chooth chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chooth-chudai/ Hindipornstories.org Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बन गया मैं बहन का पति https://sexstories.one/behanchod-bankar-behan-ko-choda/ Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 https://sexstories.one/?p=4368 मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा..

The post बन गया मैं बहन का पति appeared first on Antarvasna.

]]>
Behanchod – Ban Gaya Behan Ka Pati – एक बार मैं अपनी मामी की लड़की यानि मेरी दीदी के यहाँ मुंबई गया। मेरी दीदी के घर में तीन लोग थे। मेरी दीदी, जीजा जी और उनका तीन साल का एक लड़का। मेरी दीदी का नाम सोनी है। उसकी उम्र 28 साल थी फिगर 36-30-38 था। वह बहुत सेक्सी लगती है, जब चलती तो ऐसा लगता कि दिल पर छुरियाँ चला गई। उसकी गांड बहुत ही मस्त और मोटी है। उस पर उसका गोरा बदन और मोटे मोटे बोबे ! उसको देखते ही ऐसा लगता था कि बस कैसे भी इसे चोद डालूँ !

अब मैं असली बात पे आता हूँ। जीजा जी बहुत शराब पीते थे इसीलिए वो बहुत परेशान रहती थीं। एक दिन कुछ ऐसा हुआ जो शायद दीदी और मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। हुआ यूँ कि जीजा जी ऑफिस से आये और मुझसे कहा- आ आज शराब पियेंगे।

मैंने मना किया पर वो नहीं माने और मुझे उनके साथ बैठना पड़ा। उन्होंने एक शराब की बोतल निकाली और हम पीने लगे। हम लगभग पूरी बोतल पी गए। जीजा जी को बहुत नशा हो गया था। हमने खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।

अचानक रात में मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी।

मैं उठा और दीदी के कमरे की खिड़की से देखने लगा कि कुछ हुआ तो नहीं है।

तभी मैंने देखा कि जीजा जी ने दीदी की साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी पैंटी को उसके बदन से अलग कर दिया और अपना लंड पेल दिया उसकी बुर में। जीजा जी का लंड बहुत छोटा था। दो मिनट बाद ही जीजा जी झड़ गए और वहीं नशे में सो गए।

दीदी की आँखों में आँसू थे, वो उठी और कमरे से बाथरूम जाने लगी कि अचानक उन्होंने मुझे देख लिया। मैं भी वहाँ से चला गया और रात भर उनकी बुर के बारे में सोचता रहा। उसकी चूत क्या मस्त थी ! बिल्कुल गुलाबी ! एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर ! उसे सोचते सोचते ही मैं तो जैसे पागल हो गया। मैंने रात में मुठ मारी और सो गया।

सुबह जब उठा तो पता लगा कि जीजा जी दस दिनों के लिए पुणे गए हैं। मैं और दीदी एक दूसरे को देख रहे थे।

मुझे उसके पतली कमर के साथ डोलते हुए चूतड़ बहुत विचलित करते थे, मैं सोचता था कि उसे नंगी करने के बाद उसके गोरे गदराये चूतड़ कितने प्यारे लगेंगे.. उन्हें सहलाने में और दबाने में कितना मजा आएगा ! और कमर से ऊपर नज़र जाते ही.. उफ़ उसकी भरी हुई छातियाँ.. उसके स्तन एकदम कसे हुए थे.. एक बच्चे की माँ लेकिन स्तन जैसे बीस साल की कुंवारी लड़की के.. 36 साइज़ होगा उनका.. दोनों उसके ब्लाऊज़ या कुरते के अन्दर एक दूसरे से चिपके हुए रहते थे.. जिसके कारण उसके बीच की घाटी बहुत ही उत्तेजक दिखाई देती थी। सब कुछ मिला कर मेरे जैसे कामी पुरूष के लिए वो एक विस्फोटक औरत थी…

अब मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे अलग नजरों से देखना शुरू कर दिया था। शायद वह मेरी नजरों की भाषा समझ रही थी। हम दोनों एक दूसरे से खुल कर बातें करने लगे थे। जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। सूट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुंह में पानी आ जाता था।

एक रात मैं दीदी के कमरे में झांक रहा था तो जो देखा उससे मेरे रोंगटे खड़े हो गए ! दीदी टीवी पर ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत को जोर जोर से अपने हाथों से रगड़़ रही थी ! मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया, मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं खड़े खड़े मुठ मार कर उसे शांत किया।

मैं समझ गया कि जीजा जी से दीदी की बुर शांत नहीं होती है, वो प्यासी है उसकी बुर में आग लगी है और मेरा काम बन सकता है।

एक दिन मैं सोने के लिये बेडरूम में आ गया तो देखा की दीदी अपनी गैलरी में खड़ी थी। मैंने सोचा कि मौका अच्छा है। फ़िर तुरन्त ही अपना पैन्ट उतार कर, वो मुझे देख सके, उस तरफ़ मुँह करके अपने लण्ड को तेल लगा-लगा कर मालिश करने लगा।

जैसे ही उसने मुझे नंगा देखा, तुरन्त अपने कमरे में भाग गई। दोस्तो, मेरा लण्ड अगर किसी भी औरत या लड़की ने देखा तो चखने का मन बन ही जाता है। फ़िर मैंने खिड़की के काँच से देखा तो पता चला कि वो दरवाजे के पास कुर्सी डाल कर चुपके से मेरे कमरे में झांक रही थी।

मैंने सोचा कि मेरा काम हो गया। अब दीदी की आँखों में मुझे वासना नज़र आने लगी थी, बस मैं मौके के इंतज़ार में था।

एक दिन वो मेरे पास आई और उसने कहा- मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है और मैंने एक जरूरी इमेल करनी है। क्या मैं तेरा लैपटॉप प्रयोग कर सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !

मैंने कहा- दीदी, आप बैठिये, मैं लैपटॉप देता हूँ !

मैंने ऐसे ही लैपटॉप पकड़ा दिया। जैसे ही उन्होंने लैपटॉप देखा तो दीदी का चेहरा लाल हो गया, उसने झिझकते हुए कहा- भैया, तुम ही वेब साईट खोल कर दे दो।

मैंने लैपटॉप लिया तो देखा कि नंगी वेब साइट्स खुली हुई थी, मैं घबरा गया और बोला- सॉरी, यह लीजिये ! अब सब ठीक है !

दीदी बोली- शादी नहीं हुई है तो खूब ऐश हो रही है?

मैंने कहा- मन तो बहुत करता है मगर कुछ भी नहीं कर पाता, सिर्फ इन्टरनेट का ही सहारा है !

उसने कहा- क्या तुम मुझे इन वेब साइट्स के लिंक लिख कर दे सकते हैं?

मैं हैरान रह गया ! मैंने कहा- क्या दीदी?

वो बोली- हाँ ! वो असल में तुम्हारे जीजा जी को दिखानी हैं, शायद ये देख कर वो थोड़ा रोमांटिक हो जायें !

मैंने पूछा- क्यों? क्या वो अभी रोमांटिक नहीं है?

तो दीदी बोली- रोमांटिक का र भी नहीं आता उनको ! रात को आते हैं, शराब पीते हैं और मेरे हाथों में अपने छोटे से लंड को देकर कहते हैं- हिला दो ! मैं उसे झरवा देती हूँ और फिर वो सो जाते है। मेरे अरमान और बदन की गर्मी वहीं की वहीं रह जाती है। मैंने कई बार कोशिश की, मगर वो समझते ही नहीं ! कहते है कि बहुत थक गया हूँ।

शादी से लेकर आज तक बस बहुत कम ही हमने सेक्स किया है जिसमें वो पूरा अन्दर तक भी नहीं जाता।

वो बोली- अंकित, ये मेरी बहुत व्यक्तिगत बातें हैं, किसी को नहीं बताना ! मैं तुम्हे ये सब बता रही हूँ कि तुमने रात सबकुछ देख लिया था।

मैंने घबरा कर कहा- आप चिंता मत करो !

मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है, हथौड़ा मारने की देर है।

फिर वो बोली- मेरा काम हो गया है, मैं चलती हूँ अपने रूम में सोने को। तुम भी सो जाओ।

पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको !

और कह के अपनी जींस नीचे कर दी, मेरा नौ इंच का लंड खड़ा हुआ फुफकार रहा था। वो पलटी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, पसीना उसके गाल से बहने लगा और चेहरा लाल हो गया। वो मेरे पास आई, मेरी आँखों में गुस्से से देखा और मुझे जोरदार थप्पड़ मार दिया।

मैं बहुत घबरा गया, शायद मैंने उसकी बातों से गलत समझ लिया था कि वो मेरे साथ अपनी प्यास बुझा लेगी। मुझे लगा कि अब मेरी बदनामी कर देगी ये !

मगर वो बोली- तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में??

मेरी सांस में सांस आई और जान में जान ! गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और दीदी को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा। मेरा हाथ उनके कुरते में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे।

उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी, एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी। मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक सैंकड़ों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए।

वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी। उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽ ऊऽऽऽ… म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द… म्म्मम्म्म्म… आआआअ… यही आवाजें निकल रही थी।

मैंने पंद्रह मिनट तक उनके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी। मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर रगड़ रही थी। लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में लो !

तो वो फट से तैयार हो गई और मेरा नौ इंच लम्बा लंड देख कर बोली- तुम्हारा तो बहुत लम्बा है, और मोटा है, बिल्कुल काला नाग है ये, तुम्हारे जीजा जी का तो छोटा सा ही था।

मैंने कहा- लम्बे लंड से चुदने में जो मजा आपको अब आएगा वो कहीं नहीं आएगा।

वो बोली- तो जल्दी से चोद दो ना !

और मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा लंड चूसने लगी 69 की पोजिशन में।

तभी उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया और आआअह ह्ह्ह्ह्हा आआऊऊउईईइ म्म्म्म्मा करने लगी और जोर से झड़ गई। मैंने उनका पूरा पानी साफ़ कर दिया चाट चाट कर !

फिर मैंने उनसे कहा- अपना कमीज उतार दो।

तो उन्होंने उतार दिया और मैंने उनकी चूची चूसनी शुरू कर दी। वो फिर से गर्म होने लगी और आआअह्हह्ह म्मम्माआअ करने लगी और अपनी चूत रगड़़ने लगी।

मैंने उनके मुंह में अपना लंड डाला, वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए !

कुछ देर बाद मैं अपनी जीभ से उनकी नाभि चाटने लगा।

वो बोली- क्या बात है तुममें ! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की ! मैं एक अरसे से इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है।

मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था दीदी।

Desipornstory वेट्रेस के साथ गैंगबैंग

अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली ! मैंने उनकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया। वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा। मैंने उनकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उनका चिल्लाना और तड़पना !

मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो फिर पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उन्होंने पानी न झारा हो।

तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उनके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया ! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उनके होंठ बंद कर दिए और एक झटका मारा, मेरा तीन इंच लंड उनकी बुर में घुस गया। उनकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी !

अभी तीन इंच लंड ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी।

मैंने कहा- दीदी, जीजाजी ने तुमको चोदा हुआ है, फिर भी ऐसे चिल्ला रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो !

तो बोली- एक तो तुम्हारा मोटा है, दूसरा तुम्हें पता है कि उनका लंड कितना बड़ा है, जरा धीरे करो ना !

मैंने कहा- ठीक है !

तो फिर मैं फिर से धक्का लगाने लगा और उनकी चूची चूसने लगा।

मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे…

वो बोली- तुम जानवर हो ! मुझे छोड़ दो ! मेरी चूत फट गई ! मेरी जान निकल रही है, बाहर निकालो।

मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए तो वो और चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और जोर जोर से चोदने लगा। 5 मिनट बाद उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर शुरू हुआ असली चुदाई का मजा !
मैं जितनी तेज ऊपर से झटके मारता वो नीचे से उतनी ही तेजी से जवाब देती। सच दोस्तों क्या बताऊँ क्या क़यामत चुदाई चल रही थी कि तभी वो मुझसे चिपक गई और मेरे कंधे पर काटने लगी और उसने अपने नाखून मेरी पीठ में चुभा दिए। वो आअ आआ आआ आह्ह्ह्ह करती हुई झड़ गई, फिर कहने लगी- जल्दी करो अब सहन नहीं हो रहा।

मैंने भी उन्हें खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।

मैं थक कर उनके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी। दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उनकी चूत से निकाला।

मैंने प्यार से उन्हें खूब सारे और चुम्मे दिए। उनकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था। वो इतनी खुश थी कि उनकी आँखों से आँसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता !

The post बन गया मैं बहन का पति appeared first on Antarvasna.

]]>
चाची ने करवाई जन्नत की सैर https://sexstories.one/chudas-chachi-ne-karwayi-jannat-ki-sair/ Sun, 31 Oct 2021 10:30:05 +0000 https://sexstories.one/?p=3210 दोनों पान की तरह रसमलाई खाकर, एक दुसरे के होठो को चूमने लगे और चाचा ने मलाई रस अपने लंड पर डाल दिया. फिर चाची लंड को चूसने लगी. ये देख कर मैं तो और एक्साइट हो रहा था. फिर दोनों एक कामसूत्र कपल की तरह उन्होंने चाची के दोनों बूब्स दबाने लगे...

The post चाची ने करवाई जन्नत की सैर appeared first on Antarvasna.

]]>
Chudas Chachi Ne Karwayi Jannat Ki Sair – मेरा नाम एश्वर्य है और मैं इस वेबसाइट का रेगुलर रीडर हु. मैंने यहाँ बहुत ही सेक्स स्टोरी पढ़ी है, जो बहुत ही रोमेंटिक है. आज मैं आपके साथ एक इन्तेरेस्तिंग एंड ट्रेडिशनल स्टोरी शेयर कर रहा था, जो मेरा एक रियल इंसिडेंट है.

दोस्तों, हमारा परिवार शुरू सी ही ट्रेडिशनल रहा है और मेरे परिवार में मेरे माँ – डेड के अलावा एक बड़ा भाई और एक छोटी बहन है और मेरे चाचा – चाची भी है. चाचा एक बिज़नसमेन है, जो काम के सिलसिले में वीकली बाहर जाते है. चाची और चाचा के बच्चे नहीं है और वो इसको लेकर हमेशा ही चिंतित रहते थे. चाची की मेरिज की ४ साल बीत चुके थे, पर अभी तक उनको कोई बच्चा नहीं था. मेरी चाची का नाम अलका है और वो बहुत ही हॉट फिगर वाली औरत है. वो भी एक पारंपरिक रिवाज वाले परिवार से है और बहुत ही ट्रेडिशनल लुक वाली है.

चाची हमेशा से ही पारंपरिक श्रृंगार, जिसमे लाल बिंदी, लिपस्टिक, शाइनिंग फेस और रंगीन साड़ी पहने हुए रहती थी. वो पैरो में पायल पहनती थी और उनकी पायल की छन – छन से मेरा दिल धड़कने लगता था. वो घर पर भी श्रृंगार में रहती थी. उनकी अदाए और चाल मदमस्त कर देने वाली थी. उनका फिगर भी बहुत हॉट था और मेंगो जैसे बूब्स को देख कर कोई भी अपना लंड पकड़ ले. मैं १२थ के बाद, इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया है.

अब मैं आपको अपनी रियल बात बता रहा हु. दोस्तों, बात उन दिनों की है, जब मैं १२थ में था और विंटर हॉलीडेज चल रहे थे. एकदिन मैं अपने स्टडी रूम में पढ़ रहा था. मेरा स्टडी रूम किचन के बाजु में है. उस दिन घर में चाची और उनकी फ्रेंड सोनाली थी. सोनाली बहुत ही सेक्सी एंड हॉट बम थी. वो अक्सर चाची से मिलने हमारे घर आया करती थी.

वो दोनों किचन में बैठे हुए थे. चाची का मूड ऑफ देख कर उसने पूछा, कि अलका रानी तुम इस तरह उदास क्यों हो? इस पर अलका चाची ने कहा – कैसे उदास ना रहू, हमारी शादी को ३ साल हो गये. हमारे एक भी बच्चा नहीं है. हमे लोग क्या – क्या नहीं कहते. मैं ये बात चुपचाप सुन रहा था. सोनाली ने कहा – मेरी बस्ती में एक बाबा है, तो उसकी पूजा से सब प्रॉब्लम ठीक कर देता है. मैं तुझे उसके पास ले चलती हु. चाची ने कहा – ठीक है. कल शाम को ही चलते है. मैं भी घुमने के लिए बाहर निकल गया.

फिर वापस आकर मैं फ्रेश हो गया और चाची बहुत अच्छी सी स्माइल लिए मेरे कमरे में आई और हम खाना खा कर सो गये और अगले दिन मैं फ्रेश हुआ और चाची को मैंने उठ कर गुड मोर्निंग बोला. ऊन्होने मुझे बहुत अच्छी स्माइल दी और बाथरूम में घुस गयी. वो तैयार हो कर मेरे पास आई और बोली – मैं अपनी फ्रेंड सोनाली के यहाँ जहाँ रही हु और शाम को मैं लेट हो जाउंगी. मैं भी तैयार होकर कोचिंग क्लास निकल गया. चाचा भी उसी दिन बाहर से आये थे. ५ बजे मैं क्लास से वापस आया और देखा, कि चाची एक वंडर स्माइल लेकर चाचा के कमरे में शरबत लेकर जा रही है. मैं भी चुपचाप से उनके पीछे चला गया. वो चाचा के पास एक मीठी सी मुस्कान के साथ किस कर आलिंगन कर एक्साइट हो गयी और चाचा से कहा – मैं आज एक बाबा से मिल कर आई हु मुझे देख कर चाची चुप हो गयी और दुसरे टॉपिक पर बात करने लगी. फिर चाचा मेरी पढाई के बारे में पूछने लगे और मैं समझ गया, कि चाची चाचा को कोई राज की बात बताने वाली थी.

फिर मैं खेलने का बहाना लेकर नीचे जाने लगा और चाची ने झट से डोर बंद कर लिया और चाचा से कुछ कहने लगी. मैं डोर के पास जाकर कान लगाकर सुनने लगा. चाची कह रही थी, एक पूजा करने पर; हम जल्द ही संतान पैदा कर सकते है. चाचा ने पूछा, वो कैसे? चाची ने कहा – उन्होंने कहा है, कि आने वाली अमावस्या की रात को, तुझे लिंग योनी पूजा करनी होगी और मैं डिटेल में सब बताउंगी. मैंने नीचे खाना बनाने जा रही हु.

मैं डोर से हटकर नीचे की तरफ चले गया. मैं लिंग योनी पूजा के बारे में सुनकर बहुत एक्साइट हो गया. २ दिनों बाद, अमावस्या आने वाली थी और कल मम्मी – पापा भी बाहर जाने की तैयारी कर रहे थे. मेरी कोचिंग क्लास के कारण, मैं नहीं जा पा रहा था. दुसरे ही दिन, शाम को उन्हें हम (चाचा, चाची और मैं) उनको स्टेशन पर छोड़कर आ गये. अब घर में, मैं चाचा और चाची ही थे. घर आकर थक चुके थे, इसलिए खाना खा कर सो गये. फिर अगले ही दिन अमावस्या का दिन था.

मैं सुबह ही फ्रेश होकर दोस्त के घर चले गया और दोपहर को आकर हमने एक साथ खाना खाया और फिर मैं अपनी कोचिंग क्लास के लिए निकल गया. जब मैं शाम को वापस आया, तो चाचा मार्किट गये थे और देखा, कि चाची अपने कमरे में श्रृंगार कर रही थी. अपने हाथो में मेहंदी लगा रखी थी. पेरो में सुंदर सा अलता है, मैंने पूछा, कि ये श्रृंगार आज किस लिए? तो वो बोली – ऐसे ही. मुझे तो श्रृंगार में रहना अच्छा लगता है और कह कर टाल दिया. फिर मैंने दिखा, कि चाचा मार्किट से आकर फ्रेश होने चले गये. बाहर कमरे में थाली में कुछ पूजन सामग्री लाये थे. उसमे रसमलाई का एक बड़ा डिब्बा था. मैंने उन्हें देख कर बाहर खेलने चले गया. फिर आकर देखा, कि चाची सोलह श्रृंगार पूरी दुल्हन की तरह सजी थी. जो देवी से कम नहीं लग रही थी. चाची ने कहा – तुम खाना खा लेना. हम काली मंदिर जा रहे है, देवी के दर्शन के लिए. मैंने समझ गया, कि चाची आज कुछ विशेष करने वाली है.

मैं खाना खाकर जल्दी से ८ बजे ही सो गया और वो लोग थोड़ी देर बाद ही आ गये. मैंने डोर खोला और मैंने जब उन्हें दुल्हन रूप में देखा, तो मेरा फन से खड़ा हो गया. वो बहुत ही हॉट सेक्सी बम दिख रही थी. उन्होंने पूछा – ऐश्वर्या, तुमने खाना खा लिया. मैंने कहा – हाँ. चाची मुझे नीद लग रही है. मैं सोने जा रहा हु. वो एक अमस्वाया की रात थी. मुझे हलकी सी नीद भी लगी थी. चाचा – चाची ने प्यार से मिल कर खाना खाया और टेरेस पर टहलने चल दिए. बाद में, जब मेरी नीद कुछ १२ – १२:३० बीच खुली और मैं टॉयलेट करने जा रहा था. मेरी नज़र चाचा के कमरे पर पड़ी. उनके कमरे की लाइट जल रही थी. डोर और विंडो सब कुछ बंद किये हुआ था. वहां कुछ धुआ हो रहा था. मैंने चुपचाप वहां जाकर खड़ा हुआ. अन्दर से सुंगधित खुशबु आ रही थी. मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. मुझे याद आया, कि चाची के कमरे में जो वेंटिलेटर है. वो टेरेस पर है और वहां से पूरा रूम दिखाई देता है. मैं वहां पहुच गया. मैंने वहां का जो नज़ारा देखा, तो मैं अमजेड रह गया.

मैंने देखा, कि चाची पुरे श्रृंगार रूप में पूरी निवस्त्र बालो में कजरा, मांग में सिंदूर, हाथो में मेहंदी लग थी. पेरो में अलता लगा हुआ था और उनके बूब्स और अस में भी मेहंदी लगी थी. उनकी कमर पर वेस्ट चेन बंदी हुई थी. इस रूप में देख कर मैं तो एकदम से वंडर हो गया. पहले कभी ऐसे किसी को श्रृगार रूप में न्यूड नहीं देखा था. चाचा भी पुरे नंगे खड़े थे और टेबल में पूजा की थाली रखी थी. जिसमे पूजा का सामान रखा हुआ था. उस समय करीब १ बजा हुआ था. चाची ने पहले चाचा को तिलक लगाया. फिर उनके हांथो में एक मोली बाँधी और अक्षत – चावल से पूजा. चाचा का लंड खड़ा ही था. चाची ने लंड को दूध – दही आदि से पूजा और फिर एक साफ़ कपड़े से पोछने लगी. इसके बाद लंड पर कुमकुम लगाया.

Sexy chudai kahani कुंवारी मौसी और मैं

फिर एक और मोली उनके लंड पर बाँधी और अक्षत चावल डाले. फिर थाल में दिया जलाकर उसकी आरती उतारी और उसके सामने कुछ मिठाई रखी. ये सब देख कर मैं बहुत एक्साइट हो गया और ऐसी लिंग पूजा मै पहली बार देख रहा था. कुछ देर बाद, चाचा ने थाल पकड़ा और चाची के बूब्स और योनी से को स्नान करवाया और उनके गुप्तांगो को पूजन किया. फिर चाचा ने उनकी चूत की आरती की उतारी. उसके बाद चाची ने चाचा के पेरो को छु कर आशीर्वाद लिया और चाचा ने उन्हें अपनी बाहों में ले लिया और उन्हें अपने आलिंगन में लेकर चूमना शुरू कर दिया. पूरा कमरा सुगंध से महक रहा था. एक सेक्स पूजा देख कर. चाची ने रसमलाई के डिब्बे में से, एक लेकर चाचा के मुह में डाल दिया.

दोनों पान की तरह रसमलाई खाकर, एक दुसरे के होठो को चूमने लगे और चाचा ने मलाई रस अपने लंड पर डाल दिया. फिर चाची लंड को चूसने लगी. ये देख कर मैं तो और एक्साइट हो रहा था. फिर दोनों एक कामसूत्र कपल की तरह उन्होंने चाची के दोनों बूब्स दबाने लगे. फिर चाची को बिस्तर पर लेटा दिया और अपना लंड चाची की योनी पर डाल दिया और दोनों सम्भोग का आनंद ले रहे थे. दोनों बहुत ही एक्साइट होकर चोद रहे थे. उन्होंने ६९ की पोजीशन भी लिया था. जब वो दोनों ६९ की पोजीशन में थे, तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया था और पेंट के अन्दर ही फनफना रहा था. चाचा ने चाची की चूत को रसमलाई के रस में लपेट कर मीठा कर लिया था और उसको चटकारे लेकर चाट रहे थे. चाची भी रस में लिपटे हुए चाचा के लंड को मस्ती में और जोर – जोर से चूस रही थी. चाचा अपनी गांड को मस्ती हिलाते हुए, चाची के मुह को चोद रहे थे. फिर पता नहीं क्या हुआ, चाचा ने उठकर रूम की लाइट बंद दी और उसके बाद मैं कुछ नहीं देख पा रहा था. मैं रूम में नीचे आकर सो गया और मेरे सोने के १ घंटे बाद ही मेरा नाईट फाल हो गया. मुझे नीद ही नहीं आ रही थी. मेरे दिमाग में वहीँ सेक्स पूजा का दृश्य चल रहा था.

फिर सुबह उठ कर, मैंने देखा कि चाची फ्रेश होकर देवी पूजन की तैयारी कर रही थी और चाचा काम से निकल गये थे. मैंने चाची को पूछा, कल रात मुझे नीद नहीं आई और मैं छत पर घूम रहा था. चाची सन्न हो गयी और उनको अहसास हो गया, कि मैंने उनके गुप्तांगो की पूजा देख ली है. मैं मुस्कुरा रहा था और वो भी मुस्कुरायी और कहने लगी, तुमने क्या देखा? मैं मुस्कुरा रहा था और वो समझ गयी थी और मेरे फ़ोर्स करने पर, उसने कहा – ये गुप्त पूजा एक बाबा ने बताई थी. इसे लिंग योनी पूजा कहते है. जिससे संतान प्राप्ति जल्दी होती है. धीरे – धीरे, हम अच्छे दोस्त बन गये और सेक्स की बातें करने लगे. उन्होंने बताया, कि ये पूजा करवाचौथ की रात को भी किया जाता है. और मैं भी करुँगी. उनकी उस पूजा को एक साल हो गया था, तो भी कुछ नहीं हो रहा था और वो दोनों इस बात से परेशान थे.

फिर मैंने एक दिन चाची को बोला. अब एक पूजा मुझे करने दो और आप बहुत जल्दी प्रेग्नेंट हो जाओगी. वो बोली – मैं कुछ समझी नहीं. मैंने कहा – जब चाचा नहीं होंगे, तब समझाऊंगा. फिर एकदिन जब चाचा काम से बाहर गये हुए थे. उस रात मैं चाची के कमरे में गया और सुबह तक चाची को मस्त चोदा. चाची की काम वासना की तृप्ति पहली बार हुई थी. मैंने उनके मुह, उनकी चूत और उनके गांड के छेद की अच्छी ठुकाई की. फिर मैंने चाची को चाचा के वापस आने तक रोज़ चोदा और एक ही हफ्ते बाद, चाची ने घर में सबको खुशखबरी सुना दी. चाचा भी खुश थे, कि उन दोनों की पूजा सफल हो गयी. लेकिन ये तो सिर्फ मुझे और चाची को मालूम था, कि किसकी पूजा सफल हुई है.

The post चाची ने करवाई जन्नत की सैर appeared first on Antarvasna.

]]>
ये मेरा घरेलु मामला है https://sexstories.one/bua-ki-beti-chachi-ki-chooth/ Fri, 29 Oct 2021 12:29:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3189 मैंने दूसरा आप्शन चुना और उनके कमरे में पहुँच गया | चाची रो रही थी तो मैंने उनका सिर अपने कंधे पे रखा और उनको चुप कराने लगा लेकिन वो चुप नहीं हुई | तो मैंने भी मौके का फायेदा उठाते हुए अपना लंड बाहर निकाला और चाची से कहा चूस लो अब....

The post ये मेरा घरेलु मामला है appeared first on Antarvasna.

]]>
bua ki beti aur chachi ki chooth chudai सलाम वालेकुम मेरे भाइयों, मेरा नाम इमरान अली है और मैं भोपाल का रहने वाला हूँ | मेरा बहुत बड़ा परिवार है और घर भी बहुत बड़ा है | यहाँ मैं मेरे मम्मी पापा मेरे चार चाचा चाची और उनके बच्चे रहते है | मेरी दो बुआ भी है लेकिन वो कभी कभी हमारे यहाँ रहने आती है और जो मेरी बड़ी बुआ है उनकी दो बेटियाँ है और दोनों ही बहुत गज़ब की माल है | बड़ी वाली का नाम हुस्ना है और छोटी वाली का नाम रेशमा और दोनों ही मुझसे बड़ी है | एक सच बात बताऊँ दोस्तों दोनों लेस्बियन है और एक दूसरे के मज़े लूटती रहती है | तो दोस्तों आगे की कहानी थोड़ा और खुलके बताता हूँ |

तो बात है गर्मियों की जब बुआ हमारे घर आई थी और वो दोनों भी | एक दिन जब वो दोनों टी.वी. देख रही थी और उस कमरे में कोई नहीं था उनके अलावा, तो मैं नाश्ता देने के लिए गया | जैसे मैं कमरे में घुसने को हुआ तो मैंने देखा कि टी.वी. पे हॉट सीन चल रहा था और दोनों का हाँथ एक दूसरे के पाजमे के ऊपर से उनकी चूत पर रखा हुआ था | मुझे आता देख दोनों जल्दी से अपना हाँथ हटा लिया लेकिन मैं समझ गया था कि कुछ तो गड़बड़ है दया | हम तीनों की अच्छी दोस्ती थी मतलब हम तीनों एक दूसरे को अपनी सब बातें बताते थे जो बताने वाली होती थी | मेरी पहली गर्लफ्रेंड जब बनी थी तो पटाने में दोनों ने ही मेरी मदद की थी इससे आप समझ सकते है दोस्ती कहाँ तक होगी, और इतना ही नहीं हम तीनों ने साथ बैठके दारू भी पी है एक बार और लाके मैंने ही दी थी |

मैंने सोचा इनसे डायरेक्ट पूछूँगा तो कुछ बताएँगी नहीं इसलिए मैंने उनसे दोपहर में कहा अच्छा फिर से दारू पीनी है क्या ? तो उसने कहा हाँ यार छोटे, तो मैंने कहा ठीक है मेरे पास रखी है ऊपर वाले कमरे में | तो हम तीनों ऊपर वाले कमरे में गए और उसके बाद हम तीनों ने दो दो पेग मारे और उसके बाद मेरे कमरे में आके बैठ गए | सब लोग नीचे थे और दोपहर का वक़्त था तो शायद सो रहे होंगे और इससे अच्छा मौका नहीं था मेरे पास | हम तीनों बैठके बातें करने लगे और बातों बातों में मैंने कहा अच्छा सुबह जो मैंने देखा वो क्या था ? तो उन्होंने कहा क्या ? मैंने कहा अरे जो सुबह दोनों एक दूसरे के नीचे हाँथ रखके बैठी थी वही | तो उन्होंने कहा नहीं ऐसा तो कुछ नहीं हुआ था, मैंने कहा अरे बता भी दो मैंने खुद देखा है |

तो उन्होंने ने बताया कि हम दोनों का जब मन बहुत मचलता है तो एक दूसरे से ही अपनी प्यास बुझा लेते है | मैंने कहा कभी मुझे भी याद कर लिया करो, तो दोनों मुझे घूरने लगी जैसे खा जाएँगी और फिर दोनों ने एक दूसरे को देखा और कहा आज़मा के देखें क्या ? तो रेशमा नीचे घुटनों पर बैठी और मेरा चड्डा और चड्डी उतार के मेरा लंड सहलाने लगी | मेरा लंड जल्दी से खड़ा हो गया और रेशमा ने उसे चूसना भी शुरू कर दिया और हुस्ना वहीँ बैठके उसे ये सब करते हुए देखती रही | रेशमा ने थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसा और उसके बाद हुस्ना ने अपनी लैगी और पैंटी थोड़ी नीचे तक उतारी और टाँगे उठा दी, तो मैं लंड लेके उसके पास गया और उसकी चूत पे थूक लगाके उसकी चूत पे लंड रगड़ने लगा | उसकी चूत में थोड़े थोड़े बाल थे लेकिन चूत बिलकुल गोरी, मैं ये सोच रहा था कि अगर चूत में बिलकुल भी बाल नहीं होते तो कितनी मस्त लगती |

Chachi ki chooth aur क्या मस्त बोबे हैं यार…

फिर मैंने उसकी चूत में लंड डाल दिया और उसको चोदने लग गया | मैं उसको चोद रहा था और रेशमा नीचे से मेरे गोटे पकड़ के प्यार से दबा रही थी | तभी मैंने हुस्ना को चोदते हुए रेशमा से पूछा तुम्हें नहीं चाहिए तो उसने कहा अभी नहीं बाद में और फिर मैं हुस्ना को चोदता रहा और वो यह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह यह्ह्ह अह्ह्ह्ह हह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआअ ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अय्य्हह्ह्ह अय्ह्हह्ह ह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह करती रही | उसको चोदते चोदते मेरा मुट्ठ निकलने को हुआ तो मैंने लंड बाहर निकाला और रेशमा के मुँह पर गिरा दिया |

हुस्ना ने कहा ली मेरी और गिराया उसके ऊपर, तो मैंने कहा ठीक है अगली बार उसकी लूँगा और तुम्हारे ऊपर गिरा दूंगा | तो ऐसे ही मैंने एक दिन रेशमा और हुस्ना दोनों की साथ में मारी और आज भी जब रेशमा घर आती है तो हम सैक्स सैक्स खेल लेते है क्यूंकि हुस्ना का निकाह हो चुका है तीन महीने पहले | मगर दोस्तों मेरी सैक्स का कारवाँ यहीं ख़त्म नहीं होता है मैंने अपने घर में सिर्फ अपनी बुआ की लड़कियों को नहीं चोदा है, मैंने अपनी चची को भी चोदा है तीसरे नंबर वाली चाची को | तो हुआ कुछ यूँ कि मेरे तीसरे चाचा का कांच का काम है और उसके सिलसिले में उनका बाहर आना जाना होता रहता है लेकिन बात सिर्फ इतनी नहीं है उनका किसी और औरत से चक्कर भी है इसलिए चाची बदला लेने के लिए दूसरे से चुदवाती रहती है जिसमें से एक मैं भी हूँ |

मुझे बहुत पहले के दोस्त से खबर मिली थी कि चाची एक जगह जाती है किसी से मिलने और एक दिन मैंने पीछा किया और उनका वीडियो भी बना लिया | फिर जब मैंने चाची को वो वीडियो दिखाया और उनसे पूछा कि कौन है ये ? और आप क्यों करती हो ? तो चाची ने रोते हुए पूरी कहानी मुझे बताई कि चाचा उनको चोदते नहीं है और उनसे रूठे रहते है, कभी ठीक से बात नहीं करते और उनका किसी और औरत से चक्कर भी है | फिर उन्होंने कहा औरतों की भी कुछ ज़रूरतें होती है और अगर वो घर में पूरी न हो तो उन्हें बाहर जाना पड़ता है |

तो मैंने कहा चाची कभी चाचा से प्यार से बात करके देखो मान जायेंगे और ये बाहर किसी गैर मर्द से ताल्लुक रखना गलत बात है | तो चाची ने कहा मैंने बहुत कोशिश की है छोटे लेकिन तेरे चाचा नहीं मानते और अगर मेरी ख्वाहिशें तेरे चाचा नहीं पूरी करेंगे तो कौन तू करेगा ? तो मेरे मुँह से हाँ निकल गया और चाची ने एक पल के लिए मुझे देखा और उठके अन्दर अपने कमरे में चली गई | मैं सोच रहा था कि क्या चाची गुस्सा हो या अन्दर इसलिए गई है ताकि मैं उनके पीछे पीछे उनके कमरे में जाऊं और उनकी ख्वाहिशें को पूरा करूँ |

तो मैंने दूसरा आप्शन चुना और उनके कमरे में पहुँच गया | चाची रो रही थी तो मैंने उनका सिर अपने कंधे पे रखा और उनको चुप कराने लगा लेकिन वो चुप नहीं हुई | तो मैंने भी मौके का फायेदा उठाते हुए अपना लंड बाहर निकाला और चाची से कहा चूस लो अब | चाची ने एक पल कुछ सोचा और फिर मेरा लंड चूसने लग गई | चाची मेरा लंड चूस रही थी तभी मेरी नज़र दरवाज़े पे पड़ी, तो मैंने देखा कि दरवाज़ा खुला है मैंने चाची से कहा रुको एक मिनिट और जल्दी से भाग के दरवाज़ा बंद किया और वापस आके फिर से उनके मुँह में लंड डाल दिया | चाची ने थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसा और उसके बाद मैंने उनका मुँह पकड़ा और उनके मुँह में ही लंड आगे पीछे कर के उनके मुँह की चुदाई करने लगा | फिर वो वहीँ रखे पलंग पे लेट गई और मैंने उनकी सलवार उतार दी और पैंटी भी |

उनकी चूत देखके मेरे मुँह से सिर्फ एक बात निकली या खुदा | उनकी चूत बिलकुल चिकनी शेव की हुई थी और चाची का फिगर भी मस्त था तो उनकी कमर से लेकर नीचे तक का नज़ारा लाजवाब था | उनकी चूत देखकर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उनकी चूत चाटना शुरू कर दी | मैंने कुछ देर तक उनकी चूत चाटी और उसके बाद अपना लंड अन्दर डालके उनको चोदने लगा | चाची चद्दर जोर से पकड़कर यहह यह्ह्ह य्याह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आआ यहह यह्ह्ह य्ह्ह्हह य्ह्ह्ह कर रही थी |

फिर मैं चोदते हुए चाची के ऊपर लेट गया और उसी तरह उनको चोदता रहा और फिर चाची को किस भी करने लगा | चाची बहुत दिनों के बाद ठुकी थी क्यूंकि उनकी चूत बहुत टाइट लग रही थी और वो सिसकारियाँ भी ऐसे ले रही थी जैसे बहुत दर्द हो रहा हो | मैं फिर उसी तरह उनको चोदता रहा और वो यहह यह्ह्ह य्याह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आआ यहह यह्ह्ह य्ह्ह्हह य्ह्ह्ह करती रही | फिर जब मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने सारा माल अन्दर ही गिरा दिया और लंड बाहर निकालके उनके ऊपर लेट गया और किस करता रहा | फिर जब मैं उठा तो देखा कि चाची की चूत से मेरा माल बह रहा है |

उसके जब भी हमें मौका मिलता था तो हम भी सैक्स सैक्स खेल लिया करते थे |

The post ये मेरा घरेलु मामला है appeared first on Antarvasna.

]]>
शादी भी हुयी और चुदाई भी https://sexstories.one/shaadi-aur-chudai/ Sun, 24 Oct 2021 12:07:04 +0000 https://sexstories.one/?p=3109 जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी टीचर साहब आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है। अब मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए धक्का देना शुरू किया। मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी क्योंकि जगह बहुत  कम थी इस वजह से मैं उसे तेजी से धक्के नहीं दे पा रहा था...

The post शादी भी हुयी और चुदाई भी appeared first on Antarvasna.

]]>
sex stories in hindi, Shaadi aur chudai ki kahani मेरा नाम राजेश है और मैं एक अध्यापक हूं। मेरी उम्र 40 वर्ष है और मैंने अभी तक शादी नहीं की है। मुझे पहले एक लड़की से प्रेम था जब मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था। मैं उससे बहुत ही ज्यादा प्रेम करता था और वह भी मुझसे बहुत प्रेम करती थी। मेरी मुलाकात उससे कॉलेज में ही हुई थी और उस से मेरी मुलाकात मेरे एक दोस्त ने करवाई थी। जब भी मैं इस बात को याद करता हूं तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है और सोचता हूं कि वह दिन कितने अच्छे थे, जब मैं अपने कॉलेज में था और मुझे किसी भी प्रकार की कोई चिंता नहीं थी।

मैं एक लड़की से प्रेम भी करता था और वह भी मुझसे प्रेम करती थी। परंतु एक दिन उसने मुझे बताया कि मेरे घर वालों ने मेरे लिए कहीं कोई रिश्ता देख लिया है और मैं वही शादी कर रही हूं। क्योंकि मैं अपने घर वालों के खिलाफ नहीं जा सकती इस वजह से मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती। मुझे उस दिन बहुत ही ज्यादा बुरा लगा और उसके बाद मैंने फैसला कर लिया कि मैं अब कभी भी शादी नहीं करूंगा। क्योंकि मैं उससे दिल से प्रेम करता था लेकिन उसने मेरे साथ गलत किया। जो कि मुझे बहुत ही बुरा लगा।

उसके बाद मैंने दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब मैं शादी कभी नहीं करूंगा। मेरे घर वालों ने भी मुझे कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था कि मैं अब किसी से शादी करूं। अब मैंने ठान लिया था कि मैं अपना जीवन अकेले ही जी लूंगा। अब मैं सिर्फ बच्चों को पढ़ाने में ही लगा रहता हूं। कोई भी गरीब बच्चे होते हैं तो मैं उन्हें फ्री में ही ट्यूशन पढ़ा दिया करता हूं। जिससे कि उनके मां-बाप भी बहुत खुश हो जाते हैं और मुझे भी अंदर से एक खुशी मिलती है। मुझे बहुत अच्छा लगता है जब मैं किसी को पढ़ाता हूं लेकिन अब मेरा ट्रांसफर दूसरी जगह हो चुका था इसलिए मुझे वहां जाना पड़ा।

जब मैं अपने पुराने स्कूल से जा रहा था तो सब बच्चे बहुत दुखी थे और कह रहे थे कि हमें आपकी बहुत याद आएगी। मैंने उनसे उनका नंबर भी ले लिया और जिससे भी मेरा संपर्क था उन सबके मैंने नंबर ले लिए। ताकि मैं उनसे संपर्क में रह सकूं। मैंने अपनी ट्रेन की टिकट करवा ली थी और मैं ट्रेन में ही जाने वाला था। अब मैं जब स्टेशन पहुंचा तो मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन फिर भी मैं ट्रेन में बैठ गया और जब मैं ट्रेन में बैठा तो थोड़ी देर तक मैं अपने पुराने स्कूल के बारे में सोच रहा था और यह भी सोच रहा था कि अब मैं जिस नए स्कूल में जाऊंगा वहां पर सब बच्चे कैसे होंगे।

मेरे सामने की सीट पर एक पति पत्नी आ गए और वह मेरे सामने की सीट पर बैठ गये। वह व्यक्ति बहुत ज्यादा क्रूर किस्म के प्रतीत हो रहे थे। उनकी शक्ल से ही क्रूरता झलक रही थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि आपका क्या नाम है और आप क्या करते हैं। मैंने उन्हें बताया कि मैं एक अध्यापक हूं और सरकारी स्कूल में पढ़ता हूं। मेरा ट्रांसफर हो चुका है। इसलिए मैं दूसरी जगह जा रहा हूं। वह मुझे कहने लगे कि मैं भी एक सरकारी कर्मचारी हूं और मैं भी अपने कुछ काम से जा रहा हूं। मैंने भी उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम मुझे प्रभाकर बताया। वह मुझसे बहुत बातें किए जा रहे थे।

मेरा मन उनसे बात करने का बिल्कुल भी नहीं था। परंतु वह फिर भी मुझसे बातें किए जा रहे थे और मुझे ना चाहते हुए भी उनकी बातों का जवाब देना पड़ रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद मुझे गलत सीट मिल गई है और यह तो मेरा दिमाग ही खराब कर देंगे। परंतु फिर भी मैं उनसे बात करता रहा और कोशिश करता था कि उनसे जितने कम बात हो उतना ही ठीक है। क्योंकि अब वह बहुत ज्यादा मुझे पकाने लगे थे लेकिन उनकी पत्नी बिल्कुल ही शांत बैठी हुई थी और वह बिल्कुल भी बात नहीं कर रही थी। जब मैं उनके चेहरे पर देख रहा था तो मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वह कुछ परेशान सी हो। परंतु फिर भी मैं उनसे पूछ नहीं सकता था लेकिन उनके चेहरे के हाव भाव साफ बता रहे थे कि वह परेशान हैं। कुछ देर बाद ट्रेन में चाय बेचने वाला एक व्यक्ति आया और प्रभाकर ने उनसे चाय ली। उन्होंने अपनी पत्नी को चाय दी।

Chudai ki kahani ट्रैन में माँ को अजनबी ने चोदा

तभी उनकी पत्नी के हाथ से वह गिलास उनके ऊपर गिर गया और जैसे ही वह गिलास उनके ऊपर गिरा तो वह आग बबूला हो गए और अपनी पत्नी को अनाप-शनाप कहने लगे। अब मुझे सारी कहानी समझ आ गई थी कि वह अपनी पत्नी से बिल्कुल भी प्रेम नहीं करते थे और उन पर फालतू में ही गुस्सा हो रहे हैं। इतने लोगों के सामने बात का बतंगड़ बनाना उचित नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को कुछ ज्यादा ही डांट दिया। थोड़े समय बाद वह गुस्से में ऊपर वाली सीट पर चले गए और वहीं सो गए।

जब वह सो रहे थे तो तब उनकी पत्नी ने मुझसे बात की और मैं भी उनसे बात करने लगा। मैंने उनसे पूछा क्या यह आपके साथ अच्छे से बर्ताव नहीं करता है। वह कहने लगी इनका स्वभाव बहुत ही गुस्से वाला है। मुझे बहुत ही डर लगता है कि कहीं यह मुझे लोगों के सामने कुछ अनाप-शनाप ना कह दे। इस वजह से मैं चुप ही रहती हूं। मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने मुझे अपना नाम शकुंतला बताया। वह मुझसे बहुत बातें करने लगी और उनके पति ऊपर सोए हुए थे। उनकी बातों से मुझे प्रतीत हो रहा था कि वह अपनी शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं है और बहुत ही ज्यादा परेशान प्रतीत हो रही थी। हम लोग अब काफी देर तक बात कर रहे थे। उसके बाद प्रभाकर अपनी सीट से उतरकर नीचे आ गए और जब वह नीचे आए तो उनकी पत्नी चुपचाप से कोने में बैठ गई और अब वह मुझसे बात नहीं कर रही थी।

ऐसे ही सफर बीता जा रहा था। मुझे पता भी नहीं चला कब रात होने लगी। क्योंकि वह घटनाक्रम ही ऐसा चल रहा था पहले प्रभाकर मुझसे बात कर रहे थे, उसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को डांट दिया और फिर उनकी पत्नी का मुझसे बात करना। ऐसे ही चलता रहा और कब रात हो गई। मुझे पता भी नहीं चला। मैंने खाना खाया और उसके बाद मैं भी नीचे ही सो गया। अब सब लोगों ने लाइटें बंद कर ली। सब लोग सो रहे थे और तभी प्रभाकर बहुत तेज तेज खराटे लेने लगे। उन्होंने पूरी ट्रेन में अपने खराटो की आवाज से सब को परेशान किया हुआ था। जिसकी वजह से मुझे हल्की सी नींद आती और उसके बाद उनके खराटे तेज हो जाते तो मेरी नींद खुल जाती। मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था और ऐसा लग रहा था उनके मुंह पर एक मुक्का मार दूं।

मुझे नींद नहीं आ रही थी और थोड़े समय बाद शकुंतला भी उठ गई। जब वह उठी तो उसके स्तन बाहर की तरफ दिखाई दे रहे थे। मैंने तुरंत ही उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु कर दिया अब मेरा मूड पूरा खराब हो चुका था। मैंने उसे अपनी सीट पर ही बुला लिया और मैंने उसके स्तनों को उसके सूट से बाहर निकालकर चूसना शुरू कर दिया। मै बड़े ही अच्छे से उसके चूचे चूस रहा था वह भी पूरी उत्तेजना में आ गई। उसने अपने सलवार को नीचे करते हुए मेरी तरफ अपनी गांड कर दी। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया और मैं उसे चोदने लगा।

जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी टीचर साहब आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है। अब मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए धक्का देना शुरू किया। मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी क्योंकि जगह बहुत  कम थी इस वजह से मैं उसे तेजी से धक्के नहीं दे पा रहा था परंतु फिर भी मैं उसे बड़ी तेजी से चोद रहा था। उसका शरीर पूरा गरम हो चुका था उसे भी बहुत मजा आ रहा था। वह भी अपने चूतडो को मुझसे मिला रही थी। मैंने उसे इतने धक्के दिए कि उसके गले से आवाज निकलने लगी और वह अपनी मादक आवाज से मुझे उत्तेजित करने लगी। उसकी उत्तेजना भी अब चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी और मेरी उत्तेजना भी मेरे लंड के टोपे तक पहुंच चुकी थी। मैं उसे बड़ी तीव्रता से धक्के देता तो वह मादक आवाज निकालती। थोड़े समय बाद उससे भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मुझसे भी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर बड़ी तेजी से गिर गया।

जैसे ही मेरा वीर्य उसकी योनि में गया तो उसने तुरंत अपने सलवार को ऊपर करते हुए अपनी सीट में लेट गई।

The post शादी भी हुयी और चुदाई भी appeared first on Antarvasna.

]]>