desitales3 Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/desitales3/ Hindipornstories.org Tue, 30 Nov 2021 10:05:45 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बहन की चूत का दीवाना https://sexstories.one/behan-ki-chut-ka-diwana/ Tue, 30 Nov 2021 10:05:45 +0000 https://sexstories.one/?p=4539 मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी..

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Behan Ki Chut Ka Diwana मै आपका दोस्त रविराज फ़िर से हाजीर हो गया हूँ एक नई कहानी लेकर। आपको ये कहानी जरुर पसंद आयेगी, में ऐसी उम्मीद करता हूँ। तो दोस्तो छुट्टीयों के दिन थे। गर्मी का मोसम चल रहा था। मेरी मौसी की लडकी सुमन छुट्टीया मनाने के लिये हर साल हमारे घर आती थी। सो इस साल भी वो आ गयी थी। इधर मेरी दीदी ने मुझे चोदने का चस्का लगा रखा था। एक भी दिन हमे चोदे बिना नहीं रहा जाता था । एक दिन खाना नहीं मिले तो चलेगा मगर मुझे हर रोज चूत चाहिये थी। मे इतना चुद्दक्कड बन गया था।

ये सब दीदी की मेहरबानी थी। मै हर रोज मेरी दोनो बहनों को चोदता था। कभी-कभी छोटी दीदी अपने लिये कोई नये लंड का इंतजाम कर लेती थी, पर मेरी बड़ी दीदी को सिर्फ़ मेरा लंड पसंद था। शायद उसने मेरे अलावा किसी ओर का लंड ना लेने की कसम खा रखी थी। ऐसे देखा जाये तो उसकी ये बात एक दम सही भी थी उसे जब चाहे घर मे बडी आसानी से मेरा लंड मिल जाता था। जिस दिन सुमन हमारे घर आयी थी। उस दिन हमे पूरा दिन बिना चोदे गुजारना पड़ा। न ही मै मेरी किसी भी दीदी के बोब्स दबा सका, और ना ही चूस सका। पूरा दिन ऐसे ही गुजर गया। फ़िर रात मे हम तीनो भाई- बहन ने खूब मजे लिये। पूरे दिन की कसर पूरी कर ली। पर सब कुछ बिल्कुल चुपचाप। ना कोई बात ना कोई शोर। एक दम सन्नाटा।

क्योंकी सुमन सोने के लिये हमारे कमरे मे आयी थी। कुछ देर बाद स्वाती दीदी ने मेरी तरफ मुहँ किया और मेरा हाथ पकडकर अपने चूचियों पर रख दिया। मै धीरे-धीरे उसके चूचीयाँ मसलने लगा, कुछ देर बाद मैने दीदी की एक चूची मुहँ मे लिया और चुसने लगा। और एक हाथ से दूसरी चूची दबाने लगा। उधर नेहा दीदी सुमन को बातों मे उलझा रही थी। कि उसका ध्यान हमारी तरफ़ ना आये। फ़िर मैने मेरी एक उंगली स्वाती दीदी की चूत मे डाल दी। और उसे धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। दीदी भी नीचे से गांड हिलाकर मेरा साथ देने लगी। फ़िर मैने दीदी की चूत मे दो उंगलिया डाल दी। और उन्हे अंदर-बाहर करने लगा। स्वाती दीदी अब बहुत गर्म हो गयी थी। उसकी चूत पानी छोड रही थी। दीदी से अब रहा नहीं जा रहा था। उसी करवट पर दीदी ने मेरा लंड अपनी हाथ मे पकडकर अपनी चूत पर लगा डाला। मैने मेरा मुहँ दीदी के मुहँ पर रखा और अपना पुरा लंड दीदी की चूत मे धकेल दिया। दीदी ने भी मेरा पूरा लंड अंदर लिया और कुछ देर तक उसे अंदर ही भींच लिया। और मेरा लंड अपनी टांगों के बीच दबाने लगी।

मुझे अच्छा महसूस हो रहा था। लेकिन मै दीदी के ऊपर चढकर उसे जोर-जोर से चोदना चाहता था। लेकिन हमारे कमरे मे सुमन के होने की वजह से हम ऐसी पोजीशन नहीं ले सकते थे। और मुझे दीदी को उसी पोज मे चोदना पड रहा था। ऐसा चोदने मे इतना मजा तो नहीं आ रहा था, लेकिन क्या करे हमारी मजबूरी थी। आदमी को एक ही स्टाइल मे भी मजा आता है क्या? लेकिन मजबूरी थी। मैने दीदी से धीरे से कहा,”दीदी सुमन का कुछ तो बंदोबस्त करना पडेगा।” मेरे राजा तू उसकी भी चूत मारना चाहता है क्या?” दीदी बोली। ऐसा तो मैने सोचा भी नहीं था। मैने कहा,”क्या दीदी सुमन भी मुझसे चुदवा लेगी?” तो दीदी बोली, “हाँ मेरे राजा, हर लडकी किसी-ना किसी से चुदवा ही लेती है। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि उसने अभी तक किसी से चुदवाया है।” मै बोला, “दीदी फ़िर तो वो मुझसे चुदवायेगी। क्या तुम कोशिश करके देखोगी।”

दीदी बोली “मै कुछ चक्कर चला कर देखती हूँ। अगर बात बनती है तो तूझे सुमन की भी चूत मिलेगी।” मैने कहा,”फ़िर तो दीदी कुछ बात बनती हें। कोशिश करके जरुर देखो, मुझे पूरा विश्वास है तुम उसे चुदने के लिये तेयार कर सकती हो। “तो दीदी बोली,” हाँ मेरे राजा भैय्या, मुझे भी अलग-अलग स्टाईल से चुदवाने की आदत है, ऐसे बिस्तर मे चुदवाने मे मुझे भी बिल्कुल मजा नहीं आ रहा है। और अगर सुमन को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी, वो सबको बता देगी कि हम सगे भाई-बहन चुदाई करते है। फ़िर क्या होगा। ये सोच के मुझे तो डर लग रहा है।” मैने कहा,” हाँ दीदी तुम्हारी बात तो एकदम सही है। अगर सुमन हमारा साथ देती है तो फ़िर कोई बात नहीं। कहते है ना चोर-चोर मोसेरे भाई।” ”तू तो बहुत बडी-बडी बाते करता है रे। “दीदी ने कहा। मै चुप हो गया। और दीदी को चोदने लगा। थोडी देर बाद हमारा राउंड पूरा हो गया। हमारा काम होने के बाद मै पेशाब करने बाथरुम चला गया। और स्वाती दीदी ने सुमन दीदी की तरफ़ मुहँ फ़ेर लिया। दीदी जान गयी थी कि हमारी राउंड पूरा हो गया है। अब मजे लेने का नंबर नेहा दीदी का था। मै बाथरुम से आ गया, और सोने के लिये अपनी जगह गया तो स्वाती दीदी बोली, “राज, तुम नेहा कि तरफ सो जाओ।

मुझे बहुत गर्मी हो रही है। सच तो वो ये कहना चाहती थी की, राज तुम अब नेहा की चुदाई करो। मै समझ गया।

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मेरे कुछ बात करने से पहले ही सुमन ने स्वाती दीदी के पेट पर हाथ रख कर सोने की कोशिश करने लगी। मै नेहा दीदी के पास मे जाकर बैठ गया। और चद्दर के अंदर हाथ डाल कर दीदी के चूचीयाँ ढुंढ रहा था। मैने पाया की दीदी चद्दर के अंदर एकदम नंगी सोयी थी, मेरे लंड के इंतजार मे। मैने धीरे से उसके चूचीयाँ सहलाने लगा। तो वो बोली पूरी पिच गीली है, तुम डायरेक्ट बैटिंग करो। मै दीदी के चद्दर मे घुस गया। मैने देखा उसकी चूत गीली हो गयी थी। हमारी (मेरी और स्वाती दीदी की) चुदाई का कार्यक्रम नेहा दीदी को मालुम था। हमारे बिस्तर मे होने वाली हलचल उसने महसुस की थी। देर ना करते हुये नेहा दीदी ने मेरा लंड पकडा, और सीधा अपने चूत के मुहँ पे लगा दिया।

और क्या बताऊ दोस्तों मै फ़िर जोर से नेहा दीदी पे टूट पडा। लगभग चालीस मिनिट तक मै दीदी कि चूत ठोकता रहा। बिल्कुल एक राक्षस की तरह मैने नेहा दीदी कि चूत चोद दी। उधर स्वाती दीदी बिलकुल शांत सो रही थी। उसकी बाजु मे सुमन भी सो गयी थी। और मैने नेहा दीदी कि चूत को भी ठंडा कर दिया था। मै भी नेहा दीदी की चूत पे हाथ रखकर वही पर सो गया। अब मुझे इतजार था की कल की सुबह का, और देखना ये था की दीदी सुमन को चुदाई के लिये कैसे तैयार करती है। अब तो मेरी लाटरी निकलने वाली थी। मुझे मालूम था की मेरी बहना बहुत कमीनी किस्म की है। और वो जरुर सुमन को चुदने के लिये तेयार कर लेगी। मुझे मेरी दोनो दीदीयों पर पूरा भरोसा था। सुमन तो उभरा हुआ मस्त माल थी। उसकी चूचीयाँ बहुत बडी-बडी थी। नेहा दीदी से भी बडी। सुमन मेरे से एक साल बडी थी।

दूसरे दिन दोपहर का वक्त था। घर मे हम चारों के सिवा कोई भी नहीं था। मै बेड पर बैठकर कुछ पढ रहा था। और सुमन किताब देख रही थी। इतने मे नेहा दीदी और स्वाती दीदी बाहर से आ गयी और हम दोनो के आजु-बाजू मे बैठ गयी। थोडी देर मे स्वाती दीदी ने सुमन के चूचीयो को धीरे से दबाया। शायद सुमन को ये बात अच्छी नहीं लगी। उसने कहा “कुछ शर्म नाम की चीज भी है क्या?” वो गुस्से से बोली। मेरे अरमानों पर पानी फ़िरता हुआ नजर आ रहा था। स्वाती दीदी कुछ नहीं बोली। तो नेहा दीदी बोली,”क्यु इतना गुस्सा कर रही हो कोई न कोई तो तुम्हारी चूचियों के साथ खेलने वाला ही है। तो स्वाती ने दबाया तो क्या हो गया। इसमे गैर क्या है, हर लडकी की चूचीयाँ कोई ना कोई तो मसल ही देता है, और इससे तो हमे मजा भी मिलता है। “सुमन बोली,”तुम दोनो भी पागल हो गयी हो। सामने छोटा भाई बैठा है फ़िर भी तुम्हे शर्म नहीं आ रही है।” स्वाती दीदी बोली, “ये महारानी तू छोटा किसे बोल रही है। हमारा भाई तो अब बडा हो गया है।” सुमन बोली, “हाँ हो गया है तो शादी कर दो ना। हम भी देखते है हमारी भाभी कैसी होगी। “और सब हँसने लगे। थोडी देर मे, मै बाहर चला गया। घर मे नेहा दीदी, स्वाती दीदी और सुमन बैठकर बाते कर रही थी उन्हे बात करने मे आसानी हो जाये इस लिये मै बाहर चला आया था।

लगभग आधे घंटे बाद मै बेडरुम के अंदर जा रहा था तो मुझे कुछ जानी-पहचानी आवाज सुनाई पडी। जो आवाज मै हर दिन हर रात दीदी की चुदाइ करते वक्त आती थी। मैने धीरे से बेडरुम मे झांक के देखा तो नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन के साथ वही खेल खेल रही थी। नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन को चुदाई का सबक पढा रही थी। स्वाती दीदी ने बेडरुम के दरवाजे मे मुझे देखा तो हाथ से ईशारा करके मुझे अंदर बुला लिया। किसी के भी अंग पर कोई भी कपडा नहीं था। मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी। वो बहुत उत्तेजित हो गयी थी। और उसकी दीदी अब बहुत गिली हो गयी थी। उसकी दीदी से चिप-चिपा सा पानी निकल रहा था। स्वाती दीदी ने मुझे सुमन के दो टांगों के बीच बैठने का ईशारा किया। मै सुमन के दो टांगों के बीच बैठ गया। आगे क्या करना था ये मै पहले से ही जानता था। अब तो मै चुदाई मास्टर बन गया था।

मैने अपना लंड सुमन की चूत पे लगाया, तो वो बोली, “नहीं राज ये पाप है, तुम रिश्ते मे मेरा भाई लगता है। झट से,, स्वाती दीदी बोली चुदाई के रिश्ते मे कोई किसी का भाई नहीं लगता है। और ना ही कोई किसी की बहन लगती है। चूत और लंड का रिश्ता तो सिर्फ़ चुदाई का है। सुमन अब बहुत गर्म हो गयी थी। वो अजीब-अजीब आवाजे निकाल रही थी। मैने इसी बात का फ़ायदा उठाया और सुमन की दीदी मे अपना लंड घुसाने लगा। मगर मेरा लंड तो उसकी दीदी मे नहीं जा रहा था। मैने बहुत कोशिश करके देखा पर सब मेहनत बेकार थी। उसकी दीदी बहुत कसी हुई थी। और मेरा लंड बहुत बडा था। जब मै नाकाम रहा तो, सुमन से रहा नहीं जा रहा था, तो उसने मेरा लंड अपने हाथ मे लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकडा, वो बोली, “हाय राम इतना बडा लंड है तेरा, तू तो मेरी चूत फ़ाड ही डालेगा। प्लीज मुझे छोड दो। मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है।

फ़िर मुझे नेहा दीदी ने अपने ऊपर लिया। और स्वाती दीदी तेल लाने के लिये किचन मे नंगी ही चली गयी। इधर मेरा और नेहा दीदी का रोमांन्स चालू हो गया। हमारा खेल देखकर सुमन भी मीठी आहे भरने लगी। स्वाती दीदी तेल लेकर आ गयी और उसने सुमन की चूत पर ढेर सारा तेल डाल दिया। नेहा दीदी ने मुझे अपने ऊपर से उतारा और मै फ़िर एक बार अपना लंड सुमन के चूत मे डालने की कोशिश करने लगा। इसके पहले सुमन ने कभी नहीं चुदवाया था। ये उसकी पहली बार थी। इसलिये उसे काफ़ी दर्द महसुस हो रहा था। थोडी ही देर मे मेरा थोडा सा लंड सुमन की चूत मे प्रवेश कर गया। सुमन जोर से चिल्लाई पर घर पर उसकी चीख सुनने वाला कोई भी नहीं था। उसकी मदद मेरी दोनो बहने कर रही थी। मैने धीरे से एक झटका लगाया, तो मेरा पुरा का पुरा लंड सुमन की चूत मे चला गया। उसकी चूत से गरम खून का निकल गया। खून देखकर सुमन बहुत डर गयी। पर स्वाती दीदी ने उसे समझाया हर लडकी को इस दोर से एक दिन गुजरना ही पडता है। वो बाते कर रही थी तो मै धीरे-धीरे धक्के लगा रहा था।

अब सुमन का दर्द थोडा सा कम हो गया था। और उसे भी मजा आ रहा था। मुझे मेरी दोनो बहनों की सील तोडने का मोका तो नहीं मिला था पर उनकी वजह से मैने आज मेरी मोसेरी बहन की सील को तोड दिया था। सुमन काफ़ी खुश थी। उसके बाद मैने नेहा दीदी को चोदा और फ़िर स्वाती दीदी को भी चोदा। मेरे लंड मे अब मुझे दर्द महसुस हो रहा था। आज मैने तीन –तीन चूतो को एक साथ चोदा था। चौथे राउंड मे फ़िर एक बार सुमन कि चूत ले ली। उस दिन से हम तीनो मिल के जब हमे मौका मिले तब चुदाई करते रहे। उस दौरान मेरी दीदी ने सुमन को चुदाई के बहुत सारे तरीके सिखा दिये। हम बहुत मजे लेते रहे। किसी का कोई टेंशन नहीं। घर की बात घर मे। हम लोग बहुत खुश है। मेरी दोनो बहनों की तो शादी हो गयी है लेकिन सुमन अभी कुंवारी ही है। उसकी चूत के लिये मेरा लंड तेयार है। जब मेरा दिल करता है मै मौसी को मिलने के बहाने से उनके गांव जाता हूँ। और सुमन की जी भर के चुदाई करके वापस आ जाता हूँ। और सुमन भी हमारे घर आकर एक महीना रहती है।

उस महीने मे, हम पिछ्ला पूरा हिसाब बराबर कर देते है।

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चाची की जबरदस्त चुदाई https://sexstories.one/desi-chachi-ki-chudai-ki-kahani/ Mon, 18 Oct 2021 06:23:39 +0000 https://sexstories.one/?p=3048 उन्होंने मेरे को देखा उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गयी थी उन्होंने मुझसे कहा की तेरा लंड तो बहुत मस्त है | तेरे चाचा की तो लुल्ली है इसके सामने फिर उन्होंने मेरे लंड को अपने मुहँ में ले लिया और चूसने लगी | वो मेरे लंड को मस्ती से चूस रही थी | मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था...

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desi chudai ki kahani, antarvasna आप सभी पाठको को मेरा सादर प्रणाम मेरा मेरा नाम रजत है | मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 26 साल है | मेरी लम्बाई 5 फुट 6 इंच है | आज जो कानी आप के लिए लेकर आया हूँ वो मेरी सच्ची कहानी है | आज मैं अपनी जिन्दगी के सबसे हसीं लम्हे आपको बताने जा रहा हूँ | जिन्हें मैं कभी नहीं भूल सकता | आब मैं आप सब को ज्यादा बोर ना करते हुए कहानी पर आता हूँ |

ये उस समय की बात है जब मैं कॉलेज के दुसरे साल में था | उस समय मैं अपने चाचा के घर रुकता था और वही से कॉलेज जाता था | मेरे चाचा एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते थे और ज्यादातर देर से घर वापस आते थे | मेरी चाची हाउसवाइफ थी और वो घर का सारा काम करती थी | चाची को देखकर लगता था की चाचा उनकी चुदाई सही से नहीं कर पाते थे | उनका फिगर लगभग 34-28-36 होगा | मेरी चाची देखने में बहुत खूबसूरत लगती थी | उनका बदन कसा हुआ था | उनके बूब्स का तो क्या कहना एकदम मुसम्मी की तरह गोल थे |

उनकी शादी के दो साल हो गए थे और अभी तक उनको कोई बच्चा नहीं हुआ था | मैं उनको जब भी नाइटी में देखता था तो मेरा लंड हमेशा फूलने लगता था | मैं अक्सर चाची के मस्त बूब्स को याद करके हस्तमैथुन किया करता था और अपने लंड को शांत करता था |

एक दिन की बात है मैं कॉलेज से घर लौटा तो मैंने बहुत देर दरवाजा खटखटाया पर चाची ने दरवाजा नहीं खोला | मैंने दरवाजे में जर का धक्का मारा तो दरवाजा खुल गया और मैं अन्दर पहुंचा | बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी | मैं बाथरूम के दरवाजे के पास जाकर खड़ा हो गया और होल से अन्दर देखने लगा | चाची पूरी नंगी होकर नहा रही थी | उनके एकदम सफ़ेद बूब्स बहुत ही मस्त लग रहे थे | वो अपने बूब्स को मसले जा रही थी | मैंने उनकी चूत को देखा उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था | जिसको देखकर मेरा लंड तन गया था |

मेरा मन तो कर रहा था की अभी बाथरूम में घुस जाऊं और चाची की चुदाई करू | पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी मैंने बड़ी मुश्किल से खुद को कंट्रोल किया |  मैं वहां से मुड़ कर जा रहा था की पड़ोस में रखे गमले में मेरा हंत लग गया और वो गिर पड़ा | चाची डर गयी उन्होंने जोर से चिल्लाकर पूछा कौन है | मैं तब तक दरवाजे से दूर पहुँच गया था | मैंने कहा चाची मैं रजत | उन्होंने कहा रजत तू आ गया मैंने कही जी चाची | उन्होंने कहा चल बैठ मैं अभी आती हूँ | मैं जाकर सोफे पे बैठ गया |

थोड़ी देर बाद चाची बाहर निकली उन्होंने ब्लू कलर का गाउन पहन रखा था | उन्होंने शायद नीचे ब्रा नहीं पहनी थी जिसके कारण उनके निप्पल्स एक दम साफ़ चमक रहे थे | उनके चलने पर उनके बूब्स ऊपर उछल रहे थे | उनको देखकर मेरा लंड पैंट फाड़ने लगा था | मैं उनके बूब्स को लगातार घूरे जा रहा था | चाची ने मुझे पकड़ कर जोर से हिलाया तब जाकर मैं होश मे आया | उन्होंने मुझसे कहा की कहा खोये हुए हो | मैंने कहा कुछ नहीं चाची मैं कुछ सोंच रहा था | मैंने उनसे कहा की चाचा कहा है | उन्होंने कहा वो तो बस अपने काम में ही लगे रहते है |

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उन्होंने बताया की चाचा 2 दिनों के लिए किसी काम से बाहर गए हुए है | फिर चाची ने हम दोनों के लिए खाना लगाया | हम दोनों ने साथ में बैठ कर खाना खाया | मेरी नजर अब भी उनकी चूचियों पर टिकी हुई थी | मैं बस सोंच रहा था की काश मुझे चाची की चूत मारने का मौका मिल जाए तो मज़ा आ जाये | फिर वो अपने कमरे में चली गयी | मैं भी अपने कमरे में पहुंचा और बाथरूम रूम में जाकर उनके बूब्स को याद करके मुठ मारी तब जाकर मेरा लंड शांत हुआ |

फिर मैं शाम के समय बाहर से घूमकर लौटा तो चाची खाना बना चुकी थी | उन्होंने कहा रजत मैं खाना लगा देती हूँ चलो पहले खाना खा लो फिर कुछ करना | चाची ने खाना लगाया और हम दोनों ने बैठ कर खाना खाया | चाची आज बहुत ही मस्त लग रही थी | उन्होंने इस समय पिंक कलर की नाइटी पहन रखी थी | अब उन्होंने ब्रा भी पहन ली थी शायद उन्होंने दिन में मुझे उनके बूब्स देखते हुए देख लिया था | हम दोनों ने जब खाना ख़तम किया तो चाची मुझसे कहने लगी की रजत आज तुम मेरे कमरे में ही लेट जाओ | मुझे अकेले लेटने में डर लगता है |

मैंने कहा ठीक है अन्दर ही अन्दर मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे | हम दोनों उनके कमरे में जाकर बैठ गए | मैंने टीवी  चालू किया और मूवी देखने लगा | टीवी में हॉलीवुड की फिल्म चल रही थी | चाची भी मेरे पास आकर बैठ गयी और फिल्म देखने लगी | तभी उस फिल्म में एक किसिंग सीन आया तो मैंने जल्दी से चैनल चेंज कर दिया | चाची ने कहा की बदलो क्यों दिया | मैंने कहा बस ऐसे ही उन्होंने मेरे हाँथ से रिमोट ले लिया और वही फिल्म फिर से लगा दी | उस मूवी को देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा | चाची मेरे बिलकुल करीब में बैठी थी | उनकी नजर मेरे लंड पर गयी तो वो हंसने लगी | वो बोली की मैं अब समझी की तुमने फिल्म चेंज क्यूँ की थी |

वो मुझसे कहने लगी क्या तुमने आज तक सेक्स नहीं किया है मैंने कहा नहीं | उन्होंने कहा बेचारा और मेरे लंड पर अपना हाँथ रखकर सहलाने लगी | मैं समझ गया की चाची आज रात मुझसे क्या चाहती है | उन्होंने मुझसे कहा की तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है मैंने कहा नहीं चाची मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | उन्होंने मुझसे कहा चल कोई बात नहीं है मैं तुमको आज सब सिखा दूँगी | मैं अन्दर से फूले नहीं समा रहा था | उन्होंने मुझसे कहा चल पैंट उतार मैंने कहा नहीं चाची मुझे शरम आती है | उन्होंने कहा की अच्छा जब तू मुझे बाथरूम में नहाते हुए देकिः रहा था तब तुझे शरम नहीं आई और अब बोलता है की शरम आती है |

उनकी ये बात सुनकर मेरी तो सिट्टी-पिट्टी गम हो गयी | मैंने कहा की वो चाची मैं तो बस ऐसे ही देख रहा था | आप इतनी खूबसूरत है की मेरा मन नहीं माना | उन्होंने कहा चल कोई बात नहीं अब पैंट उतार | फिर उन्होंने मेरी पैंट खोलकर मेरे लंड को हांथों में ले लिया जो की पहले से ही एकदम ताना हुआ था |

उन्होंने मेरे को देखा उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गयी थी उन्होंने मुझसे कहा की तेरा लंड तो बहुत मस्त है | तेरे चाचा की तो लुल्ली है इसके सामने फिर उन्होंने मेरे लंड को अपने मुहँ में ले लिया और चूसने लगी | वो मेरे लंड को मस्ती से चूस रही थी | मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था | मैं चाची के बूब्स को मसल रहा था | फिर मैंने चाची से कहा की आप अपनी नाइटी उतार दीजिये | उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी | उन्होंने मेरे सारे कपडे निकाल दिए और मुझको नंगा कर दिया |

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मैं उनके ऊपर टूट पड़ा और उनके बूब्स को मसलने लगा | फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल दी और उनके निपल्स को अपने मुहँ में लेकर चूसने लगा | चाची गरम होने लगी थी फिर उन्होंने मुझसे कहा रुको और फिर हम दोनों 69 की पोजीसन में आ गए वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उनकी चूत को सहला रहा था | उनकी पैंटी गीली हो चुकी थी मैंने उनकी पैंटी निकाल दी और उनकी चूत को चाटने लगा | चाची मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चुसे जा रही थी | मैंने चाची की चूत में अपनी जीभ डाल दी चाची एक दम मचल उठी |

उन्होंने कहा की रजत अब मुझसे नहीं सहा जा रहा है प्लीज अब मुझे मत तडपाओ अपना लंड मेरी चूत में डाल दो |

मैं उठा और चाची की दो टांगो को फैलाया और अपना लंड चाची की चूत पर रगड़ने लगा और चाची को जोर से किस करने लगा | फिर मैंने एक झटका लगाया और मेरा आधा लंड चाची की चूत में घुस गया | चाची के मुहँ से बस आह की आवाज निकली | मैंने धक्के लगाने सुरु किये और चाची को जोर-जोर से चोदने लगा | चाची के मुहँ से आह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्म्म चोदो मुझे रजत और जोर से मारो मेरी चूत फाड़ दो इसे इसको चोदकर इसका भोसडा बना दो अह्ह्ह ओह्ह्ह और जोर से आःह्ह्ह ओह्ह्ह की मादक आवाजे निकल रही थी |

मुझे बहुत मजा आ रहा था इतने दिनों से मैं जिस चूत के सपने देख रहा था आज उसको चोदने का मौका मिल ही गया था | मैंने 20 मिनट तक चाची की जमकर चुदाई की उसके बाद चाची झड गयी | फिर थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था तो उन्होंने मुझसे चूत में ही झड़ने को कहा और मैंने उनकी पूरी चूत अपने वीर्य से भर दी | वो मुझसे पूरी तरह संतुस्ट थी हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे | उस रात मैंने चाची की 4 बार चूत मारी | चाची बहुत खुश थी |

उस दिन के बाद मैंने उनकी कई बार चुदाई की |

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दोस्त और उसकी बीवी के साथ ग्रुप सेक्स https://sexstories.one/dost-ke-biwi-ki-saath-groupsex/ Tue, 12 Oct 2021 08:01:29 +0000 https://sexstories.one/?p=2979 मैं रानी के स्तनों को अपने मुंह में ले रहा था और मेरा  दोस्त अब भी मेरी पत्नी को चोदने मे लगा हुआ था। मैंने उससे पूछा तुम्हारा अभी नहीं हुआ है वह कहने लगा नही यार मुझे बहुत मजा आ रहा है तेरी बीवी को चोदने में मैंने उसे कहा आज के बाद ऐसे ही चोदना। मैंने तुरंत रानी के मुंह में अपने लंड को दे दिया और वह मेरे लंड को चूसने लगी।

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antarvasna, groupsex stories हम लोगों का कपड़े का कारोबार है। मेरी दुकान बहुत ही अच्छी चलती है। मेरी पत्नी मेरी दुकान में काफी सहायता कर देती है। जब मैं दुकान पर नहीं होता हूं तो, वही दुकान का सारा काम संभालती है। मेरा नाम अजय है और मेरी पत्नी का नाम शालिनी है। जब से उसने दुकान में मेरा हाथ बटाना शुरू किया है तब से मेरा काम काफी अच्छे से चलने लगा है। जितनी भी लेडीस कस्टमर आती हैं उन सब को वहीं संभालती है। ताकी हमारे यहां जो भी लेडीस कस्टमर आये उन्हें  कोई समस्या न हो और वह उसके पास ही सारा सामान लेते हैं।

अब  कुछ समय बाद सर्दियां पढ़ने वाली है। तो हमने सोचा कि क्यों ना लुधियाना से ही सामान ले आए। वहां सर्दी का सामान काफी अच्छे और सस्ते दामों पर मिलता है। हम लोगों ने लुधियाना जाने का प्लान कर लिया। कुछ दिनों में मेरे एक दोस्त का फोन आया। उसकी भी कपड़ों की दुकान है। वह मुझे कहने लगा कि मैं भी सोच रहा था कि लुधियाना जाकर कुछ कपड़े ले आऊं। तो मैंने उससे कहा कि मैं और मेरी पत्नी भी वहां जा रहे हैं, तो तुम भी अपनी पत्नी को साथ में ले आओ। वह कहने लगा ठीक है। मैं भी अपनी पत्नी को अपने साथ ले आता हूं। कुछ दिन हम लोग वहां पर घूम भी लेंगे और अपना सामान भी ले आएंगे। मैंने उसे कहा ठीक है। इस तरीके का प्रोग्राम बना लेते हैं और  कुछ दिनों बाद  हम लोग लुधियाना के लिए  निकल पड़ेंगे।

मैंने अपने दुकान का जितना भी हिसाब किताब और जो भी लेनदेन बाकी था वह सब क्लियर करने के बाद अपने दोस्त को दोबारा से फोन किया। मेरे दोस्त का नाम सुमित है और उसकी दुकान भी बहुत अच्छी चलती है। जब भी मेरे पास कुछ सामान नहीं होता तो मैं उससे ही वह सामान मंगा लेता हूं। जब मैंने अपने दोस्त को फोन किया तो मैंने उसे बताया कि मेरा सारा काम हो चुका है। अगले हफ्ते हम लोग जाने का प्लान कर लेते हैं। दोस्त ने कहा ठीक है मैं भी तब तक 1 हफ्ते में अपना काम निपटा लेता हूं। उसके बाद हम लोग चल पड़ेंगे। मैंने उससे पूछा कि मैं टिकट करवाऊं या तुम ही टिकट करवा लोगे। तो उसने बोला कि तुम टिकट करवा लो। उसके बाद जितना भी पैसा होगा वह हम आपस में देख लेंगे। मैंने कहा ठीक है मैं टिकट करवा देता हूं अब मैंने ट्रेन की टिकट करवा ली और हमारा जाने का फाइनल हो गया।

Desi Groupsex तुम रोशनी को अपना लो

जब हम स्टेशन पहुंचे तो सुमित भी वहां अपनी पत्नी के साथ खड़ा था। सुमित ने अपनी पत्नी से हमें मिलाया। मैं उसकी पत्नी से पहली बार ही मिला था। क्योंकि उसके घर पर मेरा आना जाना इतना नहीं था। उसने अपनी पत्नी नाम बताया। उसकी पत्नी का नाम रानी था। अब हम लोग ट्रेन में बैठ गए और अगले दिन लुधियाना पहुंच गए। हमने उस दिन तो आराम किया। क्योंकि हम लोग काफी थक चुके थे। अब हम शाम को मार्केट निकल गए और जो हमारी पहचान के कपड़ो की दुकाने थी उन सब से हमने अपना सामान पैक करवा लिया। हम लोगों ने अपना सारा सामान ट्रांसपोर्ट से ही भिजवा दिया था। हम लोग घूमने के प्लान से भी आए थे तो हम लोग लुधियाना ही घूमने लगे। आसपास की जितने भी घूमने की जगह थी वहां पर भी हम काफी घूमे। मैंने सुमित से कहा कि एक काम करते हैं, आज रात को डिनर पर कहीं अच्छी जगह चलते हैं।

अब हम लोग एक अच्छे से रेस्टोरेंट में चले गए। वहां हम लोगों ने काफी अच्छे से बात किया। हम सब बहुत हंसी मजाक कर रहे थे।मेरी पत्नी का नेचर भी बहुत ज्यादा फ्रैंक है और उसकी पत्नी का भी नेचर फ्रेंक था। दोनो का नेचर बहुत अच्छा था। उन दोनों की आपस में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब हम लोग काफी इंजॉय कर रहे थे। क्योंकि बहुत समय बाद ऐसा हुआ था कि मुझे कहीं बाहर जाने का समय मिल पाया था। नहीं तो मैं सिर्फ अपनी  दुकान में ही रहता था। मैंने सुमित से कहा यार बहुत अच्छा लग रहा है। काफी समय बाद ऐसा माहौल बना है। वह भी बहुत खुश था कि इतने समय बाद वह भी कहीं घूमने के लिए गया था। अब हम लोग वापस होटल चले गए। हम चारों ने बहुत ही एंजॉय किया।

हम दोनों ने रास्ते में बात कर ली थी कि हम दोनों एक दूसरे की बीवी को आज चोदेंगे। यह बात हमारी पत्नियों पता नहीं थी और जैसे हम होटल में पहुंचे तो हम दोनों एक दूसरे के कमरे में चले गए। मेरा दोस्त मेरी पत्नी के कमरे में चला गया और मैं उसके कमरे में चला गया। हमारी पत्नियां हमें देख कर बहुत ज्यादा शॉक्ड हो गई हम दोनों उनके सामने नंगे थे। मेरी पत्नी शालिनी मुझे कहने लगी तुम दूसरे कमरे में क्या कर रहे हो। मैंने उसे पकड़कर किस कर लिया और मेरे दोस्त ने भी अपनी पत्नी को किस कर लिया। हम दोनों उन्हें वही बिस्तर पर लेटा कर किस करने लगे।

मैंने अपने  लंड को अपने दोस्त की बीवी के मुंह में घुसेड़ दिया और मेरे दोस्त ने शालिनी के मुंह में अपना लंड डाल दिया। अब वह दोनों हमारे लंड को अच्छे से चूसने लगी और हम दोनों बड़ी तेज आवाज में चिल्ला रहे थे। मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था जब उसकी बीवी मेरे लंड को अच्छे से चूस रही थी। हमने ऐसे ही अब उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया मैंने रानी की चूत को चाटना शुरु किया और उसने मेरी पत्नी शालिनी की चूत को चाटना शुरू किया। वह दोनों बहुत ही ज्यादा मस्त हो गई थी और बड़ी तेज सिसकियां लेने लगी। हम दोनों भी ऐसे काफी देर तक उन्हें चाटते रहे।

अब मैंने थोड़ी देर अपनी पत्नी की भी योनि में चाटना शुरु किया और अपनी पत्नी शालिनी की चूत में अपना लंड डाल दिया। थोड़ी देर तक तो मैं उसे ही चोदता रहा लेकिन अब मैंने रानी की चूत मे अपना लंड डाल दिया और मेरे दोस्त ने मेरी पत्नी शालिनी की चूत मे अपना लंड डाल दिया। हम दोनों ने उन दोनों को ऐसा चोदा कि वह बड़ी तेजी से चिल्ला रही थी। उनकी तेज आवाज पूरे होटल में गूंजने लगी लेकिन हम दोनों रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। जिस पोज में मैं उसकी पत्नी को चोद रहा था वह भी उसी पोज में मेरी पत्नी को चोद रहा था। मेरा वीर्य तो जल्दी ही गिर गया लेकिन मेरे दोस्त क अभी भी नहीं गिरा था और शालिनी बड़ी तेजी से चिल्लाए जा रही थी।

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मैं रानी के स्तनों को अपने मुंह में ले रहा था और मेरा  दोस्त अब भी मेरी पत्नी को चोदने मे लगा हुआ था। मैंने उससे पूछा तुम्हारा अभी नहीं हुआ है वह कहने लगा नही यार मुझे बहुत मजा आ रहा है तेरी बीवी को चोदने में मैंने उसे कहा आज के बाद ऐसे ही चोदना। मैंने तुरंत रानी के मुंह में अपने लंड को दे दिया और वह मेरे लंड को चूसने लगी।

मेरा लंड खड़ा हो गया जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ तो मैंने उसे वही बिस्तर पर लेटा दिया और उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए उसकी चूत मे अपना लंड डाल दिया। जैसे ही मैंने अपने लंड को दोबारा से उसकी योनि में डाला तो वह बड़ी तेजी से चिल्लाने लगी और मैं उसकी चूतडो को पकड़ते हुए ऐसे ही बड़ी तीव्र गति से झटके मारता जाता। जिससे कि उसका पूरा शरीर हिल रहा था और उसकी चूतडे बड़ी तेजी से मेरे आगे आ रही थी और मैं ऐसे ही उसे धक्के देकर शांत कर देता। अब मेरे दोस्त ने भी शालिनी के मुंह में अपना वीर्य गिरा दिया था और उसने वीर्य निगल लिया था।

उसने भी मेरी पत्नी को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया और वह बड़ी तेजी से उसे धक्के देते जा रहा था। वह तो इतनी तेजी से झटके मार रहा था कि मुझे ऐसा लग रहा था कि कहीं वह बेहोश ना हो जाए। मैंने भी रानी को बड़ी तीव्र गति से धक्के देना शुरू किया और उसके चूतड़ों से फच फच की आवाज आने लगी। जैसे ही मैं उसे चोदता तो मेरा दोस्त शालिनी को बड़े गंदे तरीके से चोद रहा था। उसका पूरा शरीर हिल रहा था जो कि मुझे साफ दिखाई दे रहा था उसके स्तन बहुत ही बड़े थे। इस बार मेरे दोस्त का वीर्य जल्दी से गिर गया लेकिन मेरा वीर्य अब भी नहीं गिरा था और मैं ऐसे ही उसे चोदता जा रहा था 5 मिनट के बाद मेरा वीर्य गिरने को हो गया।

मैंने वह रानी के मुंह के अंदर ही डाल दिया। अब हम चारों ऐसे ही बैठ कर बातें करने लगे हम चारों यह बात कर रहे थे।

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