chut chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chut-chudai/ Hindipornstories.org Thu, 17 Mar 2022 10:04:48 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 नेहा की कुंवारी चूत https://sexstories.one/neha-ki-kunwari-choot/ Thu, 17 Mar 2022 10:04:48 +0000 https://sexstories.one/?p=5164 मैंने उसके मम्मे चूसने शुरू किए और वो बिल्कुल गर्म हो गई थी, उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था और वो मेरी बाँहों में झूलने लगी, मैंने उसे उठा कर बेड पर लिटा लिया...

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Kunwari Choot ki Chudai ki kahani – दोस्तो, मेरी जिन्दगी में भी ऐसा एक मौका आया जब मैंने बारहवीं कक्षा की पढ़ाई के लिए स्कूल जाना शुरू किया था। मेरे स्कूल का रास्ता एक ऐसी कालोनी से होकर गुजरता था जहाँ पर जयादातर लोग व्यापारी थे, उन घरों में आदमी सुबह जल्दी दुकानों पर चले जाते थे और देर शाम तक घर आते थे।

स्कूल से आते समय एक घर की खिड़की में एक लड़की अक्सर बैठी दिखाई देती, शुरू शुरू में तो ज्यादा ध्यान नहीं दिया पर कुछ ही दिनों में ऐसा लगने लगा कि वो भी मुझे देख कर मुस्कुरा देती है और नीचे देखने लगती है।

मुझे बहुत मज़ा आने लगा और यह हर रोज़ का काम हो गया, हम एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराते, हाथ से इशारा करते और मैं अपने घर आ जाता।

एक दिन वो मुझे बैठी नहीं दिखाई दी तो मेरे मन जैसे बेचैन हो गया और दिल में बुरे बुरे ख्याल आने लगे कि कहीं किसी ने हम दोनों को इशारे करते हुए देख तो नहीं लिया और मैं अचानक उसके घर के सामने खड़ा हो गया कि शायद वो अभी आ जाएगी।

मैं लगभग आधा घंटा खड़ा रहा, पर वो नहीं आई।

उस रात मुझे नींद नहीं आई, सोचा कि चलो कल मुलाकात हो जाएगी, पर वो अगले दिन भी नहीं दिखाई दी तो दिल में एक दर्द सा का एहसास हुआ।

पर मेरी भी लाचारी थी और मैं घर आ गया।

कहते हैं सबर का फल मीठा होता है और मुझे भी शायद मीठा फल ही मिलना था।

अगले दिन मैं बुझे मन से स्कूल से आ रहा था कि वो मुझे उसे खिड़की में बैठी दिखाई दी, उसने मुझे देखा पर उसके देखने में वो चमक नहीं थी, बस हल्के से मुस्कुराई और उठ कर चली गई।

मेरा मन जैसे तड़प उठा क्यूंकि मुझे ऐसा लग रहा था कि कुछ न कुछ बात जरूर है पर मैं उससे पूछ नहीं सकता था।

खैर अगले दिन वो बैठी दिखाई दी, मैं भी थोड़ा दूर खड़ा हो गया और उसे मिलने का इशारा किया, वो भी जैसे तैयार बैठी थी, उसने खिड़की से नीचे एक कागज़ फेंका और अन्दर चली गई।

मैंने भाग कर वो उठाया और तेज़ कदमों से अपने घर आ गया और वो कागज़ खोल कर पढ़ा तो जैसे मुझे तो जैसे भगवान् मिल गया हो, उसमें उसने अपना मोबाइल नंबर लिखा था और बताया था कि रात को दस बजे के बाद ब्लैंक मेसेज कर देना, अगर मेरा जवाब आ गया तो हम चैट करेंगे।

मैं तो बस दस बजने का इंतज़ार करने लगा, और ठीक दसे बजे उसे ब्लैंक मेसेज कर दिया।

मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा पर दो तीन मिनट के बाद एक मेसेज आया जिसमें उसने अपना नाम लिखा था और मेरा पूछा था। दोस्तो, हमारा बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया था और हम दोनों देर रात तक मेसेज से बात करते और सो जाते।

बातों में हम बहुत खुल गए थे और सेक्सी बातें भी करने लगे थे। उससे बात करके मुझे ऐसा लगता था कि जैसे वो सेक्स के लिए उतावली है, शायद उसने ब्ल्यू फिल्में देख रखी हैं…

Chudai story घोड़ी बन गयी बबिता

दोस्तो, मैं बता दूँ कि उसका नाम मेघा था और वो भी बारहवीं कक्षा की छात्रा थी पर उसका स्कूल अलग था।

उसने बताया कि उसके मम्मी पापा दोनों काम से बाहर जाते हैं पर मम्मी जल्दी आ जाती हैं। शनिवार के दिन मम्मी लेट आती हैं क्यूँकि उनको घर का सामान लेन के लिए मार्किट जाना पड़ता है।

हमने शनिवार को मिलने का प्रोग्राम बनाया, देखते देखते शनिवार भी आ गया और मैं स्कूल से थोड़ा जल्दी आ गया क्यूंकि मुझे मेघा के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना था, वो भी जैसे बेसबरी से मेरा इंतज़ार कर रही थी, उसने इशारा किया और मैं सीधा ऊपर चला गया, उसने दरवाजा खोल के रखा था, मैं सीधा अन्दर गया और दरवाज़ा बंद कर दिया।

उसने मुझे सोफे पैर बैठने का इशारा किया पर मुझे सबर कहाँ था, मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने सीने से लगा लिया और उसे चूमने लगा।

उसने कहा- सांस तो ले लो!

पर मुझे तो जैसे होश ही नहीं था, मैं उसे दीवानों की तरह चूमे जा रहा था, मेरे हाथ उसके मम्मे दबाने लगे थे और मेरा लंड खड़ा हो चुका था, उसे शायद मेरा लंड चुभने लगा था, वो थोड़ा पीछे हुई तो मैंने उसे जोर से अपने से सटा लिया और जोर से उसके मम्मे दबाने लगा।

उसके होटों को तो जैसे मैं खा जाना चाहता था, बहुत रस भरी थी मेघा!

अब तक मेघा भी गरम होने लगी थी और मेरा साथ देने लगी, उसका हाथ मेरी पैंट पर गया और उसने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगी।

लंड पकड़ कर तो वो और भी मस्त हो गई थी उसके मुख से सिसकारी निकलने लगी थी, मैंने आपना लंड उसके नरम होंटों पर लगाया तो पूरा लंड अपने मुंह में ले गई और जोर से चूसने लगी।

इतने में मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए थे और स्कर्ट उतार दी थी, वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में मेरे मेरा लंड चूस रही थी। मैंने उसकी ब्रा खोल कर उतार दी।

यारो, इतनी मस्त लड़की मैंने पहली बार देखी थी, और सही तो यह है कि इस हालत में लड़की ही पहली बार देखी थी।

मैंने उसके मम्मे चूसने शुरू किए और वो बिल्कुल गर्म हो गई थी, उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था और वो मेरी बाँहों में झूलने लगी, मैंने उसे उठा कर बेड पर लिटा लिया और उसके ऊपर आकर उसका नंगा बदन चूमने लगा।

दोस्तो, वो मुझे ऐसे लग रही थी जैसे माखन में मिसरी मिली हो, उतनी ही चिकनी और उतनी ही मीठी… मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला और उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा।

वो जैसे मचल उठी और बेकाबू हो कर मुझसे लिपट गई, उसकी चूत बहुत भीगी हुई थी, मैंने उसकी पेंटी उतार दी और अपने होंठ उसकी भीगी चूत पर रख दिए, उसकी चूत की खुशबू से मैं भी दीवाना हो गया था, बस अब रुका नहीं जा रहा था और मैं अपना लंड उसकी कुंवारी चूत में डालना चाहता था।

वो बहुत मस्त हो रही थी पर शायद चुदाई से डर रही थी।

मैंने उसके कान में कहा- डरो नहीं, इसमें बहुत मज़ा है।

मेरे कहने पर वो मान गई, मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जोर से धक्का दिया, वो चिल्लाने लगी और चूत से लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, पर मुझे पर तो जैसे काम सवार था मैंने उसे जोर से पकड़े रखा और अपना लंड उसकी चूत से निकलने नहीं दिया बल्कि उस पर लेट कर उसके मम्मे चूसने और दबाने लगा।

वो कुछ देर में ही अपना दर्द भूल कर मेरा साथ देने लगी, मैंने भी मौका देखा और उसकी चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा, वो भी अपने चूतड़ उठा कर चुदाई में साथ देना लगी, पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से गूंजने लगा।

दस मिनट के बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया और उसके नरम नरम पेट पर अपना वीर्य गिरा दिया।

कुछ देर बाद उसने मुझे बताया कि थोड़ी देर में ही उसकी मम्मी आ जाएगी तो मुझे अब जाना चाहिए।

मन तो नहीं कर रहा था लेकिन मज़बूरी थी और मैं वहाँ से अपने घर आ गया, उसके बाद तो जैसे हर शनिवार को हम हनीमून मनाने लगे। उसने बताया कि उसके चाचा की लड़की भी छुट्टियों में आ जाएगी..

दोस्तो आगे की बात अगली कहानी में!

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बन गया मैं बहन का पति https://sexstories.one/behanchod-bankar-behan-ko-choda/ Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 https://sexstories.one/?p=4368 मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा..

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Behanchod – Ban Gaya Behan Ka Pati – एक बार मैं अपनी मामी की लड़की यानि मेरी दीदी के यहाँ मुंबई गया। मेरी दीदी के घर में तीन लोग थे। मेरी दीदी, जीजा जी और उनका तीन साल का एक लड़का। मेरी दीदी का नाम सोनी है। उसकी उम्र 28 साल थी फिगर 36-30-38 था। वह बहुत सेक्सी लगती है, जब चलती तो ऐसा लगता कि दिल पर छुरियाँ चला गई। उसकी गांड बहुत ही मस्त और मोटी है। उस पर उसका गोरा बदन और मोटे मोटे बोबे ! उसको देखते ही ऐसा लगता था कि बस कैसे भी इसे चोद डालूँ !

अब मैं असली बात पे आता हूँ। जीजा जी बहुत शराब पीते थे इसीलिए वो बहुत परेशान रहती थीं। एक दिन कुछ ऐसा हुआ जो शायद दीदी और मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। हुआ यूँ कि जीजा जी ऑफिस से आये और मुझसे कहा- आ आज शराब पियेंगे।

मैंने मना किया पर वो नहीं माने और मुझे उनके साथ बैठना पड़ा। उन्होंने एक शराब की बोतल निकाली और हम पीने लगे। हम लगभग पूरी बोतल पी गए। जीजा जी को बहुत नशा हो गया था। हमने खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।

अचानक रात में मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी।

मैं उठा और दीदी के कमरे की खिड़की से देखने लगा कि कुछ हुआ तो नहीं है।

तभी मैंने देखा कि जीजा जी ने दीदी की साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी पैंटी को उसके बदन से अलग कर दिया और अपना लंड पेल दिया उसकी बुर में। जीजा जी का लंड बहुत छोटा था। दो मिनट बाद ही जीजा जी झड़ गए और वहीं नशे में सो गए।

दीदी की आँखों में आँसू थे, वो उठी और कमरे से बाथरूम जाने लगी कि अचानक उन्होंने मुझे देख लिया। मैं भी वहाँ से चला गया और रात भर उनकी बुर के बारे में सोचता रहा। उसकी चूत क्या मस्त थी ! बिल्कुल गुलाबी ! एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर ! उसे सोचते सोचते ही मैं तो जैसे पागल हो गया। मैंने रात में मुठ मारी और सो गया।

सुबह जब उठा तो पता लगा कि जीजा जी दस दिनों के लिए पुणे गए हैं। मैं और दीदी एक दूसरे को देख रहे थे।

मुझे उसके पतली कमर के साथ डोलते हुए चूतड़ बहुत विचलित करते थे, मैं सोचता था कि उसे नंगी करने के बाद उसके गोरे गदराये चूतड़ कितने प्यारे लगेंगे.. उन्हें सहलाने में और दबाने में कितना मजा आएगा ! और कमर से ऊपर नज़र जाते ही.. उफ़ उसकी भरी हुई छातियाँ.. उसके स्तन एकदम कसे हुए थे.. एक बच्चे की माँ लेकिन स्तन जैसे बीस साल की कुंवारी लड़की के.. 36 साइज़ होगा उनका.. दोनों उसके ब्लाऊज़ या कुरते के अन्दर एक दूसरे से चिपके हुए रहते थे.. जिसके कारण उसके बीच की घाटी बहुत ही उत्तेजक दिखाई देती थी। सब कुछ मिला कर मेरे जैसे कामी पुरूष के लिए वो एक विस्फोटक औरत थी…

अब मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे अलग नजरों से देखना शुरू कर दिया था। शायद वह मेरी नजरों की भाषा समझ रही थी। हम दोनों एक दूसरे से खुल कर बातें करने लगे थे। जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। सूट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुंह में पानी आ जाता था।

एक रात मैं दीदी के कमरे में झांक रहा था तो जो देखा उससे मेरे रोंगटे खड़े हो गए ! दीदी टीवी पर ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत को जोर जोर से अपने हाथों से रगड़़ रही थी ! मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया, मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं खड़े खड़े मुठ मार कर उसे शांत किया।

मैं समझ गया कि जीजा जी से दीदी की बुर शांत नहीं होती है, वो प्यासी है उसकी बुर में आग लगी है और मेरा काम बन सकता है।

एक दिन मैं सोने के लिये बेडरूम में आ गया तो देखा की दीदी अपनी गैलरी में खड़ी थी। मैंने सोचा कि मौका अच्छा है। फ़िर तुरन्त ही अपना पैन्ट उतार कर, वो मुझे देख सके, उस तरफ़ मुँह करके अपने लण्ड को तेल लगा-लगा कर मालिश करने लगा।

जैसे ही उसने मुझे नंगा देखा, तुरन्त अपने कमरे में भाग गई। दोस्तो, मेरा लण्ड अगर किसी भी औरत या लड़की ने देखा तो चखने का मन बन ही जाता है। फ़िर मैंने खिड़की के काँच से देखा तो पता चला कि वो दरवाजे के पास कुर्सी डाल कर चुपके से मेरे कमरे में झांक रही थी।

मैंने सोचा कि मेरा काम हो गया। अब दीदी की आँखों में मुझे वासना नज़र आने लगी थी, बस मैं मौके के इंतज़ार में था।

एक दिन वो मेरे पास आई और उसने कहा- मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है और मैंने एक जरूरी इमेल करनी है। क्या मैं तेरा लैपटॉप प्रयोग कर सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !

मैंने कहा- दीदी, आप बैठिये, मैं लैपटॉप देता हूँ !

मैंने ऐसे ही लैपटॉप पकड़ा दिया। जैसे ही उन्होंने लैपटॉप देखा तो दीदी का चेहरा लाल हो गया, उसने झिझकते हुए कहा- भैया, तुम ही वेब साईट खोल कर दे दो।

मैंने लैपटॉप लिया तो देखा कि नंगी वेब साइट्स खुली हुई थी, मैं घबरा गया और बोला- सॉरी, यह लीजिये ! अब सब ठीक है !

दीदी बोली- शादी नहीं हुई है तो खूब ऐश हो रही है?

मैंने कहा- मन तो बहुत करता है मगर कुछ भी नहीं कर पाता, सिर्फ इन्टरनेट का ही सहारा है !

उसने कहा- क्या तुम मुझे इन वेब साइट्स के लिंक लिख कर दे सकते हैं?

मैं हैरान रह गया ! मैंने कहा- क्या दीदी?

वो बोली- हाँ ! वो असल में तुम्हारे जीजा जी को दिखानी हैं, शायद ये देख कर वो थोड़ा रोमांटिक हो जायें !

मैंने पूछा- क्यों? क्या वो अभी रोमांटिक नहीं है?

तो दीदी बोली- रोमांटिक का र भी नहीं आता उनको ! रात को आते हैं, शराब पीते हैं और मेरे हाथों में अपने छोटे से लंड को देकर कहते हैं- हिला दो ! मैं उसे झरवा देती हूँ और फिर वो सो जाते है। मेरे अरमान और बदन की गर्मी वहीं की वहीं रह जाती है। मैंने कई बार कोशिश की, मगर वो समझते ही नहीं ! कहते है कि बहुत थक गया हूँ।

शादी से लेकर आज तक बस बहुत कम ही हमने सेक्स किया है जिसमें वो पूरा अन्दर तक भी नहीं जाता।

वो बोली- अंकित, ये मेरी बहुत व्यक्तिगत बातें हैं, किसी को नहीं बताना ! मैं तुम्हे ये सब बता रही हूँ कि तुमने रात सबकुछ देख लिया था।

मैंने घबरा कर कहा- आप चिंता मत करो !

मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है, हथौड़ा मारने की देर है।

फिर वो बोली- मेरा काम हो गया है, मैं चलती हूँ अपने रूम में सोने को। तुम भी सो जाओ।

पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको !

और कह के अपनी जींस नीचे कर दी, मेरा नौ इंच का लंड खड़ा हुआ फुफकार रहा था। वो पलटी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, पसीना उसके गाल से बहने लगा और चेहरा लाल हो गया। वो मेरे पास आई, मेरी आँखों में गुस्से से देखा और मुझे जोरदार थप्पड़ मार दिया।

मैं बहुत घबरा गया, शायद मैंने उसकी बातों से गलत समझ लिया था कि वो मेरे साथ अपनी प्यास बुझा लेगी। मुझे लगा कि अब मेरी बदनामी कर देगी ये !

मगर वो बोली- तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में??

मेरी सांस में सांस आई और जान में जान ! गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और दीदी को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा। मेरा हाथ उनके कुरते में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे।

उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी, एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी। मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक सैंकड़ों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए।

वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी। उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽ ऊऽऽऽ… म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द… म्म्मम्म्म्म… आआआअ… यही आवाजें निकल रही थी।

मैंने पंद्रह मिनट तक उनके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी। मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर रगड़ रही थी। लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में लो !

तो वो फट से तैयार हो गई और मेरा नौ इंच लम्बा लंड देख कर बोली- तुम्हारा तो बहुत लम्बा है, और मोटा है, बिल्कुल काला नाग है ये, तुम्हारे जीजा जी का तो छोटा सा ही था।

मैंने कहा- लम्बे लंड से चुदने में जो मजा आपको अब आएगा वो कहीं नहीं आएगा।

वो बोली- तो जल्दी से चोद दो ना !

और मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा लंड चूसने लगी 69 की पोजिशन में।

तभी उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया और आआअह ह्ह्ह्ह्हा आआऊऊउईईइ म्म्म्म्मा करने लगी और जोर से झड़ गई। मैंने उनका पूरा पानी साफ़ कर दिया चाट चाट कर !

फिर मैंने उनसे कहा- अपना कमीज उतार दो।

तो उन्होंने उतार दिया और मैंने उनकी चूची चूसनी शुरू कर दी। वो फिर से गर्म होने लगी और आआअह्हह्ह म्मम्माआअ करने लगी और अपनी चूत रगड़़ने लगी।

मैंने उनके मुंह में अपना लंड डाला, वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए !

कुछ देर बाद मैं अपनी जीभ से उनकी नाभि चाटने लगा।

वो बोली- क्या बात है तुममें ! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की ! मैं एक अरसे से इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है।

मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था दीदी।

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अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली ! मैंने उनकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया। वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा। मैंने उनकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उनका चिल्लाना और तड़पना !

मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो फिर पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उन्होंने पानी न झारा हो।

तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उनके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया ! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उनके होंठ बंद कर दिए और एक झटका मारा, मेरा तीन इंच लंड उनकी बुर में घुस गया। उनकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी !

अभी तीन इंच लंड ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी।

मैंने कहा- दीदी, जीजाजी ने तुमको चोदा हुआ है, फिर भी ऐसे चिल्ला रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो !

तो बोली- एक तो तुम्हारा मोटा है, दूसरा तुम्हें पता है कि उनका लंड कितना बड़ा है, जरा धीरे करो ना !

मैंने कहा- ठीक है !

तो फिर मैं फिर से धक्का लगाने लगा और उनकी चूची चूसने लगा।

मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे…

वो बोली- तुम जानवर हो ! मुझे छोड़ दो ! मेरी चूत फट गई ! मेरी जान निकल रही है, बाहर निकालो।

मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए तो वो और चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और जोर जोर से चोदने लगा। 5 मिनट बाद उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर शुरू हुआ असली चुदाई का मजा !
मैं जितनी तेज ऊपर से झटके मारता वो नीचे से उतनी ही तेजी से जवाब देती। सच दोस्तों क्या बताऊँ क्या क़यामत चुदाई चल रही थी कि तभी वो मुझसे चिपक गई और मेरे कंधे पर काटने लगी और उसने अपने नाखून मेरी पीठ में चुभा दिए। वो आअ आआ आआ आह्ह्ह्ह करती हुई झड़ गई, फिर कहने लगी- जल्दी करो अब सहन नहीं हो रहा।

मैंने भी उन्हें खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।

मैं थक कर उनके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी। दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उनकी चूत से निकाला।

मैंने प्यार से उन्हें खूब सारे और चुम्मे दिए। उनकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था। वो इतनी खुश थी कि उनकी आँखों से आँसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता !

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पहला मजा, बड़ी बहन के साथ https://sexstories.one/pehla-maza-badi-behan-ke-sath-xxx/ Thu, 30 Dec 2021 10:14:48 +0000 https://sexstories.one/?p=3490 उन्होने क्रीम मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई और चूत की तरफ़ इशारा करके कहा चलो लग जाओ काम पर. उन्होने अपनी टाँगे फैला ली और मैने चूत पर अपना लंड रगड़ा. चूत के मुँह पर लंड रख कर झटका मारा पर थोड़ा ही लंड अंदर गया...

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Pehla Maja Badi Behan Ke Sath XXX – मेरा नाम विवेक है और मैं इस का रेग्युलर रीडर रहा हूँ. जिससे मुझे भी अपनी घटना लिखने के लिये प्रेरित किया. ये घटना मेरे और मेरी बड़ी बहन जिसका नाम अनुष्का (नाम बदला हुआ) है के बीच हुई एक रात का है. मैं अपनी फैमिली के बारे में बता दूँ. हम साधारण लोग है..

पापा सरकारी नोकरी में है. मम्मी हाउस वाइफ हैं. दीदी की शादी हो चुकी है और मैं अभी ग्रेजुयेशन कर रहा हूँ. हम आपस में ज्यादा बात नही करते है. हमारे घर में सेक्स को लेकर कभी कोई बात ही नही करता. अपनी बड़ी बहन के बारे में बता दूँ लम्बाई 5.3, साइज़ 38-26-36, कलर- गोरा है जो शादीशुदा हैं और उनकी शादी को 1 साल हो गया था. मेरे जीजा जी गावं में जॉब में है और उनका ट्रान्सफर रूरल एरिया में हो गया था जिससे दीदी को वो अपने परिवार की देखभाल के लिये कानपुर में ही छोड़ गये थे.

मेरे घर के सभी लोग शादी में गये थे इसलिये दीदी और मैं ही घर पर थे. सभी लोगो को बस में बिठाने के बाद मैं कॉलेज चला गया. रात को हमने खाना खाया और अपने–अपने कमरे में चले गये. रात को करीब 1 बजे दीदी मेरे कमरे में आई और मुझे जगाया में उठा और पूछा क्या हुआ तो बोली कुछ नही और वापस चली गयी. थोड़ी देर बाद फिर आई और पुछा विवेक सो गया क्या तो मैं बोला नही.

फिर मैने पुछा क्या हुआ तो बोली मुझे नींद नही आ रही है तो मैंने कहा आपकी तबीयत तो ठीक है ना. पर अब उनकी साँसे कुछ तेज़ चल रही थी और घबरा भी रही थी तो मुझे लगा की तबीयत ही खराब होगी मैने कहा आपकी तबीयत ठीक नही लग रही है. तो वो बोली तबीयत तो ठीक है पर तुमसे कुछ बात करनी है मैं बोला ठीक हैं बताओं. वो बोली की तुम अब बड़े हो गये हो. मेरी मदद करोगे तो मैने कहा हाँ क्यों नही. तो बोली मेरा दूध पीवोगे ? आज से पहले कभी हमारी इस तरह की बाते नही हुई थी (दीदी को कभी किसी लड़के के बारे में बात करते या मिलते नही सुना था) इसलिये ये सुनकर मैं दंग हो गया. मैने पुछा क्या? तो वो बोली हाँ..(अब उनकी साँसे काफ़ी तेज़ हो गई थी और दिल काफ़ी तेज़ धक धक कर रहा था जिससे उनके बूब्स के हिलने से पता चल रहा था.)

मैने पूछा किस लिये? कुछ देर चुप रहने के बाद उठकर चली गयी. इससे पहले मैने कभी किसी लड़की से ये बात नही की थी इसलिये मैं दंग था पर अंदर से अजीब सी खुशी हो रही थी जो मैं बता नही सकता. करीब 10 मिनिट के बाद वो फिर वापस आई और इस बार वो काफ़ी कॉन्फिडेंट दिख रही थी और पुछा क्या सोचा हैं. मैने कहा क्या हो गया है आपको? अब मेरी साँसे भी तेज़ हो गयी थी जिससे मेरी आवाज़ नही निकल रही थी पर मेरा लंड खड़ा हो गया था. वो बोली देखो मैं काफ़ी दिनो से तुम्हारे जीजा से नही मिली हूँ अब मुझे उनकी ज़रूरत है. मेरी तबीयत अब सेक्स करने से ही ठीक होगी. ये सुन कर मेरा लंड अब पेन्ट फाड़ने को तो तैयार था. वो बोली मैं जानती हूँ की तुम्हे भी एक लड़की की ज़रूरत है. मैने कहा पर आप मेरी दीदी हो.. वो बोली इसलिये तो कह रही हूँ अब उनका और मेरा चेहरा लाल हो चुका था.

मैने कहा पर मैने कभी किया नही है तो बोली मेने तो किया है. मैने कहा अगर कुछ हो गया तो वो बोली कुछ नही होगा और ना किसी को पता चलेगा. अब सब बंद करो. मैने ब्लू फिल्म कई बार देखी थी तो मुझे पता था पर रियल में तो उससे भी ज्यादा मज़ा आता है. फिर वो मुझे अपने रूम में ले गयी. उस दिन उन्होने लाल सिल्क नाइटी पहन रखी थी क्या गजब लग रही थी ये तब पता चला जब ये सब हुआ. दीदी बोली आओ फिर मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिये और कहा इसे दबाओ. मेने वैसा ही किया पर थोड़ा डर रहा था की दर्द होगा.

Ghar me incest sex तारक मेहता में चुदाई कांड – भाग 7

फिर वो बोली थोड़ा ज़ोर से दबाओ मैने कहा दर्द होगा वो बोली दर्द नही होगा और अपने लाल होठों को एक बार मेरे होठों से किस किया मुझे तो जैसे शॉक लगा पर मज़ा आया. फिर मैंने अपने होठों को उनके होठों से लगाया और चूसने लगा वो बराबर साथ दे रही थी. मैने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनके उपर चड गया. मैने फिर किस करना स्टार्ट कर दिया. कुछ देर बाद में थोड़ा नीचे आया और उनके बूब्स को नाइटी के उपर से काटा उनके मुँह से अहह निकल गयी. फिर मैं बूब्स से नीचे आया और उनके पेट पर किस किया फिर और नीचे गया पर चूत को किस नही किया. अब में उनके पैर के अंगूठे को किस किया और उपर बढ़ने लगा. धीरे धीरे मैं उनकी नाइटी को उपर करता गया और पैरो को किस करता रहा.

जब मैने उनकी नाइटी को कमर पर किया तो देखा उन्होने सिल्क लाल पेंटी पहन रखी थी पर वो कुछ भीगी लग रही थी जब मैं उनकी जांघो को किस कर रहा तो एक मधहोश कर देने वाली सुगंध पेंटी से आ रही थी. मैने पेंटी को किस किया तो मेरे होठ भीग गये. मैंने धीरे धीरे नाइटी को उपर चढ़ाया और उनके बूब्स तक पहुच गया. उन्होने गुलाबी कलर की ब्रा पहन रखी थी मैंने ब्रा के उपर से ही चूसना शुरू कर दिया वो एकदम कड़क हो गई. फिर उन्हे उठाया और नाइटी उतार दी दीदी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये. दीदी बोली तुम तो कह रहे थे कुछ नही जानते हो तब ये सब कैसे? मेंने कहा आप को देख कर हुआ जा रहा है. मैने उन्हे किस किया और ब्रा उतार दी अब बूब्स नंगे थे मैने तुरन्त उनके निपल को चूसना और काटना चालू कर दिया वो बोली आराम से चूसो में कहीं नहीं जा रही हूँ.

मैंने कहा आपने ही तो बोला था दूध पीने को वो बोली तो दूध पीने का मज़ा आया मैने कहा बहुत. अब मैं नीचे आया और उनकी पेंटी निकाल दी. क्या चूत थी यारो. गुलाबी चूत वो भी रियल लाइफ में पहली बार तो आप लोग समझ सकते हैं उस वक़्त क्या महसूस हो रहा होगा मुझे. चूत के बाल छोटे छोटे थे. मैने उनके पैर फैलाये और लग गया चूत चाटने को जैसे ही मैने अपनी जीभ उनकी चूत की फाको पर रखी मधहोशी छा गयी. मैने धीरे धीरे चाटना जारी रखा पर दीदी ने मेरा सर पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी फिर कुछ देर में उनका पानी मेरे मुँह पर निकल गया. मैं कुछ समझ नही पाया पर टेस्ट अच्छा लगा तो चूत और चाट ली. दीदी बिल्कुल शांत हो गयी थी पर मैने चूत चाटना जारी रखा. कुछ देर बाद बोली उपर आ जा मैं उपर गया तो उन्होने फिर से किस स्टार्ट कर दिया. मैने रेस्पॉन्स दिया और साथ में बूब्स दबाता रहा अब वो फिर तैयार हो गयी.

मैं भी एग्ज़ाइटेड था इस बार में चूत मेंने एक उंगली डाली और अंदर बाहर करने लगा फिर एक और उंगली डाल दी. दीदी बोली उंगली निकाल लंड डाल उंगली करने से अगर ये शांत हो जाती तो तेरी क्या ज़रूरत थी. ये सुनकर मुझे जोश आ गया और मैने लंड दीदी की चूत के मुँह पर रख दिया और धक्का मारा. मेरे लंड का अगला सिरा ही बड़ी मुश्किल से गया की मुझे दर्द होने लगा. दीदी बोली जा क्रीम ले कर आ मैं क्रीम ले आया और उन्होने अपने हाथो से मेरे लंड पर क्रीम लगाने लगी में एग्ज़ाइटेड होने की वजह से उनका हाथ लगते ही मैने उनके उपर ही वीर्य गिरा दिया. मैं डर गया पर वो बोली कोई बात नही ऐसा होता है. उन्होने वीर्य साफ किया और फिर मेरा लंड अपने मुँह मे ले लिया थोड़ी देर चूसने के बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.

फिर उन्होने क्रीम मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई और चूत की तरफ़ इशारा करके कहा चलो लग जाओ काम पर. उन्होने अपनी टाँगे फैला ली और मैने चूत पर अपना लंड रगड़ा. चूत के मुँह पर लंड रख कर झटका मारा पर थोड़ा ही लंड अंदर गया की मुझे फिर दर्द होने लगा. दीदी बोली फर्स्ट टाइम होता है दर्द. चलो मर्द बनो और अपनी दीदी की चूत को फाड़ डालो. ये सुन कर मुझे जोश आ गया एक जबरदस्त झटका मारा और मेरा पूरा लंड अंदर चला गया मैं और दीदी दोनो ही चीख पड़े. मेरा लंड थोड़ा मोटा है और लंबा भी इसलिये. मुझे ज़्यादा दर्द हो रहा था तो दीदी बोली मेरा दूध पीओं तो ताक़त मिल जायेगी और लंड चूत में डाले डाले ही में उनके लिप्स और बूब्स बारी बारी से चूसने लगा.
अब मुझमे और ताक़त आ गई मैने धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगा.

दीदी भी साथ दे रही थी और मेरे झटको की गति बढ़ती जा रही थी. दीदी के मुँह से आआआआहह ओंऊऊऊओहूऊ की आवाज़ निकल रही थी जिसे सुनकर जोश बढ़ रहा था. दीदी अपनी टांगो को सिकोड़ने लगी जिससे मुझे ज्यादा ताक़त लगानी पड़ रही थी. फिर दीदी का पानी निकल गया. उन्होने रुकने को कहा. मैं रुक गया और उनके बूब्स को चूसने लगा कुछ देर में वो फिर तैयार हो गई और कहा तुम भी काम पूरा कर लो. में तुरन्त झटके मारना चालू कर दिया कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला तो मैने कहा मेरा निकल रहा है वो बोली अंदर ही डाल दे कुछ नही होगा जब तक गर्म लावा अंदर नही पड़ेगा तब तक शांति नही मिलेगी. फिर हम दोनो झड़ गये और मैं उनके उपर ही लेट गया. अब सुबह के 5 बज रहे थे.

और हम सोने चले गये थे.

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मेरी सेक्सी प्रेमिका के साथ मेरे रोमांस की शुरुआत https://sexstories.one/sex-with-virgin-lover/ Tue, 14 Dec 2021 07:49:05 +0000 https://sexstories.one/?p=4989 उसके स्तन बड़े हो रहे थे और उसके निप्पल तेज हो गए थे। मैं अपने दिमाग से बाहर था, मैंने उसके चेहरे को अपनी ओर खींच लिया और उसके होठों को इतनी जोर से चूमा...

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Sex with Virgin Lover Girlfriend – नमस्कार दोस्तों, मैं हूँ नानी, हैदराबाद से। आज अपना यौन अनुभव साझा कर रहा हूं। जो मेरे शर्मीले कुंवारी प्रेमी के साथ हुआ। उसका नाम निकिता है। आकार 32c, 26, 28. उसकी ऊंचाई 5’8 है। मैं उसकी गांड को छूता था और हमारी हर मुलाकात को निचोड़ता था, उसके स्तन उसके पास सबसे अच्छा हिस्सा थे। कभी-कभी सार्वजनिक स्थानों पर, मैं नियंत्रण खोने के कारण उसके स्तनों को छूता था और उन्हें दबा देता था। वह कुछ भी नहीं कहती है कि उसके शरीर पर मेरे स्पर्श का आनंद मिलता है।

मुख्य कहानी पर आते हैं, हम लगभग 4 साल के संबंध में हैं। इंटरमीडिएट में एक-दूसरे को प्रपोज करने के बाद, हमने अपने नंबरों का आदान-प्रदान किया, उसके साथ फोन पर चैट करना शुरू किया, और धीरे-धीरे हम खुले और काफी अच्छी तरह से देखभाल करने लगे, हमारे इंटरमीडिएट के पूरा होने तक यह सब सामान्य था।

हम दोनों एक ही डिग्री कॉलेज और एक ही कोर्स में शामिल हुए, कॉलेज की शुरुआत में हम लाइब्रेरी, कैंटीन और सभी एक साथ जाते थे। मैं उसकी सुंदरता का वासना लड़का था, मैं उसके शरीर में हर बदलाव को नोटिस करता था। मुख्य रूप से मैं उसके स्तन और गांड का दीवाना हो जाता हूँ।

कॉलेज के बाद, मैं उसके सेक्सी स्तन और गधे की इमेजिंग करते हुए कमरे में और बाथरूम में सह जाता। यह महीनों के लिए नियमित चला गया, एक अच्छा दिन यह हमारे कॉलेज में एक पारंपरिक दिन है वह हरे रंग के ब्लाउज के साथ लाल साड़ी में थी। वाह, मेरा लंड मेरी पैंट में रगड़ने लगा। ब्लाउज के साइड व्यू से उसके बूब्स दिखाई दे रहे थे, पूरी क्लास के लड़के उसे देख रहे थे।

मैं पागल हो गया था और मैं लगातार उसके स्तन और गांड को देख रहा था, वह उस दिन साड़ी पर बहुत गर्म थी। मैंने उसे लाइब्रेरी आने के लिए मैसेज किया, हम दोनों लाइब्रेरी में बात कर रहे थे। मैं उसके बूब्स को देख रहा था और उसकी नाभि का हिस्सा जल रहा था। उसने मेरी शक्ल देखी और चली गई। कॉलेज पूरा करने के बाद, मैंने उसे एक कॉफी शॉप में रुकने के लिए कहा, यह हमारा नियमित स्थान था। उसे बताया कि वह साड़ी पर बहुत सेक्सी थी, मैंने विशेष रूप से उसके स्तन का उल्लेख किया और उसकी गांड बहुत हॉट लग रही थी।

उसने मुझे थप्पड़ मारा और चली गई। शाम को मैंने उसे मैसेज किया कि उसने कोई जवाब नहीं दिया, करीब कुछ घंटों तक भीख मांगने के बाद वह मुझसे बात करने के लिए तैयार हो गई। फिर हम कभी-कभी आधी रात तक रोज बात करते और बातें करने लगे, मैंने सेक्स चैट करने की कोशिश की, लेकिन उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, वह विषय को डायवर्ट कर देती थी। जैसे-जैसे दिन बीतते गए उस प्यार की तरह नियमित चैट करें जहाँ वे चैट करते हैं और उससे अधिक नहीं।

Hindipornkahani – माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की

एक बार जब हम एक फिल्म के लिए गए, मैंने उसके स्तन पकड़ने और उसे चूमने की कोशिश की, वह चली गई, और मुझे उसे छूने दिया। मैं भी चुप रहा और ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी… क्योंकि ये केवल दिन बीत गए। मैंने रोमांस और सेक्स के बारे में पूछा लेकिन उसने मुझे डांटा।

इसलिए 15 अगस्त को कॉलेज में ध्वजारोहण समारोह के बाद सभी अपनी-अपनी दिनचर्या में जुटे हैं. मेरा मन सोच रहा था कि उसके स्तन और गांड को कैसे छूऊँ, मैंने उससे फिल्म के लिए पूछने की योजना बनाई। मुझे इस बात की बहुत चिंता थी कि अगर उसने मना कर दिया तो वह इस पर क्या प्रतिक्रिया देगी। लेकिन, उसने मेरे साथ एक फिल्म देखना स्वीकार किया, मैं खुश हुआ और उसे सिनेमाघर ले गया। इसलिए थिएटर दर्शकों से खाली था क्योंकि यह एक औसत फिल्म थी।

मैं अंदर से बहुत खुश था यह सोचकर कि यह मेरा भाग्यशाली दिन है, फिल्म लगभग आधे घंटे चल रही थी जब उसने चुप्पी तोड़ी और मुझे अपने परिवार के बारे में बता रही थी। तो मूड में था उसके होंठ इतने लाल थे और मैं उसके होठों का दीवाना हो रहा था, मैंने धीरे-धीरे उसकी जांघों पर अपनी दाहिनी जांघ को रगड़ा और उसकी दाहिनी जांघ को बहुत धीमी गति से रगड़ा, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा

मुझे लगा कि वह आनंद ले रही है, उसकी सांसें भारी थीं और मैं उसके शरीर से किसी प्रकार की सुगंध को सूंघ रहा था। यह मेरे डिक को इतना सख्त बना रहा था और जब वह सांस ले रही थी, उसके स्तन बड़े हो रहे थे और उसके निप्पल तेज हो गए थे। मैं अपने दिमाग से बाहर था, मैंने उसके चेहरे को अपनी ओर खींच लिया और उसके होठों को इतनी जोर से चूमा और उसके होंठों को काट लिया।

वह सांस लेने के लिए संघर्ष कर रही थी और मेरा विरोध कर रही थी। उसके होठों को चाटने के एक मिनट बाद, मैंने चुंबन तोड़ दिया। उसने मेरे गालों पर थप्पड़ मारा, लगभग कुछ देर मैं चुपचाप बैठी रही और उससे बात किए बिना फिल्म देख ली। इंटरवल के बाद फिल्म दोबारा शुरू हुई तो उसने धीरे से मेरा हाथ पकड़ कर सॉरी बोला लेकिन मैं उसका कोई जवाब नहीं दे रही थी.

उसने मेरा हाथ थाम लिया और अपने स्तनों पर रख दी। वे इतने नरम और कड़े थे, मैंने उसकी तरफ मुड़कर उससे कहा कि मैं उसके होंठों को चूमना चाहता हूं, एक शर्मीली मुस्कान के साथ धीरे-धीरे होंठों को मत काटो। मैं उसके बूब्स को उसकी ड्रेस के ऊपर से दबा कर इतनी धीरे से उसके होंठों को चूम रहा था।

वह इतनी धीरे से कराह रही थी जिससे मेरा डिक मजबूत हो गया था मैंने उसका हाथ लिया और उसे अपने जीन्स के ऊपर अपने डिक पर रख दिया वाह उसने धीरे से मेरे लिंग को मेरी जींस के ऊपर रगड़ा। मैं इतना सख्त हो रहा था और मेरे हाथ उसकी कमर को दबा रहे थे, वाह, जब मैं अपने हाथों को जाँघों पर ले जा रहा था, उसने फिर से उसे चूम कर धीरे-धीरे रोक दिया। मैं उसके स्तनों पर उतर गया और उन्हें उस पोशाक के ऊपर से चूसा जो वह धीरे से मेरे सिर को अपने स्तन की ओर पकड़कर कराह रही थी।

इस बीच, मैंने अपने हाथों को उसकी जांघों पर रखा और उन्हें निचोड़ा और उसकी पैंट से, मैं उसकी चूत को रगड़ रहा था उसने मेरी जीन्स जीप को हटा दिया और मेरे डिक को जोर से दबाते हुए बाहर निकाला, जबकि मैं उसकी चूत को उसकी पैंट के ऊपर से रगड़ रहा था, मैंने उसकी पैंट को ढीला कर दिया और मेरा बायाँ हाथ उसकी चूत में रख दिया वह आगे-पीछे घूम रही थी क्योंकि यह पहली बार था जब कोई लड़का उसे छू रहा था।

मैंने उसकी पैंटी से उसकी चूत को सहलाया और धीरे-धीरे मैंने उसके होंठों को चूमा अचानक मैंने अपनी बीच की उँगली उसकी चूत में डाल दी, वह पूरी तरह से गीली थी और उसके छेद के अंदर बहुत गर्म थी, उसने झटका दिया और मेरे होंठों को काट लिया, जबकि मैंने अचानक मेरी उंगली में प्रवेश किया।

3 मिनट के बाद, उसने अपना रस लीक कर दिया, मैंने अपनी उंगली निकाल दी और अपने मुंह में रख लिया, वह शर्मीली महसूस कर रही थी और मैंने उसे नीचे उतरने और अपना डिक चूसने के लिए कहा, कुछ मिनटों के अनुरोध के बाद उसने मेरे डिक को अपने मुंह में रखा और धीरे से उसे चूसा . मैं उसके बूब्स को उसकी ड्रेस के अंदर रख कर दबा रहा था और मैंने उसके बाल पकड़ कर अपना लंड चूस लिया और मैं बहुत तेज़ी से लीक हो गया, जैसे उसने मेरा आंड चूसा।

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी..

यह मेरी सेक्सी प्रेमिका के साथ मेरे रोमांस की शुरुआत है, मैं कहानी के अगले भाग में इस बारे में लिखूंगा कि मैंने उसे कैसे चोदा।

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दो बार चुदाई एक रात में https://sexstories.one/do-bar-chudai-ek-raat-mein-xxx/ Sun, 12 Dec 2021 07:09:00 +0000 https://sexstories.one/?p=3457 में उसके बूब्स काट रहा था फिर में निचे झुका और उसकी चूत को चाटने लगा वो भी मेरी तरह निचे की तरफ आई और मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी अब हम दोनों काफी एक्साईट हो चुके थे...

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Do Bar Chudai Ek Raat Mein – मेरा नाम महेश और मेरे पडोश में रहती रागिनी से मेरी दो साल पहले आँख मिली थी जब वो यहाँ नयी नयी रहने आई थी जब उसका हसबंड ऑफिस होता और उसको किसी काम की जरुरत पड़ती तो वो सीधे मुजको ही बुलालिया करती थी और में उसका काम कर देता था मेरी तो पहले से ही उस पर नजर थी..

वो दो बच्चो की माँ थी फिर भी उसका फिगर एसा था की कोई भी उसको देख कर ललचाए मेने सोचा मेरी रोटी कोई और ले जाए इससे पहले इ ही उसे खा लेता हूँ.

और धीरे धीरे वो यहाँ के माहोल में सेटल्ड हो गयी और मेरे साथ भी हमारा प्यार हद से ज्यादा गुजर चूका था हम दोनों एक दुसरे की भूख और प्यास को बजाते थे…..

में था कुवारा २८ साल का लड़का और वो थी मेरिड लेकिन उसका पति पूरा दिन काम करके आता और थक कर रात को सो जाता था वो सेक्स की भूकी थी और उसका पति उसकी महीने दो चार बार ही चुदाई करता था और उसे ये रोज खाना था. जो की में ही दे सकता था और देता था.

एक दिन रात के ठीक बजे थे और उसका फोन आया उसने मुझे फोन पर बताया की आज उसका पति बहार गया हे तो वो सीधे कल दोपहर को आएगा तो आज रात हम दोनों ने मिल कर चडाई का प्रोग्राम बनाया. उसने बोला था बच्चे सो जायेंगे तब में मिसकॉल दू तो तुम सीधे टेरेस पे आ जाना..

तो ठीक १० बजे उसका मिस कॉल आया तो में चला गया उसके घर वो नाईटसूट पहने टेरेस पर मेरी राह देख रही थी. मेने तो जाते ही उसे अपनी बाहों में ब्भर लिया और चूमने लगा और वो भी जेसे तैयार ही थी जब मेने उसकी चूत में हाथ डाला तो उसकी चूत गीली गीली थी और उसका मेसेज मिलते ही मेरा भी लंड खड़ा हो गया था और तब से ही खड़ा था..

मेने उसे चुमते चुमते ही उसके सारे कपडे उतार दिए और अपने भी वो सेक्स में चूर मुझे बाईट कर रहि थी.

और में उसके बूब्स काट रहा था फिर में निचे झुका और उसकी चूत को चाटने लगा वो भी मेरी तरह निचे की तरफ आई और मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी अब हम दोनों काफी एक्साईट हो चुके थे अब लंड चूत के अन्दर घुस मारने के लिए बेताब था और मेरे काबू में नहीं था में उठा और सीधे उसकी चूत में लंड घुसा दिया लंड अन्दर घुसते ही वो अपनी गांड हिला हिला के चुदाई का मज़ा ले रही थी.

थोड़ी देर तक मेने उसे छोड़ने दिया फिर मेने लंड को चूत के अन्दर बहार करके चोदना सुरु कर दिया १;३० घंटे तक मेने उसकी चुदाई की फिर में झड़ने वाला था की उसने कहा की चूत के अन्दर मत झड़ना मेरे बूब्स पर अपनी मलाई निकाल देना और में जल्दी से लंड निकाल के उसकी दो बूब्स के बिच में झड गया.

Chudayi kahani शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली

ये तो इतना जल्दी हुआ था की जेस अभी अभी हम दोनों भूके और प्यासे थे और वेसे भी आज तो पूरी रत हम दोनों के नाम थी तो क्या केहना १ घंटा तक हम दोनों नंगे ही टेरेस पर बीएड पर बेठे रहे. एक दुसरे के अंगो को सहलाते हुए कभी वो मेरे लंड को पकड़ कर दबाती थी सहलाती थी तो कभी मुझे किस करती थी और में भी उसके बूब्स को पकड़ पकड़ कर बारी बारी दबा रहा था..

मेने उसके बूब्स को दबा दबा कर और चूस चूस कर लाल टमाटर जेसे कर दिए थे.

और एक हाथ मेरा था उसकी चूत में कभी में उसकी चूत को नरम नरम हाथो से सहलाता तो कभी दो उंगलिया उसकी चूत में घुसा कर उसकी चूत में घुमाता था जिससे वो और बभी एक्साईट हो रही थी मेरा तो दूसरी बार भी खड़ा हो चूका था और वो भी अब तो दूसरी बार भी पानी छोड़ चुकी थी.

इ तो पूरा का पूरा उसके ऊपर सो गया उसके पैर की उंगलिया मेरे पैर में मिलाता था और उसके बूब्स को एरे निपल से मिलाकर पुरे बदन को उसके बदन से घिस रहा था हम दोनों इस बार भी बहुत एक्साईट हो गए थे हम दोनों को सेक्स का नशा चदता ही चला था और फिर उसने अपने हाथ से ही अपनी चूत में मेरे कड़क कड़क लम्बे लंड घुसा दिया.

फिर मेरा तो क्या कहना में तो जोर जोर से उसे चोदने लगा इस बार हमारी चुदाई बहुत लम्बी चली और हमें भी लंबा चुदना था हम दोनों थक गए थे लेकिन नशा अभी भी बरकरार था.सेक्स की तलप हमें थकने नहीं देती थी मेने उसे बहुत जोर जोर से उसे छोड़ा वो आआआआआ ऊऊऊऊईईईईइमा ऊऊऊऊईईईईइमा जेसी सेक्सी आवाज़े निकाल रही थी और सेक्स का मज़ा लोट रही थी..

फिर युही चुदाई करते करते में दूसरी बार भी झड़ने की आरे पर था उसने पहले कहा था तो मेने झट से अपना लंड उसकी चूत में से निकाला और उसके दो बूब्स की बिच दबाया और में झड गया फिर थोड़ी देर बाद में कपडे पहन कर में वह से चला आया.

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शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली https://sexstories.one/boyfriend-ki-chudwa-liya/ Sat, 11 Dec 2021 07:07:46 +0000 https://sexstories.one/?p=4371 उसने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा और मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही शांतनु से बिल्कुल भी कंट्रोल हो पा रहा था....

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Shaadi se pehle boyfriend ki chudwa liya – कॉलेज में एग्जाम का आखिरी दिन था और उसके बाद शायद सब लोग एक दूसरे से अलग होने वाले थे मेरे दिल में सिर्फ यही चल रहा था कि जब मेरा कॉलेज पूरा हो जाएगा तो क्या उसके बाद भी मैं कभी शांतनु से मिल पाऊंगी। शांतनु और मैं एक ही क्लास में पढ़ते थे लेकिन मेरी हिम्मत कभी शांतनु से बात करने की नहीं हो पाई शांतनु को मैं अक्सर देखा जरूर करती थी लेकिन उससे मैं कभी बात नहीं कर पाई। मैंने शांतनु से कभी अपने दिल की बात नहीं कही थी मेरी सहेली पूजा मुझे अक्सर कहती थी कि तुम शांतनु को अपने दिल की बात क्यों नहीं बताती।

मैं शांतनु को दिल ही दिल चाहती थी लेकिन शायद शांतनु मेरी किस्मत में नहीं था। मैं और पूजा उस दिन बस से घर लौटे और मैं जब घर लौटी तो पापा उस दिन घर पर ही थे पापा मुझे कहने लगे कि महिमा बेटा तुम्हारा पेपर कैसा रहा। मैंने पापा से कहा पापा मेरा एग्जाम तो अच्छा हुआ। मेरी पापा के साथ बहुत बनती थी तो मैंने पापा से अपने दिल की बात कही और कहा कि आज मेरा मन कुछ अजीब सा है। मैंने जब पापा को यह बात कही तो पापा मुझे कहने लगे कि बेटा ऐसा होता है तुम्हें शायद अपने दोस्तों से दूर होने का गम हो सकता है क्योंकि आज के बाद उनसे तुम्हारी मुलाकात कम ही हो पाएगी या फिर हो सकता है कि शायद उनसे तुम्हारी कभी मुलाकात हो ही नहीं। पापा ने जब मुझसे ऐसा कहा तो मैं अंदर ही अंदर दुखी हो गई थी मैंने पापा से कहा पापा जब आप कॉलेज में पढ़ते थे तो आपके साथ भी तो ऐसा हुआ होगा। पापा मुझे कहने लगे कि हां बेटा कॉलेज पूरा होने के बाद मेरे कई दोस्त मुझसे दूर हो गए और शायद अब तक उनसे मेरा कोई संपर्क ही नहीं है। पापा और मैं साथ में बैठे हुए थे तभी मम्मी हमारे लिए चाय बना कर लायी मम्मी कहने लगी लो महिमा बेटा चाय पी लो। मैंने मां से कहा मां मेरा मन चाय पीने का नहीं हो रहा है लेकिन मां की जिद के आगे मुझे चाय पीनी पड़ी और मैंने चाय पी ली घर में मैं एकलौती थी इसलिए पापा मम्मी का मुझे पूरा प्यार मिला।

पापा मुझे बहुत अच्छे तरीके से समझते हैं पापा और मम्मी दोनों ने ही अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाई उन दोनों ने मेरा हमेशा ही साथ दिया है। अब मेरा कॉलेज पूरा हो चुका था और कुछ समय बाद हमारा रिजल्ट भी आने वाला था जब मेरा रिजल्ट आ गया तो उस वक्त मेरी मुलाकात पूजा से हुई। पूजा मुझे कहने लगी कि चलो अब हम लोग पास तो हो ही चुके हैं तो तुमने आगे क्या सोचा है मैंने पूजा से कहा फिलहाल तो मैंने कुछ भी नहीं सोचा है और ना ही अभी इस बारे में मैं कुछ सोचना चाहती हूं। पूजा ने मुझसे शांतनु के बारे में पूछा तो मैंने पूजा से कहा देखो पूजा अब मुझे नहीं लगता कि मैं शांतनु से बात कर पाऊंगी और इस बात को यहीं खत्म कर लेना ही अच्छा रहेगा। मैं दिखने में बड़ी ही सिंपल सी हूं मैं और लड़कियों की तरह बिल्कुल भी नहीं हूं मैं पढ़ने में जरूर अच्छी हूं लेकिन मेरे शर्मीले स्वभाव की वजह से ही मैं शांतनु को अपने दिल की बात कह ना सकी। अब हम लोगों का कॉलेज पूरा हो चुका था और कुछ समय तक मैं घर पर ही थी तो एक दिन मम्मी मुझे कहने लगी की महिमा बेटा तुमने अब आगे क्या सोचा है।

Meri Chut Chudai मेरी पलागतोड़ चुदाई

मैंने मां से कहा मां फिलहाल तो मैंने ऐसा कुछ भी नहीं सोचा है लेकिन जल्द ही मैं आप लोगों को बता दूंगी कि मैं आगे क्या करना चाहती हूं। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था मैं घर पर ही रहती थी मुझे घर पर एक साल हो चुका था और अभी तक ना तो मैं कहीं नौकरी कर रही थी और ना ही मैंने आगे कुछ करने के बारे में सोचा। उसी वक्त मेरे मामा जी घर पर आए और वह मुझे कहने लगे की महिमा बड़ी हो चुकी है तुम्हें उसके लिए लड़का देखना शुरू कर देना चाहिए। मामा जी ने मम्मी के दिमाग में अब यह बात डाल दी थी कि मेरे लिए लड़का देखना शुरू कर देना चाहिए और मम्मी ने यह बात पापा से कहीं तो पापा भी शायद अब मेरी शादी के लिए लड़का देखने लगे थे। मेरे लिए कई रिश्ते आ रहे थे क्योंकि पापा एक अच्छी जॉब पर थे और हमारा परिवार एक अच्छा परिवार है लेकिन मेरा शादी करने का बिल्कुल भी मन नहीं था परंतु अपने पापा मम्मी के आगे शायद मैं कुछ कह ना सकी और मेरी शादी पापा मम्मी ने तय कर दी।

मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि यह सब इतनी जल्दी में हो जाएगा मेरी शादी का दिन भी तय हो चुका था और मेरी सगाई प्रशांत से हो चुकी थी लेकिन मेरे दिल में अभी भी शांतनु बसा हुआ था। मैं हमेशा ही सोचती रहती की शांतनु को क्या मुझे अपने दिल की बात कह देनी चाहिए थी लेकिन मेरे पास इस बात का कोई भी जवाब नहीं था प्रशांत अब मेरी जिंदगी में आ चुके थे और हम लोगों की शादी जल्दी होने वाली थी। जब हम लोगों की शादी होने ही वाली थी उससे कुछ महीने पहले मुझे शांतनु मॉल में मिला जब शांतनु मुझे मॉल में मिला हम लोगों की बहुत कम बातें होती थी लेकिन उस दिन शांतनु ने मुझसे बात की। जब शांतनु ने मुझसे बात की तो मुझे लगा कि शायद वही पुराना प्यार दोबारा से जाग उठा है और मुझे इस बात का डर भी था कि कहीं हम दोनों का रिश्ता आगे ना बढ़ जाए। उस दिन के बाद शांतनु मुझे फोन करने लगा शांतनु को भी शायद यह एहसास हो चुका था कि मैं उससे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं और इसी वजह से तो उसने अपने दिल की बात कि जो वह मुझसे कभी कहना ही नहीं चाहता था लेकिन उसने अपने दिल की बात मुझे कह दी।

अब मैं इस दुविधा में थी कि मैं क्या करूं क्योंकि एक तरफ तो मेरा दिल था और एक तरफ मेरे पापा मम्मी, मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे ऐसे समय में क्या करना चाहिए।  मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था मेरी शादी नजदीक आ चुकी थी लेकिन शांतनु से मैं मिलने के लिए चली गई। मैंने शांतनु से कहा मुझे बहुत डर लग रहा है मैं शादी नहीं करना चाहती। शांतनु का दिल भी मुझे देखकर धडकने लगा था उसने मुझे गले लगाते हुए कहा महिमा मैं भी तुमसे प्यार करता हूं। मैंने शांतनु को कहा देखो शांतनु मैं तुमसे कॉलेज के समय से ही प्यार करती थी लेकिन कभी अपने दिल की बात तुम्हें कह ना सकी इसीलिए हम दोनों एक दूसरे के हो ना सके। शांतनु ने मुझे गले लगा लिया था हम दोनों के अंदर से एक करंट सा दौड़ने लगा शांतनु ने जैसे ही मेरे होंठों को चूमना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा वह मेरे होठों को अच्छे से चूम रहा था। वह जिस प्रकार से मेरे होठों को चूम रहा था उससे मेरे अंदर की उत्तेजना जागने लगी थी और मेरा बदन मैने पूरी तरीके से शांतनु को समर्पित कर दिया था।

शांतनु मुझे कहने लगा महिमा हमें ऐसा नहीं करना चाहिए तुम किसी और की अमानत हो। मैं शांतनु के साथ अंतरंग संबंध बनाने के लिए तैयार थी मैंने शांतनु के होठों को चूम लिया। शांतनु मेरे दिल की बात को समझ चुका था उसने मुझे अपनी बाहों में लेकर बिस्तर पर लेटा दिया। जब उसने मुझे बिस्तर पर लेटाया तो वह मेरे स्तनों को दबाने लगा जब वह मेरे होठों को चूम रहा था मुझे अच्छा लग रहा था थोड़ी देर के बाद शांतनु ने मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान करना शुरू किया। वह जिस प्रकार से मेरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था उससे मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था शांतनु को भी बहुत मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने मेरे स्तनों का रसपान बड़े अच्छे तरीके से किया जब हम दोनों उत्तेजित हो गए तो शायद वह भी अपने आपको ना रोक पाया और उसने मुझे कहा कि तुम अपनी सलवार उतार दो?

मैंने शांतनु से कहा तुम ही मेरी सलवार को उतार दो शांतनु ने मेरी सलवार को उतारते हुए मेरी पैंटी को भी उतार दिया। जब उसने मेरी पैंटी को उतारा तो वह मेरी योनि पर अपनी जीभ से चाटने लगा जब उसने जीभ को चूत के अंदर तक डाल था तो मुझे बहुत अच्छा लगता और शांतनु को भी बहुत खुशी मिलती। उसने मेरी चूत को बहुत देर तक चाटा और मेरी चूत से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी और ना ही शांतनु से बिल्कुल भी कंट्रोल हो पा रहा था। शांतनु ने जैसे ही मेरी चिकनी चूत पर अपने लंड को लगाया तो उसने धीरे से मेरी चूत के अंदर लंड को घुसाया तो मैं चिल्लाने लगी। पहली बार ही मैंने किसी के लंड को अपनी चूत के इतने नजदीक आने दिया था शांतनु ने धीरे से मेरी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो मेरी सील टूट चुकी थी और शांतनु का लंड मेरी चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था।

शांतनु का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था मेरे मुंह से चीख निकलने लगी थी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था और शांतनु ने मेरा दोनों पैरों को खोल कर मुझे तेजी से धक्के देने शुरू कर दिए थे। शांतनु मुझे बहुत देर तक ऐसे ही चोदता रहा जब मैं पूरी तरीके से उत्तेजित होकर चरम सीमा पर पहुंच गई तो मैंने शांतनु से कहा मैं अब रह नहीं पाऊंगी। शांतनु ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत के अंदर उसने अपने लंड को घुसा दिया शांतनु को मोटा लंड मेरी चूत में प्रवेश हो चुका था वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था। उसके धक्के तेज होते ही उसका लंड मेरी चूत के अंदर बाहर होता तो मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाती और कुछ क्षणो बाद शांतनु का वीर्य मेरी चूतडो पर गिर चुका था। मैंने शांतनु से कहा तुम मेरी चूतड़ों से वीर्य को साफ कर लो और शांतनु से कहा मेरी चूतडो से वीर्य को साफ कर दो। अब बहुत देर हो चुकी थी और शादी तो मुझे प्रंशात से ही करनी पड़ी लेकिन उसके बाद भी शांतनु और में मिलते रहते थे। अब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं और एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं।

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अंजान लड़की को ट्रेन में उड़ाया https://sexstories.one/train-me-ladki-ki-chudayi-story/ Sat, 04 Dec 2021 06:21:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3366 वो बिना किसी शर्म के मुझसे बोली की तुम मेरे बूब्स को उतनी देर से देख रहे हो ज्यादा पसंद आ गए हैं तो बोलो | जब उसने इतना कहा तो मैंने भी कह ही दिया हाँ पसंद है तो उसने मेरे हाथ को पकड कर अपने बूब्स पर रख दिया..

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Train me ladki ki chudayi story हेल्लो दोस्तों मेरा नाम राम है और मैं आज आप लोगो के सामने अपनी एक सेक्सी कहानी को लेकर हाज़िर हूँ | मैं जो आज कहानी आप लोगो के सामने पेश करने जा रहा हूँ ये मेरे जीवन की सच्ची घटना है और उस दिन मुझे बहुत मज़ा भी आया था | दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और इस कहानी को पढने में मज़ा तो जरुर आयेगा | इस कहानी को पढने में दोस्तों आप लोगो के लंड में आग तो लग ही जाएगी क्यूंकि मुझे अपनी कहानी पर इतना तो भरोसा है ही | दोस्तों मैं कहानी को शुरू करने से पहले अपने बारे में बताना चाहता हूँ |

मैं रहने वाला आगरा का हूँ और मेरी उम्र 25 साल है | मेरी पढाई पूरी हो चुकी है और मैं जॉब करता हूँ | मेरी हाईट भी ठीक ठाक है और मेरा रंग बहुत ही साफ है बिलकुल दूध की तरह | मैं दिखने में बहुत स्मार्ट लगता हूँ इसलिए मैंने अभी तक कई लड़कियों की चुदाई कर चूका हूँ | दोस्तों मैं दिखने में बहुत स्मार्ट था इसलिए मेरे क्लास के सब लकड़े मुझे स्मार्टबॉय कहते थे और मेरी क्लास की लड़कियां मुझे लाइन मारा करती थी | उसी क्लास की 2 लड़कियों की मैंने चुदाई की थी और एक को तो छोट्टी के टाइम कॉलेज में ही उड़ा दिया था | दोस्तों जिस दिन मैंने काजल की चुदाई क्लास में की थी मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था और उसकी मैंने इतनी भयानक चुदाई की थी की वो चल भी नही पाई थी और इसलिए मैं ही उसको उसके घर तक छोड़ने गया था | उस दिन की चुदाई के बाद मैंने काजल की और कभी बार चुदाई की थी | मैं बिना टाइम को बर्बाद करते हुए कहानी शुरू करता हूँ |

दोस्तों मैं जब जॉब करता था तो मैं दुसरे शहर में रहता था | एक दिन की बात है जब मेरे ऑफिस में 7 दिनों की छुट्टी थी तो मैंने सोचा की क्यूँ न घर ही घूम आता हूँ और मैंने उस दिन घर जाने का प्लान बना लिया | जब मैंने घर जाने का प्लान बना लिया तो मैंने एक टिकट ऑनलाइन किया और जब मैंने तत्काल में टिकट किया तो मुझे कुछ रूपये ज्यादा पड़े | मैंने एक सिलीपर का टिकट बुक कर लिया और फिर अगले दिन मेरी ट्रेन थी | मैंने अपने सामान की पेकिंग की और सो गया | जब मैं सुबह उठा तो मैं नहा कर नाश्ता तैयार किया और नाश्ता करने के बाद घर के लिए निकल गया | मैं स्टेशन पर बैठ कर ट्रेन का इंतजार करने लगा |

मैं ट्रेन का इंतजार कर रहा था तो कुछ ही देर में ट्रेन आ गई और ट्रेन में चढ़ गया | मैं जब ट्रेन मे चढ़ गया तो मैं अपनी जगह पर गया | जब मैं अपनी जगह पर गया तो मैंने देखा की एक लड़की भी वहीँ पर है | तब मैं भी वहीँ पर बैठ गया और उस लड़की को देखने लगा | दोस्तों वो दिखने में बहुत सुन्दर थी | मैं कुछ देर तक बैठ रहा और फिर लेट गया और उसकी तरफ मुंह को करके लेट गया | मैं जब उसके साथ लेट गया तो वो मुझे बहुत घुर घुर कर देखने लगी | वो मुझे घुर घुर कर देख रही थी और मैं उसे घुर घुर कर देख रहा था |

मैं – हाय ?

वो – हाय |

मैं – आप का क्या नाम है ?

वो – सोनम और आपका क्या नाम है ?

मैंने उसे अपना नाम बता दिया और वो मुझसे बोली की आप कहाँ जा रहे हो तो मैंने उसे बता दिया की मैं अपने घर जा रही हूँ | वो मुझे बहुत घुर रही थी और मैं उसके बड़े बड़े बूब्स को घुर रहा था | मैं उसके बड़े बूब्स को घुर रहा था और वो मुझे अपने बूब्स दिखा रही थी | मैं उसके बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक देखता रहा फिर वो मुझसे बोली की आप बहुत देर से देख रहे हो अब बस भी करो |

मैं – क्या मतलब ?

Kamuk Kahaniya रंडी बन गयी दोस्त की बीवी

वो मुझसे बोली की जो तुम उतने देर से देख रहे हो मैं उसकी ही बात कर रही हूँ |

मैं – हाँ तो मैं क्या देख रहा हूँ मुझे नही पता है |

दोस्तों वो बिना किसी शर्म के मुझसे बोली की तुम मेरे बूब्स को उतनी देर से देख रहे हो ज्यादा पसंद आ गए हैं तो बोलो | जब उसने इतना कहा तो मैंने भी कह ही दिया हाँ पसंद है तो उसने मेरे हाथ को पकड कर अपने बूब्स पर रख दिया | दोस्तों जैसे ही उसने मेरे हाथ को अपने बूब्स पर रखा तो मेरे अन्दर करंट लग गया | मैं उसके एक दूध को हाथ में पकड कर धीरे से दबा दिया तो उसने मुंह से अह की आवाज निकल गयी | जब उसके मुंह से आवाज निकल गयी तो मैंने उसके कपडे निकलने लगा तो उसने मुझे माना किया और कहा बस इतना ही इससे ज्यादा कुछ नही कर सकते हो | दोस्तों जब उसने ये बात कही तो मैंने भी कह दिया की आग लगने के बाद माना कर रही हो और मैं उसको कस के अपनी बाँहों में जकड़ लिया | जब मैंने उसे जकड़ लिया तो वो मुझसे छोड़ने के लिए कहने लगी |

दोस्तों मैं उसके साथ जबरदस्ती करने लगा क्यूंकि हम दोनों के डिब्बे में और कोई आने वाला था नही इसकी वजह ये थी की हम दोनों स्लीपर में थे | मैं उसे कस के जकड़ लिया और उसकी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | जब मैंने उसकी होठो पर अपनी होठो को रख दिया तो वो मुझसे बोली ये ठीक नही है | मैंने भी कहा की यार मन जाओ और ये कहते हुए उसकी होठो को चूसने लगा | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके बड़े बूब्स को मसल रहा था | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके बूब्स को मसल रहा था जिससे वो कुछ ही देर में गर्म हो गयी | जब वो गर्म हो गयी तो मेरी होठो को चूसने लगी |

फिर मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो ब्रा और पैंटी में मेरे सामने आ गयी | मैं उसको उस तरह घुर घुर कर देखने लगा और उसकी ब्रा को पकड कर खीच लिया जिससे उसकी ब्रा टूट गयी | जब उसकी ब्रा टूट गयी तो उसके बड़े बूब्स मेरे सामने आ गए और मैंने उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा तो वो तेज सांसो में अन्हे भरने लगी | मैं उसकी वो आवाजे सुनकर और जोश में आ गया और उसके मस्त छोटे गोल निप्पल को मुंह में रख कर ठीक एक बच्चे की तरह चूसने लगा | मैं उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूस रहा था और दुसरे को हाथ में पकड कर दबा रहा था | वो मस्त होकर आ आ आ उई माँ आ…. उई हाँ उई हाँ माँ माँ… सी उई सी उई सी उई सी…. अह अह अह उई आउच……. की सिसकियाँ लेती हुई मज़े ले रही थी | मैं उसके दोनों बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा दिया |

मेरी जीभ के स्पर्स से उसकी सिसकियाँ और तेज हो गयी | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट रहा था साथ में उसकी चूत के दाने को होठो से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था | वो मस्त होकर मज़े ले रही थी और आह आह आह… ऊऊ ऊऊ… की आवाज कर रही थी | मैं उसकी चूत को चाटने के साथ उसकी चूत में उँगलियों को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा | मैं उसकी चूत में जितने जोर से ऊँगली को अन्दर बाहर करता वो उनते ही जोर से सेक्सी आवाजे करती | फिर मैंने अपने कपडे निकाल दिए और अपने मोटे लंड को उसके हाथ में पकड दिया |

फिर वो मेरे लंड को हाथ में पकड कर घुटनों के बल बैठकर चूसने लगी | वो मेरे लंड को ऐसे ही 5 मिनट तक चूसती रही फिर मैंने उसके मुंह से अपने लंड को निकाल लिया और उसको लेटा दिया | जब मैंने उसे लेटा दिया तो उसने अपनी टांगो को फैला दिया | उसने अपनी टांगो को फैला दिया तो मैंने उसकी चूत के मुंह पर लंड को रख कर धीरे से घुसा दिया | जब मैंने उसकी चूत में थोडा लंड घुसा दिया तो वो सेक्सी आवाजे करती हुई अपनी चूत को हिलाने लगी | वो अपनी चूत को हिलाने लगी तो मैंने उसकी कमर को पकड लिया और एक जोरदार धक्का मार दिया जिससे उसकी चुत में मेरा पूरा लंड घुस गया | मेरा लंड जैसे ही उसकी चूत में पूरा गया तो उसके मुंह से निकलने वाली सेक्सी आवाजे चीख में बदल गयी |

दोस्तों मैं उसकी वो चीख सुनकर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और कुछ देर बाद फिर से उसकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया | जब मैंने अपने लंड को दुबारा उसकी चूत में घुसा दिया तो वो मज़े से बोली यार और तेज से चोदो | मैं तब उसकी टांग को उठा कर उसकी गांड पर हाथ मारते हुए बोला देख मादरचोद को मज़ा आ रहा है | मैं उसकी गांड पर हाथ मारते हुए उसकी चूत में धक्के मारने लगा | मैं जब उसकी चूत में धक्के मारने लगा तो वो मस्त सेक्सी आवाजे करती हुई चुदने लगी | मैं उसको जोरदार धक्को के साथ अन्दर बाहर करते हुए चोद रहा था |

मैं उसको ऐसे ही जोरदार धक्को के साथ 15 मिनट तक चोदता रहा और फिर मैं झड़ गया | जब मैं झड़ गया तो मैंने अपने कपडे पहन लिए और उसने अपने कपडे पहन लिए | तब मैं और वो एक दुसरे से लिपट कर लेट गए | फिर जब मैं अपने यहाँ पहुच गया तो उतर गया और वो सीधे चली गयी |

ये थी मेरी कहानी धन्यावाद……

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मेरी कामुक चाची https://sexstories.one/kamuk-chachi-ki-chudai-ki-sexy-kahani/ Thu, 02 Dec 2021 08:58:40 +0000 https://sexstories.one/?p=4904 सकी आँखें बंद थीं और मेरे स्पर्श पर प्रतिक्रिया नहीं कर रही थी। जब मैंने उसकी स्कर्ट के अंदर अपना हाथ डाला, तो मैंने देखा कि कोई पैंटी नहीं थी! उसकी रसदार चुत चाटने लग. मैं उसकी चूत चाट रहा था और उसने एक छोटा सा कराह दिया..

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Kamuk Chachi ki Chudai – नमस्ते दोस्तों, मैं हूँ कमल। मैं 5’9” का औसत बॉडी बिल्ट के साथ हूं और आप सभी को बता दूं कि मैं एक औसत लण्ड वाला एक औसत भारतीय लड़का हूं और मैं दूसरों की तरह झूठ नहीं बोलने वाला हूं। आइए कहानी शुरू करते हैं। यह 100% काल्पनिक कहानी है। इसकी शुरुआत मेरी मौसी से हुई, जिन्हें मैं बचपन से हमेशा से पसंद करती रही हूं। जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ मैंने उसके साथ सेक्स की कल्पना करना शुरू कर दिया।

कुछ साल बाद वे एक नए घर में चले गए। उन्हें डिप्रेशन था, जिसकी वजह से उन्होंने अच्छी नींद लेने के लिए नींद की गोलियां लेना शुरू कर दिया था। मेरे चाचा अपने व्यवसाय के कारण देश और विदेश में बहुत यात्रा करते थे। ऐसे ही एक अवसर पर उन्होंने मुझे अपने घर सोने के लिए आमंत्रित किया और मैं चला गया क्योंकि उनके बच्चे अभी बहुत छोटे थे।

खाना खाने के बाद सब सो गए। केवल हमने विभिन्न विषयों के बारे में घंटों बात की और फिर उसने मुझसे मेरी प्रेमिका के बारे में पूछा, जिस पर मैंने सच कहा कि मेरे पास कोई नहीं है।

कुछ देर बाद उसने सोने का फैसला किया और उसने अपनी गोली ले ली। जब मैंने यह देखा तो मैंने इसके बारे में पूछा। उसने कहा कि वह गोलियों के बिना सो नहीं सकती। मैंने गोलियों का पैक लिया और सामग्री पढ़ी। बहुत भारी खुराक थी! जल्द ही उसे नींद आ गई। चूंकि सर्दियों का समय था, हम उसके बेडरूम में सो रहे थे। मैं पानी लेने गया और एसी चालू कर दिया। तब मैंने अपने फोन का उपयोग करने का फैसला किया क्योंकि मुझे अभी नींद नहीं आई थी।

1:00 बजे थे। मैं अपने इंस्टाग्राम पर सेक्सी तस्वीरें और वीडियो देखकर गर्म महसूस कर रही थी, इसलिए मैंने कुछ कामुक सेक्स कहानियों को पढ़ने का फैसला किया। मेरी यौन इच्छा 2:30 तक बहुत अधिक बढ़ गई थी। मैं खुलेआम अपना लंड सहला रहा था। मैंने पलट कर देखा तो मेरी मौसी मेरे बगल में सो रही थी। उसके विशाल स्तन ने उसकी कमीज में पहाड़ बना दिया। मैंने उसके स्तनों को छूना शुरू किया और उसके निप्पल को धीरे से महसूस किया और उसकी कमर को सहलाया। वह थोड़ा हिल गई। मुझे पता था कि वह नहीं उठेगी, क्योंकि डोज़ अधिक था.. फिर मैंने धीरे से उसकी कमीज़ में अपना हाथ डाला और उसके स्तन उसकी ब्रा के ऊपर महसूस होने लगा। मैंने उन्हें धीरे से दबाया।

फिर मैंने उसके होठों पर हल्का सा किस किया और कमीज के ऊपर से उसका दाहिना बूब निकाला और उसे चूसने लगा। साथ ही मैं उसके बाएं स्तन को दबाने लगा। वह नींद में कराह उठी। फिर मैंने दूसरे चूचे को निकाल कर प्यार से चूसा और दाहिनी ओर दबा दिया। धीरे-धीरे मैंने अपना हाथ उसकी ट्रैक पैंट के ऊपर से उसकी चूत की ओर घुमाना शुरू किया, फिर मैंने अपना दाहिना हाथ उसकी पैंटी के माध्यम से उसकी पैंट में डाला, और उसके स्तन को चूसते हुए उसकी चूत को महसूस करने लगा।

फिर मैंने धीरे से उसकी पैंट उतारी। मैंने उसकी 36 इंच आकार की फूलों वाली काली पैंटी देखी। मैं उसकी जाँघों को बिना जगाए धीरे-धीरे चूमने लगा फिर मैं उसकी पैंटी के किनारे उसकी चूत के पास गया और उसकी चूत चाटने लगा। कितनी रसीली नमकीन चूत थी। उसे नींद में दर्द हो रहा था। मैंने उसे कुछ देर तक चूसा जब तक कि वह संभोग सुख तक नहीं पहुंच गई, मैंने उसका रस चाट लिया। यह मेरा पहली बार था, हालांकि मुझे स्वाद पसंद नहीं आया, मैंने कुछ चाट लिया और अपने रूमाल से उसकी चूत को साफ किया। मुझे प्यास लग रही थी तो थोड़ा पानी पीने चला गया और पता चला कि रात के लगभग 3:30 बजे हैं और मैं यह सब लगभग एक घंटे से कर रहा हूँ।

मैंने उन सभी चीजों की कोशिश की जो मैंने इंटरनेट से सीखी थी, लेकिन अंतिम चरण नहीं। समय कम था। मैंने अपनी पैंट और जॉकी उतार दी। मेरे लंड को मुक्त किया और उस पर कुछ वैसलीन लगा दी, ताकि वह आसानी से उसकी चूत में प्रवेश कर सके। चूँकि मुझे पता था कि वह मेरे चाचा द्वारा लंबे समय तक चुदाई नहीं की गई थी, जैसा कि मैंने उसकी चूत को चाटते हुए महसूस किया था। मैंने उसके ऊपर जाकर उसकी टांगों को अलग कर दिया और धीरे से अपना लंड डाला। शुरू में मुझे कुछ समस्या का सामना करना पड़ा, क्योंकि यह आसानी से नहीं जा रहा था।

फिर मैं उस पर झुकी और उसके स्तन चूसे। मैंने उसका टॉप नहीं हटाया क्योंकि वह टाइट था। फिर मैं धीरे-धीरे उसकी चूत चोदने के लिए आगे-पीछे होने लगा। मेरा वीर्य जल्दी गिरा, क्योंकि यह मेरा पहली बार था। फिर मैंने अपना लंड साफ किया। मुझे पता था कि यह सुरक्षित है, क्योंकि उसने अपने तीसरे बच्चे के जन्म के कुछ साल पहले अपने गर्भाशय को हटा दिया था। कुछ देर बाद फिर से मैंने कामुक महसूस किया और उसे चोदने के लिए अपना लंड उसमें डाला।

इस बार मैं लंबा चला। और उसे अच्छी तरह से चोद दिया। कमरा “थप थाप” के शोर से भर गया था। उसने अपनी नींद में कुछ चाल चली। उसने कुछ मिनटों के बाद अपनी चूत का रस निकाल दिया और मैंने अपनी गति बढ़ा दी, उसके स्तन और होंठ चूसकर उसे चोदा। जल्द ही मैंने अपना वीर्य फिर से उसकी गर्म चूत में गिरा दिया। मैंने अपना लंड निकाला और उसके पास लेट गया। लगभग 4:20 बजे थे। कुछ देर बाद मैंने सब कुछ साफ किया और अपना रस साफ करने के लिए अपना रूमाल उसकी चूत में डाल दिया। फिर मैंने उसे पैंटी और पैंट पहनाई, उसके स्तन वापस उसकी ब्रा और टॉप में डाले और सो गया।

सुबह जब मैं उठा तो 10 बज चुके थे और उसके बच्चे फिर से स्कूल जा चुके थे.. हम दोनों अकेले रह गए थे।

वह मेरे पास आई और नाश्ते के लिए आने को कहा। वह तरोताजा दिख रही थी क्योंकि वह नहा चुकी थी। जब मैं बाथरूम में गया तो मैंने उसकी काली पैंटी और मैरून कलर की 34 साइज की ब्रा देखी। मैं उसकी ब्रा और पैंटी चाटने लगा। फिर मैंने उसके पैंटी में अपना लंड हिला कर उसका माल गिरा दिया। फिर मैंने कुछ गर्म पानी के लिए गीजर चालू किया। मेरे पूरे शरीर में बिजली का झटका लगा! यह इतना शक्तिशाली था कि मैं चिल्लाया! और नीचे गिर गया।

मेरी चाची ने शोर सुना और वह दरवाजे पर आ गई। उसने दरवाजा पीटना शुरू कर दिया और चिल्लाने लगी! मैं हिल नहीं पा रहा था, क्योंकि मैं अपने घुटने में मोच के कारण टेबल से गिर गया था। मैंने दरवाज़ा किसी तरह खोला तो मेरी आंटी अंदर आईं। उसने मुझसे पूछा कि क्या हुआ? मैंने बताना शुरू किया कि मुझे बिजली का झटका कैसे लगा…

Chachi ki Chudai कर लो अपनी हवस पूरी

मैंने महसूस किया कि वह कामुक टकटकी में मेरे अर्ध-खड़े लंड को देख रही थी, और उसने फर्श पर अपनी ब्रा और पैंटी भी देखी। वह स्थिति को समझ गई और मुझे एक तौलिया के साथ बेडरूम में ले गई और मुझे लेटने के लिए कहा।

उसने मुझसे पूछा कि क्या मुझे चोट लगी है, और फिर मैंने उसे अपनी मोच दिखाई.. जिस पर वह एक मरहम ले आई और उसे लगाने लगी.. वह बैठ कर कर रही थी, मैं बिस्तर पर था, मुझे उसके आधे स्तन की एक झलक मिली उसके गाउन में। जल्द ही मेरा लण्ड खड़ा हुआ और तौलिये में तंबू बना दिया।

उसने मेरा लंड देखा और यह भी कि मैं उसके स्तनों को देख रहा था। फिर उसने मुझे लेटने को कहा और चली गई। कुछ देर बाद मैंने कपड़े पहने और किचन में नाश्ता करने चला गया। उसने मुझे नाश्ता दिया। मैंने देखा कि उसने अपने कपड़े बदल लिए हैं। उसने अब एक लंबी स्कर्ट और ढीली टॉप पहन रखी थी और उसमें उसकी नेवी ब्लू ब्रा दिखाई दे रही थी।

किसी तरह दिन ढल गया। रात को करीब 12 बजे सोने के दौरान, मैं फिर से उसके साथ खेलने लगा, यह सोचकर कि वह सो गई है …. लेकिन मैं गलत था। उसकी आँखें बंद थीं और मेरे स्पर्श पर प्रतिक्रिया नहीं कर रही थी। जब मैंने उसकी स्कर्ट के अंदर अपना हाथ डाला, तो मैंने देखा कि कोई पैंटी नहीं थी! उसकी रसदार चुत चाटने लगी। मैं उसकी चूत चाट रहा था और उसने एक छोटा सा कराह दिया। फिर उसने मेरे बालों में अपना हाथ रखा और अपनी चूत की तरफ दबने लगी… मुझे एहसास हुआ, वो जाग रही थी… मैंने उसकी चूत को और ज़ोर-ज़ोर से चाटना शुरू कर दिया !!

जैसे ही मैंने क्लिट के साथ शुरुआत की, उसने अपनी चूत का रस निकलने दिया और जोर-जोर से सांस ले रही थी। मैं ऊपर गया और उसे चूमने लगा। वह अच्छी प्रतिक्रिया दे रही थी। फिर मैंने उसका टॉप हटा दिया और उसके स्तन को उसकी ब्रा के ऊपर दबा दिया.. फिर मैंने उसके बूब्स को चाटते हुए अपनी एक उँगली उसकी चूत में डाल दी।

वो कराह रही थी आआआहा उह्म्म्म उहम्म… फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया. वह उसे अपनी जीभ से चाटने लगी। मैं बहुत उत्साहित महसूस कर रहा था और बहुत जल्द मैंने अपना माल उसके मुँह में गिरा दिया। वह मेरे बगल में लेट गई। कुछ देर बाद फिर वो मेरे लंड को सहला रही थी. और मैं उसके स्तनों से खेल रहा था।

उसने कहा कि ऊपर आओ और उसे चोदो। यह पहली बार था जब हमने फोरप्ले के दौरान बात की थी। फिर मैं ऊपर आ गया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। मैंने अपना लंड सीधे उसकी चूत में नहीं डाला तो उसे गुस्सा आ गया। उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और उसे अपनी चूत के अंदर सरकाकर धक्का देने को कहा। मैंने धीरे-धीरे शुरू किया और धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ा दी। वह परमानंद के साथ कराह रही थी .. आह्ह्ह !!! उम्म ….! ऊह्ह्ह्ह!!!!… उसके कोमल कराह बहुत सेक्सी थे!

फिर मैंने अपना लंड निकाल कर एक बार में पूरी तरह से डाल दिया! वो चीखी… और अपनी टांगें मेरी कमर पर बंद कर ली… और मुझे चूमने लगी… थाप-थाप-थाप के शोर से कमरा भर गया। मैं उसके स्तन दबा रहा था और उसे चोद रहा था और उसके होंठों को काट रहा था। वह कराह उठी।

फिर मैंने उसे मुड़कर पेट के बल लेटने को कहा। मैं फर्श पर खड़ा था और वह बिस्तर पर लेटी हुई थी। मैं उसे कोने में ले गया और फिर से अपना लंड पीछे से उसकी चूत में डाला और उसे चोदने लगा।

मैं पीछे से उसके स्तन दबा रहा था और उसे चोद रहा था .. वह मेरा नाम चिल्ला रही थी और मैं सुन सकता था कि दीईईप ओह्ह्ह्ह्ह्ह .. भर दो ओह्ह्ह्ह्ह्ह … जल्द ही उसने अपनी चूत का रस गिरा दिया और मैंने अपनी गति बढ़ा दी और अपना वीर्य उसके अंदर गिरा दिया चूत और उसके ऊपर लेट गया..

कुछ देर बाद हम बाथरूम में गए और सफाई की। जब हम वापस आए तो उसने कहा, यह एक अच्छा सेक्स अनुभव था… लगभग 4 महीने बाद उसने इस तरह से सेक्स किया।

उसने पूछा मुझे कैसा लगा?

मैंने उसे उसके लिए अपनी लंबी वासना के बारे में बताया और कल रात मैंने उसे कैसे चोदा…

मुझे मौका देने के लिए मैंने उसे धन्यवाद दिया… हम एक दूसरे की बाहों में नग्न थे.. उसने मुझे चूमा और हम सो गए…

हमने अगले सात दिनों तक अपनी चुदाई जारी रखी, जब तक कि मेरे चाचा नहीं आए। दिन-रात वह सिर्फ गाउन और मुझसे चुदाई करवा रही थी में थी। सात दिन बाद जब मैं जा रहा था तो कुछ लाने के बहाने उसे स्टोर रूम में ले गया… मेरे चाचा हमेशा की तरह टीवी देख रहे थे। हमें मस्त चुदाई की। फिर मैं अपने घर चला गया

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बहन की चूत का दीवाना https://sexstories.one/behan-ki-chut-ka-diwana/ Tue, 30 Nov 2021 10:05:45 +0000 https://sexstories.one/?p=4539 मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी..

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Behan Ki Chut Ka Diwana मै आपका दोस्त रविराज फ़िर से हाजीर हो गया हूँ एक नई कहानी लेकर। आपको ये कहानी जरुर पसंद आयेगी, में ऐसी उम्मीद करता हूँ। तो दोस्तो छुट्टीयों के दिन थे। गर्मी का मोसम चल रहा था। मेरी मौसी की लडकी सुमन छुट्टीया मनाने के लिये हर साल हमारे घर आती थी। सो इस साल भी वो आ गयी थी। इधर मेरी दीदी ने मुझे चोदने का चस्का लगा रखा था। एक भी दिन हमे चोदे बिना नहीं रहा जाता था । एक दिन खाना नहीं मिले तो चलेगा मगर मुझे हर रोज चूत चाहिये थी। मे इतना चुद्दक्कड बन गया था।

ये सब दीदी की मेहरबानी थी। मै हर रोज मेरी दोनो बहनों को चोदता था। कभी-कभी छोटी दीदी अपने लिये कोई नये लंड का इंतजाम कर लेती थी, पर मेरी बड़ी दीदी को सिर्फ़ मेरा लंड पसंद था। शायद उसने मेरे अलावा किसी ओर का लंड ना लेने की कसम खा रखी थी। ऐसे देखा जाये तो उसकी ये बात एक दम सही भी थी उसे जब चाहे घर मे बडी आसानी से मेरा लंड मिल जाता था। जिस दिन सुमन हमारे घर आयी थी। उस दिन हमे पूरा दिन बिना चोदे गुजारना पड़ा। न ही मै मेरी किसी भी दीदी के बोब्स दबा सका, और ना ही चूस सका। पूरा दिन ऐसे ही गुजर गया। फ़िर रात मे हम तीनो भाई- बहन ने खूब मजे लिये। पूरे दिन की कसर पूरी कर ली। पर सब कुछ बिल्कुल चुपचाप। ना कोई बात ना कोई शोर। एक दम सन्नाटा।

क्योंकी सुमन सोने के लिये हमारे कमरे मे आयी थी। कुछ देर बाद स्वाती दीदी ने मेरी तरफ मुहँ किया और मेरा हाथ पकडकर अपने चूचियों पर रख दिया। मै धीरे-धीरे उसके चूचीयाँ मसलने लगा, कुछ देर बाद मैने दीदी की एक चूची मुहँ मे लिया और चुसने लगा। और एक हाथ से दूसरी चूची दबाने लगा। उधर नेहा दीदी सुमन को बातों मे उलझा रही थी। कि उसका ध्यान हमारी तरफ़ ना आये। फ़िर मैने मेरी एक उंगली स्वाती दीदी की चूत मे डाल दी। और उसे धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। दीदी भी नीचे से गांड हिलाकर मेरा साथ देने लगी। फ़िर मैने दीदी की चूत मे दो उंगलिया डाल दी। और उन्हे अंदर-बाहर करने लगा। स्वाती दीदी अब बहुत गर्म हो गयी थी। उसकी चूत पानी छोड रही थी। दीदी से अब रहा नहीं जा रहा था। उसी करवट पर दीदी ने मेरा लंड अपनी हाथ मे पकडकर अपनी चूत पर लगा डाला। मैने मेरा मुहँ दीदी के मुहँ पर रखा और अपना पुरा लंड दीदी की चूत मे धकेल दिया। दीदी ने भी मेरा पूरा लंड अंदर लिया और कुछ देर तक उसे अंदर ही भींच लिया। और मेरा लंड अपनी टांगों के बीच दबाने लगी।

मुझे अच्छा महसूस हो रहा था। लेकिन मै दीदी के ऊपर चढकर उसे जोर-जोर से चोदना चाहता था। लेकिन हमारे कमरे मे सुमन के होने की वजह से हम ऐसी पोजीशन नहीं ले सकते थे। और मुझे दीदी को उसी पोज मे चोदना पड रहा था। ऐसा चोदने मे इतना मजा तो नहीं आ रहा था, लेकिन क्या करे हमारी मजबूरी थी। आदमी को एक ही स्टाइल मे भी मजा आता है क्या? लेकिन मजबूरी थी। मैने दीदी से धीरे से कहा,”दीदी सुमन का कुछ तो बंदोबस्त करना पडेगा।” मेरे राजा तू उसकी भी चूत मारना चाहता है क्या?” दीदी बोली। ऐसा तो मैने सोचा भी नहीं था। मैने कहा,”क्या दीदी सुमन भी मुझसे चुदवा लेगी?” तो दीदी बोली, “हाँ मेरे राजा, हर लडकी किसी-ना किसी से चुदवा ही लेती है। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि उसने अभी तक किसी से चुदवाया है।” मै बोला, “दीदी फ़िर तो वो मुझसे चुदवायेगी। क्या तुम कोशिश करके देखोगी।”

दीदी बोली “मै कुछ चक्कर चला कर देखती हूँ। अगर बात बनती है तो तूझे सुमन की भी चूत मिलेगी।” मैने कहा,”फ़िर तो दीदी कुछ बात बनती हें। कोशिश करके जरुर देखो, मुझे पूरा विश्वास है तुम उसे चुदने के लिये तेयार कर सकती हो। “तो दीदी बोली,” हाँ मेरे राजा भैय्या, मुझे भी अलग-अलग स्टाईल से चुदवाने की आदत है, ऐसे बिस्तर मे चुदवाने मे मुझे भी बिल्कुल मजा नहीं आ रहा है। और अगर सुमन को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी, वो सबको बता देगी कि हम सगे भाई-बहन चुदाई करते है। फ़िर क्या होगा। ये सोच के मुझे तो डर लग रहा है।” मैने कहा,” हाँ दीदी तुम्हारी बात तो एकदम सही है। अगर सुमन हमारा साथ देती है तो फ़िर कोई बात नहीं। कहते है ना चोर-चोर मोसेरे भाई।” ”तू तो बहुत बडी-बडी बाते करता है रे। “दीदी ने कहा। मै चुप हो गया। और दीदी को चोदने लगा। थोडी देर बाद हमारा राउंड पूरा हो गया। हमारा काम होने के बाद मै पेशाब करने बाथरुम चला गया। और स्वाती दीदी ने सुमन दीदी की तरफ़ मुहँ फ़ेर लिया। दीदी जान गयी थी कि हमारी राउंड पूरा हो गया है। अब मजे लेने का नंबर नेहा दीदी का था। मै बाथरुम से आ गया, और सोने के लिये अपनी जगह गया तो स्वाती दीदी बोली, “राज, तुम नेहा कि तरफ सो जाओ।

मुझे बहुत गर्मी हो रही है। सच तो वो ये कहना चाहती थी की, राज तुम अब नेहा की चुदाई करो। मै समझ गया।

Mastram2 मेरी प्रेमिका के साथ पहला सेक्स अनुभव

मेरे कुछ बात करने से पहले ही सुमन ने स्वाती दीदी के पेट पर हाथ रख कर सोने की कोशिश करने लगी। मै नेहा दीदी के पास मे जाकर बैठ गया। और चद्दर के अंदर हाथ डाल कर दीदी के चूचीयाँ ढुंढ रहा था। मैने पाया की दीदी चद्दर के अंदर एकदम नंगी सोयी थी, मेरे लंड के इंतजार मे। मैने धीरे से उसके चूचीयाँ सहलाने लगा। तो वो बोली पूरी पिच गीली है, तुम डायरेक्ट बैटिंग करो। मै दीदी के चद्दर मे घुस गया। मैने देखा उसकी चूत गीली हो गयी थी। हमारी (मेरी और स्वाती दीदी की) चुदाई का कार्यक्रम नेहा दीदी को मालुम था। हमारे बिस्तर मे होने वाली हलचल उसने महसुस की थी। देर ना करते हुये नेहा दीदी ने मेरा लंड पकडा, और सीधा अपने चूत के मुहँ पे लगा दिया।

और क्या बताऊ दोस्तों मै फ़िर जोर से नेहा दीदी पे टूट पडा। लगभग चालीस मिनिट तक मै दीदी कि चूत ठोकता रहा। बिल्कुल एक राक्षस की तरह मैने नेहा दीदी कि चूत चोद दी। उधर स्वाती दीदी बिलकुल शांत सो रही थी। उसकी बाजु मे सुमन भी सो गयी थी। और मैने नेहा दीदी कि चूत को भी ठंडा कर दिया था। मै भी नेहा दीदी की चूत पे हाथ रखकर वही पर सो गया। अब मुझे इतजार था की कल की सुबह का, और देखना ये था की दीदी सुमन को चुदाई के लिये कैसे तैयार करती है। अब तो मेरी लाटरी निकलने वाली थी। मुझे मालूम था की मेरी बहना बहुत कमीनी किस्म की है। और वो जरुर सुमन को चुदने के लिये तेयार कर लेगी। मुझे मेरी दोनो दीदीयों पर पूरा भरोसा था। सुमन तो उभरा हुआ मस्त माल थी। उसकी चूचीयाँ बहुत बडी-बडी थी। नेहा दीदी से भी बडी। सुमन मेरे से एक साल बडी थी।

दूसरे दिन दोपहर का वक्त था। घर मे हम चारों के सिवा कोई भी नहीं था। मै बेड पर बैठकर कुछ पढ रहा था। और सुमन किताब देख रही थी। इतने मे नेहा दीदी और स्वाती दीदी बाहर से आ गयी और हम दोनो के आजु-बाजू मे बैठ गयी। थोडी देर मे स्वाती दीदी ने सुमन के चूचीयो को धीरे से दबाया। शायद सुमन को ये बात अच्छी नहीं लगी। उसने कहा “कुछ शर्म नाम की चीज भी है क्या?” वो गुस्से से बोली। मेरे अरमानों पर पानी फ़िरता हुआ नजर आ रहा था। स्वाती दीदी कुछ नहीं बोली। तो नेहा दीदी बोली,”क्यु इतना गुस्सा कर रही हो कोई न कोई तो तुम्हारी चूचियों के साथ खेलने वाला ही है। तो स्वाती ने दबाया तो क्या हो गया। इसमे गैर क्या है, हर लडकी की चूचीयाँ कोई ना कोई तो मसल ही देता है, और इससे तो हमे मजा भी मिलता है। “सुमन बोली,”तुम दोनो भी पागल हो गयी हो। सामने छोटा भाई बैठा है फ़िर भी तुम्हे शर्म नहीं आ रही है।” स्वाती दीदी बोली, “ये महारानी तू छोटा किसे बोल रही है। हमारा भाई तो अब बडा हो गया है।” सुमन बोली, “हाँ हो गया है तो शादी कर दो ना। हम भी देखते है हमारी भाभी कैसी होगी। “और सब हँसने लगे। थोडी देर मे, मै बाहर चला गया। घर मे नेहा दीदी, स्वाती दीदी और सुमन बैठकर बाते कर रही थी उन्हे बात करने मे आसानी हो जाये इस लिये मै बाहर चला आया था।

लगभग आधे घंटे बाद मै बेडरुम के अंदर जा रहा था तो मुझे कुछ जानी-पहचानी आवाज सुनाई पडी। जो आवाज मै हर दिन हर रात दीदी की चुदाइ करते वक्त आती थी। मैने धीरे से बेडरुम मे झांक के देखा तो नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन के साथ वही खेल खेल रही थी। नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन को चुदाई का सबक पढा रही थी। स्वाती दीदी ने बेडरुम के दरवाजे मे मुझे देखा तो हाथ से ईशारा करके मुझे अंदर बुला लिया। किसी के भी अंग पर कोई भी कपडा नहीं था। मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी। वो बहुत उत्तेजित हो गयी थी। और उसकी दीदी अब बहुत गिली हो गयी थी। उसकी दीदी से चिप-चिपा सा पानी निकल रहा था। स्वाती दीदी ने मुझे सुमन के दो टांगों के बीच बैठने का ईशारा किया। मै सुमन के दो टांगों के बीच बैठ गया। आगे क्या करना था ये मै पहले से ही जानता था। अब तो मै चुदाई मास्टर बन गया था।

मैने अपना लंड सुमन की चूत पे लगाया, तो वो बोली, “नहीं राज ये पाप है, तुम रिश्ते मे मेरा भाई लगता है। झट से,, स्वाती दीदी बोली चुदाई के रिश्ते मे कोई किसी का भाई नहीं लगता है। और ना ही कोई किसी की बहन लगती है। चूत और लंड का रिश्ता तो सिर्फ़ चुदाई का है। सुमन अब बहुत गर्म हो गयी थी। वो अजीब-अजीब आवाजे निकाल रही थी। मैने इसी बात का फ़ायदा उठाया और सुमन की दीदी मे अपना लंड घुसाने लगा। मगर मेरा लंड तो उसकी दीदी मे नहीं जा रहा था। मैने बहुत कोशिश करके देखा पर सब मेहनत बेकार थी। उसकी दीदी बहुत कसी हुई थी। और मेरा लंड बहुत बडा था। जब मै नाकाम रहा तो, सुमन से रहा नहीं जा रहा था, तो उसने मेरा लंड अपने हाथ मे लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकडा, वो बोली, “हाय राम इतना बडा लंड है तेरा, तू तो मेरी चूत फ़ाड ही डालेगा। प्लीज मुझे छोड दो। मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है।

फ़िर मुझे नेहा दीदी ने अपने ऊपर लिया। और स्वाती दीदी तेल लाने के लिये किचन मे नंगी ही चली गयी। इधर मेरा और नेहा दीदी का रोमांन्स चालू हो गया। हमारा खेल देखकर सुमन भी मीठी आहे भरने लगी। स्वाती दीदी तेल लेकर आ गयी और उसने सुमन की चूत पर ढेर सारा तेल डाल दिया। नेहा दीदी ने मुझे अपने ऊपर से उतारा और मै फ़िर एक बार अपना लंड सुमन के चूत मे डालने की कोशिश करने लगा। इसके पहले सुमन ने कभी नहीं चुदवाया था। ये उसकी पहली बार थी। इसलिये उसे काफ़ी दर्द महसुस हो रहा था। थोडी ही देर मे मेरा थोडा सा लंड सुमन की चूत मे प्रवेश कर गया। सुमन जोर से चिल्लाई पर घर पर उसकी चीख सुनने वाला कोई भी नहीं था। उसकी मदद मेरी दोनो बहने कर रही थी। मैने धीरे से एक झटका लगाया, तो मेरा पुरा का पुरा लंड सुमन की चूत मे चला गया। उसकी चूत से गरम खून का निकल गया। खून देखकर सुमन बहुत डर गयी। पर स्वाती दीदी ने उसे समझाया हर लडकी को इस दोर से एक दिन गुजरना ही पडता है। वो बाते कर रही थी तो मै धीरे-धीरे धक्के लगा रहा था।

अब सुमन का दर्द थोडा सा कम हो गया था। और उसे भी मजा आ रहा था। मुझे मेरी दोनो बहनों की सील तोडने का मोका तो नहीं मिला था पर उनकी वजह से मैने आज मेरी मोसेरी बहन की सील को तोड दिया था। सुमन काफ़ी खुश थी। उसके बाद मैने नेहा दीदी को चोदा और फ़िर स्वाती दीदी को भी चोदा। मेरे लंड मे अब मुझे दर्द महसुस हो रहा था। आज मैने तीन –तीन चूतो को एक साथ चोदा था। चौथे राउंड मे फ़िर एक बार सुमन कि चूत ले ली। उस दिन से हम तीनो मिल के जब हमे मौका मिले तब चुदाई करते रहे। उस दौरान मेरी दीदी ने सुमन को चुदाई के बहुत सारे तरीके सिखा दिये। हम बहुत मजे लेते रहे। किसी का कोई टेंशन नहीं। घर की बात घर मे। हम लोग बहुत खुश है। मेरी दोनो बहनों की तो शादी हो गयी है लेकिन सुमन अभी कुंवारी ही है। उसकी चूत के लिये मेरा लंड तेयार है। जब मेरा दिल करता है मै मौसी को मिलने के बहाने से उनके गांव जाता हूँ। और सुमन की जी भर के चुदाई करके वापस आ जाता हूँ। और सुमन भी हमारे घर आकर एक महीना रहती है।

उस महीने मे, हम पिछ्ला पूरा हिसाब बराबर कर देते है।

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कमरे के लिए लड़के ने मेरी चूत की आग बुझाई https://sexstories.one/meri-pyasi-chut-ki-chudai/ Fri, 26 Nov 2021 07:55:49 +0000 https://sexstories.one/?p=3431 मैं उसकी होठो को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए और उसने मेरे कपडे निकाल दिए | वो मेरे सामने अंडरवियर में आ गया था और मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में थी | वो मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से पकड कर दबाने लगा...

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meri pyasi chut ki chudai हेल्लो दोस्तों मेरा नाम सुमिता है | मैं आज सेक्सी कहानी पढ़ाने वालो के लिए अपनी एक कहानी को लेकर आई हूँ | मैं जो आज कहानी आप लोगो के सामने प्रस्तुत करने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना है | मैं अपनी कहानी शुरू करने से पहले अपने बारे में बता देती हूँ | मैं रहने वाली तम्बोर की हूँ और मेरी शादी होने के बाद मैं अपनी पति के घर रहती हूँ | मेरी उम्र 38 साल है | मेरी हाईट 5 फुट 3 इंच है और मेरा रंग गोरा है | मैं दिखने में अभी भी बहुत सेक्सी लगती हूँ और मेरा फिगर अब बहुत ही सेक्सी है |

दोस्तों अब मेरे अन्दर चुदाई की इच्छा कुछ ज्यादा ही जग गयी है और मेरे पति अब मेरी चुदाई की इच्छा को पूरी नही कर पाते हैं | मैं आप लोगो को अपने पति के बारे में बता देती हूँ | उनका नाम हरी प्रशाद है और उनकी उम्र 42 साल है | उनकी उम्र के साथ उनकी जवानी भी ढल गयी | पर मेरे अन्दर चुदाई की इच्छा ज्यादा हो गयी है | अब मेरे पति मेरी चुदाई तो करते हैं पर उनका लंड मेरी चूत की आग को नही संत कर पाता है | दोस्तों मैं जो कहानी आप लोगो के सामने प्रस्तुत करने जा रही हूँ | मैं आप लोगो से आशा करती हूँ की आप लोगो को पसंद आयेगी और इस कहानी को पढ़ने में आप लोगो को मज़ा भी आएगा | अब मैं बिना टाइम को बर्बाद किये सीधे कहानी पर आती हूँ |

ये कहानी 1 साल पहले की है | दोस्तों मेरे पति एक सरकरी जॉब करते हैं और वो जॉब की वजह से घर कभी कबार आते हैं | जब वो घर आते हैं तब मेरी चुदाई करते हैं | पर वो मेरी चुदाई की इच्छा को पूरी नही कर पाते है जिसकी वजह से मेरे अन्दर चुदाई की इच्छा रह जाती है | अब मैं क्या चाहती हूँ की कोई मेरी चुदाई खूब करे और वो जब मेरी चुदाई करते हैं तो 5 मिनट में ही झड़ जाते हैं | फिर सो जायंगे | इसलिए मैंने सोचा की अब ये मेरी चुदाई की इच्छा नही पूरी कर पाएंगे तो मैं अब किसी जवान लकड़े के लंड से चुदना चाहती थी और मैं किसी लकड़े हट्टे कट्टे लड़के की तलास करने लगी |

कुछ दिनों बाद मुझे मेरे मोहल्ले में एक लकड़ा दिखा और मैं उस लकड़े को पहली बार देख रही थी | फिर मैंने पता किया तो मुझे पता चला की वो लकड़ा मेरे घर के सामने वाले घर में कमरा किराए से लेकर रुक रहा है | अब मैं रोज ही उस लड़के को देखती और सोचती की कब इसके मोटे लंड को अपनी चूत में लेकर चुद पाऊँगी | अब मैं प्लान बनाने लगी | कुछ दिन बाद जब वो अपने घर में जा रहा था तो मैंने उसे आवाज दी और कहा बेटा कुछ काम है करा दो | वो बोला रूको सामन रख आता हूँ | फिर वो सामन रख कर आया | मैं उसे अपने बेडरूम में ले गयी और अपने बेडरूम में अलमारी उठवाने लगी | मैं अलमारी उठवा ही रही थी की मैंने चोट लगने का नाटक किया | वो मुझे ऐसे देख रहा था की मैं आप लोगो को क्या बताऊँ | मैं वहीँ जमीन पर बैठ गयी तो उसने मुझे अपनी बाँहों में उठा कर बेड पर लेटा दिया | तब मैंने उससे कहा यार पैर में बहुत दर्द हो रहा है | बाम लगा कर मालिश कर दो | उस लड़के ने पहले तो माना कर दिया |

Mastaram रसीली प्रज्ञा भाभी

फिर कुछ देर तक सोचने के बाद बोला लाओ लगा दूँ | जब उसने ये बाद कहीं तो मैं तुरंत बेड से बाम निकाल कर दिया और बोली लो प्यार से मालिश करना | उसने अपने हाथ में बाम पकड़ा और लगाने लगा | तब मैंने उससे उसका नाम पूछा उसने अपना नाम राकेश बताया | फिर बोला आंटी मैं तुम्हे क्या बोल सकता हूँ | मैंने उससे कहा आंटी क्यूँ बोल रहे हो तुम्हारा जो मन हो बोल सकते हो | मैं उसको सेक्सी नज़रो से देख रही थी | फिर मैंने उससे कहा राकेश तुम यहाँ क्या करते हो | उसने कहा मैं पढाई करता हूँ | वो बोला आंटी आपके के घर में कौन कौन रहता हैं | मैंने उससे कहा मेरे घर में अकेली ही रहती हूँ | मेरे पति तो कभी कभी घर में आते हैं और मेरा एक लकड़ा है जो बाहर जॉब करता है | वो बोला इतने बड़े घर में अकेली कैसे रहती हो आपको अच्छा भी लगता हैं इतने बड़े घर में अकेले |

मैंने उसे कह दिया अगर तुम्हारा मन हो तो तुम मेरे घर में रह सकते हो और मैं कोई किराया नही लुंगी | वो बोला सच में पर क्यूँ नही किराया लोगी | मैंने कहा बस ऐसे ही तुम मुझे अच्छे लगते हो | दोस्तों मैं उसे अपने जाल में धीरे धीरे फांस रही थी और वो फंस रहा था | वो मेरी टांग पर मालिश कर रहा था और मैं अपनी जांघ को धीरे धीरे पुरी खोल दी | वो मेरी गोरी जांघ को घुर घुर कर देखने लगा | जब वो मेरी जांघ को घुर घुर कर देखने लगा तो मैंने अपने ब्लाउज की 2 बदन खोल दी | वो ये देख कर समझ गया था की मैं क्या चाहती हूँ | पर वो करने में डर रहा था | वो मेरी जांघ को जोर जोर से मसल रहा था और मैं मस्त सेक्सी आवाजे करने लगी | वो मेरी ये आवाजे सुनकर मेरे बड़े बड़े बूब्स की तरफ तिरछी नज़रो से देखने लगा | फिर वो कुछ देर बाद बोला मैं जा रहा हूँ |

तब मैंने उससे कहा रुको यार कहाँ जा रहे हो सामने ही हो कुछ देर बाद चले जाना | वो मेरे इशारे को समझ रहा था पर जान कर भी अंजान बनने का नाटक कर रहा था | फिर जब वो मेरे पास बैठ गया तो मैंने उसके एक हाथ को अपने हाथो में पकड लिया और दुसरे हाथ को पकड कर अपनी कमर पर रख दिया | दोस्तों जब मैंने उसके हाथ को अपनी कमर पर रखा तो वो एकदम चौंक गया और बोला ये क्या कर रही हो आप | मैंने भी खोल कर कह दिया यार मैं तुम से चुदना चाहती हूँ | मैं तुमको रोज ही देखती हूँ और तुम मुझे बहत अच्छे लगते हो | अगर तुम मेरी चूत की आग बुझा दो तो मैं तुम्हे घर रहने के लिए दे दूंगी और खाना भी बना कर दूंगी और सब काम तुम्हारे करुँगी | बस तुम मुझे रोज खुश कर दिया करो | उसने कहा अगर तुम्हरे पति ने कुछ कहा तो मैंने कहा तुम उसकी चिंता न करो वो मुझे पास छोड़ दो |

फिर मैंने उसके सर को अपने हाथो में पकड कर उसकी होठो को पर अपनी होठो को रख दिया | वो मेरी कमर में हाथ को डाल कर मेरी होठो को चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूस रहा था और मैंने उसकी होठो को चूस रही थी | वो मेरी होठो को अपनी होठो को पकड के खीच खीच कर चूस रहा था और मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूस रही थी | मैं उसकी होठो को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए और उसने मेरे कपडे निकाल दिए | वो मेरे सामने अंडरवियर में आ गया था और मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में थी | वो मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से पकड कर दबाने लगा | वो मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने के साथ मेरी ब्रा को खोल दिया जिससे मेरे बड़े बूब्स उसके सामने आ गए | तब वो मेरे एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा और दुसरे दूध को हाथ में पकड कर मसलने लगा |

वो मेरे दोनों बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक एक एक करके चूसने के बाद उसने मेरी टांगो को फैला कर मेरी चूत में अपने मुंह को घुसा कर चाटने लगा | वो मेरी चूत में जीभ को घुसा कर मेरी चूत को चाटने लगा | मैं आ आ आ…. ऊ ऊ ऊ… सी सी सी सी…. ह ह ह ह… की सिसकियाँ लेने लगी | वो मेरी चूत को चाटने के साथ मेरी चूत में ऊँगली को घुसा कर जोर जोर से हिलाने लगा | वो मेरी चूत में ऐसे ही 5 -6 मिनट तक करता रहा और मेरी चूत से गर्म पानी की धार निकल गयी | जब मैं झड़ गयी तो उसने अपने लंड को निकाल कर मेरी चूत में घुसा दिया | मेरी चूत गीली थी जिससे उसका लंड मेरी चूत में घुस गया | उसका लंड बड़ा और मोटा होने की वजह से मेरे मुंह से दर्द भरी सिसकियाँ निकल गयी|

वो मेरी चूत में जोरदार धक्को के साथ अन्दर बाहर करते हुए चोदने लगा | मैं जोर जोर से हह हह हह…. ऊ ऊ ऊ ऊ… सी सी सी… आ आ आ…. की सेक्सी आवाजे करती हुई चुदने लगी | वो मेरे दोनों बूब्स को कस के हाथ में पकड कर मेरी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा | वो मेरी चूत में जोरदार धक्के मार रहा था और मैं मस्त होकर चुद रही थी | वो मेरी चूत में ऐसे ही जोरदार धक्के कुछ देर तक मारता रहा | फिर उसने मेरी चूत से लंड को निकाल कर मुझे घोड़ी बना दिया | वो मुझे घोड़ी बनाने के बाद मेरी चूत में पीछे से लंड को डाल कर जोरदार धक्को के साथ अन्दर बाहर करते हुए मुझे चोदने लगा |

जोर जोर से सेक्सी आवाजे करती हुई चुद रही थी साथ में अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुदाई के मज़े ले रही थी | वो मेरी चूत में धक्को की स्पीड इतनी तेज कर दी की धक्को की आवाज गूंजने लगी | कुछ ही देर में मैं दुबरा झड़ गयी और साथ में वो भी झड़ गया | फिर मैंने उसके लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया और उसने अपने कपडे पहन लिए और मैंने अपने कपडे पहन लिए |

फिर उसके कुछ दिन बाद वो मेरे घर में रहने लगा और वो मेरी रोज ही मस्त चुदाई करता था |

धन्यवाद…………….

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