desikahani Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/desikahani/ Hindipornstories.org Sat, 26 Feb 2022 08:52:51 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 हालत की वजह से दोस्त की वाइफ की चुदाई https://sexstories.one/dost-ki-wife-ko-choda/ Sat, 26 Feb 2022 08:52:51 +0000 https://sexstories.one/?p=3532 मैंने भाभी को सीधा किया और मै उपर से आ गया, अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा, उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, उसकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया पर गीली चुत की बजाह से लंड सतक रह था...

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Dost ki Wife ko Choda दोस्तो, मेरा नाम विकास ठाकुर है. मै हाजिर हू एक नयी कहानी लेकर जो मेघना नामक रीडर की विनांती सुनकर. आप तो जानते ही है फिर भी एक बार फिर से बता देता हू, वैसे तो मैं एक डॉक्टर हूँ. मुझे अन्तर्वासना पर सेक्स कहानी पढ़ना बहुत पसंद है. मैं एक 28 साल का युवक हूँ और मेरे लंड की साइज़ भी इतनी मस्त है कि ये किसी भी लड़की या भाबी को चुदाई का पूरा मज़ा दे सके. हालांकि मुझे लड़कियों से भाबियों की चुदाई करना ज्यादा पसंद है. मैं अपनी कहानी पर आने से पहले ही बता दूँ कोई भी दोस्त मेरे से भाबी का नंबर या आइडी ना मांगे. किसी भी लड़की या भाबी के लिए उसकी प्राइवेसी और गोपनीयता बनाए रखना बहुत ज़रूरी होता है. इसलिए ये देखते हुए मैंने कहानी में नाम बदल दिए हैं.

मै कहानी पे आता हू पर ये बता देता हू की मैने कोई गद्दारी नही की जो भी हुवा मर्ज़ी से एक बार की हुवा. ये कहानी है दोस्त की वाइफ की चुदाई की है. हम तीनो साथ मे ही काम करते है. पहले दोस्त की वाइफ के बारे मी बता डू वो एकदम सिंपल लड़की की जिसका फिगर जाड़ा नही है लेकिन उसकी पिछवाड़ा धेखकर बड़े बड़े लोगो के लंड खड़े हो जाते थे. उसकी गांड मे ऐसा जादू है की मरीज सिर्फ़ उसकी गांड धेकने के लिए बार बार आते थे. वो साड़ी पहनती उसकी आँखें भूरी ओर गाल एक दम गुलाबी थे। उसके बूब्स ओर गांड भी मस्त बाहर निकलती है.

मै कहानी पे आता हू हम लोगो को एक मेडिकल कॅंप के लिए नासिक जाना था. हम लोग लगभग १५ लोग थे. पल्लवी भाबी ओर मेरा दोस्त सागर भी साथ मे थे. सागर, मै, ओर भाभी हमेशा साथ मे घूमते थे ड्रिंक करते थे. मई उनके घर पर बोहोट बार रहा हू. हम लोग वाहा पे गये. वाहा पे हमे जंगल मे रहना था. मतलब टेंट लगा दिए थे पर दोनो तरफ़ से को भी ज़ाक सकता था. दो दिन के ब्बाद सागर के पैर मे मोच आने के कारण सागर वापिस आ गया ओर कॅंप ओर भाबी की ज़िमेदारी मूज़े दे दी. जहा हम गये थे वाहा पे जड़तर आदिवासी लोग रहते थे. सागर के जाने के बाद पल्लवी भाबी ने मूज़े बुलाया ओर बोला की आज रात को कल का प्लान डिसकस करते है. हमारा काम होने के बाद मै फ्रेश होके उनके टेंट मे गया. भाबी कपड़े चेंज कर रही थी अंदर ओर एक पड़दा था लेकिन मूज़े सब दिखा रहा था. भाबी ने ब्लाउस ओर ब्रा निकली ओर टिशियर्ट पहनी ओर नीचे कुछ नही पहना था पनटी निकल दी ओर सिर्फ़ नाइट पॅंट पहनी. उसके बूब्स ओर गांड को धेकते ही मेरा लिंड खड़ा हो गया. मेरा मंन किया की अभी जाके उसकी गांड मारू, उसे घोड़ी बनके शॉट लगाउ. मेरा लंड उसके मूह मे डाल डू.

मैने आवाज़ दी तो पल्लवी भाभी ने अंदर आने को कहा मै पहले से ही अंदर था मै गया तो भाभी को द्देखता रहा गया भाबी बहोट हॉट लग रही थी.
मैने ऊपर से नीचे तक पहले भाभी को घूरना शुरू किया. पल्लवी भाभी के कपड़े बहोत टाइट थे, उनके बुब्स ओर चुत एकदम शेप मे धिक रही थी. वो मुज़से बात कर रही थी ओर मेरी नज़र उनकी फूली हुई गांड पर थी. तभी बाकी लोग आ गये हम लोगो ने कल का प्लान डिसकस किया. सभी को सोने की जल्दी थी, बहोट सारी नर्स गांड मरवाने को बेकरार थी ओर सबकी अपना लंड को सेलेक्ट कर लिया था. ऐसा पहली बार हुवा था जब मैने भाभी के बारे मे ग़लत सोचा था. थोड़ी देर बाद सब लोग निकल गये भाभी ने मूज़े रुकने को कहा.

भाभी ने कहा की हुमने जिनको दवाई दी है. उन लोगो ने उनका आदिवासी डॅन्स धकने बुलाया है. बाकी सब नही आ रहे है. हम लोगो को जाना चाहिए. हम लोग उनके यहा जाने के लिए निकल गये. वो लोग पहाड़ो के बीच अपने भगवान के पास कुछ प्राथना कर रहे थे. फिर उनका डॅन्स सुरू हुवा. बहोत मज़ा आ रहा था. उन लोगो ने हुमे भी नाचया. फिर बाद मे एक बंदे ने मूज़े एक ग्लास लाकर दिया जिसमे कुछ था. पीने के बाद पता चला वो शराब जैसा कुछ था. पर वो लोग बहोट सिंपल थे तो मैने ओर भाभी ने पिया ओर मज़ा लेते रहे. वो लोग हुमे मिया बीबी समज रहे थे. उनके डॅन्स के हिसाब से भाबी मेरे आगे थी मेरा लंड भाभी की मक्खन की तरह गांड मे गुस रहा था. पर हम लोग नशे मे थे. फिर उनको बोलके हम वाहा से टेंट आने के लिए निकले.

हम रास्ता भटक गये ओर कुछ समज मे नही आ रहा था. मोबाइल मे नेटवर्क नही था. हम लोग २ घंटे से भटक रहे थे. भाभी थक गयी ओर बोली कही पे बैठेते है ओर फिर सोचते है. ठंड बोहोत जाड़ा थी. हम दोनो ने नॉर्मल कपड़े पहने थे. उतने मे भाभी को सामने एक खाली खंदर धीखा. हम डरते डरते वाहा पे गये. अंदर खाली कमरे थे. हमने सोचा यही पे कुछ देर रुकते है. मै दूसरे रूम मे गया तभी भाभी के चिल्लाने की आवाज़ आई मैने धेखा तो भाभी वाहा पे टंकी जैसा कुछ था जिसमे घिर गयी. मैने पानी के अंदर गया ओर उनको निकाला. हम दोनो भीग गये थे. ओर ठंड बोहोत थी. मूज़े वाहा पे दो चटाई मिली.

Kamuk Story ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म

हम लोगो ठंड के मारे कप रहे थे. तभी भाभी ने जो कहा वो सुनके मई हैरान था भाभी ने कहा हुमे कपड़े उतार के बैठना पड़ेगा नही तो हम ऐसे ही मार जाएगे. मैने उनकी तरफ धेखा, तो भाभी ने कहा हम डॉक्टर है तोड़ा दिमाग़ से सोचो. फिर अंधेरे मे हम दोनो ने अपने अपने गीले कपड़े उतार के एक दूसरे की तरफ पीठ करके बैठ गये. लेकिन कब तक ऐसे ही रहते ठंड तो अभी भी थी तो हम लोग चटाई पे सो गये ओर एक चटाई उपर से ले ली.

मेरा लंड खड़ा हो चुका था हमारा शरीर एक दूसरे को टच हो रहा था भाभी तोड़ा पीछे हो गयी मेरी शरीर की गर्मी की बाजसे उनकी तंदी कम हो गयी. भाभी ने कहा कोई दूसरा ऑप्षन नही है. एक दूसरे को लिपट के सोना पड़ेगा फिर मुज़से कंट्रोल नही हुवा मैने उनकी उनकी गोल ओर नरम गांड को अपने हाथों से दबाना शुरू कर दिया। उनकी गांड काफी बड़ी थी ओर एकदम मक्खन की तरह थी। उनकी गांडो को हाथों से दबाने ओर मसलने में काफी ज्यादा मजा आ रहा था। धीरे से फिर भाभी भी जोश मे आ रही थी. आ हू दबाओ ज़ोर से कुछ तो करो ऐसा बोल लेकिन २ मिनिट के बाद बोलने लगी ये सही नही है. मेरा लंड पूरा खड़ा हो चका था.
फिर मैने भाभी को समजाया की हुमे ये करना होगा वरना हम मर जाएँगे. तो भाभी ने मुज़ेसे प्रॉमिस लिया की ये एक ही बार होगा ओर किसी को पता नही चलेगा. मैने भाभी को प्रॉमिस किया ओर किस करना स्टार्ट किया.

मैं पीछे से उनकी गांड और बूब्स पर हाथ फेर रहा ओर दबा रहा था। हाय कितनी मुलायम ओर नरम बूब्स थे. मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।भाभी भी इतने में काफी गर्म हो गयी थी उनके मुंह से आह,आह की धीमी आवाज निकल रही थी। कुछ देर बाद भाभी ने मुझसे कहा ”मुझे चुत चटवनी है सागर ने कभी नही किया प्लीज़ चॅटो ना मै नीचे चली गया.

मैं 69 पोजीसन होकर उसकी चूत के पास पहुंच गया और फ़िर मैं उसकी चूत जीभ से चाटने लगा. मै पूरा फील दे रहा था पूरा चुत के अंदर था जीभ डालके आइस्क्रीम की तारह छत रहा था. उसका वो चुत का खट्टा पानी मूज़े मस्त लग रहा था. फिर भाबी ने मेरा लण्ड हाथ में ले लिया. वो मेरे लण्ड को हिलने लगी अपने हाथ , ओर मेरी भी आहें निकलने मेरी हालत खराब हो रही थी और भाभी ने लन्ड मुंह मे लेकर चूसने लगी. उसने मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले लिया ओर अंदर बाहर किए जा रही थी और मेरी जीभ उसकी चूत के साथ साथ ज़ट के बाल भी नोच रहा था.

भाभी ने मूज़े बोली की मूज़े लंड चूसना बहोत पसंद है. ओर वो बोली मेरे मुहफ़ मे निकल दो मूज़े माल को पीना है. मेरे लौड़े को चूस चूस कर और बड़ा कर दिया ओर कहने लगी मूज़े बड़ा ही पसंद है. मै भी काफ़ी जोश में आ गया था मै भाभी का सर दबा रहा था ओर लंड पूरा अंदर तक जा रह था. भाभी हाथों से मुठ मार मार कर चूस रही थी. ओर मेरा लौड़ा गरम हो गया ओर मैने सारा माल निकाल दिया भाभी के मुँह में गिरा दिया. भाभी ने मेरा सारा माल पी लिया ओर चाट कर सारा माल साफ कर दिया.

भाभी बोली, “अब तुम मुझे चोदो अपने लण्ड से ओर माल अंदर मत गिरना मूज़े हर एक स्टाइल मे चोदो, अब मुझसे रहा नहीं जाता जल्दी करो… चोदो मुझे ! चोदो मेरी चुत फाड़ के रख दो. अब मैंने अपने होंठों से उसके होंठों पर चूमना करना शुरू किया, मै बहोत सेरटाक किस कर रहा था ओर साथ मे उसको मसल रहा था. फ़िर गाल पर, गले पर, चूत, गाड़, बुब्बस हर जगह फ़िर और नीचे से हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा ओर अंदर उंगली डालने लगा. बड़े और सख्त बूब्स को पी रहा था !मैं उन्हें मसलने और जोर से दबाने लगा. मैंने उसके निप्पल को अपनी मुहा में लेकर दबाया, वो जोर से सिसकने लगी, “उह उह आह विकास आज मुझे पूरी तरह से चुदाई का मज़ा दे दो. मूज़े तेरा लंड चाहिया प्लीज़ डाल दो. चाहो तो माल अंदर ही दाल दो लेकिन अब सब्र नही होता.

मैंने भाभी को सीधा किया और मै उपर से आ गया, अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा, उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, उसकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया पर गीली चुत की बजाह से लंड सतक रह था. फिर भाभी ने एक हाथ से लंड सेट किया मैने बूब्स को मुहा मे लिया ओर एक ज़ोर का शॉट लगया, भाभी ज़ोर से चिल्लाई, ओह मर गई, कितना बड़ा है तेरा, मूज़े दर्द हो रहा है . मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में गया था, मैने बात करते हुवे ओर एक शॉट मारा मगर काफ़ी टाईट चूत थी, फिर भाभी ने गाड़ उपर की ओर बोला अब लगाओ शॉट, एक बार फिर जोर के झटके से अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया. वो बोल रही थी “आह धीरे धीरे करो मूज़े मज़ा लेनो दो, चप चप आवाज़ आनी चाहिए ! ” भाभी मेरे पीठ मे नाख़ून के निशान छोड़ रही थी.

मैने उसस्के बूब्स को डबते हुवे धीरे धीरे अपने लण्ड को आगे पीछे कर रह था साथ मे बीच मे ज़ोर से शॉट लगा रह था. कुछ देर बाद भाभी का दर्द भी कम हो गया और वो भी मज़ा लेने लगी ओर जो आवाज़े निकालने लगी ” ओहो! ह्म्म! आ ! जोर से ! और ज़ोर से करो, मूज़े तुम्हे अंदर लेना है, मर्द की तरह चोदो, आह प्लीज़ स्पीड बदाओ अपनी मै आने वाली हू. फिर मैंने अपने झटकों की ताकत बढ़ाई ओर स्पीड भी.
मैं और जोर से उसे चोदने लगा मैने भाभी के पैर गले मे ले लिए ओर स्टाइल चेंज कर दी. अब तो पच पच आवाज़ से सारा महॉल बन गया था. थोड़ी देर बाद वो झड़ गई फिर भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी. उसकी चूत का रस टपकने लगा, मूज़े उसकी खुसबु आ रही थी,
मुझे और भाभी काफ़ी मज़ा आ रहा था. फ़च फ़च की आवाज़ ओर भी भाग रही थी. थोड़ी देर बाद मुझे लगने लगा कि मैं भी होने वाला है. फिर मैने उसे उल्टा कर से कुतिया बना कर पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड घुसा कर शॉट लगाना चालू किया.

मै पीछे से जोर जोर से धक्के लगा रहा था. अब मेरा लौड़ा रुकने वाला था नही, मैने भाभी को बोला मूज़े कंट्रोल नही हो रहा है, मेरा होने वाला है मै चुत मे निकल रहा हू, तो उसने कहा ठीक है निकल दो मई गोली ले लूंगी. मै पूरी ताकत से उसकी टाईट चूत में झटके लगा रहा था, ओर वो बहाल थी मेरा लंड मानने को तय्यार ही नही था फिर उसने गोतिया साहलाई और १०से १२ झटके के साथ मैंने अपना पूरा माल उसके चूत में डाल दिया. हम नंगे ही वाहा पे पड़े थे.

हमे अब ठंडी नही लग रही थी, पूरे पसीने से बहाल थे. भाभी ने मूज़े थॅंक्स कहा ओर मेरे लंड को चॅट कर साफ करने लगी. फिर १० मीं बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया इस टाइम पे भाभी ने बोला चुत मे दर्द हो रहा है. बाद मे करते है लेकिन भाभी मेरी तरफ गांड करके एकदम चिपके के सो गयी. मई सुबह जगा तो मेरा लंड खड़ा था मैने भाभी के गाड़ मे लंड डालने की कोशिश की लेकिन भाभी ने कभी गांड नही मरवाई थी. भाभी जाग गयी ओर आखरी टाइम मै करने दे रही हू. फिर भाभी ने बोला मूज़े मुहा मे लेना है. मैने दोनो बुब्बस के बॉच मे से मुहा मे लंड डाला ओर मूह मे चोदने लगा. ओर सारा माल भाभी के मुहा मे निकल दिया. भाभी ने मेरे लंड को किस किया ओर मिस यू कहा.

फिर हम दोनो ने अपने कपड़े पहने, भाभी ने कहा के ये बात कभी किसी को पता नही चलनी चाहिए, मैने उन्हे हग किया ओर प्रॉमिस किया की कभी किसी को पता नही चलेगा ओर ये दुबारा भी नही. फिर हमने एक दूसरे को हग किया एक लंबा किस किया भाभी ने मेरे लंड की तरफ़ देखा वो खड़ा था, भाभी ने कहा हाथ हिलाओ या कोई ओर ढूंड लो, ओर हम लोग टेंट मे चले गये. आज भी हम लोग दोस्त है ओर मस्त जी रहे है. कभी कभी भाभी को धेखकर मूड होता है मई उनको बोलता भी हू लेकिन फिर हम लोग कंट्रोल कर लेते है. कंट्रोल की बजाह है मेरा दोस्त ओर उनका पति सागर.

दोस्तो ये थी मेरी कहानी जो मैने एक पाठक की विनांती पर लिखी तो मूज़े मैल कीजिए ओर लिखिए ये कहानी कैसे लगी ओर कुछ ग़लती हो गयी है तो माफ़ कीजिए, चाहे तो गालिया दे सकते है. जाते जाते एक ही बात कहूँगा ओर औरतो का रेस्पेक्ट कीजिए, उनको प्यार ओर इज़्ज़त दीजिए. उनकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखें.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी. मूज़े अपने विचार बातये ओर कुछ भी हो जो शेर कर सकते हो कीजिए. मूज़े आपके प्यार भरे मेल का इंतज़ार रहेगा. नये साल की हार्दिक शुब्कामनाए, ये साल आपके जीवन मे ढेर सारी खुशिया लाए. अगली कहानी लेकर जल्द ही आउगा तब तक हिलाते रहिए, शॉट लगते रहिए ओट चुत मे उंगाली करना मत भूलना.

अपनी राय मुझे ज़रूर लिखें. मुझे इस मेल पर भेजें.

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जिग्ना की कामुकता https://sexstories.one/jigna-ki-kamukta/ Tue, 21 Dec 2021 07:16:05 +0000 https://sexstories.one/?p=5056 उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। "मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।"...

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Jigna ki Kamukta – यह अनिवार्य रूप से एक सच्ची कहानी है, जिसमें शामिल लोगों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए नाम और घटनाओं को संशोधित किया गया है। यह बहुत विस्तृत है, एकतरफा प्यार और छूटे हुए अवसर, रोमांटिक और कोमल की कहानी है, लेकिन इसके गुदा विषयों को भी तीव्र करती है। यह जिग्ना के साथ मेरे थोड़े समय की कहानी है, एक ऐसी महिला जिससे मैं प्यार करता था और जिसके बारे में मैं अक्सर सोचता रहता हूं।

जिग्ना… जब मैं बिक्री विभाग में था, मुझे हमेशा नए, अनुभवहीन ग्राहक सेवा प्रतिनिधि सौंपे जाते थे; मेरे पास एक उत्कृष्ट प्रशिक्षक होने का रिकॉर्ड था, उन्हें कार्यालय में सर्वश्रेष्ठ होने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, और फिर उन्हें किसी अन्य बिक्री प्रतिनिधि को फिर से सौंपा जाएगा जो मुश्किल से सक्षम था और अपने व्यवसाय को एक साथ रखने के लिए एक अत्यधिक सक्षम ग्राहक सेवा प्रतिनिधि की आवश्यकता थी। हर एक युवा, महिला, आकर्षक और बहुत बार, छह आंकड़े बिक्री प्रतिनिधि या ऊपर और आने वाले युवा प्रबंधक को प्राप्त करने में बहुत दिलचस्पी थी — कई ने किया। मैंने अपने बॉस के पूरक की सराहना की, लेकिन हमेशा प्रशिक्षण मोड में रहने के कारण अक्सर निराश होता था।

कॉलेज के ठीक बाहर जिग्ना बोर्ड पर आई; नौकरी के लिए अधिक शिक्षित और बहुत उज्ज्वल, उसने एक प्रबंधन, प्रवेश स्तर की नौकरी के लिए साक्षात्कार किया था, कार्य के लिए काफी नहीं देखा गया था और एक घंटे की नौकरी लेने के लिए सहमत हो गया था; यह आसानी से उसके घर आ गया था और सड़क के नीचे पुनर्मूल्यांकन का वादा किया गया था। चूंकि वह मेधावी थी और उसने एक शीर्ष नाम के विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी की शिक्षा प्राप्त की थी, उसने आश्चर्यजनक रूप से जल्दी सीखा और एक शानदार ग्राहक सेवा प्रतिनिधि बन गई।

मैंने कार्यालय के कर्मचारियों के साथ कभी बेवकूफ़ नहीं बनाया; वे सभी गपशप थे, यह मनोबल के लिए बुरा होता और अधिकांश दुकान की लड़कियों से थोड़ा अधिक थे। जिग्ना अलग थी। मेरी पहली शादी भी आखिरी पायदान पर थी; मेरे पूर्व और मैं अलग हो गए थे, तलाक आसन्न था और मैंने शायद जिग्ना के साथ अपनी अधिक निराशा साझा की, जो कि एक दुकान की लड़की नहीं थी, जितना मुझे होना चाहिए था। हम फोन पर बहुत गैर-यौन रूप से मजाक करते थे, वह अगले दरवाजे की क्लासिक लड़की थी, और मैं उसके लिए एक वास्तविक स्नेह बढ़ा। मैं उसे सप्ताह में कई बार कार्यालय में देखता था और कभी-कभी उसे अपने ग्राहकों से मिलने के लिए सड़क पर ले जाता था। वह छोटे स्तनों और कॉलेज फ़ुटबॉल और चीयरलीडिंग से एक एथलेटिक शरीर के साथ लगभग पाँच छ: की थी। उसकी फोन आवाज शानदार थी और हमारे सभी ग्राहक उससे प्यार करते थे। उसके गंदे गोरे बाल थे और सुंदर चेहरा नहीं तो प्यारा था। वह मेरे पास या मेरे पास कभी नहीं आई। मैं उनका बहुत सम्मान करता था और सम्मान परस्पर था।

Kamukta2 गाँव की देसी लड़की की अन्तर्वासना

मैं उसके माता-पिता से मिला था और मेरे मन में यह सवाल नहीं था कि वह एक अच्छी लड़की है। जिस लड़के ने आखिरकार उससे शादी की, वह सेल्स फोर्स में एक युवा, अच्छा दिखने वाला लड़का था। वह उसके साथ प्यार में सिर के बल गिर गया; उसने एक बार मुझसे कहा था कि जब तक उनकी शादी नहीं हो जाती, वह उसे अपनी पैंट में नहीं बैठने देगी। मैं उसकी शादी में गया था; उसका परिवार स्थानीय रूप से प्रमुख था और यह एक बहुत बड़ा और भव्य मामला था। जब सेल्स फ़ोर्स के अन्य लोगों की बात आती है तो मैं उसके लिए सुरक्षात्मक था और उस पर कभी प्रहार नहीं किया।

एक दिन मैं एक विशेष रूप से कठिन ग्राहक की सेवा से संबंधित कुछ समस्याओं पर विचार करने के लिए कार्यालय में था। जिग्ना और मैं ऑप्स मैनेजर के साथ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक छोटे से सम्मेलन कक्ष में गए। उस बैठक में लगभग 30 मिनट लगे; संचालन प्रबंधक चला गया और जिग्ना और मैंने कुछ और मिनट बात की और फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं टेनिस खेलता हूं। मैंने उसे हाँ कहा, लेकिन बुरी तरह से। उसने कहा कि वह हाल ही में जिस कॉन्डो में आई थी, उसके माता-पिता के घर से बाहर जाने के बाद पहली बार उसके पास बहुत अच्छे कोर्ट थे, लेकिन किसी ने भी उनका इस्तेमाल नहीं किया। जिग्ना जल्दी उठने वाली थी, जैसा कि मेरे अधिकांश अधिक मांग वाले ग्राहक थे, इसलिए वह सुबह 6:00 बजे आकर और दोपहर 2:00 बजे तक काम करके बहुत खुश थी, जो मेरे और मेरे प्रमुख ग्राहकों के शेड्यूल से पूरी तरह मेल खाता था। जिग्ना ने पूछा कि क्या मैं उसके साथ कुछ समय टेनिस खेलना चाहूंगी। मैंने निश्चित रूप से कहा, और उसे याद दिलाया कि सप्ताह में कुछ दिन मैं वास्तव में ग्राहकों को फोन कर रहा था, जहां से वह रहती थी … आज की तरह, उदाहरण के लिए। उसका चेहरा खिल उठा, और वह व्यापक रूप से मुस्कुराई, और पहली बार जब से मैंने उसके साथ काम करना शुरू किया था, उसके चेहरे पर यहाँ आने का वह संकेत मिला, लगभग मोहक जैसा कि मैंने बाद में देखा, लेकिन मैं वास्तव में संकेतों से चूक गया, उस सुबह।

मैंने उससे कहा कि मेरे पास कार में हमेशा मेरा टेनिस सामान होता है और उसने कहा कि मैं उसके स्थान पर बदल सकता हूं। हमने लगभग 3:00 बजे मिलने का फैसला किया और उसने मुझे सटीक निर्देश दिए। मैं कसम खाता हूँ कि मेरे मन में कोई यौन विचार नहीं था।

मैं नियत समय पर उसके कोंडो में गया, उसके शयनकक्ष में व्यवसायिक पोशाक से बदल कर, उसे बहुत ही शानदार ढंग से सजाए गए घर की प्रशंसा की और देखा कि, टेनिस टॉग्स में, उसका दृढ़, एथलेटिक शरीर बहुत आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया था। मौसम गर्म था। हमने लगभग एक घंटे तक जोरदार टेनिस राउंड खेला। मुझे यह स्वीकार करना होगा कि इस समन्वित युवती को काम करते हुए देखना अदालत का अंत बहुत उत्तेजित करने वाला था। एक घंटे के बाद हम दोनों इसे एक दिन कहने के लिए तैयार थे। उसने मैच को समाप्त करने के लिए एक शानदार शॉट बनाया और मुझे एक बड़ा गले लगाने के लिए बाध्य किया, जो कि मेरी अपेक्षा से बहुत कम प्लेटोनिक था। वापस कॉन्डो में, उसने मुझसे कहा कि मैं पहले शॉवर ले सकती हूं, इसलिए मैंने बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया, कपड़े उतार दिए और शॉवर में कूद गई।

कुछ ही मिनटों में मैं पूरी तरह से चौंक गया जब उसने दरवाजा खोला और अंदर कदम रखा, अपनी पूरी युवा सुंदरता में नग्न। उसने अपनी उँगली अपने होठों से ऐसे पकड़ रखी थी मानो कह रही हो, ‘एक शब्द भी मत कहो’, और प्यार से मेरी पीठ धोने लगी…और मेरी गांड और मेरा लंड। बेवजह, मैंने एहसान वापस कर दिया, उसके स्तन, योनी और गधे को ऊपर उठाते हुए। मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसकी चूत खा ली… वह कुछ ही सेकंड में आ गई। वह अपने कूबड़ पर नीचे चली गई और मुझे एक मिनट से भी कम समय में संभोग सुख के लिए उड़ा दिया। हमने चूमा, टटोला और प्यार किया। हमने एक दूसरे के बाल धोए; मेरा डिक फिर से सख्त था।

“बेडरूम में मेरे लिए रुको।” वह फुसफुसाई। वह कुछ मिनट बाद बाथरूम से बाहर आई और मुझे उन अविश्वसनीय पोस्ट ऑर्गेज्म में से एक दिया, मैला गीला और गर्म चुंबन।

उसने कहा – “पहले दिन से ही मुझे आप पर क्रश है। एक छोटी सी समस्या है। मैं कुंवारी हूं। मैं अपनी शादी की रात तक इसी तरह रहने का इरादा रखती हूं। मुझे पुराने जमाने का बुलाओ। मुझे वास्तव में जरूरत है अभी कुछ आराम है, और आपके जीवन में जो कुछ भी चल रहा है, मुझे पता है कि आप भी करते हैं। मैं तुमसे प्यार करना चाहता हूं। लेकिन मैं तुम्हें अपनी चूत में नहीं जाने दे सकता … वह आरक्षित है।’

उसने जारी रखा – ‘अगर तुम बहुत ज्यादा ग्रॉस आउट नहीं होते, तो मैं तुम्हें अपनी चुतड़ देना चाहती हूँ। नहीं तो मुझे बुरा नहीं लगेगा। मैंने इसे पहले बट में लिया है और इसका आनंद लिया है, और मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं कि मेरी गांड साफ और अच्छी तरह से चिकनाई हो। क्या तुमने कभी…आह, ऐसा पहले किया है?”

मैंने उससे कहा कि मुझे उस विभाग में अनुभव है और हम मजे करेंगे। मैं उसकी गांड के छेद में अपनी उँगली डालने लगा। यह बहुत अच्छी तरह से लथपथ था। मैंने उसे उसके सामने लुढ़कने के लिए कहा और धीरे से रिम करना शुरू कर दिया … और फिर अधिक सख्ती से … जीभ उसकी रमणीय छोटी भूरी आंख को चोदती है, जबकि ध्यान से उसके भगशेफ को छूती है।

उसने अपना रस छोड़ दिया और लुढ़क गई।

“मेरी गांड को सामने से ले लो।” वह सहम गई।

मैं सहमत। उसने बिस्तर की मेज से एस्ट्रो-ग्लाइड की एक बोतल ली, प्यार से मेरे लंड को चिकना किया, वह मुस्कुराई और धीरे से मुझे हरकत में लाने का आग्रह किया। “मुझे अब इसकी ज़रूरत है बेबी, कृपया मुझे चोदो।”

उसने अपने मांसपेशियों वाले पैरों को अपने छोटे, दृढ़ स्तनों के खिलाफ वापस रखा; मैं अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने लंड का सिर उसकी गांड में डाल दिया।

“मैंने यह काफी समय से नहीं किया है, इसलिए मुझे इसकी आदत डालने दें।” वह फुसफुसाई।

उसे समायोजित होने में कुछ मिनट लगे, लेकिन अंत में उसने कहा, “मैं अब तैयार हूं, मुझे करो।”

मैंने एक धीमी गति से स्ट्रोक शुरू किया, उसका हाथ लिया और उसे अपनी बिल्ली पर रख दिया ताकि वह खुद को किनारे पर लाने में मदद कर सके। हम लय में आ गए और मैंने गति बढ़ा दी। मैंने हिलना बंद कर दिया और उसके कान में फुसफुसाया। “इसे ले लो जिग्ना, मेरे लंड को अपनी गांड से चोदो।”

उसने अपनी चुतड़ को गद्दे से ऊपर धकेल दिया, घुमाते हुए और अपने बट को हिलाते हुए, सचमुच मेरे लंड को अपनी गांड से घुमा रही थी। “मैं आपके गर्म तंग छोटे बटहोल में अधिक समय तक नहीं रह सकता।” मैंने कहा।

“बस एक और मिनट, मैं बहुत करीब हूँ।” वह कराह उठी।

उसके विलाप बढ़ गए, वह हांफने लगी…

उसका सिर पीछे की ओर लुढ़क गया… और उसने अपनी चूत का रस गिरा दिया..

उसके गुदा नहर पर उसके संभोग के संकुचन मुझे किनारे पर ले गए और मैंने उसके मलाशय में गर्म सह का एक ताजा भार डाला। मेरा डिक उसकी गांड से निकल गया और हम गले मिले और चूमा और प्यार किया। वह बिस्तर से उठी, कुछ मिनट बाद एक गर्म कपड़े और दो गिलास रेड वाइन के साथ लौटी। उसने मेरे लंड को साफ किया, और मेरी गांड को, मेरे बट पर अच्छी तरह से चिपकी हुई उंगली डालते हुए और फिर अब नरम सदस्य को अपने मुँह में ले लिया और अपनी जीभ से उसे इधर-उधर घुमाया। मुझे पता था कि मैं फिर से जा सकता हूं, लेकिन ठीक होने के लिए आधे घंटे या उससे भी ज्यादा समय लगेगा। हमने अपनी शराब पी ली, वस्तुतः बिना किसी शब्द के और वह मेरे बगल में आ गई।

“मुझे लगता है कि हम दोनों को थोड़ा झपकी लेने की ज़रूरत है।” जिग्ना ने सुझाव दिया।

हम आधे घंटे से अधिक समय तक सोए रहे, जब मैं उठा, मैं अपनी गांड को उसके सामने रखकर लुढ़क गया था और वह मेरे बट के छेद को चीरने के लिए आगे बढ़ रही थी। उसे बिस्तर की मेज से कुछ मिला, जो मुझे जल्दी से पता चला कि एक छोटा हिल बट प्लग था, इसे ऊपर की ओर बढ़ाया और इसे मेरी गुदा नहर में डालना शुरू कर दिया। “मुझे बताओ कि क्या यह दर्द होता है, या आपको यह पसंद नहीं है, और मैं रुक जाऊंगा।” वह सहम गई, क्योंकि वह मेरे लंड को उठाने के लिए अपने दूसरे हाथ का उपयोग करते हुए ध्यान से एक हाथ से मेरी गांड में प्लग डालने के लिए आगे बढ़ी ताकि वह नीचे की तरफ चाट सके। उसके मौखिक ध्यान और बट घुसपैठ के संयोजन ने मुझे एक बार फिर हड्डी की तरह कठोर कर दिया।

फिर उसने पूरी प्लग को मेरी गांड में धकेल दिया, और पूछा, “क्या आप इसे वहाँ पकड़ सकते हैं?”

to be continued…

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माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की – 3 https://sexstories.one/couple-ke-saath-chudai-story/ Sat, 18 Dec 2021 07:30:05 +0000 https://sexstories.one/?p=4983 मैंने अपना लिंग पीछे खींच लिया और फिर से थोड़ा सा धक्का दिया। अब इस बार यह थोड़ा और आगे बढ़ गया। वो मेरे पुश को बहुत एन्जॉय कर रही थी। फिर से मैंने अपना डिक वापस खींच लिया और फिर से धक्का दिया...

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Couple ke saath chudai story – मेरे पास वास्तव में शब्दों की कमी थी। मैं बस कुछ देर चुप रहना चाहता था। हो सकता है कि मेरी खामोशी उसे सबसे अच्छे शब्द दे सके। मैंने उसका धन्यवाद स्वीकार किया और उसे किस भी किया। कुछ देर हम वहीं बिस्तर पर लेटे रहे। हम दोनों थोड़े थके हुए थे और 15 मिनट का ब्रेक लिया।

15 मिनट के बाद, हम पूरी ऊर्जा के साथ और शानदार कमबख्त के लिए तैयार होकर, प्राकृतिक अवस्था में वापस आ गए। चोदने के लिए जाने से पहले, उसने मेरी मर्दानगी को अपनी बाहों में ले लिया और मेरे सुंदर डिक को देखकर चकित रह गई। यह ऊपर से गुलाबी रंग का 7 इंच लंबा और 2.5 इंच घेरा था, उसने उसे अपने मुंह के पास ले जाकर चूमा और चाटा। वह एक अनोखी महक दे रही थी और उसे यह बहुत पसंद आई। उसने बताया कि उसके पति के डिक से बदबू आती है और उसे इसका स्वाद ज्यादा पसंद नहीं है।

लेकिन मेरा लंड सुंदर है और किसी भी महिला को संतुष्ट करने के लिए काफी बड़ा है। बहुत अच्छी महक आ रही थी और खम्भे की तरह खड़ी थी। वह पूरी तरह से खड़ी थी और उसकी सुंदरता को सलाम करने के लिए खड़ी थी। मैंने उसे वही बताया और वह एक बार फिर शरमा गई। वह उसे चूमने और चाटने लगी। मैंने उससे कहा कि वह इसे न चूसें क्योंकि मैं वीर्य को उसकी योनि में इंजेक्ट करने के लिए जमा करना चाहता था। उसने भी यही राय दी और केवल मेरे डिक और बॉल्स को किस और चाट रही थी। उसने मेरे डिक की बहुत सराहना की क्योंकि उसे गुलाबी रंग बहुत पसंद है। मेरा डिक एक गुलाबी पोल की तरह था जो गुलाबी बिल्ली के होंठों के माध्यम से उसकी बिल्ली की गुलाबी दुनिया में प्रवेश करने के लिए तैयार था। मैंने उसके कान में वही बुदबुदाया और वह इसके लिए मुस्कुरा दी।

उसने मेरे डिक के साथ खेला, मेरे डिक और गेंदों को 10 मिनट तक चूमा और चूमा और फिर वह चाहती थी कि मेरा डिक उसकी योनि में इंजेक्ट करे। उसने खुद को पारंपरिक स्थिति में रखा और मैं उसके ऊपर सबसे ऊपर आ गया। उसने मेरे लिंग को अपने दाहिने हाथ में लिया और अपनी चूत के द्वार पर रख दिया। मैंने अभी-अभी अपने लिंग को उसकी योनि में धकेला। यह धीरे-धीरे उसकी सुंदर योनी में प्रवेश कर गया, जैसे कोई चूहा छेद में प्रवेश कर रहा हो। वह थोड़ा कराह रही थी और आह की आवाज कर रही थी।

Couple chudai story part 2 – माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की – 2

मैंने अपना लिंग पीछे खींच लिया और फिर से थोड़ा सा धक्का दिया। अब इस बार यह थोड़ा और आगे बढ़ गया। वो मेरे पुश को बहुत एन्जॉय कर रही थी। फिर से मैंने अपना डिक वापस खींच लिया और फिर से धक्का दिया। इस बार वह उसकी चूत के और भी अंदर चली गई। उसका प्रेम रस किसी भी चीज की तरह बह रहा था और मेरे मोटे लिंग से उसे अतिरिक्त आनंद मिल रहा था। वह लगातार कराह रही थी। इस बीच मैंने उसके नितंबों के नीचे एक तकिया समायोजित किया ताकि लिंग इतनी आसानी से प्रवेश कर सके और वीर्य भी बाहर नहीं आ रहा हो। मैंने अपना लिंग उसकी चूत में करीब 8-10 सेकेंड तक रखा।

वह आनंद का अनुभव कर रही थी और मेरे नितंबों के चारों ओर हाथ रखकर अपनी चूत की ओर खींच रही थी। फिर से मैंने अपने लिंग को पीछे खींच लिया और गहरा धक्का दिया। मैंने इसे लगातार करना शुरू कर दिया, कुछ खींचने और धक्का देने के बाद, मैंने अपना सारा वीर्य उसकी बिल्ली में छोड़ दिया जब मेरा डिक उसकी बिल्ली में बहुत गहरा था। उसने मेरे लिंग को अपनी चूत में ही रखा और मेरे लंड को अपनी चूत की गहराई में खींच लिया। मेरा वीर्य उसकी चूत में फव्वारे की तरह और गोली की तरह उसके शरीर में चला गया। उसने मेरे सारे वीर्य को खुशी से स्वीकार कर लिया और भगवान से इस बार गर्भवती होने की प्रार्थना कर रही थी। मैंने उसे अपना सारा प्यार का रस भी आखिरी बूंद तक दिया ताकि वह उसके गर्भ में प्रवेश कर भ्रूण बना सके। उसने मेरे नितंबों को अपने पैरों से गोल किया और मुझे अपनी ओर खींच लिया। मेरा लिंग चूत की बहुत गहरी भीतरी दीवारों को छू रहा था और मुझे लगा कि वो सच में मुझे छोड़ना नहीं चाहती थी। मैंने बस अपना सारा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और उस पर लेट गया। उसने भी कुछ देर मुझे कसकर गले लगाया ताकि सारा वीर्य पूरी तरह से उसकी योनि की गहराई में जा सके। वह वास्तव में चाहती थी कि कुछ भी बाहर न आए।

कुछ मिनटों के बाद हम चले गए और मैंने खुद को उसके बगल में रख दिया और उसे अपने पैरों को मोड़ने के लिए कहा ताकि सारा वीर्य उसके गर्भ तक पहुँच सके। उसने मुझे सुंदर बीज देने के लिए मेरे कानों में धन्यवाद कहा ताकि वह जल्द ही गर्भवती हो सके। उसने मुझसे कहा कि वह वास्तव में मेरी बेटी जैसी बच्ची चाहती है। मुझे याद आया कि मेरी पोटेंसी का अंदाजा लगाने के लिए मैंने अपनी बेटी की फोटो दंपत्ति को भेजी थी। मेरी बेटी की तस्वीर देखने के बाद ही उसने इस कमबख्त के लिए बच्ची की तरह एक ही परी के लिए स्वीकार किया।

मैंने उससे कहा कि यह जरूर होगा और उसके सारे सपने पूरे होंगे। उसने बस फिर से मुझे एक किस किया और कहा थैंक्यू, मैंने उसकी पीठ को किस करके थैंक्स लिया और फिर मैं अपने कमरे में चला गया। मैंने उसे केवल 20 मिनट और उस स्थिति में रहने के लिए कहा ताकि मेरा वीर्य उसके गर्भ में अंडे तक पहुंच सके। उसने कहा ठीक है। कुछ देर बाद उसका पति आया और अपने मास्टर बेडरूम में चला गया और उसने मुझे थैंक्यू कहा और सोने चला गया। अगले दिन सुबह हम लगभग 9 बजे उठे और मैं तैयार हो गया और कुछ खरीदारी के लिए बैंगलोर के फोरम मॉल में गया और शाम तक टाइम पास किया। उनके घर पहुंचने के बाद, मैंने सचिन के साथ कॉफी और थोड़ी चिट चैट की। मैं भी श्रद्धा चेक कर रहा था।

मेरे सामने जब भी आती वो शरमा जाती थी और मुस्कुरा भी देती थी। मुझे पता था कि वह आज के सत्र का भी बेसब्री से इंतजार कर रही थी। जैसा कि मैंने पहले ही उल्लेख किया है, मेरा प्रवास 2 रातों के लिए था और मेरी उड़ान सोमवार सुबह 7 बजे मेरे गृहनगर के लिए थी। मैंने उन्हें पहले ही बता दिया था कि यह दो दिन की चुदाई की योजना होगी ताकि गर्भधारण की संभावना अधिकतम हो और वे भी यही चाहते थे। हमने खाना खाया और खाना खाने के तुरंत बाद सचिन फिर बाहर गए और मैं उनके बेडरूम में चला गया। श्रद्धा आज के सेशन के लिए बेसब्री से तैयार थी। वह फिर से बड़ी चुदाई के लिए तैयार थी। उसने मुझे बताया कि कल उसके पास वास्तव में अद्भुत और सुंदर कमबख्त और योनि थी और यह उसकी अब तक की सबसे अच्छी चुदाई थी।

उसने बताया कि उसका पति उतना रोमांटिक नहीं था। उसने मेरी चूत चाटने के कौशल और फोरप्ले सत्र की बहुत सराहना की। मैंने कहा कि बहुत से पुरुष वास्तव में फोरप्ले की कला नहीं जानते हैं और एक महिला को कामोन्माद तक पहुंचाते हैं। मैंने उन महत्वपूर्ण कौशलों में महारत हासिल कर ली है जिनका मैं उपयोग कर रहा था। मैंने उसे यह भी बताया कि वह परी की तरह सुंदर है और उसकी सुंदरता मुझे उसे और अधिक देने के लिए प्रेरित कर रही है। उसने बहुत धन्यवाद दिया और उसने इस बार मुझे किस करना शुरू कर दिया। हमने फिर से किस करने से कनीलिंगस तक की शुरुआत की। उसने मुझे तुरंत अपनी योनि पर खींच लिया और मेरे चेहरे को उसकी चूत पर मल दिया। मैंने उससे कहा कि आज हम 69 पोजीशन ट्राई करते हैं। उसे भी यह विचार अच्छा लगा और जल्द ही मेरा लिंग उसके मुँह में और उसकी चूत मेरे मुँह में आ गई। मैं फिर से बढ़िया ओरल सेशन दे रहा था और वो मेरे लिंग को चाट रही थी।

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भाभी ने कहा मुझे चोदो https://sexstories.one/bhabhi-ki-chodai-xxx/ Thu, 16 Dec 2021 06:54:08 +0000 https://sexstories.one/?p=3479 भाभी को नंगा देखने की मेने वॉशरूम के डोर के नीचे से देखा तो सिर्फ़ उनकी टांगे दिखी मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ गया 10 मिनिट के बाद भाभी बाहर आई उन्होने पजामा सूट डाला था...

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Bhabhi Ki xxx Chodai – मेरा नाम सतनाम है और मैं जालंधर (पंजाब )से हूँ. मेरा लंड साइज़ 6.5 इंच का है मुझे भाभीया चोदने मैं बड़ा मज़ा आता है अभी में सीधा स्टोरी पर आता हूँ यह मेरी पहली स्टोरी है जिसने मेरी ज़िंदगी खुश कर दी हमेशा के लिये स्टोरी मैं मैने अपने कजिन की वाइफ को चोदा उनका नाम सिमरन है आज से 3 साल पहले उनकी शादी हुई उनका एक बेटा है 1 साल का मेरे कजिन का डी.जे का काम है तो शादीयों के सीज़न मैं बाहर रहते है मेरा कजिन भी एक नंबर का हरामी है उसके डांसर से कॉन्टेक्ट है और जब मेरे घर मैं कोई नहीं होता तो हर बार एक नई डांसर को चोदने के लिये ले आता.

उनके घर मैं सिर्फ़ भाभी मेरा कजिन और उनकी माँ है जो की एक शॉप चलाती है भाभी घर पर दिन मैं अकेली होती है और भाभी को मेरे कजिन पर भी शक रहता है उनका घर करतारपुर मैं है जो की हमारे यहाँ से 25 किलोमीटर दूर है आंधे घंटे मैं में वहा पहुँच जाता हूँ बात फरवरी 2011 की है उन दिनों काफ़ी शादीयां होती है तो कजिन बिज़ी रहता है 2-3 दिन घर नही आता भाभी घर मैं उदास रहती हैं भाभी बहुत सेक्सी है और बूब्स का साइज़ 36 है. उस दिन मैं किसी काम से उनके घर गया तो भाभी अकेले घर मैं टी.वी देख रही थी मेरे को देख कर वो बहुत खुश हुई क्योकी वो बोर हो रही थी में काफ़ी मजाक टाइप के नेचर का हूँ तो मेरे साथ उनको अच्छा लगता है.

मैं सुबह 10 बजे वहाँ पहुँच गया था इसलिये वो अभी नहाई नही थी और उन्होंने केफ्री और टॉप डाल रखा था इतनी सेक्सी लग रही थी उनके बूब्स बाहर को आ रहे थे मैं देख कर हैरान हो गया उनका बेटा सो रहा था उन्होने मेरे लिये चाय बनाई और वो बोली मैं 5 मिनिट मैं नहा कर आती हूँ तब तक तुम चाय पियो और वॉशरूम चल गई वॉशरूम रूम के पास था मुझे पानी की आवाज़ आने लगी मैं फील करने लगा भाभी नंगी कैसी लग रही होंगी इतने मैं मेरा लंड खड़ा हो गया मेरी इच्छा करने लगी.

भाभी को नंगा देखने की मेने वॉशरूम के डोर के नीचे से देखा तो सिर्फ़ उनकी टांगे दिखी मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ गया 10 मिनिट के बाद भाभी बाहर आई उन्होने पजामा सूट डाला था विद टाइट कुरती उनका गीला गीला बदन और खुले बाल देख कर मेरे होश उड़ गये हम बेठ कर बाते करने लगे बातों बातों मे पता लगा की उनकी सास शॉप पर है जो दोपहर में खाना खाने आयेगे और कजिन शादी मैं जो रात भर नहीं आयेगे पर भाभी बिल्कुल मेरा साथ देनो वालो मैं से नही थी इतनी देर में उनका बेबी रोने लगा भाभी ने उसको अपना दूध थोड़ा सा साइड मैं हो कर उसे दूध पिलाने लगी मेरी अचानक नज़र सामने कांच पर गई भाभी ने अपना एक बूब पूरा निकाला था जो मुझे दिख रहा था मेरा लंड और ज्यादा खड़ा हो गया.

Chodai story टैक्सी ड्राइवर से बीवी को चुदवाया – भाग 2

कुछ देर मैं भाभी की नज़र कांच पर गई और वो शरमाने लगी और बूब्स ढक लिये उन्होने मेरी और देखा मेरा खड़ा लंड देख कर वो थोड़ी सी स्माइल देने लगी और फिर बाते करने लगी मुझसे फेमिली के बारे मैं और पास आकर बेठ गई बातों बातों मैं वो रोने लगी बोली की तुम्हारे भैया मुझे टाइम नहीं देते मैं अकेला फील करती हूँ मेने उनको चुप करने के लिये इशारा किया और मेने उनको कस के पकड़ लिया और देखा तो उनकी आँखे बंद थी उनके लाल लाल रसीले होंठ देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया था. और मेने स्मूच कर दिया 5 मिनिट स्मूच करने के बाद मैने बोला भाभी सॉरी मुझसे ग़लती हो गयी भाभी का जवाब सुनके मैं हैरान हो गया की ग़लती पूरी करके सॉरी माँगना मैंने ना समझने का ड्रामा किया तो भाभी बोली सतनाम मैं ही काफ़ी दिनो से सॅटिस्फाइड नही हूँ और मुझे पता हे तु भी सेक्स चाहता है और मेरे को स्मूच करने लगी और बोली रुक मैं डोर लॉक करके आती हूँ.

जब तक वो डोर लॉक करके वापस आती मैने अपने पूरे कपड़े उतार लिये वो मेरा लंड डोर से देख कर हैरान हो गयी और भागी भागी आई और लंड मुँह मैं डाल लिया क्या चूसती थी यार. वो 15 मिनिट तक उन्होंने चूसा वो लंड पूरा गले तक ले जाती थी वो फिर मैं उनके बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा मैने उनकी कुरती उतारी और बूब्स चूसने लगा मैं उनका पजामा उतारने लगा इतने मैं डोर बेल बजी उन्होने जल्दी से कपड़े पहने और डोर खोलने चली गई डोर पर उनकी सास थी मैने भी कपड़े पहन लिये थे. मैने उनके पैर छुए की और बाते करने लगा पता चला की आज वो शॉप बंद करके आई है क्योकी उनकी तबीयत ठीक नहीं है और वो भी वापस नही जायेगी.

मुझे लगा की मेरे खड़े लंड पर डंडा पड़ गया भाभी ने मेरे और देखा और बोली भाभी ने इशारे मैं कहा मैं हूँ ना वेट कर मेरी मामी जी जैसे ही आराम करने गयी तो बोली पूरी रात अपने पास है मज़े से सेक्स करेंगे और बोली अपनी मामी के सामने यह बोल कर आओ की तुम वापस जा रहे हो मैं मामी जी के पास वापस गया और बोला मैं जा रहा हूँ और भाभी के कमरे मैं छुप गया रात के 10 बजे भाभी ने देखा मामी जी सो गयी है तो डोर लॉक कर दिया और बोली आजा मेरे देवर जी अपनी भाभी को जम कर चोद ले मेने जल्दी से उन्हे गोद मे लिया और बेड पर ले आया मैने इस बार सीधा उनका पजामा उतारा तो मैने देखा एकदम पिंक चूत थी उनकी मैं चूत चाटने लगा मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है.

भाभी को मज़ा आने लगा और वो आआआः अयाया करने लगी और बोली अब मेरी बारी और मेरा लंड निकाला और ज़ोर ज़ोर से लंड चूसने लगी जैसे पता नही कितने दिनो से लंड की प्यासी थी मैने उनकी टांगे उठाई और बूब्स को मुँह मैं ले लिया और ज़ोर ज़ोर से लंड डाल कर शॉट मारने लगा आधे घंटे मैं मेरा पानी छूट गया और भाभी भी पूरी सॅटिस्फाइड हो चुकी थी फिर हम 1 घंटे के लिये भाभी मेरे उपर चड कर नंगी ही सो गई एक घंटे बाद फिर से उठी और बोली देवर जी उठो अब नये तरीके से करते है.

मैने बोला कैसे तो उन्होने अलमारी में से ब्लू फिल्म निकाली और लगा दी फिर मैने हर स्टाइल से उन्हे चोदा घोड़ी बना कर, साइड से, खड़े हो कर वो बोली इतनी शान्ति तो मुझे सिर्फ़ अपनी सुहागरात पर मिली थी थैंक्स देवर जी मैं सुबह सुबह 5 बजे वहाँ से चुपचाप निकल आया ताकि मामी जी को पता ना चले भाभी उस दिन के बाद जब भैया घर पर नही होते तो मुझे फोन करके बुलाती है और हम नये नये तरीक़ो से सेक्स करते है तो दोस्तों केसी लगी मेरी स्टोरी

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माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की https://sexstories.one/maata-pita-banane-ke-liye-ek-jode-kee-madad-kee/ Tue, 14 Dec 2021 07:24:37 +0000 https://sexstories.one/?p=4975 मैं बड़े उत्साह के साथ उनके मास्टर बेडरूम की ओर चल पड़ा और वह बिस्तर पर बैठी थी। वह थोड़ी नर्वस भी थी। मैं बस अंदर गया और उसके पास बैठ गया और बातचीत शुरू कर दी...

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Couple sex story – नमस्कार दोस्तों, मैं दक्षिण भारत का एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति हूं। मैंने कुछ डेटिंग साइट में एक विज्ञापन दिया कि मैं असंतुष्ट महिलाओं, विधवाओं और निःसंतान दंपत्ति को माता-पिता बनने में मदद करना चाहता हूं। कुछ दिनों के बाद मुझे बैंगलोर के एक मारवाड़ी जोड़े सचिन और श्रद्धा (असली नाम नहीं) से जवाब मिला और उन्हें माता-पिता बनने के लिए मेरी मदद की जरूरत थी। वह एक बड़ी कंपनी में आईटी कर्मचारी है और वह एक होम मेकर है। उनकी शादी को छह साल हो चुके थे और अभी तक कोई बच्चा नहीं है।

उन्हें एक बच्चे की बहुत सख्त जरूरत थी। कोई बच्चा हो या बच्ची, उन्हें एक बच्चे की बहुत सख्त जरूरत थी। दंपति के पति ने बताया कि उन्हें एक मेडिकल समस्या है जिसके कारण वह अपनी पत्नी को गर्भवती नहीं कर सकते हैं और वे आईवीएफ नहीं कर सकते क्योंकि यह एक महंगा मामला है जिसे वे बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने सोचा कि उन्हें किसी अज्ञात व्यक्ति की मदद मिलेगी और दंपति की महिला गर्भवती होने के लिए स्वाभाविक रूप से एक/दो बार सेक्स करेगी। जब उन्हें इस तरह का विचार आ रहा था तो उन्होंने मेरा विज्ञापन देखा और उन्होंने मुझे जवाब दिया।

मैंने भी उन्हें जवाब दिया कि मैं वास्तव में इस संबंध में उनकी मदद कर सकता हूं और उन्हें यह पूरी तरह से गुप्त और गोपनीय रखना होगा। वे भी यही चाहते थे और मुझे कुछ निर्देश दिए कि इसे कैसे निष्पादित किया जाना है। मेरी पुष्टि से पहले, उन्होंने मेरी शक्ति के बारे में भी पूछा। मैं शर्मीला नहीं था, मैंने अपनी बेटी की तस्वीरें साझा कीं। मेरी बेटी की फोटो देखकर वे बहुत खुश हुए क्योंकि वह एक गुड़िया की तरह है और एक छोटी परी की तरह दिखती है। मेरी बेटी की तस्वीर देखने के बाद, दंपति वास्तव में खुश थे और उसी तरह के बच्चे की उम्मीद कर रहे थे। मैंने अपनी तरफ से पुष्टि दी और वे भी आगे बढ़ने के लिए तैयार थे।

हम दोनों आपसी शर्तों पर सहमत हुए हैं कि हमें जीवन में कभी भी एक दूसरे से नहीं मिलना चाहिए और यह हमेशा के लिए गुप्त रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह अफेयर अँधेरे में होगा और हमेशा अँधेरे में रहेगा।

दंपति के पति ने मुझे समय-समय पर निर्देशों का पालन करने के लिए कहा क्योंकि यह उनकी पत्नी को गर्भवती करने का एक जोखिम मुक्त तरीका था। मैंने उससे फिर से पुष्टि की कि उसकी पत्नी ने भी उसे इसके लिए स्वीकार किया था या नहीं। उसने मुझे पुष्टि की कि उसने अपनी स्वीकृति दे दी है क्योंकि वह एक महीने को याद करने के लिए बहुत उत्सुक है क्योंकि वह वास्तव में एक निःसंतान दंपति के रूप में अपने परिवार और अपने पति के परिवार के दबाव को सहन नहीं कर सकती है। उन दोनों ने मुझे बताया कि जीवन को खुशहाल बनाने के लिए उनके लिए एक बच्चा पैदा करना उनका सपना बन गया है और इसे हासिल करने के लिए उन्हें मेरी मदद की जरूरत है। मैंने उन्हें अपनी पूरी सहमति दी क्योंकि मुझे विश्वास है कि मैं एक असहाय जोड़े के लिए अच्छा काम कर रहा हूं और उनके जीवन को कुछ खुशियों से भर रहा हूं।

फिर ऐसे ही चल पड़ा….

सचिन ने मुझे 2 दिन के लिए उनके घर बंगलौर आने के लिए कहा और अगर कोई नोटिस करेगा तो वे मुझे अपनी पत्नी के चचेरे भाई के रूप में पेश करेंगे।

Couple sex story – शादी के बाद लडको से चुदाई के मजे लिए

वे 2 दिन उसके मासिक धर्म के 13-14 दिन होंगे जो गर्भाधान के लिए उपजाऊ दिन होंगे। उन्होंने मुझे तारीखें बताईं और मैंने बंगलौर जाने के लिए उन 2 दिनों की छुट्टी ली। सौभाग्य से 2 दिन सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) पर आ रहे थे। मैं शनिवार की सुबह तय किए गए अनुसार बैंगलोर में उतरा और मैं उनके द्वारा बुक की गई कैब में उनके घर गया। यह 2 बीएचके का फ्लैट था और उन्होंने मेरा बहुत अच्छे से स्वागत किया और वह महिला बिल्कुल सुंदर थी। वह एक हिंदी फिल्म की नायिका की तरह दिखने वाली एक पूर्ण मारवाड़ी सुंदरता थीं। मैं उनसे बात कर रहा था और अंतराल में उसकी जाँच कर रहा था। उसने लेगिंग और टॉप पहना था और अंदर कोई इनर नहीं था। उसके स्तन नाच रहे थे और मेरा लंड भी अंदर नाच रहा था और वह मुस्कुरा रही थी जैसे समझ रही हो। दंपति के पति ने मुझे रात तक इंतजार करने और आराम करने को कहा। मैंने दोपहर का भोजन किया और आराम किया और शाम को उठा। शाम को मुझे चाय दी गई और मुझे उनका एल्बम दिया गया।

मैंने उनकी शादी और ऊटी और मैसूर के दौरे की तस्वीरें चेक कीं। वह अपने सभी परिधानों में तेजस्वी सौंदर्य थी और मैं बिना वेशभूषा के सोच रहा था कि वह कितनी सुंदर होगी। मैं उसकी सुंदरता का आनंद लेने के लिए थोड़ी तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रार्थना कर रहा था। सचिन वहां आए और मुझसे बातें करने लगे और बताया कि उनकी शादी कैसे हुई और बैंगलोर में उनका जीवन कैसा रहा है, उनके कंधों पर उनके घर में एक बच्चे के लिए कितना दबाव है क्योंकि उनकी शादी 6 साल पहले हुई थी। उसे अपनी नपुंसकता पर थोड़ा दुख हुआ और उसने बताया कि उसकी नपुंसकता उसकी पत्नी के लिए अभिशाप नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आईवीएफ के लिए भी प्रयास किया जो बैंगलोर में बहुत महंगा था और वे इसे वहन नहीं कर सकते। इसलिए उन्होंने आईवीएफ के लिए जाने के बजाय यह कदम उठाने का फैसला किया। उन्होंने मेरी मदद के लिए सामने आने के लिए मुझे धन्यवाद दिया। उसने कहा कि लगभग 9 बजे वह घर से बाहर निकलेगा और 11 बजे आएगा और वह समय हमारे लिए पर्याप्त होना चाहिए क्योंकि उसकी उपस्थिति उसकी पत्नी को स्वतंत्रता नहीं दे सकती है। उनकी भी यही राय थी। जल्द ही रात के 9 बजे का समय हो गया और वह फिर से मेरे कमरे में आया और मुझसे कहा कि वह बाहर जा रहा है और मुझे सारी शुभकामनाएं दीं। मैंने उसे खुश रहने के लिए बधाई दी। सब कुछ ठीक हो जाएगा। उसने मुझे बताया कि उसकी पत्नी अपने बेडरूम में मेरा इंतजार कर रही है और बाहर चली गई।

मैं बड़े उत्साह के साथ उनके मास्टर बेडरूम की ओर चल पड़ा और वह बिस्तर पर बैठी थी। वह थोड़ी नर्वस भी थी। मैं बस अंदर गया और उसके पास बैठ गया और बातचीत शुरू कर दी। मैंने उससे कहा कि वह हिंदी हीरोइनों की तरह बहुत खूबसूरत है। मैं उसकी सुंदरता की बहुत प्रशंसा कर रहा था ताकि वह मानसिक और शारीरिक रूप से भी खुल सके क्योंकि मुझे पता था कि एक शानदार मैथुन के लिए मानसिक तैयारी एक मजबूरी है। मैंने कहा कि वह अपनी शादी की सभी तस्वीरों में और उनके दौरे की तस्वीरों में भी बहुत खूबसूरत थी। उसका पति एक भाग्यशाली व्यक्ति है जिसके पास ऐसी सुंदरता है। उसके पति ने अपने पिछले अवतार में बहुत अच्छे काम किए होंगे जिसके कारण उसे इतनी सुंदर पत्नी मिली। यह कहकर मैंने उसका हाथ अपनी हथेली में लिया और उसे किस कर लिया। उसने मेरा चुंबन लिया और अपना हाथ केवल मेरे हाथ में रखा। मैंने उसके दोनों हाथों पर करीब 20 किस किए। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और मेरे चुंबन का आनंद ले रही थी।

to be continued…

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गोवा के बीच पर गर्लफ्रेंड के साथ की मस्ती https://sexstories.one/goa-me-girlfriend-ki-chudai-story/ Mon, 22 Nov 2021 08:43:35 +0000 https://sexstories.one/?p=3456 मैंने अपने कपडे निकाल दिए जिससे मेरा 6 इंच लम्बा लंड उसके सामने आ गया | वो मेरे लंड को देखकर इतनी उतावली सी हो गयी और मेरे लंड को अपने हाथ में पकड कर मुंह में रख लिया | वो मेरे लंड को मुंह में रख कर चूसने लगी...

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girlfriend ki chudai story हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग ? मुझे उम्मीद है की मेरे सब दोस्तों ठीक ही होंगे | मेरा नाम ध्रुव है और मैं उड़ीसा का रहने वाला हूँ | दोस्तों मुझे सेक्सी कहानी पढ़ना पसंद है पर मैं सेक्सी कहानी का कोई लेखक नही हूँ | मैं जब कभी कभी सेक्सी कहानी पढता हूँ तो मेरा भी मन होता है की मैं भी अपनी कहानी लिखूं | पर दोस्तों मुझे अपनी पढाई करने की वजह से मुझे टाइम नही मिल पाता है |

आज मुझे टाइम मिला है तो मैं अपनी एक सच्ची कहानी को आप लोगो तक पहुचाने जा रहा हूँ | दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है तो मैं चाहूँगा की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आये अगर आप लोगो को मेरी ये कहानी पसंद आती है | तब मैं अपनी अगली कहानी को आप लोगो की सेवा में जरुर लेकर आऊंगा | मैं अपनी कहानी शुरू करने से पहले आप लोगो को अपने बारे में कुछ बता देता हूँ | मेरी उम्र 24 साल है और मैं अभी बी कॉम फस्ट इयर में पढता हूँ | मैं दिखने में गोरा हूँ और मेरी हाईट भी ठीक ठाक है जिससे मैं दिखने स्मार्ट लगता हूँ | अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ |

ये कहानी अभी कुछ महीनो पहले की है जब मैं अपने कॉलेज में पढता था | उस टाइम मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही थी क्यूंकि में उस कॉलेज में नया था | उसके कुछ दिन बाद उस कॉलेज में मेरे कुछ दोस्त बन गए | उसके कुछ दिनों के बाद की बात है | जब मुझसे एक लड़की बात करने लगी | मैं भी उस लड़की को पसंद करता था पर मैं ये जानना चाहता था की ये मुझे अपना दोस्त समझती है या मुझसे प्यार करती है इसलिए मैंने उसके साथ एक गेम खेला | वो उस गेम में फस गयी और उसने मुझे बात ही दिया की वो मुझसे प्यार करती है | उस दिन मुझे बहुत ख़ुशी हुई की वो मुझसे प्यार करती है | दोस्तों मैं इसके आगे बताने से पहले उस लड़की के बारे में बता देता हूँ | उसका नाम सपना था | वो दिखने में गोरी है | उसकी उम्र 23 साल है और वो रहने वाली यहीं की थी | मैं आप लोगो को उसके फिगर के बारे में बात देता हूँ | उसके बूब्स ज्यादा बड़े नही थे न ही उसकी गांड ज्यादा बड़ी थी | वो ज्यादा मोटी नही है पर वो दिखने में किसी हिरोइन से कम नही लगती थी |

अब मैं उससे बाते करने लगा था | वो भी मुझसे बाते करती थी | हमारी रात को चैट भी होती थी | दोस्तों वो रात को मुझसे बात नही कर सकती थी क्यूंकि वो रात को अपनी मम्मी के साथ सोती थी | वो इसलिए मुझसे रात में चैट करती थी | हम दोनों को ऐसे ही बात करते हुए काफी दिन हो गए | अब जब हम दोनों को मौका मिलता तो हम दोनों किस भी कर लिया करते थे | मैं कभी कभी किस करने के साथ में उसके छोटे गोल बूब्स को पकड कर मसल देता | जब मैं उसके बूब्स को मसलता तो वो मेरी तरफ देख कर हँस देती | इस तरह से हम दोनों को बात करते हुए 4 -5 महीने हो गए | अब मैं उससे कभी कभी सेक्स के लिए भी कहता पर वो फिर कभी कह कर मेरी बात टाल देती थी |

उसके कुछ दिन के बाद की बात है | जब वो अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ गोवा जा रही थी | उस दिन उसने मुझसे कहा की मैं अकेले ही गोवा जा रही हूँ क्या तुम मेरे साथ चलोगे | मैंने कहा हाँ तो उसने मुझसे कहा की ठीक है कल मैं निकल रही हूँ | उसके दूसरे दिन ही मैं और सपना एक साथ गोवा के लिए निकल गए | हम दोनों गोवा कुछ ही घंटो में पहुच गए | उस दिन वो मुझे एक होटल में ले गयी और बोली तुम इसी होटल में रुकना | गोवा में मेरे भईया रहते हैं तो मैं उनके साथ रुकूंगी | मैं उस दिन तो उस होटल में रुक गया | उसके दुसरे दिन सुबह ही उसका फ़ोन आया और उसने मुझसे कहा की तुम आज मुझे बीच पर मिलो | उसने मुझे बीच का नाम बता दिया | मैं आज घुमने जा रही हूँ और घुमने के बाद मैं तुम्हे वहीं मिलती हूँ |

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मैं उस दिन उसका इंतजार कर रहा था | वो बहुत देर में आई | मैं उस पर बहुत ज्यादा ही गुस्सा था | वो मुझे देख कर जान गयी की मैं उससे गुस्सा हूँ तो वो आते ही मेरी होठो पर किस कर दिया | दोस्तों जब उसने मेरी होठो पर किस की तो मेरी गुस्सा पता नही कहाँ चली गयी | मैंने भी उसकी होठो को 2 मिनट तक चूसता रहा | मैं उसके साथ उसी बीच पर घूमते घूमते बहुत दूर निकल गया | हम कुछ देर में इतनी दूर निकल गए की कोई दिखाई नही दे रहा था | मैं उसके हाथ को अपने हाथ हाथ में पकडे हुए था | कुछ देर बाद मैं उससे बोला की कितना अच्छा लग रहा है | वो बोली हाँ बहुत अच्छा नज़ारा है | तब मैंने सपना से कहा की इस नज़ारे का फायदा उठाया जाये | वो बोली कैसे और मैंने उसकी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | मैं उसकी होठो पर अपनी होठो को रख कर उसकी होठो को चुसने लगा | वो भी मेरा साथ देती हुई मेरी होठो को चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूस रहा था और वो मेरी होठो को चूस रही थी |

मैं उसकी होठो को कुछ देर तक ऐसे ही चूसता रहा | फिर मैंने उसके एक दूध को अपने हाथ में पकड कर दबाते हुए उसकी होठो को अपनी होठो से पकड कर खीच खीच कर चूसने लगा | वो मेरी होठो को अपनी होठो से दबा रही थी | मैं उसके एक दूध को हाथ में पकड कर दबा रहा था | वो कुछ ही देर में गर्म हो गयी और मेरे सर को पकड कर अपने बूब्स पर दबाने लगी | मैं समझ गया की ये अब गर्म हो गयी है | तब मैं उसके दोनों दूधो को कुछ देर तक ऐसे ही दबाने के बाद में उसके कपडे निकाल दिए | वो अब पूरी तरह से गर्म हो गयी थी और अपनी चुदाई कराने के लिए तैयार थी | मैंने उसके कपडे निकाल दिए थे जिससे वो पूरी तरह बिना कपडे के थी | मैं उसके छोटे गोल दूधो को मुंह में रख कर जोर जोर से चूस रहा था | वो आ आ आ आ…. ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ…. ह ह ह ह ह.. उई उई…. मई मई…. हूँ हूँ हूँ…. की सिसकियाँ ले रही थी |

मैं उसके दोनों दूधो को कुछ देर तक ऐसे ही चूसता रहा और वो मेरे सर को ऐसे ही सहलाती रही | फिर मैंने उसे वहीँ पर लेटा दिया और उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घूसा कर उसकी चूत को चाटने लगा | वो अपने बूब्स के निप्पल को अपनी ऊँगली से मसलती हुई ह ह ह ह ह….. सी सी सी सी… माँ माँ माँ माँ.. आ आ आ आ आ… ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ. की मस्त आवाजे कर रही थी | मैं उसकी ये आवाजे सुनकर और जोश में आ गया और उसकी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी | जब मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी तो उसके मुंह से और जोर जोर से सेक्सी आवाजे निकलने लगी | मैं उसकी चूत में ऐसे ही कुछ देर तक अपनी ऊँगली को अन्दर बाहर करता रहा |

फिर मैंने अपने कपडे निकाल दिए जिससे मेरा 6 इंच लम्बा लंड उसके सामने आ गया | वो मेरे लंड को देखकर इतनी उतावली सी हो गयी और मेरे लंड को अपने हाथ में पकड कर मुंह में रख लिया | वो मेरे लंड को मुंह में रख कर चूसने लगी | मैं अपने लंड को ऐसे ही कुछ देर तक चुसाने के बाद में मैंने अपने लंड को उसके मुंह से निकाल लिया | मैं अपने लंड को निकालने के बाद उसकी चूत के मुंह पर रख कर उसकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया तो उसके मुंह से चीख निकल गयी | मैं उसकी चूत में अपने लंड को डाल कर धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा |

मैं उसके दोनों दूधो को पकड कर उसकी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा | वो  आ आ आ आ…. ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ…. ह ह ह ह ह.. उई उई…. मई मई…. हूँ हूँ हूँ…. की सिसकियाँ लेती हुई चुद रही थी | मैं उसकी चूत में ऐसे ही कुछ देर तक अन्दर बाहर करता रहा | फिर मैंने उसकी चूत से लंड को निकाल कर उसको घोड़ी बना कर उसकी चूत में पीछे से लंड को डाल कर जोरदार धक्को के साथ उसको चोदने लगा | मैं उसकी पतली कमर को पकड कर उसकी चूत में अपने लंड को अन्दर बाहर करते हुए चोदने लगा |

वो अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुदने लगी साथ में आ आ आ आ…. ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ…. ह ह ह ह ह.. उई उई…. मई मई…. हूँ हूँ हूँ…. की सेक्सी आवाजे कर रही थी | मैं उसकी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदता रहा | मैं उसको 15 मिनट तक जोरदार धक्को के साथ चोदने के बाद झड़ गया |

फिर मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली को डाल कर जोर जोर से हिलाने लगा जिससे उसकी चूत से पानी की धार निकल गयी | फिर मैंने उसकी होठो पर किस किया और हम दोनों ने कपडे पहन लिए | वो मेरी तरफ देख कर हँसती हुई मेरे माथे पर किस किया | फिर मैं होटल में चला आया और वो जहाँ रह रही थी वहां चली गयी |

उसके कुछ दिन बाद हम दोनों अपने घर आ गये |

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रसीली प्रज्ञा भाभी https://sexstories.one/pragya-bhabhi-ki-rasili-chooth/ Fri, 19 Nov 2021 08:53:22 +0000 https://sexstories.one/?p=3439 उसका मुरझाया हुआ लण्ड देख कर चकित रह गयी काला स्याह लण्ड मेरे पति के खड़े लण्ड से दो गुना लंबा और मोटा उसके लण्ड का टॉप भी हथौड़े के जैसा गोल मोटा ऐसा लण्ड सिर्फ आजतक विदेशी नंगी फिल्मो मैं नीग्रो का ही देखा था...

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pragya bhabhi ki rasili chooth – दोस्तो मेरा नाम कमल है मैं एक शादी शुदा आदमी हु लेकिन सेक्स मैं कम रुचि रखने वाली औरत है और फिर उसकी छतिया बहुत छोटी थी और सेक्स मैं जोश भी नही दिखा पाती थी जल्दी ही थक जाती पहली रात को ही जब मैंने अपने पाइप जैसे मोटे लण्ड से उसको चोदा तब से ही वो ख़ौफ़ मैं रहती थी.. तीन दिन तक वो सीधी नही चल पाई थी..

बुखार अलग आ गया था मैं बड़े और मांसल छातियों वाली औरत के लिए हमेशा बेकरार रहता उसने मेरे लण्ड की साइज के बारे मे अपनी माँ और भाभी को भी बताया उधर समस्या इसके बिल्कुल विपरीत थी उसकी भाभी गाव की थी मेहनतकश बदन और उसका पति कमजोर छोटे से लण्ड वाला वो जानता था कि मेरा लण्ड छोटा है इसलिए वो अक्सर उसकी पत्नी से झगड़ा करता था उसके दिमाग मे यही बात रहती थी कि ये किसी से चुदवा न ले भाभी उसका नाम प्रज्ञा था…

एक डिलीवरी के बाद उसका पति महीनों उसकी चड्डी नही खोलता और वो अपनी सभी कामुक इच्छाओ को दबा कर जीवन जी रही थी उसकी गाव की सहेलियां जब अपने पति की साइज़ का बड़ा चढ़ा के बखान करती थी तो उसका दुख और बड़ जाता मेरी सास भी अपनी बेटी की समस्या को जानती थी लेकिन क्या करती दूसरी तरफ बहु बेटे के रोज रोज के झगड़े होली के दिन की बात है प्रज्ञा का पति अपने दोस्तों के साथ होली खेलने चला गया पीछे से उसके दो दोस्त आये प्रज्ञा भाभी ने उसको ससम्मान चाय नास्ता कराया जाते जाते वो प्रज्ञा को गालो पर रंग लगा गए..

उसके बाद वो उसके पति से मिले तो मजाक मजाक मैं उसने बोल दिया कि हम तेरे घर पर होली खेल कर आये है भाभी से पूछना कहा कहा रंग लगाया है कपड़ो पर निशान दिख जाए गे इधर उन लड़कों के जाने के बाद पड़ोस की आंटी आयी प्रज्ञा को रंग लगाया तो उसने उसकी सफेद ब्रा पर अपने दोनों हाथों के निशान लगा दिए अब पति पी पा कर दोपहर को घर आया तब तक प्रज्ञा नहा चुकी थी वो नहाने बाथरूम गया वहां उसकी नज़र प्रज्ञा की सफेद ब्रा पर गयी दोनो बोबे पर लाल रंग के पंजे के निशान पास मैं पैंटी सुख रही थी वो भी चुत और गांड की तरफ पंजे के निशान वो गुस्से मैं पागल हो गया और खूब गली गलोच करने लगा..

उसको लगा ये सब काम उसके दोस्तों ने कर दिया है तभी मेरा वहा पहुचना हुआ दोनो खूब झगड़ रहे थे प्रज्ञा भी बोल पड़ी मेरी जवानी तुम्हारे तो किसी काम की नही किसी के काम आयी तो क्या हुआ मामला बहुत गर्म था जैसे तैसे ठंडा किया और समझाया कुछ दिन बाद मैं पत्नी को लेने ससुराल गया वहां एक दोस्त बहुत दिनों बाद मिल गया वो भी मेरे साथ ससुराल आ गया पत्नी और सासु जी दोनो किसी काम से बाजार निकल गए दोस्त मोहन जाट फोटोग्राफर था और जिम ट्रेनर भी लंबा पूरा गोरा हैंडसम बिल्कुल जॉन इब्राहिम जैसा दिखता था….

प्रज्ञा भाभी उस पर खूब लटकी उसके आगे पीछे घूमने लगी बात बात मैं उसको कई बार आंख मारी उसके जाने के बाद मैंने ड्रिंक करने बैठा प्रज्ञा ने मुजे किचन के पास वाले रूम मैं ही बैठने का फोर्स किया मैं समझ नही पा रहा था कि ये अचानक दीवानी क्यो हो रही है वो बहुत खुश थी मैंने ड्रिंक करना शुरू किया वो किचन मैं से मुजे देख देख मुस्कुरा रही थी मैंने उसको अपने पास बुलाया वो इठलाती बल खाती आई मेरे पूछने पर उसने बताया कि आप अपनी पत्नी से संतुष्ट नही मैं मेरे पति से तो मम्मी ने और दीदी हैम तीनो ने फैसला किया कि आप मम्मी जी और मुजे अब कभी भी मौका मिलते ही आप चोदना चाहये तो चोद सकते है घर की इज्जत घर मे ही रहे गी..

प्रज्ञा ने अपने ब्लाउस के हुक खोल कर अपनी सांवली नंगी बड़ी बड़ी छातियां मेरे सामने कर दी मैं भी उसकी बड़े बुब्ब्स को चूसने लगा प्रज्ञा बेहद उत्तेजित हो उठी वो मेरी पेंट खोलने की कोशिश करने लगी जब मैंने मेरा लण्ड निकाल कर उसके हाथ मे दिया वो उस पर अपना प्यार लुटाने लगी तभी उसके पति का फोन आया काफी देर तक नही उठाने पर मैने बोला उठाने को वो मेरे लण्ड को हाथ मे लेकर पति …इतनी देर हो गयी फोन उठाने मैं ….प्रज्ञा भाभी …अपने यार का लण्ड चूस रही हु ..पति ….नाराज़ हो …होली के दिन से ….प्रज्ञा मेरे लण्ड के टोपे को आवाज निकाल कर चाटने लगी बोली 30 मिनट बाद फोन लगाना यार से अपनी चुत चुदवा लू फिर …पति ….मजाक मत करो अरे …उसदिन …तुम्हारी ब्रा पर पंजे के निशान थे तो प्रज्ञा …..तो …क्या …तुम्हारा खड़ा नही होता तो इस मैं मेरी गलती है पति ….अरे नही …उस दिन मैं गलत था प्रज्ञा ….नही उस दिन तुम सही थे तुम्हारे दोनो दोस्तों ने मेरे बोबे चूसे भी दबाये भी और पेंटी मैं मेरी चुत मैं उंगली घुसा कर रंग लगाया था और आज के बाद मैं अपनी इच्छा से किसी से भी चुड़वाओ तुम कुछ नही बोलो गे पति ….मेरी इज्जत का क्या होगा प्रज्ञा …तुम्हारी इज्जत मेरे चुप रहने मैं ही है ….वार्ना मैं अभी मेरे पापा को फोन लगती हु तुम ईज्जत के साथ यहाँ रहना पति ….

अब इस मैं पापाजी कहा से आ गए चलो जब तक मैं ठीक नही होता हूं मैं तुम्हे कुछ नही कहुगा प्रज्ञा ….मैं आप की थी आप की ही रहूंगी लेकिन आप जानते हो आप मेरी मजबूरी समझते हो आज तक मैन ऐसा बोला क्या पति ….हा नही बोला लेकिन मैं समझता हूं प्रज्ञा .. आप को मेरी छोटी बहन आशा पति …हा हा प्रज्ञा …अपनी शादी के बाद यहाँ आयी थी तब आपने उसके निम्बू कई बार दबाये थे पति …अरे …वो ….तो प्रज्ञा …मैं भी चुप थी न समझो यार पतिदेव पति की आवाज भारी होने लगी थी आशा के नाम से प्रज्ञा …

16 साल की उफनती जवानी है जानू कुछ समझे पति ….ओ हा हा समझ गया प्रज्ञा …मजे लेना 16 साल की कुंवारी के मुजे भी मजे लेने दो आप की बीमारी ठीक हो जाये तो पक्का मंगलसूत्र की कसम पति …लेकिन ये बात हम दोनों मैं ही रखना और प्रज्ञा को पति की भी सहमति मिल गयी मैं ….वो ब्रा पर निशान प्रज्ञा …..मैंने खुद ही लगाए थे वो अपनी दोनों छातियों के बीच मैं मेरे लण्ड को मालिश करती बोली मैं .. मतलब उन लड़को से ….प्रज्ञा ….नही मेरा कोई संबंध नही है मैं …तो ये सब नाटक क्यो …प्रज्ञा …इनका बहुत छोटा है फिर एक डिलेवरी के बाद ये मुजे तेरी ढीली हो गयी बोल कर करते नही थे खड़ा इनका नही होता और रंडी मुजे बोलते हर सुंदर मर्द से मेरा नाम जोड़ते मैं भी सुनते सुनते पक गयी एक दिन दीवाली के समय इन्होंने एक लड़के को साफ सफाई के लिए पास की जुग्गी से घर भेजा वो बहुत काला लेकिन लंबा मजबूत था धूप दिन भर रोड और मकान का काम करता था पहले दिन ही उसकी कसी हुई मजबूत मांसपेशियों को मैने काम करने के दौरान महसूस किया वो एक प्रकार का नीग्रो जैसा था..

Chudayi stories दोस्त की कुंवारी बहन को पेला

बहुत ताकत थी उस मैं उसने 100 किलो का बोरा (बेग)सिर्फ एक हाथ से उठा कर ऊपर रख दिया शाम को जब वो आज का काम पूरा कर बाथरूम के बाहर हाथ मुह धो रहा था तभी मेरी नज़र उसकी धोती मैं चली गयी मैं उसका मुरझाया हुआ लण्ड देख कर चकित रह गयी काला स्याह लण्ड मेरे पति के खड़े लण्ड से दो गुना लंबा और मोटा उसके लण्ड का टॉप भी हथौड़े के जैसा गोल मोटा ऐसा लण्ड सिर्फ आजतक विदेशी नंगी फिल्मो मैं नीग्रो का ही देखा था मेरी निप्पले कल्पना मात्र से ही खड़ी हो गयी थी मेरी चुत मैसे गर्म लावा बह निकला अगले दिन मैंने ज्यादा खुले गले का ब्लाउस पहना उस समय मेरे दिमाग मे सिर्फ उसका खड़ा लण्ड देखने की इच्छा थी स्टोर रूम की ऊपर की सफाई के लिए उसको स्टूल पर ऊपर खड़ा कर मैं स्टूल पकड़ खड़ी हो गयी..

अपने ब्लाउस के ऊपर के दो बटन भी मैने खोल रखे थे साड़ी का पल्लू भी पिन से नही लगाया था पल्लू नीचे गिराया और उसको अपनी आधी खुली छातियों के दर्शन कराए वो मेरे ब्लाउस मैं झांक रहा था मैं उसकी धोती मैं काला लण्ड अब फूलने लगा था लगातार बड़ा हो रहा था काफी मोटा और बड़ा हो गया लण्ड का टॉप अजीब था उसका इतना मोटा टॉप तो फिल्मो मैं भी नही देखा था एक छोटे एप्पल की साइज़ का था मैं अपने आप को रोक नही पाई और उसकी जांघो की मांसपेशियों पर हाथ फेरने लगी मैने उसकी आँखों मे देखा शायद वो कन्फर्म ही कर रहा था उसने अपनी धोती की गठान खोल दी अजगर की भांति उसका काला मोटा लंबा लण्ड मेरी आँखों के सामने तलवार की तरह तना हुआ खड़ा था मुजे ये सब सपने की तरह लग रहा था मैने आपा खो दीया और लण्ड के टॉप पर उंगली फेर दी लण्ड जोर जोर से उछलने लगा और तन गया…

तभी मेरे सिर को उस लड़के ने पकड़ा और मेरे चेहरे पर अपना लण्ड का टॉप फेरने लगा मुजे ऐसा लगा मानो स्टील का पाइप मेरे चेहरे को छू रहा हो इतना सख्त मेरे होटो पर उसने टॉप को रखा और सिर पकड़ कर मेरे मुह मैं लण्ड फसा दिया मैं गगगगगग गुऊऊऊUऊ की आवाज निकाली लण्ड चूसने लगी वो फिर स्टूल से उतरा और दोनों हाथों से मेरी छातियां मसलने लगा मैं उसकी गुलाम हो गयी थी कब उसने मेरी साड़ी अन्य कपड़े निकाल दिए पता ही नही चला मैं अब पूरी नंगी थी उसने मुजे अपनी मजबूत बहो मैं उठाया और मैंने गिरने के डर से अपनी नंगी टांगे उसकी कमर पर लपेट दी उसका तलवार जैसा खड़ा लण्ड अपने आप जगह बनाता मेरी चुत मैं समा गया उसका बदबू दार पसीना और बीड़ी की बदबू मेरे नथुनों मैं समा गई..

लेकिन मैं पागलो की तरह उसके गाल चाट रही थी उसने मुजे ऐसे ही खड़े खड़े चुदाई का रस दीया मैं जल्दी झर गयी फिर उसने मुजे नीचे उतारा और अपने लण्ड का पानी मेरे मुह और छाती पर निकाला वो फिर जब तक काम करता रहा रोज मेरी प्यासी चुत को अपना पानी पिलाता उसके बाद मुजे अलग अलग मर्दो का स्वाद लग गया लेकिन मैं डरती थी अब तो लायसेंस मिल गया है अब पति डर गया वो जोर से हँसी और नीचे जमीन पर सो गई मैं उसकी मांसल जवानी का दीवाना उसपर चढ़ गया काफी देर तक प्रज्ञा भाभी की चुदाई करि और प्रज्ञा …जीजा जी मैं अब उसी के साथ मस्ती करू गी जिसे आप इजाजत दो गे

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प्रेमिका का पहला कदम https://sexstories.one/girlfriend-ko-dost-se-chudwaya/ Mon, 15 Nov 2021 07:39:36 +0000 https://sexstories.one/?p=4785 अंजलि की उंगलियां उसकी पैंटी की इलास्टिक में फीकी पड़ गईं। धीरे-धीरे, बहुत धीरे-धीरे, अंजलि ने लोचदार कमरबंद को नीचे खींच लिया उसकी गांड को मेरे सामने बेनकाब किया। फिर उसने उन्हें वापस ऊपर खींच लिया...

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Girlfriend ko dost se chudwaya – कुछ साल पहले, मैंने अंजलि नाम की एक प्यारी लड़की को डेट किया। वह औसत कद की थी, मध्यम लंबाई के काले बाल थे। और हालाँकि वह थोड़ी मोटी थी, फिर भी वह बहुत सुंदर लड़की बनी रही। उसकी सबसे अच्छी विशेषता उसके बड़े, ढीले स्तन थे।

अंजलि बहुत रूढ़िवादी मूल्यों के साथ पली-बढ़ी है। मुझे यकीन है कि हमारे मिलने से पहले, उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह एक दिन अजनबी के सामने अपना पूरा बदन नंगा करके दिखाएगी। हमारे रिश्ते की शुरुआत में कुछ घटनाएं हुई थीं जहां मैंने उसे खुलेआम अजनबियों को अपना शरीर दिखाया। आप जानते हैं कि लड़कियां किस तरह का हानिरहित न्यूड शो करती हैं। जब हम अपनी कार में सवार होते थे तो मैं हमेशा उसे अपने स्तन दिखाने के लिए मनाता था। यह सब बहुत रोमांचक था, लेकिन मैंने उसे कभी किसी को नहीं दिखाया था जिसे मैं व्यक्तिगत रूप से जानता था।

एक बार मैं और मेरा दोस्त जतिन अंजलि के अपार्टमेंट में टीवी देख रहे थे। अंजलि खुजली में थी। उसने हमें पुकारा, “तुम लोग कुछ पीना चाहते हो?”

“ज़रूर!” हमने जवाब दिया।

जतिन ने मजाक में कहा, “वाह! कितनी अच्छी सेवा है।”

मेरे दिमाग में विचार आया। मैं किचन में गया, जहां अंजलि हमारे लिए एक-दो ड्रिंक बना रही थी। मैं उसके पीछे आया और उसकी गर्दन को चूमने लगा। वह इसका आनंद ले रही थी और इससे पहले कि वह जानती कि क्या हो रहा है, मैंने उसकी शर्ट लगभग उतार दी थी।

“आप क्या कर रहे हो?” उसने विरोध में कहा। “जतिन यहाँ है!”

“चिंता मत करो,” मैंने कहा। “वह नहीं देख सकता!”

इसके साथ ही मैंने उसकी कमीज को उसके सिर के ऊपर से खींच लिया और पूरी तरह से उतार दिया। मैं उसे फर्श पर गिरा दिया और फिर से उसकी गर्दन को चूमने लगा.. मैंने तुरंत उसकी ब्रा खोल दी!

“वह किसी भी सेकंड में चल सकता है!” अंजलि ने विरोध किया।

“मुझे पता है कि मैं क्या कर रहा हूँ,” मैंने उसे आश्वासन दिया।

मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसे उतार दिया… उसके जबरदस्त सॉफ्ट डी-कप के स्तन बाहर आ गए। उसके काले निपल्स तुरंत सूज गए। मैं उनके साथ एक पल के लिए अपनी उंगलियों से खेला। अंजलि धीरे से कराह उठी और मैंने उसके बाएं स्तन को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसके निप्पल को अपने मुंह में भर लिया।

मैंने काउंटर पर लगे 2 गिलासों की ओर इशारा किया। अंजलि मुड़ी और उन्हें उठा लिया। उसने उन्हें मेरे पास ले जाने के लिए बढ़ाया। मैं जल्दी से उसके पीछे गया और उसे लिविंग रूम के दरवाजे की ओर धकेल दिया।

अंजलि रुक ​​गई। “आपको क्या लगता है कि आप क्या कर रहे हैं?!” उसने पूछा।

“तुम आज मेरी दासी हो और तुम सेवा करने जा रही हो हमारा,” मैंने जवाब दिया..

“नहीं!!.. मैं ऐसा नहीं हूँ!” उसने कहा और अपनी कमीज़ ढूँढ़ने लगी। जैसे ही मैंने उसे एक और धक्का दिया, वह आगे की ओर झुकी। झटके ने उसके बड़े स्तनों को झकझोर कर रख दिया। ड्रिंक्स को पकड़ते हुए उसने अपने स्तनों को अपनी बाहों से ढँक लिया।

मैंने उसका सिर अपने हाथों में लिया और उसके होठों पर एक लंबा चुंबन लगाया और उसे बताया कि कैसे जतिन ने कबूल किया था कि वह चुपके से उसके नग्न स्तन देखने की लालसा रखता है। मैंने उसे बताया कि यह मेरे लिए कितना अद्भुत दृश्य होगा। मेरी प्रेमिका मेरे दोस्त के सामने टॉपलेस है। “और इसके अलावा,” मैंने उससे कहा, “वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त है! वह किसी को नहीं बताएगा”

यह सोचकर वह निश्चल खड़ी रही। मैंने उसके कंधे पकड़े और उसे फिर से लिविंग रूम के प्रवेश द्वार की ओर घुमाया। मैंने उसे कहते सुना ‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा है’ मैं यह कर रही हूँ’।

इस बार उसे दरवाजे की ओर धकेलने में बस थोड़ा सा बल लगा..

जैसे ही हमने दरवाजा पार किया, जतिन नज़र आया। मेरी प्रेमिका को केवल एक जोड़ी शॉर्ट्स पहने हुए देखकर उसकी आँखें विस्मय और सदमे से चौड़ी हो गईं।

“अंजलि के पास तुम्हारे लिए कुछ है,” मैंने कहा। मैं जल्दी से सोफे पर बैठ गया और अपनी आधी नग्न प्रेमिका को देखा, जो हमारे सामने खड़ी थी। उसका चेहरा लाल रंग की एक प्यारी सी छटा में बदल रहा था क्योंकि वह वहाँ 2 गिलास पकड़े खड़ी थी। वह उन्हें अपने स्तनों को ढँकने के लिए पकड़ रही थी।

जतिन की पहली नज़र उसके बड़े, गुलाबी निप्पल पर पड़ी और उसने उसे ड्रिंक देने के लिए अपना हाथ बढ़ाया। अंजलि को गिलास देने के लिए आगे झुकना पड़ा जिससे उसके बड़े, गोल स्तन उसके शरीर से दूर लटक गए।

जतिन मुस्कुराया।

अंजलि का चेहरा बहुत लाल था। जैसे ही जतिन ने शराब पी, अंजलि ने अपने स्तनों पर हाथ रखा और एक हाथ से अपने अधिकांश नंगे स्तनों को ढकने में कामयाब रही और दूसरे हाथ से उसने मुझे मेरा पेय दिया।

“अब इसे मैं सेवा कहता हूँ!” जतिन ने कहा।

“तो जतिन,” मैंने कहा, “अंजलि मेरी प्रेमिका है और उसका शरीर मेरी संपत्ति है। अगर मैं इसे दिखाना चाहता हूं, तो यह मेरी कॉल है।” तर्क उस समय उचित लग रहा था। अंजलि वैसे भी इसके लिए राजी हो गई थी।

अंजलि ने मुझे मेरा ड्रिंक थमाने के बाद जल्दी से अपने दोनों हाथों से अपने बड़े स्तनों को ढँक लिया। वह जाने के लिए मुड़ी।

“रुको,” मैंने कहा। अंजलि रुक ​​गई।

“ये किसके स्तन हैं?” मैंने उसके हल्के सफेद स्तनों की ओर इशारा करते हुए पूछा।

अंजलि ने एक पल के लिए सोचा। वह बस इतना करना चाहती थी कि रसोई में वापस चली जाए और इस अपमान को समाप्त कर दे। लेकिन साथ ही, मैं कह सकता था कि वह इस सब ध्यान से आकर्षित हो रही थी।

“तुम्हारा,” उसने कहा चुपचाप। वह जतिन या मुझे छोड़कर कहीं और देख रही थी।

“और आपने टॉपलेस होकर हमें ड्रिंक क्यों परोसी?” मैंने पूछ लिया।

अंजलि ने दोनों स्तनों को ढँकने के लिए एक हाथ बढ़ाया और दूसरे हाथ से अपना चेहरा ढँक लिया। भले ही वह हमारा सामना कर रही थी, वह हमें आँखों में नहीं देख पा रही थी। शर्मिंदगी उसे मार रही थी।

“क्योंकि तुमने मुझसे कहा था,” उसने कहा।

“हां। अब अपना हाथ नीचे करो, ”मैंने कहा।

अंजलि ने अपना हाथ अपने चेहरे से हटा लिया और अपनी छाती को फिर से ढक लिया।

“क्या तुमने मुझे सुना, अंजलि? अपने हाथों को अपने स्तनों से हटाओ। उन्हें अपनी पीठ के पीछे रखो। ”

अंजलि ने एक हाथ अपनी पीठ के पीछे रखा और एक हाथ उसके स्तन पर छोड़ दिया। वह जानती थी कि आगे क्या होने वाला है।

“ये किसके स्तन हैं?” मैंने उससे फिर पूछा।

“तुम्हारा,” उसने कहा।

उसने अपनी आँखें बंद कर लीं। उसके गाल लगभग चमकीले लाल हो गए थे।

मैंने जतिन की तरफ देखा। उसकी निगाहें अंजलि के सीने पर टिकी थीं।

“अपना हाथ अपनी पीठ के पीछे रखो,” मैंने कहा
शांति से।

एक पल बीत गया। यह सच्चाई का क्षण था। वह जम गई। वह तय कर रही थी कि क्या करना है।

“आप उन्हें देखना चाहते हैं?” अंजलि ने पूछा। “यह लो!”

और इतना कहकर उसने अपना हाथ नीचे कर लिया और दोनों हाथों को अपने कूल्हों पर रख लिया। अपने जीवन में पहली बार, अंजलि एक ही समय में दो पुरुषों को खुद को दिखाते हुए नग्न थी। जतिन और मैंने अंजलि के पूरी तरह से खुले, बड़े स्तनों को देखा। उसके कंधे-लंबे काले बाल, उसके मांसल स्तन के हल्के-सफेद रंग के विपरीत थे। उसके गुलाबी निप्पल चट्टानों की तरह थे।

एक पल बीत जाने के बाद, मैंने कहा, “देखो, अब इतना बुरा नहीं था! तुझे कैसा लग रहा है?”

“आपको क्या लगता है कि मुझे कैसा लग रहा है?” उसने नकली व्यंग्य में कहा। “मैं यहाँ तुम्हारे दोस्त के सामने आधी नंगी खड़ी हूँ!”

मैंने और अधिक धक्का देने का फैसला किया।

“अपने हाथ अपने सिर के पीछे रखो ताकि जतिन तुझे पूरा देख सके,” मैंने उससे कहा।

उसने अपनी आँखें घुमाईं, और अपनी बाहें उठायीं और उन्हें अपने सिर के पीछे रख लिया। इससे उसके स्तनों को थोड़ा कसने और अधिक कामुक बनाने का प्रभाव पड़ा।

“क्या मैं अब जा सकती हूं?” उसने पूछा।

मैं कह सकता था कि वह चुपके से सब कुछ पसंद कर रही थी, लेकिन मैंने फैसला किया कि इस पल के लिए मैंने काफी मज़ा किया था और मैंने उसे जाने दिया।

जतिन और मैंने कुछ देर बात की। हमने अंजलि और उसके शरीर के बारे में बात की। हमने उसकी प्रेमिका के बारे में बात की, और कैसे उसके स्तन बहुत छोटे थे। मैंने उससे पूछा कि क्या उसकी प्रेमिका ने कभी उसकी चूत का मुंडन किया है। उन्होंने कहा कि थोड़ा किया, लेकिन केवल गर्मियों में बिकिनी पहनने के लिए।

मैंने अंजलि को वापस कमरे में बुलाया। जब वह लौटी तो मैंने देखा कि उसने अपनी टी-शर्ट वापस पहन रखी थी।

“क्या मैंने कहा था कि आप उस टीशर्ट को वापस पहन सकते हैं?” मैंने कहा।

इस बार, विरोध के रूप में केवल एक तेज आह के साथ, अंजलि शर्ट को ऊपर और उसके सिर के ऊपर खींच लिया, उसके स्तनों को फिर से हमारे सामने प्रकट किया।

“मुझे कमीज़ दे दो, क्योंकि जल्द ही तुम्हें इसकी कभी ज़रूरत नहीं पड़ेगी,” मैंने कहा।

अंजलि ने मुझे शर्ट थमा दी और इस बार, उसने अपनी जेब में हाथ डाला, खुद को ढकने की कोशिश नहीं की। मैं कह सकता था कि उसे अब और अधिक आत्मविश्वास था। मुझे संदेह था कि वह हमारी बातचीत सुन रही थी, और अब मैं जो कहने जा रहा था उसे करने के लिए कुछ और उत्सुक थी।

“जतिन को बताओ कि हमने कल रात क्या किया,” मैंने कहा।

अंजलि ने जतिन की ओर देखा और कहा, “हमने साथ में नहाया।”

“और मैंने क्या शेव किया?” मैंने पूछ लिया।

अंजलि की आंखें बड़ी हो गईं। उसने मुझे एक नज़र गोली मार दी। “आपका क्या मतलब है?” उसने पूछा।

“उसे बताओ, या उसे दिखाओ … यह और भी बेहतर होगा,” मैंने कहा।

अंजलि ने एक पल के लिए सोचा। “वह श…,”

“क्या?” जतिन ने पूछा

अंजलि ने दूर देखा। उसके चेहरे पर लाली लौट आई। “उसने मेरी चूत के बाल का शेव किया!” वह चिल्लाई।

“यहाँ आओ,” मैंने उससे कहा।

अंजलि धीरे-धीरे मेरे पास आई। वो सामने खड़ी थी मैं, सोफे और कॉफी टेबल के बीच। मैंने उसके सफेद शॉर्ट्स को खोल दिया। उसने तुरंत मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने खाली भाव से उसकी ओर देखा। उसने पीछे मुड़कर मेरी तरफ देखा और धीरे से… बहुत धीरे से, अपने हाथ नीचे कर लिए।

“ठीक है,” उसने कहा, “आप मुझे जाँघिया में देखना चाहते हैं? आगे बढ़ो!” वह अच्छी तरह जानती थी कि मेरे मन में क्या है। लेकिन उसने कुछ चेहरा बचाने की कोशिश की.. उसे क्या पता था कि अब क्या होने वाला है..

मैंने उसके शॉर्ट्स की चेन को खोलना जारी रखा और उसे फर्श पर गिरा दिया। अंजलि अब मेरे सामने केवल सफेद पैंटी पहने खड़ी थी, जिस पर थोड़ा कढ़ाई वाला गुलाबी फूल था…

“ये अच्छे हैं,” मैंने लोचदार कमरबंद को तड़कते हुए कहा, “क्या ये नए हैं?”

अंजलि ने कोई उत्तर नहीं दिया।

मैंने उसके कूल्हों को पकड़ा और उसे जतिन की ओर घुमाया, जो सोफे के दूसरे छोर पर बैठा था, जिसकी आँखें चौड़ी थीं। फिर, मैंने अंजलि का हाथ लिया और उनकी पैंटी के कमरबंद पर रख दिया और वापस बैठ गया।

“उन्हें उतारो,” मैंने कहा। “जतिन को दिखाओ कि मैंने कितना अच्छा काम किया है, तुम्हारी चूत के बाल मुंडवाए हैं और कितनी प्यारी लगती है!”

अंजलि नहीं हिली। मैंने अपने पैर कॉफी टेबल पर रख दिए, अब अंजलि मेरी टांगों के बीच में, अब वह नहीं जा सकती थी।

“कभी नहीं,” उसने कहा। “मैं आप दोनों के सामने पूर्ण नग्न नहीं होने जा रहा हूँ”

लेकिन वह नहीं हिली। हमने प्रतीक्षा की।

वह जानती थी कि अगर वह ऐसा करती है – अगर वह हमारे लिए नग्न हो जाती है तो वह इसे कभी नहीं रोक सकती। जतिन को हमेशा ठीक-ठीक पता होता था कि वह नग्न होकर कैसी दिखती है। अंजलि की उंगलियां उसकी पैंटी की इलास्टिक में फीकी पड़ गईं। धीरे-धीरे, बहुत धीरे-धीरे, अंजलि ने लोचदार कमरबंद को नीचे खींच लिया उसकी गांड को मेरे सामने बेनकाब किया। फिर उसने उन्हें वापस ऊपर खींच लिया।

“मैं ऐसा नहीं करूंगी,” उसने कहा।

मैं कुछ नहीं बोला। कुछ पल बीत गए।

अंजलि ने इस निर्णय पर व्यथित होकर, अंत में, अपनी सफेद जाँघिया को अपनी गांड के ऊपर, अपने कूल्हों के ऊपर से उतार दिया, और झुकती रही, धीरे-धीरे उन्हें नीचे खींचती रही जब तक कि वे उसके घुटनों तक नहीं पहुँच गईं।

उसके बड़े नग्न स्तन लगभग अश्लील मुद्रा में उसके शरीर से दूर लटक गए। उसने अपनी पैंटी उतार दी और उन्हें फर्श पर गिरा दिया। वह अपनी चूत को हाथों से ढँक कर खड़ी हो गई। उसकी आँखें कसकर बंद हो गईं। मैं उठा और धीरे से उसके हाथों को उसकी चूत से दूर खींच लिया।

जतिन का जबड़ा नीचे गिर गया। उसकी निगाहें हमारे सामने खड़ी मेरी नग्न प्रेमिका पर नाच रही थीं। मैंने अपनी टांगें गिरा दीं ताकि जतिन को मेरी नग्न प्रेमिका का पूरा नजारा मिल सके।

उसकी चूत वाकई साफ थी। उसके चिकने चूत के होठों के ऊपर लगभग 2 इंच चौड़ी गहरे-भूरे जघन बालों की एक छोटी सी पट्टी थी।

to be continued…

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ताऊजी की बेटी सोनम https://sexstories.one/tau-ki-badi-beti-sonam-ko-choda/ Sat, 06 Nov 2021 06:56:27 +0000 https://sexstories.one/?p=3290 मैं अपना लंड हिलाने लगा फिर उन्होंने अपनी चड्डी उतार दी। गोरी चूत और उस पर एक भी बाल नहीं था। मेरा मन कर रहा था कि उनकी चूत को खा जाऊँ, पर मैंने अपने आप को संभाला। तभी आरती ने भी अपनी चड्डी उतार दी। उसकी चूत पर हल्के बाल थे...

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Tau Ki Badi Beti Sonam ko choda मेरे पापा और ताऊ जी दो भाई हैं। ताऊ जी मुंबई में रहते थे और हम लोग गाँव में रहते थे। ताऊ जी हर साल गाँव आते थे यह घटना करीब आठ साल पहले की है, ताऊ जी की दो लड़कियाँ हैं, उस समय बड़ी वाली सोनम दीदी 22 साल की और छोटी वाली 19 साल की थीं। मैं 18 साल का था, पर मुझे सोनम दीदी बहुत अच्छी लगती थीं।

वो मुझको बच्चा समझती थीं, पर मैं उनको एक सुंदर लड़की की तरह देखता था। उनका गोरा बदन और उभरे हुए मम्मे मुझे पागल कर देते थे। हमारे बाथरूम के दरवाजे में छोटे-छोटे छेद थे, कभी-कभी मौका मिलने पर मैं सोनम दीदी को नहाते हुए देखता था। उनकी हल्के भूरे रंग के चूचुक मेरे लंड को खड़ा कर देते थे और उनकी गोरी चूत में से बाहर निकली हुई खाली दूध की चाय के रंग जैसी चूत की जीभ (क्लिट) मुझको पागल कर देती थी।

एक दिन को तो मैं भूल ही नहीं सकता, मैं सोनम दीदी और आरती (छोटी बहन) पहाड़ों में घूमने गए वहाँ एक झरना था। सबने नहाने का मन बनाया। सोनम दीदी मुझको तो बच्चा समझती थीं, इसलिए उन्होंने और आरती ने अपने कपड़े उतार दिए और केवल ब्रा और चड्डी में नहाने लगीं।

भीगे हुए चड्डी और ब्रा में उनके चूचुक और चूत की फाँकें.. सब दिख रहा था। मेरा लंड तो चड्डी में से बाहर आ गया, पर मैं पानी के अंदर था तो किसी को पता नहीं चला। थोड़ी देर मैं दोनों बाहर निकल गईं।

मैंने कहा- मैं अभी आता हूँ।

मेरा लंड बैठ नहीं रहा था, तभी सोनम दीदी ने अपने कपड़े उठाए और पेड़ों के पीछे चली गईं। मैं समझ गया कि वो कपड़े बदली करेंगी। मैं चुपचाप पेड़ के पीछे छिप गया। सोनम दीदी ने अपनी ब्रा उतार दी।

अय.. हय…गोरे गोरे बोबों पर लाल-लाल चूचुक !!

मैं अपना लंड हिलाने लगा फिर उन्होंने अपनी चड्डी उतार दी। गोरी चूत और उस पर एक भी बाल नहीं था। मेरा मन कर रहा था कि उनकी चूत को खा जाऊँ, पर मैंने अपने आप को संभाला। तभी आरती ने भी अपनी चड्डी उतार दी। उसकी चूत पर हल्के बाल थे। तभी आरती को सूसू लगी और वो साइड में करने लगी। उसकी खुली हुई चूत को देख कर मेरा पानी निकल गया।

मैंने जल्दी से कपड़े उठाए और पहन कर वहीं बैठ गया। दोनों कपड़े पहन कर आईं और हम घर चले गए।

Chudai stories बहन का देवर

मेरे पापा ने सोनम दीदी को, मुझे इंग्लिश पढ़ाने को कहा। मेरे लिए तो सोनम दीदी के पास रहना ही बड़ी बात थी। मैं रोज रात को सोनम दीदी के कमरे में चला जाता। वो रात में छोटा सा नेकर और टी-शर्ट पहन कर सोती थीं, पर अंदर ब्रा नहीं पहनती थीं। उनके निप्पलों के उभार दिखते रहते और मैं उनके बोबों को देखता रहता था। उनके बदन की खुशबू मेरी नींद उड़ा देती थी। ऐसे ही चलता रहा, पर सोनम दीदी को मुझ पर कभी-कभी शक होता था, पर वो मुझ को बच्चा ही समझती थीं।

एक दिन सोनम दीदी ने रात में फ्रॉक पहन रखी थी। उस पर आगे बटन थे। मैं रोज की तरह उनके कमरे में था। वो किताब से पढ़ा रही थीं। पढ़ाते-पढ़ाते वो सो गईं। नींद में उनकी फ्रॉक थोड़ी सी ऊपर हो गई। उन्होंने अंदर चड्डी नहीं पहनी थी और उनके गोरे-गोरे कूल्हों को देख कर मेरा लंड बेकाबू हो गया।

मैंने धीरे से उनकी फ्रॉक को और ऊपर कर दिया और उस का एक बटन भी खोल दिया। वहाँ उनकी गोल-गोल गोरे चूतड़ों के बीच में से गुलाबी चूत की लाइन दिख रही थी। मैंने धीरे से अपना लंड निकाल कर उन की गांड से लगा दिया। सोनम दीदी हल्की सी हिलीं तो मैं सोने की एक्टिंग करने लगा। वो चादर ओड़ कर सो गईं, पर मेरा लंड तो बस रुक ही नहीं रहा था।

मैं बाथरूम में गया और मुठ मारने लगा। तभी आरती आ गई और उसने सब देख लिया।

दूसरे दिन आरती ने सोनम दीदी को सब बता दिया। मैं तो शर्म से उनके पास भी नहीं गया। दो दिन बाद सोनम दीदी ने मुझे बुलाया और पढ़ने को कहा, मैं चुपचाप पढ़ने लगा। थोड़ी देर बाद दीदी ने मुझे पानी लाने को कहा। मैं पानी ला कर फिर पढ़ने लग गया।

थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा- तुम पढ़ते रहो, मैं ज़रा लेटी हूँ।

सोनम दीदी चादर ओड़ कर लेट गईं और शायद वे सो गई थीं। तभी उन का एक पांव मेरे ऊपर आ गया और उनकी चादर सरक गई। मैंने देखा वो पूरी नंगी सो रही हैं। उनकी गोरी जाँघ दिखने से मेरा लंड खड़ा हो गया था।

बस अब तो मैंने सोच लिया कि चाहे मेरी पिटाई हो जाए, पर आज सोनम दीदी को जरुर चोदूँगा। मैंने उनकी चादर को हटा दिया और उनकी चिकनी जाँघ पर हाथ फेरने लगा।

तभी सोनम दीदी ने आँखें खोल लीं और बोलीं- मैं तुमको अच्छी लगती हूँ?

मैंने कहा- हाँ !

“तो बताओ… तुमको क्या आता है !”

“कर के बताऊँ दीदी?”

“हाँ बता !”

मैंने धीरे-धीरे उनके बदन पर हाथ फेरना शुरु कर दिया और फिर उनके गोरे-गोरे बोबों को चूसने लगा। सोनम दीदी को मजा आ रहा था। उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं। उनका बदन बिल्कुल चिकना था। मैं तो पागल सा हो गया था।

उनके पूरे बदन को चाट रहा था।

फिर मैंने उनकी दोनों जाँघ को खोल दिया और उनकी गुलाबी चूत को चाटने लगा। वो तड़प रही थीं, उनकी चूत का नमकीन स्वाद मुझको आज भी याद है।

फिर सोनम दीदी ने मेरा लंड पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगीं।

‘आह’ मेरा तो पानी निकल गया।

पर सोनम दीदी ने मेरा लंड को चूसना बंद नहीं किया। मेरा लंड एक बार फिर से पूरी पावर में था। फिर वो मेरे ऊपर आ गईं और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में डाल दिया।

“ओह…अह… उनकी चूत बिल्कुल गर्म थी !”

वो ऊपर बैठ कर जोर-जोर से उचकने लगीं। मैं उनके बोबों को पकड़ कर दबाने लगा। वो और जोर से हिलने लगीं। उनकी ‘आह्ह’ निकल रही थी और फिर उनका पानी निकल गया…!

वो मेरे ऊपर ही लेट गईं। उनका पूरा बदन मेरे ऊपर था और मैं उसकी गर्मी को महसूस कर सकता था। फिर सोनम दीदी ने मेरे कान मे कहा, “अब सो जा।”

वो उठ कर बाथरूम में चली गईं और नहा कर सो गईं।

उन दिनों मैंने सोनम दीदी को 5-6 बार चोदा। उनके मुंबई वापस जाने से पहले वाली रात को भी चोदा था, पर सोनम दीदी ने गांव आना बंद कर दिया।

मैं समझ गया, वो चाहती हैं कि जो भी कुछ हुआ, उसे भूल जाओ। आज मेरी शादी हो चुकी है और सोनम दीदी की भी हो चुकी है।

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बन जा तू मेरी रंडी तेरी गांड मार लूँगा https://sexstories.one/meri-chut-aur-gand-chudai/ Mon, 01 Nov 2021 08:18:52 +0000 https://sexstories.one/?p=3216 उसके बाद उसने अपने पेंट को उतारा और चड्डी भी और अपना लंड बाहर निकाल लिया | मैं इशारा समझ गई और उसके लंड को अपने हाँथ में ले कर जीभ से चाटने लगी तो वो भी आहा ऊउंह ऊमंह आहाआ ऊम्मंह उयूंह आहाआअ ऊउम्मंह ऊउंह ऊम्नंह आह ऊम्ह करने लगा...

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hindi sex stories meri chut aur gand हैल्लो दोस्तों कैसे हैं आप सभी ? मैं उम्मीद करती हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे | मेरा नाम दिशा है और मैं जबलपुर की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 34 साल है और मैं शादीशुदा हूँ | मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है और मेरा बदन गदराया हुआ है | शादी से पहले मैं काफी पतली थी लेकिन शादी के बाद मेरा बदन गदरा गया | मैं इस साईट की बहुत बड़ी फैन हूँ और मुझे इस साईट में चुदाई की कहानियाँ पढ़ना बहुत पसंद है और ऐसा क्यूँ है ये मैं कहानी में बताउंगी | दोस्तों आज जो मैं आप लोगो के सामने अपनी कहानी पेश कर रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना है | मैं उम्मीद करती हूँ कि आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयगी और आप लोगो को मेरी कहानी पढ़ कर मजा भी आएगा | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय ना लेते हुए सीधा अपनी कहानी शुरू करती हूँ |

मेरा घर में मैं, मेरे पति और उनके चाचा रहते हैं | मेरे सास की कुछ महीने पहले ही कहानी खत्म हुई है और मेरे ससुर पिछले साल दिवाली में निपट गए | मेरी शादी को 10 साल हो चुके हैं लेकिन हमारा एक भी बच्चा नहीं है | हमारे बच्चे इसलिए नहीं है क्यूंकि मेरे पति का वीर्य नहीं बनता है और उनका इलाज डॉ. चचोंदिया से चल रहा है | जब मेरे पति से मेरी शादी हुई थी तब मैंने ये सोचा था कि वो मुझे चुदाई में काफी आराम देंगे लेकिन सुहागरात के दिन ही मेरे पूरे अरमानो में पानी फिर गया था जब उन्होंने ये कहा कि मेरा माल नहीं झड़ता | तब तो मैंने ये कह कर अपने मन को मना लिया कि चलो माल ही तो नहीं झड़ता कम से कम चुदाई तो करेगा | लेकिन जब हम चुदाई करने लगे तब वो मुझे सिर्फ 10 मिनट तक ही चोद पाया और मैं बिना संतुष्ट ही सो गई |

मेरे पति की दो बहन भी थी लेकिन उन्होंने एक बहन को घर से निकाल दिया क्यूंकि वो छिनार थी और एक काले से लड़के पटी हुई थी | वो उससे रोज चुदती भी थी लेकिन ये बात मैंने अपने पति से कभी नहीं कही क्यूंकि उसकी वो बहन मुझसे नफरत करती थी | मेरे पति की छोटी बहन अच्छी है वो भी शादीशुदा है लेकिन वो यहाँ वहां मुंह नहीं मारती मुझे छोटी वाली बहन बहुत अच्छी लगती है क्यूंकि जब भी वो घर आती है काम में मेरा हाँथ बंटा देती है | लेकिन उसकी बड़ी वाली बहन साली छिनार घर आती है तो मुझसे लडती भी है और काम भी नहीं करवाती | इसलिए हमारी कभी नहीं बनती | जहाँ मेरा ससुराल है वहां पर एक अभिलाष नाम का लड़का रहता है | वो दिखता भी अच्छा है और काफी हेंडसम है | वो मेरे पति का बहुत अच्छा दोस्त है और उसकी उम्र महज 24 साल है लेकिन वो कम ही घर आता है |

एक बार की बात है मेरे और मेरे पति के बीच झगडा हुआ और वो भी चुदाई के लिए | मैं एक औरत हूँ और मुझे भी चुदाई चाहिए लेकिन मेरा पति न तो चोदता है न ही कुछ करता है | हालांकि प्यार करता है लेकिन प्यार से बस चूत को ठंडक थोड़ी न मिलती है | उसके लिए चुदाई भी जरुरी है जो मुझे नहीं मिलती | झगडे के बाद मैं घर छोड़ कर चली गई थी | जब रात में सब सो रहे थे मैंने चुपके से अपना सामान बांधा और चली गई | उस समय मैंने सिर्फ सूट पहना हुआ था | जब मैं वहां से निकली तब रात के करीब 11 बज रहे होंगे |

वहां से मैं जैसे ही निकली एक ऑटो वाला किसी से बात कर रहा था तो मैंने उनसे कहा भैया मुझे कांचघर तक चलना है आप चल सकोगे क्या ?

तो उसने कहा मैडम मैं चल तो सकता हूँ लेकिन आपका पैसा ज्यादा लग जायेगा |

Gand chudai sex kahani दिल्लीवाली भाभी मतवाली

मैंने पूछा क्यूँ ? तो उसने कहा मैं घर जा रहा हूँ और मेरा वो रूट भी नहीं है लेकिन आप अकेले हैं इसलिए मैं बोल रहा हूँ |

मैंने मन में सोचा कि ठीक है यार पैसे ही तो लग रहे हैं कम से कम मुझे जल्दी पंहुचा तो देगा |

मैंने कहा ठीक है भैया चलेगा |

उसके बाद मैं ऑटो में बैठ गई और उसने मुझसे पूछा कि मैडम कांचघर में आपको कहाँ जाना है ?

मैंने कहा भैया आप मुझे मैं रोड में साईं पिल्लै के जिम के पास छोड़ देना |

उसने कहा ठीक है |

फिर कुछ दूर चलने के बाद उसने पूछा मैडम आप इतने रात में पूरे सामान के साथ क्यूँ जा रहे हो ?

तो मैंने कहा आप गाड़ी चलिए बस |

फिर वो चुप हो गया और चुपचाप गाड़ी चला रहा था |

उसके बाद उसने टेस्टिंग के पास गाड़ी रोका तो मैंने पूछा कि भैया यहाँ क्यूँ रोका है ?

तो उसने कहा मुझे पेशाब आई है इसलिए |

मैंने फिर कुछ नहीं कहा | टेस्टिंग रोड एक दम सूनी जगह है जहाँ लूटपाट होती रहती है | 5 मिनट के बाद वो मूत के आया और गाड़ी चालू कर रहा था तो गाड़ी चालू नहीं हो रही थी |

उसने कहा मैडम गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही है |

मैं समझ गई कि ये नाटक कर रहा है हो सकता है कि ये साला मुझे चोदने के बारे में सोच रहा है |

मैंने कहा भैया गाड़ी चालू क्यूँ नही हो रही है ?

तो उसने कहा मैडम मुझे क्या पता क्यूँ नहीं हो रही है आप चिंता मत करो मैं देखता हूँ कि क्या हुआ है |

बैठे बैठे मुझे आधे घंटे हो गए |

मैंने कहा भैया क्या प्रोब्लम है ? तो उसने कहा मैडम अब ये गाड़ी चालू नहीं होगी |

मैंने पूछा क्यूँ ? तो उसने कहा मुझे आपकी चूत चाहिए तभी गाड़ी चालू होगी |

मैंने कहा अबे मादरचोद पहले बोलना था न कि तुझे मेरी चूत चोदना है |

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वो भी समझ गया कि मैं भी चुदवाने को तैयार हूँ तो उसने कहा मैडम ये जगह अच्छी नहीं है मैं आपको सेफ जगह ले जा कर चोदुंगा |

मैंने कहा ठीक है |

फिर वो मुझे एक जगह ले कर गया वो मुझे भी नहीं पता कि कौनसी जगह थी | वहां पर उसने गाड़ी खड़ी किया और कहा मेरे पीछे आओ |

मैं उसके पीछे जाने लगी फिर एक खेत जैसी जगह थी वहां उसने मुझे बांहों में जकड़ लिया तो मैंने उससे पूछा कि यहाँ कोई मुन्हचोदी तो नहीं होगी न तो उसने कहा नहीं तू चिंता कर | इतना कहने के बाद उसने मेरे होंठ से अपने होंठ लगाया और मेरे होंठ को चूसने लगा |

मैं भी उसका साथ देते हुए उसके होंठ को चूसने लगी | कुछ देर किस करने के बाद उसने मेरे सूट के अन्दर हाँथ डाल कर मेरे दूध को ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा तो मेरे मुंह से आहा ऊउंह ऊमंह आहाआ ऊम्मंह उयूंह आहाआअ ऊउम्मंह ऊउंह ऊम्नंह आह ऊम्ह की सिस्कारियां निकलने लगी | उसके बाद उसने मेरे सूट और ब्रा दोनों को ऊपर किया और मेरे दोनों दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा तो मैं आहा ऊउंह ऊमंह आहाआ ऊम्मंह उयूंह आहाआअ ऊउम्मंह ऊउंह ऊम्नंह आह ऊम्ह करते हुए मजे लेने लगी |

उसके बाद उसने अपने पेंट को उतारा और चड्डी भी और अपना लंड बाहर निकाल लिया | मैं इशारा समझ गई और उसके लंड को अपने हाँथ में ले कर जीभ से चाटने लगी तो वो भी आहा ऊउंह ऊमंह आहाआ ऊम्मंह उयूंह आहाआअ ऊउम्मंह ऊउंह ऊम्नंह आह ऊम्ह करने लगा | उसके बाद मैंने उसके लंड को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगी तो वो आहा ऊउंह ऊमंह आहाआ ऊम्मंह उयूंह आहाआअ ऊउम्मंह ऊउंह ऊम्नंह आह ऊम्ह करते हुए मेरे मुंह को चोदने लगा | जब मैंने उसके लंड को अच्छे से चूस लिया था तब उसने मेरी सलवार को नीचे किया और पेंटी को भी और अपनी चूत से मेरी जीभ को चाटने लगा तो मैं आहा ऊउंह ऊमंह आहाआ ऊम्मंह उयूंह आहाआअ ऊउम्मंह ऊउंह ऊम्नंह आह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी | चूत चाटने के बाद उसने मुझे झुकाया और मेरी चूत में लंड डाल कर चोदने लगा तो मैं आहा ऊउंह ऊमंह आहाआ ऊम्मंह उयूंह आहाआअ ऊउम्मंह ऊउंह ऊम्नंह आह ऊम्ह करते हुए चुदाई के मजे लेने लगी | फिर उसने अपनी चुदाई की रफ़्तार बढाया और जोर जोर से शॉट लगाते हुय्हे चोदने लगा तो मैं भी आहा ऊउंह ऊमंह आहाआ ऊम्मंह उयूंह आहाआअ ऊउम्मंह ऊउंह ऊम्नंह आह ऊम्ह करते हुए अपनी गांड आगे पीछे कर के चुदवाने लगी | करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद उसने अपना माल मेरे कहने पर चूत में ही छोड़ दिया | फिर हम दोनों ने अपने आप को ठीक किया और फिर उसने मुझे मेरे घर तक छोड़ दिया |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | मैं उम्मीद करती हूँ कि आप लोगो को मेरी कहानी जरुर पसंद आई होगी |

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