desi gangbang sex stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/desi-gangbang-sex-stories/ Hindipornstories.org Thu, 23 Sep 2021 05:51:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बॉस ने बीवी के चूत का भोसड़ा बनाया https://sexstories.one/biwi-ko-boss-ne-choda/ Wed, 30 Sep 2020 16:39:34 +0000 https://sexstories.one/?p=231 हेलो दोस्तो मेरा नाम राहुल है.. मैं हिंदी सेक्स कहानियां (hindi sex kahaniyan))पढ़ने का शौक़ीन हु और अक्सर हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर सेक्स कहानियां (sex kahaniyan) पढ़ने आता हु.. मेरी उम्र 30 साल है ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तो मेरा नाम राहुल है.. मैं हिंदी सेक्स कहानियां (hindi sex kahaniyan))पढ़ने का शौक़ीन हु और अक्सर हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर सेक्स कहानियां (sex kahaniyan) पढ़ने आता हु.. मेरी उम्र 30 साल है और यह मेरी पहली और रियल स्टोरी है.

मेरी बीवी का नाम अंकिता है  और उसकी उम्र 28 साल है…. देखने में गोरी चिट्टी है…  5:30 फुट हाइट है… उसकी चुचियों का साइज  34 है… उसकी गांड का साइज 36 के करीब है   और स्वभाव से भी बहुत अच्छी है.

एक बार  हम पैसों की तंगी से बहुत परेशान चल रहे थे और मेरी नौकरी भी छुट्टी हुई थी इसलिए हम थोड़ी परेशानी में चल रहे थे…. एक दिन मैंने न्यूज़ पेपर में देखा एक कंपनी में लेडीस अकाउंटेंट की नौकरी है..

मैं अगले दिन अपनी बीवी को साथ लेकर उस ऑफिस में आ गया और वहां मैं  मैनेजर से मिला मैनेजर ने मेरी बीवी का इंटरव्यू लिया और मेरी बीवी  इंटरव्यू मैं पास हो गई और हमें जॉब का ऑफर मिल गया … अंकिता को सोमवार को नौकरी ज्वाइन करने के लिए बोला और मेरी बीवी खुशी-खुशी सोमवार को ऑफिस चली गई…

हम दोनों बहुत खुश थे कि अब पैसों की तंगी थोड़ी दूर होगी और इस तरह लगातार काम चलता रहा… लगभग 6 महीने बाद मेरी बीवी का प्रमोशन हो गया और एक दिन मेरी बीवी ने मुझसे कहा बिग बॉस की रिश्तेदारी में शादी है और वह मुझे भी चलने को कह रहे हैं…

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शादी थोड़ी दूर पर ही कैलाश मे थी. लगभग आधे घंटे का सस्ता था. मेरी बीवी को मैंने जाने की इजाजत दे दी और वह बहुत खुश हुई और तैयार होने लगी… उसने गहरे नीले रंग की साड़ी पहनी और और शादी में जाने के लिए तैयार होने लगी..

थोड़ी देर बाद ही उसके बॉस की गाड़ी ड्राइवर लेकर आया और मेरी बीवी को चलने को कहा मेरी बीवी गाड़ी में बैठ कर चली गई. मैंने सोचा की बॉस ने मेरी बीवी को ही क्यों इनवाइट किया, और किसी स्टाफ की लेडीस को क्यों नहीं कहा ?

मुझे कुछ शक हुआ और मैं भी बाइक लेकर पीछे पीछे चल दिया. थोड़ी दूर जाने पर ही वह पैलेस आ गया और मैं पैलेस की पार्किंग मैं ही रुक गया.. लगभग आधे घंटे बाद मेरी बीवी और बॉस वापस आ रहे थे. मैं उनको देखकर छुप गया और मैंने सोचा कितनी जल्दी कैसे आ गए…

मेरी बीवी और बॉस गाड़ी में बैठ कर चल दिए मैं भी पीछे पीछे इनको फॉलो करने लगा. थोड़ी दूर जाने पर एक फार्म हाउस के बाहर उनकी गाड़ी रुकी और मेरी बीवी और बॉस अंदर चले गए. शुक्र है वहां कोई वहां कोई गार्ड नहीं था…

मैं वहां बैक साइड में लगाकर साइड वाली खिड़की से अंदर देखने लगा… वहां एक सोफे पर दो आदमी और एक औरत बैठी थी.  मेरी बीवी और बॉस  भी जाकर बैठ गए. मेरी बीवी कंफ्यूज थी. बॉस शादी छोड़ कर इतनी जल्दी यहां क्यों आ गए.. और वह यही सोच रही थी कि वह औरत जो वहां बैठी थी वो क्यों आयी थी…

वो औरत थोड़ी देर में एक विस्की की बोतल और चार गिलास ले आई और गिलासों में व्हिस्की डालने लगी. सबको व्हिस्की सर्व की मेरी बीवी को भी दी. पर मेरी बीवी ना मना कर दिया. बॉस कहने लगा की व्हिस्की ना लो कोल्ड ड्रिंक तो पी लो..

और वह औरत मेरी बीवी के लिए कोल्ड ड्रिंक ले आई. कोल्ड ड्रिंक मेरी बीवी ने ले लिया और पीने लगी. थोड़ी देर में ही मेरी बीवी को नशा सा होने लगा और वह वही लेट गई.

बॉस के कहने पर मेरी बीवी को वह औरत एक कमरे में ले गई और जाकर बेड पर लिटा दिया. मैं भी दूसरी साइड जाकर उस कमरे की तरफ देखा तो साइड में से सब अंदर का दिख रहा था. थोड़ी देर बाद बॉस और यह तीनों उस कमरे में आ गए.

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मेरी बीवी नशे में पूरी चूर थी और बेड पर लेटी हुई थी. मेरी बीवी की साड़ी जांघो तक ऊपर थी और वह सीधी लेटी हुई थी. बॉस के इशारे पर उस औरत ने मेरी बीवी के ब्लाउज के हुक खोलने शुरू कर दिए. मेरी बीवी की चूचियां एकदम खड़ी खड़ी थी और ब्लाउज खुलते ही अंदर से पिंक ब्रा दिखाई देने लगी,  इसमें मेरी बीवी के दोनों संतरे कैद थे.

बॉस ने मेरी बीवी के ऊपर झुककर मेरी बीवी के होंठ चूसने लगा और दोनों संतरे दबाने लगा. मेरी बीवी के चूचियां एकदम उसकी मुट्ठी में थी और  बॉस उनको ऐसे दबा रहा था कि जैसे रबड़ की कोई गेंद हो. बॉस ने मेरी बीवी की पेट पर से साड़ी हटा दी और उसकी गहरी नाभि को चाटने लगा.

थोड़ी देर बाद ही बॉस ने मेरी बीवी की साड़ी उतार दे मेरी बीवी पेटीकोट और ब्रा मे थी. बॉस ने मेरी बीवी का पेटीकोट ऊपर करना शुरू कर दिया. पूरा पेटीकोट ऊपर कर दिया.  मेरी बीवी की गोरी जांघ केले के पेड़ की तरह चिकनी थी.

बॉस ने जब पेटीकोट पूरा ऊपर कर दिया तो नीचे मेरी बीवी की गुलाबी रंग की पेंटी नजर आने लगी. बॉस मेरी बीवी की चूत पेंटी पर से ही देखने लगा..

मेरी बीवी की चूत के लिप्स एक पावरोटी की तरह फूली हुई थी… बॉस ने चूत की दरार को ऊपर से ही रगड़ना शुरू कर दिया.

उसके बाद बॉस ने मेरी बीवी की जांघों को हाथ फेरते हुए उसकी पैंटी उतार दी. उसके बाद बॉस  की  खें जब मेरी बीवी की चूत पर पड़ी…

बॉस देखता ही रह गया मेरी बीवी की चूत पर एक भी बाल नहीं था और चूत पावरोटी जैसी फूली हुई थी..

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हमारी किरायेदार https://sexstories.one/%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%87%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b0-hindi-sex-stories/ Fri, 07 Aug 2020 09:37:23 +0000 https://sexstories.one/?p=44 मेरा नाम राहुल है, बीस साल का हूँ, मैं महाराष्ट्र में कोल्हापुर में रहता हूँ और सांगली के कॉलेज में पढ़ता हूँ। यह मेरा पहला यौन अनुभव है जिसे मुझे आप सबके साथ बांटने में ख़ुशी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम राहुल है, बीस साल का हूँ, मैं महाराष्ट्र में कोल्हापुर में रहता हूँ और सांगली के कॉलेज में पढ़ता हूँ। यह मेरा पहला यौन अनुभव है जिसे मुझे आप सबके साथ बांटने में ख़ुशी होगी। हमारे घर का ऊपर का माला हमने किराये पर दिया है जिसमें एक खूबसरत आंटी और उसका पति रहता है, उनकी शादी को कुछ 2-3 साल हुए हैं पर अभी तक उन्हें कोई बच्चा नहीं है। आंटी बहुत खूबसूरत और सेक्सी हैं। desi sex chudai

वो जबसे हमारे यहाँ रहने आये थे तब से ही मुझे उस आंटी के साथ सेक्स करने की ख्वाहिश थी और मेरी हरकतों से वो यह जान गई थी। उसका बदन ही ऐसा है कि कोई भी उस पर फ़िदा हो जाये, गोरा बदन, लम्बे बाल बड़े-बड़े भरे हुए स्तन, वो जब चलती है तो उसकी गांड क्या मस्त दिखती है ! उसका आकार होगा 38″…

जब भी मौका मिलता, मैं उसके बदन को छूता और वो कुछ नहीं कहती थी। ऐसा बहुत दिन तक चलता रहा। अब मैंने उसके साथ सेक्स करने की योजना बनाई।

एक दिन मेरे घर वाले एक शादी में जाने वाले थे। तब मैंने “मेरी तबीयत ख़राब है !” यह कह कर जाने को टाल दिया…

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जब सब चले गए तो मैं उस आंटी के कमरे में चला गया। उसका पति भी दफ़्तर गया हुआ था और रात को आठ बजे के बाद आने वाला था। अब पूरे घर में हम अकेले ही थे। मैंने पहले तो उससे यहाँ-वहाँ की बातें शुरु की, फिर उसके काम में हाथ बंटाने लगा और इसी बहाने उसे बार-बार छूने लगा और जब मुझे पूरा यकीन हो गया कि उसे कोई एतराज नहीं है तो मैंने अचानक उसका हाथ पकड़ लिया।

उसने कहा- यह क्या कर रहे हो? desi sex

मैं डर गया लेकिन और थोड़ी हिम्मत कर के मैंने कहा- आज कुछ मत बोलो !

और उसे अपनी तरफ खींच लिया। तब वो मुझसे अलग होने की झूठी कोशिश करने लगी, फिर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा। कुछ देर बाद वो भी गर्म होने लगी और मेरा साथ देने लगी।

फिर मैंने उसकी चुनरी हटा दी और उसके पूरे शरीर पर हाथ फिराने लगा। मैंने उसकी कमीज़ की ज़िप खोल दी और अन्दर हाथ डालकर उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगा। फिर मैं उसके गले पर, उसकी पीठ पर चूमता रहा। फिर मैंने उसकी कमीज़ पूरी उतार दी, जिससे उसका गोरा बदन, उसकी गुलाबी रंग की ब्रा मेरे सामने आ गई। यह सब देख कर मेरा लंड फटा जा रहा था। फिर मैंने उसके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ही चूसना शुरु किया और अपने हाथों से उसकी ब्रा खोल दी। जैसे ही मैंने ब्रा खोली, वो दो बड़े-बड़े स्तन छलांग लगा कर मेरे सामने आ गए। मैंने हल्के से उन्हें अपने हाथों में पकड़ा और जोर से दबा दिया और साथ मैं अपने दांतों से उसके चुचूकों को काटने लगा, जिसकी वजह से उसकी मुँह से आह की जोर से आवाज निकली…

फिर बहुत देर तक मैं उसके स्तन चूसता रहा… desi sex

फिर मैंने उसकी सलवार निकाल दी, उसने गुलाबी रंग की पैंटी पहनी थी जो अब आगे से भीग चुकी थी। मैं उसे बिस्तर पर ले गया और अपनी टी-शर्ट और जींस उतारकर उसके ऊपर आ गया। मैंने उसे बहुत चूमा उसके स्तनों को बहुत चूसा और नीचे की तरफ बढ़ा…

पहले तो मैंने उसकी पैंटी के आसपास अपनी जीभ घुमाई और फिर पैंटी के ऊपर जीभ घुमाने लगा। उसे बहुत अच्छा लग रहा था और वो मुँह से आह उम् ऊह्ह की आवाजें निकाल रही थी।

फिर मैंने अपने दांतों से पकड़ कर उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी गीली गोरी चूत को देख कर पागल हो गया, मैंने अपनी जीभ जैसे ही उसकी चूत पर लगाई उसने मेरे बालों को खींच कर मुझे अपनी चूत के ऊपर दबा दिया और मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी।

मैंने बहुत बार ब्लू फिल्म में चूत को चाटते हुए देखा है लेकिन तब पहली बार ऐसा किया … मैं उसकी चूत को बहुत देर तक चूसता रहा। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में भी डाली और वो सेक्सी आवाजें निकालती गई…

फिर वो उठ गई और मेरा लंड बाहर निकाला और बिना हाथ लगाये सीधे मुँह में ले लिया। इतना अच्छा मुझे कभी नहीं लगा था…

वो मेरे लण्ड को मुँह में लेकर वो अपने मुँह को ऊपर नीचे करने लगी …. यह मेरा पहला ही सेक्स अनुभव था इसलिए दो मिनट में मैंने उसका मुँह अपने माल से भर दिया और वो उसे ऐसे पी गई जैसे पानी हो…

Office sex kahani – ऑफिस में माया की सामूहिक चुदाई

गजब की बात तो मुझे यह लगी कि मेरा माल निकलने के बाद भी मेरा लंड खड़ा का खड़ा था और वो उसे चूसे जा रही थी। फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और मैं उसकी चूत और वो मेरा लंड चूसने लगी और दूसरी बार मेरा माल उसने अपने मुँह में भर लिया।

उसने कहा- अब मुझसे और सहा नहीं जा रहा, जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो ! desi sex

और यह कहते हुए वो बिस्तर पर लेट गई और अपने पैर फैला दिए। उसकी चूत को देख कर मैं उसके ऊपर आ गया और उसने अपने हाथों से मेरा लंड अपनी चूत पर रख लिया। फिर मैं अपना लंड उसकी चूत पर थोड़ी देर रगड़ता रहा और अचानक ही उसकी चूत में घुसा दिया जिससे वो चीख उठी, मेरा अभी आधा लंड ही उसकी चूत में था, मैंने और जोर लगाया और उसकी चूत में पूरा घुसा दिया, जैसे ही पूरा अन्दर गया उसने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए.. फिर मैं उसे उस अवस्था में तब तक चोदता रहा जब तक मेरा माल नहीं निकल गया।

उस बीच मैंने उसके होंठों को बहुत चूसा और उसे भी यह बहुत अच्छा लगता था तो वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।

चोदते-चोदते मैं उसके स्तन और चुचूक भी जोर से दबा रहा था लेकिन चुम्बन की वजह से वो चीख भी नहीं पा रही थी बस मुँह में ही आवाज निकाल रही थी। कुछ देर बाद वो मुझे जोर से चोदने को कहने लगी तो मुझे पता चल गया कि वो पानी छोड़ने वाली है।

मैं उसे जोर से चोदता रहा और उसने अपनी सांस रोक कर पानी छोड़ दिया, कुछ देर बाद मैंने भी अपना माल निकाल दिया।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा और पीछे से उसकी चूत चाटने लगा। पीछे से उसकी गांड क्या खूब लग रही थी, कुछ देर चूत चाटने के बाद मैं उसकी गांड भी चाटने लग गया और उसकी गांड गीली कर दी। फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उसके मुँह में चाटने के लिए दी और उसकी गांड में घुसा दी। उसकी गांड कुँवारी थी तो उसे दर्द होने लगा और वो निकालने के लिए बोलने लगी। फिर दो मिनट बाद मैंने उंगली निकाल ली और अपना लंड उसकी गांड के ऊपर रख दिया।

वो मुझे कहने लगी- गांड मत मारो ! desi sex

लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी, कब से मैं उसकी गांड को देख-देख कर मुठ मारता था और आज मौका मिला तो कैसे जाने देता…

फिर मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड में डालने की कोशिश की, लेकिन नहीं गया। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी गांड को बाहर की तरफ खींच दिया और फिर बहुत जोर से अपने लंड को धक्का दिया। तब सिर्फ आगे का हिस्सा ही अन्दर गया और वो- आह मर गई इसे बाहर निकालो…आह …. करके चीखने लगी …

लेकिन मैंने और एक धक्का दिया तब आधा अन्दर गया और जब तीसरी बार कोशिश की तो पूरा का पूरा उसकी गांड में फिट बैठ गया… वो बहुत चीख रही थी, उसे बहुत दर्द भी हो रहा था… फिर मैं थोड़ी देर ऐसे ही चुप रहा और नीचे से मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी और हिलाने लगा। तब उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा।

फिर धीरे धीरे मैं अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा और उसकी चूत में भी ऊँगली डालता रहा। कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और मैं जोर से उसकी गांड मारने लगा…

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मैं जब उसकी गांड मार रहा था तो उसके स्तन बहुत जोर जोर से हिल रहे थे… desi sex

कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी तो उसे दर्द होने लगा और वो मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी। जिससे मुझे और अच्छा लग रहा था।

और दो मिनट बाद मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में निकाल दिया। जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला, मेरा माल उसकी गांड के बाहर आने लगा।

उसके बाद हमने आराम किया और कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत और गांड फिर से मारी…

यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है आपको मेरी कहानी कैसी लगी, यह जरूर बताइए..

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तीन मोटे लंड और मम्मी की अकेली चूत https://sexstories.one/desi-mom-gangbanged-antarwasna/ Thu, 06 Aug 2020 21:22:17 +0000 https://sexstories.one/?p=27 हाय दोस्तो, मैं आज आपके सामने एक सच्ची हिंदी एडल्ट स्टोरी प्रस्तुत कर रहा हूँ जो मेरी अपनी मम्मी की है. वैसे तो सभी लोग माँ की बड़ी इज्जत करते हैं लेकिन जब मम्मी ही ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हाय दोस्तो, मैं आज आपके सामने एक सच्ची हिंदी एडल्ट स्टोरी प्रस्तुत कर रहा हूँ जो मेरी अपनी मम्मी की है. वैसे तो सभी लोग माँ की बड़ी इज्जत करते हैं लेकिन जब मम्मी ही इतनी बेशर्म हो जाएं कि वो तो हमेशा लंड के चक्कर में ही रहें, तो इसमें बेटे का क्या कसूर है. antarwasna

यह स्टोरी उस वक्त की है, जब मैं स्कूल में पढ़ता था, उन दिनों मैं शाम के समय गांव के सारे बच्चों के साथ मिलकर छुपा छुपी का खेल खेलता था. उस खेल में सभी बच्चे छुप जाते थे और एक बच्चा उन सबको ढूँढता था. वो जिसको सबसे पहले पकड़ता, उसे उस बच्चे को अपनी पीठ पर बैठा कर काफी दूर तक घुमाना पड़ता था, इसलिए सभी बच्चे ऐसी जगह जाकर छुपते कि जल्दी से नहीं मिल सकें.

हम अक्सर ऐसी जगह ही छुपते थे लेकिन एक दिन मैं अपने भूसे के छप्पर में जाकर छुप गया. शाम को थोड़ा अंधेरा भी होने लगा था तो अन्दर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. मैं काफी देर तक छुपा रहा तभी मैंने देखा कि कोई अन्दर एक परछाई सी दिखाई पड़ी तो मैंने सोचा कि शायद कोई लड़का मुझे ढूँढने आया है, तो मैं और भी ज्यादा अपने को छुपाने के लिए दुबक गया.

मैंने देखा कि वो परछाई मेरे से दूसरे वाले कोने में जाकर रूक गई. antarwasna

मैं तो एकटक उसे ही देख रहा था कि कुछ ही देर में दूसरी परछाई भी आई और उसने कुछ खुसुर फुसर की सी आवाज में कहा- भाभी कहाँ हो?

तो मुझे लगा कि यह तो मेरे चाचा की आवाज है. तभी दूसरी तरफ सें आवाज आई कि “इधर आ जाओ.”

अब मैं समझ गया था कि ये तो मेरी मम्मी और चाचा हैं. लेकिन ये यहां क्या कर रहे हैं.

मेरे दिमाग में न जाने क्या क्या विचार आने लगे लेकिन मैं तो बस अपलक उन्हें ही देखता रहा. अन्दर कुछ साफ तो नहीं दिख रहा था लेकिन उनकी परछाई से लग रहा था कि वो जरूर कुछ अलग ही कर रहे हैं.

जब मैं लगातार देख रहा था तो कुछ समझ में आने लगा कि चाचा मम्मी को दीवार के सहारे खड़ा करके अपनी कमर आगे पीछे कर रहे हैं और मम्मी ‘सीइइ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाय..’ कर रही हैं. antarwasna

मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया कि वो क्या कर रहे हैं और मम्मी ‘सीईइइ आह…’ क्यों कर रही हैं.

करीब 20 मिनट के बाद चाचा ने मम्मी को छोड़ा तो मम्मी दरवाजे की तरफ आकर अपने कपड़े ठीक करके बाहर चली गईं. चाचा ने कुछ सामान ऊपर हाथ करके छप्पर की छान के नीचे रख दी और वो भी बाहर चले गए.

मैं यह सब देख कर आश्चर्य में पड़ गया कि आखिर उन्होंने क्या किया है. खैर कुछ ज्यादा जोर ना देकर मैं घर में आ गया और खाना खाकर सोने लगा, लेकिन आज तो नींद मेरी आँखें के नजदीक भी नहीं आ रही थी. मम्मी पापा के पास सो रही थीं और चाचा खेत में चले गए थे.

वो सीन के बारे में सोचते सोचते पता ही नहीं चला कि कब सुबह हो गई और मम्मी ने मुझे जगाया.

अगले दिन मैंने देखा कि चाचा अभी खेत से नहीं आए हैं और मम्मी खाना बना रही हैं.

अब मैं आपको मेरी मम्मी कुसुम की फिगर के बारे में बताता हूँ कि मम्मी की हाईट करीब 5 फुट दो इंच है, कमर 28 इंच के करीब चूचियां 32 इंच व चूतड़ भी 30-32 के आस पास थे. मम्मी का वजन करीब करीब पचास किलो का होगा, वे एकदम छरहरी देह की हैं.

कल जहां चाचा ने कुछ सामान रखा था, मैं वहां गया और देखने लगा कि चाचा ने वहां पर क्या रखा था. मैं ढूँढने लगा तो मुझे वहां एक सफेद रंग का गुब्बारा मिला, जिसमें ऊपर से गांठ लगा कर बांधा गया था, उसमें कुछ सफेद रंग का गाढ़ा सा पदार्थ भरा था. मैंने वो पहली बार देखा था तो मैंने मम्मी से पूछने का निर्णय किया और उसे अपनी जेब में रख लिया.

घर पर आया तो मम्मी खाना बना कर फ्री हो गई थीं और वो बोलीं- बेटा आज स्कूल नहीं जाना क्या?

मैंने उनकी बात को अनसुनी करते हुए कहा कि मम्मी मुझे एक चीज मिली है.

“जरा दिखा तो वो क्या है?” ये कहते हुए वो मेरे पास आ गईं. antarwasna

मैंने वो चीज निकाल कर मम्मी को दिखाई तो मम्मी उसे देखते ही चौंक गईं और बोलीं- बेटा, ये तुझे कहां से मिली है?

मैंने बताया कि मम्मी यह तो अपने तूड़ी वाले छप्पर के पास पड़ी थी.

वह बोलीं- बेटा यह तो गंदी चीज है, इसे यहां क्यों लाये हो.. लाओ इसे मैं बाहर फेंक दूँगी.

मम्मी ने झट से उसे मेरे हाथ से ले लिया.

शाम को जब चाचा आए तो मैं थोड़ा बाहर की तरफ जाने चला गया और फिर उनकी बातें सुनने लगा. मम्मी चाचा को डांट रही थीं- देवर जी, तुम्हें इतना भी होश नहीं है कि कौन सी चीज कहां फेंकनी चाहिए, कल कंडोम वहीं पर पटक दिया जो धर्म को मिल गया था, यह तो शुक्र है कि वो मेरे पास ले आया, नहीं तो किसी को पता चल जाता तो क्या होता?

चाचा बोले- भाभी मैंने तो ऊपर रखा था. antarwasna

खैर चाचा ने मम्मी से गलती माफ करने को कहा और खाना खाकर खेत पर चले गए क्योंकि वहां पर पानी चल रहा था.

दोस्तो, यह खेल उनका यूं ही चलता रहा. एक दिन मम्मी ने मुझे एक पैकिट दिया और कहा कि बेटा इसे अपने कचरे के ढेर में फेंक आओ, तो मैं उसे लेकर गया लेकिन मेरा शैतान दिमाग कुछ और ही कह रहा था तो मैंने उसे खेला तो देखा कि उसमें कुछ बालों का गुच्छा सा था जो कम से कम मम्मी के सिर के तो नहीं थे. मैं उन्हें काफी देर तक देखता रहा, फिर मैंने देखा कि उसमें एक कपड़े का टुकड़ा भी था जो खून में सना हुआ था. मैंने उन सब चीजों को कुछ देर देखा फिर फेंक दिया और घर आ गया.

उस दिन पापा घर पर ही थे, वे काम पर नहीं गए थे क्योंकि चाचा 15-20 दिनों के लिए बाहर गए थे.

कुछ देर बाद पड़ोस के गांव का एक आदमी आया और पापा से कहने लगा कि तुम्हारी बुआ सास बहुत बीमार हैं और वो कुसुम से मिलना चाहती हैं.

पापा ने मम्मी से कहा कि कल तुम तुम्हारी बुआ से मिल आओ.

तो वो बोलीं- देवर जी भी नहीं हैं, मैं किसके साथ जाऊं?

पापा ने कहा- तुम धर्म को लेकर चली जाओ.

फिर मैं मम्मी के साथ अगले दिन पास के गांव जो हमारे गांव से करीब 7-8 किमी दूर था.. के लिए तैयार होकर निकल लिया. हम दोनों जैसे ही निकले तो मम्मी ने कुछ सोच कर आम रास्ते से जाने के बजाए छोटे रास्ते से जाने का निर्णय किया जो खेतों के बीचों बीच डोल से जाता था. क्योंकि आम रास्ता दो तीन गांवों से होकर जाता था. इसलिए सीधे ही जाने का निर्णय लिया. antarwasna

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