desikahani2 Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/desikahani2/ Hindipornstories.org Fri, 26 Nov 2021 07:01:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 नयी दुल्हनिया के तीखे तेवर https://sexstories.one/dulhan-ki-chut-chudai/ Fri, 26 Nov 2021 07:01:03 +0000 https://sexstories.one/?p=3388 मैं समझ गयी ये दोनों एक दुसरे को चूम रहे हैं | मैंने और पास जाके देखा तो दोनों एक दम नंगे थे रिषभ का खड़ा हुआ लंड और मीनू की गांड साफ़ दिख रही थी | मीनू उसके लंड को सहला रही थी और रिषभ उसके दूध को चूस रहा था...

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Dulhan ki Chut Chudai – वह आराम से ९ बजे सोके उठती और नहाने धोने के बाद चाय पीती मानो कहीं की रानी हो | फिर चहक चहककर लोगों से बतियाने लग जाती, क्यूंकि मायका तो बगल में ही है मेमसाहब का और तो और माता पिता से दूर होने का गम भी नहीं सताता था उसे | बारह एक बजे वापस अपने कमरे में घुस जाना फिर एक मस्त से नींद का आनंद उठाना | फिर शाम को खाने और चाय पीने के लिए बाहर निकल के आना | दिनभर उसके भतीजे और भतीजियाँ घर घेरे रहते थे | बुआ के लिए ये भेजा है उनकी माँ ने उन्हें ये बहुत पसंद है |

आप सोच रहे होंगे कि ये क्या बकवास कर रही हूँ मैं | तो आपको बता दूँ ये बकवास तो बिलकुल नहीं हैं क्यूंकि हमारे घर के पड़ोस वाली मीनू बनी थी “नयी दुल्हनिया हमारे प्यारे रिषभ की” | मैं हूँ लीला और मैं हर खबर रखती हूँ | मोहल्ले में अगर कोई इधर की उधर भी करता है तो मुझे पता होता है जी | और इन दोनों ने तो हर हद पार कर दी थी अब मैं क्या बताऊ हमारा रिषभ तो बेचारा फस गया था मीनू के जाल में | “दैय्या रे दैय्या” बेचारा सीधा सादा लड़का कहा से इस कमबख्त से शादी कर बैठा |

पर एक बात बता रही हूँ आपको गौर से सुनना “ये अन्दर की बात है” | जब ये दोनों प्यार के पंछी चुदाई करते हैं न तो मेरे रोम रोम में उत्साह भर जाता है | जोश भर देते हैं अन्दर बिलकुल ऐसा कि मैं भी अपने पति को इतना गरम कर देती हूँ जिससे वो मुझे एक नयी दुल्हन की तरह चोदते हैं | पर मैं ये बात आपसे बता रही हूँ | तो चलिए शुरू करते हैं “नयी दुल्हनिया हमारे प्यारे रिषभ की”

बार बार आवाज़ लगाने पर भी कोई जवाब नहीं आया | चाय ठंडी हुए जा रही थी और रिषभ का कोई अत पता नहीं था | विवश होकर बेचारी शीतल भाभी खुद ही छत पर गयी | मीनू छत पे रिषभ से बतिया रही थी और उनकी “गुटर गूं” निरंतर जारी थी | “नमस्ते आंटी” रिया बोली पर लज्जा उसे बिलकुल ना आई | भाभी ने भी अभिवादन किया और बद्बदते हुए नीचे आ गयी | माँ के सामने ही उसके लड़के के साथ प्यार के पींगे पादेगी को कौन भला बर्दाश्त करेगा |

“माँ कहाँ हो तुम ? और कहाँ है मेरी चाय ? रिषभ नीचे आके पूछने लगा |

सुन रिषभ !!! अब तू बड़ा हो गया है और एक अच्छी खासी नौकरी कर रहा है | छत पे तुम दोनों क्या बातें कर रहे थे ? मन छोटे में साथ खेले हो तब मैंने ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझा | बड़े होकर साथ में कॉलेज गए तब भी मैं चुप रही | पर अब क्या बातिएँ करते हो तुम दोनों ? शीतल भाभी ने एक गुस्से भरे अंदाज़ में कहा |

“माँ काहे चिंता करती हो हम दोनों एक बहुत लम्बे समय से एक दुसरे को जानते हैं और अब आदत सी हो गई है बात करने की “ तुम फ़ालतू के ख्याल दिमाग में मत लाओ ऐसा कुछ भी नहीं है | मैंने ये बात जैसे ही सुनी तो मुझे लगा अभी कुछ कहना ठीक न होगा मैं शाम को भाभी के पास जाउंगी | पर भाभी के लबों से जो शब्द निकले मानो मेरे ही हों |

“बात को आगे बढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगता है रिषभ” पता नहीं क्यूँ उन्हें रिषभ की बात पे कहीं न कहीं भरोसा नहीं था | और मीनू के बदले तेवर अलग ही कहानी बयां कर रहे थे कभी भजिये तो कभी हलवा लेके घर के चक्कर मारती रहती थी |

जैसा कि मैंने कहा था मैं शाम को भाभी से मिलने गयी | भाभी के माथे पर पड़ रहीं लकीरों को देख के लगा जैसे वो अन्दर से तू रहीं हैं | फिर उन्होंने कहा लीला तुझे तो सब पता चल ही गया होगा | क्यूँ सही कहा ना मैंने ? मदद कर लीला ! लड़का भोला है मेरा | मैंने कहा भाभी रुको अपना खून मत जलाओ मैं चाय बना के लाती हूँ आपके लिए | मैं कित्चें में चाय बना ही रही थी कि अचानक दरवाज़े पे कुछ आवाज़ हुयी और मैं बहार आई |

कौन है भाभी चाय ज्यादा बनाऊ क्या ? बस इतना कहते ही मेरे होश उड़ गए | सामने देखा तो मीनू जी खड़ी थी साड़ी पेहेन के |

Dulhan ki Chut Chudai रिक्शावाले ने चोदा बारिश में..

आंटी जी !! देखिये न कैसी लग रही हूँ में ? मैंने कहा मीनू आप वाकई साड़ी दिखाने आये हो या भजिये तलने हैं ?

जो समझना है समझो लीला भाभी पर पहले बताओ मैं लग कैसी रही हूँ ? चाय उबलते उबलते कब उफन के गिर गयी परता ही नहीं चला और शीतल भाभी को तो जैसे सांप सूंघ गया था | हम दोनों बस उसे ही देख रहे थे इठलाते हुए | लीला वो गयी, अच्छा कहाँ गयी भाभी, अरे !! लीला मीनू गयी | शीतल भाभी ने मुझे धक्का मारते हुए कहा |

अच्छा भाभी, अरे हाँ नहीं ! भाभी क्या वो गयी ? अरे हाँ पागल जा चाय ला फिर से बना के जल गयी सारी | भगवान् इस मुसीबत से बचाए कहाँ से आ गयी | चाय बनी और हम दोनों एक दुसरे का चेहरा देखते हुए चाय पी ही रहे थे कि रिषभ आया और सीधा छत पे गया | मैंने कहा भाभी कही उस चुड़ैल ने मोहिनी मंत्र तो नहीं मार दिया अपने बच्चे पे ? नहीं रे लीला अभी उसकी माँ जिंदा है ऐसा कैसे कर पाएगी वो ? मैंने कहा भाभी देखो आक अमावस्या की काली रात है कही कुछ गलत न घट जाए ? शुभ शुभ बोल लीला कुछ भी मत कहा कर | खुद तो डरती है और मुझे भी डरा देती है | मैंने कहा भाभी आज हम दोनों रात में इन दोनों की तकवारी करेंगे आप सो मत जाना | मैं अपनी छत पे रहूंगी और आप भी मुझे खबर करती रहना सो मत मत जाना |

इतना मैंने भाही से कहा और मैं चली गयी अपने घर | रात के ८ बजे मैंने खाना खाया और तुरंत भाभी को फोन लगाके पुछा भाभी अपना लड़का कैसा है ? भाभी ने कहा खाना खा रहा है अभी पर फोन से चिपका हुआ है | मैं समझ गयी और टपक से कहा भाभी फोन पे लगा है खाते समय मतलब छत पे तेहेलने भी जाएगा | आप तैयार रहना मैं तो हूँ और इतना कहके मैं बर्तन मांजने लगी | फिर मुझे याद आया भाभी तो दवाई खाती हैं दर्द की और उससे उन्हें नींद आती है | मैं छत पे गयी और जैसे ही फोन लगाया तो सामने दिखा रिषभ | 10 बजे थे रात के पर वो बैठा था और भाभी भी फोन नहीं उठा रही थी | मैं समझ गयी हो गया बेडा पार आज |

पर ये रिषभ बैठा हुआ क्यूँ है ?

थोड़ी पास गयी तो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म का स्वर मुझे सुनाई दिया | मैं समझ गयी ये दोनों एक दुसरे को चूम रहे हैं | मैंने और पास जाके देखा तो दोनों एक दम नंगे थे रिषभ का खड़ा हुआ लंड और मीनू की गांड साफ़ दिख रही थी | मीनू उसके लंड को सहला रही थी और रिषभ उसके दूध को चूस रहा था | मेरा मन व्याकुल हो गया और मैंने अपनी पति को बुला लिया और कहा जैसा वो लोग करें वैसा तुम करो | हम दोनों भी नंगे हो गए | रिषभ मीनू की चूत चाटने लगा और मैंने भी अपने पति का मुह अपनी चूत से लगा दिया | मेरी रसभरी चूत जैसे वापस जीवित हो उठी थी |

आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म आराम से करो न रिषभ, मीनू ने मादक स्वर में कहा | मीनू ने उसका लंड चूसना शुरू किया पर मेरे पति से चूत चटवाने का आनंद मुझे पहली बार प्राप्त हुआ था इसलिए मैंने जारी रखा | रिषभ भी आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म कर रहा था और 10 मिनट बाद मीनू के मुह में अपना वीर्य छोड़ दिया | मैंने भी अपना पानी अपने पति के मुह में छोड़ दिया | मैं सुस्त पड़ गयी पर रिषभ ने अपना लंड जैसे ही मीनू की चूत में डाला वो चीख उठी | निकाल फट गयी मेरी चूत ! पर रिषभ घोड़े की तरह चोद रहा था और कुछ देर बाद वो आआआअह्हह्हह्ह आआअह्हह्हह्ह ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊह्हह ऊऊऊउम्म्म्म करने लगी | मेरे पति ने भी मेरी गांड मारना चालु कर दिया था पर मैं शोर नहीं कर सकती थी | आधे घंटे तक ये चला और हम दोनों फिर से झड़ गए | फिर मैंने सोचा अब ये हो गया है तो क्या फायदा और हम दोनों नीचे आ गए |

सुबह मेरी नींद खुली तो चिल्लाने की आवाज़ आई | ये क्या किया मेरी बेटी के साथ तुमने ? बताओ अब क्या होगा इसका ? अंकल मैं आज ही इससे शादी करूँगा | रिषभ ये कहके निकला और बाजु में खड़ी शीतल भाभी की आँखे नम थी और उनको देख के मेरा भी दिल दुख गया | बाकि उसकी आदत आपने ऊपर पढ़ ही ली होंगी |

तो दोस्तों सब करो पर अपने माँ के बेपनाह प्यार की इज्ज़त भी करो और किसी गलत लड़की के लिए उसका भरोसा मत तोड़ो |

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ऐसी पड़ोसन सबको मिले.. https://sexstories.one/chudas-padosan-ko-chod-daala/ Sat, 06 Nov 2021 07:12:16 +0000 https://sexstories.one/?p=3294 उसके बाद मैने अपना लंड उसकी चूत पे टीका दिया और उसके पैरो को फोल्ड करके उसके मूउः तक ले आया और अपने लंड का प्रेसूर्रे उसकी चूत पे बनाने लगा उसके मूउः से आवाज़ आने लगी वो एंजाय कर री थी शायड. उसके बाद मई अपने लंड को...

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Chudas Padosan ko Chod daala हेलो फ्रेंड्स ! काफ़ी टाइम से सोच राह था की कोई स्टोरी लिखू , सो अब जाके टाइम मिल पाया है मेरा नाम रोहित है. मैं उत्तर प्रदेश गाज़ियाबाद का रहने वाला हूँ. मेरी हाइट 5 फिट 8 इंच है. बॉडी भी मस्त है. ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, गलती को नजर अंदाज कर दीजिएगा. मेरा लंड इतना बड़ा है की मई किसी भी लड़की की ज़रूरत को पूरा कर सकता हू . मई जनता हू की सभी लड़कियो को और भाभी जी को उत्सुकता होगी मेरे लंड के साइज़ को जानने की सो बता देता हू . मेरा लंड 8 इनचसे बड़ा है ३ इंच मोटा है.

अब कहानी पार आते है मेरा एक फ्रेंड है उसकी आगे 29 य्र्स ओल्ड है हमारा घर आस पास ही है . घर की वॉल लगी हुई है . उसकी एक सिस्टर है जो अभी अभी 18 की हुई है लास्ट वीक ही . मैने उससे वैसे देखा है सुंदर है काफ़ी स्लिम लंबी और गोरी भी. कोई भी लड़का उस्स पर मार मिट जाए इतनी सुन्दार. मुझे अची लगी है वो पर कभी बोल नि पाया दोस्ती के कारण. वो मेरी सिस्टर की भी फ्रेंड है बहुत अची. घर आना जाना है उसका. मेरे घरवाले एक शादी मई गये थे
मई अकेला था घर पर. जब मई अकेला होता हू तो बहुत मस्ती करता हू. मुझे न्यूडिटी से बहुत प्यार है, मुझे नंगा रहना बहुत पसंद है . मई नंगे नगे ही घर के सारे काम करता हू. म्यूज़िक लगा के डॅन्स भी .

जब मई अकेला था तो मेरी दूर्वेल्ल बाजी , मुझे लगा की कोई मेरा ही फ्रेंड होगा. जल्दी से मैने टवल लपेट ली. पर मई अप्पर नंगा ही था और टवल के अंदर भी , जब मैने गेट ओपन किया तो वो ही थी .शी स्माइल्स और बोली की भैया ये खाना मम्मी ने भेजा है आपके लिए . मैने काह ओक अंदार्र आजओ. वो बोली नही पर वो अंदर आना छाती थी . वो मेरे चेस्ट को बार बार देख री थी ,वो अंदर आके बैठ गी मेरे दोबारा कहने पार मैने कह रूको मई तुमहरे लिए चाइ लेके आता हू .

पहले तो माना कर्नेलागी फिर मान गयी ये बोलके की वो भी अभी अकेली है घर पे मम्मी मार्केट गयी है मई उसके सामने बैठ गया गया और उससे बात करने लगा. उसके बारे मई जानने लगा तभी धयन आया की मैने तो चाइ बनानाए को रख दी है जल्दी मई उठा वैसे ही मेरी टवल टेबल मई फास गी औट खुल गी . उसने मेरे बट्स को देख लिया और मेरी नज़रे उससे मिल गी मैने जल्दी से टवल लपेटा और किचन मई चाइ लेने चला गया.चाइ लेके आया तो शी वाज़ स्माइलिंग उससे देख कर मई भी स्माइल कर दिया . मैने उससे बोला तोड़ा साइड हो मई उसके पास ही आकर बैठ गया.

मैने उससे बोला की चाइ पीलो . तभी वो बोली क इएक ग्लास पानी देव दो, मई उठा और फिर से मेरी टवल फास गयी और फिर से खुल गयी और मेरा पैर भी फास गेया टेबल ई साइड मई और मई उसके अप्पर आ गिरा, मैने काफ़ी कंट्रोल किया काफ़ी फिर भी मेरा एक हॅंड उसके बूब्स पर जाके रुका और एक हॅंड साइड मई होठ होठसे जा लगे…

Sexy kahani रिश्तेदार के भाई की सेक्सी बेटी

मई तो खो सा गाय उंसकी होटकी सुंदरता मई. जैसे ही उठने को हुआ मेरा हॅंड चाइ पे लगा और चाइ मेरे हॅंड पे फैल गयी मई जल्दी से ही बातरूम की तरफ गया.

मुझे बा कुछ समझ न ई आ रहा था आज क्या हो राहा है

तभी मेरे माइंड ने अपनी शैतानी बत्ती जला दी और मैने उससे आवाज़ दी .

वो जैसे ही रूम मई आई मैने उससे काज़ के पकड़ लिया पीछे से और उसकी गर्दन पर किस करने लगा और उसके कान को जीब से चाटने लगा, वो मेरा साथ देने लगगी मैने उससेके होतो पे किस किया उसके होतो को मूउः म्भर लिया अपनी जीब से उसकी जीब भर ली उसके बूबसको दबाने लगा

थोड़ी देर के बाद मैने उसके गोदी मई लिया और बेड पे डाल दिया और उसके अप्पर आ गया. उसके टॉप को अप्पर किया और उसके पेट पे किस करने लगा मज़ा आने लगा मुझे और उसके मूउः से आवाज़ आने लगी .

उसका टॉप उतार दिया मैने उसने अंदर कुछ नि पहना था उसे दो कबूतर आज़ाद थे मैने एक एक करके दोनो चूसना सुरू किया मज़ा आ राह था दोनो को . मैने उसकी शॉर्ट का बटन खोलडिया और उससे नीचे की तरफ खीच दिया और पैरो मई लेके उतार दिया. वओ क्या लग री थी वो उसकी टाँगे कितनी सुंदर थी हिरनी जैसी अब वो मेरे सामने पनटी मई थी ब्लॅक कलर की . क्या क्यमत लग री थी वो

मैने अपना मूउः अप्पर से ही टीका दिया उसकी चूत चाटने लगा और वो पागल से होने लगी. चूत की साइड को मई उंगली से रब करने लगा. उसके बात उसकी चड्डी उतार दी मैने. उसकी चूत पे सुनहरे बाल थे छोटे छोटेउसकी चूत की सुंदरता की मई क्या तारीफ करू , जितनी करू उतनी काम है . इतनी सुंदर छूट हर किसी लड़की नि होती , वैसे सभी चूत सुन्दर होती है.

उसके बाद मैने अपना लंड उसकी चूत पे टीका दिया और उसके पैरो को फोल्ड करके उसके मूउः तक ले आया और अपने लंड का प्रेसूर्रे उसकी चूत पे बनाने लगा उसके मूउः से आवाज़ आने लगी वो एंजाय कर री थी शायड. उसके बाद मई अपने लंड को उक्सी चूत मई घुसना लगा वो बोली की दर्द हो रहा है मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसकी चूत को फिर से चाटने लगा इश्स बार मैने उसकी चूत को अंदर तक चटा और रास्ते को पूरा गीला कर दिया जीब सेआब मैने फिर से अपना लंड उसकी चूत पे टीका दिया और फिर एक शॉट मई अपना पूरा लंड उसकी चूत मई उतार दिया अंदर तक.

उसकी चीक्क निकल गयी , वो अपने अप्पर से हटाने की कोशिश करने लगी पर वो मुझे नि हटा पाई मई थोड़ी देर ईयसे ही रहा और वो चीकती छिलाती रही उसकी आवाज़ मई एक लगा एहस्सा तोउसके बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला तो देखा की मेरा लंड पर ब्लड लगा है , पर ज़डा नि था और उसकी छूट पे भी तोड़ा सा ही सा और फिर से एक बार मैने पाना लंड अंदर डाला.अब मई धक्के दें लगा. उसकी चूत मेरे लंड से ऐसे चिपक गी जैसे जन्मो का साथ हो चूत और लंड का.

उसने मेरे लंड को काज़ के पकड़ किया वो मेरेल अंड के साथ आयेज पीछे होने लगी.

हमारी चुदाई चल ही री थी तभी उसकी मा का फोन आ गया. उसने फोन उठाया तो पता चली की वो घर आ गयी है और गेट पर उसका इंतज़ार कर री है .हमारी चुदाई अधूरी रह गी उसने कपड़े पहने और वो अपने घर चली गयी.

उसके बाद हम दो दिन के बाद फिर से मिले. बोल री थी की अब उसको बहुत खुजली हो री है .

आप लोगो को फिर बतौँगा कभी की आयेज मैईएन कैसे उसकी चूत ली खुल के और गॅंड भी. अभी तक मैने काफ़ी लड़कियो की सील ब्रेक की है और सभी को सेक्स मई फुल सॅंटुस्त किया है Kai बार की चुदाई के बाद तो हम दोनों ने बहुत बार सेक्स किया और बहुत मजा लिया. वो सेक्स कहानी फिर कभी लिखूंगा.

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ताऊजी की बेटी सोनम https://sexstories.one/tau-ki-badi-beti-sonam-ko-choda/ Sat, 06 Nov 2021 06:56:27 +0000 https://sexstories.one/?p=3290 मैं अपना लंड हिलाने लगा फिर उन्होंने अपनी चड्डी उतार दी। गोरी चूत और उस पर एक भी बाल नहीं था। मेरा मन कर रहा था कि उनकी चूत को खा जाऊँ, पर मैंने अपने आप को संभाला। तभी आरती ने भी अपनी चड्डी उतार दी। उसकी चूत पर हल्के बाल थे...

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Tau Ki Badi Beti Sonam ko choda मेरे पापा और ताऊ जी दो भाई हैं। ताऊ जी मुंबई में रहते थे और हम लोग गाँव में रहते थे। ताऊ जी हर साल गाँव आते थे यह घटना करीब आठ साल पहले की है, ताऊ जी की दो लड़कियाँ हैं, उस समय बड़ी वाली सोनम दीदी 22 साल की और छोटी वाली 19 साल की थीं। मैं 18 साल का था, पर मुझे सोनम दीदी बहुत अच्छी लगती थीं।

वो मुझको बच्चा समझती थीं, पर मैं उनको एक सुंदर लड़की की तरह देखता था। उनका गोरा बदन और उभरे हुए मम्मे मुझे पागल कर देते थे। हमारे बाथरूम के दरवाजे में छोटे-छोटे छेद थे, कभी-कभी मौका मिलने पर मैं सोनम दीदी को नहाते हुए देखता था। उनकी हल्के भूरे रंग के चूचुक मेरे लंड को खड़ा कर देते थे और उनकी गोरी चूत में से बाहर निकली हुई खाली दूध की चाय के रंग जैसी चूत की जीभ (क्लिट) मुझको पागल कर देती थी।

एक दिन को तो मैं भूल ही नहीं सकता, मैं सोनम दीदी और आरती (छोटी बहन) पहाड़ों में घूमने गए वहाँ एक झरना था। सबने नहाने का मन बनाया। सोनम दीदी मुझको तो बच्चा समझती थीं, इसलिए उन्होंने और आरती ने अपने कपड़े उतार दिए और केवल ब्रा और चड्डी में नहाने लगीं।

भीगे हुए चड्डी और ब्रा में उनके चूचुक और चूत की फाँकें.. सब दिख रहा था। मेरा लंड तो चड्डी में से बाहर आ गया, पर मैं पानी के अंदर था तो किसी को पता नहीं चला। थोड़ी देर मैं दोनों बाहर निकल गईं।

मैंने कहा- मैं अभी आता हूँ।

मेरा लंड बैठ नहीं रहा था, तभी सोनम दीदी ने अपने कपड़े उठाए और पेड़ों के पीछे चली गईं। मैं समझ गया कि वो कपड़े बदली करेंगी। मैं चुपचाप पेड़ के पीछे छिप गया। सोनम दीदी ने अपनी ब्रा उतार दी।

अय.. हय…गोरे गोरे बोबों पर लाल-लाल चूचुक !!

मैं अपना लंड हिलाने लगा फिर उन्होंने अपनी चड्डी उतार दी। गोरी चूत और उस पर एक भी बाल नहीं था। मेरा मन कर रहा था कि उनकी चूत को खा जाऊँ, पर मैंने अपने आप को संभाला। तभी आरती ने भी अपनी चड्डी उतार दी। उसकी चूत पर हल्के बाल थे। तभी आरती को सूसू लगी और वो साइड में करने लगी। उसकी खुली हुई चूत को देख कर मेरा पानी निकल गया।

मैंने जल्दी से कपड़े उठाए और पहन कर वहीं बैठ गया। दोनों कपड़े पहन कर आईं और हम घर चले गए।

Chudai stories बहन का देवर

मेरे पापा ने सोनम दीदी को, मुझे इंग्लिश पढ़ाने को कहा। मेरे लिए तो सोनम दीदी के पास रहना ही बड़ी बात थी। मैं रोज रात को सोनम दीदी के कमरे में चला जाता। वो रात में छोटा सा नेकर और टी-शर्ट पहन कर सोती थीं, पर अंदर ब्रा नहीं पहनती थीं। उनके निप्पलों के उभार दिखते रहते और मैं उनके बोबों को देखता रहता था। उनके बदन की खुशबू मेरी नींद उड़ा देती थी। ऐसे ही चलता रहा, पर सोनम दीदी को मुझ पर कभी-कभी शक होता था, पर वो मुझ को बच्चा ही समझती थीं।

एक दिन सोनम दीदी ने रात में फ्रॉक पहन रखी थी। उस पर आगे बटन थे। मैं रोज की तरह उनके कमरे में था। वो किताब से पढ़ा रही थीं। पढ़ाते-पढ़ाते वो सो गईं। नींद में उनकी फ्रॉक थोड़ी सी ऊपर हो गई। उन्होंने अंदर चड्डी नहीं पहनी थी और उनके गोरे-गोरे कूल्हों को देख कर मेरा लंड बेकाबू हो गया।

मैंने धीरे से उनकी फ्रॉक को और ऊपर कर दिया और उस का एक बटन भी खोल दिया। वहाँ उनकी गोल-गोल गोरे चूतड़ों के बीच में से गुलाबी चूत की लाइन दिख रही थी। मैंने धीरे से अपना लंड निकाल कर उन की गांड से लगा दिया। सोनम दीदी हल्की सी हिलीं तो मैं सोने की एक्टिंग करने लगा। वो चादर ओड़ कर सो गईं, पर मेरा लंड तो बस रुक ही नहीं रहा था।

मैं बाथरूम में गया और मुठ मारने लगा। तभी आरती आ गई और उसने सब देख लिया।

दूसरे दिन आरती ने सोनम दीदी को सब बता दिया। मैं तो शर्म से उनके पास भी नहीं गया। दो दिन बाद सोनम दीदी ने मुझे बुलाया और पढ़ने को कहा, मैं चुपचाप पढ़ने लगा। थोड़ी देर बाद दीदी ने मुझे पानी लाने को कहा। मैं पानी ला कर फिर पढ़ने लग गया।

थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा- तुम पढ़ते रहो, मैं ज़रा लेटी हूँ।

सोनम दीदी चादर ओड़ कर लेट गईं और शायद वे सो गई थीं। तभी उन का एक पांव मेरे ऊपर आ गया और उनकी चादर सरक गई। मैंने देखा वो पूरी नंगी सो रही हैं। उनकी गोरी जाँघ दिखने से मेरा लंड खड़ा हो गया था।

बस अब तो मैंने सोच लिया कि चाहे मेरी पिटाई हो जाए, पर आज सोनम दीदी को जरुर चोदूँगा। मैंने उनकी चादर को हटा दिया और उनकी चिकनी जाँघ पर हाथ फेरने लगा।

तभी सोनम दीदी ने आँखें खोल लीं और बोलीं- मैं तुमको अच्छी लगती हूँ?

मैंने कहा- हाँ !

“तो बताओ… तुमको क्या आता है !”

“कर के बताऊँ दीदी?”

“हाँ बता !”

मैंने धीरे-धीरे उनके बदन पर हाथ फेरना शुरु कर दिया और फिर उनके गोरे-गोरे बोबों को चूसने लगा। सोनम दीदी को मजा आ रहा था। उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं। उनका बदन बिल्कुल चिकना था। मैं तो पागल सा हो गया था।

उनके पूरे बदन को चाट रहा था।

फिर मैंने उनकी दोनों जाँघ को खोल दिया और उनकी गुलाबी चूत को चाटने लगा। वो तड़प रही थीं, उनकी चूत का नमकीन स्वाद मुझको आज भी याद है।

फिर सोनम दीदी ने मेरा लंड पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगीं।

‘आह’ मेरा तो पानी निकल गया।

पर सोनम दीदी ने मेरा लंड को चूसना बंद नहीं किया। मेरा लंड एक बार फिर से पूरी पावर में था। फिर वो मेरे ऊपर आ गईं और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में डाल दिया।

“ओह…अह… उनकी चूत बिल्कुल गर्म थी !”

वो ऊपर बैठ कर जोर-जोर से उचकने लगीं। मैं उनके बोबों को पकड़ कर दबाने लगा। वो और जोर से हिलने लगीं। उनकी ‘आह्ह’ निकल रही थी और फिर उनका पानी निकल गया…!

वो मेरे ऊपर ही लेट गईं। उनका पूरा बदन मेरे ऊपर था और मैं उसकी गर्मी को महसूस कर सकता था। फिर सोनम दीदी ने मेरे कान मे कहा, “अब सो जा।”

वो उठ कर बाथरूम में चली गईं और नहा कर सो गईं।

उन दिनों मैंने सोनम दीदी को 5-6 बार चोदा। उनके मुंबई वापस जाने से पहले वाली रात को भी चोदा था, पर सोनम दीदी ने गांव आना बंद कर दिया।

मैं समझ गया, वो चाहती हैं कि जो भी कुछ हुआ, उसे भूल जाओ। आज मेरी शादी हो चुकी है और सोनम दीदी की भी हो चुकी है।

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यादगार चुदाई हॉट मकान मालकिन की https://sexstories.one/yaadgar-chudai-hot-makan-malkin-ki/ Mon, 01 Nov 2021 08:23:54 +0000 https://sexstories.one/?p=3217 भाभी बोली मेरे बच्चो की कसम मैने मेरे पति के सिवाय किसी से सेक्स नही किया और वैसे भी वो कभी कभी ही घर आते थे। में अब तीन साल से तो बिल्कुल ही नही चुदी हूँ। तो आप बिना डरे चोदो कुछ नही होगा। प्लीज़ में आपको बहुत मज़ा दूँगी। मैने तुरंत लाइट ऑन कर दी...

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Chudai Makan Malkin Ki मेरा नाम सुदेश है। मेरी उम्र 25 साल है। मेरी अभी शादी नहीं हुई है और में भोपाल का रहने वाला हूँ में एक प्राइवेट कंपनी मे नौकरी करता हूँ। ये बात करीब दो साल पहले की है। जब मेरी कंपनी ने मेरा तबादला जयपुर कर दिया था। शुरू के 15 दिन मैने होटेल मे ही गुजार कर अपने लिए कोई कमरे की तलाश शुरू की। आख़िर एक कमरा मिला जिस घर की मालकिन एक विधवा औरत और उसके तीन बच्चे थे। मैंने वहां अपना सामान कमरे मे शिफ्ट कर लिया।

मकान मालकिन की उम्र 34 साल दिखने मे सुंदर और चहरे से 25 साल उम्र जैसे लगती थी। शुरू के दो चार दिन तक में उनसे ज्यादा बात नही करता था। और ना ही वो कुछ कहती थी। फिर एक दिन रविवार को में कमरे पर था। तो मेरे कमरे के सामने मकान मालकिन सब्जी काट रही थी। क्योकि किचन मे लाईट नही थी। तो मैने खिड़की की जाली से परदा उठाकर मैने देखा की उसने नाईटी पहनी हुई थी। और एक दम मस्त लग रही थी। में काफ़ी देर उसे गौर से देखता रहा। मेरा लंड खड़ा हो गया मन मे अजीब ख़याल आने लगे थे।

तो मैने उनसे बात करने की सोची और बोला भाभी जी क्या कर रहे हो। तो वो एक दम चोंक कर बोली ओह आप हो क्या अंदर बैठे हो। तुम्हे अंदर गर्मी नही लग रही क्या? और उन्होंने इतना कहते हुए मेरे कमरे का दरवाजा खोला और अंदर झाँका तो में एक दम शर्म से झुक गया क्योकि मेरा खड़ा लंड पेंट मे से बाहर की ओर उभर कर निकला हुआ था। वो गौर से उसे उभरते हुए देखने लगी। और चुपचाप बाहर जाकर अपने काम मे लग गई। और थोड़ी थोड़ी देर मे खिड़की की तरफ देखने लगी। में फिर से उसी खिड़की से उसे देख रहा था।

फिर वो अंदर जा कर अपने काम मे लग गई और में मार्केट चला गया। में खाना बाहर ही खाता था तो में रात को 9:30 बजे के आस-पास कमरे पर आया तो भाभी बोली आज इतने लेट कैसे हो गये? मैने जवाब दिया की में तो रोज़ इसी समय तो आता हूँ।

भाभी बोली : अच्छा खाना कहाँ खाते हो?

मैने बोला: होटल पर लेकिन थोड़े दिनों मे टिफिन लगवा लूँगा। फिर मैने कपड़े चेंज किये और लाइट बंद करके सो गया और मोबाइल मे टाइम देखा तो रात के 10:30 बज चुके थे। भाभी ने आवाज़ लगाई आप सो गये हो क्या? तभी मेंने बोला क्या करू कुछ भी काम नही है। तो सोना ही है। अवाज़ साफ सुनाई दे रही थी क्योंकि मेरे कमरे के पास ही उनका बेडरूम था और उसका एक गेट मेरे कमरे मे भी खुलता था। तो मैने पूछा आप इसी कमरे मे सोती हो क्या? तो वो बोली हाँ वैसे हम कमरे किराए पर कभी नही देते है। वो तो हमारे चाचा जी के बहुत कहने पर दे ही दिया है। क्योंकि उसके पड़ोस के चाचा जी मेरी कंपनी मे ही जॉब करते है। तो मैने कहा भाभी धन्यवाद। फिर मैने कहा तो पहले इस कमरे में आप सोते थे? वो बोली नही बड़ी बेटी सोती थी। वैसे हमारे अंदर भी तीन कमरे और है। और भाभी टॉपिक चेंज करके बोली आप पूरा जयपुर देख चुके हो क्या?

मैने कहा : नही अभी ऑफीस मे सबसे दोस्ती नही हुई है तो कहीं भी घूमने नहीं गया।

तो वो बोली कोई अच्छी सी गर्लफ्रेंड बना लो। आपको पूरा शहर घुमा देगी मैने एकदम कहा वैसे आप भी तो मस्त हो।

तभी भाभी बोली : नहीं हमारी तो उम्र निकल गई है।

मैने पूछा “ आपकी उम्र क्या है? वो बोली 34 तो मैने कहा लगती नहीं आप 34 की हो आपके पति को क्या हो गया था।

Chudai sex kahani बन जा तू मेरी रंडी तेरी गांड मार लूँगा

वो बोली कि वो विदेश में थे और तीन साल पहले गुजर गये थे। मैने फिर मोबाइल मे टाइम देखा तो 1:30 से उपर टाइम हो चुका था। फिर भाभी बोली सो जाओ अब और तुम सुबह कितने बजे उठते हो। मैने कहा रोज तो जल्दी 6:00 उठता हूँ। पर आज तो दो बज गये तो पता नही कब नींद खुलेगी?

भाभी बोली में तुम्हे जगा दूँगी बोलो कितने बजे जगाना है?

मैने कहा 6:00 या 6:30 बजे तक बोली ठीक है। सुबह मुझे भाभी ने आवाज़ लगाई और गेट खटखटाया तो में उठा और सोचा की शायद भाभी अंदर आएगी। कुण्डी मेरी साइड से नही थी गेट की कुण्डी खुली ही थी। लेकिन उसने गेट नही खोला आख़िर में अपने लंड को हिलाकर रह गया।

दूसरे दिन फिर नाइट मे हमारे बीच काफ़ी देर तक बाते हुई। और नाइट के 11:00 बजे थे। मैने तुरंत कहा आपके बच्चो को ये बाते सुनाई नही देती क्या? भाभी बोली वो तो अपने सामने वाले कमरे मे सोते है। और बड़ी बेटी उपर के कमरे मे सोती है।

तो मैने तुरंत कहा भाभी जी तो आपने इधर का गेट क्यो बंद कर रखा है? तो इसे खोलो भाभी बोली नही यार परदा तो होना ही चाहिए। उसने मुझे यार कहा तो मैने कहा आपने तो अब यार कहा है। और वैसे भी आप अकेली और में भी अकेला ना मुझे नींद आती है और ना आपको तो वो हँसने लगी और बोली मुझे तो नींद आती है आपको ही नही आती तो मैने कहा तो मेरे लिए ही सही गेट तो खोल दो प्लीज़ प्लीज़-प्लीज़ भाभी।

भाभी बोली ठीक है में खोलती हूँ। पर आप मेरी मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करोगे। मैने कहा आपकी कसम प्लीज़ प्लीज़ भाभी ने गेट खोल दिया। हम लोग एक दुसरे की बाते करने लगे। बाते करते करते हम थक गये थे। और हमे नींद आने लगी तभी भाभी बोली मेरे पास ही सो जाओ। अब मुझे नींद कहाँ आनी थी। मेरी नींद उड़ गयी थी और साथ में भाभी की भी मेरे हाँ कहने से हम एक ही बेड पर सो रहे थे। वो आंखे बंद करके लेटी हुई थी और इंतजार कर रही थी मेरे कुछ करने का तो मैने भी मौका देख कर हल्का सा भाभी को छुआ वो कुछ नही बोली मैने एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। फिर गले से लगा लिया और सभी जगह छूने लगा। उसके लिप्स को फिर वो मेरा साथ देने लगी थी। अब में उसे छेड़ने लगा कभी उसके मस्त-मस्त बूब्स चूसता कभी उसकी चूत पर हाथ लगाता मैने मौका देख अपने सारे कपड़े खोल दिये और में एक दम नंगा हो गया तो भाभी मेरे लंड को देखकर बोली इतना बड़ा लंड? मैने कहा अब तक मैने किसी के साथ सेक्स नहीं किया। मेरा लंड तो आपकी चूत पर ही मेहरबान हुआ है।

अब मैने कहा भाभी ये नाईटी क्यो पहनी हुई है। प्लीज़ खोलो इसे तो वो बोली नही। में ये काम नही करूँगी और सब कुछ कर लूँगी। तो मैने उनके शरीर पर हाथ फेर कर उसकी चूत को जगा दिया और अपना लंड उसके हाथ मे थमा कर बोला लो ये आपके लिए ही है। जैसे चाहो खेलो खाओ। मुझे भी कोई जल्दी नही थी। अब भाभी थोड़ी देर तक हिलाती रही। फिर उठ कर लंड मुहं मे ले लिया।

लगभग दस मिनट तक वो चूसती रही। आख़िर मैने कहा भाभी अब निकलने वाला है। प्लीज़ आपकी चूत में तो अभी लंड डालना बाकी है। तो भाभी ने तुरंत अपनी नाईटी उतार दी तो मैने उसकी पेंटी भी खींच कर खोल दी। अब में लंड उसकी चूत मे डालने के मूड मे था पर भाभी ने उसे चूसने को कहा। मैने जैसे ही उसकी मस्त चूत के पास मुहं रखा उसमे थोडा पानी जैसा तरल और एक अजीब सी मदहोशी छा रही थी। मैने भाभी को कहा तो उसने तुरंत मुझे अपनी चूत के पास से दूर कर दिया।

उसकी चूत बहुत मस्त लग रही थी। फिर हम 69 स्टाइल मे आ गये। भाभी ने मेरे लंड को चूसना बंद नही किया। दस मिनट बाद मेरे लंड से तेज पिचकारी निकली भाभी का पूरा मुहं भर गया। अब वो लंड बाहर निकाल कर खांसने लगी। बोली मेरा गला भर गया है। लेकिन ये बहुत टेस्टी है और फिर पूरा वीर्य निकल जाने के बाद भाभी फिर मेरे लंड को चूसने लगी। और चूस चूस कर लंड को दोबारा खड़ा किया। और अपनी चूत मे लंड डालने का इशारा किया। मैने कहा भाभी बिना कंडोम के मुझे डर लगता है। क्योंकि आज कल एड्स का ख़तरा बहुत ज्यादा है। ये हमारे लिये सेफ नहीं है।

भाभी बोली मेरे बच्चो की कसम मैने मेरे पति के सिवाय किसी से सेक्स नही किया और वैसे भी वो कभी कभी ही घर आते थे। में अब तीन साल से तो बिल्कुल ही नही चुदी हूँ। तो आप बिना डरे चोदो कुछ नही होगा। प्लीज़ में आपको बहुत मज़ा दूँगी। मैने तुरंत लाइट ऑन कर दी और नंगे बदन मे भाभी कि मासूमियत देख रहा था। भाभी बोली लाइट ऑफ कर दो अड़ोसी पड़ोसी शक करेंगे मैने तुरंत लाइट ऑफ की और भाभी को बोला की इस चूत को और टाइट करो। भाभी ने ठीक ऐसा ही किया। फिर मैने भाभी से पूछा कि आपको कौन सी स्टाइल मे मज़ा आता है। वो बोली जैसे आप चाहो वैसे चोद लो लेकिन जल्दी करो अब नहीं रहा जाता चोदो मुझे डाल दो तुम्हारा पूरा लंड मेरी चूत में प्लीज जल्दी करो और मैने भाभी को लिटा दिया और चूत मे लंड डालने लगा। उसकी चूत बहुत टाइट और कसी हुई थी। क्योकि वो बहुत दिनों से नही चुदी थी। फिर मैने एक झटका लगाया लंड अंदर नही जा रहा था। मुझे बहुत दर्द हुआ और उसको भी वो दर्द से चीखी। तभी मैने लंड बाहर निकाल कर अपनी दो उँगलियाँ चूत में डाल दी।

उसे मजा आने लगा वो दर्द भूल गयी थी। मैने मौका देख कर लंड डाल दिया। अब पूरा का पूरा लंड उसकी चूत मे चला गया। ओह मर गई ओहऊऊओह करने लगी। मैने ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने शुरू कर दिये। भाभी का चीखना जारी था। फिर उसे बहुत अच्छा लगने लगा। और कहने लगी चोदो इसे फाड़ दो मेरी चूत को।

अब में धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा। तभी वो बोली यार मुझे बहुत समय के बाद लंड मिला है। मुझे बहुत मज़ा आ रहा है। प्लीज़ ज़ोर से चोदो में लगातार चार मिनट तक चोदते चोदते जैसे थक सा गया था। क्योंकि ये मेरी पहली चुदाई थी। मैने अब लंड बाहर निकलना चाहा पर भाभी बोली अभी लंड ना निकलना। अभी तो मुझे जोर जोर से चोद डालो यार फाड़ डालो इसे मैने भाभी की बात मानकर फिर से चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद भाभी भी झड़ने लगी और फिर में भी झड़ गया। मैने पूरा वीर्य चूत में ही निकाल दिया। अब भाभी बहुत खुश थी। सीधी होकर मुझसे लिपट गई और बोली मेरे राजा बहुत मज़ा आया आप बहुत अच्छे हो। फिर मुझे चूमने लगी। मेंने भी उसके लिप्स अपने मुहं मे ले लिए और दोनो सो गये। रात को भाभी नींद मे सो रही थी। में बीच बीच मे जाग जाता सुबह 5:30 बजे थोड़ा उजाला हुआ तो मैने भाभी को गौर से देखा। नींद मे उसका चेहरा बहुत ही मासूम लग रहा था। जैसे की बहुत सालों के बाद सूकून की नींद सो रही हो। मुझसे रहा नहीं गया मैने उसके माथे गाल और होंठ पर किस किए तभी वो जाग गई। मैने बोला तुम कितनी मासूम लग रही हो। तुम यहाँ घर मे अकेली रहती हो तो पड़ोस मे किसी की नज़र नही पड़ी क्या?

वो बोली मेरे साथ मेरी सास भी रहती है। अभी वो मेरे देवर के पास गावं मे है। क्योंकि मेरे देवर के घर में लड़की हुई है। मैने उनसे पूछ कर ही कमरे के लिए आपके अंकल को हाँ किया था। मेरी नजर उसके बूब्स पर पड़ी वो बहुत बड़े गोल थे। बूब्स को देख कर कुछ समय मे मेरा लंड खड़ा हो गया। अब मैने उसको फिर से चोदने के लिये बहुत मनाया कुछ समय बाद वो मान गई। मैने उसकी टांगे ऊँची करके लंड डाल दिया तो वो बोली मेरे राजा अब में आपको मना तो नहीं कर सकती। लेकिन चुदाई ज्यादा नहीं करनी चाहिए। इससे शरीर मे बहुत कमज़ोरी आती है।

मैने पूछा तो कब-कब करते है। वो बोली दो दिन मे एक बार मैने फिर जमकर चुदाई की तो भाभी पूरा मजा ले रही लेकिन वो थक गयी थी। उनके चहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। मैने करीब 10 मिनट चुदाई की और उनकी चूत लाल हो गई और में झड़ गया और बहुत थक गया था। तभी भाभी बोली लगता है नई नई जवानी आई है इसलिये तुम्हारा मन एक बार चुदाई से नही भरा। तब सुबह के 6:00 बज चुके थे। में उठ कर अपने कमरे में चला गया। और उन्होंने उठ कर गेट अंदर से बंद कर लिया था।

फिर उसने बच्चो को जगाया उन्हे स्कूल के लिए तैयार किया। आज में भी बहुत खुश था। में बाथरूम मे नहा रहा था। तभी गेट बजा मैने तुरंत गेट खोला वो सामने खड़ी थी। में बिल्कुल नंगा था वो शरमाते हुए बोली नहा लिये क्या? नाश्ता बन गया है में लेकर आती हूँ। और कमरे से बाहर चली गई। जब तक मैने कपड़े पहने तब तक वो गोभी के परांठे दही लेकर आई थी। मैने मना किया तो वो बोली जब तक मेरी सास नही आती आप खाना यहीं खाया करो। मैने नाश्ता किया और फिर में ऑफीस चला गया। शाम को उसने अपने बच्चो से मेरा परिचय कराया। तभी से में भाभी और उनके बच्चो से बहुत ज्यादा घुल मिल गया। और रोजाना रात को हम साथ ही सोते थे। कभी मेरे कमरे पर तो कभी भाभी के कमरे पर। बहुत सारी स्टाइल्स से चुदाई करके हमने खूब मज़े लिए। भाभी ने चुदाई में मेरा पूरा साथ दिया। हम इस चुदाई से एक दूसरे के बहुत पास आ गये थे।

अब हमें चुदाई करे बिना नींद नही आती थी। मुझे उसकी चुदाई और चूत चाटने में बहुत मजा आने लगा था। फिर आठ महीने बाद मेरा तबादला वापस भोपाल हो गया। में अपने घर भोपाल आ गया। बाद मे भाभी से फोन पर ही बात होती थी। मैने कई बार उनके घर जाकर उनकी चुदाई की। लेकिन कुछ महीने के बाद पता नही उनका फोन नम्बर बंद हो गया। तब हमारा लिंक टूट गया वैसे भी अब जयपुर मे मेरा कोई काम भी नही है और मेरी शादी भी होने वाली थी। लेकिन दोस्तो मेरे वो आठ महीने जिंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हें है जिन्हें में चाह कर भी नहीं भुला सकता ।।

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भाभी ने बहन और माँ को पटाया https://sexstories.one/%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%ad%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%aa%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be/ Tue, 19 Oct 2021 09:28:21 +0000 https://sexstories.one/?p=3055 मैंने देखा रूम में भाभी अपने चुत में ऊँगली कर रही थी और अपने मम्मे मसल रही थी.. मैंने वहा खड़े होकर उनकी वीडियो बनाई... कुछ टाइम बाद भाभी अपना फ़ोन वहीँ रख कर वाशरूम चली गयी... मैंने जल्दी से जाकर देखा। फ़ोन में बहुत साड़ी उनकी वीडियोस थी...

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Bhabhi sex story Maa aur Bahan ko pataya हेलो दोस्तो मेरा नाम कबीर है। मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूं। ये कहानी में मैं अपनी आप बीती सुनाने जा रहा हूं। मेरी उमर 23 साल है और मैं कॉलेज में पढ़ता हूं। मेरी भाभी और भैया की शादी को 1 साल हुआ है। और घर में मैं, मेरी मम्मी, भाई और भाभी और एक बहन रहती है।

मेरी भाभी का जिस्म देख वड्डे वड्डो का लंड पंत में ही पानी छोड़ दे। जिस्म के बारे में बताना तो भूल गया। भाभी का नाम रिया है (बदला हुआ)। भाई का नाम साहिल (बदला हुआ) और बहन प्रीत (बदला हुआ) और मां सविता (बदला हुआ).. मेरी बहन की भी शादी हो चुकी है और उनके बारे में तो क्या कहूं वड्डे मम्मे, मोटी गांड, चोदने वाले को मजा ही आ जाए….

अब आता हूं कहानी पर ……

मैंने अपनी +2 बोर्डिंग स्कूल से की थी, तो ज्यादा तर घर से बहार ही रहा हूं। पर कॉलेज के लिए मैं चंडीगढ़ ही वापीस आ गया था। और भैया की शादी भी नई-नई हुई थी। भैया एक कंपनी एम जॉब करते हैं, सेल्स के रिलेटेड, तो वो ज्यादा तर बिजी या घुमते ही रहते हैं..

भाभी इतनी सुंदर थी का मेरा मन उनके ऊपर रहा था। जब वो तयार होती, तो पताका लगी थी। धीरे धीरे में उनकी तरफ आकर्षित हो गया था। और मैं अब भाभी को छेड़ने के स्पर्श करने के बहाने ढूंढ़ता था.. एक दिन की बात है. जब भाभी नीचे खड़ी हुई थी और मैं उनकी ओर देख रहा था.. और मुझे उनके मम्मे आधे दिखाई दे रहे थे… क्या नज़ारा था… और मैंने देखना नहीं बंद किया… देखता रहा…

फिर अचानक भाभी ने ऊपर देखा। मुझे देखकर उन्होंने अपना दुप्पटा ठीक किया और अंदर चली गयी…

मेरे डर के मारे शॉट हो गए थे.. की अब डांट पक्की… फिर मैंने कुछ नहीं किया और वहां से चला गया… एक दिन भाइये ५ दिन के लिए कहीं ट्रिप पर थे काम से तो भाभी अकेली थी उस टाइम…

जब मैं उस दिन रात को उठा और किचन में जाते हुए देखा भाभी के रूम में.. भाभी ने देख लिया…. पर मुझे शक था की कुछ तो बात है की भाभी किसीसे बात कर नहीं है..

और मैं रूम में आ गया. उसके १० मिनट् बाद भाभी मेरे रूम में आ गयी…

भाभी – तुम्हे शर्म नहीं आती, अपनी भाभी को ऐसे देखते हुए… मैं तुम्हारे भाइये को बताउंगी… और घर में भी बताउंगी…

मैं डर के मारे कांप रहा था की अब तो फस गया.. अब पिटाई होगी..

मैं – भाभी, मुझे माफ़ कर दो.. मैंने कुछ जान बूझ के नहीं किया.. मैं गुज़र रहा था तब अचानक से आपको देखकर रुका नहीं गया… माफ़ कर दो… आगे से नहीं होगा…

भाभी – तुम्हे मार तो पड़नी चाहिए… मैंने देखा था उस दिन तुम मुझे छत पर से घूर रहे थे…

मैं – भाभी ऐसे कुछ नहीं है.. मुझे माफ़ करदो… आगे से नहीं होगा… प्रॉमिस करता हु…

भाभी – चलो अब प्रॉमिस करते हो तो लास्ट वार्निंग दे रही हूँ… वरना घर में बता दूंगी..

मैं – शुक्रिया भाभी…

भाभी वह से चली गयी और मेरी भी सांस में सांस आयी…

फिर मैं उनसे बदला लेने का मौका ढूंढ़ता रहा…

एक दिन जब मैं कॉलेज से घर वापस आया तो मैंने देखा रूम में भाभी अपने चुत में ऊँगली कर रही थी और अपने मम्मे मसल रही थी.. मैंने वहा खड़े होकर उनकी वीडियो बनाई… कुछ टाइम बाद भाभी अपना फ़ोन वहीँ रख कर वाशरूम चली गयी… मैंने जल्दी से जाकर देखा। फ़ोन में बहुत साड़ी उनकी वीडियोस थी जो उन्होंने किसी लड़के को भेजी थी… और उनकी चैट जो उससे की हुई थी…

मैं – भाभी बता देना भैया को मैं भी बताऊंगा की आप उनके पीठ पीछे क्या करती हो…

भाभी – पागल है क्या? भौंक रहा है तू… जानता भी है?

मैं – सब जानता हूँ… और मेरे पास प्रूफ भी है.. डरो मत.. मैंने आपके फ़ोन से सारा डाटा अपने फ़ोन में दाल रखा है.. दिखाऊंगा मैं भैया को…

भाभी – कबित देख.. मैं तेरी भाभी हूँ… सच बताऊँ… मेरी भी कुछ तमन्ना है.. तुम्हारे भैया कुछ करते नहीं.. ट्रिप पर ही रहते है ज़्यादा टाइम… मेरी भी कुछ ज़रूरतें है..

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मैं – ऐसी कैसी ज़रूरत? क्या नहीं देते भैया आपको जो आपको ये सब करना पद रहा है?

भाभी – हर चीज़ पैसे से नहीं खरीदी जाती.. कुछ पर्सनल भी होता है… मेरी शारीरिक ज़रूरत जो हर औरत अपने पति से चाहती है..

मैं – बताओ क्या नहीं दिया आपको भाइये ने…

भाभी – तुम्हारे भैया मुझे टाइम नहीं देते.. मेरी सेक्स लाइफ ठीक नहीं चल रही है.. इसीलिए मुझे ये कदम उठाना पड़ा…

मैं – पर ये तो गलत है..

भाभी – तुम जो मांगोगे मैं दूंगी. जितने पैसे कहोगे दे दूंगी.. पर प्लीज किसी को मत बताना…

मैं – पैसों की ज़रूरत नहीं है..

भाभी – तो क्या चाहिए तुझे?

मैंने – मैं आपके साथ वही सब करना चाहता हूँ जो आप भाइये से चाहते हो..

भाभी – पागल तो नहीं हो तुम? मैं तुम्हारी भाभी हूँ.. ये कभी नहीं होगा…

मैं – ठीक है फिर… मैं भैया तो बता देता हूँ…

भाभी – देखो कबिर, ये गलत है…

मैं – जो तुम कर रही हो वो कौनसा ठीक है.. और तुम्हारी ज़रुरत है, मेरी भी ज़रूरत है.. कुछ गलत नहीं है… और मैं किसी को भी नहीं बताऊंगा…

भाभी – ठीक है.. पर…

मैं – पर-वर कुछ नहीं.. आप बस साथ दो..

फिर मैंने उनके एक ना सुनी और अपने होंठ भाभी को होंठों पर रख दिए… और किस करने लगा… धीरे धीरे भाभी भी साथ देने लगी..

फिर मैंने भाभी को बेड पर धक्का दिया और उनके कपडे खोलने शुरू किये… और पूरी बॉडी पर किस करते जा रहा था..

भाभी – देवरजी, जबसे शादी हुई तबसे प्यासी हूँ..

मैं – आप चिंता मत करो भाभी, मैं आज आपकी साड़ी प्यास बूझा दूंगा…

भाभी अंगड़ाइयां ले रही थी.. और मज़े ले रही थी..

फिर मैंने धीरे-धीरे उनके कपडे खोले और जब मैंने उनकी ब्रा खोली तो उनके वड्डे-वड्डे मम्मे आज़ाद हुए… क्या नज़ारा था… फिर मैंने भाभी के दूध पीना शुरू किया और भाभी आअह्ह्ह्हह…. आह्ह्ह्हह्ह…. ऊह्ह्ह्हह्ह…. ऊह्ह्हह्ह… की आवाज़े निकाल रही थी…

भाभी – देवरजी क्या कमाल हो… आपने क्यों नहीं शादी की मुझसे? आपका भाई तो फुद्दू है.. एक नंबर का माल जैसे बीवी पर ध्यान नहीं देता…

मैं – ये तो सही है भाभी… आपको देखकर बुड्ढ़ों का भी लंड खड़ा हो जाए…

भाभी – तुम अपना खड़ा करो.. और अपने कपडे तो उतारो.. मुझे तो एक पल में नंगा कर दिया..

मैं – तुम खुद ही उतार दो.. इतनी उतावली हो अगर…

और इतना कहने की देर थी, भाभी जानवर के तरह मेरे ऊपर टूट पड़ी.. मेरे कपडे खोल दिए… मेरा लंड देखकर बोली…

भाभी – क्या औज़ार है यार तेरा….. मार डालेगा मुझे पर मज़ा भी बहुत आएगा…

मैं – इस औज़ार को मुँह में लेकर देखो.. मज़ा आएगा…

भाभी – यार मैंने कभी नहीं लिया…. गन्दा लगता है…

मैं – यार भाभी प्लीज… मेरे लिए ले लो एक बार…

भाभी – तुम्हारे लिए तो कुछ भी मंज़ूर है.. तुमने आज मुझे खुश जो कर दिया…

फिर भाभी धीरे-धीरे मेरे लंड को चूसने लगी.. और फिर एक झटके में मैंने अपना सारा लंड उनके मुँह में दाल दिया.. और उनके मुँह को चोदने लगा..

२०-२५ मिनट बाद मैं उनके मुँह में ही झड गया..

भाभी – अब खुश हो मेरे देवरजी…

मैं – भाभी आपने मुझे जन्नत की सैर करवादी… अब मेरी बारी…

और मैंने भाभी की चुत की चाटना शुरू किया… क्या मज़ा आ रहा था.. क्या बताऊँ…

१० मिनट बाद भाभी भी झड़ गयी.. और भाभी ने फिरसे चूसकर मेरा लंड खड़ा कर दिया.. फिर भाभी तड़पने लगी… कहने लगी की..

भाभी – अब और मत तड़पाओ चोद डालो मुझे…

मैं – रुक जाओ मेरी रंडी भाभी… अभी लो..

और मैंने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और लंड सेट किया उनकी चूतपर और ज़ोर से झटका मारा… आधा लंड अंदर चला गया और भाभी चिल्ला उठी…

भाभी – पति निठल्ला और देवर निकला बल्ला-बल्ला… मार दिया साले कुत्ते ने… आराम से कर…. रंडी नहीं हु… तेरी भाई तो ठोकता ही नहीं… समझ तेरी ही बीवी हूँ… नयी-नयी चुत है…

मैं – मेरी हो तभी तो प्यार कर रहा हु… मेरी रंडी जान..

५-१० मिनट बाद भाभी का दर्द शांत हुआ… अब वो आवाज़ें निकाल रही थी…

“आआह्ह्हह्ह्ह्ह….. ऊह्ह्ह्ह…. उम्मम्मम्मम…. फ़क फ़क हार्ड बब्बी… एस्सस…. उह्ह्ह… अरे.. ग्रेट… आह्ह्ह्ह… ऊह्ह्ह्ह…. फ़क… ”

मैंने भाभी को कम से कम आधे घंटे चोदा और पुछा की..

मैं – मेरा झड़ने वाला है.. कहाँ निकालूँ?

भाभी – अंदर ही निकाल दे कबीर… मेरी जान… मैं तेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ… वैसे भी तेरे भाई ने मुझे ये सुख नहीं दिया अभी…

मैं – लो मेरी जान…

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ऐसे ही हमारा चलता था… मैं भाभी को ठोकता रहता जब भी मौका मिलता…

कुछ दिनों बाद जब मेरी बहन, जिसकी नयी नयी शादी हुई थी वो जब पहली बार कुछ दिन रहने के लिए घर आयी, तब मैं उसे लेने गया तो मैं देखता ही रह गया…

उसके चुचे पहले से थोड़े बड़े लग रहे थे.. शायद भाभी को चोदने के बाद मेरा नजरिया बदल गया था…

मैंने अपनी बहन को बाइक पर बिठाया और घर ले आया.. आते टाइम मैंने काफी बार ब्रेक लगायी.. जिससे उनके बड़े-बड़े तरबूज़ मैं महसूर कर सकू… क्या मज़ा आ रहा था तब…

घर पहुँचा और कुछ टाइम बाद जब मैं भाभी से मिला तब मैंने भाभी को किस किया और बोला की भाभी प्रीत तो पहले से भी ज़्यादा माल बन गयी है… भाभी चौंक गयी और बोली…

भाभी – तू क्या बोल रहा है? वो तेरी बहन है…

मैं – क्या करू भाभी… लंड बहन मानने को राज़ी नहीं हो रहा… उसके मम्मे देखकर रहा नहीं जा रहा… एक बार दिलादो उसकी…

भाभी – पागल हो गया है क्या? तू क्या बोल रहा है? ऐसा नहीं हो सकता…

मैं – क्यों नहीं हो सकता… जब मैं तुझे चोद सकता हूँ तो उसको क्यों नहीं?

भाभी – चल देखती हूँ… मनाने की कोशिश करती हूँ… तू भी उलटी पुलटि चीज़े बोलता है..

मैं – लव यू मेरी प्यारी भाभी जान..!!

इतना कहकर मैंने भाभी के चूचियों को मसला और किस किया.. और अपने रूम में चला गया… उसके बाद भाभी ने दीदी से बात की और दीदी को मनाने की कोशिश की..

भाभी – और प्रीत, क्या हाल है?

प्रीत – ठीक हूँ भाभी.. आप बताओ..

भाभी – मैं भी ठीक हूँ.. और तुम्हारी सुहागरात कैसी थी? क्या क्या किया दामादजी ने?

प्रीत – क्या करना… कुछ नहीं किया भाभी.. बल्कि मैंने करने की कोशिश को तो उन्होंने मुझे दूर कर दिया और सो गए.. मेरे तो अरमान ऐसे ही रह गए…

भाभी – तुम्हारे अरमान ऐसे कैसे रह गए.. मैं पूरे करुँगी.. तुम रात को तैयार रहना..

भाभी ये सब बातें करके मेरे पास आयी और बोली की रात को तैयार रहना.. मैंने मना लिया है… तुम कैसे वश में करते हो तुम पर है..

जैसे मुझे भाभी ने बोलै, मैंने ठीक वैसे ही प्रीत के रूम में गया.. जाकर लोअर खोली और उसके ऊपर चढ़ गया.. उसके मम्मे दबाने लगा और किस करने लगा.. मैंने देर न करते हुए उसके कपडे खोल दिए और नंगा कर दिया उसको.. और खुद भी नंगा हो गया…

पर प्रीत ने जैसे ही लाइट चालू किया वो शर्म के मारे मरने लग गयी.. और खुद को कपड़े से ढकने लगी.. तभी भाभी आयी और बोली…

भाभी – कुछ नहीं होता.. तुम बस मज़ा लो.. मैं खुद प्यासी थी… और मेरी प्यास इसिने बुझाई है.. तुम भी इसपर भरोसा रखो.. कुछ नहीं होगा.. तुम्हे खुश कर देगा ये मेरा वादा है..

प्रीत – ठीक है भाभी.. अगर आप कहते हो तो…

फिर जब मैंने रौशनी में देखा… क्या मम्मे थे प्रीत के.. मज़ा आ गया.. मैंने उसको लंड चूसने को बोलै और उसने पहले मना किया फिर मान गयी और फिर अच्छे से उसने मेरा लंड चूसा…

प्रीत – अब तड़पाओ मत.. चोद डालो मुझे…

मैं – रुको बहना… लो अभी.. लो..

और मैंने ठुकाई शुरू की। वो वर्जिन थी.. तो उसको बहुत दर्द हुआ… खून भी निकला और वो बहुत आवाज़ें निकाल रही थी… जैसे.. आह्ह्ह्ह… ऊह्ह्ह…. ममम…. फ़क… फ़क….

फिर ऐसे ही ये सिलसिला चलता रहा.. जब जब वो आती मैं उसकी ठुकाई करता.. बाद में तो भाभी ने मुझे मेरी माँ की चूत भी दिलवाई…

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गांव की एक लड़की को पूरी रात पेला https://sexstories.one/gaon-ki-ladki-ki-chudai/ Mon, 13 Sep 2021 07:00:35 +0000 https://sexstories.one/?p=4295 दोस्तो, मैंने मेरे आफिस में काम करने वाली एक गांव की लड़की की चुदाई की। मेरा नाम रॉकी है और मैं धनबाद का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 27 साल हैं, मैं एक कम्पनी में ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तो, मैंने मेरे आफिस में काम करने वाली एक गांव की लड़की की चुदाई की। मेरा नाम रॉकी है और मैं धनबाद का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 27 साल हैं, मैं एक कम्पनी में जॉब करता हूँ. बात आज से तीन महीने पहले की है जब हमारे आफिस में एक नई लड़की ने जॉइन किया था, उसका नाम पूजा था, उसकी उम्र 21 साल थी दिखने में एकदम सीधी सादी, गोरा रंग, कसा हुआ शरीर, लंबे बाल। padhiye sexy gaon ki ladki ki chudai ki kahani.

वो धनबाद के पास ही किसी गांव से यहाँ जॉब करने आयी थी, उसका पहला दिन था आफिस में तो वो किसी से कोई ख़ास बात नहीं कर रही थी.

लंच टाइम हो गया था तो मेरे साथियों ने मुझे बोला उससे बात करने को, तो मैंने उसके पास जाकर उसको लंच के लिए पूछा.

एक बार तो उसने मुझे मना कर दिया किन्तु मेरे कुछ जोर देने पर वो मान गयी, फिर हमने साथ में लंच किया तो बातों बातों में पता चला कि वो यहाँ अकेली रहती थी और उसे धनबाद आये काफी समय हो गया था, और पहले वो कहीं और जॉब करती थी।

वो लंच नहीं लायी थी तो मैंने उससे अपना लंच शेयर किया इसलिए मेरा पेट नहीं भरा.

जब कुछ समय बाद मुझे फिर से भूख लगने लगी तो मैं कुछ खाने के लिए बाहर जाने लगा, मैं अपने केबिन से बाहर निकला तो उसने मुझसे बोला कि उसे भूख लग रही है.

तो मैं उसे भी अपने साथ ले गया और हम पास ही के एक रेस्टोरेंट में जाकर कुछ खाने लगे।

Gaon ki ladki badi sexy hoti hai

उस समय मेरे पूछने पर उसने मुझे अपनी लाइफ के बारे में बताया और ये भी बताया कि उसका कुछ दिन पहले ही उसके बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हुआ है. यह सुनते ही मैं समझ गया कि अब इसे एक कंधे की जरूरत है… तो क्यों ना वो कंधा मेरा ही हो।

और फिर वहाँ हमने अपने फोन नंबर एक दूसरे को दिये।

थोड़ा बहुत खा पीकर फिर हम वापस आफिस में आ गए और अपने अपने काम में लग गए।

फिर हम एक दूसरे से चैट करने लगे, धीरे धीरे फिर हम कॉल पर बात करने लगे, कुछ दिन ऐसे ही बीत गए।

एक रात करीब 11 बजे मुझे उसका कॉल आया, मैंने बात की तो वो रो रही थी. मेरे पूछने पर वो कहने लगी- मुझे तुमसे अभी मिलना है. कैसे भी बस… अभी मिलना है।

मेरा और उसका घर कोई 4-5 किलो मीटर के फासले में होगा, मैं उसके पास गया रात का वक़्त था तो मैंने कार ले जाना ही सही समझा.

मैं उसके घर पहुँचा तो वो बाहर ही खड़ी थी और मैं उससे बात करने के लिए कार से बाहर आया तो वो ‘मुझे यहाँ से चलो!’ कह कर मेरी कार में बैठ गयी।

Ladki gaon ki ho ya shehar ki, chodna chahiye

मैंने कार स्टार्ट की और वहाँ से चल दिए, रास्ते में उसने मुझे बताया कि उसको उसके बॉयफ्रेंड की याद आ रही थी तो इसलिए मुझे बुला लिया थोड़ा टाइम पास करने के लिए।

फिर ऐसे ही कुछ दूर कार चलाते चलाते हम हाईवे पर आ गए और थोड़ी दूर मुझे एक रेस्टोरेंट दिखाई दिया तो मैंने उससे पूछा कि उसे कुछ खाना हैं क्या?

तो उसने बोला- नहीं, खाना कुछ नहीं लेकिन पीना है!

पहले तो मैं उसकी यह बात सुन कर चौंक गया, फिर मैंने उससे पूछा कि पहले कभी पी है?

तो उसने ना में सर हिलाया.

तो मैंने उसे पीने से मना किया, लेकिन वो मुझे पिलाने के लिए जोर देने लगी. कुछ दूर आगे जाकर हमें एक बार दिखाई दिया, वहाँ जाकर हमने बियर पी, कुछ देर बाद उसे चढ़ने लगी।

फिर जब वो अपना होश खोने लगी तो मैं उसे वहाँ से लेकर जाने लगा पर उसे इतनी चढ़ गई थी कि वो सही से चल भी नहीं पा रही थी. मैंने उसे सहारा दिया और हम दोनों वहाँ से चल दिये.

उस समय करीब रात के 12 बज चुके थे, रास्ते में मैंने उससे कहा कि उसे उसके रूम पर छोड़ देता हूं तो उसने मना कर दिया और बोलने लगी कि इतनी रात को घर का गेट कोई नहीं खोलेगा तो अब वो सुबह ही जा सकती हैं।

अब मेरे पास भी कोई जगह नहीं थी उसे ले जाने के लिए तो मैंने उसे रात किसी होटल में गुजरने के लिए बोला और वो फट से मान गयी.

Gaon ki ladki ki gulabi choot chodne ka plan bana mera

फिर कुछ दूर आगे जा कर मुझे एक होटल दिखाई दिया और मैंने गाड़ी रोक कर उस होटल में रूम के लिए बात की और हमें रूम मिल गया।

मैं उसे रूम में ले गया और उसे सुला कर वापस नीचे लॉबी में आ गया, कुछ देर बाद मैं रूम में गया तो वो जग रही थी, मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?

तो उसने मुझे और बियर पीने के लिए बोला.

मैंने वहीं होटल से दो बियर ली और फिर मैं रूम में आ गया।

जब मैं रूम में गया तो मैंने देखा कि उसने अपना टॉप उतार रखा था और वो सिर्फ ब्रा में बैठी टीवी देख रही थी, मैंने उससे पूछा तो कहने लगी गर्मी लग रही थी तो उतार दी, जबकि AC ऑन था।

फिर हमने वो बियर भी पी और कुछ देर बाद वो फिर से होश खोने लगी और उल्टी सीधी हरकते करने लगी, मैं समझ गया इसे चढ़ गई हैं, मैंने उसका नशा कम करने के लिए उसे उठा कर बाथरूम में ले गया और उसे शावर के नीचे खड़ा कर दिया और जैसे ही मैं शावर खोल कर बाहर जाने लगा तो उसने मुझे पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और मुझे कस के जकड़ लिया और हम दोनों ही शावर में भीग गए।

उसके बाद उसने अपने कपड़े उतारे और मैंने अपने और काफी देर तक हम शावर में भीगते रहे, फिर जब मैं उसे बाथरूम से बाहर लाया तो हम दोनों ही पूरे न्यूड थे और जैसे ही हम बाथरूम से बाहर आये तो एक तो हम भीगे हुए ऊपर से AC ऑन होने के कारण हमे बहुत तेज ठंड लगी और वो मुझसे चिपकने लगी.

फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसे कम्बल औढ़ा दिया और मैं भी उसके पास लेट कर टीवी देखने लगा।

gaon me chud gayi

कुछ देर बाद मुझे लगा कि वो ठंड से कांप रही है तो मैंने AC बंद कर दिया. फिर भी उसे शायद ठंड लग रही थी और वो मुझसे चिपके जा रही थी, मुझे समझ नहीं आया कि क्या करूँ तो मैंने उसे बॉडी हीट देने के लिए अपने से चिपका लिया, फिर कुछ देर बाद मुझे लगा कि वो मेरे सीने पर किस कर रही है और धीरे धीरे वो मेरे होंठों की तरफ आने लगी और फिर उसने मुझे लिप किस किया, मैं भी अपना कंट्रोल खो रहा था और मेरा लंड भी अब खड़ा होने लगा था और उसकी जांघों पर छूने लगा था।

फिर उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी, हम अभी तक एक दूसरे को जगह जगह पर किस कर रहे थे फिर मैंने उसे सीधा लिटा दिया और उसके कयामती शरीर को चूमने और चाटने लगा, वो हल्की हल्की सिसकारियां ले रही थी और मैं कभी उसे किस करता कभी उसके बोबे चूसता कभी उनको जोर से दबाता.

फिर धीरे धीरे मैं उसकी चूत तक पहुँचा मैंने देखा कि उसकी चूत पर बाल नहीं थे, शायद उसने आज ही साफ किये थे, उसकी चूत देख कर मैं पागल हो गया एकदम क्लीन और गुलाबी रंग की चूत थी उसकी, और दोस्तो मुझे क्लीन शेव चूत बहुत पसंद है।

मैंने धीरे से उसकी चुत पर अपनी जीभ फिरना शुरू किया वो तो जैसे पागल ही हो गयी और जोर जोर से मेरा नाम ले कर सिसकारने लगी- ओह रॉकी ओह रॉकी

उसके मुंह से ये सब सुन कर मुझे भी काफी मजा आ रहा था और मैं अपनी पूरी जीभ उसकी रसीली चुत की गहराइयों में ले जा रहा था।

धीरे धीरे उसका शरीर अकड़ने लगा और वो मेरे मुंह को अपनी चुत पर दबाती हुई चिल्लाती हुई झड़ गयी। उसके चेहरे पर एक सुकून वाली खुशी थी जैसे कि उसे वो चीज मिल गयी हो जिसके लिए वो काफी समय से तड़प रही हो।
फिर हमने बहुत देर तक एक दूसरे को किस किया, मैं उसके ऊपर था और वो अपने पैरों को फैलाये हुए थी और मेरा लंड उसकी चुत को छू रहा था, फिर कुछ देर बाद उसने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत पे रख कर कहने लगी- कुणाल, अब प्लीज इसे अंदर डाल दो!

उसकी चुत एकदम गीली थी और मैंने भी देर न करते हुए एक जोरदार धक्के के साथ मेरा लंड उसकी चुत में डाल दिया लेकिन एक धक्के में लंड पूरा अंदर नहीं गया और उसे दर्द भी हुआ तो वो जोर से चिल्लाई और उसने मुझे रुकने को बोला.

Gaon me ladki ko chod diya

फिर कुछ देर मैं उसे फिर से किस करने लगा, उसके बोबे दबाने लगा, थोड़ी देर बाद उसने अपने कूल्हों को हिलाया और मुझे अपनी तरफ दबाने लगी, मैं समझ गया कि अब इसका दर्द कम हो गया है और अब इसे चुदना है।
मैंने फिर धीरे धीरे धक्के देना शुरू कर दिया और अपना 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड पूरा उसकी चुत में डाल दिया, कुछ ही देर में उसे मजा आने लगा और वो उम्म्ह… अहह… हय… याह… करने लगी और मुझे और जोर से करने के लिए बोलने लगी.

मैं अभी ठीक से गर्म भी नहीं हुआ था कि वो फिर से अकड़ने लगी और कुछ देर बाद वो जोर जोर से आहें भरते हुए एक बार फिर झड़ गयी. लेकिन मैं अभी रुकने वाला नहीं था. फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से उसकी चुत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.

अब वो मुझे जगह जगह काटने लगी, अपने नाखून मेरे शरीर पर चुभाने लगी जिस वजह से मुझे और भी मजा आने लगा।

दोस्तो, जब कोई लड़की मुझे लव बाइट्स देती हैं तो मुझे बहुत मजा आता हैं।

उसके बाद करीब काफी देर तक मैं उसे चोदता रहा और जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?

तो वो बोली- मेरी चुत के अंदर ही निकाल दो, मैं दवाई ले लूंगी.

फिर हम दोनों साथ ही झड़ गए। हम ऐसे ही एक दूसरे से चिपके हुए कुछ देर तक लेटे रहे, फिर मैं उठा और सिगरेट पीने बालकॉनी में चला गया. वो शायद थक गयी थी इसलिए वही लेटी रही. कुछ देर बाद मैं रूम में आया और उसे अपनी बाहों में लेकर लेट गया और हम दोनों एक दूसरे के अंगों से खेलते रहे, फिर हमारा वापस मूड़ बन गया और इस तरह मैंने उस रात उसकी 4 बार दमदार चुदाई की. हमें सुबह के 6 बज गए थे और फिर 10 बजे हमे चेकआउट करना था तो हमने थोड़ी देर सोना ही ठीक समझा और 10 बजे चेकआउट करके हम वहाँ से निकल गए.

एक देसी मां की सच्ची कहानी – 2

फिर जब हम आफिस में मिले तो वो बिल्कुल नार्मल थी और जैसे वो रोज मुझसे बाते करती थी वैसे ही बात कर रही थी।

उस दिन के बाद हम 4 बार और उसी होटल में गए और उसी रात की तरह हमने बियर पी और पूरी रात चुदाई के मजे लिए।

लेकिन अब वो वापस अपने गांव जा चुकी हैं शायद उसकी शादी होने वाली है, मुझे नहीं लगता कि अब हम दोबारा मिल पाएंगे।

दोस्तो, ये मेरी पहली कहानी थी. अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो प्लीज माफ करना और अपनी राय मुझे आप मेल भी कर सकते हैं.

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एक देसी मां की सच्ची कहानी – 2 https://sexstories.one/maa-ko-bhaya-mota-muslim-lund/ Sun, 12 Sep 2021 09:07:06 +0000 https://sexstories.one/?p=4263 उस रात बाद में मैंने अपने पिताजी के खाते से श्रीमती प्रतिभा नायर की मित्र अनुरोध स्वीकार कर लिया और मैंने उन्हें एक आकस्मिक नमस्ते संदेश भेजा और अगले दिन मुझे अपनी माँ से एक ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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उस रात बाद में मैंने अपने पिताजी के खाते से श्रीमती प्रतिभा नायर की मित्र अनुरोध स्वीकार कर लिया और मैंने उन्हें एक आकस्मिक नमस्ते संदेश भेजा और अगले दिन मुझे अपनी माँ से एक आकस्मिक उत्तर मिला। मैं उसे थोड़ा यौन संदेश भेजने के लिए बहुत ललचा रहा था, हालांकि मैंने आग्रह का विरोध किया और उसे एक संदेश भेजा जिसमें उससे उसके स्वास्थ्य के बारे में पूछा गया और पूछा कि क्या वह अकेला महसूस करती है। मुझे जो जवाब मिलते रहे, वे बहुत नीरस थे इसलिए मैंने अपना ध्यान घर पर माँ के साथ अधिक समय बिताने पर लगाया। Maa ko milne wala tha mota muslim lund.

तथ्य यह है कि वह पिताजी के संपर्क में थी, उसे शांत रहने में मदद मिली। उसके ऑनलाइन उत्तरों से यह स्पष्ट हो गया कि उसने मेरे पिताजी की शारीरिक उपस्थिति को उतना नहीं छोड़ा, जितना कि उसने घर के कामों में मदद करने के लिए उसे याद किया। अंत में, मुझे पता था कि मेरा अगला कदम क्या है। मैंने हुसैन से पूछा, क्या वह किसी सभ्य दिखने वाले बुजुर्ग व्यक्ति को जानता है, जो लगभग 45-50 वर्ष का है, जो मेरी माँ को चोदने में दिलचस्पी रखता है। हुसैन ने कहा कि वह इसे स्वयं करना चाहते हैं, लेकिन मैंने उस सुझाव को टाल दिया।

उस रात बाद में, हुसैन ने मुझे तीन पुरुषों के प्रोफाइल लिंक भेजे, सभी अलग-अलग पृष्ठभूमि के, जो मानदंड फिट करते थे और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मामले के लिए मेरी माँ, या किसी भी लड़की को चोदने के लिए किसी भी हद तक जाना होगा। मैंने तीनों प्रोफाइलों को ध्यान से देखा और उनमें से एक को शॉर्टलिस्ट किया। उसका नाम खालिद मुज़ैन था, वह 53 साल का था, लगभग 5 फीट 10 इंच लंबा, भूरा रंग, मूंछ वाला था और मुंबई में कुछ छोटे रेस्तरां के मालिक थे।

उन्हें शॉर्टलिस्ट करने का एकमात्र कारण यह था कि वह हुसैन के चाचा थे और किसी और के साथ व्यवहार करने की तुलना में उनके साथ व्यवहार करना आसान होता।

अगले दिन हम तीनों बोरीवली के नेशनल पार्क में मिले। मुज़ैन बिलकुल फिट लग रहा था, वह एक शादीशुदा आदमी था और इलाहाबाद में उसके चार बच्चे थे, वह ज्यादातर हिंदी बोलता था, लेकिन अच्छी अंग्रेजी का प्रबंधन कर सकता था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि वह दिखने में बुरा नहीं था और उसका अकाउंट प्रोफाइल था।

मैंने उसे अपनी मां को जोड़ने के लिए कहा, उसने तुरंत किया, मैंने उसे अपने पिता को भी जोड़ने के लिए कहा और मैंने पिताजी के प्रोफाइल से उसका मित्र अनुरोध स्वीकार कर लिया। उस शाम बाद में जब मेरी माँ ने अपना खाता खोला तो उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं किसी मुज़ैन ताहिर को जानता हूँ, मैं थोड़ा घबरा गया लेकिन कहा नहीं, मैंने बाद में बताया कि वह पिताजी के साथ आपसी मित्र हैं, इसलिए उन्हें शायद पिताजी से संदेह के रूप में पूछना चाहिए, मुझे मेरे पिताजी के प्रोफाइल में मेरे पूछने से एक संदेश मिला कि क्या मैं किसी मुज़ैन को जानता हूँ।

Muslim Lund se sex – एक देसी मां की सच्ची कहानी

मैंने जवाब दिया कि मुज़ैन दुबई में मेरा बॉस है और आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करनी चाहिए। मेरी माँ ने जैसा कहा था वैसा ही किया, हालाँकि मुज़ैन की अपनी योजनाएँ थीं, जैसे ही मेरी माँ ने उनका अनुरोध स्वीकार किया, उन्होंने उनकी तस्वीर पर टिप्पणी की कि कितनी खूबसूरत तस्वीर है प्रतिभा आपके पति एक बहुत ही भाग्यशाली आदमी हैं ‘मैं इस टिप्पणी को देखकर बहुत हैरान था और मैं मेरे पिताजी की प्रोफ़ाइल से टिप्पणी की और धन्यवाद सर’ कहा।
मैं यह देखने के लिए उत्सुक था कि मेरी माँ की प्रतिक्रिया क्या होगी जब उन्होंने टिप्पणी देखी, लेकिन मेरे आश्चर्य ने भी जवाब दिया, ‘बहुत बहुत धन्यवाद सर’

तभी मुज़ैन उसके चैट पर आया और बोला, प्लीज़ मुझे कॉल मत करो सर। मेरी माँ को चैट का उपयोग करना नहीं आता था, इसलिए उन्होंने मुझे सहायता के लिए बुलाया, तभी मैंने संदेश देखा। मैंने उसे बताया कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है और ठीक उसके बगल में बैठ गया। मुझे डर लग रहा था कि मुज़ैन क्या कहेगा या क्या करेगा।

मेरे आश्चर्य के लिए उसने इसे बहुत अच्छी तरह से संभाला, उसने उससे कहा कि वह उसे सर न बुलाए क्योंकि वह और मेरे पिता बहुत अच्छे दोस्त हैं, उन्होंने कहा कि मेरे पिता अक्सर उनके घर जाते हैं और अपनी पत्नी और बच्चों को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, फिर उन्होंने मेरी मां से कहा उनके एल्बम और उनके परिवार की तस्वीरें देखें, जो वास्तव में उनके इलाहाबाद परिवार की तस्वीरें थीं। मेरी माँ उससे बात करने में बहुत सहज लग रही थी, और उसने कहा कि उसकी तस्वीरें वास्तव में अच्छी थीं और उसकी एक बहुत ही सुंदर पत्नी और प्यारे बच्चे हैं, जिसका उसने जवाब दिया, लेकिन मेरी पत्नी तुमसे ज्यादा सुंदर नहीं है, हाहा जब उसने कहा कि बिजली चली गई बंद और मैं देख सकता था कि मेरी माँ मुस्कुरा रही थी और बिजली बंद होने से थोड़ी परेशान थी। अगले ४५ मिनट तक वह बिजली के वापस आने का इंतज़ार करते हुए बस कंप्यूटर के पास बैठी रही।

तभी मुझे अपना अगला बड़ा विचार आया, मैंने अपने मोबाइल से अपने खाते में लॉग इन किया और माँ को यह कहते हुए एक संदेश भेजा कि मेरे बॉस खालिद एक हफ्ते के लिए परसों बॉम्बे आ रहे हैं, हालाँकि उनके पास होटल की व्यवस्था है, मैं चाहूंगा कि वह रहें हमारे घर पर उनका परिवार मुझ पर बहुत मेहरबान रहा है, मुझे आशा है कि जैसे ही मैंने यह संदेश भेजा, मैंने मुज़ैन को फोन किया और उसे यह बताया, वह बहुत उत्साहित लग रहा था।

उन्होंने मुझसे यह भी पूछा कि मेरी मां की प्रतिक्रिया कैसी थी जब उन्होंने कहा कि वह उनकी पत्नी से ज्यादा सुंदर हैं, तो मैंने उनसे कहा कि वह मुस्कुरा रही हैं और बिजली आने का इंतजार कर रही हैं। पापा का बॉस दुबई से आ रहा है और हमारे साथ ही रहेगा, वह इतना बड़ा आदमी है कि वह इस झंझट में नहीं रह सकता। समाचार पर उनकी प्रतिक्रिया मेरे लिए बहुत उत्साहजनक थी। अगले दिन मुज़ैन योजना के अनुसार दोपहर के भोजन के समय हमारे दरवाजे पर पहुंचे। उसने मेरे भाई के लिए एक खिलौना, मेरे लिए एक टी-शर्ट, और मेरी माँ को यह कहते हुए एक बैग सौंप दिया कि मेरे पिताजी ने इसे भेजा है..

मेरी माँ ने उसे थोड़ा आश्चर्य से देखा और कहा कि वह उसे बहुत प्यारा है क्योंकि वह आमतौर पर उपहारों पर पैसे बर्बाद नहीं करता है ‘जो सच था। मुज़ैन तरोताजा हो गया और हम सब दोपहर के भोजन के लिए बैठ गए, दोपहर के भोजन पर माँ ने मुज़ैन से बॉम्बे में उसके काम के बारे में पूछा, और उसने कहा कि उसे कुछ व्यावसायिक बैठक में भाग लेना है, उसने उससे कहा कि उसे किसी काम के लिए चर्चगेट जाना है, लेकिन पता नहीं था चारों ओर का रास्ता। मैंने माँ से कहा कि चिंता मत करो।

मैं खालिद चाचा को रास्ते में छोड़ दूँगा मैंने उनसे पूछा कि उनकी योजना क्या थी, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि यह योजना पिछली बार की तरह विफल हो। उन्होंने मुझे चिंता न करने के लिए कहा जब हम बांद्रा से वापस आए, मेरी माँ ने लाल साड़ी पहनी हुई थी, वह अभी मंदिर से वापस आई थी और बिल्कुल आश्चर्यजनक लग रही थी, यहाँ तक कि मुज़ैन की आँखें भी उस पर आ गईं जब उसने उसे देखा। माँ ने मुस्कुराते हुए हमारा स्वागत किया और रात के खाने के लिए खाना गर्म करने के लिए अंदर चली गईं।

मुज़ैन और मैं बाहर बैठे थे, उसने मेरी तरफ देखा और कहा और मैं अब और इंतजार नहीं कर सकता और मैं अभी उसकी गांड चोदना चाहता हूँ, जब हम आखिरी और अंतिम योजना लेकर आए। इस योजना में थोड़ा सा पैसा शामिल था लेकिन यह सब इसके लायक था। मुज़ैन ने मेरी माँ को बाहर हॉल में बुलाया और कहा कि वह हम सभी को रात के खाने के लिए बाहर ले जाना चाहते हैं। मेरी माँ ने शुरू में विरोध किया लेकिन अंत में मेरे और मुज़ैन के बहुत मना करने के बाद मान गई।

हम अंधेरी के एक आलीशान पांच सितारा होटल में गए, मेरे पिताजी हमें कभी खाने के लिए बाहर नहीं ले गए और यह पहली बार था जब हम किसी फाइव स्टार होटल में जा रहे थे। मेरी माँ और मेरा भाई अपने आस-पास की हर चीज़ से बहुत खुश और अभिभूत थे। वह अंकल का शुक्रिया अदा करती रही। योजना के अगले भाग में मुझे रात के खाने के दौरान बीमार अभिनय करना शामिल था।

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मैंने ऐसा अभिनय किया जैसे मेरे पेट में तेज दर्द हो और मैंने अपनी माँ से कहा कि मैं हिल नहीं सकता। मेरे चाचा ने एक डॉक्टर को बुलाया, जिन्होंने मुझे एक्टिंग देखकर कहा कि मुझे आराम करना चाहिए। तभी मुज़ैन ने सुझाव दिया कि हम रात के लिए होटल में एक कमरा ले लें। मेरी माँ ने शुरुआत में ना कहा, लेकिन मुज़ैन नहीं हिला, उसने कहा कि मैं वास्तव में बीमार हूँ और मुझे आराम करना चाहिए। उन्होंने हम सभी के लिए एक बाथरूम से जुड़े 2 बगल के कमरे बुक किए। मैंने और मेरी माँ ने एक कमरा लिया और मुज़ैन ने दूसरा कमरा लिया। जो कुछ हुआ था उससे मेरी माँ परेशान लग रही थी। यह पहली बार था जब हम इस तरह की स्थिति में थे, किसी अजनबी के पैसे से जी रहे थे।

आधे घंटे के बाद, मेरी माँ ने कहा कि वह मुज़ैन को उनकी मदद के लिए धन्यवाद देंगी। मेरा भाई गहरी नींद में सो रहा था, और मैंने ऐसा अभिनय किया जैसे मुझे भी बहुत नींद आ रही हो। इसलिए वह अकेली उसके कमरे में चली गई। मेरी माँ ने वही लाल साड़ी पहनी थी जो उसने पहले पहनी थी, उसके बाल एक बन में बंधे थे और उसने अपना पढ़ने का चश्मा लगा रखा था जैसे ही वह कमरे से बाहर गई, मैं बाथरूम के अंदर गया और बर्तन पर खड़ा हो गया। मैं निकास पंखे के माध्यम से अंतरिक्ष से दूसरे कमरे को स्पष्ट रूप से देख सकता था। मुज़ैन अपने बिस्तर पर बैठा था, कमर पर सफ़ेद तौलिये और ऊपर सफ़ेद कॉलर रहित टी-शर्ट के साथ एक किताब पढ़ रहा था।

मैं अंदर देखता रहा मैंने उसके कमरे की घंटी की घंटी सुनी, मुझे पता था कि यह माँ है और उसके बारे में सोचने पर मुझे तुरंत मुश्किल हो गई। मुज़ैन ने उठकर दरवाज़ा खोला, माँ को वहाँ देखकर थोड़ा हैरान हुआ, लेकिन उसके चेहरे पर खुशी झलक रही थी, उसने उसके लिए और दरवाजा खोला और उसे अंदर बुलाया, उसने जो पहना था उससे वह थोड़ा हैरान थी लेकिन बाध्य और प्रवेश किया।

वे बाथरूम के पार कमरे में छोटी खाने की मेज पर बैठ गए क्योंकि वे बैठे थे माँ ने कहा कि आप सभी की मदद के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद मुज़ैन। माँ को उसके नाम से पुकारते सुन मैं चौंक गया, धन्यवाद मत करो प्रतिभा, अनिरुद्ध भी मेरे बेटे की तरह है। मुझे आशा है कि आज आपके पास अच्छा समय था ‘मुज़ैन ने कहा। ‘यह आप पर बहुत अच्छा है सर, हाँ, मेरे पास अच्छा समय था लेकिन फिर अनी बीमार हो गई और मुझे चिंता होने लगी, लेकिन अब वह सो रहा है और मैं बेहतर महसूस कर रहा हूँ, धन्यवाद उसने कहा और उस पर मुस्कुराया।

मुज़ैन अपनी कुर्सी से उठा और मेरी माँ की ओर गया और कहा कि कितनी बार मैंने तुमसे कहा है कि मुझे सर न बुलाओ?’ और उसके कंधे को सहलाया। ‘हाहा सॉरी मुज़ैन, वैसे भी देर हो रही है मुझे लगता है कि मुझे मिल जाना चाहिए जा रही हूँ’ माँ ने कहा और अपनी कुर्सी से भी उठ जाओ। उसने उसका हाथ पकड़ कर कहा, ‘इतनी जल्दी? अगर आप चाहें तो मैं आपको बेहतर महसूस करा सकता हूं’।

मॉम उनकी बोल्डनेस से थोड़ी हैरान नजर आईं लेकिन अच्छा कहकर रिएक्ट किया? मुझे सुबह 1 बजे बेहतर महसूस कराएं? बिल्कुल कैसे?’ मैं अपनी माँ की यह प्रतिक्रिया सुनकर हैरान रह गया, लेकिन आगे जो हुआ उसने मुझे और भी हैरान कर दिया। मुज़ैन ने उसका हाथ पकड़ कर अपने तौलिये के ऊपर उभार पर रख दिया और कहा कि ऐसे ही है। माँ ने तुरंत अपना हाथ पीछे खींच लिया और एक मिनट के लिए दंग रह गयी, फिर उसने मुज़ैन की ओर देखा और उस पर चिल्लाने और चिल्लाने के बजाय मेरे पूर्ण अविश्वास की ओर देखा, लेकिन, यह गलत है। हम दोनों शादीशुदा हैं, आप मेरे पति के बॉस हैं और मेरे बच्चे वास्तव में आपका सम्मान करते हैं।

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तमन्ना कॉलेज की https://sexstories.one/tamanna-college-ki-xxx-storiez/ Thu, 19 Aug 2021 02:58:29 +0000 https://sexstories.one/?p=4150 मैं कोलेज में आज काफी दिन के बाद आया था, ऐसे भी मुझे लेक्चर बोरिंग लगते और में कोलेज को दूर से ही नमस्कार कर देता था | आज में राजेश से मिलने आया था, ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मैं कोलेज में आज काफी दिन के बाद आया था, ऐसे भी मुझे लेक्चर बोरिंग लगते और में कोलेज को दूर से ही नमस्कार कर देता था | आज में राजेश से मिलने आया था, उस चूतिये से मुझे 1000 रूपये वापस लेने थे जो उसने मुझ से कर्ज लिए हुए थे | कोलेज के गेट के पास ही मुझे एक नीली आँखों वाली हॉट लड़की दिखी…

क्या मस्त बदन और चहेरा था…करीब 22 की उम्र, मस्त उभरे हुए चुंचे और गोल मटोल गांड…! में एक दो मिनट वही खड़ा उसके शरीर को देखता रहा…मुझे राजेश, कोलेज, पैसे कुछ नहीं सूझ रहा था…बस इस लड़की के शरीर के तरफ ही पूरा ध्यान था | तभी इस लड़की के साथ खड़ी लड़की पहेली बार मेरी तरफ पलटी और मैं उसे देख बहुत खुश हो गया, वोह मेरी खास दोस्त अनुष्का थी…! मैं तुरंत इन दोनों लडकियों के पास चला गया | अनुष्का मुझे देख उछल पड़ी, हे वसीम तू और कोलेज…? मैं उसके पास गया और उसे गले लगाया…वैसे अनुष्का भी भरी माल था, पर वह थोड़ी मोटी थी, उसके 38 साइज़ के चुंचे मेरी छाती से टकरा रहे थे और मेरे कड़े लंड को शायद अनुष्का ने भी महेसुस किया था…! उसने इस हॉट लड़की की तरफ इशारा करते हुए कहा, इस से मिलो यह मेरी फ्रेंड है, तमन्ना…! मैंने उस से हेंडशेक किये, मेरा मन तभी उसे गले लगाने का हुआ, पर में रुक गया…!

मैंने उसी शाम को अनुष्का को फोन किया, और उस से तमन्ना के बारे में बात की…मेरे साथ फ्रेंक बात करने वाली अनुष्का बोली, मुझे तभी पता था की तू उसकी तरफ कुत्ते वाली नजर से देख रहा था…और तेरा तोता भी टाईट हुआ पड़ा था…मैं हंस पड़ा और मैंने अनुष्का से कहा, तू कुछ ना मेरा उसके साथ | अनुष्का बोली, ठीक है तू भी क्या याद रखेगा…कल कोलेज आना और थोड़े दिन आते रहना | अनुष्का सच में मेरी अच्छी दोस्त थी क्यूंकि उसने मेरा जुगाड़ इस हॉट इंडियन लड़की के साथ करा दिया और हम दोनों एक महीने के बाद कोलेज के बगीचे में बैठ कर ही अपनी वासनाए कपड़ो के साथ तृप्त करते रहे, मैंने कई तिकडम भिड़े पर यह लड़की गेस्ट हाउस में आकर चुदवाने में डरती थी और हम दोनों के घर यह मुमकिन नहीं था | मैंने इस बारे में सोचना शरु कर दिया की कहाँ ले जा के इस हॉट लड़की की चूत मारूं…..?

मेरी हॉट लड़की की उलझन तब जा के खत्म हुई जब मैंने अनुष्का को बताया की मैं तमन्ना से मिल नहीं पा रहा हूँ, मोटी अनुष्का शरीर से ही मोटी थी, दिमाग से नहीं…वोह तुरंत भांप गई की मेरा मतलब क्या था, उसने आँख मारी और बोली की एक काम कर तू…हमारे रोनकपुर वाले मकान पे जाएगा उसके साथ…वहा केवल माली काका रहेते है मैं उनको बोल दूंगी…! मैंने अनुष्का के बड़े चुंचे एक बार और सिने से लगा लिए…अब मुझे इस हॉट लड़की की चूत में लंड देने के सपने और करीब दिख रहे थे..! दुसरे ही दिन मैंने अनुष्का से मकान का अड्रेस लिया और मैंने अपनी बाइक पर शाम को तमन्ना को लेकर मकान की तरफ चलती पकड़ी | गर्मी के दिन होने की वजह से अँधेरा हुआ नहीं था…मकान पर पहुँचते ही हमें माली काका मिला और उसने हमें बहार का रूम खोल दिया | अनुष्का ने इस बूढ़े को बताया थी की हम हसबंड-वाईफ है और उसके महेमान है |

अनुष्का का मकान काफी बड़ा था और हम दोनों गार्डन के सामने वाले सिंगल कमरे में ही बैठे थे, बूढा अंकल पानी लेकर आया और बोला, अनुष्का बीबी हमको फोन किये थी, आप लोग खाना खाएंगे | मैंने कहा, नहीं अंकल हम किसी के फोन का इन्तेजार कर रहे है, उसको मिलकर हम निकल जाएंगे | माली अंकल बोला, आप लोग बैठो में बाजार से सब्जी लेकर आता हूँ ! वाह सही वक्त पर बूढा भी खिसक गया, मैं बहुत खुश हो गया | बूढ़े के जाते ही मैंने कमाड बंध की और तमन्ना को गले से लगा लिया | उसके चुंचे भी अकड़े हुए थे और साँसे फूली हुई थी |

मैंने उसके होठो को एक हलका चुम्मा दिया और मैं उसके कपडे उतारने लगा, तमन्ना ने मेरे लंड को पकड लिया और मैं उछल पड़ा, हॉट लड़की के हाथ में लंड आते ही उसकी आँखों में एक अजब सी चमक आ गई और उसने मेरे पेंट का बकल खोल दिया ! पेंट मैंने निचे सरका दी और अंदर पहनी हुई अंडरवेयर खिंच ली, तमन्ना की आँखे मेरे 8 इंच लंबे लंड को देख कर खुली ही रह गई…!

मैंने तमन्ना के सलवार और कमीज़ दोनों उतार फेंके और साथ ही उसकी ब्रा-पेंटी को भी उतार डाली, इस हॉट लड़की के चुंचे काले निपलो से ढंके थे और उसकी निपले काफी बड़ी थी, मैंने तुरंत उसके निपल अपने उंगलियों के बिच ले लिए और उन्हें हल्के हल्के दबाने लगा, तमन्ना सिस्कारिया लगाने लगी और उसने मेरे कंधे पर अपने दोनों हाथ रख दिए…मुझे अलग ही नशा चढ़ गया और मैंने उसे उठाके वहा पलंग के गद्दे पर फेंका…!

तमन्ना की टाँगे फेलाके में अपनी दुसरे नंबर की ऊँगली उसकी चूत के ऊपर फेरने लगा…इस हॉट लड़की की चूत गीली हो गई थी और वह अपने दोनों हाथो से चद्दर को मरोड़ रही थी….मैंने अब हल्के से ऊँगली चूत के अंदर सरका दी और उसके चूत की कलाईटोरिस को सहलाने लगा…तमन्ना अब बर्दास्त के बहार होने लगी और उसने मेरे हाथ को पकड़ के चूत के अन्दर मेरी ऊँगली जोर से दबा दी | मुझे लगा की अब सही वक्त हो चला है इस हॉट लड़की की चूत में लकड़ी जैसा कड़ा लंड देने के लिए | मैंने तमन्ना को टांगे फेलाने को कहा और लंड को अपने हाथ से पकड उसके चूत के अन्दर आहिस्ता आहिस्ता रख दिया |

उसकी गर्म चूत के अंदर लंड अपना रास्ता बनाते हुए घुस गया और तमन्ना जैसे की मोटे लंड को चूत में डाल देने की वजह से तड़पने लगी | मैंने जरा भी जल्दी नहीं की, लेकिन जब मुझे लगा की तमन्ना मेरे नाग जैसे लंड से सेट हो गई है तो मैंने धीमे धीमे अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और दोनों हाथ उसके चुन्चो पर रख के उसकी सख्ती से चुदाई करनी शरु कर दी, तमन्ना के मस्तक से और मेरे सीने पे पसीना छूटने लगा था, मेरी रफ़्तार बढ़ती ही गई और में तब रुका जब मेरे लंड ने तमन्ना की चूत को वीर्यरस से भर दिया, हॉट लड़की तमन्ना मुझे बड़े प्यार से देख रही थी…

हम दोनों ने माली अंकल के आने से पहेले कपडे पहन लिए और बहार खड़े उसके आने की राह देखने लगे, उसके आते ही हम दोनों अपने घरो की तरफ चल दिए…..!

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Bangala chati galpa একরাতে বউ, এর বান্ধবী, কাজের মেয়ে সাথে চুদাচুদি https://sexstories.one/bangala-chati-galpa/ Wed, 30 Dec 2020 15:59:45 +0000 https://sexstories.one/bangala-chati-galpa-%e0%a6%8f%e0%a6%95%e0%a6%b0%e0%a6%be%e0%a6%a4%e0%a7%87-%e0%a6%ac%e0%a6%89-%e0%a6%8f%e0%a6%b0-%e0%a6%ac%e0%a6%be%e0%a6%a8%e0%a7%8d%e0%a6%a7%e0%a6%ac%e0%a7%80-%e0%a6%95%e0%a6%be/ গ্রামের দিকে আমি বিয়ে করেছি। আমার বউ সবে মাত্র ইন্টার পাশ করেছে। বিয়রে পর আমার বউ কে ঢাকা নিয়ে এসেছি। আমি একটা ছোট সরকারি চাকরি করছি।আমার জবটা হচ্ছে টুরিং জব। sex stories bengali এইজন্য মাসে ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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গ্রামের দিকে আমি বিয়ে করেছি। আমার বউ সবে মাত্র ইন্টার পাশ করেছে। বিয়রে পর আমার বউ কে ঢাকা নিয়ে এসেছি। আমি একটা ছোট সরকারি চাকরি করছি।আমার জবটা হচ্ছে টুরিং জব। sex stories bengali এইজন্য মাসে ৬/৭ দিন ঢাকার বাহিরে থাকতে হয়। bangala chhati

এই কারনে একটি কাজের মেয়ে রাখা হয়েছে। বাসায় কেবল একটি কাজের মেয়ে। বয়স ১৪/১৫ হবে। কাজের মেয়েটির নাম শাহানা। আমার শ্বশুড় বাড়ি থেকে ওকে আনা। আবার ও আমার দুর সম্পর্কের খালাত শালি।  সে কারনে সে আমাকে দুলাভাই ডাকে। দেখতে শুনতে ভালই, শরিরের গঠন সুন্দর, ব্রেস্ট বেশ বড় বড় আর সব সময় পরিস্কার পরিচ্ছন্ন থাকে। আমার বউ এর পুরোন ছালোয়ার কামিজ গুলো ওই পড়ে বলে ওকে আরো বেশি সুন্দর লাগে। bangala choti kahini

আমি কখনো শাহানার প্রতি খারাপ নজর দেইনি। নতুন বিয়ে করেছি, ৬/৭ মাস হয়েছে। বউ এর কাছে ফেইথ থাকবার চেষ্টা করেছি। বাসার ভেতর যুবতি মেয়ে। তারপরও আমার বউ আমাকে দারুন বিশ্বাষ করতো। আমি তার বিশ্বাষ রাখার চেষ্টা করেছি।

বাসায় একটি মাত্র রুম, শাহানা প্রথম প্রথম রান্না ঘরে ঘুমাত। আমার প্রতি তার অগাধ বিশ্বাষের কারনে আমার বউ শাহানা কে আমাদের রুমে আলনার আড়ালে শুতে দেয়। একটা বেপারে আমার বউ ওকে ফ্রী করে ফেলেছিল, তাহল আমরা স্বামী-স্ত্রী যখন বিছানায় একসাথে শুয়ে থাকতাম বা চোদাচুদি করতাম তখন মাঝে মাঝে ও রুমের ভেতর দিয়ে চলাচল করত, কেউ কিছু মনে করতাম না। choti kahini

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আমাদের রুমে ঘুমানোর পরেও শাহানার প্রতি আমি দৃষ্টি দিতাম না, ভাবতাম আমার বউ ওর চেয়ে অনেক সুন্দরি, আমার সকল ডিমান্ড আমার বউ ই তো পুরন করছে। তাতে আমার উপর বউ এর বিশ্বাষ আরো বেড়ে যায়।

ছুটির দিনে আমরা স্বামী-স্ত্রী প্রায় ই দিনের বেলা চোদাচুদি করতাম যা শাহানা প্রায়ই দেখতে পেত। এতে আমার বউ ও শাহানা দুজনেই মনে কিছু করত না! আমিও মজা পেতাম। দিনে দিনে বেপারটা ডাল ভাতের মত হয়ে গেল।

আমার বউ এর একটি ক্লোজ বন্ধবি ছিল, নাম সীমা। বিয়ের দিন ওকে আমি দেখেছিলাম। দেখতে শ্যামলা বর্নের, কিন্ত অসম্ভব সেক্সি। বউ এর কাছে শুনেছি ওর নাকি চরিত্র ভাল না, বেশ কয়েক জনের কাছে নাকি চোদা খেয়েছে।

চোদার ব্যাপারে নাকি আমার বউকে নাকি পটাতে চেয়েছিল। কিন্তু আমার বউ পথে পা দেয়নি। বিয়ের দিন এবং বিয়ের পরে শ্বশুর বাড়িতে সীমাকে বেশ কয়েকবার দেখেছি আর কথা বলেছি, মনে হয়েছে ওর ভেতরে সত্যিই একটি কামভাব আছে। somokami meye

একদিন সীমা ঢাকাতে ওর বড় বোনের বাসায় বেড়াতে আসল। ঢকায় থাকবে বেশ কয়েকদিন। আমাদের বাসায়ও নাকি দুই তিন দিনের জন্য বেড়াতে আসবে। আমার অফিস ট্যুরের প্রোগ্রাম পড়ল। পটুয়াখালীতে যেতে হবে ৬/৭ দিনের জন্য।

যেদিন আমি ট্যুরে যাব সেইদিন সীমা porokia kahini

আমার বাসায় এল। আমি ব্যাগ ট্যাগ নিয়ে সোজা অফিসে চলে গেলাম পরে পটুয়াখালীতে। bangala premer choti

অফিসে গিয়ে শুনলাম, ট্যুর প্রোগ্রাম বাতিল। ট্যুরে যাওয়া হল না। সন্ধ্যায় বাসায় চলে এলাম। বাসায় আমাকে দেখে আমার বউ তো অবাক। বললাম ট্যুর বাতিল হয়েছে। আমার বউ আর সীমা খুবই খুশি হল, বলল আমরা সবাই মিলে মজা করতে পারব।

রাতে খাওয়া দাওয়া করে আমরা গল্প করতে শুরু করলাম। আমার বউএর অনুপস্থিতিতে সীমা আমাকে একবার বলল, আপনি খুবই হ্যান্ডসাম। উত্তরে আমিও বললাম তুমিও অনেক কিউট আর সেক্সি। সীমা মুচকি হেসে বলল, তাই নাকি?

আমিঃ হ্যাঁ।

রাতে আমাকে খাটে শুতে হল। সীমা আর আমার বউ শুয়ে পড়ল নিচে তোশক পেতে। আমার বউ ম্যাক্সি আর সীমা সালোয়ার কামিজ পড়েছে। দুই বান্ধবি গল্প করছিল এইভাবেঃ …

সীমাঃ তোদের অসুবিধা করলাম।

বউঃ কিসের অসুবিধা? bangala choti

সীমাঃ তোকে নিচে শুতে হল।

বউঃ আমার ভালই লাগছে।

সীমাঃ (আস্তে করে) যদি তোদের করতে ইচ্ছে করে?

বউঃ করব। bangala choti

সীমাঃ আমি দেখে ফেললে?

বউঃ দেখলে দেখবি।

সীমাঃ শাহানার জন্য তোদের অসুবিধা হয় না?

বউঃ না।

সীমাঃ শাহানা কি দেখেছে কখনো? bhai bon golpo

বউঃ অনেক দেখেছে। এখনতো শাহানার সামনে করি। ওকে দেখিয়ে দেখিয়ে করতে আলাদা মজা আছে।

সীমাঃ তোর জামাই শাহানাকে কি কিছু করে?

বউঃ ও খুব ভালো। এগুলো কিছু করে না, কোন আকর্ষন নেই।

সীমাঃ ও! আচ্ছা!

সীমা আর আমার বউ মনে করেছে আমি ঘুমিয়ে গেছি। কিন্তু আমি চুপ করে শুনছি ওদের কথাবার্তা।

বউঃ তোদের সেই খালেদ ভাইয়ার খবর কি?

সীমাঃ এখন আমি আর ধরা দেই না, ভেবেছে আমি ওকে বিয়ে করব।

বউঃ বিয়ে করবিনা?

সীমাঃ না।

বউঃ তুই কি এসব আনন্দের জন্য করিস?

সীমাঃ হ্যা।

কতক্ষন ওরা চুপ হয়ে থাকল। তারপর সীমা বলতে লাগল …

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