desi chudai kahaniya Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/desi-chudai-kahaniya/ Hindipornstories.org Sun, 17 Oct 2021 09:33:31 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 नौकरानी की बेटी को चोदा https://sexstories.one/naukrani-ki-beti-ko-choda/ Sun, 17 Oct 2021 09:33:31 +0000 https://sexstories.one/?p=3034 मैंने उसके कुरते में हाँथ डाल दिया और उसके बूब्स को मसलने लगा | वो गरम होने लगी थी फिर मैंने उसको अपनी बाँहों में उठा लिया और उसको अपने बेड रूम में ले गया और उसको बेड पर लिटा कर उसको किस करने लगा | फिर मैंने उसके कुरते को निकाल दिया उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी....

The post नौकरानी की बेटी को चोदा appeared first on Antarvasna.

]]>
antarvasna, hindi porn kahani naukrani ki beti ko choda नमस्कार दोस्तों मेरा नाम संजीव खुराना है और मैं गुजरात का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 26 साल है और मैं आज आप लोगो के सामने अपनी पहली खानी लेकर आया हूँ | ये मेरी कहानी सच्ची घटना पर आधारित है जो की मेरे साथ घटी है मुझे आशा है की ये आपको पसंद आयेगी | मैं आप लोगो को बात दूं की मेरा रंग गोरा और मैं दिखने में काफी हैण्डसम हूँ | मैंने जिम जाकर काफी अच्छी बॉडी भी बना रखी है मुझसे लड़कियां बहुत जल्दी इम्प्रेस हो जाती है | अब मैं आप सब को सीधे कहानी पर ले चलता हूँ |

मैं गुजरात में अपने मम्मी-पापा के साथ रहता हूँ और मेरी पापा सरकारी नौकरी करते है और मेरी माँ हाउसवाइफ है | आज जो कहानी मैं आप लोगो के लिए लेकर आया हूँ वो मेरी नौकरानी की बेटी की है | मैं आपको बता दूं की कुछ दिन पहले मेरी नौकरानी तबियत कुछ खराब थी जिसके कारण उसने अपनी बेटी को मेरे घर काम पर भेज दिया | उसका नाम आयशा था वो बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी थी | वो जब मेरे घर आई तो मैं तो उसको देखता ही रह गया | वो किसी तरह से नौकरानी तो लग ही नहीं रही थी | उसका फिगर 34-30-36 होगा | उसकी उम्र 23 साल होगी उसकी अभी शादी नहीं हुई थी | वो सलवार और कुरते में बहुत ही खुबसूरत लग रही थी | उसकी उठी हुई गांड देखकर मेरा लंड पैंट फाड़कर बाहर आने की कोसिस करने लगा  |

मैं उसको खड़ा होकर देखने लगा वो पोछा लगा रही थी तो उसके बूब्स उसके कुरते से बाहर झाँक रहे थे | उसने मुझे खड़ा देखा तो और झुक कर मुझे अपने बूब्स के दर्शन कराने लगी | मैंने खुद को कंट्रोल किया और मैं जाकर बाथरूम में मुठ मारने लगा | उस दिन वो अपना काम निपटाकर चली गयी मैं पूरा दिन उसके बारे में सोंचता रहा और रात को फिर उसकी मस्त गांड को याद करके मुठ मारी | मैं उस दिन बस यही सोंचता रहा की आयशा की चुदाई कैसे की जाए | मेरे एक रिश्तेदार के यहाँ शादी थी मेरे मम्मी-पापा अगले दिन वहां जा रहे थे | उन्होंने मुझसे भी चलने को कहा मैंने सोंचा की आज अगर मैं उनके साथ नहीं जाता हूँ तो मेरी बात कुछ आयशा के साथ बन सकती है |

मैंने उनसे बहाना बना कर कह दिया की मेरी कुछ तबियत ठीक नहीं है आप लोग चले जाईये | वो लोग सुबह जल्दी ही निकल गए और मैं घर पर अकेला था | मैं बहुत खुश था अमिने सोंचा की आज आयशा की चुदाई करके ही रहूँगा | मैं आयशा का इंतज़ार करने लगा | किसी ने दरवाजे की घंटी बजाई मैं खुसी से उचल पड़ा की आयशा आ गयी | मैंने जाकर दरवाजा खोला तो देखा की उसकी माँ आई हुई थी | मेरा मन बहुत ही निराश हुआ मैंने उसने पूछा की आंटी आप की तबियत ठीक हो गयी | उन्होंने कहा की हाँ अब कुछ पहले से बेहतर है और फिर वो अपना काम करने लगी | मैं अन्दर से झल्लाकर रह गया की आंटी आज और नहीं आती तो कितना अच्छा होता | मैं मन में सोच रहा था की मैं अगर शादी में चला गया होता तो ही सही था | फिर आंटी ने अपना काम किया और फिर वो चली गई | मैं दिन भर बहुत ही उदास रहा क्यूंकि मेरा बनाया प्लान फेल हो गया था | मैंने दरवाजे बंद किये और मैं सो गया | मैं दिन भर पद सोता रहा शाम के चार बज गए किसी ने मेरे घर की बेल बजाई मेरी नींद खुल गयी और मैंने सोंचा की आंटी फिर आ गयी होंगी |

मैंने उठकर दरवाजा खोला तो सामने आयशा खड़ी थी | मैं उसे देखकर बहुत खुश हुआ और वो मुझे देखकर हसने लगी क्यूंकि मैं सिर्फ अंडरवियर पहने हुआ था और मेरा लंड भी खड़ा था | मैंने नीचे देखा तो मुझे शरम आ गयी मैं जल्दी से अपने कमरे में गया और अपने कपडे पहन कर वापस आया | मैंने आयसा से पूछा की आंटी फिर नहीं आयी क्या बात है | उसने बताया की उनकी तबियत फिर खराब हो गयी और मुझे आना पड़ा | मैंने मन में सोंचा की बहुत अच्छा हुआ फिर क्या था वो अपना काम करने लगी वो झाड़ू लगा रही थी और मैं उसके मस्त चूतडो को देख रहा था मेरा लंड खड़ा होने लगा | फिर थोड़ी देर बाद वो रसोई में चली गयी और बर्तन धुलने लगी | मैं भी उसके पीछे रसोई में पहुँच गया और उसको पीछे से पकड़ लिया |

वो मुझसे खुद को छुड़ाने लगी और बोली की आप ये क्या कर रहे हैं साहब ये ठीक नहीं है कोई आ जायेगा | मैंने उसको कसकर पकड़ रखा था मैंने उसे कहा की कोई नहीं आएगा और मैंने कहा  की आयशा तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और मुझको तुमसे प्यार हो गया है | वो मुझसे कहने लगी नहीं साहब कहाँ आप और कहाँ मैं ये ठीक नहीं है | मैंने उससे कहा की तुम प्लीज मुझे साहब मत बोलो मुझे अच्छा नहीं लगता तुम मुझे संजीव बोल सकती हो | वो मुझसे छूटने की कोसिस करती रही पर मैंने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली और उसकी गर्दन को चुमते हुए उसके होंठों पर किस करने लगा |

थोड़ी देर बाद उसने विरोध करना बंद कर दिया और वो भी मेरा साथ देने लगी थी | मैंने उसके कुरते में हाँथ डाल दिया और उसके बूब्स को मसलने लगा | वो गरम होने लगी थी फिर मैंने उसको अपनी बाँहों में उठा लिया और उसको अपने बेड रूम में ले गया और उसको बेड पर लिटा कर उसको किस करने लगा | फिर मैंने उसके कुरते को निकाल दिया उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहन रखी थी | मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसके बूब्स को आजाद कर दिया | क्या मस्त बूब्स थे उसके एकदम दूध की तरह सफ़ेद थे | मैं उसकी चूचियों को अपने मुहँ में लेकर चूसने लगा | मैंने उसके निपल्स चूस कर लाल कर दिए थे | फिर मैंने उसकी सलवार का नाडा खोल दिया और उसकी सलवार निकाल कर उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा |

वो मदहोश होने लगी थी मैंने उसकी पैंटी निकाल दी उसकी गुलाबी चूत पर एक भी बाल नहीं था | मैंने उसकी चूत पर अपना मुहँ रखा और उसकी चूत को चाटने लगा | वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी और अपनी चूत को चटवाने लगी | मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी और घुमाने लगा वो मचल उठी उसने मुझसे कहा की मुझे बहुत ही मजा आ रहा है और चाटो इसे जोर से चाटो | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा | उसके मुहँ सी बहुत ही मादक सिसकियाँ निकल रही थी | फिर उसने मुझको बेड पर लेटने को कहा फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरे बदन को चूमने लगी मेरा पूरा बदन चूमते हुए उसने मेरी पैंट को खोल दिया और मेरी पैंट निकाल कर फेंक दिया | फिर उसने मेरी अंडरवियर को निकाल दिया और मेरे 8 इंच के लंड को देखकर वो बहुत खुश हुई |

उसने मुझसे कहा की तुम्हारा लंड तो बहुत ही मस्त है | वो कहने लगी की मैंने इतना मस्त लंड आज तक नहीं देखा | मैंने उससे पूछा की इससे पहले तुमने किसी के साथ सेक्स किया है | उसने बताया की उसका बहुत पहले अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया था | जो उसके पड़ोस में ही रहता था और अब उससे लड़ाई हो गयी है | फिर वो मेरे लंड को अपने मुहँ में डालकर चूसने लगी जैसे की वो लोलीपॉप चूस रही हो | मुझे बहुत मजा आ रहा था पहली बार कोई मेरा लंड चूस रहा था | उसने चूस कर मेरा लंड एक दम खड़ा कर दिया |

मैंने उसको ऊपर किया और मैं नीचे लेट गया मैंने उससे अपने लंड पर बैठने को कहा | वो मेरे लंड को अपनी चूत में डाल कर बैठ गयी | मैं धीरे-धीरे नीचे से धक्के लगाने लगा वो भी अपनी कमर चलकर मुझसे चूत चूत चुदवाने लगी | मैंने धक्के लगाने जोर किये तो उसके मुहँ से अह्ह्ह ओह्ह्ह्ह इस्श्ह्हह जोर से चोदो आह्ह्ह और जोर से मारो मेरी चूत अह्ह्ह ओह्ह्ह मुझे बहुत मजा आ रहा है चोदो जो से फाड़ दो मेरी चूत आह्ह्ह ओह्ह्ह की मादक आवाजे निकल रही थी | मैंने उसकी मस्त चुदाई की फिर वो झड गयी |

मेरा लंड अब भी नहीं झडा था फिर मैंने उससे कहा की मुझे तुम्हारी गांड मारनी है पहले तो कहने लगी की मैं गांड में नहीं लूंगी | पर मेरे बहुत कहने पर वो तैयार हो गयी मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी गांड में लंड डाल दिया और वो चीख पड़ी उसकी गांड टाइट थी फिर मैंने उसकी कमर पकड़ी और उसकी गांड को चोदने लगा मैंने उसकी जमकर गांड मारी और फिर मैंने उसको बाथरूम में ले जाकर नहाते हुए उसके साथ सेक्स किया फिर वो अपने घर चली गयी |

मैंने उसका नंबर ले लिया और मुझे जब भी चोदना होता था तो मैं उसको बुलाकर उसकी चुदाई करता था |

The post नौकरानी की बेटी को चोदा appeared first on Antarvasna.

]]>
रिश्तेदार के भाई की बेटी – भाग २ https://sexstories.one/rishtedar-ke-bhai-ki-beti-ki-chudai/ Wed, 13 Oct 2021 08:01:38 +0000 https://sexstories.one/?p=3014 हनी बेसुधी के आलम में थी लेकिन जब मैंने उसकी ब्रा खोल कर निकाल दिया और उसकी 34 इन्च की गोरी चूचियाँ अनावृत हुई तो उसे जैसे होश आया और वो अपने दोनो हाथों से अपनी चूचियों को छिपाने लगी, हालांकि मुँह से कुछ नहीं कहा। मैंने उसकी चूचियों का रसपान करना चाहता था लेकिन वो अपने हाथ ही नहीं हटा रही थी।

The post रिश्तेदार के भाई की बेटी – भाग २ appeared first on Antarvasna.

]]>
Desi Incest Sex / Ghar me Chudai ki kahani हनी बेसुधी के आलम में थी लेकिन जब मैंने उसकी ब्रा खोल कर निकाल दिया और उसकी 34 इन्च की गोरी चूचियाँ अनावृत हुई तो उसे जैसे होश आया और वो अपने दोनो हाथों से अपनी चूचियों को छिपाने लगी, हालांकि मुँह से कुछ नहीं कहा। मैंने उसकी चूचियों का रसपान करना चाहता था लेकिन वो अपने हाथ ही नहीं हटा रही थी।

अब मैंने उठकर उसकी स्कर्ट खोल कर नीचे कर दिया, हनी अपनी चूचियाँ छिपाने में लगी रही और मैंने उसकी कच्छी खींच कर उसकी चूत नंगी कर दिया।

उसने अपनी जाँघों पर जाँघ चढ़ा कर चूत छिपाने की कोशिश की लेकिन मैंने उसकी जाँघों को चौड़ा कर उसकी एक न चलने दी।

उसकी चूत पर छोटी-छोटी झाँटें थी, लगता था कुछ दिन पहले उसने साफ किया था।

अब हनी का शानदार चिकना ज़िस्म उद्घाटन के लिए मेरे सामने पड़ा था।

मैंने हनी के हाथों को उसकी चूचियों से हटा कर उन्हें अपने कब्जे में कर के धीरे-धीरे दबाने लगा।

कुछ देर दबाने के बाद मैंने बारी-बारी से उसकी चूचियों का रसपान किया।

हनी मेरे बालों को सहलाती रही।

थोड़ी देर तक चूचियों का मजा लेने के बाद मैं उठा और एक तकिया हनी के मस्त चूतड़ के नीचे रखा और उसकी अनचुदी योनि पर अपने होंठ रख कर मजा लेने लगा।

हनी के लिए यह पहला और नया अनुभव था, वो अपने हाथों से मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी।

मैं हनी की चूत की फाँकों को चौड़ाकर अपनी जीभ को नुकीला कर अन्दर तक छेड़ने लगा।

कुछ ही देर में हनी का चूतामृत मेरे मुँह में भर गया।

कुँवारी चूत का अमृत पीने के बाद मुझमें और ऊर्जा आ गई।

अब मैं हनी के बगल में लेटकर उसके सर को फिर अपनी बाँह पर रखकर उसके गालों को चूमने लगा और दाहिने हाथ से उसकी जाँघ और चूत को सहलाने लगा।

Sexy incest दोस्त और उसकी बीवी के साथ ग्रुप सेक्स

कुछ देर बार मैंने हनी के होठों को अपने होठों की गिरफ्त में लिया और दाहिने हाथ की उंगली उसकी चूत में डाल दिया।

हनी चिहुँक उठी लेकिन मैंने उसे मजबूती से जकड़ लिया और उंगली अंदर-बाहर कर लंड जाने की जगह बनाने लगा।

कुछ मिनट बाद मैं उठा तो हनी के होठों से कराह निकल रही थी।

मैं अपना काम करता रहा।

मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं मक्खन की टिकिया में उंगली धाँसे हूँ।

मैंने हनी को पुचकारते हुए कहा- हिम्मत बनाये रखो मेरी जान, अभी तो इसमें और भी मोटी चीज डालनी है।

हनी कुछ न बोलकर मेरे हाथ पकड़ कर अपनी चूत से हटाने लगी लेकिन मैं चूत में उंगली करते रहा।

कुछ देर बाद वो भी इसकी अभ्यस्त हो गई।

हनी लगातार अपनी गाण्ड उछाल रही थी।

मैं उसका चेहरा देख रहा था, साफ लग रहा था कि वो अपनी चूत में और भी मोटी चीज डलवाने के लिए उद्यत है।

अब मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और हनी की चूत की चीड़फाड़ के लिए तैयार हो गया।

पूरी तरह नंगा होने के बाद मैं हनी की जाँघों के बीच बैठा।

हनी ने मेरे लंड को देखकर घबराते हुए कहा- प्लीज इससे कुछ मत करो।

मैंने मुस्कुरा कर कहा- एक बार मज़ा लो तो, ऐसे ही लंड के लिए तो लड़कियाँ तरसती हैं।

फिर मैंने अपनी उंगलियों पर थूक लिया, आधा थूक अपने लंड के सुपारे पर लगाया और आधा हनी की चूत पर।

वैसे उसकी चूत पहले से ही गीली थी।

हनी चुपचाप देखती रही।

फिर मैंने हनी की चूत की फाँक अलग कर उसपर अपने लंड का सुपाड़ा रखा।

सुपाड़े के स्पर्श के से हनी सिहर उठी।

अब मैंने अपने लंड को आगे बढ़ाया।

हनी बहुत चीखी और रोई लेकिन मैंने बेरहमी से पूरा लंड हनी की चूत में पेलना जारी रखा और पूरा लंड पेलने के बाद उसको अपनी बाँहों में कसकर लंड अंदर-बाहर करने लगा।

हनी को चोदने का मेरा सपना अब पूरा हो रहा था।

हनी रोती-चिल्लाती रही और अपने मेरी पीठ पर मुक्कियाँ मारती रही, मैं उस वक्त उसे राक्षस नज़र आ रहा था।

लेकिन मैं उसे बहरा बनकर चोद रहा था।

मुझे दुनिया के सारे मजे हनी की चूत में इकट्ठे लग रहे थे।

हनी चिल्लाती रही, अपनी गाण्ड हिलाती रही और झड़ती रही।

करीब बीस मिनट की जोरदार चुदाई के बाद हनी को भरपूर मजा आने लगा।

जो हाथ मेरी पीठ पर मुक्कियाँ बरसा रहे थे वे ही अब गलबहियाँ करने लगे।

मैं कुछ देर पहले जो राक्षस नज़र आ रहा था, वही देवता लगने लगा।

हनी बार-बार अपने गालों को चुम्मी के लिए मेरे होठों से सटाने लगी।

मैंने चुदाई रोकी और हनी से कहा- लग रहा है मेरी जान तुम्हें भी खूब मजा आ रहा है?

हनी ने मेरी पीठ पर मुक्कियाँ मारते हुए कहा- तुम्हें मेरे मजे से क्या लेना? तुम अपना काम करो।

‘लो मेरी जान !’ कहते हुए मैंने हनी की ताबड़तोड़ ठुकाई करने लगा।

पाँच-सात मिनट बाद हनी का शरीर एक बार और अकड़ा और उसके मुँह से आवाज आई- रो…हित !

‘हन्नी !’ मेरे मुँह से भी आवाज निकली, फिर हम दोनो साथ ही झड़ गये।

फिर मैं उसके बदन के ऊपर से नीचे उतर गया।

हनी की चूत से खून निकलने लगा जिसे देखकर वो घबरा गई।

मैंने उसे समझाया कि यह उद्घाटन है, इसमें ऐसा ही होता है।

फिर वो मेरे साथ ही चिपक कर सो गई।

करीब दो घंटे के बाद वो अपने कमरे में चली गई।

अब क्या था, अगले दिन से हनी मेरे कमरे में रोज रात आने लगी।

कभी-कभी मौका मिलने पर दिन में भी। उसे अब लंड का चस्का लग गया था।

पूरे आठ दिन तक मैंने उसे खूब चोदा, उसकी गाण्ड मारी, लंड चुसवाया।

जैसे मन किया वैसे ठोंका।

बनारस का यह ट्रिप मेरे लिए हनीमून ट्रिप साबित हुआ।

अगले छः महीने तक मैं बनारस जाने पर उसे बीवी की तरह इस्तेमाल करता रहा, मतलब पेलो-खाओ।

बाकी दिन नियमित रूप से उसके साथ फोन सेक्स करता।

खैर मेरा लंड उसके लिए भाग्यशाली रहा और छः महीने बाद उसकी शादी हो गई।

आज वह एक बच्चे की माँ है और अपने पति के साथ खुश है। अब मुझसे उसका कोई सम्पर्क नहीं है।

The post रिश्तेदार के भाई की बेटी – भाग २ appeared first on Antarvasna.

]]>
चूत देकर खुश कर दो https://sexstories.one/main-callgirl-ban-gayi/ Fri, 08 Jan 2021 08:04:09 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%96%e0%a5%81%e0%a4%b6-%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%a6%e0%a5%8b/ मैं बिहार के एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं मेरा नाम राधिका है। मेरे पिताजी की गांव में ही एक छोटी सी दुकान है और उनका सपना हमेशा से यह था कि मैं ... >> पूरी कहानी पढ़ें

The post चूत देकर खुश कर दो appeared first on Antarvasna.

]]>
मैं बिहार के एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं मेरा नाम राधिका है। मेरे पिताजी की गांव में ही एक छोटी सी दुकान है और उनका सपना हमेशा से यह था कि मैं एक अच्छी जगह पढ़ाई करूं क्योंकि हमारे गांव में पढ़ाई का बहुत आभाव है इसलिए उन्होंने हमेशा ही मुझे कहा कि बेटा तुम पढ़ लिख कर किसी अच्छी जगह नौकरी करो मेरा तो यही सपना है और मैं उनका सपना पूरा भी करना चाहती थी.. indian callgirl

क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में बहुत मेहनत की इसलिए मैं अपने स्कूल के समय से ही उन्हें कहती कि आप लोगों का बुढ़ापे का सहारा में ही बनुंगी.

मेरे पिता ने भी मुझे कभी कोई कमी नहीं होने दी। हमारे स्कूल में बच्चों के पास साइकिल होती तो मेरे पिता ने भी मेहनत कर के मुझे एक साइकिल दिलवा दी, मुझे उस वक्त उस साइकिल की कीमत का तो ज्यादा अंदाजा नहीं था लेकिन मुझे इस बात का एहसास हो गया था कि मेरे पिताजी ने मुझे अपने खून पसीने की मेहनत से यह साइकिल दिलवाई है, उन्होंने कभी भी मुझे एहसास नहीं होने दिया कि मुझे किसी चीज की कमी हो और जब भी मुझे कभी कोई मुसीबत आती तो वह हमेशा मेरे साथ खड़े होते।

मेरी स्कूल की पढ़ाई भी अब पूरी हो गई थी.. indian callgirl

और मैंने पुणे के कॉलेज में एडमिशन लेने की सोची क्योंकि मुझे एमबीए करना था और मैंने पुणे से ही अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने की सोची.

मैंने जब प्रथम वर्ष में वहां दाखिला लिया तो मेरे पापा मेरे साथ कुछ दिनों के लिए पुणे में आए थे और उन्होंने मेरी रहने की सारी व्यवस्था की, मैं पुणे में हॉस्टल में रहती थी लेकिन मुझे हॉस्टल का माहौल कुछ ठीक नहीं लगा इसलिए कुछ समय बाद ही मैंने हॉस्टल से दूसरी जगह शिफ्ट कर लिया, मैं जिस घर में रहती थी वहां पर मेरी क्लासमेट मेरे साथ रहती उसका नाम शिखा है।

Desi randi ki mote lund se chudai

शिखा महाराष्ट्र की ही रहने वाली है और वह पढ़ने में भी बहुत अच्छी थी, पुणे में हमारे क्लास में जितने भी बच्चे थे वह सब अच्छे घरानों से थे इसलिए मैं भी उनकी तरह ही बनने की कोशिश करने लगी लेकिन मेरे पिताजी के पास जितना पैसा था वह उतने ही पैसों में मुझे पढ़ा रहे थे उन्होंने मेरी फीस तो भर दी थी..

लेकिन मेरे खर्चे भी अब बढ़ने लगे थे। indian callgirl

शिखा भी अच्छे घर से थी इसलिए वह मेरे लिए कभी कपड़े ले आती और कभी मेरी और जरूरतों को पूरा कर दिया करती, शिखा को मैं अपनी बहन की तरह मानती क्योंकि वह मुझे अपने साथ ही रखती थी और जब भी मुझे कुछ जरूरत होती तो वह मेरी जरूरतों को पूरा कर दिया करती।

कॉलेज का पहला बर्ष तो मेरा अच्छे से बीत गया था और जब हम लोग अगले वर्ष में पहुंचे तो मुझे लगने लगा कि मुझे भी अब पैसों की आवश्यकता है और मुझे कुछ करना चाहिए इसलिए मैंने कॉलेज के बाद एक पार्ट टाइम नौकरी करने की सोची क्योंकि कॉलेज के बाद काफी समय मेरे पास बच जाया करता था, मैंने शिखा से इस बारे में बात की तो वह कहने लगी यदि तुम्हें नौकरी चाहिए तो मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूं।

शिखा ने एक दिन मुझे अपने एक भैया से मिलवाया.. indian callgirl

उनसे मैं पहले भी एक दो बार मिल चुकी थी लेकिन मेरा उनसे इतना ज्यादा परिचय नहीं था परंतु उस दिन जब हम लोग साथ में बैठे हुए थे तो शिखा ने अपने भैया के बारे में मुझे बताया, वह किसी कंपनी में मैनेजर थे। मैंने उनसे कहा कि भैया मुझे यदि आप कहीं पार्ट टाइम नौकरी दिलवा दे तो मेरा खर्चा भी चल जाया करेगा, वह कहने लगे ठीक है..

मैं अपने किसी दोस्त से तुम्हारी नौकरी की बात करता हूं जैसे ही मुझे कहीं नौकरी के बारे में पता चलता है तो मैं तुम्हें तुरंत बता दूंगा। शिखा के भैया कुछ देर हमारे साथ बैठे रहे और उसके बाद वह अपने ऑफिस चले गए, शिखा मुझसे कहने लगी कि तू चिंता मत कर भैया पक्का कहीं ना कहीं तेरे लिए जॉब देख लेंगे, मैंने सिखा से कहा हां यार मुझे तो जॉब की बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि तुम्हें तो पता है कि अब खर्चे कितने बढ़ने लगे हैं और थोड़े पैसे भी मुझे पार्ट टाइम नौकरी से मिल जाए तो मैं अपना रहने का खर्चा उठा सकती हूं..

शिखा कहने लगी चलो यह तो तुमने बहुत अच्छा सोचा। indian callgirl

मेरा कॉलेज चार बजे छूट जाया करता था और उसके बाद मेरे पास समय बच जाता था, एक दिन शिखा के भैया का फोन आया और वह कहने लगे कि रेस्टोरेंट में नौकरी है यदि तुम वहां नौकरी कर सकती हो तो मैं तुम्हारी वहां बात करूं, मैंने उन्हें कहा हां भैया मैं वहां काम कर लूंगी, वह कहने लगे वहां पर तुम्हें पांच घंटे काम करना पड़ेगा, पांच बजे से दस बजे तक तुम्हारी शिफ्ट होगी.

मैंने उन्हें कहा हां भैया यह काम तो मैं जरूर करूंगी क्योंकि चार बजे मेरा कॉलेज छूट जाता है और उसके बाद मेरे पास समय बच जाता है। उन्होंने मुझे कहा मैं तुम्हें वहां का एड्रेस भेज देता हूं तुम वहां पर चले जाना और मेरा रेफरेंस दे देना, मैंने उन्हें कहा हां भैया आप एड्रेस भेज दीजिए मैं कल ही वहां चली जाऊंगी।

जिस दिन मैं सुबह सुबह इंटरव्यू देने गई.. indian callgirl

तो वह मुझसे बहुत इंप्रेस हुए और उन्होंने मुझे काम पर रख लिया मेरा काम वहां पर अकाउंट्स का था मैंने कुछ दिनों तक तो काम के बारे में समझा और उसके बाद मैं ही सारा काम देखने लगी, पांच बजे से दस बजे तक की शिफ्ट में मैं काम करती मुझे उसके बदले कुछ पैसे मिल जाए करते थे जिन पैसों से मैं अपने रहने का खर्चा उठाती और रहने का किराया भर दिया करती..

अब मुझे घर से पैसे मांगने की जरूरत भी नहीं पड़ती लेकिन फिर भी पापा घर से पैसे भिजवा ही दिया करते, मैंने उन्हें मना भी किया था लेकिन उसके बाद भी वह हर महीने मेरे अकाउंट में पैसे भिजवा दिया करते मैं उन पैसों को संभाल कर रखती क्योंकि मुझे पता था कि कभी ना कभी उन पैसों की जरूरत जरूर पड़ेगी, मेरे पास वह पैसे जमा हो जाते थे।

एक दिन शिखा का बर्थडे था तो मुझे उसे कुछ गिफ्ट देना था मेरे पास वह पैसे बचे थे, उन पैसो से मैंने शिखा को गिफ्ट दिया, जब उसने वह गिफ्ट देखा तो वह खुश हो गई और कहने लगी कि यह तो बहुत महंगा है, मैंने उसे कहा क्या मैं तुम्हारे लिए इतना भी नहीं कर सकती, शिखा खुश होकर कहने लगी तुमने तो मुझे सबसे महंगा गिफ्ट दिया है। उसने मुझे गले लगा लिया मैं भी बहुत खुश थी क्योंकि शिखा ने मेरे लिए बहुत कुछ किया है उसी की वजह से मैं पार्ट टाइम नौकरी कर पाई और जब भी मुझे जरूरत होती तो शिखा हमेशा मेरे साथ ही रहती, शिखा का मुझ पर बहुत एहसान था।

अब हमारे एग्जाम आने वाले थे इसलिए मुझे नौकरी छोड़नी पड़ी.. indian callgirl

मैंने उन्हें कह दिया कि सर मैं एग्जाम के बाद नौकरी पर आ पाऊंगी, वह कहने लगे कोई बात नहीं,  उन्होंने कुछ समय बाद ही दूसरी लड़की को काम पर रख लिया, मैं अब अपने पेपर की तैयारी करने लगी और जब हमारे एग्जाम हो गए तो मैं एग्जाम में पास भी हो गयी मेरे नंबर भी ठीक आए थे लेकिन मेरे पास अब काम करने के लिए कुछ भी नहीं था और जो पैसे पिताजी घर से भेजा करते वह पैसे खर्च हो जाया करते क्योंकि मेरा खर्चा भी बढ़ने लगा था लेकिन मैं पापा से नहीं कह सकती थी कि वह कुछ पैसे मुझे और दें।

हमारे कॉलेज की टाइमिंग भी अब बढ़ चुकी थी इसलिए मेरे पास काम करने का समय भी नहीं था और ना ही मुझे ऐसी कोई नौकरी मिल पा रही थी जिसमें कि मैं काम कर पाती इसलिए मैं अब सिर्फ कॉलेज जाती और कॉलेज से घर आती मेरे खर्चे बढ़ने लगे थे और पैसों के लिए मुझे तकलीफ होने लगी थी। शिखा मुझे कहती तुम चिंता ना करो लेकिन मुझे तो पैसों को लेकर बहुत टेंशन होती थी।

मेरे कॉलेज की एक लड़की मुझे मिली.. indian callgirl

वह मुझे कहने लगी आजकल तुम बहुत ज्यादा टेंशन में दिखाई देती हो। मैंने उसे कहा हां टेंशन की तो बात है क्योंकि पैसों की बहुत दिक्कत होने लगी है मुझे नहीं पता था कि वह एक कॉल गर्ल है जो कि पार्ट टाइम में कॉल गर्ल का काम करती है।

उसने मुझे अपने घर पर बुलाया और अपनी असलियत बताइ मुझे उसकी असलियत से कोई दिक्कत नहीं थी। उसने मुझे कहा यदि तुम भी यह काम करना चाहती हो तो तुम्हें उसके अच्छे पैसे मिल सकते हैं।

मैंने उसे कहा लेकिन मुझे यह सब करने में डर लगता है वह कहने लगी इसम डरने जैसी कोई भी बात नहीं है तुम मुझ पर भरोसा कर सकती हो मैं पिछले 2 सालों से यह काम कर रही हूं।

मैंने उससे सोचने का वक्त मांगा और उस रात में बड़ी बेचैन थी.. indian callgirl

मैं रात भर सोचती रही लेकिन मेरे पास कोई और दूसरा रास्ता नहीं था क्योंकि मैं अपने पापा पर और बोझ नहीं बनना चाहती थी और मेरे खर्चे भी दिन-ब-दिन बढ़ने लगे थे इसलिए मैंने कॉल गर्ल बनने की ठान ली। मैं अपनी पहली बुकिंग पर चली गई वहां पर मुझे एक अधेड़ व्यक्ति मिले जिन्होंने अपने घर पर मुझे बुलाया था। मैंने उन्हें देखा तो मुझे अजीब सा महसूस हुआ लेकिन मुझे तो अब यह काम करना ही था मैं उनके साथ बैठ गई।

उन्होंने मुझे कहा मेरा इस दुनिया में कोई भी नहीं है मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने मुझे पैसे देते हुए कहा तुम मुझे खुश कर दो मैं तुम्हें हमेशा अपने पास बुला लिया करूंगा।

मैंने भी उन्हें खुश करने में कोई कमी नहीं रखी मैंने उनके कपड़े उतारे और उनके लंड को तब तक सकिंग करती रही जब तक उनका लंड पूरी तरीके से खड़ा नहीं हो गया जब उनका लंड पूरी तरीके से कठोर हो गया तो मैंने उन्हें नीचे लेटा दिया।

यह मेरा पहला ही मौका था.. desi sexy callgirl

मैं उनके ऊपर बैठ गई मैंने अपनी चूत में लंड को लिया तो मेरे वर्जिनिटी खत्म हो गई और मेरी चूत से खून निकलने लगा मुझे काफी दर्द हो रहा था वह मेरे क्लाइंट थे इसलिए मैं उनके सामने अपने दर्द को बयां नहीं कर सकती थी।

वह मुझे अपनी बाहों में लेकर जोरदार झटके मारने लगे उनके झटको से मेरा पूरा शरीर हिलने लगा। मेरी चूत टाइट थी इसलिए वह ज्यादा समय तक मेरे साथ संभोग नहीं कर पाए मेरे अंदर उन्होंने अपने माल को गिरा दिया।

उसके बाद वह अक्सर मुझे अपने घर पर बुला लिया करते, मैं उन्हें खुश कर दिया करती।

The post चूत देकर खुश कर दो appeared first on Antarvasna.

]]>