Bhai behan chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/bhai-behan-chudai/ Hindipornstories.org Fri, 08 Oct 2021 07:28:01 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाई बहन की चुदाई का खेल https://sexstories.one/bhai-bahan-ki-chudai-ka-khel/ Fri, 08 Oct 2021 07:27:16 +0000 https://sexstories.one/?p=4456 थोड़ी देर बाद भाई का लंड फिरसे खड़ा होने लगा, जब उसने मुझे दिखाया तो मैं खुश हो गयी और उसे मूह मे लेकर धीरे धीरे चूसने लगी वो मेरे स्तानो को दबाने लगा. भाई का लंड अब पूरे जोश मे आगेया था, और इस बार मैं उसे मुझमे समाने के लिए बेताब थी. मैं झट से बिस्तर पे लेट गयी और भाई को चढ़ने को कहा.

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Bhai Behan Ki Chudai Ka Khel : ही दोस्तो मेरा नाम ‘निहारिका’ है पर घर मे मुझे सब ‘पूजा’ बुलाते है क्यूंकी मेरा बदन गोरा और गुलाबी सा है. मेरा जन्म होने के बाद एक साल बाद ही मेरे पहले पिता ने मेरी मा को और मुझे छोड़ दिया और किसी और के साथ घर बसलिया. उस समय मै

सिर्फ़ डेढ़ साल की थी. तभी मेरे मामा क दोस्त ने जिनकी बीवी लड़के को पैदा करते हुए मार गयी थी मेरे मा से शादी कर ली. वो लड़का यानी मेरा सौतेला भाई राकेश है. और मैं और मा उनके साथ रहने लगे. राकेश भैया मुझसे 4 साल बड़ा था. पर उसने कभी मुझे सौतेला व्यवहार नही किया.

जब भाई बड़ा हुआ तो पापा ने उसे पढ़ने के लिए दिल्ली भेज दिया. तब वो 1२ वी क्लास मे था और मैं ९ वी मे थी. मैं तब 1४ साल की थी और भाई 1८ साल का था. जब भाई उस साल छूतियो मे घर आया तो बड़ा ही खूबसूरत दिख रहा था, उसे मुंबई रास आ गयी थी. पर वो मुझसे आते ही गुस्सा हो गया क्यूंकी वो जाने के बाद मैने उसका कमरा ले लिया था. पर पापा बोले, ‘राकेश जब तक तू यहा है तब तक पूजा हमारे कमरे मे सो जाएगी.’ वो और मैं दोनो मान गये.

जब उसे रात मैं पापा-मम्मी के कमरे मे सो रही थी तब रात को मुझे मा की कसमसाहट सुनाई दी और मैं जाग गयी पर सिर्फ़ थोडिसी आखें खोलके देखने लगी, और हक्का बक्का हो गयी. पापा और मा दोनो ज़मीन पे बिल्कुल नंगे लेते थे और पापा मा के दोनो बूब्स को बरी बरी छू रहे थे. मैं ये देख के दंग हो गयी, फिर मा ने पापा के लूँगी मे हटा डाला और उनका लंड बाहर निकाला, इतना बड़ा और लाल था वो मैं तो घबरा गयी और फिर पापा ने उसे मम्मी क छूट पर रख के ज़ोर का झटका दिया और मा कसमसा उठी, तब मैने भी मेरे पिशब की जगह (मतलब चूत पे) गीला पन महसूस किया और मुझे कुछ अजीबसा लगने लगा.

सुबह जब बातरूम जाके मैने मेरी पनटी उतरी और उसे हाथ मे पकड़ा तो मुझे वाहा चिपचिपा लगा और उसे नाक से सूंघने पर एक वासना भारी सुगंध आई. मैं तो जैसे बावरी हो गयी. उसे दिन पहली बार मैने खुद को पूरे कपड़े उतार के नंगा देखा और खुदके छोटे छोटे बूब्स को सबारा. हे क्या बतऊ मेरी हालत. उसके बाद मैने चार दिन मा और पापा का वो खेल रोज रात को चुपके से देखा.

Bhai Behan Ki Chudai मोहिनी की स्कूल में चुदाई

अब मैं 16 की होगआई थी और पूरी जवान लगने लगी थी. पर मुझे किसी लड़के ने अभी तक छुआ नही था. मेरा भाई भी अब 20 का हुआ था और स.य.ब्कॉम कर रहा था. मैने भी 10त पास कर लिया था और पापा ने मुझे भी भाई के साथ दिल्ली के उसीके कॉलेज मे 1२वी के लिए भेज दिया. भाई और मैं जब मुंबई पह्ोचे तब जोरो की बारिश चल रही थी और हम दोनो भीग गये थे. भाई तब एक चल मे रहता था जिसमे एक छोटसा कमरा किराए पे लिया था. कमरे मे ही टॉयलेट और बाथरूम था पर बातरूम को दरवाजा नही था. भाई अकेला होने के वजह से उसे तकलीफ़ नही हुए पर अब मुझे वाहा नहाने को परेशानी होगी ये मैने कहा तो उसने कहा, ‘ जब तुम नहाने जाओगी तब मैं कमरे क बाहर चला जौंगा और तुम अंदर नहा लेना, फिर दरवाजा खोलना.’

मैं इस बात पे मान गयी. दूसरे दिन हम कॉलेज पहुचे उसने मेरा दाखिला करा दिया. और हम रोज़ साथ मे ही घर से कॉलेज जाते और साथ ही घर आते. आते आते कभी हम समान बाजार से ले आते और मैं घर मे ही खाना पकाती और भाई भी मुझे हेल्प करता था. इस दौरान ही मुझपे जवानी चढ़ने लगी थी. कॉलेज मे हमे बहुत लोग बाय्फ्रेंड-गर्लफ्रेंड ही समझते थे. मुझे भी वो अछा लगता था. जब कभी भाई मुझे खाना बनाने मे हेल्प करता तो उसका हाथ कभी कभी मेरे स्तानो को छू जाता और मेरे बदन मे एक ही सिरसिरी भर जाती, पर ये वो जानभुज के करता या अंजाने हो जाता ये उसे ही पता. ऐसे ही दो महीने बीत गये.

हमारे घर के पास ही एक मेला लगा, मैने भाई को कहा चलो मेला घूम आते है, भाई भी तैयार हुआ और हम शाम को मेला देखने चले गये. घूमते घूमते हम भाई के एक टीचर मिल गये, उन्हे लगा मैं भाई की पत्नी हू, और वो कुछ सुनने के पहेले ही कह गये, ‘जोड़ा खूब जज्ता है, कुश खबर जल्दीही देना.’ और्र मैं और भाई शरम के मारे पानी पानी हो गये. आयेज हम दोनो आकाश झूले मे बैठे, जैसे झूला उपर जाता मैं भाई को कस क पकड़ लेती थी क्यूंकी मुझे बहोट दर्र लगता है. तब मेरे स्तन भाई के खांडे को चिपक जाते, और जाँघ से जाँघ च्पक गई थी. मेरी आखे बंद थी और मेरे सलवार के उपर से मेरे स्तन दिख रहे थे, भाई उन्हे आखे फाड़ के देख रहा था (ये उसने मुझ बाद मे बताया) जब हम झूले से नीचे उतरे तो भाई मेरी तरफ अलग ही नज़र से देख रहा था.

घर जाते जाते बारिश ने हमे घेर लिया और मैं और भाई पूरी तरह भीग गये. मेरे सलवार सफेद थी और भीगने के कारण मेरी ब्रा क्लियर नज़र आ रही थी जिसे भाई घूर रहा था. जैसे तैसे हम रूम पहुचे और दरवाजा बंद कर लिया. भाई ने कहा, “पूजा तुम कपड़े बदल लो मैं बाहर खड़ा रहता हू.’ तो मैने कहा,’भाय्या रहएने दो आप पीठ कर के खड़े हो जाओ, मैं झट से कपड़े बदलती हू.’ वो मान गया. मैं कपड़े बदल रही थी, जैसे ही मैने मेरा सलवार उतरा मुझे राकेश की हल्की सिसकी सुनाई दी, मैं समझ गयी की वो मुझे देख रहा है. मेरे भी बदन मे एक लेहायर आ गयी और मानो एक सेकेंड मे मेले की बाते और मा-पापा का सेक्स मेरे आखो के सामने आ गया और मुझे नीचे गीला लगने लगा. बाद मे मैने उसके तरफ देखा और कपड़े बदले पर उसने नही देखा. थोड़ी देर बाद उसने उसके कपड़े बदले तब मैं चोरी से उसकी अंडर पंत को देखा तू वो एक तुंबो जैसे लग रही थी. मैं समाज गयी के भाई का लंड खड़ा हो गया है.

उस रात मैं रोज़ की तरह नीचे ज़मीन पे सो रही थी और भाई पलंग पे. वो पलंग पे पेट के बाल सॉयके सोने का नाटक कर रहा था और मेरे उभरो को देखे जेया रहा था. मैने भी उसे उतेज़ित करने के लिए पल्लू निकल दिया था, ताकि उसे मेरे स्तानो क बीच की खाई दिखे. उस रात मैं बहोट देर तक सोचती रही की ये सही है या ग़लत, वो मेरे छूट की खुजली भाई को सोच सोच और ही बढ़ रही थी. वैसे भी वो मेरा सौतेला भाई था और उसके तरफ भी आग लगी थी, पर उसकी हिम्मत नही थी कुछ करने की. फिर मैने ही एक प्लान बनाया.वो ऐसा,

दूसरे दिन सुभह जब मैं नहाने निकली तो भाई बाहर जाने लगा, मैने कहा, ‘राकेश भाय्या, आप यही रूको, जब आप बाहर जाते हो तो बाजू के लोग, बाड़मे मुझे घूरते है.’ तो भाई रुक गया और पलंग पे पीठ कर के बैठ गया. मैने पल्लू का परदा किया और नहाने लगी. नहाते वक़्त मैं गाना गाने लगी, “सजना है मुझे, सजना के लिए…” तो भाई ने देखे और झट से फिर मूड गया. मैने जानबूजके टवल पलंग पे ही रखा था. नहाना होने के बाद मैने भाई को कहा की मुझे टवल देना, तब मैं स्टूल पे बैठ के दोनो पैर के बीच स्तन छुपाके बैठी थी. और मेरा कुर्ता गीला होने के वजह से मेरी पनटी और गीली भारी हुई जंघे दिख रही थी. मैने परदा हल्के से खिछा और टवल लेने के लिए थोड़ी उठी. उठाते ही मेरा लेफ्ट स्तन पूरा भाई को दिखा और उसके मूह से सिसकारी निकले. मैने ऐसा बर्ताओ किया की ये अंजाने मे हुआ और बैठ गयी, बैठते ही उसे मेरी पनटी दिखी. और उसके पंत मे मुझे हलचल दिखी. मैं जान गयी की तीर निशाने पे लगा है.

उस दिन मैं सोचती रही के अब आयेज क्या करना है और उस रात खाना खाने क बाद, मैने भाई से कहा “ तुम सो जाओ मैने सहेली से नोट्स लाए है जो मुझे कंप्लीट करने है.” तो वो सोने की तायारी करने लगा और मैं नीचे बैठ क नोट्स कंप्लीट करने लगी. वो फिरसे पलंग पे पेट क बाल लेट क सो रहा था. मैं नोट्स लिखते वक़्त थोड़ी झुक क लिख रही थी जिससे मेरी स्तानो क बीच की खाई उसे थोड़ी थोड़ी दिख रही थी. मैने सोचा क भाई को गरम करने का ये चान्स छोड़ना नही छाईए इसलिए मैने गर्मी हो रही है ये दिखा क पल्लू निकल दिया और तोड़ा और झुक क लिखने लगी. उसकी थोड़ी सिसकी से मुझे पता चल गया की चिंगारी ने आग पकड़ ली है.

भाई भी सोने का नाटक कर रहा था और मुझे देख रहा था. ऐसे ही 20-25 मिनिट बीट गये. मैने तोड़ा सोचा और एक बार भाई क तरफ देखा तो झट से उसने आखे बंद की और जताया क वो सो रहा है. मैं झट से उठी और मेरा कुर्ता उतार दिया. ये भाई ने कभी सोचा ही नही था क मैं ऐसा कुछ करूँगी. उसे तो जैसे 440वॉल्ट का करेंट ही लग गया. उसने उसकी उक्सुकता थोड़ी कम की और सोने का नाटक चालू रखा. पर यह मेरे छूट से पानी बहना शुरू हो गया था. वो मेरे दोनो द्तानो को घूर रहा था, मैं भी उसका मज़ा ले रही थी. और 10-15 मीं तक मैने कभी मेरे स्तानो पे का पसीना कभी कुर्ते से तो कभी टवल से पोछा जिसे भाई और उत्तेजित हो. मेरा तो बुरा हाल था, उत्तेजना के कारण मेरे दोनो स्तन कड़क हो गये थे और सीधे हो गये थे. मैने सोचा क अब और खिचना बेकार है, और उठकर सस्यू करने क लिए बातरूम गयी, और किसी तरह का परदा नही लगाया और झट से मेरा पंत उतरी और पनटी भी उतरी, ये सब भाई देख रहा है ये सोचके और मुझे पता था क वो ये देख ही रहा होगा. पनटी उतरने के बाद नीचे बैठ कर मूतने लगी ताकि मेरी गांद का घेरा और छेड़ भाई को सॉफ डीके. भाई तो जैसे सातवे आसमान पर था. मैं ज़ोर देके मूतने लगी ताकि मेरे मुतनी की ज़ोर से आवाज़ हो. उस रात के सन्नाटे मे वो आवाज़ कुछ असर कर गयी. मैं बाहर आए और एक त-शर्ट पहें लिया.

मैं सोने क लिए गयी तो बारिश शुरू हो गयी और जहा मैं सोती थी वही से पानी टपकने लगा. और मेरी रज़ाई और चादर भीग गये. पानी की आवाज़ से भाई भी नींद से उठने का नाटक किया और बोला “ कोई बात नही पूजा यहा आजओ उपर.कल छत ठीक कर लेंगे.” मूज़े जैसा चाहिए था वैसा ही हुआ और मैं झट से पलंग पे लेट गयी. भाई से तोड़ा अंतर ले क सोने लगी(वैसे अब हम दोनो सोने का नाटक कर रहे थे) मैने थोड़े देर बाद नींद मे हू ऐसा दिखाते भाई क पेट पर हाथ रख दिया और तोड़ा तोड़ा हाट उपर नीचे करने लगी. जिस से उसका लंड उत्तेजित हो गया और उसके पाजामे मे तंबू बनाने लगा. उसने भी उसका हाथ मेरे छाती पर रख दिया और तोड़ा स्तानो पे फेरने लगा. अब आग पूरी लग गयी थी और बस मंज़िल थोड़ी ही दूर थी. तभी वो तोड़ा उठा और उसका पाजामा निकल के चड्डी भी निकल दी. तब मेरा हाथ उसके जाँघ को चुराहा था. वो मेरे तरफ मुड़ा और मुड़ते ही उसका लंड मेरे हथेली मे आ गया. मैने भी उसे तोड़ा हल्केसे दबाया और उसे मुट्ठी मे ले लिया, और तोड़ा हिलाया. तभी भाई ने झट से मेरे एक स्तन को ज़ोर से दबाया. बस अब हम दोनो क बीच की सब दीवारे टूट गयी और हम एक दूसरे को लिपट गये.

Sexy chudai kahani मेरी चूत मारी गई खेत मे

भाई ने मेरे होतो को चूमा और एक फ्रेंच किस लिया. हे… क्या बतौ वो एहसास. फिर भाई ने धीरे धीरे मेरे स्तन दबाए, मैने भी उसके लंड को धीरे धीरे आयेज पीछे करना शुरू किया. भाई ने मेरा कुर्ता और सलवार उतार दिया अब मैं सिर्फ़ पनटी मे थी . मैने भी भाई का त-शर्ट उतार दिया और उसकी बालो वाली छाती चूमने लगी. भाई मेरे स्तानो को मूह मे लेके चूसने लगा, कभी एक कभी दूसरा. मेरे मुहसे सिसीकिया निकालने लगी, “हे… अफ… आ…और ज़ोर्से…” ये सुनके भाई और ज़ोर्से चूसने लगा. मैं भी उसका लंड हाथ से ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी, जिसके वजह से भाई भी सिसकिया निकालने लगा…

अब मैने उल्टा होकर उसका लंड मूह मे ले लिया और वो मेरी छूट चाटने लगा… हम 69 के पोज़िशन मे थे और मुखमैथून का आनंद ले रहे थे, मेरी छूट झड़ने लगी और भाई ने सारा पानी पी लिया. मैने भी उसका पानी झड़ने के बाद पी लिया… वा क्या स्वाद था उसका… हम दोनो का पानी चाड़ने के वजह से हम थोड़े सुस्त होगआय और एकदुसरे के बहो मे लिपट के लेते रहे.

थोड़ी देर बाद भाई का लंड फिरसे खड़ा होने लगा, जब उसने मुझे दिखाया तो मैं खुश हो गयी और उसे मूह मे लेकर धीरे धीरे चूसने लगी वो मेरे स्तानो को दबाने लगा. भाई का लंड अब पूरे जोश मे आगेया था, और इस बार मैं उसे मुझमे समाने के लिए बेताब थी. मैं झट से बिस्तर पे लेट गयी और भाई को चढ़ने को कहा. भाई ने भी पोज़िशन ली, और मेरे उपर आ गया, पर उसे मेरे छूट का छेड़ मे डालते ही नही आ रहा था. तो मैने मेरे कुल्हो के नीचे तकिया रखा और टांगे फैला दी, जिससे मेरा छेड़ तोड़ा खुल के दिखने लगा. भाई उस पे आया और एक ज़ोर से धक्का लगाया, जिस से उसके लंड का सूपड़ा मेरी छूट चीरता हुआ अंडर चला गया. मैं ज़ोर से चीलाई पर उतने मे भाई ने मेरे होंटो मे उसके होंटो को डालके चूमा. मुझे बहोट दर्द होने लगा और मैं रोने लगी, तो उसने उसका लंड बाहर निकल लिया. जब मैने अपनी नन्ही छूट को देखा तो उससे खून निकालने लगा था, और ऐसा दर्द हो रहा था जैसे किसीने उसे फाड़ दिया हो…

भाई ने मुझे समझाया, “पूजा, ऐसा तो होता ही है. आज तू काली से फूल बन गयी है.” भाई के समझने से मुझमे तोड़ा जोश आया और मैं उसे बोली, “राकेश मुझे बहो मे लेलो.” उसने झट से मुझको लिपट लिया. अब भाई ने मुझे फिरसे लेता दिया और अपनी हाथ के उंगली को मेरी छूट मे डाला और आयेज पीछे हिलाने लगे. इससे मुझे फिर से उत्तेजना होने लगी और मैं तयार होने लगी, थोड़ी देर ऐसे करने के वजह से मेरे छूट से पानी आने लगा और भाई ने उसे पी लिया और मेरी छूट ज़बान से चटकार सॉफ करने लगा. अब मुझेसे रहा नही जेया रहा था. सो मैं ने भाई को उपर आने का आमंत्रण दिया.

वो झट से उपर आया पर इश्स बार धीरे धीरे उसका लंड छूट मे डालने लगा. दो-टीन झटको मे ही उसका आधा लंड मेरी छूट मे चला गया. भाई अब आयेज पीछे हिलने लगा, और एक हाथ से मेरा स्तन दबाने लगा. अब मुझे अच्छा लगने लगा और मैं चिल्लाने लगी, “फाड़ दो इश्स साली छूट को… भैया… अपनी बाहें को सारा सुख दे दो… और ज़ोर्से डालो… और… इश्स… अफ…” मेरे ऐसे कहेने से भाई भी जोश मे आगेया और ज़ोर्से झटके मरने लगा… 5मीं बाद मुझे लगा के मैं झड़ने वाली हूँ, मैं राकेश से बोली “भाई मैं झड़ने वाली हू… तुम भी साथ मे ही झड़ो और मुझमे ही झड़ो, मैं तुम्हारा पूरा रस अपने मे समलेना चाहती हू…” भाई ने वैसा ही किया और हम साथ ही झाडे. वो मेरे बगल मे लेट गया. और हम दोनो को नींद आ गयी.

सुबह जब मैं उठने लगी तो मुझसे उठे नही जा रहा था. बहोट कोशिश करने के बाद मैं खड़ी हुई पर जैसे बातरूम जाने के लिए पैर बढ़ाया लड़खड़ा गयी और नीचे बैठ गयी. मेरी पहेली चुदाई के कारण मुझे बहोट दर्द हो रहा था और इसके वजह से मैं चल नही सकती थी. मैं वही पलंग पे बैठ गयी. भाई ने कहा “पूजा, तुम दो-टीन दिन घर मे ही आराम करो जब ठीक हो जाओ तब ही कॉलेज जाना.” ये कहा और मेरे पास आ के मुझे एक चूमा दे के अपने क्लास के लिए चला गया.

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Behan bhai ki sexy kahani https://sexstories.one/behan-bhai-ki-sexy-kahani/ Thu, 07 Jan 2021 16:30:11 +0000 https://sexstories.one/behan-bhai-ka-anokha-khel-xxx-storiez/ ये मेरी पहली कहानी है ओर बिल्कुल सच्ची है केसे मैने अपनी बहन को गर्म किया ओर चोदा वो दिखने मे भी बहुत ही सेक्सी है उसकी चूचीयां भी बड़ी मस्त है ज़्यादा बड़ी तो ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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ये मेरी पहली कहानी है ओर बिल्कुल सच्ची है केसे मैने अपनी बहन को गर्म किया ओर चोदा वो दिखने मे भी बहुत ही सेक्सी है उसकी चूचीयां भी बड़ी मस्त है ज़्यादा बड़ी तो नही है उसका फिगर 30-26-32 है उसका रंग एकदम गोरा है ओर उसके होंठ बिल्कुल पतले है ओर एकदम लाल है उसे देख के किसी का भी लंड खड़ा हो जाये ऐसा सेक्सी शरीर है उसका पहले मैं आपको अपने बारे मे बता दूँ मेरा नाम मुनीश है में दिल्ली का रहने वाला हूँ ओर कॉलेज मे पढ़ता हूँ. Behan bhai ki sexy kahani

मेरी बहन भी कॉलेज मे है उसकी उम्र अब 20 साल हो गयी है.. Behan bhai ki sexy kahani

ओर हम दोनो एक साथ एक ही कॉलेज मे पढ़ते है बस हमारी क्लास अलग है हम कॉलेज साथ ही जाते है जब वो मेरी बाइक पर बेठती है तो लगता ही नही की वो मेरी बहन है वो मुझे कस के पकड़ के बेठती है ओर उसके बूब्स मेरी पीठ पर लगते हैं तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है पर मेरे मन मे कभी उसको चोदने का ख्याल नही आया ओर ना ही हम कभी ऐसी बातो पर ध्यान देते थे।

लेकिन एक दिन मेरे मन मे भी ये ख्याल आया की क्यों ना मैं भी एक बार अपनी बहन को चोदू ओर फिर मैने उसे गर्म करने का प्लान बना लिया मैं ये जानता था की उसको पटाना बहुत मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नही. हम दोनो का एक ही रूम था इसलिये मुझे उसको गर्म करने मे ज़्यादा दिक्कत नही हुई लेकिन टाइम बहुत लगा पर दोस्तो अपनी बहन को गर्म करके चोदने का मज़ा तो वो लोग ही जानते हैं जिन्होने ऐसा किया है..

तो अब मैं आपको अपनी स्टोरी सुनाता हूँ… Behan bhai ki sexy kahani

हम दोनो एक ही रूम मे सोते थे क्योकी कंप्यूटर मेरे ही रूम मे था इसलिये लेकिन हमारे बेड अलग अलग थे ओर दोनो के बेड दीवार के कोने से लगे हुये थे मेरा राइट दीवार से लगा हुआ था ओर उसका लेफ्ट दीवार से मैने बहुत सोचा की क्या करूँ ओर केसे करूँ इसको एक बार तो अपना लंड दिखा दूँगा तो शायद मेरा काम आसान हो जायेगा मेरा लंड बड़ा ही मस्त है 6 इंच का है ओर काफ़ी मोटा है.

मैने बहुत बार दिव्या के बूब्स देखे थे.. Behan bhai ki sexy kahani

जब वो सुबह रूम की सफाई करती थी तब उसके बूब्स दिख जाते थे ओर मेरा लंड खड़ा हो जाता था बड़े ही प्यारे लगते थे गोरे गोरे ओर एकदम सफेद एक दिन तो मैने उसे बाथरूम मे नहाते हुये भी देखा था उस दिन से तो मेरा हाल बहुत बुरा हो गया था ओर चारो तरफ वही नज़र आती थी मेरा मन भी नही लगता था पढ़ाई मे फिर मैने सोचा की चलो ट्राई करते हैं..

ओर मैं एक दिन जल्दी सो के उठा ओर जानबूझ के आँखे बंद करके लेटा रहा.. Behan bhai ki sexy kahani

मुझे पता था की कॉलेज जाने के लिये वो मुझे जगाने आयेगी ही इसलिये मैने अपने लंड को भी नेकर की साइड से थोड़ा बाहर निकाल लिया था ओर जैसे ही वो मुझे जगाने आई तो मुझे शर्म आने लगी ओर मैने चादर अपने उपर ले ली लेकिन उसने रूम मे आते ही मेरी चादर खींच के हटा दी ओर कुछ भी कहने से पहले उसकी नज़र मेरे लंड पर पड़ी मैं थोड़ा घबरा गया था लेकिन कुछ बोल भी नही सकता था ओर ना हिल सकता था बस ऐसे ही चुपचाप लेटा रहा तो उसने कोई 10 सेकेंड तक ही मेरे लंड को देखा ओर वापस चादर मेरे उपर डाल के चली गई.

फिर कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा.. Behan bhai ki sexy kahani

मैं उसे किसी ना किसी तरह लंड दिखा ही देता था लेकिन ये नही जानता था की उसका बर्ताव क्या है मेरे सामने तो वो नोर्मल ही रहती थी ओर कभी भी उसने मुझे ये नही पता चलने दिया की उसने मेरा लंड देखा है एक दिन मुझे ये पता चला की वो रात को सोते वक़्त अपनी ब्रा ओर पेंटी नही पहनती है तो मेने सोचा की क्यों ना आज रात मे भी इसकी चूत को देखू कम से कम ट्राई तो कर ही सकता हूँ.

मैं चुपचाप आँखे बंद करके लेटा रहा ओर जब वो सो गयी तो मैं उठ के उसके बेड के पास चला गया ओर नीचे उसके पेरो के पास बेठ गया ओर अपने मोबाइल की रोशनी मे उसकी चादर उठा के चूत को देखने लगा लेकिन वो नज़र नही आई क्योंकि चादर को उसने कस के दबा रखा था लेकिन मेरा मन नही माना तो मेने उसे देखते हुये वही पर मुट्ठ मार लिया ओर पानी निकाल के वापस सो गया.

अगले दिन मुझे मौका मिल गया उसको गर्म करने का मैं बाथरूम मे नहा रहा था की अचानक वो रूम मे आई ओर अपने बेड पर लेट गई मैं जानबुझ के बिना टावल लगाये बाहर आ गया तो उसने मुझे पूरा नंगा देख लिया उस टाइम मेरा लंड खड़ा था ओर उसे वो देख के शर्मा गयी ओर मुझे भी शर्म आ गयी ओर मे वापस बाथरूम मे घुस गया लेकिन मेने आज सोच लिया था की चाहे कुछ भी हो ज़ाये आज मे इसे चोद कर ही रहूँगा क्योकी पापा मम्मी घर पर नही थे.

फिर रात को उसके सोने के बाद मैं फिर से उठा.. Behan bhai ki sexy kahani

ओर उसके बेड के पास जाकर मैने फिर से उसकी चूत देखने की कोशिश की इस बार मैं कामयाब हो गया उसने चादर नही दबा रखी थी तो मैने धीरे धीरे चादर को उठा के उसकी नाइटी को भी थोड़ा उपर उठा लिया तो मुझे उसकी गोरी गोरी जांघे नज़र आ गयी मेरा लंड फिर से बेकाबू होने लगा ओर मैने खुद को बड़ी मुश्किल से काबू मे करते हुये डरते डरते उसकी जाँघ पर अपनी एक उंगली लगाई तो वो थोड़ा सा हिली मे डर गया..

लेकिन वो फिर से सो गयी अब में हिम्मत करके उसके बेड पर आ गया ओर उसके पीछे होकर उसकी चादर को उठाया तो देखा की उसकी नाइटी पीछे से उपर उठी हुई है मैने जल्दी से मोबाइल की लाइट जलाई ओर देखने लगा क्या गजब का हुस्न था उसका जांघे इतनी गोरी ओर चिकनी की मेरा तो पानी निकलने ही वाला था बड़ी मुश्किल से खुद को रोका ओर थोड़ा ओर उपर किया ओर अपना लेफ्ट हाथ उसकी जाँघो पर रख दिया वाउ कितना मज़ा आया उसे टच करके ओर हल्के हल्के से हाथ फेरने लगा ओर फिर मे उसके पीछे ही लेट गया.

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फिर मेने अपने हाथ को थोड़ा ओर ऊपर किया और उसकी गांड तक ले आया मैं इतने जोश मे आ गया था की मुझसे रहा नहीं जा रहा था ओर मैं जल्दी से उठकर बाथरूम में चला गया ओर मुट्ठ मार के वापस आया ओर अपने बेड पर लेट गया थोड़ी ही देर हुई थी की मैने देखा की दिव्या उठ गयी है ओर मेरी तरफ देख रही है मुझे लगा की उसे पता चल गया है ओर फिर वो उठी ओर बाथरूम मे चली गयी ओर वहाँ से आने के बाद अपने बेड पर बेठ कर मेरी तरफ देखती रही उसे लगा की मैं सो गया हूँ फिर वो उठ के मेरे बेड पर आकर बेठ गयी ओर मुझे जगाने लगी मैने गहरी नींद मे होने का नाटक किया ओर पड़ा रहा..

ओर वो मेरी जाँघो पर हाथ रख के मुझे सहलाने लगी. Behan bhai ki sexy kahani

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया ऐसा करते हुये वो थोड़ा उपर तक हाथ को ले आई ओर मेरे लंड पर टच किया उसके हाथ के स्पर्श से मेरा बुरा हाल हो रहा था लेकिन मे हिला बिल्कुल नही ओर वेसे ही पड़ा रहा ओर फिर उसने मेरे नेकर के किनारे से अपनी उंगली घुसा के मेरे लंड को छुआ मे तुरंत उठ के बेठ गया ओर उसका हाथ पकड़ लिया वो कुछ नही बोली ओर मुझे देखती रही जैसे कह रही हो की आओ भैया ओर मुझे चोद दो मैने भी उसका हाथ नही छोड़ा ओर लंड पर दबाने लगा तभी उसने मेरे लंड को अपनी गिरफ़्त मे ले लिया.

मैं समझ गया की मेरा काम हो गया है.. Behan bhai ki sexy kahani

अब मैं इसे चोद सकता हूँ ये भी तैयार है चुदवाने को ओर फिर मैने उसे अपने से चिपका लिया क्या फीलिंग थी वो यारो मैं उसके बूब्स को अपने सीने पर दबाते हुये महसूस कर रहा था ओर फिर मैने उसके होंठो को अपने मुँह मे दबा लिया ओर उसे चूसने लगा दिव्या ने अपनी आँखे बंद कर ली ओर अपने बदन को ढीला छोड़ दिया तो मैने उसे उपर खीच के सीधा लेटा दिया ओर उसकी नाइटी को उपर उठा के उसकी जाँघो पर अपनी जीभ फेरने लगा वो सिसकारियां भरने लगी ओर मेरे बालो मे उंगलियां घूमाने लगी फिर मैने उसकी नाइटी को ओर उपर उठा दिया ओर उसकी चूत को पहली बार अपनी आँखो से देख रहा था क्या मस्त दिख रही थी एक छोटी सी भूरी भूरी चूत फूली हुई ओर वो गीली हो चुकी थी.

फिर मैने भी जल्दी से अपने कपड़े निकाले ओर उसको अपना लंड दिखाया वो कुछ ना बोली ओर उसे देखती रही जैसे आज उसे खा जायेगी ओर मैने उसे भी नंगा कर दिया ओर उसके बूब्स को अपने मुँह मे भर के चूसने लगा वो सिसकारी भरने लगी..

आआआः उउंम आहह करने लगी… Behan bhai ki sexy kahani

ओर में उसके बूब्स को चूसने मे लगा रहा वो मेरे लंड को हिलाने मे लगी हुई थी फिर मे थोड़ा सा नीचे हुआ ओर उसकी चूत को अपनी उंगली से छुआ तो वो जोर से सिसकारी भरने लगी ओर फिर मेने चूत पर अपना मुँह लगा दिया ओर जीभ फेरने लगा वो उचकने लगी ओर अपनी गांड को उचकाने लगी वो झड़ रही थी उसकी चूत से पानी निकलने लगा था ओर उसने कस के मेरा सिर अपनी चूत पर दबा लिया ओर धीरे से सारा पानी छोड़ दिया ओर मेरा मुँह गीला कर दिया.

फिर मेने उसको उठा के बेठा दिया ओर अपना लंड उसको चूसने को कहा तो वो मना करने लगी लेकिन मेने उसे प्यार से कहा की बस एक बार चूस ले इसको। तेरी चूत नही मारूँगा तो फिर तो वो राज़ी हो गयी ओर मेरे लंड को मुँह मे लेने लगी लेकिन लंड मोटा होने की वजह से उसके मुँह मे घुस नही रहा था फिर मेने उसके सिर को पकड़ के लंड मुँह मे घुसा दिया ओर उसका मुँह चोदने लगा मेरा पानी निकलने वाला था मे बहुत मस्ती मे था आआहह ओर वो मेरे लंड को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी लेकिन तभी मेने पिचकारी छोड़ दी ओर उसके मुँह को भर दिया सारा पानी उसके मुँह मे निकाल दिया ओर मेरा लंड धीरे धीरे से उसके मुँह से निकालने लगा.

उसके साथ मेरा पानी भी उसके मुँह से निकल रहा था.. Behan bhai ki sexy kahani

पूरी चादर खराब हो गयी थी मेरे पानी से ओर फिर जैसे ही लंड निकाला तो वो उठ के बाथरूम की तरफ भागी ओर सारा पानी उसने थूक दिया ओर अच्छी तरह से मुँह साफ करके वापस आई मैने उससे कहा की दिव्या तू सच मे बहुत हॉट है मज़ा आ गया आज तूने मेरे लंड को चूस के मुझे खुश कर दिया है फिर में उसे चोदने के बारे मे कहने लगा की मैं तुझे चोदना चाहता हूँ लेकिन उसने साफ मना कर दिया की नही बस इतना ही काफ़ी है इससे आगे नही करूँगी कुछ भी ओर वो फिर अपने बेड पर जाकर लेट गयी मैने भी ज़्यादा जल्दी नही की मैं जानता था की आज इसने चूस लिया है तो चूत मे भी लेगी. दोस्तों में उसकी चूत को चोदने की कोशिश तो कर रहा हूँ। लेकिन मुझे अभी सफलता नहीं मिली है।

जैसे ही मुझे सफलता मिलेगी इस कहानी का दूसरे भाग में आपको जरुर बताऊंगा.

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Bhai Ko Mard Banaya Behan Ne https://sexstories.one/bhai-ka-lund-liya-behan-ne/ Sun, 03 Jan 2021 04:23:57 +0000 https://sexstories.one/bhai-ko-mard-banaya-behan-ne-part-2-xxx-storiez/ दीदी की गांड के दबाव से मेरे लंड में कुछ हरकत हुई और थोड़ा सा तनाव आया । पर ज़्यादा देर बरक़रार नहीं रह सका । दीदी को अहसास हुआ तो उन्होंने और ज़्यादा दबाव ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दीदी की गांड के दबाव से मेरे लंड में कुछ हरकत हुई और थोड़ा सा तनाव आया । पर ज़्यादा देर बरक़रार नहीं रह सका । दीदी को अहसास हुआ तो उन्होंने और ज़्यादा दबाव बनाया पर कोई फायदा नहीं हुआ और फिर हम ऐसे ही सो गये । अगले 3-4 दिन तक यही सिलसिला चलता रहा । bhai ka lund

दीदी रोज़ रात को मेरे साथ ऐसे ही सोती और अपनी गांड को मेरे लंड पर रगड़ती रहती । मेरे लंड में थोड़ी हरकत तो होती पर ज़्यादा देर तक कायम नहीं रह पाती ।

फिर शनिवार आया और क्यूंकि अगले दिन हमारी छुट्टी थी । bhai ka lund

इसलिए हम देर तक बातें करते रहे । फिर आपस में लिपट कर सो गये । सुबह जब मेरी आँख खुली तो मुझे बहुत तेज़ पेशाब लगी थी । मैं जल्दी से बाथरूम भागा और पेशाब कर के वापस आया तो देखा दीदी पेट के बल सोयी हुई थी और उनकी टाइट गांड उनके लोअर को फाड़ने का इरादा कर के उभरी हुई पड़ी थी ।

अचानक मेरे लंड ने झटका खाया और अपना आकार बढ़ाने लगा । मुझे उस वक्त दीदी की गांड के अलावा कुछ और नहीं सूझ रहा था । मैं स्नेहा दीदी को दीदी न समझ कर सिर्फ सोनू ही imagine कर रहा था । मैंने आनन फानन में अपने सारे कपडे उतार फेंके और बेड पे जाकर दीदी के ऊपर लेट गया और दीदी की गरदन , कान और गालों को चूमने लगा।

दीदी मेरे वजन को महसूस कर के नींद से जग गयी और बिना किसी देरी के सारी बात समझ गयी और अपने एक हाथ से मेरे बालों को सहलाने लगी ।

मेरे ऊपर वासना इस कदर हावी थी कि मैं दीदी को न सिर्फ चूम रहा था बल्कि बीच बीच में हल्का हल्का काट भी रहा था । मेरी साँसें धोंकनी की तरह चल रही थी और मेरे हर चुम्बन पर दीदी के मुंह से सिसकारियां फूट रही थी ।

जैसे ही मैं उन्हें कहीं काटता तो उनके मुंह से दर्द और मस्ती भरी आह निकल जाती । bhai ka lund

मैं पूरी तरह से नग्न था और दीदी ये बात समझ चुकी थी और मेरा भरपूर सहयोग कर रही थी । मैंने अपने लंड का दबाव दीदी की गांड पर बना रखा था जिससे दीदी को भी पूरा मज़ा आ रहा था और वो बीच बीच में अपनी गांड को उछाल रही थी ।

उस वक्त मुझे ये ज़रा भी ख्याल नहीं था कि मेरे नीचे मेरी स्नेहा दीदी और एक लड़की है । मैं तो उन्हें लड़का ही इमेजिन कर रहा था । करीब 2 मिनट तक ऐसे ही दीदी को चूमने और रगड़ने के बाद मैंने दीदी के कान में कहा , “सोनू ! ”

दीदी ने धीरे से जवाब दिया , “हम्मम.. ” bhai ka lund

मैंने खुमारी में पूछा , “ पहले किसी ने तेरी ली है ? ”

दीदी फुसफुसाते हुए बोली , ” नहीं यार मेरा फर्स्ट टाइम है ।”

मैं उसी तरह फिर बोला , ” थोड़ा दर्द होगा झेल लेगा ? ” bhai ka lund

दीदी धीमे स्वर में बोली , “ कोशिश करूँगा पर अंदर डालने से पहले कुछ चिकनाई लगा लेना ।”

मैं यह सुनते ही तुरंत उठा और अपनी अलमारी से नारियल तेल की बोतल निकाल लाया , दीदी वैसे ही बिना हिले डुले पड़ी रही ।

मैंने दीदी के लोअर की इलास्टिक पकड़ी और नीचे की और खींचा , दीदी ने थोड़ा सा अपनी गांड को हवा में उठा कर मुझे लोअर निकालने में मदद की ।

मैंने लोअर को उनके घुटनों से थोड़ा नीचे तक सरका दिया । उन्होंने अंदर कोई पैंटी नहीं पहनी थी ।

दीदी ने अपने पैरों की मदद से लोअर को शरीर से अलग कर के बेड से नीचे गिरा दिया ।

फिर मैंने अपने हाथ में तेल लिया और उनकी गांड पर अच्छे से मल दिया और अपने लंड को भी तेल से नहला दिया ।

दीदी उसी मुद्रा में लेटी रही । मैं दीदी के ऊपर झुका और अपने लंड को उनकी गांड के छेद पर टिका कर उनके कान के पास अपना मुंह ले जाकर बोला , “सोनू ! तैयार है ? ”

दीदी ने अपने दोनों हाथों से तकिये को भींच लिया और सिर्फ “ हम्म्म्म …” कहा । bhai ka lund

मैंने धीरे धीरे लंड का दबाव बनाया और साथ ही दीदी की गरदन को बेतहाशा चूमने लगा ।

थोड़ा सा और दबाव बनाते ही लंड की टोपी फिसल कर अंदर चली गयी और दीदी के मुंह से कराह निकल गयी आह हहहह ………..।

मैंने थोड़ा सा दबाव और दिया और लंड थोड़ा सा और अंदर सरक गया और दीदी के मुंह से फिर एक दर्द भरी आह हहह निकली और उनकी आँखों से आंसू आगये ।

पर वासना में डूबे हुए मेरे दिमाग को कुछ नहीं सुनाई दे रहा था । मैंने अपना काम ज़ारी रखा और धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगा ।

दीदी की टाइट गांड ने मेरे लंड को बड़ी मज़बूती के साथ जकड़ रखा था । जिसकी वजह से मुझे आनंद तो बहुत आ रहा था पर थोड़ा थोड़ा दर्द भी महसूस हो रहा था । गांड की सख्ती के कारण लंड बड़ी मुश्किल से आगे पीछे हो पा रहा था ।

दीदी का हाल और भी बुरा था । वो दर्द के मारे छटपटा रही थी और पूरी ताकत के साथ तकिये को अपनी मुट्ठी में भींचे हुए थी ।

मैं बड़ी सावधानी से लंड को आगे पीछे कर रहा था । तेल की चिकनाई के कारण आधे से ज़्यादा लंड दीदी की गांड में जा चुका था ।

जब स्नेहा दीदी से दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ तो दीदी कराहते हुए बोली ,

” आह हहहह … समू बहुत दर्द हो रहा है । प्लीज ! बाहर निकाल ना यार ! ”

मैंने उत्तेजना के बहाव में जवाब दिया , ” बस आज ही दर्द होगा मेरे राजा । उसके बाद तो तू रोज़ मेरा लंड मांगेगा ।”

दीदी ने फिर कराहते हुए कहा , “ प्लीज यार समू , एक बार निकाल ले बाहर । फिर दोबारा डाल लेना । ”

मैंने सोचा ठीक है , ये इतना बोल रहा है तो निकाल लेता हूँ और दीदी को कहा , “ ठीक है यार , पर सिर्फ थोड़ी देर के लिये । ”

दीदी ने कराहते हुए कहा ,” आह… हाँ , ठीक है ।” bhai ka lund

और मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया । पर वैसे ही दीदी की पीठ पर लेटा रहा ।

लंड के बाहर आते ही दीदी की जान में जान आयी और उन्होंने एक राहत भरी सांस ली , उह हहह … ।

मैं दीदी को कभी गाल पर , कभी गरदन पर चूमता चाटता रहा । करीब 1 मिनट बाद मैंने दीदी के कान में कहा , “ सोनू ! फिर से डालूं ? ”

तो दीदी ने थोड़ा सा खुद को एडजस्ट किया और बोली , “ हम्म्म तू ऐसे ही लेटा रह , मैं डालता हूँ । तू बस धक्के लगाना ।”

मैंने कहा ठीक है ,” तू ही डाल । ” bhai ka lund

दीदी अपना सीधा हाथ अपने पेट के नीचे से पीछे लायी और मेरे लंड को पकड़ के गांड के छेद पर टिकाते हुए बोली , ” हम्म…. अब धीरे धीरे करना । ”

मैंने धीरे धीरे लंड को अंदर डाला ।

दीदी के मुंह से फिर दर्द भरी आवाज़ निकली ,” आहिस्ता ! आहिस्ता !”

मैंने धीरे धीरे लंड को फिर आगे बढ़ाया । एक बार पहले लंड अंदर करने के बाद भी गांड उतनी ही टाइट महसूस हो रही थी ।

जैसे ही आधा लंड अंदर गया , स्नेहा दीदी के मुंह से हलकी से एक चीख निकली , “ एआइइइइ आअह्ह्ह …” और उन्होंने बेडशीट को सख्ती के साथ अपनी मुट्ठी में भींच लिया । उन्हें दर्द से निजात दिलाने के लिए मैंने उन्हें पागलों की तरह चूमना चाटना शुरू कर दिया ।

दीदी को थोड़ी राहत मिली और अब उनके मुंह से धीमी धीमी सिसकारियां निकलने लगी थी ।

असल में जिसे गांड समझ कर मैं चोद रहा था वो दीदी की चूत थी । दीदी ने बड़ी ही चालाकी से मेरे लंड को अपने चूत के छेद पर रखा था और मैं वासना और उत्तेजना के बहाव में उनकी चूत को ही उनकी गांड समझ कर चोदे जा रहा था । क्यूंकि मैं उन्हें एक लड़का ही समझ रहा था और ये भूल गया था कि दीदी एक लड़की है और उनके पास दो छेद हैं , वो भी लगभग मिले हुए ।

धीरे धीरे मैंने अपना पूरा लंड दीदी की चूत में पेल दिया और आगे पीछे करने लगा । bhai ka lund

दीदी दर्द और आनंद की मिक्स feelings दे रही थी और उनकी चूत धीरे धीरे काफी गीली हो गयी थी ।

जिस के कारण अब लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा था । उनकी चूत भी उनकी गांड की तरह ही टाइट थी और मैं तो उसे गांड समझ कर ही चोद रहा था ।

धीरे धीरे दीदी को दर्द का अहसास कम हुआ और वो अपनी गांड पीछे की और उछालने लगी ।दीदी भी अब पूरी मस्ती में आ चुकी थी और मेरा पूरा साथ दे रही थी ।

मैंने अपने धक्के लगाने की स्पीड बढ़ा दी और दीदी ने भी अपनी गांड उछालना तेज़ कर दिया ।

फिर अचानक स्नेहा दीदी ने अपने बदन को थोड़ा सा ऊपर उठाया और अपनी टीशर्ट को आधी पीठ तक ऊपर खींच लिया । फिर मेरे दोनों हाथों को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूचियों पर रख दिया और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूचियों को मेरे हाथ से मसलने लगी और साथ ही अपनी गांड को तेज़ी से पीछे करने लगी । शायद दीदी झड़ने ही वाली थी और इस समय बहुत उत्तेजना में थी , पर हुआ कुछ उल्टा ।

जैसे ही मुझे दीदी की चूचियों का स्पर्श हुआ , मेरे दिमाग में हलचल मच गयी । और जैसे मैं किसी सपने से जाग गया और मुझे अहसास हुआ कि असल में मैं किसी लड़की को चोद रहा हूँ ।

तो मेरे लंड का तनाव खत्म होने लगा और मेरी धक्का लगाने की स्पीड कम होती गयी और फिर मैं रुक गया ।

उधर दीदी की मदहोशी में खलल पड़ गया था , उनको कामतृप्ति का सुख मिलना बंद हो चुका था ।

वो अपनी चूत को मेरे लंड पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी । पर मेरा लंड ढीला पड़ता जा रहा था और कुछ ही पल बाद मेरा लंड मुरझा कर उनकी चूत से बाहर आ गया ।

फिर कुछ ऐसा हुआ जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी । bhai ka lund

दीदी अपना सीधा हाथ अपने पेट के नीचे से पीछे लायी और मेरे लंड को पकड़ के गांड के छेद पर टिकाते हुए बोली , ” हम्म…. अब धीरे धीरे करना । ”

Sexy Bhabhi

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छुप्पा छुप्पी https://sexstories.one/behno-ki-chudai/ Thu, 05 Nov 2020 14:06:58 +0000 https://sexstories.one/?p=1434 हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित है। मेरी उम्र 21 साल है और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ। में बी.ई मैकेनिकल का स्टूडेंट हूँ और मेरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर यह पहली स्टोरी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित है। मेरी उम्र 21 साल है और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ। में बी.ई मैकेनिकल का स्टूडेंट हूँ और मेरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर यह पहली स्टोरी है। ये बात तब की है जब में 12वीं क्लास में था। जब अप्रेल का महीना था और सभी स्कूलों में छुट्टी शुरू हो गयी थी। में हर साल छुट्टी मनाने अपने मामा (अंकल) के घर जाता था, तो इस बार भी में उनके घर छुट्टी मनाने चला गया था। behno ki chudai

अब में आपको बता देता हूँ कि मेरे अंकल की बहुत साल पहले ही मौत हो गयी थी। अब उनके घर में मेरी मामी, उनकी बड़ी लड़की मनीषा और उससे छोटी लड़की जागृति और उससे छोटा लड़का मनोज रहते है। तब मनीषा 20 साल, जागृति 18 साल और मनोज 15 साल का था। मेरी मामी एक कंपनी में क्लर्क है, वो पूरे दिन घर पर नहीं होती है। में, मनोज, जागृति और मनीषा पूरे दिन बहुत खेलते है और रात को सब फ्लोर पर एक साथ ही सो जाते थे और मामी एक अलग बेडरूम में सोती थी।

फिर एक दिन मैंने और मेरे दोस्त ने उसके घर पर एक ब्लू फिल्म देखी। behno ki chudai

में पहली बार ब्लू फिल्म देख रहा था। अब में बहुत उत्तेजित हो गया था, अब उस दिन हर वक़्त मेरे दिमाग में वही फिल्म दिख रही थी। अब मुझे भी सेक्स करने का बहुत मन कर रहा था। फिर उस रात को जब सब सो गये, लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी? अब मनीषा मेरे पास में ही सोई थी। फिर मैंने देखा कि वो पूरी तरह से सो गयी है, तो तब मैंने हल्के से उसकी कमर पर अपना एक हाथ रख दिया। फिर धीरे-धीरे मैंने अपने हाथ को ऊपर ले जाकर उसके सेब साईज के बूब्स पर रख दिया और धीरे से दबाया। फिर इतने में ही वो जाग गयी, तो मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर ही रहने दिया और ऐसे बर्ताव किया कि में सच में सो रहा हूँ।

Behan ki chudai – एक दुसरे की बहन के साथ ग्रुप चुदाई

फिर उसने मेरे हाथ को हटाकर साईड में रख दिया। behno ki chudai

अब दूसरे दिन वो मुझे अजीब सी नजर से देख रही थी, लेकिन में बिल्कुल नॉर्मली बर्ताव कर रहा था। फिर उस दिन मामी के ऑफिस जाने के बाद हम सब दोपहर को छुप्पा छुप्पी खेलने लगे, तो पहला दांव मनोज का आया। फिर उसने 100 तक गिना और हम तीनों छुप गये। अब मनीषा बेडरूम में, जागृति दरवाजे के पीछे और में बाथरूम में छुप गया था। फिर थोड़ी देर के बाद जागृति आउट हो गयी। अब उसके बाद मनोज मुझे ढूढ़ने के लिए बाथरूम की तरफ आ रहा था इसलिए में वहाँ से निकलकर बेडरूम में मनीषा के पास भाग गया। फिर मनीषा ने मुझसे कहा कि तुम इधर क्यों आए? हम दोनों आउट हो जाएगें। फिर मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं होगा। फिर थोड़ी देर में मनोज बेडरूम की तरफ आने लगा। अब हम दोनों बेडरूम के पलंग के पीछे बैठे थे। फिर जब उसने बेडरूम का दरवाजा खोला, तो मैंने मनीषा को पलंग के साईड में लेटाकर उसके ऊपर सो गया।

फिर मनोज को हम दिखाई नहीं दिए इसलिए वो वहाँ से चला गया। behno ki chudai

फिर मैंने मनीषा के लिप्स पर अपने लिप्स रखकर उसे 2-3 मिनट तक किस कर दी। वो मेरा पहला किस था, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, तो वो कुछ नहीं बोली। फिर मनोज आ जाएगा और ये सोचकर हम आउट हो गये। फिर मेरा दांव आया, लेकिन में उनको 2-3 बार आउट नहीं कर पाया। अब 4 बज चुके थे। में और मनोज हर शाम 4 बजे क्रिकेट खेलने के लिए उसके फ्रेंड के घर पर जाते थे। फिर हम खेलने के लिए चले गये। फिर रात को जब हम सब टी.वी देख रहे थे, तो मनीषा मुझे स्माइल दे रही थी। अब में समझ गया था कि वो भी करना चाहती है। फिर उस रात को जब सब सो गये तो करीब 11 बजे मैंने मनीषा को देखा, तो वो अभी तक सोई नहीं थी। में रात को सिर्फ़ बरमूडा पहनता था। फिर मैंने अपना बरमूडा अपनी कमर से नीचे उतार दिया और मनीषा का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और उससे मुठ मारने को कहा। दोस्तों ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पड़ रहे है।

अब में भी अपना एक हाथ उसके लहंगे में डालकर उसकी चूत में अपनी एक उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा था। अब 5-6 मिनट के बाद उसकी चूत एकदम गीली हो गयी थी और मेरा वीर्य भी निकल आया था। फिर हम थोड़ी देर तक किस करके सो गये। फिर दूसरे दिन मैंने मनीषा को पूरी तरह से चोदने के लिए एक प्लान बनाया। फिर जब उन्होंने मुझसे छुप्पा छुप्पी खेलने के लिए कहा, तो मैंने बहाना बनाया कि मुझे पैर में दर्द है इसलिए हम सब दोपहर को करीब 2 बजे सो गये। अब में, मनोज और जागृति हॉल में, जबकि मनीषा बेडरूम में सो गयी थी, उसे शायद मेरे प्लान का पता चल गया था। फिर 3 बजे के आसपास मनोज उठ गया और फ्रेश होकर क्रिकेट खेलने के लिए चला गया। अब जागृति अभी भी गहरी नींद में थी। फिर में धीरे से उठकर बेडरूम की तरफ जाने लगा।

अब में उस वक़्त बहुत उत्तेजित था। behno ki chudai

फिर मैंने हल्के से दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि मनीषा सो रही है। फिर मैंने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया और घूमकर देखा, तो मनीषा मुस्कुरा रही थी। फिर में उसके पास गया और कहा कि आज हम आराम से करते है। फिर उसने अपना सिर हिलाकर हाँ का जवाब दिया। अब में बहुत ज्यादा उत्तेजित था। फिर मैंने उसे खड़े रहने के लिए कहा और उसके पूरे कपड़े निकाल दिए। अब वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी थी। अब मेरा लंड मेरी पेंट के अंदर ही टाईट हो गया था। फिर उसने भी मेरे पूरे कपड़े निकाल दिए। अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे और उसके बूब्स छोटे सेब जैसे और सिल्की थे और उसका फिगर थोड़ा मोटा, लेकिन एकदम मस्त था, हम दोनों अभी तक वर्जिन थे। फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर सोकर उसे किस करने लगा। फिर तभी उसने मेरे 7 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लंड को पकड़कर उसकी चूत पर रख दिया। फिर मैंने अपने मेरे एक ही झटके अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। अब वो सिसकियाँ ले रही थी, आहह।

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फिर 7-8 मिनट तक ऐसा करने के बाद में नीचे और वो मेरे ऊपर सो गयी और में किस करते हुए थोड़ी देर तक उसकी चूत मारता रहा। फिर मुझे उसकी गांड मारने का मन हुआ तो मैंने उसे बेड पर उल्टा लेटा दिया और उसे अपनी गांड के छेद को खोलने को कहा और फिर में उसमें अपना लंड डालने लगा। अब मेरा लंड जैसे तैसे थोड़ा उसकी गांड में चला गया था, लेकिन अब हम दोनों को बहुत दर्द होने लगा था। फिर मैंने हेयर ऑयल लेकर उसकी गांड पर थोड़ा ऑयल लगाया और थोड़ा अपने लंड पर भी लगाया। फिर धीरे-धीरे मैंने अपना पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया और फिर उसे अंदर बाहर करने लगा। अब मनीषा बहुत ज़ोर से उुउऊहह, आहह कर रही थी। फिर तभी इतने में ही मुझे दरवाजे के पास से कुछ आवाज़ सुनाई दी तो मैंने जल्दी से दरवाजे के पास जाकर चाबी के छेद में से बाहर देखा। ओह माई गॉड अब बाहर जागृति थी, अब में बहुत डर गया था। फिर मनीषा ने मुझसे पूछा कि कोई था क्या?

तो तब मैंने उससे कहा कि कोई नहीं था।

फिर मैंने उससे कहा कि अब बस कल करेंगे, जागृति उठ जाएगी। behno ki chudai

फिर में वहाँ से चला गया और मनीषा बेडरूम में ही सोई रही। फिर में हॉल में गया तो मैंने देखा कि जागृति अपनी आँखें बंद करके सो रही थी और फिर आधे घंटे के बाद वो उठ गयी। अब वो मुझे अजीब तरह से देख रही थी, तो मैंने उससे कुछ नहीं कहा। अब में बहुत डर रहा था कि शायद वो मामी को सब बता देगी, लेकिन उसने मामी को कुछ नहीं बताया और फिर उस रात को में जल्दी ही सो गया ।

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भाई ने की जम कर चुदाई https://sexstories.one/bhai-ne-ki-jam-ke-chudai/ Sat, 04 Apr 2020 17:47:14 +0000 https://sexstories.one/?p=559 मेरा नाम रूबी है। मैं मुम्बई में नौकरी करती हूं। मैं और मेरा भाई राहुल दोनों जुड़वां हैं. मैं बचपन से ही पढने में तेज थी तो इस वजह से घर में मेरे भाई को ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम रूबी है। मैं मुम्बई में नौकरी करती हूं। मैं और मेरा भाई राहुल दोनों जुड़वां हैं. मैं बचपन से ही पढने में तेज थी तो इस वजह से घर में मेरे भाई को हमेशा डांट पड़ती थी कि देख तेरी बहन कितनी तेज है और तू नालायक …

मैं मुंबई में अकेली रहती थी एक बी एच के हाउस में मलाड में, एक साल बाद मेरे भाई का भी मुंबई में जॉब लग गया ..मम्मी पापा ने उसे मेरे पास ही रहने को कहा, हम दोनों साथ रहते थे मगर हमारे अंदर कोई ग़लत फीलिंग नहीं थी …

मैं कभी कभी जब ज्यादा चुदाने के लिए भूखी हो जाती थी तो शायद होश नहीं रहते थे और भाई का अंडरवियर लेकर उसे अपने चूत में ऊँगली से डालती थी …. मुझे पता नहीं था कि मेरा भाई मेरे बारे में क्या सोचता है। कुछ दिनों बाद मैंने नोटिस किया कि मेरी ब्रा और पैंटी कभी भी मेरे रखे हुई जगह पे नहीं मिलती थी और उन पे सिलवटें भी बहुत होती थी. मुझे शक हो गया था कि मेरा भाई भी मेरी ब्रा पैंटी प्रयोग करता है मुठ मारने के लिए ….. फ़िर भी हम चुप रहते …अब असली कहानी ….

Mastram Hindi sex kahani – चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा

मैं अपने बॉस से पहले चुदवा चुकी थी और वही था मेरे एक साल में दो प्रमोशन का राज … मेरे बॉस की उमर ४० की थी और उसका बॉस ५० का था … मैं २६ की थी …

क्यूँकि अभी मेरा भाई मेरे घर पे रहता था तो बॉस को बहुत दिनों से मौका नहीं मिला था मुझे चोदने का .. तो वो मुझसे काफी नाराज रहता था और मुझे कभी कभी डांटता भी था ऑफिस में ….

मेरा भाई अपने दफ्तर के काम से पुणे जा रहा था दो दिन के लिए ..

मौके का फायदा उठाते हुए मैंने अपने बॉस को कहा कि आज रूबी आपकी है, मेरा भाई दोपहर को ही घर से निकलने वाला था, मैं शाम को जब घर आई तो मुझे लगा मेरा भाई जा चुका है .. मैंने अपने बॉस को फ़ोन लगाया और बातें करने लगी … मेरा भाई उस वक्त बाथरूम में था .. उसे मेरे बॉस की आवाज़ तो नहीं पर मेरी आवाज़ साफ साफ सुने दे रही थी …

मैंने अपने बॉस से कहा .. आज रूबी को चुदवाना है अपने डार्लिंग से.. रूबी की चूत बहुत दिनों से प्यासी है…मैं थक गई हूं अपने भाई का अंडरवीयर अपनी चूत में डाल डाल कर.. मुझे लण्ड चाहिए

प्लीज़ जल्दी से आ जाओ और मुझे जम कर चोदो…

Bhai behan chudai – प्यारी नंदिनी

उधर मेरा भाई मेरी बातें सुनकर गरम हो गया था.. वो नहा कर बाहर निकला तो उसका लण्ड तन कर खड़ा था टॉवेल के ऊपर से ही दिख रहा था … मैं समझ गई कि इसने सब सुन लिया फ़िर भी नाटक कर के बोली- तुम गए नही अब तक … तो उसने कहा नही मेरे पेट में दर्द है, मैंने कहा कुछ दवा ले लो, उसने कहा नही मम्मी ने जो तेल दिया है उस से मालिश कर के सो जाऊँगा … फ़िर मैं समझ गई कि आज भी मेरी चूत भूखी रह जायेगी क्यूँकि मेरा भाई नहीं जाने वाला …

मेरा भाई नाटक कर रहा था .. उसके दिमाग में सिर्फ़ मेरी बातें घूम रही थी … वो भी अपनी प्यास मेरी चूत से मिटाना चाह रहा था … उसने मुझसे कहा , रूबी प्लीज़ इस तेल से मेरे पेट पर मालिश कर दो ना … मैंने कहा ठीक है .. वो अपना बनियान उतर कर बेड पर लेट गया .. मैंने उस वक्त बस नाईटी पहनी थी मैंने ना ही पैंटी ना ब्रा पहनी थी क्यूँ कि मुझे लगा था थोडी ही देर में मेरे बॉस आयेंगे और मुझे सब उतरना पड़ेगा …

मैं उसके पेट पे तेल मालिश कर रही थी, उसके नाभि के नीचे बहुत सरे बाल थे जो जैसे जैसे नीचे जाते थे और ज्यादा थे … मेरे थोड़ी देर मालिश करने पे वो बहुत गरम हो चुका था क्यूँकि उसके पायजामे के ऊपर से उसका तना हुआ लंड दिखाई देने लगा था फ़िर भी मैं चुप चाप मालिश करती रही … थोडी देर बाद उसने कहा पायजामा थोड़ा नीचे सरका कर थोड़ा नीचे तक मालिश करो न … मैंने वैसा ही किया … अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था …

मैं भी सोच रही थी कि कब अपनी प्यास मिटाऊँ अपने सगे भाई के लंड से … इतने में वो बोल पड़ा हाथ अंदर डाल न … मैंने कहा कहाँ अंदर .. उसने कहा पायजामे के अंदर .. मैंने मना कर दिया .. . मन तो बहुत कर रहा था मगर वो मेरा भाई था इसलिए मैंने ना कह दिया … उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और जबरदस्ती अपने लंड पे ले गया, मैंने एक झटके से उसका हाथ दूर कर दिया …फ़िर वो बेड से उठ गया और मुझे जकड लिया और बोला सिर्फ़ अपने बॉस से चुदवाओगी ….

कब तक तेरे ब्रा और पैंटी से मुठ मारता रहूँगा … मेरे लंड ने क्या पाप किए हैं?.. मैं ये सब सुन कर दंग रह गई … उसने कहा मैं किसी को कुछ नहीं कहूँगा .. बस तू वो कर जो मैं कहता हूँ …

… फ़िर मेरे पास और कोई चारा नहीं था सिवाय उसकी बात मानने के, मैं ने चुप चाप सर हिला कर हाँ कह दी …. उसने कहा- वाह मेरी बहना ! आज तो मजा आ जाएगा …. आज तक बस ब्रा और पैंटी ही मिली थी मुझे तुम्हारी आज तो पूरी की पूरी रूबी मेरे सामने खड़ी है …. फ़िर उसने मुझे उसका पायजामा नीचे करने को कहा, मैंने वैसा ही किया .. वो अंडरवियर नहीं पहना था .. मैं उसके लंड से पहले ही रुक गई .. इसपर वो चिल्ला कर बोला .. साली रुक क्यूँ गई .. तेरे बॉस का लंड बहुत पसंद है तुझे .. मेरा लंड नहीं लेगी क्या .. चल उतर जल्दी से पायजामा मेरा .. फ़िर मैंने उसका पूरा पायजामा उतार दिया अब वो पूरा नंगा लेटा था मुझे उसे देखने में शर्म आ रही थी.
.. पर उसका तना हुआ लंड देख कर मैं भी थोडी गरम हो गई थी ..

वैसे तो उसका लण्ड मेरे बॉस के लण्ड से कम लंबा और मोटा था … उसने मुझसे कहा जल्दी से चूसना शुरू करो ना … फ़िर मैंने उसका लण्ड अपने हाथों में लिया उसकी जांघों के बीच में बैठ गई और फ़िर उसका लण्ड अपने होठों पे रगड़ने लगी … अब मैंने भी सोच लिया था कि शरमाने से कोई फायदा नहीं है आज मेरा भाई मुझे बिना चोदे मानने वाला नहीं है तो क्यूँ नहीं खुल के चुदवाऊँ इससे ताकि चुदने का भी मजा आए …

Bhai behan chudai – मुझे लंड मिल गया

मैं उसका लण्ड होठों पे रगड़ रही थी .. फ़िर लोलीपोप की तरह मैं पहले बस उसका सुपाड़ा चूस रही थी …उसके सुपाड़े से पतली पतली रस निकल रही थी .. मैं उसे लिपस्टिक की तरह होठों पे लगा रही थी।

इतने में उसने भी अपने हाथों से मेरी गांड सहलाना शुरू किया … वो अपने दोनों हाथों से मेरी दोनों गोलाईयां सहला रहा था … मुझे इतना मजा नहीं आ रहा था क्यूँकि वो नाईटी के ऊपर से मेरी गांड को सहला रहा था .. मैंने फ़िर उसके बिना कुछ कहे अपनी नाईटी उतार दी और अब मैं बिल्कुल नंगी थी उसके सामने .. इतने में उसने कहा- साली तूने तो न ब्रा ना पैंटी पहन रखी है.. पूरी तैयारी में थी मुझसे चुदवाने की क्या …

फ़िर मैंने कहा तुझसे नहीं मेरे बॉस आ रहे है ना ! तो … फ़िर बिना कुछ कहे मैं उसका लण्ड चूसने लगी .. वो मेरे सिर को पकड़ कर जोर जोर से लण्ड में धक्का देने लगा .. एक तरह से वो मेरा मुंह चोदने लगा … … मैं बहुत गरम हो चुकी थी … मेरा मुंह पूरी तरह से चिपचिपा हो गया था उसके पतले रस से..फ़िर थोड़ी देर बाद उसने मुझे नीचे लिटा लिया और मेरे स्तनों से खेलने लगा। वो उन्हें जोर जोर से दबाने लगा। मुझे दर्द हो रहा था मगर मज़ा भी बहुत आ रहा था। यह सोच कर ज्यादा मज़ा आने लगा कि मेरा सगा भाई मुझे चोदने वाला है..

वाऽऽऽ ! अब भाई मेरे दोनों स्तनों को बारी बारी चूसने लगा। वो मेरे चूचकों को जोर से काटने लगा.. दर्द से मैं कराहने लगी, बीच बीच में मैं चिल्ला भी पड़ती थी मगर उसे कुछ फ़र्क नहीं पड़ रहा था। उसने तो आज अपनी बहन की चूत फ़ाड़ने का सोच ही लिया था …..वो मेरे निप्पल चबाने लगा, मैं मदहोश हो चुकी थी पूरी तरह.. मेरे मुंह से गंदे शब्द जो कि मैं मदहोश होने के बाद बोलती हूं अपने बॉस के साथ .. निकलने लगे भाई के भी सामने !… मैंने कहना शुरू किया .. आह अब चोदो ना राहुल … चोद दो मुझे .. अपनी बहन की प्यास बुझाओ .. चोदो .. फाड़ डालो मेरी चूत …

फ़िर वो धीरे धीरे नीचे गया .. और मेरी चूत चाटने लगा उसकी ये अदा मुझे बहुत पसंद आई क्यूँकि मेरे बॉस ने अपना लण्ड मुझसे बहुत बार चुसवाया था मगर मेरी चूत चाटने से मना करते थे .. वो बिल्कुल कुत्ते कि तरह पूरी जीभ बाहर निकाल कर मेरी चूत चाटने लगा .. वो जीभ को चूत के अंदर बाहर करने लगा .. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था … मैंने कहा प्लीज़ राहुल मुझे अब लण्ड चाहिए तुम्हारा … अपना लण्ड डालो मेरी बुर में .. उसने कहा बुर तो तेरी मैं जरुर चोदूंगा पहले बाकि सब का भी तो मजा ले लूँ ..

फ़िर उसने मुझे पलट दिया और पेट के बल लिटा दिया .. अब उसके सामने मेरी गांड थी.. वो मेरी दोनों चूतडों को मसल रहा था और मैं इतनी उत्तेजित थी कि अपनी ऊँगली अपनी चूत में डाले जा रही थी ….फ़िर उसने मेरे चूतडों को चाटना शुरू किया … कसम से मैंने बहुत बार चुदवाया बहुत बार ! हाय ! मगर इतना मजा मुझे पहली बार आ रहा था वो भी मेरे भाई से … मैं आह आह आ औच … की आवाजें निकाले जा रही थी .. वो पूरा मस्त होकर मेरी गांड चाटता जा रहा था … फ़िर उसने मेरी गांड में अपनी ऊँगली डाली .. मैं चिहुंक उठी ..

मैंने कहा क्या कर रहे हो राहुल … गांड मरोगे क्या मेरी ? ! ? !…

उसने कहा – रूबी ! आज तो तेरे शरीर के हर छेद में अपना लण्ड डालूँगा मैं … तुझे चोद चोद के निढाल कर दूंगा …. मैं खुशी से पागल हो रही थी …

Bhai behan chudai – अंकल पैंटी आए और चोद गए

फ़िर थोडी देर बाद उसने मुझे उठाया और अपनी जाँघों पर बैठा दिया वो लेता हुआ था मैं उसकी जाँघों पर बैठी थी वो मेरे बूब्स दबा रहा था .. फ़िर उसने कहा – अब मेरा लण्ड पकड़ कर ख़ुद अपनी बुर में डालो .. मैंने वैसा ही किया … मेरी बुर से बहुत पानी निकल चुका था इस वजह से मेरी बुर पूरी गीली थी और उसका लण्ड भी … मैंने उसका सुपाड़ा अपनी बुर पे रखा और फ़िर धीरे धीरे उसपे बैठ गई जिससे की उसका पूरा लण्ड मेरी बुर में घुस गया .. अब मुझे बहुत मजा आ रहा था .. फ़िर मैं ख़ुद ऊपर नीचे करने लगी .. मुझे ऐसा लग रहा था की राहुल मुझे नहीं मैं राहुल को चोद रही हूँ … मैंने हिलना तेज किया … वो भी नीचे से अपनी गांड उछाल उछाल कर मुझे चोद रहा था.

थोडी देर तक इस पोसिशन में चोदने के बाद उसने कहा – अब तुम नीचे आओ … मैं बेड पे लेट गई .. वो मेरे ऊपर आ गया और मेरी दोनों टांगों को अपने कंधे पे रख दिया इससे मेरी बुर उसे साफ साफ दिखाई दे रही थी.. …फ़िर उसने मेरी बुर पे अपना लण्ड लगाया और एक ही झटके में जोर से पूरा अंदर डाल दिया … मैं लगातार सीत्कार कर रही थी आह ..ऊंह ह्ह्ह ह .ओह ह हह कम ऑन राहुल … फक मी … चोदो … आह ह हह ह्ह्ह .. और जोर से चोदो … अ आ आया अह हह हह …..

उसकी स्पीड बढती जा रही थी अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मेरी बुर से सर सर करता हुआ सारा पानी बाहर आ गया …. राहुल रुकने का नाम नहीं ले रहा था … मेरी बुर के पानी की वजह से उसके हर धक्के से कमरे में फत्च फच की आवाज़ आने लगी .. वो मेरी बुर पेलता ही जा रहा था … मैं भी उसका साथ दे रही थी .. मैं उसके दोनों चूतड़ों को पकड़ कर धक्के लगा रही थी अपनी तरफ़. …
फ़िर मैंने उसे कहा – राहुल अपना रस अंदर मत गिराना, नहीं तो तुम मामा और पापा दोनों बन जाओगे इस पे वो हँस पड़ा और अपनी स्पीड और बढ़ा दी …. अब वो गिरने वाला था

… वो मेरी बुर, जो कि चुदा चुदा कर पूरी भोंसड़ा बन गई थी, उससे लंड बाहर निकाला और मुझसे कहा कि अपने दोनों बूब्स को साइड से दबा कर रखने को। फ़िर मेरे दोनों बूब्स के बीच उसने अपना लंड डाल कर मेरी पेलाई शुरू कर दी थोडी देर ऐसे ही वो मुझे पेलता रहा उसके बाद उसके लंड से फच फचा कर सारा रस निकल गया जो कि मेरे पूरे मुंह में और चूचियों पे गिरा… मैं अपनी जीभ से और होठों से उसका रस चाट रही थी …….

फ़िर उसने अपना लंड ही मेरे मुंह में दे दिया मैंने उसका लंड थोड़ी देर चूसा … मुझे ऐसा लगने लगा कि वो फ़िर से उत्तेजित हो रहा है … क्यूंकि वो मुंह के ही अंदर धक्के लगाने लगा … इतने में दरवाजे की घंटी बजी .. टिंग टोंग !…. वो उठ गया मैं भी उठ गई वो बोला मैं देख कर आता हूँ .. उसने बिना दरवाजा खोले आई-होल से देखा तो मेरे बॉस बाहर खड़े थे … वो समझ गया की ये भी यहाँ रूबी को पेलने आए हैं … फ़िर उसने आकर मुझ से कहा- तेरे बॉस हैं ….

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