desisexstories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/desisexstories/ Hindipornstories.org Tue, 11 Jan 2022 08:03:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 कश्मीर का सफर https://sexstories.one/kashmir-ka-safar-me-chudi/ Tue, 11 Jan 2022 08:03:17 +0000 https://sexstories.one/?p=5092 मैंने जोश मेँ आके अपनी नाईटइ उतार दी और अपने बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी मैं ठण्ड मैं भी पसीना पसीना हो रही थी मैं जोर जोर से बेलन को अंदर दाल रही थी.. पर बेलन का पतला डंडा मेरी चुत को कसावट नहीं दे पा रहा

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Safar me Chudi – मेरा नाम पूनम लखनऊ की रहने वाली हूँ मेरी उम्र 33 साल है मेरे पति 3 साल पहले एक एक्सीडेंट में वो नहीं रहे.. मेरी कोई औलाद नहीं है है क्यूंकि हमारी शादी के 3 से साल के अंदर वो नहीं रहे और तब तक हम लोगो ने बच्चे की कोई प्लानिंग नहीं की थी.. खैर जो हुआ सो हुआ मेरे पति के पास पैसा काफी था घर बड़ा था तो मुझे कोई दिक्कत होती थी.. ऐस और आराम की हर चीज़ मेरे पास थी बस नहीं था तो प्यार हा हां वही बिस्तर वाला प्यार तो बस ये कहानी उसी बिस्तर वाले प्यार को पाने की कहानी है अच्छी लगे तो जरूर बताइयेगा /

एक दिन की बात है मेरी एक फ्रेंड दिल्ली से लखनऊ आयी तो मुज से मिलने आयी

टिंग टोंग

मैं दरवाज़ा खोलती हूँ

अरे रजनी ओह माय गॉड इतने दिनों बाद अचानक

रजनी:- अरे है यार वो मैं लखनऊ आयी थी सोचा मिल लून तुज भी।

पूनम :- अरे यार थैंक्स अऊ अंदर आओ

रजनी :- बिलकुल यार अपना है

पूनम :- बिलकुल तुम्हारा हे घर है

पूनम :- रुक तू मैं चाय लाती हूँ ओके

रजनी :- अरे नहीं रुक यहाँ इतने दिनों बाद मिले है चाय छोर और बता क्या हो रहा है आज कल

पूनम :- कुछ नहीं तू बता

रजनी :- मैं क्या बताऊ और बताओ अच्छा जीजू कहा है

पूनम :- जीजू तुम्हे कुछ पता नहीं चला क्या

रजनी :- नहीं क्या हुआ कोई बात क्या

पूनम :- साल पहले एक्सीडेंट हो गया था

रजनी :- ओह्ह सॉरी बहन

पूनम :- कोई बात नहीं

फिर हम लोग इधर उधर की पुराणी बाते नई बाते करने लगते है घंटो बैठे रहते है पति के जाने बाद क्या क्या हुआ क्या नहीं मेरी हताश जिंदगी यू ही सांत पानी की तरह मायूस जिंदगी ये सब होती रही

फिर उसने अपना फ़ोन निकला और मुझे कुछ फोटो दिखने लगी गोवा की पिक्स हिमाचल की पिक्स और कश्मीर की पिक्स मुझे बहुत अच्छा लगा बातो बातो में उसने कहा तुम भी कही घूम आओ थोड़ा मूड फ्रेश होगा

पूनम :- मैं अकेले कहा जाऊ यार

रजनी :- क्यों नहीं तभी तो और मज़े कही भी आओ जाओ कोई रोक टोक नहीं हम्म

पूनम :-बात तो सही है लेकिन जाऊ कहा

रजनी :- तू न कश्मीर जा वहा इस समय खूब ठण्ड होगी बर्फ होगी मज़े ले जाके

पूनम:- हम्म चलो देखती हूँ

ये सब बाते होते होते कब रात हो गयी पता हे चला

रजनी से मैंने रुकने को बोला तो वो मान गयी और रात वही रुक गयी

हम लोग खाना खा के सोने चले जाते है

बिस्तर पर भी हम देर तक बाते करते रहते है और फिर 12 बजे करीब सो जाते है

कुछ देर बाद हे शायद मैं काफी गहरी नींद में चली गयी

मुझे एहसास हुआ की मेरी जंगो पर से कोई हाथ फेरता हुआ मेरी चुत तक ला रहा था

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मेरी आंखे बंद थी मैं देख नहीं पा रही थी और न हे आंखे खोलना चाहती थी

धीरे धीरे वह हाथ सिर्फ मेरी चुत की दरारों को सहलाने लगा पर कोण था वो रजनी तो नहीं हा लेकिन वो इस

तरह थी नहीं फिर भी पर क्या हुआ मुझे अच्छा लग रहा था वो एहसास मैं ने थोड़ी से टांगे फैलाई रजनी जान गयी की मैं कुछ चाहती हूँ उसने वहा से हाथ हटा के पीछे ले मुझे बुरा लगा लेकिन अगले पल फिर वो हाथ मेरी चुत पर आ मैं सिहर गयी अह्ह्ह अहह सससससस मैं अपने बाल पकड़ ले रजनी ने एक ऊँगली मेरी चुत मैं दाल दी उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह मैं कुछ नहीं समझ पा रही थी तब तक उसने मेरी ३४ की गोलाई चूची को मसलना सुरु कर दिया उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ फूउ शह्ह्ह्ह शह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह

प्लस रजनी करो उसने मेरे ऊपर मेरे होंटो को चूमना सुरु कर दिया

हम दोनों बेतहाशा एक दूसरे की होटो को चूमने लगे

वो अपनी टांग]को मेरी छूट पर रगड़ रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था

अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फफ्फ्फ़

मैं भी अपनी पूरी ताकत से चुत उसके पैरो पर रगड़ रही थी ये एहसास मुझे पागल कर रहा था

रजनी मेरे ऊपर से हट कर मेरी छूट चाटने लगती है

अह्ह्ह्ह

अह्ह्ह्हह

रजनी उफ्फफ्फ्फ़ क्या कर दिया

उफ़्फ़्फ़ा

उफ्फ्फ्फ़ उसने फिर एक ऊँगली डाली उफ्फ्फ्फ़

अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फ्फ

रजनी जोर से जोर से करो और तेज़

उफ्फ्फ्फ़ाआ

रजनी की जीब मुझे मदहोस कर रही थी उसकी उंगली मुझे पागल

रजनी :- उठो पूनम

रजनी:-पूनम पूनम

Sexy story सालियों की अदला-बदली

और मेरी आंख खुल जाती ये हसीन सपना टूट जाता है रजनी मुझे बाय करके चली जाती मैं कुछ बोल नहीं पाती

लेकिन कोई बात नहीं ये सपना पहली बार नहीं था लेकिन एहसास अनोखा था

मैं उठ किचेन में जाती हूँ और फ्रिज खोल कर कुछ लम्बा ढूंढ़ती हूँ लेकिन कुछ नहीं था मैं पागल होने लगती हूँ फिर मेरी नजर बेलन पर पड़ती मैं

उसको उठा लेती और बाथरूम मैं जाती हूँ कमोड पर चुत को ऊपर कर के बैठ जाती हूँ

मेरी चुत एक दम गीली थी मैं बेलें को अंदर डाला

और जोर जोर अंदर बाहर करने लगती हूँ मेरी भवनए आसमान चुने लगती है और मेरी

अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह ाऊऊऊ अह्ह्ह्ह

मैं जोर जोर अंदर बाहर कररही थी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह

मैंने जोश मेँ आके अपनी नाईटइ उतार दी और अपने बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी मैं ठण्ड मैं भी पसीना पसीना हो रही थी मैं जोर जोर से बेलन को अंदर दाल रही थी

पर बेलन का पतला डंडा मेरी चुत को कसावट नहीं दे पा रहा

था मैं यू ही नंगे नंगे फिर फिर बाहर आयी कुछ ढूंढ़ने लगी मुझे कुछ नहीं मिल रहा था तभी मुझे आवाज़ आयी आलू ले लो टमाटर ले लो मैं झट से अपनी नाईटइ पहनी और दुपट्टा लिया और नीचे गयी मैंने १ कग आलू टमाटर मिर्च ली ताकि कोई सुबह सुबह सब लम्बे लम्बे ले रहे है तो शक न हो फिर मैंने गाजर ली बैंगन लिया और केले कच्चे लिए और ऊपर आ गयी और फिर एक केला तोडा और मुँह मैं दाल कर चूसने लगी और सोफे पर टांगे फैला के अंदर डालने लगी अब्ब थोड़ा लुंड का एहसास हुआ

बस कोई झटके देने वाला होता तो मज़ा आ जाती मैं जोर जोर से डालती रही फिर मेरी नज़र एक बैगन पर पड़ी जो केले से ज्यादा मोटा और लंबा था मैंने उसे उठाया और केला को मुँह मैं और बैगन को छूट मैं दाल लिया अब्ब हहहह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह मैं छूट गयी मैं छूट गयी मैं छूट गयी

अब होश आया बैगन अभी चुत मैं ही था उसकी कसावट अब मुझे दर्द देने लगी थी मैं धीरे से उसे बहार किया और साथ साथ मेरे चुत की लार भी टपकने लगी सब शांत हो गया होश भी था पर अफ़सोस था की यही पल अगर किसी मर्द के साथ होता तो अभी तक उसकी बहे मुझे कस रही होती

मैंने नहाया धोया चाय बनाई फिर बैठ कर टी.व् देखने लगी न्यूज़ देखने का भी मन हुआ लगा दी न्यूज़ पर अगले हसीन पल की तस्वीर आ रही थी

न्यूज़ पर कश्मीर की बर्फ भरी वादियों के चर्चे हो रहे थे

वहा गिर रही बर्फ मौसम की न्यूज़ चल रही थी मुझे रजनी की कही बात याद आ गयी मैंने कुछ देर सोचा फिर नेट से एक ट्रेवल एजेंट नम निकला और उससे पूछा की क्या खर्च होगा और सब बाते करके मैंने उससे ३ दिन बाद की टिकट कराने और होटल बोल दिया और मैं तइयारी मैं लग गयी….

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दोस्त की चुत https://sexstories.one/dost-ki-kamuk-chut/ Tue, 16 Nov 2021 11:27:47 +0000 https://sexstories.one/?p=3312 दोबारा से ताकत लगाते हुए उसकी चूत में अपना लंड घुसाया, तो इस बार लंड अन्दर तक घुसता चला गया. उसको काफी दर्द होने लगा था. चूंकि मेरा भी पहली बार था, तो मुझे भी बहुत दर्द हो रहा था. लेकिन चुदाई की उत्तेजना इतनी ज्यादा थी..

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Dost ki kamuk chut ki chudai kahani – नमस्ते, मेरा नाम रोहित है. मेरी उम्र 22साल है और मैं एक इंजीनियर हूँ. ये बात तब की है, जब मैं एक एग्जाम देने गया था. मेरी स्कूल फ्रेंड मानसी के साथ मुझे मुम्बई जाना था. मेरा और मानसी की ट्रेन में रिजर्वेशन थी. हम दोनों एग्जाम के एक दिन पहले अपने अपने घर से निकल लिए क्योंकि हमारा रिजर्वेशन था और हमारी ट्रेन रात की 8:30 पर थी.

मानसी और मैं दोनों बचपन से लेकर 12 वीं तक एक साथ पढ़े हैं तो उसकी और मेरी फैमिली में बड़ी जानपहचान है.

हम सही टाइम पर स्टेशन पहुंच गए और अपनी अपनी सीट को ढूंढ कर लेट गए. मानसी पढ़ाई करने के कारण थकी हुयी थी, तो वो कुछ ही देर में सो गयी. मुझे जल्दी नींद नहीं आती, तो मैं अपने ईयरफ़ोन निकल कर गाने सुनने लगा. मुझे हमेशा ट्रेन को विंडों ओपन करने की आदत है. मुझे उसमें से बाहर का नजारा देखना अच्छा लगता है, तो मैंने विंडो खोल दी थी. रात का टाइम था, सब सो चुके थे और ट्रेन में सबकी लाइट्स ऑफ थीं.

मानसी जो मेरे सामने वाली सीट पर सो रही थी, उसने अपने कम्फर्ट के हिसाब से कपडे पहन रखी थी. वैसे मैंने कभी मानसी के बारे में सोचा नहीं था कि ये भी इतनी खूबसूरत है और ये भी मेरा एक ऑप्शन हो सकती है, लेकिन कभी उस पर इस नजरिये से मेरा ध्यान ही नहीं गया क्योंकि मुझे उसे देख कर बहन भाई वाला अहसास होता था.

ट्रेन की खिड़की से तेज़ हवा आने के कारण उसका कपडा उड़ रहा था. अचानक से उसका टॉप का निचला सिरा उघड़ कर नाभि के ऊपर हो गया. मेरी जैसे ही उस पर नजर गयी, मैं देखता रह गया. मुझे डर भी लग रहा था कि कोई देख ना ले. फिर भी मैं डरते डरते उसकी नाभि को देखे जा रहा था.

उसका गोरा सा और पनीर सा मुलायम सपाट पेट . और उसकी नाभि बड़ा ही मोहक लग रहा था. ये सब मुझे उसे छूने पर मजबूर कर रहा था. पर मुझे डर लग रहा था, तो मैं कुछ नहीं कर पाया . बस देखता ही रहा.

उसे देखते देखते कब मेरी नींद लग गयी, पता ही नहीं चला.

फिर जब सुबह हुयी, तो वो मुझसे पहले उठ चुकी थी. अब मुम्बई बस एक स्टेशन दूर था. मानसी जैसे ही मुझे उठाने वाली थी, तो उसकी नजर मेरे लोअर पर पड़ी . वहां तम्बू बना हुआ था.

ये बात उसने मुझे बाद में बताई थी.

मानसी ने हंसते हुए मुझे उठाया. उसने मेरे सीने पर अपना कोमल हाथ रखा और प्यारी सी आवाज से कहा- रोहित उठो . मुम्बई आने वाला है.

मुझे उठाने के साथ साथ वो मेरा तम्बू देख कर हंसती भी जा रही थी.

मैं उठा, तो मुझे समझ नहीं आया कि मानसी पागलों की तरह क्यों हंस रही है.

मैंने उससे पूछा, पर उसने कुछ नहीं कहा.

फिर मैं उठ गया और उससे पानी की बोतल लेकर गेट के पास लगे वाशबेसिन पर कुल्ला किया, मुँह धोया फिर वापिस जाकर उसको बोतल वापिस कर दी.

वो अभी भी हंसती ही जा रही थी.

मैंने झुंझला कर उसे देखा और ‘पागल..’ कह कर अपना सामान समेटने लगा.

कुछ देर बाद हमारी ट्रेन मुम्बई पहुंच चुकी थी. हम उतर कर प्लेटफार्म से बाहर आ गए.

वो अभी भी हंसते ही जा रही थी. उसकी आंखों में अलग ही शरारत नजर आ रही थी.

मैंने देखा कि मानसी अब भी मुझ पर बिना बात के फालतू में हंस रही थी. मुझे बहुत गुस्सा आ गया और मैंने ठान लिया था कि इसको सबक सिखा कर ही रहूँगा.

एक होटल में मैंने ऑनलाइन बुकिंग की, मैंने सिंगल कमरे में दो अलग अलग बेड वाला बुक कर लिया.

इसके बाद हमने स्टेशन से टैक्सी की और उस होटल में पहुंच गए. मैंने रिसेप्शन पर अपनी बुकिंग बताई और उससे अपने रूम की चाबी लेकर अपने रूम में आ गए.

अभी सुबह के 8 बज रहे थे. मैंने रूम का गेट खोला ही था कि मानवसी जाकर बेड पर कूद पड़ी और लेट गयी . क्योंकि वो कुछ ज्यादा ही थकी थी हालांकि मैं भी काफी थका हुआ था. सो मैं भी अपने बिस्तर पर जाकर लेट गया. हमें तेज नींद आ रही थी, लेकिन मेरा एग्जाम 10 बजे से था . मानसी का एग्जाम दो बजे से था.

मैं एग्जाम देने के लिए तैयार होने लगा. जब तक मैं तैयार हुआ, तो मैंने देखा कि मानसी सो चुकी थी. एग्जाम सेंटर पर मैं फ़ोन नहीं ले जा सकता था, तो मैं अपना फ़ोन मानसी को दे गया और उससे बोला कि मैं एग्जाम देने जा रहा हूँ, तुम ध्यान से जाग जाना और घर से फ़ोन आए, तो बात कर लेना.

उसने ऊंघते हुए हामी भर दी और मैं बाहर से दूसरी चाभी से रूम लॉक करके एग्जाम देने के लिए निकल गया.

मैंने एग्जाम दिया, एग्जाम कम्पलीट होने के बाद मैं होटल वापस आ गया. तब तक 2 बज गए थे. मुझे लगा कि मानसी एग्जाम देने जा चुकी होगी. जैसे ही मैं अपने रूम में पहुंचा, तो देखा मानसीअभी तक सो ही रही थी.

मैंने उसे जगाया. जैसे ही उसने टाइम देखा, तो 2 बज चुके थे तो वो बहुत तेज़ तेज़ रोने लगी. मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं.

मैंने उसे हग किया और समझाया कि अब रोने से कुछ नहीं होगा, तुम परेशान ना हो.

वो मेरे सीने से लग कर रोती ही जा रही थी. उसके बड़े बड़े दूध मुझे महसूस हो रहे थे. उस कारण से मेरा लंड खड़ा होने लगा. उसने मेरे लंड को अपनी चुत पर महसूस कर लिया और एकदम से मुस्कुराने लगी.

मुझे लगा कि ये पागल हो गई है, अभी तो रो रही थी और अब हंस रही है. मानसी मुझसे बोली- तुम्हारा ये ट्रेन में भी तम्बू बना हुआ खड़ा था. इसलिए मुझे सुबह से हंसी आ रही थी.

मैंने भी उसे अपने सीने से लगाए हुए कहा- हां मैंने रात को तुम्हारे टॉप के उठ जाने से तुम्हारी नाभि देखी थी . बहुत ही प्यारी थी, तो उसे देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो गया था.

मानसी ने लंड शब्द सुना, तो मेरी छाती पर मुक्का मार कर कहने लगी- इतनी क्या हवस है . तुमने कभी सेक्स नहीं किया क्या?

मैंने कहा- किया होता, तो बात ही अलग होती. मैं तुम्हें आज तक ये नहीं बता पाया कि तुम मेरी आल टाइम क्रश हो. लेकिन पारिवारिक रिश्ते के कारण मैं तुम्हें कभी नहीं बता पाया.

वो मेरे चेहरे को हैरानी से देखने लगी.

मैंने उससे कहा- खैर छोड़ो, तुम एग्जाम की मत सोचो . मैं किसी को नहीं बताऊंगा. तुम बस रोया मत करो, मुझे अच्छा नहीं लगता.

Kamuk chudai ki kahani प्रेमिका का पहला कदम

मानसी ने मेरी बात को अनसुना कर दिया और मुझसे छिटकते हुए बिंदास बोली- क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगे. अपने पास आज ही का दिन है . कल की हमारी ट्रेन है . सोच लो!

उसकी इस बात पर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी तरफ खींच लिया. मैं उसे बेलाग उसे किस करने लगा. वो भी मुझे किस किये जा रही थी.

मैंने उसे बहुत देर तक किस किया, वो कहने लगी- तुम तो मेरे होंठ ही खा जाओगे.

हंसते हुए मैंने उसे छोड़ा और उसका टॉप उतार दिया. उसके अन्दर उसकी रेड रंग की ब्रा पहनी हुई थी. मैंने एक पल उसकी मदमस्त चूचियों को देखा और धीरे से ब्रा उतार दी. उसने लजाते हुए अपनी आंखें नीचे कर लीं और अपने हाथ अपने चेहरे पर रख लिए. मैं उसे देखता ही रह गया.

मैंने पहली बार उसे दूध देखे थे . तो मुझ पर कण्ट्रोल नहीं हो रहा था. मैंने उसके मम्मों को हाथ से सहलाया, फिर धीरे से एक निप्पल को अपने होंठों में दबा लिया. मेरे होंठ लगते ही उसने अपनी जिस्म को एक बहुत तेज सिहरन से थरथरा दिया.

मैंने उसके दूध को हाथ से थामा और निप्पल को खूब चूसा. वो भी बड़ी कामुक होती जा रही थी.

उसके बाद उसने मुझे कान पर किस किया. मैंने उसके गर्म होंठों को महसूस किया तो मैं भी गनगना उठा. उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ धर दिए. फिर गाल पर चूमा. ऐसे करते करते उसने मेरी शर्ट उतार दी. मैं बस उसे देखे जा रहा था. उसकी आंखों में मुझे शरारत दिख रही थी.

उसने मेरी छाती के निप्पलों को बड़े प्यार से चूमा और अपने होंठों में दबा कर चूसने लगी.

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं. मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था, ऐसा लग रहा था, जैसे मैं सातवें आसमान पर उड़ रहा हूँ.

मेरा लंड बहुत ज्यादा कड़क हो गया था. मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मैं काफी उतावला हो गया था. मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा और उसके लोअर की इलास्टिक में उंगलियों को फंसा दिया. वो समझ गई और उसने लोअर उतारने में मुझे साथ दिया. लोअर के बाद मैंने उसकी पैंटी को भी खींच कर नीचे कर दी. मैंने पहली बार ज़िन्दगी में किसी लड़की की चूत देखी थी.

उसने मेरे लंड को थाम लिया और अपनी चुत पर रगड़ने लगी. मैंने उसकी चुत के दाने को छेड़ा, तो वो सीत्कार कर उठी.

उसने मेरे कान में कहा- पहले एक बार चोद दो . फिर कुछ करना.

मुझे भी आग लग चुकी थी, मेरा लंड तन्नाया हुआ था. मैंने उसे बिस्तर पर गिराया और उसके ऊपर चढ़ गया. उसने लेटते ही अपनी टांगें फैला दीं.

मैंने अपने लंड को उसकी चूत की फांकों में घिस कर दरार में रखा और घुसेड़ दिया. उसकी चूत में बड़ा पानी था, तो चुत एकदम पनियाई हुई थी. मेरा लंड एकदम से अन्दर सरक गया. लंड का मोटा सुपारा चुत की फांकों में घुसा, तो उसकी कराह निकल गई.

मैंने उसकी आह और कराह को दरकिनार करते हुए दोबारा से ताकत लगाते हुए उसकी चूत में अपना लंड घुसाया, तो इस बार लंड अन्दर तक घुसता चला गया. उसको काफी दर्द होने लगा था. चूंकि मेरा भी पहली बार था, तो मुझे भी बहुत दर्द हो रहा था. लेकिन चुदाई की उत्तेजना इतनी ज्यादा थी कि इस दर्द में भी मुझे मजा आ रहा था.

चार पांच धक्के बाद वो भी दर्द सहने में काबिल हो गई. चूंकि दोनों ही भरे बैठे थे तो हम दोनों पांच मिनट में ही झड़ गए. इस पहले स्खलन के बाद इतनी अधिक थकान थी कि पता ही नहीं चला, कब हमारी नींद लग गयी.

हम दोनों शाम को 7 बजे के करीब जागे, तब हम दोनों एक दूसरे से आंखें नहीं मिला पा रहे थे. एक बार फिर से चुदाई का मन बन गया और फिर से हम दोनों गर्म होने लगे.

सारी रात चुदाई का माहौल चलता रहा. सुबह चार बजे सो गए. जब दूसरे दिन उठे, तो उसे हल्का बुखार चढ़ गया था.

शाम की ट्रेन थी, तो मैंने उसे दर्द खत्म करने की और गर्भनिरोधक दवा लाकर दी. हम दोनों खाना आदि खाकर फिर से सो गए.

शाम को ट्रेन पकड़ कर हम दोनों घर वापस आ गए, पर इसके बाद न जाने क्या हुआ कि हम दोनों ने आपस में बात नहीं की. हालांकि हम लोग अब भी मिलते हैं, लेकिन मन में ना जाने किस बात का गिल्ट है कि वो पुरानी बात खत्म हो गई.

हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करेंगे. लेकिन मैंने जो भी किया था, उसकी रजामंदी से किया था. वो मुझसे क्यों नहीं सहज हो पा रही थी, ये मुझे अभी तक समझ नहीं आ रहा है.

मेरी सेक्स कहानी को लेकर आपके मन में क्या विचार हैं, [email protected] पर मेल करके जरूर बताएं और किसी महिला को मजे करने है तो ईमेल करके बताए

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प्रोजेक्ट मेरा चूत तेरी https://sexstories.one/chudai-chut-sex-kahani/ Mon, 01 Nov 2021 08:35:30 +0000 https://sexstories.one/?p=3235 फिर जैसे ही मैंने उसका टॉप उतारा उसके दूध कमाल लगे | ऐसे दूध रिया के नहीं थे | मैंने तुरंत उसके ब्रा को फाड़ के अलग कर दिया और उसके दूध को चूसने लगा | मैं इतने जोर से उसके दूध चूस रहा था कि उसे मदहोशी छा गयी और मुझे पीठ पर नाखून लगाने लगी....

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Chudai Chut Sex Kahani दोस्तों मैं आपका दोस्त निशांत खत्री अपनी कहानी लेकर हाज़िर हूँ आपके सामने | दोस्तों मैं हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूँ और आपको तो पता है हिमाचल की लड़कियाँ कितनी माल होती है | मैं भी उन्ही खूबसूरत लड़कियों का दीवाना हूँ वैसे उनकी चूत का | मैं अभी तक 4 लड़कियाँ चोद चुका हूँ और ये कहानी चौथी वाली के साथ चुदाई की है | वैसे मैं दिखने में अच्छा हूँ लेकिन मेरी शकल मासूमों वाली है और नीयत कमीनों वाली जिसका मुझे बड़ा फायदा मिलता है | ये कहानी मेरे कॉलेज के समय की है जब मैं कॉलेज में लास्ट ईयर में था और प्रोजेक्ट बना रहा था |

वैसे मैं क्लास में ज्यादातर अकेला ही रहता था क्यूंकि मेरे सारे दोस्तों की या तो बैक थी या फिर कुछ ने तो छोड़ ही दी थी | मैं इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था वो भी कंप्यूटर साइंस ब्रांच तो लड़कियाँ बहुत ज्यादा और लड़के बहुत कम | तो ले दे के मेरे साथ कोई नहीं था तभी एक लड़की जिसका नाम खुशी था वो मेरे पास आई और कहा मुझे कुछ बात करनी है | मैं क्लास में पीछे वाली सीट पर अकेला बैठा था और अपने प्रोजेक्ट की प्लानिंग कर रहा था, तो मैंने कहा हाँ बोलो तो वो मेरे बाजू में बैठ गई और अपनी दुख भरी कहानी सुनाने लगी कि कोई उसको अपने ग्रुप मैं नहीं ले रहा है और भी वगैरह वगैरह, तो मैंने उससे कहा अच्छा ठीक है लेकिन तुम चाहती क्या हो ? तो उसने हिचकिचाते हुए कहा क्या तुम मुझे अपने ग्रुप में ले सकते हो ? तो मैंने कहा मेरा कोई ग्रुप नहीं है मैं अकेला काम करता हूँ | तो उसने कहा प्लीज़ ले लो और फिर अपनी गाथा शुरू कर दी, तो मैंने उससे कहा ठीक है और फिर उसने कहा थैंक यू और मुझसे चिपकने लगी |

वैसे मेरी भी एक छोटी सी कहानी है, इलेक्ट्रिकल ब्रांच में लड़की थी जिसका नाम रिया था और वो मेरी गर्लफ्रेंड थी और रिया और ख़ुशी बहुत अच्छी दोस्त थी | एक बार रिया ने मुझे बताया था कि ख़ुशी मुझे बहुत पसंद करती है लेकिन तुम मेरे बॉयफ्रेंड हो इसलिए कुछ नहीं कहती | मुझे भी उसकी हरकतों से ऐसा ही लगता था लेकिन मैं उसपे ज्यादा ध्यान नहीं देता था लेकिन माल तो ख़ुशी भी थी | वैसे मैंने सोचा था कि प्रोजेक्ट मैं अकेले ही बनाऊंगा क्यूंकि क्लास में ऐसा कोई था ही नहीं जिसको बनता हो और मैं हूँ भी सख्त लौंडा लेकिन जैसे ही उनसे झुककर मुझसे बिनती की मैं पिघल गया |

Chut chudai sex kahani भाभी के गांड पर टिकाया अपना लंड

फिर मैंने बैठा कर उसको पूरे प्रोजेक्ट का ब्रीफ दिया और उससे जो बन सकता था उसको वो काम दे दिया | वैसे एक लड़की और आई थी मेरे ग्रुप में जुड़ने के लिए लेकिन मैंने मना कर दिया था क्यूंकि वो इतनी कोई माल भी नहीं लगती थी | उसके बाद मैं और ख़ुशी रोज़ साथ बैठे रहते थे और मैं हमेशा प्रोजेक्ट की बात करता था और वो पता नहीं कहाँ कहाँ की | एक दिन वो मेरे साथ बैठी और मैं लैपटॉप पे प्रोजेक्ट का काम कर रहा था तभी मैंने अपना मोबाइल उठाया, तो उसने मेरा मोबाइल मुझसे छीन लिया और फिर मैं उससे मोबाइल लेने लग गया लेकिन वो नहीं दे रही थी और हम छीना झपटी करने लगे, फिर भी मोबाइल मेरे हाँथ नहीं लगा |

तभी उसने मोबाइल अपनी ब्रा में रख लिया और कहा अच्छा हिम्मत है तो अब ले के दिखाओ | तो मैंने कहा हिम्मत की बात मत करना मैं ले सकता हूँ लेकिन तुम्हें ही प्रॉब्लम होगी | तो उसने कहा नहीं होगी तुम करके तो दिखाओ, हम क्लास में बैठे थे और क्लास में हमें छोड़ के दो और लड़कियाँ थी जो अपने में लगी थी | तो मैंने ख़ुशी के हाँथ पकड़े और उसको घुमा दिया और पीछे से उसके हाँथ पकड़कर मैंने अपना एक हाँथ उसकी सलवार के अन्दर डाला और अपना मोबाइल निकाला और बाहर निकालकर रख दिया लेकिन मैंने उसका हाँथ नहीं छोड़ा और फिर से अन्दर हाँथ डाल दिया और उसके दूध के ऊपर ऊँगली फिराने लगा | तो उसने कहा मोबाइल मिल गया न अब छोड़ो, तो मैंने फिर आसपास देखा और कोई हमारी तरफ ध्यान नही दे रहा था तो मैंने कहा मोबाइल तो मिल गया और भी कुछ चाहिए है और उसके दूध दबाने लगा | उसने फिर झटके से अपना हाँथ छुड़ाया और मेरा हाँथ बाहर निकाला और चुपचाप बैठ गई | मैंने कहा हो गया, कर ली मन की, आ गया मज़ा और उसने मुझे मारना शुरू कर दिया धीरे धीरे और कहने लगी तुम बहुत बुरे हो और भी बहुत कुछ | फिर दो दिन बाद उसने मुझे प्रोपोस मार दिया और मैंने ये सोच के मना नही किया कि अगर मना करूँगा तो बुरा न मान जाए जो मेरे प्रोजेक्ट के लिए अच्छा नहीं होता | जिस दिन उसने मुझे प्रोपोस मारा मैंने सोच लिया था इसको कॉलेज ख़त्म होने से पहले चोदना है वरना साली लडकियां चली जाती है और देती भी नहीं है |

अगले दिन हम दोनों सबसे पीछे वाली सीट पर बैठे थे और ये वही जगह थी जहाँ की रिकॉर्डिंग कैमरे में नहीं आती थी और मैं इस बात का फायदा उठाना चाहता था | तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और कहा हिलाओ, तो उसने कहा नहीं, तो मैंने कहा देखो मैं प्रोजेक्ट बना रहा हूँ और तुमसे ज्यादा कुछ करने के लिए बोल भी नहीं रहा हूँ और तुम इतना नही कर सकती मेरे लिए तो उसने थोडा बहुत सोचा और धीरे धीरे हिलाना शुरू किया और थोड़ी देर तक हिलाती रही | थोड़ी देर हिलाने के बाद मेरा मुट्ठ निकल गया और गिरा भी उसके हाँथ पे | फिर मेरा ऐसा ही चलता रहा कभी वो मेरा लंड हिलाती कभी चूसती या फिर कभी कभी मैं उसकी चूत में ऊँगली किया करता लेकिन मेरा असली मकसद तो उसको चोदना था जिसमें मैं अभी तक कामियाब नहीं हुआ था लेकिन मैंने प्लानिंग कर रखी थी पर हुआ कुछ अलग | एक दिन उसने मुझे फ़ोन करके कहा आज मेरे घर कोई नहीं है आ जाओ प्रोजेक्ट बनाते है |

वो तो सब जानते है मैं कौन सा प्रोजेक्ट बनाऊंगा वहां जाके | मैंने भी फुरती दिखाई और जल्दी से उसके घर पहुँच गया और जाके अन्दर बैठ गया | उसने दरवाज़ा बंद किया और मेरे पास आकर बैठ गई और कहा तुम बैग नहीं लाए प्रोजेक्ट कैसे बनाओगे ? उसकी आवाज़ सुनके ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका मूड बना हुआ है बस चालू करने की देर है | मैंने भी मौके की नजाकत को समझते हुए कहा जानेमन तुम भी जानती हो कि तुमने मुझे किसलिए बुलाया है | उसने कहा तुम क्या सोच रहे हो तो मैंने कहा वही जो तुमने अधूरा छोड़ दिया |

इतना कहने के बाद मैंने उसको गले से लगा लिया और उसने एक मादक आवाज़ में कहा बस आज मेरे तन को तुमाहरा प्यार मिलेगा | मैंने कहा हां इसके लिए तुम सालों से प्यासी हो | वो मुझे किस करने लगी और मैं उसके दूध दबाने लगा | फिर जैसे ही मैंने उसका टॉप उतारा उसके दूध कमाल लगे | ऐसे दूध रिया के नहीं थे | मैंने तुरंत उसके ब्रा को फाड़ के अलग कर दिया और उसके दूध को चूसने लगा | मैं इतने जोर से उसके दूध चूस रहा था कि उसे मदहोशी छा गयी और मुझे पीठ पर नाखून लगाने लगी | वो आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः करते हुए मेरे उत्साह को बढ़ा रही थी |

फिर मैंने उसको अपना लंड दिया और उसने चूसना चालू कर दिया और मैं आराम से लेटा था | पर थोड़ी देर बाद जब उसने मेरे लंड को पूरा मुंह में लिया तब मेरे मुंह से आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः निकलने लगा और मेरा मुट्ठ उसने पी लिया | मेरा लंड शांत था पर माहोल गरम था इसलिए मैंने उसको लेटाया और उसकी चूत को दबा के चाटना चालु कर दिया |

जैसे ही मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया वो आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः करने लगी और कहने लगी बस अब प्यास बुझाओ और लंड डालो | मैंने थोड़ी देर के बाद अपना कड़क लंड उसकी चूत में पेल दिया और उसे बहुत दर्द होने लगा | वो कहने लगी हटाओ पर मैंने उसे अनसुना कर दिया और धीरे धीरे चोदता रहा |

फिर एक जोर के झटके से लंड आदर करके उसको जैम के चोदना शुरू किया और वो आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः करने लगी | हमारी चुदाई के बाद हम चले गए और अभी तक चुदाई करते है |

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