desi incest porn Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/desi-incest-porn/ Hindipornstories.org Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बन गया मैं बहन का पति https://sexstories.one/behanchod-bankar-behan-ko-choda/ Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 https://sexstories.one/?p=4368 मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा..

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Behanchod – Ban Gaya Behan Ka Pati – एक बार मैं अपनी मामी की लड़की यानि मेरी दीदी के यहाँ मुंबई गया। मेरी दीदी के घर में तीन लोग थे। मेरी दीदी, जीजा जी और उनका तीन साल का एक लड़का। मेरी दीदी का नाम सोनी है। उसकी उम्र 28 साल थी फिगर 36-30-38 था। वह बहुत सेक्सी लगती है, जब चलती तो ऐसा लगता कि दिल पर छुरियाँ चला गई। उसकी गांड बहुत ही मस्त और मोटी है। उस पर उसका गोरा बदन और मोटे मोटे बोबे ! उसको देखते ही ऐसा लगता था कि बस कैसे भी इसे चोद डालूँ !

अब मैं असली बात पे आता हूँ। जीजा जी बहुत शराब पीते थे इसीलिए वो बहुत परेशान रहती थीं। एक दिन कुछ ऐसा हुआ जो शायद दीदी और मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। हुआ यूँ कि जीजा जी ऑफिस से आये और मुझसे कहा- आ आज शराब पियेंगे।

मैंने मना किया पर वो नहीं माने और मुझे उनके साथ बैठना पड़ा। उन्होंने एक शराब की बोतल निकाली और हम पीने लगे। हम लगभग पूरी बोतल पी गए। जीजा जी को बहुत नशा हो गया था। हमने खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।

अचानक रात में मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी।

मैं उठा और दीदी के कमरे की खिड़की से देखने लगा कि कुछ हुआ तो नहीं है।

तभी मैंने देखा कि जीजा जी ने दीदी की साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी पैंटी को उसके बदन से अलग कर दिया और अपना लंड पेल दिया उसकी बुर में। जीजा जी का लंड बहुत छोटा था। दो मिनट बाद ही जीजा जी झड़ गए और वहीं नशे में सो गए।

दीदी की आँखों में आँसू थे, वो उठी और कमरे से बाथरूम जाने लगी कि अचानक उन्होंने मुझे देख लिया। मैं भी वहाँ से चला गया और रात भर उनकी बुर के बारे में सोचता रहा। उसकी चूत क्या मस्त थी ! बिल्कुल गुलाबी ! एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर ! उसे सोचते सोचते ही मैं तो जैसे पागल हो गया। मैंने रात में मुठ मारी और सो गया।

सुबह जब उठा तो पता लगा कि जीजा जी दस दिनों के लिए पुणे गए हैं। मैं और दीदी एक दूसरे को देख रहे थे।

मुझे उसके पतली कमर के साथ डोलते हुए चूतड़ बहुत विचलित करते थे, मैं सोचता था कि उसे नंगी करने के बाद उसके गोरे गदराये चूतड़ कितने प्यारे लगेंगे.. उन्हें सहलाने में और दबाने में कितना मजा आएगा ! और कमर से ऊपर नज़र जाते ही.. उफ़ उसकी भरी हुई छातियाँ.. उसके स्तन एकदम कसे हुए थे.. एक बच्चे की माँ लेकिन स्तन जैसे बीस साल की कुंवारी लड़की के.. 36 साइज़ होगा उनका.. दोनों उसके ब्लाऊज़ या कुरते के अन्दर एक दूसरे से चिपके हुए रहते थे.. जिसके कारण उसके बीच की घाटी बहुत ही उत्तेजक दिखाई देती थी। सब कुछ मिला कर मेरे जैसे कामी पुरूष के लिए वो एक विस्फोटक औरत थी…

अब मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे अलग नजरों से देखना शुरू कर दिया था। शायद वह मेरी नजरों की भाषा समझ रही थी। हम दोनों एक दूसरे से खुल कर बातें करने लगे थे। जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। सूट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुंह में पानी आ जाता था।

एक रात मैं दीदी के कमरे में झांक रहा था तो जो देखा उससे मेरे रोंगटे खड़े हो गए ! दीदी टीवी पर ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत को जोर जोर से अपने हाथों से रगड़़ रही थी ! मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया, मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं खड़े खड़े मुठ मार कर उसे शांत किया।

मैं समझ गया कि जीजा जी से दीदी की बुर शांत नहीं होती है, वो प्यासी है उसकी बुर में आग लगी है और मेरा काम बन सकता है।

एक दिन मैं सोने के लिये बेडरूम में आ गया तो देखा की दीदी अपनी गैलरी में खड़ी थी। मैंने सोचा कि मौका अच्छा है। फ़िर तुरन्त ही अपना पैन्ट उतार कर, वो मुझे देख सके, उस तरफ़ मुँह करके अपने लण्ड को तेल लगा-लगा कर मालिश करने लगा।

जैसे ही उसने मुझे नंगा देखा, तुरन्त अपने कमरे में भाग गई। दोस्तो, मेरा लण्ड अगर किसी भी औरत या लड़की ने देखा तो चखने का मन बन ही जाता है। फ़िर मैंने खिड़की के काँच से देखा तो पता चला कि वो दरवाजे के पास कुर्सी डाल कर चुपके से मेरे कमरे में झांक रही थी।

मैंने सोचा कि मेरा काम हो गया। अब दीदी की आँखों में मुझे वासना नज़र आने लगी थी, बस मैं मौके के इंतज़ार में था।

एक दिन वो मेरे पास आई और उसने कहा- मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है और मैंने एक जरूरी इमेल करनी है। क्या मैं तेरा लैपटॉप प्रयोग कर सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !

मैंने कहा- दीदी, आप बैठिये, मैं लैपटॉप देता हूँ !

मैंने ऐसे ही लैपटॉप पकड़ा दिया। जैसे ही उन्होंने लैपटॉप देखा तो दीदी का चेहरा लाल हो गया, उसने झिझकते हुए कहा- भैया, तुम ही वेब साईट खोल कर दे दो।

मैंने लैपटॉप लिया तो देखा कि नंगी वेब साइट्स खुली हुई थी, मैं घबरा गया और बोला- सॉरी, यह लीजिये ! अब सब ठीक है !

दीदी बोली- शादी नहीं हुई है तो खूब ऐश हो रही है?

मैंने कहा- मन तो बहुत करता है मगर कुछ भी नहीं कर पाता, सिर्फ इन्टरनेट का ही सहारा है !

उसने कहा- क्या तुम मुझे इन वेब साइट्स के लिंक लिख कर दे सकते हैं?

मैं हैरान रह गया ! मैंने कहा- क्या दीदी?

वो बोली- हाँ ! वो असल में तुम्हारे जीजा जी को दिखानी हैं, शायद ये देख कर वो थोड़ा रोमांटिक हो जायें !

मैंने पूछा- क्यों? क्या वो अभी रोमांटिक नहीं है?

तो दीदी बोली- रोमांटिक का र भी नहीं आता उनको ! रात को आते हैं, शराब पीते हैं और मेरे हाथों में अपने छोटे से लंड को देकर कहते हैं- हिला दो ! मैं उसे झरवा देती हूँ और फिर वो सो जाते है। मेरे अरमान और बदन की गर्मी वहीं की वहीं रह जाती है। मैंने कई बार कोशिश की, मगर वो समझते ही नहीं ! कहते है कि बहुत थक गया हूँ।

शादी से लेकर आज तक बस बहुत कम ही हमने सेक्स किया है जिसमें वो पूरा अन्दर तक भी नहीं जाता।

वो बोली- अंकित, ये मेरी बहुत व्यक्तिगत बातें हैं, किसी को नहीं बताना ! मैं तुम्हे ये सब बता रही हूँ कि तुमने रात सबकुछ देख लिया था।

मैंने घबरा कर कहा- आप चिंता मत करो !

मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है, हथौड़ा मारने की देर है।

फिर वो बोली- मेरा काम हो गया है, मैं चलती हूँ अपने रूम में सोने को। तुम भी सो जाओ।

पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको !

और कह के अपनी जींस नीचे कर दी, मेरा नौ इंच का लंड खड़ा हुआ फुफकार रहा था। वो पलटी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, पसीना उसके गाल से बहने लगा और चेहरा लाल हो गया। वो मेरे पास आई, मेरी आँखों में गुस्से से देखा और मुझे जोरदार थप्पड़ मार दिया।

मैं बहुत घबरा गया, शायद मैंने उसकी बातों से गलत समझ लिया था कि वो मेरे साथ अपनी प्यास बुझा लेगी। मुझे लगा कि अब मेरी बदनामी कर देगी ये !

मगर वो बोली- तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में??

मेरी सांस में सांस आई और जान में जान ! गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और दीदी को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा। मेरा हाथ उनके कुरते में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे।

उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी, एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी। मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक सैंकड़ों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए।

वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी। उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽ ऊऽऽऽ… म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द… म्म्मम्म्म्म… आआआअ… यही आवाजें निकल रही थी।

मैंने पंद्रह मिनट तक उनके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी। मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर रगड़ रही थी। लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में लो !

तो वो फट से तैयार हो गई और मेरा नौ इंच लम्बा लंड देख कर बोली- तुम्हारा तो बहुत लम्बा है, और मोटा है, बिल्कुल काला नाग है ये, तुम्हारे जीजा जी का तो छोटा सा ही था।

मैंने कहा- लम्बे लंड से चुदने में जो मजा आपको अब आएगा वो कहीं नहीं आएगा।

वो बोली- तो जल्दी से चोद दो ना !

और मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा लंड चूसने लगी 69 की पोजिशन में।

तभी उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया और आआअह ह्ह्ह्ह्हा आआऊऊउईईइ म्म्म्म्मा करने लगी और जोर से झड़ गई। मैंने उनका पूरा पानी साफ़ कर दिया चाट चाट कर !

फिर मैंने उनसे कहा- अपना कमीज उतार दो।

तो उन्होंने उतार दिया और मैंने उनकी चूची चूसनी शुरू कर दी। वो फिर से गर्म होने लगी और आआअह्हह्ह म्मम्माआअ करने लगी और अपनी चूत रगड़़ने लगी।

मैंने उनके मुंह में अपना लंड डाला, वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए !

कुछ देर बाद मैं अपनी जीभ से उनकी नाभि चाटने लगा।

वो बोली- क्या बात है तुममें ! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की ! मैं एक अरसे से इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है।

मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था दीदी।

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अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली ! मैंने उनकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया। वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा। मैंने उनकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उनका चिल्लाना और तड़पना !

मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो फिर पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उन्होंने पानी न झारा हो।

तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उनके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया ! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उनके होंठ बंद कर दिए और एक झटका मारा, मेरा तीन इंच लंड उनकी बुर में घुस गया। उनकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी !

अभी तीन इंच लंड ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी।

मैंने कहा- दीदी, जीजाजी ने तुमको चोदा हुआ है, फिर भी ऐसे चिल्ला रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो !

तो बोली- एक तो तुम्हारा मोटा है, दूसरा तुम्हें पता है कि उनका लंड कितना बड़ा है, जरा धीरे करो ना !

मैंने कहा- ठीक है !

तो फिर मैं फिर से धक्का लगाने लगा और उनकी चूची चूसने लगा।

मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे…

वो बोली- तुम जानवर हो ! मुझे छोड़ दो ! मेरी चूत फट गई ! मेरी जान निकल रही है, बाहर निकालो।

मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए तो वो और चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और जोर जोर से चोदने लगा। 5 मिनट बाद उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर शुरू हुआ असली चुदाई का मजा !
मैं जितनी तेज ऊपर से झटके मारता वो नीचे से उतनी ही तेजी से जवाब देती। सच दोस्तों क्या बताऊँ क्या क़यामत चुदाई चल रही थी कि तभी वो मुझसे चिपक गई और मेरे कंधे पर काटने लगी और उसने अपने नाखून मेरी पीठ में चुभा दिए। वो आअ आआ आआ आह्ह्ह्ह करती हुई झड़ गई, फिर कहने लगी- जल्दी करो अब सहन नहीं हो रहा।

मैंने भी उन्हें खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।

मैं थक कर उनके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी। दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उनकी चूत से निकाला।

मैंने प्यार से उन्हें खूब सारे और चुम्मे दिए। उनकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था। वो इतनी खुश थी कि उनकी आँखों से आँसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता !

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गायत्री – मेरी सेक्सी बहन https://sexstories.one/brother-sister-sex-story/ Mon, 15 Nov 2021 08:25:30 +0000 https://sexstories.one/?p=4790 मैंने उसकी जीभ के अंदर अपनी जीभ डाली, उसने मुझे एक तरफ खींच लिया और कहा कि हम बिस्तर पर जाएंगे और हमने 69 की स्थिति के साथ बिस्तर पर शुरुआत की! वो मेरा लंड चूस रही थी.. मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला...

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Brother Sister Sex Story- नमस्ते दोस्तों.. कहानी पर आते हैं.. मेरा नाम कुमार है और मैं हैदराबाद में रहता हूं, मैं 6 फीट और एथलेटिक, शादीशुदा हूं और रिश्तों में चुदाई वाली सेक्स कहानियां पढ़ने के बाद मैंने परिवार के सदस्यों के साथ संबंध बनाने के बारे में सोचा। मैंने अपनी सास के साथ भी सेक्स किया था जिसके बारे में मैं अगले भाग में बताऊंगा।

कहानी की बात करें तो, मेरी चचेरी बहन गायत्री, जो 20 साल से अधिक समय से विधवा है, के दो बच्चे हैं जिनकी शादी हो चुकी है। बेटा हैदराबाद में रहता है और बेटी अपने पति के साथ विजयवाड़ा में रहती है। वह आमतौर पर प्रत्येक घर में 15 दिनों तक रहती है।
चूंकि यह मेरी व्यावसायिक यात्रा थी, मैं हैदराबाद से विजयवाड़ा गया, मैं सुबह लगभग 7 बजे पहुंचा, मैं सीधे अपनी बहन के अपार्टमेंट में गया, मैंने घंटी बजाई और मेरी बहन मुझे देखकर हैरान रह गई।

उसने कहा अचानक कैसे आ गया?

मैंने कहा कि मुझे कुछ काम है तो मैंने सोचा कि तुमसे मिलूंगा, फ्रेश होकर चलूंगा।

उसने कॉफी तैयार की और मुझे फ्रेश होने को कहा मैंने उसकी बेटी के बारे में पूछा।

गायत्री ने कहा कि वे छुट्टी पर गए हैं और घर पर कोई नहीं है। वे 3 दिन बाद वापस आएंगे। मैंने कहा ठीक है, कम से कम तुम तो यहाँ हो, वरना मुझे एक कमरा बुक करना था। इसके बाद मैं नहाने चला गया। मैं नग्न स्नान कर रहा था, मुझे एक इरेक्शन हुआ, मैंने अपने डिक को झटका देना शुरू कर दिया, गायत्री के बारे में सोच रहा था …

मैं उसके शरीर के बारे में बता दूं.. वह 45 साल की छोटी ऊंचाई, मोटा पेट और गधे का आकार 36 30 38 के आसपास है !!

उसकी गांड सच में बहुत बड़ी है !!

जिस दिन मैं गया, उसने साड़ी पहनी हुई थी.. मैं उसके कर्व्स को स्पष्ट रूप से देख सकता था, यह सोचकर और सौभाग्य से मुझे उसकी पैंटी और ब्रा मिल गई, जो बाथरूम में धोने के लिए रखी गई थी। मैंने इसे सूंघा और मुझे और मूड मिला। मैंने अपना वीर्य उसकी पैंटी में गिरा दिया और अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट्स के साथ नहाने के बाद बाहर आया।

मैंने वैसे भी सोचा, चूंकि घर पर कोई नहीं है, मैं उसे मना सकता हूं और अपने सपने को सच कर सकता हूं।

उसने नाश्ता तैयार किया और मुझे फोन किया। मैंने कहा कि तुम भी फ्रेश हो जाओ, दोनों साथ में खाना खाएंगे। वह मान गई और नहाने चली गई। मैं सोच रहा था कि कैसे शुरुआत करूं। इस बीच वह मैक्सी में बाहर आ गई। उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी !! मैं चूंचो को लटका हुआ देख सकता था..

उसने मुझे दोनों के लिए कुछ और नाश्ता बनाने दिया और वह चपाती कर रही थी। मैं पीछे से गया और तरह-तरह की बातें करने लगा..

मैं उसके पीछे आया और कहा कि क्या मैं खाना बनाने में तुम्हारी मदद कर सकता हूँ?

उसने कहा नहीं, ठीक है!

चूँकि वह छोटी कद की थी, मेरा लंड उसकी पीठ को छू रहा था। मैंने अपने इरेक्ट डिक को कुछ और दबाया।

वह सिग्नल समझ गई और कहा कि मैं तुमसे कुछ पूछना चाहती हूं..

मैंने कहा ज़रूर।

उसने पूछा – क्या तुमने अपना वीर्य मेरी पैंटी में गिरा दिया?

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मैं दोषी महसूस कर रहा था और जवाब नहीं दे सका लेकिन फिर भी मुझे लगा कि इस स्थिति का फायदा उठाना सही है। कुछ मिनट की चुप्पी के बाद मैंने कहा हाँ! मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं और हमेशा तुम्हारे साथ सेक्स करने के बारे में सोचता रहा हूं.. आज मैं भाग्यशाली था कि कम से कम तुम्हारी पैंटी और ब्रा से तुम्हारी चूत और स्तन की गंध तो आ ही गई।

उसने मुझे घूर कर देखा और बोली- मैं तुम्हारी बहन हूं.. तुम इतनी मानसिक रूप से बीमार कैसे हो सकती हो?

मैंने जवाब दिया – तो क्या कुछ धर्मों में वे चचेरी बहनों से शादी करते हैं और सेक्स और बच्चे करते हैं, तो हम क्यों नहीं?वैसे भी घर पर कोई नहीं है। हम मजा करेगें। चिंता न करें.. यह आपके और मेरे बीच गोपनीय रहेगा।

वह कुछ देर तक कुछ नहीं बोली और फिर बोली- पहले अपना नाश्ता कर लो और मुझे थाली दे दो..

मैं लिविंग रूम में गया और नाश्ता किया।

बाद में गायत्री मेरे पास आकर सोफे पर बैठ गई और बोली- मुझे तुम पर भरोसा है, लेकिन यह गलत है।

मैंने कहा- कुछ नहीं होगा प्रिय, तुम चिंता मत करो..

और उसकी गर्दन और गालों को चूमने लगा.. मैं धीरे से उसके होठों के पास आया और उन रसीले होंठों को चूसने लगा..

मैंने उसके बड़े चूचे को दबाना शुरू कर दिया, ब्रा नहीं थी तो फील एक्साइटिंग था..

मैंने उससे पूछा कि उसने ब्रा क्यों नहीं पहनी, उसका जवाब चौंकाने वाला था..

उसने कहा कि उसने मेरे वीर्य को अपनी पैंटी में देखा और मुझे संतुष्ट करने के लिए सोचा..

मैं बहुत खुश था! मैंने उसे नाइटी उतार दिया और उसके विशाल स्तनों को देखा और उन भूरे स्तनों को उसके निपल्स चूस लिया। वे कठिन हो गए। फिर मैं उसकी चूत चाटने के लिए नीचे आया, वह थोड़ी बालों वाली थी और अच्छी खुशबू आ रही थी।

मैंने उसकी जीभ के अंदर अपनी जीभ डाली, उसने मुझे एक तरफ खींच लिया और कहा कि हम बिस्तर पर जाएंगे और हमने 69 की स्थिति के साथ बिस्तर पर शुरुआत की!

वो मेरा लंड चूस रही थी.. मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला और उसका सिर एक हाथ में पकड़ कर दूसरे हाथ में बूब दबा कर उसे चोदने लगा.

उसने पूछा- कैसा लग रहा है?

मैंने कहा- बहुत बढ़िया! मैं तुम्हें इतने सालों से चोदना चाहता था! आज मुझे तुम्हारी चुत चोदने का मौका मिला! आज मैं तुम्हारी चुत फाड़ दूंगा।

उसने मुझे खींच लिया और एक होंठ चूम दिया!

मैंने अपना सारा वीर्य उसकी गीली चुत में गिरा दिया……

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