desi inest Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/desi-inest/ Hindipornstories.org Wed, 15 Dec 2021 07:09:39 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बुआ की लड़की को पटाया https://sexstories.one/bua-ki-ladki-ko-pataya-aur-chod-daala/ Wed, 15 Dec 2021 07:09:39 +0000 https://sexstories.one/?p=3473 मैने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकालकर उसको पीछे से जकड़ कर एक झटका अपनी लेफ्ट साइड दिया जिससे मैं उसकी पीठ पर लेट गया अब वो मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर उसके दोनो बूब्स को जकड़े हुए...

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Bua Ki Ladki Ko Pataya – मेरा नाम अनुज है मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 32 साल है आज मैं आपको अपनी एक स्टोरी के बारे मैं बताता हूँ ये मेरी रियल स्टोरी है ये स्टोरी उस समय की है जब मैं इस साइट की स्टोरी बहुत पढ़ता था मेरी बुआ जी भी दिल्ली मैं रहती हैं उनकी 2 बड़ी लड़कियाँ हैं और एक छोटा लड़का है दोनो बड़ी लड़कियों किरण और मौली की उम्र 22, 18 साल है और प्रवीण 16 साल का है ऐसे तो दोनो ही सुंदर हैं लेकिन मौली कुछ ज़्यादा ही खूबसूरत है मेरे पास बुआजी का फोन आया की अनुज तुम्हारे फुफा जी और मैं प्रवीण के साथ कल से 3-4 दिनो के लिए गावं जा रहे हैं शिप्रा (मेरी वाइफ) तो मायके गयी हुई है.

तुम जब तक हम नही आते यही आकर सो जाना क्योकी किरण और मौली अकेली हैं मैने कहा ठीक है बुआ जी मैं वही आकर वही सो जाऊंगा कल आप सुबह निकल जाना मैं शाम को ऑफीस से सीधे वही पहुँच जाऊंगा आज तो गुरुवार है मेरी भी 2 दिन की शनिवार,रविवार की छुट्टी रहेगी सोमवार दिन की बात है मंगलवार को तो आप आ ही जाओगे बुआ जी बोली हाँ हम लोग मंगलवार को आ जायेगे वो लोग अगले दिन सुबह चले गये मेरे दिमाग़ में अपनी बुआ जी की लड़कियों को चोदने का विचार आने लगा मैं ऑफीस से 2 बजे ही लंच ख़त्म करके मैं बहाना करके निकल आया.

मैने रास्ते से 2 सेक्सी कहानियों की किताब ली जिसमें ज़्यादातर भाई बहन वाली स्टोरी थी। और एक ब्लू फिल्म की डी.वी.डी ली पहले मैं अपने रूम पर गया वहाँ से एक छोटा बैग लिया और उसमें अपने 2-3 दिन के लिए कपड़े और उसी बैग मैं एक पॉकेट मैं दोनो मैगज़ीन और सी.डी डाल दी और कपड़ों मैं अपने फोन का चार्जर रख दिया अपनी बाइक से मैं उनके घर पहुँच गया दरवाजा किरण ने खोला और मुझसे बोली भैया आप इतनी जल्दी कैसे आ गये अभी तो 3 बजे हैं मैने कहा हाँ किरण तुम लोग अकेले होगे सोचकर जल्दी आ गया वो बोली भैया आप सच मैं कितने अच्छे हो आपको हमारा कितना ख्याल है इसके बाद किरण ने मेरे लिए चाय बनाई और हम दोनो ने साथ बैठकर चाय पी मुझे मौली के बारे मैं पता था की वो पढ़ने गयी है और किरण अक्सर घर पर ही रहती है.

फिर भी मैने जानबुझ कर उससे पूछा मौली कहाँ है तो उसने कहा मौली अभी पढ़कर नही आई है वो तो 7 बजे तक कोचिंग से आती है मैने कहा तुम्हारा क्या है तुम नही जाती एम.बी.ए क्लास के लिए तो उसने कहा भैया एम.बी.ए कर रही हूँ उसमें कभी कभी क्लास होती है थोड़ी देर हम दोनो इधर उधर की बातें करते रहे और थोड़ी देर बाद मैं अपने प्लान के अनुसार बोला किरण मेरे बैग की पॉकेट मैं मेरे फोन का चार्जर रखा होगा ज़रा निकाल कर ले आना थोड़ा फोन चार्ज करूँगा वो बोली ठीक है भैया लेकर आती हूँ वो जैसे ही अंदर वाले कमरे मैं बैग से चार्जर लेने गयी मैं भी उसके पीछे पीछे गया और उसको पर्दे के पीछे से छुपकर देखने लगा जैसे ही उसने बैग की आगे वाली पॉकेट की चैन खोली उसने उसमें मस्तराम की बुक देखी और उसको देखकर जल्दी जल्दी से उसको पलटकर देखने लगी.

मैं वापस अपने उसी रूम मैं आ गया कुछ देर बाद वो मेरे पास आई और बोली भैया मैने पॉकेट चेक की मुझे तो चार्जर नही मिला मैने कहा हो सकता है कपड़ों मैं रख दिया हो कपड़ों के अंदर देख लो वो दोबारा गयी और चार्जर लेकर आई मैने फोन को चार्जिंग मैं लगाया और उसे कहा किरण मैं थोड़ा थक सा गया हूँ थोड़ा आराम कर लेता हूँ वो बोली ठीक है भैया मैं अपनी आँखों पर अपना हाथ रखकर सोने का बहाना करके उसे पड़ा पड़ा देखता रहा और वो वहीं टी.वी देखती रही कुछ देर बाद उसने आवाज़ लगाई भैया सो गये क्या मैं कुछ नही बोला वो टी.वी बंद करके चली गयी मैने देखा वो उसी कमरे मैं गयी है जिसमें मेरा बैग रखा है मैं भी 5 मिनिट बाद उस कमरे मैं गया और पर्दे से छुपकर देखा तो वो उसी बुक को पढ़ रही थी उसका एक हाथ उसकी पेंटी मैं था मैं समझ गया की उसको बुक पढ़ने मैं मज़ा आ रहा है मैं दबे कदम उसके पास पहुँच गया लेकिन उसको पता भी नही चला जैसे ही उसने मुझे अपने पास देखा वो बुरी तरह से डर गयी मुझे ऐसे लगा जैसे उसको 440 वोल्ट्स का करंट का झटका लगा हो.

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मैने कहा क्या पढ़ रही हो किरण उसने कहा भैया कुछ नही मैने कहा फिर डर क्यों गयी थी दिखाओ क्या है उसने डरते हुए बुक मुझे दी और कहा आपके बैग से निकाली थी तो मैने अंजान बनते हुए कहा मेरे बैग से? ये बुक्स शायद मेरे फ्रेंड की होंगी जिससे आज मैने ये बैग लिया था क्योकी मेरे पास कोई छोटा बैग नही था कपड़े रखने के लिए और मैने जब देखा तो ऐसे नाटक करते हुए मुस्कुराते हुए बोला ये तो सेक्स स्टोरी की किताब है अच्छा तो ये पढ़ रही हो छुप छुपकर वो बोली भैया सॉरी मैने कहा सॉरी किस लिए पढ़ो कोई बात नही और उसको बुक्स लौटाने लगा वो बोली भैया ये गंदी बुक है मुझको नही पढ़ना.

मैने मुस्कुराते हुए कहा अगर गंदी है तो फिर तुम्हारा एक हाथ पेंटी के अंदर क्यों था बोलो…..वो भी मुस्कुरा दी और अपनी नज़रें नीचे कर ली मैने अपने हाथ से उसकी ढाढ़ी पर हाथ लगाते हुए मुस्कुराकर बोला………बोलो……..बोलो….गंदी है तो क्यों पढ़ रही थी? मैने उसकी मुस्कुराहट का फ़ायदा उठाया और उसको जल्दी से लिप्स पर एक किस कर दिया वो ये देखकर हैरान रह गयी और बोली भैया आप ये क्या कर रहे हो मैं आपकी बहन हूँ मैने कहा जब गंदी बुक पढ़ती हो तो ये सब याद नही रहता है की इस बुक मैं जो स्टोरी हैं वो सब तो भाई बहन की ही हैं उन्हे पढ़कर मजा ले सकती हो लेकिन वास्तव मैं क्यों शर्म करती हो चलो शर्म छोड़ो चलो हम लोग साथ साथ पढ़ते हैं और उसके पास आकर बैठ गया वो बोली भैया नही ये गंदी बुक है इसको हम एक साथ कैसे पढ़ सकते हैं.

मैने कहा ये समझो मैं यहाँ नही हूँ थोड़ी देर पहले तो पढ़ रही थी अब क्या हुआ और ये कहते कहते मैने उसके सामने किताब खोलकर उसके हाथ मैं पकड़ा दी वो बोली भैया रहने दो ना प्लीज़ तो मैं बोला अच्छा ठीक है 3-4 स्टोरी दिल ही दिल मैं चुपचाप पढ़कर रख देंगे वो बोली नही भैया ठीक है 1 स्टोरी मैने कहा ओके ठीक है लेकिन स्टोरी मैं पसंद करूँगा वो बोली ठीक है मैने उसमें से एक लंबी सी स्टोरी निकाली जो की बुआ की लड़की की चुदाई की ही थी और मेरी स्टोरी से मिलती जुलती थी हम दोनो एक दूसरे के आजू बाजू बैठ गये और मन ही मन मैं पढ़ना शुरू किया मुझे पढ़ने मैं थोड़ी परेशानी हो रही है ये कहकर मैं उसके पीछे पैर लंबे करके बैठ गया और उसकी गर्दन की तरफ से देख कर पढ़ने लगा मैने पढ़ते पढ़ते उसकी गर्दन पर सिर रख दिया तो वो बोली भैया सीधे बैठे रहो.

मैने कहा यार किरण मेरी गर्दन दर्द करने लगी है इसलिये सिर रखा है धीरे धीरे मैं उसके कान मैं अपने मुँह और नाक से लंबी लंबी साँसे लेकर गर्म करने लगा बुक पढ़ते पढ़ते उसके हाथ और शरीर का कंपन मुझे साफ दिख रहा था वो भी अब गर्म हो चुकी थी मैने अपना एक हाथ बड़ी तेज़ी के साथ उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया उसने गुस्सा दिखाते हुए बुक रख दी और बोली भैया ये क्या है हाथ बाहर निकालो मैने कहा कुछ देर पहले तो अपना हाथ डाल रखा था मेरे हाथ मैं क्या काँटे लगे हैं देखना मेरे हाथ से बहुत मज़ा आयेगा वो अपने आप को इधर उधर हिलाकर उठकर जाने का प्रयास करने लगी और मैने अपना दूसरा हाथ उसकी चूची पर रखकर उसको अच्छी तरह से जकड़ लिया.

वो बोली आप मान जाओ भैया। मैने कहा मान जाऊंगा लेकिन स्टोरी पूरी पढ़ने के बाद वो बोली ठीक है इससे ज़्यादा कुछ हरकत मत करना वरना देख लेना फिर मैने हँसते हुए कहा दिखाओंगी तो देख भी लूँगा वो बोली भैया आप बहुत गंदे हो आपके बारे मैं मैने कभी ऐसा नही सोचा था। और तभी मैने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकालकर उसको पीछे से जकड़ कर एक झटका अपनी लेफ्ट साइड दिया जिससे मैं उसकी पीठ पर लेट गया अब वो मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर उसके दोनो बूब्स को जकड़े हुए मैने किरण को कहा किरण तुम बहुत सुंदर हो मैं आज तुमको जी भरकर प्यार करना चाहता हूँ। उसका मन भी कर रहा था लेकिन वो शर्म से बोल नही पा रही थी इसलिए वो बोली ठीक है भैया लेकिन उपर उपर से करना अंदर मत डालना वरना मैं प्रेंग्नेंट हो जाउंगी मैने कहा मैं तुमको प्रेंग्नेंट नही होने दूँगा मैं कन्डोम से कर लूँगा.

वो बोली अभी रहने दो मौली का आने का टाइम भी हो रहा है शाम का खाना भी बनाना है रात को करेंगे मैं बोला ठीक है और हम दोनो खड़े हो गये वो शाम के खाने की तैयारी करती रही मौली 30-40 मिनिट के बाद आई लेकिन मैं तब तक उसके पीछे लगा लगा उसको कभी किस करता कभी उसकी चूचीयों को दबाता उसके हिप्स पर हाथ फेरता और वो इसका जवाब मुस्कुराकर देती वो भी चुदने के लिए बड़ी उतावली हो रही थी मौली जब घर आई तो उसने मुझे नमस्ते भैया बोला मैने उसको नमस्ते कहा और मैं उसको देखकर बिल्कुल दंग रह गया वो गजब की सुंदर हो गयी थी 18 साल की जो हो गयी थी तो मेरा दिल उसको देखकर ललचाने लगा मैने सोचा की काश किरण के साथ साथ इसकी भी मिल जाये तो मज़ा आ जाये.

मौली मुझे देखकर बोली भैया क्या सोचने लगे मैने उसके बूब्स की तरफ देखकर बोल ही दिया मौली तुम तो काफ़ी बड़ी हो गयी हो और पहले से काफ़ी सुंदर भी वो भी मुस्कुराकर बोली भैया आप काफ़ी दिनो बाद हमसे मिले हो शायद इसलिये आपको ऐसा लग रहा है किरण और मौली दोनो नाइट मैं एक बेड पर और उन्होने कहा भैया आप इसी कमरे मैं सोना चाहते हो तो इसमें एक चारपाई डाल दूँ या दूसरे कमरे मैं बेड पर सो जाओ मैं तो अलग कमरे मैं सोना चाहता था। इसलिये मैने कहा नही मैं दूसरे कमरे मैं सो जाऊंगा और मैं किरण को उस कमरे मैं आने का इशारा करके दूसरे कमरे मैं चला गया किरण, मौली के सोने के बाद करीब 10 बजे मेरे पास आई उसकी नज़रें झुकी हुई थी चेहरा शर्म से लाल हो रहा था लेकिन वो आज मज़ा लेना चाहती थी.

मैं बेड से उठा और उसके पास जाकर उसको बाहों मैं भर लिया और उसको बिस्तर पर लेटा दिया मैने उसके चेहरे पर अपने होठो से किस की बारिश सी कर दी उसने भी जवाब मैं मुझको 3-4 किस की वो अभी भी वो शर्मा रही थी। मैने रूम की लाइट बंद की और नाइट लेम्प ऑन कीया। मैने पहले उसकी टी-शर्ट उतारी और उसके बाद उसकी लोवर अब वो सिर्फ़ अंडरगारमेंट्स मैं थी गुलाबी ब्रा से उसके 36 साइज की चूचीयाँ निकलने को बेताब हो रही थी मैने उसकी ब्रा को भी उसके नीचे हाथ लगा कर खोल दिया उसकी चूचीयाँ बड़ी मस्त थी मैने पहले उनको किस किया और फिर धीरे धीरे से कभी उनको सहलाता और कभी उनको चूसता मैं कुछ मिनिट तक सिर्फ़ उसकी चूचीयों को ही प्यार करता रहा उसके बाद मैने उसकी पेंटी भी उतार दी उसने शाम को ही उसको साफ किया था एकदम चिकनी होकर आई थी वो चुदवाने के लिए.

मैने उससे पूछ ही लिया किरण दोपहर मैं तो चिकनी नही थी तुम्हारी ये कब चिकनी की? तो वो बोली भैया शाम को खाना बनाना के बाद अब मैं उसकी जांघों के नीचे बैठ गया और उसकी चूत को काफ़ी देर तक चूसा वो भी मस्त होकर अपने चूतडो को उठा उठा कर ये बता रही थी की उसको खूब मज़ा आ रहा है इसके बाद मैं उसके उपर चड गया और जैसे ही उसकी चूत पर अपना लंड रखा तो वो बोली भैया कन्डोम लगाया क्या?तो मैं बोला नही तो वो बोली भैया कुछ गड़बड़ ना हो जाए तो मैने कहा मैं अपना वीर्य बाहर निकाल दूँगा तुम चिंता मत करो वो बोली ठीक है मैने पहले उसको अच्छी तरह से जकड़ लिया और उसकी चूत पर अपना लंड रखकर एक ज़ोर का झटका दिया लगभग सारा लंड उसकी चूत मैं घुस गया वो ज़ोर से चिल्लाना चाहती थी लेकिन मैने उसका मुँह दबा दिया उसकी चीख वही दबकर रह गयी.

वो बोली भैया बहुत दर्द हो रहा है थोड़ी देर के लिए बाहर निकालो मैने कहा ऐसे ही रहने दो थोड़ी देर मैं ठीक हो जायेगा थोड़ी देर मैने कोई हरकत नही की मैने उसका ध्यान इधर उधर करने के लिए होठो पर किस किया और जब वो नॉर्मल हो गयी तो मैने अपनी स्पीड बड़ा दी कुछ देर बाद हम दोनो ही झड़ गये जब मैं उसके उपर से उठा तो देखा बेड शीट पर काफ़ी खून और वीर्य पड़ा है मैने किरण से बोला की इसको सुबह साफ कर देना वो बोली ठीक है उस रात मैने किरण को 2 बार आगे से और एक बार पीछे से चोदा और मैने अगली रात को मौली को चोदने के लिए भी प्रोग्राम बना लिया था उसके लिए मैने क्या किया ये मैं आपको अगली कहानी मैं बताउंगा..

मुझे आशा है आपको मेरी यह स्टोरी जरुर पसंद आयेगी.

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दीदी की रंगीन रातो का चौकीदार https://sexstories.one/didi-ne-chudwaya-ajnabi-se/ Wed, 15 Dec 2021 07:00:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3508 अब पूरा माहौल बन गया था कमरे में सिर्फ़ बाजी की सिसकारियां और फच्च फक्च की आवाज़ मुझे रोमांचित करने लगी. मेरी बाजी मजे से लन्ड ले रही थी और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था और करता भी क्या जब बाजी खुद मजे से लन्ड ले रही है..

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Didi ne chudwaya ajnabi se नमस्कार दोस्तों. मै दाशिन खान राजस्थान के छोटे से गांव का रहने वाला हूं मेरी उम्र 23 साल है सबसे पहले मै आपको अपने परिवार का परिचय करवा देता हूं मेरे घर में हम 6 भाई बहन है 3 बहने और 3 भाई मेरे से सब बड़े है सब की शादी हो चुकी है मेरे को छो़कर… यह कहानी मेरी सबसे बड़ी बाजी (दीदी) सुल्ताना की है जिसकी उम्र करीब 42 साल है शादी शुदा औरत है दिखने में भोली भाली और शरीफ लगती हैं व हमारे घर के पास में ही उनका ससुराल है जहां वो अपने पति के साथ रहती हैं उनके 4 बच्चे हैं

बाजी दिखने में सुंदर है ज्यादा गोरी तो नहीं फिर भी उनकी हाइट ज्यादा और थोड़ी मोटी होने से उनका फिगर कातिलाना है मोटी मोटी आंखे, बड़ी बड़ी चूचियां और जांघे और सबसे ज्यादा आकर्षित उनके बहुत बड़े बड़े चूतड जो चलने पर बहुत मस्त लगते थे ! गाव में औरतें घाघरा चोली ही पहनती हैं मेरी बाजी भी यही पहनती थी जीजाजी 45 साल के है और हट्टे कट्टे लगते हैं यहां गांव में ज्यादा तर का काम खेती का ही होता है हालाकि बाजी कभी कभी नौकरानी का काम भी कर लेती हैं बड़े घरो में खाना बनाने का

मै बचपन से ही अपनी बाजी के पास ज्यादा रहा हूं क्युकी हमारे गांव में स्कूल नहीं था इसलिए मैं उनके पास रहता था और पढ़ाई करता था जब मै छोटा था और मेरे में समझ कम थी तब रात को बाजी और जीजाजी रात को उठकर घर के अंदर जाते थे और 15-20 मिनट बाद वापस आ जाते थे बस मुझे बाजी की चूड़ीयो की और सिसकारी की आवाज आती थी पर मुझे उस समय पता नहीं था कि अंदर क्या होता था बाद में पता चला कि अंदर क्या होता था
खैर बात साल भर पुरानी है काफी समय बाद अब मै शहर में रहता था और पढ़ाई करता था जब भी मैं घर जाता तो पहले मै बाजी के घर जाता था क्यूकी शहर से जो बस जाती वो जीजा जी के गाव जाती आगे मै जीजाजी की बाइक लेकर घर जाया करता था

उस दिन भी मै शहर से रवाना हुआ जीजा जी को फोन लगाया तो बंद बता रहा था मैंने सोचा घर पर होगे तो आज उन्हें मिलकर सरपाइज देता हूं रात को करीब 10 बजे मै उनके गांव पहुंच गया बस स्टैंड से पास में ही उनका घर था तो मैं उनके घर की तरफ रवाना हुआ बाजी का घर बाकी घरों से सबसे अंतिम में है उनके घर में 2 गेट है एक सामने और एक पीछे

पीछे की तरफ गायो का बाड़ा बना हुआ है मै धीरे धीरे उनके घर के पीछे वाले हिस्से में पहुंचा था और सोचा जीजा जी कोल करू की आप आगे का गेट खोले मै आ रहा हूं

जैसे ही मै पीछे वाले गेट के पास पहुंचा मुझे बाजी के घर के पिछले रूम जो स्टोर रूम बना हुआ है उसमे से आवाज आई मै रुक गया थोड़ा रुका तो फिर लगा कोई आपस में बात कर रहे हैं मैंने सोचा कोन हो सकता है इतनी रात में वो भी स्टोर रूम में मै पीछे गेट से स्टोर रूम की खिड़की जो बाहर की तरफ थी उसके पास गया और आवाज सुनने लगा तो बाजी की आवाज सुनाई दी

आह धीरे से करो ना आज कोई नहीं है….

मुझे अजीब लगा दीदी और जीजू यहां क्यू आए हैं वो यह सब कुछ आगे वाले रूम में भी कर सकते थे ….

बाजी की आवाज फिर सुनाई दी आज सिर्फ बच्चे ही है और कोई नहीं आप आराम से करिए।।।

मेरा दिमाग खराब हो गया मतलब की बाजी के साथ जीजू नहीं थे कोई और था मै शोक हो गया पहले सोचा घर का आगे का गेट बजा देता हूं पर मै वही रुक गया और आवाज सुनने लगा कि बाजी के साथ और कोन है

मै बिल्कुल खिड़की के पास चला गया और अंदर देखने लगा तो लाइट बंद थी पर जो टूटी फूटी चारपाई थी उस पर बाजी लेटी हुई थी और एक आंदमी उस पर चढ़ा हुआ था शायद वो बाजी के चूचे दबा रहा था जिसे बाजी हल्की सी सिसकारी ले रही थी क्युकी चारपाई का मुंह खिड़की के पास में था इसलिए बाजी का सर बिल्कुल खिडकी से सटा हुआ था यानी कि बस कुछ ही दूरी पर मेरी बाजी को बजा रहा था.

थोड़ी देर तक बाजी की आवाज़ आई “अब राहा न जाता मुझे चोदो ना”

अब मुझे भी मजा आने लगा और मेरा हाथ अपने आप पैंट में चला गया और मैं अपने लन्ड को दबाने लगा

कुछ देर बाद पायल की आवाज सुनाई दी और वह बाजी को लिप किस करने लगा

अभी फिर उस आदमी की आवाज़ आई

‘मेरी जान तैयार हो’ उधर से बाजी की सिर्फ हम्ममम की आवाज़ आई

अचानक से बाजी जोर से चीखी

, मादरचोद आराम से मारेगा क्या’

उफ्फ आराम से उम्मम्मम हाय री’

अब बाजी की पायल की आवाज़ आने लगी और साथ में चारपाई की चू चू करती आवाज़

मेरा लन्ड पूरा तन गया था और मै भी मूठ मार रहा था

अब पूरा माहौल बन गया था कमरे में सिर्फ़ बाजी की सिसकारियां और फच्च फक्च की आवाज़ मुझे रोमांचित करने लगी

मेरी बाजी मजे से लन्ड ले रही थी और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था और करता भी क्या जब बाजी खुद मजे से लन्ड ले रही है तो मुझे क्या दिक्कत

खैर कमरे से आती गालियों की आवाजे भी अब मुझे मधुर लगने लगी

बाजी- मादर चोद आराम से करो ना मै कोई रडी नही हूं

आदमी- साली हमेशा मैरा मोटा लन्ड लेती हो और बोलती हो रांड नहीं हो ।।।। ‘साली आज तेरी बुर् फाड़ दुगा” “साली रांड ले मेरा लन्ड पूरा”

बाजी बड़े मजे से लन्ड खा रही थी उसका छोटा भाई सिर्फ़ उसकी धमाके दार चुदाई देख रहा था

करीब 15 मिनट बाद उनका तूफान शांत हुआ वो आदमी बड़े जोर से चिल्लाता हुआ बाजी के भोसड़े में झड़ गया

उनके साथ मेरे लन्ड का पानी भी निकल गया और मैं धीरे से आगे वाले गेट पर आ गया और बाजी को आवाज़ लगाई

थोड़ी देर बाद बाजी बाहर आयी और मुझे देखकर बोली “अरे छोटे तू कब आया’

मैंने कहा “अभी आया हूं बाजी

बाजी थोड़ी सी डरी हुई थी और उसकी हालत थोड़ी थोड़ी खराब थी और होती थी क्यों नहीं अभी एक आदमी से जमकर अपना भोसड़ा मरवा के आय्यी हो

मै अंदर आ गया तो बाजी बोली “छोटू तुम रुको यहां मै तेरे लिए खाना लगा देती हूं”

और इतना कहकर वो पीछे वाले गेट की तरफ गयी शायद वो आदमी अभी पीछे वाले गेट पर ही था

मै भी उठा और पीछे की तरफ चला गया पीछे की तरफ देखा तो वहां कोई नहीं था थोड़ा और पीछे गया तो सामने बाड़े में उस आदमी ने मेरी बाजी को पकड़ रखा था क्युकी चांदनी रात थी इसलिए मुझे सब साफ दिख रहा था

एक लंबा सा और मोटा सा आदमी मेरी बाजी पकड़े हुए था मुझे तो बहुत आश्चर्य हुआ कि केसे इस सांड को बाजी ने अपने ऊपर लिया हुआ था

बाजी कराहा कर बोली “”जाओ जल्दी छोटा भाई आ गया है”

तो वो आदमी बोला “तो क्या हुआ भाई को भी देखने दे कि केसे उसकी बहन रात में अपनी चुदाई करवाती हैं”

इतना कहकर उसने मेरी बाजी के होठ अपने मुंह में ले लिया

मै मन हारकर रह गया कि कोई मेरी बाजी को मेरे सामने मसल रहा है और मैं सिर्फ़ देख रहा हूं

मै वापस आकर रूम में बैठ गया थोडी देर बाद दीदी वहां पर आई उसके बाल बिखरे हुए थे और गालों पर काटने जैसे निशान थे

मैंने कहा “बाजी इतनी देर कहा लगा दी”

तो वो बोली “छोटू गाय के बाड़े में सांड घुस गया था उसे निकालने गई थी”

मै मन में ही बोला “अभी तो वो सांड आपके ही ऊपर था”

खैर थोडी देर इधर उधर की बाते हुई और मै सो गया

सुबह बाजी ने उठाया और चाय दी

मैने चाय ली और कहा “बाजी जीजा जी कहा है

वो बोली”तेरे जीजा जी पास के गांव में गए है कुछ खेतो के काम से 2 दिन बाद आएगे”

मैने नहा धोकर खाना खाया और पीछे गेट पर आ गया और धूप सेकने लगा इतने में बाजी आ गई और हम बाते करने लगे

बाजी- “छोटे अब बता कैसी चल रही है तेरी पढ़ाई ”

मै बोला”बहुत ही अच्छी है बाजी”

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बाजी- “घर कब जा रहे हो अम्मी के पास”

मै बोला”शाम को जीजा जी की बाइक लेकर जाऊगां”

पर वो बोली “बाइक तो तेरे जीजा जी ले गए”

थोड़ा सोचकर बोली “एक काम हो सकता है अपने स्कूल के सर जी पीछे ही रहते हैं उनके पास बाईक है तुम ले जाना और वापस आते हुए ले आना”

मैने कहा”तुम केसे जानती हो सर जी को” तो वह कहने लगी कि ‘स्कूल में प्रोग्राम होता रहता है इसलिए मै वहां खाना बनाने जाती हूं”

और बाजी ने सर जी को फोन किया और सब बात बताई तो वह बोला मैं आ रहा हूं 10 मिनट में

और थोडी देर बाद एक आदमी आया

अरे यह तो रात वाला ही आदमी है जो मेरी बाजी को चोदकर गया था

उसने कहा “यह लो चाबी छोटू शाम से पहले चले जाना यहां बहुत सर्दी है”

मुझे तो ऐसा लगा कि बो बोल रहा हो कि शाम से पहले चले जाना क्युकी रात में तेरी बाजी मेरे से भोसड़ा मरवाएगी

खैर वो बोलकर चला गया

और हम इधर उधर की बाते करने लगे

इतने में जीजा जी का कोल आया तो पहले बाजी बात करने लगी बाद में उसने मेरे बारे में बताया तो जीजाजी ने कहा कि यह यह तो बहुत ही अच्छा हुआ कि मुझे अभी 4-5 दिन और लग जाएंगे तुम छोटू को अपने पास में रहने देना
शायद बाजी को यह अच्छा न लगा और लगता भी केसे उसका प्लान खराब हो गया था

मै खुश हो गया और बाजी मायूस हो गई

मैने कहा “क्या हुआ बाजी”

वो बोली “कुछ नहीं”

ऐसे करके 2 दिन निकल गए

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