chuth chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chuth-chudai/ Hindipornstories.org Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बन गया मैं बहन का पति https://sexstories.one/behanchod-bankar-behan-ko-choda/ Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 https://sexstories.one/?p=4368 मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा..

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Behanchod – Ban Gaya Behan Ka Pati – एक बार मैं अपनी मामी की लड़की यानि मेरी दीदी के यहाँ मुंबई गया। मेरी दीदी के घर में तीन लोग थे। मेरी दीदी, जीजा जी और उनका तीन साल का एक लड़का। मेरी दीदी का नाम सोनी है। उसकी उम्र 28 साल थी फिगर 36-30-38 था। वह बहुत सेक्सी लगती है, जब चलती तो ऐसा लगता कि दिल पर छुरियाँ चला गई। उसकी गांड बहुत ही मस्त और मोटी है। उस पर उसका गोरा बदन और मोटे मोटे बोबे ! उसको देखते ही ऐसा लगता था कि बस कैसे भी इसे चोद डालूँ !

अब मैं असली बात पे आता हूँ। जीजा जी बहुत शराब पीते थे इसीलिए वो बहुत परेशान रहती थीं। एक दिन कुछ ऐसा हुआ जो शायद दीदी और मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। हुआ यूँ कि जीजा जी ऑफिस से आये और मुझसे कहा- आ आज शराब पियेंगे।

मैंने मना किया पर वो नहीं माने और मुझे उनके साथ बैठना पड़ा। उन्होंने एक शराब की बोतल निकाली और हम पीने लगे। हम लगभग पूरी बोतल पी गए। जीजा जी को बहुत नशा हो गया था। हमने खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।

अचानक रात में मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी।

मैं उठा और दीदी के कमरे की खिड़की से देखने लगा कि कुछ हुआ तो नहीं है।

तभी मैंने देखा कि जीजा जी ने दीदी की साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी पैंटी को उसके बदन से अलग कर दिया और अपना लंड पेल दिया उसकी बुर में। जीजा जी का लंड बहुत छोटा था। दो मिनट बाद ही जीजा जी झड़ गए और वहीं नशे में सो गए।

दीदी की आँखों में आँसू थे, वो उठी और कमरे से बाथरूम जाने लगी कि अचानक उन्होंने मुझे देख लिया। मैं भी वहाँ से चला गया और रात भर उनकी बुर के बारे में सोचता रहा। उसकी चूत क्या मस्त थी ! बिल्कुल गुलाबी ! एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर ! उसे सोचते सोचते ही मैं तो जैसे पागल हो गया। मैंने रात में मुठ मारी और सो गया।

सुबह जब उठा तो पता लगा कि जीजा जी दस दिनों के लिए पुणे गए हैं। मैं और दीदी एक दूसरे को देख रहे थे।

मुझे उसके पतली कमर के साथ डोलते हुए चूतड़ बहुत विचलित करते थे, मैं सोचता था कि उसे नंगी करने के बाद उसके गोरे गदराये चूतड़ कितने प्यारे लगेंगे.. उन्हें सहलाने में और दबाने में कितना मजा आएगा ! और कमर से ऊपर नज़र जाते ही.. उफ़ उसकी भरी हुई छातियाँ.. उसके स्तन एकदम कसे हुए थे.. एक बच्चे की माँ लेकिन स्तन जैसे बीस साल की कुंवारी लड़की के.. 36 साइज़ होगा उनका.. दोनों उसके ब्लाऊज़ या कुरते के अन्दर एक दूसरे से चिपके हुए रहते थे.. जिसके कारण उसके बीच की घाटी बहुत ही उत्तेजक दिखाई देती थी। सब कुछ मिला कर मेरे जैसे कामी पुरूष के लिए वो एक विस्फोटक औरत थी…

अब मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे अलग नजरों से देखना शुरू कर दिया था। शायद वह मेरी नजरों की भाषा समझ रही थी। हम दोनों एक दूसरे से खुल कर बातें करने लगे थे। जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। सूट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुंह में पानी आ जाता था।

एक रात मैं दीदी के कमरे में झांक रहा था तो जो देखा उससे मेरे रोंगटे खड़े हो गए ! दीदी टीवी पर ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत को जोर जोर से अपने हाथों से रगड़़ रही थी ! मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया, मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं खड़े खड़े मुठ मार कर उसे शांत किया।

मैं समझ गया कि जीजा जी से दीदी की बुर शांत नहीं होती है, वो प्यासी है उसकी बुर में आग लगी है और मेरा काम बन सकता है।

एक दिन मैं सोने के लिये बेडरूम में आ गया तो देखा की दीदी अपनी गैलरी में खड़ी थी। मैंने सोचा कि मौका अच्छा है। फ़िर तुरन्त ही अपना पैन्ट उतार कर, वो मुझे देख सके, उस तरफ़ मुँह करके अपने लण्ड को तेल लगा-लगा कर मालिश करने लगा।

जैसे ही उसने मुझे नंगा देखा, तुरन्त अपने कमरे में भाग गई। दोस्तो, मेरा लण्ड अगर किसी भी औरत या लड़की ने देखा तो चखने का मन बन ही जाता है। फ़िर मैंने खिड़की के काँच से देखा तो पता चला कि वो दरवाजे के पास कुर्सी डाल कर चुपके से मेरे कमरे में झांक रही थी।

मैंने सोचा कि मेरा काम हो गया। अब दीदी की आँखों में मुझे वासना नज़र आने लगी थी, बस मैं मौके के इंतज़ार में था।

एक दिन वो मेरे पास आई और उसने कहा- मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है और मैंने एक जरूरी इमेल करनी है। क्या मैं तेरा लैपटॉप प्रयोग कर सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !

मैंने कहा- दीदी, आप बैठिये, मैं लैपटॉप देता हूँ !

मैंने ऐसे ही लैपटॉप पकड़ा दिया। जैसे ही उन्होंने लैपटॉप देखा तो दीदी का चेहरा लाल हो गया, उसने झिझकते हुए कहा- भैया, तुम ही वेब साईट खोल कर दे दो।

मैंने लैपटॉप लिया तो देखा कि नंगी वेब साइट्स खुली हुई थी, मैं घबरा गया और बोला- सॉरी, यह लीजिये ! अब सब ठीक है !

दीदी बोली- शादी नहीं हुई है तो खूब ऐश हो रही है?

मैंने कहा- मन तो बहुत करता है मगर कुछ भी नहीं कर पाता, सिर्फ इन्टरनेट का ही सहारा है !

उसने कहा- क्या तुम मुझे इन वेब साइट्स के लिंक लिख कर दे सकते हैं?

मैं हैरान रह गया ! मैंने कहा- क्या दीदी?

वो बोली- हाँ ! वो असल में तुम्हारे जीजा जी को दिखानी हैं, शायद ये देख कर वो थोड़ा रोमांटिक हो जायें !

मैंने पूछा- क्यों? क्या वो अभी रोमांटिक नहीं है?

तो दीदी बोली- रोमांटिक का र भी नहीं आता उनको ! रात को आते हैं, शराब पीते हैं और मेरे हाथों में अपने छोटे से लंड को देकर कहते हैं- हिला दो ! मैं उसे झरवा देती हूँ और फिर वो सो जाते है। मेरे अरमान और बदन की गर्मी वहीं की वहीं रह जाती है। मैंने कई बार कोशिश की, मगर वो समझते ही नहीं ! कहते है कि बहुत थक गया हूँ।

शादी से लेकर आज तक बस बहुत कम ही हमने सेक्स किया है जिसमें वो पूरा अन्दर तक भी नहीं जाता।

वो बोली- अंकित, ये मेरी बहुत व्यक्तिगत बातें हैं, किसी को नहीं बताना ! मैं तुम्हे ये सब बता रही हूँ कि तुमने रात सबकुछ देख लिया था।

मैंने घबरा कर कहा- आप चिंता मत करो !

मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है, हथौड़ा मारने की देर है।

फिर वो बोली- मेरा काम हो गया है, मैं चलती हूँ अपने रूम में सोने को। तुम भी सो जाओ।

पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको !

और कह के अपनी जींस नीचे कर दी, मेरा नौ इंच का लंड खड़ा हुआ फुफकार रहा था। वो पलटी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, पसीना उसके गाल से बहने लगा और चेहरा लाल हो गया। वो मेरे पास आई, मेरी आँखों में गुस्से से देखा और मुझे जोरदार थप्पड़ मार दिया।

मैं बहुत घबरा गया, शायद मैंने उसकी बातों से गलत समझ लिया था कि वो मेरे साथ अपनी प्यास बुझा लेगी। मुझे लगा कि अब मेरी बदनामी कर देगी ये !

मगर वो बोली- तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में??

मेरी सांस में सांस आई और जान में जान ! गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और दीदी को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा। मेरा हाथ उनके कुरते में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे।

उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी, एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी। मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक सैंकड़ों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए।

वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी। उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽ ऊऽऽऽ… म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द… म्म्मम्म्म्म… आआआअ… यही आवाजें निकल रही थी।

मैंने पंद्रह मिनट तक उनके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी। मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर रगड़ रही थी। लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में लो !

तो वो फट से तैयार हो गई और मेरा नौ इंच लम्बा लंड देख कर बोली- तुम्हारा तो बहुत लम्बा है, और मोटा है, बिल्कुल काला नाग है ये, तुम्हारे जीजा जी का तो छोटा सा ही था।

मैंने कहा- लम्बे लंड से चुदने में जो मजा आपको अब आएगा वो कहीं नहीं आएगा।

वो बोली- तो जल्दी से चोद दो ना !

और मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा लंड चूसने लगी 69 की पोजिशन में।

तभी उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया और आआअह ह्ह्ह्ह्हा आआऊऊउईईइ म्म्म्म्मा करने लगी और जोर से झड़ गई। मैंने उनका पूरा पानी साफ़ कर दिया चाट चाट कर !

फिर मैंने उनसे कहा- अपना कमीज उतार दो।

तो उन्होंने उतार दिया और मैंने उनकी चूची चूसनी शुरू कर दी। वो फिर से गर्म होने लगी और आआअह्हह्ह म्मम्माआअ करने लगी और अपनी चूत रगड़़ने लगी।

मैंने उनके मुंह में अपना लंड डाला, वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए !

कुछ देर बाद मैं अपनी जीभ से उनकी नाभि चाटने लगा।

वो बोली- क्या बात है तुममें ! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की ! मैं एक अरसे से इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है।

मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था दीदी।

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अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली ! मैंने उनकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया। वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा। मैंने उनकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उनका चिल्लाना और तड़पना !

मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो फिर पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उन्होंने पानी न झारा हो।

तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उनके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया ! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उनके होंठ बंद कर दिए और एक झटका मारा, मेरा तीन इंच लंड उनकी बुर में घुस गया। उनकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी !

अभी तीन इंच लंड ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी।

मैंने कहा- दीदी, जीजाजी ने तुमको चोदा हुआ है, फिर भी ऐसे चिल्ला रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो !

तो बोली- एक तो तुम्हारा मोटा है, दूसरा तुम्हें पता है कि उनका लंड कितना बड़ा है, जरा धीरे करो ना !

मैंने कहा- ठीक है !

तो फिर मैं फिर से धक्का लगाने लगा और उनकी चूची चूसने लगा।

मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे…

वो बोली- तुम जानवर हो ! मुझे छोड़ दो ! मेरी चूत फट गई ! मेरी जान निकल रही है, बाहर निकालो।

मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए तो वो और चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और जोर जोर से चोदने लगा। 5 मिनट बाद उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर शुरू हुआ असली चुदाई का मजा !
मैं जितनी तेज ऊपर से झटके मारता वो नीचे से उतनी ही तेजी से जवाब देती। सच दोस्तों क्या बताऊँ क्या क़यामत चुदाई चल रही थी कि तभी वो मुझसे चिपक गई और मेरे कंधे पर काटने लगी और उसने अपने नाखून मेरी पीठ में चुभा दिए। वो आअ आआ आआ आह्ह्ह्ह करती हुई झड़ गई, फिर कहने लगी- जल्दी करो अब सहन नहीं हो रहा।

मैंने भी उन्हें खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।

मैं थक कर उनके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी। दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उनकी चूत से निकाला।

मैंने प्यार से उन्हें खूब सारे और चुम्मे दिए। उनकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था। वो इतनी खुश थी कि उनकी आँखों से आँसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता !

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कुंवारी मौसी और मैं https://sexstories.one/kunwari-mausi-ne-sikhayi-chudai-xxx/ Fri, 29 Oct 2021 12:47:36 +0000 https://sexstories.one/?p=3190 मौसी के नाख़ून मेरे चूतड़ो पर चुभ रहे थे। में ज़िंदगी में पहली बार अपना लंड किसी औरत के मुँह में डाल रहा था। मौसी किसी प्रोफेशनल रांड की तरह मेरा लंड और अंडे चूस रही थी, यहाँ तक कि उन्होंने मुझे घोड़ा बनाया और मेरी सारी गांड चाट डाली, मुझे शर्म भी आ रही थी...

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Kunwari Mausi Ne Sikhayi Chudai xxx मेरा नाम विक्की है और में पिछले कई दिनों से इस साईट की स्टोरी पढ़ रहा हूँ, लेकिन ये पहली बार है कि में अपनी कोई सच्ची कहानी आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ.

ये बात कम से कम 4 साल पुरानी है जब में 19 साल का था। में अक्सर अपनी फेमिली के साथ अपने ननिहाल जाया करता था। मेरे 4 मौसी है, सबसे छोटी मौसी जो कि कुंवारी थी, उनका फिगर 36-30-40 है और उनकी गांड बिल्कुल जबरदस्त थी, वो मुझसे कुछ ज्यादा ही प्यार करती थी और में भी उनका बहुत आदर करता था, वो हमेशा मुझे अपने पास ही सुलाती थी, लेकिन जब मेरे मन में उन्हें लेकर कोई गंदा विचार नहीं था, मतलब मुझे सेक्स के बारे में इतना कुछ मालूम ही नहीं था। एक बार हमारे घर में कोई प्रोग्राम था और सर्दियों की रात थी। में अपनी मौसी के साथ लेटा था और वो बाकी लोगों से बात कर रही थी कि अचानक उन्होंने अपना हाथ सीधा मेरे लंड पर रख दिया और मेरा 5 इंच का छोटा सा लंड करवटे लेने लगा। मुझे ना ज़ाने कैसा अंजाना सा आनंद अपने आप होने लगा। में हैरान था कि मौसी ये क्या कर रही है लेकिन में डर की वजह से चुप था।

फिर वो मेरा हाथ अपनी चूत पर रखकर मुझसे अपनी चूत सलवार के ऊपर से रगड़वा रही थी और रात के अंधेरे में ऐसे बाकी लोगों से बात कर रही थी कि कुछ हो ही नहीं रहा हो। अब वो मेरे लंड को मेरी अंडरवियर के ऊपर से और में उनकी चूत को उनकी सलवार के ऊपर से रगड़ कर रहा था। फिर अचानक उन्होंने मेरा हाथ अपनी चूत से हटा दिया और अपनी दो उंगलियां डालकर उन्होंने अपनी सलवार को चूत के पास से अन्दर डाल दिया, ताकि उन्हें सलवार भी ना उतारनी पड़े और मेरी उंगलियां उनकी नंगी चूत तक आराम से पहुँच सके। मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।

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फिर उन्होंने मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और अपनी गीली चूत पर रख दिया। में उनकी चूत में कभी उंगली घुसाता, तो कभी उनकी झाटों से खेलता और बीच बीच में उनकी गांड में भी उंगली कर रहा था और रज़ाई के बाहर तो वो नॉर्मल हरकत कर रही थी, लेकिन अन्दर वो मज़े ले रही थी। मेरे हाथ मुझे बिल्कुल गीले महसूस हो रहे थे और मौसी की चूत गर्म भट्टी की तरह हो रही थी, वो बिल्कुल गर्म हो गई थी, लेकिन इससे ज्यादा वो कुछ नहीं कर सकती थी। उन्होंने मुझे रोका और मेरे कान में धीरे से कहा कि बाकी का सब काम रात में और मेरे लंड को थपथपा कर वहाँ से चली गई। में बिल्कुल अजीब सी हालत में आ गया था मुझे कुछ समझ नहीं आया। बस दो चीज़ों के, एक तो ये सब कुछ गंदी बात है और दूसरी ये कि बहुत मजेदार भी है।

फिर में अपने खेल में लग गया और सबने खाना खाया। फिर मौसी ने मुझसे कहा कि चल बाबू तू मेरे साथ सो जाना। बड़ा सा रूम था और सब के अलग-अलग पलंग लगे हुए थे। मौसी ने मुझे लेटाया और कहा कि विक्की तू लेट में ज़रा पेशाब करके आई, उनके बिस्तर पर लेटकर में सोच रहा था कि अब क्या होगा? क्योंकि मुझे सेक्स के बारे में कुछ भी पता नहीं था। मुझे चूत लंड का भी नहीं पता था, लेकिन एक अंजानी सी गुदगुदी मेरे पूरे जिस्म में दोड़ रही थी और मेरा 5 इंच का लंड अंगड़ाई ले रहा था। मुझे उम्मीद थी कि होना तो कुछ जबर्रदस्त वाला है और ये सोचते सोचते मेरी आँख लग गई। फिर कुछ देर बात जब मेरी आँख खुली तो मुझे अहसास हुआ कि मौसी ने मुझे अपने ऊपर पर लेटा रखा है और मुझे सहला रही है। अंधेरा इतना था कि हाथ को हाथ दिखाई नहीं दे रहा था। मैंने धीरे से उनके बोबे दबाये तो वो सिसक उठी।

फिर उन्होंने कहा कि रुक जा मेरे राजा में तेरा काम आसान कर दूं। उन्होंने एक-एक करके अपनी सलवार और कमीज़ ऊतार दी और ब्रा भी ऊतार दी, वो पेंटी नहीं पहने थी और मेरा भी कच्छा और टी-शर्ट उन्होंने धीरे से उतार दिया और कहा कि सब कुछ करना, बस आवाज़ मत करना। मैंने कहा कि ठीक है मौसी और बिल्कुल बच्चों की तरह उनके निप्पल चूसने लगा। उन्होंने भी रज़ाई के अन्दर मुझे पूरा चाट डाला, मेरी गर्दन, छाती, मुँह सब उनके थूक में गीले हो गये थे और उन्होंने मेरी अंडरवेयर उतारी और मेरे मुँह को खुद के पैरो की तरफ कर दिया और मेरा लंड मुँह में ले लिया और मेरे चूतड़ पकड़कर ज़ोर ज़ोर से अपने मुँह में मेरा लंड डाल कर चूसने लगी।

कमरे में सब गहरी नींद में थे और पूरे कमरे में खर्राटो की आवाज़ गूँज रही थी, जिसकी वजह से मेरी मौसी बिना डरे अपने काम को अंजाम देने में लगी हुई थी। फिर वो अपने हाथ से मेरा सिर अपनी चूत की तरफ धकेलते हुए बोली कि मेरी चूत को चाटो। में बुरी तरह घबरा गया, मुझे बदबू आ रही थी, लेकिन में इन चीजों में ना समझ होने के कारण में कुछ नहीं कर पा रहा था, वो मेरे होठों को अपनी गीली चूत पर रगड़ रही थी। फिर धीरे-धीरे मुझ पर उनकी चूत के पानी का नशा चड़ने लगा और में कुत्ते की तरह उनकी चूत चाटने लगा, मानो किसी शहद को चाट रहा हूँ, वो मेरे लंड और दोनों अंडो को एक साथ पूरा मुँह में ले गई।

मौसी के नाख़ून मेरे चूतड़ो पर चुभ रहे थे। में ज़िंदगी में पहली बार अपना लंड किसी औरत के मुँह में डाल रहा था। मौसी किसी प्रोफेशनल रांड की तरह मेरा लंड और अंडे चूस रही थी, यहाँ तक कि उन्होंने मुझे घोड़ा बनाया और मेरी सारी गांड चाट डाली, मुझे शर्म भी आ रही थी कि में मौसी के आगे गांड करके लेटा हूँ और साथ साथ मुझे आनन्द की अनुभूति भी हो रही थी। मैंने भी उनकी गांड अपने थूक से भर दी फिर उनसे कंट्रोल नहीं हुआ और उन्होंने मुझे वापस अपने मुँह की तरफ पलटाया और मेरे होठों को चूसने लगी और मेरे गाल पर हल्का सा काटकर बोली कि मेरे प्यारे सगे भांजे क्या अपनी मौसी की चूत में डूबेगा।

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मैंने बड़ी मासूमियत से उनसे कहा की हाँ मौसी, वो धीरे से बोली कि आज की रात तू ज़िंदगी में कभी नहीं भूलेगा, ये कहते हुये उन्होंने मेरा लंड अपनी चूत पर रगड़ना शुरू किया। मेरी तो गांड ही फट गई.. मुझे ऐसा एहसास तो मैंने मेरे ख्वाबो में भी नहीं सोचा था। मेरे मुँह से उम्म्म्ममममममम की आवाज़ निकल गई, उन्होंने मुझे डांटा, हम मिशनरी पोज़िशन में थे। मेरी हाईट जब कम थी, तो मेरा मुँह उनके बूब्स तक ही जा रहा था। में पागलो की तरह उन्हें चूस रहा था, कभी काटता, कभी चाटता और कभी आम की तरह चूसता, वो मेरे चूतड़ो को धीरे धीरे अपनी चूत में धकेल रही थी। सच में उनमे बड़ी आग है। मैंने धक्को की गति तेज़ की तो मौसी ने मुझे रोका और धीरे से कान में कहा कि बेटा धीरे धीरे धक्के मार, पलंग आवाज़ कर रहा है। मैंने धीरे से उनकी गांड के नीचे अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ जकड़ लिए और गहराई में धक्के मारने लगा और कुछ देर बाद हम दोनों झड़ गये।

फिर मुझे कब नींद आ गई, मुझे याद ही नहीं रहा। फिर सुबह जब आँख खुली, तो वो उठ चुकी थी और मेरे कपड़े उन्होंने मुझे सोते हुए ही पहना दिए थे। में शर्म के मारे पानी पानी हो रहा था और मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। तभी मौसी चाय का कप ले कर आई, तो में इधर-ऊधर देखने लगा, तो मौसी बोली कि चाय पी ले। मैंने उन्हें देखा, तो लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं है। उन्होंने धीरे से कहा किसी को बताना मत, में तुझे जवान कर दूँगी, वो कह कर चली गई।

दोस्तों में आज भी अपनी मौसी को चोदता हूँ, आज उनकी उम्र 48 साल है ।।

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बटेर की चुदाई https://sexstories.one/bater-ki-chuth-chudai/ Mon, 25 Oct 2021 06:17:28 +0000 https://sexstories.one/?p=3140 कुछ देर लंड चाटने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके दोनों निप्पलस को दबा रहा था | वो मेरे लंड को आगे पीछे करते हुए चूस रही थी..

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hindi sex stories, desi porn kahani chuth chudai – मेरा नाम सतीश जैन और मैं कान्हा का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 26 साल है और मैं अभी प्राइवेट जॉब करता हूँ | मैं दिखने में गोरा हूँ और मेरी कदकाठी भी अच्छी है | मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है और मेरा बदन भी थोडा मोटा है | मेरा लंड  का साइज़ भी अच्छा है 7 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा | ये मेरे खुद के द्वारा नापा गया साइज़ है | दोस्तों मैं चुदाई की कहानी का दीवाना हूँ और मुझे चुदाई की कहानियां पढ़ते हुए अपने लंड को सहलाना बहुत पंसद है | आज जो मैं आप लोगो के सामने अपनी कहानी लिखने जा रहा हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मैं आशा करता हूँ कि आप लोगो को मेरी कहानी इतनी ज्यादा पसंद आएगी कि आप सभी बहुत उत्तेजित हो जाओगे | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय नहीं लेते हुए अपनी कहानी लिखना चालू करता हूँ | दिल लंड और चूत थाम के बैठिये |

दोस्तों ये घटना कुछ महीने पहले की है | मेरे घर में, मेरे मम्मी पापा और मेरे दो भाई रहते हैं जिनकी शादी हो चुकी हैं | मैं ही बस अपने घर में कुंवारा हूँ | मेरे घरवाले लगे रहते हैं कि इस लड़के की शादी करवा दो तो ये सुधर जाएगा | पर उनको कैसे बताऊं कि मैं तो पहले सी बिगड़ा हूँ और मेरी एक गर्लफ्रेंड भी है जिसका नाम प्रतिमा है और उसकी उम्र भी मेरे जितने ही है और उसका फिगर बहुत मस्त है | उसके दूध बड़े हैं और गांड भी गोल शेप की है | वो मुझसे कॉलेज के समय से पटी हुई है और मैंने उसके बारे में अब तक घर में बात नहीं किया क्यूंकि मेरे घर वाले लव मैरिज के खिलाफ हैं और वो मेरी शादी से जरुर इनकार कर देंगे | पर मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ और शादी तो मैं उसी से करूँगा |

Chuth me lund – अंजलि भाभी की दुसरी सुहागरात

वो भी मुझसे प्यार करती है और वो यहाँ पर अकेले रहती है | मैंने उसे यहाँ पर किरये पर एक रूम दिलाया है | जब हम कॉलेज में पढाई करते थे तब मैं और वो दोनों एक ही क्लास में थे लेकिन हमारी बात नहीं होती थी | पहले हमारी सिर्फ लड़ाई हुआ करती थी | एक बार मैंने उसे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा | मुझे लगा शायद वो एक्सेप्ट नहीं करगी | लेकिन उसने एक्सेप्ट कर ली | ये हमारे कॉलेज खत्म होने के बाद की बात है | फिर जैसे तैसे हमारी बात शुरू हो गई और धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के करीब आने लगे | पता नहीं चला कि कब हम एक दूसरे को चाहने लगे | फिर एक दिन मैंने सही मौका देख कर उसे प्रोपोस कर दिया | उसने भी जवाब में हाँ कर दी | उसके बाद हम दोनों मिलने लगे और फ़ोन पर रात रात भर बाते किया करते तो कभी चैटिंग किया करने लगे | उसके बाद जब हमें काफी समय हो गया तो एक बार मैंने उसे सेक्स के लिए प्रेरित किया | तो उसने भी मना नही की और अगले ही दिन मुझे अपने घर आने को कहा | उसके बाद जब मैं उसके घर गया तो उसे अपनी तरफ खींच कर

मैंने उसके होंठ से अपने होंठ लगा कर उसके होंठ के रस को चूसने लगा तो वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को चूसने लगी | मैं उसके होंठ को चूसते हुए उसके बदन को सहला रहा था और वो मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे बदन को सहला रही थी | हम दोनों ने एक दूसरे के होंठ को 10 मिनट तक चूसा और उसके बाद मैंने उसके टॉप को निकाल दिया और ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध को दबाने लगा तो उसके मुंह से आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह की सिस्कारियां निकलने लगी |

फिर मैंने ब्रा को भी अपने हाँथ पीछे कर के उतार कर उसे ऊपर से नंगी कर दिया और उसके एक दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी | फिर मैंने उसके दूसरे दूध को अपने मुंह में ले कर पहले वाले को दबाने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे सिर पर हाँथ फेरने लगी | थोड़ी देर के बाद मैंने उसके दोनों निप्पलस को अपने मुंह में ले कर जोर जोर से दूध दबाते हुए चूसने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपने दोनों हाँथ को पास कर के अपने दूध पिलाने में मदद कर रही थी |

उसके बाद उसने मेरी शर्ट को उतार कर मुझे ऊपर से नंगा कर के मेरे सीने में हाँथ फेरते हुए सहलाने लगी और फिर मेरे होंठ पर किस करते हुए मेरे जीन्स के बटन को खोल कर जीन्स को भी उतार दी | अब वो झुक कर मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को दबाने लगी और फिर अंडरवियर को भी उतार कर मुझे पूरा नंगा कर दी | अब वो मेरे लंड पर अपनी जीभ फेरते हुए चाटने लगी तो मेरे मुंह से भी आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह की सिस्कारियां निकलने लगी | वो मेरे लंड पर हर तरफ जीभ से चाट कर गीला कर रही थी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मजे ले रहा था |

Padosan ki chuth पडोसन की चूत

कुछ देर लंड चाटने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर कर चूसने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके दोनों निप्पलस को दबा रहा था | वो मेरे लंड को आगे पीछे करते हुए चूस रही थी और मेरे टट्टे को भी सहला रही थी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके मुंह में अपना लंड अन्दर बाहर कर रहा था | फिर उसने मेरे टट्टे को भी अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और मेरे लंड को ऊपर कर के हिलाने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां भर रहा था |

उसके बाद मैंने उसके जीन्स को उतार दिया और फिर उसे बेड पर लेटा कर उसकी जांघो को सहलाते हुए उसकी पेंटी को भी उतार दिया | अब वो भी मेरे सामने पूरी नंगी लेटी हुई थी | मैंने उसकी टांगो को फैला दिया और उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरते हुए चाट कर सहलाने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपने दूध को दबाने लगी |  मैं उसकी चूत में अपनी जीभ अन्दर डाल कर चाट रहा था और चूत के दाने को भी होंठ में दबा कर चूस रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे मुंह पर अपनी चूत को दबा रही थी | उसकी चूत को मैंने करीब 15 मिनट तक चाट गीला कर दिया और फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत में सहलाने लगा और फिर अन्दर डाल कर चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए जोर जोर से सिस्कारियां लेने लगी | मैं उसकी चूत को किसी बुलेट ट्रेन की रफ़्तार से चोद रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए टनल की तरह लंड को अन्दर ले रही थी |

फिर मैंने उसकी एक तंग को अपने कंधे में रख कर अपना लंड अन्दर डाल कर चोदने लगा और आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए चुदाई के मजे ले रही थी | फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गांड को चाटने लगा तो वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे मुंह को अपनी गांड में दबा रही थी | उसकी गनद चाटने के बाद मैंने अपने लंड को उसकी गांड में डाल दिया और गांड मरने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदाई में साथ दे रही थी | कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी गांड में ही झड़ा दिया |

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शादी भी हुयी और चुदाई भी https://sexstories.one/shaadi-aur-chudai/ Sun, 24 Oct 2021 12:07:04 +0000 https://sexstories.one/?p=3109 जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी टीचर साहब आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है। अब मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए धक्का देना शुरू किया। मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी क्योंकि जगह बहुत  कम थी इस वजह से मैं उसे तेजी से धक्के नहीं दे पा रहा था...

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sex stories in hindi, Shaadi aur chudai ki kahani मेरा नाम राजेश है और मैं एक अध्यापक हूं। मेरी उम्र 40 वर्ष है और मैंने अभी तक शादी नहीं की है। मुझे पहले एक लड़की से प्रेम था जब मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था। मैं उससे बहुत ही ज्यादा प्रेम करता था और वह भी मुझसे बहुत प्रेम करती थी। मेरी मुलाकात उससे कॉलेज में ही हुई थी और उस से मेरी मुलाकात मेरे एक दोस्त ने करवाई थी। जब भी मैं इस बात को याद करता हूं तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है और सोचता हूं कि वह दिन कितने अच्छे थे, जब मैं अपने कॉलेज में था और मुझे किसी भी प्रकार की कोई चिंता नहीं थी।

मैं एक लड़की से प्रेम भी करता था और वह भी मुझसे प्रेम करती थी। परंतु एक दिन उसने मुझे बताया कि मेरे घर वालों ने मेरे लिए कहीं कोई रिश्ता देख लिया है और मैं वही शादी कर रही हूं। क्योंकि मैं अपने घर वालों के खिलाफ नहीं जा सकती इस वजह से मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती। मुझे उस दिन बहुत ही ज्यादा बुरा लगा और उसके बाद मैंने फैसला कर लिया कि मैं अब कभी भी शादी नहीं करूंगा। क्योंकि मैं उससे दिल से प्रेम करता था लेकिन उसने मेरे साथ गलत किया। जो कि मुझे बहुत ही बुरा लगा।

उसके बाद मैंने दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब मैं शादी कभी नहीं करूंगा। मेरे घर वालों ने भी मुझे कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था कि मैं अब किसी से शादी करूं। अब मैंने ठान लिया था कि मैं अपना जीवन अकेले ही जी लूंगा। अब मैं सिर्फ बच्चों को पढ़ाने में ही लगा रहता हूं। कोई भी गरीब बच्चे होते हैं तो मैं उन्हें फ्री में ही ट्यूशन पढ़ा दिया करता हूं। जिससे कि उनके मां-बाप भी बहुत खुश हो जाते हैं और मुझे भी अंदर से एक खुशी मिलती है। मुझे बहुत अच्छा लगता है जब मैं किसी को पढ़ाता हूं लेकिन अब मेरा ट्रांसफर दूसरी जगह हो चुका था इसलिए मुझे वहां जाना पड़ा।

जब मैं अपने पुराने स्कूल से जा रहा था तो सब बच्चे बहुत दुखी थे और कह रहे थे कि हमें आपकी बहुत याद आएगी। मैंने उनसे उनका नंबर भी ले लिया और जिससे भी मेरा संपर्क था उन सबके मैंने नंबर ले लिए। ताकि मैं उनसे संपर्क में रह सकूं। मैंने अपनी ट्रेन की टिकट करवा ली थी और मैं ट्रेन में ही जाने वाला था। अब मैं जब स्टेशन पहुंचा तो मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन फिर भी मैं ट्रेन में बैठ गया और जब मैं ट्रेन में बैठा तो थोड़ी देर तक मैं अपने पुराने स्कूल के बारे में सोच रहा था और यह भी सोच रहा था कि अब मैं जिस नए स्कूल में जाऊंगा वहां पर सब बच्चे कैसे होंगे।

मेरे सामने की सीट पर एक पति पत्नी आ गए और वह मेरे सामने की सीट पर बैठ गये। वह व्यक्ति बहुत ज्यादा क्रूर किस्म के प्रतीत हो रहे थे। उनकी शक्ल से ही क्रूरता झलक रही थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि आपका क्या नाम है और आप क्या करते हैं। मैंने उन्हें बताया कि मैं एक अध्यापक हूं और सरकारी स्कूल में पढ़ता हूं। मेरा ट्रांसफर हो चुका है। इसलिए मैं दूसरी जगह जा रहा हूं। वह मुझे कहने लगे कि मैं भी एक सरकारी कर्मचारी हूं और मैं भी अपने कुछ काम से जा रहा हूं। मैंने भी उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम मुझे प्रभाकर बताया। वह मुझसे बहुत बातें किए जा रहे थे।

मेरा मन उनसे बात करने का बिल्कुल भी नहीं था। परंतु वह फिर भी मुझसे बातें किए जा रहे थे और मुझे ना चाहते हुए भी उनकी बातों का जवाब देना पड़ रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद मुझे गलत सीट मिल गई है और यह तो मेरा दिमाग ही खराब कर देंगे। परंतु फिर भी मैं उनसे बात करता रहा और कोशिश करता था कि उनसे जितने कम बात हो उतना ही ठीक है। क्योंकि अब वह बहुत ज्यादा मुझे पकाने लगे थे लेकिन उनकी पत्नी बिल्कुल ही शांत बैठी हुई थी और वह बिल्कुल भी बात नहीं कर रही थी। जब मैं उनके चेहरे पर देख रहा था तो मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वह कुछ परेशान सी हो। परंतु फिर भी मैं उनसे पूछ नहीं सकता था लेकिन उनके चेहरे के हाव भाव साफ बता रहे थे कि वह परेशान हैं। कुछ देर बाद ट्रेन में चाय बेचने वाला एक व्यक्ति आया और प्रभाकर ने उनसे चाय ली। उन्होंने अपनी पत्नी को चाय दी।

Chudai ki kahani ट्रैन में माँ को अजनबी ने चोदा

तभी उनकी पत्नी के हाथ से वह गिलास उनके ऊपर गिर गया और जैसे ही वह गिलास उनके ऊपर गिरा तो वह आग बबूला हो गए और अपनी पत्नी को अनाप-शनाप कहने लगे। अब मुझे सारी कहानी समझ आ गई थी कि वह अपनी पत्नी से बिल्कुल भी प्रेम नहीं करते थे और उन पर फालतू में ही गुस्सा हो रहे हैं। इतने लोगों के सामने बात का बतंगड़ बनाना उचित नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को कुछ ज्यादा ही डांट दिया। थोड़े समय बाद वह गुस्से में ऊपर वाली सीट पर चले गए और वहीं सो गए।

जब वह सो रहे थे तो तब उनकी पत्नी ने मुझसे बात की और मैं भी उनसे बात करने लगा। मैंने उनसे पूछा क्या यह आपके साथ अच्छे से बर्ताव नहीं करता है। वह कहने लगी इनका स्वभाव बहुत ही गुस्से वाला है। मुझे बहुत ही डर लगता है कि कहीं यह मुझे लोगों के सामने कुछ अनाप-शनाप ना कह दे। इस वजह से मैं चुप ही रहती हूं। मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने मुझे अपना नाम शकुंतला बताया। वह मुझसे बहुत बातें करने लगी और उनके पति ऊपर सोए हुए थे। उनकी बातों से मुझे प्रतीत हो रहा था कि वह अपनी शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं है और बहुत ही ज्यादा परेशान प्रतीत हो रही थी। हम लोग अब काफी देर तक बात कर रहे थे। उसके बाद प्रभाकर अपनी सीट से उतरकर नीचे आ गए और जब वह नीचे आए तो उनकी पत्नी चुपचाप से कोने में बैठ गई और अब वह मुझसे बात नहीं कर रही थी।

ऐसे ही सफर बीता जा रहा था। मुझे पता भी नहीं चला कब रात होने लगी। क्योंकि वह घटनाक्रम ही ऐसा चल रहा था पहले प्रभाकर मुझसे बात कर रहे थे, उसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को डांट दिया और फिर उनकी पत्नी का मुझसे बात करना। ऐसे ही चलता रहा और कब रात हो गई। मुझे पता भी नहीं चला। मैंने खाना खाया और उसके बाद मैं भी नीचे ही सो गया। अब सब लोगों ने लाइटें बंद कर ली। सब लोग सो रहे थे और तभी प्रभाकर बहुत तेज तेज खराटे लेने लगे। उन्होंने पूरी ट्रेन में अपने खराटो की आवाज से सब को परेशान किया हुआ था। जिसकी वजह से मुझे हल्की सी नींद आती और उसके बाद उनके खराटे तेज हो जाते तो मेरी नींद खुल जाती। मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था और ऐसा लग रहा था उनके मुंह पर एक मुक्का मार दूं।

मुझे नींद नहीं आ रही थी और थोड़े समय बाद शकुंतला भी उठ गई। जब वह उठी तो उसके स्तन बाहर की तरफ दिखाई दे रहे थे। मैंने तुरंत ही उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु कर दिया अब मेरा मूड पूरा खराब हो चुका था। मैंने उसे अपनी सीट पर ही बुला लिया और मैंने उसके स्तनों को उसके सूट से बाहर निकालकर चूसना शुरू कर दिया। मै बड़े ही अच्छे से उसके चूचे चूस रहा था वह भी पूरी उत्तेजना में आ गई। उसने अपने सलवार को नीचे करते हुए मेरी तरफ अपनी गांड कर दी। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया और मैं उसे चोदने लगा।

जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी टीचर साहब आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है। अब मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए धक्का देना शुरू किया। मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी क्योंकि जगह बहुत  कम थी इस वजह से मैं उसे तेजी से धक्के नहीं दे पा रहा था परंतु फिर भी मैं उसे बड़ी तेजी से चोद रहा था। उसका शरीर पूरा गरम हो चुका था उसे भी बहुत मजा आ रहा था। वह भी अपने चूतडो को मुझसे मिला रही थी। मैंने उसे इतने धक्के दिए कि उसके गले से आवाज निकलने लगी और वह अपनी मादक आवाज से मुझे उत्तेजित करने लगी। उसकी उत्तेजना भी अब चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी और मेरी उत्तेजना भी मेरे लंड के टोपे तक पहुंच चुकी थी। मैं उसे बड़ी तीव्रता से धक्के देता तो वह मादक आवाज निकालती। थोड़े समय बाद उससे भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मुझसे भी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर बड़ी तेजी से गिर गया।

जैसे ही मेरा वीर्य उसकी योनि में गया तो उसने तुरंत अपने सलवार को ऊपर करते हुए अपनी सीट में लेट गई।

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पानी और चुत https://sexstories.one/paani-aur-chuth/ Wed, 20 Oct 2021 06:20:31 +0000 https://sexstories.one/?p=3095 मैने उसकी साड़ी खींच डाली उसकी पीठ से सट कर उसके बोब्स को ब्लाउस के उपर से ही दबाने लगा और उसके होंठ चूस रहा था. मेरा लंड टाइट होकर उसकी गांड से मस्ती कर रहा था. मैने अपने हाथ उसके ब्लाउस मे डाल दिए और उसके बोब्स दबाने लगा....

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Chuth chudai मेरा नाम अरुण है मैं गुजरात का रहेने वाला हूँ।एक वाक्या आपको बताने जा रहा हूँ. ये उन दिनों की बात है जब मैं अफ्रिका मे मेरे अंकल के साथ रहता था। एक दिन अंकल ने मुझे कहा “अरुण तेरी बहन की शादी तय हो गयी है पापा की चिट्टी आई है और तुझे इंडिया बुलाया है..” बहन की शादी की बात सुन के मैं खुश हो गया. अंकल फ्लाइट की इंक्वाइरी की तो पता चला सब फ्लाइट फुल है। फिर समुन्द्र के रास्ते जाने का डिसाइड हुआ. और टिकिट बुक करवा दी। मैं पॅकिंग करके तैयार हो गया.

दूसरे दिन मैं क्र्यूज़ पर पहुच गया सब यात्री आ रहे थे. मैने एक बंगाली बाबू को देखा वो सीधा मेरी तरफ आए. और कहा ”हेलो, इंडियन जान पड़ते हो.., मैं घोस और ये मेरी पत्नी कामिनी” उसके बाजू मैं खड़ी एक कामुक सेक्सी जवान औरत ने मुझे नमस्ते किया। मैने भी नमस्ते कहते हुए मिस्टर घोस को कहा ”हा मैं भी इंडियन हूँ और इंडिया जा रहा हूँ.” हू बोले “अच्छा तो ठीक है कामिनी का ख्याल रखना…” और मुस्कुराए. साइरन बजा तो हंसी ऑफ करते हुए चल दिए। मै और कामिनी वही डेक पर खड़े थे. मै कामिनी को देख रहा था।

वो कुछ 35-36 साल की होगी गोरा रंग फिगर उसका शिल्पा शेट्टी जैसा था पर उतनी लंबी नही थी. बस 36-26-36 का होगा. कामिनी मेरी और बाल ठीक करते हुए मुस्कुरई और बोली “आप कहा जा रहे है कोलकाता ?” मैने कहा “नही मैं कंडला जाऊंगा.. फिर वहा से बाइ रोड आबाद..” फिर हम अपने रूम की और चले उसका रूम मेरे रूम से 3 रूम छोड़कर था।

मैने अपने रूम का लॉक खोलते हुए कहा आइए चाय पीते है और नास्ता करते है. वो बोली “मैं समान रख कर आती हूँ…”

Chuth Chudai जॉब के बहाने चाचा ने बनाया बीवी

मैं अपने रूम मैं चला गया फिर 2 चाय का और स्नॅक्स का ऑर्डर रूम सर्विस को देकर बाथरूम मे चला गया. बातरूम मे चेंज कर रहा था और आईने मे देख कर बोल रहा था “वाह भगवान क्या किस्मत दी है समुन्द्र की सीतल ल़ाहरो का सफर दिया.. और इतना हसीन सेक्सी हुस्न दिया किस्मत मे.. जिसका पति खुद आकर मुझे देकर गया.. वाह कामिनी आप इतनी सेक्सी वा……..” ऐसा बोलते हुए मे चेंज करके बाहर आया देखा कामिनी सामने बेड पर बेठी थी. मे सकपका रह गया।

मैने उसकी और देखा वो मेरी और देख रही थी थोड़ी देर बाद वो हंसने लगी और बोली “अरे तुम तो ऐसे घबरा रहे जैसे कोई पाप करके आए हो… अपनी किस्मत का धन्यवाद करना अच्छी बात है…” मैं समज गया उसने सब सुन लिया है मैं चुप चाप अपने समान को अरेंज करने लगा। वो मुझे देख रही थी फिर बोली लाओ मैं अरेंज कर देती हूँ… और वो सब कबोर्ड मे लगाने लगी उस समय मेरी नज़र उसकी कमर पर थी उसमे जो बाल पड़ रहे थे वो देख मेरा लंड खड़ा हो गया था।

फिर एक बार बेड पर रखे मेरे कपड़े लेते उसका पल्लू खिसक के नीचे गिर गया मैं उसके ब्लाउस मे से बाहर झांक रहे बोब्स को देख रहा था. उसने मेरी ओर देखा और बोली हॅट बेशर्म कहीं के.., सब मर्द एक जैसे ही होते है..” मैने कहा अगर औरत को देख कर भगवान या योगी भी फिसल सकते है हम मर्द है.. “ तब तक चाय और नास्ता आ गया हमने नास्ता किया फिर टीवी देखने लगे ऐसे ही एक दिन निकल गया। रात मे सोते सोते मैं कामिनी को चोदने का सोच रहा था. पर डर भी लग रहा था. दूसरे दिन शाम को हम ऐसे ही खड़े थे हम ने देखा एक इंग्लीश कपल किस कर रहे थे हम दोनो लगातार उसको देखे जा रहे थे मैने कामिनी की और देखा वो शरमा कर मुस्कुराई ओर नीचे नज़र कर दी।

मैने मन मे सोच लिया आज कामिनी को किस करने की ट्राइ तो करूँगा मानी तो ठीक है. वरना फिर अपना हाथ जगन्नाथ। ऐसा सोच कर यहा वहा की बाते करते हम वहा से निकल गये रात को खाना खाने के बाद मैने कामिनी को कहा चलो डेक पर चलते है.. थोड़ी ठंडी हवा मे घुमकर आते है… डेक पर अंधेरा था इसलिए मैं उसे डेक पर ले गया। वहा जाकर खड़े रह कर एक दूसरे को देख रहे थे. मेने कामिनी की कमर मे हाथ डालकर अपनी और खींचा और अपने होंठ उसके नज़दीक ले गया उसने भी मेरे कंधे पर हाथ रख कर अपने होंठ मेरे होंठो के साथ सटा दिए और मैं जैसे जंग जीत गया हूँ ऐसे उसे अपनी बाहों मे दबोच कर किस करने लगा।

10 मिनट के बाद हम ना चाहते हुए भी अलग हुए. मैने कामिनी को धन्यवाद कहा वो बोली “अरुण मैं तो कब से तैयार थी लेकिन पहल तो नही कर शक्ति थी…” मैने उसके गाल पर किस किया. वो बोली “मैने जब तुम्हे देखा तब से सोच लिया था की मैं अपना सब कुछ तुम पर लूटा दूँगी. इन 7 दीनो मे…” मैने उसका हाथ पकड़ कर सीधा रूम मे गये वहा जाकर मैने दरवाजा बंद किया और सीधा उसको पकड़ कर किस करने लगा वो भी काबू खो चुकी थी।

मैने उसकी साड़ी खींच डाली उसकी पीठ से सट कर उसके बोब्स को ब्लाउस के उपर से ही दबाने लगा और उसके होंठ चूस रहा था. मेरा लंड टाइट होकर उसकी गांड से मस्ती कर रहा था. मैने अपने हाथ उसके ब्लाउस मे डाल दिए और उसके बोब्स दबाने लगा उसने अपने होंठ मेरे होंठो से हटा कर कहा “अरुण आज ऐसा लग रहा है की आज मेरी सुहागरात है आज मुझे चोदो तुम अपनी बीवी समज कर..” मैने उसका ब्लाउस निकाल दिया। पेटीकोट उसने ही निकाल कर मेरे कपड़े निकालने लगी मुझे नंगा करके मेरे लंड को सहलाते नीचे बेठ कर और धीरे से मेरा लंड पूरा अपने मूह मे ले लिया अंदर बाहर करने लगी।

Chuth Chudai কক্সবাজারে শীতের রাতে বন্ধুর সাথে বউ বদল

मैं बेकाबू हो रहा था इतनी सेक्सी औरत चोदने मिली थी आज कैसे काबू रहता. मैने उसे उठाया बेड पर डालते हुए उसके उपर चढ़ गया उसे चूमने लगा वो बोल रही थी “ अरुण करो अब डाल दो मेरी चूत मे अपना लंड मैं प्यासी हूँ मेरी प्यास बुजा दो अरुण…” मैने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और धक्का दिया. मूह से उउई माँ करते हुए चीख निकल पड़ी लंड अंदर नही गया उसकी चूत टाइट थी मैं पूरा ज़ोर लगा कर धक्का दिया तो भी आधा ही लंड अंदर गया. उसकी आँखों मे आँसू आ गये थे मैं देख रहा था वो बोली “ अरुण मेरी चिंता मत करो चोदो मुझे मेरे दर्द पर ध्यान मत दो बस बहरे हो जाओ और चोदो मुझे मेरी इस भूख के सामने ये दर्द कुछ भी नही बस चोदो मुझे..”

मैने ऐसा ही किया उसका दर्द नज़र अंदाज करके उसे चोदने मे जुट गया और लगातार धक्के देने लगा अब उसे भी मज़ा आ रहा था वो मुह से सिसकारियाँ निकाल रही थी और बोल रही थी “ और ज़ोर से अरुण मुझे चोदो और जोर से चोदो फाड़ डालो मेरी चूत..” ।

मैं लगातार 25 मिनिट तक चोदता गया उस दौरान वो 3 बार झड़ चुकी थी. अब मै भी झड़ने वाला था मैने उसे पूछा कामिनी बाहर निकालूं की अंदर उसने कहा डाल दो अंदर मैने उसकी चूत मे पूरा मेरा वीर्य डाल दिया। हम थोड़े शांत हुए. मैं उसके बाजू मे लेट गया वो खड़ी हुई बाल ठीक करते मेरी और देखा और फ्लाइयिंग किस दिया और बोली “i love u जान..” और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। फिर से मूह मे लेकर चूसने लगी मेरा लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया मैं बेठ गया बेड पर और उसकी नाभि पर अपनी जीभ घूमाते हुए चाटने लगा उसे खींच कर अपनी गोद मे बिठा लिया उसकी चूत मे फिर से लंड डाल दिया अब वो उछल कर मेरा लंड अंदर बाहर करने लगी मैं उसके बोब्स दबाता चूसता गया।

फिर से उसकी कामुक आवाज़ से मेरा कमरा गूँज उठा आहह.. अरुण उउउहा.. अरूण अरुण चोदो मुझे और चोदो ऐसे ही फिर से 30-35 मीं. तक हम चोदते रहे. फिर मैने कहा कामिनी क्या मैं तुम्हारी गांड मार सकता हूँ तो उसने मेरा लंड चूत से निकाल कर अपनी गांड के होल पर रख कर उस पर बेठने लगी दर्द हुआ उसे आमम्म्ममाआ मर गयी… फिर भी पूरा लंड अंदर ले लिया और चिल्लाते हुए गांड मरवाने लगी। मैने उसे कुत्तिया बनकर भी उसकी गांड मारी पूरी रात मेरे कमरे मे कामिनी की चुदाई चली। 4.00 बजे हम लोग सोए सुबह जब मे उठा घड़ी देखी तो 9.15 हो रही थी बेड पर कामिनी नही थी।

बाथरूम से शावर की आवाज़ आ रही थी मैं बाथरूम मे गया बाथरूम मे जाकर पीछे से उसे पकड़ लिया वो भी खुश होकर मेरी और घूम गयी बाथरूम मे भी उसे चोदा. लगातार 7 दिन ऐसे ही बीते इंडिया आकर वो भी मेरे साथ उतर गयी। मेरे घर आबाद आई मेरी बहन की शादी अटेंड की उस दौरान मैने उसे होटल मे ले जाकर भी चोदा।

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