desi biwi ki chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/desi-biwi-ki-chudai/ Hindipornstories.org Thu, 14 Jan 2021 05:56:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 दो लंड और बीच में मै https://sexstories.one/do-lund-se-chudi-main/ Thu, 14 Jan 2021 04:42:05 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%a6%e0%a5%8b-%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ac%e0%a5%80%e0%a4%9a-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a5%88/ मेरे पति जब ऑफिस से लौटते तो उनके पैर लड़खड़ा रहे होते थे और उनके चेहरे पर थकान रहती थी। यह सब ऑफिस की थकान थी वह काफी ज्यादा थके हुए नजर आते थे। मैं ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरे पति जब ऑफिस से लौटते तो उनके पैर लड़खड़ा रहे होते थे और उनके चेहरे पर थकान रहती थी। यह सब ऑफिस की थकान थी वह काफी ज्यादा थके हुए नजर आते थे। मैं उनसे कई बार कहती आप ऑफिस क्यों नहीं छोड। आप किसी और जगह क्यों काम नहीं करते लेकिन वह तो जैसे उसी ऑफिस में काम करने के लिए बने थे वह किस जगह और काम करना ही नहीं चहाते थे। do lund se chudi

वहीं पर उन्हें काम करना पसंद था मैं कई बार सोचती कि पता नहीं कुदरत को क्या मंजूर है। मेरी शादी को 5 वर्ष हो चुके थे लेकिन सुधीर और मेरे बीच में सिर्फ हमारे बच्चे को लेकर बात होती रहती थी। हमारे 3 वर्षीय बालक जिसका नाम सोनू है हम दोनों ने बड़े प्यार से उसका नाम सोनू रखा मैं उससे बहुत प्यार करती हूं और उतना ही प्यार सुधीर उससे करते हैं।

सुधीर को उसकी हमेशा चिंता सताती रहती है क्योंकि सुधीर चाहते थे कि वह उसकी अच्छी परवरिश करें वह बड़ा होकर एक बड़ा अधिकारी बने। इस बात से हमेशा सुधीर चिंतित रहते हैं और हर रात वह मुझसे सिर्फ यही बात कहते रहते की मीना कई बार मुझे सोनू की चिंता होने लगती है लेकिन सुधीर को भी पता नहीं था कि  उनकी किस्मत जल्द ही बदलने वाली है। जब हमें एक दिन हमारे गांव के चाचा ने बताया कि तुम्हारे पिताजी ने एक मकान खरीदा था वह चाहते थे कि उनके मरने के बाद मै तुम्हें यह बात बताऊं।

मेरे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह क्या बात कर रहे हैं। do lund se chudi

हम लोगों ने कभी उम्मीद तक नहीं की थी कि उनके पिताजी उनके लिए कभी कोई मकान छोड़कर जाने वाले हैं इस बात से हम दोनों ही खुश थे। चाचा जी ने हमें उस मकान की चाबी दी जब हम लोग वहां पर गए तो हमारी आंखें फटी की फटी रह गई एक आलीशान सा मकान था। मुझे तो ऐसा लगा जैसे कि हमारी झोली में अचानक से किस्मत की बौछार हो चुकी थी हम दोनों बहुत खुश थे। हम लोगों ने उस मकान में रहने के बारे में सोच लिया और जिस छोटे से घर में हम लोग रहते थे हम लोगों ने वह बेच दिया।

अब हम लोग एक अच्छी सोसाइटी में रहते थे..do lund se chudi

हमारे पास पैसे आ चुके थे जिससे कि हम लोगों ने अपनी जरूरतों के सामान खरीदना शुरू कर दिया। सोनू अब 5 वर्ष का हो चुका था हमने उसका दाखिला एक अंग्रेजी मीडियम में करवा दिया था। मैं उसे सुबह के वक्त स्कूल छोड़ने जाया करती थी सुधीर ने भी अब अपना खुद का ही बिजनेस शुरू कर लिया उन्हें बिजनेस में भी मुनाफा होने लगा था। हम लोगों की किस्मत तीन-चार वर्षों में पूरी तरीके से बदल चुकी थी इस बात से मैं और सुधीर बहुत खुश थे लेकिन सुधीर के अंदर अब भी पहले जैसा ही भोलापन था, वह अब भी उतने ही सीधे थे जितने पहले थे।

वह बिल्कुल भी नहीं बदले थे.. do lund se chudi

लेकिन मेरे अंदर बदलाव आने लगा था शायद यह बदलाव इस वजह से था कि हम लोग एक अच्छी सोसाइटी में रहने लगे थे और हम लोग अब पहले से बेहतर जिंदगी जी पा रहे थे। एक दिन हमारे पास चाचा आए और वह कहने लगे सुधीर बेटा सब कुछ ठीक तो चल रहा है ना। सुधीर ने बड़ी ही शालीनता से जवाब दिया और कहां पिताजी ने मेरे लिए इतना कुछ किया मैं जिंदगी भर यह सोचता रहा मेरे जीवन मे कुछ भी नहीं है। मुझे कभी उम्मीद तक नहीं थी कि पिताजी मेरे लिए इतनी बड़ी संपत्ति छोड़ कर चले जाएंगे उन्होंने मुझे इस बारे में क्यों नहीं बताया?

चाचा ने उस दिन जवाब दिया और कहा बेटा वह चाहते थे कि तुम मेहनत करो और अपने बलबूते ही कुछ करो लेकिन जब सही समय आया तो मुझे लगा मुझे तुम्हें तुम्हारे हक को देना चाहिए और उस घर का मालिकाना हक तुम्हारा ही है मैंने तुम्हें उस घर की चाबी दे दी यह घर तुम्हारा है। सोनू भी अच्छी स्कूल में पढ़ता था और सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था लेकिन इसी बीच एक दिन हमारे पड़ोस में रहने वाली भाभी का मेरे साथ झगड़ा हो गया। जब उनसे मेरा झगड़ा हुआ तो मुझे नहीं मालूम था कि वह बड़ी ही गलत प्रवृत्ति की महिला हैं मैं उन्हें हमेशा ही अच्छा समझती थी लेकिन मेरे झगड़े का कारण सिर्फ यही था कि उन्होंने मेरी बुराई हमारे ही पड़ोस में रहने वाली एक महिला से कर दी।

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जब उन्होंने मेरे बारे में गलत कहा तो मुझे यह बात बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुई और मैंने उनसे इस बारे में पूछा तो वह कोई जवाब ना दे सकी। मुझे उनसे बात करने का बिल्कुल भी मन नहीं था परंतु मुझे क्या मालूम था कि वह बड़ी ही गलत प्रवृत्ति की महिला हैं वह अपने दिल ही दिल में ना जाने मेरे लिए क्या सोचती हैं। एक दिन उन्होंने अपने कुत्ते को खुला छोड़ दिया जिससे कि मैं जब सोनू को स्कूल लेकर जा रही थी तो उनका कुत्ता मेरे ऊपर झपटा जिससे कि उसने मुझे जख्मी कर दिया। मुझे यह बात तो पता थी कि यह सब उन्होंने ही किया है मैं भाभी को बिल्कुल भी माफ नहीं करने वाली थी और मैं यह चाहती थी कि उनके साथ में ऐसा ही कुछ करूं जिसे उन्हे इस बात का अंदाजा हो जाए की किसी के साथ कभी भी गलत नहीं करना चाहिए।

मैं भाभी के साथ बदला लेना चाहती थी… do lund se chudi

उससे पहले मुझे अपने जख्मों को ठीक करना था क्योंकि उनके कुत्ते ने मुझे काट लिया था मुझे अस्पताल जाना पड़ा और वहां पर मैंने इंजेक्शन लगवा लिए। मेरे पति ने जब मुझसे पूछा था कि कैसे यह सब हुआ तो मैंने उन्हें बता दिया कि यह सब माला भाभी की वजह से हुआ है उन्होंने जानबूझकर अपने कुत्ते को खुला छोड़ दिया था जिससे कि वह मेरे ऊपर झपट पड़ा और जिस वजह से मैं जख्मी हो गई।

मै ठीक होने लगी थी.. do lund se chudi

मैं सोचने लगी कैसे मैं भाभी के साथ भी ऐसा ही करूं मैं उनके घर के आसपास हर रोज जाया करती लेकिन उनका कुत्ता घर के बाहर ही बैठा रहता था। एक दिन मैंने गेट खोल दिया तो उनका पालतू कुत्ता घर से भाग गया उसके बाद ना जाने वह कहां चला गया आज तक उसका कोई पता नहीं चला। माला भाभी इस बात से दुखी थी उनका कुत्ता कहां चला गया उन्हें अपने पालतू कुत्ते से बड़ा लगाव था लेकिन अब वह कभी आने ही नहीं वाला था। वह इस बात से बहुत दुखी हो गई थी मैं इस बात से बहुत खुश थी कि उनका पालतू कुत्ता अब घर से भाग चुका है वह कभी वापस नहीं आने वाला है। भाभी को मुझ पर पूरा शक था यह सब मैने किया है लेकिन उनके पास कोई भी यह कहने वाला नहीं था कि मैंने ही यह सब किया है।

माला भाभी के बारे मे मुझे बड़ी जानकारी मिली.. do lund se chudi

यह बात मुझे उस वक्त पता चली जब मैं भाभी के घर पर एक रात देख रही थी तो मैंने देखा वहां पर कुछ लोग आए हुए हैं और वह घर के अंदर चले गए। मैं यह देख कर चौक गई क्योंकि रात का वक्त था और अंधेरा भी काफी हो रहा था मेरी समझ में नहीं आया कि वह लोग कौन है। मैं जब उस अंधेरे में अपने घर के गेट से बाहर निकल कर गई तो भाभी के दरवाजे की तरफ गई। मैंने देखा भाभी को दो-तीन लोग मिलकर चोद रहे हैं और उनके अंदर की इच्छा को शांत कर रहे हैं। भाभी ने किसी के लंड को अपने मुंह में ले रखा था और कोई भाभी की चूत मार रहा था लेकिन भाभी तो गांड मरवाने की शौकिन भी निकली। उन्होंने अपने गांड के मजे भी उन लोगों को दिए मैं यह सब अपनी आंखों से देखती रही मेरी योनि से भी पानी टपकने लगा था मुझे भी मजा आने लगा। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मै कैसे भाभी से इस बारे में जिक्र करूं क्योंकि वह तो मुझसे नफरत करती थी।

मैंने उनसे बात करना शुरू किया तो वह भी मुझसे अपने सारे गिले-शिकवे भूला कर बात करने लगी। मैंने भाभी से इच्छा जाहिर की और कहा मैंने एक दिन आपको और आपके आशिकों को देखा था उन्होंने आप की रेल बना कर रख दी थी वैसा ही मैं भी कुछ चाहती हूं क्या ऐसा करने में मजा आता है। भाभी ने अपने विचार मेरे सामने रखे और कहने लगी तुम एक बार ऐसा कर के तो देखो तुम्हें आनंद आ जाएगा यदि तुम्हें मजा नहीं आया तो तुम मेरा नाम बदल देना। भाभी की बातों में दम था मैंने उनकी बात मान ली उन्होंने मेरे लिए सारी व्यवस्था की और अपने घर पर एक दिन उन्होंने 2 लोगों को बुला लिया। पहले तो वह लोग भाभी को चोदते रहे और जब वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो गए तो मेरी योनि को चाटना जारी रखा। एक का लंड में अपने मुंह में ले रही थी मुझे सेक्स का असली आनंद आ रहा था मेरी गर्मी पर बढ़ती जा रही थी।

मेरी उत्तेजना पूरी चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी.. do lund se chudi

और उसी बीच एक व्यक्ति ने मेरे दोनों पैरों को खोलते हुए मेरी गीली हो चुकी चूत के अंदर अपने काले लंड को प्रवेश करवा दिया जैसे ही लंड मेरी योनि में प्रवेश हुआ तो मैं चिल्ला उठी और मुझे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा लेकिन मुझे मजा भी आ रहा था। काफी देर तक ऐसा ही चलता रहा जब दूसरे ने मेरी गांड मारनी शुरू की तो मेरे मुंह से चीख निकलने लगा। उसने मेरी बड़ी चूतड़ों को ऐसे पकड़ा हुआ था जैसे कि मै उसकी माल हूं। उस व्यक्ति ने मेरी गांड से खून निकाल दिया मैं दूसरे के कड़क और मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी जिससे कि मेरे अंदर अब भी उतना ही जोश बरकरार था लेकिन जब मेरी गांड के अंदर वीर्य की पिचकारी गई तो मैं पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुकी थी। दूसरे व्यक्ति ने मेरे मुंह पर अपने वीर्य की बूंदों को गिरा दिया कुछ बूंदे मेरे मुंह के अंदर भी जा चुकी थी। मुझे ऐसा लगा जैसे कि मैं पूरी तरीके से तरोताजा हो चुकी हूं उसके बाद तो भाभी ने ना जाने कितनी बार उन लोगों को घर पर बुलाया भाभी और मैंने पूरे मजे लिए। अब भाभी से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है हम दोनों की बहुत अच्छी बनती है।

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मकान मालिक की मस्त बेटी https://sexstories.one/makaan-maalik-ki-mast-beti/ Fri, 20 Mar 2020 09:30:12 +0000 https://sexstories.one/?p=468 हैलो फ़्रेंड्स, मेरा नाम आर्यन है, और मै उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर का रहने वाला हूं। इस समय मेरी उम्र 28 वर्ष है। मेरी हाइट 5 फिट 4 इंच है और मेरे लन्ड की ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैलो फ़्रेंड्स, मेरा नाम आर्यन है, और मै उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर का रहने वाला हूं। इस समय मेरी उम्र 28 वर्ष है। मेरी हाइट 5 फिट 4 इंच है और मेरे लन्ड की साइज 6 इंच से ज्यादा है। यह मेरी पहली कहानी है जो एक सच्ची घटना पर आधारित है। यह घटना आज से 4 वर्ष पहले घटित हुई थी।

बात उस समय की है जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर इलाहाबाद यूपीएससी की तैयारी करने पहुँचा। काफी मशक्कत के बाद एक रूम किराये पर मिल सका। रुम बहुत छोटा सा था। लेकिन एक अच्छाई यह थी कि मैं वहाँ पर अकेला किराएदार था। और मेरा कमरा ऊपर था और सामने बहुत बड़ा छत खाली था। जबकि नीचे के रुम में मकान मालिक अपने पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते थे। उनका बड़ा बेटा कहीं जॉब करता था उसकी उम्र लगभग 30 वर्ष थी उससे छोटा वाला बेटा एमएससी फर्स्ट ईयर में था। सबसे छोटी लड़की थी जिसका नाम मनस्वी था। उसकी उम्र 19 वर्ष के आस पास थी।

Antarvasna Hindi sex stories – मकान मालिक की बेटी को चोदा

मनस्वी एक मध्यम सी दिखने वाली लड़की थी। परंतु उसका फिगर लाजबाब था। उसका कोई तोड़ नही था। उसका साइज 36-28-34 था। उसको देखने के बाद कोई भी लड़का बिना मुठ मारे नहीं रह सकता। उसकी पूरी फैमिली हसमुख स्वभाव की थी।

मेरे आने के कुछ महीनों बाद ही गांव में प्रधानी का चुनाव होने वाला था। मेरे मकान मालिक गांव में सरपंच बनना चाहते थे। इसलिए वे और उनकी पत्नी गांव चले आये। अब यहाँ पर उनके तीनो बच्चे ही थे। बड़ा बेटा सुबह 10 बजे जॉब पर जबकि छोटा 9 बजे ही क्लास करने चला जाता था। छोटे बेटे का नाम मनु था वह बहुत अय्याश किस्म का था।

उसकी कई गर्लफ्रैंड थी। मम्मी पापा के जाने के बाद तो अब वह पूरे पूरे दिन गायब रहता था। मनस्वी पूरे दिन घर पर अकेली रहती थी। जिसके कारण अब मैं मनस्वी से बातचीत करने लगा था। उसने बताया कि उसका ग्रेजुएशन इसी वर्ष पूरे हुआ है। और अब घर वाले उसे आगे नहीं पढ़ा रहे हैं। तो मैंने उसे एसएससी के तैयारी की सलाह दी। और मैथ्स और जीएस भी पढ़ने का वादा किया। भाइयो के जाने के बाद अब वो पूरे दिन मेरे साथ पढ़ाई करने लगी थी।

एक दिन मनु अपनी एक गर्लफ्रैंड को घर पर लेकर आ गया। और अंदर कमरे में ले जाकर सेक्स करने लगा। उस समय मनस्वी मेरे साथ पढ़ाई कर रही थी। वह किसी काम के लिए अचानक नीचे गयी तो उसे कमरे से आह उह की आवाज आती सुनाई दी। उसने खिड़की से देखा तो पाया कि उसका भाई और उसकी गर्लफ्रैंड दोनों नंगे थे और 69 के पोजीशन में लन्ड और चूत को चाट रहे थे। उसने पहली बार ऐसा देखा था तो वही खड़ी होकर देखने लगी। वो काफी देर तक नहीं आयी तो मैं खुद नीचे गया।

Antarvasna Hindi sex stories – पड़ोसवाली भाभी की गुलाबी चुत

उसे मेरे आने का अहसास नही हुआ मैंने देखा कि वो कपड़े के ऊपर से ही अपने चूत को मसल रही थी। मैं दबे पांव उसके पास गया और कमरे का सीन देखकर आवाक रह गया। अंदर मनु अपने लण्ड को चूत में डालने की कोशिश कर रहा था। कोशिश करने में ही वह झड़ गया। जिसे देखकर उसकी गर्लफ्रैंड गुस्सा हो गयी और अनाप सनाप बकने लगी। इसको देखते हुए मनस्वी अचानक पलटी और मुझे देखकर शर्मा कर अपने कमरे में भाग गई और अंदर से दरवाजा बंद कर ली। मैं ऊपर अपने कमरे में चल आया। और मुठ मारने लगा तभी मैंने मनु के जाने की आवाज सुनी।

मैं तुरंत मनस्वी को चोदने का प्लान बनाने लगा। मैं तुरंत नीचे आया और मनस्वी को पढ़ने के बहाने बुलाने लगा। लेकिन कोई प्रतिक्रिया ना होते देख दरवाजे को धक्का दिया तो देखा कि वो अब भी अंदर से बंद था। मैंने दरवाजे के छेद से अंदर देखा तो पाया कि मनस्वी मोबाइल में कुछ देख रही थी और एकदम नंगी होकर अपने चूत को सहला रही थी। यह देखकर मेरे अंदर और आग लग गयी। और मैं अंदर जाने का जुगाड़ खोजने लगा। मुझे याद आया कि मनु के कमरे का दरवाजा मनस्वी के रूम में खुलता है। मैंने मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया और मनु के कमरे में घुस गया।

सौभाग्य से दरवाजा बंद नहीं था मैं धीरे से अंदर घुस गया। मनस्वी अब आँखे बंद कर अपनी चूत को सहला रही थी। मैं धीरे से उसके पास गया और उसकी खूबसूरती को निहारने लगा। उसकी चुचियाँ एकदम टाइट लग रही थी। उसकी कमर लाजबाब थी कमर पकड़ कर उसे तुरंत ही चोदने का मन कर रहा थाऔर चूत पर अभी छोटे छोटे रोयें आ रहे थे।

शायद उसको मेरे आने का अहसास हो गया था परंतु वह इतना उत्तेजित थी कि आँखे खोलकर देखा ही नहीं। मैंने अपने होंठों को उसके गुलाबी होठों पर रख दिया। उसके शरीर में कंपकंपी छूट गयी और उसने तेजी के साथ मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मैं उसके ऊपर गिर सा गया। मैं उसके ओठों को चूसने लगा तो मेरे पीठ पर उसके हाथों का दबाव बढ़ता ही गया। मैंने धीरे धीरे अपनी साँसों से उसके पूरे चेहरे का चुम्बन किया।

धीरे धीरे उसके गालों से होते हुए उसके गले पर हल्के से अपना दाँत गड़ा दिया, उसने अति उत्तेजना में मेरे पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए। उसके कान और कान के पीछे कीस करने पर तो वह बेकाबू सी हो गयी और मेरे कपड़े उतारने की कोशिश करने लगी। मैंने उसकी दोनों चुचियों को हाथ से सहलाने लगा। वह आह उह की आवाज करने लगी। मै अपनी जीभ से उसकी चुचियों को चाटने लगा। वह पागल सी होती जा रही थी ।

Antarvasna Hindi sex stories – पिंकी की चुत का भोसड़ा बनाया

लगभग 30 मिनट तक यह सब चलता रहा मैंने उसे उल्टा लेटा दिया और अपने कपड़ों को उतारकर अंडरवियर पर आ गया। मैं पीछे से उसके शरीर से चिपक गया और दोनों हाथों से उसकी चुचियों को सहलाने लगा। फिर धीरे धीरे अपने जीभ से उसके पीठ पर गोल गोल करने लगा। वह बिस्तर पर अपने हाथों से रगड़ रही थी। जीभ से उसके पीठ को धीरे धीरे छूते हुए उसके नितंबों तक गया उसके नितम्बो पर धीरे से काट लिया। उत्तेजना के कारण वह अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगी।

मैं कीस करते हुए उसके पैरों पर नीचे गया तो उसने सीधा होते हुए मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे अंडरवियर को निकाल दिया। मेरा लण्ड आज़ाद होकर ऊपर की तरफ तन गया। उसने उसे हाथ से पकड़ लिया और दबाने लगी। मैंने अब उसे फिर बिस्तर पर गिर दिया और उसकी चुचियों को चूसने लगा।

धीरे धीरे अपने हाथ को उसके चूत पर ले गया तो पाया कि वह गीली हो गई थी। मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चूत को रगड़ना आरम्भ किया तो अब वह मुझे बार बार गिराने का प्रयत्न करने लगी। एक तरफ मैं उसकी चुचियों को चूस रहा था तो दूसरी तरफ हाथों से उसकी चूत को रगड़ रहा था वह अतिउत्तेजना में मेरे लण्ड को पकड़ कर अब अपनी चूत की तरफ खींच रही थी। अब मैंने धीरे धीरे नीचे जाते हुए उसकी चूत पर कीस कर लिया।

उसके बाद अपने जीभ के छोर से उसके चूत को चाटना शुरू कर दिया। वह अपने पैरों को सिकोड़े जा रही थी। मैंने अचानक से अपने जीभ को उसके चूत में घुसा दिया वह आह कर उठी । अब वह मेरे सिर को अपने चूत पर दबाने लगी थी। मैं अपनी जीभ को उसके छूट में अंदर बाहर करने लगा। अचानक से उसने मुझे धक्का दे दिया और मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लण्ड को अपने मुंह मे ले लिया और अंदर बाहर करने लगी।

अब हम दोनों 69 की अवस्था मे आ गए। मैं उनकी पूरी चूत को अपने मुंह मे लेकर चूस रहा था और रह रह कर अपने जीभ को उसकि चूत में डाल कर अंदर बाहर करता और वह मेरे लैंड को अपने जीभ से चाटती और अपने मुंह मे अंदर बाहर कर रही थी कुछ समय बाद मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और अपने लण्ड को उसके चूत पर लगाया तो वह चिहुँक सी पड़ी और अपने गांड को ऊपर करने लगी परंतु मैं उसके चूत पर ही अपने लण्ड को रगड़ने लगा।

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वह पगलों की तरह बार बार लण्ड को चुत में डालने का प्रयास कर रही थी। अब मैं भी डालने के मूड में आ गया था। मैंने लण्ड को चूत पर सेट किया और जोर लगाने लगा तो वह फिसल गई। तब मैंने उसके दोनों पैरों को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया जिससे उसकी चूत खुल गयी।

अब मैंने चूत पर लण्ड रखते हुए धीरे से धक्का दिया तो लण्ड का सूपड़ा अंदर घुस गया और वह दर्द से बिलबिलाने लगी मैंने देर ना करते हुए वैसे ही उसके पैरों को कंधे से उतार कर उसके ऊपर लेट गया और उसे पकड़ते हुए अपने लण्ड का दबाव बढ़ाया धीरे धीरे लण्ड अंदर जाने लगा। वह चिल्लाने लगी लेकिन वहां पर कोई नहीं था इएलिये कोई डर भी नही था।

मैं उसे सांत्वना देते हुए उसकी चुचियों को चूसने लगा जब दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक तेज धक्के के साथ पूरा लण्ड उनकी चुत में घुसा दिया और उनके कभी उसके ओठों को चूमता तो कभी उसके चुचियों को चूमता। धीरे धीरे उसे आराम हुआ तो मैंने धक्का लगाना शुरू किया शुरू में तो उसे दर्द हो रहा था परंतु बाद में वह उछल उछल कर साथ देने लगी। कभी उसके एक पैर को उठा कर चोदता तो कभी दोनों पैरों को। वह पूरा साथ दे रही थी ।

कुछ समय बाद वह मेरे ऊपर आ गयी और खुद धक्का मारने लगी। प्रत्येक धक्के के साथ हम दोनों को आनंद की अनुभूति हो रही थी। अचानक उनके धक्कों की रफ्तार बढ़ गयी। और लगभग आधे घंटे लगातार धक्के के बाद हम दोनों स्खलित हो गए। मेरे गर्मागर्म वीर्य को वह आंखे बंद कर आनंद ले रही थी और मैं तो उसकी चूत का दीवाना हो गया।

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अब शाम हो चुकी थी तो हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और मुख्य दरवाजे का ताला खोलकर मैं अपने रूम में आ गया।

उसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिलता एक दूसरे में समा जाते थे।

अब अगले कहानी में पढ़े की किस तरह मनस्वी की सहायता से मैंने मनु की गर्लफ्रेंड को कैसे चोदा।

आपको यह कहानी कैसी लगी, मुझे ईमेल कर जरूर बताएं। मेरा ईमेल आईडी है- aryanmaurya740[at]gmail.com

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