choot chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/choot-chudai/ Hindipornstories.org Thu, 17 Mar 2022 10:04:48 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 नेहा की कुंवारी चूत https://sexstories.one/neha-ki-kunwari-choot/ Thu, 17 Mar 2022 10:04:48 +0000 https://sexstories.one/?p=5164 मैंने उसके मम्मे चूसने शुरू किए और वो बिल्कुल गर्म हो गई थी, उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था और वो मेरी बाँहों में झूलने लगी, मैंने उसे उठा कर बेड पर लिटा लिया...

The post नेहा की कुंवारी चूत appeared first on Antarvasna.

]]>
Kunwari Choot ki Chudai ki kahani – दोस्तो, मेरी जिन्दगी में भी ऐसा एक मौका आया जब मैंने बारहवीं कक्षा की पढ़ाई के लिए स्कूल जाना शुरू किया था। मेरे स्कूल का रास्ता एक ऐसी कालोनी से होकर गुजरता था जहाँ पर जयादातर लोग व्यापारी थे, उन घरों में आदमी सुबह जल्दी दुकानों पर चले जाते थे और देर शाम तक घर आते थे।

स्कूल से आते समय एक घर की खिड़की में एक लड़की अक्सर बैठी दिखाई देती, शुरू शुरू में तो ज्यादा ध्यान नहीं दिया पर कुछ ही दिनों में ऐसा लगने लगा कि वो भी मुझे देख कर मुस्कुरा देती है और नीचे देखने लगती है।

मुझे बहुत मज़ा आने लगा और यह हर रोज़ का काम हो गया, हम एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराते, हाथ से इशारा करते और मैं अपने घर आ जाता।

एक दिन वो मुझे बैठी नहीं दिखाई दी तो मेरे मन जैसे बेचैन हो गया और दिल में बुरे बुरे ख्याल आने लगे कि कहीं किसी ने हम दोनों को इशारे करते हुए देख तो नहीं लिया और मैं अचानक उसके घर के सामने खड़ा हो गया कि शायद वो अभी आ जाएगी।

मैं लगभग आधा घंटा खड़ा रहा, पर वो नहीं आई।

उस रात मुझे नींद नहीं आई, सोचा कि चलो कल मुलाकात हो जाएगी, पर वो अगले दिन भी नहीं दिखाई दी तो दिल में एक दर्द सा का एहसास हुआ।

पर मेरी भी लाचारी थी और मैं घर आ गया।

कहते हैं सबर का फल मीठा होता है और मुझे भी शायद मीठा फल ही मिलना था।

अगले दिन मैं बुझे मन से स्कूल से आ रहा था कि वो मुझे उसे खिड़की में बैठी दिखाई दी, उसने मुझे देखा पर उसके देखने में वो चमक नहीं थी, बस हल्के से मुस्कुराई और उठ कर चली गई।

मेरा मन जैसे तड़प उठा क्यूंकि मुझे ऐसा लग रहा था कि कुछ न कुछ बात जरूर है पर मैं उससे पूछ नहीं सकता था।

खैर अगले दिन वो बैठी दिखाई दी, मैं भी थोड़ा दूर खड़ा हो गया और उसे मिलने का इशारा किया, वो भी जैसे तैयार बैठी थी, उसने खिड़की से नीचे एक कागज़ फेंका और अन्दर चली गई।

मैंने भाग कर वो उठाया और तेज़ कदमों से अपने घर आ गया और वो कागज़ खोल कर पढ़ा तो जैसे मुझे तो जैसे भगवान् मिल गया हो, उसमें उसने अपना मोबाइल नंबर लिखा था और बताया था कि रात को दस बजे के बाद ब्लैंक मेसेज कर देना, अगर मेरा जवाब आ गया तो हम चैट करेंगे।

मैं तो बस दस बजने का इंतज़ार करने लगा, और ठीक दसे बजे उसे ब्लैंक मेसेज कर दिया।

मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा पर दो तीन मिनट के बाद एक मेसेज आया जिसमें उसने अपना नाम लिखा था और मेरा पूछा था। दोस्तो, हमारा बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया था और हम दोनों देर रात तक मेसेज से बात करते और सो जाते।

बातों में हम बहुत खुल गए थे और सेक्सी बातें भी करने लगे थे। उससे बात करके मुझे ऐसा लगता था कि जैसे वो सेक्स के लिए उतावली है, शायद उसने ब्ल्यू फिल्में देख रखी हैं…

Chudai story घोड़ी बन गयी बबिता

दोस्तो, मैं बता दूँ कि उसका नाम मेघा था और वो भी बारहवीं कक्षा की छात्रा थी पर उसका स्कूल अलग था।

उसने बताया कि उसके मम्मी पापा दोनों काम से बाहर जाते हैं पर मम्मी जल्दी आ जाती हैं। शनिवार के दिन मम्मी लेट आती हैं क्यूँकि उनको घर का सामान लेन के लिए मार्किट जाना पड़ता है।

हमने शनिवार को मिलने का प्रोग्राम बनाया, देखते देखते शनिवार भी आ गया और मैं स्कूल से थोड़ा जल्दी आ गया क्यूंकि मुझे मेघा के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना था, वो भी जैसे बेसबरी से मेरा इंतज़ार कर रही थी, उसने इशारा किया और मैं सीधा ऊपर चला गया, उसने दरवाजा खोल के रखा था, मैं सीधा अन्दर गया और दरवाज़ा बंद कर दिया।

उसने मुझे सोफे पैर बैठने का इशारा किया पर मुझे सबर कहाँ था, मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने सीने से लगा लिया और उसे चूमने लगा।

उसने कहा- सांस तो ले लो!

पर मुझे तो जैसे होश ही नहीं था, मैं उसे दीवानों की तरह चूमे जा रहा था, मेरे हाथ उसके मम्मे दबाने लगे थे और मेरा लंड खड़ा हो चुका था, उसे शायद मेरा लंड चुभने लगा था, वो थोड़ा पीछे हुई तो मैंने उसे जोर से अपने से सटा लिया और जोर से उसके मम्मे दबाने लगा।

उसके होटों को तो जैसे मैं खा जाना चाहता था, बहुत रस भरी थी मेघा!

अब तक मेघा भी गरम होने लगी थी और मेरा साथ देने लगी, उसका हाथ मेरी पैंट पर गया और उसने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगी।

लंड पकड़ कर तो वो और भी मस्त हो गई थी उसके मुख से सिसकारी निकलने लगी थी, मैंने आपना लंड उसके नरम होंटों पर लगाया तो पूरा लंड अपने मुंह में ले गई और जोर से चूसने लगी।

इतने में मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए थे और स्कर्ट उतार दी थी, वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में मेरे मेरा लंड चूस रही थी। मैंने उसकी ब्रा खोल कर उतार दी।

यारो, इतनी मस्त लड़की मैंने पहली बार देखी थी, और सही तो यह है कि इस हालत में लड़की ही पहली बार देखी थी।

मैंने उसके मम्मे चूसने शुरू किए और वो बिल्कुल गर्म हो गई थी, उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था और वो मेरी बाँहों में झूलने लगी, मैंने उसे उठा कर बेड पर लिटा लिया और उसके ऊपर आकर उसका नंगा बदन चूमने लगा।

दोस्तो, वो मुझे ऐसे लग रही थी जैसे माखन में मिसरी मिली हो, उतनी ही चिकनी और उतनी ही मीठी… मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला और उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा।

वो जैसे मचल उठी और बेकाबू हो कर मुझसे लिपट गई, उसकी चूत बहुत भीगी हुई थी, मैंने उसकी पेंटी उतार दी और अपने होंठ उसकी भीगी चूत पर रख दिए, उसकी चूत की खुशबू से मैं भी दीवाना हो गया था, बस अब रुका नहीं जा रहा था और मैं अपना लंड उसकी कुंवारी चूत में डालना चाहता था।

वो बहुत मस्त हो रही थी पर शायद चुदाई से डर रही थी।

मैंने उसके कान में कहा- डरो नहीं, इसमें बहुत मज़ा है।

मेरे कहने पर वो मान गई, मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जोर से धक्का दिया, वो चिल्लाने लगी और चूत से लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, पर मुझे पर तो जैसे काम सवार था मैंने उसे जोर से पकड़े रखा और अपना लंड उसकी चूत से निकलने नहीं दिया बल्कि उस पर लेट कर उसके मम्मे चूसने और दबाने लगा।

वो कुछ देर में ही अपना दर्द भूल कर मेरा साथ देने लगी, मैंने भी मौका देखा और उसकी चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा, वो भी अपने चूतड़ उठा कर चुदाई में साथ देना लगी, पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से गूंजने लगा।

दस मिनट के बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया और उसके नरम नरम पेट पर अपना वीर्य गिरा दिया।

कुछ देर बाद उसने मुझे बताया कि थोड़ी देर में ही उसकी मम्मी आ जाएगी तो मुझे अब जाना चाहिए।

मन तो नहीं कर रहा था लेकिन मज़बूरी थी और मैं वहाँ से अपने घर आ गया, उसके बाद तो जैसे हर शनिवार को हम हनीमून मनाने लगे। उसने बताया कि उसके चाचा की लड़की भी छुट्टियों में आ जाएगी..

दोस्तो आगे की बात अगली कहानी में!

The post नेहा की कुंवारी चूत appeared first on Antarvasna.

]]>
बन गया मैं बहन का पति https://sexstories.one/behanchod-bankar-behan-ko-choda/ Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 https://sexstories.one/?p=4368 मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा..

The post बन गया मैं बहन का पति appeared first on Antarvasna.

]]>
Behanchod – Ban Gaya Behan Ka Pati – एक बार मैं अपनी मामी की लड़की यानि मेरी दीदी के यहाँ मुंबई गया। मेरी दीदी के घर में तीन लोग थे। मेरी दीदी, जीजा जी और उनका तीन साल का एक लड़का। मेरी दीदी का नाम सोनी है। उसकी उम्र 28 साल थी फिगर 36-30-38 था। वह बहुत सेक्सी लगती है, जब चलती तो ऐसा लगता कि दिल पर छुरियाँ चला गई। उसकी गांड बहुत ही मस्त और मोटी है। उस पर उसका गोरा बदन और मोटे मोटे बोबे ! उसको देखते ही ऐसा लगता था कि बस कैसे भी इसे चोद डालूँ !

अब मैं असली बात पे आता हूँ। जीजा जी बहुत शराब पीते थे इसीलिए वो बहुत परेशान रहती थीं। एक दिन कुछ ऐसा हुआ जो शायद दीदी और मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। हुआ यूँ कि जीजा जी ऑफिस से आये और मुझसे कहा- आ आज शराब पियेंगे।

मैंने मना किया पर वो नहीं माने और मुझे उनके साथ बैठना पड़ा। उन्होंने एक शराब की बोतल निकाली और हम पीने लगे। हम लगभग पूरी बोतल पी गए। जीजा जी को बहुत नशा हो गया था। हमने खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।

अचानक रात में मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी।

मैं उठा और दीदी के कमरे की खिड़की से देखने लगा कि कुछ हुआ तो नहीं है।

तभी मैंने देखा कि जीजा जी ने दीदी की साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी पैंटी को उसके बदन से अलग कर दिया और अपना लंड पेल दिया उसकी बुर में। जीजा जी का लंड बहुत छोटा था। दो मिनट बाद ही जीजा जी झड़ गए और वहीं नशे में सो गए।

दीदी की आँखों में आँसू थे, वो उठी और कमरे से बाथरूम जाने लगी कि अचानक उन्होंने मुझे देख लिया। मैं भी वहाँ से चला गया और रात भर उनकी बुर के बारे में सोचता रहा। उसकी चूत क्या मस्त थी ! बिल्कुल गुलाबी ! एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर ! उसे सोचते सोचते ही मैं तो जैसे पागल हो गया। मैंने रात में मुठ मारी और सो गया।

सुबह जब उठा तो पता लगा कि जीजा जी दस दिनों के लिए पुणे गए हैं। मैं और दीदी एक दूसरे को देख रहे थे।

मुझे उसके पतली कमर के साथ डोलते हुए चूतड़ बहुत विचलित करते थे, मैं सोचता था कि उसे नंगी करने के बाद उसके गोरे गदराये चूतड़ कितने प्यारे लगेंगे.. उन्हें सहलाने में और दबाने में कितना मजा आएगा ! और कमर से ऊपर नज़र जाते ही.. उफ़ उसकी भरी हुई छातियाँ.. उसके स्तन एकदम कसे हुए थे.. एक बच्चे की माँ लेकिन स्तन जैसे बीस साल की कुंवारी लड़की के.. 36 साइज़ होगा उनका.. दोनों उसके ब्लाऊज़ या कुरते के अन्दर एक दूसरे से चिपके हुए रहते थे.. जिसके कारण उसके बीच की घाटी बहुत ही उत्तेजक दिखाई देती थी। सब कुछ मिला कर मेरे जैसे कामी पुरूष के लिए वो एक विस्फोटक औरत थी…

अब मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे अलग नजरों से देखना शुरू कर दिया था। शायद वह मेरी नजरों की भाषा समझ रही थी। हम दोनों एक दूसरे से खुल कर बातें करने लगे थे। जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। सूट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुंह में पानी आ जाता था।

एक रात मैं दीदी के कमरे में झांक रहा था तो जो देखा उससे मेरे रोंगटे खड़े हो गए ! दीदी टीवी पर ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत को जोर जोर से अपने हाथों से रगड़़ रही थी ! मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया, मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं खड़े खड़े मुठ मार कर उसे शांत किया।

मैं समझ गया कि जीजा जी से दीदी की बुर शांत नहीं होती है, वो प्यासी है उसकी बुर में आग लगी है और मेरा काम बन सकता है।

एक दिन मैं सोने के लिये बेडरूम में आ गया तो देखा की दीदी अपनी गैलरी में खड़ी थी। मैंने सोचा कि मौका अच्छा है। फ़िर तुरन्त ही अपना पैन्ट उतार कर, वो मुझे देख सके, उस तरफ़ मुँह करके अपने लण्ड को तेल लगा-लगा कर मालिश करने लगा।

जैसे ही उसने मुझे नंगा देखा, तुरन्त अपने कमरे में भाग गई। दोस्तो, मेरा लण्ड अगर किसी भी औरत या लड़की ने देखा तो चखने का मन बन ही जाता है। फ़िर मैंने खिड़की के काँच से देखा तो पता चला कि वो दरवाजे के पास कुर्सी डाल कर चुपके से मेरे कमरे में झांक रही थी।

मैंने सोचा कि मेरा काम हो गया। अब दीदी की आँखों में मुझे वासना नज़र आने लगी थी, बस मैं मौके के इंतज़ार में था।

एक दिन वो मेरे पास आई और उसने कहा- मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है और मैंने एक जरूरी इमेल करनी है। क्या मैं तेरा लैपटॉप प्रयोग कर सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !

मैंने कहा- दीदी, आप बैठिये, मैं लैपटॉप देता हूँ !

मैंने ऐसे ही लैपटॉप पकड़ा दिया। जैसे ही उन्होंने लैपटॉप देखा तो दीदी का चेहरा लाल हो गया, उसने झिझकते हुए कहा- भैया, तुम ही वेब साईट खोल कर दे दो।

मैंने लैपटॉप लिया तो देखा कि नंगी वेब साइट्स खुली हुई थी, मैं घबरा गया और बोला- सॉरी, यह लीजिये ! अब सब ठीक है !

दीदी बोली- शादी नहीं हुई है तो खूब ऐश हो रही है?

मैंने कहा- मन तो बहुत करता है मगर कुछ भी नहीं कर पाता, सिर्फ इन्टरनेट का ही सहारा है !

उसने कहा- क्या तुम मुझे इन वेब साइट्स के लिंक लिख कर दे सकते हैं?

मैं हैरान रह गया ! मैंने कहा- क्या दीदी?

वो बोली- हाँ ! वो असल में तुम्हारे जीजा जी को दिखानी हैं, शायद ये देख कर वो थोड़ा रोमांटिक हो जायें !

मैंने पूछा- क्यों? क्या वो अभी रोमांटिक नहीं है?

तो दीदी बोली- रोमांटिक का र भी नहीं आता उनको ! रात को आते हैं, शराब पीते हैं और मेरे हाथों में अपने छोटे से लंड को देकर कहते हैं- हिला दो ! मैं उसे झरवा देती हूँ और फिर वो सो जाते है। मेरे अरमान और बदन की गर्मी वहीं की वहीं रह जाती है। मैंने कई बार कोशिश की, मगर वो समझते ही नहीं ! कहते है कि बहुत थक गया हूँ।

शादी से लेकर आज तक बस बहुत कम ही हमने सेक्स किया है जिसमें वो पूरा अन्दर तक भी नहीं जाता।

वो बोली- अंकित, ये मेरी बहुत व्यक्तिगत बातें हैं, किसी को नहीं बताना ! मैं तुम्हे ये सब बता रही हूँ कि तुमने रात सबकुछ देख लिया था।

मैंने घबरा कर कहा- आप चिंता मत करो !

मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है, हथौड़ा मारने की देर है।

फिर वो बोली- मेरा काम हो गया है, मैं चलती हूँ अपने रूम में सोने को। तुम भी सो जाओ।

पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको !

और कह के अपनी जींस नीचे कर दी, मेरा नौ इंच का लंड खड़ा हुआ फुफकार रहा था। वो पलटी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, पसीना उसके गाल से बहने लगा और चेहरा लाल हो गया। वो मेरे पास आई, मेरी आँखों में गुस्से से देखा और मुझे जोरदार थप्पड़ मार दिया।

मैं बहुत घबरा गया, शायद मैंने उसकी बातों से गलत समझ लिया था कि वो मेरे साथ अपनी प्यास बुझा लेगी। मुझे लगा कि अब मेरी बदनामी कर देगी ये !

मगर वो बोली- तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में??

मेरी सांस में सांस आई और जान में जान ! गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और दीदी को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा। मेरा हाथ उनके कुरते में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे।

उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी, एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी। मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक सैंकड़ों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए।

वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी। उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽ ऊऽऽऽ… म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द… म्म्मम्म्म्म… आआआअ… यही आवाजें निकल रही थी।

मैंने पंद्रह मिनट तक उनके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी। मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर रगड़ रही थी। लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में लो !

तो वो फट से तैयार हो गई और मेरा नौ इंच लम्बा लंड देख कर बोली- तुम्हारा तो बहुत लम्बा है, और मोटा है, बिल्कुल काला नाग है ये, तुम्हारे जीजा जी का तो छोटा सा ही था।

मैंने कहा- लम्बे लंड से चुदने में जो मजा आपको अब आएगा वो कहीं नहीं आएगा।

वो बोली- तो जल्दी से चोद दो ना !

और मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा लंड चूसने लगी 69 की पोजिशन में।

तभी उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया और आआअह ह्ह्ह्ह्हा आआऊऊउईईइ म्म्म्म्मा करने लगी और जोर से झड़ गई। मैंने उनका पूरा पानी साफ़ कर दिया चाट चाट कर !

फिर मैंने उनसे कहा- अपना कमीज उतार दो।

तो उन्होंने उतार दिया और मैंने उनकी चूची चूसनी शुरू कर दी। वो फिर से गर्म होने लगी और आआअह्हह्ह म्मम्माआअ करने लगी और अपनी चूत रगड़़ने लगी।

मैंने उनके मुंह में अपना लंड डाला, वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए !

कुछ देर बाद मैं अपनी जीभ से उनकी नाभि चाटने लगा।

वो बोली- क्या बात है तुममें ! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की ! मैं एक अरसे से इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है।

मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था दीदी।

Desipornstory वेट्रेस के साथ गैंगबैंग

अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली ! मैंने उनकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया। वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा। मैंने उनकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उनका चिल्लाना और तड़पना !

मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो फिर पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उन्होंने पानी न झारा हो।

तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उनके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया ! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उनके होंठ बंद कर दिए और एक झटका मारा, मेरा तीन इंच लंड उनकी बुर में घुस गया। उनकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी !

अभी तीन इंच लंड ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी।

मैंने कहा- दीदी, जीजाजी ने तुमको चोदा हुआ है, फिर भी ऐसे चिल्ला रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो !

तो बोली- एक तो तुम्हारा मोटा है, दूसरा तुम्हें पता है कि उनका लंड कितना बड़ा है, जरा धीरे करो ना !

मैंने कहा- ठीक है !

तो फिर मैं फिर से धक्का लगाने लगा और उनकी चूची चूसने लगा।

मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे…

वो बोली- तुम जानवर हो ! मुझे छोड़ दो ! मेरी चूत फट गई ! मेरी जान निकल रही है, बाहर निकालो।

मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए तो वो और चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और जोर जोर से चोदने लगा। 5 मिनट बाद उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर शुरू हुआ असली चुदाई का मजा !
मैं जितनी तेज ऊपर से झटके मारता वो नीचे से उतनी ही तेजी से जवाब देती। सच दोस्तों क्या बताऊँ क्या क़यामत चुदाई चल रही थी कि तभी वो मुझसे चिपक गई और मेरे कंधे पर काटने लगी और उसने अपने नाखून मेरी पीठ में चुभा दिए। वो आअ आआ आआ आह्ह्ह्ह करती हुई झड़ गई, फिर कहने लगी- जल्दी करो अब सहन नहीं हो रहा।

मैंने भी उन्हें खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।

मैं थक कर उनके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी। दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उनकी चूत से निकाला।

मैंने प्यार से उन्हें खूब सारे और चुम्मे दिए। उनकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था। वो इतनी खुश थी कि उनकी आँखों से आँसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता !

The post बन गया मैं बहन का पति appeared first on Antarvasna.

]]>
पड़ोसी की पत्नी https://sexstories.one/padosi-ki-patni-ki-chudai/ Fri, 12 Nov 2021 08:31:16 +0000 https://sexstories.one/?p=4779 मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत की रेखाओं का स्वाद चखा, जो बहुत अधिक नमी के साथ थी और वह अपनी जांघों को हिला रही थी, जिससे उसका संभोग के पहले चरण का संकेत मिला। मैं पहले से ही तैयारी के साथ वहाँ गया था क्योंकि मेरे पास कंडोम था...

The post पड़ोसी की पत्नी appeared first on Antarvasna.

]]>
Padosi ki patni ki chudai – मैं इंदौर से जॉन हूं और यहां एक कंपनी में सॉफ्टवेयर असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हूं। यह धीमी प्रलोभन और पड़ोसी गृहिणी के साथ हॉट वाइल्ड सेक्स की कहानी है। मैं उसे हमारे स्कूल के समय से जानता हूं और हम साथ में पढ़ते रहे हैं, लेकिन कॉलेज के दौरान, उसने किसी और कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन छुट्टियों के दौरान घर वापस आ जाती थी। हां उसका नाम संध्या है और तेज विशेषताओं वाली बहुत प्यारी और खूबसूरत लड़की है। उसका आकार 34-30-34 है एक आदर्श सेक्सी फिगर!

शुरुआत में, यह हमारे बीच सिर्फ हाय और हैलो था और कई बार मुस्कुराता था। और अचानक एक दिन वह हमारे घर चली गई और एक निमंत्रण पत्र दिया कि वह अगले महीने शादी कर रही है और चाहती है कि हम इसमें शामिल हों।
ऐसा लगा जैसे मैंने शादी से पहले उसे गुनगुनाने का एक बड़ा मौका गंवा दिया लेकिन कौन जानता था कि यह हमारे बीच के समीकरण को बदल देगा।

एक दिन, मैंने उसे शादी के ठीक 3 महीने बाद छत पर एक कप कॉफी पीते हुए देखा और मैंने सिर्फ “हाय” कहा और उससे बातचीत की कि उसकी शादी और अन्य सभी चीजें कैसी हैं।

उसे इतनी दिलचस्पी नहीं लग रही थी और उसने कहा कि क्या हम कहीं बाहर एक कप कॉफी के लिए जा सकते हैं और मैंने इसे सामान्य समझा और उसे बाहर ले गया।

जब मैं बाइक चला रहा था तो वह मुझे पकड़ रही थी, हालांकि धीमी गति के कारण इसकी आवश्यकता नहीं थी जिस पर मैं सवारी कर रहा था। उसने मुझे पीछे से गले लगाया और कॉफी शॉप पहुंचने पर एक शब्द भी नहीं बोला, उसने कहा कि मैं तुम्हें लंबे समय से पसंद कर रही हूं लेकिन कभी भी इसे आपसे व्यक्त नहीं कर सकती और सोचा कि शादी के बाद मैं भूल जाऊंगा और आगे बढ़ूंगा लेकिन यह है मामला नहीं।

मैं यहाँ कुछ समय अकेले बिताने के लिए वापस आया क्योंकि मैं अपने वैवाहिक जीवन में उतना खुश नहीं हूँ और मैंने अपना हाथ मजबूती से पकड़ रखा है। मैं असमंजस में था लेकिन मेरा डिक स्पष्ट था कि मैं उसे जल्द ही बिस्तर पर लिटाने जा रहा हूं। हम वापस घर पहुँचे और अगले दिन उसके माता-पिता एक समारोह के लिए गए और वह अपने घर पर रुकी रही। मैं उसके बारे में सोच रहा था और जिस तरह से चीजें बदलीं।

शाम को एक फोन आया कि मुझे उसे रात के खाने के लिए बाहर ले जाने के लिए कहा, लेकिन मैंने कहा कि हम इसे आपके घर पर रख सकते हैं क्योंकि कोई भी हमारे पड़ोसी होने पर संदेह नहीं करेगा।

इसलिए इसकी योजना बनाई और मैं शराब की बोतल और ढेर सारी चॉकलेट लेकर पहुंचा। शुरू में हम बस बातें कर रहे थे और धीरे-धीरे एक दूसरे के करीब आ गए और हमारी जांघें छू रही थीं। इससे मेरे शरीर में एक झटका लगा और मैं अपने उठे हुए डिक में दबाव महसूस कर सकता था। वह शीशा उठाने के बहाने आगे आई और गहरी घाटी के साथ अपनी भरपूर दरार का प्रदर्शन किया। चिढ़ाने वाले स्वभाव से उसके बूब्स को मेरी नाक पर थोड़ा सा ब्रश किया और पलक झपकते ही मुस्कुरा कर किचन में चली गई।

Chudai ki kahani मां बेटी के साथ चुदाई का खेल

हां, मैं यह उल्लेख करना भूल जाता हूं कि उसने स्ट्रैपलेस ब्रा के साथ एक ढीली टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसके घुटने तक स्कर्ट थी क्योंकि यह गर्मी की गर्मी के अनुकूल था। लेकिन इसके बजाय, उसने मुझमें गर्मी बढ़ा दी थी।

मैंने बस उसका हाथ थाम लिया और एक तेज प्रतिक्रिया के साथ उसे पीछे कर दिया, वह मेरे सीने पर झुक गई और सख्त निपल्स को सहलाते हुए अपने स्पंजी स्तनों को दबा दिया।

मैंने अपना हाथ उसके कूल्हे पर रखा और उसके नरम मांस को महसूस करने के लिए शर्ट को बगल की तरफ घुमाया.. यह इतना चिकना था कि मैं उसे सुखाकर ही एक भार सह सकता था।

और मुझे नहीं पता था कि उसे क्या ले गया, उसने मुझे इतनी बेतहाशा स्मूच करना शुरू कर दिया जैसे कि वह इस पल का सालों से इंतजार कर रही हो।

हमारा स्मूच काफी देर तक चला कि हमने एक-दूसरे के होठों, सबसे छोटे और उसकी मीठी लार को भी खंगाला।

और मैंने उसकी स्कर्ट को थाम लिया और उसकी टी-शर्ट को फाड़ने के लिए अपना हाथ घुमाया और स्पंजी मांस के खूबसूरत ग्लोब पर थपथपाया, जो सबसे अच्छा चूसा जाने की प्रतीक्षा कर रहा था। उसके नुकीले निप्पल नुकीले चाकू की तरह इतने सीधे थे कि उसके उत्तेजित होने का तरीका दिखा रहे थे।

और कुछ ही समय में हम अपने कपड़े उतार कर हॉल में सोफे पर बेतहाशा किस कर रहे थे और उसने धीरे से मेरे कानों में कहा कि वह अपने कॉलेज के समय से इस पल का इंतजार कर रही है। मैंने उसके स्तनों पर बची हुई शराब डालकर और चूत को चमकाकर उसे यहाँ से ले लिया और उसे बेतहाशा चूसना शुरू कर दिया। वह अपने बेतहाशा तरीके से कराह रही थी और इस तरह के और अधिक चूसने के लिए कह रही थी क्योंकि उसने कभी भी ऐसी जंगली जीभ बकवास का अनुभव नहीं किया था।

मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत की रेखाओं का स्वाद चखा, जो बहुत अधिक नमी के साथ थी और वह अपनी जांघों को हिला रही थी, जिससे उसका संभोग के पहले चरण का संकेत मिला।

मैं पहले से ही तैयारी के साथ वहाँ गया था क्योंकि मेरे पास कंडोम था और उसे बाहर निकालना शुरू कर दिया और उसने कहा कि मैं तुम्हें कच्चा और कठोर महसूस करना चाहती हूँ इसलिए आगे बढ़ो मैं गोलियाँ ले लूँगा।

इसने मुझे ऐसी सुंदरता को बिना कंडोम के गुनगुनाने का मौका दिया। उसने मुझे लेटने के लिए कहा और मेरे सीने को पकड़े हुए मेरे ऊपर आ गई, वह मेरे सीधे लंड पर बैठ गई और पूरी ताकत से कूदने लगी और अपने 34b स्तनों को हथकंडा बनाने लगी और जब तक वह मेरी सवारी कर रही थी, मैंने उसे पकड़ रखा था।

वहाँ पर मैंने इस हॉट कुतिया को कुत्ते की शैली में चोदने और उसके चूतड़ों को पीटने की अपनी शुरुआत और कल्पना की और सही जगह पर मामूली वसा के साथ पतले कूल्हों को पकड़ना बहुत बढ़िया एहसास था।

आपको अच्छा लगेगा जब आप किसी लड़की को डॉगी स्टाइल में चोद रहे हों और वह उठकर अपनी नंगी पीठ को अपने शरीर से छू ले और आप उसके स्तन पकड़ कर उसकी गर्दन को चूम लें.. यह एक अनुभव और अवर्णनीय अनुभव है।

हमने एक-दूसरे को सोफे पर चोदना शुरू किया और उसके बाद बिस्तर पर और यहां तक ​​कि शॉवर भी अकेला छोड़ दिया। हमने एक-दूसरे को चम्मच देने की कल्पना की कोशिश की और पूरी रात उसके साथ सोए और सुबह-सुबह संध्या द्वारा घुटनों पर हाथ फेरते हुए उसकी आँखों पर मुस्कान और उम्मीद के साथ उठा।

यह तब तक जारी रहा जब तक वह अपनी माँ के यहाँ छुट्टी पर नहीं थी। हम अभी भी उसके घर या इंदौर में अपने स्नातक कक्ष में एक साथ कुछ निजी समय का आनंद लेते हैं .. अब 2 साल हो गए हैं और बिना किसी तार के अवैध और सुखद संबंध एक सुंदर अंत में आ गए क्योंकि वह गर्भवती हो गई और अमेरिका चली गई। अपने पति के साथ। मुझे यकीन है कि मैं उसकी गर्भावस्था का कारण नहीं हूं क्योंकि हमारी योजना स्पष्ट थी कि हम कोई बंधन नहीं रखेंगे और केवल शुद्ध मनोरंजन और यौन संबंध होंगे।

The post पड़ोसी की पत्नी appeared first on Antarvasna.

]]>
बहन की चूत का कबाड़ा https://sexstories.one/bahan-ki-chooth-ka-bhosda/ Thu, 04 Nov 2021 10:10:07 +0000 https://sexstories.one/?p=3283 मेरे तीसरे दोस्त ने अपने लंड को सपना की चूत के मुंह पर रख कर घुसा दिया और जोरदार धक्को के साथ उसको चोदने लगा जिससे सपना के मुंह से आह आह.. उह उह…. उई उई.. की सिसिकियाँ लेती हुई चुदने लगी | वो सपना की टांगो को ऊपर की और उठा कर चोद रहा था...

The post बहन की चूत का कबाड़ा appeared first on Antarvasna.

]]>
Desi porn kahani bahan ki chooth ka bhosda हेल्लो दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ की आप सभी लोग ठीक ही होगे और अपनी लाइफ को मस्ती के साथ जी ही रहे होंगे | दोस्तों मेरी कहानी बहन की चूत का कबाड़ा 2 आप लोगो को पसंद आई होगी और इस कहानी को पढने में आप लोगो को मज़ा तो जरुर आया होगा | मैं इसी कहानी का भाग 3 लेकर आप लोगो की सेवा में हाज़िर हूँ |

दोस्तों मैं आप लोगो को भाग 2 मैं बता रहा था की मेरी बहन को मेरे दो दोस्तों एक साथ चोद रहे थे और सपना चीख चिल्ला रही थी | वो दोनों बिना किसी रहम के चोदे जा रहे थे | सपना आह उह उह… उई माँ… सी सी.. की आवाजे करती हुई चुद रही थी | मेरा एक दोस्त मेरी बहन की चूत में लंड को घुसाए हुए था और दूसरा दोस्त उसकी गांड में लंड को जोरदार झटको के साथ अन्दर बाहर कर रहा था |

सपना : आह मम्मी…. मरर…गई….. उई..ईई…. आह उह्ह की आवाजे कर रही थी और चुदाई के मज़े ले रही थी साथ में एक मेरे लंड को मुंह में रख कर चूस रही थी और मेरे तीसरे दोस्त के लंड को हाथ में पकड कर हिला रही थी | दोस्तों उस टाइम सपना ठीक किसी रंडी की तरह चुदाई के मज़े ले रही थी |

दोस्तों मैं उस दिन अपनी बहन को अपने दोस्तों से चुदवा रहा था और अपने लंड को मज़े से चूसा रहा था | वो दोनों सपना को ऐसे ही 20 मिनट तक चोदने के बाद सपना की चूत और गांड से लंड को निकाल कर उसको चुसाने लगे |

तब मैं और मेरे तीसरा दोस्त सपना के बूब्स को दबाने लगा और वो दोनों अपने लंड को हाथ में पकड कर सपना के मुंह में मुठ मारने लगे और सपना उन दोनों के लंड को हाथ में पकड कर एक एक करके चूसने लगी | वो दोनों ऐसे ही अपने लंड को करते हुए अपने लंड का सारा पानी उसके मुंह में निकाल दिया जिसको मेरी बहन अमृत की तरह पी गयी |

दोस्तों उन दोनों के झड़ने के बाद बैठ गए जबकि मैं और मेरा तीसरा दोस्त उसको चोदने के लिए तैयार थे | तब मैंने अपने लंड को सपना की चूत पर धीरे से रख दिया और रगड़ने लगा | मेरा तीसरा दोस्त उसके बूब्स के निप्पल को उँगलियों से घुमा घुमा कर चूस रहा था जिससे सपना मस्त सेक्सी आवाजे कर रही थी |

मैं उसकी चूत पर अपने लंड को ऐसे ही कुछ देर तक रगड़ने के बाद एक जोरदार धक्का मारा जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समां गया और उसके मुंह से हाय माँ मरर..गई… उह्हह… यार आराम से करो मेरे राजा ?

मैं : हाँ मेरी रंडी बहन मैं आज तुम्झे आराम से ही चोदूंगा और मज़ा भी पूरा दूंगा | मैं ये कहते हुए उसकी चूत में लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा और मेरा दोस्त सपना के बड़े बड़े बूब्स के साथ खेल रहा था |

सपना भी मज़े लेती हुई उसके सर को पकड कर अपने बूब्स को चूसा रही थी | वो ऐसे ही कुछ देर तक उसके बूब्स को चूसने के बाद अपने लंड को हाथ में पकड कर मेरे पीछे आ गया जिससे मैं समझ गया की अब इससे रहा नही जा रहा है तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत से निकाल लिया और अपने लंड को हाथ में पकड कर सपना के सर पास चला गया |

तब मेरे तीसरे दोस्त ने अपने लंड को सपना की चूत के मुंह पर रख कर घुसा दिया और जोरदार धक्को के साथ उसको चोदने लगा जिससे सपना के मुंह से आह आह.. उह उह…. उई उई.. की सिसिकियाँ लेती हुई चुदने लगी | वो सपना की टांगो को ऊपर की और उठा कर चोद रहा था |

मैं अपने लंड को हाथ में पकड कर सपना के मुंह में घुसा दिया और सपना मेरे लंड को मुंह में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी | सपना मेरे लंड को चूसने के साथ अपनी चूत को सहला रही थी और मज़े ले रही थी | मेरा तीसरा दोस्त उसको मज़े से चोद रहा था और मेरे दो दोस्त सपना को चोदने के लिए अपने लंड को दुबारा खड़ा कर रहे थे |

मैं और मेरा तीसरा दोस्तों सपना को एक एक करके चोद रहे थे | मेरे दोस्त के तेज धक्को से सपना की चूत का पानी तीसरी बार भी निकाल दिया सपना 3 बार झड़ चुकी थी | तब उसने अपने लंड को उसकी चूत से निकाल लिया और बेड पर नीचे लेट गया तो सपना अपनी गांड को उसके लंड पर रख कर बैठ गयी और वो उसकी गांड में अपने लंड को घुसा कर धक्के मारने लगा |

वो सपना की गांड को मारने लगा था और मैं उसी टाइम जाके उसकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया | जब मैंने अपने लंड को उसकी चूत में घुसा दिया तो सपना आह उह्ह… याह.. यार मज़ा आ रहा है और जोर से करो.. और जोर से करो.. कहती हुई अपने बूब्स के निप्पल को पकड कर घुमाने लगी |

मैं और मेरा दोस्त सपना को एक साथ चोद रहे थे और वो चुदाई के मज़े लेती हुई चुद रही थी | हम दोनों सपना को चोद रहे थे उधर मेरे दोस्तों ने सपना को चोदने के लिए अपने लंड को दुबारा खड़ा कर लिया था |

दोस्तों उस टाइम में और मेरा दोस्त सपना को चोद रहे थे | इस तरह मैं और मेरा दोस्त सपना को एक साथ 10 मिनट तक चोदते रहे | 10 मिनट की मस्त चोदाई करने के बाद मेरे दोस्त ने अपने लंड को सपना की गांड से निकाल लिया और सपना के मुंह में अपना सारा माल निकाल दिया |

सपना मेरे दोस्त ने लंड से निकालने वाला पानी गटक गयी | दोस्तों मैं सपना को अभी भी चोद रहा था और वो मस्त होकर अपनी चूत को सहलती हुई चुद रही थी | तब मैंने सपना को पकड कर अपने हाथो में उठा लिया और हाथो में उठा कर नीचे से धक्के मारने लगा जिससे कमरे में धक्को की आवाज जोर जोर से आने लगी |

मैं सपना को उस पोज में ऐसे ही करीब 3 – 4 मिनट तक चोदता रहा | फिर मैंने उसकी चूत से लंड को निकाल कर घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में लंड को पीछे से घुसा दिया |

जब मैंने सपना की चूत में लंड को घुसा दिया तो वो अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चोदने लगी | मैं उसको ऐसे ही ठीक 8 मिनट तक चोदने के बाद उसकी गांड पर अपने माल को निकाल दिया |

Chudai ki mast kahani कॉलेज की मजेदार चुदाई

दोस्तों मेरे झड़ने के बाद मेरे पहले वाले दोस्त सपना को चोदने के लिए फिर से आ गए तो सपना कहने लगी की बस अब मैं चुदने की हालत में नही हूँ पर मेरे दोस्तों ने सपना की एक भी बात न सुनते हुए पकड कर बेड पर पटक दिया | फिर एक ने सपना के बूब्स को पकड लिया और दुसरे ने उसकी चूत में अपने मुंह को घुसा दिया |

दोस्तों जिसकी वजह से सपना कुछ नही कर सकी और वो दोनों ने सपना को फिर से चोदने के लिए तैयार कर दिया | जब सपना फिर से अपनी चूत में लंड को लेने के लिए तैयार हो गयी तो मेरे दोनों दोस्तों ने उसकी चूत में लंड को एक साथ घुसाने लगे जिससे उसके मुंह से तेज सांसे चलने लगी |

दोस्तों उन दोनों ने मेरी बहन की चूत में लंड को घुसा दिया | सपना की चूत में जैसे ही दो लंड एक साथ घुसे तो उसके मुंह से जोर की चीख निकल गयी और बोली यार निकाल लो नही तो मैं मर जाउंगी | तब उन दोनों ने मेरी बहन की चूत से लंड को निकाल लिया और एक एक करके चोदने लगे | वो दोबारा मेरी बहन को एक एक करके चोदने लगे |

वो दोनों ऐसे ही 20 मिनट तक एक एक करके चोदने के बाद झड गए | दोस्तों अब मेरे दोस्तों के लंड ने जवाब दे दिया था और मेरी बहन अभी भी गर्म थी जिसकी वजह से वो अपनी चूत में लंड लेने के लिए तैयार थी | जब सब दोस्तों ने मेरी बहन की चूत में लंड डालने के लिए मना कर दिया तो मैंने अपने लंड को फिर से तैयार किया और चोदने लगा |

दोस्तों उस टाइम मेरी बहन की चूत फूल कर पावरोटी हो चुकी थी पर उसकी चूत में लगी आग लंड लेने पर मजबूर कर रही थी | तब मैंने उसकी चूत में लंड को घुसा कर एक बार फिर जमकर चुदाई की और सपना ने इस बार मना ही कर दिया |

दोस्तों उस रात मैं और मेरे दोस्तों ने मिलकर सपना को जमकर चोदा था और बारी बारी से चोद रहे थे | फिर हम सब दोस्त और सपना वैसे ही बैठ गए और बात करने लगे | हम सब ऐसे ही बैठ कर करीब 2 घंटे तक बात करने के बाद चुदाई करने के फिर से तैयार हो गए | अब हम सब सपना को अपने हाथो में उठा लिया और उसे बेड पर लेटा दिया |

The post बहन की चूत का कबाड़ा appeared first on Antarvasna.

]]>
मौसी की लड़की के नंगे बूब्स https://sexstories.one/mausi-ki-ladki-ke-nange-boobs/ Sat, 30 Oct 2021 10:32:12 +0000 https://sexstories.one/?p=3203 मैंने उसकी गांड पर एक ज़ोर का तमाचा मारा। अब उसकी गोरी गांड लाल हो गयी थी, अब वो जोर-जोर से चीखने लगी थी। फिर मैंने उससे कहा कि चुपकर में स्वर्ग की सेर कर रहा हूँ और तू मुझे टोक रही है रंडी, तो फिर उसने मुझे सॉरी कहा। फिर मैंने उसको ब्लोजोब के लिए कहा...

The post मौसी की लड़की के नंगे बूब्स appeared first on Antarvasna.

]]>
Mausi Ki Ladki Ke Nange Boobs : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पप्पू है और मेरी उम्र 28 साल है। में भुवनेश्वर का रहने वाला हूँ। ये कहानी मेरी और मेरी कज़िन की है, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी ये स्टोरी जरुर पसंद आएगी और अब वक़्त बर्बाद ना करते हुए में सीधा स्टोरी पर आता हूँ। मेरी कज़िन का नाम श्रुति है, जो कि उम्र में मुझसे 2 साल छोटी है। उसका फिगर साईज 36-32-36 है और उसके बूब्स और गांड किसी के भी लंड से पानी निकाल सकते है, वो बहुत खूबसूरत तो नहीं है, लेकिन फिर भी मेरा पहला प्यार है। में उसे सिस बुलाता हूँ और हम दोनों बचपन के खेल में पति पत्नी हुआ करते थे, शायद वो ये बात भूल गयी होगी, लेकिन में कभी नहीं भूला। उसको याद करके में हर दिन मुठ मारता था और उसके घर में वो 4 लोग थे मौसा, मासी, उसकी बड़ी बहन स्वाती और वो।

अब उन सभी को उसकी दादी की अस्थियाँ विसर्जन करने के लिए हरिद्वार जाना था, लेकिन सिस के एग्जॉम के चलते उसको घर पर ही रुकना पड़ा। अब उसकी सारी जिम्मेदारी हमारे परिवार पर ही थी, लेकिन हमारे घर में जॉइंट फेमिली थी, तो उसकी पढ़ाई का नुकसान हो सकता था इसलिए मुझे उसके घर पर रुकना पड़ा। फिर जिस दिन उसके घरवाले हरिद्वार के लिए निकल गये तो में उसके घर पहुँचा। फिर उसने कहा कि भैया तुम टी.वी देखो, मुझे पढ़ना है। फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हें कुछ परेशानी हो तो पूछ लेना, तो उसने कहा कि ओके। फिर में टेबल पर उसकी दूसरी साईड पर बैठ गया। अब वो झुककर पढ़ाई कर रही थी और मुझे सुबह-सुबह उसकी क्लीवेज के दर्शन हो गये थे। अब मेरा लंड खड़ा हो गया था, मेरा मन तो करता था कि वही उसके कपड़े फाड़ दूँ, लेकिन मेरी मजबूरी थी।

फिर उसने मुझे चाय दी और नहाने चली गयी। फिर वो वापस आकर फिर से पढ़ाई करने लगी और मुझे फिर से उसकी क्लीवेज दिखने लगी। अब मेरा लंड फिर से तन गया था तो में बाथरूम में चला गया। अब वहाँ पर उसकी ब्रा और पेंटी रखी थी, तो मैंने उसी में मूठ मार दी। फिर जब में वापस आया, तो मेरा फोन उसके हाथ में था। फिर वो मुझे देखकर बोली कि भाई तुम बहुत गंदे हो, तुमने कितनी गंदी वीडियो रखी हुई है। अब में थोड़ा घबरा गया और बोला कि ये मेरा दोस्त का मेमोरी कार्ड है। फिर उसने पूछा कि क्या तुम हमेशा इसे देखते हो? तो मैंने कहा कि हाँ मज़बूरी है, हम बिना शादीशुदा लोगों की यही तो लाइफ लाईन है। फिर उसने कहा कि छी आप बहुत ही बेशर्म हो, कोई अपनी कज़िन के साथ ऐसी बात करता है क्या? अब मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी थी और मैंने सोचा कि ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलेगा। फिर मैंने उससे कहा कि इसमे बेशर्मी की क्या बात है? ये तो सब करते है, तुम भी करती होगी। फिर वो थोड़ा शर्मा गयी और बोली कि नहीं में तुम्हारी जैसी नहीं हूँ।

Mastram2 stories  मामी के साथ पहली बार चुदाई

में : तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?

सिस : नहीं।

में : कभी ब्लू फिल्म देखी है।

सिस : फिर वो शर्माकर बोली कि हाँ 1-2 बार देखी है।

में : फिर मैंने कहा कि अभी देखोगी? मेरे पास अच्छी ब्लू फिल्म है।

सिस : नहीं, मुझे शर्म आएगी।

में : इसमें शरमाने की क्या बात है? कल तुम्हारी शादी होगी और तुम्हें कुछ पता भी नहीं होगा।

फिर में ये कहकर उसके पास चला गया और अपने मोबाईल पर ब्लू फिल्म चालू कर दी। अब वो उठकर जाना चाहती थी, लेकिन में उसे बैठाकर ब्लू फिल्म दिखाने लगा। उसमें एक लड़का लड़की की जमकर चुदाई कर रहा था, अब वो गर्म होने लगी थी और फिर उसकी नज़र मेरी पेंट पर गयी, तो वो हँसने लगी और बोली कि आप तो बड़े बेशर्म हो, मेरे सामने ही तंबू बना डाला। अब उसकी बात सुनकर में और गरम हो गया था। फिर वो उठकर बाथरूम में चली गयी और शायद अपनी चूत में उंगली करने के लिए, लेकिन वो तुरंत गुस्से से लाल होकर चिल्लाने लगी।

सिस : आपने बाथरूम में मेरे कपड़ों पर क्या किया है?

में : कुछ भी नहीं, मैंने क्या किया?

सिस : झूठ मत बोलो, में जानती हूँ आपने क्या किया है? आपको शर्म नहीं आई मेरे कपड़ो पर ये सब करते हुए।

में : सॉरी, वो तुम झुककर बैठी थी तो मुझसे रहा नहीं गया।

सिस : क्या तुम ऐसा हमेशा करते हो?

में : नहीं, जब मेरी गर्लफ्रेंड थी तो नहीं करता था, लेकिन ब्रेकअप के बाद बस यही सहारा है।

सिस : क्या तुम रोज करते थे?

में (नादान बनकर) : क्या करता था?

सिस (शर्माकर) : सेक्स।

में : हाँ, रोज़ दो बार।

सिस : ऑम्ग, उसे बहुत दर्द होता होगा ना।

में : तुम्हें कैसे पता?

Bade Boobs ki chudai ससुराल वालों की खातिरदारी

सिस : अरे नहीं, में तो वर्जिन हूँ, लेकिन मेरी दोस्त मुझे बताती है, वो उसके बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स करती है।

फिर मैंने सोचा कि इस वर्जिन माल से घबराना नहीं चाहिए और अचानक उसके गले लग गया और रोने लगा, में बहुत अकेला हो गया हूँ प्लीज तुम मुझे बचा लो, तुम प्लीज मेरी प्यास बुझा दो। अब वो मुझसे छुड़ाने लगी थी, लेकिन अब में उसे कहाँ छोड़ने वाला था। अब वो वैसे भी ब्लू फिल्म देखकर गर्म हो गयी थी। फिर में ज़बरदस्ती उसके लिप्स चूसने लगा, अब वो पहले अपने आपको छुड़ाने लगी थी, लेकिन फिर वो मेरा रेस्पॉन्स देने लगी थी। अब वो मेरी ज़ुबान को चूस रही थी और अब हम अपना थूक एक्सचेंज करने लगे थे। फिर अचानक से में उसकी ड्रेस में अपना हाथ डालकर उसके बूब्स दबाने लगा। अब वो सिसकियाँ लेने लगी थी और अब में पुराना पापी और वो पुरानी प्यासी या सेक्स की दासी हो चुकी थी। फिर हमारे होंठ अलग हुए और फिर मैंने उसकी कमीज़ निकालकर फेंक दी और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स चूसने लगा। फिर उसने खुद अपनी ब्रा निकाल दी, अब मेरे सामने मेरे सपनों की रानी के नंगे बूब्स थे।

अब में पागल हो गया था। फिर में उसे उठाकर बेडरूम में ले गया और बेड पर पटक दिया। फिर में उसके ऊपर चढ़कर सीधा उसके बूब्स पर टूट पड़ा, अब कभी में उसके बूब्स को चाटता तो कभी चूसता, तो कभी काट देता। अब वो जोर-जोर से सिसकारी ले रही थी और बोल रही थी आ भैया खा जाओ मेरे बूब्स, इन्हें दबाओ और दबाओ, चाटो, चूसो और प्यार करो, ऊओह आआहह मुझे अपनी बीवी बना डालो, अब मेरा सब कुछ तुम्हारा है आअहह भैया। अब उसकी बातें सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया था तो मैंने उसकी स्कर्ट और पेंटी भी खोलकर फेंक दी।

अब मेरे सपनो की मल्लिका मेरे सामने पूरी नंगी थी। अब में पागल हो रहा था और वो मधहोश हो रही थी। अब उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, फिर मैंने अपनी ज़ुबान उसकी चूत के ऊपर रखी, तो वो सिसक उठी और में उसकी चूत के दाने को चाटने लगा। अब वो पागलों की तरह चिल्लाने लगी और मेरे फेस को अपने दोनों पैरों से जकड़ने लगी थी। फिर वो अंगड़ाई लेते हुए झड़ गयी और में उसका सारा जूस पी गया। फिर मैंने उसको उल्टा किया तो अब मेरे सामने मेरे बरसो की मूठ प्रेरणा थी उसकी मटकती रसीली गांड। फिर में पूरा नंगा हो गया और उसकी गांड को दबाने लगा, चाटने लगा, चूसने लगा और अपनी जुबान उसकी गांड के छेद में डालने लगा, तो वो बोली कि आप बहुत गंदे हो।

फिर मैंने उसकी गांड पर एक ज़ोर का तमाचा मारा। अब उसकी गोरी गांड लाल हो गयी थी, अब वो जोर-जोर से चीखने लगी थी। फिर मैंने उससे कहा कि चुपकर में स्वर्ग की सेर कर रहा हूँ और तू मुझे टोक रही है रंडी, तो फिर उसने मुझे सॉरी कहा। फिर मैंने उसको ब्लोजोब के लिए कहा तो वो मना करने लगी। फिर मैंने उसकी गांड पर एक और ज़ोर का तमाचा मारा तो वो रोने लगी। फिर मैंने ज़बरदस्ती अपना लंड उसके मुँह में घुसा दिया। फिर उसने बोला कि मुझे नहीं आता। फिर मैंने उससे कहा कि जैसे लॉलीपोप चूसते है वैसे चूस मेरी चूत की रानी। फिर वो मेरा लंड चूसने लगी। अब में सातवें आसमान पर था। फिर थोड़ी देर के बाद में उसके मुँह में ही झड़ गया और उसे अपने लंड का सारा वीर्य पिला दिया। फिर मैंने उसको बेड पर सुलाकर उसकी दोनों टाँगे फैलाई तो उसने कहा कि भैया अब मेरे सैयां बन जाओ, आज से तुम मेरे पति बन जाओ और में तुम्हारी बीवी बन जाऊं।

फिर मैंने देरी ना करते हुए एक ज़ोर का झटका दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। अब वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी प्लीज इसे बाहर निकालो, में मर जाउंगी, ऊओहह प्लीज बाहर निकालो। फिर मैंने उसको होंठो को अपने होंठो से लॉक कर दिया और उसके बूब्स मसलने लगा। अब उसकी आँखों से आँसू आ रहे थे, फिर कुछ देर के बाद वो नॉर्मल हुई और मेरा साथ देने लगी। अब वो बडबडाने लगी थी चोदो मेरे भैया, उफ्फ्फ सॉरी मेरे सैयां, मेरे पति मेरे मालिक, फाड़ दो अपनी बीवी की चूत, खा जाओ मेरे बूब्स। अब में जोश में आकर उसे ज़ोर-जोर से चोदने लगा और फिर हम एक साथ झड़ गये। फिर मैंने देखा तो अब बेडशीट उसके खून और हम दोनों के वीर्य से भरी हुई थी। अब उससे चला भी नहीं जा रहा था, फिर में उसको उठाकर बाथरूम में ले गया और नहलाया।

फिर उस रात हमने और 2 बार सेक्स किया और फिर मैंने उसकी गांड भी मारी ।।

धन्यवाद …

The post मौसी की लड़की के नंगे बूब्स appeared first on Antarvasna.

]]>
ये मेरा घरेलु मामला है https://sexstories.one/bua-ki-beti-chachi-ki-chooth/ Fri, 29 Oct 2021 12:29:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3189 मैंने दूसरा आप्शन चुना और उनके कमरे में पहुँच गया | चाची रो रही थी तो मैंने उनका सिर अपने कंधे पे रखा और उनको चुप कराने लगा लेकिन वो चुप नहीं हुई | तो मैंने भी मौके का फायेदा उठाते हुए अपना लंड बाहर निकाला और चाची से कहा चूस लो अब....

The post ये मेरा घरेलु मामला है appeared first on Antarvasna.

]]>
bua ki beti aur chachi ki chooth chudai सलाम वालेकुम मेरे भाइयों, मेरा नाम इमरान अली है और मैं भोपाल का रहने वाला हूँ | मेरा बहुत बड़ा परिवार है और घर भी बहुत बड़ा है | यहाँ मैं मेरे मम्मी पापा मेरे चार चाचा चाची और उनके बच्चे रहते है | मेरी दो बुआ भी है लेकिन वो कभी कभी हमारे यहाँ रहने आती है और जो मेरी बड़ी बुआ है उनकी दो बेटियाँ है और दोनों ही बहुत गज़ब की माल है | बड़ी वाली का नाम हुस्ना है और छोटी वाली का नाम रेशमा और दोनों ही मुझसे बड़ी है | एक सच बात बताऊँ दोस्तों दोनों लेस्बियन है और एक दूसरे के मज़े लूटती रहती है | तो दोस्तों आगे की कहानी थोड़ा और खुलके बताता हूँ |

तो बात है गर्मियों की जब बुआ हमारे घर आई थी और वो दोनों भी | एक दिन जब वो दोनों टी.वी. देख रही थी और उस कमरे में कोई नहीं था उनके अलावा, तो मैं नाश्ता देने के लिए गया | जैसे मैं कमरे में घुसने को हुआ तो मैंने देखा कि टी.वी. पे हॉट सीन चल रहा था और दोनों का हाँथ एक दूसरे के पाजमे के ऊपर से उनकी चूत पर रखा हुआ था | मुझे आता देख दोनों जल्दी से अपना हाँथ हटा लिया लेकिन मैं समझ गया था कि कुछ तो गड़बड़ है दया | हम तीनों की अच्छी दोस्ती थी मतलब हम तीनों एक दूसरे को अपनी सब बातें बताते थे जो बताने वाली होती थी | मेरी पहली गर्लफ्रेंड जब बनी थी तो पटाने में दोनों ने ही मेरी मदद की थी इससे आप समझ सकते है दोस्ती कहाँ तक होगी, और इतना ही नहीं हम तीनों ने साथ बैठके दारू भी पी है एक बार और लाके मैंने ही दी थी |

मैंने सोचा इनसे डायरेक्ट पूछूँगा तो कुछ बताएँगी नहीं इसलिए मैंने उनसे दोपहर में कहा अच्छा फिर से दारू पीनी है क्या ? तो उसने कहा हाँ यार छोटे, तो मैंने कहा ठीक है मेरे पास रखी है ऊपर वाले कमरे में | तो हम तीनों ऊपर वाले कमरे में गए और उसके बाद हम तीनों ने दो दो पेग मारे और उसके बाद मेरे कमरे में आके बैठ गए | सब लोग नीचे थे और दोपहर का वक़्त था तो शायद सो रहे होंगे और इससे अच्छा मौका नहीं था मेरे पास | हम तीनों बैठके बातें करने लगे और बातों बातों में मैंने कहा अच्छा सुबह जो मैंने देखा वो क्या था ? तो उन्होंने कहा क्या ? मैंने कहा अरे जो सुबह दोनों एक दूसरे के नीचे हाँथ रखके बैठी थी वही | तो उन्होंने कहा नहीं ऐसा तो कुछ नहीं हुआ था, मैंने कहा अरे बता भी दो मैंने खुद देखा है |

तो उन्होंने ने बताया कि हम दोनों का जब मन बहुत मचलता है तो एक दूसरे से ही अपनी प्यास बुझा लेते है | मैंने कहा कभी मुझे भी याद कर लिया करो, तो दोनों मुझे घूरने लगी जैसे खा जाएँगी और फिर दोनों ने एक दूसरे को देखा और कहा आज़मा के देखें क्या ? तो रेशमा नीचे घुटनों पर बैठी और मेरा चड्डा और चड्डी उतार के मेरा लंड सहलाने लगी | मेरा लंड जल्दी से खड़ा हो गया और रेशमा ने उसे चूसना भी शुरू कर दिया और हुस्ना वहीँ बैठके उसे ये सब करते हुए देखती रही | रेशमा ने थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसा और उसके बाद हुस्ना ने अपनी लैगी और पैंटी थोड़ी नीचे तक उतारी और टाँगे उठा दी, तो मैं लंड लेके उसके पास गया और उसकी चूत पे थूक लगाके उसकी चूत पे लंड रगड़ने लगा | उसकी चूत में थोड़े थोड़े बाल थे लेकिन चूत बिलकुल गोरी, मैं ये सोच रहा था कि अगर चूत में बिलकुल भी बाल नहीं होते तो कितनी मस्त लगती |

Chachi ki chooth aur क्या मस्त बोबे हैं यार…

फिर मैंने उसकी चूत में लंड डाल दिया और उसको चोदने लग गया | मैं उसको चोद रहा था और रेशमा नीचे से मेरे गोटे पकड़ के प्यार से दबा रही थी | तभी मैंने हुस्ना को चोदते हुए रेशमा से पूछा तुम्हें नहीं चाहिए तो उसने कहा अभी नहीं बाद में और फिर मैं हुस्ना को चोदता रहा और वो यह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह यह्ह्ह अह्ह्ह्ह हह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआअ ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अय्य्हह्ह्ह अय्ह्हह्ह ह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह करती रही | उसको चोदते चोदते मेरा मुट्ठ निकलने को हुआ तो मैंने लंड बाहर निकाला और रेशमा के मुँह पर गिरा दिया |

हुस्ना ने कहा ली मेरी और गिराया उसके ऊपर, तो मैंने कहा ठीक है अगली बार उसकी लूँगा और तुम्हारे ऊपर गिरा दूंगा | तो ऐसे ही मैंने एक दिन रेशमा और हुस्ना दोनों की साथ में मारी और आज भी जब रेशमा घर आती है तो हम सैक्स सैक्स खेल लेते है क्यूंकि हुस्ना का निकाह हो चुका है तीन महीने पहले | मगर दोस्तों मेरी सैक्स का कारवाँ यहीं ख़त्म नहीं होता है मैंने अपने घर में सिर्फ अपनी बुआ की लड़कियों को नहीं चोदा है, मैंने अपनी चची को भी चोदा है तीसरे नंबर वाली चाची को | तो हुआ कुछ यूँ कि मेरे तीसरे चाचा का कांच का काम है और उसके सिलसिले में उनका बाहर आना जाना होता रहता है लेकिन बात सिर्फ इतनी नहीं है उनका किसी और औरत से चक्कर भी है इसलिए चाची बदला लेने के लिए दूसरे से चुदवाती रहती है जिसमें से एक मैं भी हूँ |

मुझे बहुत पहले के दोस्त से खबर मिली थी कि चाची एक जगह जाती है किसी से मिलने और एक दिन मैंने पीछा किया और उनका वीडियो भी बना लिया | फिर जब मैंने चाची को वो वीडियो दिखाया और उनसे पूछा कि कौन है ये ? और आप क्यों करती हो ? तो चाची ने रोते हुए पूरी कहानी मुझे बताई कि चाचा उनको चोदते नहीं है और उनसे रूठे रहते है, कभी ठीक से बात नहीं करते और उनका किसी और औरत से चक्कर भी है | फिर उन्होंने कहा औरतों की भी कुछ ज़रूरतें होती है और अगर वो घर में पूरी न हो तो उन्हें बाहर जाना पड़ता है |

तो मैंने कहा चाची कभी चाचा से प्यार से बात करके देखो मान जायेंगे और ये बाहर किसी गैर मर्द से ताल्लुक रखना गलत बात है | तो चाची ने कहा मैंने बहुत कोशिश की है छोटे लेकिन तेरे चाचा नहीं मानते और अगर मेरी ख्वाहिशें तेरे चाचा नहीं पूरी करेंगे तो कौन तू करेगा ? तो मेरे मुँह से हाँ निकल गया और चाची ने एक पल के लिए मुझे देखा और उठके अन्दर अपने कमरे में चली गई | मैं सोच रहा था कि क्या चाची गुस्सा हो या अन्दर इसलिए गई है ताकि मैं उनके पीछे पीछे उनके कमरे में जाऊं और उनकी ख्वाहिशें को पूरा करूँ |

तो मैंने दूसरा आप्शन चुना और उनके कमरे में पहुँच गया | चाची रो रही थी तो मैंने उनका सिर अपने कंधे पे रखा और उनको चुप कराने लगा लेकिन वो चुप नहीं हुई | तो मैंने भी मौके का फायेदा उठाते हुए अपना लंड बाहर निकाला और चाची से कहा चूस लो अब | चाची ने एक पल कुछ सोचा और फिर मेरा लंड चूसने लग गई | चाची मेरा लंड चूस रही थी तभी मेरी नज़र दरवाज़े पे पड़ी, तो मैंने देखा कि दरवाज़ा खुला है मैंने चाची से कहा रुको एक मिनिट और जल्दी से भाग के दरवाज़ा बंद किया और वापस आके फिर से उनके मुँह में लंड डाल दिया | चाची ने थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसा और उसके बाद मैंने उनका मुँह पकड़ा और उनके मुँह में ही लंड आगे पीछे कर के उनके मुँह की चुदाई करने लगा | फिर वो वहीँ रखे पलंग पे लेट गई और मैंने उनकी सलवार उतार दी और पैंटी भी |

उनकी चूत देखके मेरे मुँह से सिर्फ एक बात निकली या खुदा | उनकी चूत बिलकुल चिकनी शेव की हुई थी और चाची का फिगर भी मस्त था तो उनकी कमर से लेकर नीचे तक का नज़ारा लाजवाब था | उनकी चूत देखकर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उनकी चूत चाटना शुरू कर दी | मैंने कुछ देर तक उनकी चूत चाटी और उसके बाद अपना लंड अन्दर डालके उनको चोदने लगा | चाची चद्दर जोर से पकड़कर यहह यह्ह्ह य्याह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आआ यहह यह्ह्ह य्ह्ह्हह य्ह्ह्ह कर रही थी |

फिर मैं चोदते हुए चाची के ऊपर लेट गया और उसी तरह उनको चोदता रहा और फिर चाची को किस भी करने लगा | चाची बहुत दिनों के बाद ठुकी थी क्यूंकि उनकी चूत बहुत टाइट लग रही थी और वो सिसकारियाँ भी ऐसे ले रही थी जैसे बहुत दर्द हो रहा हो | मैं फिर उसी तरह उनको चोदता रहा और वो यहह यह्ह्ह य्याह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आआ यहह यह्ह्ह य्ह्ह्हह य्ह्ह्ह करती रही | फिर जब मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने सारा माल अन्दर ही गिरा दिया और लंड बाहर निकालके उनके ऊपर लेट गया और किस करता रहा | फिर जब मैं उठा तो देखा कि चाची की चूत से मेरा माल बह रहा है |

उसके जब भी हमें मौका मिलता था तो हम भी सैक्स सैक्स खेल लिया करते थे |

The post ये मेरा घरेलु मामला है appeared first on Antarvasna.

]]>
शादी भी हुयी और चुदाई भी https://sexstories.one/shaadi-aur-chudai/ Sun, 24 Oct 2021 12:07:04 +0000 https://sexstories.one/?p=3109 जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी टीचर साहब आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है। अब मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए धक्का देना शुरू किया। मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी क्योंकि जगह बहुत  कम थी इस वजह से मैं उसे तेजी से धक्के नहीं दे पा रहा था...

The post शादी भी हुयी और चुदाई भी appeared first on Antarvasna.

]]>
sex stories in hindi, Shaadi aur chudai ki kahani मेरा नाम राजेश है और मैं एक अध्यापक हूं। मेरी उम्र 40 वर्ष है और मैंने अभी तक शादी नहीं की है। मुझे पहले एक लड़की से प्रेम था जब मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था। मैं उससे बहुत ही ज्यादा प्रेम करता था और वह भी मुझसे बहुत प्रेम करती थी। मेरी मुलाकात उससे कॉलेज में ही हुई थी और उस से मेरी मुलाकात मेरे एक दोस्त ने करवाई थी। जब भी मैं इस बात को याद करता हूं तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है और सोचता हूं कि वह दिन कितने अच्छे थे, जब मैं अपने कॉलेज में था और मुझे किसी भी प्रकार की कोई चिंता नहीं थी।

मैं एक लड़की से प्रेम भी करता था और वह भी मुझसे प्रेम करती थी। परंतु एक दिन उसने मुझे बताया कि मेरे घर वालों ने मेरे लिए कहीं कोई रिश्ता देख लिया है और मैं वही शादी कर रही हूं। क्योंकि मैं अपने घर वालों के खिलाफ नहीं जा सकती इस वजह से मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती। मुझे उस दिन बहुत ही ज्यादा बुरा लगा और उसके बाद मैंने फैसला कर लिया कि मैं अब कभी भी शादी नहीं करूंगा। क्योंकि मैं उससे दिल से प्रेम करता था लेकिन उसने मेरे साथ गलत किया। जो कि मुझे बहुत ही बुरा लगा।

उसके बाद मैंने दृढ़ निश्चय कर लिया कि अब मैं शादी कभी नहीं करूंगा। मेरे घर वालों ने भी मुझे कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था कि मैं अब किसी से शादी करूं। अब मैंने ठान लिया था कि मैं अपना जीवन अकेले ही जी लूंगा। अब मैं सिर्फ बच्चों को पढ़ाने में ही लगा रहता हूं। कोई भी गरीब बच्चे होते हैं तो मैं उन्हें फ्री में ही ट्यूशन पढ़ा दिया करता हूं। जिससे कि उनके मां-बाप भी बहुत खुश हो जाते हैं और मुझे भी अंदर से एक खुशी मिलती है। मुझे बहुत अच्छा लगता है जब मैं किसी को पढ़ाता हूं लेकिन अब मेरा ट्रांसफर दूसरी जगह हो चुका था इसलिए मुझे वहां जाना पड़ा।

जब मैं अपने पुराने स्कूल से जा रहा था तो सब बच्चे बहुत दुखी थे और कह रहे थे कि हमें आपकी बहुत याद आएगी। मैंने उनसे उनका नंबर भी ले लिया और जिससे भी मेरा संपर्क था उन सबके मैंने नंबर ले लिए। ताकि मैं उनसे संपर्क में रह सकूं। मैंने अपनी ट्रेन की टिकट करवा ली थी और मैं ट्रेन में ही जाने वाला था। अब मैं जब स्टेशन पहुंचा तो मुझे बहुत ही बुरा लग रहा था लेकिन फिर भी मैं ट्रेन में बैठ गया और जब मैं ट्रेन में बैठा तो थोड़ी देर तक मैं अपने पुराने स्कूल के बारे में सोच रहा था और यह भी सोच रहा था कि अब मैं जिस नए स्कूल में जाऊंगा वहां पर सब बच्चे कैसे होंगे।

मेरे सामने की सीट पर एक पति पत्नी आ गए और वह मेरे सामने की सीट पर बैठ गये। वह व्यक्ति बहुत ज्यादा क्रूर किस्म के प्रतीत हो रहे थे। उनकी शक्ल से ही क्रूरता झलक रही थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि आपका क्या नाम है और आप क्या करते हैं। मैंने उन्हें बताया कि मैं एक अध्यापक हूं और सरकारी स्कूल में पढ़ता हूं। मेरा ट्रांसफर हो चुका है। इसलिए मैं दूसरी जगह जा रहा हूं। वह मुझे कहने लगे कि मैं भी एक सरकारी कर्मचारी हूं और मैं भी अपने कुछ काम से जा रहा हूं। मैंने भी उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम मुझे प्रभाकर बताया। वह मुझसे बहुत बातें किए जा रहे थे।

मेरा मन उनसे बात करने का बिल्कुल भी नहीं था। परंतु वह फिर भी मुझसे बातें किए जा रहे थे और मुझे ना चाहते हुए भी उनकी बातों का जवाब देना पड़ रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद मुझे गलत सीट मिल गई है और यह तो मेरा दिमाग ही खराब कर देंगे। परंतु फिर भी मैं उनसे बात करता रहा और कोशिश करता था कि उनसे जितने कम बात हो उतना ही ठीक है। क्योंकि अब वह बहुत ज्यादा मुझे पकाने लगे थे लेकिन उनकी पत्नी बिल्कुल ही शांत बैठी हुई थी और वह बिल्कुल भी बात नहीं कर रही थी। जब मैं उनके चेहरे पर देख रहा था तो मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वह कुछ परेशान सी हो। परंतु फिर भी मैं उनसे पूछ नहीं सकता था लेकिन उनके चेहरे के हाव भाव साफ बता रहे थे कि वह परेशान हैं। कुछ देर बाद ट्रेन में चाय बेचने वाला एक व्यक्ति आया और प्रभाकर ने उनसे चाय ली। उन्होंने अपनी पत्नी को चाय दी।

Chudai ki kahani ट्रैन में माँ को अजनबी ने चोदा

तभी उनकी पत्नी के हाथ से वह गिलास उनके ऊपर गिर गया और जैसे ही वह गिलास उनके ऊपर गिरा तो वह आग बबूला हो गए और अपनी पत्नी को अनाप-शनाप कहने लगे। अब मुझे सारी कहानी समझ आ गई थी कि वह अपनी पत्नी से बिल्कुल भी प्रेम नहीं करते थे और उन पर फालतू में ही गुस्सा हो रहे हैं। इतने लोगों के सामने बात का बतंगड़ बनाना उचित नहीं है लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को कुछ ज्यादा ही डांट दिया। थोड़े समय बाद वह गुस्से में ऊपर वाली सीट पर चले गए और वहीं सो गए।

जब वह सो रहे थे तो तब उनकी पत्नी ने मुझसे बात की और मैं भी उनसे बात करने लगा। मैंने उनसे पूछा क्या यह आपके साथ अच्छे से बर्ताव नहीं करता है। वह कहने लगी इनका स्वभाव बहुत ही गुस्से वाला है। मुझे बहुत ही डर लगता है कि कहीं यह मुझे लोगों के सामने कुछ अनाप-शनाप ना कह दे। इस वजह से मैं चुप ही रहती हूं। मैंने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने मुझे अपना नाम शकुंतला बताया। वह मुझसे बहुत बातें करने लगी और उनके पति ऊपर सोए हुए थे। उनकी बातों से मुझे प्रतीत हो रहा था कि वह अपनी शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं है और बहुत ही ज्यादा परेशान प्रतीत हो रही थी। हम लोग अब काफी देर तक बात कर रहे थे। उसके बाद प्रभाकर अपनी सीट से उतरकर नीचे आ गए और जब वह नीचे आए तो उनकी पत्नी चुपचाप से कोने में बैठ गई और अब वह मुझसे बात नहीं कर रही थी।

ऐसे ही सफर बीता जा रहा था। मुझे पता भी नहीं चला कब रात होने लगी। क्योंकि वह घटनाक्रम ही ऐसा चल रहा था पहले प्रभाकर मुझसे बात कर रहे थे, उसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को डांट दिया और फिर उनकी पत्नी का मुझसे बात करना। ऐसे ही चलता रहा और कब रात हो गई। मुझे पता भी नहीं चला। मैंने खाना खाया और उसके बाद मैं भी नीचे ही सो गया। अब सब लोगों ने लाइटें बंद कर ली। सब लोग सो रहे थे और तभी प्रभाकर बहुत तेज तेज खराटे लेने लगे। उन्होंने पूरी ट्रेन में अपने खराटो की आवाज से सब को परेशान किया हुआ था। जिसकी वजह से मुझे हल्की सी नींद आती और उसके बाद उनके खराटे तेज हो जाते तो मेरी नींद खुल जाती। मुझे बहुत ही गुस्सा आ रहा था और ऐसा लग रहा था उनके मुंह पर एक मुक्का मार दूं।

मुझे नींद नहीं आ रही थी और थोड़े समय बाद शकुंतला भी उठ गई। जब वह उठी तो उसके स्तन बाहर की तरफ दिखाई दे रहे थे। मैंने तुरंत ही उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु कर दिया अब मेरा मूड पूरा खराब हो चुका था। मैंने उसे अपनी सीट पर ही बुला लिया और मैंने उसके स्तनों को उसके सूट से बाहर निकालकर चूसना शुरू कर दिया। मै बड़े ही अच्छे से उसके चूचे चूस रहा था वह भी पूरी उत्तेजना में आ गई। उसने अपने सलवार को नीचे करते हुए मेरी तरफ अपनी गांड कर दी। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया और मैं उसे चोदने लगा।

जैसे ही उसकी योनि में मेरा लंड गया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी टीचर साहब आपका तो बहुत ज्यादा मोटा है। अब मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए धक्का देना शुरू किया। मुझे थोड़ा दिक्कत हो रही थी क्योंकि जगह बहुत  कम थी इस वजह से मैं उसे तेजी से धक्के नहीं दे पा रहा था परंतु फिर भी मैं उसे बड़ी तेजी से चोद रहा था। उसका शरीर पूरा गरम हो चुका था उसे भी बहुत मजा आ रहा था। वह भी अपने चूतडो को मुझसे मिला रही थी। मैंने उसे इतने धक्के दिए कि उसके गले से आवाज निकलने लगी और वह अपनी मादक आवाज से मुझे उत्तेजित करने लगी। उसकी उत्तेजना भी अब चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी और मेरी उत्तेजना भी मेरे लंड के टोपे तक पहुंच चुकी थी। मैं उसे बड़ी तीव्रता से धक्के देता तो वह मादक आवाज निकालती। थोड़े समय बाद उससे भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मुझसे भी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर बड़ी तेजी से गिर गया।

जैसे ही मेरा वीर्य उसकी योनि में गया तो उसने तुरंत अपने सलवार को ऊपर करते हुए अपनी सीट में लेट गई।

The post शादी भी हुयी और चुदाई भी appeared first on Antarvasna.

]]>
पानी और चुत https://sexstories.one/paani-aur-chuth/ Wed, 20 Oct 2021 06:20:31 +0000 https://sexstories.one/?p=3095 मैने उसकी साड़ी खींच डाली उसकी पीठ से सट कर उसके बोब्स को ब्लाउस के उपर से ही दबाने लगा और उसके होंठ चूस रहा था. मेरा लंड टाइट होकर उसकी गांड से मस्ती कर रहा था. मैने अपने हाथ उसके ब्लाउस मे डाल दिए और उसके बोब्स दबाने लगा....

The post पानी और चुत appeared first on Antarvasna.

]]>
Chuth chudai मेरा नाम अरुण है मैं गुजरात का रहेने वाला हूँ।एक वाक्या आपको बताने जा रहा हूँ. ये उन दिनों की बात है जब मैं अफ्रिका मे मेरे अंकल के साथ रहता था। एक दिन अंकल ने मुझे कहा “अरुण तेरी बहन की शादी तय हो गयी है पापा की चिट्टी आई है और तुझे इंडिया बुलाया है..” बहन की शादी की बात सुन के मैं खुश हो गया. अंकल फ्लाइट की इंक्वाइरी की तो पता चला सब फ्लाइट फुल है। फिर समुन्द्र के रास्ते जाने का डिसाइड हुआ. और टिकिट बुक करवा दी। मैं पॅकिंग करके तैयार हो गया.

दूसरे दिन मैं क्र्यूज़ पर पहुच गया सब यात्री आ रहे थे. मैने एक बंगाली बाबू को देखा वो सीधा मेरी तरफ आए. और कहा ”हेलो, इंडियन जान पड़ते हो.., मैं घोस और ये मेरी पत्नी कामिनी” उसके बाजू मैं खड़ी एक कामुक सेक्सी जवान औरत ने मुझे नमस्ते किया। मैने भी नमस्ते कहते हुए मिस्टर घोस को कहा ”हा मैं भी इंडियन हूँ और इंडिया जा रहा हूँ.” हू बोले “अच्छा तो ठीक है कामिनी का ख्याल रखना…” और मुस्कुराए. साइरन बजा तो हंसी ऑफ करते हुए चल दिए। मै और कामिनी वही डेक पर खड़े थे. मै कामिनी को देख रहा था।

वो कुछ 35-36 साल की होगी गोरा रंग फिगर उसका शिल्पा शेट्टी जैसा था पर उतनी लंबी नही थी. बस 36-26-36 का होगा. कामिनी मेरी और बाल ठीक करते हुए मुस्कुरई और बोली “आप कहा जा रहे है कोलकाता ?” मैने कहा “नही मैं कंडला जाऊंगा.. फिर वहा से बाइ रोड आबाद..” फिर हम अपने रूम की और चले उसका रूम मेरे रूम से 3 रूम छोड़कर था।

मैने अपने रूम का लॉक खोलते हुए कहा आइए चाय पीते है और नास्ता करते है. वो बोली “मैं समान रख कर आती हूँ…”

Chuth Chudai जॉब के बहाने चाचा ने बनाया बीवी

मैं अपने रूम मैं चला गया फिर 2 चाय का और स्नॅक्स का ऑर्डर रूम सर्विस को देकर बाथरूम मे चला गया. बातरूम मे चेंज कर रहा था और आईने मे देख कर बोल रहा था “वाह भगवान क्या किस्मत दी है समुन्द्र की सीतल ल़ाहरो का सफर दिया.. और इतना हसीन सेक्सी हुस्न दिया किस्मत मे.. जिसका पति खुद आकर मुझे देकर गया.. वाह कामिनी आप इतनी सेक्सी वा……..” ऐसा बोलते हुए मे चेंज करके बाहर आया देखा कामिनी सामने बेड पर बेठी थी. मे सकपका रह गया।

मैने उसकी और देखा वो मेरी और देख रही थी थोड़ी देर बाद वो हंसने लगी और बोली “अरे तुम तो ऐसे घबरा रहे जैसे कोई पाप करके आए हो… अपनी किस्मत का धन्यवाद करना अच्छी बात है…” मैं समज गया उसने सब सुन लिया है मैं चुप चाप अपने समान को अरेंज करने लगा। वो मुझे देख रही थी फिर बोली लाओ मैं अरेंज कर देती हूँ… और वो सब कबोर्ड मे लगाने लगी उस समय मेरी नज़र उसकी कमर पर थी उसमे जो बाल पड़ रहे थे वो देख मेरा लंड खड़ा हो गया था।

फिर एक बार बेड पर रखे मेरे कपड़े लेते उसका पल्लू खिसक के नीचे गिर गया मैं उसके ब्लाउस मे से बाहर झांक रहे बोब्स को देख रहा था. उसने मेरी ओर देखा और बोली हॅट बेशर्म कहीं के.., सब मर्द एक जैसे ही होते है..” मैने कहा अगर औरत को देख कर भगवान या योगी भी फिसल सकते है हम मर्द है.. “ तब तक चाय और नास्ता आ गया हमने नास्ता किया फिर टीवी देखने लगे ऐसे ही एक दिन निकल गया। रात मे सोते सोते मैं कामिनी को चोदने का सोच रहा था. पर डर भी लग रहा था. दूसरे दिन शाम को हम ऐसे ही खड़े थे हम ने देखा एक इंग्लीश कपल किस कर रहे थे हम दोनो लगातार उसको देखे जा रहे थे मैने कामिनी की और देखा वो शरमा कर मुस्कुराई ओर नीचे नज़र कर दी।

मैने मन मे सोच लिया आज कामिनी को किस करने की ट्राइ तो करूँगा मानी तो ठीक है. वरना फिर अपना हाथ जगन्नाथ। ऐसा सोच कर यहा वहा की बाते करते हम वहा से निकल गये रात को खाना खाने के बाद मैने कामिनी को कहा चलो डेक पर चलते है.. थोड़ी ठंडी हवा मे घुमकर आते है… डेक पर अंधेरा था इसलिए मैं उसे डेक पर ले गया। वहा जाकर खड़े रह कर एक दूसरे को देख रहे थे. मेने कामिनी की कमर मे हाथ डालकर अपनी और खींचा और अपने होंठ उसके नज़दीक ले गया उसने भी मेरे कंधे पर हाथ रख कर अपने होंठ मेरे होंठो के साथ सटा दिए और मैं जैसे जंग जीत गया हूँ ऐसे उसे अपनी बाहों मे दबोच कर किस करने लगा।

10 मिनट के बाद हम ना चाहते हुए भी अलग हुए. मैने कामिनी को धन्यवाद कहा वो बोली “अरुण मैं तो कब से तैयार थी लेकिन पहल तो नही कर शक्ति थी…” मैने उसके गाल पर किस किया. वो बोली “मैने जब तुम्हे देखा तब से सोच लिया था की मैं अपना सब कुछ तुम पर लूटा दूँगी. इन 7 दीनो मे…” मैने उसका हाथ पकड़ कर सीधा रूम मे गये वहा जाकर मैने दरवाजा बंद किया और सीधा उसको पकड़ कर किस करने लगा वो भी काबू खो चुकी थी।

मैने उसकी साड़ी खींच डाली उसकी पीठ से सट कर उसके बोब्स को ब्लाउस के उपर से ही दबाने लगा और उसके होंठ चूस रहा था. मेरा लंड टाइट होकर उसकी गांड से मस्ती कर रहा था. मैने अपने हाथ उसके ब्लाउस मे डाल दिए और उसके बोब्स दबाने लगा उसने अपने होंठ मेरे होंठो से हटा कर कहा “अरुण आज ऐसा लग रहा है की आज मेरी सुहागरात है आज मुझे चोदो तुम अपनी बीवी समज कर..” मैने उसका ब्लाउस निकाल दिया। पेटीकोट उसने ही निकाल कर मेरे कपड़े निकालने लगी मुझे नंगा करके मेरे लंड को सहलाते नीचे बेठ कर और धीरे से मेरा लंड पूरा अपने मूह मे ले लिया अंदर बाहर करने लगी।

Chuth Chudai কক্সবাজারে শীতের রাতে বন্ধুর সাথে বউ বদল

मैं बेकाबू हो रहा था इतनी सेक्सी औरत चोदने मिली थी आज कैसे काबू रहता. मैने उसे उठाया बेड पर डालते हुए उसके उपर चढ़ गया उसे चूमने लगा वो बोल रही थी “ अरुण करो अब डाल दो मेरी चूत मे अपना लंड मैं प्यासी हूँ मेरी प्यास बुजा दो अरुण…” मैने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और धक्का दिया. मूह से उउई माँ करते हुए चीख निकल पड़ी लंड अंदर नही गया उसकी चूत टाइट थी मैं पूरा ज़ोर लगा कर धक्का दिया तो भी आधा ही लंड अंदर गया. उसकी आँखों मे आँसू आ गये थे मैं देख रहा था वो बोली “ अरुण मेरी चिंता मत करो चोदो मुझे मेरे दर्द पर ध्यान मत दो बस बहरे हो जाओ और चोदो मुझे मेरी इस भूख के सामने ये दर्द कुछ भी नही बस चोदो मुझे..”

मैने ऐसा ही किया उसका दर्द नज़र अंदाज करके उसे चोदने मे जुट गया और लगातार धक्के देने लगा अब उसे भी मज़ा आ रहा था वो मुह से सिसकारियाँ निकाल रही थी और बोल रही थी “ और ज़ोर से अरुण मुझे चोदो और जोर से चोदो फाड़ डालो मेरी चूत..” ।

मैं लगातार 25 मिनिट तक चोदता गया उस दौरान वो 3 बार झड़ चुकी थी. अब मै भी झड़ने वाला था मैने उसे पूछा कामिनी बाहर निकालूं की अंदर उसने कहा डाल दो अंदर मैने उसकी चूत मे पूरा मेरा वीर्य डाल दिया। हम थोड़े शांत हुए. मैं उसके बाजू मे लेट गया वो खड़ी हुई बाल ठीक करते मेरी और देखा और फ्लाइयिंग किस दिया और बोली “i love u जान..” और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। फिर से मूह मे लेकर चूसने लगी मेरा लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया मैं बेठ गया बेड पर और उसकी नाभि पर अपनी जीभ घूमाते हुए चाटने लगा उसे खींच कर अपनी गोद मे बिठा लिया उसकी चूत मे फिर से लंड डाल दिया अब वो उछल कर मेरा लंड अंदर बाहर करने लगी मैं उसके बोब्स दबाता चूसता गया।

फिर से उसकी कामुक आवाज़ से मेरा कमरा गूँज उठा आहह.. अरुण उउउहा.. अरूण अरुण चोदो मुझे और चोदो ऐसे ही फिर से 30-35 मीं. तक हम चोदते रहे. फिर मैने कहा कामिनी क्या मैं तुम्हारी गांड मार सकता हूँ तो उसने मेरा लंड चूत से निकाल कर अपनी गांड के होल पर रख कर उस पर बेठने लगी दर्द हुआ उसे आमम्म्ममाआ मर गयी… फिर भी पूरा लंड अंदर ले लिया और चिल्लाते हुए गांड मरवाने लगी। मैने उसे कुत्तिया बनकर भी उसकी गांड मारी पूरी रात मेरे कमरे मे कामिनी की चुदाई चली। 4.00 बजे हम लोग सोए सुबह जब मे उठा घड़ी देखी तो 9.15 हो रही थी बेड पर कामिनी नही थी।

बाथरूम से शावर की आवाज़ आ रही थी मैं बाथरूम मे गया बाथरूम मे जाकर पीछे से उसे पकड़ लिया वो भी खुश होकर मेरी और घूम गयी बाथरूम मे भी उसे चोदा. लगातार 7 दिन ऐसे ही बीते इंडिया आकर वो भी मेरे साथ उतर गयी। मेरे घर आबाद आई मेरी बहन की शादी अटेंड की उस दौरान मैने उसे होटल मे ले जाकर भी चोदा।

The post पानी और चुत appeared first on Antarvasna.

]]>
मेरी चूत मारी गई खेत मे https://sexstories.one/meri-chut-chudai-khet-mein/ Mon, 04 Oct 2021 11:06:21 +0000 https://sexstories.one/?p=4424 अजय ने अपने मोटे लंड को मेरी योनि में प्रवेश करवाया तो मैं चिल्ला उठी मुझे बड़ा दर्द होने लगा लेकिन जिस गति से अजय धक्के दिए जा रहा था उससे मेरे मुंह से मादक आवाज निकल जाती और मेरी योनि से खून भी निकल रहा था।

The post मेरी चूत मारी गई खेत मे appeared first on Antarvasna.

]]>
Desi kahani, antarvasna khet me chudai मैं इस बात से बहुत खुश थी कि हमारे गांव में इस वर्ष भी मेला लगने वाला है। मैं एक छोटे से गांव की रहने वाली हूं और हमारा गांव बिहार में है हमारा गांव पटना से 5 घंटे के रास्ते पर है। मैं इस बात से खुश थी कि इस वर्ष भी हम लोग मेले में खूब धूम धड़ाका करेंगे हर साल की तरह हमारे गांव में मेला लगता है इस बार भी मेला लगने वाला था। मेले की पूरी तैयारियां हो चुकी थी मैं अपनी मां के साथ बैठी हुई थी तो मेरी मां मुझे कहने लगी मोनिका तुम इस बार के मेले में जाओगी। मैंने अपनी मां से कहा मां मैं बचपन से आज तक हर बार मेले में गई हूँ तो इस बार मैं कैसे मेला छोड़ सकती हूं। मेरी मां कहने लगी मोनिका कई बार तुम्हें देख कर लगता है कि जब तुम्हारी शादी हो जाएगी तो तब मैं तुम्हारे बिना कैसे रहूंगी।

मेरी मां का मेरे प्रति बहुत लगाव है वह मुझे कहने लगी जब तुम छोटी सी थी तो मैं तुम्हारा हाथ पकड़कर तुम्हें मिले में घुमाने के लिए ले जाया करती थी लेकिन तुम मेले में काफी जिद करती थी जिस वजह से मुझे तुम्हारे लिए मेले से हर वर्ष खिलौने लाने पड़ते थे और तुम कुछ समय बाद उन खिलौनों को तोड़ दिया करती थी। मेरे पिताजी भी आ चुके थे वह कहने लगे अरे मां बेटी की क्या बातचीत चल रही है। मेरे पिताजी हमारे घर के बाहर लगी पलंग पर बैठ गए और हम लोगों से बात करने लगे उनकी आवाज बड़ी कड़क है पिता जी कहने लगे इस बरस तो मेले में नाटक भी होने वाला है इसकी बड़ी चर्चाएं हैं कि पटना से कुछ कलाकारों की टीम आ रही है।

मैं इस बात से बहुत खुश थी क्योंकि मुझे नाटक देखने का बड़ा शौक था और जब भी मेले में नाटक लगता तो मैं उसे देखने जरूर जाया करती। मेला शुरू होने में अब सिर्फ 5 दिन बचे हुए थे लेकिन 5 दिन कैसे निकल गए पता ही नहीं चला। हम लोग जब पहले दिन मेले में गए तो वहां पर काफी धूल और मिट्टी उड़ रही थी तभी कुछ दुकानदार आपस में भिड़ गये वह लोग झगड़ा करने लगे सब लोग तमाशबीन बने हुए देख रहे थे कोई भी उन्हें समझाने के लिए या बीच में छुड़ाने के लिए नहीं गया।

मैं और मेरी सहेलियां भी वहां से चली गई कुछ देर तक हमने देखा लेकिन लोगों को तो जैसे उन लोगों के झगड़े में भी मनोरंजन लग रहा था इसलिए सब लोग देखे जा रहे थे मैं और मेरी सहेलियां वहां से दूर जा चुकी थी। मैंने अपनी सहेलियों से कहा कि आज तो हम लोग घर चलते हैं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि आज का दिन कुछ ठीक रहने वाला है। हम लोग अपने घर चले गए मैं जब घर गई तो मेरी मां ने मुझसे पूछा मोनिका तुम घर जल्दी आ गई मैंने कहा वहां पर कुछ लोग आपस में झगड़ा कर रहे थे और सब लोग वहां पर तमाशबीन बने देख रहे थे इसलिए मुझे कुछ ठीक नहीं लगा और मैं घर चली आई। मेरी मां कहने लगी बेटा तुमने बिलकुल ठीक किया अब धीरे धीरे गांव में भी सब लोग लोगों का स्वभाव बदलता जा रहा है आपस में झगड़े बहुत ज्यादा होने लगे हैं पहले सब लोग आपस में बड़े प्रेम से रहा करते थे।

मैंने अपनी मां से कहा अब मैं कल ही मेले में जाऊंगी अगले दिन मैं अपनी सहेली रूपा के साथ मेले में गई थी उस दिन नाटक देखने के लिए काफी भीड़ जमा हो चुकी थी। रुपा मुझे कहने लगी लगता है आज बड़ा अच्छा नाटक होने वाला है हम लोग भी जमीन पर बैठे हुए थे और तभी मंच से हमारे गांव के रामु चाचा ने सब लोगों को संबोधित करते हुए कहा बस कुछ देर बाद ही नाटक शुरू होने जा रहा है आप लोगों को बड़ा ही आनंद आएगा। उन्होंने नाटकों के पात्रों का भी परिचय दिया और उसके कुछ देर बाद नाटक शुरू हो गया सब लोग नाटक देखने के लिए बैठे हुए थे। नाटक के पहले पात्र ने मंच पर अपनी जबरदस्त एंट्री से सबको हड़बड़ कर दिया सब लोग बहुत खुश थे और लड़के तो सीटिया बजा कर उस पात्र को जैसे उसके कलाकार सम्मान दे रहे थे और हम लोग नाटक में इतना खो गए कि पता ही नहीं चला कि कब वह तीन घंटे का नाटक खत्म हो गया। सब लोगों ने बड़ी जोरदार ताली बजाई और जितने भी पात्र वहां पर थे सब लोगों ने उनका बड़ा सम्मान किया।

हमारे ही गांव के कुछ चुनिंदा लोगों ने उनके सम्मान में कुछ पैसे भी दिए और अब मैं और मेरी सहेली रूपा अपने घर की तरफ जा रहे थे तभी रास्ते मैं उसी नाटक मंडली गायक कलाकार से टकरा गई। मैंने जब उसे देखा तो मैंने उसे कहा ओ भैया क्या तुम्हें दिखता नहीं है वह कहने लगा गलती से हो गया आप मुझे माफ कर दीजिए लेकिन तभी रूपा ने मुझे कहा अरे तुम तो वही हो ना जो पटना से आए हुए हो। वह कहने लगे हां मेरा नाम अजय है और मैं पटना में रहता हूं वहीं पर हम लोग रहते हैं। अजय  से बात कर के अच्छा लग रहा था और वह काफी देर तक हम लोगों से बात करता रहा। अजय ने हमसे कहा कभी आप पटना आये तो मुझे जरूर मिलेगा। मैंने अजय से कहा ठीक है कभी हमारा पटना आना हुआ तो हम लोग जरूर मिलेंगे रूपा ने अजय से पूछा वैसे आप लोग यहां कितने दिनों तक रहने वाले है। अजय कहने लगा हम लोग तो अभी यहां पर कुछ दिन और रहेंगे। वह लोग हर रोज एक नया नाटक सब लोगों को दिखाना चाहते थे और उन कुछ दिनों में मेरी अजय के साथ बहुत अच्छी बातचीत हो गई।

अजय भी शायद मुझे प्यार करने लगा था उसका प्यार एक तरफा ही था लेकिन मुझे इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं मेरे पिताजी और मां को इस बारे में पता ना चल जाए। गांव के माहौल में कभी भी इस बात की स्वीकार्यता नहीं थी इसलिए मैं काफी डरी हुई थी मैं और अजय ऐसे ही चोरी छुपे मिलने लगे थे। हम दोनों चलते चलते अपने गांव से थोड़ी दूरी पर निकल गए और वहां पर बैठकर हमने काफी देर तक एक दूसरे से बात की अजय के साथ बात कर के मुझे बहुत अच्छा लगा और मुझे ऐसा लगा कि जैसे अजय अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहता है। मैंने अजय से कहा तुम काफी मेहनती हो तुम जरूर अपने जीवन में आगे बढ़ोगे। अजय कहने लगा मेरी मां भी हमेशा यही कहती है और जब मुझे तुमसे बात करने का मौका मिला तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे तुम्हारे अंदर भी मेरी मां का कोई रूप छुपा हो तुम बिलकुल मेरी मां की तरह बात करती हो वह भी मुझे ऐसे ही समझाती रहती हैं और जिस प्रकार से तुम से मेरी मुलाकात हुई है वह भी किसी इत्तेफाक से कम नहीं है।

हनीमून पे सुहागरात jaise Sex stories padhiye

मुझे भी अजय का साथ पाकर अच्छा लगा लेकिन जब अजय ने यह कहा कि मैं कल पटना लौट जाऊंगा तो मुझे यह बात हुई बुरी लगी। उस दिन मुझे अजय को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मै उसे अपनी बाहों में ले लू लेकिन मैं गांव की एक सीधी-सादी सी लड़की थी इसलिए मेरे अंदर इतनी हिम्मत ना थी परंतु अजय ने हिम्मत दिखाते हुए आखिरकार मुझे गले लगा लिया। जब अजय ने मुझे गले लगाया तो मेरे अंदर से उत्तेजना जागने लगी थी मेरे अंदर से एक करंट सा निकलने लगा। मैं अजय से गले मिलकर बहुत खुश थी जब अजय ने मेरे गुलाब जैसे होठों को अपने होठों से चुंबन किया तो मैं बिल्कुल रह ना सकी। मैंने अजय से कहा तुम मेरे होठों को बड़े अच्छे से चूम रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हम दोनों पास के एक खेत में चले गए वहां कुछ दिखाई नहीं दे रहा था इसलिए हम दोनों ने खेत में जाकर एक दूसरे को काफी देर तक चुंबन किया जिससे कि हम दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो गए।

जैसे ही अजय ने मेरे स्तनों का रसपान करना शुरू किया तो मुझे थोड़ा शर्म सी आ रही थी मैंने अपनी नजरें झुका ली थी लेकिन मैं अंदर ही अंदर बड़ी खुश थी। अजय का मोटा सा लिंग देखकर मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी पहली बार ही मैंने किसी पुरुष के लंड को अपने हाथों में लिया था मेरे लिए यह बड़ा ही अच्छा था। मैं उसके लंड को अपने हाथों से हिलाती रहती धीरे धीरे में उसके लंड को हिला कर खड़ा करने लगी अजय का लंड एकदम से तन कर खड़ा हो चुका था। वह मेरी योनि में जाने के लिए तैयार था अजय ने मुझे नीचे लेटाते हुए मेरी योनि को चाटना शुरू किया। काफी देर तक अजय मेरी योनि का रसपान करता रहा उसने मेरी योनि से पानी तक निकाल दिया था। जब अजय ने अपने मोटे लंड को मेरी योनि में प्रवेश करवाया तो मैं चिल्ला उठी मुझे बड़ा दर्द होने लगा लेकिन जिस गति से अजय धक्के दिए जा रहा था उससे मेरे मुंह से मादक आवाज निकल जाती और मेरी योनि से खून भी निकल रहा था।

मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी मेरी योनि अब खून से लतपत हो चुकी थी लेकिन जैसे ही मेरी योनि पर लंड का प्रहार होता वैसे ही मेरी योनि में दोबारा से जोश पैदा हो जाता। मुझे बड़ा मजा आ रहा था मेरी योनि में चिकनाई बढ़ती जा रही थी मेरी योनि की चिकनाई मे इतनी ज्यादा बढ़ोतरी हो गई कि मै अजय के लंड की गर्मी को ज्यादा समय तक नहीं झेल सकती थी और जैसे ही मेरी योनि में वीर्य की कुछ बूंदें जाने लगी तो मुझे एहसास हो गया कि मेरी योनि मे वीर्य गिरने वाला है। मुझे गर्मी का एहसास हो चुका था और कुछ ही क्षणों बाद मेरी योनि में वीर्य गिर चुका था जिसके साथ मेरी इच्छा पूरी हो चुकी थी। मेरी चढ़ती हुई जवानी दोबारा से ढल चुकी थी मैंने अपनी योनि को साफ किया तो मेरी योनि से वीर्य अब तक टपक रहा था।

मेरी योनि में इतना ज्यादा वीर्य टपक चुका था कि मैंने जब अपने कपड़े पहने तो उसके बाद भी मेरी पैंटी पर वीर्य गिरता जा रहा था।

The post मेरी चूत मारी गई खेत मे appeared first on Antarvasna.

]]>
मोहिनी की स्कूल में चुदाई https://sexstories.one/mohini-ki-school-me-chudai/ Mon, 04 Oct 2021 07:53:10 +0000 https://sexstories.one/?p=4429 फिर सर ने मेरी पैंटी उतर दी। मेरी चुत से पानी आ रहा था। मैं जाने के करन खादी भी नहीं हो पा रही थी। फ़िर उन्होन मेरा ब्लाउज़ खोला। और मेरे बड़े बड़े बूब्स सर के सामने आ गए थे। सर उन्हे देख कर फर्ले से ज्यादा उत्तेजित हो गए और अब उन से रहा नहीं जा रहा था।

The post मोहिनी की स्कूल में चुदाई appeared first on Antarvasna.

]]>
School me chudai ki anokhi story padhiye antarvasna sex website par. Hello mera naam Mohini hai. Mera figure 36-26-36 hai aur age 39 saal hai, jese mujhe dekh kar kisi ka bhi lund turant hi khada ho jata. Mujhe har koi apni hawas ka shikaar banana chahata hai. Mujhe bhi badi body (body builder) wale mard bohut pasand hai, main unhe dekh kar turant hi lar tapkane lagti hoon.

Mere ek pati hai jinka naam raj hai. Unki age 47 age hai. Vo mujhe bistar par santusht nhi kar pate hai. Vo mujhe aksar hi garm karke chod dete hai jisse meri sex ki bhookh badti hi jaa rahi hai. Sath hi vo berojgar hai jesse ki mujhe hi school mein teacher ki job karni padhti rahi hai. Mere 2 bacche bhi hai.

Main ek school mein teacher hoon, jaha mujhe saree phen ke jana hota hai aur main akasar bade blouse aur transparent saree phen kar jati hoon Jesse ki school ke ladke aur male teachers mujhe har apni hawas mein khoo jate hai. Kai baar ladke mujhe dekh kar apna lund tak sehlane lagte hai.

Male(purus) teacher aur humare principal sir mere sath bohut masti karte hai. Kabhi mere kamar pakad lete toh kabhi meri gand pe maar ke hasne lagte hai, main bhi yeh sub majak mein leti hoon. Aur main yah bhi janti hoon ki yeh sub mere sath apna bistar garm krana chahate hai.

Ek baar mujhe paiso ki zarurat thi. Toh maine school khatm hone ke baad principal sir se baat karne unke cabin mein gai.

Sir mein baithne ke liye bola

Fir sir ne unka hath mein pen liya aur fir usko janbujh kar neche gira diya aur mujhe uthne bola, jese hi main neche jhuki toh meri saree ka pallu neche ho gaya aur vo mere boobs ke taraf dekhne lage. Fir maine sir ko bola ki mujhe paiso ki bohut jarurat hai toh toh unhone kaha ki abhi toh mushkil hai, par main aapki help kar sakta hoon lekin aapko bhi kuch karna hoga mere liye. Main sir ka ishara samjh gai thi. Sir dekhne mein toh average se aadmi hi the but ab jarurat inshan ko majbur bana deti hai. Aur main fir phucha kya sir, toh sir ne bola aapko mujhe santusht karna hoga.

Main mann gai, sir bola aap fresh ho kar aa jao, main fresh hone gai is doran sir ne apna mobile ka camera chalu karke upper rakh diya taki vo video bana sake.

Sir ke saath school me chudai karne wali thi main…

Fir jab main aai toh sir ne bola aao Mohini meri jaan meri godh mein baith jao. Main sir ki godh mein baith gai. Mujhe sir ka lund apni gand par mehsus ho raha tha. Fir sir ne apna ek hath mere boobs par rakh diya aur usko zor zor se dabane lage. Mere muh se siskiyan nikal rahi thi Aaaaaaa aaa aaram se sir. Fir sir ne ek dusre hath se mere baal pakad liye aur kiss karne lage. Aur mujhe bohut deep kiss kiya. Mujhe chut puri taraf se gili ho gai thi.

Fir sir mujhe unki godh se uthaya aur mere saaree kholne lage. Main sharm se lal ho rahi thi. Fir sir ne meri puri saare utar di, main ab sirf blouse aur paticot par thi. Fir sir ne mere blouse mein sir ne apna hath dala aur aur unke taraf kicha. Main unse chipak gai thi, aur aur unhone meri kamar pakad li aur kiss karne lage. Main bhi sir ka pura sath de rahi thi. Meri chut se bohut sara pani aa raha tha. Tabhi sir ne unka mera peticot ka nada khol diya aur fir mera blouse ka hook khol diya.

Ab main ek gir mard ke samne red panty aur red bra mein khadi thi. Sir ne bola randi tumne toh apni panty gili kar li, tujh mein toh bohut hawas hai aaja teri pyaas bhujha deta hoon. Aur yeh bol kar vo meri taraf aaye aur meri panty mein hath daal diye aur meri chut mein sir ne apni ungli daal di aur zor zor se unki fingers ko meri chut mein hilane lage aur main siskiya lene lagi aaaa aaaa uiii aaaa aa.

Antarvasna sex school me chudai ki stories

Jis se ki main aur garam ho rahi thi. Aur fir hone mujhe kiss kiya aur 5 minute baad hi main sir ke hath se jhad gai.

Fir sir ne meri panty utar di. Meri chut se pani aa raha tha. Main jadne ke karan khadi bhi nhi ho paa rahi thi. Fir unhone mera blouse khola. Aur mere bade bade boobs sir ke samne aa gaye the. Sir unhe dekh kar phrle se zyada uttejit ho gaye the aur ab un se raha nhi jaa raha tha. Sir turant unke kapde khol diya aur fir sir ne apna lund bahar nikala. Sir ka lund bohut bada tha jese dekha kar main lar tapkane lagi aur madhos si hone lagi ki, aaj itna bada meri chudai karega.

Fir sir ne bola ki neche baitho, aur main jese hi neche baithi toh main maine dekha ki sir ka lund bohut hi ganda ho raha tha. Us par sir ka phele cum lga utha tha aur badboo aa rahi thi. Maine bola main isko ander nhi lungi, aur tabhi sir ne mera muh unke hath se khol diya aur pura lund mere muh mein bhar diya. Vo mere gale tak aa gaya tha. Aur fir honr aage pheche karna suru kiya. Aur mujhe toh thik se saas bhi nhi lete ban rahi thi. Fir kuch der baad sir ne unka lund mere muh se nikala, unka pura lund meri lar se gila ho gaya tha. Fir sir ne us gile lund ko mere muh par rub kiya. Main sub ko chup chap seh rahi thi.

Kahani padhna na bhulein – माँ को बरसात में चोदा

Fir unhone mujhe nevhe leta diya aur vo ab mere aa gaye the. Fir unhone unke lund ko meri chut par set kiya aur pir mere boobs ko chusne lage. Jiske karan maim siskiyaan bharne lagi. Mere muh se awaj aaaa aaaa aaaaaa ki chike nikal rahi rahi. Tabhi sir ne unka lund ek hi baar mein meri chut mein daal diya. Aur zor zor se mujhe chodne lage. Vo mujhe bilkul beh rehmi se chod rahe the.Mere muh se aaaaaa aaaaaa ki awaj nikal rahi thi. Aur yeh awaj unko aur uttejit kar rahi thi.

Kareeb 30 min baad sir aur main apne charam sima par aa chuke the, ab na sir se rah jaa raha tha na mujhe aur sir ne apni chodne ki speed badai aur hum dono ne sath charamsukh liya.
Sir ne apna sara garam maal meri chut mein daal diya. Mujhe bhi bilkul hos nhi tha.

School me chut chudai ki mast kahaniyan padhie free mein

Aaj main puri santusht thi. Fir sir ne wapas unka lund mere mein muh mein daal diya aur bola ki randi chal ab usko saaf kar. Aur main sir ka lund apni jeeb se chat chat kar saaf kiya.

Fir sir ne mujhe 10000 de diye. Fir jab maine kapde phene aur sir ko bola ki ab main jati hoon sir, tabhi sir ne muskurate hue bola Mohini jane se phele tumara video toh dekh lo, aur tabhi unhone apna mobile nikala aur mujhe dekhaya ki unhone meri chudai pura video bana liya hai. Aur mujhe bola ki mohini aaj se tum meri rand ho gai ho. Yeh 10000 mein maine tumne Zindagi bhar ke liye khareeda liya. Ab main tumko apni raad bana ke rakhunga.

Abhi yeh toh bas suru waat hai aage aage toh aur bhi bohut kuch hoga.

Aaj ke itna hi…..

Your mohini

The post मोहिनी की स्कूल में चुदाई appeared first on Antarvasna.

]]>