/ Thu, 11 Feb 2021 23:18:20 +0000 https://sexstories.one/bhabhi-aur-devar-ke-jism-ki-aag-xxx-storiez/ मेरा नाम करण है। में भवानीपुर का रहने वाला हूँ.. ये मेरी पहली कहानी है। ये मेरी सच्ची कहानी है। दोस्तों ये उस समय की बात है.. जब में 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम करण है। में भवानीपुर का रहने वाला हूँ.. ये मेरी पहली कहानी है। ये मेरी सच्ची कहानी है। दोस्तों ये उस समय की बात है.. जब में 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। मेरे मम्मी पापा कोलकाता में ही रहते थे। उन दिनों मेरे एक दूर के भैया है जो बिहार में काम करते है। उनकी शादी हुये 3 साल हो चुके थे। devar bhabhi

मैंने कभी उनकी पत्नी (मेरी भाभी) को नहीं देखा था। devar bhabhi

उनका नाम उषा था। वो एक सरकारी ऑफिस में एक अच्छी पोस्ट पर काम करती है.. उसी सिलसिले में उन्हे कोलकाता ट्रैनिंग के लिये आना पड़ा.. उनकी ट्रैनिंग 7 दिनों की थी। में स्कूल गया हुआ था.. पर जैसे ही में घर पहुंचा और मैंने डोर बेल बजाई तो एकदम मस्त सी गोरी लंबी कसे हुये दूध, क्या जांघे थी उसकी? हे भगवान वो पल में कभी नहीं भूल पाउँगा।

उषा भाभी ने दरवाजा खोला और वो भी मुझे देखती ही रह गई.. devar bhabhi

मेरी लम्बाई 5 फुट 5 इंच है और स्मार्ट भी हूँ और उन्होंने मुझे देखते ही पहचान लिया और कहने लगी कि आप करण भैया हो ना। मैंने हाँ में सिर हिला दिया और स्कूल बैग लेकर अंदर आकर बैठा तो पता चला कि मम्मी पापा बाहर गये है.. हमारे कोई रिश्तेदार की मौत हो गई है। उस समय घर पर मेरी दीदी, में और उषा भाभी ही थी। शाम के 7 बज रहे थे.. उषा भाभी की उम्र 30 साल होगी।

क्या चीज़ थी वो? दोस्तों जैसे कोई अप्सरा हो.. devar bhabhi

मुझे तो उसकी गांड की गोलाई तो मार ही डालती थी। तभी मेरी दीदी ने हमारी जान पहचान करवाई और फिर बातों का सिलसिला शुरू हुआ तो पता चला कि वो मेरे घर 7 दिन रुकने वाली है पर पापा मम्मी 3 दिन बाद आयेंगे.. तो तभी तेज बारिश शुरू हो गई और लाईट चली गई।

में माचिस ढूँढने के लिये खड़ा हुआ तो थोड़ी थोड़ी कम कम सी रोशनी में भाभी का बदन मुझ पर जादू कर रहा था। तभी अंधेरे का फायदा उठाकर में भाभी के पिछवाड़े से टकरा गया और वो कुछ नहीं बोली। फिर आधे घंटे के बाद लाईट आई.. तो भाभी खाना बनाने लग गई और में फ्रेश होकर टी.वी देख रहा था। बारिश की वजह से मौसम में ठंडक आ गई थी।

मूड भी रोमांटिक हो रहा था मेरे दिमाग़ में तो बस भाभी भाभी भाभी ही चल रहा था। तभी भाभी आकर कहने लगी कि खाना तैयार है.. खा लीजिये खाना खाने के बाद हम अब सोने जा रहे थे कि तभी फिर लाईट चली गई। तब तक मेरी दीदी सो गई थी। मैंने भाभी से कहा कि पता नहीं लाईट कब तक आयेगी.. आप जा कर बेडरूम में सो जाये। में अपने रूम में सो जाता हूँ.. तो भाभी कहने लगी कि अंधेरे में मुझे डर लगता है। मैंने कहा कि कोई बात नहीं.. जब तक लाईट नहीं आती आप मेरे साथ मेरे कमरे में बैठ जाओ.. तो वो मान गई और बोली कि में चेंज करके आती हूँ।

में अपने रूम में अपना बेड ठीक करके मोबाइल में गाने सुन रहा था। devar bhabhi

तभी भाभी आई और मेरे पैरों की साईड में बैठ गई। मैंने कहा आप भी थक गई हो तो कब तक बैठी रहोगी.. आप भी लेट जाओ.. तो वो मेरी बात मान कर वो मेरी साईड में लेट गई। फिर यूँ ही थोड़ी देर बातों बातों में नींद ही आ गई.. तभी रात में अचानक मेरी जब नींद खुली तो लाईट चालू थी। में लाईट बंद करने उठा और मैंने देखा की भाभी का गाउन उनके घुटने के ऊपर तक था। ये सीन देखकर तो जैसे मेरे लंड पर आग लग गई थी। मैंने जल्दी से लाईट बंद करके उनके साथ में एक साईड हो कर लेट गया। मेरे दिल की धड़कने बहुत तेज हो गई थी। बाप रे.. वो क्या पल था मेरी लाइफ का.. में उनके बदन की गर्मी इतने करीब से महसूस कर रहा था। मैंने थोड़ी हिम्मत करके मेरा एक हाथ उनके गाउन जो घुटने तक था उस पर रख दिया। मुझे घबराहट भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था। फिर ठंड का मौसम भी तो था।

थोड़ी और हिम्मत करके मैंने उनके गाउन को थोड़ा और उनकी जाँघो तक किया.. तब भी वो सो रही थी। मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ी ही थी कि उन्होंने मेरी तरफ़ फिर करवट ली और कपड़े ठीक करके सो गई.. लेकिन में कहाँ मानने वाला था। मेरा लंड तो तड़प रहा था उनकी चूत में जाने को.. मैंने फिर थोड़ी और हिम्मत करके उनके दूध पर हाथ रखा.. वो फिर भी सो रही थी।

Desi Bhabhi

मैंने अपने हाथ का दबाव और बढ़ाया.. लेकिन तभी भाभी जाग गई और मेरी तरफ देखकर बोली कि आपको ठंड लग रही है तो मेरी रज़ाई में ही आ जाओ। मेरे तो मानो पंख लग गये हो.. जैसे ही में उनकी रज़ाई में गया तो उन्होने अपना मुँह एकदम मेरे होठों के पास कर दिया। में कुछ समझ नहीं पा रहा था कि हो क्या रहा है यार.. मेरा लंड अपनी अंडरवियर में अलग ही फड़फडा रहा था। मैंने भी हिम्मत करके उनकी चूत के ऊपर से ही लंड का दबाव बढ़ाया।

कुछ देर तक तो वो कुछ नहीं बोली.. devar bhabhi

फिर जब मैंने और थोड़ा ज्यादा लंड का दबाव उनकी चूत पर डाला तो वो एकदम तड़पकर मेरे होठों को अपने होठों में दबाकर चूसने लगी.. ओह वो पहली बार था.. जब किसी औरत का छूना मैंने महसूस किया था। में भी कुछ ना सोचते हुये उनका साथ देने लगा और उनके दोनों मलाईदार दूध को अपने हाथों से दबाने लगा। वो कसमसा कर ज़ोर से मुझसे चिपक गई और मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर मुझसे ज़ोर से चिपक गई और कहने लगी कि प्लीज.. जो भी करना है जल्दी कर दो। में खड़ा हुआ और मैंने अपना पजामा उतारा.. तभी वो मेरे 7 इंच के लंड की तरफ ऐसे लपकी कि जैसे कोई भूखी बिल्ली हो।

भाभी ने मेरे लंड को मेरी अंडरवियर से बाहर निकालकर ऐसे चूसने लगी कि जैसे कोई आइसक्रीम हो। में बहुत कामुक हो गया था.. में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। फिर में उनके मुँह से अपना लंड निकालकर उनकी चूत की तरफ बढ़ा तो खुद ही भाभी ने जल्दी से अपनी काली पेंटी उतार दी और एकदम क्लीन शेव चूत मेरे सामने कर दी और तभी मेरी हालत खराब हो गई.. मुझे तो पता भी नहीं था कि भाभी की चूत इतनी गोरी होगी।

भाभी को पटककर में उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा। devar bhabhi

तभी भाभी बोली कि में आज कहीं भागने वाली थोड़े ना हूँ.. इतनी जल्दी भी क्या है? मुझे तो कुछ भी पता नहीं चल रहा था। में तो चूत चाट चाटकर पानी पीता जा रहा था। कुछ देर बाद हम 69 की पोज़िशन में आ गये और भाभी मेरे लंड को चूसने लगी। रंडी पूरे गले तक मेरे लंड को ले ले रही थी। तभी मैंने पिचकारी छोड़ दी उनके मुँह में.. इस बीच उषा भाभी 2 बार झड़ चुकी थी। भाभी ने मेरे लंड को फिर से चाटना शुरू किया।

5 मिनट के बाद मेरा शेर फिर खड़ा हो गया। devar bhabhi

तब मैंने भाभी को लेटाया और थोड़ी देर अपने लंड को भाभी की चूची पर रगड़ता रहा। मेरा लंड एकदम टाईट हो गया था। उस दिन मैंने भाभी का दूध भी पीया था। भाभी ने कहा अब और मत तड़पाओ.. प्लीज मुझे चोद दो जान.. मैंने भाभी को खड़ा किया गाउन उठाई और खड़े खड़े अपना लंड भाभी की चूत में डालने लगा।

में पहली बार सेक्स कर रहा था इसलिये बहुत दर्द हो रहा था.. devar bhabhi

लेकिन भाभी के साथ सेक्स के नशे में में चूर था इसलिये मुझे कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा था। में अपनी स्पीड तेज करता चला गया। भाभी के मुँह से अजब अजब आवाजें आने लगी.. चोदो जान.. आह आह हह और चोदो। में भी और मस्त हो गया और अपनी स्पीड बढ़ा दी। करीब 15 मिनट के बाद मुझे एहसास होने लगा कि में झड़ने वाला हूँ.. तभी मैंने भाभी से पूछा कि कहाँ डालूँ अपना वीर्य.. तो वो बोली चूत में मत डालना प्लीज।

मैंने जल्दी से अपना लंड बाहर निकालकर भाभी की चूची पर सारा पानी छोड़ दिया। भाभी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी। में भाभी के उपर लेट गया.. हम पसीने से पूरे भीग गये थे। क्या रात थी वो यारो? जब भी मुझे मौका मिलता है.. तो में भाभी की चूत ज़रूर चाटता हूँ और भाभी की पेंटी भी सूँघता हूँ ।।

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भाभी और देवर चुदाई करने लगे पति के ना रहने पर https://sexstories.one/devar-bhabi-ki-sex-kahani/ Wed, 30 Dec 2020 11:09:46 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%b0-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%97/ हैल्लो दोस्तों आज मैं आप सभी को अपनी लाइफ की सबसे कठिन सच्चाई बताने जा रहा हूँ | मुझे पता हैं कि आप लोगो को मेरी कहानी पढकर जरुर मजा आयेगा | दोस्तों मेरा नाम ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों आज मैं आप सभी को अपनी लाइफ की सबसे कठिन सच्चाई बताने जा रहा हूँ | मुझे पता हैं कि आप लोगो को मेरी कहानी पढकर जरुर मजा आयेगा | दोस्तों मेरा नाम अजय हैं और मैं इंदौर का रहने वाला हूँ |मेरी उम्र 20 साल हैं और लम्बाई 5 फीट 6 इंच हैं |मेरे घर मेंभी सभी लोग रहते है | devar bhabi sex

मेरे भैया भोपाल में जॉब करते हैं इसलिए भैया और भाभी भोपाल में रहते हैं और मैं भी भैया-भाभी के साथ भोपाल में रहता हूँ |

और भोपाल के टी.आई.टी कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढाई कर रहा हूँ | devar bhabi sex

दोस्तों अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ | devar bhabi sex kahani

दोस्तों मैं अपने बड़े भैया की शादी के बाद से ही अपने भैया-भाभी के साथ भोपाल में रहने लगा| दोस्तों मेरी भाभी मुझे बहुत अच्छी लगती थी | वो देखने मैं बहुत ही सुंदर और सैक्सी हैं उनका नाम रौशनी हैं | मेरे भैया देखने में बहुत ही सीधे सादे हैं | वो रोज सुबह 8 बजे अपनी जॉब पर चले जाते हैं और शाम को 7 बजे घर वापस आते हैं |मैं भी अपने कॉलेज चला जाता हूँ लेकिन मैं अपनी भाभी के कारण कॉलेज से जल्दी घर आ जाता था |

कभी कभी तो मैं कॉलेज भी नहीं जाता था क्यूंकि भाभी को देख कर मुझे बहुत जोश आता था | मुझे तो बस उनको चोदने का मन करता था | भाभी मेरा बहुत ख्याल रखती थी और हमेशा मुझे देखकर मुस्कुराती रहती थी | मैं दिन भर भाभी से बात करता रहता था और वो भी देवर समझ कर मुझसे हंस कर बातें किया करती थी | पर उन्हें क्या पता था की मैं उन्हें चोदने की फ़िराक में रहता था |

उनके दूध इतने मस्त हैं कि मैं क्या बताऊ मुझे तो बस उनके दूध पीने का मन करता था| वो जब भी मेरे पास आती तो मैं उनके दूध को ही देखता रहता और भाभी से बहुत मस्ती मजाक करता रहता था | मैं भाभी से सभी प्रकार कि बातें कर लेता था और वो भी बुरा माने बिना साथ देती थी |

वो हमेशा मुझसे पूछती रहती थी कि अजय तुम्हारी गर्लफ्रेंड कौन हैं मुझे बताओ | devar bhabi sex

और में हमेशा भाभी से कहता था कि भाभी मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है फिर भी वो हमेशा मुझसे मजाक करती रहती थीऔर पूछती रहती किअजय बताओ न तुम्हारी गर्ल फ्रेंड कौन हैं |

कोई तो होगी कॉलेज मेंबता दो मुझे में भी हमेशा उनसे यही कहता था कि भाभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं हैं | मैं कैसे बताऊ कि मैं तो आप को ही पसंद करता हूँ और चोदना चाहता हूँ | फिर उसके बाद मैंने तो सोच ही लिया था कि अब भाभी ने अगर मुझसे पूछा कि अजय अपनी गर्लफ्रेंड बताओ कौन हैं तो मैं उनसे कह दूंगा कि भाभी मेरी गर्लफ्रेंड तो नहीं हैं लेकिन मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ |

फिर एक दिन मैं अपने कमरे में कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रहा था | devar bhabi sex

तभी भाभी मेरे लिए नाश्ता लेकर मेरे कमरे में आई| उस समय मैंने जेसे ही भाभी को देखा तो में उन्हें देखता ही रह गया भाभी माल लग रही थी | उन्होंने मस्त साड़ी पहनी थी और उस साड़ी में वो बहुत ही मस्त लग रही थी और उनके दूध भी दिख रहे थे और उनकी कमर पूरी खुला दिख रही थी | उनकी गांड तो और भी मस्त लग रही थी | में तो उन्हें देखता ही रह गया |उस समय मेरा लंड भी खड़ा हो गया था और उस समय तो मुझे ऐसा लग रहा था कि भाभी को पकड़कर चूम लू |

उसके बाद भाभी मुझसे नाश्ता देकर वापस चली गयी| जाते जाए मुस्कुरायी और मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि अजय तैयार होकर कहा जा रहे हो अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने औरफिर मैंने भाभी से कहा मेरी गर्लफ्रेंड नहीं हैं |

में कॉलेज जा रहा हूँ | devar bhabi sex antarvasna

अगली सुबह भाभी ने मुझसे पूछा कोई तो होगी तुम्हारे कॉलेज मैं जिसे तुम पसंद करते होगे | तो मैंने सोच ही लिया था कि अब तो बोल ही देता हूँ और फिर मैंने भाभी से मुस्कुराते हुए मजाक में बोल ही दिया कि भाभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड तो नहीं हैं और न ही में किसी को पसंद करता हूँ | लेकिन एक लड़की हैं जिसे में बहुत पसंद करता हूँ फिर भाभी ने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा बताओ कौन हैं वो लड़की |

उसके बाद मुझे से बिलकुल कंट्रोल नहीं हुआ और उसी समय मैंने भाभी का हाथ पकडकर अपनी तरफ खींचा और उनकी आँखों में देखकर कहा कि भाभी वो लड़की आप हो मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो |

Bangla choti golpo me padhiye indain group sex story

उसके बाद उसी समय भाभी शर्मा कर हस्ते हुए मुझसे बोली कि सही में अजय तुम मुझे पसंद करते हो | फिर मैंने उन्हें पकड़कर दीवार पर टिका लिया और उनसे कह दिया कि सही में भाभी मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ | और उसके बाद भाभी शर्मा कर तुरंत कमरे से चली गई | उसके बाद में अपने कॉलेज चला गया और जब कॉलेज से वापस घर आया तो भाभी मुझे देखकर हस रही थी | मुझसे हस्ते हुए खाना खाने को कहा और में भी उन्हें देखकर हसने लगा और खाना खाकर अपने कमरे पर चला गया|

उसके बाद भैया शाम को जब घर आये तो उन्होंने बताया कि इंदौर में पापा कि तबियत बहुत ख़राब हो गई हैं तो वो कुछ दिन कि छुट्टी लेकर इंदौर जा रहे हैं पापा का इलाज करवाने के लिए और फिर दूसरे दिन भैया इंदौर चले गए | फिर उसके बाद में बहुत खुश हो गय क्योकि घर पर सिर्फ में और भाभी थे | में अपने कॉलेज कि फाइल बना रहा था और उसी समय भाभी नहा रही थी |

में फाइल बनाते बनाते उन्ही के बारे में सोच रहा था | devar bhabi sex

मुझे बहुत चोदने का मन कर रहा था | फिर उसी समय भाभी की आवाज़ आई और वो मुझे बुला रही थी | फिर में उनकी नहानी के पास जाकर कहा क्या हो गया भाभी | फिर भाभी ने मुझसे बोला कि अजय मेरी तौलिया ला कर दे दो मैं कमरे में भूल गई हूँ | फिर उसके बाद मैंने तौलिया लेकर देने गया तो मुझे भाभी कि गांड और गोरे गोरे दूध दिख गए | उसी समय मेरा लंड खड़ा हो गया |

फिर वो बोली कि जल्दी तौलिया लाकर दो अजय और मैं फिर सीधा नहानी के अंदर घुस गया देने के लिए. | उस समय का नजारा देखने लायक था | भाभी मुझे बाहर जाने को कह रही थी | लेकिन में उनके पास गया और उनको पकड़कर गले से लगा लिया और उनके पूरे बदन को चूमने लगा और उनके दूध दबाने लगा | भाभी ने मुझे छोड़ने को कहा कि …..अजय छोड़ो मुझे ऐसा मत करो आआह्ह्ह ….. लेकिन में कहा छोड़ने वाला था |

फिर में भाभी कि गोरी गांड में ऊँगली डाली | devar bhabi sex

तो भाभी को भी बहुत मजा आने लगा और फिर उसके बाद भाभी भी मुझसे लिपट गयी और अपने होटो से मेरे होटो को किस करने लगी | फिर उसके बाद में भाभी को अपने हाथो से उठा कर उनके कमरे में लेकर गया और पलंग पर पटक दिया और फिर उसके बाद भाभी ने मुझे अपने तरफ खीच लिया और अपने दूधो को मेरे मुह में लगाया | फिर मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़कर अपनी गांड में डाला और उचकने लगी | भाभी को बहुत मजा आ रहा था वो मुझे छोड़ ही नहीं रही थी | लकिन उनसे ज्यादा मजा तो मुझे आ रहा था |

फिर में भी भाभी के गाड में अपना लंड डालता हूँ और चोदने लगता हूँ | chudas devar bhabi sex

भाभी को बहुत मजा आ रहा था वो और चोदने को बोल रही थी | और अआहाह  आह्ह ऊउह्ह उह्ह कर रही थी | फिर उसके बाद मैंने अपने लंड को भाभी के मुह में डाल दिया | वो मेरे लंड को बहुत चूस रही थी | अपने दूधो को मुझसे दबाने को बोल रही थी | फिर में उनके दूध बहुत देर तक दबाता रहा और खूब निप्पल चूस रहा था | अलग अलग तरीके से भाभी को मैं चोदे जा रहा था |

भाभी को मजा आ रहा था और वो आह्ह ऊह्ह आह्ह चिल्लाये जा रही थी | पूरी रात भर में भाभी को चोदता रहा | फिर उसके बाद भाभी ने मेरे होटो को अपने होटो से लगाकर चूमती रही और में भी उनको चूमते रहता हूँ | फिर उसके बाद सुबह हो गयी और उसके बाद भाभी उठी और वो बहुत खुश थी चुदाई से | फिर उसके बाद रोज भाभी मुझसे चुदती थी |

पर जब भैया घर अ गए तब थोडा सा विराम लग गया हमारी चुदाई पर | devar bhabi sex

फिर भी जब भैया जॉब पर चले जाते थे तो मैं कभी भी जब मेरा मन होता था तो भाभी को चोदता रहता था और भाभी को भी बहुत मजा आता था और वो हमेशा मुझसे चुदने के लिए तैयार रहती थी | तो दोस्तों कुछ ऐसी ही थी मेरी कहानी और मैं धन्य हो गया ऐसी भाभी पाकर | दोस्तों आप लोगों को मेरी ये कहानी कैसी लगी कमेंट में जरुर बताइयेगा |

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