chudai ki kahani Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chudai-ki-kahani/ Hindipornstories.org Sat, 29 Jan 2022 07:28:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे https://sexstories.one/tum-meri-bur-chodo/ Sat, 29 Jan 2022 07:28:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4534 उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा...

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Meri bur Chodo  मेरा दोस्त एक बार मुझे अपने घर लेकर जाता है मैं जयपुर का रहने वाला हूं मेरे दोस्त गौरव का घर अजमेर में है। गौरव मुझसे कहता है की तुम कुछ दिनों के लिए मेरे साथ अजमेर चलो, गौरव और मैं एक साथ एक ही कंपनी में नौकरी करते हैं। गौरव की बात को मैं मना ना कर सका और उसके साथ मैं उसके घर अजमेर चला गया, मैं जब उसके घर गया तो मैंने देखा उसके परिवार में काफी लोग हैं उसका परिवार काफी बड़ा था मैंने गौरव से कहा तुम्हारा परिवार तो बहुत बड़ा है, गौरव कहने लगा हां हम सब लोग एक साथ रहते हैं और हमारे परिवार में कभी भी कोई झगड़ा नहीं होता सब लोग मिलजुल कर एक दूसरे का पूरा साथ देते हैं।

गौरव के पिताजी का व्यवहार भी मुझे बहुत अच्छा लगा और उनके साथ मैं जब भी बात करता तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती मैं उन्हें कहता कि मैं जब भी आपसे बात करता हूं तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती है, वह कहने लगे कि बेटा मैं भी तुम्हारे पिताजी की उम्र का हूं और तुम्हें जब भी मेरी जरूरत हो तो तुम मुझे कहना क्योंकि मेरे पिताजी का देहांत कुछ वर्ष पहले हो चुका था और उसके पिताजी मुझे उसी तरीके से समझते थे जिस प्रकार से मेरे पिताजी मुझे समझाया करते थे।

मैं उसके घर पर 4 दिन रहा लेकिन इन 4 दिनों में मुझे ऐसा लगा कि जैसे वह मेरा ही घर हो,  मुझे बहुत अच्छा लगता है जब भी गौरव और मैं साथ में होते हैं, गौरव मुझे हमेशा कहता कि राज तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो और जब से मेरी दोस्ती तुमसे हुई है तुमने मुझे कभी भी कोई परेशानी नहीं आने दी, हम लोग जब अजमेर से वापस लौट रहे थे तो बस में ही मुझे एक लड़की दिखी शायद वह भी जयपुर जा रही थी वह हमारे सामने वाली सीट में बैठी हुई थी मैं उसे ही देखे जा रहा था और मैं उसे बड़े ही ध्यान से देखता लेकिन जब वह अपनी बड़ी बड़ी आंखों से मेरी तरफ देखती तो मैं अपनी नजर झुका लेता, मैंने गौरव के कान में कहा यार यह लड़की मुझे बहुत पसंद आ रही है क्या इससे मेरी बात हो सकती है, गौरव मुझे कहने लगा राज तुम एक काम करो उस लड़की को एक चिट्ठी लिखो, मैंने उसे कहा तुम्हारा दिमाग सही है आजकल के जमाने में भला कौन चिट्ठी देता है, वह मुझे कहने लगा तुम ऐसा करो तो सही।

मैंने भी एक पेपर में अपना नाम और उस लड़की के बारे में थोड़ा बहुत लिखा जिससे कि वह लड़की प्रभावित हो सके और मैंने वह पेपर उसकी तरफ फेंक दिया उसने जब वह पेपर खोल कर देखा तो वह मुस्कुराने लगी, मुझे कहां पता था कि वह भी मुझे अपना नंबर दे देगी उसने उसी पेपर के पीछे अपना नंबर लिख कर मेरी तरफ फेंक दिया मुझे जब उसका नंबर मिला तो मैं बहुत खुश हो गया मैंने गौरव से कहा यार तुम्हारा तो कोई जवाब ही नहीं है क्योंकि वह लड़की अपने पिताजी के साथ बैठी हुई थी इसलिए उस वक्त तो उससे बात नहीं हो सकती थी परंतु जब हम लोग जयपुर पहुंच गए तो मैंने अपने घर से उसे फोन किया और उसका नाम पूछा, उसका नाम कविता है।

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मैंने कविता से पूछा तुम क्या करती हो तो वह कहने लगी कि मैं फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही हूं और हम दोनों एक दूसरे से घंटों बात किया करते हैं लेकिन मै कविता से मिल नहीं पाया था और उससे मिलने के बारे में एक दिन मैंने सोची, मैंने गौरव से कहा यार आज मैंने कविता से मिलने की सोची है क्या तुम मेरे साथ चलोगे, गौरव कहने लगा क्यों नहीं उस दिन हमारे ऑफिस की छुट्टी भी थी और हम दोनों अच्छे से बन ठन कर कविता से मिलने के लिए चले गए जब हम दोनों कविता से मिलने गए तो कविता के साथ उसकी एक सहेली भी आई हुई थी और हम लोग जिस जगह बैठे हुए थे वहां पर हम लोग एक दूसरे को देखते रहे मैंने सोचा कि पहले कविता कुछ कहे लेकिन 5 मिनट तक तो हम लोग कुछ भी बात नहीं कर पाए, तब गौरव ने कहा कि तुम लोग तो बिल्कुल ही चुप हो गए क्या एक दूसरे से कोई बात नहीं करोगे? तब जाकर कविता ने मुझसे बात की कविता मुझसे कहने लगी मुझे तुमसे बात करने में थोड़ा अजीब लग रहा है, मैंने कविता से कहा मुझे भी काफी अजीब लग रहा है क्योंकि मैं पहली बार किसी लड़की से बात कर रहा हूं।

अब हम लोगों की बातें शुरू हो चुकी थी और हम सब लोग एक दूसरे की बातों में इतने खो हो गए कि समय का पता ही नहीं चला उस दिन हम लोगों ने एक साथ 4 घंटे साथ में बिताए लेकिन मुझे लगा कि शायद 4 घंटे भी कम है जब गौरव और मैं वापस लौटे तो मैंने कहा यार आज तुम्हारी वजह से मैं कविता से बात कर पाया, गौरव मुझे कहने लगा राज मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और उसके बाद कविता और मैं एक दूसरे से मिलने लगे, हम दोनों जब एक दूसरे से मिलते तो एक दूसरे को जरूर कोई ना कोई गिफ्ट दिया करते एक दिन मुझे कविता का फोन आया और कहने लगी कि मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली जा रही हूं शायद तुम से मेरी बात ना हो पाए, मैंने कविता से पूछा लेकिन तुम दिल्ली से कब लौटोगी तो कविता कहने लगी कि मैं दिल्ली से एक महीने बाद आऊंगी।

मैंने सोचा कि चलो आज रात मैं कविता से बात कर सकता हूं, मैंने कहा चलो ठीक है हम लोग एक महीने तक बात नहीं करेंगे लेकिन आज पूरी रात मैं तुमसे बात करना चाहता हूं, कविता कहने लगी ठीक है, उस दिन वह चोरी छुपे मुझसे फोन पर बात करने लगी मैंने उससे लगभग सुबह के 4:00 बजे तक बात की और जब मेरी आंख लगी तो मुझे भी पता नहीं चला कि समय क्या हो गया है उस दिन मैं ऑफिस भी नहीं जा पाया क्योंकि 4:00 बजे जब मैं सोया तो मेरी आंखें नहीं खुली जब मैंने अपने फोन को देखा तो मेरे फोन पर गौरव ने 20 बार कॉल किया हुआ था।

मैंने गौरव को कॉल बैक किया और कहा कि आज तो मैं ऑफिस नहीं आ सकता मैंने गौरव को सारी बात बताई गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं तुम आज आराम करो और मैं उस दिन घर पर ही था लेकिन मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी मेरा मन कविता से बात करने का होने लगा परंतु उससे मेरी बात हो ही नहीं सकती थी और इसी वजह से मुझे टेंशन होने लगी, मैंने जब गौरव को यह बात बताई तो गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं एक महीने तो ऐसे ही कट जाएगा तुम्हें कुछ पता भी नहीं चलेगा लेकिन मेरा मन तो सिर्फ कविता से बात करने का था और कविता और मेरी सिर्फ मैसेज के द्वारा ही बात हो पाती, कविता मुझसे सिर्फ इतना ही कहती कि मैं ठीक हूं इससे ज्यादा मेरी उससे बात ही नहीं हो पाती, मैंने कविता से कहा कि मैं तुम्हें बहुत मिस कर रहा हूं और तुमसे फोन पर बात करना चाहता हूं लेकिन कविता ने रिप्लाई किया कि अभी यह संभव नहीं हो पाएगा।

मैं हमेशा सोचता कि कब एक महीना कटेगा, धीरे-धीरे समय भी कटता गया और एक दिन मुझे कविता का फोन आया जिस दिन मुझे कविता का फोन आया मैंने उसे कहा कि मुझे तुमसे आज मिलना है, कविता कहने लगी कि आज तो मैं नहीं मिल पाऊंगी क्योंकि आज ही मैं दिल्ली से लौटी हूं कल हम लोग मिल लेते हैं, मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं, रात भर मैं कविता से बात करता रहा और उसे मैंने बताया कि मैंने उसका इंतजार कितनी बेसब्री से किया। मैं जब अगले ही दिन कविता को मिला तो मैंने उसे देखते ही गले लगा लिया। वह मेरे साथ मेरे घर पर आई हुई थी मैंने कविता के होठों को भी चूमना शुरू किया।

उसके गालों पर मैंने किस किया तो वह मुझे कहने लगी तुम यह सब क्या कर रहे हो मैंने उसे कहा मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रहा था और इतने दिनों से मैं तुमसे बात नहीं कर पाया तुम्हें पता है मैंने तुम्हें कितना मिस किया। वह कहने लगी मुझे भी मालूम है मैंने भी तुम्हें बहुत मिस किया लेकिन इस बीच मेरी तुमसे बात ही नहीं हो पाई। कविता और मैं एक दूसरे के होठों को चूमते रहे हम दोनों के अंदर गर्मी बढ़ने लगी। मैंने कविता के स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु किया और कविता के सलवार के अंदर जब मैंने अपने हाथ को डाला तो उसकी चूत को मैं अपने हाथों से सहलाने लगा। उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। जब मैंने उसकी चूत को चाटा तो उसे भी बहुत अच्छा महसूस होता, काफी देर तक मैंने उसकी कोमल चूत के मजे लिए। मैंने कविता से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो, उसे मेरे लंड को अपने मुंह मे लेने मे कोई आपत्ति नहीं जताई और अपने मुंह में ले लिया।

वह लंड को संकिग करने लगी काफी देर तक तो वह मेरे लंड को चुसती रही, मेरे लंड ने भी पूरा पानी बाहर की तरफ को छोड़ना शुरू किया था। मैंने कविता की चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया, जैसे ही मेरा मोटा लंड कविता की चूत में प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए मुझे कहने लगी मेरी चूत को मजा आने लगा है। उसकी चूत से खून निकलने लगा, मैंने उसे कहा तुमने जैसे पहले कभी सेक्स नहीं किया। वह कहने लगी मैंने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया, मैं और कविता एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स करते रहे, जब मेरा वीर्य मैंने कविता की योनि में गिराया तो वह मुझे कहने लगी मुझे कोई कपड़ा दे दो। मैंने उसे कपड़ा दिया उसने अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और उसने अपने कपड़े पहन लिए। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश थे उसके बाद भी कविता और मेरी हमेशा बात होती रहती। जब भी कविता मुझे फोन करती तो मैं उसे कहता तुम मुझसे मिलने आ जाओ लेकिन वह मुझसे मिलने नहीं आती।

वह कहती यदि मैं तुमसे मिलने आऊंगा तो तुम मेरी चूत मारोगे लेकिन फिर भी मैं उसे अपने पास बुला ही लेता।

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क्या मस्त बोबे हैं यार… https://sexstories.one/girlfriend-ki-friend-ke-bade-boobs/ Thu, 28 Oct 2021 07:38:29 +0000 https://sexstories.one/?p=3178 उसने लंड को पकड़कर अपने छेद पर लगाया और मैंने ज़ोर से एक धक्का मारा तो लंड का सुपाड़ा पूरा अंदर चला गया, वो एकदम चिल्लाई, आह्ह माँ धीरे डाल ना, बहुत दर्द हो रहा है। फिर मैंने लंड को धीरे-धीरे पूरा 8 इंच अंदर डाल दिया और उसके लिप को किस करने लगा...

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Girlfriend Ki Friend Ke Bade Boobs – में हार्दिक आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूँ। मेरी गर्लफ्रेंड की एक फ्रेंड थी प्रीति, उसको टू-व्हीलर सीखनी थी। एक दिन में मेरी गर्लफ्रेंड से मिलने हॉस्टल गया तो पता चला कि वो ऑफिस गयी है। फिर में वापस आने लगा तो बीच में मुझे मेरी गर्लफ्रेंड की फ्रेंड मिली, उसने पूछा कैसे हो। में बोला ठीक हूँ, फिर इधर उधर की बातें हुई, फिर वो पूछती है कि अब कहाँ जा रहे हो तो में बोला अभी थोड़ा काम से जा रहा हूँ तो वो बोली की गाड़ी लाये हो तो मैंने कहा हाँ, फिर वो बोली मुझे ड्राइविंग सिख़ाओ ना तो में बोला चलो मेरे साथ अभी सिखाता हूँ तो वो बोली सच, तो में बोला हाँ सच।

अब में आपको उसके बारे में बताता हूँ, उसका नाम प्रीति है और उसकी हाईट 5 फुट 6 इंच है। रंग गोरा और भूरी आँखे थी। उसकी सबसे खूबसूरत बात उसके बड़े बड़े बूब्स आम जैसे रसीले थे। फिर वो मेरे साथ टू व्हीलर पर बैठी और हम निकल गये। मैंने मेरा जो काम था, वो किया और उसको सिटी के बाहर ग्राउंड पर ले गया। अब मैंने स्कूटर रोकी और उसको चलाने के लिए दिया। फिर उसने स्कूटर चालू की और में उसके हाथ पकड़कर पीछे बैठा और उसको सिखाने लगा। वो धीरे-धीरे चला रही थी और में उसके चिपक कर बैठा था कि कही स्कूटर गिरा ना दे, अब उसके टच से में गर्म हो गया था। फिर में उसके ज्यादा चिपक गया। फिर मैंने स्कूटर रोकने के लिए कहा तो उसने स्कूटर रोक दी। फिर मैंने उसे किक मारकर स्कूटर चालू करने के लिए कहा तो वो किक मारने के लिए थोड़ी उचक गयी, इसी दौरान मैंने अपना खड़ा लंड एड्जस्ट किया और फिर वो किक मार कर मेरे लंड पर बैठ गयी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, अब वो ठीक से स्कूटर चला रही थी और खुश हो रही थी।

प्रीति : अब मुझे चलाना आ रहा है।

में : हाँ अब तुम चला सकती हो, ये सुनकर उसने अचानक स्पीड बढ़ा दी।

में : अरे ये क्या कर रही हो? इतनी स्पीड क्यो बढ़ा दी।

प्रीति : डर गये क्या?

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में : हाँ, और मैंने उसको कस कर पकड़ लिया।

में : अरे यार डर लग रहा है।

वो खुश हो कर हंस रही थी और स्कूटर तेज चला रही थी, में उसकी कमर को कस के पकड़कर बैठा था और ग्राउंड के 3-4 राउंड मारने के बाद मैने धीरे से एक हाथ को उसके बूब्स पर रखा तो वो बोली ये क्या कर रहे हो?

में : अरे यार हॉर्न पकड़ रहा हूँ, टाईम आने पर बजाना पड़ेगा, वो गुस्से से बोली मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता (ये लड़कीयों का डायलॉग है) फिर मैंने डर कर हाथ हटा दिया। फिर कुछ समय बाद वो बोली अब बस हो गया अब वापस चलते है। फिर हम हॉस्टल वापस आ गये। फिर 2-3 दिन बाद फिर उसका फोन आया कि स्कूटर सीखा दो।

में : कब सीखनी है।

प्रीति : आज मेरी छुट्टी है आज सिखा दो।

में : ठीक है, में फ्री होकर तुमको फोन करता हूँ फिर मेरे दिमाग़ में शैतान जाग गया और मैंने उसे चोदने की ठान ली और एक फ्रेंड को फोन करके उसके फ्लेट की चाबी माँगी। फिर हॉस्टल जाकर उसको लिया और 1 घंटे तक उसको स्कूटर सिखाया, इस बीच में मैंने 2-3 बार धीरे से उसके बूब्स दबाए तो वो कुछ नहीं बोली। अब मेरी हिम्मत बढ़ गयी, मैंने उससे कहा कि धूप बहुत है तो वो बोली हाँ, यार बहुत तेज है।

में : चल थोड़ा ठंडा होते है।

प्रीति : कहाँ जायेंगे।

में : मेरे फ्रेंड के फ्लेट पर चलते है वहां ए.सी है थोड़ा आराम करेंगे और ए.सी में ठंडा भी हो जायेंगे। फिर हम मेरे फ्रेंड के फ्लेट पर आ गये, मैंने ए.सी चालू किया और बेड पर लेट गया, वो मेरे बगल में सोफे पर बैठी थी। फिर कुछ देर इधर उधर की बातें की तो वो अचानक बोली।

प्रीति : अब हो गये ठंडे, स्कूटर सिखाते वक़्त तो बहुत गर्म थे।

में : ये सुनकर में हैरान हो गया।

में : गर्म तो अब भी हूँ शायद अब ज्यादा गर्म हो गया हूँ ए.सी भी ठंडा नहीं करेगा।

प्रीति : लगता नहीं, अगर गर्म होते तो.. इतना बोल कर वो रुक गयी। में उसका इशारा समझ गया और बेड से उठकर उसको पकड़ लिया और उसके बूब्स को दबा दिया।

प्रीति : छोड़ो, मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता।

में : अभी किया ही क्या है जो तुझे अच्छा नहीं लगता, एक बार कर तो ले, फिर बताना अच्छा लगा की नहीं।

वो हंस पड़ी और में उसको चूमने लगा, बूब्स दबाने लगा। फिर कुछ टाईम के बाद वो भी मेरे साथ देने लगी उसने मेरी शर्ट उतार दी, फिर मैंने भी उसका कुर्ता उतार दिया। अब मुझे जो अच्छे लगते थे, वो प्यारे आम सफ़ेद ब्रा मेरे सामने थे और बाहर आने को मचल रहे थे। फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और निप्पल चूसने लगा और एक हाथ से दूसरा बूब्स दबाने लगा। थोड़ी देर चूसने के बाद मैंने उसकी सलवार खोल दी, अब वो सिर्फ़ चॉकलेट कलर की पेंटी में मेरे सामने खड़ी थी, बिल्कुल अप्सरा जैसे। फिर वो शर्म के मारे मेरी बाहों मे आ गई और बोली मुझे तो पूरा नंगा कर दिया और खुद को कपड़ो में छुपा रखा है। तो में बोला तो मेरे कपड़े भी निकाल दो ना जान, ये सुनते ही उसने मेरी पैंट खोल दी, अब में भी सिर्फ़ अंडरवेयर में था। उसमे मेरा 8 इंच का लंड तंबू बनाये बैठा था।

फिर में उसको बेड पर लेकर गया तो वो मेरे ऊपर थी और मेरी छाती को किस कर रही थी। फिर धीरे धीरे वो नीचे सरक गयी और मेरा अंडरवेयर निकाल दिया। मेरा खड़ा लंड अब फ्री हो गया और अब आसमान में उड़ने लगा था। फिर उसने लंड को हाथ में पकड़ लिया और बोली कि कितना बड़ा है ये, एकदम मूसल के जैसा।

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में : में बोला तुझे पसंद है?

प्रीति : हाँ बहुत पसंद है ये खूब मज़ा देगा।

में : तूने कभी किसी का लंड लिया है।

प्रीति : हाँ, एक बार लिया है मेरे जीजा का।

में : कैसा था वो?

प्रीति : वो लंबा तो था, लेकिन पतला था। अब में खुश हो गया कि ये तो अनुभव वाली है। इसे चोदने में ज्यादा मज़ा आयेगा फिर हम एक दूसरे को फिर से किस करने लगे और चिपकने लगे।

फिर मैंने उसकी पेंटी उतार दी और उसके ऊपर लेट गया और बूब्स चूसने करने लगा, वो भी नीचे से थोड़े धक्के मारने लगी थी में उसका इशारा समझ गया कि ये चुदने के लिए बिल्कुल तैयार है, लेकिन मैंने उसको थोड़ा तड़पाने की सोचा और बूब्स को चूसने लगा, वो मोन करने लगी, आआहहाआआ म्‍म्म्मम सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स।

प्रीति : अब डाल भी दे ना।

में : क्या डालूँ?

प्रीति : तेरा ये मूसल डाल दे और चटनी बना दे।

में : तो सेट करना अपनी चूत पर।

फिर उसने लंड को पकड़कर अपने छेद पर लगाया और मैंने ज़ोर से एक धक्का मारा तो लंड का सुपाड़ा पूरा अंदर चला गया, वो एकदम चिल्लाई, आह्ह माँ धीरे डाल ना, बहुत दर्द हो रहा है। फिर मैंने लंड को धीरे-धीरे पूरा 8 इंच अंदर डाल दिया और उसके लिप को किस करने लगा और वो भी मेरा साथ दे रही थी। फिर मैंने उसकी जुबान मेरे मुँह में डाल दी और में उसको सक करने लगा और धीरे धीरे धक्के मारने लगा। उसको बहुत मज़ा आ रहा था। फिर वो बोली अब मुझे ज़ोर से चोद, मैंने भी स्पीड बढ़ा दी और करीब करीब 20 मिनट तक उसको चोदा। इस बीच वो मोन कर रही थी, आआाआ मेरे राजा और ज़ोर से, म्‍म्म्ममममममम ठोक दे पूरा लंड अंदर आआआअहहाआआआआ। उसने करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मुझे कसकर पकड़ लिया और अपने नाख़ून मेरी पीठ में चुबा दिए। में समझ गया कि उसका पानी निकल गया है और उसको ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। फिर 10 मिनट और चोदने के बाद, मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल दिया तो वो बोली क्या हुआ? क्यों निकाला? बहुत मज़ा आ रहा है चोदो ना मुझे, तो मैंने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है।

प्रीति : अंदर ही निकालो अपना गर्म पानी।

में : कुछ हो गया तो।

प्रीति : नहीं होगा में सेफ हूँ, तो मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और चोदने लगा। फिर मेरा पानी निकल गया तो उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और फिर 10 मिनट तक हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसके साईड में लेट गया तो वो मुझ से चिपक गयी।

में : मज़ा आया डार्लिंग।

प्रीति : बहुत मज़ा आया।

में : अच्छा लगा या नहीं।

प्रीति : बहुत अच्छा लगा, सोनू सच कहती है कि तेरा लंड बड़ा मजेदार है, वो तो तेरे लंड की बहुत तारीफ करती थी। अब यकीन आया और फिर अब जब भी मौका मिलता है तो हम खूब चुदाई करते है ।।

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शादी भी हुयी और चुदाई भी https://sexstories.one/shaadi-aur-chudai/ Sun, 24 Oct 2021 12:07:04 +0000 https://sexstories.one/?p=3109 जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी टीचर साहब आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है। अब मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए धक्का देना शुरू किया। मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी क्योंकि जगह बहुत  कम थी इस वजह से मैं उसे तेजी से धक्के नहीं दे पा रहा था...

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sex stories in hindi, Shaadi aur chudai ki kahani मेरा नाम राजेश है और मैं एक अध्यापक हूं। मेरी उम्र 40 वर्ष है और मैंने अभी तक शादी नहीं की है। मुझे पहले एक लड़की से प्रेम था जब मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था। मैं उससे बहुत ही ज्यादा प्रेम करता था और वह भी मुझसे बहुत प्रेम करती थी। मेरी मुलाकात उससे कॉलेज में ही हुई थी और उस से मेरी मुलाकात मेरे एक दोस्त ने करवाई थी। जब भी मैं इस बात को याद करता हूं तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है और सोचता हूं कि वह दिन कितने अच्छे थे, जब मैं अपने कॉलेज में था और मुझे किसी भी प्रकार की कोई चिंता नहीं थी।

मैं एक लड़की से प्रेम भी करता था और वह भी मुझसे प्रेम करती थी। परंतु एक दिन उसने मुझे बताया कि मेरे घर वालों ने मेरे लिए कहीं कोई रिश्ता देख लिया है और मैं वही शादी कर रही हूं। क्योंकि मैं अपने घर वालों के खिलाफ नहीं जा सकती इस वजह से मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती। मुझे उस दिन बहुत ही ज्यादा बुरा लगा और उसके बाद मैंने फैसला कर लिया कि मैं अब कभी भी शादी नहीं करूंगा। क्योंकि मैं उससे दिल से प्रेम करता था लेकिन उसने मेरे साथ गलत किया। जो कि मुझे बहुत ही बुरा लगा।

उसके बाद मैंने दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब मैं शादी कभी नहीं करूंगा। मेरे घर वालों ने भी मुझे कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था कि मैं अब किसी से शादी करूं। अब मैंने ठान लिया था कि मैं अपना जीवन अकेले ही जी लूंगा। अब मैं सिर्फ बच्चों को पढ़ाने में ही लगा रहता हूं। कोई भी गरीब बच्चे होते हैं तो मैं उन्हें फ्री में ही ट्यूशन पढ़ा दिया करता हूं। जिससे कि उनके मां-बाप भी बहुत खुश हो जाते हैं और मुझे भी अंदर से एक खुशी मिलती है। मुझे बहुत अच्छा लगता है जब मैं किसी को पढ़ाता हूं लेकिन अब मेरा ट्रांसफर दूसरी जगह हो चुका था इसलिए मुझे वहां जाना पड़ा।

जब मैं अपने पुराने स्कूल से जा रहा था तो सब बच्चे बहुत दुखी थे और कह रहे थे कि हमें आपकी बहुत याद आएगी। मैंने उनसे उनका नंबर भी ले लिया और जिससे भी मेरा संपर्क था उन सबके मैंने नंबर ले लिए। ताकि मैं उनसे संपर्क में रह सकूं। मैंने अपनी ट्रेन की टिकट करवा ली थी और मैं ट्रेन में ही जाने वाला था। अब मैं जब स्टेशन पहुंचा तो मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन फिर भी मैं ट्रेन में बैठ गया और जब मैं ट्रेन में बैठा तो थोड़ी देर तक मैं अपने पुराने स्कूल के बारे में सोच रहा था और यह भी सोच रहा था कि अब मैं जिस नए स्कूल में जाऊंगा वहां पर सब बच्चे कैसे होंगे।

मेरे सामने की सीट पर एक पति पत्नी आ गए और वह मेरे सामने की सीट पर बैठ गये। वह व्यक्ति बहुत ज्यादा क्रूर किस्म के प्रतीत हो रहे थे। उनकी शक्ल से ही क्रूरता झलक रही थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि आपका क्या नाम है और आप क्या करते हैं। मैंने उन्हें बताया कि मैं एक अध्यापक हूं और सरकारी स्कूल में पढ़ता हूं। मेरा ट्रांसफर हो चुका है। इसलिए मैं दूसरी जगह जा रहा हूं। वह मुझे कहने लगे कि मैं भी एक सरकारी कर्मचारी हूं और मैं भी अपने कुछ काम से जा रहा हूं। मैंने भी उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम मुझे प्रभाकर बताया। वह मुझसे बहुत बातें किए जा रहे थे।

मेरा मन उनसे बात करने का बिल्कुल भी नहीं था। परंतु वह फिर भी मुझसे बातें किए जा रहे थे और मुझे ना चाहते हुए भी उनकी बातों का जवाब देना पड़ रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद मुझे गलत सीट मिल गई है और यह तो मेरा दिमाग ही खराब कर देंगे। परंतु फिर भी मैं उनसे बात करता रहा और कोशिश करता था कि उनसे जितने कम बात हो उतना ही ठीक है। क्योंकि अब वह बहुत ज्यादा मुझे पकाने लगे थे लेकिन उनकी पत्नी बिल्कुल ही शांत बैठी हुई थी और वह बिल्कुल भी बात नहीं कर रही थी। जब मैं उनके चेहरे पर देख रहा था तो मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वह कुछ परेशान सी हो। परंतु फिर भी मैं उनसे पूछ नहीं सकता था लेकिन उनके चेहरे के हाव भाव साफ बता रहे थे कि वह परेशान हैं। कुछ देर बाद ट्रेन में चाय बेचने वाला एक व्यक्ति आया और प्रभाकर ने उनसे चाय ली। उन्होंने अपनी पत्नी को चाय दी।

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तभी उनकी पत्नी के हाथ से वह गिलास उनके ऊपर गिर गया और जैसे ही वह गिलास उनके ऊपर गिरा तो वह आग बबूला हो गए और अपनी पत्नी को अनाप-शनाप कहने लगे। अब मुझे सारी कहानी समझ आ गई थी कि वह अपनी पत्नी से बिल्कुल भी प्रेम नहीं करते थे और उन पर फालतू में ही गुस्सा हो रहे हैं। इतने लोगों के सामने बात का बतंगड़ बनाना उचित नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को कुछ ज्यादा ही डांट दिया। थोड़े समय बाद वह गुस्से में ऊपर वाली सीट पर चले गए और वहीं सो गए।

जब वह सो रहे थे तो तब उनकी पत्नी ने मुझसे बात की और मैं भी उनसे बात करने लगा। मैंने उनसे पूछा क्या यह आपके साथ अच्छे से बर्ताव नहीं करता है। वह कहने लगी इनका स्वभाव बहुत ही गुस्से वाला है। मुझे बहुत ही डर लगता है कि कहीं यह मुझे लोगों के सामने कुछ अनाप-शनाप ना कह दे। इस वजह से मैं चुप ही रहती हूं। मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने मुझे अपना नाम शकुंतला बताया। वह मुझसे बहुत बातें करने लगी और उनके पति ऊपर सोए हुए थे। उनकी बातों से मुझे प्रतीत हो रहा था कि वह अपनी शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं है और बहुत ही ज्यादा परेशान प्रतीत हो रही थी। हम लोग अब काफी देर तक बात कर रहे थे। उसके बाद प्रभाकर अपनी सीट से उतरकर नीचे आ गए और जब वह नीचे आए तो उनकी पत्नी चुपचाप से कोने में बैठ गई और अब वह मुझसे बात नहीं कर रही थी।

ऐसे ही सफर बीता जा रहा था। मुझे पता भी नहीं चला कब रात होने लगी। क्योंकि वह घटनाक्रम ही ऐसा चल रहा था पहले प्रभाकर मुझसे बात कर रहे थे, उसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को डांट दिया और फिर उनकी पत्नी का मुझसे बात करना। ऐसे ही चलता रहा और कब रात हो गई। मुझे पता भी नहीं चला। मैंने खाना खाया और उसके बाद मैं भी नीचे ही सो गया। अब सब लोगों ने लाइटें बंद कर ली। सब लोग सो रहे थे और तभी प्रभाकर बहुत तेज तेज खराटे लेने लगे। उन्होंने पूरी ट्रेन में अपने खराटो की आवाज से सब को परेशान किया हुआ था। जिसकी वजह से मुझे हल्की सी नींद आती और उसके बाद उनके खराटे तेज हो जाते तो मेरी नींद खुल जाती। मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था और ऐसा लग रहा था उनके मुंह पर एक मुक्का मार दूं।

मुझे नींद नहीं आ रही थी और थोड़े समय बाद शकुंतला भी उठ गई। जब वह उठी तो उसके स्तन बाहर की तरफ दिखाई दे रहे थे। मैंने तुरंत ही उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु कर दिया अब मेरा मूड पूरा खराब हो चुका था। मैंने उसे अपनी सीट पर ही बुला लिया और मैंने उसके स्तनों को उसके सूट से बाहर निकालकर चूसना शुरू कर दिया। मै बड़े ही अच्छे से उसके चूचे चूस रहा था वह भी पूरी उत्तेजना में आ गई। उसने अपने सलवार को नीचे करते हुए मेरी तरफ अपनी गांड कर दी। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया और मैं उसे चोदने लगा।

जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी टीचर साहब आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है। अब मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए धक्का देना शुरू किया। मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी क्योंकि जगह बहुत  कम थी इस वजह से मैं उसे तेजी से धक्के नहीं दे पा रहा था परंतु फिर भी मैं उसे बड़ी तेजी से चोद रहा था। उसका शरीर पूरा गरम हो चुका था उसे भी बहुत मजा आ रहा था। वह भी अपने चूतडो को मुझसे मिला रही थी। मैंने उसे इतने धक्के दिए कि उसके गले से आवाज निकलने लगी और वह अपनी मादक आवाज से मुझे उत्तेजित करने लगी। उसकी उत्तेजना भी अब चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी और मेरी उत्तेजना भी मेरे लंड के टोपे तक पहुंच चुकी थी। मैं उसे बड़ी तीव्रता से धक्के देता तो वह मादक आवाज निकालती। थोड़े समय बाद उससे भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मुझसे भी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर बड़ी तेजी से गिर गया।

जैसे ही मेरा वीर्य उसकी योनि में गया तो उसने तुरंत अपने सलवार को ऊपर करते हुए अपनी सीट में लेट गई।

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साक्षी को चोदा https://sexstories.one/sakhsi-ko-choda/ Tue, 17 Aug 2021 03:25:02 +0000 https://sexstories.one/?p=3038 हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब लोग मैं योगेश, नैनीताल से आप सभी का स्वागत करता हूं वासना के इस दरिया में।अभी मेरी उम्र 24 साल है हाईट 5.8, लंड का साइज 7 इंच है। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब लोग मैं योगेश, नैनीताल से आप सभी का स्वागत करता हूं वासना के इस दरिया में।अभी मेरी उम्र 24 साल है हाईट 5.8, लंड का साइज 7 इंच है।
बात सितंबर 2018 की है जब ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद मैंने मुखर्जी नगर में रहकर बैंक की कोचिंग करने की सोची, मेरा एक दोस्त मुखर्जी नगर में रहकर कोचिंग कर रहा था तो मैंने उसके साथ रहने का मन बनाया और चल पड़ा दिल्ली को।

मुखर्जी नगर ऐसा स्थान है जहां जवान चूतो और लंड की भीड़ रहती है। मैंने डी के क्लासेस का नाम सुना था तो सोचा यहां जाकर देखता हूं। पहले दिन जब मैं डेमो लेने जा रहा था तो मुझे गेट पर वह दिखी साक्षी माहेश्वरी नाम था उसका हाइट 5 फुट 2 इंच रंग सांवला और फिगर 34 28 36 सीधे कहूं तो चोदने लायक टंच माल। हम दोनों ने एक दूसरे को देखा नजरों से नजरें मिली और सेकंड फ्लोर की तरफ चढ़े।

2 3 दिन डेमो क्लास लेने पर स्टाफ फीस सबमिट करने के लिए बोलने लगा और इत्तेफाक से फीस भरने जब मैं ऑफिस गया तो वह भी उसी समय वहीं फीस भरने के लिए बैठी थी। अब हम दोनों अगल-बगल में बैठकर अपनी डीटेल्स बता रहे थे और मैं उसके डिटेल को बड़े ध्यान से सुन रहा था जो कि बाद में मेरे काम आई।

एक-दो दिन में टीचर्स ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए बोला उस ग्रुप में हमारे बैच के सभी स्टूडेंट के नंबर थे मेरी हीरोइन का भी। वैसे ग्रुप बनाया तो डाउट दूर करने के लिए था पर सबको पता होगा की तैयारी करने वाले बच्चे कितने बकचोद होते हैं। खैर कोचिंग सही चल रहा था मैं उसे देखता वो मुझे देखती पर समझ नहीं आ रहा था बात शुरू कैसे हो। इसी दौरान मेरा एक दोस्त बना जो यूपी का था और था एक नम्बर का लोंडियाबाज बकचोद लडका।

शाम को कोचिंग से आते टाइम उसने मुझे एक आईडिया दिया बोला यह नंबर उस लड़की का हो सकता है( लग तो मुझे भी यही रहा था ) जब भी ये ग्रुप में मैसेज करें तो तू इसे पर्सनल मैसेज करके पूछना आप कौन हो आइडिया अच्छा था मैं थोड़ा अन्तर्मुखी हूं तो यह कभी सोचा नहीं।

रात को ग्रुप में बोलचाल हुई तो मैंने उस नंबर पर मैसेज किया और पूछा तुम्हारा नाम क्या है ? तो उसका जवाब आया Eye Witness ( मतलब साक्षी या गवाह ) रिप्लाई देखकर मेरी धड़कन तेज हो गई मुझे 2 मिनट लगे उसके रिप्लाई को समझने में पर मजा आया की लड़की बकचोद है जल्दी दे सकती है। मेरी प्रोफाइल मैं योगेश नाम लिखा था जिससे वह मुझे पहचान गई पर उसके नंबर में इमोजी बने थे जिस वजह से मैं श्योर नहीं था अभी तक।

और यहीं से हमारी बातें शुरू हो गई मैंने उसे बताया कि हम दोनों ने एक साथ फीस जमा करी थी पर उसे ध्यान नहीं था पर मैं बोला कि मुझे तो आपके पापा का नाम तक याद है उसने पूछा बताओ तो तो मैंने मैसेज किया “दया दरवाजा तोड़ दो” ( क्योंकि उसके पिता का नाम प्रदुमन था जो की CID show का कैरेक्टर भी है ) इस बात पर उसने हंसने वाले इमोजी भेजें फिर बात चलती रही हमने कौन कहां से है क्या पढ़ाई करी क्या पढ़ना पसंद-नापसंद है यह सब बातें शेयर करी और हमारी रोज थोड़ी थोड़ी चैटिंग होने लगी हमने इंस्टाग्राम पर एक दूसरे को फॉलो भी किया अब हम एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन चुके थे।

फिर नवंबर शुरू हुआ और दिवाली आने वाली थी उसे टिकट बुक करने में प्रॉब्लम हो रही थी तो मैंने बोला मैं कर देता हूं और जैसे तैसे मैंने दिल्ली से लखनऊ की ट्रेन का टिकट कंफर्म कर दिया और यह जानकर वह बहुत खुश हुई। दिवाली भी चली गई पर मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इस पटाखे को कैसे बजाऊं।

जैसे जैसे समय बढ़ता जा रहा था हमारी नज़दीकियां भी बढ़ती जा रही थी हम एक दूसरे के साथ डबल मीनिंग बातें व नॉनवेज मीमस(meme) भी शेयर करने लगे फिर एक समय आया जब मैं ग्रुप स्टडी के लिए उसके रूम पर जाने लगा।

यह दिसंबर का महीना था और ठंडी पड़ रही थी एक शाम हम दोनों पढ़ रहे थे हमने एक ब्लैंकेट उड़ा था जो हमारे घुटनों तक था कभी-कभी उसके और मेरे पैर आपस में टच हो रहे थे आज उसके हाव-भाव कुछ बदले से थे। आज माहौल कुछ रोमांटिक सा था। उसने रेड कलर की एक स्वेटर पहनी थी जिसका गला काफी डीप था।

फिर वह मैं मैगी बनाती हूं बोलकर किचन में चली गई मुझे टॉयलेट आई और मैं वॉशरूम की तरफ चला मैं पहले भी उसका वॉशरूम यूज कर चुका था पर आज कुछ अलग था आज वाह लाल रंग की ब्रा लटक रही थी और एक मादक सी खुशबू थी। मैंने ब्रा पकड़ कर देखा तो उसमें 86cm(34 inch) लिखा था उसे छूते ही मेरा लंड खड़ा हो गया मैंने ब्रा को अपने लंड में लपेटा और हिलाने लगा लंड मानो फटने को तैयार।

अब मैं उससे उसी टाइम पटक कर चोदना चाह रहा था मैं ब्रा वेसे ही लटका कर वापिस रूम में आ गया पर मुझे यह बात कुछ खटकी शायद उससे भी अब नहीं रहा जा रहा था पर साली चाहती थी की पहल में करूं। मेरा लौड़ा अभी भी कडक था और लोअर में तंबू बना रहा था तो मैंने कम्बल पूरा कमर तक ढक लिया। इतने में वह दो प्लेट मेगी लेकर आई…

अब मैंने उससे कुछ पर्सनल बातें जैसे कि तुमने बॉयफ्रेंड को कभी किस किया है बातें करने लगा वह भी खुलने लगी क्योंकि ऐसी बातें करना हमारे लिए आम था।अचानक उसने मुझसे पूछ लिया यह ब्लैंकेट क्यों ओड़ा है इतनी सर्दी लग रही है क्या और यह बोलकर उसने ब्लैंकेट खींच लिया और मेरी लोअर में बड़ा सा तंबू बना हुआ देखा और शर्माने लगी फिर बोली यह खड़ा क्यों है मैंने बोला आज तुम्हें देखकर कुछ हो रहा है और उसकी आंखों में चमक आ गई जैसे कोई खजाना मिल गया हो…

मैंने पूछा क्या कभी अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया है उसने हां बोला फिर एक तो सेकंड चुप रहने के बाद वह बोली पर मजा नहीं आता उसका बहुत छोटा है इसी पर मैंने उससे पूछा तो उसके साथ क्यों हो वह बोली की लोकेश(उसका bf)मुझे बहुत प्यार करता है और मैं उसी से शादी करूंगी फिर वह चुप हो गई अब मैं बहुत गर्म हो गया था हम दोनों अगल-बगल में ही बैठे थे उसकी नजर मेरे तंबू पर थी और आंखों में एक अलग सी चुदासी जैसे मानो कह रही हो आओ मुझे खा जाओ मुझसे रहा नहीं गया..

मैंने अपना एक हाथ आराम से उसकी जांघ पर रखा और धीरे से पूछा तो कैसे बुझाती हो अपने प्यास को हम दोनों की आंखों में वासना डोल रही थी दोनों के चेहरे लाल थे बस कौन पहल करें इस बात का इंतजार था तो वह बोली कि लखनऊ मैं उसके और भी दोस्त हैं जो उसे खुश करते हैं पर दिल्ली मैं ऐसा कोई मिला नहीं उसके इतना बोलते ही मैंने सीधे अपने होंठ उसके होठों से मिला दिए और उसे कसकर पकड़ लिया…

उसने बिना किसी प्रतिरोध के मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया हम दोनों ही पागल हो रहे थे फिर मैं बोला अब तुम्हें किसी की जरूरत नहीं होगी और एक दूसरे को जल्दी से जल्दी नंगा कर रहे थे कपड़े उतरने के बाद हम दोनों ने अपना होश हवास खो दिया और एक दूसरे के शरीर पर टूट पड़े मानो एक दूसरे को खा ही जाएंगे मैं अचंभित था की इतनी शांत दिखने वाली लड़की के अंदर वासना का ऐसा तूफान भी हो सकता है फिर मैंने उसके 34 इंच के बड़े-बड़े चूचक को मचलना शुरू किया और उसने कहराना शुरू किया वह मेरा लौड़ा देख कर पागल हुए जा रही थी शायद उसने इतना बड़ा पहली बार देखा था फिर वह बोली जल्दी से डाल दो अपने इस मोटे लंड को मेरी चूत में बहुत टाइम से प्यासी हूं..

मैंने जल्दबाजी ना करते हुएं पहले उसकी गर्दन और चूचियो को खूब चूसा व चाटा उसकी छोटी सी चूत को उंगलियों से टटोला और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए क्या बताऊं क्या मीठी चूत थी उसकी यार मजा ही आ गया और चूसने मैं तो उसका कोई जवाब नहीं था जैसे प्रोफेशनल हो फिर हम दोनों से रहा नहीं गया और मैंने दरिया में डुबकी लगा दी चूत में लंड डाल दिया उसने काफी टाइम से सेक्स नहीं किया था तो उसे शुरू में थोड़ा दर्द हुआ वह बोली आराम से कर बहनचोद…

मैं उसके मुंह से गाली सुन कर और ज्यादा उत्तेजित हो रहा था फिर मुझे कुछ नहीं सूझा और मैं ताबड़तोड़ झटके मारने लगा वह भी पागलों की तरह चिल्लाने लगी हां मजा आ रहा है आअअअअहा अअअहा आहहहह कुछ देर तक झटके मारने के बाद हमने पोजीशन चेंज की और डॉगी स्टाइल मैं आ गए। उसे कुतिया बनाकर पीछे से चूत मारने मैं बड़ा मजा आ रहा था उसकी बड़ी सी गांड़ को मैं कभी नहीं भूल सकता..

मैंने उसकी गांड़ पर चपेट लगा कर लाल कर दी थी जो मुझे और ज्यादा पागल बना रही थी।हम दोनों ने ही काफी टाइम से सेक्स नहीं किया था तो हमने काफी देर तक अलग-अलग पोजीशन में सेक्स किया कभी वह मेरे ऊपर कभी मैं उसके ऊपर उसने इतना बड़ा लौड़ा पहले कभी नहीं लिया था वह तो मानो भांग के नशें मैं सुन पडी हो बस अआआआहहह ऊऊहहहह की आवाजें निकाल रही थी। काफी देर तक चुदाई के बाद हम दोनों की वासना शांत हुई और हम वैसे ही निढाल हो कर सो गए।

और जब तक कोचिंग पूरी नहीं हुई तब तक हमारा जब मन करता हम चुदाई करते।

कहानी कैसी लगी मेल या इंस्टाग्राम पर मैसेज करके जरूर बताएं ताकि मुझे आगे कहानी लिखने का प्रोत्साहन मिले जिसमें कैसे मैंने एक कपल के साथ थ्रीसम किया यह लिखूंगा।

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मेरी चुड़क्कड़ टीचर https://sexstories.one/hotel-mein-chudakad-teacher-ki-chudai/ Wed, 21 Jul 2021 03:21:11 +0000 https://sexstories.one/?p=3977 मेरा नाम अनिल है और मेरी उम्र 26 साल है। में 5.6 इंच लंबा और मेरा गोरा गठीला बदन है। में एक टीचर हूँ और में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची स्टोरी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम अनिल है और मेरी उम्र 26 साल है। में 5.6 इंच लंबा और मेरा गोरा गठीला बदन है। में एक टीचर हूँ और में आज आप सभी लोगों को अपनी एक सच्ची स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ जो कि कुछ दिन पहले मेरे साथ में घटित हुई एक सच्ची घटना है जिसमे मैंने अपने साथ की एक टीचर के साथ चुदाई की और बहुत मज़े किये.

दोस्तों मेरे ऊपर हमेशा से ही भगवान बहुत मेहरबान रहे है जिस कारण मुझे अलग अलग लड़कियों के साथ सेक्स करने का मौका मिलता रहा है। मैंने इसकी कहानियाँ पढ़कर बहुत सारे चुदाई के तरीके सीखे और उन्हे चुदाई करते समय अपनाए भी है। मैंने हर बार एक नए तरीके से चुदाई की और मैंने बहुत बार इसकी सेक्सी कहानियों को पढ़कर मुठ मारकर भी काम चलाया। अब में अपनी कहानी की तरफ आगे बढ़कर आपको पूरी कहानी विस्तार में सुनाता हूँ।

तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे साथ पढ़ाने वाली एक टीचर अपने मायके कोलकात्ता से लौटकर आ रही थी और मेरे उसके साथ पहले से ही शारीरिक संबंध थे। तो उसने मुझे फोन किया कि में तुमसे मिलना चाहती हूँ और तुम पास के ही रेलवे स्टेशन पर 8 बजे के बाद मिलो।

तो मैंने अपनी सभी तैयारी की और 70 किलोमीटर दूर सतना रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया, वहां पर जैसे ही वो एक्सप्रेस ट्रेन आकर रुकी उसमे से वो मुझे मुस्कुराती हुई दिखी और वहीं से वो बोली कि ऊपर आ जाओ। तो में तुरंत बोगी में चढ़ गया, वो बोली कि हम लोग यहाँ से पास की एक माता जी के दर्शन के लिए जायेगें और वहीं पर रात भर रुकेंगे। तो मैंने उससे कहा कि मेरे पास ना तो इतने पैसे है और ना समय, में तो बस तुम्हारे कहने से ऐसे ही चला आया।

तो वो बोली कि में हूँ ना तो फिर तुम चिंता क्यों करते हो? तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर हम दोनों 30 किलोमीटर दूर मैहर स्टेशन पर उतर गये और स्टेशन से बाहर निकलते ही हम लोग कमरे की तलाश में आगे बड़ने लगे और तभी वहां पर हमे कई लोज दिखे। तो वो मुझसे बोली कि तुम अपनी आई-डी बाहर निकाल लो, हमे रूम लेने के लिए उसे दिखानी होगी।

तो मैंने अपना लाईसेन्स जेब से बाहर निकाल लिया और हम एक लोज में गए और मैंने वहां पर अपनी आई-डी दिखाई और अपने नाम से एक कमरा बुक किया और वहां पर मैंने हम दोनों को एक दूसरे का पति-पत्नी लिखवाया था और फिर हमें 1000 रूपये में 24 घंटे के लिए एक एसी रूम मिल गया, हम रूम में अंदर गए और अपना समान रखा और फिर मैंने उससे कहा कि में अभी आता हूँ। में नीचे गया और कुछ देर बाद एक सिगरेट पीकर वापस आया।

तो मैंने जाते समय दरवाजे को बाहर से बंद किया था इसलिए में बाहर से दरवाजा खोलकर अंदर चला गया और फिर मैंने देखा कि वो बाथरूम के अंदर थी, मैंने सोचा कि क्यों ना में भी नहा लेता हूँ? मैंने अपने कपड़े उतारे और बाथरूम के खुले हुए दरवाजे से जब अंदर गया तो मैंने देखा कि वो अंदर एकदम नंगी खड़ी हुई नहा रही थी, मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया तो वो मुस्कुराने लगी और अब में भी बिल्कुल गीला हो गया था।

उसने साबुन लिया और मुझे नहलाने लगी, उसने मेरी अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लंड को साबुन से मलकर धोने लगी और अब उसके नाज़ुक नाज़ुक हाथों के छूने के कारण मेरा लंड एकदम टाईट हो गया और इधर में भी उसके गोरे-गोरे जिस्म को साफ करने और लगा साबुन लगाकर धीरे धीरे मसलने लगा। तभी उसने मुझे पीछे की तरफ धकेल दिया, में दीवार से सट गया तो उसने ढेर सारा साबुन का झाग मेरे लंड पर लगाया और फिर वो अपने पंजो के बल थोड़ा ऊपर हुई।

उसकी लम्बाई मुझसे ज़्यादा नहीं थी, लेकिन वो दिखने में उसका सेक्सी जिस्म बिल्कुल मदहोश कर देने वाला था।

उसकी चूत में वो नशा था जिसमें हर कोई अपने आप को डुबोना चाहता था। उसके बड़े बड़े बूब्स उसकी सुन्दरता पर चार चाँद लगाते थे और जब वो चलती तो हर किसी का लंड उसकी गांड को देखकर एकदम मजबूर होकर खड़ा हो जाता और उसकी गांड, चूत को सलामी देने लगता था, वो शादीशुदा होने के बाद भी अनछुई कली की तरह दिखती थी। उसकी चूत की गुलाबी पंखुड़ियां मुझे चूत चाटने पर मजबूर करती।

दोस्तों फिर उसने लंड को पकड़कर अपनी चूत की गुलाबी पंखड़ियों पर रगड़ना शुरू किया और फिर अपनी कामुक चूत में डालने लगी, तो मैंने भी उसकी मदद की और थोड़ी ही देर में मेरा लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया।

तो मैंने उसकी कमर को पकड़ा और खुद थोड़ा नीचे होकर उसको धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा, ऊपर से उस गर्मी के मौसम में ठंडे पानी की बरसात हम दोनों के ऊपर हो रही थी जिसकी वजह से हमारे बदन एक दूसरे को और भी जोश से भर रहे थे और फिर में चुदाई के साथ साथ उसके एक बूब्स को चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा और मेरे ऐसा करने से वो मदमस्त हो रही थी, लेकिन उससे ज़्यादा तो में मस्त हो रहा था।

तो कुछ देर बाद मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और बाथरूम के फर्श पर नीचे लेटा दिया। तो वो बोली कि क्या तुम मुझे यहाँ पर लेटाओगे? तो मैंने कहा कि में लेटाउंगा भी और साथ तुम्हारी चुदाई भी करूंगा। फिर वो झट से मुझसे लिपटकर बोली कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन क्यों में तुम्हे इतना प्यार करती हूँ मुझे नहीं पता? तो मैंने कहा लेकिन में तो तुम्हे प्यार नहीं करता, में तो बस तुम्हारे इन अंगो का दीवाना हूँ।

तो वो बोली कि तुम्हारे अंग अंग में सेक्स भरा है मुझे यह सारा चाहिए। तो में उससे लिपट गया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर घिसने लगा तो वो बोली कि इसे थोड़ा अंदर करो ना और फिर मैंने तुरंत ही एक जोरदार धक्का देकर चूत में लंड को पूरा घुसा दिया।

फिर में फर्श पर लेटाकर उसको धक्के देकर चोदने लगा, में जितना उसकी चुदाई में अपनी स्पीड को बढ़ता वो उतना ही मुझे ज़ोर ज़ोर से चूमने लगती। फिर कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रखा और फिर चोदने लगा। वो अपने होंठो को दातों में दबाए हुए थी और अपनी दोनों आँखे बंद किए हुई थी और कुछ देर तक चोदने के बाद मेरा काम तमाम हो गया और में उसकी चूत में ही झड़ गया।

मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में निकाल दिया, लेकिन वो अभी बाकी थी और फिर मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ डालकर ज़ोर ज़ोर से हिलाई तब जाकर उसका काम तमाम हुआ वो कुछ समय एकदम निढाल होकर पड़ी रही। फिर हम दोनों वहां पर नहाए, में उससे पहले बाथरूम से बाहर निकल आया और अपने शरीर को साफ करके बेड पर लेटकर टीवी देखने लगा।

तभी वो बाथरूम से बाहर आई तो उसने अपने सुंदर जिस्म पर सिर्फ़ एक टावल लपेटा हुआ था, तभी उसने उसी टावल को एकदम से खोल दिया और खुद को नीचे ऊपर तक साफ करने लगी और फिर साफ करके मेरे पास लेट गई, वो एकदम ताजी खिली खिली सी लग रही थी, वो मुझसे बातें करते करते मेरे लंड से खेल रही थी और में भी उसके बूब्स दबा रहा था।

फिर थोड़ी देर बातें करने के बाद में फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया। तो मैंने उसको चूमना शुरू किया और में उसके माथे से चूमते हुए नीचे की तरफ आया बूब्स चूसे, फिर मैंने उसके दोनों पैरों को दूर करते हुए चूत को चूमते हुए चूसना भी शुरू कर दिया वो इस कदर तड़प रही थी मानो पहली बार उसके साथ यह सब हो रहा हो और थोड़ी ही देर के बाद मैंने अपने तने हुए लंड पर थूक लगाया और चूत में घुसा दिया।

तो वो आआहहहहा अहहहहा यार और ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्ह्ह प्लीज और ज़ोर से कह कहकर मुझे जोश दिलाते रही और में भी उसको ताबड़तोड़ धक्के देकर चोद रहा था और मेरे हर एक धक्के से उसके बूब्स हिलते हुए दिख रहे थे। तभी मेरी नज़र सामने की तरफ लगे हुए शीशे पर पड़ी उसमें हम दोनों अपनी चुदाई करते हुए दिखाई दे रहे थे…

तो मैंने उससे कहा कि देखो शीशे में। वो हम दोनों को शीशे में देखकर और भी जोश में आकर बोली कि बिल्कुल ब्लूफिल्म जैसा लग रहा है और मैंने भी उसको लगातार धक्के लगाकर बिल्कुल मस्त कर दिया और कुछ ही देर में हमारा यह तूफान थम गया और थोड़ी देर आराम करने के बाद हम दोनों मार्केट गए। वहां पर हमने खाना खाया और फिर वापस आकर कमरे में लेट गए। हम लोगो को नींद आ गई, फिर अचानक से मेरी नींद खुली तो मैंने उसकी तरफ देखा और उसके चेहरे पर हाथ फेरा।

तो वो बोली कि में अभी सोई नहीं हूँ, मैंने कहा कि क्यों नहीं सोई हो? वो मुझसे लिपटकर बोली कि अगर मुझे सोना ही होता तो घर ना चली जाती। तो मैंने कहा कि अगर ऐसा है तो में तुम्हे जगा सकता हूँ? वो बोली कि तो फिर जगाओ ना मुझे सारी रात। हम दोनों फिर से लिपट गये और शुरू हो गए, पूरी रात हम दोनों सिर्फ़ सेक्स में डूबे रहे और 5 बजे सोए।

7 बजे फिर से जाग गए तैयार हुए फिर माता के दर्शन के लिए गये और वहां से दो घंटे बाद वापस आए। कमरे पर आकर हम अपने कपड़े बदलने लगे, मैंने सिर्फ़ अंडरवियर पहना हुआ था और में जैसे ही पलटा तो वो बिल्कुल नंगी थी और थोड़ा झुककर अपनी पायल उतार रही थी। उसके गोरे गोरे कूल्हे देखकर में चुपके से पास गया और पीछे से उसके कूल्हों को चूमने लगा, वो पायल उतारकर झुके हुए मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई।

फिर मैंने कहा कि तुम बहुत सेक्सी लग रही हो और तुम ऐसे ही झुकी रहो और वो झुकी रही। मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और पीछे से लंड को डालकर चोदने लगा और कुछ ही देर में उसके पैर दर्द होने लगे, तो वो सीधी हो गई और बेड के पास आकर दो तकियों को किनारे पर रखकर उन पर अपने दोनों हाथ रखकर झुक गई और में फिर से उसे चोदने लगा।

तो मैंने उससे कहा कि मुझे ऐसा बहुत अच्छा लग रहा है और में साथ में उसकी पीठ को चूम रहा था और बूब्स भी दबा रहा था और बहुत देर की इस धमाचौकड़ी के बाद हम लोग ढेर हो गये और थोड़ी देर लेट गये। फिर हमने चाय मंगवाई उसके बाद टीवी देखने लगे और फिर बाहर होटल में जाकर खाना खाकर वापस आए और थोड़ी ही देर आराम किया और फिर से हम लोग शुरू हो गये, वो मेरे लंड को पकड़कर चूसने लगी।

वो बिल्कुल अनुभवी लग रही थी और वो सेक्सी फिल्म देखने की बहुत शौकीन थी और मेरे साथ हर तरह से सेक्स करने के लिए तैयार थी। वो एक 32 साल की शादीशुदा औरत थी। फिर मैंने उसको बहुत देर तक लंड चुसवाया। वो लंड चूसते हुए एकदम गरम हो चुकी थी और वो लंड चूसते हुए जब मुझे देखती तो उसकी लाल बड़ी बड़ी आँखे देखकर मुझे उसके जोश का अंदाज़ा साफ साफ मिल रहा था और अब में भी बहुत जोश में आ चुका था।

फिर मैंने एक तकिया उठाया और उसके कूल्हों के नीचे रख दिया और अब उसकी चूत ज़्यादा खुलकर ऊपर की तरफ आ गई थी। तो मैंने तुरंत ही उसमे लंड डाल दिया, लेकिन इस बार पता नहीं क्यों वो ज़्यादा ज़ोर ज़ोर से मोनिंग कर रही थी और इस बार वो चोदो हाँ अह्ह्हह्ह्ह्ह और ज़ोर से मेरे राजा आईईईईइ इसी चुदाई के लिए तो में तुम्हारे साथ हूँ और ज़ोर से चोदो मुझे आहहह्ह्ह्ह यह सब सुनकर में और भी जोश में आ रहा था और मेरे हर एक धक्के में हम दोनों के जिस्म टकराने की ठप-ठप की आवाज़ हमे और भी मदमस्त कर रही थी और वो आवाज़ तेज थी इसलिए मुझे टीवी की आवाज को तेज करना पड़ा।

फिर तो मानो हम दोनों ने जिस्मो को इस तरह से आगोश में ले लिया कि मानो बस एक दूसरे के लिए ही बने हो। उस वक़्त हम दोनों ए.सी. चालू होने के बावजूद भी पसीने से भीग गए थे। वो बार बार मेरे चेहरे, सीने से पसीने को साफ करती जा रही थी और इधर उसके शरीर से निकलने वाली मादक खुश्बू आ रही थी, जिससे में और भी ज़्यादा मज़ा ले रहा था और बहुत देर बाद जब मेरे अंदर का लावा फूटा तो उसने पूरी ताक़त से मुझे जकड़ लिया और मैंने उस वक़्त उसके जिस्म को जी भरकर भोगा।

इस तरह हम लोगों ने 24 घंटे साथ में बिताए और इस बीच हमने कितनी बार सेक्स कर लिया यह तो हमे याद ही नहीं था। लेकिन हम दोनों बहुत खुश थे। फिर उसी शाम को हम लोग वहां से अपने शहर वापस आ गए और बस में वो मेरे पास में बैठी हुई थी और फिर मेरे कंधे पर अपना सर रखकर सो गई और उसने एक बेग मेरी गोद में रख दिया और उसके नीचे से अपना हाथ मेरे लंड के ऊपर रखकर सहलाने लगी और नीचे पैर में पैर फंसाकर घिसने लगी और में मज़े लेता रहा।

दोस्तों मुझे इस बात से बहुत हैरानी हो रही थी कि उसकी चूत चुदते चुदते एकदम फूल गई थी, लेकिन वो अब भी मुझसे चुदवाने को तैयार थी और कुछ घंटो के सफर के बाद बस हमारे शहर में आ गई।

फिर बस से दोनों उतरे और अपने अपने घर को चल दिए ।।

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पैसे के कारण मकान मालिक से चुदवाया https://sexstories.one/makaan-maalik-se-chudwaya/ Mon, 28 Jun 2021 02:07:20 +0000 https://sexstories.one/?p=3854 हैल्लो दोस्तों मेरा नाम नीलम है और मैं बिहार के एक छोटे से गाँव की रहने वाली हूँ | मेरा फिगर 34 24 36 और रंग गोरा है आंखें काली है और दिखाने में मैं ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों मेरा नाम नीलम है और मैं बिहार के एक छोटे से गाँव की रहने वाली हूँ | मेरा फिगर 34 24 36 और रंग गोरा है आंखें काली है और दिखाने में मैं अपनी तारीफ क्या करूँ बस इतना है कि मेरे चाहने वाले बहुत है और गाँव में भी मैं कई लडको के साथ खेत में… समझ गए ना आप | मेरा परिवार गरीब है लेकिन फिर भी पिताजी ने मुझे पढ़ाने के लिए कर्ज़ लिया और मुझे पढने के लिए पटना भेज दिया | मैं जिस कॉलेज में हूँ उसके खुद के कोई भी हॉस्टल नहीं है इसलिए मैं अपनी सहेली के साथ एक किराये के घर में रहती थी | कुछ दिन उसने वो घर छोड़ दिया लेकिन मैंने चार पांच महीनों का किराया नहीं दिया था इसलिए मैं घर नहीं छोड़ पाई |

मेरे मकान मालिक मुझे हर दिन आकर कहा करते थे जल्दी पैसे दे दो वरना कुछ गलत हो जायेगा लेकिन मेरे पास इतने पैसे होते ही नहीं थे की उनको दे सकूँ | इसलिए मैं उनको अक्सर टालती रहती थी कि कुछ दिन बाद दे दूंगी लेकिन दे नहीं पाती थी | मैंने अपने मकान मालिक के बारे में काफ़ी बातें सुनी थी कि वो बहुत दबंग आदमी है और अगर किसी को कुछ कर भी दे तो उनका कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता लेकिन मैं इन सब बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती थी |

अब मैंने कई जगह पर काम तलाशना शुरू किया कोई काम ढंग का काम नहीं मिला और जो मिल रहा था उसमें मेरा ना तो खर्चा निकलता और नहीं किराया | उस वक़्त मेरे पास पैसे का कोई इंतज़ाम नहीं था और घर से भी नहीं मांग सकती थी इसलिए अब मैं परेशान हो चुकी थी | मुझे अक्सर इसी बात का डर लगता था कि अगर मकान मालिक ने मेरे साथ कुछ कर दिया तो मेरे घर वालों का क्या होगा ? अब मैं तरकीबें सोचना शुरू कर दिया कि कैसे उनका पैसा चुकाऊं ? लेकिन मुझे कोई सीधा रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था |

फिर मैंने मकान मालिक के बारे में और पता लगाने की कोशिश की और मुझे बहुत कुछ पता चला | जैसे की बाहर तो वो बहुत दबंग आदमी है लेकिन अपनी बीवी से बहुत डरते है क्योंकि जो भी उनके पास है वो सब उसकी बीवी का है क्योंकि उसका ससुर बहुत अमीर है और एक और ख़ास बात पता चली कि वो बहुत ही अईयाश किस्म का इंसान है | लड़कियां और औरतों के साथ रातें गुजारना उसका शौक है | जब ये बातें मुझे पता चली मेरे मन में एक प्लान आया कि क्यों ना मैं इससे चुदवा लूँ और चुपके से हमारा वीडियो बना लूँ जिससे मैं इसको ब्लैकमेल कर सकूँ और जब तक चाहे यहाँ रह सकूँ |

अब मैंने सारे इंतज़ाम करना शुरू कर दिए और कमरे में कैमरा लगाने के लिए जगह ढूंढने लगी जहाँ कैमरे से सब कुछ दिख भी जाये और कैमरा दिखे भी ना | मैंने एक जगह कैमरा लगा दिया और उसके आने का इंतज़ार करने लगी | वैसे तो वो रोज़ आता था लेकिन पता नहीं क्यों ना तो वो उस दिन आया और नहीं अगले दिन | मुझे लगा कहाँ चला गया ये गांडू लेकिन आएगा तो जाएगा कहाँ ? फिर उसी दिन शाम को वो आया और कहने लगा तुम्हें कोई प्रॉब्लम है क्या जो पैसे नहीं दे पा रही हो ? मुझे बताओ क्या प्रॉब्लम है और अगर कोई प्रॉब्लम नहीं है तो पैसे जल्दी दो फिर | मैं बिस्तर पर बैठी हुई थी और वो मेरे सामने खड़े थे तभी मैं उठी और बड़ी नज़ाकत से चलती हुई उसकी तरफ गई और उसके सीने पर हाँथ रखकर कहा अभी मैं पैसे नहीं दे सकती और कुछ चाहिए तो ले लो |

उसने मेरा हाँथ पकड़ा और अपने ऊपर से हटा दिया और कहा मैं कुछ नहीं लूँगा तुम पैसे का इंतज़ाम करो और जल्दी से दो मुझे और इतना बोलकर चला गया | उसने ऐसा क्यों किया ये मैं समझ नहीं पा रही थी | अब मैंने सोचा कि जब अगली बार आएगा और ज्यादा वैसे इशारे करुँगी | वो अगले फिर नहीं और उसके अगले दिन जब आया तो मैं पूरी तैयारी से बैठी थी लेकिन वो मेरे कमरे में नहीं आया दूसरों के कमरे में चला गया | तब तक मैं सोचने लगी कि और कैसे रिझाया जाए तो मैंने अपना ब्रा उतार दिया और मेरे दूध तो बड़े है ही और मैं दुपट्टा भी नहीं डाला था इसलिए मेरे दूध की लाइन साफ़ दिख रही थी |

फिर वो मेरे कमरे में आये और कहा कुछ इंतज़ाम हुआ तो मैं उनके सामने थोडा सा झुक गई और कहा पैसे का तो नहीं हुआ और कुछ पेश करूँ क्या ? तो उन्होंने ने मेरे दूध की ओर बड़ी हैरानी से देखा और फिर मुझसे कहा हाँ कर दो | तो मैं खड़ी हुई और उनके पास गई और उनको छूते हुए पीछे जाके दरवाज़ा बंद कर दिया | वो कुछ नहीं बोल रहे थे और मैंने जाके उनको पीछे से पकड़ लिया और कहा क्या चाहिए किराया या मैं ? तो उन्होंने ने कहा सिर्फ तुम | तो मैंने उनको छोड़ा और आगे जाके बिस्तर पर बैठ गई और कहा फिर मेरा किराया ? तो उन्होंने कहा सब माफ़ | फिर मैंने अपना कुर्ता उतारा और अपने दूध दबाने लगी और वो वहीँ खड़े होकर देखने लगे |

मेरे दूध बड़े थे और मैं बैठकर दबा रही थी और खुद ही अपने दूध चाट रही थी और वो वहीँ खड़े होकर देख रहे थे | तो मैंने कहा बस खड़े होकर देखोगे ही या कुछ करने का इरादा है या फिर किराया नहीं भुला जा रहा | तो वो वहीँ खड़े होकर अपना लंड दबाने लगे और मैं अभी भी बैठे हुए अपने दूध ही दबाये जा रही थी | फिर मैंने अपने दूध पर से हाँथ हटाये और पीछे रखके बैठ गई | तो वो अपना लंड दबाते हुए मेरे पास आये और मेरे दूध की ओर धीरे धीरे हाँथ बढ़ने लगे | तो मैंने उनका हाँथ पकड़ा और अपने दूध पर रखवा लिया और उन्होंने मेरे दूध दबाना शुरू कर दिया | पहले पहले तो वो धीरे धीरे ही मेरे दूध दबा रहे थे लेकिन थोड़ी देर बाद तो ऐसा लग रहा था जैसे की आज तो निचोड़ ही डालेंगे |

फिर मैंने उनके पेंट के ऊपर से लंड दबाना शुरू किया और वो मेरे दूध दबाते रहे | फिर मैंने उनकी पेंट खोल दी और चड्डी भी नीचे कर दी | उनका लंड खड़ा था लेकिन एकदम काला था और बड़ा भी | मैंने इतने बड़े लंड से कभी चुदाई नहीं की थी और ये देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया और निप्पल कड़े होने लगे | फिर मैंने उनका लंड चाटना शुरू किया और चाटते चाटते चूसना शुरू कर दिया | मैं उनका लंड बड़े मज़े से चूस रही थी तभी उनका मुट्ठ निकल पड़ा और मेरे मुंह में गिर गया | मैंने भी सारा मुट्ठ पी लिया और उनका लंड चूसती रही और उनका लंड झड़ने के बाद भी कड़ा था | फिर उन्होंने ने मुझे उठाया और खड़ा करके मेरे दूध चूसने लगे | उनका होंसला बढाने के लिए मैं ऊम्म्म्म उम्म्मम्म उम्म्म्म इस्स्स्स इस्सस की आवाजें निकालने लगी | फिर दूध चूसते हुए उन्होंने मेरे पेट पे हाँथ फिराते हुए मेरे सलवार का नाडा खोल दिया और सलवार नीचे कर दी |

फिर उन्होंने ने मुझे बिस्तर पर बैठाया और मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत पर उंगलियाँ फिराने लगे | मुझे चूत में गुदगुदी हो रही थी और अन्दर से बहुत अच्छा लग रहा था | फिर उन्होंने मेरी पैंटी उतार दी और मेरी चूत में ऊँगली करने लगे | फिर उन्होंने मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया और मैं आंखें बंद करके मज़े लेने लगी | तभी मुझे याद आया मैं कैमरा चालू करना भूल गई थी लेकिन एक चीज़ अच्छी थी कि मैं कैमरा अपने मोबाइल से भी चालू कर सकती थी और मोबाइल मेरे पास ही रखा था बिस्तर पर तो मैंने जल्दी से मोबाइल उठाया और कैमरा चालू कर दिया | फिर उन्होंने मेरी चूत चाटी और मेरे सामने खड़े हो गए |

वो थोडा सा झुके और मेरी चूत पर लंड रख दिया | जैसे ही उनके लड़ ने मेरी चूत को छुआ मेरे अन्दर एक बिजली सी दौड़ गई | फिर वो अपना लंड पकड़ के मेरी चूत पर घिसने लगे और मैं आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह करने लगी | फिर उन्होंने मेरी चूत में अपना लंड दाल दिया और मुझे चोदने लगे | मैंने पहली बार इतना बड़ा लंड अपनी चूत में लिया था इसलिए मेरी तो जान निकली जा रही थी | फिर उन्होंने थोड़ी देर ऐसे ही चोदा और फिर मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी चूत में लंड डाल के चोदने लगे और मैं आअह्ह्ह्ह आआआआअ ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्हूऊह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हह्ह करती रही | फिर उन्होंने थोड़ी देर बाद अपना लंड बाहर निकाला और मेरे मुंह पर अपना मुट्ठ झडा दिया और कपडे पहन कर चले गए | फिर मैंने वीडियो भी चेक किया अच्छा बना था लेकिन उसके बाद उन्होंने कभी मुझसे किराया नहीं माँगा लेकिन कभी आके मुझे चोद लेते थे |

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सगी भाभी से सच्चा प्यार https://sexstories.one/matwali-bhabhi-ki-chodayi-ki-sex-kahani/ Tue, 25 May 2021 14:14:08 +0000 https://sexstories.one/?p=3633 सगी भाभी से सच्चा प्यार.. नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज है और यह मेरी पहली और एकदम सच्ची कहानी है जो की मेरी जिंदगी में बीती थी । मै फिरोजाबाद का रहने वाला हु और ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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सगी भाभी से सच्चा प्यार.. नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज है और यह मेरी पहली और एकदम सच्ची कहानी है जो की मेरी जिंदगी में बीती थी । मै फिरोजाबाद का रहने वाला हु और मेरी उम्र 20 वर्ष है और मेरे लंड का साइज़ 8 इंच है। मै दिखने में स्मार्ट लगता हु । मेरे परिवार में मै, मेरे मम्मी पापा, बहन और भैया भाभी रहते है । मेरे भाई का नाम विशाल है और भाभी का नाम अमृता है।

भाभी पतिव्रता नारी है और मेरे भैया से बहुत ही प्यार करती है। भाभी की उम्र 24 वर्ष है और उनका फिगर 32 है । उनकी गांड मोटी है और वो बहुत ही खुबसूरत हॉट लगती है। उनको देखकर अच्छे अच्छे के लंड खड़े हो जाते है। मै भाभी से बहुत प्यार करता हु और उन्हें चोदना चाहता हु। मेरा कमरा भाभी के कमरे के पास ही है। मेरे भैया की शादी को 5 साल हो गए है परन्तु अभी तक उनको बच्चा नहीं हुआ है।

Bhabhi bahu matwali thi… Chodayi ko aatur..

उन्होंने कई डॉक्टरों को दिखाया किन्तु कुछ भी नहीं हुआ।

एक दिन मै रात को 11 बजे बाथरूम गया तो मैंने भैया और भाभी की आवाज सुनी। भाभी भैया से बोल रही थी की आप से नहीं होता है तो मत किया करो। रोज रोज खुद का पानी निकाल लेते हो और मेरा रह जाता है। तब मुझे पता लगा की आखिर कमी मेरे ही भैया में है । मेरा भैया प्राइवेट जॉब करते है वो सुबह 9 बजे जाते है और शाम को 6 बजे आते है। दिनभर मै और भाभी हंसी मजाक करते रहते है।

Aur Padhiye – चुद गए रे भाई आ के तेरे मोहल्ले

एक दिन दोपहर को मम्मी पापा अपने कमरे में सो रहे थे और मै भाभी के कमरे में टीवी देख रहा था। भाभी में मेरे पास आकर बैठी और हम हंसी मजाक करने लगे । बातो ही बातो में मैंने भाभी से बोल दिया की भाभी आप मुझे बहुत ही अच्छे लगते हो। मुझे आपको किश करना है और इस पर भाभी ने मुझे डाटा। मै रोज बार बार जिद करता और वो हर बार मना कर देती थी।

इस तरह करीब 1 महिना गुजर गया। एक दिन दोपहर को मै क्रिकेट खेल कर घर आया तो देखा भाभी अपने कमरे में सो रही थी। और उनकी गांड दरवाजे की तरफ थी तो मै भी भाभी के पास आया और उनको पकड़कर सो गया। मैंने अपना लंड भाभी की साड़ी के ऊपर से ही उनकी गांड में सेट किया और पीठ पर किस करने लगा। तो भाभी अचानक से उठी और मेरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारा।

Matwali bhabhi ke boobs mast the..

भाभी बोली की देवर जी मुझे आपसे ये उम्मीद नहीं थी। मै बोला भाभी आप मुझे सेक्सी लगती हो और देवर भाभी में इतना सा तो चलता है तो वो बोली की देवर जी मै उस टाइप की ओरत नहीं हु जो तुम समझ रहे हो। तुम्हारे भैया को पता चल गया तो मुझे जान से ख़त्म कर देंगे। तुम्हारा तो कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि तुम तो उनके सगे भाई हो और तुमसे वो बहुत प्यार करते है । मै बोला भाभी किसी को कुछ पता नहीं चलेगा यह बात सिर्फ हम दोनों के बीच रहेगी। मै ज्यादा कुछ नही सिर्फ तुम्हे किस ही करूँगा। और मैंने भाभी को कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। प

रन्तु भाभी ने मुझे धक्का मारा और बाहर चली गयी। मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया। 2-3 दिन तक मैंने उससे बात नहीं की। फिर वो खुद ही मुझे मनाने के लिए मेरे पास आयी और प्यार से बाते करने लगी और मै उनका चेहरा देखकर मान भी गया। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। मै उसे किस करने के लिए राजी करता और वो मना कर देती थी। मै उनको व्हाट्सअप चैट पर किस के फोटो और विडियो भेजने लगा। किन्तु उन पर कोई असर नहीं हुआ। एक दिन घर में कोई नहीं था। मेरे सभी घर वाले मेरे मामा के चले गए थे और मेरे भैया ऑफिस चले गए थे।

Mere lund par kudne ko tayyar thi sexy matwali bhabhi

घर में सिर्फ मै और भाभी ही थे। तो मैंने सोचा इससे अच्छा मोका दोबारा नहीं मिलेगा। दोपहर को मै भाभी के पास आया और उनसे बाते करने लगा, बातो ही बातो में मैंने अपना हाथ उनके कंधो पर रख दिया और धीरे धीरे मसलने लगा। वो बोली देवर जी ये सब ठीक नहीं है। मै बोला भाभी अभी घर में सिर्फ हम दोनों है किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और मेरे बार बार जिद करने पर भाभी बोली की सिर्फ किस ही करने दूंगी, इससे आगे कुछ नहीं।

मै मान गया। मैंने भाभी की कमर में हाथ डाला और उन्हें कस के पकड़ लिया। मैंने अपने होठ भाभी के होठो पर रख दिए और चूसने लगा। मेरा हाथ उनकी पीठ पर से खिसकता हुआ उनकी गांड पर जा टिका। करीब 10 मिनट तक हम होठो पर किस करते रहे। इससे भाभी भी गर्म हो रही थी। मैंने पीछे से भाभी की साड़ी को उप्पर करके जांघो तक खिसका दिया। और उनकी जांघो को मसलने लगा।

और मेने अपना हाथ उनके ब्लाउज में डाल दिया। तभी भाभी ने मुझे धक्का दिया और पीछे खिसक गयी। अब मैंने भाभी को जबरदस्ती पीछे से पकड़ लिया और उनकी पीठ पर किस करने लगा। मैंने अपना लंड भाभी की गांड पर टिका दिया, भाभी ने मेरे पजामे में हाथ डाल कर लंड पकड़ लिया और मसलने लगी। भाभी के हाथो के स्पर्श से मेरा लंड तनकर खडा हो गया।

Bhabhi ko chodayi ki sexkahani padhiye

मै दोनों हाथो से भाभी के बूब्स मसल रहा था और भाभी लंड को लगातार मसल रही थी और मुझे मजा आ रहा था।

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ऑफिस के बगल वाले रेस्टोरेंट में https://sexstories.one/office-ke-bagal-me-chudai/ Thu, 15 Apr 2021 09:01:31 +0000 https://sexstories.one/?p=2851 मेरा नाम मनोज है मैं बेंगलुरु का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 28 वर्ष है और मैं एक कंपनी में नौकरी करता हूं। मैं जिस कंपनी में नौकरी करता हूं उसमें काम करते हुए मुझे ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम मनोज है मैं बेंगलुरु का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 28 वर्ष है और मैं एक कंपनी में नौकरी करता हूं। मैं जिस कंपनी में नौकरी करता हूं उसमें काम करते हुए मुझे बहुत समय हो चुका है। मेरे बड़े भैया भी नौकरी करते हैं और वह भी एक अच्छी कंपनी में जॉब पर हैं। मेरे पिताजी अब रिटायर हो चुके हैं इसलिए वह घर पर ही रहते हैं और ज्यादा समय अपना घर पर ही बिताते हैं।

वह और मेरी मम्मी अक्सर कहीं ना कहीं घूमने के लिए चले जाते हैं, कई बार मेरे पिताजी मेरे रिश्तेदारों के घर चले जाते हैं और वह उनसे मिलकर बहुत खुश होते हैं क्योंकि जब वह नौकरी में थे तो उस वक्त वह किसी से भी मिल नहीं पाते थे। मैं अपने काम के सिलसिले में ही बिजी रहता हूं इसलिए मैं अपने भैया से भी ज्यादा बात नहीं कर पाता और वह भी शाम के वक्त ही अपने ऑफिस से लौटते हैं इसलिए हम दोनों भाई एक दूसरे को बहुत कम समय दे पाते हैं।

एक दिन मेरे भैया मुझे कहने लगे कि मेरे दोस्त राकेश की बहन के लिए तुम अपने ऑफिस में यदि कोई काम देख लो तो अच्छा रहेगा। मैंने उनसे कहा कि आप मुझे उसका रिज्यूम दे दीजिए मैं अपने ऑफिस में बात कर लूंगा यदि हमारे ऑफिस में वैकेंसी हुई तो मैं आपको सूचित कर दूंगा क्योंकि मैं भैया के दोस्त को भी अच्छे से जानता था लेकिन मैं कभी भी उसकी बहन से नहीं मिला था।

एक दिन हमारे बॉस कहने लगे कि यदि तुम्हारे नजर में कोई लड़की डाटा एंट्री के लिए मिल जाए तो अच्छा रहेगा,  मैंने इस बारे में अपने भैया से बात की तो वह कहने लगे कि मैं राकेश से बात कर लेता हूं, मैं उससे बात करके उसकी बहन को कल तुम्हारे पास ऑफिस में भेज दूंगा। मेरे भैया ने अपने दोस्त से बात कर ली और उन्होंने अगले दिन अपनी बहन को मेरे ऑफिस में भेज दिया।

जब वह मुझसे मिली तो मुझे वह बहुत अच्छी लगी, उसका नाम राधिका है। मैंने उससे अपने बॉस से मिलवाया और मेरे बॉस ने उसे काम पर रख लिया, अब राधिका हमारे ही ऑफिस में काम करने लगी थी इसलिए मेरी बात उससे हो जाती थी। मैं जब राधिका के साथ बैठा होता तो मैं उससे उसके बारे में पूछ लेता हूं।

मैंने उससे पूछा कि क्या तुमने इससे पहले कहीं नौकरी की थी, वह कहने लगी कि मैं इससे पहले कहीं भी नौकरी नहीं कर रही थी,  मेरे कॉलेज के खत्म होने के बाद मैं काफी समय से घर पर थी इसलिए मुझे लगा कि मुझे कहीं पर कोई काम कर लेना चाहिए। मैंने राधिका से पूछा कि क्या तुम मेरे भैया को जानती हो तो वह कहने लगी कि हां वह कभी कबार हमारे घर पर आ जाते हैं क्योंकि मेरे भैया और उनके बीच में बहुत अच्छी दोस्ती है।

मैं भी राधिका के भैया से कई बार मिल चुका हूं। राधिका और मेरे बीच में अब बहुत बातें होने लगी थी और उसके साथ समय बिताना  मुझे अच्छा लगता था। एक बार हमारे ऑफिस के सब दोस्तों ने प्लान बनाया की हम लोग किसी दिन आउटिंग पर बाहर चलते हैं, शनिवार के दिन हमारी छुट्टी जल्दी हो जाती है इसलिए हम सब ने उस दिन फैसला किया कि हम लोग कहीं घूमने चलते हैं।

राधिका भी हमारे साथ में ही थी क्योंकि हमारे ऑफिस के सामने ही एक नया रेस्टोरेंट खुला था और उनसे हमारे बहुत ही अच्छे संबंध बन चुके थे तो हम जब भी कोई पार्टी करते थे तो उनके वहां पर ही हम लोग पार्टी करते थे। वह हमारे लिए बहुत ही अच्छे से व्यवस्था करते थे इसलिए हम लोग अक्सर वही पर जाते थे। जब हम लोग रेस्टोरेंट में सब लोग साथ में बैठे हुए थे और हमारे बॉस भी उस दिन हमारे साथ ही थे क्योंकि वह भी हमेशा कहते थे कि जब भी समय मिले तो तुम लोग बाहर चले जाया करो, हम लोगों ने उस दिन सोचा कि क्यों ना हम अपने बॉस को भी अपने साथ ले जाएं और उस दिन सब लोग आपस में बैठकर बातें कर रहे थे और एक दूसरे के बारे में जान रहे थे।

सब लोग अपने अपने बारे में कुछ न कुछ नई जानकारियां दे रहे थे और मैंने भी उस दिन अपने बारे में बताया, मैंने उस दिन राधिका को सबके सामने प्रपोज कर दिया और सब लोग बहुत जोर जोर से तालियां बजाने लगे। राधिका भी शर्माने लगी थी क्योंकि राधिका के दिल में भी मेरे लिए कुछ तो चल रहा था। मैंने उसे सबके सामने प्रपोज कर दिया तो वह शरमा गई।

जब उससे हमारे बॉस ने पूछा क्या तुम भी मनोज से अपना रिलेशन आगे बढ़ाना चाहती हो तो उसने हां कह दिया, अब हम दोनों की ही हां हो चुकी थी। अब हमें जब भी समय मिलता तो हम दोनों ही उस रेस्टोरेंट में आकर बैठ जाया करते थे। मैंने एक दिन राधिका से पूछा क्या तुमने अपने भैया को इस बारे में बताया है तो वह कहने लगी, मैंने अभी अपने रिलेशन के बारे में किसी को भी नहीं बताया है। उस रेस्टोरेंट के जो ओनर थे वह मुझसे बहुत ही अच्छे से परिचित हो गए थे।

उनके और मेरे बीच में एक दोस्ताना रिलेशन बन चुका था इसलिए मैं जब भी राधिका को वहां ले जाता तो वह बहुत ही अच्छे से हमें ट्रीट करते थे। हमारे रिलेशन के बारे में किसी को भी हमने नहीं बताया था,  सिर्फ हमारे ऑफिस में ही सबको हमारे रिलेशन के बारे में पता था। मेरे बॉस हमेशा ही मुझे छेड़ते रहते थे और कहते कि तुम दोनों का रिलेशन कैसा चल रहा है, मैं उन्हें कहता कि हमारा रिलेशन तो अच्छा चल रहा है।

वह बहुत ही मजाक किया करते है और जिस प्रकार से वह हम दोनों से बात करते थे हम दोनों ही उन्हें देखकर हंस पड़ते हैं। एक दिन मै राधिका को अपने साथ अपने ऑफिस के बगल वाले रेस्टोरेंट में ले गया। जब वह मेरे साथ बैठी हुई थी तो उस दिन उसने लाल रंग की लिपस्टिक लगाई हुई थी जिसे देख कर मेरा पूरा मूड खराब होने लगा। मैंने उसकी जांघों पर हाथ रख दिया।

मुझसे बिल्कुल भी उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था इसलिए मैंने रेस्टोरेंट के ओनर से बात की वह कहने लगे कि तुम मुझ से चाबी ले जाओ और अंदर एक कमरा है वहां पर कुछ देर के लिए बैठ जाओ। जब मैं उस कमरे में गया तो मैंने तुरंत अपने लंड को बाहर निकालते हुए राधिका के मुंह में डाल दिया और वह बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी। राधिका ने कुछ देर तक मेरे लंड को चूसा। मैंने उसके बाद उसके होठो को किस करना शुरू कर दिया और काफी देर तक उसके होठों को मैं किस करता रहा।

मैंने उसे वही जमीन पर लेटा दिया और उसके कपड़े खोल दिए। जब मैंने उसके कपड़े खोले तो मैं उसकी योनि को चाटने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं राधिका की चूत को चाट रहा था उसकी योनि से बहुत ज्यादा पानी बाहर निकल रहा था। मैंने जब अपने लंड को उसकी योनि में डाला तो जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि में गया तो वह चिल्ला उठी। उसने अपने दोनों पैरों को खोल लिया मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं उसकी चूत मार रहा था।

मैंने उसके दोनों पैरों को खोला और बड़ी तेज गति से धक्के लगाए। मैंने  राधिका को इतने तेज धक्के मारे जैसे ही राधिका की योनि में मेरा माल गया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए राधिका मुंह में डाल दिया और वह बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूसने लगी। काफी देर तक उसने ऐसा ही किया लेकिन मेरा दोबारा से मन हो गया मैंने उसे घोड़ी बनाते हुए चोदना शुरू कर दिया। जब मेरा लंड राधिका की योनि में जाता तो उसे बहुत अच्छा लगता और वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैं उसे बड़ी तीव्र गति से चोद रहा था जिससे कि मेरा पूरा शरीर गर्म होने लगा था और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा।

वह भी अपने चूतडो को मुझसे मिला रही थी और उसकी नरम और मुलायम चूतडे मुझसे टकराती तो बहुत अच्छा महसूस होता। मैं ज्यादा देर तक उसकी चूत को नही झेल पाया और जैसे ही मेरा माल गिरा तो मैंने तुरंत अपने लंड को उसकी चूत से निकाल लिया। हम दोनों ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और उसके बाद मैंने रेस्टोरेंट के मालिक शुक्रिया कहा और हम दोनो वहा से अपने ऑफिस चले गए। मेरा मन जब भी राधिका को चोदने का होता है उसे वही लेकर जाता हूं और उन्हें उसके बदले कुछ पैसे दे दिया करता हू।

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चिकनी चूत मेरे लिए बेताब रहती https://sexstories.one/randi-biwi-ki-chudai/ Sun, 07 Feb 2021 04:54:05 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%ac-%e0%a4%b0-2/ मैं गुजरात के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं मेरे गांव में सब लोग मुझे बहुत ही नाकारा समझते थे और मेरे माता-पिता भी मुझे हर बात के लिए ताने मारा करते थे ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मैं गुजरात के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं मेरे गांव में सब लोग मुझे बहुत ही नाकारा समझते थे और मेरे माता-पिता भी मुझे हर बात के लिए ताने मारा करते थे लेकिन मुझे अपने जीवन में कुछ करना था वह लोग मुझे हमेशा कहते कि तुम कभी भी सफलता नहीं पा सकते हो, इस वजह से मुझे बहुत ही बुरा लगता.. randi biwi ki chudai

क्योंकि गांव में मैं सिर्फ घूमता ही रहता था। मेरी उम्र 26 वर्ष की हो चुकी थी लेकिन मैंने कभी भी कोई काम नहीं किया जिससे कि मुझे पैसे मिल सके मुझे अपने जीवन में कुछ अलग करने की चाहत थी इसलिए मैं अपना गांव छोड़कर मुंबई चला आया, जब मैं मुंबई आया तो मेरे पास थोड़े बहुत पैसे थे लेकिन वह भी कितने दिन चलते मैं मुंबई अपना सपना लेकर आया था मुझे कुछ बड़ा करना था.

इसके लिए मुझे चाहे कुछ भी करना पड़े। randi biwi ki chudai

मैंने कुछ दिनों तक तो एक छोटे से होटल में अपनी रातें गुजारी. randi biwi ki chudai

जब मुझे लगने लगा कि मेरे पैसे खत्म होने वाले हैं तो मुझे कुछ भी ऐसा नहीं मिला कि जिससे मैं कुछ कर पाऊं, तब मेरी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई और वह मुझे कहने लगे कि यदि मैं उनके साथ काम करूं तो वह मुझे दिन के 300 रुपये दे दिया करेंगे, मैंने उन्हें कहा लेकिन काम क्या है? वह कहने लगे बस कुछ नहीं तुम्हें हमारे साथ चलना है और उसके बदले तुम्हें पैसे मिल जाएंगे, मैंने उनसे पूछा लेकिन आप बताइए तो सही क्या काम है, वह कहने लगे कि बस एक छोटी मोटी फिल्म की शूटिंग है वहां पर तुम जूनियर आर्टिस्ट हो।

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मैंने भी सोचा कि चलो कम से कम मेरे खर्चे के लिए मुझे पैसे तो मिल जाएंगे इसलिए मैं उनके साथ चला गया। अगले दिन मैं सुबह के वक्त वहां चला गया और मुझे लौटते लौटते शाम हो गई मुझे अब हर रोज काम मिलने लगा था जिससे की मेरा खर्चा भी अच्छे से चलने लगा और मैं जिस जगह पर रहता था वहां पर मैंने अब पर्मानेंट रहने की बात कर ली थी। मुझे अब हर रोज काम मिल जाया करता लेकिन मैं अपने काम से खुश नहीं था इसलिए मैंने एक व्यापारी के पास काम करना उचित समझा, उनसे मेरी मुलाकात मेरे दोस्त ने करवाई थी..

क्योंकि मुझे मुंबई में रहते हुए अब करीब एक वर्ष हो चुका था। randi biwi ki chudai

जब उनसे मेरी मुलाकात हुई तो उन्होंने मुझे सारा काम समझा दिया मेरा मन काम करने का बिल्कुल भी नहीं था लेकिन मुझे तो पैसों की जरूर थी और मुझे एक बड़ा आदमी बनना था जब मुझे पता चला कि जिनके यहां पर मैं काम कर रहा हूं वह भी गुजरात के ही रहने वाले हैं तो उन्होंने मेरी बहुत मदद की, जब भी मुझे कोई जरूरत होती तो मैं उनसे कह देता वह मेरी हर जरूरत को पूरा कर दिया करते, उन्होंने मुझे रहने के लिए भी एक जगह दे दी थी क्योंकि उनके पास काफी प्रॉपर्टी है और उन्होंने मुझे कहा कि तुम यहां रह सकते हो।

मैं जिस जगह पर रह रहा था.. randi biwi ki chudai

वहां पर काफी अच्छी कॉलोनी थी मेरे बॉस का नाम राजेंद्र है मैं उनका बहुत ही चहिता हो चुका था, जब भी मैं काम से फ्री होता तो यदि उन्हें कुछ सामान मंगवाना होता तो वह मुझे ही कह दिया करते और उनका भरोसा भी मुझ पर पूरा था मैं जब पहली बार उनके घर पर गया तो मै उनकी पत्नी से मिला उनकी पत्नी से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा वह भी मुझसे बहुत खुश हो गए और कहने लगी बेटा तुम हमारे घर पर आया करो। अब मुझे धीरे धीरे प्रमोशन भी मिलने लगा था और मैं थोड़ा काम संभालने भी लगा था एक दिन जब मैं राजेंद्र जी के घर पर गया हुआ था तो मैंने उनके बेडरूम में देखा कि एक सुंदर सी लड़की की तस्वीर लगी हुई है और वह बहुत ही ज्यादा सुंदर थी मैंने तो उसकी तस्वीर से ही प्यार कर लिया था.

मैंने जब उनकी पत्नी से पूछा कि अंदर आपके बेडरूम में किस की तस्वीर लगी हुई है तो वह कहने लगी वह हमारी लड़की है, मैंने उनसे पूछा लेकिन मैंने तो उन्हें कभी आज तक नहीं देखा, वह कहने लगी वह यहां नहीं रहती वह अमेरिका में पढ़ाई करती है और कभी कबार ही घर लौटती है। मैंने उनकी पत्नी से पूछा कि क्या वह आपकी एकलौती लड़की है? वह कहने लगे हां वह हमारी एकलौती लड़की है।

मैं राजेंद्र जी के साथ ज्यादा रहता था.. randi biwi ki chudai

एक तरीके से मैं उनका पर्सनल सेक्रेटरी बन चुका था और जब भी उन्हें घर का कुछ सामान चाहिए होता या फिर उन्हें कोई जरूरी काम होता तो वह मुझे ही भेजा करते उनका भरोसा मुझ पर दिन ब दिन बढ़ता जा रहा था और मैं उनके भरोसे को तोड़ना भी नहीं चाहता था। एक दिन वह मुझे कहने लगे कि जिग्नेश तुम एक काम करो आज सरिता आ रही है तुम उसे लेने के लिए एयरपोर्ट चले जाओ क्योंकि मेरी बहुत जरूरी मीटिंग है, मैंने उनसे कहा जी सर मैं उन्हें लेने के लिए एयरपोर्ट चला जाता हूं।

उस दिन राजेंद्र जी के चेहरे पर एक अलग सी मुस्कान थी और वह बहुत खुश थे, मैंने उनसे पूछा आज आप बहुत ज्यादा खुश हैं तो वह कहने लगे कि हां इतने समय बाद सरिता घर जो आ रही है और अब उसकी पढ़ाई भी पूरी हो चुकी है अब वह हमारे पास ही रहेगी मुझे इस चीज की बहुत खुशी है, मैंने राजेंद्र जी से कहा ठीक है सर मैं भी चलता हूं मेरे पास सरिता की तस्वीर तो थी ही और मैं एयरपोर्ट पर सरिता को लेने के लिए चला गया.

मैं उस दिन अपने साथ ड्राइवर को नहीं लेकर गया.. randi biwi ki chudai

मैं जब एयरपोर्ट पहुंचा तो एयरपोर्ट से उतरते ही सरिता ने मेरे नंबर पर फोन कर दिया और जब मैंने सरिता को देखा तो मैं उसकी झील सी आंखो और उसके सुंदर चेहरे को देखता रहा, वह मुझे कहने लगी क्या तुम ही जिग्नेश हो? मैंने सरिता से कहा हां मेरा नाम ही जिग्नेश है। वह कहने लगी अच्छा तो पापा ने तुम्हें ही भेजा है, मैंने सरिता से कहा हां मुझे ही राजेंद्र जी ने भेजा है।

मैं और सरिता कार में एक साथ बैठे हुए थे जब मैं और सरिता कार में एक साथ बैठे हुए थे तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने एक पुराना रोमांटिक सा गाना प्ले कर दिया और सरिता उस गाने में झूमने लगी सरिता को वह गाना बहुत पसंद आया सरिता मुझे कहने लगी मुझे यह गाना बहुत पसंद है मैंने सरिता से कहा यह मेरा भी फेवरेट गाना है और हम दोनों ही गाने में पूरी तरीके से खो गए, जब मैं सरिता को लेकर घर पहुंचा तो राजेंद्र जी भी घर पहुंच चुके थे उन्होंने सरिता को गले लगा लिया और उनकी पत्नी ने भी सरिता को गले लगाया वह दोनों ही बहुत ज्यादा खुश थे उनकी खुशी देखकर मुझे भी बहुत अच्छा लगा, राजेंद्र जी की पत्नी मुझे बहुत अच्छा मानती थी इसलिए वह कहने लगी जिग्नेश बेटा आज तुम घर से ही खाना खा कर जाना।

मैं भी घर पर रुक गया. randi biwi ki chudai

राजेंद्र जी ने मेरा सरिता से परिचय करवाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि सरिता मुझे पूरी तरीके से नहीं पहचानती थी और जब भी सरिता को कहीं जाना होता तो राजेंद्र जी मुझे ही सरिता के साथ भेजते लेकिन मुझे कहां पता था कि सरिता और मेरे बीच में प्यार हो जाएगा और जब हम दोनों के बीच प्यार हो गया तो मुझे इस बात का डर था कि क्या राजेंद्र जी हमारे प्यार को स्वीकार करेंगे क्योंकि मैं तो एक छोटा सा व्यक्ति हूं और सरिता एक बड़े घर की लड़की, मैं सरिता से हमेशा इस बारे में कहता कि तुम्हारे पिताजी मुझे कभी स्वीकार नहीं करेंगे, सरिता मुझे कहती कि वह मेरी हर एक बात मानते हैं मैं उनसे जरूर बात कर लूंगी, हम दोनों छुप छुप कर मिला करते थे।

मैं जब भी सरिता से मिलता तो मेरा दिल उसे देख कर धड़कने लगता। एक दिन सरिता ने छोटी सी ड्रेस पहनी हुई थी वह घर पर ही थी। उस दिन मुझे राजेंद्र जी ने कहा आज मैं और तुम्हारी मैडम कहीं बाहर जा रहे हैं तुम सरिता के साथ उसके दोस्त के घर चले जाना। मैंने कहा ठीक है सर। मैं और सरिता उस दिन साथ में थे जब हम दोनों साथ में थे तो मुझे सरिता के साथ में वक्त बिताने का मौका मिल गया। उस दिन सरिता और मेरे बीच में किस हो गया जब हम दोनों के बीच किस हुआ तो शायद सरिता भी अपने आप पर काबू नहीं रख पाई।

जब हम लोग घर लौटे तो सरिता मुझसे चिपकने लगी. randi biwi ki chudai

मैं भी उसके फिगर को देखकर अपने आप पर काबू नहीं रख पाया। मैंने जब उसकी गांड को अपने हाथ से दबाना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा मैंने उसके कोमल होठों को चूसना शुरू किया उसे भी बहुत अच्छा महसूस होने लगा। जब हम दोनों एक दूसरे को किस करते तो मुझे बड़ा मजा आता मैंने जब सरिता के कपड़े उतारने शुरू किए तो उसके बदन से एक आग सी निकलने लगी। मेरे शरीर से भी गर्मी निकलने लगी मेरा शरीर तपता जाता। मैंने जैसे ही सरिता की चूत मारनी शुरू की, जैसे ही मैंने सुनीता की चूत में अपने लंड को डाला तो उसकी चूत से खून निकलने लगा। वह एकदम फ्रेश माल थी उसे बहुत तकलीफ हो रही थी लेकिन उसके मुंह से जो मादक आवाज निकालती उससे मेरे अंदर एक अलग ही उत्तेजना पैदा हो जाती और मुझे बड़ा मजा आता।

मैं तेजी से सरिता को चोदता जाता जब हम दोनों के बीच पूरी तरीके से सेक्स को लेकर संतुष्टि हो गई तो वह मुझे कहने लगी जिग्नेश आज मुझे तुम्हारे साथ सेक्स कर के बहुत अच्छा लगा। सरिता ने मेरे लंड को हिलाना शुरू किया और उसे अपने मुंह में लेना शुरू किया वह मेरे लंड को अच्छे से सकिंग करने लगी उसे भी अच्छा लगता और मुझे भी बहुत मजा आता। उसके बाद तो जब भी मैं सरिता को देखता तो मुझे उसे देखकर अच्छा लगता। सरिता भी मुझे देख कर खुश रहती जब हम दोनों के बीच में सेक्स होता तो मुझे बहुत मजा आता। सरिता के गोरे बदन और उसके हॉट फिगर को देखकर मैं अपने आपको रोक नहीं पाता था। सरिता की भी सेक्स की भूख बढ़ती जा रही थी और उसकी चूत में हर दिन खुजली होती जाती लेकिन मेरी भी इच्छा कभी पूरी होती जाती।

जब भी मैं उसे देखता तो मुझे उससे चोदने का मन हो ही जाता। randi biwi ki chudai

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Bhabhi Ka Mitha Dudh https://sexstories.one/bhabhi-ka-mitha-dudh-xxx-stories/ Sun, 31 Jan 2021 17:03:12 +0000 https://sexstories.one/bhabhi-ka-mitha-dudh-xxx-storiez/ में आप के लिये फिर से एक कहानी लेकर आया हूँ. आज जैसे ही मुझे पता चला की भैया बाहर 3 दिन के लिये बिज़नस के काम से जा रहे है तो में मन ही ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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में आप के लिये फिर से एक कहानी लेकर आया हूँ. आज जैसे ही मुझे पता चला की भैया बाहर 3 दिन के लिये बिज़नस के काम से जा रहे है तो में मन ही मन खुशी से झूम उठा और रात का इंतज़ार करने लगा. मेरी विधि भाभी बहुत ही सेक्सी ओरत है, उनका फिगर भी बहुत ही आकर्षक है, बड़े बड़े बूब्स, गोरा रंग, मदमस्त चीज़ है. अब चूँकि विधि भाभी से में पहले सेक्स कर चुका था. Bhabhi Ka Mitha Dudh

इसलिये हम आपस मे खुल गये थे. इस बार काफ़ी दिनो के बाद यह मौका आया था. शाम को भैया के जाने के बाद विधि भाभी किचन मे काम कर रही थी तो मेंने किचन मे जाकर विधि भाभी को पीछे से पकड़ लिया और बोला की विधि भाभी आज तो में दूध पीऊँगा, तो वो हंसते हुये बोली पी लेना अभी गर्म तो होने दो, मैने हंसते हुये कहा तो गर्म करो ना में तो पीना चाहता हूँ, तो वो बोली आज स्पेशल दूध केसर डालकर पिलाऊँगी.

Bhabhi ka mitha dudh piya maine!

मैने कहा मुझे काली भैस का नही, तुम्हारा पीना है इससे स्पेशल और कहाँ होगा विधि भाभी हंस के बोली बदमाश हो गया है चल भाग, काम करने दे. विधि भाभी जल्दी करना और में बाहर आकर टी.वी सीरियल देखने लगा और फिर टीवी पर एक सेक्सी फिल्म आने लगी बहुत सेक्सी फिल्म थी. में उसे देखने लगा, सीरियल ख़त्म होने पर विधि भाभी अपने कमरे में जाते हुये बोली “तो दूध गर्म करके रखा है जाकर पी लेना, मैने कहा मुझे यह नही पीना, में सोने जा रही हूँ और ख्याल रखना ज़्यादा देर नही हो” विधि भाभी दूध लेकर पहले अपने कमरे में गयी. में समझ गया. और मैने जल्दी ही टी.वी बंद कर दी और विधि भाभी के रूम मे चला गया देखा तो विधि भाभी लेटी हुई थी में भी उनके बगल में जाकर लेट गया.

में विधि भाभी के पर हाथ फेरने लगा.. Bhabhi Ka Mitha Dudh

भाभी ने ब्लाउज के बटन खोल रखे थे. मैने कहा विधि भाभी क्या हुआ और मैने ब्रा का हुक खोल दिया और बोला क्यो क़ैद कर रखा है इनको कम से कम रात को आज़ाद कर दो और मैने उनके बूब्स को दबा दिया उन्होने ब्लाउज उतार दिया अब विधि भाभी की चूचियां आज़ाद थी. क्या मद मस्त थी और विधि भाभी बोली दूध साइड में टेबल पर रखा है, पी लो ना और विधि भाभी उठकर दूध का ग्लास लाई, मैने उनके पेटीकोट का नाडा खोल दिया और वो झट से नीचे आ गिरा और वो नीचे कुछ भी नही पहने थी…

फिर वो बोली यह दूध पी लो” मैने कहा जब सामने खुद इतनी सुंदर दूधवाली खड़ी हो तो यह काली भैंस का दूध कौन पियेगा और मैने उनकी चूचियो को ज़ोर से दबा दिया और उन्हे मुहँ मे ले लिया विधि भाभी ने कहा “पर इसमें दूध कहाँ है” यह कहते हुये मेरे मुहँ मे से अपनी चूचि छुड़ा कर उठी और दूध का ग्लास उठा कर मेरे मुहँ मे लगा दिया. मैने थोड़ा पिया और ग्लास लेकर बाकी पीने के लिये विधि भाभी के मुहँ में लगा दिया. विधि भाभी ने भी थोड़ा पिया और मुहँ से ग्लास हटाते हुये कहा, “मैने दूध पी लिया था” इस बीच दूध उछल कर विधि भाभी की चूचियों पर गिर गया.

में उसे अपनी जीभ से चाटने लगा. Bhabhi Ka Mitha Dudh

अब तो विधि भाभी ग्लास लेकर अपनी चूचियों पर धीरे-धीरे दूध गिराती रही और में मज़ा ले-ले कर उसे चाटते गया. चूचियां चाटने से विधि भाभी के सारे बदन में सुरसुरी होने लगी, इस बीच थोड़ा दूध बह कर विधि भाभी की नाभि से होता हुआ चूत तक चला गया. मेरी जीभ दूध चाटते-चाटते नीचे आ रही थी और विधि भाभी के बदन में सनसनी फैल रही थी. विधि भाभी दूध गिराये जा रही थी दूध बूब्स से होता हुआ वही से नीचे आ गया था अब मेरे होठ विधि भाभी की चूत के ठीक उपर होकर दूध चाट रहे थे.
में फिर जीभ को उपर की तरफ कर बूब्स के पास ले आया और उनके बूब्स दबा कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा विधि भाभी भी गर्म हो रही थी और बोलने लगी “ओह राजा! इसी तरह चूसते और चाटते रहो. बहुत अच्छा लग रहा है.

मैने कहा क्या मस्त दूध है ऐसा नशा और कहाँ है. Bhabhi Ka Mitha Dudh

मुझे तो यही पीना है रोज विधि भाभी बोली ये क्या कर रहे हो मैं मस्ती से पागल हो रही हूँ….. ओह राजा चलो और….. ज़ोर से चूसो….बहुत अच्छा लग रहा है मेरी विधि भाभी और में उनके बूब्स को चूसता रहा फिर विधि भाभी ने मेरे लंड को हाथों मे ले लिया तो में बोला तुम भी पी लो ना इसका दूध …बोली इसमे दूध कहाँ होता है. में बोला दूध नही तो मलाई तो होती है ना….और उस पर विधि भाभी ने दूध गिरा दिया और ग्लास मे जो मलाई थी मेरे लंड पर डाल दी और उसे अपनी जीभ से चाटने लगी और अपनी जीभ फेरने लगी.

मैने उसके सिर को पकड़ कर कहा चूस ले ना अब इसका मलाई वाला दूध और लंड को विधि भाभी के मुहँ की तरफ ठेला और अब तो उसे चूसने लगी और मेरे लंड को अंदर बाहर कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी उम्म्म्म….उम्म्म अहह…की आवाज़ आ रही थी मेरा लंड तन कर बड़ा हो गया था और चुदाई के लिये पूरा तैयार था विधि भाभी भी अब रुक नही पा रही थी. विधि भाभी की चूत भी उसे पाने के लिये बेकरार थी.

मेरा लंड भी अब विधि भाभी की चूत से मिलने के लिये बेकरार था. Bhabhi Ka Mitha Dudh

विधि भाभी अब सीधे लेट गयी और उसने चुदाई का निमंत्रण दे दिया. में भी तुरंत ही विधि भाभी के उपर आ गया और एक झटके मे विधि भाभी की चूत में अपना पूरा लंड घुसा दिया. विधि भाभी भी नीचे से कमर उठा कर लंड और चूत दोनो को आपस मे मिलने मे सहयोग देने लगी. दोनो इस समय इस प्रकार मिल रहे थे मानो कई बरसो बाद मिले हो. मैने रफ्तार बडाते हुये पूछा, “क्या करूँ रानी विधि भाभी ?” विधि भाभी बोली अंदर तक तो कर दिया अब पूछता है क्या करूँ चल चुदक्कड़ कहीं का” उन्होने मेरे होठ चूम लिये और बोली किये जा जैसे तेरी इच्छा हो.

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में अब और धक्के लगा रहा था और विधि भाभी की चूत नीचे से उनका जबाब दे रही थी. घमासान चुदाई चल रही थी. और विधि भाभी के मुहँ से सिसकारियां निकलने लगी…आह…उईईईईईईईईईईईई… .क्या कर रहा है रे……..ज़ोर से चोदो राजा चोदो… मेरी चूत भी कम नही है….. कस-कस कर धक्के मारो मेरे राजा, चोदो ज़ोर से इस साली चूत को, जो हर समय चुदाने के लिये बेचैन रहती है… चोदो अब तो में भी तूफान मैल की तरह चुदाई करने लगा. चूत से पूरा लंड निकलता और पूरी गहराई तक पेल रहा था. में तो स्वर्ग की हवाओ मे उडने लगा.. विधि भाभी क्या मजा आ रहा है मेरी रानी..खा..जमके.. “हाँ राजा ! और ज़ोर…से… बड़ा मजा आ रहा है……और जोर से……. ..ओह माआअ ओह मेरे राजा बहुत अच्छा लग रहा है… में भी अब उपर से कस कस कर धक्के पर धक्का लगाते हुये बोल रहा था.

रानी तुम्हारी चूत ने तो आज मेरे लंड को पागल बना दिया है वो इस सुंदर चूत का दीवाना हो गया है इसे चोद चोद कर जब तक तुम चाहोगी जन्नत की सैर करूँगा रानी बहुत मज़ा आ रहा है. फिर विधि भाभी भी बोली उईईईईईई….चोदो …चोदो….चोदो…और चोदो, राजा साथ-साथ झड़ना….ओह हाईईईईईईईईई आ जाओ…. चोद दो…. ओह….ओह अहह ईईसस्सस्स मेरे सनम…..अब नही रुक पाऊँगी ओह में … मर…गई.” इधर में कस कस कर धक्के लगाकर साथ-साथ झड़ गया. सचमुच इस चुदाई से में बहुत खुश था और विधि भाभी ने भी पूरी मस्ती मे चुदाई का भरपूर मज़ा लिया.

अब हम दोनो झड़ चुके थे मैने विधि भाभी का जोरदार किस लिया और विधि भाभी की चूंचियों के बीच सिर रख कर उनके उपर थोरी देर पड़े रह कर अपनी सांसो को शान्त करने के बाद विधि भाभी के बगल में ही लेट के उनके पास मे लिपट कर सो गया, सुबह विधि भाभी ने उठाया और कहा उठना नही है क्या…… और मेरे लंड को दबा दिया….कहा जल्दी फ्रेश हो जाओ…. मेंने ब्रश किया फिर विधि भाभी चाय लाई और हमने चाय पी.

फिर मैने देखा विधि भाभी और अपने चूत मटकाती हुई बाथरूम की तरफ चली गयी. में भी विधि भाभी के पीछे पीछे बाथरूम मे चला गया और अंदर जाकर गेट बन्द कर दिया. विधि भाभी ने अपने कपड़े उतार दिये, मैने भी सारे कपड़े उतार दिये और अब मैने शावर खोल दिया. हम दोनो के नंगे जिस्म पर पानी की फुवारे पड़ने लगी. बाथरूम में लगे बड़े शीशे में मैं देख रहा था, शावर के नीचे विधि भाभी के उत्तेजक बदन और बड़ी बड़ी चूचियो पर पानी पड़ रहा था, वो चूचियो से टपकता पानी जो पैरों के बीच विधि भाभी कि चूत से होता हुआ पेरों पर छोटी-छोटी धार बनाते हुये नीचे गिर रहा था. जो बहुत ही सेक्सी लग रहा था मेरी छाती से गिरता हुआ पानी लंड पर से धार बनाकर बहता पानी आज बहुत अच्छा लग रहा था. विधि भाभी ने मेरा लंड हाथ में ले लिया और सुपडे को खोलने और बंद करने लगी. लंड हाथ में आते ही कड़क हो कर खड़ा हो गया.

अब मैने विधि भाभी के बूब्स को और सारे शरीर को अपनी छाती से चिपका कर उनके होठों अपने होठों में ले लिया. विधि भाभी की कसी हुई बड़ी बड़ी चूचियाँ मेरे सीने में रगड खाने लगी फिर विधि भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत से सटा लिया और थोड़ा पैर फेला कर चूत पर रगड़ने लगी. फिर मैने विधि भाभी के सारे बदन पर साबुन लगाया उनके बूब्स को और चूत के उपर भी खूब मसला फिर हम दोनो एक दूसरे के बदन पर फिसलने लगे विधि भाभी अपने बूब्स को पूरे बदन पर दबाकर फिसला रही थी, बड़ा मज़ा आ रहा था फिर मैने शावर को तेज कर दिया और हमारे बदन पर लगे साबुन को पानी से हटा दिया.

इसके बाद में विधि भाभी के बूब्स को दबाते और सहलाते हुये विधि भाभी के होठों को चूस रहा था और मेरे लंड को विधि भाभी की चूत अपने होठ से सहला रही थी. बैठकर नहाने के लिये रखे स्टूल पर विधि भाभी ने अपना एक पैर उठा कर रख लिया और मेरे लंड को चूत मे घुसने का मौका मिल गया. शीशे में दिख रहा था मेरा लंड अंदर बाहर होते हुये मेरी प्यारी चूत से खिलवाड़ कर रहा था. विधि भाभी की चूत उसे पूरा अपने अन्दर लेने की कोशिश कर रही थी.

कुछ देर बाद विधि भाभी अपने आप को छुड़ा कर बाथ-टब को पकड़ कर झुक गयी. Bhabhi Ka Mitha Dudh

विधि भाभी के गोल गोल बड़े बड़े चूतर उठे हुये थे में उन्हे दबा दबा कर जीभ से चाटने लगा और दाँत से काटा भी विधि भाभी बोली क्या करता है अब रहा नही जा रहा है और मै विधि भाभी की चूत को देखने लगा. मैने उस पर अपने तनतनाते हुये लंड को लगा कर धक्का दिया. पूरा लंड झट से चूत में समा गया. फिर क्या था लंड और चूत का खेल शुरू हुआ. शीशे मे जैसे ब्लू फिल्म चल रही हो, जिसकी हीरोइन विधि भाभी थी और हीरो में.

मेरा लंड विधि भाभी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था जिससे विधि भाभी की चूत पागल हो रही थी पर मुझे शीशे में लंड का घुसना और निकलना बहुत अच्छा लग रहा था. शावर से पानी की फुहार हम दोनो पर पड़ रही थी, हम लोग उसकी परवाह ना कर तन की आग मिटाने मे लगे थे. में पीछे से विधि भाभी की चूचियाँ पकड़ कर बराबर धक्के लगाये जा रहा था. शीशे में अपनी चुदाई देख कर विधि भाभी भी काफ़ी गर्म हो चुकी थी इसलिये विधि भाभी भी अपनी चूत को आगे पीछे कर गपगप लंड को चूत में ले रही थी और बोलती जा रही थी, “अरे यार….. ! बहुत अच्छा लग रहा है….इस चुदाई में चोदो मेरे सनम जिंदगी का पूरा मज़ा ले लो…. मेरे बलम…… तुम्हारा लंड बड़ा जानदार है…… मारो राजा धक्का….. और ज़ोर से….. राजा और ज़ोर से…. और ज़ोर से…… इस जालिम लंड से फाड दो मेरी चूत बहुत अच्छा लग रहा है….”पीछे से चुदाई में भाभी के हाथ झुके-झुके होने के कारण दुखने लगे फिर विधि भाभी बोली- “राजा ज़रा रूको, इस तरह पूरी चुदाई नही हो पा रही है, लेटा कर चोदने में पूरा लंड घुसता है तो झड़ने में बहुत मज़ा आता है”

फिर मैने शावर बंद किया. Bhabhi Ka Mitha Dudh

और विधि भाभी वही गीले में ज़मीन पर लेट गयी और बोली, “अब उपर आ कर चुदाई करो” अब में विधि भाभी के उपर था. और विधि भाभी की चूत मे लंड डालकर भरपूर चुदाई करने लगा. और विधि भाभी की चूत मे लंड पूरा का पूरा अंदर बाहर हो रहा था और विधि भाभी नीचे से उछल उछल कर साथ देते हुये कह रही थी, “अब चुदाई का मजा मिल रहा है मारो राजा मारो धक्का… और ज़ोर से हाँ! राजा इसी तरह से चोदो इस चूत को… अहह ईसस्स्स्स्स्स्स्सस्स ओह. में कस-कस कर धक्का मार मार कर विधि भाभी की चूत को चोद रहा था. थोड़ी देर बाद मेरा लंड विधि भाभी की चूत की गहराई में चला गया और हम दोनो साथ-साथ झड़ गये.
विधि भाभी सेफ पीरियड में थी विधि भाभी ने पहले बता दिया था. इसलिये मैने किसी बात की परवाह नही की. तब में भी टावल लपेट कर बाथरूम से बाहर आ गया और कपड़े पहन कर तैयार हो गया. फिर विधि भाभी भी बाथरूम से निकल कर कपड़े पहनकर तैयार हो गयी. फिर उस रात को फिर भरपूर मस्ती ली.

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