bhai behan ki chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/bhai-behan-ki-chudai/ Hindipornstories.org Fri, 10 Dec 2021 06:10:51 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाई बहन एक दूसरे पे फ़िदा हुए https://sexstories.one/bhai-behan-ki-chuda-story/ Fri, 10 Dec 2021 06:10:51 +0000 https://sexstories.one/?p=3409 मैं रोज की तरह उसके सामने झुक कर झाड़ू लगाने लगी उसकी आँखे चमकने लगी मेरे बूब्स और निपल देख के उसने अपने होंठों पर जीभ फेर दी मैने नाटक करते हुये अपने बूब्स पकड़ के कपड़े ठीक किये...

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Bhai Behan Ki Chudai Story – मैं समिता आज बहुत दिनो बाद आपको अपना अनुभव बताने आई हूँ पता नही क्यों लेकिन अपने कज़िन से चुदवाने के बाद तो मैं और भी सेक्सी हो गयी हूँ ऐसा मेरा भाई कहता है. वो मुझसे 2 साल छोटा है उसका नाम साहिल है यह सब तब हुआ था जब मेरा कजिन हमारे घर पर आया था (वही जो मुझे पहले चोद चुका था) वो हमारे घर पर एक हफ़्ता रुका था इस बीच हमने 3 बार मस्ती की जब भी उसको मौका मिलता वो मुझे पकड़ लेता कभी किचन में तो कभी घर के पीछे हम लोग बहुत चिपकते रहते थे साहिल को शायद हम पर शक हो गया था लेकिन एक हफ्ते बाद मेरा कज़िन चला गया कुछ दिनो बाद मेरे पेरेंट्स को कहीं जाना पड़ा किसी रिश्तेदार के यहाँ उस दिन मैं और मेरा भाई अकेले थे घर में मैं किचन में लंच तैयार कर रही थी.

मेरा भाई भी किचन में आ गया और मुझसे बातें करने लगा पहले तो नॉर्मल बात करता रहा लेकिन फिर उसने कहा “समिता तुम्हे नही लगता की हमारे मामा का लड़का थोड़ा ज्यादा ही फ्लर्ट टाइप का है मैं एकदम शॉक हो गयी की यह ऐसा क्यों पूछ रहा है मैने ऐसे ही कहा “नहीं तो! ऐसा तो कुछ भी नही लगा मुझे क्यों तुम ऐसे क्यों पूछ रहे हो? बस ऐसे ही मैने कई बार नोटीस किया था वो तुम से कुछ ज्यादा ही फ्री हो रहा था। किचन में भी वो तुम्हारे पास बैठा रहता था वैसे क्या बाते करता था वो तुमसे? अब मुझे थोड़ा शक हुआ मैने बात टालने के लिए कहा “नही, बस ऐसे ही इधर उधर की बाते करता रहता था मैने तिरछी नज़र से देखा तो मेरे भाई की नजर मेरी गांड पर थी.

एक बार इस ख्याल ने मेरे मन में कुलबुलाहट पैदा कर दी की मैं जो करना चाहती थी अपने भाई के साथ वो ही मेरा भाई भी शायद मेरे साथ करना चाहता है मैने देखा मेरी गांड में मेरा पंजाबी सूट फंसा हुआ था और मेरा अपना छोटा भाई मेरी गांड देख रहा था मैने अचानक पूछा ऐसे क्या देख रहे हो भैया? वो थोड़ा संभला और कहा” नहीं कुछ नही.”अब मुझे पूरा यकीन हो गया था की मेरी प्यास अब मेरा छोटा भाई मिटायेगा उस दिन के बाद मैं उसको लाइन देने लगी कभी उसके सामने झुक जाती और उसको अपने बूब्स दिखाती मैने कई बार अपने भाई को लंड मसलते देखा था एक दिन वो पल आ ही गया जब मेरे भाई ने मुझे ठोक दिया उस दिन मम्मी पापा घर पर नही थे मैं झाड़ू लगा रही थी मैने बहुत ही ढीले कपड़े पहन रखे थे नीचे ब्रा भी नही पहनी थी.

मैं रोज की तरह उसके सामने झुक कर झाड़ू लगाने लगी उसकी आँखे चमकने लगी मेरे बूब्स और निपल देख के उसने अपने होंठों पर जीभ फेर दी मैने नाटक करते हुये अपने बूब्स पकड़ के कपड़े ठीक किये और शरमाने का नाटक करके अपने बेडरूम में भाग गयी मुझे पता था आज मेरा भाई ज़रूर कुछ करेगा क्योकी आज उसका लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा था नेकर में उसने मेरे रूम में आते ही पूछा दीदी क्या हुआ तुम झाड़ू छोड़ के क्यों भाग आई मैने कुछ नही कहा उसने फिर पूछा मैने शरमाते हुये कहा भैया! तुम मेरे वो देख रहे थे उसने फिर पूछा क्या देख रहा था? मैं समझ गयी की भाई आज ज़रूर चोदेगा मुझे मैने भी शर्म थोड़ी कम करके कहा” तुम मेरे बूब्स देख रहे थे ना तो वो मेरे करीब आ गया और कहा वो तो अपने आप दिख रहे थे.

मैने सिर झुका लिया उसने मेरे कंधे पर हाथ रख दिये और पीछे से मेरी नेक पर एक किस करते हुये मेरे दोनो बूब्स पकड़ कर बोला तुम्हारे बूब्स बहुत सुंदर हैं दीदी! मैने एक सिसकी भर कर आँखे बंद कर ली और कहा ”क्या मैं सुंदर नही हूँ?” तो उसने मुझे अपनी तरफ घुमा लिया और कहा बहुत सुंदर है मेरी दीदी? और मुझे अपने से चिपका लिया मेरे दोनो बूब्स उसकी छाती पर गड़ने लगे मैने कहा भैया क्या यह सब ठीक है हमारे बीच” तो उसने एक ज़ोर की गाली दी मुझे” साली रांड़ अपने मामा के लड़के का लंड चूसती है और उससे अपनी चूत मरवाती है तब यह ख्याल नही आया मैं एकदम शॉक हो गयी मैने उसकी तरफ़ देखा और कहा” तो तुम्हे सब पता है उसने कहा हाँ यह देख जिस दिन तूने राज का लंड चूसा था कुत्तिया यह देख उसने मुझे अपने मोबाइल पर विडियो दिखाया.

मैं और शॉक्ड हो गयी यह तो मैं थी जो अपने कजिन के लंड को मज़े के साथ किसी ब्लू फिल्म की हिरोईन की तरह चूस रही थी फिर मैने भी कहा” हरामी बहनचोद अगर तुझे सब पता था तो मुझसे इतनी मेहनत क्यों करवाई तुझे गर्म करने के लिए? तो उसने कहा” मैं देखना चाहता था की मेरी रंडी कुत्तिया बहन किस हद तक अपने भाई से चुदवाने के लिए मरती है अब मैने कहा जब बहन भाई राज़ी तो क्या करेगा काजी अब आ जा मेरे प्यारे बहनचोद भाई और ले ले अपनी बहन के नज़ारे अब हम दोनो बिल्कुल खुल चुके थे उसने अपने होंठ अपनी बहन के गुलाबी होंठो पर रख दिये और एक हाथ से मेरे 32 साइज़ के लेफ्ट बूब्स को दबाने लगा उसने कहा” मेरी समिता दीदी तू तो एक दम मस्त माल है पता नही कितनी बार तेरे नाम की मूठ मारी है.

आज तेरी चूत चोद के सारी गर्मी निकाल दूँगा मैने भी कहा” अरे मेरे बहनचोद भाई, तेरी बहन का भी यही हाल था इस साल मामा का लड़का पहले मिल गया वरना मैं तेरे से अपनी सुहागरात मनाती भाई ने कहा” चल कोई बात नही आज से तुझे मैं अपनी रंडी बना के रखूँगा और रोज तेरी चूत लूँगा बातें करते करते पता ही नही लगा कब हम दोनो नंगे हो गये उसका लंड आज पहली बार इतने करीब से देखा था एक दम सुंदर लाल गुलाबी मशरूम देख के मेरे मुँह में पानी आ गया और उसके पहले की वो कुछ बोलता मैने उसे अपने मुँह में ले लिया और किसी छोटे बच्चे की तरह चूसने लगी भाई सिसकियाँ लेने लगा उसने कहा तुम तो बिल्कुल एक रंडी बन गयी हो बहना एकदम रंडी की तरह लंड चूसती हो आहह ज़ोर से चूस बहना तेरा क्या कहना मज़ा आ गया आज तो इतना चिकना माल घर पर मेरे लंड के लिए तड़प रहा था और मैं मूठ मार के अपने लंड को शांत कर रहा था ऊऊओह आहह पूरा मुँह में ले लो दीदी और मैने उसका 7 इंच का पूरा लंड मुँह में लेने की कोशिश की लंड मेरे गले तक पहुँच गया था.

Bhai Behan Ki Chudai Story खुल्लम खुल्ला चुदाई करेंगे हम दोनों

उसने मेरा सिर पकड़ के दबा दिया मैने उसकी तरफ देखा उसने मेरे मुँह में धक्के मारने स्टार्ट कर दिये थे आज मैं अपने आप को एक रंडी की तरह महसूस कर रही थी ऐसा लग रहा था जैसे मेरा भाई मुझे पैसे दे कर बाज़ार से लाया हो काफ़ी देर उसका लंड चूसने से वो और भी बड़ा और लाल हो गया था अब मैं बेड पर लेट गयी भाई मेरे उपर आ गया और मुझ पर चुम्बन की बारिश कर दी मेरे गालों पर मेरे गले पर और जब वो मेरे गुलाबी निपल के पास पहुँचा तो उसने वहा चुम्मा नही लिया और नीचे पेट पर चला गया मेने एक गाली दी बहनचोद मेरे दूध नही पियेगा क्या”

उसने मेरी तरफ देखा और उपर आ कर मेरे निप्पल पर पहले अपने होंठ रगडे और फिर उसको मुँह में ले लिया मैने अपने होंठ अपने दांतो में दबा लिए आहह मेरे बहनचोद भाई पी ले मेरा दूध श आआन्ं तू भी तो बिल्कुल बच्चे की तरह चूसता है बूब्स उउउंमाआ आहह वो मेरे एक निपल को चूस रहा था और दूसरे को पिच कर रहा था आज मैं जन्नत में थी मैने उसका सिर पकड़ कर अपने बूब्स पर दबा लिया और सिसकी से कहा आआ चूस ले भाई ज़ोर से आज के बाद रोज मेरा ही दूध पीना तू उउउंम आहह” वो बारी बारी से दोनो निपल चूस रहा था कभी कभी वो अपनी जीभ से मेरे निपल को हिलाता तो बस ऐसा लगता जैसे मैं अभी झड़ जाउंगी चूस चूस के मेरे बूब्स और निपल लाल करने के बाद उसने मेरी चूत पर अपने होंठ रख दिये उसके इस हमले से मैं उछल पड़ी सच कहूँ मेरा भाई मेरे कजिन से भी बड़ा चोदने में माहिर था उसको पता था की अपनी सेक्सी बहन को कैसे चोदना है उसने अपनी जीभ मेरी गीली चूत में डाल दी और मैं झड़ गयी वो मज़े से मेरे काम रस को चाट गया लेकिन वो रुका नही ओर मैं ऑआआआश आ करती रही बेड पर पड़ी पड़ी.

अब वो मेरी टांगो के बीच आ चुका था उसने कहा बहना अब असली मज़े का टाइम आ गया है मैने कहा भैया प्लीज ज़रा ध्यान से करना मैं तुम्हारी बहन हूँ कोई रंडी नही ऐसा मैने इसलिये कहा था क्योकी उसका लंड कजिन के लंड से ज्यादा मोटा था उसने अपना लाल मशरूम लंड मेरी चूत पर रखा और पुश किया मेरे मुँह से एक आह निकली और उसका टोपा मेरी चूत में जा चुका था फिर थोड़ा और ज़ोर लगाया तो आधे से ज्यादा लंड चूत में चला गया और मेरे मुँह से निकला उउउईई माँ धीरे भैया बहुत मोटा है भाई बोला चुप साली कुत्तिया नखरे करती है इतनी बार चुदवाके भी दर्द का नाटक करती है मैने कहा नही भैया सच कह रही हूँ तुम्हारा बहुत मोटा है.

फिर उसने मेरी एक ना सुनी और पूरा लंड डाल दिया मेरे अंदर मैं बस एक चीख मार कर रह गयी अब वो मुझे चोदने लगा मैं भी मजे से उसका साथ देने लगी और उसको बोला” चोद साले कुत्ते अपनी कुत्तिया बहन को आज से मैं तेरी रंडी और तेरी कुत्तिया हूँ जब तू कहेगा तेरे लंड के आगे कुत्तिया बन जाउंगी और तू कुत्ते की तरह मेरे उपर चड जाना आज के बाद रोज तेरी बहना तेरा बिस्तर गर्म करेगी और जी भर के चोदना अपनी बहन को भाई हाँ मेरी बहना अब तेरी चूत में मेरा लंड ही रहेगा तू इसी तरह अपने भाई से चुदवाती रहना फिर उसने मुझे कुत्तिया बनने को कहा.

मैं उसके सामने कुत्तिया बन गयी अब मेरा भाई मुझे किसी कुत्ते की तरह उपर चड के चोद रहा था आहह आहह आह ऊहह उमम्म मम्मी तेरे बेटे ने आज मुझे चोद ही डाला और मैं झड़ गयी थोड़ी देर बाद मेरा भाई भी झड़ने लगा तो मैने उसको लंड निकालने को कहा और अपने मुँह में ले लिया वो मेरे मुँह में झड़ गया अब हम जब भी मौका मिलता है चुदाई करते हैं..

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भाई बहन की चुदाई का खेल https://sexstories.one/bhai-bahan-ki-chudai-ka-khel/ Fri, 08 Oct 2021 07:27:16 +0000 https://sexstories.one/?p=4456 थोड़ी देर बाद भाई का लंड फिरसे खड़ा होने लगा, जब उसने मुझे दिखाया तो मैं खुश हो गयी और उसे मूह मे लेकर धीरे धीरे चूसने लगी वो मेरे स्तानो को दबाने लगा. भाई का लंड अब पूरे जोश मे आगेया था, और इस बार मैं उसे मुझमे समाने के लिए बेताब थी. मैं झट से बिस्तर पे लेट गयी और भाई को चढ़ने को कहा.

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Bhai Behan Ki Chudai Ka Khel : ही दोस्तो मेरा नाम ‘निहारिका’ है पर घर मे मुझे सब ‘पूजा’ बुलाते है क्यूंकी मेरा बदन गोरा और गुलाबी सा है. मेरा जन्म होने के बाद एक साल बाद ही मेरे पहले पिता ने मेरी मा को और मुझे छोड़ दिया और किसी और के साथ घर बसलिया. उस समय मै

सिर्फ़ डेढ़ साल की थी. तभी मेरे मामा क दोस्त ने जिनकी बीवी लड़के को पैदा करते हुए मार गयी थी मेरे मा से शादी कर ली. वो लड़का यानी मेरा सौतेला भाई राकेश है. और मैं और मा उनके साथ रहने लगे. राकेश भैया मुझसे 4 साल बड़ा था. पर उसने कभी मुझे सौतेला व्यवहार नही किया.

जब भाई बड़ा हुआ तो पापा ने उसे पढ़ने के लिए दिल्ली भेज दिया. तब वो 1२ वी क्लास मे था और मैं ९ वी मे थी. मैं तब 1४ साल की थी और भाई 1८ साल का था. जब भाई उस साल छूतियो मे घर आया तो बड़ा ही खूबसूरत दिख रहा था, उसे मुंबई रास आ गयी थी. पर वो मुझसे आते ही गुस्सा हो गया क्यूंकी वो जाने के बाद मैने उसका कमरा ले लिया था. पर पापा बोले, ‘राकेश जब तक तू यहा है तब तक पूजा हमारे कमरे मे सो जाएगी.’ वो और मैं दोनो मान गये.

जब उसे रात मैं पापा-मम्मी के कमरे मे सो रही थी तब रात को मुझे मा की कसमसाहट सुनाई दी और मैं जाग गयी पर सिर्फ़ थोडिसी आखें खोलके देखने लगी, और हक्का बक्का हो गयी. पापा और मा दोनो ज़मीन पे बिल्कुल नंगे लेते थे और पापा मा के दोनो बूब्स को बरी बरी छू रहे थे. मैं ये देख के दंग हो गयी, फिर मा ने पापा के लूँगी मे हटा डाला और उनका लंड बाहर निकाला, इतना बड़ा और लाल था वो मैं तो घबरा गयी और फिर पापा ने उसे मम्मी क छूट पर रख के ज़ोर का झटका दिया और मा कसमसा उठी, तब मैने भी मेरे पिशब की जगह (मतलब चूत पे) गीला पन महसूस किया और मुझे कुछ अजीबसा लगने लगा.

सुबह जब बातरूम जाके मैने मेरी पनटी उतरी और उसे हाथ मे पकड़ा तो मुझे वाहा चिपचिपा लगा और उसे नाक से सूंघने पर एक वासना भारी सुगंध आई. मैं तो जैसे बावरी हो गयी. उसे दिन पहली बार मैने खुद को पूरे कपड़े उतार के नंगा देखा और खुदके छोटे छोटे बूब्स को सबारा. हे क्या बतऊ मेरी हालत. उसके बाद मैने चार दिन मा और पापा का वो खेल रोज रात को चुपके से देखा.

Bhai Behan Ki Chudai मोहिनी की स्कूल में चुदाई

अब मैं 16 की होगआई थी और पूरी जवान लगने लगी थी. पर मुझे किसी लड़के ने अभी तक छुआ नही था. मेरा भाई भी अब 20 का हुआ था और स.य.ब्कॉम कर रहा था. मैने भी 10त पास कर लिया था और पापा ने मुझे भी भाई के साथ दिल्ली के उसीके कॉलेज मे 1२वी के लिए भेज दिया. भाई और मैं जब मुंबई पह्ोचे तब जोरो की बारिश चल रही थी और हम दोनो भीग गये थे. भाई तब एक चल मे रहता था जिसमे एक छोटसा कमरा किराए पे लिया था. कमरे मे ही टॉयलेट और बाथरूम था पर बातरूम को दरवाजा नही था. भाई अकेला होने के वजह से उसे तकलीफ़ नही हुए पर अब मुझे वाहा नहाने को परेशानी होगी ये मैने कहा तो उसने कहा, ‘ जब तुम नहाने जाओगी तब मैं कमरे क बाहर चला जौंगा और तुम अंदर नहा लेना, फिर दरवाजा खोलना.’

मैं इस बात पे मान गयी. दूसरे दिन हम कॉलेज पहुचे उसने मेरा दाखिला करा दिया. और हम रोज़ साथ मे ही घर से कॉलेज जाते और साथ ही घर आते. आते आते कभी हम समान बाजार से ले आते और मैं घर मे ही खाना पकाती और भाई भी मुझे हेल्प करता था. इस दौरान ही मुझपे जवानी चढ़ने लगी थी. कॉलेज मे हमे बहुत लोग बाय्फ्रेंड-गर्लफ्रेंड ही समझते थे. मुझे भी वो अछा लगता था. जब कभी भाई मुझे खाना बनाने मे हेल्प करता तो उसका हाथ कभी कभी मेरे स्तानो को छू जाता और मेरे बदन मे एक ही सिरसिरी भर जाती, पर ये वो जानभुज के करता या अंजाने हो जाता ये उसे ही पता. ऐसे ही दो महीने बीत गये.

हमारे घर के पास ही एक मेला लगा, मैने भाई को कहा चलो मेला घूम आते है, भाई भी तैयार हुआ और हम शाम को मेला देखने चले गये. घूमते घूमते हम भाई के एक टीचर मिल गये, उन्हे लगा मैं भाई की पत्नी हू, और वो कुछ सुनने के पहेले ही कह गये, ‘जोड़ा खूब जज्ता है, कुश खबर जल्दीही देना.’ और्र मैं और भाई शरम के मारे पानी पानी हो गये. आयेज हम दोनो आकाश झूले मे बैठे, जैसे झूला उपर जाता मैं भाई को कस क पकड़ लेती थी क्यूंकी मुझे बहोट दर्र लगता है. तब मेरे स्तन भाई के खांडे को चिपक जाते, और जाँघ से जाँघ च्पक गई थी. मेरी आखे बंद थी और मेरे सलवार के उपर से मेरे स्तन दिख रहे थे, भाई उन्हे आखे फाड़ के देख रहा था (ये उसने मुझ बाद मे बताया) जब हम झूले से नीचे उतरे तो भाई मेरी तरफ अलग ही नज़र से देख रहा था.

घर जाते जाते बारिश ने हमे घेर लिया और मैं और भाई पूरी तरह भीग गये. मेरे सलवार सफेद थी और भीगने के कारण मेरी ब्रा क्लियर नज़र आ रही थी जिसे भाई घूर रहा था. जैसे तैसे हम रूम पहुचे और दरवाजा बंद कर लिया. भाई ने कहा, “पूजा तुम कपड़े बदल लो मैं बाहर खड़ा रहता हू.’ तो मैने कहा,’भाय्या रहएने दो आप पीठ कर के खड़े हो जाओ, मैं झट से कपड़े बदलती हू.’ वो मान गया. मैं कपड़े बदल रही थी, जैसे ही मैने मेरा सलवार उतरा मुझे राकेश की हल्की सिसकी सुनाई दी, मैं समझ गयी की वो मुझे देख रहा है. मेरे भी बदन मे एक लेहायर आ गयी और मानो एक सेकेंड मे मेले की बाते और मा-पापा का सेक्स मेरे आखो के सामने आ गया और मुझे नीचे गीला लगने लगा. बाद मे मैने उसके तरफ देखा और कपड़े बदले पर उसने नही देखा. थोड़ी देर बाद उसने उसके कपड़े बदले तब मैं चोरी से उसकी अंडर पंत को देखा तू वो एक तुंबो जैसे लग रही थी. मैं समाज गयी के भाई का लंड खड़ा हो गया है.

उस रात मैं रोज़ की तरह नीचे ज़मीन पे सो रही थी और भाई पलंग पे. वो पलंग पे पेट के बाल सॉयके सोने का नाटक कर रहा था और मेरे उभरो को देखे जेया रहा था. मैने भी उसे उतेज़ित करने के लिए पल्लू निकल दिया था, ताकि उसे मेरे स्तानो क बीच की खाई दिखे. उस रात मैं बहोट देर तक सोचती रही की ये सही है या ग़लत, वो मेरे छूट की खुजली भाई को सोच सोच और ही बढ़ रही थी. वैसे भी वो मेरा सौतेला भाई था और उसके तरफ भी आग लगी थी, पर उसकी हिम्मत नही थी कुछ करने की. फिर मैने ही एक प्लान बनाया.वो ऐसा,

दूसरे दिन सुभह जब मैं नहाने निकली तो भाई बाहर जाने लगा, मैने कहा, ‘राकेश भाय्या, आप यही रूको, जब आप बाहर जाते हो तो बाजू के लोग, बाड़मे मुझे घूरते है.’ तो भाई रुक गया और पलंग पे पीठ कर के बैठ गया. मैने पल्लू का परदा किया और नहाने लगी. नहाते वक़्त मैं गाना गाने लगी, “सजना है मुझे, सजना के लिए…” तो भाई ने देखे और झट से फिर मूड गया. मैने जानबूजके टवल पलंग पे ही रखा था. नहाना होने के बाद मैने भाई को कहा की मुझे टवल देना, तब मैं स्टूल पे बैठ के दोनो पैर के बीच स्तन छुपाके बैठी थी. और मेरा कुर्ता गीला होने के वजह से मेरी पनटी और गीली भारी हुई जंघे दिख रही थी. मैने परदा हल्के से खिछा और टवल लेने के लिए थोड़ी उठी. उठाते ही मेरा लेफ्ट स्तन पूरा भाई को दिखा और उसके मूह से सिसकारी निकले. मैने ऐसा बर्ताओ किया की ये अंजाने मे हुआ और बैठ गयी, बैठते ही उसे मेरी पनटी दिखी. और उसके पंत मे मुझे हलचल दिखी. मैं जान गयी की तीर निशाने पे लगा है.

उस दिन मैं सोचती रही के अब आयेज क्या करना है और उस रात खाना खाने क बाद, मैने भाई से कहा “ तुम सो जाओ मैने सहेली से नोट्स लाए है जो मुझे कंप्लीट करने है.” तो वो सोने की तायारी करने लगा और मैं नीचे बैठ क नोट्स कंप्लीट करने लगी. वो फिरसे पलंग पे पेट क बाल लेट क सो रहा था. मैं नोट्स लिखते वक़्त थोड़ी झुक क लिख रही थी जिससे मेरी स्तानो क बीच की खाई उसे थोड़ी थोड़ी दिख रही थी. मैने सोचा क भाई को गरम करने का ये चान्स छोड़ना नही छाईए इसलिए मैने गर्मी हो रही है ये दिखा क पल्लू निकल दिया और तोड़ा और झुक क लिखने लगी. उसकी थोड़ी सिसकी से मुझे पता चल गया की चिंगारी ने आग पकड़ ली है.

भाई भी सोने का नाटक कर रहा था और मुझे देख रहा था. ऐसे ही 20-25 मिनिट बीट गये. मैने तोड़ा सोचा और एक बार भाई क तरफ देखा तो झट से उसने आखे बंद की और जताया क वो सो रहा है. मैं झट से उठी और मेरा कुर्ता उतार दिया. ये भाई ने कभी सोचा ही नही था क मैं ऐसा कुछ करूँगी. उसे तो जैसे 440वॉल्ट का करेंट ही लग गया. उसने उसकी उक्सुकता थोड़ी कम की और सोने का नाटक चालू रखा. पर यह मेरे छूट से पानी बहना शुरू हो गया था. वो मेरे दोनो द्तानो को घूर रहा था, मैं भी उसका मज़ा ले रही थी. और 10-15 मीं तक मैने कभी मेरे स्तानो पे का पसीना कभी कुर्ते से तो कभी टवल से पोछा जिसे भाई और उत्तेजित हो. मेरा तो बुरा हाल था, उत्तेजना के कारण मेरे दोनो स्तन कड़क हो गये थे और सीधे हो गये थे. मैने सोचा क अब और खिचना बेकार है, और उठकर सस्यू करने क लिए बातरूम गयी, और किसी तरह का परदा नही लगाया और झट से मेरा पंत उतरी और पनटी भी उतरी, ये सब भाई देख रहा है ये सोचके और मुझे पता था क वो ये देख ही रहा होगा. पनटी उतरने के बाद नीचे बैठ कर मूतने लगी ताकि मेरी गांद का घेरा और छेड़ भाई को सॉफ डीके. भाई तो जैसे सातवे आसमान पर था. मैं ज़ोर देके मूतने लगी ताकि मेरे मुतनी की ज़ोर से आवाज़ हो. उस रात के सन्नाटे मे वो आवाज़ कुछ असर कर गयी. मैं बाहर आए और एक त-शर्ट पहें लिया.

मैं सोने क लिए गयी तो बारिश शुरू हो गयी और जहा मैं सोती थी वही से पानी टपकने लगा. और मेरी रज़ाई और चादर भीग गये. पानी की आवाज़ से भाई भी नींद से उठने का नाटक किया और बोला “ कोई बात नही पूजा यहा आजओ उपर.कल छत ठीक कर लेंगे.” मूज़े जैसा चाहिए था वैसा ही हुआ और मैं झट से पलंग पे लेट गयी. भाई से तोड़ा अंतर ले क सोने लगी(वैसे अब हम दोनो सोने का नाटक कर रहे थे) मैने थोड़े देर बाद नींद मे हू ऐसा दिखाते भाई क पेट पर हाथ रख दिया और तोड़ा तोड़ा हाट उपर नीचे करने लगी. जिस से उसका लंड उत्तेजित हो गया और उसके पाजामे मे तंबू बनाने लगा. उसने भी उसका हाथ मेरे छाती पर रख दिया और तोड़ा स्तानो पे फेरने लगा. अब आग पूरी लग गयी थी और बस मंज़िल थोड़ी ही दूर थी. तभी वो तोड़ा उठा और उसका पाजामा निकल के चड्डी भी निकल दी. तब मेरा हाथ उसके जाँघ को चुराहा था. वो मेरे तरफ मुड़ा और मुड़ते ही उसका लंड मेरे हथेली मे आ गया. मैने भी उसे तोड़ा हल्केसे दबाया और उसे मुट्ठी मे ले लिया, और तोड़ा हिलाया. तभी भाई ने झट से मेरे एक स्तन को ज़ोर से दबाया. बस अब हम दोनो क बीच की सब दीवारे टूट गयी और हम एक दूसरे को लिपट गये.

Sexy chudai kahani मेरी चूत मारी गई खेत मे

भाई ने मेरे होतो को चूमा और एक फ्रेंच किस लिया. हे… क्या बतौ वो एहसास. फिर भाई ने धीरे धीरे मेरे स्तन दबाए, मैने भी उसके लंड को धीरे धीरे आयेज पीछे करना शुरू किया. भाई ने मेरा कुर्ता और सलवार उतार दिया अब मैं सिर्फ़ पनटी मे थी . मैने भी भाई का त-शर्ट उतार दिया और उसकी बालो वाली छाती चूमने लगी. भाई मेरे स्तानो को मूह मे लेके चूसने लगा, कभी एक कभी दूसरा. मेरे मुहसे सिसीकिया निकालने लगी, “हे… अफ… आ…और ज़ोर्से…” ये सुनके भाई और ज़ोर्से चूसने लगा. मैं भी उसका लंड हाथ से ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी, जिसके वजह से भाई भी सिसकिया निकालने लगा…

अब मैने उल्टा होकर उसका लंड मूह मे ले लिया और वो मेरी छूट चाटने लगा… हम 69 के पोज़िशन मे थे और मुखमैथून का आनंद ले रहे थे, मेरी छूट झड़ने लगी और भाई ने सारा पानी पी लिया. मैने भी उसका पानी झड़ने के बाद पी लिया… वा क्या स्वाद था उसका… हम दोनो का पानी चाड़ने के वजह से हम थोड़े सुस्त होगआय और एकदुसरे के बहो मे लिपट के लेते रहे.

थोड़ी देर बाद भाई का लंड फिरसे खड़ा होने लगा, जब उसने मुझे दिखाया तो मैं खुश हो गयी और उसे मूह मे लेकर धीरे धीरे चूसने लगी वो मेरे स्तानो को दबाने लगा. भाई का लंड अब पूरे जोश मे आगेया था, और इस बार मैं उसे मुझमे समाने के लिए बेताब थी. मैं झट से बिस्तर पे लेट गयी और भाई को चढ़ने को कहा. भाई ने भी पोज़िशन ली, और मेरे उपर आ गया, पर उसे मेरे छूट का छेड़ मे डालते ही नही आ रहा था. तो मैने मेरे कुल्हो के नीचे तकिया रखा और टांगे फैला दी, जिससे मेरा छेड़ तोड़ा खुल के दिखने लगा. भाई उस पे आया और एक ज़ोर से धक्का लगाया, जिस से उसके लंड का सूपड़ा मेरी छूट चीरता हुआ अंडर चला गया. मैं ज़ोर से चीलाई पर उतने मे भाई ने मेरे होंटो मे उसके होंटो को डालके चूमा. मुझे बहोट दर्द होने लगा और मैं रोने लगी, तो उसने उसका लंड बाहर निकल लिया. जब मैने अपनी नन्ही छूट को देखा तो उससे खून निकालने लगा था, और ऐसा दर्द हो रहा था जैसे किसीने उसे फाड़ दिया हो…

भाई ने मुझे समझाया, “पूजा, ऐसा तो होता ही है. आज तू काली से फूल बन गयी है.” भाई के समझने से मुझमे तोड़ा जोश आया और मैं उसे बोली, “राकेश मुझे बहो मे लेलो.” उसने झट से मुझको लिपट लिया. अब भाई ने मुझे फिरसे लेता दिया और अपनी हाथ के उंगली को मेरी छूट मे डाला और आयेज पीछे हिलाने लगे. इससे मुझे फिर से उत्तेजना होने लगी और मैं तयार होने लगी, थोड़ी देर ऐसे करने के वजह से मेरे छूट से पानी आने लगा और भाई ने उसे पी लिया और मेरी छूट ज़बान से चटकार सॉफ करने लगा. अब मुझेसे रहा नही जेया रहा था. सो मैं ने भाई को उपर आने का आमंत्रण दिया.

वो झट से उपर आया पर इश्स बार धीरे धीरे उसका लंड छूट मे डालने लगा. दो-टीन झटको मे ही उसका आधा लंड मेरी छूट मे चला गया. भाई अब आयेज पीछे हिलने लगा, और एक हाथ से मेरा स्तन दबाने लगा. अब मुझे अच्छा लगने लगा और मैं चिल्लाने लगी, “फाड़ दो इश्स साली छूट को… भैया… अपनी बाहें को सारा सुख दे दो… और ज़ोर्से डालो… और… इश्स… अफ…” मेरे ऐसे कहेने से भाई भी जोश मे आगेया और ज़ोर्से झटके मरने लगा… 5मीं बाद मुझे लगा के मैं झड़ने वाली हूँ, मैं राकेश से बोली “भाई मैं झड़ने वाली हू… तुम भी साथ मे ही झड़ो और मुझमे ही झड़ो, मैं तुम्हारा पूरा रस अपने मे समलेना चाहती हू…” भाई ने वैसा ही किया और हम साथ ही झाडे. वो मेरे बगल मे लेट गया. और हम दोनो को नींद आ गयी.

सुबह जब मैं उठने लगी तो मुझसे उठे नही जा रहा था. बहोट कोशिश करने के बाद मैं खड़ी हुई पर जैसे बातरूम जाने के लिए पैर बढ़ाया लड़खड़ा गयी और नीचे बैठ गयी. मेरी पहेली चुदाई के कारण मुझे बहोट दर्द हो रहा था और इसके वजह से मैं चल नही सकती थी. मैं वही पलंग पे बैठ गयी. भाई ने कहा “पूजा, तुम दो-टीन दिन घर मे ही आराम करो जब ठीक हो जाओ तब ही कॉलेज जाना.” ये कहा और मेरे पास आ के मुझे एक चूमा दे के अपने क्लास के लिए चला गया.

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