chodayi Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/chodayi/ Hindipornstories.org Fri, 05 Nov 2021 07:49:02 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 रिश्तेदार के भाई की सेक्सी बेटी https://sexstories.one/rishtedar-ke-bhai-ki-beti-ko-choda/ Fri, 05 Nov 2021 07:49:02 +0000 https://sexstories.one/?p=3273 हनी एक शानदार जिस्म की मालकिन थी- लंबा कद, दूधिया रंग, पतली कमर, बेहतरीन चूचियाँ और मदमस्त चूतड़ यानि कूल्हे ! कुल मिलाकर सर से पाँव तक चोदने लायक माल थी। मैं आज रात को ही उसे चोदने के मूड में था।...

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Rishtedar Ke Bhai Ki Sexy Beti Ko Choda मैं लखनऊ में रहता हूँ और बनारस अक्सर जाना होता है। वहाँ मेरे एक दूर के रिश्तेदार का घर है जिनसे मेरे बहुत अच्छे सम्बन्ध हैं। वे भी लखनऊ ही रहते हैं अतः जब मैं बनारस जाता तो वे अपने घर की चाबी मुझे दे देते थे और मैं आराम से वहाँ रहता था।

उनके मकान से सटा मकान उनके भाई का था, दोनों घर आपस में छत से जुड़े थे जिससे आसानी से आया-जाया जा सकता था।

उस परिवार में एक लड़की थी जिसका नाम हनी था।

उसकी उम्र लगभग 27 साल की थी, मांगलिक होने के नाते उसकी शादी तब तक नहीं हुई थी।

हनी एक शानदार जिस्म की मालकिन थी- लंबा कद, दूधिया रंग, पतली कमर, बेहतरीन चूचियाँ और मदमस्त चूतड़ यानि कूल्हे !

कुल मिलाकर सर से पाँव तक चोदने लायक माल थी।

उसके परिवार में हनी के अलावा उसके माँ-बाप थे और एक भाई था जो बाहर नौकरी करता था।

उस परिवार और हनी से मेरा बेहद औपचारिक रिश्ता था, केवल दुआ-सलाम का लेकिन मैं हनी के गदराये बदन का मजा लेना चाहता था।

मेरे दिमाग में यह बात थी कि इस उम्र तक शादी न होने से उसे भी लण्ड की जरूरत तो होगी ही, लिहाजा अगर यह पट जाए तो इसे भी लण्ड मिल जाएगा और मुझे भी बनारस में चूत मिल जाएगी।

अब मैंने हनी को पटाने की ठान ली।

मैं उस मकान के ऊपरी हिस्से के कमरे में ही रहता था क्योंकि वो कमरा मेरे रिश्तेदार के बेटे-बहू का था जिनकी कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी, लिहाजा उनका कमरा नवदम्पत्ति के हिसाब से सजा-सँवरा था।

मैं इसी कमरे में हनी के साथ सहवास करना चाहता था।

हनी के पटाने के लिए ये कमरा इस वजह से भी मुफीद था क्योंकि उसका कमरा भी ऊपरी हिस्से में ही था अतः कभी-कभार दिख जाने पर हाय-हैलो हो जाती थी।

एक बार मेरा बनारस का 8 दिन का कार्यक्रम था।

पहले ही दिन मेरा सामना हनी से हुआ तो मैंने उससे पानी माँगा।

वो पानी लेकर आई और मुझे चाय की भी पेशकश की।

मैंने हनी की पेशकश तुरन्त स्वीकार कर ली।

वो उठी और चाय लेने के लिए जाने लगी।

उसकी जीन्स में से उभरे चूतड़ देखकर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मैंने सोच लिया कि अगर यह पट गई तो इसकी गाण्ड भी जरूर मारुँगा।

वैसे भी मैं अपने सम्पर्क में आने वाली सभी लड़कियों की गाण्ड जरूर मारता हूँ।

थोड़ी देर में वो चाय लेकर आई। मैंने चाय की खूब तारीफ की और कहा- चाय भी तुम्हारी तरह ही अच्छी है !

तो वो मुस्कुराने लगी।

मैंने सोचा- हँसी तो फँसी।

और वो वाकयी फँसने लगी।

शाम को उसने फिर चाय के लिए पूछा तो मैंने कुटिल मुस्कान के साथ उसकी चूचियाँ देखते हुए कहा- जो भी पिलाओ,सब पी लूँगा।

वो फिर मुस्कुरा दी।

मैं अब आश्वस्त था कि जल्दी ही यह कुंवारी कन्या मेरे लंड के नीचे होगी।

मैं बाथरूम में मूठ मारने चला गया।

बाथरूम से निकलते ही वो चाय लेकर आ गई।

इस बार वो हम दोनो के लिए चाय लाई थी।

चाय पीते हुए इधर-उधर की बातें करते हुए उसने अपने अकेलेपन का अप्रत्यक्ष रूप से ज़िक्र कर ही दिया।

उसने आगे रात को खाने की बात कही कि रात को मैं खाना लेकर आ जाऊँगी।

मैंने कहा- हो सकता है कि तुम्हारे मम्मी-पापा को अच्छा न लगे?

तो उसने कहा- वे नीचे ही रहते हैं और मैं अपने खाने को बढ़ा कर अपने कमरे में खाने के लिए लेती आऊँगी।

अब इसमें कोई संदेह नहीं रहा कि हनी अब कुँवारी नहीं रहने वाली थी।

मैं आज रात को ही उसे चोदने के मूड में था।

रात दस बजे जब उसके माँ-बाप खाना खाकर सोने चले गये तो हनी अपना खाना लेकर ऊपर अपने कमरे में आ गई।

थोड़ी देर बाद वो मेरे कमरे में आ गई और हम दोने ने खाना खाया।

खाते वक्त मैंने उसे अपने बगल में बिठाया और किसी न किसी बहाने से उसे छूने लगा।

उसने कोई विरोध नहीं किया तो खाना खत्म होने तक मेरी हिम्मत और बढ़ गई।

खाना खत्म करने के बाद वो जाने लगी तो मैंने उससे कुछ देर रुकने को कहा।

वो अपने कमरे में बर्तन रख कर फिर मेरे पास आ गई।

मैं अचानक उठा और हनी को अपनी बाँहों में कस कर जकड़ लिया।

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जब तक वह कुछ समझ पाये, मैं उसे दीवाल से लगा कर अपने होठों से उसके होठों को अपनी गिरफ्त में ले चुका था।

उसकी मस्त चूचियाँ मेरे सीने से दब कर पिस रही थी।

मैंने हनी के रसीले होठों को भरपूर चूसा।

मेरा खड़ा लण्ड हनी की चूत के ऊपर रगड़ खा रहा था।

हनी ने कुछ देर तो मेरी पीठ पर मुक्कियाँ मार कर खुद को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन उसे कोई फायदा नहीं मिला।

अन्त में उसके हाथ मेरी पीठ को सहलाने लगे और उसने भी मुझे अपनी बाँहों में कस लिया।

मैं समझ गया कि यह साली अब कंट्रोल में आ गई।

मैंने उसके होठों को आजाद किया।

वो आँखें बंद करके जैसे हाँफ रही थी।

अब मैंने हनी के दोनों पैरों के बीच से उसकी गाण्ड में हाथ डाल कर उसे टाँग लिया और उसे बिस्तर के चार फुट ऊपर लाकर छोड़ दिया।

मुलायम गद्देदार बिस्तर पड़ते ही उसकी आँखें खुली।

वो कुछ बोलने जा रही थी कि मैं उस पर चढ़ बैठा और फिर उसके होंठ चूसने लगा।

मैंने हनी के रसीले होठों को भरपूर चूसा।

मेरा खड़ा लण्ड हनी की चूत के ऊपर रगड़ खा रहा था।

हनी ने कुछ देर तो मेरी पीठ पर मुक्कियाँ मार कर खुद को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन उसे कोई फायदा नहीं मिला।

अन्त में उसके हाथ मेरी पीठ को सहलाने लगे और उसने भी मुझे अपनी बाँहों में कस लिया।

मैं समझ गया कि यह साली अब कंट्रोल में आ गई।

मैंने उसके होठों को आजाद किया।

वो आँखें बंद करके जैसे हाँफ रही थी।

अब मैंने हनी के दोनों पैरों के बीच से उसकी गाण्ड में हाथ डाल कर उसे टाँग लिया और उसे बिस्तर के चार फुट ऊपर लाकर छोड़ दिया।

मुलायम गद्देदार बिस्तर पड़ते ही उसकी आँखें खुली।

वो कुछ बोलने जा रही थी कि मैं उस पर चढ़ बैठा और फिर उसके होंठ चूसने लगा।

यह चुम्बन करीब 5 मिनट चला।

मेरे इस प्रगाढ़ चुम्बन ने हनी को बेसुध कर दिया।

अब मैं हनी के ऊपर से उतर कर उसके बगल में लेट गया और उसके सिर को अपनी बाँयी बाजू पर रख कर उसके गालों को चूमते हुए उसकी जाँघ सहलाने लगा।

वो उस वक्त एक लम्बी स्कर्ट और टॉप पहने थी।

मैंने उसके स्कर्ट को ऊपर कर दिया और उसकी चिकनी जाँघों का मजा लेते हुए पैंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा।

हनी की साँसें तेज हो गई।

कुछ देर ऐसे ही करने से उसकी चूत गीली हो गई।

मैं मन ही मन मुस्कुराते हुए उठा और हनी की टॉप के बटन खोल कर उसे उसके हसीन बदन से अलग कर दिया।

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ट्रेनिंग के दौरान किया चुदाई https://sexstories.one/training-me-chodai/ Wed, 20 Oct 2021 05:34:11 +0000 https://sexstories.one/?p=3072 वह मुझे इतना समझा रही थी लेकिन मेरे दिमाग में कुछ भी बात नहीं घुस रही थी। मैं सिर्फ उसके होठों को देख रहा था और उसके बड़े बड़े स्तनों को देखे जा रहा था। मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और अपने नीचे दबोच लिया। वह छटपटाने लगी लेकिन मैंने उसके होठों को अपने होठों में..

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desi porn chodai kahani, hindi sex stories मेरा नाम सोनू है और मैं कक्षा 12वीं में पढ़ने वाला एक छात्र हूं। मेरी उम्र 17 वर्ष है और मैं अपने स्कूल का सबसे एक्टिव स्टूडेंट हूं। हमारे स्कूल में जितने भी प्रतियोगिताएं होती हैं उन सब में मैं हिस्सा लेता हूं और सब टीचर मुझे बहुत ही पसंद करते हैं। मुझे भी बहुत अच्छा लगता है जब मैं प्रतियोगिता में हिस्सा लेता हूं। मेरे पिताजी हमेशा ही मुझे कहते रहते हैं तुम बहुत ही अच्छे हो पढ़ने में इसलिए तुम अपनी पढ़ाई में पूरा ध्यान दिया करो। उसके बाद तुम किसी अच्छी प्रतियोगिताओं की तैयारी करना।

जिससे कि तुम एक अच्छी जगह पर नौकरी पा सको। एक बार हमारे स्कूल में खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन हमारे स्कूल के द्वारा किया गया। उसमें और स्कूलों से भी बच्चे आए हुए थे। उनके साथ में टीचर भी आई हुई थी। मैंने भी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया हुआ था। मैंने एक मैडम देखी तो वह मुझे बहुत ही सुंदर लगी और ना जाने मुझे उनकी तरफ अट्रैक्शन सा हो गया। अब मैं उनका नाम जानने के लिए उत्सुक हो गया। क्योंकि मैं किसी भी तरीके से उनका नाम जानना चाहता था। उनकी शादी नहीं हुई थी। मेरे स्कूल के टीचरों से मेरी बहुत ही अच्छी बातचीत थी तो मैंने अपनी एक मैडम से पूछा जिन मैडम ने पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई है क्या आप उन्हें जानते हैं। वह कहने लगे की हां उनका नाम मालती है।

मुझे उन मैडम का नाम पता चल चुका था और मैं बहुत ही खुश था। मैं जब अपने घर गया तो मैंने मालती मैडम को फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड कर दी लेकिन उन्होंने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं की थी और मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट पेंडिंग में ही पड़ी हुई थी। अब हमारे स्कूल की प्रतियोगिताएं भी समाप्त हो चुकी थी। मैं चाहता था मालती मैडम से मेरी बात हो पाए। एक दिन उन्होंने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लिया और जब उन्होंने मुझसे पूछा क्या मैं तुम्हें जानती हूं। तब मैंने उन्हें बताया कि हां आप हमारे स्कूल में कुछ दिन पहले आई थी। अब हमारी बात मैसेजेस में ही होने लगी और वह मेरे बारे में पूछने लगी।

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मैं भी उनके बारे में पूछ लिया करता था। एक बार मैंने मालती मैडम से पूछा क्या आप मुझे ट्यूशन पढ़ा सकती हैं। मैं घर पर ही पढ़ाई कर रहा हूं। परंतु अब मैं चाहता हूं कि मैं इस वर्ष अच्छे अंको से पास हो जाऊं और उसके लिए मैं ट्यूशन पढ़ना चाहता हूं। वह कहने लगे कि मैं तुम्हें ट्यूशन पढ़ा दूंगी। उनके पास बहुत सारे बच्चे ट्यूशन पढ़ने आया करते थे और मैं भी उनके पास ट्यूशन पढ़ने के लिए चला गया। जब मैं उनके पास पहले दिन ट्यूशन पढ़ने गया तो उन्होंने मुझसे पूछा, तुमने अब तक अपने स्कूल में क्या पढ़ाई की है। मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया कि मैंने स्कूल में कितना पढ़ा है। अब वह शुरू से मुझे पढ़ाने लगी। जब भी मालती मैडम मुझे पढ़ाती तो मैं उनकी तरफ देखा करता था।

मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब मैं उनकी तरफ देखता जाता हूं लेकिन जैसे ही वह मुझे देखती तो मैं अपनी नजरें झुका लिया करता हूं। मुझे उन्हें देखकर शर्म लगती थी और अब ऐसे ही हमारी बात होती चली गई। वह मुझे बहुत ही अच्छा पढ़ाती थी। वह जब भी मुझे पढ़ाती तो मुझे सब कुछ समझ आ जाया करता। कुछ दिनों बाद उनकी इंगेजमेंट होने वाली थी और जब उनकी इंगेजमेंट हुई तो उन्होंने हमें मिठाई भी खिलाई थी। मुझे अंदर ही अंदर से बहुत बुरा भी लग रहा था और मैं सोच रहा था की काश मैं बड़ा होता तो मैं मालती मैडम से शादी कर पाता लेकिन मेरी उम्र बहुत ही कम है और वह मुझसे बड़ी थी। अब मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लग रहा था और मैं पढ़ाई भी नहीं कर पा रहा था। मालती मैडम मुझे बहुत डांट दिया करती थी और कहती थी कि तुम पढ़ाई में अपना ध्यान नहीं लगा रहे हो।

अगर तुम इसी तरीके से पढ़ते रहोगे तो तुम अच्छे नंबर नहीं ला पाओगे। मैं उन्हें कहता कि आजकल पता नहीं क्यों मेरा मन पढ़ाई में नहीं लग पा रहा है। मेरे दिमाग में बहुत सारी चीजें चल रही है इसकी वजह से मैं अच्छे से पढ़ भी नहीं पा रहा हूं। जब मैंने उनसे यह बात कही तो वह मुझे कहने लगी तुम मुझे बताओ तुम्हारे दिमाग में क्या चीज चल रही है। मैंने सोचा मैं इन्हें बताऊंगा तो मैडम को बुरा लग जाएगा लेकिन मैंने हिम्मत करते हुए उन्हें बताइए दिया कि आपके लिए मेरे दिल में कुछ फीलिंग है तो वह जोर जोर से हंसने लगी और कहने लगी अभी तुम्हारी उम्र बहुत कम है। तुम्हें पता नहीं है कि मेरी इंगेजमेंट हो चुकी है।

मैंने उन्हें कहा मुझे तो पता है लेकिन मेरे दिल में आपके लिए ऐसा कुछ हुआ तो वही मैंने आपको बताया। उन्होंने मुझे कहा कि अभी तो मैं बिजी हूं। तुम एक काम करना कल तुम थोड़ा जल्दी आ जाना। उसके बाद में मैं तुमसे इस बारे में बात करूंगी। अगले दिन जब मैं जल्दी चला गया तो मैडम मुझे कहने लगी तुम इन फालतू चीजों में मत पड़ो। तुम सिर्फ अपना ध्यान पढ़ाई पर रखो। वह मुझे बहुत ही ज्यादा समझा रही थी लेकिन मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। क्योंकि मेरे दिल में उनके लिए कुछ चीजें चल रही थी।

वह मुझे इतना समझा रही थी लेकिन मेरे दिमाग में कुछ भी बात नहीं घुस रही थी। मैं सिर्फ उसके होठों को देख रहा था और उसके बड़े बड़े स्तनों को देखे जा रहा था। मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और अपने नीचे दबोच लिया। वह छटपटाने लगी लेकिन मैंने उसके होठों को अपने होठों में किस करना शुरू किया तो उसकी सारे समझदारी उसकी चूत मे चली गई और उसकी चूत से पानी टपकने लगा। अब मैंने उसके सारे कपड़े खोल दिया और उसके स्तनों को अपने मुंह में समा लिया। जब मैंने उसका बदन देखा तो वह बहुत ही ज्यादा गोरा और मुलायम था। मैंने उसके स्तनों को बहुत ही अच्छे से चाटा उसके स्तनों से थोड़ा बहुत दूध भी निकल रहा था। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो वह हैरान रह गई और उसने तुरंत ही अपने हाथों में मेरे मोटे लंड को ले लिया। उसने अपने मुंह के अंदर लंड को समा लिया।

Ghapaghap chodai लौड़े में दम नहीं फिर भी हम किसी से कम नहीं

मैंने भी इतना तेज धक्का मारा कि उसके गले के अंदर तक मेरा लंड चला गया। अब उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ चुकी थी मैंने उसके चूत के अंदर अपने लंड को जैसे ही डाला तो उसकी हालत खराब हो गई और वह बड़ी तेज आवाज में चिल्लाने लगी। मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था जब मैं उसे धक्के दिए जा रहा था। मैंने इतनी तेजी से उसे चोदना शुरू किया कि उसका पूरा शरीर हिलता जा रहा था और वह मुझसे कह रही थी सोनू तुम तो मुझे बहुत ही अच्छे से चोद रहे हो। उसने अपने दोनों पैरों को भी खोल लिया था अब वह बहुत ज्यादा मूड में आ गई तो मैंने उसे अपने लंड के ऊपर बैठा लिया। जैसे ही मैंने उससे अपने ऊपर बैठाया तो उसकी योनि के अंदर मेरा पूरा लंड जा चुका था। अब मैंने बड़ी तेजी से उसे धक्का देना शुरु कर दिया था और मेरा शरीर भी पूरा  गर्म होने लगा था।

वह भी पूरे मूड में आ गई मुझसे मालती मैडम के स्तनों को देखा नहीं जा रहा था और मैं उन्हें अपने मुंह में लेकर चूस रहा था। मैंने उन पर अपने दांत भी काट दिए थे जिससे कि मुझे बड़ा मजा आता और उन्हें भी बहुत आनंद आ रहा था। अब वह अपनी चूतड़ों को इतनी तेजी से ऊपर नीचे करने लगी कि मेरा लंड बुरी तरीके से छिल चुका था उनकी योनि भी बहुत बुरी तरीके से रगड़ रही थी। मुझे इतना मजा आ रहा था मैंने उनके होठों को किस करते हुए थोड़े समय बाद उन्हें घोडी बना दिया। मैंने जैसे ही उनकी योनि में अपने लंड को डाला तो वह चिल्ला उठी मुझे बहुत मजा आया जब मैंने उनकी योनि में अपने लंड को डाला।

वह भी अपने चूतड़ों को मुझसे सटाए जा रही थी और बहुत ही मजे ले रही थी। जैसे ही मैं उन्हें आगे की तरह  धक्के देता तो वह अपने चूतड़ों को पीछे कर लेती। उनके चूतड़ों से बहुत तेज फच फच की आवाज आ रही थी। उनकी बड़ी-बड़ी चूतडे मेरे हाथ में भी नहीं आ रही थी फिर भी मैंने उन्हें कस कर पकड़ा हुआ था। मुझे इतना मजा आ रहा था उन्हें धक्के देने में कि मेरा शरीर पूरा गर्मी छोड़ने लगा और उनकी योनि से भी आग निकलने लगी। मुझे प्रतीत हो गया कि थोड़े समय बाद मेरा वीर्य गिरने वाला है और मैंने बड़ी तेज तेज झटके दिए उन्हीं झटकों के बीच में मेरा वीर्य पतन हो गया।

मालती मैडम उसके बाद मुझे कुछ नहीं कहती और अपनी चूत मुझसे ही मरवाती हैं।

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चलती ट्रैन में चोदा पूनम को https://sexstories.one/chalti-train-mein-choda-poonam-ko/ Tue, 12 Oct 2021 05:53:42 +0000 https://sexstories.one/?p=4482 मैं पूनम के नज़दीक गया हो उसकी सांसो को महसूस करते हुए उसे किस करने लगा हम दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों मै पकड़ कर स्मूच करने लगे। उसने अपना एक पैर मेरे उपर चड़ा लिया। और में अपने एक हाथ से उसके बाल पकड़ कर और दूसरे हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था। और वो मदहोश होती जा रही थी

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Chalti Train Mein Choda Poonam Ko मेरा नाम राहुल है। मेरा रंग गोरा भूरा कद 5.10 फिट है। मै बहुत सुन्दर हूँ। में दिल्ली का रहने वाला हूँ। ये मेरी पहली कहानी है। मैं एक बार दिल्ली से कानपुर ट्रेन के 1st एसी में सफ़र कर रहा रहा था और जैसा आप को पता ही होगा की 1st एसी मैं एक केबिन होता है। जिसमे चार बर्थ होती है। तो में दिल्ली से ट्रेन में बैठा और मेरे अलावा कोई भी उस ट्रेन के केबिन में नही था।

कुछ समय बाद ट्रेन चल पड़ी और ग़ाज़ियाबाद स्टेशन पर पहली बार रुकी। वहाँ से एक सेक्सी औरत ट्रेन मै चड़ी उसकी उम्र 32 साल की होगी फिगर 38-30-38 होंगे। उसने सफेद और गुलाबी कलर की गहरे गले की कुर्ती पहनी थी।

जिसमे से उसकी ब्रा का रंग साफ झलक रहा था। और गुलाबी कलर की पेंट पहने हुई थी वो अंदर आई और अपना सामान रखा और मेरे पास बैठ गयी और वो मुझसे पूछने लगी की आप अकेले है??

और मैने जवाब दिया जी हाँ मै अकेला हूँ। और फिर हमारी जनरल बातचीत शुरु हो गयी। उसने अपना नाम पूनम बताया । कुछ समय बाद ट्रेन चल पड़ी और हम बैठे बाते कर रहे थे। इतने में उनको बाथरूम जाना था वो खड़ी हो गई। और उसी समय अचानक ट्रेन का झटके से ब्रेक लगा और वो एक दम से मेरे उपर आ गिरी और उसके बूब्स जो की आधे खुले हुए थे मेरे मुहँ पर आकर के चिपक गये। वो मुझसे कहने लगी ऊ..सॉरी सॉरी..

मैने उनसे कहा कोई बात नही मेडम वो हंसी और फिर उठ कर बाथरूम करने चली गयी… जब वो वापस आई फिर इतने समय में टीटी आया उसने हम दोनों की टिकट चेक की मैंने उनसे पूछा टीटी साहब कोई इन दोनों उपर वाली बर्थ पर सवारी नहीं आयेगी क्या? उन्होने कहा शायद जिसकी बर्थ थी वो नही आए रिज़र्वेशन उनका दिल्ली से ही था। और फिर पूनम जी उठी उन्होने केबिन लॉक कर दिया।

कुछ समय बाद वापस लोटी तब वो मेरे पास आकर बैठ गयी। हमारी फिर से बातचीत शुरु हो गयी। लेकिन इस बार थोड़ी खुलकर बातें होने लगी। फिर मैने पूछा पूनम तुम क्या करती हो। उसने कहा की वो किसी ऑफिस में काम करती है। लेकिन मेरी नज़र उसके आधे खुले बूब्स पर थी। वो मुझे देख रही थी की मैं उसके बूब्स को ही देख रहा हूँ। एक दम से उसने पूछा अच्छे लग रहे है क्या?? मैने कहा क्या मतलब?? उसने कहा की जो तुम देख रहे हो मेरे बूब्स।

Mast chodayi kahani दूकान में चोदा सेक्सी भाभी को

मेरे तो एक दम से तोते उड़ गये। मैने कहा सॉरी डियर। असल में कुछ सोच रहा था। मेरी नज़र उधर थी पर ध्यान कही और था। पूनम हँसने लगी और कहने लगी इधर भी ध्यान दे दो यार। मैने कहा अब तो पूरा ध्यान दिमाग़ और नज़र सब उधर ही है। इतने मै वो मेरे पास मै आ कर बैठ गयी और मेरा हाथ पकड़ कर मसलने लगी यारो क्या बताउ वो बहुत सेक्सी होती जा रही थी। फिर हम दोनो आखों में आखें डाल कर एक दूसरे को देख रहे थे। उनकी आँखों में पूरा सेक्स का नशा चड़ा हुआ था।

फिर मैं पूनम के नज़दीक गया हो उसकी सांसो को महसूस करते हुए उसे किस करने लगा हम दोनों एक दूसरे को अपनी बाहों मै पकड़ कर स्मूच करने लगे। उसने अपना एक पैर मेरे उपर चड़ा लिया। और में अपने एक हाथ से उसके बाल पकड़ कर और दूसरे हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था। और वो मदहोश होती जा रही थी। मैने उसके लिप्स पर किस कर डाली। फिर उसके आधे ख़ूले बूब्स के बीच मै अपना फेस डाल कर किस करने लगा। और दूसरा हाथ बालो से हटा कर उसकी कुर्ती के अंदर पीछे से डाल कर उसे नशीली मसाज देते हुए उसकी कुर्ती उतार दी।

यारो वो लाल कलर की ब्रा मै खूब लग रही थी। और मैंने अपना चहरा उसके एक दम मखमली सॉफ्ट बूब्स मै लगाये जा रहा था। उसे और मुझे दोनों को बहुत ही मज़ा आ रहा था। फिर मेने उसकी ब्रा निकाल दी उसके बूब्स बहुत बड़े और गोल थे और मे उसके निप्पल चूसने लगा उसके निप्पल एक दम मुलायम थे। उसने एक दम से मेरा पेंट के उपर से मेरा लंड पकड़ लिया। जो की पूरा बड़ा होकर 8 इंच का हो चुका था। और वो चुदने के लिए फड़ फड़ा रहा थी वो बहुत कामुक हो चुकी थी। पूनम ने जल्दी से मेरी पेंट और अंडरवेर को एक साथ उतार फेका। और वो जुट गयी मेरा लंड चूसने और दोनों हाथो से मेरी गांड दबाते हुए कस कस कर चूस रही थी वो मेरे लंड को।

फिर मैने उसकी टाइट पेंट उतारी तो उसके साथ उसकी पेंटी भी उतर गयी। अब हम दोनों एक दम से एक दूसरे के सामने नंगे थे। अब हम 69 मूड में थे। पूनम मेरे उपर थी और वो मेरा लंड मानो एक दम जंगली बिल्ली की तरह चूस रही थी। लेकिन ये मेरा पहला टाइम था मुझे चूत को चूसने मै परेशानी हो रही थी। फिर भी मैने अपनी दो उंगलिया डालते हुए उसे पूरा मज़ा दिया। मैने पूनम को बर्थ पर लेटाया और अपना लंड उसकी गीली चूत पर रगड़ने लगा। पूनम बोली चोद दो मुझे राहुल चोदो मुझे।

मैने अपना लंड जैसे ही उसकी चूत मै अड़ाया और अंदर डालने लगा मेरा पूरा 8 इंच का लम्बा लंड उसकी चूत मैं फिसलता हुआ समा गया। और उसने चीखते हुए अपने लंबे नाख़ून से मेरी पीठ पर निशान कर दिये। अब मै अपना लंड अंदर बाहर कर के उसे चोद रहा था वो मेरे चेहरे को अपनी चुचियो मै दबाते हुए चोदो राहुल……आआहह कह रही थी।

अब मैने पूनम से कहाँ पूनम तुम ऊपर आओ। मैं बर्थ पर लेट गया और पूनम मेरी जाँघो पर बैठ कर मेरा लंड अपनी चूत मै रगड़ रही थी। और चुदाई कर रही थी। फिर उसने लंड अंदर डाल कर धीरे धीरे चुदाई चालू कर दी। और मै एक हाथ से उसकी चूचीयों को दबा रहा था। और दूसरे हाथ की उंगली उसके गांड के छेद मै डालने की कोशिश कर रहा था। फिर अपनी उंगली को उसकी चूत के पानी से गीला कर के उसकी गांड मै डालने लगा। तभी वो बहुत जोर से चिल्लाई राहुल मत करो दर्द हो रहा है। और वो अपनी गांड उठा उठा कर चूत चुदाई कर रही थी। मैने कहा पूनम मुझे तुम्हारी गांड मारनी है।

पहले तो उसने मना करा फिर समझाने पर मान गयी। मैने उसको कुतिया की तरह स्टाईल मै करने को कहाँ वो गांड उठा कर ज़मीन पर घुटनो के बल झुक कर बैठ गयी। मैने अपनी अटेची से सिर मै लगाने वाला तेल निकाला। और बहुत सारा तेल अपने लंड पर और उसकी गांड के छेद पर लगाया। और धीरे से उसकी गांड पर लंड टिकाया। और एक ज़ोर का झटका मारा मेरा थोड़ा सा लंड अंदर गया और वो चीख पड़ी और कहने लगी प्लीज छोड दो मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
थोड़ा समय ठहर कर फिर दूसरा झटका मारा लगभग आधा लंड अंदर गया। उसे बहुत दर्द हो रहा था। थोड़ी देर मैं बिना हिले ही लेटा रहा। उसे कुछ आराम मिला तो आधा ही लंड अंदर बाहर करने लगा। उसे अब मज़ा आने लगा था। वो चुदाई करने में मेरा पूरा साथ दे रही थी। फिर मैने तीसरा ज़ोर का झटका मारा थोड़ा लंड और अंदर गया। अब उसे बहुत मज़ा आने लगा था।

अब मेंरा काम होने वाला था। मेने उसे पूछा वीर्य कहाँ निकालूं। पूनम ने कहाँ की में उसे पीउंगी मैने लंड बाहर निकाला और उसके मुह में दे दिया। और वो अपने हाथो से लंड को पकड़ कर चाटने लगी। मेरा वीर्य निकलने लगा मुझे झटके लगने लगे। उसने पूरा वीर्य मुहँ में भर लिया। और कहने लगी बहुत नमकीन नमकीन है।

फिर सब कुछ साफ कर के हमने अपने कपड़े पहने और एक ही बर्थ पर एक साथ लेट गये फिर रात मै करीब 3:00 बजे हमने दोबारा एक बार से चुदाई की और हम सो गये। सुबह उठ कर पूनम ने पूछा की राहुल तुम करते क्या हो?? मैने कहा में एक स्टूडेंट हूँ। वो मुझे घूर कर शैतानी नज़र से देखने लगी और कहने लगी तुमने बहुत कुछ कर दिया लेकिन अपना चार्ज नही बताया। मैने कहाँ मेडम मैं बहुत खुश हो कर अपना पेमेंट नहीं लेता हूँ।

उसने बताया की उसके पति हमेशा एक ही स्टाइल मै और कई महीने मै 3 या 4 बार ही चोदते है। और उनका लंड भी केवल लगभग 5 इंच का ही है। बिल्कुल मज़ा नही आता पर आज तो तुमने मुझे पूरी तरहा से बहुत मज़ा दिया है। फिर उसने अपने पर्स से मुझे 1000 रू निकाल कर दिए और मेरा सेल नंबर लिया और कहने लगी की अगर दिल्ली या कही भी बुलाउंगी तो तुम आओगे। मैने कहा हाँ मेडम किसी भी समय। और वो चली गयी अब में हर समय उसी को सोचता रहता हूँ। उस दिन के बाद हम लोग कई बार चुदाई का काम कर चुके है।

उसको चोदने में बहुत मज़ा आता है और वो भी बहुत मज़े से चुदवाती है।

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चूत और गांड मे लंड https://sexstories.one/choot-aur-gand-me-lund/ Fri, 08 Oct 2021 07:13:42 +0000 https://sexstories.one/?p=4459 जैसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने कामिनी से कहा तुम तो बडी ही लाजवाब हो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को उतार लिया वह उसे अच्छे से सकिंग करने लगी। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को सकिंग करती जिससे कि मेरे अंदर बहुत ज्यादा जोश आ जाता मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था

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Hindi sex kahani, antarvasna choot aur gand ki chudai ki –  मोहन और कामिनी के बीच में अक्सर झगड़े होते रहते थे और उनके झगड़ों की वजह से पूरे मोहल्ले वाले परेशान हो जाते थे क्योंकि कामिनी और मोहन के झगड़े इतने ज्यादा बढ़ चुके थे कि कामिनी पुलिस को बुला लिया करती थी और सब लोग इस बात से परेशान रहते थे। कई बार मैंने और मेरी पत्नी ललिता ने दोनों को समझाया लेकिन वह दोनों समझ ही नहीं रहे थे और एक दूसरे से झगड़ा करते रहते थे। दोनों की वजह से पूरा माहौल खराब होने लगा था और जब एक दिन मैंने मोहन को कहा तुम दोनों आपस में क्यों झगड़ा करते रहते हो हम लोगों ने तुम्हें इतनी बार समझाया है लेकिन उसके बावजूद भी तुम दोनों कितना झगड़ते हो।

मोहन कहने लगा यार अब तुमसे क्या छुपाना तुम्हें तो मालूम ही है कि जब से मेरी शादी कामिनी से हुई है तब से मेरी जिंदगी पूरी तरीके से खत्म हो चुकी है। हम दोनों ने लव मैरिज की थी लेकिन उसके बाद भी इतने झगड़े हम दोनों के बीच होंगे मैंने कभी सोचा नहीं था। मैंने किसी भी चीज को लेकर आज तक कामिनी को कमी नहीं होने दी लेकिन उसके बावजूद भी कामिनी मुझसे झगड़ा करती रहती है। मैं इस बात से इतना ज्यादा परेशान हो गया हूं कि मुझे कई बार लगता है कि क्या हम दोनों ने इसीलिए शादी की थी, मैंने कामिनी से कई बार कहा की यदि हम दोनों साथ में नहीं रह सकते तो हम दोनों को अलग हो जाना चाहिए लेकिन कामिनी चाहती ही नहीं है कि हम दोनों अलग हो जाएं। मैं किसी भी सूरत में अब कामिनी के साथ आगे अपने जीवन को बर्बाद नहीं कर सकता। मैंने मोहन को समझाया और कहा तुम दोनों एक दूसरे से बात तो करो तभी तो इस चीज का कोई जवाब निकलेगा लेकिन वह दोनों तो आपस में बात करने के बाद भी झगड़ते रहते थे। एक दिन मोहन ने कामिनी पर हाथ उठा दिया उस दिन कामिनी के परिवार वालों ने मोहन के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया और मोहन को अपनी पत्नी के साथ हिंसा के आरोप में पुलिस ने पकड़ लिया। मोहन अब जेल में ही था कामिनी को भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि वह जेल में है कामिनी उसे जेल में मिलने तक नहीं गई।

वह उसकी जिंदगी बर्बाद करना चाहती थी इसके लिए उसने पूरी तरीके से सोच लिया था कि उसकी जिंदगी कैसे बर्बाद करेगी। उसने उसके माता-पिता का जीना भी हराम कर दिया था उनका परिवार बहुत ही अच्छा परिवार है मैं उन्हें काफी वर्षों से देखता हुआ आ रहा हूं। कामिनी ने उनके साथ बहुत गलत किया उन्हें भी वह परेशान करने लगी मोहन जेल जा ही चुका था लेकिन इसका कामिनी पर कोई असर ही नहीं पढ़ रहा था। एक दिन उनके माता-पिता भी घर छोड़ कर चले गए उनका परिवार तो पूरी तरीके से खत्म हो चुका था यह सब कामिनी ने जानबूझकर किया था। वह मोहन को अपनी जिंदगी से निकालना चाहती थी उसके बाद वह पूरे घर पर अपना कब्जा करना चाहती थी और उसने ऐसा ही किया। जब मुझे इस बात का पता चला तो मैं इस बात से बहुत ज्यादा दुखी हो गया क्योंकि कामिनी कि मैं बहुत इज्जत किया करता था लेकिन उसने मोहन के परिवार के साथ बहुत बड़ा धोखा किया।

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मोहन ने उस पर आंख बंद कर के भरोसा किया लेकिन कामिनी ने उसके भरोसे को चकनाचूर कर दिया और उसे किसी भी जिसकी कोई चिंता नहीं थी। हमारे पूरे मोहल्ले में कोई भी कामिनी से बात नहीं किया करता था मैंने भी कामिनी से बात करना लगभग बंद ही कर दिया था। एक दिन मैं अपने घर पर बैठा हुआ था तभी मेरी पत्नी आई और वह कहने लगी आपको मालूम है कि कामिनी ने दूसरी शादी कर ली। मैंने ललिता से कहा तुम क्या बात कर रही हो उसने कब दूसरी शादी की वह मुझे कहने लगी सब लोग तो इस बात से अचंभित हैं कि आखिरकार उसने मोहन के साथ ऐसा क्यों किया। मोहन तो उसे बहुत ज्यादा प्यार करता था लेकिन उसने मोहन के साथ बहुत बड़ा धोखा किया। मोहन तो इस सदमे को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पाया और वह पागल हो गया।

कामिनी ने अब दूसरी शादी कर ली थी और वह हमारे मोहल्ले में ही रहती थी लेकिन उसके बावजूद भी उसका रवैया बिल्कुल बदला नहीं था वह अभी भी पहले जैसे ही थी। हम लोग तो उससे बचने की कोशिश किया करते थे क्योंकि मुझे कामिनी पर बिल्कुल भी यकीन नहीं था कि वह किसी के साथ कभी अच्छा भी कर सकती है। जिस प्रकार से उसने मोहन और उसके परिवार को घर से निकाल फेंका वैसा ही वह किसी के साथ भी कर सकती है इसीलिए मैं तो बिल्कुल भी कामिनी से बात नहीं किया करता था मैं उससे बचने की कोशिश किया करता था। एक दिन मैं अपने ऑफिस के लिए घर से निकला ही था तभी मेरे सामने कामिनी आ गई मैंने जब उसे देखा तो मुझे इस बात की चिंता होने लगी कि अब कामिनी के दिमाग में क्या चल रहा होगा। कामिनी मुझे कहने लगी अरे सूरज भैया आप कैसे हैं मैंने उसे कहा मैं तो अच्छा हूं तुम सुनाओ तुम कैसी हो वह मुझे कहने लगी बस मैं भी ठीक हूं। वह मुझसे बात करने लगी तो मुझे बड़ा अजीब सा महसूस हो रहा था लेकिन वह मुझसे बात करते जा रही थी ना जाने उसके दिल और दिमाग में क्या चल रहा था। मुझे तो उसे देख कर बहुत ज्यादा डर लग रहा था कि उसके दिमाग में ना जाने क्या चल रहा होगा और इसी के चलते मैंने कामिनी से पूछा और कामिनी आजकल क्या कर रही हो। वह कहने लगी बस कुछ नहीं मैं तो घर पर ही रहती हूं आप से मुझे एक जरूरी काम था।

मैंने उससे कहा कि हां कहो क्या काम था वह मुझे कहने लगी दरअसल मोहन की मानसिक स्थिति तो खराब हो चुकी है और अब मैं नहीं चाहती कि वह यहां पर आए इसीलिए यदि वह आपसे मेरे बारे में कुछ पूछे तो आप उसे कह दीजिएगा कि कामिनी ने यह घर बेच दिया है और अब यहां पर कोई और ही रहता है। मैं मन ही मन सोचने लगा कि कामिनी कितनी ज्यादा चालाक महिला है उसने पहले तो उनकी जिंदगी बर्बाद की और अब अपनी जिंदगी आराम से जी रही है। मुझे जब मालूम पड़ा कि कामिनी उस घर को बेचने वाली है तो मैं यह सुनकर दंग रह गया। कामिनी किसी भी हद तक जा सकती थी इसलिए उस पर भरोसा कर पाना बिल्कुल मुश्किल था और उसने उस घर के लिए ना जाने कितने लोगों से बात की हुई थी लेकिन उसे सही दाम नहीं मिल पा रहा था इसलिए वह उस घर को नहीं बेच पा रही थी। उसी बीच मोहन और उसके माता-पिता एक दिन हमारे घर पर आए और वह मुझसे पूछने लगे कि क्या कामिनी घर पर है।

मैंने उनसे कहा मुझे कुछ नहीं मालूम लेकिन वह अब यहां नहीं रहती है मैंने सुना है कि उसने घर भी बेच दिया है। मैं बिल्कुल भी कामिनी और मोहन के झगड़ों में नहीं पड़ना चाहता था क्योंकि कामिनी ने मोहन की जिंदगी तो पूरी तरीके से बर्बाद कर ही दी थी। यदि उसे यह मालूम पड़ता कि मैंने उसके बारे में मोहन को बता दिया तो वह शायद मुझे भी कॉलोनी में नहीं रहने देती इसलिए मैंने सोचा कि उन्हें मैं कह दूँ कि कामिनी अब यहां नहीं रहती। मैंने उनसे कहा आप लोग कैसे हैं वह कहने लगे बस आपको क्या बताएं हम लोग तो अपना पूरा जीवन बर्बाद कर चुके हैं और हमारे पास कुछ भी नहीं बचा। उनके चेहरे पर बहुत ज्यादा तनाव था लेकिन मैं कुछ भी नहीं कर सकता था और थोड़ी देर बाद वह वहां से चले गए। कामिनी दिन-ब-दिन बहुत ज्यादा सेक्सी होती जा रही थी जब भी मैं उसे देखता तो उसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता परंतु एक दिन उसने मुझे कहा चलो आज आप भी मजे ले ही लो।

मैंने उसे कहा तो क्या तुमने यह काम भी शुरू कर दिया वह मुझे कहने लगी हां लेकिन मैं उसके बदले तुम से पैसे जरूर लूंगी। मैंने उससे कहा ठीक है मैं तुम्हें पैसे दे दूंगा मैंने उसे पैसे दिए उसके बाद उसने मुझे कहा मैं पैसों के लिए कुछ भी कर सकती हूं जब उसने मेरे सामने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए तो मेरा लंड खड़ा होने लगा। जैसे ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने कामिनी से कहा तुम तो बडी ही लाजवाब हो मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो उसने अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को उतार लिया वह उसे अच्छे से सकिंग करने लगी। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को सकिंग करती जिससे कि मेरे अंदर बहुत ज्यादा जोश आ जाता मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था जिस प्रकार से वह मेरा साथ दे रही थी। काफी देर तक तो उसने मेरे लंड को मुंह मे लिया पर जब मैंने उसके दोनों पैरों को खोल कर उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह चिल्लाने लगी मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के देने लगा।

मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आ रहा था काफी देर तक मैं उसकी चूत के मजे लेता रहा जब वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो गई तो मुझे कहने लगी मजा तो आज बहुत आ गया। मैंने उसे कहा लेकिन मुझे अभी मजा नहीं आया है वह कहने लगी तुम एक बार मेरी चूत और मार लो। मैंने उसे कहा मुझे तुम्हारी गांड मारनी है क्या तुम अपनी गांड मारने का मौका मुझे दोगी। पहले तो वह मना करती रही लेकिन जब उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया तो उसका भी मन मचलने लगा और वह तैयार हो गई। उसने मेरे लंड पर अच्छे से तेल की मालिश की और जैसे ही उसने मेरे सामने अपनी गांड को किया तो मैंने भी उसकी गांड के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया और उसे बड़ी तेजी से मैं धक्के मारने लगा। मुझे उसे धक्के देने में बहुत आनंद आता मैं लगातार तेजी से उसे धक्के दिए जा रहा था मैंने उसकी गांड से खून भी निकाल कर रख दिया था जिससे कि वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुकी थी जब मेरे वीर्य पतन उसकी गांड मे हुआ तो उसे भी मजा आ गया। उसका जिससे मन होता उससे वह अपनी चूत मरवाती।

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गांड चुदाई एक हॉट मारवाड़ी भाभी की https://sexstories.one/gand-chudai-marwari-hot-bhabhi-ki/ Fri, 08 Oct 2021 07:11:32 +0000 https://sexstories.one/?p=4460 मैंने उसकी साड़ी को उसकी जाँघ तक उठा लिया और उसकी जाँघ को जीभ से चाटने लगा और वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी। फिर में उसके ऊपर आकर ब्लाउज के ऊपर से बूब्स दबाने लगा.. वो सिर्फ़ मोन कर रही थी और तड़प रही थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा में से बूब्स निकालकर उसके निप्पल चूसने लगा।

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Gand Chudai Marwari Bhabhi Ki – मेरा नाम राज शर्मा है और में असम का रहने वाला हूँ। ये बात 2010 की है.. ये दुर्गा पूजा के दिन की बात है। घूमते वक़्त मुझे एक मारवाड़ी भाभी दिखी और में उसके पीछे चल दिया। जब उसको पता चला कि में उसका पीछा कर रहा हूँ तो वो अपने पति का हाथ पकड़कर साईड में चलने लगी। फिर जब हम पूजा मंडप पहुंचे तो वहां पर फास्ट फूड का स्टॉल लगा हुआ था। उसके पति ने उसको कुछ लाने के लिये भेजा और वो पूजा मंडप के अंदर चला गया। मुझे ये अच्छा मौका मिला और में भी उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया.. वो दुकानदार से पावभाजी ले रही थी। फिर मैंने भी ऑर्डर किया और उसके साईड में खड़ा हो गया। उसने मुझे गुस्से से देखा.. लेकिन मैंने एक सिंपल सा स्माईल दिया। उसका कंधा और मेरा हाथ बिल्कुल चिपके हुये थे। वो चाहकर भी हटा नहीं सकी और में और ज़्यादा उससे चिपकने लगा।

फिर वो थोड़ा आगे हुई तो इससे उसकी गांड (40) मेरे लंड से चिपकी गई। ये बात उसको भी पता थी.. लेकिन मजबूरी में वो भी कुछ नहीं कर सकती थी। मेरा तो बुरा हाल हो रहा था.. लंड एकदम कड़क हो गया और मैंने थोड़ा सा धक्का दिया और पीछे होकर उसके कंधे के पास से उसके कान में सॉरी कहा। उसने हल्की स्माईल के साथ इट्स ओके कहा। अब मुझे यकीन हो गया कि ये मारवाड़ी माल मुझसे पट जायेगी और फिर हम दोनों पावभाजी लेकर आ गये.. वो और उसका पति मुझसे 10 फीट की दूरी पर खड़े थे और में उसे घूरे जा रहा था और वो शरमा रही थी और बीच बीच में स्माईल भी दे रही थी।

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फिर मैंने मौका देखकर उसको नंबर के लिये इशारा किया.. लेकिन उसने कुछ रिप्लाई नहीं दिया।

फिर उसके पति के दोस्त आ गये और वो उनके साथ व्यस्त हो गया और वो कोल्ड ड्रिंक लेने के लिये गई और में भी उसके पीछे पीछे चल दिया और उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया। उसने अपने पति को पलटकर देखा और मुझसे कहा कि नंबर क्यों चाहिये? फिर मैंने कहा कि आप बहुत खूबसूरत है और वो शरमा गई। फिर मैंने कहा कि प्लीज.. तो उसने अपने पति को देखा और कहा कि लिखो। फिर उसने अपना नंबर दिया। में तुरंत वहां से हट गया और मोबाईल निकालकर नम्बर नोट किया और फिर उसके नंबर पर रिंग किया और काट दिया.. वो अपने पीछे देख रही थी। फिर उसने मेरी तरफ देखा और मैंने इशारे से कहा कि मेरा नम्बर है और फिर वो अपने पति के साथ चली गई। अगले दिन दशहरा था। मैंने उसको फोन किया और उसने हेल्लो बोला.. फिर मैंने कहा कि कल आपने नंबर दिया था ना.. तो उसने कहा कि क्या काम है मुझसे? मैंने कहा कि बस आप मुझे अच्छी लगी और में आपसे बात करना चाहता था.. इसलिये आपका नम्बर लिया। फिर हम नॉर्मल बातें करने लगे। फिर उसको कोई काम आ गया.. उसने फोन रख दिया।

फिर मैंने 3-4 दिन तक उसको फोन नहीं किया। अगले दिन उसका मिस कॉल आया। फिर मैंने रिप्लाई कॉल किया.. उसने फोन उठाया और कहने लगी क्या हुआ? 3-4 दिनों से फोन नहीं किया। मैंने कहा कि थोड़ा बिज़ी था। फिर मैंने पूछा कि क्या रही हो अभी.. तो उसने बताया कि घर पर कोई नहीं है.. बोर हो रही थी तो तुम्हे फोन कर दिया। मैंने पूछा कहाँ गये सब? तो उसने बताया कि उसके ससुर की तबीयत ठीक नहीं है.. इसलिये उनको हॉस्पिटल ले गये है और सास भी साथ गई है। फिर मैंने उससे कहा कि मुझे आपसे मिलने का मन कर रहा है तो उसने कहा कि कैसे और कहां मिलेंगे? मैंने कहा कि आपके घर पर.. तो उसने कहा कि नहीं.. मेरे पड़ोस में बहुत लोग रहते है। फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं.. में सेल्समैन बनकर आ जाऊंगा। कुछ सामान लेकर तो उसने मना कर दिया। फिर उसने कहा कि अगर मेरे पति और सास ससुर आज वापस नहीं आयेंगे.. तो तुम शाम को अंधेरा होने के बाद आ सकते हो। उसने कहा कि में तुम्हे फोन कर दूँगी और फिर हमने फोन रख दिया और में बैचेनी से उसके फोन का इंतज़ार कर रहा था।

फिर शाम को 6 बजे उसका फोन आया और उसने कहा कि अब तुम आ सकते हो। मैंने फोन रखा और तैयार होकर निकल गया। फिर उसके घर से कुछ दूर बाईक पार्क की और सबकी नज़रो से बचते हुये उसके घर के दरवाज़े पर पहुंचा.. जैसे ही मैंने बेल बजाई तो उसने दरवाज़ा खोला और अंदर बुलाया। फिर मैंने पूछा कि आपकी बेटी कहाँ है तो उसने कहा कि मैंने उसको सुला दिया.. वरना वो अपने पापा से बोल देगी कि एक अंकल आये थे। उसने ग्रीन कलर की साड़ी पहनी थी.. जो नाभि से थोड़ी नीचे थी और ब्लाउज से भी.. उसकी लाईन दिख रही थी। उसने कहा कि ऐसे क्या देख रहे हो.. कभी कोई और नहीं देखी क्या? मैंने कहा कि औरत तो बहुत देखी है.. लेकिन आप जितनी खूबसूरत नहीं देखी। आपके पति कितने ख़ुशनसीब होंगे। फिर उसने कहा अब इतनी भी तारीफ़ मत करो कि मुझे शर्म आ जाये। फिर मैंने कहा कि आप हो ही तारीफ़ के काबिल। फिर उसने मुझे कहा कि बैठो में चाय लेकर आती हूँ। में सोफे पर बैठकर उसके घर को देखने लगा।

फिर में उठकर किचन की और जाने लगा.. वो खड़ी होकर चाय बना रही थी.. जब मैंने उसको पीछे से देखा तो मन हुआ कि अभी उसकी साड़ी उठाकर उसकी गांड चाट लूँ। फिर उसने पलटकर मुझे देखा और कहा कि तुम बैठो में चाय लेकर आती हूँ। मैंने कहा कोई नहीं.. में यही ठीक हूँ आपके पीछे। उसने पलटकर एक नॉटी स्माईल दी। फिर वो चाय लेकर आई.. हमने चाय पी। फिर उसने कहा कि तुम जल्दी चले जाना.. वरना कोई आ गया तो मुसीबत हो जायेगी। फिर मैंने कहा कि ओके। फिर वो बेडरूम में गई और वहां से मुझे आवाज़ दी और में गया तो वो वहां मुझे हेल्प करने को कह रही थी और मैंने अनजान बनते हुये हाथ उसकी गांड पर रख दिया.. उसने कुछ नहीं कहा। फिर में गांड की लाईन में हाथ को सहलाने लगा.. उसने मेरी तरफ देखा और कहा कि तुम्हे मेरी पीछे की साईड इतनी अच्छी लगती है क्या?

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फिर मैंने थोड़ा ज़ोर से उसकी गांड को पकड़ा और उसके बिल्कुल पास जाकर कहा कि जब से देखा है.. बस इसका दीवाना हो गया हूँ और में उसके सामने घुटनों पर बैठ गया और उसकी गांड को ज़ोर से पकड़ लिया। फिर उसकी नाभि पर किस करने लगा.. वो एकदम से मचल गई और उसने मेरे सर को ज़ोर से पकड़ लिया और कहा आआहहा आअहह् प्लीज राज। फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी नाभि को किस करने लगा और उसने दोनों पैरो को मोड़ लिया। फिर मैंने उसकी साड़ी को उसकी जाँघ तक उठा लिया और उसकी जाँघ को जीभ से चाटने लगा और वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी। फिर में उसके ऊपर आकर ब्लाउज के ऊपर से बूब्स दबाने लगा.. वो सिर्फ़ मोन कर रही थी और तड़प रही थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और ब्रा में से बूब्स निकालकर उसके निप्पल चूसने लगा। 10 मिनट तक निप्पल चूसने के बाद मैंने नीचे से उसकी साड़ी को पूरा कमर तक उठा दिया। उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी थी.. बिल्कुल क्लीन शेव चूत थी। एकदम 18 साल की लड़की की तरह। में उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरे सर को अपनी चूत पर ज़ोर से दबाने लगी। 5 मिनट चूत चाटने के बाद उसने कहा कि प्लीज राज अब कुछ करो और सहन नहीं होता है।

फिर मैंने अपना पेंट खोला और 8 इंच का लंड बाहर निकालकर उसकी चूत के ऊपर रखा। उसकी चूत एकदम आग की भट्टी की तरह जल रही थी.. उसने मुझसे विनती की.. प्लीज मत तड़पाओ.. अब डाल भी दो वरना में मर जाउंगी। फिर मैंने धीरे से अपना लंड का सुपाड़ा उसकी चूत में घुसाया.. वो थोड़ी तड़प उठी। फिर उसने नीचे से थोड़ी गांड ऊपर उठाई और मेरा लंड आधा घुस गया.. वो पूरी तड़प गई और मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और उसके मुँह से चीख निकल गई। में उसके ऊपर आ गया और उसके होठों को चूसने लगा। फिर कुछ देर चूसने के बाद मैंने धीरे धीरे धक्का देना शुरू किया और वो भी मेरा साथ दे रही थी और कह रही थी.. आह्ह्ह्ह राज चोदो मुझे.. फाड़ दो मेरी चूत.. आज बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारे लंड में.. अब तो हमेशा तुमसे ही चुदवाऊंगी.. आज से में तुम्हारी रंडी.. मेरी चूत का भोसड़ा बना दो। मेरी गांड भी तुम्ही मारना।

मैंने आज तक कभी गांड नहीं मरवाई है.. अब तुमसे ही अपनी गांड भी मरवाऊंगी.. आह्ह्ह बहुत मज़ा दिया तुमने मुझे और फिर मैंने तेज़ी से धक्का देना चालू किया और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया। वो झड़ गई और में भी 4-5 धक्को के बाद झड़ गया।

फिर हम वैसे ही लेटे रहे। उसके बाद वो उठी और मेरे लिप्स पर किस दिया और थैंक्स कहा और कहा कि अब तुम जाओ.. अगर कल मौका मिला तो में तुम्हे बता दूंगी। कल तुम मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ देना। फिर मैंने एक बार और उसको पकड़कर उसकी गांड को सहलाया और चाटने लगा और फिर में वहां से चला आया ।।

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सगी भाभी से सच्चा प्यार https://sexstories.one/matwali-bhabhi-ki-chodayi-ki-sex-kahani/ Tue, 25 May 2021 14:14:08 +0000 https://sexstories.one/?p=3633 सगी भाभी से सच्चा प्यार.. नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज है और यह मेरी पहली और एकदम सच्ची कहानी है जो की मेरी जिंदगी में बीती थी । मै फिरोजाबाद का रहने वाला हु और ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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सगी भाभी से सच्चा प्यार.. नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज है और यह मेरी पहली और एकदम सच्ची कहानी है जो की मेरी जिंदगी में बीती थी । मै फिरोजाबाद का रहने वाला हु और मेरी उम्र 20 वर्ष है और मेरे लंड का साइज़ 8 इंच है। मै दिखने में स्मार्ट लगता हु । मेरे परिवार में मै, मेरे मम्मी पापा, बहन और भैया भाभी रहते है । मेरे भाई का नाम विशाल है और भाभी का नाम अमृता है।

भाभी पतिव्रता नारी है और मेरे भैया से बहुत ही प्यार करती है। भाभी की उम्र 24 वर्ष है और उनका फिगर 32 है । उनकी गांड मोटी है और वो बहुत ही खुबसूरत हॉट लगती है। उनको देखकर अच्छे अच्छे के लंड खड़े हो जाते है। मै भाभी से बहुत प्यार करता हु और उन्हें चोदना चाहता हु। मेरा कमरा भाभी के कमरे के पास ही है। मेरे भैया की शादी को 5 साल हो गए है परन्तु अभी तक उनको बच्चा नहीं हुआ है।

Bhabhi bahu matwali thi… Chodayi ko aatur..

उन्होंने कई डॉक्टरों को दिखाया किन्तु कुछ भी नहीं हुआ।

एक दिन मै रात को 11 बजे बाथरूम गया तो मैंने भैया और भाभी की आवाज सुनी। भाभी भैया से बोल रही थी की आप से नहीं होता है तो मत किया करो। रोज रोज खुद का पानी निकाल लेते हो और मेरा रह जाता है। तब मुझे पता लगा की आखिर कमी मेरे ही भैया में है । मेरा भैया प्राइवेट जॉब करते है वो सुबह 9 बजे जाते है और शाम को 6 बजे आते है। दिनभर मै और भाभी हंसी मजाक करते रहते है।

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एक दिन दोपहर को मम्मी पापा अपने कमरे में सो रहे थे और मै भाभी के कमरे में टीवी देख रहा था। भाभी में मेरे पास आकर बैठी और हम हंसी मजाक करने लगे । बातो ही बातो में मैंने भाभी से बोल दिया की भाभी आप मुझे बहुत ही अच्छे लगते हो। मुझे आपको किश करना है और इस पर भाभी ने मुझे डाटा। मै रोज बार बार जिद करता और वो हर बार मना कर देती थी।

इस तरह करीब 1 महिना गुजर गया। एक दिन दोपहर को मै क्रिकेट खेल कर घर आया तो देखा भाभी अपने कमरे में सो रही थी। और उनकी गांड दरवाजे की तरफ थी तो मै भी भाभी के पास आया और उनको पकड़कर सो गया। मैंने अपना लंड भाभी की साड़ी के ऊपर से ही उनकी गांड में सेट किया और पीठ पर किस करने लगा। तो भाभी अचानक से उठी और मेरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारा।

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भाभी बोली की देवर जी मुझे आपसे ये उम्मीद नहीं थी। मै बोला भाभी आप मुझे सेक्सी लगती हो और देवर भाभी में इतना सा तो चलता है तो वो बोली की देवर जी मै उस टाइप की ओरत नहीं हु जो तुम समझ रहे हो। तुम्हारे भैया को पता चल गया तो मुझे जान से ख़त्म कर देंगे। तुम्हारा तो कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि तुम तो उनके सगे भाई हो और तुमसे वो बहुत प्यार करते है । मै बोला भाभी किसी को कुछ पता नहीं चलेगा यह बात सिर्फ हम दोनों के बीच रहेगी। मै ज्यादा कुछ नही सिर्फ तुम्हे किस ही करूँगा। और मैंने भाभी को कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। प

रन्तु भाभी ने मुझे धक्का मारा और बाहर चली गयी। मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया। 2-3 दिन तक मैंने उससे बात नहीं की। फिर वो खुद ही मुझे मनाने के लिए मेरे पास आयी और प्यार से बाते करने लगी और मै उनका चेहरा देखकर मान भी गया। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। मै उसे किस करने के लिए राजी करता और वो मना कर देती थी। मै उनको व्हाट्सअप चैट पर किस के फोटो और विडियो भेजने लगा। किन्तु उन पर कोई असर नहीं हुआ। एक दिन घर में कोई नहीं था। मेरे सभी घर वाले मेरे मामा के चले गए थे और मेरे भैया ऑफिस चले गए थे।

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घर में सिर्फ मै और भाभी ही थे। तो मैंने सोचा इससे अच्छा मोका दोबारा नहीं मिलेगा। दोपहर को मै भाभी के पास आया और उनसे बाते करने लगा, बातो ही बातो में मैंने अपना हाथ उनके कंधो पर रख दिया और धीरे धीरे मसलने लगा। वो बोली देवर जी ये सब ठीक नहीं है। मै बोला भाभी अभी घर में सिर्फ हम दोनों है किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और मेरे बार बार जिद करने पर भाभी बोली की सिर्फ किस ही करने दूंगी, इससे आगे कुछ नहीं।

मै मान गया। मैंने भाभी की कमर में हाथ डाला और उन्हें कस के पकड़ लिया। मैंने अपने होठ भाभी के होठो पर रख दिए और चूसने लगा। मेरा हाथ उनकी पीठ पर से खिसकता हुआ उनकी गांड पर जा टिका। करीब 10 मिनट तक हम होठो पर किस करते रहे। इससे भाभी भी गर्म हो रही थी। मैंने पीछे से भाभी की साड़ी को उप्पर करके जांघो तक खिसका दिया। और उनकी जांघो को मसलने लगा।

और मेने अपना हाथ उनके ब्लाउज में डाल दिया। तभी भाभी ने मुझे धक्का दिया और पीछे खिसक गयी। अब मैंने भाभी को जबरदस्ती पीछे से पकड़ लिया और उनकी पीठ पर किस करने लगा। मैंने अपना लंड भाभी की गांड पर टिका दिया, भाभी ने मेरे पजामे में हाथ डाल कर लंड पकड़ लिया और मसलने लगी। भाभी के हाथो के स्पर्श से मेरा लंड तनकर खडा हो गया।

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मै दोनों हाथो से भाभी के बूब्स मसल रहा था और भाभी लंड को लगातार मसल रही थी और मुझे मजा आ रहा था।

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