Desi sex stories - Desisex - Indian Porn - Chudai kahani https://sexstories.one/tag/desi-sex-stories/ Hindipornstories.org Wed, 15 Dec 2021 07:05:14 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मामा की लड़की को घोड़ी बनाया.. https://sexstories.one/ghodi-bana-ke-choda-mama-ki-ladki-ko/ Wed, 15 Dec 2021 07:05:14 +0000 https://sexstories.one/?p=3467 उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई...

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Ghodi Bana Ke Choda Mama Ki Ladki Ko – मेरी ये कहानी कहानी ही नहीं मेरी जिदगी का वो समय था जिसे में आज तक नहीं भुला पाया। दोस्तों मेरा नाम राहुल उम्र 23 साल लम्बाई 5’11 है। में उत्तराखंड का रहने वाला हूँ। बात उस समय की है जब में 12th मे पढ़ता था। और में छुट्टियों पर अपने मामा के घर पर गया हुआ था। मेरे मामा का परिवार बहुत बड़ा है।

परिवार के सभी लोग एक साथ रहते हैं। मामा का अपना खुद का व्यापार है। मामा के व्यापार में उनका बेटा भी साथ देता है। उनके साथ मे उनका बेटा भी जाता है। घर पर मेरी मामी और उनकी दो बेटीयाँ पलक और छाया और नाना नानी रह जाते हैं। छाया की उम्र 22 साल पलक की उम्र 18 साल की है। छाया की चूचियो का साइज़ पलक की चूचियो की साइज़ से कम है। पलक का फिगर होगा 34 28 34.. बड़ी चूची पतली कमर मोटी गांड बड़ी सेक्सी लगती थी। लेकिन में दोनो को कभी ग़लत नज़र से नहीं देखता था।

एक दिन की बात है जब मामी और छाया शॉपिंग करने बाहर गये थे और पलक को कह गये कि मेरा ख़याल रखे नाना नानी नीचे के कमरे में सो रहे थे। पलक अपने काम मे लगी थी स्कूल का और में वहाँ घर पर बहुत बोर हो रहा था। तो में उठा और उपर वाले कमरे मे चला गया। और में कुछ गाने सुनने लगा तब पलक भी मेरे पीछे उपर वाले कमरे मे आ गई वो कुछ किताबे ले कर आई। और मुझसे कुछ पूछने लगी उसने लाइट कलर की सलवार कमीज़ पहन रखी थी। और दरवाज़ा बंद करके मेरे पास बेड पर बैठ गई। में उसको देखता रह गया क्या लग रही थी वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी। इतने करीब से मैने उसको पहली बार देखा था।

इतने मे वो मुझसे बोली: भैया मुझे कुछ पूछना है। मैने कहा हाँ पूछो पलक बोली मुझे इसका उत्तर नहीं मिल रहा कुछ दिखाते हुए। वो किताब को बेड पर रख कर आगे की ओर झुकी तो उसकी कुरती ढीली होने के कारण उसकी मोटी मोटी चुचियो का उभर मुझे दिखा में देखता ही रह गया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरा मन चाह रहा था की उसे पकडू और चोदू वो मुझे हिलाते हुए बोली भैया में कुछ कह रही हूँ। मैने कहा की कल में बताऊंगा आज मेरे सर मे दर्द है। तो उसने कहा लाओ में मालिश कर दूँ।

मैने मना किया तो उसने ज़बरदस्ती सर को पकड़ा और दबाने लगी। और कुछ समय के बाद मेरे दिमाग़ मे एक तरकीब आई मैने उसे कहा की तुम सामने बैठ कर पढ़ो। और में कांच की तरफ पीठ करके बैठ गया था। और मैने अपनी ज़ेब से मोबाईल निकाल कर उसमे ब्लू फिल्म चला दी। और में इस तरह बैठ गया की पीछे से शीशे मे उसको दिखे और मैने मोबाईल की अवाज बंद कर दी। मैने नोटीस किया की वो ये सब कुछ देख रही है। तभी पलक बोली भैया मोबाइल मे क्या कर रहे हो। मुझे भी दिखाओ वीडियो मैने कहा तुम अभी छोटी हो ये सिर्फ बड़े लोग ही देखते हैं।

Desi Incest Sex Kahani – माँ ने चुदवा लिया मुझसे

तभी पलक कहने लगी की मुझे दिख नहीं रहा क्या हो रहा है वीडियो मे फिर वो मेरे पास आकर बैठ गई। अब मैने मोबाईल की थोड़ी अवाज बड़ा दी और मोबाईल पर मैने गांड मारने वाला सीन चला दिया। वो कहने लगी भैया ऐसी वीडियो क्यों देखते हो। मैने कहा की मज़े के लिए तो वो कहने लगी। इसमे क्या मज़ा आता है उसमे लड़की रो रही है। दर्द से तुम्हे मज़े की सूझी है। मैने कहा नहीं पागल लड़की को भी मज़ा जब आता है तभी वो ऐसे करती है। तो पलक कहने लगी की अब अगर इसके बच्चा हो जाएगा तो। मैने कहा गांड मारने पर बच्चा नहीं होता है। वो ये सब देख कर गर्म हो चुकी थी। अब उससे रहा नहीं गया और तभी उसने मेरे पास आकर मेरे लंड को पकड़ लिया। और कहने लगी मेरी भी गांड मारो प्लीज भैया। फिर मैने उसको कहा ऐसे लंड थोड़ी ना घुस जाता है। गांड में पहले गांड को गीला करना पड़ता है। तभी पलक बोली में कर देती हूँ ना गीला बस आप तो लंड डाल दो।

फिर उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई। और उसने देखा की सब सो रहे हैं कमरे मे वो आ गई और उसने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया। और तभी मैने उसे अपनी बाँहों मे भर कर उसके लिप्स अपने लिप्स मे भरकर उसका कुर्ता उतार दिया। और अब उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर नीचे गिरा दी।

अब पलक अपने घुटनो पर बैठ कर मेरी पैंट नीचे खीँच कर मेरे लंड को पकड़ कर मुहं मे लेकर चूसने लगी। मैने उसकी ब्रा खोल दी आह दोस्तो वो मेरा पूरा लंड मुहं मे लेकर चूस रही थी। मैने उसे खड़ा किया और बेड पर लिप्स चूसते हुए उसे बेड पर लिटा दिया। और उसकी दोनो चुचियों को पकड़ लिया उसके बूब्स बहुत बड़े थे। और में उस पर चड़कर चूसने लगा और निप्पल को मुहं मे लेकर चूस रहा था। वो आह आह भैया चूसो आहै उईमाआ मज़ा आ रहा है कह रही थी। मैने थोड़ा नीचे आकर उसकी पेंटी को फाड़ दिया और दोनो पैरो को फैलाकर अब में उसकी चूत में एक उंगली डालकर आगे पीछे करने लगा और चूसने लगा वो आहैहा हा भैया चूसो प्लीज़ आहै आहै कर रही थी और मेरे मुहं मे ही झड़ गई और अब मैने उसको कहा क्या करू? तभी वो बोलने लगी चूत मे लंड मत डालना तो मैने कहा मेरा क्या होगा।

अब वो मुझसे बोली मेरी गांड मे अपना लंड डाल लो मैने कहा ठीक है मुझे लंड को चूत में लेने से डर लगता है। फिर उसको बेड से उठा कर जमीन पर लाकर के मैने उसे घोड़ी बनने को कहा। वो जल्दी से घोड़ी बन गई तभी मैने पीछे से आकर उसकी गांड के छेद को फैलाया। और उसे बहुत दर्द हुआ और मुझे भी तभी उसने कहा बेड के पास बॉक्स मे तेल है। तभी मैने तेल निकाल के कुछ अपने लंड पर लगाया और बाकी उसकी गांड के छेद पर लगा दिया था। मैने उसको गांड को फैलाने के लिए बोला उसने अपनी गांड अपने दोनो हाथो से फैला ली। तब मैने अपना 7 इंच के लंड का अगला हिस्सा उसकी गांड मे टिका कर एक हल्का सा धक्का दिया। अब लंड दो इंच अंदर गया था। वो ज़ोर से चीखी मरर गईइई मैने पीछे से उसका मुहं दबा दिया उसकी चीख दब गई थी।

फिर मैने थोडे समय रुकने के बाद जब वो शांत हो गई तब मैने पीछे से एक हाथ से उसका मुहं दबा दिया। और दूसरे हाथ उसकी चूची को भींच कर एक जोरदार झटका मारा मेरा पूरा लंड उसकी गांड मे समा गया। और उसकी गांड से थोड़ा खून निकल गया। और उसकी आँख से आँसू आ गये थे। और ऐसे ही बिना मुड़े हुए में हिला तक नहीं फिर उसने मेरा हाथ अपने हाथ से हटा कर बोली भैया चोदो अपनी बहन की गांड मारो मेरी चूत मुझे रंडी बना कर चोदो। तब में धीरे धीरे झटके मारते हुए अपनी स्पीड बड़ा दी।

दोस्तों आज मुझे जन्नत का मज़ा मिल रहा था। हर एक झटके मे अलग एहसास था। हम दोनों का दर्द से बुरा हाल हुआ उसकी गांड से अभी भी खून निकल रहा था। लेकिन मैने उसे नहीं बताया और फिर मैने अपनी स्पीड और तेज कर दी थी। क्योकि में कुछ देर के बाद में झड़ने वाला था। मैने उसकी गांड मे वीर्य निकाल दिया तभी पलक ने कहा की उसको वीर्य मुहं में लेना है। तभी मैने देर ना की और जल्दी से लंड को उसके मुहं में दिया अब वो लंड को चूस रही थी और बोली मैने पहले कभी लंड मुहं में नहीं लिया लेकिन आज मुझे लंड को चूसना अच्छा लगा।

हम दोनों उठे और साथ में बाथरूम में जाकर नहाए हमने वहाँ पर भी चुदाई की और बाहर आ गये। दोस्तों मैने छाया और पलक को एक साथ कई बार चोदा लेकिन जो मजा मुझे पलक की गांड में आया वो मुझे छाया और पलक की चूत में अभी तक नहीं आया वो दोनों इस चुदाई में हमेशा मेरा पूरा पूरा साथ देती थी। अब उन्हें बिना लंड लिये नींद नहीं आती और मेरी भी आदत हो गई। दोस्तों ये थी पलक और मेरी सच्ची कहानी थी।

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ससुराल वालों की खातिरदारी https://sexstories.one/sasural-walon-ki-khatirdari-xxx/ Tue, 26 Oct 2021 06:41:24 +0000 https://sexstories.one/?p=3171 दिब्या जल्दी से उठी और बाथरूम में घुस गई तो मैं भी दबे पाँव पाँव बाथरूम में घुस गया तो देखा कि दिब्या पेसाब कर रही थी दिब्या कि चूत से पेसाब करने कि इस तरह से आवाज निकल रही थी स्सी स्सीस्सीस्सीस्सीस्सी जैसे ही दिब्या ने मुझे देखा तो साड़ी से अपना मुह ढक लिया...

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Sasural Walon Ki Khatirdari xxx बात जनवरी २००९ कि है जब मेरी सासु जी और साली साहिबा मेरे यहाँ आई और शिर्डी साईं बाबा के दर्शन कि इच्छा जाहिर किया तो मैं और मेरी पत्नी ,सासु ,साली जी शिर्डी के लिए चल दिए ,दिब्या कि उम्र ३० साल के आसपास होगी जबकि मैं करीब ४२ साल का हु ,दिब्या बहुत ही आधुनिक खयालात कि और बहुत ही सुन्दर हल्की सा सावला रंग , गोल मटोल चेहरा ,मांसल सरीर गदराया वदन ,हमेशा ही कट बाह, बड़े गले का टाइट ब्लाउज पहनती है..

जब भी मैं ससुराल जाता हु दिब्या बहुत आव भगत करती है मेरा, एकात बार तो मेरे साथ बाइक में घूमेने भी जा चुकी है बाजार में काफी घुली मिली रहती है साली साहिबा को एक लड़का भी है करीब १८ माह का उसके कारण कई बार कार को रस्ते में रोकना पड़ा इस कारण हैम थोड़ा लेट हो गए और करीब ९ घंटे का सफ़र करने के बाद हम साम को ८ बजे शिर्डी से १८ किलोमीटर पहले एक छोटे से कसबे में एक होटल में रुक गए क्योकि शिर्डी में होटल बहुत महगे है होटल में हमें दो डबल बेड वाला रूम लिया हैम सभी ने खाना खाया और रात के ९ बजे के लगभग सोने कि तैयारी करने लगे..

एक बेड में मैं लेट गया और एक बेड ये तीनो (सासु जी और मेरी साली और पत्नी) मेरी पत्नी अपने माँ के कारण सरम के मारे मेरे साथ नहीं सोई और साली व सासु को मेरे साथ सोने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता मैंने तो कम्बल ओढ़ा और सो गया क्योकि जनवरी का महीना था और ठण्ड अच्छी पड़ रही थी |

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रात में करीब ११.३० बजे मेरी नीद खुल गई क्योकि साली का लड़का रोने लगा क्योकि तीन तीन ओरते सोई थी इस कारण जगह कि कमी पड़ती थी बालक इस कारन रोने लगा तो मेरी सासु माँ ने मेरी पत्नी से कहा कि जा सो जा उस पलंग में यहाँ जगह कम है तो मेरी पत्नी ने मन कर दिया क्योकि कि ओ बहुत गहरी नीद में थी और ओ जब नीद में होती है तो जल्दी से नहीं उठती मेरी पत्नी ने साली को बोला कि दिब्या तू जा ना क्यों परेसान कर रही है प्रज्वल {साली के लड़के का नाम प्रज्वल है}को साली ने थोड़ा ना नुकूर करने के बाद करीब ११.४५ पर मेरे बेड पर आ गई मैं तो जाग गया था पर सोने का नाटक कर रहा था |

दिब्य ने हैम दोनों के बीच में अपने लड़के को सुला दिया और अपने कम्बल के साथ लड़के के साथ सोने लगी पर मैं जान बूझकर बीच बीच में उसके लड़के को करवट लेने के बहाने उसे दबा देता तो ओ रोने लगता कई बार ऐसा करने पर तो दिब्या ने लड़के को दूसरे किनारे पर लिटा दिया और फिर मेरे तरफ तरफ घूम कर सोने लगी मैं करीब रात में १.३० पर दिब्या को अपने कम्बल में ओढ़ा लिया और धीरे से बोला कि इतना नाटक क्यों कर रही थी पहले ही मेरे पास आ कर सो जाना था तुम मेरी पत्नी हो इसमें क्या संकोच था अब दिब्या तो सोयेगी नहीं मेरे साथ फिर इतना नाटक करने कि क्या जरुरत थी |

ये सब मैं जान बूझकर दिब्या से कह रहा था जिससे दिब्या ये समझे कि मैं उसे अपनी पत्नी समझ रहा हु दिब्या ने कोई जबाब नहीं दिया और चुपचाप कम्बल के नीचे सोई रही तो मैं कुछ देर बाद दिब्या को अपनी तरफ खीच लिया और कमर में हाथ डाल कर सीने से लगा लिया और बीच बीच में दिब्या के स्तनो को दबाने लगा दिब्या ने कोई बिरोध नहीं किया पर हलके से मेरे हाथ को अपने स्तन से हटा देती थी फिर मैं वापस स्तनो को दबाने लगता और मैं किस करने लगा दिब्या के होठो कि जोरदार किस करता और बीच बीच में दिब्या कि जीभ को अपने मुह में रख कर चूसने लगता अब दिब्या भी गर्म पड़ने लगी और अपने हाथ को मेरे कमर में डाल दिया और हलके हाथ से अपनी तरफ खीच लिया मैं समझ गया कि दिब्या को चुदाने का मन पड़ गया मेरे से पर उस समय कमरे में एक हल्का सा बल्ब जल रहा था हल्का सा उजाला था कमरे में मैं चुप चाप दबे पाँव उठा और उस बल्ब को भी बंद कर दिया अब कमरे में पूरा अन्धेरा छा गया
मोबाइल में देखा तो उस समय रात के २ बज रहे थे ,मैं वापस बिस्तर में आ गया और फिर से दिब्या के स्तन को दबाने लगा | पर मैं प्यूरी तरह से अनजान बना हुआ था मेरी नजरो में दिब्या मेरी पत्नी है और ये बात दिब्या भी समझ रही थी कि जीजा जी, जीजी समझ कर ये सब कर रहे है मैं मेरे नाटक में सफल हो रहा था ,मैं दिब्या कि साड़ी को जांघो से ऊपर खिसका दिया और जांघो को सहलाने लगा और धीरे से ब्लाउज और ब्रा का हुक खोल दिया तो स्तन आजाद हो गए तो मैं स्तनो को चूसने लगा

दिब्या अब मस्त गर्म पड़ गई सम्भोग के लिए ओ मेरे लण्ड को हाथ से पकड़ लिया तो मैं दिब्या कि पेंटी को निकालने लगा तो दिब्या ने अपने हाथ से ही पेंटी को निकाल दिया अब मैं दिब्या कि चूत को सहलाने लगा मस्त चिकनी चूत थी एक भी बाल नहीं थे चूत में लगता है ओ मन बनाकर ही आई थी कि जीजा जी का लण्ड लुंगी | दिब्या के मुह से हलके हलके सी अस्स आस्स आ आ उ उउउ उउउ के आवाज आने लगी और मेरे लण्ड को बार बार दबाने लगी तो मेरा ९ इंची लण्ड तड़प उठा चूत का रस पीने के लिए ।

मैं दिब्या कि साड़ी को उतारने के लिए खीचने लगा तो दिब्या ने साडी को हाथ से से मैं समझ गया कि ये साडी नहीं उतरना चाहती है तो मैं पूरी साडी को पेट के ऊपर और पीठ के नीचे खिसका दिया और दिब्या के ऊपर लेट गया और धीरे से अपने लण्ड को दिब्या कि चूत में घुसेड़ने लगा तो दिब्या कि चूत टाइट है मैंने धीरे से दिब्या के कान में नाटक करते हुए कहा कि भब्या [ मेरी पत्नी का नाम भब्या है ] आज टाइट क्यों है तो दिब्या ने कुछ नहीं कहा और मेरे गाल पर किस लेकर जोर से चिपका लिया मैं धीरे धीरे दिब्या कि चूत में लंड घुसेड़ने लगा दिब्य कि चूत सच में टाइट थी जब पूरा लंड को घुसेड़ दिया तो दिब्या मेरे पोड में हाथ लगाकर अपनी तरफ खीचने लगी मैं समझ गया कि ये झटके चाहती है तो मैं धीरे धीरे झटके मारने लगा बिना आवाज किये क्योकि मैं सोच रहा था कि कही मेरी पत्नी व सासु कि नीद नहीं खुल जाए |

मैं मजे से झटके मारते रहा दिब्या बड़े प्यार से मेरे मुह में ओठो में गालो में किस करती रही मैं बीच बीच में दिब्या के बड़े बड़े स्तनो को दबा देता कभी स्तनो को चूसने लगता दिब्या बड़े प्यार से चुदाती रही और दिब्या धीरे धीरे ऊऊऊऊऊआआआआसीएससी आह आह ऊ ऊ आए सी सी सी कि आवाज निकलती रही मैं झटके मरता रहा करीब ८ मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद दिब्या सिथिल पड़ गई मैं समझ गया कि ये तो जहर चुकी है तो मैं जल्दी जल्दी झटके मारने लगा तो मैं भी स्खलित हो गया और ढेर सारा वीर्य दिब्या कि चूत में उड़ेल दिया

तो दिब्या जल्दी से उठी और बाथरूम में घुस गई तो मैं भी दबे पाँव पाँव बाथरूम में घुस गया तो देखा कि दिब्या पेसाब कर रही थी दिब्या कि चूत से पेसाब करने कि इस तरह से आवाज निकल रही थी स्सी स्सीस्सीस्सीस्सीस्सी जैसे ही दिब्या ने मुझे देखा तो साड़ी से अपना मुह ढक लिया और फिर पेसाब करके उठ गई तो मैं आस्चर्य भरी निगाह से दिब्या को देखने लगा और बोला कि ओह आप थी ,मैं तो सोचा कि तुम्हारी दीदी है और इतना कहने के बाद मैं दिब्या के मुह से कपड़ा हटा दिया और गाल में एक जोरदार किस किया और बोला कि बहुत मजे देती हो आप तो दिब्या कुछ नहीं बोली और मुस्कुरा कर चली गई मैं भी पेसाब किया व मोबाइल कि घड़ी कि तरफ देखा तो रात के २ बजकर ४५ मिनट हो रहे थे मैं चुपचाप जा कर अलग अलग कम्बल में सो गया दिब्या ने अपने लड़के को बीच में सुला दिया और भी सो गई ,सुबह कब हो गई पता ही नहीं चला जब मेरी पत्नी ने पाँव पकड़ कर हिलाया तो नीद खुली उस समय पर ८ बज रहे थे पत्नी ने झुझलाते हुए बोली कि सोने आये हो या दर्शन करने तो मैं उठा और बैठ गया मेरी पत्नी और सास दोनों नहा कर कम्प्लीट थी…

सासु ने दिब्या को आवाज दिया तो ओ भी उठ गई और चौक कर इधर उधर देखने लगी और कहने लगी कि मैं इस बिस्तर पर कब आई माँ , तो सासु जी ने कहा कि रात में प्रज्वल रो रहा था तब मैंने तुझे यहाँ सोने के लिए कह दिया था तो दिब्या कुछ नहीं बोली और मेरी तरफ देखते हुए हसने लगी और मेरी पत्नी कि तरफ घूम कर बोली कि दीदी आज मैं तुम्हारी जहग आ गई , तो मेरी पत्नी बोली कि चल उठ बाते नहीं बना तैयार हो जा दर्शन नहीं करना है क्या फिर मैं और दिब्या दोनों जल्दी जल्दी तैयार हो गए और ९ बजे मंदिर के लिए निकल लिए और मंदिर में जाकर लाइन में लग गए करीब १० बजे दिब्या के लड़के ने लेट्रीन कर दिया तो दिब्या ने कहा कि अब कैसे दर्शन करू इसने अशुद्ध कर दिया तो मेरी पत्नी ने कहा कि जाओ इसे बाहर से साफ़ करवा लाओ तब मैंने पूछा कि कपड़ा लाइ हो इसका दिब्या तो बोली कि नहीं तो मैं मेरी पत्नी से बोला कि जब दूसरा कपड़ा नहीं है तो क्या करेगे ऐसे ही दर्शन कर लो कोई मूर्ति थोड़े ही छू रही हो तो मेरी पत्नी ने कहा नहीं आप जाओ होटल से फिर से इसके कपडे बदलवा कर लाओ तो मैंने बोला कि बहुत समय लग जयेगा तब तक तुम क्या करोगी तो पत्नी ने कहा कि मैं कई बार आ चुकी हु मम्मी को दर्शन कराकर मैं बाहर मिल जाउगी तब मैंने बोला टीक है और इतना कहकर बाहर निकल गया दिब्या को साथ में लेकर बाहर आने के बाद मैं एक केमिस्ट कि दूकान से वियाग्रा १०० पॉवर कि एक पैकेट और कंडोम खरीद लिया और एक गोली वही केमिस्ट कि दूकान में खा लिया और फिर

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पडोसन की चूत https://sexstories.one/padosan-ki-chooth/ Fri, 22 Oct 2021 07:07:33 +0000 https://sexstories.one/?p=3099 मेरे लंड का सुपाड़ा उसके अन्दर जाते ही वो जोर से बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर में वहीं पर रूक गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा और फिर उसके होठों को चूमने लगा। तभी थोड़ी देर में विनीता जोश में आ गई और अपने चूतड़ उठाने लगी।...

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Matwali Padosan ki Chooth Chudai हैल्लो फ्रैण्ड्स मेरा नाम ऋषि है , सच कहूँ तो मुझे बहुत मजा आता है ये कहानियाँ पढ़कर और मुझे लगा कि मुझे भी अपनी स्टोरी लिखनी चाहिए। जो कहानी आपको बताने जा रहा हूँ वो सच है और दो साल पहले की है। दोस्तों मेरी उम्र 21 साल की है और हाईट 5.11 फुट है और वजन 60 किलो है। मैं मोरादाबाद का वासी हु औऱ अभी अपने कॉलेज के आखरी साल पर हु। मुझे लड़कियों की चूत चाटना और मुझसे मेरे उम्र में बड़े लड़कियों के साथ चुदाई करना बहुत पसंद है। अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ।

दोस्तों में दो साल पहले बहुत दिनों के बाद अपनी मौसी के घर गया था। तो मौसी मुझे देखकर बहुत ख़ुश हुई। मेरी मौसी के घर मौसी, मौसा कजिन ब्रदर जो मुझसे दो साल छोटा है। मेरा भाई मुझसे बहुत फ्रैंक है तो हम दोनों हर तरह की बातें शेयर कर लेते है। फिर रात को खाना खाने के बाद सोने की तैयारी होने लगी। तभी में और भाई छत पर सोने गए.. हमारी छत खुली थी।

आप तो जानते है कि गाँव में लोग बहुत घुले मिले है। फिर हुआ ये कि रात को पड़ोस वाले घर के जो मेरे मौसा जी के चाचा लगते है.. वो और उनकी वाईफ और उनकी एक बेटी भी सोने आ गए। वो लोग अपनी छत पर सो रहे थे और हम अपनी छत पर। इधर अजय (मेरा भाई) और में बातें कर रहे थे।

अजय ने मुझे बताया कि विनीता (जो पड़ोस वाले अंकल की बेटी है और छत पर ही सो रही थी) का गाँव के कई लड़कों के साथ चक्कर चल रहा है और कई बार तो में भी उसके साथ किस कर चुका हूँ लेकिन आगे मौका नहीं मिला। फिर मैंने भी कभी किसी लड़की को छुआ नहीं था तो आज मुझे थोड़ा सा अजीब लग रहा था और मजा भी बहुत आ रहा था।

फिर बातें करते करते बहुत देर हो गई और सभी लोग सो चुके थे लेकिन आज मुझे नींद कहाँ आनी थी। फिर अजय बोला में तो सो रहा हूँ तू क्या चाह रहा है। तभी मैंने कहा कि आज कुछ नहीं हो सकता.. तू अभी मत सो.. रुक देखते है अगर कुछ हो सके तो। मैंने विनीता को पहले कई बार देखा था। वो 5.5 फिट लम्बी थी। उसके बूब्स बहुत बड़े थे.. उसका साईज 32-28-34 था। रंग की बहुत गोरी थी.. उसके होंठ लाल थे.. लेकिन आज तक कभी मैंने उसके बारे में सोचा ही नहीं था। लेकिन आज उसकी बातें सुनकर एक तड़प सी उठ रही थी।

आज शायद मेरी किस्मत बहुत अच्छी थी। तभी ऊपर मच्छर काट रहे थे तो विनीता के मम्मी पापा नीचे चले गये सोने के लिये। फिर अजय बोला अब शायद कुछ हो जाय और तभी वो उठा और विनीता के पास जाकर सोने के लिए कहने लगा। फिर मुझे डर लग रहा था.. लेकिन अजय ने कहा कि कुछ नहीं होगा.. तो में भी उसके साथ चला गया।

अब हम लोग उसके साथ छत पर थे। पहले में, अजय फिर विनीता। तभी अजय ने विनीता की तरफ हाथ बड़ाया और उसे जगा लिया और फिर बूब्स पर हाथ डालने लगा। क्योंकि वो तो पहले भी कई बार सबकुछ कर चुके है तो उन्हें कोई डर ही नहीं लग रहा था। लेकिन विनीता मना कर रही थी कि नहीं अभी मेरा मूड नहीं है। फिर अजय नहीं माना तो वो मुझसे बोली जय तुम बड़े हो इसे मना करो ना प्लीज। तभी मैंने मना किया तो वो मान गया। फिर वो उठी और मेरी तरफ आकर लेट गई, अब में बीच में था।

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फिर 12 बज चुके थे। फिर मैंने अजय को इशारा करके सुला दिया और अजय भी सो गया। अब मेरा भी मन विनीता को पकड़ कर अपनी तड़प मिटाने का था। फिर वो मेरी तरफ पीठ करके लेटी थी। फिर मैंने बहुत हिम्मत करके अपना पैर उसके पैरों से टच किया और उसके पैरों के बीच रख लिया। तभी उसकी कोई हलचल ना देखकर मेरी हिम्मत और बड़ गयी।

फिर थोड़े देर बाद पैर को अच्छी तरह उसकी पैरों के बीच फंसा दिया और फिर ऐसे ही लेटा रहा। तभी कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ विनीता के गाल पर रख दिया और हल्के हल्के घुमाने लगा। फिर मेरी हिम्मत और तड़प दोनों बढ रही थी। विनीता कोई हलचल नहीं कर रही थी।

फिर मैंने हाथ को उसकी गर्दन पर लेकर धीरे से घुमाकर उसके बहुत पास आ गया। फिर धीरे धीरे मैंने हाथ उसकी छाती पर लगा दिया। फिर थोड़ी देर बाद में उसके बूब्स को सहलाने लगा और गर्दन पर अपनी सांसें छोड़ने लगा। अब मुझे लगा कि वो सो गई है। तभी मैंने उसे कमर से पकड़ा और अपनी और खींचा.. तभी वो एकदम से मेरी तरफ पलटी और बोली कि में तो इधर लेटी थी कि तुम मुझे बचा लोगे.. लेकिन तुम तो खुद ही शुरू हो गये.. प्लीज मुझे क्यों नहीं सोने देते?

फिर मैंने कहा कि तुम बहुत सो चुकी.. अब मत सोओ और फिर ये कहकर उसे कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। अब वो मेरे बिल्कुक पास थी। तभी वो बोली ये ठीक नहीं है। मैंने कहा कि मुझे सब पता है.. तुम्हारा भी मूड है फिर भी तुम क्यों इतना टाईम लगा रही हो? तभी वो हंस गयी और फिर एकदम से उसने मेरे होंठ पर किस कर लिया और फिर बोली कि रुको में अभी आई।

फिर वो उठकर नीचे गयी और 5 मिनट में आ गई। फिर मैंने पूछा कि तुम कहाँ पर गई थी? तभी बोली कि मम्मी पापा को देखने गई थी कि वो सो गये या वो भी चुदाई में व्यस्त है।

फिर वो साथ में क्रीम और तेल भी लेकर आई थी। फिर मैंने कहा कि इधर अजय है चलो उधर दूसरी तरफ चलें। फिर हम दूसरी छत पर आ गए और लेटते ही मैंने उसे पकड़ कर उसके होंठो को अपने होंठो से दबा लिया और फिर उसे चूमने लगा। फिर पांच मिनट किस करने के बाद में नीचे हुआ और उसके बूब्स को कुर्ती के ऊपर से दबाने लगा। दोस्तों ये मेरी लाईफ का पहला मौका था..

जब में किसी लड़की के इतने पास था और उसके बूब्स दबा था। तभी विनीता की भी सांसे तेज होती जा रही थी। फिर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और में उसके ऊपर था और उसके बूब्स दबा रहा था और फिर उसकी गर्दन को अपनी जीभ से चाट रहा था।

तभी में ऊपर से हटा और फिर उसे बैठाकर उसकी कुर्ती को उतार दिया.. उसने ब्रा नहीं पहनी थी। फिर जैसे ही मैंने कुर्ती उतारी उसके गोर गोर 32 के बूब्स मेरे सामने आ गए। में पागल सा होने लगा और विनीता को नीचे दबाकर उसके बूब्स पर टूट पड़ा। फिर एक हाथ से उसके सीधे बूब्स को और जोर से और फिर दूसरे बूब्स को मेरे मुहं में लेकर चूस रहा था और हल्के हल्के दबा रहा था।

फिर मेरे हर बार दबाने के साथ विनीता का जोश बढ़ता जा रहा था और फिर वो मेरे सर को पकड़कर अपने बूब्स में दबा रही थी। में भी भूखे शेर की तरह उन पर टूट पड़ा और उनको जोर से चूसने और मसलने लगा। विनीता को भी मजा आने लगा और उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी उम्म हहाहा मरी में थोड़ा धीरे चूसो प्लीज सीईईई। क्या मस्त चूचियाँ थी उसकी.. बहुत गोरी, सॉफ्ट और बहुत ही नाज़ुक में बेकाबू हो गया था।

फिर मैंने उसकी चूचियों को जी भर कर चूसा और चूसते-चूसते ही में एक हाथ से उसकी चूत पर ले गया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। फिर थोड़ा नीचे आकर उसकी चूत पर जीभ फैरने लगा तो वो पागल हो उठी। फिर में धीरे-धीरे उसकी सलवार में हाथ डाल कर पेंटी के अन्दर अपना हाथ ले गया और उसकी चूत को सहलाने लगा।

सच में विनीता की चूत बहुत ही सेक्सी और कोमल थी.. में तो बस मदहोश हो गया था। फिर में धीरे धीरे उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा और उसकी चूत के दाने को उँगलियों से धीरे धीरे मसलने लगा। तभी उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी और वो अपने पैरो को सिकोड़ने लगी थी।

तभी में समझ गया कि अब ये पूरी तरह से गरम हो चुकी है। फिर मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और फिर पेंटी के ऊपर से ही उसको चूसने लगा। तभी वो मेरे सर को जोर जोर से दबाने लगी और में भी जोश में आकर उसकी चूत को चूसने लगा। तभी में अपने आपे से बाहर हो रहा था। फिर मैंने अब मौका गंवाए बिना उसकी पेंटी को भी उतार फेंका। फिर में अपना मुँह उसकी चूत के पास लेकर गया और फिर उस पर चूम लिया। तभी उसने अपने दोनों पैर चौड़े कर दिये थे।

फिर उसकी चूत को देख कर साफ़ पता लग रहा था कि उसने अपने बाल आज ही साफ़ किये थे.. मतलब आज वो चुदाई लिए तैयार थी। फिर में उसके दाने को जीभ से चाट रहा था और जीभ को अंदर भी डाल रहा था। फिर वो बहुत गरम हो गई थी और अपनी कमर उठाकर मेरी जीभ को अंदर लेने लगी। फिर उनके हाथ मेरे सर पर थे और वो मेरे सर को दबा कर मेरा मुँह अपनी चूत के और पास ले जाने की कोशिश कर रही थी।

Padosan ki chooth स्वीटी भाभी की स्वीट चुदाई

तभी में उठा और जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और फिर में जल्दी से नीचे आया और फिर अपने दोनों पैर फैलाकर लेट गया और उसे अपने ऊपर खींच लिया। तभी वो समझ गई और मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। फिर जैसे ही उसने हिलाना शुरू किया.. में तो जन्नत का मजा महसूस करने लग। पहली बार किसी लड़की के हाथ में मेरा लंड था। फिर मैंने उसे मुहं में लेने कहा वो तुरंत मान गई। फिर धीरे-धीरे उसने लंड के टोपे को मुँह में ले ही लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। फिर कुछ 15 मिनट तक उसने मेरे लंड को चूसा होगा।

फिर वो बोली कि अब कंट्रोल नहीं होता जान अब डाल दो। में भी अब तैयार था। फिर मैंने एक तकिया उसकी कमर के नीचे लगाया और फिर उसकी जाँघें अपनी जाँघों पर चढ़ा लीं। फिर में अपने लंड को उसकी चूत पर फैरने लगा। अब उसकी चूत तन्दूर की भट्टी की तरह गरम थी। तभी उसने कहा कि उसने कभी चुदवाया नहीं है और मेरा इतना मोटा लंड उसकी चूत में कैसे जायेगा?

तभी मैंने कहा कि थोड़ा सा दर्द होगा लेकिन बाद में बहुत मज़ा भी आएगा। डर तो मुझे भी था.. क्योंकि मेरा भी पहली बार था.. पता नहीं था कि कैसे करूं? फिर मैंने अपने लंड और उसकी चूत पर क्रीम लगाई और अपना लंड धीरे से उसकी चूत में घुसाने लगा लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी।

मेरे लंड का सुपाड़ा उसके अन्दर जाते ही वो जोर से बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर में वहीं पर रूक गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा और फिर उसके होठों को चूमने लगा। तभी थोड़ी देर में विनीता जोश में आ गई और अपने चूतड़ उठाने लगी। तभी मैंने ऊपर से थोड़ा जोर लगाया, तभी मेरा लंड उसकी चूत में तीन इंच घुस गया। तभी वो जोर से चिल्लाने लगी.. तो मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये। अब मुझे महसूस हुआ की कोई चीज लंड को अंदर जाने से रोक रही है।

तभी में समझ गया की ये उसकी चूत की झिल्ली है जो अभी तक फ़टी नहीं है। फिर में बहुत खुश हो रहा था कि मुझे पहली चुदाई में बिना चुदी हुई चूत मिली है। फिर विनीता आँखें बंद किये सिसकियां भर रही थी। तभी मुझे सही मौका मिला और अचानक मैंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा 8 इंच का लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया। तभी वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी। तभी में वहीं पर रूक गया और उसकी चूत में से खून निकलने लगा था। तभी वो जोर जोर से रोने लगी। तभी मैंने उसे प्यार से समझाया कि मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चल गया है। अभी थोड़ा सा दर्द होगा.. लेकिन बाद में जो मज़ा आएगा वो तुम्हे तुम्हारा पूरा दर्द भुला देगा।

फिर मैंने उसके लाख कहने पर भी अपना लंड उसकी चूत से बाहर नहीं निकाला। फिर पाँच मिनट तक में सिर्फ़ उसके बूब्स को चूसता रहा और उसके पूरे शरीर पर हाथ फैरता रहा। तभी धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ और फिर उसे जोश आने लगा और वो मुझसे चिपक गई और अपने चूतड़ उठाने लगी। उसकी चूत मेरे लंड को कभी जकड़ती और कभी ढीला छोड़ती। फिर में इशारा समझ गया और मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।

तभी थोड़ी देर में उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी हिल हिल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी। फिर करीब 15 मिनट तक में उसे बिना रुके चोदता रहा और इतनी देर में उसकी चूत गीली हो गई और उसका दर्द कम हो गया और वो बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी। फिर वो भी नीचे से गांड हिला कर मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी अह्ह्ह ईईइ जोर से तेज और तेज करो.. मुझे चोदते रहो जोर से और जोर से चोदो मुझे मीईईइ।

Chooth chudai बीवी और डोली भाभी

तभी मैंने लंड को चूत से बाहर निकाल कर फिर से मैंने उसके दोनों पैरो को अपने कंधे पर रखकर अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया और तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए। फिर उसकी चूत से खून आ रहा था लेकिन अब दर्द नहीं था। तभी वो एकदम से अकड़ने लगी और मेरी पीठ और कन्धों पर नाख़ून चुभाने लगी और फिर एकदम से मुझसे लिपट गई और झड़ गई। लेकिन में तो अभी भी जोश में था। तभी विनीता बोली कि रुको मत.. पता नहीं कब मौका मिले। फ़िर उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े लेकिन में रुका नहीं। फिर में अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा और कुछ देर बाद उसे फिर मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।

तभी वो अपनी कमर को मेरे साथ साथ आगे पीछे करने लगी। चूँकि वो अभी अभी झड़ी थी इसलिए दोबारा इतनी जल्दी झड़ना मुमकिन नहीं था। इसलिया मज़ा और ज़्यादा आने लगा। ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो फिर झड़ गयी। उसकी गरम चूत गीली हो गई और वो शांत पड़ गई। लेकिन में रुका नहीं और फिर में उसे चोदता रहा। तभी उसने मुझे अब रुकने को कहा.. लेकिन में रुका नहीं और अपना काम करता रहा। फिर लगभग 5 मिनट के बाद में झड़ने लगा तो मैंने पूछा कि बाहर निकाल दूँ.. तो वो बोली कि मेरा पहला मौका है में मजा लेना चाहती हूँ अंदर ही डाल दो। तभी मैंने जल्दी जल्दी झटके मारे और फिर थोड़ी देर में अपना सारा वीर्य विनीता की चूत में निकाल दिया।

दोस्तों क्या बताऊँ जिस टाईम में झड़ रहा था तो ऐसा लगा कि में सातवें असमान में उड़ रहा हूँ ऐसा मजा मुझे आज तक नहीं मिला था। पहली बार था तो बहुत गाड़ा और बहुत ज्यादा वीर्य निकला था। तभी विनीता बोली कि तुम्हारे गर्म वीर्य को में अपनी चूत में साफ साफ महसूस कर रही हूँ। तभी मैंने पूछा कि तुम्हे मजा आया ना? फिर बोली कि अभी पूरी रात है तुम तो बिना रुके मजा रहो। फिर उस रात हमने 3 बार और सेक्स किया और फिर हम दोनों वापस से अपनी जगह पर आकर सो गये। फिर में सुबह उठकर अपने घर चला आया। फिर मुझे उसे चोदने का कभी दुबारा मौका नहीं मिला।

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दोस्त और उसकी बीवी के साथ ग्रुप सेक्स https://sexstories.one/dost-ke-biwi-ki-saath-groupsex/ Tue, 12 Oct 2021 08:01:29 +0000 https://sexstories.one/?p=2979 मैं रानी के स्तनों को अपने मुंह में ले रहा था और मेरा  दोस्त अब भी मेरी पत्नी को चोदने मे लगा हुआ था। मैंने उससे पूछा तुम्हारा अभी नहीं हुआ है वह कहने लगा नही यार मुझे बहुत मजा आ रहा है तेरी बीवी को चोदने में मैंने उसे कहा आज के बाद ऐसे ही चोदना। मैंने तुरंत रानी के मुंह में अपने लंड को दे दिया और वह मेरे लंड को चूसने लगी।

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antarvasna, groupsex stories हम लोगों का कपड़े का कारोबार है। मेरी दुकान बहुत ही अच्छी चलती है। मेरी पत्नी मेरी दुकान में काफी सहायता कर देती है। जब मैं दुकान पर नहीं होता हूं तो, वही दुकान का सारा काम संभालती है। मेरा नाम अजय है और मेरी पत्नी का नाम शालिनी है। जब से उसने दुकान में मेरा हाथ बटाना शुरू किया है तब से मेरा काम काफी अच्छे से चलने लगा है। जितनी भी लेडीस कस्टमर आती हैं उन सब को वहीं संभालती है। ताकी हमारे यहां जो भी लेडीस कस्टमर आये उन्हें  कोई समस्या न हो और वह उसके पास ही सारा सामान लेते हैं।

अब  कुछ समय बाद सर्दियां पढ़ने वाली है। तो हमने सोचा कि क्यों ना लुधियाना से ही सामान ले आए। वहां सर्दी का सामान काफी अच्छे और सस्ते दामों पर मिलता है। हम लोगों ने लुधियाना जाने का प्लान कर लिया। कुछ दिनों में मेरे एक दोस्त का फोन आया। उसकी भी कपड़ों की दुकान है। वह मुझे कहने लगा कि मैं भी सोच रहा था कि लुधियाना जाकर कुछ कपड़े ले आऊं। तो मैंने उससे कहा कि मैं और मेरी पत्नी भी वहां जा रहे हैं, तो तुम भी अपनी पत्नी को साथ में ले आओ। वह कहने लगा ठीक है। मैं भी अपनी पत्नी को अपने साथ ले आता हूं। कुछ दिन हम लोग वहां पर घूम भी लेंगे और अपना सामान भी ले आएंगे। मैंने उसे कहा ठीक है। इस तरीके का प्रोग्राम बना लेते हैं और  कुछ दिनों बाद  हम लोग लुधियाना के लिए  निकल पड़ेंगे।

मैंने अपने दुकान का जितना भी हिसाब किताब और जो भी लेनदेन बाकी था वह सब क्लियर करने के बाद अपने दोस्त को दोबारा से फोन किया। मेरे दोस्त का नाम सुमित है और उसकी दुकान भी बहुत अच्छी चलती है। जब भी मेरे पास कुछ सामान नहीं होता तो मैं उससे ही वह सामान मंगा लेता हूं। जब मैंने अपने दोस्त को फोन किया तो मैंने उसे बताया कि मेरा सारा काम हो चुका है। अगले हफ्ते हम लोग जाने का प्लान कर लेते हैं। दोस्त ने कहा ठीक है मैं भी तब तक 1 हफ्ते में अपना काम निपटा लेता हूं। उसके बाद हम लोग चल पड़ेंगे। मैंने उससे पूछा कि मैं टिकट करवाऊं या तुम ही टिकट करवा लोगे। तो उसने बोला कि तुम टिकट करवा लो। उसके बाद जितना भी पैसा होगा वह हम आपस में देख लेंगे। मैंने कहा ठीक है मैं टिकट करवा देता हूं अब मैंने ट्रेन की टिकट करवा ली और हमारा जाने का फाइनल हो गया।

Desi Groupsex तुम रोशनी को अपना लो

जब हम स्टेशन पहुंचे तो सुमित भी वहां अपनी पत्नी के साथ खड़ा था। सुमित ने अपनी पत्नी से हमें मिलाया। मैं उसकी पत्नी से पहली बार ही मिला था। क्योंकि उसके घर पर मेरा आना जाना इतना नहीं था। उसने अपनी पत्नी नाम बताया। उसकी पत्नी का नाम रानी था। अब हम लोग ट्रेन में बैठ गए और अगले दिन लुधियाना पहुंच गए। हमने उस दिन तो आराम किया। क्योंकि हम लोग काफी थक चुके थे। अब हम शाम को मार्केट निकल गए और जो हमारी पहचान के कपड़ो की दुकाने थी उन सब से हमने अपना सामान पैक करवा लिया। हम लोगों ने अपना सारा सामान ट्रांसपोर्ट से ही भिजवा दिया था। हम लोग घूमने के प्लान से भी आए थे तो हम लोग लुधियाना ही घूमने लगे। आसपास की जितने भी घूमने की जगह थी वहां पर भी हम काफी घूमे। मैंने सुमित से कहा कि एक काम करते हैं, आज रात को डिनर पर कहीं अच्छी जगह चलते हैं।

अब हम लोग एक अच्छे से रेस्टोरेंट में चले गए। वहां हम लोगों ने काफी अच्छे से बात किया। हम सब बहुत हंसी मजाक कर रहे थे।मेरी पत्नी का नेचर भी बहुत ज्यादा फ्रैंक है और उसकी पत्नी का भी नेचर फ्रेंक था। दोनो का नेचर बहुत अच्छा था। उन दोनों की आपस में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब हम लोग काफी इंजॉय कर रहे थे। क्योंकि बहुत समय बाद ऐसा हुआ था कि मुझे कहीं बाहर जाने का समय मिल पाया था। नहीं तो मैं सिर्फ अपनी  दुकान में ही रहता था। मैंने सुमित से कहा यार बहुत अच्छा लग रहा है। काफी समय बाद ऐसा माहौल बना है। वह भी बहुत खुश था कि इतने समय बाद वह भी कहीं घूमने के लिए गया था। अब हम लोग वापस होटल चले गए। हम चारों ने बहुत ही एंजॉय किया।

हम दोनों ने रास्ते में बात कर ली थी कि हम दोनों एक दूसरे की बीवी को आज चोदेंगे। यह बात हमारी पत्नियों पता नहीं थी और जैसे हम होटल में पहुंचे तो हम दोनों एक दूसरे के कमरे में चले गए। मेरा दोस्त मेरी पत्नी के कमरे में चला गया और मैं उसके कमरे में चला गया। हमारी पत्नियां हमें देख कर बहुत ज्यादा शॉक्ड हो गई हम दोनों उनके सामने नंगे थे। मेरी पत्नी शालिनी मुझे कहने लगी तुम दूसरे कमरे में क्या कर रहे हो। मैंने उसे पकड़कर किस कर लिया और मेरे दोस्त ने भी अपनी पत्नी को किस कर लिया। हम दोनों उन्हें वही बिस्तर पर लेटा कर किस करने लगे।

मैंने अपने  लंड को अपने दोस्त की बीवी के मुंह में घुसेड़ दिया और मेरे दोस्त ने शालिनी के मुंह में अपना लंड डाल दिया। अब वह दोनों हमारे लंड को अच्छे से चूसने लगी और हम दोनों बड़ी तेज आवाज में चिल्ला रहे थे। मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था जब उसकी बीवी मेरे लंड को अच्छे से चूस रही थी। हमने ऐसे ही अब उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया मैंने रानी की चूत को चाटना शुरु किया और उसने मेरी पत्नी शालिनी की चूत को चाटना शुरू किया। वह दोनों बहुत ही ज्यादा मस्त हो गई थी और बड़ी तेज सिसकियां लेने लगी। हम दोनों भी ऐसे काफी देर तक उन्हें चाटते रहे।

अब मैंने थोड़ी देर अपनी पत्नी की भी योनि में चाटना शुरु किया और अपनी पत्नी शालिनी की चूत में अपना लंड डाल दिया। थोड़ी देर तक तो मैं उसे ही चोदता रहा लेकिन अब मैंने रानी की चूत मे अपना लंड डाल दिया और मेरे दोस्त ने मेरी पत्नी शालिनी की चूत मे अपना लंड डाल दिया। हम दोनों ने उन दोनों को ऐसा चोदा कि वह बड़ी तेजी से चिल्ला रही थी। उनकी तेज आवाज पूरे होटल में गूंजने लगी लेकिन हम दोनों रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। जिस पोज में मैं उसकी पत्नी को चोद रहा था वह भी उसी पोज में मेरी पत्नी को चोद रहा था। मेरा वीर्य तो जल्दी ही गिर गया लेकिन मेरे दोस्त क अभी भी नहीं गिरा था और शालिनी बड़ी तेजी से चिल्लाए जा रही थी।

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मैं रानी के स्तनों को अपने मुंह में ले रहा था और मेरा  दोस्त अब भी मेरी पत्नी को चोदने मे लगा हुआ था। मैंने उससे पूछा तुम्हारा अभी नहीं हुआ है वह कहने लगा नही यार मुझे बहुत मजा आ रहा है तेरी बीवी को चोदने में मैंने उसे कहा आज के बाद ऐसे ही चोदना। मैंने तुरंत रानी के मुंह में अपने लंड को दे दिया और वह मेरे लंड को चूसने लगी।

मेरा लंड खड़ा हो गया जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ तो मैंने उसे वही बिस्तर पर लेटा दिया और उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए उसकी चूत मे अपना लंड डाल दिया। जैसे ही मैंने अपने लंड को दोबारा से उसकी योनि में डाला तो वह बड़ी तेजी से चिल्लाने लगी और मैं उसकी चूतडो को पकड़ते हुए ऐसे ही बड़ी तीव्र गति से झटके मारता जाता। जिससे कि उसका पूरा शरीर हिल रहा था और उसकी चूतडे बड़ी तेजी से मेरे आगे आ रही थी और मैं ऐसे ही उसे धक्के देकर शांत कर देता। अब मेरे दोस्त ने भी शालिनी के मुंह में अपना वीर्य गिरा दिया था और उसने वीर्य निगल लिया था।

उसने भी मेरी पत्नी को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया और वह बड़ी तेजी से उसे धक्के देते जा रहा था। वह तो इतनी तेजी से झटके मार रहा था कि मुझे ऐसा लग रहा था कि कहीं वह बेहोश ना हो जाए। मैंने भी रानी को बड़ी तीव्र गति से धक्के देना शुरू किया और उसके चूतड़ों से फच फच की आवाज आने लगी। जैसे ही मैं उसे चोदता तो मेरा दोस्त शालिनी को बड़े गंदे तरीके से चोद रहा था। उसका पूरा शरीर हिल रहा था जो कि मुझे साफ दिखाई दे रहा था उसके स्तन बहुत ही बड़े थे। इस बार मेरे दोस्त का वीर्य जल्दी से गिर गया लेकिन मेरा वीर्य अब भी नहीं गिरा था और मैं ऐसे ही उसे चोदता जा रहा था 5 मिनट के बाद मेरा वीर्य गिरने को हो गया।

मैंने वह रानी के मुंह के अंदर ही डाल दिया। अब हम चारों ऐसे ही बैठ कर बातें करने लगे हम चारों यह बात कर रहे थे।

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अजनबी लड़के ने टाँगें उठा कर चोदा https://sexstories.one/ladko-ne-ki-meri-samuhik-chudai/ Sun, 04 Oct 2020 21:06:39 +0000 https://sexstories.one/?p=260 हैलो दोस्तो मेरा नाम नरगिस बानों है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ.. मुझे हिंदी सेक्स स्टोरीज (Hindi sex stories, Sex stories in Hindi, Hindi sex kahani, Hindi sex kahaniyaan) और सामूहिक चुदाई (Samuhik ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैलो दोस्तो मेरा नाम नरगिस बानों है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ.. मुझे हिंदी सेक्स स्टोरीज (Hindi sex stories, Sex stories in Hindi, Hindi sex kahani, Hindi sex kahaniyaan) और सामूहिक चुदाई (Samuhik Chudai) कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। मैं अपनी कॉलोनी का सबसे हॉट और सेक्सी माल हूँ आज मैं आपके सामने अपनी चुत चुदाई की सच्ची कहानी प्रस्तुत कर रही हूं यह मेरी पहली कहानी है जो एकदम सच्ची घटना है बात तब की है जब मैं 12 क्लास का एग्ज़ाम दे रही थीं वैसे तो मैं सिर्फ 17 साल की लड़की थीं पर मेरा शरीर किसी 22 साल की औरत जेसा था मेरे मम्मे बड़े और चुतड़ गोल मटोल थे और जब मै स्कूल जाती थीं तो बहुत से लोग मुझे घुरते और मुझ पर लाईन मारते मुझे भी अच्छा लगता और मैं भी खुब गांड मटकाती हुईं चलने लगती।

उस दिन मैं अपने घर पर गणित की परीक्षा की तैयारी कर रही थी कि मेरे गांव से फ़ोन आया कि मेरी दादी का ऐक्सीडेंट हो गया है और वो हॉस्पिटल में है तो मेरे माता पिता और मेरा भाई तो गांव के लिए रवाना हो गये पर मेरा ऐग्जाम होने के कारण मैं अपने घर पर अकेली ही थी तो मुझे भी कुछ मस्ती करने का मौका मिल गया और मेने अपनी सहेली माया को अपने घर पर बुला लिया। माया थोड़ी बिंदास और आवारा टाईप की लड़की है जो कि किसी को भी पटा कर अपना काम करवा लिया करती है ।

उस शाम हम दोनों बाजार घूमने के लिए रवाना हो गई भीड़-भाड़ वाले इलाके के बिच एक लड़के ने मेरा मम्मा दबा दिया मै एकदम चौंक गई पर भीड़-भाड़ में किसी को भी कुछपता नही चला अक्सर लोग भीड़-भाड़ का मौका देखकर कभी मम्मे तो कोई चुतड़ छू लेते है तो मुझे भी कुछ ज्यादा बुरा न लगा और मैं फ़िर से सामान खरीदने में लग गई पर इस बार वो मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए पास से निकल गया पर मुझे कोई आपत्ति नहीं करते देख उसकी हिम्मत बढ़ गई और वो मेरे शरीर से चिपक कर खड़ा हो गया और मेरी टाँगों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया मै घबरा गई और माया को बताया की कैसे वह लडक़ा मुझें छेड़ रहा है तो उसने उसको ड़ाटने के बजाय एक स्माईल दे दी और लगे रहो और मज़े करो कहतीं हुईं दूर हट गई इससे उसकी हिम्मत ज्यादा बढ़ गई और वो अपना हाथ मेरी कुर्ती में डालकर मेरा पेट सहलाने लगा मेरे तो पूरे बदन में आग लग गई मुझे भी कुछ मस्ती चढ़ने लगीं और मैंने उसका लौड़ा पेंट के ऊपर से ही पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी ये सब देख मेरी सहेली ने हमें टोका सारी मस्ती यहीं करोगी क्या ? मैंने उसे खुद से अलग किया और अपनी सहेली को साथ लेकर उस लड़के के साथ अपने घर पर आ गई ।

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फिल्म देखते हुए भी वो मेरे शरीर से खेल रहा था और मेरा भी मस्ती करने का मूड बन गया यह देख माया दूसरे कमरे में चली गई और उसके जाते हीं उस लड़के ने मेरे शरीर पर चूमना शूरू कर दिया मेरा कोई अंग ऐसा नहीं था जिस पर उसने किस न किया हो मुझे तोअब सही गलत का हौश ही नहीं था बस चुदाई की खुमारी चढ़ी थी तो मैंने भी अपनी कुर्ती उतार कर फेंक दी और उसका साथ देने लगी उसने मेरी लेगी भी उतार दी मै सिर्फ काली ब्रा और गुलाबी पेंटी में थी जिसमें में किसी से भी कम न लग रही थीं उसने अपनी पेंट की जिप खोलीं और अपना 8 इंच का लौड़ा मेरे मुहँ के आगे कर दिया मेरी तो आँखे फटी की फटी रह गई बाप रे बाप इतना बड़ा ये इन्सान हैं या घोड़ा । उसके लण्ड पे चमडी चढ़ी हूई थी मेने अपने हाथों से उसकी लौडे की चमडी हटायी और उसे मुह में लेकर चूसना शुरू कर दिया मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जैसे कि आज मुझे अपनी फेवरिट कुल्फ़ी मिल गई है मै मजे ले लेकर चूस रही थी और वो भी मेरा मुख चोदन कर रहा था जैसे कि वो मेरी चुत हो और मुझे अपने गले तक उसका लौड़ा महसूस हो रहा था कि अचानक उसके मुँह से एक आह निकली और वो मेरे मुँह में ही झड़ गया और मेरा मुँह अपने माल से भर दिया उसका माल बहुत टेस्टी था तो मैं भी पुरा पी गई और चाट चाट कर उसका लौड़ा भी साफ़ कर दिया ।

उसने अपने पूरे कपड़े उतार दिये और मेरी ब्रा भी उतार दी अब मेरे शरीर पर सिर्फ पेंटी बाकी थी उसने अपने दोनों हाथों से मेरे मम्मे सहलाने शूरू कर दिये वो बारी बारी से मेरे दोनों मम्मो को चूसने लगा मेरे चुचे कड़क होकर खड़े हो गये उसने मेरी चुचियाँ पकड़ कर मसलने लगा और मैं मस्त होकर सिस्कारीयाँ भरने लगी मेरी पेंटी गीली हो गई थी उसने मेरी पेंटी को भी नीचे खींच लिया और मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया उसका लौड़ा फिर से खड़ा होकर सलामी दे रहा था उसने मुझे उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और मेरी टाँगे चौड़ी कर दी फिर अपना मुँह मेरी चुत से लगाकर मेरी चुत का रसपान करने लगा उसकी जुबान मेरी चुत में खलबली मचा रही थी और मेरी चुत में गुदगुदी हो रही थी मुझे आज तक इतना मज़ा कभी नहीं आया था मैं उसका मुँह अपनी चुत पर दबा रही थी अचानक मेरा शरीर ऐठने लगा और मेरी चुत से रसधार छुट गई और उसने सारा चुतरस पी लिया ।

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उसने मेरी टाँगे उठा कर अपने कन्धों पर रख दी और अपना लौड़ा मेरी चुत पर टिका दिया मेने भी अपनी टाँगे पूरी चौड़ी कर दी और उसे चोदने का इशारा किया उसने मेरी चुत पर अपना लौड़ा दबाना शुरू किया मुझे अपनी चुत पर उसके लौड़े का दबाव महसूस हो रहा था तभी उसने एक जोरदार झटका लगाया और उसका लौड़ा मेरी चुत फाड़ता हूआ अन्दर घुस गया मेरी छुट्टी फट गई और मेरी चुत से खुन निकलने लगा मै घबरा गई और दर्द से चिल्लाते हुए खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर उसने मुझे अपनी औरों खींच लिया और मुझे अपनी बाँहो में भर लिया और मुझे कस के पकड़ लिया ताकि मैं छुट न सकूं आखिरकार मेने हार मान लि और उसने मुझे होठों पर किस करना शूरू कर दिया और धीरे-धीरे मेरा दर्द भी कुछ कम हो गया और मुझे भी अच्छा लगने लगा और मैं भी गांड उठा उठाकर उसका साथ देने लगी तो उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से शॉट लगाने लगा हर एक शॉट में उसका लौड़ा मेरी पूरी चुत में गहराई तक उतर जाता और मैं भी टाँगे ऊंची उठा कर अपनी चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थीं पूरा कमरे में मेरी सिसकियाँ गूँज रही थीं मेरे मुँह से आ आह आईई आईईसी ऊऊई माँ अरे मर गई रे फाड़ ड़ाली मेरी माँ चोद ड़ाली मेरी रे आह आआह आआऊऊईई ।

तो वो और भी जोश के साथ मेरी चुदाई करने लगा और मुझे गालियां देने लगा “ ले भेंन की लौड़ी । ले मेरा लौड़ा ले । मादरचोद साली आज तेरी चुत फाड़ दूँगा साली रन्डी बहुत गर्मी है तेरी चुत में साली आज सारी गर्मी निकाल दूँगा तेरी चुत का आज तो भौसड़ा बना दूँगा रांड । मुझे भी चुदते हुये गालियां देने से मज़ा आ रहा था मैंने भी चोद साले भड़वे बना दे मेरी चुत का भौसड़ा बना साले हरामी मादरचोद उसे गालियां बकने लगी उसने मेरी गांड पर चपत लगाई और मुझे गालियां देते हुए हचक के चोदने लगा मैं उसके लौड़े के आगे ज्यादा देर टिक नहीं पाई और मेरी चुत पानी छोड़ने लगी और मैं झड़ गई पर वो अभी भी टिका हुआ था और मेरी चुत की गहराई तक चुदाई कर रहा था अचानक उसने अपना लौड़ा मेरी चुत से बाहर निकाल लिया और मुझे घुमाकर कुतिया बना दिया और अब वो मेरी चुत में पीछे से घमासान चुदाई करने लगा।

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मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था वेसे भी डॉगी स्टाइल में चुदाई में मुझे बहुत मज़ा आता है वो मेरी चुत पर झटके पे झटके लगा रहा था और हर झटके के साथ मेरा मज़ा दुगुना हो जाता मेरी इतनी जोरदार तरीके से चुदाई हो रही थी की मेरा पूरा पलंग हिलने लगा था । आज तो पलंग तोड़ चुदाई का मेरी इच्छा पूरी हो गयी थी और मेरा पूरा शरीर फ़िर ऐठने लगा और वो भी अपने पूरे चरम पर था अचानक उसके झटकों की स्पीड़ बढ़ गई उसका भी बदन ऐठ्ने लगा शायद वो भी झड़ने वाला था और कुछ जोरदार झटकों के बाद हम दोनों साथ में झड़ गये । उसने अपना लौड़ा मेरी चुत से बाहर निकाल लिया और मेरे पास चिपक कर लेट गया । मैं उठकर बाथरूम गई और अपने शरीर को साफ़ किया । मेरे पूरे शरीर पर काटने के निशान मेरी जबरदस्त चुदाई की गवाही दे रहे थे मेरी चुत फट गई थी । मैं फिर कमरे में जाकर उसके पास बिस्तर पर लेट गई थकान के कारण मुझे जल्दी ही नींद आ गई और मैं सो गयी ।

रात को जब मेरी नींद खुली तो वो लडक़ा कमरे में नहीं था मुझे लगा वो चला गया है तो मैं वापस सोने लगी तभी मुझे पड़ोस के कमरे जिसमे मेरी सहेली माया सो रही थीं से कुछ आवाज़ सुनाई दी मैंने ध्यान से सुना तो वो आवाज़ मेरी सहेली की सिसकियाँ गूँज रही थीं उस कमरे में कोई मेरी सहेली की जबरदस्त चुदाई कर रहा है तो मैं चुपचाप उठी और उस कमरे के पास जाकर उसमें झाँक कर देखा तो मेरी आँखे फटी रह गयीं वो लडक़ा लेटा हूआ था और मेरी सहेली उस के ऊपर चढ़ कर कूद कूद कर अपनी चुत चुदवा रही थीं ।

मैं भी कमरे में चली गई और उनसे पूछा कि क्या हो रहा है तो वो थोड़े घबरा गये पर मैं मुस्करा दी और उनका साथ देने लगी वो भी फिर अपने चुदाई प्रोग्राम में लग गये मेरी सहेली उसके ऊपर कूद कूद कर अपनी चुत चुदवा रही थी और मैं उसके रसीले होंठों का रस पी रही थीं उसके मम्मे दबा रही थीं इस तरह उसका मज़ा डबल हो गया और वो मज़े से चिल्लाते हुए चुदवाने लगी तभी उस लड़के ने माया की चुत से लण्ड बाहर निकाल लिया और मुझे चूसने का इशारा किया तो मैं भी घुटने टेक के बैठ गई और उसका लण्ड चूसना शुरू कर दिया मुझे लण्ड चूसना बहुत अच्छा लग रहा था मैंने चुस चुस कर उसका लण्ड गीला कर दिया फिर उसने माया की चुत बजानी शुरू कर दी और मैंने उसके बाहर लटक रहे आण्ड़ चूसना शुरू कर दिया तभी उसने अपना लण्ड माया की चुत से बाहर निकाल लिया और मेरे पीछे आकर अपना लण्ड मेरे चुतडौ पर रगड़ने लगा मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी और मैं माया की चुत चाटने लगी वो भी मज़े में चुत चटवा रही थीं….

Popular Hindi Sex Kahani – चाची को चोद कर खुश कर दिया

इसी बीच उस लड़के ने मेरी गांड को पकड़ कर चौड़ी कर दी और गांड चाटने लगा मैं मस्ती में झूम उठीं और अपना मुँह माया की चुत पर दबा दिया उसने भी चाट चाट कर मेरी गांड गीली कर दी फिर अपना लण्ड मेरी गांड पर दबा कर एक जोरदार झटका लगा दिया उसका लण्ड का टोपा मेरी गांड के अन्दर घुस गया मेरी तो चीख निकल गई । आह मर गई । मार ड़ाला हरामी ने । फाड़ ड़ाली मेरी मादरचोद । गांड फाड़ दी भौसड़ीवाले ने पर उस ने मुझे नहीं छोड़ा बल्कि एक और जोरदार झटका लगा कर बाकी लण्ड भी मेरी गांड में घुसेड़ दिया और मेरी गांड पर एक के बाद एक शॉट लगाने लगा ।

धीरे-धीरे मुझे भी दर्द कम होने लगा और मैं भी गांड उठा उठा कर उसका साथ देने लगी अब वो पूरे ज़ोश के साथ मेरी गांड मार रहा था और मैं भी मज़े से आआऊऊईई आह्ह आह्ह्ह मार मेरे राजा ओर ज़ोर से मार । फाड़ डाल मेरी गांड । ऐसे ही चोद मुझे आह्हह्ह रन्डी बना के चोद मुझे । आईईएउउउ चो चोद मुझे । मुझे भी गांड मारवाने में मज़ा आ रहा था । मैं माया की चुत को अपने मुँह से चुस चुस कर चोद रही थीं और वो लडक़ा मेरीगांड चोद रहा था तभी माया की चुत पानी छोड़ने लगी और वो झड़ गई थोड़ी देर बाद वो लडक़ा मेरी गांड में छुट गया और झड़ कर अलग हो गया मैं भी पूरी तरह संतुष्ट हो गई थी ।

हम तीनों साथ में बाथरूम गये और एक दूसरे को नहला कर अच्छी तरह साफ़ किया और वापस आकर साथ में ही सो गये । उस पूरी रात वो लडक़ा मेरे घर पर ही रुका और पूरी रात उसने मेरी और माया की कई बार चुदाई की और साथ में मेरी गांड भी मारी । गांड मारवाने में बहुत दर्द हुआ पर अच्छा भी बहुत लगा अब जब भी मेरी चुदाई करवाती हूँ तो गांड जरुर मारवाती हूँ तो दोस्तों आपकों मेरी चुदाई की यह सच्ची घटना कैसी लगीं मुझें कमेन्ट करके जरुर बताएँ ।

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ट्रैन में माँ को अजनबी ने चोदा https://sexstories.one/maa-ko-train-me-ajnabi-ne-choda/ Sun, 04 Oct 2020 21:01:39 +0000 https://sexstories.one/?p=245 हेलो दोस्तों, मेरा नाम जग्गी है और मैं बरोदा का रहनेवाला हूँ। मैं अक्सर हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर हिंदी सेक्स कहानियाँ (Hindi sex kahaniyaan) , बीवी कि चुदाई (Biwi ki chudai), माँ की ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम जग्गी है और मैं बरोदा का रहनेवाला हूँ। मैं अक्सर हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर हिंदी सेक्स कहानियाँ (Hindi sex kahaniyaan) , बीवी कि चुदाई (Biwi ki chudai), माँ की चुदाई (Maa ki Chudai), सामूहिक चुदाई (Samuhik Chudai) की कहानियाँ पढ़ने आता हूँ। अब जो कहानी मैं बताने जा रहा हूँ, वो मेरे माँ, सरिता, के बारे में है।

मेरी माँ, सरिता, एक हाउसवाइफ है और दिखने में एवरेज है, मगर उनका फिगर कातिलाना है। चूची 36D, कमर 34 और चाल जान लेने वाली। वो अक्सर साडी ही पहनती है। मेरे पापा, कांट्रेक्टर है। वो आउट ऑफ़ स्टेट आते-जाते रहते है। मेरी एक छोटी बहन भी है, जो १२ साल की है।

ये कहानी उस वक़्त की है, जब हमे एक शादी अटेंड करने जाना था, दिल्ली.. पापा तो आगरा में काम से गए हुए थे, तो वो वहीँ से दिल्ली आने वाले थे.. हमे बरोदा से जाना था फंक्शन अटेंड करने। माँ ने ऑनलाइन टिकट निकलवाया 2 AC कोच का। मगर जैसे के ऑनलाइन टिकट का पन्गा हमेशा होता है.. सीट एक लाइन में नहीं मिला… २ सीट आमने-सामने मिले और एक sidewala-ऊपर का….

खैर, वो दिन आ गया और हम तैयार हो कर स्टेशन पहुंच गए.. माँ ने साड़ी पहनी थी, बहन जीन्स-टॉप और मैं अपने कैसुअल ऑउटफिट में था.. ट्रैन टाइम पर आ गयी और हमने पकड़ ली… जब सीट पर पहुंचे तो देखा के आमने-सामने वाले दोनों सीट ऊपर के थे.. माँ के लिए ऊपर चढ़ना मुश्किल होगा, तो मैंने उनसे साइड वाले सीट पर बैठने के लिए कह दिया… मैं और मेरी बहन, काजल, ऊपर वाले सीट पर चले गए…

क्योंकि रात के ९ बज रहे थे.. सब सोने की तैयारी करने लगे थे। हमने घर पर ही डिनर कर लिया था तो हम भी सोने लगे। माँ साइड वाले बर्थ पर बैठी थी, वह एक अधेड़ उम्र का काला सा आदमी भी था.. मैं ऊपर लेट गया और बैग से एक किताब निकाल पढ़ने लगा।

काजल सो चुकी थी। करीब २ घंटे बीत गए थे और मुझे भी नींद आ रही थी… मैंने नीचे देखा… वो आदमी और मेरी माँ कुछ बात कर रहे थे और बैठे थे… बाकी सब सो रहे थे.. लाइट्स भी एकदम धीमी थी.. ज़्यादा कुछ दिख नहीं रहा था.. पर क्योंकि मेरा सर साइड वाले बर्थ के तरफ था तो मुझे उनकी बातें सुनाई दे रही थी और दिख भी रहा था…

Popular Maa ki Chudai kahani – पति के भतीजे और एक पंजाबी से चुदवाया

“आप दो बच्चों की माँ नहीं लगती.. “, उस आदमी ने कहा…

माँ मुस्कुरा दी.. वो थोड़ा शर्मा भी गयी.. ,”कुछ भी… मेरे बच्चे तो अब बड़े भी हो गए है… आप अपना बताइये..”

“मैं तो बरोदा में ही रहता हूँ.. मेरा ठेकेदारी का बिज़नेस है… कुछ काम है तो दिल्ली जाना पड़ रहा है.. अच्छा ही हुआ के मैं आ गया, वरना आप जैसे खूबसूरत कली से मुलाकात कैसे होती…”

उस आदमी ने कहा… और दोनों हंस पड़े… माँ और उस आदमी में कुछ ज़्यादा ही बातें हो रही थी…

उन दोनों के फॅमिली लाइफ के बारे में बातें की… कुछ देर बाद वो आदमी उठा और बैग से लुंगी निकल ली…

“अगर बुरा न मानो, तो मैं चेंज कर लू… रात को पूरे कपड़ों में मुझे नींद नहीं आती… ” उसने शर्ट का बटन खोलते हुए कहा…

माँ ने अगल-बगल और हमारी तरफ देखा… मैंने झट से अपने सर नीचे कर लिया और सोने की एक्टिंग करने लगा… माँ को लगा के हम दोनों सो रहे है..

“नो प्रॉब्लम, कर लो.. पर पर्दा लगा डोज तो अच्छा होगा.. “, माँ इशारा करते बोली…

उस आदमी ने हमारी तरफ वाली कर्टेन खींच के बंद कर दी… साइड वाले बर्थ का पर्दा पूरा बंद नहीं हुआ था तो मुझे लगभग पूरा नज़ारा ऊपर से दिख रहा था…

Popular Maa ki Chudai kahani – चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा

कुछ देर में वो आदमी सिर्फ बनियान में आ गया, और अपनी पैंट माँ के सामने उतार दी… मैं चोर नज़रो से उसका अंडरवियर देख रही थी.. पैंट निकाल कर उसने ऊपर से लुंगी पहन ली..

“मैं ज़रा फ्रेश हो कर आता हु..”, इतना कह वो बाथरूम चला गया…

माँ भी उठी और चुपके से अपनी ब्लाउज और ब्रा निकाल दी.. मैंने कभी माँ को ऐसे नहीं देखा था… उनकी बड़ी चूचियाँ हवा में थी… फिर माँ ने अपनी चूचियाँ साड़ी से ढकी और झुक कर साड़ी के अंदर हाथ डाला…

मैं सन्न रह गया… माँ ने अपनी चड्डी भी निकाल दी… माँ पूरे चुदाई के मूड में आ गयी थी.. पता नहीं उस आदमी के क्या जादू किया था…

फिर माँ साड़ी पकड़ बर्थ पर बैठ गयी… कुछ देर में वो आदमी आया और मुस्कुराते हुए बोला.. ,”लेट जाओ आप.. थकी हुई लगती हो.. मैं कोने में बैठ जाता हु…”.

इतने कह उसने दूसरे हाथ में से कुछ अपने बैग में डाल दिया…

वो उसका अंडरवियर था..!!!!

उसने बाथरूम में अपना अंडरवियर भी निकाल दिया था… अब दोनों पूरे नंगे थे अंदर से… बाद कार्यक्रम शुरू करना बाकी था…

Popular Maa ki Chudai kahani – तीन मोटे लंड और मम्मी की अकेली चूत – Hindi sex stories

माँ लेट गयी और वो आदमी उनके पैर के तरफ उकडू बैठ गया… उसका काला लंड लुंगी के बाहर था…

उसने फिर माँ के पैर से साड़ी ऊपर किया.. मैं आँखें बंद कर के पड़ी रही… फिर उसने साड़ी पूरी हटा दी… माँ ने तो पहले से ही सारे उन्देर्गर्मेन्ट्स उतार दिए थे.. बस पेटीकोट रह गया था.. उस आदमी में वो भी उतार दिया…

माँ पूरी नंगी थी… झांटों वाली चूत, मोटी जांघ, बड़े गोल चूचियां… सब नंगे थे…

उस आदमी ने अपनी लुंगी उठायी और अपने लंड ले थोड़ा थूक लगाया… माँ की टाँगे फैलियी और २ ऊँगली उनके चूत में दाल ऊँगली से चोदने लगा… माँ हल्का-हल्का कराहने लगी…

कुछ देर चूत गीला करने ले बाद उसने अपना लंड उनके चूत में डाल दिया… माँ उछल पड़ी.. उसका लंड बड़ा था…

धीरे धीरे आगे अपना लंड पेलते वो माँ की चूचियाँ मसल और चबा रहा था… माँ रोमांच में किसी मछली के तरह मचल रही थी… फिर उसने ज़ोर के धक्के देना शुरू कर दिया…

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उसने माँ की चूत करीब १५ मिनट तक चोदी और अंदर ही झड़ गया… झड़ने के बाद कुछ देर माँ पर लेटा रहा…

“मज़ा आया?”, उसने हलके से पुछा…

माँ मुस्कुरा दी.. कुछ बोली नहीं।

“अब ज़रा मेरा लंड चूसोगी तो और मज़ा आएगा.. “, उसने अपना लंड माँ के मुँह के तरफ किया…

माँ ने बिना रुके उसका लंड मुँह में लिया और चूसने लगी… माँ ने उसका लंड चूस के साफ़ किया और दोनों एक दूसरे से लिपट लेते रहे..

मैं ये सब देख भोचक्का रह गया था… माँ ने किसी गैर मर्द से अपनी चूत चुदवाई थी…

अगले सुबह हम दिल्ली पहुंचे… पापा स्टेशन पर हमसे मिले… और हम फंक्शन अटेंड करने चल दिए…

उस आदमी में जाते-जाते माँ की गांड ज़ोर से दबा दी… मेरे अलावा किसी और ने ये देखा नहीं था..

माँ हंस कर दूसरी तरफ हो ली..

माँ ने फंक्शन में भी मज़े किये… पर वो कहानी आगे के अंक में..

मेरी कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताना…

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मेरे घमंड से मुझे लुंड मिले – पार्ट 1 https://sexstories.one/mere-ghamand-se-mile-mujhe-lund/ Mon, 28 Sep 2020 08:31:46 +0000 https://sexstories.one/?p=211 हैलो, दोस्तो मेरा नाम पुजा है, मैं सामूहिक चुदाई (samuhik chudai) और गांड चुदाई (gaand chudai) की शौक़ीन हूँ और हिंदी सेक्स कहानियां (hindi sex kahaniyan) बड़े रूचि से पढ़ती हूँ। मेरी उम्र 23 साल ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैलो, दोस्तो मेरा नाम पुजा है, मैं सामूहिक चुदाई (samuhik chudai) और गांड चुदाई (gaand chudai) की शौक़ीन हूँ और हिंदी सेक्स कहानियां (hindi sex kahaniyan) बड़े रूचि से पढ़ती हूँ। मेरी उम्र 23 साल है, मेरा रंग गोरा चेहरा गोल, पतली कमर, बडे़ बडे़ चुचे, भारी और उभरे हुये नितंभ और लम्बाई 5 फुट 5 इंच है, मुझे देख कर कोई भी लड़का बड़ी आसानी से मेरी तरफ आकर्षित हो जाता है| बात आज से लगभग 4 साल पहले की है उस दिन अचानक मेरी जिन्दगी बदल गई मेरे साथ हुई वो घटना मे आप सब को बताने जा रही हुं कोई गलती हो तो माफ कर देना|

मुझे बचपन से ही शादियों मे जाने का बहुत शौक था और मैं शादियों मे जाकर बहुत मस्ती करती थी क्योकि मे बहुत ही खुले विचार और निडर लड़की हुँ और मै जिस शादी मे जाती थी उसमे पुरा रंग जमा देती थी सभी मुझे ही देखते रहते|
उस दिन मेरी सहेली रजनी की शादी थी और मैं भी पुरी तरह से तैयार होकर उसके घर पहुच गई..

मैने नीले रंग का लहंगा और पीले रंग की चोली पहनी थी जिसमे मे किसी पटाखे से कम नही लग रही थी सब मुझे ही देख रहे थे और मै चारों तरफ उछल कुंद कर रही थी तभी रजनी की बारात आ गई और हम सब लड़कियां बारात का स्वागत करने पहुच गयीं | बारात मे बहुत सारे लड़के आये हुये थे सब मस्ती कर रहे थे लड़कियों को छेड रहे थे और लड़कियों से हसी मजाक कर रहे थे ज्यादातर लडकों का ध्यान मेरी तरफ ही था और कुछ लडके तो मजाक मे कह रहे थे कि दुल्हन के साथ तुमको भी लेकर जायेंगे मगर एक लड़का शांत खड़ा था और दुल्हे के ही आसपास था कुछ लडके आपस मे बात कर रहे थे कि आज इस शादी मे लडकियों के हाथ कुछ नही लगेगा बिचारी हाथ मलती रह जायेंगी मैं उन लडको के पास गई और उनसे पुछा तुम ऐसा क्यों कह रहे हो?

उन लडकों ने बताया की जिस शादी मे राजबीर जाता है उस शादी मे जुते चोरी नही होते ये उसी खासियत है आजतक उसके रहते कोई भी लडकी जुते नही चुरा पाई|

मुझे ये सुनते ही गुस्सा आ गया और मैने उन लडकों से कहा कि लेकिन आज इस शादी मे जुते जरूर चोरी होंगे क्येंकि मै जिस शादी में जाती हुँ वहॉ पे जुते जरूर चोरी होते हैं वैसे कौन है ये राजबीर मैने पुछा?

लडकों ने बताया वो जो दुल्हे के साथ खडा है वही है राजवीर..

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मैं वहॉ से सीधे राजवीर के पास पहुची और उसको सामने से खुली चुनौती दे दी

मै- हैलो क्या तुम ही राजवीर हो.

राजवीर- जी हॉ आप कौन..?

मै- मेरा नाम पुजा है मैने सुना है कि तुम जिस शादी मे जाते हो वहॉ पर जुते चोरी नही होते लेकिन आज मै तुम्हारी ऑखों के सामने ही जुते चुरा कर ले जाऊंगी और तुम कुछ भी नही कर पाओगे..

राजवीर- पुजा देखो वैसे तो मेरा आज मुड नही था लेकिन तुम जब कह रही हो तो चुरा लेना..

मैने उससे कहा कैसे मुझसे डर गये क्या?..

राजवीर- मुझे किसी से डर नही लगता वैसे भी तुम कोई डरने वाली चीज नही हो मुझे तो तुम पर तरस आ गया था इस लिये मै पीछे हट रहा था लेकिन अब अगर तुम जुते नही चुरा पाईं तो क्या करोगी..

मैने कहा- शर्त लगा लो..

राजवीर बोला अगर मैं जीता तो तुमको सबके सामने मेरे होठों पे चुम्बन देना होगा..

मैने भी कहा कि अगर मैं जीती तो तुम सबके सामने मेरी जुती को सबके सामने चुमोंगे..

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वो तैयार हो गया|

ये शर्त लगा कर मैने सबसे बडी गलती कर दी थी..

शादी का क्रायकर्म जोर शोर से चल रहा था मैं अपनी सहेली के साथ जुते चुराने कि तैयारी मे लग गई और बहुत कोशिश के बाद मैने जुते चुरा भी लिये लेकिन मेरे होश तब उड गये जब दुल्हे के जुते मांगने पर राजवीर ने जुते लाकर दुल्हे को दे दिये और राजबीर मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा और अपने होठ पर अंगुली ऱख कर किस करने का इशारा करने लगा..

मैने अपना सर नीचे कर लिया और सोचने लगी की जो जुते मैने चुराये वो किसके है..

तभी राजबीर मेरे पास आया और बोला क्या हुआ शर्त दुल्हे के जुते चुराने की लगी थी तुम तो मेरे ही चुरा कर ले गई अब अपनी शर्त पुरी करो..

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कमीने भाई की गुलाम https://sexstories.one/%e0%a4%85%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a5%80/ Wed, 16 Sep 2020 23:30:14 +0000 https://sexstories.one/?p=775 हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नताशा है और मेरी उम्र 21 साल है. में भोपाल की रहने वाली हूँ. दोस्तों अब में अन्तर्वासना कहानी शुरू करती हूँ, में भोपाल में बी.कॉम की स्टूडेंट हूँ और यह ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नताशा है और मेरी उम्र 21 साल है. में भोपाल की रहने वाली हूँ. दोस्तों अब में अन्तर्वासना कहानी शुरू करती हूँ, में भोपाल में बी.कॉम की स्टूडेंट हूँ और यह उस समय की बात है जब में 12वीं क्लास में थी और बहुत सेक्सी लगती थी. मेरे कई बॉयफ्रेंड थे, लेकिन उस टाईम करण मेरा बॉयफ्रेंड था जो कि मेरे भाई अभिषेक का बहुत अच्छा दोस्त था. अभिषेक को पता था कि मेरे और करण के बीच में कुछ तो चल रहा है, लेकिन वो पक्का नहीं था.

में और करण अपने रिश्तों में बहुत आगे निकल चुके थे और में उस टाईम वर्जिन थी, लेकिन लगता था कि करण ही मेरी सील तोड़ेगा. हम रोजाना रात रातभर चैट किया करते थे और फोन सेक्स के बिना तो मुझे नींद ही नहीं आती थी. फिर एक दिन में देर रात तक करण से चैट करती रही और अपनी चूत में फिंगरिंग भी कर रही थी, में अपने पूरे जोश में थी और उस रात को मेरी चूत से बहुत ज्यादा पानी निकला.

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अब में और करण सेक्स चैट में इतने डूब गए कि पता ही नहीं चला कि कब हमें नींद लग गई. मुझे रोज सुबह माँ उठाती थी, लेकिन उस दिन अभिषेक आ गया, में तो सोई हुई थी तो वो मुझे घूर-घूर कर देखने लगा. फिर उसने मेरा मोबाईल फोन उठा लिया और मेरी चैट पढ़ने लगा, अब में तो सोई हुई थी. फिर पूरी चैट पढ़ने के बाद उसने मुझे उठाया, अब मुझे उसके चेहरे पर एक कमीनी मुस्कान साफ दिखाई दे रही थी, लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. अब मेरा भाई और ज्यादा मुझ पर नज़र रखने लगा था, फिर एक दिन मुझे करण का कॉल आया.

करण : हाय सेक्सी, क्या कर रही हो?

में : कुछ नहीं जानू, बस तुम्हारे लंड को याद कर रही हूँ.

करण : सच, तुम अभी मेरे घर आ जाओ, हम बहुत मस्ती करेंगे. (में पहले भी उसके घर जा चुकी थी और वो मेरे बूब्स भी देख चुका है, लेकिन अभी तक हमने सेक्स नहीं किया था)

में : ओह, इतनी जल्दी भी क्या है मेरे राजा?

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करण : ओह, मेरी रानी में घर पर अकेला हूँ, आओ ना.

में : अच्छा में आउंगी तो मुझे क्या मिलेगा?

करण : वो मज़ा मिलेगा जिसके लिए तू पैदा हुई है जानेमन, आज में तेरी पूरी आग मिटा दूँगा.

में : आहाहह बस कर करण, अभी से मुझे गर्म मत कर, में अभी आती हूँ.

अन्तर्वासनाफिर में उसके घर गई तो वहाँ सच में कोई नहीं था, अब मुझे देखते ही उसने मुझे हग कर लिया और किस करने लगा. फिर वो मुझे उठाकर सीधे बेडरूम में ले गया और मेरे कपड़े उतारने लगा और फिर उसने बिना टाईम ख़राब किए मुझे पूरा नंगा कर दिया और खुद भी पूरा नंगा हो गया.

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बस फिर उसका लंड था और मेरी वर्जिन चिकनी चूत थी. फिर मैंने उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी. अब वो भी मेरे बूब्स को भूखे कुत्ते की तरह काटने लगा था. में उसके रफ सेक्स से बहुत जल्दी गर्म हो जाती हूँ, आज तो मेरी चुदाई पक्की थी और में भी सेक्स के लिए पूरी तैयार थी.

फिर में उससे बोलने लगी कि मुझे चोदो, प्लीज़ फुक मी, फुक मी हार्ड, आआहहहह मुऊऊुउऊहह्ह्ह, अब हम पूरे जोश में थे.

फिर उस दिन उसने मुझे खूब चोदा और मेरे जिस्म की पूरी आग ठंडी कर दी. करण को मेरे सेक्स के बारे में सब पता था इसलिए उसने मुझे मोड़ दिया और मेरे हाथों को बेड से बाँधकर टाईट कर दिया और मेरे मुँह मेरी पेंटी डालकर टेप से पैक कर दिया.

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फिर उसने मुझे टॉर्चर करना शुरू किया और मेरे निप्पल पर पेपर क्लिप लगा दी. फिर उसने मुझे बेल्ट से बहुत मारा, अब में दर्द से चीख रही थी, लेकिन मेरा मुँह बंद था. फिर वो जलती हुई मोमबत्ती ले आया और उसने उस मोम को मेरे बूब्स, निपल्स, चूत सब जगह डाला और मुझे गंदी-गंदी गालीयां देने लगा, साली रंडी छिनाल, कुत्तिया की चूत से निकली और लंड की भूखी और ना जाने क्या क्या बोल रहा था? लेकिन मुझे वो सब अच्छी लग रही थी, में इतनी गर्म पहली बार हुई थी.

अब में उससे भीख माँग रही थी प्लीज़ मुझे चोदो, मुझे चोदो ना, आहहहह आआहहहह चोदो मुझे, मारो और मारो, लेकिन मेरा मुँह बँधा हुआ था तो में अंदर ही अंदर तड़पती रही, लेकिन उस हरामखोर ने लंड तो दूर की बात है अपनी एक उंगली तक नहीं डाली. फिर वो मुझे बँधा हुआ छोड़कर कहीं चला गया और में तड़पती रही और अपने बंधे हाथों से करवटे लेती रही आहहहहहहहह आअहह प्लीज़ फुक मी.

में आज तो अपने बाप का भी लंड ले सकती थी. फिर थोड़ी देर के बाद मेरे रूम का दरवाजा खुला और कोई अंदर आया. अब मुझे लगा कि करण होगा तो में बँधे मुँह से उससे चोदने की भीख माँगने लगी. तो वो बिना कुछ बोले सीधे मेरी टांगो के बीच में आया और अपना खड़ा लंड मेरी चूत में पेल दिया.

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अब मुझे कुछ अजीब सा लगा, मुझे उसका लंड थोड़ा मोटा लग रहा था, लेकिन में तो सेक्स की आग में जल रही थी और में कुछ कर भी नहीं सकती थी.

फिर उसने मुझे बड़ी बेरहमी से चोदा, फिर आधे घंटे के बाद वो झड़ गया. अब में भी तब तक दो बार झड़ चुकी थी, फिर वो उठा और अपना कंडोम निकाल कर मेरे मुँह में मारा और जाने लगा. तो अब में वही बँधी पड़ी रही, अब मुझे काफ़ी अजीब लगा, लेकिन में क्या कर सकती थी? फिर करीब एक घंटे के बाद दरवाजा फिर से खुला तो करण अंदर आया और मुझे चोदने लगा.

अब में तो जैसे मंदिर का घंटा बन गई थी, जब करण आता मुझे बजाकर चला जाता. अब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन में बँधी थी. फिर इस बार मुझे चोदने के बाद करण ने मुझे खोला, पहले तो मैंने उससे एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा और पूछा कि वो दूसरा लंड किसका था? लेकिन शायद मुझे उसे थप्पड़ नहीं मारना चाहिए थी, तो वो मुझे गुस्से भरी नज़रो से देखने लगा, तो अब में डर गई थी.

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फिर वो एकदम से हंसने लगा और टी.वी पर एक वीडियो चला दिया, उसमें मेरी चुदाई हो रही थी. अब में तो हैरान रह गई कि यह वीडियो किसने बनाया है? उस वीडियो में सिर्फ़ मेरा चेहरा ही दिखाई दे रहा था और करण का चेहरा धुंधला कर रखा था. फिर करण ने मेरी चुदाई की वीडियो को पीछे किया और जब वो मुझे बाँधकर चोदे जा रहा था, वहाँ से वो वीडियो लगा दी.

अब मेरी जमकर चुदाई हुई थी, लेकिन जब वो दूसरा लड़का मेरे सामने आया तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गई, वो दूसरा लड़का और कोई नहीं अभिषेक था. अब मेरा अपना भाई मुझे चोद रहा था, अब में डर गई थी कि यह कैसे हुआ? अब मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था. फिर करण ने टी.वी बंद की और मेरी तरफ देखा. अब में बहुत हैरान थी.

करण : क्यों रंडी कैसा लगा मेरा गेम? तुझे बड़सम पसंद है ना और चुदवा, कैसा लगा तेरे भाई का लंड?

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अब में चुपचाप सुनती रही, इतने में अभिषेक भी रूम में आ गया, अब वो मुझे देखकर हंस रहा था. अब मुझे सब समझ में आ गया कि यह सब इसी का ही प्लान है.

अभिषेक : ज्यादा मत सोच मेरी रांड, तुझे गुलाम बनाने की यह बहुत बड़ी प्लानिंग थी. मैंने उस दिन जब तेरे मैसेज पढ़े तो में तभी समझ गया था कि तू चुदने के बिल्कुल तैयार है. फिर जब करण ने मुझे बताया कि वो हमेशा के लिए दिल्ली शिफ्ट हो रहा है, तब मैंने यह प्लान बनाया.

करण : सच नताशा, तेरा भाई बहुत कमीना है और मुझसे बोला कि भाई जाते जाते एक रंडी को मेरा गुलाम बना जा, तो ले भाई अभिषेक आज से ये रांड हमेशा के लिए तेरी गुलाम है, तू जो चाहे वो कर अब यह कुछ नहीं कर सकती है.

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फिर वो दोनों मेरी इस हालत पर हंसने लगे और मुझे खूब गालीयां दी. अब तो में उन दोनों की गुलाम रखेल बन चुकी थी.

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चाची को चोद कर खुश कर दिया https://sexstories.one/chachi-ko-choda-aur-khush-kiya/ Wed, 16 Sep 2020 23:15:14 +0000 https://sexstories.one/?p=193 नम्स्ते दोस्तों मैं अनिल मस्ताना… मैं हिंदी सेक्स कहानी पढ़ने का शौक़ीन हु। आज एक नई कहानी के साथ आया हु ये कहानी मेरी चाची और मेरी है तो चलिए मैं आपको बता ता हु ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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नम्स्ते दोस्तों मैं अनिल मस्ताना… मैं हिंदी सेक्स कहानी पढ़ने का शौक़ीन हु। आज एक नई कहानी के साथ आया हु ये कहानी मेरी चाची और मेरी है तो चलिए मैं आपको बता ता हु कैसे मेने चाची को सेक्स सुख दिया पहले मैं अपने बारे में बता देता हु मेरा कद 5.10 है रंग गोरा शरीर एकदम फिट, मेरा लनड 6.5 इंच का है,मेरे घर मै,पापा, मम्मी,चाचा,चाची और उनका एक बेटा है अब चाची के बारे में बता ता हु चाची का नाम पूजा है चाची का कद 5.5 इंच है पूजा चाची का रंग् एक एकदम दूध जैसा है चाची कि लिप और गाल हमेशा लाल रहते है चाची बहुत सेक्सी है उनका फिग्र् 34-28-36 है चाची जो बहुत सीधी और प्यारी है उनकी उम्र 29 साल है। chachi ko choda

चाची मुझे बहुत प्यार करती है अब कहानी पर अता हु हम सब एक साथ एक घर में रहते है हमरा घर दो मंजिल है निचे हम और ऊपर की मंजिल में चाचा चाची रहते है मेरा चाचा और पापा एक साथ व्यपार करते है इसलिए आक्सर काम से पापा या चाचा जी को दूर सिटी में जाना होता है पापा बड़े है इसलिए चाचा जी पापा को ऑफिस में और खुद बहार जाते है।

Chachi sex – देहाती चाची की जमके चुदाई की

जब चाचा बहार् जाते है तो मुझे अपनी चाची के पास रात को सोना पड़ता है क्योंकी चाची का बेटा छोटा है और चाची को डार लगता है ऐसे ही एक बार चाचा किसी काम से तीन दिनों के लिए बाहर गए तो मुझे चाची के रूम में ऊपर सोना था हम सब ने डिनर किआ और टीवी देखने लगे टीवी देखते देखते रात के 10 बज गए तो पापा मम्मी अपने रूम में जाने लगे कुछ देर बाद चाची जी बोली अनिल चलो सोते हैं मुझे नींद आ रही है मेने कहा आप चलो मैं अता हु चाची अपने बेटे को ले कर ऊपर रूम की और चल दी कुछ देर बाद में भी टीवी ऑफ कर ऊपर रूम में चला गया चाची जी बीएड पर चादर सही कर रही थी…

चादर सही करने के बाद चाची बोलि तुम लेटो मैं साडी बदल कर नाईट गाउन पहन कर आती हूँ मैं लेट गया एक तरफ चाची का बेटा सो रहा था 5 मि हो गई चाची बाथरूम से नहीं आय तो मैं सोचने लगा क्या बात है जो चाची नहीं आय कुछ और वेट के बाद मैंने चाची जी को आवाज लगाई चाची जी कहा रह गए आप क्या हुआ तो बाथरूम से चाची जी की आव्ज् आई कुछ नहीं आ रही हूँ लेकिन चाची नहीं आय में फिर से बोला चाची आप सही है क्या तो चाची ने कहा यस मैं सही हु आ रही हूँ रुको थोड़ा मैं कहा ओके कोई एक मिंट बाद चाची की आवाज आय आनिल एक बार यहाँ आओ मुझे हेल्प करो…

मैं एकदम से बाथरूम में गया तो देखा चाची जी ब्लैक ब्लोउज् और पतिकोत् में गेट की तरफ पिट कर के खाडी है उसदिन चाची जी ने ब्लोव्ज् पहना था जिसमे पीछे हुक थे और कमर पर लगते थे तो चची के बाल उस ब्लोव्ज् के हुक में बुरी तहरा से फास गए थे जिसे चाची निकल नहीं पाई और मुझे बोला निकलने को इसे पहले मेरे मन में चाची के लिए कोई बोरा ख़याल नहीं था लेकिन उसदिन चाची को उस ब्लैक ब्लव्ज् और पेतिकोत् में देख कर मेरे मन में सेक्स जागने लगा क्योकि चाची की बड़ी गान्ड उस पतिकोट में ऊपर उठी दिख रही थी और चाची की पैंटी लाइन भी साफ साफ दिख रही थी कहा पैंटी है यही हाल् ब्लोव्ज् का था उसमे भी ब्रा लाइन पूरी साफ दिख रही थी और चाची के बूब्स का आकार् साफ पता चाल रहा था..

Chachi ku chudai – चाची की रसीली चूत और मेरा कड़क लंड

मैं तो बस चाची के सेक्सी बदन को ताड रहा था एकदम से चाची बोली देखो ना मेरे बल ब्लोव्ज् के हुक्स् में फास गए है प्ल्ज़ इन्हे निकल दो मेरा ब्लोव्ज् नहीं खुल रहा है मैं बोलै ओके चाची जी निकलता हु मैं आगे बढ़ा और अपने हाथ चाची के ब्लोव्ज् के ऊपर रख दिए और बाल् निकलने लगा और पीछे चची की उभरी गाड को ताड ने लगा मेरा ध्यान तो चाची की गानड पर था बाल कहा फसे है और कहा नहीं मुझे कुछ पता नहीं जब बहुत टाइम हो गया तो चाची बोलो अनिल तुम्हारा ध्यान कहा है बल तो निकले ही नहीं तब मुझे ख्याल आया कि मैं क्या करने आया हु और क्या कर रहा हो चाची को इस हालत में देखकर मेरा लोडा खड़ा होगया था …

मेरे लोवर् में तम्बू बन गया मैं कुछ बल हुक से निकल चूका था कुछ रह गए थे क्योकि वो बुरी तरह फसे थे जिसके लिए ब्लोव्ज् के ऊपर की हुक खोले पड़ते जो मेने चाची को बताया तो चाची ने कहा जो करना है करो लेकिन प्ल्ज़ मेरे बाल निकालो मुझे बहुत दुःख रहा है सर में मेने चाची के ऊपर के तीन हुक खोल डेल जिसे चाची की रेड ब्रा की स्त्त्रप गोरी पीठ पर दिखने लगी जिसे में और गरम हो गया अब चाची के तीन हुक और रह गे थे जो खुलने थे.

मेने देखा चाची कि पीठ पर एक तील है जो बहुत सुन्दर लग रहा था. chachi ko choda

मेरा पूरा ध्यान उस तिल पर था पता नहीं क्या हुआ जिसे मेरा लोडा चाची की गन्ड से जा लगा जैसे ही चाची को अपने हिप पर मेरा लैंड म्ह्सुस् हुआ तो चाची आगे हुई और बोली प्ल्ज़ अनिल करो न क्या कर रहे हो मेरे बाल निकालो इस घटना से चाची गर्म होने लगी थी और वो खुद को इधर उधर हिला रही थी जिसे मेरे हाथ चाची की पीठ पर लगने लगे ये सब चल रहा था इसी बिच मेने बल निकल दिए लेकिन चाची वैसे ही खाडी रही और मैं भी चाची की गोरी पीठ उस आधे खुले बिलोव्ज् से दिख रही थी …

मेरा कण्ट्रोल अब मुझ पर नहीं रहा और मेरे दोनों हाथ चाची की पीठ पर जा लगे और मैं चाची के और नजदीक होगया अब मेरा लोडा चची के दोनों चूतड़ओ के बिच में जा फसा मेने अपने हॉट चाची की नगि पीठ पर उस तिल के ऊपर रख दिए और पूरी खुली पीठ को चूमने चाटने लगा जिसे चाची और गरम होग्य् और अपनी गान्द् को मेरे लोदे पर जोर से दबाने लगी मेने चाची की पीठ छोड़ कर गर्दन पर चूमने लगा ऐसे ही हम दोनों गर्म होग्य् फिर मेने चाची के बचे ब्लोव्ज् के हुक भी खुल दिए और ब्लोव्ज् पूरा निकल फेका अब चाची रेड नेट ब्रा में थी.

जिसमे चाची की पीठ पूरी सेक्सी लग रही थी. chachi ko choda

चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा

मैं पूरी पीठ को चुम कर चाची को अपनी तरफ घुम्या तो चाची की दोनों आँखे बंद थी और हॉट काप् रहे थे उस वक़्त चाची सेक्स की देवी लग रही थी खुले बल लाल हॉट गोरा रंग लाल ब्रा में केद् बूब्स जिनके निपल नेट ब्रा में साफ दिख रहे थे आप सोच सकते है मेरी क्या हालत रही होगी मेने चाची के काप्ते हॉट पर अपने हॉट रख दिए और किस्स् करने लगा कुछ देर बाद चाची भी साथ देने लगी हम दोनों एक दूसरे की बहो में समां गए मेरे दोनों हाथ उनकी पीठ पर चल रहे थे कुछ देर बाद मेने चाची की गानड को दबाना सुरु कर दिया मेरे हाथो में चाची की मोटी गन्ड नहीं आ रही थीं चाची कि गान्द् बहुत मुलय्म् थी बहुत मजा आ रहा था. chachi ko choda

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चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा https://sexstories.one/truck-me-samuhik-chudai/ Fri, 07 Aug 2020 11:17:23 +0000 https://sexstories.one/?p=173 मैं राजेश, मैंने बहुत सी हिंदी सेक्स स्टोरी की किताबें पढ़ी हैं। मैं और मेरे दोस्त इमरान और जॉनसन ऐसी सेक्स स्टोरी की किताबें लाते हैं, जो हिंदी में होती हैं। हम सभी चोरी-छुपे इन ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मैं राजेश, मैंने बहुत सी हिंदी सेक्स स्टोरी की किताबें पढ़ी हैं। मैं और मेरे दोस्त इमरान और जॉनसन ऐसी सेक्स स्टोरी की किताबें लाते हैं, जो हिंदी में होती हैं। हम सभी चोरी-छुपे इन किताबों को पढ़ते हैं। यह कहानी ऐसी ही एक किताब से है। मुझे उम्मीद है कि आपको पसंद आएगी, तो कहानी पढ़िए और पानी निकालिए। truck me chudai

मोना और कपिल की शादी को दो महीने ही हुए थे। मोना ईसाई थी, उन दोनों की लव मैरिज हुई थी। कपिल 27 साल का था और मोना 25 की थी।

शादी के बाद कपिल का दिल ऑफिस की एक लड़की पर आया हुआ था, इसलिए मोना और कपिल में अब नहीं बन रही थी।

जब बन ही नहीं रही थी.. तो आपस में सेक्स का तो सवाल ही नहीं था। truck me chudai

वैसे मोना दिखने में बहुत सेक्सी थी उसकी बॉडी ऐसी दिखती थी मानो सेक्स की मूरत हो, एकदम सुडौल और भरी हुई। उसकी चुची भी एकदम भरी हुए और सख्त बिल्कुल सही आकार में थी, उसके चलने पर उसकी चुची देख कर यूं लगता था.. जैसे उसके शरीर पर रबड़ की दो बॉल्स थिरक रही हों।

मोना के बदन का रंग थोड़ा सांवला था। मोना जैसे हॉट बम को ठुकराने वाला शायद कोई कपिल जैसा पागल ही होगा।

मोना को अपने सुंदर बदन के बारे में पता था कि वो बहुत ही सेक्सी है। वो हमेशा सलवार-कमीज ही पहनती थी। मोना वास्तव में इतनी मदमस्त माल थी कि यदि कोई एक बार भी उसका नंगा शरीर देख ले, तो उसे तीन-चार बार चोद कर ही दम लेता।

उन दोनों की यह अनबन कपिल के पेरेंट्स को पता थी। उन्होंने उन दोनों को जबरदस्ती मध्यप्रदेश के ट्रिप पर भेजा। उन्होंने सोचा कि उधर अकेले रहने से और सुंदर प्राकृतिक जगहों को देख कर हो सकता है थोड़ा बदलाव आ जाए। हालांकि कपिल इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था। उसका माल तो उसके ऑफिस में था।

मोना वैसे तो बहुत ही शरीफ़ और शर्मीले किस्म की लड़की थी। कपिल अपने पेरेंट्स की ख़ुशी के लिए मोना के साथ जाने को राजी हो गया। ट्रिप वाले दिन उन्होंने अपनी तैयारी की और कार लेकर चल पड़े। रास्ते में छोटी-छोटी बातों पर उन दोनों में लड़ाइयां होना शुरू हो गईं। बाद में उन्होंने खाना खाने के लिए अपनी कार रास्ते में एक छोटे से होटल पर रोक दी। सामान गाड़ी में ही था।

दोनों ने होटल में खाना खाया और कार के पास आए, देखा तो गाड़ी से उनका सामान चोरी हो गया था। कपिल को बड़ा गुस्सा आया। उधर होटल में एक बूढ़ी मालकिन और दो नौकरों के सिवाए कोई नहीं था।

जब मोना और कपिल ने उस बूढ़ी औरत को सारी बात बताई तो बूढ़ी औरत को उन दोनों पर बहुत तरस आया। truck me chudai

वो मोना से बोली- कोई बात नहीं बेटी, मेरे पास कुछ पुराने कपड़े हैं। कुछ लोग गलती से छोड़ गए थे, तुम ये रख लो, तुम्हारे काम आएंगे।

मोना ने कपड़ों की पोटली ले ली और वे दोनों कार में बैठकर आगे चल दिए। बाद में रात होने की वजह से एक लॉज में रुक गए।

वहाँ आते ही कपिल ने पहले अपनी गर्लफ्रेंड को फोन किया तो पता चला कि उसकी शादी की बात हो रही है। तीन दिनों में यदि कपिल ने कुछ नहीं किया तो गड़बड़ हो जाएगी।

कपिल गुस्से से पागल हो उठा.. उसने सुबह ही वापस जाने का फ़ैसला कर लिया। उसने मोना को भी साफ़ तौर पर इसकी वजह बता दी।

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मोना को कपिल पर बहुत ही गुस्सा आया, पर कपिल का जिद्दी स्वभाव उसे शुरूआत से ही पता था। घर चलकर कपिल के पेरेंट्स संभाल लेंगे, यह सोच कर उसने होटल से घर फोन करके उनको सारी बात बता दी।

कपिल के पेरेंट्स दुखी हो गए, वो बोले- मोना बेटी, तुम चिंता मत करो हम सब संभाल लेंगे।

मोना थोड़ी निश्चिन्त हो गई। truck me chudai

रात में कपिल को नींद नहीं आई, एक तो सामान आदि सब चोरी हो गया था, ऊपर से ये सब।

सुबह उठते ही उसने ब्रेकफास्ट मंगवाया। उस वक्त भी मोना और उसके बीच कहा-सुनी हो गई। गुस्से में कपिल ने टी-पॉट को पटक दिया, सारी चाय मोना के कपड़ों पर जा गिरी।

अब क्या करें.. एक तो कपड़े नहीं थे, जो थे, वो भी खराब कर दिए। मोना मन ही मन में कपिल को गालियाँ दे रही थी।

थोड़ी देर में कपिल का गुस्सा ठंडा हो गया, उसने मोना को बूढ़ी औरत के दिए कपड़े पहन कर तैयार होने को कहा। कपिल नहा कर आया.. फिर मोना नहाने के लिए गई। नहाने के बाद मोना ने बूढ़ी की दी हुई पोटली खोली, उसमें एक पुराने नीले कलर की पारदर्शी साड़ी, पेटीकोट और ब्लाउज था। मोना को साड़ी पहनना पसंद नहीं था, तब भी मजबूरी में वो कपड़े पहनने लगी।

कपड़े पहने वक्त जल्दबाजी में उसकी ब्रा टॉयलेट में जा गिरी। आप लोग लॉज आदि की सफाई की स्थिति तो जानते ही हैं।

मोना ने इतने गंदे बाथरूम कभी नहीं देखे थे। truck me chudai

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