desitales Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/desitales/ Hindipornstories.org Tue, 30 Nov 2021 10:25:11 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 प्रेमिका के दोस्त के साथ सेक्स – भाग 2 https://sexstories.one/sex-with-girlfriends-friend/ Tue, 30 Nov 2021 10:25:11 +0000 https://sexstories.one/?p=4389 मैंने उसकी टाँगों को अलग किया और उसकी सूजी हुई चूत, उसकी चूत के होंठ गुलाबी, पतले, छोटे; यह एक कुंवारी बिल्ली की तरह दिखती है, उसकी योनि से बहुत सारा पानी बहता है...

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sex with girlfriend’s friend – मैं: हाँ मैं अकेला रह रहा हूँ, इसलिए कोई चारा नहीं है, मुझे खाना बनाना सीखना है। लेकिन सही पता है कि मैं खाना पकाने के मूड में नहीं हूं, हम पास के रेस्तरां में कुछ ऑर्डर कर सकते हैं, वे मुफ्त होम डिलीवरी देते हैं। और मैं उसकी ओर झपटा, वह मुस्कुराई।

मैं: क्या आप भी कुछ बियर लेना चाहते हैं?

वह: ठीक है

मैंने पिज्जा और बियर ऑर्डर किया।

Part 1 – एक्स-गर्लफ्रेंड की वर्जिन बेस्ट फ्रेंड

और इसका मतलब है कि जब उसने स्विच ऑन किया, मेरे चेतावनी देने से पहले ही, मैंने कल रात जो पोर्न फिल्म देखी, वह चलने लगी।

उसकी आँखें चौड़ी हो गईं और मुँह खुल गया, वह टीवी देखती है, और फिर मुझे, और फिर वापस टीवी पर।

और मुझमें उसकी आँखों में देखने की हिम्मत नहीं है।

उसे होश में आने में कुछ सेकंड लगते हैं और वह टीवी बंद कर देती है। कमरे में कुछ सेकंड के लिए चुप रही, और फिर उसने कहा, मैं घर वापस जाना चाहता हूं, और मुड़ गया, लेकिन मैंने उसे उसके हाथ से पकड़ लिया, और उसे अपनी तरफ खींच लिया, और कहा

मैं: प्लीज मत जाओ डियर, आई लव यू। और मैंने उसे पीछे से गले लगाया था, और उसके गले पर अपने होंठ रखे थे, और उसकी गर्दन को पीछे से चाटना शुरू कर दिया था, और साथ ही अपनी उँगलियाँ डाल कर उसके पेट पर घुमाने लगा, और थोड़ा ऊपर की ओर आया, और उसके बड़े, स्तन को हिलाते हुए महसूस किया उस बड़े, शहद के बर्तन पर मेरे हाथ।

और उन्हें थोड़ा निचोड़ने लगा, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं, और धीमी आवाज़ में कराहने लगी, मैं उसकी गर्दन से उसके कान तक गया और उसके कान के लोब को चाटने लगा। वह कांपने लगती है और तेज आवाज में कराहने लगती है।

मैंने चाटना बंद कर दिया, और उसके स्तन दबाते हुए, वह घूमी, और आँखें खोलीं, और मुझे घूर कर कहा,

वह: क्या?

मैंने कुछ नहीं कहा, बस उसका टॉप लिया और उसकी गर्दन तक खींच लिया, और उस खूबसूरत नज़ारे को देखने लगा, जो नज़ारा मैंने देखा था, उससे अपनी आँखें नहीं हटा पा रहा था, उसका गोरा और चिकना पेट और 2 मीठे बड़े बर्तन शहद की, हालांकि वे काली लेसी ब्रा से ढकी होती हैं, लेकिन यह मुश्किल से कुल स्तन के 1/4 भाग को कवर करती है।

मैं उस खूबसूरत नजारे को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया, और जब मैंने कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया, तो उसने खुद ही ऊपर की चोटी हटा दी, और मेरे पास आकर मेरे नंगे सीने पर हाथ फेरने लगी, और मेरा एक हाथ पकड़ कर बिस्तर की ओर खींच लिया , और जब हम बिस्तर के किनारे पर खड़े होते हैं, तो मुझे बिस्तर पर धकेल दिया।

मैं अपनी पीठ के बल बिस्तर पर गिर गया, उसके सुंदर सुडौल शरीर ने मुझे सम्मोहित कर दिया, और मैं सोचने की स्थिति में नहीं हूँ कि आगे क्या करना है।

वह चार्ज ले लेती है, और बस मुझ पर चढ़ जाती है, और अपने होंठ मेरी छाती पर रख देती है, और पूरी छाती को चूमने लगती है, और अंत में मेरे निप्पल पर बैठ जाती है, वह मेरे निपल्स पर थोड़ा सा काटती है, जिससे मैं अचानक अपने होश में आ गया, और विलाप करने लगा। वह मेरे निप्पल को चूसती रही।

मैंने अपना हाथ उसकी नंगी पीठ पर रखा, और मेरे हाथ उसकी पीठ पर घूम रहे थे। और वह जानती है कि ऊपर आओ, और मेरी गर्दन को चूमना शुरू करो, मैंने उसकी बड़ी गांड को अपने हाथों में पकड़ लिया, उसे अपनी पूरी शक्ति से दबाने लगा, और उसकी प्रगति के कारण कराहती हुई वह बहुत जंगली है और मेरी छाती और गर्दन पर कई जगहों पर काटती है, लेकिन यह मुझे और भी अधिक उत्तेजित करता है।

मैंने जोर से कराहना शुरू कर दिया था, और उससे कहा “हाँ बेबी, तुम सबसे अच्छी हो, तुम बहुत गर्म हो,” और वह बस मुस्कुराई और अपने काटने और मेरी गर्दन पर पसंद करने लगी।

मैंने अभी-अभी उसकी गांड से हाथ हटाया और उसकी ब्रा के हुक खोलना शुरू किया लेकिन वे बहुत तंग हैं, और उस उत्तेजित अवस्था में मैं उन्हें खोल नहीं पा रहा था, इसलिए मैं ब्रा की पट्टियों को इतनी जोर से खींचता हूँ कि हुक टूट जाते हैं, और फिर वह जल्दी से अपने शरीर से ब्रा हटा देती है।

फिर वो खड़ी हो गई और अपनी जींस उतार दी, जानिए वो मेरे सामने सिर्फ एक पैंटी में खड़ी है। वह स्वर्ग से सीधे मेरे बिस्तर पर आती है, 36 ”28” 38 की आकृति, और उसके शरीर के दूधिया रंग ने मुझे दीवाना बना दिया। मैंने बस उसे अपनी ओर खींच लिया और फिर उसे बिस्तर पर अपनी तरफ कर दिया।

तब मैं उसके पास आया, और उसका एक उल्लू अपने मुंह में, और दूसरा अपने एक हाथ में लिया।

मैंने एक-एक करके उसके स्तनों को जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया, और वह तेज़ आवाज़ में कराहने लगी, उम्म, आह हाँ, और चिल्लाई, “जाओ गधे, उन्हें ठीक से चूसो, उन्हें मत काटो, तुम गधे।

मेरा दूसरा हाथ उसकी पैंटी के पास गया और मैंने अपने एक हाथ से उसकी पैंटी को हटाना शुरू कर दिया, देखा उसके कूल्हों को ऊपर की ओर धकेलने में मेरी मदद करने के लिए मैंने एक पल के लिए स्तन छोड़ दिए और उसकी पैंटी को एक झटके में हटा दिया।

और स्वर्ग का द्वार मेरे साम्हने आता है; उसने अपने प्यार के ठिकाने को छिपाने के लिए अपनी टांगें पार कीं, और पहली बार में, मैं उसे शर्मीला लग रहा था। शरमाते हुए वह और भी खूबसूरत लगती है, उसके चूजे लाल हो जाते हैं और उन पर बने डिंपल बहुत खूबसूरत लगते हैं।

मैंने उसकी टाँगों को अलग किया और उसकी सूजी हुई चूत, उसकी चूत के होंठ गुलाबी, पतले, छोटे; यह एक कुंवारी बिल्ली की तरह दिखती है, उसकी योनि से बहुत सारा पानी बहता है।

मैंने झट से एक झटके में अपना छोटा और अंडरवियर उतार दिया; मेरे डिक को उसके प्यार के छेद पर रखो, हम दोनों पहली बार एक-दूसरे के प्यार के औजारों के संपर्क को महसूस कर कराहते हैं, मैंने शुरू किया, उसके होंठों को चूसते हुए और धीमी आवाज में उससे कहा, “आई लव यू डार्लिंग, मुझसे वादा करो कि तुम कभी नहीं छोड़ोगे मुझे तुम्हारा दोस्त पसंद है।

वह: मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ, और मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगी, मेरी जान। हमने फिर से होंठों को बंद कर दिया, उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, और मैंने अपना लंड उसकी गीली चूत में डाल दिया। उसकी चूत बहुत कसी हुई है, और डिक पहले धक्का में अंदर नहीं गया, फिर मैंने ठीक से अपना डिक सेट किया और एक शक्तिशाली झटके के साथ डाला, वह चिल्लाया लेकिन उसकी आवाज नहीं निकली क्योंकि मैंने उसका मुंह अपने साथ बंद कर लिया था। कुछ ही मिनटों में एक साथ कामोत्तेजना, मैं उसके अंदर गहराई तक आ गया था, और हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे

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नयी दुल्हनिया के तीखे तेवर https://sexstories.one/dulhan-ki-chut-chudai/ Fri, 26 Nov 2021 07:01:03 +0000 https://sexstories.one/?p=3388 मैं समझ गयी ये दोनों एक दुसरे को चूम रहे हैं | मैंने और पास जाके देखा तो दोनों एक दम नंगे थे रिषभ का खड़ा हुआ लंड और मीनू की गांड साफ़ दिख रही थी | मीनू उसके लंड को सहला रही थी और रिषभ उसके दूध को चूस रहा था...

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Dulhan ki Chut Chudai – वह आराम से ९ बजे सोके उठती और नहाने धोने के बाद चाय पीती मानो कहीं की रानी हो | फिर चहक चहककर लोगों से बतियाने लग जाती, क्यूंकि मायका तो बगल में ही है मेमसाहब का और तो और माता पिता से दूर होने का गम भी नहीं सताता था उसे | बारह एक बजे वापस अपने कमरे में घुस जाना फिर एक मस्त से नींद का आनंद उठाना | फिर शाम को खाने और चाय पीने के लिए बाहर निकल के आना | दिनभर उसके भतीजे और भतीजियाँ घर घेरे रहते थे | बुआ के लिए ये भेजा है उनकी माँ ने उन्हें ये बहुत पसंद है |

आप सोच रहे होंगे कि ये क्या बकवास कर रही हूँ मैं | तो आपको बता दूँ ये बकवास तो बिलकुल नहीं हैं क्यूंकि हमारे घर के पड़ोस वाली मीनू बनी थी “नयी दुल्हनिया हमारे प्यारे रिषभ की” | मैं हूँ लीला और मैं हर खबर रखती हूँ | मोहल्ले में अगर कोई इधर की उधर भी करता है तो मुझे पता होता है जी | और इन दोनों ने तो हर हद पार कर दी थी अब मैं क्या बताऊ हमारा रिषभ तो बेचारा फस गया था मीनू के जाल में | “दैय्या रे दैय्या” बेचारा सीधा सादा लड़का कहा से इस कमबख्त से शादी कर बैठा |

पर एक बात बता रही हूँ आपको गौर से सुनना “ये अन्दर की बात है” | जब ये दोनों प्यार के पंछी चुदाई करते हैं न तो मेरे रोम रोम में उत्साह भर जाता है | जोश भर देते हैं अन्दर बिलकुल ऐसा कि मैं भी अपने पति को इतना गरम कर देती हूँ जिससे वो मुझे एक नयी दुल्हन की तरह चोदते हैं | पर मैं ये बात आपसे बता रही हूँ | तो चलिए शुरू करते हैं “नयी दुल्हनिया हमारे प्यारे रिषभ की”

बार बार आवाज़ लगाने पर भी कोई जवाब नहीं आया | चाय ठंडी हुए जा रही थी और रिषभ का कोई अत पता नहीं था | विवश होकर बेचारी शीतल भाभी खुद ही छत पर गयी | मीनू छत पे रिषभ से बतिया रही थी और उनकी “गुटर गूं” निरंतर जारी थी | “नमस्ते आंटी” रिया बोली पर लज्जा उसे बिलकुल ना आई | भाभी ने भी अभिवादन किया और बद्बदते हुए नीचे आ गयी | माँ के सामने ही उसके लड़के के साथ प्यार के पींगे पादेगी को कौन भला बर्दाश्त करेगा |

“माँ कहाँ हो तुम ? और कहाँ है मेरी चाय ? रिषभ नीचे आके पूछने लगा |

सुन रिषभ !!! अब तू बड़ा हो गया है और एक अच्छी खासी नौकरी कर रहा है | छत पे तुम दोनों क्या बातें कर रहे थे ? मन छोटे में साथ खेले हो तब मैंने ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझा | बड़े होकर साथ में कॉलेज गए तब भी मैं चुप रही | पर अब क्या बातिएँ करते हो तुम दोनों ? शीतल भाभी ने एक गुस्से भरे अंदाज़ में कहा |

“माँ काहे चिंता करती हो हम दोनों एक बहुत लम्बे समय से एक दुसरे को जानते हैं और अब आदत सी हो गई है बात करने की “ तुम फ़ालतू के ख्याल दिमाग में मत लाओ ऐसा कुछ भी नहीं है | मैंने ये बात जैसे ही सुनी तो मुझे लगा अभी कुछ कहना ठीक न होगा मैं शाम को भाभी के पास जाउंगी | पर भाभी के लबों से जो शब्द निकले मानो मेरे ही हों |

“बात को आगे बढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगता है रिषभ” पता नहीं क्यूँ उन्हें रिषभ की बात पे कहीं न कहीं भरोसा नहीं था | और मीनू के बदले तेवर अलग ही कहानी बयां कर रहे थे कभी भजिये तो कभी हलवा लेके घर के चक्कर मारती रहती थी |

जैसा कि मैंने कहा था मैं शाम को भाभी से मिलने गयी | भाभी के माथे पर पड़ रहीं लकीरों को देख के लगा जैसे वो अन्दर से तू रहीं हैं | फिर उन्होंने कहा लीला तुझे तो सब पता चल ही गया होगा | क्यूँ सही कहा ना मैंने ? मदद कर लीला ! लड़का भोला है मेरा | मैंने कहा भाभी रुको अपना खून मत जलाओ मैं चाय बना के लाती हूँ आपके लिए | मैं कित्चें में चाय बना ही रही थी कि अचानक दरवाज़े पे कुछ आवाज़ हुयी और मैं बहार आई |

कौन है भाभी चाय ज्यादा बनाऊ क्या ? बस इतना कहते ही मेरे होश उड़ गए | सामने देखा तो मीनू जी खड़ी थी साड़ी पेहेन के |

Dulhan ki Chut Chudai रिक्शावाले ने चोदा बारिश में..

आंटी जी !! देखिये न कैसी लग रही हूँ में ? मैंने कहा मीनू आप वाकई साड़ी दिखाने आये हो या भजिये तलने हैं ?

जो समझना है समझो लीला भाभी पर पहले बताओ मैं लग कैसी रही हूँ ? चाय उबलते उबलते कब उफन के गिर गयी परता ही नहीं चला और शीतल भाभी को तो जैसे सांप सूंघ गया था | हम दोनों बस उसे ही देख रहे थे इठलाते हुए | लीला वो गयी, अच्छा कहाँ गयी भाभी, अरे !! लीला मीनू गयी | शीतल भाभी ने मुझे धक्का मारते हुए कहा |

अच्छा भाभी, अरे हाँ नहीं ! भाभी क्या वो गयी ? अरे हाँ पागल जा चाय ला फिर से बना के जल गयी सारी | भगवान् इस मुसीबत से बचाए कहाँ से आ गयी | चाय बनी और हम दोनों एक दुसरे का चेहरा देखते हुए चाय पी ही रहे थे कि रिषभ आया और सीधा छत पे गया | मैंने कहा भाभी कही उस चुड़ैल ने मोहिनी मंत्र तो नहीं मार दिया अपने बच्चे पे ? नहीं रे लीला अभी उसकी माँ जिंदा है ऐसा कैसे कर पाएगी वो ? मैंने कहा भाभी देखो आक अमावस्या की काली रात है कही कुछ गलत न घट जाए ? शुभ शुभ बोल लीला कुछ भी मत कहा कर | खुद तो डरती है और मुझे भी डरा देती है | मैंने कहा भाभी आज हम दोनों रात में इन दोनों की तकवारी करेंगे आप सो मत जाना | मैं अपनी छत पे रहूंगी और आप भी मुझे खबर करती रहना सो मत मत जाना |

इतना मैंने भाही से कहा और मैं चली गयी अपने घर | रात के ८ बजे मैंने खाना खाया और तुरंत भाभी को फोन लगाके पुछा भाभी अपना लड़का कैसा है ? भाभी ने कहा खाना खा रहा है अभी पर फोन से चिपका हुआ है | मैं समझ गयी और टपक से कहा भाभी फोन पे लगा है खाते समय मतलब छत पे तेहेलने भी जाएगा | आप तैयार रहना मैं तो हूँ और इतना कहके मैं बर्तन मांजने लगी | फिर मुझे याद आया भाभी तो दवाई खाती हैं दर्द की और उससे उन्हें नींद आती है | मैं छत पे गयी और जैसे ही फोन लगाया तो सामने दिखा रिषभ | 10 बजे थे रात के पर वो बैठा था और भाभी भी फोन नहीं उठा रही थी | मैं समझ गयी हो गया बेडा पार आज |

पर ये रिषभ बैठा हुआ क्यूँ है ?

थोड़ी पास गयी तो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म का स्वर मुझे सुनाई दिया | मैं समझ गयी ये दोनों एक दुसरे को चूम रहे हैं | मैंने और पास जाके देखा तो दोनों एक दम नंगे थे रिषभ का खड़ा हुआ लंड और मीनू की गांड साफ़ दिख रही थी | मीनू उसके लंड को सहला रही थी और रिषभ उसके दूध को चूस रहा था | मेरा मन व्याकुल हो गया और मैंने अपनी पति को बुला लिया और कहा जैसा वो लोग करें वैसा तुम करो | हम दोनों भी नंगे हो गए | रिषभ मीनू की चूत चाटने लगा और मैंने भी अपने पति का मुह अपनी चूत से लगा दिया | मेरी रसभरी चूत जैसे वापस जीवित हो उठी थी |

आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म आराम से करो न रिषभ, मीनू ने मादक स्वर में कहा | मीनू ने उसका लंड चूसना शुरू किया पर मेरे पति से चूत चटवाने का आनंद मुझे पहली बार प्राप्त हुआ था इसलिए मैंने जारी रखा | रिषभ भी आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म कर रहा था और 10 मिनट बाद मीनू के मुह में अपना वीर्य छोड़ दिया | मैंने भी अपना पानी अपने पति के मुह में छोड़ दिया | मैं सुस्त पड़ गयी पर रिषभ ने अपना लंड जैसे ही मीनू की चूत में डाला वो चीख उठी | निकाल फट गयी मेरी चूत ! पर रिषभ घोड़े की तरह चोद रहा था और कुछ देर बाद वो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म करने लगी | मेरे पति ने भी मेरी गांड मारना चालु कर दिया था पर मैं शोर नहीं कर सकती थी | आधे घंटे तक ये चला और हम दोनों फिर से झड़ गए | फिर मैंने सोचा अब ये हो गया है तो क्या फायदा और हम दोनों नीचे आ गए |

सुबह मेरी नींद खुली तो चिल्लाने की आवाज़ आई | ये क्या किया मेरी बेटी के साथ तुमने ? बताओ अब क्या होगा इसका ? अंकल मैं आज ही इससे शादी करूँगा | रिषभ ये कहके निकला और बाजु में खड़ी शीतल भाभी की आँखे नम थी और उनको देख के मेरा भी दिल दुख गया | बाकि उसकी आदत आपने ऊपर पढ़ ही ली होंगी |

तो दोस्तों सब करो पर अपने माँ के बेपनाह प्यार की इज्ज़त भी करो और किसी गलत लड़की के लिए उसका भरोसा मत तोड़ो |

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गोवा के बीच पर गर्लफ्रेंड के साथ की मस्ती https://sexstories.one/goa-me-girlfriend-ki-chudai-story/ Mon, 22 Nov 2021 08:43:35 +0000 https://sexstories.one/?p=3456 मैंने अपने कपडे निकाल दिए जिससे मेरा 6 इंच लम्बा लंड उसके सामने आ गया | वो मेरे लंड को देखकर इतनी उतावली सी हो गयी और मेरे लंड को अपने हाथ में पकड कर मुंह में रख लिया | वो मेरे लंड को मुंह में रख कर चूसने लगी...

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girlfriend ki chudai story हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग ? मुझे उम्मीद है की मेरे सब दोस्तों ठीक ही होंगे | मेरा नाम ध्रुव है और मैं उड़ीसा का रहने वाला हूँ | दोस्तों मुझे सेक्सी कहानी पढ़ना पसंद है पर मैं सेक्सी कहानी का कोई लेखक नही हूँ | मैं जब कभी कभी सेक्सी कहानी पढता हूँ तो मेरा भी मन होता है की मैं भी अपनी कहानी लिखूं | पर दोस्तों मुझे अपनी पढाई करने की वजह से मुझे टाइम नही मिल पाता है |

आज मुझे टाइम मिला है तो मैं अपनी एक सच्ची कहानी को आप लोगो तक पहुचाने जा रहा हूँ | दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है तो मैं चाहूँगा की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आये अगर आप लोगो को मेरी ये कहानी पसंद आती है | तब मैं अपनी अगली कहानी को आप लोगो की सेवा में जरुर लेकर आऊंगा | मैं अपनी कहानी शुरू करने से पहले आप लोगो को अपने बारे में कुछ बता देता हूँ | मेरी उम्र 24 साल है और मैं अभी बी कॉम फस्ट इयर में पढता हूँ | मैं दिखने में गोरा हूँ और मेरी हाईट भी ठीक ठाक है जिससे मैं दिखने स्मार्ट लगता हूँ | अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ |

ये कहानी अभी कुछ महीनो पहले की है जब मैं अपने कॉलेज में पढता था | उस टाइम मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही थी क्यूंकि में उस कॉलेज में नया था | उसके कुछ दिन बाद उस कॉलेज में मेरे कुछ दोस्त बन गए | उसके कुछ दिनों के बाद की बात है | जब मुझसे एक लड़की बात करने लगी | मैं भी उस लड़की को पसंद करता था पर मैं ये जानना चाहता था की ये मुझे अपना दोस्त समझती है या मुझसे प्यार करती है इसलिए मैंने उसके साथ एक गेम खेला | वो उस गेम में फस गयी और उसने मुझे बात ही दिया की वो मुझसे प्यार करती है | उस दिन मुझे बहुत ख़ुशी हुई की वो मुझसे प्यार करती है | दोस्तों मैं इसके आगे बताने से पहले उस लड़की के बारे में बता देता हूँ | उसका नाम सपना था | वो दिखने में गोरी है | उसकी उम्र 23 साल है और वो रहने वाली यहीं की थी | मैं आप लोगो को उसके फिगर के बारे में बात देता हूँ | उसके बूब्स ज्यादा बड़े नही थे न ही उसकी गांड ज्यादा बड़ी थी | वो ज्यादा मोटी नही है पर वो दिखने में किसी हिरोइन से कम नही लगती थी |

अब मैं उससे बाते करने लगा था | वो भी मुझसे बाते करती थी | हमारी रात को चैट भी होती थी | दोस्तों वो रात को मुझसे बात नही कर सकती थी क्यूंकि वो रात को अपनी मम्मी के साथ सोती थी | वो इसलिए मुझसे रात में चैट करती थी | हम दोनों को ऐसे ही बात करते हुए काफी दिन हो गए | अब जब हम दोनों को मौका मिलता तो हम दोनों किस भी कर लिया करते थे | मैं कभी कभी किस करने के साथ में उसके छोटे गोल बूब्स को पकड कर मसल देता | जब मैं उसके बूब्स को मसलता तो वो मेरी तरफ देख कर हँस देती | इस तरह से हम दोनों को बात करते हुए 4 -5 महीने हो गए | अब मैं उससे कभी कभी सेक्स के लिए भी कहता पर वो फिर कभी कह कर मेरी बात टाल देती थी |

उसके कुछ दिन के बाद की बात है | जब वो अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ गोवा जा रही थी | उस दिन उसने मुझसे कहा की मैं अकेले ही गोवा जा रही हूँ क्या तुम मेरे साथ चलोगे | मैंने कहा हाँ तो उसने मुझसे कहा की ठीक है कल मैं निकल रही हूँ | उसके दूसरे दिन ही मैं और सपना एक साथ गोवा के लिए निकल गए | हम दोनों गोवा कुछ ही घंटो में पहुच गए | उस दिन वो मुझे एक होटल में ले गयी और बोली तुम इसी होटल में रुकना | गोवा में मेरे भईया रहते हैं तो मैं उनके साथ रुकूंगी | मैं उस दिन तो उस होटल में रुक गया | उसके दुसरे दिन सुबह ही उसका फ़ोन आया और उसने मुझसे कहा की तुम आज मुझे बीच पर मिलो | उसने मुझे बीच का नाम बता दिया | मैं आज घुमने जा रही हूँ और घुमने के बाद मैं तुम्हे वहीं मिलती हूँ |

girlfriend ki chudai story दोस्त की कुंवारी बहन को पेला

मैं उस दिन उसका इंतजार कर रहा था | वो बहुत देर में आई | मैं उस पर बहुत ज्यादा ही गुस्सा था | वो मुझे देख कर जान गयी की मैं उससे गुस्सा हूँ तो वो आते ही मेरी होठो पर किस कर दिया | दोस्तों जब उसने मेरी होठो पर किस की तो मेरी गुस्सा पता नही कहाँ चली गयी | मैंने भी उसकी होठो को 2 मिनट तक चूसता रहा | मैं उसके साथ उसी बीच पर घूमते घूमते बहुत दूर निकल गया | हम कुछ देर में इतनी दूर निकल गए की कोई दिखाई नही दे रहा था | मैं उसके हाथ को अपने हाथ हाथ में पकडे हुए था | कुछ देर बाद मैं उससे बोला की कितना अच्छा लग रहा है | वो बोली हाँ बहुत अच्छा नज़ारा है | तब मैंने सपना से कहा की इस नज़ारे का फायदा उठाया जाये | वो बोली कैसे और मैंने उसकी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | मैं उसकी होठो पर अपनी होठो को रख कर उसकी होठो को चुसने लगा | वो भी मेरा साथ देती हुई मेरी होठो को चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूस रहा था और वो मेरी होठो को चूस रही थी |

मैं उसकी होठो को कुछ देर तक ऐसे ही चूसता रहा | फिर मैंने उसके एक दूध को अपने हाथ में पकड कर दबाते हुए उसकी होठो को अपनी होठो से पकड कर खीच खीच कर चूसने लगा | वो मेरी होठो को अपनी होठो से दबा रही थी | मैं उसके एक दूध को हाथ में पकड कर दबा रहा था | वो कुछ ही देर में गर्म हो गयी और मेरे सर को पकड कर अपने बूब्स पर दबाने लगी | मैं समझ गया की ये अब गर्म हो गयी है | तब मैं उसके दोनों दूधो को कुछ देर तक ऐसे ही दबाने के बाद में उसके कपडे निकाल दिए | वो अब पूरी तरह से गर्म हो गयी थी और अपनी चुदाई कराने के लिए तैयार थी | मैंने उसके कपडे निकाल दिए थे जिससे वो पूरी तरह बिना कपडे के थी | मैं उसके छोटे गोल दूधो को मुंह में रख कर जोर जोर से चूस रहा था | वो आ आ आ आ…. ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ…. ह ह ह ह ह.. उई उई…. मई मई…. हूँ हूँ हूँ…. की सिसकियाँ ले रही थी |

मैं उसके दोनों दूधो को कुछ देर तक ऐसे ही चूसता रहा और वो मेरे सर को ऐसे ही सहलाती रही | फिर मैंने उसे वहीँ पर लेटा दिया और उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घूसा कर उसकी चूत को चाटने लगा | वो अपने बूब्स के निप्पल को अपनी ऊँगली से मसलती हुई ह ह ह ह ह….. सी सी सी सी… माँ माँ माँ माँ.. आ आ आ आ आ… ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ. की मस्त आवाजे कर रही थी | मैं उसकी ये आवाजे सुनकर और जोश में आ गया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी | जब मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी तो उसके मुंह से और जोर जोर से सेक्सी आवाजे निकलने लगी | मैं उसकी चूत में ऐसे ही कुछ देर तक अपनी ऊँगली को अन्दर बाहर करता रहा |

फिर मैंने अपने कपडे निकाल दिए जिससे मेरा 6 इंच लम्बा लंड उसके सामने आ गया | वो मेरे लंड को देखकर इतनी उतावली सी हो गयी और मेरे लंड को अपने हाथ में पकड कर मुंह में रख लिया | वो मेरे लंड को मुंह में रख कर चूसने लगी | मैं अपने लंड को ऐसे ही कुछ देर तक चुसाने के बाद में मैंने अपने लंड को उसके मुंह से निकाल लिया | मैं अपने लंड को निकालने के बाद उसकी चूत के मुंह पर रख कर उसकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया तो उसके मुंह से चीख निकल गयी | मैं उसकी चूत में अपने लंड को डाल कर धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा |

मैं उसके दोनों दूधो को पकड कर उसकी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा | वो  आ आ आ आ…. ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ…. ह ह ह ह ह.. उई उई…. मई मई…. हूँ हूँ हूँ…. की सिसकियाँ लेती हुई चुद रही थी | मैं उसकी चूत में ऐसे ही कुछ देर तक अन्दर बाहर करता रहा | फिर मैंने उसकी चूत से लंड को निकाल कर उसको घोड़ी बना कर उसकी चूत में पीछे से लंड को डाल कर जोरदार धक्को के साथ उसको चोदने लगा | मैं उसकी पतली कमर को पकड कर उसकी चूत में अपने लंड को अन्दर बाहर करते हुए चोदने लगा |

वो अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुदने लगी साथ में आ आ आ आ…. ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ…. ह ह ह ह ह.. उई उई…. मई मई…. हूँ हूँ हूँ…. की सेक्सी आवाजे कर रही थी | मैं उसकी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदता रहा | मैं उसको 15 मिनट तक जोरदार धक्को के साथ चोदने के बाद झड़ गया |

फिर मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली को डाल कर जोर जोर से हिलाने लगा जिससे उसकी चूत से पानी की धार निकल गयी | फिर मैंने उसकी होठो पर किस किया और हम दोनों ने कपडे पहन लिए | वो मेरी तरफ देख कर हँसती हुई मेरे माथे पर किस किया | फिर मैं होटल में चला आया और वो जहाँ रह रही थी वहां चली गयी |

उसके कुछ दिन बाद हम दोनों अपने घर आ गये |

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रसीली प्रज्ञा भाभी https://sexstories.one/pragya-bhabhi-ki-rasili-chooth/ Fri, 19 Nov 2021 08:53:22 +0000 https://sexstories.one/?p=3439 उसका मुरझाया हुआ लण्ड देख कर चकित रह गयी काला स्याह लण्ड मेरे पति के खड़े लण्ड से दो गुना लंबा और मोटा उसके लण्ड का टॉप भी हथौड़े के जैसा गोल मोटा ऐसा लण्ड सिर्फ आजतक विदेशी नंगी फिल्मो मैं नीग्रो का ही देखा था...

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pragya bhabhi ki rasili chooth – दोस्तो मेरा नाम कमल है मैं एक शादी शुदा आदमी हु लेकिन सेक्स मैं कम रुचि रखने वाली औरत है और फिर उसकी छतिया बहुत छोटी थी और सेक्स मैं जोश भी नही दिखा पाती थी जल्दी ही थक जाती पहली रात को ही जब मैंने अपने पाइप जैसे मोटे लण्ड से उसको चोदा तब से ही वो ख़ौफ़ मैं रहती थी.. तीन दिन तक वो सीधी नही चल पाई थी..

बुखार अलग आ गया था मैं बड़े और मांसल छातियों वाली औरत के लिए हमेशा बेकरार रहता उसने मेरे लण्ड की साइज के बारे मे अपनी माँ और भाभी को भी बताया उधर समस्या इसके बिल्कुल विपरीत थी उसकी भाभी गाव की थी मेहनतकश बदन और उसका पति कमजोर छोटे से लण्ड वाला वो जानता था कि मेरा लण्ड छोटा है इसलिए वो अक्सर उसकी पत्नी से झगड़ा करता था उसके दिमाग मे यही बात रहती थी कि ये किसी से चुदवा न ले भाभी उसका नाम प्रज्ञा था…

एक डिलीवरी के बाद उसका पति महीनों उसकी चड्डी नही खोलता और वो अपनी सभी कामुक इच्छाओ को दबा कर जीवन जी रही थी उसकी गाव की सहेलियां जब अपने पति की साइज़ का बड़ा चढ़ा के बखान करती थी तो उसका दुख और बड़ जाता मेरी सास भी अपनी बेटी की समस्या को जानती थी लेकिन क्या करती दूसरी तरफ बहु बेटे के रोज रोज के झगड़े होली के दिन की बात है प्रज्ञा का पति अपने दोस्तों के साथ होली खेलने चला गया पीछे से उसके दो दोस्त आये प्रज्ञा भाभी ने उसको ससम्मान चाय नास्ता कराया जाते जाते वो प्रज्ञा को गालो पर रंग लगा गए..

उसके बाद वो उसके पति से मिले तो मजाक मजाक मैं उसने बोल दिया कि हम तेरे घर पर होली खेल कर आये है भाभी से पूछना कहा कहा रंग लगाया है कपड़ो पर निशान दिख जाए गे इधर उन लड़कों के जाने के बाद पड़ोस की आंटी आयी प्रज्ञा को रंग लगाया तो उसने उसकी सफेद ब्रा पर अपने दोनों हाथों के निशान लगा दिए अब पति पी पा कर दोपहर को घर आया तब तक प्रज्ञा नहा चुकी थी वो नहाने बाथरूम गया वहां उसकी नज़र प्रज्ञा की सफेद ब्रा पर गयी दोनो बोबे पर लाल रंग के पंजे के निशान पास मैं पैंटी सुख रही थी वो भी चुत और गांड की तरफ पंजे के निशान वो गुस्से मैं पागल हो गया और खूब गली गलोच करने लगा..

उसको लगा ये सब काम उसके दोस्तों ने कर दिया है तभी मेरा वहा पहुचना हुआ दोनो खूब झगड़ रहे थे प्रज्ञा भी बोल पड़ी मेरी जवानी तुम्हारे तो किसी काम की नही किसी के काम आयी तो क्या हुआ मामला बहुत गर्म था जैसे तैसे ठंडा किया और समझाया कुछ दिन बाद मैं पत्नी को लेने ससुराल गया वहां एक दोस्त बहुत दिनों बाद मिल गया वो भी मेरे साथ ससुराल आ गया पत्नी और सासु जी दोनो किसी काम से बाजार निकल गए दोस्त मोहन जाट फोटोग्राफर था और जिम ट्रेनर भी लंबा पूरा गोरा हैंडसम बिल्कुल जॉन इब्राहिम जैसा दिखता था….

प्रज्ञा भाभी उस पर खूब लटकी उसके आगे पीछे घूमने लगी बात बात मैं उसको कई बार आंख मारी उसके जाने के बाद मैंने ड्रिंक करने बैठा प्रज्ञा ने मुजे किचन के पास वाले रूम मैं ही बैठने का फोर्स किया मैं समझ नही पा रहा था कि ये अचानक दीवानी क्यो हो रही है वो बहुत खुश थी मैंने ड्रिंक करना शुरू किया वो किचन मैं से मुजे देख देख मुस्कुरा रही थी मैंने उसको अपने पास बुलाया वो इठलाती बल खाती आई मेरे पूछने पर उसने बताया कि आप अपनी पत्नी से संतुष्ट नही मैं मेरे पति से तो मम्मी ने और दीदी हैम तीनो ने फैसला किया कि आप मम्मी जी और मुजे अब कभी भी मौका मिलते ही आप चोदना चाहये तो चोद सकते है घर की इज्जत घर मे ही रहे गी..

प्रज्ञा ने अपने ब्लाउस के हुक खोल कर अपनी सांवली नंगी बड़ी बड़ी छातियां मेरे सामने कर दी मैं भी उसकी बड़े बुब्ब्स को चूसने लगा प्रज्ञा बेहद उत्तेजित हो उठी वो मेरी पेंट खोलने की कोशिश करने लगी जब मैंने मेरा लण्ड निकाल कर उसके हाथ मे दिया वो उस पर अपना प्यार लुटाने लगी तभी उसके पति का फोन आया काफी देर तक नही उठाने पर मैने बोला उठाने को वो मेरे लण्ड को हाथ मे लेकर पति …इतनी देर हो गयी फोन उठाने मैं ….प्रज्ञा भाभी …अपने यार का लण्ड चूस रही हु ..पति ….नाराज़ हो …होली के दिन से ….प्रज्ञा मेरे लण्ड के टोपे को आवाज निकाल कर चाटने लगी बोली 30 मिनट बाद फोन लगाना यार से अपनी चुत चुदवा लू फिर …पति ….मजाक मत करो अरे …उसदिन …तुम्हारी ब्रा पर पंजे के निशान थे तो प्रज्ञा …..तो …क्या …तुम्हारा खड़ा नही होता तो इस मैं मेरी गलती है पति ….अरे नही …उस दिन मैं गलत था प्रज्ञा ….नही उस दिन तुम सही थे तुम्हारे दोनो दोस्तों ने मेरे बोबे चूसे भी दबाये भी और पेंटी मैं मेरी चुत मैं उंगली घुसा कर रंग लगाया था और आज के बाद मैं अपनी इच्छा से किसी से भी चुड़वाओ तुम कुछ नही बोलो गे पति ….मेरी इज्जत का क्या होगा प्रज्ञा …तुम्हारी इज्जत मेरे चुप रहने मैं ही है ….वार्ना मैं अभी मेरे पापा को फोन लगती हु तुम ईज्जत के साथ यहाँ रहना पति ….

अब इस मैं पापाजी कहा से आ गए चलो जब तक मैं ठीक नही होता हूं मैं तुम्हे कुछ नही कहुगा प्रज्ञा ….मैं आप की थी आप की ही रहूंगी लेकिन आप जानते हो आप मेरी मजबूरी समझते हो आज तक मैन ऐसा बोला क्या पति ….हा नही बोला लेकिन मैं समझता हूं प्रज्ञा .. आप को मेरी छोटी बहन आशा पति …हा हा प्रज्ञा …अपनी शादी के बाद यहाँ आयी थी तब आपने उसके निम्बू कई बार दबाये थे पति …अरे …वो ….तो प्रज्ञा …मैं भी चुप थी न समझो यार पतिदेव पति की आवाज भारी होने लगी थी आशा के नाम से प्रज्ञा …

16 साल की उफनती जवानी है जानू कुछ समझे पति ….ओ हा हा समझ गया प्रज्ञा …मजे लेना 16 साल की कुंवारी के मुजे भी मजे लेने दो आप की बीमारी ठीक हो जाये तो पक्का मंगलसूत्र की कसम पति …लेकिन ये बात हम दोनों मैं ही रखना और प्रज्ञा को पति की भी सहमति मिल गयी मैं ….वो ब्रा पर निशान प्रज्ञा …..मैंने खुद ही लगाए थे वो अपनी दोनों छातियों के बीच मैं मेरे लण्ड को मालिश करती बोली मैं .. मतलब उन लड़को से ….प्रज्ञा ….नही मेरा कोई संबंध नही है मैं …तो ये सब नाटक क्यो …प्रज्ञा …इनका बहुत छोटा है फिर एक डिलेवरी के बाद ये मुजे तेरी ढीली हो गयी बोल कर करते नही थे खड़ा इनका नही होता और रंडी मुजे बोलते हर सुंदर मर्द से मेरा नाम जोड़ते मैं भी सुनते सुनते पक गयी एक दिन दीवाली के समय इन्होंने एक लड़के को साफ सफाई के लिए पास की जुग्गी से घर भेजा वो बहुत काला लेकिन लंबा मजबूत था धूप दिन भर रोड और मकान का काम करता था पहले दिन ही उसकी कसी हुई मजबूत मांसपेशियों को मैने काम करने के दौरान महसूस किया वो एक प्रकार का नीग्रो जैसा था..

Chudayi stories दोस्त की कुंवारी बहन को पेला

बहुत ताकत थी उस मैं उसने 100 किलो का बोरा (बेग)सिर्फ एक हाथ से उठा कर ऊपर रख दिया शाम को जब वो आज का काम पूरा कर बाथरूम के बाहर हाथ मुह धो रहा था तभी मेरी नज़र उसकी धोती मैं चली गयी मैं उसका मुरझाया हुआ लण्ड देख कर चकित रह गयी काला स्याह लण्ड मेरे पति के खड़े लण्ड से दो गुना लंबा और मोटा उसके लण्ड का टॉप भी हथौड़े के जैसा गोल मोटा ऐसा लण्ड सिर्फ आजतक विदेशी नंगी फिल्मो मैं नीग्रो का ही देखा था मेरी निप्पले कल्पना मात्र से ही खड़ी हो गयी थी मेरी चुत मैसे गर्म लावा बह निकला अगले दिन मैंने ज्यादा खुले गले का ब्लाउस पहना उस समय मेरे दिमाग मे सिर्फ उसका खड़ा लण्ड देखने की इच्छा थी स्टोर रूम की ऊपर की सफाई के लिए उसको स्टूल पर ऊपर खड़ा कर मैं स्टूल पकड़ खड़ी हो गयी..

अपने ब्लाउस के ऊपर के दो बटन भी मैने खोल रखे थे साड़ी का पल्लू भी पिन से नही लगाया था पल्लू नीचे गिराया और उसको अपनी आधी खुली छातियों के दर्शन कराए वो मेरे ब्लाउस मैं झांक रहा था मैं उसकी धोती मैं काला लण्ड अब फूलने लगा था लगातार बड़ा हो रहा था काफी मोटा और बड़ा हो गया लण्ड का टॉप अजीब था उसका इतना मोटा टॉप तो फिल्मो मैं भी नही देखा था एक छोटे एप्पल की साइज़ का था मैं अपने आप को रोक नही पाई और उसकी जांघो की मांसपेशियों पर हाथ फेरने लगी मैने उसकी आँखों मे देखा शायद वो कन्फर्म ही कर रहा था उसने अपनी धोती की गठान खोल दी अजगर की भांति उसका काला मोटा लंबा लण्ड मेरी आँखों के सामने तलवार की तरह तना हुआ खड़ा था मुजे ये सब सपने की तरह लग रहा था मैने आपा खो दीया और लण्ड के टॉप पर उंगली फेर दी लण्ड जोर जोर से उछलने लगा और तन गया…

तभी मेरे सिर को उस लड़के ने पकड़ा और मेरे चेहरे पर अपना लण्ड का टॉप फेरने लगा मुजे ऐसा लगा मानो स्टील का पाइप मेरे चेहरे को छू रहा हो इतना सख्त मेरे होटो पर उसने टॉप को रखा और सिर पकड़ कर मेरे मुह मैं लण्ड फसा दिया मैं गगगगगग गुऊऊऊUऊ की आवाज निकाली लण्ड चूसने लगी वो फिर स्टूल से उतरा और दोनों हाथों से मेरी छातियां मसलने लगा मैं उसकी गुलाम हो गयी थी कब उसने मेरी साड़ी अन्य कपड़े निकाल दिए पता ही नही चला मैं अब पूरी नंगी थी उसने मुजे अपनी मजबूत बहो मैं उठाया और मैंने गिरने के डर से अपनी नंगी टांगे उसकी कमर पर लपेट दी उसका तलवार जैसा खड़ा लण्ड अपने आप जगह बनाता मेरी चुत मैं समा गया उसका बदबू दार पसीना और बीड़ी की बदबू मेरे नथुनों मैं समा गई..

लेकिन मैं पागलो की तरह उसके गाल चाट रही थी उसने मुजे ऐसे ही खड़े खड़े चुदाई का रस दीया मैं जल्दी झर गयी फिर उसने मुजे नीचे उतारा और अपने लण्ड का पानी मेरे मुह और छाती पर निकाला वो फिर जब तक काम करता रहा रोज मेरी प्यासी चुत को अपना पानी पिलाता उसके बाद मुजे अलग अलग मर्दो का स्वाद लग गया लेकिन मैं डरती थी अब तो लायसेंस मिल गया है अब पति डर गया वो जोर से हँसी और नीचे जमीन पर सो गई मैं उसकी मांसल जवानी का दीवाना उसपर चढ़ गया काफी देर तक प्रज्ञा भाभी की चुदाई करि और प्रज्ञा …जीजा जी मैं अब उसी के साथ मस्ती करू गी जिसे आप इजाजत दो गे

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प्रेमिका का पहला कदम https://sexstories.one/girlfriend-ko-dost-se-chudwaya/ Mon, 15 Nov 2021 07:39:36 +0000 https://sexstories.one/?p=4785 अंजलि की उंगलियां उसकी पैंटी की इलास्टिक में फीकी पड़ गईं। धीरे-धीरे, बहुत धीरे-धीरे, अंजलि ने लोचदार कमरबंद को नीचे खींच लिया उसकी गांड को मेरे सामने बेनकाब किया। फिर उसने उन्हें वापस ऊपर खींच लिया...

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Girlfriend ko dost se chudwaya – कुछ साल पहले, मैंने अंजलि नाम की एक प्यारी लड़की को डेट किया। वह औसत कद की थी, मध्यम लंबाई के काले बाल थे। और हालाँकि वह थोड़ी मोटी थी, फिर भी वह बहुत सुंदर लड़की बनी रही। उसकी सबसे अच्छी विशेषता उसके बड़े, ढीले स्तन थे।

अंजलि बहुत रूढ़िवादी मूल्यों के साथ पली-बढ़ी है। मुझे यकीन है कि हमारे मिलने से पहले, उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह एक दिन अजनबी के सामने अपना पूरा बदन नंगा करके दिखाएगी। हमारे रिश्ते की शुरुआत में कुछ घटनाएं हुई थीं जहां मैंने उसे खुलेआम अजनबियों को अपना शरीर दिखाया। आप जानते हैं कि लड़कियां किस तरह का हानिरहित न्यूड शो करती हैं। जब हम अपनी कार में सवार होते थे तो मैं हमेशा उसे अपने स्तन दिखाने के लिए मनाता था। यह सब बहुत रोमांचक था, लेकिन मैंने उसे कभी किसी को नहीं दिखाया था जिसे मैं व्यक्तिगत रूप से जानता था।

एक बार मैं और मेरा दोस्त जतिन अंजलि के अपार्टमेंट में टीवी देख रहे थे। अंजलि खुजली में थी। उसने हमें पुकारा, “तुम लोग कुछ पीना चाहते हो?”

“ज़रूर!” हमने जवाब दिया।

जतिन ने मजाक में कहा, “वाह! कितनी अच्छी सेवा है।”

मेरे दिमाग में विचार आया। मैं किचन में गया, जहां अंजलि हमारे लिए एक-दो ड्रिंक बना रही थी। मैं उसके पीछे आया और उसकी गर्दन को चूमने लगा। वह इसका आनंद ले रही थी और इससे पहले कि वह जानती कि क्या हो रहा है, मैंने उसकी शर्ट लगभग उतार दी थी।

“आप क्या कर रहे हो?” उसने विरोध में कहा। “जतिन यहाँ है!”

“चिंता मत करो,” मैंने कहा। “वह नहीं देख सकता!”

इसके साथ ही मैंने उसकी कमीज को उसके सिर के ऊपर से खींच लिया और पूरी तरह से उतार दिया। मैं उसे फर्श पर गिरा दिया और फिर से उसकी गर्दन को चूमने लगा.. मैंने तुरंत उसकी ब्रा खोल दी!

“वह किसी भी सेकंड में चल सकता है!” अंजलि ने विरोध किया।

“मुझे पता है कि मैं क्या कर रहा हूँ,” मैंने उसे आश्वासन दिया।

मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसे उतार दिया… उसके जबरदस्त सॉफ्ट डी-कप के स्तन बाहर आ गए। उसके काले निपल्स तुरंत सूज गए। मैं उनके साथ एक पल के लिए अपनी उंगलियों से खेला। अंजलि धीरे से कराह उठी और मैंने उसके बाएं स्तन को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसके निप्पल को अपने मुंह में भर लिया।

मैंने काउंटर पर लगे 2 गिलासों की ओर इशारा किया। अंजलि मुड़ी और उन्हें उठा लिया। उसने उन्हें मेरे पास ले जाने के लिए बढ़ाया। मैं जल्दी से उसके पीछे गया और उसे लिविंग रूम के दरवाजे की ओर धकेल दिया।

अंजलि रुक ​​गई। “आपको क्या लगता है कि आप क्या कर रहे हैं?!” उसने पूछा।

“तुम आज मेरी दासी हो और तुम सेवा करने जा रही हो हमारा,” मैंने जवाब दिया..

“नहीं!!.. मैं ऐसा नहीं हूँ!” उसने कहा और अपनी कमीज़ ढूँढ़ने लगी। जैसे ही मैंने उसे एक और धक्का दिया, वह आगे की ओर झुकी। झटके ने उसके बड़े स्तनों को झकझोर कर रख दिया। ड्रिंक्स को पकड़ते हुए उसने अपने स्तनों को अपनी बाहों से ढँक लिया।

मैंने उसका सिर अपने हाथों में लिया और उसके होठों पर एक लंबा चुंबन लगाया और उसे बताया कि कैसे जतिन ने कबूल किया था कि वह चुपके से उसके नग्न स्तन देखने की लालसा रखता है। मैंने उसे बताया कि यह मेरे लिए कितना अद्भुत दृश्य होगा। मेरी प्रेमिका मेरे दोस्त के सामने टॉपलेस है। “और इसके अलावा,” मैंने उससे कहा, “वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त है! वह किसी को नहीं बताएगा”

यह सोचकर वह निश्चल खड़ी रही। मैंने उसके कंधे पकड़े और उसे फिर से लिविंग रूम के प्रवेश द्वार की ओर घुमाया। मैंने उसे कहते सुना ‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा है’ मैं यह कर रही हूँ’।

इस बार उसे दरवाजे की ओर धकेलने में बस थोड़ा सा बल लगा..

जैसे ही हमने दरवाजा पार किया, जतिन नज़र आया। मेरी प्रेमिका को केवल एक जोड़ी शॉर्ट्स पहने हुए देखकर उसकी आँखें विस्मय और सदमे से चौड़ी हो गईं।

“अंजलि के पास तुम्हारे लिए कुछ है,” मैंने कहा। मैं जल्दी से सोफे पर बैठ गया और अपनी आधी नग्न प्रेमिका को देखा, जो हमारे सामने खड़ी थी। उसका चेहरा लाल रंग की एक प्यारी सी छटा में बदल रहा था क्योंकि वह वहाँ 2 गिलास पकड़े खड़ी थी। वह उन्हें अपने स्तनों को ढँकने के लिए पकड़ रही थी।

जतिन की पहली नज़र उसके बड़े, गुलाबी निप्पल पर पड़ी और उसने उसे ड्रिंक देने के लिए अपना हाथ बढ़ाया। अंजलि को गिलास देने के लिए आगे झुकना पड़ा जिससे उसके बड़े, गोल स्तन उसके शरीर से दूर लटक गए।

जतिन मुस्कुराया।

अंजलि का चेहरा बहुत लाल था। जैसे ही जतिन ने शराब पी, अंजलि ने अपने स्तनों पर हाथ रखा और एक हाथ से अपने अधिकांश नंगे स्तनों को ढकने में कामयाब रही और दूसरे हाथ से उसने मुझे मेरा पेय दिया।

“अब इसे मैं सेवा कहता हूँ!” जतिन ने कहा।

“तो जतिन,” मैंने कहा, “अंजलि मेरी प्रेमिका है और उसका शरीर मेरी संपत्ति है। अगर मैं इसे दिखाना चाहता हूं, तो यह मेरी कॉल है।” तर्क उस समय उचित लग रहा था। अंजलि वैसे भी इसके लिए राजी हो गई थी।

अंजलि ने मुझे मेरा ड्रिंक थमाने के बाद जल्दी से अपने दोनों हाथों से अपने बड़े स्तनों को ढँक लिया। वह जाने के लिए मुड़ी।

“रुको,” मैंने कहा। अंजलि रुक ​​गई।

“ये किसके स्तन हैं?” मैंने उसके हल्के सफेद स्तनों की ओर इशारा करते हुए पूछा।

अंजलि ने एक पल के लिए सोचा। वह बस इतना करना चाहती थी कि रसोई में वापस चली जाए और इस अपमान को समाप्त कर दे। लेकिन साथ ही, मैं कह सकता था कि वह इस सब ध्यान से आकर्षित हो रही थी।

“तुम्हारा,” उसने कहा चुपचाप। वह जतिन या मुझे छोड़कर कहीं और देख रही थी।

“और आपने टॉपलेस होकर हमें ड्रिंक क्यों परोसी?” मैंने पूछ लिया।

अंजलि ने दोनों स्तनों को ढँकने के लिए एक हाथ बढ़ाया और दूसरे हाथ से अपना चेहरा ढँक लिया। भले ही वह हमारा सामना कर रही थी, वह हमें आँखों में नहीं देख पा रही थी। शर्मिंदगी उसे मार रही थी।

“क्योंकि तुमने मुझसे कहा था,” उसने कहा।

“हां। अब अपना हाथ नीचे करो, ”मैंने कहा।

अंजलि ने अपना हाथ अपने चेहरे से हटा लिया और अपनी छाती को फिर से ढक लिया।

“क्या तुमने मुझे सुना, अंजलि? अपने हाथों को अपने स्तनों से हटाओ। उन्हें अपनी पीठ के पीछे रखो। ”

अंजलि ने एक हाथ अपनी पीठ के पीछे रखा और एक हाथ उसके स्तन पर छोड़ दिया। वह जानती थी कि आगे क्या होने वाला है।

“ये किसके स्तन हैं?” मैंने उससे फिर पूछा।

“तुम्हारा,” उसने कहा।

उसने अपनी आँखें बंद कर लीं। उसके गाल लगभग चमकीले लाल हो गए थे।

मैंने जतिन की तरफ देखा। उसकी निगाहें अंजलि के सीने पर टिकी थीं।

“अपना हाथ अपनी पीठ के पीछे रखो,” मैंने कहा
शांति से।

एक पल बीत गया। यह सच्चाई का क्षण था। वह जम गई। वह तय कर रही थी कि क्या करना है।

“आप उन्हें देखना चाहते हैं?” अंजलि ने पूछा। “यह लो!”

और इतना कहकर उसने अपना हाथ नीचे कर लिया और दोनों हाथों को अपने कूल्हों पर रख लिया। अपने जीवन में पहली बार, अंजलि एक ही समय में दो पुरुषों को खुद को दिखाते हुए नग्न थी। जतिन और मैंने अंजलि के पूरी तरह से खुले, बड़े स्तनों को देखा। उसके कंधे-लंबे काले बाल, उसके मांसल स्तन के हल्के-सफेद रंग के विपरीत थे। उसके गुलाबी निप्पल चट्टानों की तरह थे।

एक पल बीत जाने के बाद, मैंने कहा, “देखो, अब इतना बुरा नहीं था! तुझे कैसा लग रहा है?”

“आपको क्या लगता है कि मुझे कैसा लग रहा है?” उसने नकली व्यंग्य में कहा। “मैं यहाँ तुम्हारे दोस्त के सामने आधी नंगी खड़ी हूँ!”

मैंने और अधिक धक्का देने का फैसला किया।

“अपने हाथ अपने सिर के पीछे रखो ताकि जतिन तुझे पूरा देख सके,” मैंने उससे कहा।

उसने अपनी आँखें घुमाईं, और अपनी बाहें उठायीं और उन्हें अपने सिर के पीछे रख लिया। इससे उसके स्तनों को थोड़ा कसने और अधिक कामुक बनाने का प्रभाव पड़ा।

“क्या मैं अब जा सकती हूं?” उसने पूछा।

मैं कह सकता था कि वह चुपके से सब कुछ पसंद कर रही थी, लेकिन मैंने फैसला किया कि इस पल के लिए मैंने काफी मज़ा किया था और मैंने उसे जाने दिया।

जतिन और मैंने कुछ देर बात की। हमने अंजलि और उसके शरीर के बारे में बात की। हमने उसकी प्रेमिका के बारे में बात की, और कैसे उसके स्तन बहुत छोटे थे। मैंने उससे पूछा कि क्या उसकी प्रेमिका ने कभी उसकी चूत का मुंडन किया है। उन्होंने कहा कि थोड़ा किया, लेकिन केवल गर्मियों में बिकिनी पहनने के लिए।

मैंने अंजलि को वापस कमरे में बुलाया। जब वह लौटी तो मैंने देखा कि उसने अपनी टी-शर्ट वापस पहन रखी थी।

“क्या मैंने कहा था कि आप उस टीशर्ट को वापस पहन सकते हैं?” मैंने कहा।

इस बार, विरोध के रूप में केवल एक तेज आह के साथ, अंजलि शर्ट को ऊपर और उसके सिर के ऊपर खींच लिया, उसके स्तनों को फिर से हमारे सामने प्रकट किया।

“मुझे कमीज़ दे दो, क्योंकि जल्द ही तुम्हें इसकी कभी ज़रूरत नहीं पड़ेगी,” मैंने कहा।

अंजलि ने मुझे शर्ट थमा दी और इस बार, उसने अपनी जेब में हाथ डाला, खुद को ढकने की कोशिश नहीं की। मैं कह सकता था कि उसे अब और अधिक आत्मविश्वास था। मुझे संदेह था कि वह हमारी बातचीत सुन रही थी, और अब मैं जो कहने जा रहा था उसे करने के लिए कुछ और उत्सुक थी।

“जतिन को बताओ कि हमने कल रात क्या किया,” मैंने कहा।

अंजलि ने जतिन की ओर देखा और कहा, “हमने साथ में नहाया।”

“और मैंने क्या शेव किया?” मैंने पूछ लिया।

अंजलि की आंखें बड़ी हो गईं। उसने मुझे एक नज़र गोली मार दी। “आपका क्या मतलब है?” उसने पूछा।

“उसे बताओ, या उसे दिखाओ … यह और भी बेहतर होगा,” मैंने कहा।

अंजलि ने एक पल के लिए सोचा। “वह श…,”

“क्या?” जतिन ने पूछा

अंजलि ने दूर देखा। उसके चेहरे पर लाली लौट आई। “उसने मेरी चूत के बाल का शेव किया!” वह चिल्लाई।

“यहाँ आओ,” मैंने उससे कहा।

अंजलि धीरे-धीरे मेरे पास आई। वो सामने खड़ी थी मैं, सोफे और कॉफी टेबल के बीच। मैंने उसके सफेद शॉर्ट्स को खोल दिया। उसने तुरंत मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने खाली भाव से उसकी ओर देखा। उसने पीछे मुड़कर मेरी तरफ देखा और धीरे से… बहुत धीरे से, अपने हाथ नीचे कर लिए।

“ठीक है,” उसने कहा, “आप मुझे जाँघिया में देखना चाहते हैं? आगे बढ़ो!” वह अच्छी तरह जानती थी कि मेरे मन में क्या है। लेकिन उसने कुछ चेहरा बचाने की कोशिश की.. उसे क्या पता था कि अब क्या होने वाला है..

मैंने उसके शॉर्ट्स की चेन को खोलना जारी रखा और उसे फर्श पर गिरा दिया। अंजलि अब मेरे सामने केवल सफेद पैंटी पहने खड़ी थी, जिस पर थोड़ा कढ़ाई वाला गुलाबी फूल था…

“ये अच्छे हैं,” मैंने लोचदार कमरबंद को तड़कते हुए कहा, “क्या ये नए हैं?”

अंजलि ने कोई उत्तर नहीं दिया।

मैंने उसके कूल्हों को पकड़ा और उसे जतिन की ओर घुमाया, जो सोफे के दूसरे छोर पर बैठा था, जिसकी आँखें चौड़ी थीं। फिर, मैंने अंजलि का हाथ लिया और उनकी पैंटी के कमरबंद पर रख दिया और वापस बैठ गया।

“उन्हें उतारो,” मैंने कहा। “जतिन को दिखाओ कि मैंने कितना अच्छा काम किया है, तुम्हारी चूत के बाल मुंडवाए हैं और कितनी प्यारी लगती है!”

अंजलि नहीं हिली। मैंने अपने पैर कॉफी टेबल पर रख दिए, अब अंजलि मेरी टांगों के बीच में, अब वह नहीं जा सकती थी।

“कभी नहीं,” उसने कहा। “मैं आप दोनों के सामने पूर्ण नग्न नहीं होने जा रहा हूँ”

लेकिन वह नहीं हिली। हमने प्रतीक्षा की।

वह जानती थी कि अगर वह ऐसा करती है – अगर वह हमारे लिए नग्न हो जाती है तो वह इसे कभी नहीं रोक सकती। जतिन को हमेशा ठीक-ठीक पता होता था कि वह नग्न होकर कैसी दिखती है। अंजलि की उंगलियां उसकी पैंटी की इलास्टिक में फीकी पड़ गईं। धीरे-धीरे, बहुत धीरे-धीरे, अंजलि ने लोचदार कमरबंद को नीचे खींच लिया उसकी गांड को मेरे सामने बेनकाब किया। फिर उसने उन्हें वापस ऊपर खींच लिया।

“मैं ऐसा नहीं करूंगी,” उसने कहा।

मैं कुछ नहीं बोला। कुछ पल बीत गए।

अंजलि ने इस निर्णय पर व्यथित होकर, अंत में, अपनी सफेद जाँघिया को अपनी गांड के ऊपर, अपने कूल्हों के ऊपर से उतार दिया, और झुकती रही, धीरे-धीरे उन्हें नीचे खींचती रही जब तक कि वे उसके घुटनों तक नहीं पहुँच गईं।

उसके बड़े नग्न स्तन लगभग अश्लील मुद्रा में उसके शरीर से दूर लटक गए। उसने अपनी पैंटी उतार दी और उन्हें फर्श पर गिरा दिया। वह अपनी चूत को हाथों से ढँक कर खड़ी हो गई। उसकी आँखें कसकर बंद हो गईं। मैं उठा और धीरे से उसके हाथों को उसकी चूत से दूर खींच लिया।

जतिन का जबड़ा नीचे गिर गया। उसकी निगाहें हमारे सामने खड़ी मेरी नग्न प्रेमिका पर नाच रही थीं। मैंने अपनी टांगें गिरा दीं ताकि जतिन को मेरी नग्न प्रेमिका का पूरा नजारा मिल सके।

उसकी चूत वाकई साफ थी। उसके चिकने चूत के होठों के ऊपर लगभग 2 इंच चौड़ी गहरे-भूरे जघन बालों की एक छोटी सी पट्टी थी।

to be continued…

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चाची की जबरदस्त चुदाई https://sexstories.one/desi-chachi-ki-chudai-ki-kahani/ Mon, 18 Oct 2021 06:23:39 +0000 https://sexstories.one/?p=3048 उन्होंने मेरे को देखा उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गयी थी उन्होंने मुझसे कहा की तेरा लंड तो बहुत मस्त है | तेरे चाचा की तो लुल्ली है इसके सामने फिर उन्होंने मेरे लंड को अपने मुहँ में ले लिया और चूसने लगी | वो मेरे लंड को मस्ती से चूस रही थी | मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था...

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desi chudai ki kahani, antarvasna आप सभी पाठको को मेरा सादर प्रणाम मेरा मेरा नाम रजत है | मैं जबलपुर का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 26 साल है | मेरी लम्बाई 5 फुट 6 इंच है | आज जो कानी आप के लिए लेकर आया हूँ वो मेरी सच्ची कहानी है | आज मैं अपनी जिन्दगी के सबसे हसीं लम्हे आपको बताने जा रहा हूँ | जिन्हें मैं कभी नहीं भूल सकता | आब मैं आप सब को ज्यादा बोर ना करते हुए कहानी पर आता हूँ |

ये उस समय की बात है जब मैं कॉलेज के दुसरे साल में था | उस समय मैं अपने चाचा के घर रुकता था और वही से कॉलेज जाता था | मेरे चाचा एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते थे और ज्यादातर देर से घर वापस आते थे | मेरी चाची हाउसवाइफ थी और वो घर का सारा काम करती थी | चाची को देखकर लगता था की चाचा उनकी चुदाई सही से नहीं कर पाते थे | उनका फिगर लगभग 34-28-36 होगा | मेरी चाची देखने में बहुत खूबसूरत लगती थी | उनका बदन कसा हुआ था | उनके बूब्स का तो क्या कहना एकदम मुसम्मी की तरह गोल थे |

उनकी शादी के दो साल हो गए थे और अभी तक उनको कोई बच्चा नहीं हुआ था | मैं उनको जब भी नाइटी में देखता था तो मेरा लंड हमेशा फूलने लगता था | मैं अक्सर चाची के मस्त बूब्स को याद करके हस्तमैथुन किया करता था और अपने लंड को शांत करता था |

एक दिन की बात है मैं कॉलेज से घर लौटा तो मैंने बहुत देर दरवाजा खटखटाया पर चाची ने दरवाजा नहीं खोला | मैंने दरवाजे में जर का धक्का मारा तो दरवाजा खुल गया और मैं अन्दर पहुंचा | बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी | मैं बाथरूम के दरवाजे के पास जाकर खड़ा हो गया और होल से अन्दर देखने लगा | चाची पूरी नंगी होकर नहा रही थी | उनके एकदम सफ़ेद बूब्स बहुत ही मस्त लग रहे थे | वो अपने बूब्स को मसले जा रही थी | मैंने उनकी चूत को देखा उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था | जिसको देखकर मेरा लंड तन गया था |

मेरा मन तो कर रहा था की अभी बाथरूम में घुस जाऊं और चाची की चुदाई करू | पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी मैंने बड़ी मुश्किल से खुद को कंट्रोल किया |  मैं वहां से मुड़ कर जा रहा था की पड़ोस में रखे गमले में मेरा हंत लग गया और वो गिर पड़ा | चाची डर गयी उन्होंने जोर से चिल्लाकर पूछा कौन है | मैं तब तक दरवाजे से दूर पहुँच गया था | मैंने कहा चाची मैं रजत | उन्होंने कहा रजत तू आ गया मैंने कही जी चाची | उन्होंने कहा चल बैठ मैं अभी आती हूँ | मैं जाकर सोफे पे बैठ गया |

थोड़ी देर बाद चाची बाहर निकली उन्होंने ब्लू कलर का गाउन पहन रखा था | उन्होंने शायद नीचे ब्रा नहीं पहनी थी जिसके कारण उनके निप्पल्स एक दम साफ़ चमक रहे थे | उनके चलने पर उनके बूब्स ऊपर उछल रहे थे | उनको देखकर मेरा लंड पैंट फाड़ने लगा था | मैं उनके बूब्स को लगातार घूरे जा रहा था | चाची ने मुझे पकड़ कर जोर से हिलाया तब जाकर मैं होश मे आया | उन्होंने मुझसे कहा की कहा खोये हुए हो | मैंने कहा कुछ नहीं चाची मैं कुछ सोंच रहा था | मैंने उनसे कहा की चाचा कहा है | उन्होंने कहा वो तो बस अपने काम में ही लगे रहते है |

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उन्होंने बताया की चाचा 2 दिनों के लिए किसी काम से बाहर गए हुए है | फिर चाची ने हम दोनों के लिए खाना लगाया | हम दोनों ने साथ में बैठ कर खाना खाया | मेरी नजर अब भी उनकी चूचियों पर टिकी हुई थी | मैं बस सोंच रहा था की काश मुझे चाची की चूत मारने का मौका मिल जाए तो मज़ा आ जाये | फिर वो अपने कमरे में चली गयी | मैं भी अपने कमरे में पहुंचा और बाथरूम रूम में जाकर उनके बूब्स को याद करके मुठ मारी तब जाकर मेरा लंड शांत हुआ |

फिर मैं शाम के समय बाहर से घूमकर लौटा तो चाची खाना बना चुकी थी | उन्होंने कहा रजत मैं खाना लगा देती हूँ चलो पहले खाना खा लो फिर कुछ करना | चाची ने खाना लगाया और हम दोनों ने बैठ कर खाना खाया | चाची आज बहुत ही मस्त लग रही थी | उन्होंने इस समय पिंक कलर की नाइटी पहन रखी थी | अब उन्होंने ब्रा भी पहन ली थी शायद उन्होंने दिन में मुझे उनके बूब्स देखते हुए देख लिया था | हम दोनों ने जब खाना ख़तम किया तो चाची मुझसे कहने लगी की रजत आज तुम मेरे कमरे में ही लेट जाओ | मुझे अकेले लेटने में डर लगता है |

मैंने कहा ठीक है अन्दर ही अन्दर मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे | हम दोनों उनके कमरे में जाकर बैठ गए | मैंने टीवी  चालू किया और मूवी देखने लगा | टीवी में हॉलीवुड की फिल्म चल रही थी | चाची भी मेरे पास आकर बैठ गयी और फिल्म देखने लगी | तभी उस फिल्म में एक किसिंग सीन आया तो मैंने जल्दी से चैनल चेंज कर दिया | चाची ने कहा की बदलो क्यों दिया | मैंने कहा बस ऐसे ही उन्होंने मेरे हाँथ से रिमोट ले लिया और वही फिल्म फिर से लगा दी | उस मूवी को देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा | चाची मेरे बिलकुल करीब में बैठी थी | उनकी नजर मेरे लंड पर गयी तो वो हंसने लगी | वो बोली की मैं अब समझी की तुमने फिल्म चेंज क्यूँ की थी |

वो मुझसे कहने लगी क्या तुमने आज तक सेक्स नहीं किया है मैंने कहा नहीं | उन्होंने कहा बेचारा और मेरे लंड पर अपना हाँथ रखकर सहलाने लगी | मैं समझ गया की चाची आज रात मुझसे क्या चाहती है | उन्होंने मुझसे कहा की तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है मैंने कहा नहीं चाची मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | उन्होंने मुझसे कहा चल कोई बात नहीं है मैं तुमको आज सब सिखा दूँगी | मैं अन्दर से फूले नहीं समा रहा था | उन्होंने मुझसे कहा चल पैंट उतार मैंने कहा नहीं चाची मुझे शरम आती है | उन्होंने कहा की अच्छा जब तू मुझे बाथरूम में नहाते हुए देकिः रहा था तब तुझे शरम नहीं आई और अब बोलता है की शरम आती है |

उनकी ये बात सुनकर मेरी तो सिट्टी-पिट्टी गम हो गयी | मैंने कहा की वो चाची मैं तो बस ऐसे ही देख रहा था | आप इतनी खूबसूरत है की मेरा मन नहीं माना | उन्होंने कहा चल कोई बात नहीं अब पैंट उतार | फिर उन्होंने मेरी पैंट खोलकर मेरे लंड को हांथों में ले लिया जो की पहले से ही एकदम ताना हुआ था |

उन्होंने मेरे को देखा उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गयी थी उन्होंने मुझसे कहा की तेरा लंड तो बहुत मस्त है | तेरे चाचा की तो लुल्ली है इसके सामने फिर उन्होंने मेरे लंड को अपने मुहँ में ले लिया और चूसने लगी | वो मेरे लंड को मस्ती से चूस रही थी | मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था | मैं चाची के बूब्स को मसल रहा था | फिर मैंने चाची से कहा की आप अपनी नाइटी उतार दीजिये | उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी | उन्होंने मेरे सारे कपडे निकाल दिए और मुझको नंगा कर दिया |

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मैं उनके ऊपर टूट पड़ा और उनके बूब्स को मसलने लगा | फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल दी और उनके निपल्स को अपने मुहँ में लेकर चूसने लगा | चाची गरम होने लगी थी फिर उन्होंने मुझसे कहा रुको और फिर हम दोनों 69 की पोजीसन में आ गए वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उनकी चूत को सहला रहा था | उनकी पैंटी गीली हो चुकी थी मैंने उनकी पैंटी निकाल दी और उनकी चूत को चाटने लगा | चाची मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चुसे जा रही थी | मैंने चाची की चूत में अपनी जीभ डाल दी चाची एक दम मचल उठी |

उन्होंने कहा की रजत अब मुझसे नहीं सहा जा रहा है प्लीज अब मुझे मत तडपाओ अपना लंड मेरी चूत में डाल दो |

मैं उठा और चाची की दो टांगो को फैलाया और अपना लंड चाची की चूत पर रगड़ने लगा और चाची को जोर से किस करने लगा | फिर मैंने एक झटका लगाया और मेरा आधा लंड चाची की चूत में घुस गया | चाची के मुहँ से बस आह की आवाज निकली | मैंने धक्के लगाने सुरु किये और चाची को जोर-जोर से चोदने लगा | चाची के मुहँ से आह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्म्म चोदो मुझे रजत और जोर से मारो मेरी चूत फाड़ दो इसे इसको चोदकर इसका भोसडा बना दो अह्ह्ह ओह्ह्ह और जोर से आःह्ह्ह ओह्ह्ह की मादक आवाजे निकल रही थी |

मुझे बहुत मजा आ रहा था इतने दिनों से मैं जिस चूत के सपने देख रहा था आज उसको चोदने का मौका मिल ही गया था | मैंने 20 मिनट तक चाची की जमकर चुदाई की उसके बाद चाची झड गयी | फिर थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था तो उन्होंने मुझसे चूत में ही झड़ने को कहा और मैंने उनकी पूरी चूत अपने वीर्य से भर दी | वो मुझसे पूरी तरह संतुस्ट थी हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे | उस रात मैंने चाची की 4 बार चूत मारी | चाची बहुत खुश थी |

उस दिन के बाद मैंने उनकी कई बार चुदाई की |

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एक देसी मां की सच्ची कहानी – 2 https://sexstories.one/maa-ko-bhaya-mota-muslim-lund/ Sun, 12 Sep 2021 09:07:06 +0000 https://sexstories.one/?p=4263 उस रात बाद में मैंने अपने पिताजी के खाते से श्रीमती प्रतिभा नायर की मित्र अनुरोध स्वीकार कर लिया और मैंने उन्हें एक आकस्मिक नमस्ते संदेश भेजा और अगले दिन मुझे अपनी माँ से एक ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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उस रात बाद में मैंने अपने पिताजी के खाते से श्रीमती प्रतिभा नायर की मित्र अनुरोध स्वीकार कर लिया और मैंने उन्हें एक आकस्मिक नमस्ते संदेश भेजा और अगले दिन मुझे अपनी माँ से एक आकस्मिक उत्तर मिला। मैं उसे थोड़ा यौन संदेश भेजने के लिए बहुत ललचा रहा था, हालांकि मैंने आग्रह का विरोध किया और उसे एक संदेश भेजा जिसमें उससे उसके स्वास्थ्य के बारे में पूछा गया और पूछा कि क्या वह अकेला महसूस करती है। मुझे जो जवाब मिलते रहे, वे बहुत नीरस थे इसलिए मैंने अपना ध्यान घर पर माँ के साथ अधिक समय बिताने पर लगाया। Maa ko milne wala tha mota muslim lund.

तथ्य यह है कि वह पिताजी के संपर्क में थी, उसे शांत रहने में मदद मिली। उसके ऑनलाइन उत्तरों से यह स्पष्ट हो गया कि उसने मेरे पिताजी की शारीरिक उपस्थिति को उतना नहीं छोड़ा, जितना कि उसने घर के कामों में मदद करने के लिए उसे याद किया। अंत में, मुझे पता था कि मेरा अगला कदम क्या है। मैंने हुसैन से पूछा, क्या वह किसी सभ्य दिखने वाले बुजुर्ग व्यक्ति को जानता है, जो लगभग 45-50 वर्ष का है, जो मेरी माँ को चोदने में दिलचस्पी रखता है। हुसैन ने कहा कि वह इसे स्वयं करना चाहते हैं, लेकिन मैंने उस सुझाव को टाल दिया।

उस रात बाद में, हुसैन ने मुझे तीन पुरुषों के प्रोफाइल लिंक भेजे, सभी अलग-अलग पृष्ठभूमि के, जो मानदंड फिट करते थे और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले के लिए मेरी माँ, या किसी भी लड़की को चोदने के लिए किसी भी हद तक जाना होगा। मैंने तीनों प्रोफाइलों को ध्यान से देखा और उनमें से एक को शॉर्टलिस्ट किया। उसका नाम खालिद मुज़ैन था, वह 53 साल का था, लगभग 5 फीट 10 इंच लंबा, भूरा रंग, मूंछ वाला था और मुंबई में कुछ छोटे रेस्तरां के मालिक थे।

उन्हें शॉर्टलिस्ट करने का एकमात्र कारण यह था कि वह हुसैन के चाचा थे और किसी और के साथ व्यवहार करने की तुलना में उनके साथ व्यवहार करना आसान होता।

अगले दिन हम तीनों बोरीवली के नेशनल पार्क में मिले। मुज़ैन बिलकुल फिट लग रहा था, वह एक शादीशुदा आदमी था और इलाहाबाद में उसके चार बच्चे थे, वह ज्यादातर हिंदी बोलता था, लेकिन अच्छी अंग्रेजी का प्रबंधन कर सकता था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि वह दिखने में बुरा नहीं था और उसका अकाउंट प्रोफाइल था।

मैंने उसे अपनी मां को जोड़ने के लिए कहा, उसने तुरंत किया, मैंने उसे अपने पिता को भी जोड़ने के लिए कहा और मैंने पिताजी के प्रोफाइल से उसका मित्र अनुरोध स्वीकार कर लिया। उस शाम बाद में जब मेरी माँ ने अपना खाता खोला तो उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं किसी मुज़ैन ताहिर को जानता हूँ, मैं थोड़ा घबरा गया लेकिन कहा नहीं, मैंने बाद में बताया कि वह पिताजी के साथ आपसी मित्र हैं, इसलिए उन्हें शायद पिताजी से संदेह के रूप में पूछना चाहिए, मुझे मेरे पिताजी के प्रोफाइल में मेरे पूछने से एक संदेश मिला कि क्या मैं किसी मुज़ैन को जानता हूँ।

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मैंने जवाब दिया कि मुज़ैन दुबई में मेरा बॉस है और आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करनी चाहिए। मेरी माँ ने जैसा कहा था वैसा ही किया, हालाँकि मुज़ैन की अपनी योजनाएँ थीं, जैसे ही मेरी माँ ने उनका अनुरोध स्वीकार किया, उन्होंने उनकी तस्वीर पर टिप्पणी की कि कितनी खूबसूरत तस्वीर है प्रतिभा आपके पति एक बहुत ही भाग्यशाली आदमी हैं ‘मैं इस टिप्पणी को देखकर बहुत हैरान था और मैं मेरे पिताजी की प्रोफ़ाइल से टिप्पणी की और धन्यवाद सर’ कहा।
मैं यह देखने के लिए उत्सुक था कि मेरी माँ की प्रतिक्रिया क्या होगी जब उन्होंने टिप्पणी देखी, लेकिन मेरे आश्चर्य ने भी जवाब दिया, ‘बहुत बहुत धन्यवाद सर’

तभी मुज़ैन उसके चैट पर आया और बोला, प्लीज़ मुझे कॉल मत करो सर। मेरी माँ को चैट का उपयोग करना नहीं आता था, इसलिए उन्होंने मुझे सहायता के लिए बुलाया, तभी मैंने संदेश देखा। मैंने उसे बताया कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है और ठीक उसके बगल में बैठ गया। मुझे डर लग रहा था कि मुज़ैन क्या कहेगा या क्या करेगा।

मेरे आश्चर्य के लिए उसने इसे बहुत अच्छी तरह से संभाला, उसने उससे कहा कि वह उसे सर न बुलाए क्योंकि वह और मेरे पिता बहुत अच्छे दोस्त हैं, उन्होंने कहा कि मेरे पिता अक्सर उनके घर जाते हैं और अपनी पत्नी और बच्चों को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, फिर उन्होंने मेरी मां से कहा उनके एल्बम और उनके परिवार की तस्वीरें देखें, जो वास्तव में उनके इलाहाबाद परिवार की तस्वीरें थीं। मेरी माँ उससे बात करने में बहुत सहज लग रही थी, और उसने कहा कि उसकी तस्वीरें वास्तव में अच्छी थीं और उसकी एक बहुत ही सुंदर पत्नी और प्यारे बच्चे हैं, जिसका उसने जवाब दिया, लेकिन मेरी पत्नी तुमसे ज्यादा सुंदर नहीं है, हाहा जब उसने कहा कि बिजली चली गई बंद और मैं देख सकता था कि मेरी माँ मुस्कुरा रही थी और बिजली बंद होने से थोड़ी परेशान थी। अगले ४५ मिनट तक वह बिजली के वापस आने का इंतज़ार करते हुए बस कंप्यूटर के पास बैठी रही।

तभी मुझे अपना अगला बड़ा विचार आया, मैंने अपने मोबाइल से अपने खाते में लॉग इन किया और माँ को यह कहते हुए एक संदेश भेजा कि मेरे बॉस खालिद एक हफ्ते के लिए परसों बॉम्बे आ रहे हैं, हालाँकि उनके पास होटल की व्यवस्था है, मैं चाहूंगा कि वह रहें हमारे घर पर उनका परिवार मुझ पर बहुत मेहरबान रहा है, मुझे आशा है कि जैसे ही मैंने यह संदेश भेजा, मैंने मुज़ैन को फोन किया और उसे यह बताया, वह बहुत उत्साहित लग रहा था।

उन्होंने मुझसे यह भी पूछा कि मेरी मां की प्रतिक्रिया कैसी थी जब उन्होंने कहा कि वह उनकी पत्नी से ज्यादा सुंदर हैं, तो मैंने उनसे कहा कि वह मुस्कुरा रही हैं और बिजली आने का इंतजार कर रही हैं। पापा का बॉस दुबई से आ रहा है और हमारे साथ ही रहेगा, वह इतना बड़ा आदमी है कि वह इस झंझट में नहीं रह सकता। समाचार पर उनकी प्रतिक्रिया मेरे लिए बहुत उत्साहजनक थी। अगले दिन मुज़ैन योजना के अनुसार दोपहर के भोजन के समय हमारे दरवाजे पर पहुंचे। उसने मेरे भाई के लिए एक खिलौना, मेरे लिए एक टी-शर्ट, और मेरी माँ को यह कहते हुए एक बैग सौंप दिया कि मेरे पिताजी ने इसे भेजा है..

मेरी माँ ने उसे थोड़ा आश्चर्य से देखा और कहा कि वह उसे बहुत प्यारा है क्योंकि वह आमतौर पर उपहारों पर पैसे बर्बाद नहीं करता है ‘जो सच था। मुज़ैन तरोताजा हो गया और हम सब दोपहर के भोजन के लिए बैठ गए, दोपहर के भोजन पर माँ ने मुज़ैन से बॉम्बे में उसके काम के बारे में पूछा, और उसने कहा कि उसे कुछ व्यावसायिक बैठक में भाग लेना है, उसने उससे कहा कि उसे किसी काम के लिए चर्चगेट जाना है, लेकिन पता नहीं था चारों ओर का रास्ता। मैंने माँ से कहा कि चिंता मत करो।

मैं खालिद चाचा को रास्ते में छोड़ दूँगा मैंने उनसे पूछा कि उनकी योजना क्या थी, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि यह योजना पिछली बार की तरह विफल हो। उन्होंने मुझे चिंता न करने के लिए कहा जब हम बांद्रा से वापस आए, मेरी माँ ने लाल साड़ी पहनी हुई थी, वह अभी मंदिर से वापस आई थी और बिल्कुल आश्चर्यजनक लग रही थी, यहाँ तक कि मुज़ैन की आँखें भी उस पर आ गईं जब उसने उसे देखा। माँ ने मुस्कुराते हुए हमारा स्वागत किया और रात के खाने के लिए खाना गर्म करने के लिए अंदर चली गईं।

मुज़ैन और मैं बाहर बैठे थे, उसने मेरी तरफ देखा और कहा और मैं अब और इंतजार नहीं कर सकता और मैं अभी उसकी गांड चोदना चाहता हूँ, जब हम आखिरी और अंतिम योजना लेकर आए। इस योजना में थोड़ा सा पैसा शामिल था लेकिन यह सब इसके लायक था। मुज़ैन ने मेरी माँ को बाहर हॉल में बुलाया और कहा कि वह हम सभी को रात के खाने के लिए बाहर ले जाना चाहते हैं। मेरी माँ ने शुरू में विरोध किया लेकिन अंत में मेरे और मुज़ैन के बहुत मना करने के बाद मान गई।

हम अंधेरी के एक आलीशान पांच सितारा होटल में गए, मेरे पिताजी हमें कभी खाने के लिए बाहर नहीं ले गए और यह पहली बार था जब हम किसी फाइव स्टार होटल में जा रहे थे। मेरी माँ और मेरा भाई अपने आस-पास की हर चीज़ से बहुत खुश और अभिभूत थे। वह अंकल का शुक्रिया अदा करती रही। योजना के अगले भाग में मुझे रात के खाने के दौरान बीमार अभिनय करना शामिल था।

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मैंने ऐसा अभिनय किया जैसे मेरे पेट में तेज दर्द हो और मैंने अपनी माँ से कहा कि मैं हिल नहीं सकता। मेरे चाचा ने एक डॉक्टर को बुलाया, जिन्होंने मुझे एक्टिंग देखकर कहा कि मुझे आराम करना चाहिए। तभी मुज़ैन ने सुझाव दिया कि हम रात के लिए होटल में एक कमरा ले लें। मेरी माँ ने शुरुआत में ना कहा, लेकिन मुज़ैन नहीं हिला, उसने कहा कि मैं वास्तव में बीमार हूँ और मुझे आराम करना चाहिए। उन्होंने हम सभी के लिए एक बाथरूम से जुड़े 2 बगल के कमरे बुक किए। मैंने और मेरी माँ ने एक कमरा लिया और मुज़ैन ने दूसरा कमरा लिया। जो कुछ हुआ था उससे मेरी माँ परेशान लग रही थी। यह पहली बार था जब हम इस तरह की स्थिति में थे, किसी अजनबी के पैसे से जी रहे थे।

आधे घंटे के बाद, मेरी माँ ने कहा कि वह मुज़ैन को उनकी मदद के लिए धन्यवाद देंगी। मेरा भाई गहरी नींद में सो रहा था, और मैंने ऐसा अभिनय किया जैसे मुझे भी बहुत नींद आ रही हो। इसलिए वह अकेली उसके कमरे में चली गई। मेरी माँ ने वही लाल साड़ी पहनी थी जो उसने पहले पहनी थी, उसके बाल एक बन में बंधे थे और उसने अपना पढ़ने का चश्मा लगा रखा था जैसे ही वह कमरे से बाहर गई, मैं बाथरूम के अंदर गया और बर्तन पर खड़ा हो गया। मैं निकास पंखे के माध्यम से अंतरिक्ष से दूसरे कमरे को स्पष्ट रूप से देख सकता था। मुज़ैन अपने बिस्तर पर बैठा था, कमर पर सफ़ेद तौलिये और ऊपर सफ़ेद कॉलर रहित टी-शर्ट के साथ एक किताब पढ़ रहा था।

मैं अंदर देखता रहा मैंने उसके कमरे की घंटी की घंटी सुनी, मुझे पता था कि यह माँ है और उसके बारे में सोचने पर मुझे तुरंत मुश्किल हो गई। मुज़ैन ने उठकर दरवाज़ा खोला, माँ को वहाँ देखकर थोड़ा हैरान हुआ, लेकिन उसके चेहरे पर खुशी झलक रही थी, उसने उसके लिए और दरवाजा खोला और उसे अंदर बुलाया, उसने जो पहना था उससे वह थोड़ा हैरान थी लेकिन बाध्य और प्रवेश किया।

वे बाथरूम के पार कमरे में छोटी खाने की मेज पर बैठ गए क्योंकि वे बैठे थे माँ ने कहा कि आप सभी की मदद के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद मुज़ैन। माँ को उसके नाम से पुकारते सुन मैं चौंक गया, धन्यवाद मत करो प्रतिभा, अनिरुद्ध भी मेरे बेटे की तरह है। मुझे आशा है कि आज आपके पास अच्छा समय था ‘मुज़ैन ने कहा। ‘यह आप पर बहुत अच्छा है सर, हाँ, मेरे पास अच्छा समय था लेकिन फिर अनी बीमार हो गई और मुझे चिंता होने लगी, लेकिन अब वह सो रहा है और मैं बेहतर महसूस कर रहा हूँ, धन्यवाद उसने कहा और उस पर मुस्कुराया।

मुज़ैन अपनी कुर्सी से उठा और मेरी माँ की ओर गया और कहा कि कितनी बार मैंने तुमसे कहा है कि मुझे सर न बुलाओ?’ और उसके कंधे को सहलाया। ‘हाहा सॉरी मुज़ैन, वैसे भी देर हो रही है मुझे लगता है कि मुझे मिल जाना चाहिए जा रही हूँ’ माँ ने कहा और अपनी कुर्सी से भी उठ जाओ। उसने उसका हाथ पकड़ कर कहा, ‘इतनी जल्दी? अगर आप चाहें तो मैं आपको बेहतर महसूस करा सकता हूं’।

मॉम उनकी बोल्डनेस से थोड़ी हैरान नजर आईं लेकिन अच्छा कहकर रिएक्ट किया? मुझे सुबह 1 बजे बेहतर महसूस कराएं? बिल्कुल कैसे?’ मैं अपनी माँ की यह प्रतिक्रिया सुनकर हैरान रह गया, लेकिन आगे जो हुआ उसने मुझे और भी हैरान कर दिया। मुज़ैन ने उसका हाथ पकड़ कर अपने तौलिये के ऊपर उभार पर रख दिया और कहा कि ऐसे ही है। माँ ने तुरंत अपना हाथ पीछे खींच लिया और एक मिनट के लिए दंग रह गयी, फिर उसने मुज़ैन की ओर देखा और उस पर चिल्लाने और चिल्लाने के बजाय मेरे पूर्ण अविश्वास की ओर देखा, लेकिन, यह गलत है। हम दोनों शादीशुदा हैं, आप मेरे पति के बॉस हैं और मेरे बच्चे वास्तव में आपका सम्मान करते हैं।

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भाभी और ननद की सेक्सी चुदाई https://sexstories.one/bhabhi-aur-nanad-ki-jordar-chodayi/ Fri, 03 Sep 2021 09:30:04 +0000 https://sexstories.one/?p=4223 मेरी उम्र छब्बीस साल है और मैं सरकारी दफ़्तर में ऑडिटिंग ऑफिसर हूँ और हमारे दफ़्तर की शाखायें पूरे देश में हैं और अक्सर मुझे काम के सिलसिले में दूसरे शहरों की शाखा*ओं में कुछ ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरी उम्र छब्बीस साल है और मैं सरकारी दफ़्तर में ऑडिटिंग ऑफिसर हूँ और हमारे दफ़्तर की शाखायें पूरे देश में हैं और अक्सर मुझे काम के सिलसिले में दूसरे शहरों की शाखा*ओं में कुछ महीनों के लिये जाना पड़ता है। मैं शादीशुदा नहीं हूँ इसलिये मुझे इसमें को*ई दिक्कत नहीं होती है। अपनी पिछली कहानी में जैसे कि मैंने आपको बताया था कि कैसे लखन*ऊ पोस्टिंग के दौरान मैंने अपनी सहकर्मी रूबिना को चोदा।

इस बार दफ़्तर के काम से मेरी पोस्टिंग चंडीगढ़ हुई थी। वहाँ मैंने अपने सह-कर्मचारी की मदद से एक जगह पेइंग-गेस्ट के तौर पे कमरा किराये पर ले लिया। उस मकान में मकान मालिक रशीद अहमद थे जो कि चालीस वर्षीय थे और सेना में मेजर थे। फिलहाल वो एक महीने के लिये छुट्टी पर आये थे। उनकी बीवी नज़ीला करीब पैंतीस के ऊपर थीं और स्कूल में टीचर थीं। नज़ीला भाभी का जिस्म काफी मस्त और सुडौल था। उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ और गोल-गोल चूतड़ थे। जब वो ऊँची हील के सैंडल पहन कर गाँड मटका कर चलती थी तो उन्हें देख कर किसी का भी लंड अपने आप खड़ा हो जाता था।

उनकी कोई औलाद नहीं थी। रशीद जी और नज़ीला भाभी दोनों बहुत मिलनसार थे और खुले विचारों वाले थे। मियाँ-बीवी में खूब जमती थी। वो लोग मुझसे घर के सदस्य की तरह ही बर्ताव करते थे, कभी मुझे पराया नहीं समझते थे। जब तक रशीद जी की छुट्टी रही हम दोनों हर शुक्रवार और शनिवार को जम कर पीते थे और नज़ीला भाभी भी हमारा साथ देती थी। उस वक्त उनकी अदा काफी सैक्सी और अलग लगती थी।

एक बार रशीद जी और नज़ीला भाभी सुबह सो रहे थे। मैंने नहा-धोकर सोचा की काम वाली नौकरानी तो आयी नहीं है और नज़ीला भाभी भी अभी उठी नहीं है तो चाय कौन पिलायेगा। इसलिये मैं खुद ही रसोई में केवल टॉवल लपेट कर चाय बनाने चला गया। जब चाय बन कर तैयार हो गयी तो देखा नज़ीला भाभी रसोई में खड़ी-खड़ी मुझे देख रही थी।

Antarvasna sex kahani – तमन्ना कॉलेज की

वो बोली, “दीनू! मुझे उठा लिया होता तो मैं ही चाय बना देती।”

मैंने कहा, “आप लोगों की नींद खराब ना हो इसलिये मैंने आप को नहीं जगाया और सोचा जब चाय बन जायेगी तो आप लोगों को जगा दुँगा।”

इतने में वो मेरे पास आकर खड़ी हो गयी। तब मैं चाय को छलनी से छान रहा था कि पता नहीं कैसे मेरा टॉवल खुल कर नीचे गिरा और मैं बिल्कुल नंगा हो गया क्योंकि अंदर कुछ भी नहीं पहना था। मुझे नंगा देख कर वो अवाक रह गयी और सिर झुका कर खड़ी हो गयी। मैंने तुरंत चाय का बर्तन नीचे रखा और टॉवल उठा कर लपेट लिया। जब तक मैंने नंगे जिस्म को टॉवल में कैद नहीं किया वो तिरछी नज़र से मेरे मोटे और लंबे लौड़े को घूर रही थी।

मैंने कहा, “सॉरी भाभी!”

वो बोली, “कोई बात नहीं… तुमने जानबूझ कर तो नहीं किया… ये सब अचानक हो गया!”

फिर वो चाय की ट्रे लेकर अपने कमरे में चली गयी। मैं भी तैयार होकर दफ़्तर चला गया। शाम को जब सात बजे घर आया तो साथ में व्हिस्की लेकर आया क्योंकि शुक्रवार था और शनिवार और रविवार को मेरी छुट्टी रहती है।

घर आकर फ्रैश होके करीब पौने-नौ बजे रशीद जी और मैं पीने बैठे। अभी हमारा एक पैग भी खतम नहीं हुआ था की रशीद जी ने नज़ीला भाभी को बुलाया और कहा, “डार्लिंग तुम भी आ जाओ और हमें कंपनी दो।”

नज़ीला भाभी भी एक ग्लास लेकर आयी और पैग बना कर रशीद जी के बगल में बैठ कर पीने लगी। मैं और रशीद जी बरमुडा और टी-शर्ट पहने हुए थे और नज़ीला भाभी ने पारदर्शी नाइटी पहनी थी जिस में से उनकी काली रंग की ब्रा और पैंटी साफ़ दिख रही थी। दो पैग पीते ही हम तीनों को थोड़ा-थोड़ा नशा होने लगा।

अपना जाम उठा कर पीते हुए रशीद जी बोले, “यार दीनू! मेरी छुट्टी तो खतम हो रही है, और मंडे की सुबह मुझे आसाम के लिये रवाना होना है। अब मैं छः महीने बाद आऊँगा… तुम घर का और नज़ीला का खयाल रखना।”
मैंने कहा, “डोंट वरी मेजर साहब! ऑय विल टेक केयर! मैं भी यहाँ करीब छः महीने के लिये ही हूँ!”

वो बोले, “यार अब दो दिन बचे हैं… जम कर मौज करेंगे!”

फिर उन्होंने नज़ीला भाभी के कंधे पर हाथ रख दिया। हम सब बातों में मशगूल थे की अचानक मेरी नज़र नज़ीला भाभी पर पड़ी। मैंने देखा कि रशीद जी जाम पीते-पीते नज़ीला भाभी की बायीं चूची को दबा रहे थे। ये देख कर मेरा लंड अपनी हर्कत में आ गया लेकिन मैं अंजान बना रहा।

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फिर भी मेरी नज़र बार-बार नज़ीला भाभी की चूचियों पर जा रही थी। जब मेरी और नज़ीला भाभी की नज़र चार हुई तो वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी।

खैर पीने का प्रोग्राम खतम करके हम लोगों ने खाना खाया और अपने कमरों में सोने के लिये चले गये। मुझे नींद नहीं आ रही थी। करीब साढ़े-बारह बजे मैं उठ कर पेशाब करने गया और वापस आते हुए देखा कि रशीद जी के कमरे की लाईट जल रही थी। मेरे मन में जिज्ञासा हुई कि खिड़की से झाँक कर देखूँ कि वो क्या कर रहे हैं। मैंने खिड़की से झाँख कर देखा तो वो दोनों बिल्कुल नंगे थे और रशीद जी नज़ीला भाभी की चूत चटाई कर रहे थे। नज़ीला भाभी उनका सिर पकड़ कर उनका चेहरा अपनी चूत में दबा रही थी।

तभी नज़ीला भाभी बोली, “डार्लिंग मैंने दीनू का लंड देखा है… उसका लंड बहुत मोटा और लंबा है!”

रशीद जी बोले, “जानू! क्या तुम उसके लंड से चुदवाना चाहती हो?”

वो बोली, “डार्लिंग! क्यों नहीं? जबसे पिछला पेईंग-गेस्ट छोड़ कर तंज़ानिया वापस गया है तबसे कोई नया लंड नहीं लिया… दीनू का लंड तो उस नीग्रो से भी ज्यादा मोटा और लंबा है… उसे सिड्यूस करके उसके लंड से ज़रूर चुदवाऊँगी!”
रशीद जी बोले, “तुम बाज़ नहीं आओगी डार्लिंग! उस नीग्रो लड़के के साथ भी खूब ऐश करी थी तुमने… चलो ऑल द बेस्ट!”

फिर रशीद जी उठ कर उनकी चूत में लंड डाल कर फचाफच चोदने लगे। उनकी ये बातें सुन कर मैं हैरान हो गया और जब उनकी चुदाई खतम हुई तो मैं अपने कमरे में आकर सो गया लेकिन मेरे दिमाग में बार-बार उनकी बातें और चुदाई का खयाल घूम रहा था।

खैर सुबह करीब दस बजे मैं उठा और नहा धोकर जब नाश्ता करने लगा तो देखा रशीद जी घर पर नहीं थे। मैंने नज़ीला भाभी से पूछा, “भाभी! मेजर सहाब कहाँ हैं?”

नज़ीला भाभी बोली, “अपने दोस्त के घर गये है और दोपहर को करीब एक बजे आयेंगे।”

जब मैं नाश्ता कर रहा था तो देखा नज़ीला भाभी की नज़र बार-बार मेरे बरमूडे पर जा रही थी। जब हमारी नज़र चार हुई तो मैंने नज़ीला भाभी से पूछा, “भाभी क्या देख रही हो?”

नज़ीला भाभी बोली, “दीनू जब से मैंने तुम्हारा देखा है मैं हैरान हूँ… क्योंकि ऐसा मैंने आज तक किसी का ही देखा!”

मैं बोला, “क्या नहीं देखा भाभी?”

वो बोली, “दीनू ज्यादा अंजान मत बनो… कल जब तुम्हारा टॉवल गिरा तो मैंने तुम्हारी कमर के नीचे का हिस्सा नंगा देखा और दोनों टाँगों के बीच जो वो लटक रहा था… उसे देख कर मैं हैरत-अंगेज़ हूँ।”

नज़ीला भाभी की ये बातें सुन कर मैं उत्तेजित हो गया और हिम्मत कर के अपना लंड बरमूडे से निकाल कर उन्हें दिखाते हुए बोला, “नज़ीला भाभी… आप इसकी बत कर रही हो?”

वो बोली, “हाँ.. बिल्कुल इसी की बात कर रही हूँ!”

मैं बोला, “कल तो आपने दूर से देखा था… आज करीब से देख लो!” और उनका हाथ पकड़ कर अपना लंड उसके हाथ में दे दिया।

नज़ीला भाभी मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर बोली, “हाय अल्लाह! कितना मोटा और लंबा है!” और लंड की चमड़ी को पीछे करके सुपाड़े पर एक चुम्मा दे दिया।

फिर मैंने कहा, “नज़ीला भाभी अब आपकी भी तो दिखा दो!” तो वो मेरे लंड को बरमूडे में डाल कर बोली, “दीनू आज नहीं! मेजर साहब के जाने के बाद दिखा दुँगी।”

फिर हम दोनों उठ कर खड़े हो गये। वो अपने काम में लग गयी और मैं टीवी देखने लगा। रविवार रात तक हम तीनों ने खूब जाम कर शराब पी और सोमवार की सुबह रशीद जी टैक्सी लेकर रेलवे स्टेशन चले गये। मैं उठा तो सुबह के करीब सात बज रहे थे। नज़ीला भाभी भी स्कूल जाने के लिये तैयार हो चुकी थी। मैंने नज़ीला भाभी से कहा, “भाभी! अब तो मेजर सहाब चले गये… अब तो आपकी दिखा दो!”

नज़ीला भाभी ने अदा से मुस्कुराते हुए तुरंत अपनी सलवार नीचे खिसका कर अपनी चूत दिखा दी। उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, लगता है की हेयर रिमूवर से नियमित अपनी चूत साफ करती थी। मैं उनकी चूत पर हाथ रख कर थोड़ी देर सहलाया और फिर उनकी चूत पर चुम्मा लिया।

वो बोली, “अब बस दीनू! रात को और दिखा दुँगी। अभी स्कूल के लिये लेट हो रहा है!” फिर वो स्कूल चली गयी और उसके बाद मैं भी नहाकर दफ़्तर चला गया। दफ़्तर में मेरा मन नहीं लग रहा था और शाम होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था।

शाम को जब घर पहुँचा तो नज़ीला भाभी को देखकर बस देखता ही रह गया। उन्होंने घुटनों तक की छोटी सी मैरून रंग की नाइटी पहनी हुई थी। उनकी नाइटी इतनी पारदर्शी थी कि काली ब्रा और पैंटी में उनका पूरा हुस्न मेरी आँखों के सामने नंगा था। साथ में काले रंग के ही ऊँची हील वाले सैंडल पहने हुए थे जो उनके सैक्सी फिगर में चार चाँद लगा रहे थे। खुली ज़ुल्फें और मैरून लिपस्टिक लगे होंठों पर कातिलाना मुस्कुराहट कयामत ढा रही थी। मैंने नज़ीला भाभी को बाँहों में लेना चाहा तो वो बोली, “इतनी भी क्या बेसब्री है… पहले फ्रेश तो हो जाओ… मैं कहीं भगी तो नहीं जा रही हूँ… फिर जी भर के मेरे हुस्न का जाम पीना!”

फिर मैं बाथरूम में जा कर नहाया और बरमूडा और टी-शर्ट पहन कर बाहर आया तो कमरे में रोमैन्टिक संगीत बज रहा था और नज़ीला भाभी हम दोनों के लिये पैग बना रही थी। हम दोनों बैठ कर शराब पीने लगे और बातें करने लगे। नज़ीला भाभी के होंठों पर वही शरारती मुस्कुराहट थी।

नज़ीला भाभी मुझे छेड़ते हुए बोली, “तो जनाब और कितनों के हुस्न का मज़ा ले चुके हैं!”

“आप से झूठ नहीं बोलुँगा भाभी… मैंने कईयों के साथ ऐश की है…!” मैं बोला।

“सुभान अल्लाह! दिखते तो बड़े सीधे हो!” नज़ीला भाभी आँखें नचाते हुए बोली।

“वैसे भाभी कम तो आप भी नहीं हो… क्यों सही कह रहा हूँ ना?”मैंने भी वापस उन्हें छेड़ा।

“तुम्हें कैसे पता?” नज़ीला भाभी आँख मारते हुए बोली।

“बस ऐसे ही अंदाज़ा लगा लिया… बताओ ना भाभी सच है कि नहीं?”मैं ज़ोर देते हुए बोला।

हम दोनों इसी तरह शराब पीते हुए बातें करते रहे। नज़ीला भाभी ने बताया कि वो बेहद चुदासी हैं और ज़िंदगी में पचासियों लौड़े अपनी चूत में ले चुकी हैं। पेईंग-गेस्ट भी इसी मक्सद से रखती हैं ताकि मेजर-साहब की गैर-हाज़री में भी उनकी चूत प्यासी ना रहे। बातें करते-करते हमने काफी शराब पी ली थी और नज़ीला भाभी की तो आवाज़ भी बहकने लगी थी।

फिर वो बोली, “दीनू अपने कमरे में चलो… मैं भी दो मिनट में आती हूँ!”

मैंने पहले बाथरूम में जा कर पेशाब किया और फिर अपने कमरे में चला गया। नज़ीला भाभी भी नशे में झुमती हुई मेरे कमरे में आयी और आते ही अपनी नाइटी उतार कर कर बोली, “दीनू देख लो दिल भर कर मेरा शबाब!”
नज़ीला भाभी अब काली ब्रा-पैंटी और हाई हील के सैंडल पहने हुस्न की परी की तरह मेरे सामने खड़ी थीं। मैंने उन्हें अपनी बाँहों में भरते हुए कहा, “सिर्फ देखने से दिल नहीं भरेगा भाभी!”
“तो फिर कैसे…?”वो शरारती अंदज़ में बोली।

“अब तो आपके हुस्न की झील में डूब के ही करार मिलेगा!” कहते हुए मैं अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। फिर मैंने उनकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और उन्हें बेड पर लिटा कर उनकी गीली चूत को चाटने लगा और वो भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी। जब मेरा लंड चुदाई के लिये तैयार हो गया तो मैं नज़िला भाभी टाँगें फैला कर लंड के सुपाड़े को उनकी चूत पर रगड़ने लगा।

मेरे लंड की रगड़न से वो उतेजित हो कर मुँह से सिसकरी भरने लगी और कुछ ही देर में उनका जिस्म अकड़ने लगा और वो पहले चूत चटाई से अब लौड़े की रगड़न से झड़ गयी। फिर मैंने अपने सुपाड़े पर थूक लगा कर नज़िला भाभी की चूत पर रख कर एक कस के धक्का मरा तो आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में घुस गया। लंड घुसते ही उनके मुँह से “ऊऊऊईईईई ऊफ़फ़फ़” सिसकरियाँ निकलने लगी और वो लंबी-लंबी साँसें लेने लगी। नज़ीला भाभी सिसकते हुए बोली, “दीनू ऐसे ही डाले रहो कुछ करना नहीं!”

मैं कुछ देर तक बिना हिले-डुले आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में फसाये पड़ा रहा और उनकी दोनों चूचियों को अंगूठे और उंगली के बीच पकड़ कर मसलता रहा। कुछ ही देर में वो ज़रा नॉर्मल हुई तो मैंने कमर उठा कर थोड़ा लंड चूत से बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड पूरा का पूरा उनकी चूत की गहरायी में घुस कर उनकी बच्चेदानी पर छू गया।

नज़ीला भाभी फिर चिल्ला पड़ीं, “ऊऊऊऊईईईई अल्लाहहऽऽऽ मार डाला रे तेरे ज़ालिम लंड ने… प्लीज़ दीनू… हिलना डुलना नहीं!”

मैं ऐसे ही लंड डाले पड़ा रहा। मेरे लंड पर उनकी चूत की दिवारें कस कर जकड़ी हुई थी। जब वो फिर नॉर्मल हुई तो मैं धीरे-धीरे अपना लंड नज़ीला भाभी की चूत के अंदर-बाहर करने लगा। जब मेरा लंड उनकी चूत के दाने को रगड़ता हुआ अंदर-बाहर होने लगा तो नज़ीला भाभी को भी जोश आ गया और बोली, “दीनू मॉय डार्लिंग! कीप फकिंग हार्ड… बेहद मज़ा आ रहा है! आआआहहह आआआईईई!”

फिर उन्होंने अपनी टाँगें और फ़ैला दीं और मेरी कमर पर कस दीं।

नज़ीला भाभी की सिसकारियों से मुझे भी जोश आ गया और मैं तेजी के साथ कस-कस कर चुदाई करते हुए लंड को अंदर-बाहर करने लगा। कुछ ही देर में उनकी चूत की सिकुड़न मुझे अपने लंड पर महसूस हुई। मैं समझ गया की वो झड़ रही थी लेकिन मैंने अपनी स्पीड नहीं रोकी बल्कि और बढ़ा दी। नज़िला भाभी की चूत गीली होने से अब मेरा लौड़ा आसानी से ‘पुच-पुच’ की आवाजें करता हुआ अंदर-बाहर हो रहा था और पूरे कमरे में चुदाई की आवाजें गूँजने लगी।

उनके झड़ने के बाद मैं करीब पंद्रह -मिनट तक चोदता रहा। फिर मेरा लंड भी नज़ीला भाभी की चूत में झड़ गया। लंड का पानी जब पूरा उनकी चूत में गिर गया तो मैंने लंड को बाहर निकाला।उनकी चूत खुल कर अंदर की गहरायी दिखा रही थी। हम दोनों जोर-जोर से साँसें ले रहे थे। फिर हम दोनों लिपट कर सो गये।

करीब तीन बजे मेरी आँख खुली तो नज़ीला भाभी सिर्फ सैंडल पहने बिल्कुल नंगी मुझसे लिपटी हुई सो रही थीं।

मैंने फिर से उनकी चुदाई की और सुबह भी दफ़्तर जाने से पहले उनकी चुदाई की।

अब तो ये रोज़ का सिलसिला हो गया। हम रोज रात को शराब के एक-दो पैग पी कर चुदाई करने लगे। नज़ीला भाभी तो मेरे लंड पर फ़िदा हो चुकी थीऔर वो बेहद चुदासी थीं। हर वक्त चुदाई के मूड में रहती थीं। हम दोनों हर रात एक ही बिस्तर पर नंगे सोते और अलग-अलग तरह से चुदाई करते। कईं बार तो स्कूल के लिये निकलने वाली होती तो जाते-जाते भी अपनी सलवार और पैंटी नीचे खिसका कर झटपट चोदने को कहतीं।हर दूसरे दीन मैं उनकी गाँड भी मारता था। जब भी हम दोनों में से किसी को चुदाई का मन होता, घर के किसी भी हिस्से जैसे कि किचन, बाथरूम, ड्राइंग रूम में कहीं भी चुदाई शुरू हो जाती।

शुक्रवार और शनिवार को तो हम जम कर शराब पीते और नशे में धुत्त होकर खूब चुदाई करते।

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साक्षी को चोदा https://sexstories.one/sakhsi-ko-choda/ Tue, 17 Aug 2021 03:25:02 +0000 https://sexstories.one/?p=3038 हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब लोग मैं योगेश, नैनीताल से आप सभी का स्वागत करता हूं वासना के इस दरिया में।अभी मेरी उम्र 24 साल है हाईट 5.8, लंड का साइज 7 इंच है। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब लोग मैं योगेश, नैनीताल से आप सभी का स्वागत करता हूं वासना के इस दरिया में।अभी मेरी उम्र 24 साल है हाईट 5.8, लंड का साइज 7 इंच है।
बात सितंबर 2018 की है जब ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद मैंने मुखर्जी नगर में रहकर बैंक की कोचिंग करने की सोची, मेरा एक दोस्त मुखर्जी नगर में रहकर कोचिंग कर रहा था तो मैंने उसके साथ रहने का मन बनाया और चल पड़ा दिल्ली को।

मुखर्जी नगर ऐसा स्थान है जहां जवान चूतो और लंड की भीड़ रहती है। मैंने डी के क्लासेस का नाम सुना था तो सोचा यहां जाकर देखता हूं। पहले दिन जब मैं डेमो लेने जा रहा था तो मुझे गेट पर वह दिखी साक्षी माहेश्वरी नाम था उसका हाइट 5 फुट 2 इंच रंग सांवला और फिगर 34 28 36 सीधे कहूं तो चोदने लायक टंच माल। हम दोनों ने एक दूसरे को देखा नजरों से नजरें मिली और सेकंड फ्लोर की तरफ चढ़े।

2 3 दिन डेमो क्लास लेने पर स्टाफ फीस सबमिट करने के लिए बोलने लगा और इत्तेफाक से फीस भरने जब मैं ऑफिस गया तो वह भी उसी समय वहीं फीस भरने के लिए बैठी थी। अब हम दोनों अगल-बगल में बैठकर अपनी डीटेल्स बता रहे थे और मैं उसके डिटेल को बड़े ध्यान से सुन रहा था जो कि बाद में मेरे काम आई।

एक-दो दिन में टीचर्स ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए बोला उस ग्रुप में हमारे बैच के सभी स्टूडेंट के नंबर थे मेरी हीरोइन का भी। वैसे ग्रुप बनाया तो डाउट दूर करने के लिए था पर सबको पता होगा की तैयारी करने वाले बच्चे कितने बकचोद होते हैं। खैर कोचिंग सही चल रहा था मैं उसे देखता वो मुझे देखती पर समझ नहीं आ रहा था बात शुरू कैसे हो। इसी दौरान मेरा एक दोस्त बना जो यूपी का था और था एक नम्बर का लोंडियाबाज बकचोद लडका।

शाम को कोचिंग से आते टाइम उसने मुझे एक आईडिया दिया बोला यह नंबर उस लड़की का हो सकता है( लग तो मुझे भी यही रहा था ) जब भी ये ग्रुप में मैसेज करें तो तू इसे पर्सनल मैसेज करके पूछना आप कौन हो आइडिया अच्छा था मैं थोड़ा अन्तर्मुखी हूं तो यह कभी सोचा नहीं।

रात को ग्रुप में बोलचाल हुई तो मैंने उस नंबर पर मैसेज किया और पूछा तुम्हारा नाम क्या है ? तो उसका जवाब आया Eye Witness ( मतलब साक्षी या गवाह ) रिप्लाई देखकर मेरी धड़कन तेज हो गई मुझे 2 मिनट लगे उसके रिप्लाई को समझने में पर मजा आया की लड़की बकचोद है जल्दी दे सकती है। मेरी प्रोफाइल मैं योगेश नाम लिखा था जिससे वह मुझे पहचान गई पर उसके नंबर में इमोजी बने थे जिस वजह से मैं श्योर नहीं था अभी तक।

और यहीं से हमारी बातें शुरू हो गई मैंने उसे बताया कि हम दोनों ने एक साथ फीस जमा करी थी पर उसे ध्यान नहीं था पर मैं बोला कि मुझे तो आपके पापा का नाम तक याद है उसने पूछा बताओ तो तो मैंने मैसेज किया “दया दरवाजा तोड़ दो” ( क्योंकि उसके पिता का नाम प्रदुमन था जो की CID show का कैरेक्टर भी है ) इस बात पर उसने हंसने वाले इमोजी भेजें फिर बात चलती रही हमने कौन कहां से है क्या पढ़ाई करी क्या पढ़ना पसंद-नापसंद है यह सब बातें शेयर करी और हमारी रोज थोड़ी थोड़ी चैटिंग होने लगी हमने इंस्टाग्राम पर एक दूसरे को फॉलो भी किया अब हम एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन चुके थे।

फिर नवंबर शुरू हुआ और दिवाली आने वाली थी उसे टिकट बुक करने में प्रॉब्लम हो रही थी तो मैंने बोला मैं कर देता हूं और जैसे तैसे मैंने दिल्ली से लखनऊ की ट्रेन का टिकट कंफर्म कर दिया और यह जानकर वह बहुत खुश हुई। दिवाली भी चली गई पर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इस पटाखे को कैसे बजाऊं।

जैसे जैसे समय बढ़ता जा रहा था हमारी नज़दीकियां भी बढ़ती जा रही थी हम एक दूसरे के साथ डबल मीनिंग बातें व नॉनवेज मीमस(meme) भी शेयर करने लगे फिर एक समय आया जब मैं ग्रुप स्टडी के लिए उसके रूम पर जाने लगा।

यह दिसंबर का महीना था और ठंडी पड़ रही थी एक शाम हम दोनों पढ़ रहे थे हमने एक ब्लैंकेट उड़ा था जो हमारे घुटनों तक था कभी-कभी उसके और मेरे पैर आपस में टच हो रहे थे आज उसके हाव-भाव कुछ बदले से थे। आज माहौल कुछ रोमांटिक सा था। उसने रेड कलर की एक स्वेटर पहनी थी जिसका गला काफी डीप था।

फिर वह मैं मैगी बनाती हूं बोलकर किचन में चली गई मुझे टॉयलेट आई और मैं वॉशरूम की तरफ चला मैं पहले भी उसका वॉशरूम यूज कर चुका था पर आज कुछ अलग था आज वाह लाल रंग की ब्रा लटक रही थी और एक मादक सी खुशबू थी। मैंने ब्रा पकड़ कर देखा तो उसमें 86cm(34 inch) लिखा था उसे छूते ही मेरा लंड खड़ा हो गया मैंने ब्रा को अपने लंड में लपेटा और हिलाने लगा लंड मानो फटने को तैयार।

अब मैं उससे उसी टाइम पटक कर चोदना चाह रहा था मैं ब्रा वेसे ही लटका कर वापिस रूम में आ गया पर मुझे यह बात कुछ खटकी शायद उससे भी अब नहीं रहा जा रहा था पर साली चाहती थी की पहल में करूं। मेरा लौड़ा अभी भी कडक था और लोअर में तंबू बना रहा था तो मैंने कम्बल पूरा कमर तक ढक लिया। इतने में वह दो प्लेट मेगी लेकर आई…

अब मैंने उससे कुछ पर्सनल बातें जैसे कि तुमने बॉयफ्रेंड को कभी किस किया है बातें करने लगा वह भी खुलने लगी क्योंकि ऐसी बातें करना हमारे लिए आम था।अचानक उसने मुझसे पूछ लिया यह ब्लैंकेट क्यों ओड़ा है इतनी सर्दी लग रही है क्या और यह बोलकर उसने ब्लैंकेट खींच लिया और मेरी लोअर में बड़ा सा तंबू बना हुआ देखा और शर्माने लगी फिर बोली यह खड़ा क्यों है मैंने बोला आज तुम्हें देखकर कुछ हो रहा है और उसकी आंखों में चमक आ गई जैसे कोई खजाना मिल गया हो…

मैंने पूछा क्या कभी अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया है उसने हां बोला फिर एक तो सेकंड चुप रहने के बाद वह बोली पर मजा नहीं आता उसका बहुत छोटा है इसी पर मैंने उससे पूछा तो उसके साथ क्यों हो वह बोली की लोकेश(उसका bf)मुझे बहुत प्यार करता है और मैं उसी से शादी करूंगी फिर वह चुप हो गई अब मैं बहुत गर्म हो गया था हम दोनों अगल-बगल में ही बैठे थे उसकी नजर मेरे तंबू पर थी और आंखों में एक अलग सी चुदासी जैसे मानो कह रही हो आओ मुझे खा जाओ मुझसे रहा नहीं गया..

मैंने अपना एक हाथ आराम से उसकी जांघ पर रखा और धीरे से पूछा तो कैसे बुझाती हो अपने प्यास को हम दोनों की आंखों में वासना डोल रही थी दोनों के चेहरे लाल थे बस कौन पहल करें इस बात का इंतजार था तो वह बोली कि लखनऊ मैं उसके और भी दोस्त हैं जो उसे खुश करते हैं पर दिल्ली मैं ऐसा कोई मिला नहीं उसके इतना बोलते ही मैंने सीधे अपने होंठ उसके होठों से मिला दिए और उसे कसकर पकड़ लिया…

उसने बिना किसी प्रतिरोध के मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया हम दोनों ही पागल हो रहे थे फिर मैं बोला अब तुम्हें किसी की जरूरत नहीं होगी और एक दूसरे को जल्दी से जल्दी नंगा कर रहे थे कपड़े उतरने के बाद हम दोनों ने अपना होश हवास खो दिया और एक दूसरे के शरीर पर टूट पड़े मानो एक दूसरे को खा ही जाएंगे मैं अचंभित था की इतनी शांत दिखने वाली लड़की के अंदर वासना का ऐसा तूफान भी हो सकता है फिर मैंने उसके 34 इंच के बड़े-बड़े चूचक को मचलना शुरू किया और उसने कहराना शुरू किया वह मेरा लौड़ा देख कर पागल हुए जा रही थी शायद उसने इतना बड़ा पहली बार देखा था फिर वह बोली जल्दी से डाल दो अपने इस मोटे लंड को मेरी चूत में बहुत टाइम से प्यासी हूं..

मैंने जल्दबाजी ना करते हुएं पहले उसकी गर्दन और चूचियो को खूब चूसा व चाटा उसकी छोटी सी चूत को उंगलियों से टटोला और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए क्या बताऊं क्या मीठी चूत थी उसकी यार मजा ही आ गया और चूसने मैं तो उसका कोई जवाब नहीं था जैसे प्रोफेशनल हो फिर हम दोनों से रहा नहीं गया और मैंने दरिया में डुबकी लगा दी चूत में लंड डाल दिया उसने काफी टाइम से सेक्स नहीं किया था तो उसे शुरू में थोड़ा दर्द हुआ वह बोली आराम से कर बहनचोद…

मैं उसके मुंह से गाली सुन कर और ज्यादा उत्तेजित हो रहा था फिर मुझे कुछ नहीं सूझा और मैं ताबड़तोड़ झटके मारने लगा वह भी पागलों की तरह चिल्लाने लगी हां मजा आ रहा है आअअअअहा अअअहा आहहहह कुछ देर तक झटके मारने के बाद हमने पोजीशन चेंज की और डॉगी स्टाइल मैं आ गए। उसे कुतिया बनाकर पीछे से चूत मारने मैं बड़ा मजा आ रहा था उसकी बड़ी सी गांड़ को मैं कभी नहीं भूल सकता..

मैंने उसकी गांड़ पर चपेट लगा कर लाल कर दी थी जो मुझे और ज्यादा पागल बना रही थी।हम दोनों ने ही काफी टाइम से सेक्स नहीं किया था तो हमने काफी देर तक अलग-अलग पोजीशन में सेक्स किया कभी वह मेरे ऊपर कभी मैं उसके ऊपर उसने इतना बड़ा लौड़ा पहले कभी नहीं लिया था वह तो मानो भांग के नशें मैं सुन पडी हो बस अआआआहहह ऊऊहहहह की आवाजें निकाल रही थी। काफी देर तक चुदाई के बाद हम दोनों की वासना शांत हुई और हम वैसे ही निढाल हो कर सो गए।

और जब तक कोचिंग पूरी नहीं हुई तब तक हमारा जब मन करता हम चुदाई करते।

कहानी कैसी लगी मेल या इंस्टाग्राम पर मैसेज करके जरूर बताएं ताकि मुझे आगे कहानी लिखने का प्रोत्साहन मिले जिसमें कैसे मैंने एक कपल के साथ थ्रीसम किया यह लिखूंगा।

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रंडी बहन की सामूहिक चुदाई https://sexstories.one/randi-bahan-ki-samuhik-chudai/ Wed, 21 Jul 2021 03:25:53 +0000 https://sexstories.one/?p=3960 हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राजीव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. में एक सीधा साधा सा दिखने वाला लड़का हूँ.. मुझे सेक्स का बहुत शौक है और में जब भी अपनी सभी कामों ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राजीव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. में एक सीधा साधा सा दिखने वाला लड़का हूँ.. मुझे सेक्स का बहुत शौक है और में जब भी अपनी सभी कामों से फ्री होता हूँ तो में वेबसाईट पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ.. जिसको में आप सभी को सुनाने की बहुत समय से सोच रहा था.. लेकिन मुझे अब लिखने का समय मिला और अब में थोड़ा अपने परिवार का परिचय आप सभी से करा देता हूँ.

दोस्तों मेरे घर में मेरी मम्मी में और मेरी बड़ी दीदी रहती है.. मेरी उम्र 22 साल है और मेरी दीदी की उम्र 26 साल है. में एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और काम के लिए सुबह जल्दी घर से निकल जाता हूँ.. मेरा पापा का अपना एक बिजनेस है और अब कुछ समय पहले पापा की म्रत्यु होने के बाद में खुद उसे चला रहा हूँ. तो में हर सुबह घर से 9 बजे निकल जाता हूँ और घर पर 11 बजे तक आ जाता हूँ और मेरी मम्मी की बहन (मतलब मेरी मौसी) हमसे एक घंटे की दूरी पर रहती है.

तो घर पर अकेले होने के कारण मम्मी ज़्यादातर मौसी के घर चली जाती है.. लेकिन मेरी बहन घर पर पूरा दिन एकदम अकेली रहती है. मेरी बहन का नाम सलोनी है और वो थोड़ा सावले रंग की है.. लेकिन उसकी कमर, फिगर बहुत मस्त है और वो एक बहुत सुंदर दिखने वाली लड़की है. उसके पीछे बहुत लड़के पड़ते है और वो भी उन लड़कों से मोबाइल पर घंटों बात करती रहती है.. लेकिन मैंने कभी भी उनसे उस बारें में कुछ नहीं कहा.

एक दिन में सुबह उठकर अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हुआ और फिर मम्मी ने कहा कि आज वो अपनी बहन के घर पर जाएगी और में तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल पड़ा. तो मैंने वहां पर पहुंच कर देखा कि ऑफीस में कुछ ज़्यादा काम नहीं था इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना आज में घर जल्दी चला जाऊँ और कोई अच्छी फिल्म देख लूँ. तो में जल्दी घर के लिए निकल पड़ा और घर के दरवाजे की एक चाबी मेरे पास भी थी.

तो में घर पर आया और वो दोपहर का टाईम था.. तो मैंने सोचा कि शायद दीदी सो रही होगी में उसे नींद से उठाकर परेशान नहीं करूँगा और फिर मैंने धीरे से दरवाजा खोला और घर के अंदर घुसते ही मुझे कुछ अजीब आवाजें आने लगी.. तो मैंने सोचा कि शायद दीदी बेडरूम में टीवी देख रही होगी और हो सकता है कि यह उसी की आवाज हो?

मैंने उस आवाज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और में अपने कमरे में पहुंचकर कपड़े बदले लगा और फिर में कपड़े बदल कर अचानक से अपनी दीदी के बेडरूम में चला गया.. लेकिन दीदी के बेडरूम का वो नज़ारा देखकर मेरी आखें खुली की खुली रह गयी. मैंने वहां पर देखा कि मेरी दीदी अपने बेड पर पड़ी हुई है और उन्होंने अपने दोनों पैरों को फैलाया हुआ है और वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थी.

तो यह सब देखकर मेरा लंड बहुत बुरी तरह से तनकर खड़ा हो गया और मेरे पूरे शरीर में एकदम जोश आ गया और में दरवाज़े के कोने से उन्हें देख रहा था और अपने लंड को सहला रहा था और अब कुछ देर बाद मैंने अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया.

फिर कुछ मिनट बाद उन्होंने अपनी स्पीड बड़ा दी और फिर वो झड़ गई और एकदम शांत होकर बेड पर पड़ी रही और उनकी चूत से रस बहता हुआ बाहर आने लगा. दोस्तों उन्हे इस हालत में यह सब करता हुआ देखकर एक बार तो मैंने सोचा कि में अभी जाकर अपनी दीदी को जबरदस्ती पकड़कर चोद डालूं..

लेकिन उस वक्त मैंने अपनी भावनाओ को काबू में रखा और उस पल को हमेशा याद रखने के लिए मैंने उसका वीडियो बना लिया और अब में हर रात को सोते समय उस वीडियो को देखकर अपना लंड हिलाता हूँ और मुठ मारकर अपने लंड को शांत करता हूँ. दोस्तों जब से मैंने अपनी दीदी को उस हालत में वो सब करते हुए देखा है..

तब से में उसे चोदने की तरकीब ढूँडने लगा और मैंने कई बार अपनी मम्मी की गैर हाज़री में दीदी को अपनी तरफ कई बार आकर्षित करने की कोशिश की.. दोस्तों में कभी कभी अंडरवियर में अपना लंड खड़ा करके दीदी के पास खड़ा हो जाता.. लेकिन उससे कुछ खास काम नहीं बना.

फिर एक दिन मेरी मम्मी फिर से अपनी बहन के घर जाने वाली थी और उस दिन मैंने ऑफिस से घर पर जल्दी आने का प्लान बनाया और फिर में उस दिन की तरह घर पर जल्दी आ गया. तो जब में अपनी बिल्डिंग में लिफ्ट की तरफ जा रहा था.. तब मेरी सोसाइटी के एक बच्चे ने मुझसे बोला कि यह लिफ्ट खराब है और वॉचमेन उसे ठीक करने के लिए छत पर गया हुआ है.

दोस्तों हमारा घर आखरी मंजिल पर है और बिल्डिंग एकदम नई थी.. इसलिए बहुत कम लोग ही लोग उसमे रहने आए थे. फिर में सीड़ियों पर चलता हुआ अपने घर पर पहुंच गया और मैंने वहां पर पहुंच कर बहुत धीरे से घर का दरवाज़ा खोला और अंदर घुसते ही मुझे उस दिन की तरह वही आवाज़ आ रही थी.

तो मैंने सोचा कि शायद दीदी आज फिर से अपनी चूत में उंगली डाल रही है? तभी मैंने एक नाटक करने के बारे में सोचा और मैंने अपने कपड़े खोले और पूरा नंगा होकर अपनी बहन के बेडरूम में अंजाने में जाने का प्लान बनाया और फिर में वैसे ही चला गया. तो आज जब में कमरे के अंदर गया तो नज़ारा और भी चौंकाने वाला था.

दोस्तों मेरी रंडी बहन अपने दोनों पैरों को फैलाए हुए बेड पर पड़ी हुई थी और वो वॉचमेन नीचे जमीन पर खड़ा हुआ अपना लंड मेरी रंडी बहन की चूत में डालकर ज़ोर ज़ोर से धक्के दे रहा था और यह सब देखकर मेरा लंड तो एकदम खड़ा हो गया.. लेकिन अब मुझे बहुत गुस्सा भी आ रहा था कि वो वॉचमेन मेरी बहन की चूत मारकर जा सकता है और अब तक में कुछ नहीं कर पाया.

फिर मेरी बहन की चूत में वॉचमेन करीब एक घंटे तक लंड डालता रहा.. वो उनकी चूत पर ताबड़तोड़ धक्के दे रहा था और वो नीचे पड़ी पड़ी सिसकियाँ ले रही थी. तभी अचानक से उसने अपनी स्पीड और बड़ा दी और कुछ धक्को के बाद उसने अपना वीर्य मेरी बहन की चूत में डाल दिया और वो सब चुदाई के द्रश्य मैंने अपने मोबाईल में रिकॉर्ड कर लिए थे.

फिर में कमरे से बाहर आकर अपने कपड़े पहनकर जल्दी से घर के बाहर चला गया और जब वॉचमेन मेरे घर से बाहर निकल गया.. तब मैंने अपने घर की घंटी बजाई और मेरी दीदी ने दरवाज़ा खोला और वो मुझे देखकर एकदम चकित हो गई.. लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और में भी उसे देखकर समझ गया कि यह अपनी चुदाई से बहुत थक चुकी है.. वो उसके चेहरे से झलक रहा था.. उसके बिखरे हुए बाल और चेहरे का उड़ा हुआ रंग साफ साफ बता रहा था कि वो अभी अभी चुदकर आ रही है

फिर वो मेरे आगे आगे अपनी गांड मटकाती हुई चलने लगी और में उसके पीछे पीछे उसकी गांड को देखता हुआ अंदर चला आया. फिर मैंने थोड़ा नाश्ता किया और हॉल में दीदी और में साथ बैठकर फिल्म देखने लगे और मैंने सोच ही लिया था कि आज इस साली रंडी को में किसी भी हालत में जरुर चोदूंगा.

में टीवी देखते हुए एकदम से उठा और अपने बेडरूम में चला गया और कुछ देर के बाद सिर्फ़ अंडरवियर और बनियान में बाहर आया. फिर मैंने अपनी दीदी के थोड़ा पास आकर कहा कि मेरे पास एक बहुत अच्छी नयी फिल्म आई है और अब हम उसे देखेंगे तो उसने हाँ कर दिया.. लेकिन उसकी नजर मेरे खड़े हुये लंड पर थी और मेरी उसके बड़े बड़े बूब्स पर.. जो मुझे अपनी और आकर्षित कर रहे थे. तो मैंने फिल्म शुरू की.. पहले तो फिल्म ठीक ठाक चल रही थी.. लेकिन थोड़ी देर बाद उसमे गंदे गंदे सीन चालू हो गये और फिर धीरे धीरे उसमे चुदाई वाले सीन चालू हो गए.

मेरी बहन एकदम उठकर खड़ी हुई और वो बनावटी गुस्से में मुझसे बोली कि यह क्या बदतमीजी है? यह तुम मुझे क्या दिखा रहे हो.. में तुम्हारी बड़ी बहन हूँ और में यह सब गंदी चीज़े नहीं देखती और अभी के अभी यह सब बंद करो. फिर में उठकर खड़ा हुआ और मैंने सबसे पहले उसे अपनी चूत में उंगली डालने वाली वीडियो दिखाई.. वो उसे देखकर एकदम भड़क गयी और उसने मुझे एक जोरदार थप्पड़ लगा दिया और कहा कि तुम भी तो बाथरूम में जाकर अपना लंड हिलाते हो.. तुमने मेरा ऐसा वीडियो क्यों लिया?

और हिलाते तो सब ही है और हाँ, में भी कभी कभी चूत में ऊँगली करती हूँ.. लेकिन मैंने कभी किसी के साथ सेक्स किया नहीं है. तो मैंने फिर उसे वॉचमेन से उसकी चुदाई वाली वो वीडियो दिखाई और फिर पूछा कि अब बोल साली रंडी तब तो पैर फैलाकर बड़े मज़े से लंड ले रही थी और जब मैंने कुछ सेक्स वाली फिल्म दिखाई तो मेरे ऊपर भड़क गयी? तो वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और मेरे पैरों पर गिर पड़ी और वो मुझसे माफ़ी मांगने लगी.. बोली कि प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.. मैंने बहुत बड़ी ग़लती कर दी.

(TBC)…

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