biwi ki samuhik chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/biwi-ki-samuhik-chudai/ Hindipornstories.org Thu, 04 Nov 2021 08:44:39 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 सुहागरात पर तिन लोगों ने चोदा मुझे https://sexstories.one/group-me-chod-gaye-suhagraat-pe/ Thu, 04 Nov 2021 08:44:39 +0000 https://sexstories.one/?p=3266 चोदो भचाभच और देख अगर मुझे मज़ा नहीं आया तो मैं तेरी गांड पर लात मारूंगी ? वह बोला भाभी लात नहीं तू मेरा लण्ड काट कर फेंक देना अगर मैं तेरी चूत का तेल पहले न निकाल लूं . तेरी चूत क्या मैंने बड़े बड़े भोषडा का तेल निकाल है . मैं तेरी माँ का भोषडा भी चोद डालूँगा...

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3 Log chod gaye suhagraat pe कितनी सुहावनी रात थी वो जिस दिन मैंने सुहागरात मनाई थी . पहले तो आया मेरे हाथ में मेरे शौहर का लौड़ा. मैंने खूब मजे से चुदवाया फिर अचानक मेरे हाथ में एक टन टनाता हुआ नया लण्ड आ गया . मैंने जब उसका चेहरा देखा तो वह मेरा नंदोई .था .उसने खड़ा लण्ड चुपके से मेरे हाथ में रख दिया था . मैं मन ही मन बहुत खुश हुई लेकिन दिखावे के लिए ना नुकुर करने लगी . फिर मुठ्ठी में भर कर सहलाने लगी लौड़ा . मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था क्योंकि लौडा मेरी पसंद का निकला ?

फिर 2 मिनट के बाद उसने कहा भाभी ये मेरे दोस्त का लौडा है इसे भी पकड़ लो प्लीज ? मेरे लण्ड की ही तरह है इसका लण्ड ? हां भाभी इसका लण्ड मेरी बीवी बहुत पसंद करती है . इसलिए मेरी बीवी इससे चुदवाती है और इसकी बीवी मुझसे चुदवाती है . दोनों कर लेती है मर्दों की अदला बदली . मुझे तो इसकी बीवी चोदने में ज्यादा मज़ा आता है और इसको मेरी बीवी चोदने में . फिर हम दोनों इसी तरह एक दूसरे की बीवी चोदने लगे .

भाभी, मर्दों की अदला बदली करके चुदवाने में वाकई ज्यादा मज़ा आता है. न मानो तो तुम अपनी नन्द से पूंछ लो ?

तुम बड़ी नसीब वाली हो भाभी, जिसको आज से ही लन्ड की अदला बदली का मौका मिल रहा है . आज से ही पराये मर्दों से चुदवाने की आज़ादी मिल रही है . हां भाभी तुम चिंता न करो तेरा शौहर इस बात के लिए राज़ी है . तभी तो वह इसकी बीवी बगल के कमरे में चोद रहा है और ये मेरे साथ तुम्हे चोदने आया है .अब आज से हम तीनो मैं, मेरा दोस्त और तेरा शौहर मिलकर एक ही कमरे में एक दूसरे की बीवियां चोदा करेंगे ? धीरे धीरे और भी कपल शामिल हो जायेंगे .
बस ये सुन कर मैंने उसका लण्ड जोर से पकड़ लिया और फिर मस्त होकर दोनों लण्ड चाटने लगी मेरा नाम है कम्मो, मेरा नंदोई आसिफ और उसका दोस्त कादर . कादर की बीवी नाजिया है . .

मेरा निकाह जब हुआ तो मेरे शौहर ने मुझे गोवा ले जाने का प्रोग्राम बनाया . हां जी हनीमून मनाने . मैं बहुत खुश थी . होटल में चेक इन किया . उस होटल में बहुत सारे कपल आये थे . सबको हनीमून मनाना था . मैं कपल को आते जाते देखती थी . बीवियों को कम मर्दों को ज्यादा देखती थी . मैं मन ही मन उन मर्दों के लण्ड के बारे सोचने लगी . हाय अल्ला, कितना प्यारा होगा इसका लौड़ा ? कितना मोटा होगा उसका लौड़ा ? कैसे चोदता होगा ये मर्द ? कैसे बुर लेता होगा वो मर्द ? बस यही सब सोचने में लगी थी . मैं आपको बता दूं मुझे दुनियां में सबसे अच्छा “लण्ड” ही लगता है .

मैं तो अल्ला से दुआ करती हूँ की ये खुदा मुझे दुनिया बस खाना और चुदाना दे ? मेरा निकाह आज हुआ है लेकिन मैं बहुत सारे लण्ड पकड़ चुकी हूँ . कॉलेज में लडको के लण्ड और घर में जीजू का लण्ड, अंकल का लण्ड, खालू का लण्ड, और कजिन भाई जान का लण्ड पकड़ चुकी हूँ . अपनी बुर में पेल चुकी हूँ . ये बात मेरी अम्मी के अलावा कई लोग जानते है .

खैर होटल में आने के बाद हम लोग घूमने चले गए . मेरा शौहर करीम बड़ा स्मार्ट और रोमांटिक किस्म का आदमी है . निकाह के पहले मैं उससे कभी नहीं मिली . हा मैं उसे पसंद जरुर करती हूँ . शाम को एक पार्टी रखी गयी जिसमे मेरा नदोई भी था . वह अकेला ही आया था . मेरी नन्द नहीं थी . उसका एक दोस्त कादर था और उसकी बीवी नाजिया . दारू पीने की पार्टी थी . मैं भी पीती हूँ लेकिन वहां ना नुकुर करने लगी तो मेरे हसबैंड ने कहा यार पी लो सबका मन है . सबका साथ दो . बस मैं भी पीने में शामिल हो गयी . पीते पीते हंसी मजाक शुरू हो गयी . मेरा नंदोई मादर चोद ज्यादा ही मस्ती के मूड में था

वह बोला :- दारू के साथ और कुछ पीना चाहोगी ? मेरा मन हुआ की मैं कहूं हां लण्ड पियूंगी ? पर मैं चुप रही . मना कर दिया मैंने .

नाजिया बोली :- हां भाभी मैं तो पीती हूँ . ये बहन चोद शराब अकेले नहीं पी जाती .

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आसिफ (नंदोई) बोला :- तो पी लो यार जो चाहो ?

नाजिया बोली :- तुम भोषडी के भाभी की बड़ी मक्खन बाज़ी कर रहे हो ? उसकी गालियाँ सुन कर मज़ा आया . मेरा शौहर बोला :- नाजिया भाभी तुम जो पियो उसे मेरी बीवी को भी पिलाओ . बड़ी शर्मीली है मेरी बीवी ?

नाजिया बोली :- यार यही तो कमी है इसमें .पीने में बेशरम होना चाहिए .

मैंने कहा :- नहीं भाभी मैं बेशरम ही हूँ . आज थोडा डर रही हूँ .

नाजिया बोली :- अरे डरने की क्या जरुरत है . आज की रात तो निडर होकर लण्ड पकड़ने का है .

आसिफ बोला :- भाभी लण्ड ही नहीं चूंचियाँ भी पकड़ने की रात है .

नाजिया बोली :- तू माँ का लौड़ा मानेगा नहीं .

मैंने कहा :- मैं जब इसकी गांड मारूंगी तब यह मानेगा .

मेरा ऐसा कहते ही सब लोग खिलखिलाकर हंस पड़े .

खैर रात के 12 बजे हम सब अपने अपने कमरे में चले गए . मेरा शौहर मेरे कपडे उतारने लगा . मैं नशे में थी . जल्दी नंगी हो गयी . वह भी हो गया नंगा , मैंने उसका लौड़ा देखा तो जान में जान आयी . लौड़ा तगड़ा भी था और कड़क भी . मैंने जम कर चुदवाया रात में . मैं बाथ रूम गयी और जब वापस आयी तो मुझे शौहर नहीं दिखाई पड़ा ? लेकिन मेरे सामने एक खड़ा टन टनाता हुआ लण्ड आ गया . मेरे हाथ में आ गया लण्ड . लण्ड खूबसूरत था . मैंने जब उसका चेहरा देखा तो मुह से निकला तुम हो भोषडी के आसिफ ? तेरी माँ का भोषडा साले आज तो मेरे शौहर की रात है तू माँ का लौड़ा यहाँ क्या कर रहा है ? जा मैं नहीं पकडती तेरा लौड़ा ? अपनी माँ के भोषडा में पेल अपना लौड़ा ? जा नहीं तो मैं यही तेरी माँ चोदूंगी अभी के अभी ? . मेरी गालियाँ सुन सुन कर उसका लौड़ा और टन्नाता जा रहा था .

मैं मन से गालियाँ नहीं दे रही थी . उसके लण्ड में जोश भरने के लिए बक रही थी . मुझे लण्ड पसंद आया और फिर मैं मुस्करा कर लण्ड सहलाने लगी ? इतने में एक और लौड़ा अपना सर हिलाता हुआ मेरे सामने आ गया . उसका सुपाडा बहन चोद सबसे ज्यादा फूला हुआ था . एकदम जैसे गुब्बाडा ? आसिफ बोला भाभी के कादर है का लौड़ा है ? मैंने कहा तो क्या कादर भी मादर चोद चोदेगा मेरी चूत ? आसिफ बोला भाभी तेरा शौहर बगल के कमरे में इसकी बीवी नाजिया को चोद रहा है . इसलिए ये तेरी बुर चोदेगा ? मुझे यकीं नहीं हुआ मैंने कहा दिखाओ मुझे पहले ?

मैंने उसके साथ गयी और झांक कर देखने लगी . मैंने देखा की मेरा मियां का लण्ड नाजिया की चूत में घुसा है और वह मस्ती से चुदवा रही है . बस फिर क्या ? मैं वापस आयी और कादर का लौड़ा अपनी बुर में मुह पर रखा और कहा घुसेड मादर चोद अपना लौड़ा और भकाभक चोदों मेरी चूत ? वह चोदने लगा और मैं आसिफ का लण्ड मुह में लेकर चूसने लगी . दोनों लौड़े मस्त थे . अब मैं भी हो गयी थी बड़ी बेशरम. निर्लज्ज और बेहाया ? कादर से चुदवाने का मज़ा उठाने .लगी फिर मैंने कहा अबे आसिफ भोषडी अब तू पेल अपना लौड़ा मेरी बुर में और कस के चोद मेरी बुर चोदी बुर को .

आसिफ तो इसी ताक में था ही ? वह बोला भाभी जाने कबसे मैं तेरी चूत चोदने के फिराक में था . आज मेरी तमन्ना पूरी.हुई . इतना कहा और लौड़ा उसकी बुर के अन्दर . मैंने कहा अबे साले तेरा लौड़ा तो कुछ मोटा लगता है ? चोदो भचाभच और देख अगर मुझे मज़ा नहीं आया तो मैं तेरी गांड पर लात मारूंगी ? वह बोला भाभी लात नहीं तू मेरा लण्ड काट कर फेंक देना अगर मैं तेरी चूत का तेल पहले न निकाल लूं . तेरी चूत क्या मैंने बड़े बड़े भोषडा का तेल निकाल है . मैं तेरी माँ का भोषडा भी चोद डालूँगा ? मैंने कहा अबे पहले तू मेरा भोषडा चोद फिर मेरी माँ का भोषडा चोदना ? उधर कादर का लौड़ा साला मेरी चूंचियों पर शैर कर रहा था .

थोड़ी देर में मैंने कहा यार आसिफ तू मुझे पीछे से चोद . बीच बीच में मेरी गांड में भी घुसेड दे लांड ? अब मैं बुर और गांड दोनों एक साथ चुदवाने लगी ?

इतना मज़ा मुझे पहले कभी नहीं आया ? फिर मैंने एक एक करके दोनों लण्ड पर बैठ कर चुदवाया ? मैंने सोचा की क्यों न दोनों लण्ड एक साथ पेलू चूत में ? मैंने आसिफ को नीचे लिटा दिया और उसकी तरफ गांड करेके बैठ गयी लण्ड पर . मैं चित लेट गयी आसिफ के ऊपर . मेरी चूत फ़ैल गयी जिसमे पहले से ही आसिफ का लौड़ा घुसा था . तब मैंने कादर से कहा अब तू भी पेल अपना लौदा मेरी चूत में . उसने पेला और मैं दोनों लण्ड से चुदाने लगी बुर . मुझे लगा की यह मेरी बड़ी कामयाबी है . जब लण्ड झड़ने को आये तो दोनों का मुठ्ठ गचागच मारा और मज़ा लिया

तब तक सुबह के 4 बज चुके थे . मैं नंगी नंगी ही सो गयी . मैं जब उठी तो मेरे मियां ने पूंछा :- उन दोनों के लण्ड पसंद आये तुम्हे कम्मो ? उन दोनों ने ठीक से चोदा तुम्हे की नहीं ?

मैंने कहा :- लण्ड तो बड़े मस्त थे और चोदा भी भोषडी वाले ने खूब ? ( मैं बिलकुल रंडी की तरह बात कर रही थी .) अच्छा तुम बताओ तुम्हे नाजिया की बुर कैसी लगी ? तुम्हारा लण्ड उसे पसंद आया ?

वह बोला :- हां वह तो चुदाने में बिलकुल मस्त हो जाती है . खुल कर चुदवाती है बुर चोदी ? वो तो मेरे जैसे ही लण्ड पसंद करती है . बस अब मेरा रास्ता साफ़ हो चुका था . मैं समझ गयी की अब मैं किसी से भी खुल कर चुदा सकती हूँ और कहीं भी चुदा सकती हूँ . मेरी हिम्मत बढ़ गयी .

अब जब भी मुझे कोई स्मार्ट आदमी मिलता है तो मैं उसके लण्ड के बारे में सोचने लगती हूँ . और सोचने लगती हूँ कैसे इसका लण्ड पकडूं ?

दो दिन बाद उसी होटल में मैं सवेरे सवेरे बैठी हुई नास्ता कर रही थी . अचानक मेरी पीठ पर हाथ मारते हुए किसी ने कहा अरी कम्मो ? तू किसके साथ आयी है अपनी सुहागरात मनाने ? सवाल बड़ा अटपटा था ? सुहागरात मनाने तो हर कोई अपने मर्द के साथ ही आती है यार ?

मैंने जबाब दिया ? फिर कहा अरे तू प्रीती यहाँ कैसे आयी है . तेरी शादी कब हुई यार ?

प्रीती बोली :- अभी दो दिन पहले ?

मैंने कहा :- तो क्या तू किसी और के साथ सुहागरात मनाने आयी है .

प्रीती बोली :- हां, और नहीं तो क्या ? अपने मर्द के साथ सुहागरात मनाना तो पुराणी बात हो गयी है . मैं तो गैर मर्दों के साथ मना रही हूँ सुहागरात ? आज दूसरा दिन है ?

मैंने कहा :-अरे यार क्यों मजाक कर रही हो ?

प्रीती बोली :- मजाक नहीं हकीकत है यार ? देख बड़ी मजेदार बात है . हम तीन कपल है . सब एक ही कमरे में मनाते है सुहागरात . उनमे से कोई भी अपनी बीवी नहीं चोदता . तीनो एक दूसरे की बीवी चोदते है और वो भी सबके.सामने इस तरह मैं दोदो गैर मर्दों से चुदवा रही हूँ कल से . बड़ा मज़ा आ रहा है यार ?

प्रीती बोलती जा रहा थी . मैं तो अकेली ही चली थी . टूरिस्ट बस में मुझे दो कपल मिल गए . रिया साजन और लूसी डेविड . दिन भर उनके साथ घूमते फिरते रहे और फिर शाम को एक साथ बैठ बातें करने लगे . वह कमरा मेरा ही था . दारू का प्रोगाम बन गया और फिर बिना रोक टोक सबको पीना पड़ा शराब .

नशा चढ़ने के बाद लूसी बोली :- आज की रात मैं एक नया खेल करना चाहती हूँ . देखो हमसब लोग सुहागरात मानाने आये है . मेरा कहना है की वैसे तो हर एक बीवी अपने मियां के साथ ही सुहागरात मनाती है पर मेरा सुझाव है की आज की रात हम लोग दूसरों मर्दों के साथ सुहागरात मनाएं ? .हां अपने मियां से चुदवाना तो ज़िन्दगी भर होता रहेगा पर ऐसा मौका कभी नहीं मिलेगा की हम एक साथ एक दूसरे मर्द से चुदवाये ? अपनी अपनी मर्जी से चुदवायें ? मर्द भी अपनी अपनी मर्जी से एक दूसरे की बीवी चोदें और जवानी का पूरा मज़ा ले ? यहाँ न कोई हमें जानता है और न ही पहचानता है . इसलिए कोई खतरा भी नहीं है . यह बात हम तीनो के बीच गुप्त रहेगी .

साजन बोला :- भाभी आपका तर्क सही है . हां मैं तैयार हूँ और मेरी बीवी भी राजी है .

मैंने कहा (प्रीती) :- हां मैं भी और मेरे हसबैंड को कोई ऐतराज नहीं है .

फिर जानती हो कम्मो क्या हुआ ? सबसे पहले लूसी ही नंगी हो गयी सबके सामने . फिर मैंने सारे कपडे उतारे और मेरे बाद रिया ने . हम तीनो बीवियों को नंगी देख कर मर्दों के लण्ड आसमान ताकने लगे . खड़े हो गए बहन चोद लण्ड ? खड़े खड़े अपना अपना सर हिलाने लगे मादर चोद सभी लण्ड ? उसके बाद होने लगी भकाभक चुदाई . हर एक बीवी ने दो दो पराये मर्दों से चुदवाया और हर एक मर्द ने दो दो परायी बीवियां चोदी . कल जब इतना मज़ा आया तो आज भी वही होगा

मैंने कहा :- प्रीती आज तुम मुझे भी शामिल कर लो . मेरा मियां तैयार है .

तब तक नाजिया, आसिफ और कादर चले गए थे . उस रात मैं अपने मियां ताहिर को लेकर प्रीती के कमरे में चली गयी . अब चार कपल हो गए . मैं कम्मो ताहिर, प्रीती विक्रम, रिया साजन और लूसी डेविड

इन चारों कपल ने मिलकर चुदाई का खूब धमाल मचाया . सभी बीवियों ने तीन तीन गैर मर्दों से चुदवाया और सभी मर्दों ने तीन तीन परायी बीवियां चोदीं

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दोस्त और उसकी बीवी के साथ ग्रुप सेक्स https://sexstories.one/dost-ke-biwi-ki-saath-groupsex/ Tue, 12 Oct 2021 08:01:29 +0000 https://sexstories.one/?p=2979 मैं रानी के स्तनों को अपने मुंह में ले रहा था और मेरा  दोस्त अब भी मेरी पत्नी को चोदने मे लगा हुआ था। मैंने उससे पूछा तुम्हारा अभी नहीं हुआ है वह कहने लगा नही यार मुझे बहुत मजा आ रहा है तेरी बीवी को चोदने में मैंने उसे कहा आज के बाद ऐसे ही चोदना। मैंने तुरंत रानी के मुंह में अपने लंड को दे दिया और वह मेरे लंड को चूसने लगी।

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antarvasna, groupsex stories हम लोगों का कपड़े का कारोबार है। मेरी दुकान बहुत ही अच्छी चलती है। मेरी पत्नी मेरी दुकान में काफी सहायता कर देती है। जब मैं दुकान पर नहीं होता हूं तो, वही दुकान का सारा काम संभालती है। मेरा नाम अजय है और मेरी पत्नी का नाम शालिनी है। जब से उसने दुकान में मेरा हाथ बटाना शुरू किया है तब से मेरा काम काफी अच्छे से चलने लगा है। जितनी भी लेडीस कस्टमर आती हैं उन सब को वहीं संभालती है। ताकी हमारे यहां जो भी लेडीस कस्टमर आये उन्हें  कोई समस्या न हो और वह उसके पास ही सारा सामान लेते हैं।

अब  कुछ समय बाद सर्दियां पढ़ने वाली है। तो हमने सोचा कि क्यों ना लुधियाना से ही सामान ले आए। वहां सर्दी का सामान काफी अच्छे और सस्ते दामों पर मिलता है। हम लोगों ने लुधियाना जाने का प्लान कर लिया। कुछ दिनों में मेरे एक दोस्त का फोन आया। उसकी भी कपड़ों की दुकान है। वह मुझे कहने लगा कि मैं भी सोच रहा था कि लुधियाना जाकर कुछ कपड़े ले आऊं। तो मैंने उससे कहा कि मैं और मेरी पत्नी भी वहां जा रहे हैं, तो तुम भी अपनी पत्नी को साथ में ले आओ। वह कहने लगा ठीक है। मैं भी अपनी पत्नी को अपने साथ ले आता हूं। कुछ दिन हम लोग वहां पर घूम भी लेंगे और अपना सामान भी ले आएंगे। मैंने उसे कहा ठीक है। इस तरीके का प्रोग्राम बना लेते हैं और  कुछ दिनों बाद  हम लोग लुधियाना के लिए  निकल पड़ेंगे।

मैंने अपने दुकान का जितना भी हिसाब किताब और जो भी लेनदेन बाकी था वह सब क्लियर करने के बाद अपने दोस्त को दोबारा से फोन किया। मेरे दोस्त का नाम सुमित है और उसकी दुकान भी बहुत अच्छी चलती है। जब भी मेरे पास कुछ सामान नहीं होता तो मैं उससे ही वह सामान मंगा लेता हूं। जब मैंने अपने दोस्त को फोन किया तो मैंने उसे बताया कि मेरा सारा काम हो चुका है। अगले हफ्ते हम लोग जाने का प्लान कर लेते हैं। दोस्त ने कहा ठीक है मैं भी तब तक 1 हफ्ते में अपना काम निपटा लेता हूं। उसके बाद हम लोग चल पड़ेंगे। मैंने उससे पूछा कि मैं टिकट करवाऊं या तुम ही टिकट करवा लोगे। तो उसने बोला कि तुम टिकट करवा लो। उसके बाद जितना भी पैसा होगा वह हम आपस में देख लेंगे। मैंने कहा ठीक है मैं टिकट करवा देता हूं अब मैंने ट्रेन की टिकट करवा ली और हमारा जाने का फाइनल हो गया।

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जब हम स्टेशन पहुंचे तो सुमित भी वहां अपनी पत्नी के साथ खड़ा था। सुमित ने अपनी पत्नी से हमें मिलाया। मैं उसकी पत्नी से पहली बार ही मिला था। क्योंकि उसके घर पर मेरा आना जाना इतना नहीं था। उसने अपनी पत्नी नाम बताया। उसकी पत्नी का नाम रानी था। अब हम लोग ट्रेन में बैठ गए और अगले दिन लुधियाना पहुंच गए। हमने उस दिन तो आराम किया। क्योंकि हम लोग काफी थक चुके थे। अब हम शाम को मार्केट निकल गए और जो हमारी पहचान के कपड़ो की दुकाने थी उन सब से हमने अपना सामान पैक करवा लिया। हम लोगों ने अपना सारा सामान ट्रांसपोर्ट से ही भिजवा दिया था। हम लोग घूमने के प्लान से भी आए थे तो हम लोग लुधियाना ही घूमने लगे। आसपास की जितने भी घूमने की जगह थी वहां पर भी हम काफी घूमे। मैंने सुमित से कहा कि एक काम करते हैं, आज रात को डिनर पर कहीं अच्छी जगह चलते हैं।

अब हम लोग एक अच्छे से रेस्टोरेंट में चले गए। वहां हम लोगों ने काफी अच्छे से बात किया। हम सब बहुत हंसी मजाक कर रहे थे।मेरी पत्नी का नेचर भी बहुत ज्यादा फ्रैंक है और उसकी पत्नी का भी नेचर फ्रेंक था। दोनो का नेचर बहुत अच्छा था। उन दोनों की आपस में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब हम लोग काफी इंजॉय कर रहे थे। क्योंकि बहुत समय बाद ऐसा हुआ था कि मुझे कहीं बाहर जाने का समय मिल पाया था। नहीं तो मैं सिर्फ अपनी  दुकान में ही रहता था। मैंने सुमित से कहा यार बहुत अच्छा लग रहा है। काफी समय बाद ऐसा माहौल बना है। वह भी बहुत खुश था कि इतने समय बाद वह भी कहीं घूमने के लिए गया था। अब हम लोग वापस होटल चले गए। हम चारों ने बहुत ही एंजॉय किया।

हम दोनों ने रास्ते में बात कर ली थी कि हम दोनों एक दूसरे की बीवी को आज चोदेंगे। यह बात हमारी पत्नियों पता नहीं थी और जैसे हम होटल में पहुंचे तो हम दोनों एक दूसरे के कमरे में चले गए। मेरा दोस्त मेरी पत्नी के कमरे में चला गया और मैं उसके कमरे में चला गया। हमारी पत्नियां हमें देख कर बहुत ज्यादा शॉक्ड हो गई हम दोनों उनके सामने नंगे थे। मेरी पत्नी शालिनी मुझे कहने लगी तुम दूसरे कमरे में क्या कर रहे हो। मैंने उसे पकड़कर किस कर लिया और मेरे दोस्त ने भी अपनी पत्नी को किस कर लिया। हम दोनों उन्हें वही बिस्तर पर लेटा कर किस करने लगे।

मैंने अपने  लंड को अपने दोस्त की बीवी के मुंह में घुसेड़ दिया और मेरे दोस्त ने शालिनी के मुंह में अपना लंड डाल दिया। अब वह दोनों हमारे लंड को अच्छे से चूसने लगी और हम दोनों बड़ी तेज आवाज में चिल्ला रहे थे। मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था जब उसकी बीवी मेरे लंड को अच्छे से चूस रही थी। हमने ऐसे ही अब उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया मैंने रानी की चूत को चाटना शुरु किया और उसने मेरी पत्नी शालिनी की चूत को चाटना शुरू किया। वह दोनों बहुत ही ज्यादा मस्त हो गई थी और बड़ी तेज सिसकियां लेने लगी। हम दोनों भी ऐसे काफी देर तक उन्हें चाटते रहे।

अब मैंने थोड़ी देर अपनी पत्नी की भी योनि में चाटना शुरु किया और अपनी पत्नी शालिनी की चूत में अपना लंड डाल दिया। थोड़ी देर तक तो मैं उसे ही चोदता रहा लेकिन अब मैंने रानी की चूत मे अपना लंड डाल दिया और मेरे दोस्त ने मेरी पत्नी शालिनी की चूत मे अपना लंड डाल दिया। हम दोनों ने उन दोनों को ऐसा चोदा कि वह बड़ी तेजी से चिल्ला रही थी। उनकी तेज आवाज पूरे होटल में गूंजने लगी लेकिन हम दोनों रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। जिस पोज में मैं उसकी पत्नी को चोद रहा था वह भी उसी पोज में मेरी पत्नी को चोद रहा था। मेरा वीर्य तो जल्दी ही गिर गया लेकिन मेरे दोस्त क अभी भी नहीं गिरा था और शालिनी बड़ी तेजी से चिल्लाए जा रही थी।

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मैं रानी के स्तनों को अपने मुंह में ले रहा था और मेरा  दोस्त अब भी मेरी पत्नी को चोदने मे लगा हुआ था। मैंने उससे पूछा तुम्हारा अभी नहीं हुआ है वह कहने लगा नही यार मुझे बहुत मजा आ रहा है तेरी बीवी को चोदने में मैंने उसे कहा आज के बाद ऐसे ही चोदना। मैंने तुरंत रानी के मुंह में अपने लंड को दे दिया और वह मेरे लंड को चूसने लगी।

मेरा लंड खड़ा हो गया जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ तो मैंने उसे वही बिस्तर पर लेटा दिया और उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए उसकी चूत मे अपना लंड डाल दिया। जैसे ही मैंने अपने लंड को दोबारा से उसकी योनि में डाला तो वह बड़ी तेजी से चिल्लाने लगी और मैं उसकी चूतडो को पकड़ते हुए ऐसे ही बड़ी तीव्र गति से झटके मारता जाता। जिससे कि उसका पूरा शरीर हिल रहा था और उसकी चूतडे बड़ी तेजी से मेरे आगे आ रही थी और मैं ऐसे ही उसे धक्के देकर शांत कर देता। अब मेरे दोस्त ने भी शालिनी के मुंह में अपना वीर्य गिरा दिया था और उसने वीर्य निगल लिया था।

उसने भी मेरी पत्नी को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया और वह बड़ी तेजी से उसे धक्के देते जा रहा था। वह तो इतनी तेजी से झटके मार रहा था कि मुझे ऐसा लग रहा था कि कहीं वह बेहोश ना हो जाए। मैंने भी रानी को बड़ी तीव्र गति से धक्के देना शुरू किया और उसके चूतड़ों से फच फच की आवाज आने लगी। जैसे ही मैं उसे चोदता तो मेरा दोस्त शालिनी को बड़े गंदे तरीके से चोद रहा था। उसका पूरा शरीर हिल रहा था जो कि मुझे साफ दिखाई दे रहा था उसके स्तन बहुत ही बड़े थे। इस बार मेरे दोस्त का वीर्य जल्दी से गिर गया लेकिन मेरा वीर्य अब भी नहीं गिरा था और मैं ऐसे ही उसे चोदता जा रहा था 5 मिनट के बाद मेरा वीर्य गिरने को हो गया।

मैंने वह रानी के मुंह के अंदर ही डाल दिया। अब हम चारों ऐसे ही बैठ कर बातें करने लगे हम चारों यह बात कर रहे थे।

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कुछ अलग करने की चाह https://sexstories.one/desi-cuckold-story/ Mon, 04 Jan 2021 19:43:13 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%9b-%e0%a4%85%e0%a4%b2%e0%a4%97-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b9/ पेट में बढ़ी हलचल सी हो रही थी और मेरी तबीयत भी कुछ ठीक नहीं थी मैंने सोचा शायद गर्मी की वजह से यह सब हो रहा होगा क्योंकि गर्मी भी बहुत ज्यादा थी। मुझे ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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पेट में बढ़ी हलचल सी हो रही थी और मेरी तबीयत भी कुछ ठीक नहीं थी मैंने सोचा शायद गर्मी की वजह से यह सब हो रहा होगा क्योंकि गर्मी भी बहुत ज्यादा थी। मुझे समझ नहीं आया कि गर्मी की वजह से यह सब है या फिर मेरी तबीयत ही खराब हो गई है। मैं उस दिन कम से कम दो-तीन बार तो फ्रेश होने के लिए जा ही चुकी थी। अब मेरी तबीयत ज्यादा खराब होने लगी थी तो मैंने अपने पति को फोन किया वह मुझे कहने लगे तुम जाकर दवा क्यों नहीं ले लेती। desi cuckold

मैं घर में अकेली थी मेरे सास-ससुर किसी रिश्तेदार की शादी में गए हुए थे इसलिए उस दोपहर की गर्मी में मुझे ही जाना पड़ा। मैं जब घर से बाहर निकली तो मै अपने पिंक कलर के छाते को लेकर अपने घर के पास केमिस्ट की दुकान पर गई। जब मैं वहां गयी तो मैंने देखा वहां पर कोई भी नहीं था दुकान का शटर बंद था मैंने सोचा थोड़ा आगे चली जाती हूं क्योंकि 200 मीटर की दूरी पर ही एक और केमिस्ट की दुकान है मैं वहां पर चली गई।

जब मैं वहां गई तो मैंने देखा वह दुकान खुली हुई थी. desi cuckold

मैंने उन्हें बताया कि मेरे पेट में कुछ गड़बड़ हो रहा है आप उसके लिए मुझे दवाई दे दीजिए। उन्होंने मुझे दवाई दे दी और कहा कि आपको इससे जरूर आराम मिलेगा उसके बाद मैं वहां से अपने घर के लिए आ रही थी। दोपहर के वक्त पूरी गली में सन्नाटा था कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था तभी आगे से एक महिला और एक पुरूष आते मुझे दिखाई दिए। मैं भी बड़ी तेजी से अपने घर की ओर बढ़ रही थी लेकिन जैसे ही वह महिला और पुरुष मुझे सामने आते हुए दिखाई दिए तो मुझे ऐसा एहसास हुआ कि जैसे मैं उन्हें जानती हूं।

उन्होंने भी मेरी तरफ देखा.. desi cuckold

तो मैंने अपनी सहेली को पहचान लिया वह मेरे साथ स्कूल के समय में पढ़ती थी। वह मुझसे कहने लगी अरे शिवानी तुम कहां जा रही हो मैंने उससे कहा मैं तो यही रहती हूं लेकिन तुम लोग कहां जा रहे हो। मेरी सहेली का नाम आशा है आशा मुझे कहने लगी यह मेरे पति हैं आशा के पति का नाम दिनेश है। मैंने जब उससे कहा तुम लोग कहां से आ रहे हो तो वह कहने लगी हम लोगों के रिलेटिव यहां पर रहते हैं हम लोग उनसे ही मिलने के लिए आए हुए थे।

मैंने आशा और दिनेश से कहा आप लोग मेरे घर पर चलिए तो वह कहने लगी कभी और आएंगे लेकिन मैं उन्हें अपने साथ अपने घर पर ले ही आई। जब मैं उन दोनों को अपने साथ अपने घर पर लाई तो मैंने आशा से पूछा तुम्हारे पति क्या करते हैं। दिनेश ने मुझे कहा मैं एक प्राइवेट संस्थान में नौकरी करता हूं और आज मेरी छुट्टी थी तो सोचा यहां पर अपने रिलेटिव से मिल लेता हूं तभी आपसे मुलाकात हुई तो अच्छा लगा। मैं और आशा अपने पुराने दिनों की बात करने लगे और दिनेश हम दोनों की बातें सुन रहे थे वह ज्यादा कुछ नहीं कह रहे थे मैंने उन दोनों से कहा मैं तुम्हारे लिए खाना बनाती हूं।

Mast biwi ki chudai

मैंने उन दोनों के लिए दोपहर का लंच बना दिया और उन्होंने उस दिन मेरे साथ ही लंच किया समय का पता ही नहीं चला कि कब शाम के 4:00 बज चुके हैं। वह लोग कहने लगे अब हम चलते हैं कभी आपसे दोबारा मुलाकात करेंगे मैंने आशा से कहा तुमने तो अब घर देख ही लिया है तुम मुझसे मिलती रहना। आशा कहने लगी ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आऊंगी और यह कहते हुए दिनेश और आशा ने मुझसे इजाजत ली और कहा अब हम लोग चलते हैं। वह लोग चले गए मैंने भी केमिस्ट की दी हुई दवाइयां खाई और उसके बाद मेरे पेट का दर्द थोड़ा ठीक हो चुका था।

शाम के वक्त मेरे पति घर लौटे. desi cuckold

तो वह मुझे कहने लगे अब तुम्हारी तबीयत कैसी है। मैंने उन्हें बताया अब तो ठीक है लेकिन सुबह के वक्त तो मेरी हालत खराब हो गई थी और घर पर आज कोई था भी नहीं। मैंने उन्हें बताया कि आज मेरी पुरानी सहेली मुझे मिली तो वह कहने लगी चलो यह तो अच्छा हुआ जो तुम्हारी मुलाकात आज तुम्हारी सहेली से हो गई। मैंने अपने पति से कहा हां काफी वर्षों बाद वह मुझे मिली और इत्तेफाक से आज हमारी मुलाकात हो गई। उन लोगो ने दोपहर में मेरे साथ ही लंच किया। मेरे सास ससुर भी कुछ दिनों बाद लौट आये और मेरे ससुर जी के पैर में आते वक्त ना जाने कैसे चोट लगी तो उन्हें भी मुझे डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा। मेरे पति के पास समय नहीं होता है इसलिए मुझे ही घर का सारा काम देखना पड़ता है।

मेरी शादी को अभी 3 वर्ष हुए हैं लेकिन इन 3 वर्षों में मुझे कुछ पता ही नहीं चला कि कब हमारी शादी को 3 वर्ष बीत गए। मेरे पति को ऑफिस की तरफ से एक घूमने के लिए टूर का पैकेज मिला क्योंकि उन्होंने इस वर्ष अपने ऑफिस में बहुत अच्छा काम किया था इसलिए उन्हें कंपनी ने घूमने के लिए गोवा के टूर के लिए ऑफर दिया। वहां की सारी व्यवस्था ऑफिस की तरफ से ही होनी थी उन्होंने मुझे कहा कि तुम अगले महीने तैयार हो जाना हम लोग अगले महीने घूमने के लिए जाने वाले हैं। मैं इस बात से बहुत खुश थी और जब मुझे मेरे पति ने कहा कि अब तुम घूमने की तैयारी करो तो मैं इस बात से इतना एक्साइटेड हो गई कि मैंने अपनी सहेली आशा को भी बताया। आशा मुझे कहने लगी हम लोग भी घूमने के लिए गोवा का ही प्लान बना रहे थे क्यों ना हम लोग साथ में ही चले।

मैंने उससे कहा इससे अच्छी बात क्या हो सकती है मुझे भी कंपनी मिल जाएगी और मेरे पति  को भी दिनेश का साथ मिल जाएगा और हम दोनों की मुलाकात भी हो जाएगी। इस बात से मैं और आशा बहुत खुश थे हम दोनों ने सारी तैयारी कर ली थी आशा ने भी मुझे बता दिया था कि दिनेश घूमने के लिए तैयार हो चुके हैं। हम लोगों ने टिकट करवा ली थी उसके बाद हम लोग गोवा चले गए परन्तु हम लोगों की दूसरी ट्रेन थी और वह लोग किसी और ट्रेन से आने वाले थे। पहले हम लोग गोवा पहुंचे उसके बाद वह लोग भी गोवा पहुंच गए थे लेकिन हम लोग एक ही होटल में रुके थे।

जब पहली बार दिनेश और मेरे पति मिले तो उन दोनों को एक दूसरे से मिलकर अच्छा लगा। desi cuckold

मेरे पति दिनेश की बहुत तारीफ कर रहे थे और कहने लगे दिनेश बहुत अच्छे हैं उस रात हम लोग घूमने के लिए साथ में ही बीच पर गए। बीच के किनारे छोटे-छोटे होटल थे और वहां पर लाइट लगी हुई थी जिसे देखते ही गोवा का माहौल बन रहा था। कुछ लोग रात को भी पानी में टहल रहे थे और कुछ पानी के किनारे ही चल कर जा रहे थे यह सब देख कर हम लोग आनंदित हो रहे थे। हम लोगों को बहुत अच्छा लग रहा था मैंने आशा से कहा हम लोग भी चलेंगे, आशा भी मेरे साथ पानी में आ गई। हम दोनों साथ ही थे तभी दिनेश और मेरे पति भी आ गए तो हम लोग पानी में ही काफी देर तक रहे और जब हम बाहर आए तो हम पूरी तरीके से भीग चुके थे।

धीरे-धीरे हमारे कपड़े भी सूखने लगे थे। मैंने अपने पति से कहा कुछ खा लेते हैं हम लोग वहीं पास के एक छोटे से रेस्टोरेंट में चले गए और वहां पर हमने रात का डिनर किया लेकिन दिनेश की नजर मुझे कुछ अलग ही तरीके से देख रही थी। मैं भी गोवा घूमने के लिए आई थी तो कुछ अलग ही करना चाहती थी लेकिन मैंने दिनेश की प्यासी नजरो को भाप लिया था वह मुझसे क्या चाहता है। अगले दिन मैंने दिनेश के बदन को ऐसे छुआ जैसे कि वह मेरी तरफ खीचा चला आया उस रात दिनेश मेरी तरफ पूरी तरीके से फिसल चुका था अब सिर्फ हम दोनों को मौका चाहिए था। हमे मौका भी मिल चुका था क्योंकि उस रात मेरे पति ने कुछ ज्यादा ही शराब पी ली थी जिस वजह से वह बहुत ज्यादा गहरी नींद में सो चुके थे मैंने दिनेश को अपने कमरे में बुला लिया।

वह जब मेरे पास आया तो कहने लगा शिवानी तुम तो वाकई में लाजवाब हो। desi cuckold

मैंने तुम्हारे बदन को ऐसे नहीं देखा था लेकिन जब से तुमने भी मुझे अपनी नशीली आंखों से देखना शुरू किया तो मेरे अंदर भी तुम्हें लेकर सेक्स की भावना पैदा होने लगी। मैंने दिनेश से कहा देखो अभी बात करने का समय नहीं है हम लोग जल्दी से अपनी प्यास को बुझाते हैं और यह कहते ही मुझे दिनेश ने अपनी बाहों में ले लिया।

जब उसने मुझे अपनी बाहों में लिया तो वह मेरे होठों को बड़े ही फिल्मी अंदाज में किस कर रहा था वह मुझे जिस प्रकार से किस करता उससे मेरे अंदर एक अलग ही बेचैनी महसूस होती और मुझे ऐसा लगता जैसे कि मेरे अंदर से गर्मी बाहर की तरफ को निकल रही है। हम दोनों ही पूरी तरीके से अपने कंट्रोल से बाहर हो चुके थे मैंने भी सुरेश के लंड को बाहर निकाला और उसे अपने मुंह के अंदर समा लिया। मैंने उसके 9 इंच मोटे लंड को एक ही झटके में अपने मुंह के अंदर ले लिया तो वह कहने लगा तुम बड़ी लाजवाब हो।

मैं उसके लंड को अपने मुंह में ले रही थी जिससे कि मेरे लिए उसका लंड चूसने मे मजा आता। काफी देर तक मैंने ऐसा ही किया जब उसके मोटे लंड से पानी बाहर की तरफ को निकल आया तो मैंने अपने बदन से पूरे कपड़े उतारे और दिनेश ने मेरी योनि पर अपने लंड को सटाते हुए अंदर की तरफ धकेल दिया मेरी योनि की दीवार से उसका लंड टकराने लगा था वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा।

जिससे कि हम दोनों पसीना पसीना होने लगे थे यह सिलसिला काफी देर तक चलता रहा.. desi cuckold

लेकिन जब मैं झड़ने वाली थी तो मैंने दिनेश को अपने दोनों पैरों के बीच में जकड़ लिया। उसे कहा तुम ऐसे ही मुझे धक्के देते रहो उसने मुझे काफी देर तक चोदा और मेरी योनि के मजे ले लिए लेकिन जब उसने अपने गरम वीर्य को मेरी योनि में प्रवेश करवाया तो मुझे बड़ा सुकून मिला और वह जल्दी से अपने रूम में चला गया।

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दो लंड और तीन चूत – मस्त ग्रुप सेक्स https://sexstories.one/do-lund-aur-group-sex/ Sun, 03 Jan 2021 23:36:52 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%a6%e0%a5%8b-%e0%a4%b2%e0%a4%82%e0%a4%a1-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%a4%e0%a5%80%e0%a4%a8-%e0%a4%9a%e0%a5%82%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0/ हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग ? मुझे उम्मीद है मेरे सारे दोस्त ठीक ही होंगे और रोज की तरह चुदाई करते होगे | मैं आज एक कहानी लेकर आया हूँ और मैं उम्मीद ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग ? मुझे उम्मीद है मेरे सारे दोस्त ठीक ही होंगे और रोज की तरह चुदाई करते होगे | मैं आज एक कहानी लेकर आया हूँ और मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और आप लोगो को आज की कहानी पढ़ाने में मज़ा भी आयेगा | कहानी शुरू करने से पहले अपने बारे में बता देता हूँ| group sex

मेरा नाम अनमोल है और मेरी उम्र 28 साल है | मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है | मैं रहने वाला अमृतसर का हूँ | मेरे लंड का साइज़ 8 इंच लम्बा है और मोटा 3 इंच है |

अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूँ | group sex

दोस्तों ये कहानी तब की है जब मैं अपने अंकल के एक कारखाने पर जाने लगा था | मेरे अंकल का जो कारखाना है | वो बहुत ही बड़ा है और वहां पर लड़कियों का ही काम होता था क्यूंकि वहां पर सिलाई का काम होता था तो उस कारखाने में 65 % लड़कियां थी और 35 % लड़के थे | जब मेरे अंकल को पता चला की मेरी पढाई पूरी हो गयी है और मैं कोई काम भी नही कर रहा हूँ तो अंकल ने कहा की तब तक कारखाने पर चले आया करो और मस्ती किया करो मेरे कारखाने में लड़कियां ही काम करती हैं | मेरे अंकल मेरी तरह ही चुदक्कड थे और वो कारखाने की लड़की को किसी न किसी दिन चोद देते थे | मैं भी बहुत चोदू किस्म का लड़का हूँ कोई लड़की मिल जाये तो उसकी ऐसी चुदाई करता हूँ की उसे चलने में भी परेशानी हो |

एक दिन की बात है तब से मैं अंकल के कारखाने पर जाने लगा | group sex

तब मैं वहां अंकल का काम देखता था की कौन आज कितने रूपये ले रहा है और कौन नही ले रहा है या कौन आज कम पर नही आया है | अंकल के कारखाने में अच्छी लड़की भी हैं और मादरचोद लड़की भी हैं | मुझे अंकल के कारखाने में इस तरह से 1 महीना हो गया था और मैं इन 28 दिनों में 6 लड़कियों की मस्त चुदाई कर चूका हूँ | मेरे कारखाने में तीन लड़की हैं | जो बहुत मादरचोद हैं और वो हमेशा मादरचोदी किया करती हैं इसलिए उनसे कोई नही बात करता है | वो मादरचोद हर बात में तो गाली देती हैं और वो तीनो मादरचोद हैं साली रंडी | मैं आप लोगो को उनके नाम बता देता हूँ | एक का नाम नीलम है और एक नीलू है तीसरी का नाम नाबिता है | वो तीनो एक ही साथ रहती हैं | एक दिन की बात है जब अंकल घर पर कुछ काम में बिजी थे और उस दिन सबको सैलरी देनी थी तो मैंने उस दिन सबको सैलरी मैंने ही दी थी | जब लड़कियां और लड़के अपनी अपनी सैलरी लेकर चले गये |

फिर वो मादरचोद रंडी अपनी सैलरी लेने आई तो मैंने कहाँ तुम्हे कितने देदूं | नीलम बोली की कितना है सब देदे रे | मैं बोला की तू नही ले पायेगी बहुत बड़ा है | नीलू बोली अरे मादरचोद दे तो कितना बड़ा है ये भी देख लुंगी |

मैं – अरे मादरचोद सही से बोल मैं तेरा आशिक नही हूँ मादरचोद गांड में डाल कर फाड़ दूंगा सही से रहना

नाबिता- हां रे रंडी सर से सही से बोल नही तो सर अपने लंड को तेरी चूत में डाल कर हिला देंगे तो तू रंडी चल भी नही पायेगी |

फिर मैंने उन तीनो रंडियों को 1 – 1 हजार रुपये ज्यादा दिए और वो लेकर चली गयी | उन दिनों मेरे पीछे एक लड़की लट्टू थी और वो मेरे से चुदने के लिए बहुत पीछे पड़ी हुई थी | उसका नाम रानी था और मैंने उसको उस दिन सबके जाने के बाद मैंने उसको कारखाने के टॉयलेट में ले जाकर उसकी चूत में अपने 8 इंच के लंड को उसकी चुत डाल कर ऐसी मस्त चुदाई की उसको चलने में भी उसकी चूत में दर्द हो रहा था और फिर मैं उसको उसके घर तक छोड़ने गया | फिर उसके दुसरे दिन वो तिन मादरचोद रंडी मुझसे मस्ती ले रही थी तो मैंने उन रंडियों से कहा तुम साली काम पर ध्यन दो नही तो आज की अप्सेंटी लगा दूंगा | तब वो साली काम करने लगी | उन मादरचोदो से कोई बात नही करता था क्यूंकि उनके मंह से गाली के सिवा कुछ निकलता ही नही था | फिर जब कारखाने में छोट्टी हुई तब वो तीनो मेरे पास आई और बोली की सर आप बताओ आप के घर कब आ जाऊं तो मैं बोला क्यूँ मेरे घर क्या करने आओगी |

नीलू – ऐ मादरचोद तू बोल तो क्या करना है वो तो मैं आके देख लुंगी | group sex

मैं – तेरी तो माँ की चूत मारूं साली कभी कभी तो ठीक से बोल दिया कर |

नाबिता – सर बार हमे घर बोला कर को देखो खुश कर दूंगी |

मैं – ठीक है मैं किसी दिन तुम तीनो को घर पर बोलता हूँ |

नीलम –ठीक है | group sex

फिर एक दिन मैंने सही टाइम देख कर अपने दोस्त के घर तीनो को बुला लिया | मैं आप लोगो को अपने दोस्त के बारे में बता देता हूँ उसका नाम पवन है | उस दिन मैंने दोस्त के घर पर बियर भी मंगा ली और फिर मैंने और मेरा दोस्त बियर पी रहे थे की वो कुछ देर में ही मेरे बताये हुए पते पर आ गयी | मैं और मेरा दोस्त बियर पी रहे थे और वो भी साली बियर पीने लगी | कुछ ही देर में वो 1-1 बियर की बोतल साफ कर दी | फिर मैं और मेरा दोस्त उसको कमरे में लेकर चले गये | फिर उनको कमरे में ले जाकर मैंने एक की होठो पर अपने होठो को रख कर उसकी होठो को चूसने लगा और पवन नीलम की होठो को चूसने लगा | मैंने नीलू की होठो को चूस रहा था और नाबिता के दोनों दूध को कपडे के अन्दर हाथ को डाल कर उसके बूब्स को मसलने लगा |

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मैं उनके दोनों को एक एक करके उनको किस करता रहा और पवन नीलम की चुचियो को दबाते हुए उसको किस कर रहा था | मैं ऐसे ही 5 मिनट तक किस करने के बाद दोनों के कपडे उतार दिए जिससे वो कुछ ही देर में बिना कपडे के मेरे सामने आ गयी | फिर पवन ने भी नीलम के कपडे उतार कर उसके चुचियो को दबाते हुए मुंह में रख कर चूसने लगा तो नीलम के मुंह से हाँ हाँ हाँ… सी सी सी…… उई उई माँ उई माँ उई माँ…. आआअ….. करती हुई अपने बूब्स को चुसाने लगी | मैं नीलू के एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा और साथ में अपने हाथ से नाबिता के चुचियो के निप्पल को पकड कर मसलने लगा जिससे उसके मुंह से जोर जोर से सिसिकियाँ निकल गयी और नीलू मेरे सर को पकड कर अपने बूब्स पर दबाने लगी |

मेरा दोस्त पवन उसके दोनों दूधो के निप्पल को मुंह से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था जिससे उसके मुंह से उई उई उई.. सी सी सी… ऊऊऊ… आआआआ…. उई माँ उई माँ… करती हुई अपने स्तन को चूसा रही थी | फिर मैं नीलू को बेड पर लेटा कर उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपने मुंह को घुसा कर उसकी चूत को चाटने लगा और नाबिता नीलू के मुंह पर अपनी चूत टिका दी | फिर अपनी चूत को हिला हिला कर चुसाने लगी नीलू उसकी चूत को चाटती हुई गर्म गर्म सांसे लेती हुई उह्ह उह्ह ओह्ह ओह्ह्ह…. हाँ हाँ हाँ… सी सी सी… ऊ ऊ ऊ ऊ की सिसिकियाँ लेती हुई नाबिता की चूत को चाट रही थी | पांवन उधर अपने उसकी चूत में अपनी ऊँगली को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसकी चूत को अपनी ऊँगली से चोद रहा था |

हम दोनों ऐसे ही उनकी चूत में धमाल पेल रहे थे | group sex

मैं ऐसे ही उसकी चूत में ऊँगली कर रहे थे | तब नाबिता बोली तुम लोग भी कपडे निकालो देंखे तो कितना दम है तुम दोनों में | फिर मैं और मेरे दोस्त ने अपने कपडे निकाल दिए और मेरा लंड देखकर वो तीनो के मुंह से निकल गया है भगवान इतना बड़ा और मेरे दोस्त का लंड तो मुझसे भी बड़ा था | फिर वो दोनों मेरे लंड को मुंह में रख कर चूसने लगी और नीलम मेरे दोस्त का लंड मुंह में रख कर चूसने लगी हम ऐसे ही लंड को 5 मिनट तक चुसाने के बाद मैंने नीलू की चूत के ऊपर अपने लंड को रख कर उसकी चूत गीली थी इसलिए एक ही धक्के में मेरा लंड उसकी चूत में आधा घुस गया और उसके मुंह से चीख निकल गयी |

मेरा दोस्त उसकी चूत में घुसा कर नीलम की इस कदर से चुदाई की नीलम के मुंह से आवाज नही निकल रही थी | मैं भी नीलू और नाबिता की चूत में अपने लंड को एक एक करके ठुदाई करनी शुरू कर दी और चीख चीख कर चुदने लगी | मेरे लंड ने उसकी चूत और गांड का चेंद बड़ा कर दिया | इस तरह से हम दोनो ने उन तीनो की 20 मिनट तक मस्त चुदाई की और फिर झड गए | उन तीनो मादरचोदो की इतनी चुदाई हुई की वो चलाने के हालत में नही थी | फिर मैंने उन तीनो को 5 – 5 हजार रुपये दिये | अब वो तीनो महीने में मुझे 5 बार तो चुदती ही हैं हमसे |

मेरी कहानी मेरे दोस्तों को जरुर पसंद आई होगी | group sex

कहानी पढने के लिए धन्यवाद |

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चुत बधाई हो https://sexstories.one/biwi-ki-samuhik-chudai-naye-saal-pe/ Thu, 06 Aug 2020 21:02:17 +0000 https://sexstories.one/?p=736 दोस्तों मुझे आप सभी लंड का दास भी कह सकते हैं क्योंकि में बचपन से ही चूत का बहुत शौकीन रहा हूँ.. कभी कभी मैंने अपनी सोती हुई बहन की चूत को सूँघा है तो ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तों मुझे आप सभी लंड का दास भी कह सकते हैं क्योंकि में बचपन से ही चूत का बहुत शौकीन रहा हूँ.. कभी कभी मैंने अपनी सोती हुई बहन की चूत को सूँघा है तो कभी अपनी माँ की पेंटी को। मेरे काले लंड में एक इस्प्रिंग है जब देखो जहाँ देखो खड़ा हो जाता है और हर जगह गांड और चूत ढूंढ़ता फिरता है। लेकिन मेरी सबसे मन पसंद एक ही है मेरी जानू चुड़क्कड़ शानू.. मतलब मेरी बीवी – biwi ki samuhik chudai

शानू एक जवान 22 साल की मस्त गदराई हुई गांड, बड़ी बड़ी चूची, रसीले होंठ और काली गुलाबी रसभरी चूत। शानू से मेरी मुलाकात पहली बार एक मॉल में हुई थी.. आज से ठीक 3 साल पहले मॉल में अपनी मोटी मोटी गांड मटकाती हुई घूम रही थी और सबके लंड में आग लगा रही थी। फिर मेरे लंड को ना जाने क्या सूझी और उसके पीछे पीछे चल दिया..

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biwi ki samuhik chudaiमुझे याद है वो त्यौहारों का समय था और मॉल में भीड़ बहुत ज़्यादा थी और वो आगे आगे और में उसके पीछे। तभी मौके का फायदा उठाते हुए मैंने उसकी गांड पर हाथ मसल दिया.. वाह! क्या मोटे चूतड़ थे उसके.. मेरे लंड में तो करंट ही दौड़ गया। शायद उसके चूतड़ में भी खुजली हुई और उसने अपनी ऊँगली को अपनी पेंटी के अंदर सेट किया.. फिर उसकी गांड की लकीर देखकर मुझे तो मेरी तक़दीर पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं हो रहा था। यह तो बस पहली मुलाक़ात थी और फिर बात बनती गई और हमारे लंड चूत का मिलन होता गया।

आज हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं और एक दूसरे की चूत, गांड और लंड, बूब्स सबका बहुत ध्यान रखते हैं। मेरे पूरे मोहल्ले में मेरी चुड़क्कड़ जानू का चर्चा होता रहता है और हर कोई उसका नाम लेकर अपनी बीवियों और रंडियों को बहुत चोदता है। हमारी गली का हाल तो यह है कि धूप में सूखती हुई उसकी ब्रा पेंटी तक लोग चुरा ले जाते हैं। कोई मूठ मारकर उन्हे वापस हमारे घर पर फेंक जाता है तो कोई उन्हें काम में लेता रहता है और में तो ना जाने कितनी जोड़ी ब्रा पेंटी ला चूका हूँ और चुदाई के समय फाड़ भी चूका हूँ। वो खुद भी बहुत खरीद कर लाती है और यहाँ तक कि मेरे पिता जी भी मेरी शानू के नाम की ही मुठ मारते हैं और मुझे यह सब देखकर बहुत खुशी मिलती है.. मेरी जान बहुत मस्त है.. ऐसे ही किसी को अपने पास फटकने नहीं देती।

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यह बात इसी साल की है.. सारा शहर नये साल की तैयारियों में डूबा पड़ा था और ना जाने मेरी चुड़क्कड़ जानू के मन में ना जाने क्या था? इस बार वो बाहर जाने की जिद भी नहीं कर रही थी.. वर्ना उससे बहुत पसंद है बाहर डिस्को जाना और क्योंकि वहाँ पर सभी लड़के उसको घूरते हैं और मौका मिलने पर हाथ भी डालते हैं। फिर उस दिन में सारा दिन घर पर ही था और शानू सूबह से ही नंगी घूम रही थी.. वो घर पर अधिकतर नंगी ही रहती है।

तो मुझे जब भी मौका मिलता में उसकी चूची दबा देता या गांड में उंगली कर देता। तभी शाम होते ही मैंने मेरी जानू से कहा कि आज कहीं चलना नहीं है क्या? आज 31 दिसम्बर है और सारे मोहल्ले वाले सभी लोग बाहर गये हुए है कहीं ना कहीं घूमने.. तो क्या हम भी चलें? तभी उसने कहा कि नहीं.. मन नहीं है। आज हम घर पर ही नया साल मनाते हैं।

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अब मुझे सुनकर बड़ी हैरानी हुई.. लेकिन जैसा मेरी बीवी कहेगी वैसा ही होगा.. तो मैंने वाईन की बॉटल निकाली और शानू के लिए एक पेग बना दिया और हम वैसे कुछ ख़ास पीते नहीं लेकिन आज सेलिब्रेशन के मूड में थे और उसने एक छोटी सी स्कर्ट पहनी थी..

जिसमे उसके चूतड़ नहीं छुप रहे थे और उसके नीचे जाली वाली पीले रंग की पेंटी चूतड़ो के बीच में चिपक रही थी और मोटे बूब्स उसके टाईट टॉप से बाहर निकलने को बैचेन थे। फिर मैंने अपने हाथों से उसको वाईन पिलाई और उसके होंठों को चूसने लगा। अब शानू की चूत में भी आग लगने लगी थी और उससे अब रहा नहीं जा रहा था। फिर उसने कहा कि जान चलो कहीं बाहर घूम कर आते हैं। में कार निकालने लगा.. लेकिन शानू ने कहा कि नहीं बाईक पर चलेंगे। मुझे तुम्हारे पीछे चिपककर बैठाना है।

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फिर में मुस्कुराया और मैंने बाईक निकाल ली उसने अपने चूतड़ उठाए औट बाईक की सीट पर रख दिए उसके मोटे मोटे बूब्स मुझे अपनी पीठ पर चुभते हुए महसूस हो रहे थे और मुझे बहुत मजा आ रहा था। लेकिन यह मजा जब तक में पूरा लेता.. उससे पहले सुनसान रास्ते पर दो पुलिस वालों ने हाथ देकर मुझे रुकने को कहा और मैंने तुरन्त ब्रेक लगाए और बाईक एक साइड में लगा दी।

शानू अब भी नशे में थी। पुलिस वालों ने हमे घूरते हुए कहा कि कहाँ से अय्याशी करके आ रहा है तू और यह रंडी बैठा रखी है.. क्या चुदाई करने ले जा रहा है इसे? फिर मैंने गुस्से से कहा कि यह मेरी वाईफ है। फिर पुलिस वाला बोला कि तो साले मैंने कब कहा की ये मेरी है।

तू रात को घूम रहा है.. क्या तुझे पता नहीं इतनी रात घूमना ठीक नहीं है और तुमने क्या दारू पी रखी है.. साले दारू पीकर गाड़ी चलाता है.. अंदर करूंगा.. उससे दूसरे पुलिस वाले से कहा कि अरे पाटिल इसको पकड़ कर चेक कर साले ने दारू पी रखी है। पंप ला और इसके मुँह में लगा और उस पुलिस वाले ने मेरे मुँह में चेक करने के लिए पंप लगाया और फिर उस पुलिस वाले ने कहा कि पाटिल दूसरा पंप और दे इस लड़की का भी मुहं चेक करना है।

पाटिल : पांडे यार दूसरा तो नहीं है एक इसके मुँह में दे रखा है।

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पांडे : अच्छा लेकिन चेक तो करना पड़ेगा.. अभी देता हूँ इसके मुँह में पंप (हंसते हुए उसने अपना काला लंबा मोटा लंड मेरी बीवी शानू के मुँह में दे दिया) मेरी बीवी की तो साँस ही अटक गई और अंदर तक लंड उसके मुँह में घुस गया और उसकी आँखे बाहर आ गई। फिर में चिल्लाया यह क्या कर रहे हो? और पाटिल ने मुझे एक थप्पड़ मारा और कहा कि ज़्यादा मत बोल वरना अभी अंदर कर दूँगा.. समझा।

पांडे : सुन लड़की चुपचाप यह लंड चूस वरना दोनों की खड़े खड़े यहीं पर गांड मार दूँगा और शानू ने मेरी तरफ देखा और उसे कोई रास्ता नज़र नहीं आया और उसने अपनी दोनों आंखे बंद की और लंड को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी। फिर पांडे उसके मुहं में लंड अंदर बाहर करने लगा.. अब शायद शानू को भी मजा आने लगा था.. काला लंड उसके मुँह में था और वो उसे लोलीपोप के जैसे चूस रही थी और अब मेरी और पाटिल की पेंट टाईट हो गई। फिर पाटिल ने भी अपना काला लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में दे दिया वो एक साथ दो दो लंड चूस रही थी। अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था और में उसके पीछे जाकर उसके चूतड़ दबाने लगा और ज़ोर ज़ोर से उसकी चूचियाँ खींचने लगा.. वो तड़पने लगी और उनका लंड चूसने लगी और उसकी चूत टपकने लगी थी।

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फिर मैंने एक हाथ उसकी पेंटी में घुसा दिया और चूत मसलने लगा.. वाह! क्या नज़ारा था। में दबाए जा रहा था और वो लोग उसे लंड चुसाए जा रहे थे। तभी शायद रात के 12 बजे और आसमान में आतिशबाज़ी शुरू हो गई और नया साल आ गया था और साथ में उन दोनों के लंड का पानी भी शानू की चूंचियों पर गिरने लगा और में उसी पानी से उसकी चूचियों को मसल रहा था। दोनों पुलिस वाले झड़ चुके थे और फिर दोनों ने एक साथ कहा कि.. आह्ह्ह्ह हेप्पी न्यू ईयर ओफ्फ्फ।

फिर पुलिस की गाड़ी पर वायरलेस पर मैसेज आने लगे तो दोनों ने हमसे रफूचक्कर होने को कहा और दारू पीकर गाड़ी ना चलाने की हिदायत दी.. लेकिन शानू अब भी गरम थी और मैंने शानू को आगे बैठाया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और किक मारकर बाईक स्टार्ट की और वहाँ से निकल गया और सारे रास्ते में उसकी चूची को चूसता हुआ उन्हें खींचता हुआ घर पर आया और आते ही उसकी पेंटी फाड़कर चूत में घुस गया और सारी रात में उसकी चूत, गांड में घुसा रहा और वहीं ज़ोर ज़ोर से चूत चाटने लगा.. वो सिसकियाँ लेने लगी और मेरे सर को चूत पर जोर जोर से दबाती रही.. 10 मिनट चूत चाटने के बाद मैंने उसे लेटा दिया और चूत में लंड डालकर धक्के देने लगा अब मैंने उसकी नये साल की चुदाई शुरू कर दी और जोर जोर के धक्को के साथ जोर से कहता रहा.. हैप्पी न्यू ईयर.. मेरे लंड देवता घुस जा और फाड़ दे इसकी चूत.. आज अच्छे से नया साल मना दे हमारा।

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फिर 20 मिनट की चुदाई के बाद में उसकी चूत में झड़ गया और उसके ऊपर सर रखकर ऐसे ही हम दोनों सो गये ।

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