chudai stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chudai-stories/ Hindipornstories.org Tue, 22 Mar 2022 11:15:50 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाई के ऑफिस में बहन चुद गयी https://sexstories.one/bhai-ke-office-mein-behan-chud-gayi/ Tue, 22 Mar 2022 11:15:50 +0000 https://sexstories.one/?p=3520 मैं अपने कपड़े बदल चुकी थी और जब अपने छोटे भाई को देखा तो सिर पर दुपटा लेकर उसका स्वागत करने पहुची. मैने अपने भाई के चरण स्पर्श किए जैसे की हमारा रिवाज़ है...

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Bhai Ke Office Mein Behan Chud Gayi – मैं सीमा हूँ..और मेरी फिगर 36-25-38 है. गणेश मेरा भाई अभी कुँवारा है.मैं भी कई महीनो से एक अच्छे लंड की तलाश में थी, जो कहीं आज मिला था मुझे. मेरा पति साला 4 इंच का लंड लेकर मुझे चोदने लगता है तो मैं संतुष्ट नहीं हो पाती. कई मर्दों के साथ संबंध बना चुकी हूँ, लेकिन
मेरी चूत हमेशा भूखी रह जाती है.

मेरे पति के बॉस ने मुझे एक बार अपने पार्ट्नर के साथ मिल कर दो दो लंड के साथ चोदा था, लेकिन कुछ वक्त से पति के बॉस का भी तबादला हो गया और अब मुझे लंड की कमी महसूस होती है.” सीमा, मेरी प्यारी दीदी, तू भी हमारी मम्मी जैसी चुदकर हो. मम्मी का भी एक मर्द से गुज़ारा नहीं होता।

आज सुबह जब वो रसोई में खाना बना रही थी तो उसकी चुचि ब्लाउस से बाहर झाँक रही थी. उसी वक्त फोन आया तो मम्मी ने उठाया. दूसरी तरफ से मनोहर अंकल ने कहा” रानी, आज अपनी चूत को शेव कर लो, तुझे मैं और दिलबाघ दोनो चोदने वाले हैं… दिलबाघ तुझे ना जाने कब से चोदने के लिए मिन्नते कर रहा है… तुम ठीक 5 बजे होटल संगम पहुँच जाना, मेरी रानी.., आज तेरी दीवाली मनाएँगे…” मैं उस वक्त उन दोनो की बातें सुन रहा था. मेरा तो दिल कर रहा था की मम्मी को वहीं चोद डालूं, पर मैं इस बात पर खुश था की आज शाम को अपनी सीमा दीदी के साथ मजे करूँगा. सच सीमा, मैने आज तक तेरे जैसी औरत नहीं चोदी…”

Chudai story भाभी ने बुझाई हवस ही आग

मेरे बारे में मेरे भाई को कुछ दिन पहले ही पता चला था. मेरा भाई मुझसे मिलने आया था. मेरा पति अपनी दुकान और मेरी सास बाज़ार गयी हुई थी. मुझे यही मौका था और मैं अपने जवान नौकर से चुदवाने लगी. मेरा नौकर रामू भी जानता था की मैं लंड की प्यासी हूँ क्योंकी वो मेरे पति की नामर्दानगी के बारे में जानता था।

रामू उस वक्त टेबल सॉफ कर रहा था जब मेरी सास बाज़ार गयी. मैने रामू को पीछे से पकड़ लिया और उसके मस्ताने लंड से खेलने लगी, ” क्या बात है.., मालकिन, आज बड़ी मस्ती में हो.., कहीं मेरा केला खाने का इरादा तो नहीं है?” मैने उसके पजामे को नीचे सरकाते हुए उसका लंड मुहँ में डाल लिया. रामू मेरी आदत जानता था की मुझे केला खाने की आदत है।

रामू बोला,” सीमा मालकिन क्यों ना आज तुझे तेरी सास के बिस्तर पर चोदा जाए… उसको भी मेरा केला बहुत पसंद है..अब तो सास बहू दोनो को एक ही लंड से गुज़ारा करना पड़ेगा… साली बुडिया भी लंड की शौकीन है, आपकी तरह..”

रामू मुझे उठा कर सासू माँ के बिस्तर पर ले गया और मुझे नंगा करने लगा. मेरे चूतड़ पर हाथ फेर कर बोला,” सीमा आज ना जाने क्यों तुझे कुत्तिया बनाने का मन कर रहा है… तुम मालकिन भी हो और मेरी रांड़ भी… अगर मैने अपनी मालकिन की सवारी नहीं की तो दुनिया क्या कहेगी? आपकी सास तो मेरे लंड की सवारी करने का शौक रखती है… आपके चूतड़ मुझे बहुत आकर्षित करते है..अगर एतराज़ ना हो तो जल्दी घोड़ी बन जाओ… बुडिया का कोई पता नहीं कब आ टपके..”

मैं झट से घोड़ी बन गयी. वैसे तो मैं हर आसन में चुदाई का आनंद ले चुकी हूँ, लेकिन घोड़ी बन के मर्द के सामने झुकना मुझे मर्द के आगे समर्पण करने के बराबर लगता है. मैं नौकर के आगे झुकी तो उसके चेहरे पर जीत भरी मुस्कान थी. उसने एक ही धक्के में अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. उसके हाथों ने मुझे चूतड़ से कस के पकड़ रखा था. लंड मेरी चूत चोद रहा था और मेरी चूत सावन के गीत गा रही थी. रामू ने मुझे बालों से खींच कर चुदाई शुरू कर दी. वो मेरे बालों को एसे खींच रहा था जैसे घोड़ी की लगाम खींच रहा हो।

हम दोनो को पता ही नहीं चला की कब से मेरा भाई गणेश हम दोनो को देख रहा था. हम जल्दी में डोर बंद करना भूल गये. मैने उत्तेजना वश आँखें बंद कर रखी थी और एक कुत्तिया की तरह हाँफ रही थी. रामू का लंड किसी पिस्टन की तरह मुझे चोद रहा था,” अहह…..ज़ोर से चोद….रामू….चोद मुझे माँदरचोद….मेरी चूत की आग बुझा साले रामू, चोद ज़ोर से मेरी चूत….है मैं मरी जा रही हूँ…बहनचोद ज़ोर से डाल,” मैं चीख रही थी और रामू लगातार तेज़ धक्के मार रहा था।

उसका लंड भी अब झड़ने को था और वो बोल रहा था,” सीमा…साली रांड़…क्या मस्त माल है तू….अच्छी है तेरा पति नामर्द है वरना एसी मख्खन जैसी चूत मेरी किस्मत में कहा होती….वा मालकिन…मेरी रंडी मालकिन…..चुदवा रामू के मस्त लंड से,”

हम दोनो थोड़ी देर में झड़ गये और रामू काम करने लग गया. गणेश शायद हमारी बेशर्मी देख कर दरवाज़े से हट गया और बाहर चला गया था क्युकि वो थोड़ी देर से घर में दाखिल हुआ. मैं अपने कपड़े बदल चुकी थी और जब अपने छोटे भाई को देखा तो सिर पर दुपटा लेकर उसका स्वागत करने पहुची. मैने अपने भाई के चरण स्पर्श किए जैसे की हमारा रिवाज़ है. कमरे में कोई नहीं था. गणेश मुझे अजीब नज़रों से देख रहा था. उसने मुझे आलिंगन में लेते हुए सीने से लगा लिया।

मेरी चुचिजो के बहुत बड़ी है, मेरे भाई के सीने में धस गयी. उसने मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेते हुए पूछा,” दीदी, क्या नौकर अब पति से बढ़ कर है तेरे लिए? जब मैने आपको उसके सामने मर्दजात नंगी होकर घोड़ी बने हुए देखा तो मुझे बहुत शर्म आई… क्या अब रामू का दर्ज़ा मेरे जीजा का हो चुका है? क्या अब मेरे घर की इज़्ज़त नौकर के लंड की मोहताज़ हो चुकी है? क्या अब इस घर में मर्दों की कमी है? अगर जीजा जी में दम नहीं था तो कम से कम अपने भाई तो अपना लिया होता… गणेश साला, रंडी के कोठे पर पैसे देकर चूत मागता फिरता है और उसकी बहन नौकरों को फ्री में बाँट रही है… सीमा, तुझे नंगी देख कर मैं पागल हो चुका हूँ… अब से रामू की छुट्टी कर दो और मुझे अपना पति बना लो… मेरे लंड को देख लो, पूरा 9 इंच का है,” कहते ही उसने अपनी पेंट की ज़िप खोल डाली।

उसका मोटा लंड बहुत प्यारा लगा. लेकिन एक बात मुझे सता रही थी,” गणेश, बहनचोद साले अपनी ही बहन को चोदोगे तुम? अगर ऐसा ही करना था तो मेरी शादी उस नपुंसक से क्यों की थी, जिसकी कमी मैं नौकर से पूरी कर रही हूँ… भाई, बहन को भाई नहीं चोदा करते… भाई के लिए तो भाभी होती है..”

गणेश मेरी बात पर हंस कर बोला,”सीमा, अगर रामू तुझे चोद सकता है तो गणेश में क्या कमी है? जीजा जी की कमज़ोरी का दुख तुझे ही क्यों उठना पड़े? भाई का फ़र्ज़ बनता है की अपनी बहन को हर मुश्किल से निकाले, उसको हर खुशी दे जिस पर उसका हक बनता है… और दीदी, तुझ जैसी सुन्दर और सेक्सी औरत की सेवा करना तो खुशकिस्मत भाई को ही मिलता है… मेरा बस चलता तो मैं तेरी शादी कभी ना होने देता… तुझे अपना बना कर रखता… लेकिन फिकर मत करना… अब तुम मेरी हो… आज से तुझे चूत ठंडी करवाने के लिए किसी के पास जाने की ज़रूरत नहीं है… मैं तेरी सास को बोल दूँगा की मेरे पास अपनी दीदी के लिए अपने ऑफीस में काम है जिसको कर के दीदी के पैसे भी बन जाएँगे और टाइम भी पास हो जाएगा… बुडिया लालची है, शक नहीं करेगी और मान जाएगी… तुम रोज़ मेरे ऑफीस चली आना और हम मेरे कमरे में खूब मौज करेगे… मैने वहाँ बिस्तर पहले ही लगा रखा है.” गणेश ने अपनी पूरी स्कीम मुझे बता डाली।

“लेकिन गणेश, लोग क्या कहेंगे? किसी को शक नहीं होगा?” मैने अपने मन की आशंका बताई.” दीदी, शक कैसा? तुम मेरी बहन हो… क्या बहन अपने भाई के ऑफीस में जॉब नहीं कर सकती? अब सोच विचार का वक्त नहीं है, तुम हां कर दो… बाकी मैं खुद देख लूँगा.” मेरी चूत ने मुझे सोचने का मौका ही नहीं दिया. साली अपने भईया के लंड की खुशबू सूंघ कर मस्ती से भर गयी और मैने भईया की ऑफर मान ली. सासू माँ ने गणेश की बात झट से स्वीकार कर ली. शायद उसके लिए अब रामू से चुदवाने का खुला मौका था. खैर अगले दिन मैं गणेश के ऑफीस जा पहुँची।

आगे कि कहानी अगले भाग में . . .

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चूत मरवाने के लिए चली गई https://sexstories.one/maine-apni-chut-marwai/ Sat, 29 Jan 2022 07:37:43 +0000 https://sexstories.one/?p=4527 मेरे शरीर से इतनी ज्यादा गर्मी निकलने लगी कि मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी उन्होंने कपड़े खोलकर मुझे नंगा कर दिया, उन्होंने मेरी चूत को चाटा और मुझे कहने लगे तुम्हारी चूत बहुत ही टाइट है...

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Maine apni sexy chut marwai एक दिन मामा जी हमारे घर पर आये और वह मुझे कहने लगे कि तुम्हारी मम्मी कहां है, मैंने मामा जी से कहा मामा जी मम्मी तो अभी कहीं गई हुई हैं और पापा भी अभी कुछ देर में आने वाले होंगे। मामा घर में बैठ गए और वह मुझसे बात करने लगे वह मुझसे पूछने लगे बेटा तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है मैंने उन्हें कहा मामा जी बस ठीक ही चल रही है, आप सुनाइए आप कैसे हैं तो मामा कहने लगे बेटा मैं भी ठीक हूं। मैंने मामा से पूछा आज आप काफी दिनों बाद घर आ रहे हैं मामा कहने लगे हां बेटा तुम्हें तो पता ही है कि मैं अपने काम की वजह से कितना बिजी रहता हूं लेकिन अब कुछ समय बाद मैं रिटायर होने वाला हूं उसी के लिए मैंने घर में एक छोटी सी पार्टी रखी है जिसमें कि अपने सारे रिश्तेदारों को मैं बुलाना चाहता हूं और इसीलिए मैं आज तुम्हारे घर आया था, मैंने मामा से पूछा मामा आप कब रिटायर हो रहे हैं वह कहने लगे बस अगले महीने मैं रिटायर होने वाला हूं।

मेरे मामाजी दिल के बहुत अच्छे हैं और वह बड़े ईमानदार आदमी भी हैं उनकी सब लोग बहुत तारीफ करते हैं, जैसे ही मेरी मम्मी आई तो वह मुझे कहने लगी तुमने मामा को चाय पानी कुछ पिलाया मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी मैंने मामा को कॉफी पिला दी थी फिर मम्मी और मामा साथ में बैठ गए मामा जी ने मम्मी से कहा कि मैंने अगले महीने अपने रिटायरमेंट की पार्टी रखी है और आप लोगों को घर पर आना है मम्मी कहने लगी अगले महीने तुम रिटायर हो रहे हो? मामा जी ने कहा हां बहन मैं अगले महीने रिटायर हो रहा हूं।

मम्मी और मैं मामा के साथ मैं भी बैठे हुए थे, मम्मी ने कहा देखो समय कितनी तेजी से चलता है समय का कुछ पता ही नहीं चला अब तुमने अपने बच्चों की भी शादी कर दी है और हमारी भी बच्चों की शादी हो चुकी है बस प्रियंका की शादी होनी बची है और सब कुछ कितने जल्दी से हो गया तुम अब रिटायर भी होने वाले हो मम्मी मामा से कहने लगी तो मामा जी ने भी कहा हां बहन तुम बिल्कुल सही कह रही हो समय का तो बिलकुल पता ही नहीं चला कैसे समय इतनी तेजी से गुजर गया मुझे भी अपनी नौकरी का भी कुछ पता नहीं चला कि मुझे इतने वर्ष नौकरी करते हुए हो गए मुझे कुछ मालूम ही नहीं पड़ा।

मैंने मामा जी से कहा मामा जी आप फिर पार्टी में क्या क्या कर रहे हैं मामा कहने लगे बेटा तुम आ जाओ अभी से बता कर कोई फायदा नहीं है, मैंने मामा से कहा ठीक है मामा जी मैं तो वैसे भी आऊंगी और थोड़ी देर बाद मामा जी घर चले गए जब मामा जी चले गए तो उसके कुछ देर बाद ही पापा आ गए और मैंने पापा से कहा पापा आज मामा जी आए थे मम्मी भी कहने लगी कि वह अगले महीने रिटायर हो रहे हैं और वह हमें बुलाने के लिए आए थे, पापा कहने लगे चलो यह तो अच्छी बात है। कुछ समय बाद हम लोग मामा के घर चले गए जब हम लोग मामा के घर गए तो वहां पर काफी भीड़ थी हम लोगों ने मामा जी को रिटायरमेंट की बधाइयां दी और उन्हें कहा अब आप का आगे का जीवन बड़ा ही अच्छा बीते आपने इतने समय अपने नौकरी को दिए हैं अब कुछ समय अपने परिवार को भी दीजिए, पापा ने उन्हें गले लगा लिया और मम्मी ने भी उन्हें बहुत बधाइयां दी इस बात से मामा जी भी बहुत ज्यादा खुश हो गए थे और मामा जी कहने लगे आप लोग आज हमारे घर ही रुकेगा पापा ने कहा ठीक है आपकी बात कैसे टाल सकते हैं आज आप इतने खुश हैं तो और आज के बाद आप तो अपने परिवार को ही समय देंगे।

मैं भी बहुत ज्यादा खुश थी इतने समय बाद हमारा पूरा परिवार एक साथ था मैं सब को देख कर बहुत खुश थी और सब लोग बड़े ही मस्ती में थे मामा जी ने भी उस दिन डांस किया उनका डांस देखकर मुझे बहुत हंसी आ रही थी लेकिन उनकी खुशी में हम लोग शामिल होने आए थे और मैंने भी उस दिन जमकर डांस किया लेकिन जब एक व्यक्ति वहां पर डांस करने आये तो वह बड़ा ही अच्छा डांस कर रहे थे उनकी तरफ सब देख रहे थे और सब लोग तालियां बजा रहे थे मैं उन्हें जानती नहीं थी लेकिन उनके डांस से बहुत ज्यादा प्रभावित हो गई थी मैं उनके बारे में जानना चाहती थी और मैंने उनसे ही यह बात पूछ ली, उन्होंने मुझे कहा मेरा नाम अमित है और मैं यही पास में रहता हूं।

मैंने उन्हें बताया कि आप का डांस मुझे बहुत अच्छा लगा तो वह कहने लगे मैं आपका बहुत बहुत धन्यवाद कहता हूं जो आपने मेरे डांस की तारीफ की और उसके बाद मैं उनसे बात कर के अपने आप को बहुत अच्छा महसूस करने लगी, उनकी बातों में भी जैसे एक अलग ही जादू था मैं उनकी तरफ पूरी तरीके से खिंची चली गई मेरे साथ पहली बार ही ऐसा हुआ था कि कभी मैं किसी की बातों से ज्यादा प्रभावित हुई थी और कोई व्यक्ति मुझे इतना ज्यादा प्रभावित कर पाया था मैंने अमित जी से कहा की सर क्या आप मुझे भी डांस सिखाएंगे तो वह कहने लगे क्यों नहीं आपको जब भी मौका मिले तो आप मुझे मिल लीजिएगा मैं आपको जरूर डांस सिखाऊंगा।

उनके चेहरे पर बहुत ही खुशी थी लेकिन उस खुशी के पीछे शायद उनका दर्द भी छुपा हुआ था, मैं उनके बारे में ज्यादा नहीं जानती थी लेकिन जब मुझे मेरे मामा जी ने बताया कि वह दिल के बहुत ही अच्छे हैं वह जिस भी पार्टी में जाते हैं तो वहां पर वह चार चांद लगा देते हैं लेकिन उनके साथ बहुत ही बुरा हुआ, मैंने मामा जी से पूछा कि आखिर ऐसा क्या हुआ तो मामा जी कहने लगे अमित की शादी करीब 5 वर्ष पहले हुई थी हम लोग भी वहां पर गए थे और हम लोग शादी में बड़ा ही इंजॉय कर रहे थे क्योंकि अमित सबकी खुशियों में हमेशा शरीक होते हैं और वह सब के दुख में भी शरीक होते हैं वह दिल के बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं।

उन्होंने लव मैरिज की थी और जिस लड़की से उनकी शादी हुई थी वह भी उनसे बहुत प्यार करती थी लेकिन ना जाने ऐसा क्या हुआ कि एक दिन वह घर से भाग गई और इस बात का अमित पर बहुत ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा लेकिन उसके बाद भी वह बिल्कुल नहीं बदले हैं वह हमेशा खुश रहने की कोशिश करते हैं और उन्हें देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता कि वह इतनी ज्यादा तकलीफ में है लेकिन वह किसी से भी यह बात नहीं कहते हैं। इस बात को सुनकर मुझे भी बहुत बुरा लगा और लगा कि अमित के साथ कितना ज्यादा बुरा हुआ मैं उनकी बातों से बहुत ज्यादा प्रभावित होती, उनसे मैंने उसके बाद काफी देर तक बात की उस दिन हम लोग वहीं रुकने वाले थे इसलिए मैंने मम्मी से कहा मम्मी मैं अभी आती हूं, मैं जब रात के वक्त छत में टहल रही थी तो मेरे दिमाग में सिर्फ यही बात आ रही थी कि अमित जी के साथ कितना बुरा हुआ और उनके जैसे व्यक्ति को उनकी पत्नी ने कैसे छोड़ दिया वह दिल के बहुत अच्छे हैं और ना जाने ऐसा उनके साथ क्या हुआ कि उनकी पत्नी को उन्हें छोड़ना पड़ा मैं इसी दुविधा में थी और मेरे दिमाग में सिर्फ यही बात चल रही थी।

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मैंने अपनी एक सहेली को फोन किया और उसे अमित जी के बारे में बताया तो वह कहने लगी अरे यार उनके साथ तो बहुत बुरा हुआ और ऐसे लोगों के साथ इतना गलत होना वाकई में बहुत ही बुरा है। मैंने जब फोन रखा तो मेरी मम्मी मुझे आवाज देने लगी और मुझे वह नीचे बुलाने लगी मैंने मम्मी से कहा मम्मी बस कुछ देर बाद आती हूं। मैंने देखा सामने की छत में कोई व्यक्ति सिगरेट पी रहे थे लेकिन उनका चेहरा नहीं दिखाई दे रहा था वह मेरी तरफ देख रहे थे तब मैंने अपने मोबाइल की टॉर्च से देखा तो मुझे पता चला वह तो अमित जी हैं, मैं उन्हें देखते रही।

वह मुझे हाथ से इशारे करने लगे और कहने लगे तुम छत में क्या कर रही हो। मैंने उन्हें कहा बस ऐसे ही टहल रही हूं लेकिन मेरा उनसे मिलने का मन होने लगा। जब रात को सब लोग सो गए तो मैं चुपके से घर से बाहर निकल आई अमित जी उस वक्त भी छत पर ही थे मैं उनके साथ उनके घर में चली गई। मुझे नहीं पता था कि उनके घर में कोई नहीं है जब हम दोनों साथ में थे तो वह मुझे अपनी दुख भरी कहानी सुनाने लगे। मै उनकी तरफ पूरी तरीके से खींची चली गई, उन्होंने मुझे कहा मैं क्या कर सकता हूं लेकिन मुझे खुश रहना पड़ता है। मुझे भी उन पर दया आने लगी मैंने उनके होठों को किस कर लिया जब मैंने उनके होठों को चूमना शुरू किया तो वह भी मुझे अपनी बाहों में लेने लगे उन्होंने मुझे वहीं नीचे लेटा दिया, उन्होंने मेरे स्तनों को चुसना शुरू किया तो मेरे अंदर से गर्मी निकलने लगी और मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा।

मेरे शरीर से इतनी ज्यादा गर्मी निकलने लगी कि मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी उन्होंने कपड़े खोलकर मुझे नंगा कर दिया, उन्होंने मेरी चूत को चाटा और मुझे कहने लगे तुम्हारी चूत बहुत ही टाइट है, तुम्हारी चूत में एक भी बाल नहीं है उन्होंने मेरी चूत का बहुत देर तक रसपान किया। जब उन्होंने अपने 10 इंच मोटे लंड को मेरी योनि के अंदर डाला तो मैं चिल्लाने लगी मुझे दर्द होने लगा मेरी योनि से खून का बाहव होने लगा। मैंने उन्हें कहा आपने तो मेरी चूत फाड़ दी अमित जी ने कुछ नहीं कहा। वह मुझे धक्के देते रहे उनके धक्के इतने तेज थे मेरा शरीर पूरा तरीके से हिलने लगा। मुझे ऐसा लगा उनका लंड मेरे पेट के अंदर तक जा रहा है परंतु उन्होंने मेरे साथ बहुत देर तक संभोग किया, मेरी चूत में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था।

मैंने उन्हें कहा मैं अब चलती हूं मैं वहां से चुपचाप रात के वक्त चली आई, रात भर मेरी योनि में दर्द होता रहा लेकिन मुझे उसके बाद बहुत प्यारी नींद भी आ गई, मेरी सील अमित जी ने तोड़ दी थी।

उसके बाद में अमित जी से कभी नहीं मिली लेकिन उनकी यादें अब भी मेरे दिल में है।

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दोस्त की बहन की गुलाबी चूत को अपने घर में चोदा https://sexstories.one/dost-ki-behan-ki-gulabi-choot-choda/ Tue, 21 Dec 2021 07:44:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3489 हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी.. वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी...

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Dost ki Behan ki gulabi choot ko Choda – हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रियाज़ है | मैं रहने वाला भोपाल का हूँ | मैं अभी जॉब करता हूँ | मैं आज आप लोगो की सेवा में एक कहानी को लेकर हाजिर हूँ | दोस्तों मैं भी आप लोगो की ही तरह कहानी पढने का शौक़ीन  हूँ | मैं काफी अरसे से सेक्सी कहानी पढ़ता आ रहा हूँ | मैं बहुत सी कहानियाँ पढ़कर उनका मज़ा ले चूका हूँ और दोस्तों मुझे ज्यादा कहानी पढना दोस्त की बहन और दोस्त की गर्लफ्रेंड वाली पसंद है | मेरी हाईट 6 फुट 4 इंच है | मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लम्बा और मोटा 3 इंच है | दोस्तों मुझे चुदाई करना बहुत पसंद है और मैं अभी तक काफी बार चूत चोद चूका हूँ इसलिए मुझे अब चुदाई करने के इतने पोजीशन मालूम हैं | मैं अपने इस सात इंच के लंड से किसी भी लड़की या औरत की चूत की गर्मी को बुझा सकता हूँ तो दोस्त ये तो मैंने अपने बारे में बता दिया | दोस्तों अब बकचोदी हो गयी है | मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये कहानी कुछ महीने पहले की है जब मैं एक साफ्टवेयर कम्पनी में जॉब करता था | मैं जॉब बंगलौर में करता था इसलिए मुझे बंगलौर में रहना पढता था | मैं वहीँ पर घर रेंट पर लेकर रहता था | जब मैं उस कम्पनी में जॉब करता था तो उस टाइम वहां मेरा एक लड़का दोस्त बन गया था | उसका नाम रोहन था और वो मेरे साथ ही जॉब करता था इसलिए मेरी उसकी दोस्ती हो गयी थी | धीरे धीरे काफी दिन हो गए और मेरी उसकी दोस्ती कुछ ज्यादा ही हो गयी | वो मुझे एक दिन अपने घर पर डिनर करने के लिए कहा | तब मैंने उससे कहा की सन्डे के दिन चलता हूँ  | दोस्तों मेरे ऑफिस में संडे को छुट्टी रहती हैं | उस दिन मैं और रोहन साथ में घुमने गए और जब हम दोनों लोग घूम कर आये | वो मुझे अपने घर ले गया | मैं उसके घर जाकर उसके साथ सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा | मैं टीवी देख रहा था तभी उसकी बहन आई |

रोहन – सुमित ये मेरी बहन नीलम है और नीलम ये मेरा दोस्त सुमित है |

मैं – हाय नीलम ?

नीलम – हाय सुमित |

मैं – हाउ आर यू ?

नीलम – जस्ट  फ़ाईन एंड यू ?

मैं – आई ऍम सो हैप्पी |

फिर मैं उससे ऐसे ही बात करने लगा साथ मैं मेरा दोस्त रोहन भी बैठा था | मैंने नीलम से पूछा इस टाइम क्या कर रही हो तो उसने बताया की मैं इस टाइम बी कॉम कर रही हूँ | दोस्तों मैं इससे आगे की कहानी बताने से पहले नीलम के फिगर के बारे में बता देता हूँ क्यूंकि ये ही मेरी कहानी की हिरोइन है | उसका मस्त कटीला भरा हुवा बदन है और उसके बूब्स तो काफी बड़े थे जो कपडे के ऊपर से ही साफ गोल दिखा करते हैं | उसकी गांड तो आकर्षण के केंद्र है | वो मुझे किसी हुस्न की मल्लिका से कम नही लगी थी जब मैंने उसको पहली बार देखा था |

Sexstories जिग्ना की कामुकता

पहली बार में ही मेरा दिल उस पर आ गया था और मैं उसे पटाने के बारे में सोचने लगा था | फिर उस दिन मैंने उसके साथ बैठ कर खाना खाया उसके बाद मेरा दोस्त रोहन मुझे छोड़ने आया | मैं अपने घर चला आया | दुसरे दिन की बात है जब मैं अपने ऑफिस में काम कर रहा था तो मेरे दोस्त ने कहा भाई चलते हैं लंच कर लेते हैं काम बात में कर लेना क्यूंकि उस टाइम लंच टाइम चल रहा था | मैं और रोहन एक साथ में लंच किया और अब मैं रोहन के घर अक्सर जाया करता था | मैं वहां नीलम से बात किया करता और वो मुझसे बता करती थी | जब वो मुझसे बात करती थी तो मुझे अच्छा लगता था | वो भी मुझे पसंद करती थी ये बात मुझे कुछ ही दिन में पता चल गया | एक दिन की बात है जब मैं छोट्टी पर था और उस दिन रोहन जॉब पर गया हुआ था | उस दिन नीलम शॉपिंग करने जा रही थी |

रोहन – ने मुझे कॉल की और कहाँ सुमित नीलम शॉपिंग के लिए जा रही है | मुझे टाइम नही है तो तू साथ में चला जा |

मैं – ठीक है चला जाता हूँ उस बोल दो की मेरे साथ जाना है |

रोहन –  हाँ मैं उसे बोल देता हूँ और तुम्हारा नम्बर देता हूँ |

मैं – हाँ देदो |

पर दोस्तों मेरे पास उसका नम्बर पहले से था और मेरा उसके पास क्यूंकि उसकी मेरी बात कभी कभी हुआ करती थी | कुछ ही देर में उसका फ़ोन आया |

नीलम – हेल्लो |

मैं – हेल्लो हाँ बोलो |

नीलम – भईया ने तुम्हारे साथ शॉपिंग के लिए जाने को कहा है |

मैं – तो मेरे साथ नही जाने का मन है क्या ?

नीलम – नही ऐसा नही है आप तो मुझे बहुत अच्छे लगते हो और मुझे तो भरोसा भी नही था की मुझे शॉपिंग के लिए तुम्हारे साथ जाने को मिलेगा |

फिर मैं और नीलम एक साथ शॉपिंग करने गए | जब मैं और नीलम एक मॉल में शॉपिंग कर रहे थे तो नीलम ने कुछ चीजे ली उसके बाद नीलम को एक जींस और पंसद आ गयी थी | नीलम ने अपने वॉलेट में देख तो रुपये कम थे तो वो जींस मैंने उसे लेके देदी | तब नीलम ने मुझे थैंक्स बोला और कहा तुम भी कुछ ले लो और नीलम ने मेरे लिए जींस और शार्ट सेलेक्ट किया | मैं लेके घर चला आया उस दिन से वो मुझे ज्यादा ही पंसद करने लगी थी | उसके 4 महीने के बाद की बात है जब वो मेरे साथ घुमने भी जाने लगी थी | उस दन मैं और नीलम मूवी देखने गए थे | उस दिन जब हम मूवी देख रहे थे तो उसने मुझे वहां मेरी होठो पर किस की और मेरा लंड खड़ा हो गया था वेसे हम लोग किस तो बहुत पहले से करते थे पर उस दिन मेरी अन्दर का जानवर जग गया था | मैंने भी उसे वहीँ पर गर्म कर दिया |  वो अब चुदने के लिए तैयार हो गयी थी |

मैं तुरंत ही वहां से अपने घर आया और फिर अपने बेडरूम में ले गया | वो मेरे से लिपट गयी और मैं उसकी होठो को चूसने लगा | वो भी मेरी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी | मैं उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसके बूब्स को दबाते हुए उसकी ब्रा भी खोल दी और उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके बूब्स के निप्पल को मुंह में रख कर चूस रहा था | मैं उसके बूब्स को ऐसे ही 3 -5 मिनट तक चूसने के बाद उसकी पैंटी को मुंह से पकड कर निकाल दिया | फिर मैंने उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर उसकी चूत तो चाटने लगा |

वो बिस्तर को कस के पकड का सेक्सी आवाज में ह ह ह ह ह…. अ अ अ अ अ….. हु हु हु हूँ…. आ आ आ…. सी सी सी सी… की आवाजे करने लगी | मैं उसकी मस्त सेक्सी आवाजे सुनकर और जोश में आ गया | तब मैंने उसकी चूत को चाटने के साथ में उसकी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी | वो हु हूँ हूँ हु….. आ आ आ आ….. हाँ हाँ हाँ… उई उई उई… हह हह ह हह… की सिसकियाँ लेने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसको अपनी ऊँगली से चोदने लगा | मैं उसकी चूत में ऐसे ही 3 -4 मिनट तक ऊँगली को अन्दर बाहर करता रहा | फिर मैंने अपने कपडे निकाल कर उसकी टांगो को फैला कर अपने लंड में थूक लगा कर उसकी चूत के ऊपर अपने लंड को रख कर उसकी चूत में धीरे से अपने लंड को घुसा दिया |

उसकी चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत में आराम से घुसा गया | वो सेक्सी आवज में उ ऊ ऊ ऊ….. हाँ हाँ हाँ… ह ह ह ह…. हूँ हूँ हूँ हूँ.. अ अ अ अ… सी सी सी सी… की आवाजे करने लगी | मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत में धीरे धीरे धक्को के साथ अन्दर बाहर करने लगा | मैं कुछ देर तक ऐसे ही धीरे धीरे अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदता रहा | वो कुछ ही देर में मस्त होकर चुदने लगी और मज़ा लेने लगी | तब मैं उसके दोनों बूब्स को पकड कर उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा | वो हाँ हाँ हाँ… ह ह ह ह…. हूँ हूँ हूँ हूँ.. अ अ अ अ… सी सी सी सी… की सिसकियाँ लेने लगी | मैं उसकी कमर को पकड कर उसको अपनी और खीच कर उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा जिससे कुछ ही देर में धक्को की आवाज कमरे में गूंजने लगी | वो सिसकियाँ पर सिसकियाँ ले रही थी साथ वो मस्त होकर अपने बूब्स के निप्पल को दबाती हुई चुदने लगी | मैं उसको ऐसे ही 15 मिनट तक चोदने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया |

फिर वो अपनी चूत में ऊँगली डाल डाल कर वीर्य को निकालने लगी | वो वीर्य को इसलिए निकाल रही थी अगर वीर्य अन्दर रह गया था | उसके बाद उसने कपडे पहन लिए और मैंने अपने कपडे पहन लिए | फिर उसको उसके घर तक छोड़ आया | दोस्तों ये थी मेरी कहानी मुझे उम्मीद है की आप लोगो को कहानी पढने में मज़ा आया होगा |

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मामी के साथ अनोखा रिश्ता https://sexstories.one/maami-ko-choda/ Mon, 22 Nov 2021 08:49:18 +0000 https://sexstories.one/?p=3443 उनका ब्लाउज अपने होठों से खोला और ब्रा खोलने से पहले मैंने उनकी चिकनी पीठ को खूब चाटा। फिर ब्रा खुलने के बाद उनकी बॉडी का ऊपर का शरीर देखकर में सिहर उठा और सारे बदन में कंपकपी छूट गई और उनके निपल्स को खूब चूसा और चाटा..

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Maami ko choda – मेरा नाम रोहन है और मेरी उम्र 24 साल है। में आज जो ये स्टोरी लिख रहा हूँ वो मेरी और मेरी एक मामी ज़ी के साथ हुए अनुभव के बारे में है। मेरे मामा की शादी 2005 में हुई थी। मामी अच्छी है और दिखने में सुंदर है। उनका साइज़ 36-25-34 है और उनकी उम्र 28 साल है। मामा की शादी के वक़्त जब वो पहली बार ससुराल आई तभी से मैंने उनसे दोस्ती बना ली थी, वैसे भी आप जानते है कि जब नई दुल्हन आती है तो उसका ख़ास ध्यान रखा जाता है। यहाँ भी वही होना लाज़मी था। में भी इस काम में मदद करता था, क्योंकि मुझे मामी के साथ वक़्त बिताने का मौका मिलता था और मामी भी मुझसे बातें करके टाइम पास कर लेती थी। ऐसे ही हमारी दोस्ती हो गयी और हम लोग खाना भी साथ खाने लगे, क्योंकि बाद में मेरे कॉलेज की पढाई की बात थी तो मुझे 1 हफ्ते के बाद वहाँ से दिल्ली वापस आना पड़ा।

मेरी फेमिली यहीं दिल्ली में ही है और मामा जी का घर कानपुर में है यहाँ से में मामी ज़ी से अक्सर फोन पर बातें किया करता था और धीरे-धीरे मैंने उनसे गहरी दोस्ती का रिश्ता बना लिया। उनकी शादी में मुझे उनकी एक फ्रेंड भी काफ़ी पसंद आई थी और में अक्सर मामी से कहता कि मेरी उससे शादी करावा दो तो वो भी कहती कि हाँ हाँ करवा देंगे जब सही समय आयेगा। तो इन सब बातों को करते हुए हम काफ़ी फ्रेंड्ली हो गये थे, में अक्सर उनसे उनकी शादीशुदा लाईफ के बारे में, फेमिली प्लानिंग के बारे में भी बातें कर लिया करता था, जिस पर कभी वो शरमाती तो कभी तुरंत जवाब देती और मजाक़ में कहती कि तुम्हारी शादी होने दो, फिर देखेंगे तुम क्या-क्या प्लानिंग करते हो।

ऐसे ही वक़्त गुज़रता चला गया और फिर करीब 8-10 महीने के बाद मैंने छुट्टियों का प्लान किया और मामा जी के घर पहुँच गया और इस बार वहां रहने के लिए मेरे पास काफ़ी टाईम था और घर पहुँच कर सभी से मिला नानी, मामा, कज़िन, सभी काफ़ी खुश हुये और में भी बहुत खुश हुआ, लेकिन मुझे ज़्यादा खुशी मामी जी से मिलने की थी और उनके साथ वक़्त बिताने की थी। मामा स्कूल टीचर है तो वो सुबह जाते और शाम को घर आते। मामा, मामी की शादीशुदा लाईफ काफ़ी अच्छी चल रही थी और वो दोनों एक दूसरे के साथ खुश थे और आज भी है और नानी, मौसी और अन्य फेमिली मेंबर वही रोज के घर के काम में लगे रहते थे। गावों में, वैसे भी कोई ना कोई काम लगा ही रहता है। मामी भी घर के काम करती है, लेकिन ज़्यादा नहीं और नॉर्मल काम करके फिर वो अक्सर अपने रूम में ही समय बिताती है। में भी ऐसे ही समय का इंतज़ार करता था।

फिर जब वो खाना बना रही होती तो कभी किचन में उनके साथ समय बिताता या फिर बाद में उनके रूम के आस-पास मंडराता रहता और इसी बीच वो मुझसे बातें करने के लिए रूम में बुला लेती। लंच तो हम साथ में ही करते थे, वो भी अच्छी है और में भी ठीक ठाक हूँ। तो अन्य लोगों की तुलना में हमारी आपस में अच्छी बनती थी। हम नॉर्मली उनके बेड पर बैठकर ही लंच करते थे। कई बार उन्होंने मुझे अपने हाथों से खाना खिलाया है। मुझे बहुत मज़ा आता था। ऐसे ही एक दिन लंच टाइम में मामी नहाने के बाद तैयार हुई। उन्होंने ग्रीन कलर की साड़ी पहनी, बाल खुले हुए जिनसे से हल्की-हल्की पानी की बूंदे टपक रही थी, ब्लाउज जो सामान्य ही था, लेकिन उनकी हेल्थ अच्छी होने की वजह से और भी चार चाँद लगा रहा था।

उनका गोरा और चिकना पेट देखकर मेरे मन में हलचल मच गयी थी। में भी नहाकर आया और मामी के कमरे में ही ड्रेसिंग टेबल के सामने तैयार हो रहा था, उस समय मामी किचन में थी। में तैयार होते समय अकेला रहना पसंद करता हूँ ये बात मामी जानती है, लेकिन उसी समय वो रूम में आ गयी और मुझे अपनी ब्यूटी प्रोडक्ट्स की किट में से क्रीम और कोई भी सामान जो मुझे चाहिए हो, वो ऑफर किया। मैंने कहा मामी में तो सांवला हूँ मुझ पर इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स का कोई असर नहीं होता ये तो आप जैसे गोरे और सुंदर लोगों लिए अच्छे है। तभी वो बोली तुम कहाँ से बुरे हो, गोरा रंग ही सब कुछ नहीं होता व्यवहार का भी तो असर होता है और तुम्हारा व्यवहार काफ़ी अच्छा है। मैंने उन्हें मुस्कुराते हुए थैंक्स कहा तो उन्होंने कहा तुम तैयार हो जाओ फिर हम साथ में लंच करेंगे।

फिर लंच करते समय वो मेरे सामने ही बेड पर बैठी थी, उनकी साड़ी, लिपस्टिक, ब्लाउज के अंदर बूब्स, और चिकना पेट देखकर मेरी भूख तो वैसे ही ख़त्म हो गई थी, मेरा तो दिल कर रहा था कि इन्हें ही खा जाऊं। फिर मुझे ठीक से खाना ना खाते देख उन्होंने पूछा क्या बात है खाना क्यों नहीं खा रहे हो? तो मैंने कहा मन नहीं है। फिर उन्होंने मुझसे काफ़ी बार पूछा, लेकिन में उन्हें क्या बता सकता था। फिर थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे अपने हाथ से खाना खिलाना शुरू किया। उनके मुलायम हाथों से खाना खाने में अच्छा लग रहा था। कई बार तो मैंने उनकी उंगलियों को भी होठों के बीच में दबा लिया और वो मुस्कुराती हुई कहती कि ऑश, बदमाश खाना खाओ, मेरी उंगलियाँ मत खाओ।

में : मुझे खाना तो खाना नहीं है में तो बस आपकी उंगलियों की वजह से ही में इतना खाना खाने की इच्छा जता रहा हूँ।

Sexy kahani – पहले पहले प्यार का लम्बा इंतजार – 2

मामी : अच्छा जी तो खाना खाने में नहीं मेरी उंगलियों में रूचि है?

में : मुझे तो आपकी हर बात में रूचि है। आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, में आपको तो खा सकता हूँ, लेकिन खाना नहीं खा सकता।

मामी : ओह हो तो ये बात है। इतनी हिम्मत है, लगता है कि अब तो तुम्हारी शादी करवानी ही पड़ेगी।

में : में तो कब से कह रहा हूँ, लेकिन आप ही बात आगे नहीं बढ़ाती हो तो इस पर मामी मुस्कुराई और खाना ख़त्म किया। मुझे पानी पीना था तो मैंने मामी के बालों से टपकते पानी को देखा जो कि उनके ब्लाउज के ऊपर गिर रहा था। मैंने कहा मामी पानी देना तो वो ग्लास देने लगी मैंने ब्लाउज की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ग्लास से नहीं वहाँ से पीना है।

उन्होंने मुझे चिढाते हुए मेरे गाल पर हल्का सा थप्पड़ दिया और कहा सुधर जाओ, वरना मार पड़ेगी। फिर बाद में हम लोग वहीं बेड पर ही लेट गये और दोपहर का टाईम था तो हल्की नींद लेने का प्लान था। लेकिन हम अभी बातों में ही व्यस्त थे। बातें करते-करते में उनका पेट देख रहा था और पेट पर उनकी गहरी नाभि क्या कमाल लग रही थी। मुझे गहरी नाभि बहुत पसंद है और बातें करने के समय ही में उनके और करीब चला गया और उनके भीगे बालों को छूने लगा। मामी के लाल होंठ मुझे आमंत्रित कर रहे थे और जब वो हँसती तो मन करता कि उनके होठों को चूम लूँ। इसके बाद मैंने अपना हाथ मामी के हाथ पर रखा और हल्का सा सहलाया, मामी ने मेरी तरफ देखा और मैंने उनकी तरफ देखा, मेरी साँसे भारी हो रही थी।

इतने में मैंने हिम्मत करके मैंने उनके पेट पर हाथ रख दिया और उसे सहलाया तो मामी मना करने लगी। तो उन्होंने कहा हम दोस्त है, लेकिन ऐसा मत करो, ये सब ठीक नहीं। लेकिन फिर में दुखी हो गया और उन्होंने मुझे सीने से लगा लिया। उनके बदन की खुशबू और स्पर्श ने मेरे पहले से तने हुए लंड को और खड़ा कर दिया। फिर मैंने उन्हें बाहों में भर लिया और एक दूसरे से लिपटे हुए ही बेड के एक कोने से दूसरे कोने पर रोल होने लगे। मामी मुझे प्यार से सहला रही थी, तभी में उठा और मामी को सीधा करते हुए उनके होठों पर अपने होंठ रख दिए।

फिर मैंने उन्हें तब तक चूसा जब तक कि उनकी लिपस्टिक साफ नहीं हो गयी। फिर मामी मुस्कुराते हुए बोली बदमाश, किस्सर तो ज़बरदस्त हो, पहले कितनों को कर चुके हो? में मुस्कुराया और कहा आगे-आगे देखो में क्या-क्या करता हूँ। फिर मैंने उन्हें लेटाया और उनका ब्लाउज अपने होठों से खोला और ब्रा खोलने से पहले मैंने उनकी चिकनी पीठ को खूब चाटा। फिर ब्रा खुलने के बाद उनकी बॉडी का ऊपर का शरीर देखकर में सिहर उठा और सारे बदन में कंपकपी छूट गई और उनके निपल्स को खूब चूसा और चाटा। तो मामी उत्तेजना की वजह से बड़बडा रही थी, ओह्ह्ह्ह रोहन तुम कितने अच्छे हो मजा आ गया और करो। फिर इसके बाद में पेट की तरफ बढ़ा, चिकने पेट पर मेरी नियत कब से खराब थी। उस पर पहले तो जी भरकर हाथ फेरा और फिर उसे चूमा, मैंने अपनी जीभ से उसे चाट-चाट कर लाल कर दिया और साथ ही साथ मैंने उनका पेटिकोट भी खोल दिया।

फिर अब बारी थी गहरी नाभि की, क्या गजब चीज़ थी। मैंने वहीं ग्लास में रखा पानी नाभि में भरा और उसे पिया। मामी सिसकारियाँ भर रही थी, उन्हें जैसे जन्नत के दर्शन हो गये हो और कहने लगी कि ओह्ह्ह रोहन तुमने कैसा नशा घोल दिया है, मुझे गुदगुदी हो रही है, ऑफ उहह वो मेरे बालों में उंगलियाँ घुमा रही थी और मुझे अपने पेट पर कसकर जकड़े हुए थी। फिर मैंने अपनी पेंट खोल दी और लोवर अलग फेंक दिया, इतने में मामी बोली, ओह रोहन प्लीज़ अंडरवेयर मुझे उतारने दो और मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे अंडरवेयर को धीरे-धीरे उतारने लगी। फिर जैसे ही मेरे लंड के दर्शन हुए तो उन्होंने एकदम से अंडरवेयर ऊतार फेंका और लंड हाथ में लेकर उसे किस करने लगी, में सातवें आसमान पर था। मैंने उनकी गीली चूत में साईड से हाथ डालते हुए उसे टाँगों से अलग कर दिया। उनकी एकदम शेव चूत थी उनके पेट और चूत का रंग एक जैसा था। एकदम गोरा और मेरा लंड मेरी तरह सांवला है और 6 इंच लम्बा है।

फिर में उनकी चूत में उँगलियाँ कर रहा था और वो मेरे लंड को किस कर रही थी। फिर हम दोनों ने एक दूसरे कि तरफ देखा और फिर आँखों में ही इशारा करते हुए सीधा लेट गया। मामी की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी। मैंने अपना लंड चूत के मुँह पर रखा और एक झटके में ही आधा लंड पेल दिया, मामी चहक उठी, ओह्ह्ह्हह डियर मज़ा आ गया। फिर मैंने इसके बाद दूसरे झटके में पूरा लंड चूत में पेल दिया और थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा और साथ ही साथ मामी के होठों को चूसता रहा। फिर जब मामी ने नीचे से झटके देना शुरू किया तो मैंने अपनी स्पीड तेज की और फिर ताबड़तोड़ झटके अंदर-बाहर करने लगा।

मामी : ओह्ह्ह जानू, आई लव यू, लगे रहो और अंदर घुस जाओ अपनी मामी को खा जाओ, उई उम्म अहह।

में बीच-बीच में कभी नाभि को चाटता तो कभी बूब्स चाटता तो कभी होंठ को चाटता। ऐसा करते-करते 10-15 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और उसी पोज़िशन में काफ़ी देर तक पड़े रहे। उसके बाद मामी ने मुझे खूब किस किया और प्यार किया। फिर बाद में मैंने ही मामी को सारे कपड़े पहनाये और ऐसा करते हुए उन्हें काफ़ी चोदा और और में उनकी नाभि में कभी शहद भरकर चाटता हूँ तो कभी दूध और आइसक्रीम भरकर चाटता हूँ और ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आता है। मामी और मेरा प्यार आज भी वही है और वो मामा से भी अपना रिश्ता बखूबी निभा रही है।

कहीं कोई प्रोब्लम नहीं है, सब जगह प्यार ही प्यार है ।।

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बहन का देवर https://sexstories.one/%e0%a4%ac%e0%a4%b9%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b5%e0%a4%b0/ Fri, 05 Nov 2021 08:04:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3284 मैं अपना हाथ उसकी पेंट के ऊपर घुमा रही थी. एक कड़क और मोटी लंबी सलाख मेरे हाथ मे आ गयी. यह तो राकेश का लंड था. उसने अपना लंड अपनी पेंट की चैन खोल कर निकाल लिया था और मेरा हाथ जैसे हीवहाँ पहुँचा उसने पॉपकॉर्न के पॅकेट की जगह अपना लंड खड़ा कर रखा था..

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Behan Ka Devar ne choda रजनी दीदी कितनी बदल गयी इन दिनों. मुझे तो यकीन ही नही हो पा रहा था की शादी के तीन साल बाद दीदी को इतने मॉडर्न आउटफिट मे देखूँगी. कहाँ हम दोनो बहने छत्तीसगढ के दुर्ग मे रहने वाली सीधी सादी लड़कियाँ कहाँ आज वेस्टर्न आउटफिट मे बात-बात मे “ओह कहने वाली मेरे से 2 साल बड़ी रजनी दीदी. कपड़े भी क्या थे. छोटा स्कर्ट जिसमे से उसकी जांघें ऊपर तक दिख रही थी. सामने वाले को उसकी पेंटी के दर्शन करने मे शायद ही कोई तकलीफ़ हो. साथ ही टॉप ऐसा की उसके दोनो बोब्स के बीच की घाटी दूर तक जाती हुई दिखाई पड़ रही थी. सामने वाला आदमी तो भोचक्का हुए दीदी को ऊपर से नीचे तक देखता रहे।

मुझे याद है जब रजनी दीदी की शादी मुंबई के उदय शाह के साथ तय हुई थी. रजनी दीदी का रूप ही ऐसा था की हर कुंवारे मर्दो मे होड़ बनी रहती की कैसे इसे पाया जाए. लेकिन मेरे दूर के एक रिश्तेदार ने दीदी की शादी उदय से फिक्स करवा दी. उदय तो दीदी को देखते ही फिदा हो गया और शादी के लिए तुरंत हां कर दी. विवाह 2 महीने बाद होना था. उस समय मैं B.A. के लास्ट इयर मे पढ़ रही थी. वैसे खूबसूरती मैं भी कम नही हूँ. मेरा गोरा बदन और मेरा साँचे मे ढला जिस्म कइयो को रात भर तड़पाता है. ऐसा मेरा नही मेरे बॉय-फ्रेंड राकेश का कहना है. जहाँ दीदी का किसी से प्यार नही था वहाँ मेरा राकेश के साथ अफेर्स एक साल से चल रहा है. हम दोनो के शारीरिक संबंध भी बन गये. मैं दीदी के मुकाबले काफ़ी फास्ट-फॉर्वर्ड हूँ. लेकिन यहाँ आज दीदी को देखकर पता चला की मैं फास्ट-फॉर्वर्ड नही बल्कि स्लो मोशन हूँ।

शादी की दो साल बाद जब जीजाजी उदय ने शेर मार्केट से काफ़ी पैसा बना लिया तो उन्होने यह 3 बेडरूम हॉल का फ्लॅट मुंबई के प्रभादेवी इलाक़े मे खरीदा जो कि यहाँ का काफ़ी पॉश एरिया माना जाता है. दीदी के साथ उसका देवर राकेश भी रहता है. संजोग से मेरे बॉय-फ्रेंड और दीदी के देवर का नाम एक जेसा ही है. मैने दीदी से चहकते हुए पुछा, “दीदी, जीजाजी ने पैसा कमाते हुए तुझे भी कोहिनूर का हीरा जैसा बना दिया… क्या बात है..”तब दीदी ने मुझे सब तसल्ली से बताया की जीजाजी को दीदी का मॉडर्न रूप ही पसंद है।

अब उँची सोसाइटी वालों के साथ उठना बैठना हो गया तो रोज किसी ना किसी पार्टी या क्लब मे जाना पड़ता है.. वहाँ पर सभी वेस्टर्न आउटफिट्स पहने हुए नाचते गाते हुए सारी रात मस्ती करते है और देर रात बाद घर वापस आते है… दीदी ने कहा, “कल्पना, तेरे जीजाजी को यह सब ही पसंद है… अब मुझे भी यही सब अच्छा लगने लगा..” तभी मुझे जीजाजी और उनके भाई राकेश का ध्यान आया. मैने तुरंत ही पूछ लिया, “दीदी, जीजाजी और राकेश नही दिखाई दे रहे है.. कहाँ गये हुए है?” दीदी ने कहा, “तेरे जीजाजी और राकेश बिजनेस के सिलसिले मे कोलकाता गये हुए है… कल दोपहर तक आ जाएँगे… अब तू आराम कर और नहा ले.. काफ़ी थक गयी होगी..” मैं फिर नहाने चली गयी और तेयार होकर फिर से दीदी के बेडरूम मे आ गयी।

फ्लॅट के तीन रूम मे से एक दीदी का बेडरूम, एक मे राकेश और तीसरा गेस्ट रूम है जिसमे अभी मेरा समान पड़ा है. जैसे ही मैं दीदी के रूम घुसी दीदी ने कहा, “मुंबई आई है तो ऐसी ड्रेस तो छोड़ दे… यहाँ तो वेस्टर्न आउटफिट्स पहन कर मजा ले… दुर्ग मे तो तुझे पहनने का मौका मिलेगा नही..” मैं हंसते हुई बोली, “सलवार कमीज़ ठीक नही है क्या?” दीदी ने कहा, “नही.. यह बात नही… यहाँ हम लोग जब पार्टियों मे जाते है तो वेस्टर्न आउटफिट ही पहनते है.. तू भी वही सब पहन…” मैने कहा, “मेरे पास तो वो सब कुछ नही है…” दीदी ने कहा, “तो मेरे वाले पहन ले… एक सी ही फिटिंग है हम दोनो की… कोई तकलीफ़ नही होगी..” मेरा भी वेस्टर्न आउटफिट पहनने का सौक था लेकिन दुर्ग मे नही चलता था।

तभी दीदी ने अपनी अलमारी से अपनी ढेर सारी ड्रेस निकाली और मुझे दे दी और बोली, “जो पसंद है उससे पहन ले.. साथ ही 5-7 ड्रेस और निकाल ले ताकि रोज-रोज मेरी अलमारी से निकालना ना पड़े..” मैने अपनी पसंद की ड्रेस निकाल ली… ज़्यादातर स्कर्ट और ब्लाउज ही थे. इनमे से एक ड्रेस मैने अपने कमरे में जाकर पहनी. ड्रेस पहने के बाद जब मैने आईने मे देखा तो शरमा गयी. मेरा रूप कुछ ज़्यादा ही खिल पड़ा. साथ ही मेरी शरीर के दर्शन भी कुछ ज़्यादा ही हो गया. मेरी पतली जांघें स्कर्ट के नीचे से अपना पूरा जलवा दिखा रही थी. मेरी नाभि और मेरा पेट शॉर्ट स्कर्ट और शॉर्ट टॉप के बीच चमक रहा था. लो कट टॉप के कारण मेरे बोब्स खिल उठे. मेरे हाथ ने बरबस ही मेरे दोनो बोब्स को थाम लिया. मैं चहक उठी. उफ मेरा सेक्सी बदन…फिर हम दोनो बैठ कर गप-शप करने लगे. लंच और डिनर हम दोनो ने भरपूर बातें करते हुए ही लिया।

रात कब हुई पता ही नही चला. ज़्यादातर मैं ही बोलती रही. दुर्ग की बातों को याद करते रहे. फिर हम दोनो कपड़े चेंज करके सो गये. सुबह उठने के बाद, दीदी तो कहीं चली गयी. मैं घर मे अकेली ही थी. दोपहर के बाद वापस आई तो हम दोनो ने साथ ही लंच लिया. थोड़ी देर बाद जीजाजी और उनका भाई राकेश भी कोलकाता से वापस आ गये. जीजाजी मुझे देखते ही अपनी बाहों मे ले लिया.”कब आई मेरी सालीजी,” जीजाजी ने पूछा.”कल से आई हूँ लेकिन हमारे जीजाजी को फुर्सत ही कहाँ,” मैने बनावटी गुस्सा जताते हुए कहा और हम सब हंस पड़े. तभी दीदी ने अपने देवर राकेश से मिलाया. मैने कहा, “हेल्लो…” राकेश बोला, “ऐसे नही.. अपने जीजाजी से जैसे मिली वैसे ही हमारी बाहों मे..” मैने शरमा गयी और बोली, “धत्त्त..”सब हंस पड़े।

मैने राकेश को अपने जिस्म पर घूरते हुए कई बार पाया. ऐसी मिनी ड्रेस कयामत ही धाती है मर्दो पर. मुझे भी लड़को को सताने मे बड़ा मजा आता है. मेरा साँचे मे ढला जिस्म राकेश का ध्यान मेरी और बार-बार खींच रहा था. तभी जीजाजी दीदी से मुस्कराते हुए बोले, “रजनी आज रात को मिस्स. & मिस्टर. अग्रवाल आ रहे है. रात को उनके यहाँ पार्टी है. वहा जाना पड़ेगा..” यह सुनते ही दीदी का चेहरा खिल उठा. दीदी बोली, “ठीक है मैं रात को 10 बज़े तक तैयार हो जांउगी..” मैने जीजाजी से शिकायत करते हुए कहा, “क्या जीजाजी? हम तो आए है और बाहर रहने की बात करते है.” जीजाजी ने कहा, “एक दो दिन की ही बात है. फिर फ़ुर्सत से तुम्हारे साथ ही रहेंगे.”दीदी ने अपने देवर से कहा, “राकेश, क्यों न तुम कल्पना को यहाँ खुले हुए नये मल्टिप्लेक्स में मूवी दिखा देते.

फिर रात को किसी क्लब मे ले चलना. बोर नही होगी.” राकेश बोला, “ठीक है.. अभी 4 बजे है. कल्पना तुम ठीक 6 बजे रेडी रहना. फिर क्लब चलेंगे…”

शाम 6 बजे मैं और राकेश मूवी देखने पहुँचे. ओंकारा. देशी गालियो से भरी हुई मूवी ले..” आ “रग़ड डाल साली को..” जैसे कॉमेंट धीरे-धीरे पास कर रहा था. एक तो मूवी की गालियाँ और दूसरे राकेश के कमेंट्स फिल्म देखने का मेरा मजा दुगुना कर रहे थे. तभी इंटरवेल हो गया. इंटरवेल मे राकेश पॉपकॉर्न का बड़ा पेक ले आया. वापस आया तो हॉल की हल्की लाइट के बीच मेरे सामने खड़ा हो गया. मैने उसकी नज़रों को अपने दोनो बोब्स की घाटी के बीच पाया. मैने महसूस किया की उसकी पेंट चैन के हिस्से से उठ चुकी थी. वो काफ़ी तनाव मे था. मैं हल्के-हल्के मुस्कुरा उठी।

Chodayi stories बीवी के प्लान से बहन को चोद डाला

तभी मैने जान बुझ कर अपने सिर को आगे किया और उसके तने हुए लंड पर टच कर दिया और बोली, “लो आगे निकलो और बैठो.” लंड पर मेरे सर का टच होते ही उसने अपनी आँखें बंद कर ली. मानो उसको बड़ी रिलीफ मिली हो. मैं जानती थी की यह रिलीफ नही बल्कि उसके लंड को और बेचैन कर देगा. और वही हुआ. हम दोनो पॉपकॉर्न खाने लगे. पॉपकॉर्न का बास्केट राकेश ने अपनी पेंट पर रख रखा था और शायद अपने हाथ से अपने लंड को दबा रहा था. उसके हाथ की हरकत मुझे यह महसूस करवा रही थी. लेकिन उसके मन मे तो कुछ और ही चल रहा था.

अंधेरे मे पॉपकॉर्न खाने के मेरे हाथ बार-बार उसकी पेंट से टकरा रहा था और इससे उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. उसके कमेंट्स आने बंद हो चुके थे. तभी मैने महसूस किया की मेरे हाथ मे यह गर्म-गर्म क्या लग रहा है. अंधेरे मे पॉपकॉर्न के लिए मैं अपना हाथ उसकी पेंट के ऊपर घुमा रही थी. एक कड़क और मोटी लंबी सलाख मेरे हाथ मे आ गयी. यह तो राकेश का लंड था. उसने अपना लंड अपनी पेंट की चैन खोल कर निकाल लिया था और मेरा हाथ जैसे हीवहाँ पहुँचा उसने पॉपकॉर्न के पॅकेट की जगह अपना लंड खड़ा कर रखा था।

मैं चोंक गयी. मुझे गुस्सा भी आ रहा था और मजा भी. गुस्सा इसलिए की उसने मुझे क्या समझ रखा है. एक रांड़. जिसे जब चाहो अपना खिलोना दे दो. मजा इसलिए आ रहा था की कोई लड़का मेरी जवानी के लिए तरस रहा था. लेकिन मैने गुस्से से लेकिन धीरे से कहा, “कोई तमीज नही है तुम मे..?” फिर मुहँ घुमा कर चुप-चाप बैठ गयी. थियेटर मे मैं कोई तमाशा खड़ा करना नही चाहती थी. बाकी की फिल्म हम-दोनो चुप- चाप देखते रहे. जैसे ही मूवी खत्म हुई मैं झट से उठी और बाहर निकालने लगी.

बाहर आते ही राकेश बोला, “i m सॉरी… प्लीज़ माफ़ कर दो…” मैने गुस्से मे बोली, “क्यों माफ़ कर दू ? तुम किसी भी लड़की के साथ ऐसी हरकत कैसे कर सकते हो?”

राकेश ने नज़रें झुकाए बोला, “मैं अपने आपे मे नही रहा… प्लीज़ माफ़ कर दो ना..” मैने तमाशा ना खड़े करते हुए कहा, “ठीक है.. माफ़ किया.. लेकिन आगे से मेरे साथ ऐसा नही करोगे.. समझे..” फिर हम दोनो बगैर क्लब गये घर पर आ गये. डिनर भी नही ले पाए. घर पहुँचा तो पाया दीदी और जीजाजी जा चुके थे. एक्सट्रा चाबी राकेश के पास थी. मैं सीधे अपने रूम मे चली गयी और गुस्से मे बगैर ड्रेस चेंज किए सीधे बिस्तर पर लेट गयी. राकेश हॉल मे बैठा टीवी देख रहा था. टीवी की आवाज़ कुछ देर तो सुनाई दी फिर मुझे नींद आ गयी. भूखी सोई थी।

अचानक उठ बैठी. घड़ी देखी. घड़ी मे सुबह के 4बजे थे. कितना सोई मे वो भी बगैर ड्रेस चेंज किए. उठकर पानी पिया और किचन की तरफ गयी शायद कोई बिस्किट्स वगेरह मिल जाए. हॉल की लाइट जल रही थी. राकेश वही सोफे पर ही सोया हुआ था. उसने कपड़े ज़रूर चेंज कर लिए थे. इस समय उसने केवल बॉक्सर पहन रखा था. बनियान या टी -शर्ट नही पहने हुए था.

राकेश का शरीर बड़ा ही दिलकश दिखाई दे रहा था. चेहरे पर हल्की मुस्कान. सीना नंगा और उस पर काले- काले गहरे बाल. मज़बूत फूली हुए बाहें. हाथ अपने बॉक्सर पर. बॉक्सर का आगे का हिस्सा फुला हुआ. शायद मुझे ही सपने मे देख रहा हो इसीलिए उसका लंड अकड़ा हुआ लग रहा था. अब मेरा ध्यान उसके बॉक्सर पर ही टिक गया. थियेटर मे जब उसने अपना लंड पॉपकॉर्न की जगह मुझे पकड़ाया था वो सब अब मुझे ध्यान आने लगा. उसका लंड बहुत ही गर्म था. काफ़ी लंबा और मोटा लंड था उसका. मैने ध्यान दिया की मेरा हाथ उसको पूरी तरह से पकड़ नही पाया था कारण की उसका लंड काफ़ी मोटा था.

पॉपकॉर्न की तलाश मे मैने उसका पूरा लंड नाप लिया था. काफ़ी लंबा भी था. उसको सोचते ही मैं अब उसके एक दम करीब आकर बॉक्सर को देखने लगी. वाकई मे काफ़ी लंबा और मोटा लंड था उसका. मैने अपने बॉयफ्रेंड का लंड अपने मुहँ और चूत मे लिया था लेकिन राकेश का लंड काफ़ी बड़ा लग रहा था।

मेरी मुहँ से एक सिसकारी निकल पड़ी. फिर मैं किचन की तरफ गयी मगर मुझे कुछ नही मिला. दीदी शायद कहीं और रखती थी स्नॅक्स. लेकिन कहाँ यह मुझे नही मालूम. एक बार सोचा राकेश को उठा कर पुछु मगर मैने इस वक़्त उसे उठाना मुनासिब नही समझा. पेट मे चूहे दौड़ रहे थे लेकिन क्या करती. वापस अपने रूम की तरफ आने लगी. फिर से राकेश के बॉक्सर की तरफ नज़र गयी. राकेश मस्ती मे सोया हुआ था अपने तने हुए लंड को अपने हाथ से पकड़े हुए. मेरी चूत मे इसको देखकर पानी आने लगा. बेकार मे ही उस से गुस्सा कर बैठी.

भूखी भी रही और एक मतवाले दिलवाले सांड़ को छोड़ कर सो गयी मैं. रूम की तरफ जब बढ़ने लगी तो दीदी के बेडरूम का दरवाज़ा बहुत ही हल्का खुला हुआ दिखा. रूम मे लाइट जल रही थी. मेने सोचा शायद जीजाजी और दीदी वापस आ गये है. या शायद अभी ही आए है. यह सोचकर की दरवाज़ा लॉक नही है तो उसे लॉक कर दू. शायद दीदी लॉक करना भूल गयी हो. जब बेडरूम के दरवाजे के पास पहुँची तो मुझे अजीब आवाज़ें सुनाई दी. यह आवाज़ें मुझे हॉल मे नही सुनाई दी थी।

इससे आगे कि कहानी अगले भाग में . . .

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स्वीटी भाभी की स्वीट चुदाई https://sexstories.one/chudakkad-sweety-bhabhi/ Wed, 20 Oct 2021 06:02:17 +0000 https://sexstories.one/?p=3078 उन्होंने मेरा लंड 15 मिनट तक चूसा अब मैं झड़ने वाला था | मैंने कहा भाभी मैं झड़ने वाला हूँ | वो मेरे लंड को चुस्ती रही और मैं उनके मुहँ में ही झड गया | मैंने उनकी नाभी पर किस करते हुए मैने उनकी पैंटी के ऊपर से उनकी चूत पर किस किया और उनकी पैंटी उतार दी ...

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antervasna chudakkad bhabhi नमस्कार दोस्तों मेरा नाम वरुण है मेरी उम्र 19 साल है | मेरी लम्बाई 5.6 इंच है | रंग गोरा और देखने में काफी हैण्डसम हूँ | वैसे तो मेरी बहुत सी गर्लफ्रेंड है | पर आज जो मैं जो कहानी आप लोगो के लिए लेकर आया हूँ | वो मेरी पड़ोस की भाभी की है | उनका नाम स्वीटी था | उनकी उम्र लगभग 26 साल है | भाभी बहुत ही खूबसूरत है | उनके मम्मे एकदम मस्त है | उनका फिगर 34-28-36 है अब तो आप लोग समझ ही गए होंगे की वो दिखने में कितनी मस्त लगती है |  मैं हमेशा उनको देखता था तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था | उनके पति जॉब करते थे | वो रात में देर से घर आते थे | भाभी घर पर अकेली रहती थी और कभी-कभी वो मेरे घर आ जाया करती थी | इसकी वजह से हम दोनों में काफी अच्छी दोस्ती हो गयी थी | वो अक्सर मुझसे मजाक किया करती थी |

उनको अगर मार्केट से कोई भी सामान मंगाना होता था तो वो मुझसे ही मंगाया करती थी | एक दिन उन्होंने मुझसे पीरियड पैड्स मंगाए मुझे पता था फिर भी मैंने जान-बूझकर उनसे पुछा की भाभी इनका क्या काम होता है | उन्होंने मुझसे हंस कर कहा की तुम इतने बड़े हो गए हो इतना भी नहीं मालूम | मैंने कहा कसम से भाभी मुझे नहीं पता | उन्होंने कहा की मैं तुमको क्या बताऊ मुझे शर्म आती है | मैंने कहा बताओ ना भाभी आखिर ये किस काम में आते है | फिर उन्होंने मुझसे कहा की पीरियड्स के बारे में जानते हो | मैंने कहा नहीं तो उन्होंने कहा की हम औरतो के हर महीने में पीरियड्स आते है जिनमे हमारे प्राइवेट पार्ट्स से हल्का-हल्का खून और पानी आता है जिसे रोकने के लिए हम पैड्स का प्रयोग करते है | मैंने कहा की मैं समझ गया और मैं उनकी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा |

उनको शायद कुछ शक हो गया हो गया की मैंने जानते हुए भी उनसे ये सब पूछ रहा हूँ | मैं उनके उठे हुए बूब्स को बड़े ध्यान से देख रहा था | उन्होंने मुझसे क्या देख रहे हो वरुण मैंने हडबडाते हुए कहा कुछ नहीं भाभी मैं तो बस ऐसे ही | उन्होंने मुझसे कहा की क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | मैंने कहा नहीं भाभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | उसके बाद उन्होंने कहा बैठो मैं तुम्हारे लिए चाय बना लाती हूँ | वो मेरे लिए चाय बना कर लायी और जब वो मुझे चाय देने के लिए झुकी तो उनके मम्मे देखकर मेरा लंड एक दम तन गया | जो की पैंट के ऊपर से साफ़ दिखाई दे रहा था | उन्होंने मेरे लंड की तरफ देखा पर वो कुछ नहीं बोली | मैंने बड़ी मुश्किल से खुद को सम्हाला और हम दोनों ने चाय पी फिर मैं अपने घर आया और उनके बूब्स को याद करके मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया |

Bhabhi chudakkad hai बीवी और डोली भाभी

उस दिन से मैं दिन रात उनकी चुदाई के सपने देखने लगा और रोज रात को उनको याद करके मुठ मारने लगा | एक दिन शाम को वो मेरे घर आई और उन्होंने मेरी माँ से कहा की आंटी आज आप वरुण से कह देना की वो मेरे घर में लेट जाये | मेरे पति बाहर गए हुए है और मैं घर पर अकेली हूँ | मेरी माँ ने मुझसे कहा की वरुण आज तुम स्वीटी के घर रात में सो जाना उनके पति कहीं बाहर गए हुए है और वो घर पर अकेली है | मैंने नखरा करते हुए कहा की क्या माँ आप भी पर मेरे अन्दर ही अन्दर लड्डू फूट रहे थे | फिर मैं रात को स्वीटी भाभी के घर पहुंचा | मैंने बेल बजाई स्वीटी भाभी ने दरवाजा खोला मैं उनको देखता ही रह गया उन्होंने रेड कलर की नाइटी पहन रखी थी | वो कितनी मस्त लग रही थी मेरा मन कर रहा था की बस अभी पकड़ कर चोद दूं |

उन्होंने मुझसे कहा की अब बाहर ही खड़े रहोगे की अन्दर भी आओगे | मैंने खुद को सम्हाला और अन्दर पहुंचा | उन्होंने खाना लगाया हम दोनों ने बैठ कर खाना खाया | पर मेरी नजर उनकी चूचियों पर ही थी | भाभी भी इस बात पर गौर कर रही थी | फिर उन्होंने मेरा बिस्तर लगाया और खुद भी मेरे पास वाले बिस्तर पर लेट गयी | मुझे नींद नहीं आ रही थी पर मैं चुप-चाप लेटा था | थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ की कोई मेरे लंड को सहला रहा है | मैं तुरंत उठकर बैठ गया मैंने देख की भाभी मेरे बिस्तर पर थी | और उनका हाँथ मेरे लंड पे था | मैंने कहा की ये क्या कर रही है आप | भाभी ने जवाब दिया की जो तुम चाहते हो | मैंने कहा की आप को कैसे पता की मैं क्या चाहता हूँ | उन्होंने कहा की मुझे सब पता है की तुम चुपके-चुपके मेरे बूब्स को घूरते रहते हो | मैंने कहा हाँ भाभी आप के बूब्स मुझे बहुत अच्छे लगते है | उन्होंने मुझसे कहा की और मुझमे क्या अच्छा लगता है | मैंने कहा की जब आप गांड मटका कर चलती है तो मन करता है की आप की गांड मार दूं |

भाभी ने मेरी ओर कामुक नजरो से देखा और मुझसे कहा की आज देखती हूँ की कितना दम है तुम में | मैं समझ गया की आज मेरी मनोकामना पूरी होने वाली है | मैंने भाभी को पकड़ कर बिस्तर पर गिरा लिया और उनके गुलाबी होंठों को चूसने लगा और साथ में उनके बूब्स को भी मसलने लगा | भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी | उन्होंने मेरे कपडे खोलकर निकाल दिए और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाने लगी | मैंने भी देर ना करते हुए उनकी नाइटी निकाल कर फेक दी अब वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थी | गुलाबी ब्रा और पैंटी में क्या मस्त लग रही थी भाभी |

फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल दी और उनके दोनों बॉल्स से खेलने लगा और उनको चूमने लगा | मैंने उनके निपल्स को अपने मुहँ में रखा और उनको चूसने लगा | भाभी के मुहँ से आह्ह उम्ह्ह्ह इश्ह्ह्ह की मादक सिसकियाँ निकलने लगी मैंने उनकी निपल्स को चूस कर एक दम लाल कर दिया | उन्होने मुझे निचे किया और खुद मेरे ऊपर आ गयी और उन्होंने मेरी अंडरवियर निकाल दी और मेरे लंड को देखकर उनकी आँखों में चमक सी आ गयी | उन्होंने मुझसे कहा की ये तो बहुत मस्त है | मैंने कहा की जैसा भी है बस आपका है जो मर्जी हो करो फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुहँ में ले लिया और उसको लोलीपॉप की तरह चूसने लगी |

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | आज तक मेरा लंड किसी ने ऐसे नहीं चुसा था | उन्होंने मेरा लंड 15 मिनट तक चूसा अब मैं झड़ने वाला था | मैंने कहा भाभी मैं झड़ने वाला हूँ | वो मेरे लंड को चुस्ती रही और मैं उनके मुहँ में ही झड गया | मैंने उनकी नाभी पर किस करते हुए मैने उनकी पैंटी के ऊपर से उनकी चूत पर किस किया और उनकी पैंटी उतार दी | क्या मस्त गुलाबी चूत थी | उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था | मैंने कहा की भाभी आप की चूत पर एक भी बाल नहीं है | उन्होंने कहा की आज ही बनाये है सिर्फ तेरे लिए मेरे राजा | फर क्या था मैंने उनकी चूत पर अपना मुहँ रखा और उनकी चूत को चाटने लगा |

Sex katha padhiye लौड़े में दम नहीं फिर भी हम किसी से कम नहीं

उनके मुहँ से आह्ह्ह ओह्ह्ह  येस्स प्लीज्ज्ज जोर से चाटो मेरी चूत खा जाओ इसे अह्ह्ह जैसी आवाज़े निकल रही थी | फिर हम दोनों 69 की पोजीसन में आ गए मैं उनकी चूत चाट रहा था और वो मेरे लंड को चूस रही थी | अब उनसे कंट्रोल नहीं हो रहा था | उन्होंने मुझसे कहा की प्लीज वरुण अब मुझे मत तडपाओ डाल दो अपना लंड मेरी चूत में अब मुझसे रहा नहीं जा रहा | मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा फिर एक जोर के धक्के के साथ मैंने पूरा लंड भभी की चूत में डाल दिया | भाभी के मुहँ से आह की चीख निकली और फिर मैंने भाभी की कमर पकड़ी और जोर –जोर से धक्के लगाने लगा | भाभी के मुहँ से अह्ह्ह ओह्ह्ह जोर से चोदो वरुण आह ओह्ह्ह फाड़ दो अपनी भाभी की चूत को आज तक तुम्हारे जैसा लंड इसने नहीं पाया | आज इसकी सारी प्यास मिटा दो | उनकी इन बातों को सुनकर मुझे और जोश आ रहा था |

मैंने उनकी 20 मिनट तक चुदाई की उसके बाद भाभी झड गयी | मैंने भाभी से कहा की भाभी मुझे आप की गान मारनी है | भाभी तुरंत तैयार हो गयी | मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और उनकी मस्त गांड में अपना लंड डाल दिया | मैं जोर-जोर से धाक्के लगा रहा था | भाभी अपनी गांड मटका- मटका कर पूरा मज़ा ले रही थी | मैंने भाभी की 15 मिनट तक गान मारी फिर मैं झड गया | उस रात मैंने भाभी की तीन बार चुदाई की |

उसके बाद मेरा जब भी मन करता मैं भाभी के घर जाता और उनकी चुदाई किया करता था |

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पड़ोस वाली आंटी की गांडमस्ती https://sexstories.one/aunty-ki-gand-chudai-ki-kahani/ Mon, 18 Oct 2021 08:12:56 +0000 https://sexstories.one/?p=3063 मेरे लंड को चाटने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह डाल लिया और चूसने लगी तो मेरे मुंह से आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा....

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Aunty ki gand chudai ki kahani – Hindi Porn kahaniya हेल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम अतुल है और मैं जमनादास कॉलोनी में रहता हूँ | मेरी उम्र 25 साल है रंग गोरा है | हाईट 5 फुट 8 इंच है | बाप का नाम जगन और मम्मी का नाम पार्वती है | बड़े भाई का नाम अनुज है और छोटे वाले भाई का नाम प्रत्युष है | मैं सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा हूँ | ऐसा नही लग रहा है जैसे मैं किसी जॉब के लिए अप्लाई कर रहा हूँ हाहाहा ! सॉरी यार मुझे ना मुहचोदी करने में बड़ा मजा आता है | दोस्तों, आज मैं पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ क्यूंकि इससे पहले तो लिखी नहीं है |

ये जो मेरी कहानी है ये एक बहुत ही बड़ी चुदक्कड़ औरत की कहानी पर बेस है | मैं बताता हूँ कि इस चुदक्कड़ औरत की गंडमस्ती को कैसे उतारा | आप लोग बोर तो नहीं हुए न | अगर हो भी गए तो लौड़ा मुझे उससे क्या कौन सा सब यहाँ प्रवचन देने आते हैं | चलो दोस्तों, अब मैं ले चलता हूँ आप सभी को चुदाई की दुनिया में |

ये कहानी 2 साल पहले की है | मेरे घर के बाजू में एक औरत रहती है जिसका नाम तो मिनाक्षी है पर लौड़ी है बहुत बड़ी चुदक्कड़ | उसका पति कलकत्ता में जॉब करता है और साला मादरचोद खसुआ है लौंडो से गांड मरवाता है और उनका लंड चूसता है | अब हुआ यूँ कि ये तो चुदाई करता नहीं था अपनी बीवी की और वो साली रंडी कभी उसके पति के दोस्तों से तो कभी किसी से भी अपनी चूत की प्यास बुझा लेती थी | एक दिन की बात है दोस्तों, मैं छत में मुठ मार रहा था | मुठ मारते मारते मैने देखा कि वो रंडी दूध वाले के साथ छत पर चुदाई कर रही थी |

Aunty ki chudai चाची की जबरदस्त चुदाई

मैं भी लाइव ब्लू फिल्म देख कर मुठ मारने लगा | मैं मुठ मारते हुए सोचने लगा कि क्यूँ ना मैं भी इसके चूत के दर्शन कर लू और इसकी चूत को चोद के अपने लंड को तृप्त कर लूं | मैंने तुरंत अपना मोबाइल निकाला और उन दोनों का वीडियो बना लिया | एक दिन मम्मी ने मुझे सब्जी लेने के लिए मार्किट भेजा | मैं जब मार्किट गया तो देखा कि मिनाक्षी रंडी भी सब्जी ले रही थी | मैंने सोचा मौका सही है चौका मार ही देता हूँ | मैंने उनसे कहा नमस्ते आंटी आप भी सब्जी लेने आई हैं ? तो उन्होंने कहा कि नमस्ते बेटा हाँ मैं सब्जी लेने आई हूँ |

मैंने कहा अच्छा अरे सुनिए ना आपसे कुछ बात करनी है | तो उन्होंने कहा हाँ बोलो न ! तो फिर मैंने उनसे कहा कि कल जब आप दूधवाले के साथ चुदाई कर रहे थे तो मैंने आप दोनों का वीडियो बना लिया | उनकी ये सुन कर गांड फट गयी | वो बोलने लगी क्या बकवास कर रहा है तू मैंने कुछ नहीं किया समझा |

फिर मैंने कहा कि अरे आंटी चुदाई करते हो तो बोल दो न डरते क्यू हो ? वो कुछ नहीं बोली तो मैंने उन्हें वीडियो दिखा दिया | वो पसीना पसीना हो गयी | फिर उन्होंने कहा कि तू चाहता क्या है ? तो मैंने कहा कि देखो आंटी तुम तो दूसरो से अपनी चूत कि मरम्मत करवा लेती हो | मेरे लंड का भी स्वाद चख लो | ये सुन के उन्होंने कहा कि बेटा तू अभी बच्चा है कितना बड़ा है तेरा लंड जो तू मुझे चोदेगा ? अरे आंटी जिस दिन मेरा लंड लोगी ना तो और किसी का लंड लेने में मजा नही आयगी | तब उन्होंने बोली बहुत बोल रहा है चल आज आना तू शाम को 4 बजे | मैंने भी कह दिया ठीक है आ जाऊंगा | उसके बाद हम अलग अलग अपने घर चले गये |

मैं शाम को 4 बजे आंटी के घर गया और दरवाजा खटखटाया | उन्होंने दरवाजा खोला और अन्दर आने को कहा | मैं अन्दर गया तो उन्होंने तुरंत दरवाजे की कुंडी लगा ली | मैंने कहा हाँ आंटी कहाँ चुदना चाहोगी ? तो उसने कहा कि तू पहले अपना लंड दिखा जो तू खूब पकर पकर कर रहा था | मैंने कहा ओके और अपना जीन्स उतारा और फिर अंडरवियर भी | मेरा लंड सोये हुए भी 4 इंच का था | ये देख कर वो बोल पड़ी तेरा लंड तो सच में अच्छा है कितना लम्बा लंड है तेरा तो मैंने कहा इसको खड़ा कर खुद समझ जायगी ( मेरी बात करने की टोन बदल चुकी थी ) |

वो मेरे पास आई तब मैंने अपनी टी-शर्ट भी उतार दिया | अब वो मेरे लंड को पकड के हिलाने लगी | मुझे बहुत अच्छा लग रहा था उसका टच करना | जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो वो अपनी जीभ से चाटने लगी और मैं आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की आवाज़े निकालने लगा | वो मेरे लंड को किस करते हुए अपनी जीभ से चाटने लगी तो मैंने भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए उसके दूध दबाने लगा कपड़ो के ऊपर से ही |

मेरे लंड को चाटने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह डाल लिया और चूसने लगी तो मेरे मुंह से आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ की सिस्कारिया निकलने लगी | वो मेरे लंड को बहुत मन लगा कर चूसने लगी तो मैंने पूछा कि कैसा है मेरा लंड तो उसने कहा कि तेरा लंड तो मस्त है ऐसा लग रहा है कि इसको अपनी चूत में डाले रहू और कभी ना निकालू |

Antaravasna नौकरानी की बेटी को चोदा

फिर वो चूसने लगी मेरे लंड को | उसके बाद उसने अपने कपडे उतारने चालू कर दिया | मै बड़े ध्यान से देख रहा था | खेर मैं तो वैसे भी उसे नंगा देख चुका था इसलिए मेरे लिए कोई नयी बात नहीं थी उसको नंगा देखना | जब वो नंगी हो गयी तो मैंने उसके होंठ में अपने होंठ रख दिया और चूमने लगा | वो भी मुझे चूम रही थी और मेरे लंड को हाँथ से पकड के हिला रही थी | कुछ देर किस करने के बाद मैं उसके दूध को दोनों हाँथ से पकड़ के दबाने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगी | अब मैंने उसके दूध को दबाते हुए चूसने लगा तो वो आँखे बंद कर के आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करने लगी |

मैं समझ गया था कि इसको अच्छा लगने लगा है | तो मैं अब जोर जोर से उसके दूध को दबाने और चूसने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए मेरे सिर को सहलाने लगी | कुछ देर उसके दूध पीने के बाद मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा तो वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए कह रही थी कि और चाटो मेरी चूत को |

मैं उसकी चूत की अपनी जीभ से चुदाई भी कर रहा था और चटाई भी और वो बस आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ बेचैन हो रही थी मेरे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए | उसके बाद मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अन्दर डालते हुए उसकी चूत में पूरा घुसेड दिया | अब मैं उसकी चूत को चोदने लगा जोर जोर से और वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए अपने दूध को मसलने लगी |

मैं उसकी चूत की जोर जोर से चुदाई करते हुए उसके दूध को दबाने लगा तो वो भी आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ मेरे सीने पर हाँथ फेरते हुए सहलाने लगी | उसके बाद मैंने उसे घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड डाल के चोदने लगा और वो आआहाआ ऊऊन्न्ह ऊऊम्म्ह ऊउम्म ऊउन्न्ह अहहाआअहाअ अहहहा हहहाआअ अहहहाआ ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह ऊनंह ऊउम्म्म्ह अहहहाआआअ आहाआआउन्ह ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह आहा आआआहा ऊउम्म्ह ऊउन्न्ह आअहाआअ करते हुए अपनी गांड को आगे पीछे करते हुए चुदवाने लगी | कुछ देर चुदाई करने के बाद मैंने अपनी धात उसके मुंह में गिरा दिया और उसने पी लिया |

मैंने उसे तबियत से खूब चोदा था | वो अब सिर्फ मेरे ही लंड से चुदती है और किसी के लंड को उसको पसंद नहीं आते है | जब भी उसको चुदाई का मन होता है तो वो छत से इशारे कर देती है | दोस्तों, ये थी मेरी एक सच्ची दास्ताँ | आशा है आप लोगों को पसंद आई होगी | कमेंट करके अपने अपने विचार जरुर व्यक्त कीजियेगा |

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