Bhabhi sex stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/bhabhi-sex-stories/ Hindipornstories.org Fri, 29 Oct 2021 12:53:22 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाभी के गांड पर टिकाया अपना लंड https://sexstories.one/bhabhi-ki-gand-bur-chodi-devar-ne-sex/ Fri, 29 Oct 2021 12:53:22 +0000 https://sexstories.one/?p=3196 मेरा लंड सीधा उनकी गांड पर टच हुआ वो बहुत डर गई और मुझे देखने के लिये पीछे पलटी.. तो में बोला भाभी आप बहुत सेक्सी हो में तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.. तो वो अपनी आँखे बंद किये हुये कुछ नहीं बोल रही थी। में नज़दीक गया और उनके होठों पर किस किया...

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Bhabhi ki moti gand chodi मेरा नाम राज है और में कर्नाटक से हूँ। में अपनी पहली कहानी आपको बताने जा रहा हूँ। में आशा करता हूँ कि आप सबको ये कहानी पसंद आयेगी। अब में सीधा अपनी कहानी पर आ जाता हूँ। ये स्टोरी मेरी और मेरी भाभी की है। उनका नाम शबाना है और उनकी उम्र 23 साल की है और मेरी उम्र 19 साल की है। मेरे घर में सिर्फ़ में भाभी और माँ रहते है। भाई दुबई में काम करते है और पापा भी हमेशा बेंगलोर में रहते है। तो भाभी की शादी के 4 महीने के बाद भैया दुबई चले गये.. तो उसके बाद में और भाभी बहुत अच्छे दोस्त बन गये।

एक दिन मेरी माँ बाहर गई हुई थी.. तो में भाभी के रूम में गया.. भाभी सो रही थी। मैंने जाकर उनको उठाया.. तो वो बोली की क्या हुआ राज? में बोला की भाभी कहीं बाहर चलते है.. तो भाभी बोली कि नहीं में नहीं आ सकती। में बोला कि प्लीज.. तो वो नहीं मानी। फिर में अकेला ही बाहर चला गया.. लेकिन तुरंत ही वापस आ गया। में सीधा ही भाभी के रूम में गया.. तो भाभी रो रही थी। मैंने पूछा भाभी क्या हुआ क्यों रो रही हो?

भाभी – कुछ नहीं ऐसे ही मन उदास है।

में – प्लीज.. बोलो ना क्या हुआ?

भाभी – तुमसे बोलने में अजीब लग रहा है।

में – में कुछ नहीं बोलूँगा प्लीज.. बोलो।

भाभी – मैंने आज नहाते वक़्त …

में – हाँ भाभी बोलो।

भाभी – में नहाते वक़्त अपने नीचे के बाल साफ़ कर रही थी तो …

में – बोलो क्या हुआ? भाभी

भाभी – वहां पर चोट लग गई.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

में – बस इतनी सी बात.. में अभी डिटोल लगा देता हूँ।

भाभी – नहीं उससे बहुत जलन होती है।

में – नहीं भाभी, कुछ नहीं होगा.. मैंने बोला ना कि कुछ नहीं होगा।

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भाभी – अगर तुम्हारे भैया होते तो मेरा कितना ख्याल रखते.. में तो अब बिल्कुल अकेली हूँ।

में – क्यों ऐसा बोल रही हो भाभी.. में हूँ ना आपका ख्याल रखने के लिये। में वहां डिटोल लगा दूँगा।

भाभी बहुत मासूम थी। वो दर्द से बहुत तड़प रही थी.. ये देखते हुये में तुरंत उनके नज़दीक गया और उनकी नाईटी को ऊपर किया.. तो वो शरमा रही थी.. लेकिन में बहुत अच्छे दिल से उनकी मदद कर रहा था.. तो जब में उनकी चोट तक पहुँच गया तो मैंने देखा की चोट ब्लेड लगने से नहीं आई थी.. बल्कि उन्होंने कुछ अपनी चूत के अंदर डाला था इसलिये वो चोट आई थी।

में – भाभी आपने अपनी चूत में क्या डाला था?

भाभी – (रोते हुये बोली) सॉरी में आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी।

में – लेकिन.. तुमने आख़िर डाला क्या इसमें?

भाभी – मैंने टूथ ब्रश डाला।

में – लेकिन क्यों भाभी? आप क्यों ऐसा करते हो? ये ग़लत है।

मेरी ये बात सुनते ही वो बहुत उदास हो गई और हल्की सी रोने लगी। मैंने थोड़ा डिटोल उनकी चूत पर लगाया और वहां से निकल गया.. तो दो दिन तक वो बहुत नाराज़ और उदास थी। में सोच रहा था कि भाभी की तकलीफ़ कैसे दूर की जाये.. फिर 3 हफ्ते के बाद मुझे कॉलेज से छुट्टी मिली.. तो में भाभी को उनके गावं लेकर जा रहा था.. उनका गावं 180 किलोमीटर की दूरी पर था.. तो में उनके साथ बस में बैठ गया। थोड़ी देर हमने बातें की और उसके बाद वो मेरे कंधे पर सर रखकर सो गई.. तो उनका हाथ मेरे लंड पर लगा.. फिर मेरा दिमाग़ खराब होने लगा। में बहुत सेक्सी मूड में आ गया.. तो मैंने भाभी की कमर में धीरे से हाथ डाला। वो बुरखे में थी तो हाथ बहुत फिसल रहा था। मैंने उनकी गांड पर धीरे से टच किया और धीरे से दूसरा हाथ बूब्स से टच किया.. तो उसी टाईम बस ने अचानक ब्रेक मारा तो मैंने घबराकर बूब्स प्रेस कर दिया और भाभी नींद से जाग गई।

भाभी – क्या हुआ क्या कर रहे हो?

में – भाभी वो बस अचानक रुक गई तो मेरा हाथ गलती से वहां चल गया.. सॉरी भाभी।

भाभी – कोई बात नहीं।

लेकिन में उन्हे चोदना चाहता था। बस में भीड़ बहुत हो गई। उस वक़्त बारिश का मौसम था और रास्तें में एक संदूर गावं आता है.. वहां पर जंगल जैसा एक बहुत बड़ा पार्क है। मैंने भाभी से पूछा कि हम यहाँ उतरते है और थोड़ा पार्क देखकर गावं जाते है.. तो वो मान गई.. में तारा नगर बस स्टॉप पर उतर गया और ऑटो से पार्क गये और छुट्टियाँ होने के कारण वहां कोई नहीं था। थोड़ा दूर तक चलने के बाद पानी आया तो मैंने भाभी से पूछा कि हम नहाते है यहाँ कोई नहीं है.. तो भाभी बोली कि नहीं। मैंने कहा तुम्हें मेरी कसम.. तो वो मान गई। पहले उन्होंने अपना बुरखा उतार दिया.. फिर में बोला कि भाभी आप साड़ी भी उतार दो.. यहाँ कोई नहीं है। सिर्फ़ ब्रा पेंटी में हो जाओ ना प्लीज.. तो भाभी बोली में नहीं नहा सकती। फिर मेरे बोलने के बाद वो मान गई और अपने कपड़े निकालने लगी। मेरा तो दिमाग़ खराब हो गया.. में भी सिर्फ़ अंडरवेयर में आ गया.. तो हम पानी में चले गये।

थोड़ी देर बाद में भाभी के नज़दीक गया और धीरे से उनके पीछे पीठ को टच किया.. मेरा लंड सीधा उनकी गांड पर टच हुआ वो बहुत डर गई और मुझे देखने के लिये पीछे पलटी.. तो में बोला भाभी आप बहुत सेक्सी हो में तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.. तो वो अपनी आँखे बंद किये हुये कुछ नहीं बोल रही थी। में नज़दीक गया और उनके होठों पर किस किया और होंठो को चूसे जा रहा था.. तो भाभी ने मुझे गले से लगाया और किस करने लगी.. अभी भी हम पानी में ही थे। फिर में उन्हे गोद में ले कर थोड़ी झाड़ियाँ थी.. वहां ले कर गया और उनकी ब्रा को थोड़ी नीचे किया और बूब्स को किस करने लगा.. वो मौन कर रही थी। फिर में उनकी पूरी छाती को चाटने लगा वो भी बहुत गर्म हो गई। फिर मैंने धीरे से अपना हाथ चूत पर रखा.. तो वो उछल पड़ी और मैंने उनकी पेंटी उतार दी। मैंने उनकी चूत पर हल्का सा किस किया तो वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी.. में पूरे जोश में उनकी चूत चाट रहा था।

फिर में उठा और बैठ गया और मेरा 7 इंच का लंड बाहर निकाला.. तो भाभी ने उसे धीरे से टच किया और नज़दीक आने लगी। में बहुत तड़प रहा था.. वो धीरे से मेरे लंड को किस करने लगी। थोड़ी देर बाद में उठा और वहीं पर भाभी को लेटा दिया और चूत पर थूक लगाने लगा और उसने मेरे लंड पर थूक लगाया और धीरे से लंड चूत में डाला.. तो वो अंदर नहीं जा रहा था.. क्योंकि मेरा पहला सेक्स था.. तो मैंने फिर ट्राई किया। फिर लंड थोड़ा अंदर गया.. तो मैंने एक जोरदार धक्का मारा.. तो भाभी चिल्ला पड़ी और तड़पने लगी.. इस तरह में उनको जोर से चोदने लगा और 20 मिनट बाद बिना बोले उनकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया.. तो वो बोली कि ये तुमने क्या किया? में तो अब प्रेग्नेंट हो जाउंगी। मुझे जल्दी मेडिकल ले जाओ.. वरना बहुत बड़ी प्रोब्लम हो ज़ायेगी.. तो मैंने जल्दी अपने कपड़े पहने और भाभी ने भी अपनी साड़ी पहनी। फिर हम पार्क से सीधा सिटी में गये और आई-पिल खरीदी और भाभी को खिलाई। उसके बाद हमने गावं जाकर बहुत मस्ती और खूब सेक्स किया ।।

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Bhabhi Aur Devar Ke Jism Ki Aag https://sexstories.one/devar-bhabhi-ki-sex-kahani/ Thu, 11 Feb 2021 23:18:20 +0000 https://sexstories.one/bhabhi-aur-devar-ke-jism-ki-aag-xxx-storiez/ मेरा नाम करण है। में भवानीपुर का रहने वाला हूँ.. ये मेरी पहली कहानी है। ये मेरी सच्ची कहानी है। दोस्तों ये उस समय की बात है.. जब में 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम करण है। में भवानीपुर का रहने वाला हूँ.. ये मेरी पहली कहानी है। ये मेरी सच्ची कहानी है। दोस्तों ये उस समय की बात है.. जब में 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। मेरे मम्मी पापा कोलकाता में ही रहते थे। उन दिनों मेरे एक दूर के भैया है जो बिहार में काम करते है। उनकी शादी हुये 3 साल हो चुके थे। devar bhabhi

मैंने कभी उनकी पत्नी (मेरी भाभी) को नहीं देखा था। devar bhabhi

उनका नाम उषा था। वो एक सरकारी ऑफिस में एक अच्छी पोस्ट पर काम करती है.. उसी सिलसिले में उन्हे कोलकाता ट्रैनिंग के लिये आना पड़ा.. उनकी ट्रैनिंग 7 दिनों की थी। में स्कूल गया हुआ था.. पर जैसे ही में घर पहुंचा और मैंने डोर बेल बजाई तो एकदम मस्त सी गोरी लंबी कसे हुये दूध, क्या जांघे थी उसकी? हे भगवान वो पल में कभी नहीं भूल पाउँगा।

उषा भाभी ने दरवाजा खोला और वो भी मुझे देखती ही रह गई.. devar bhabhi

मेरी लम्बाई 5 फुट 5 इंच है और स्मार्ट भी हूँ और उन्होंने मुझे देखते ही पहचान लिया और कहने लगी कि आप करण भैया हो ना। मैंने हाँ में सिर हिला दिया और स्कूल बैग लेकर अंदर आकर बैठा तो पता चला कि मम्मी पापा बाहर गये है.. हमारे कोई रिश्तेदार की मौत हो गई है। उस समय घर पर मेरी दीदी, में और उषा भाभी ही थी। शाम के 7 बज रहे थे.. उषा भाभी की उम्र 30 साल होगी।

क्या चीज़ थी वो? दोस्तों जैसे कोई अप्सरा हो.. devar bhabhi

मुझे तो उसकी गांड की गोलाई तो मार ही डालती थी। तभी मेरी दीदी ने हमारी जान पहचान करवाई और फिर बातों का सिलसिला शुरू हुआ तो पता चला कि वो मेरे घर 7 दिन रुकने वाली है पर पापा मम्मी 3 दिन बाद आयेंगे.. तो तभी तेज बारिश शुरू हो गई और लाईट चली गई।

में माचिस ढूँढने के लिये खड़ा हुआ तो थोड़ी थोड़ी कम कम सी रोशनी में भाभी का बदन मुझ पर जादू कर रहा था। तभी अंधेरे का फायदा उठाकर में भाभी के पिछवाड़े से टकरा गया और वो कुछ नहीं बोली। फिर आधे घंटे के बाद लाईट आई.. तो भाभी खाना बनाने लग गई और में फ्रेश होकर टी.वी देख रहा था। बारिश की वजह से मौसम में ठंडक आ गई थी।

मूड भी रोमांटिक हो रहा था मेरे दिमाग़ में तो बस भाभी भाभी भाभी ही चल रहा था। तभी भाभी आकर कहने लगी कि खाना तैयार है.. खा लीजिये खाना खाने के बाद हम अब सोने जा रहे थे कि तभी फिर लाईट चली गई। तब तक मेरी दीदी सो गई थी। मैंने भाभी से कहा कि पता नहीं लाईट कब तक आयेगी.. आप जा कर बेडरूम में सो जाये। में अपने रूम में सो जाता हूँ.. तो भाभी कहने लगी कि अंधेरे में मुझे डर लगता है। मैंने कहा कि कोई बात नहीं.. जब तक लाईट नहीं आती आप मेरे साथ मेरे कमरे में बैठ जाओ.. तो वो मान गई और बोली कि में चेंज करके आती हूँ।

में अपने रूम में अपना बेड ठीक करके मोबाइल में गाने सुन रहा था। devar bhabhi

तभी भाभी आई और मेरे पैरों की साईड में बैठ गई। मैंने कहा आप भी थक गई हो तो कब तक बैठी रहोगी.. आप भी लेट जाओ.. तो वो मेरी बात मान कर वो मेरी साईड में लेट गई। फिर यूँ ही थोड़ी देर बातों बातों में नींद ही आ गई.. तभी रात में अचानक मेरी जब नींद खुली तो लाईट चालू थी। में लाईट बंद करने उठा और मैंने देखा की भाभी का गाउन उनके घुटने के ऊपर तक था। ये सीन देखकर तो जैसे मेरे लंड पर आग लग गई थी। मैंने जल्दी से लाईट बंद करके उनके साथ में एक साईड हो कर लेट गया। मेरे दिल की धड़कने बहुत तेज हो गई थी। बाप रे.. वो क्या पल था मेरी लाइफ का.. में उनके बदन की गर्मी इतने करीब से महसूस कर रहा था। मैंने थोड़ी हिम्मत करके मेरा एक हाथ उनके गाउन जो घुटने तक था उस पर रख दिया। मुझे घबराहट भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था। फिर ठंड का मौसम भी तो था।

थोड़ी और हिम्मत करके मैंने उनके गाउन को थोड़ा और उनकी जाँघो तक किया.. तब भी वो सो रही थी। मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ी ही थी कि उन्होंने मेरी तरफ़ फिर करवट ली और कपड़े ठीक करके सो गई.. लेकिन में कहाँ मानने वाला था। मेरा लंड तो तड़प रहा था उनकी चूत में जाने को.. मैंने फिर थोड़ी और हिम्मत करके उनके दूध पर हाथ रखा.. वो फिर भी सो रही थी।

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मैंने अपने हाथ का दबाव और बढ़ाया.. लेकिन तभी भाभी जाग गई और मेरी तरफ देखकर बोली कि आपको ठंड लग रही है तो मेरी रज़ाई में ही आ जाओ। मेरे तो मानो पंख लग गये हो.. जैसे ही में उनकी रज़ाई में गया तो उन्होने अपना मुँह एकदम मेरे होठों के पास कर दिया। में कुछ समझ नहीं पा रहा था कि हो क्या रहा है यार.. मेरा लंड अपनी अंडरवियर में अलग ही फड़फडा रहा था। मैंने भी हिम्मत करके उनकी चूत के ऊपर से ही लंड का दबाव बढ़ाया।

कुछ देर तक तो वो कुछ नहीं बोली.. devar bhabhi

फिर जब मैंने और थोड़ा ज्यादा लंड का दबाव उनकी चूत पर डाला तो वो एकदम तड़पकर मेरे होठों को अपने होठों में दबाकर चूसने लगी.. ओह वो पहली बार था.. जब किसी औरत का छूना मैंने महसूस किया था। में भी कुछ ना सोचते हुये उनका साथ देने लगा और उनके दोनों मलाईदार दूध को अपने हाथों से दबाने लगा। वो कसमसा कर ज़ोर से मुझसे चिपक गई और मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर मुझसे ज़ोर से चिपक गई और कहने लगी कि प्लीज.. जो भी करना है जल्दी कर दो। में खड़ा हुआ और मैंने अपना पजामा उतारा.. तभी वो मेरे 7 इंच के लंड की तरफ ऐसे लपकी कि जैसे कोई भूखी बिल्ली हो।

भाभी ने मेरे लंड को मेरी अंडरवियर से बाहर निकालकर ऐसे चूसने लगी कि जैसे कोई आइसक्रीम हो। में बहुत कामुक हो गया था.. में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। फिर में उनके मुँह से अपना लंड निकालकर उनकी चूत की तरफ बढ़ा तो खुद ही भाभी ने जल्दी से अपनी काली पेंटी उतार दी और एकदम क्लीन शेव चूत मेरे सामने कर दी और तभी मेरी हालत खराब हो गई.. मुझे तो पता भी नहीं था कि भाभी की चूत इतनी गोरी होगी।

भाभी को पटककर में उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा। devar bhabhi

तभी भाभी बोली कि में आज कहीं भागने वाली थोड़े ना हूँ.. इतनी जल्दी भी क्या है? मुझे तो कुछ भी पता नहीं चल रहा था। में तो चूत चाट चाटकर पानी पीता जा रहा था। कुछ देर बाद हम 69 की पोज़िशन में आ गये और भाभी मेरे लंड को चूसने लगी। रंडी पूरे गले तक मेरे लंड को ले ले रही थी। तभी मैंने पिचकारी छोड़ दी उनके मुँह में.. इस बीच उषा भाभी 2 बार झड़ चुकी थी। भाभी ने मेरे लंड को फिर से चाटना शुरू किया।

5 मिनट के बाद मेरा शेर फिर खड़ा हो गया। devar bhabhi

तब मैंने भाभी को लेटाया और थोड़ी देर अपने लंड को भाभी की चूची पर रगड़ता रहा। मेरा लंड एकदम टाईट हो गया था। उस दिन मैंने भाभी का दूध भी पीया था। भाभी ने कहा अब और मत तड़पाओ.. प्लीज मुझे चोद दो जान.. मैंने भाभी को खड़ा किया गाउन उठाई और खड़े खड़े अपना लंड भाभी की चूत में डालने लगा।

में पहली बार सेक्स कर रहा था इसलिये बहुत दर्द हो रहा था.. devar bhabhi

लेकिन भाभी के साथ सेक्स के नशे में में चूर था इसलिये मुझे कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा था। में अपनी स्पीड तेज करता चला गया। भाभी के मुँह से अजब अजब आवाजें आने लगी.. चोदो जान.. आह आह हह और चोदो। में भी और मस्त हो गया और अपनी स्पीड बढ़ा दी। करीब 15 मिनट के बाद मुझे एहसास होने लगा कि में झड़ने वाला हूँ.. तभी मैंने भाभी से पूछा कि कहाँ डालूँ अपना वीर्य.. तो वो बोली चूत में मत डालना प्लीज।

मैंने जल्दी से अपना लंड बाहर निकालकर भाभी की चूची पर सारा पानी छोड़ दिया। भाभी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी। में भाभी के उपर लेट गया.. हम पसीने से पूरे भीग गये थे। क्या रात थी वो यारो? जब भी मुझे मौका मिलता है.. तो में भाभी की चूत ज़रूर चाटता हूँ और भाभी की पेंटी भी सूँघता हूँ ।।

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आओ तुम्हे खीर खिलाती हूं https://sexstories.one/sexy-bhabi-ki-chut/ Tue, 05 Jan 2021 23:50:37 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%86%e0%a4%93-%e0%a4%a4%e0%a5%81%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%b9%e0%a5%87-%e0%a4%96%e0%a5%80%e0%a4%b0-%e0%a4%96%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%82%e0%a4%82/ घर में छोटा होने की वजह से हमेशा मुझे मेरी मां का प्यार सबसे अधिक मिला. मेरे पिताजी भी मुझसे बहुत प्यार करते थे कभी कबार वह मुझ पर गुस्सा भी हो जाय करते थे। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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घर में छोटा होने की वजह से हमेशा मुझे मेरी मां का प्यार सबसे अधिक मिला. मेरे पिताजी भी मुझसे बहुत प्यार करते थे कभी कबार वह मुझ पर गुस्सा भी हो जाय करते थे। मेरे बड़े भैया अमित मुझसे हमेशा झगड़ते रहते थे वह कहते कि तुम्हारी दोस्ती बिल्कुल भी ठीक नहीं है। बचपन से ही हम दोनों के बीच बहुत झगड़े होते थे लेकिन वह सिर्फ बचपन का दौर था समय के साथ अब हम बड़े हो चुके है। bhabi ki chut

अमित भैया और मैंने मिलकर अपनी एक कंपनी शुरू कि हम दोनों ने जब वह कंपनी सुरु की तो हमने उसमें अपनी पूरी मेहनत लगा दी जिससे कि हम दोनों का काम अच्छा चलने लगा। जैसे जैसे समय बीतता जा रहा था वैसे सब कुछ ठीक हो चुका था लेकिन मुझे क्या पता था कि जब हम दोनों की कंपनी अच्छे से चलने लगेगी तो हमारी भाभी की वजह से हमारे घर में झगड़े शुरू हो जाएंगे।

भाभी अपने घर की इकलौती थी. bhabi ki chut

भाभी का नाम पायल है भाभी और भैया के बीच में लव मैरिज हुई थी. लेकिन भाभी के नखरे सिर्फ भैया ही सह सकते थे. वह भाभी को कभी कुछ नहीं कहते थे। हमारी बहन की शादी भी हम लोगों ने बड़े धूमधाम से करवाई हमारा खुशहाल परिवार अब जैसे जंग का मैदान बनने वाला था और यह सिर्फ मेरी भाभी की वजह से ही हुआ। हमारी खुशियां जैसे गायब हो चुकी थी भाभी ने हम दोनों भाइयों के बीच में दरार पैदा करवा दी जिसकी वजह से अब हमारी कंपनी में भी नुकसान होने लगा।

भैया का काम पर ध्यान ही नहीं रहता था और वह मेरे भरोसे ही कंपनी को चला रहे थे लेकिन मैं अकेला कितना काम करता जिसकी वजह से अब कंपनी में लगातार नुकसान होते जा रहे थे। हम लोगों के हाथ से कई बड़े प्रोजेक्ट भी निकल चुके थे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं लेकिन मेरे पिताजी ने मुझे कहा कि देखो बेटा गौरव तुम और अमित एक दूसरे से कभी अलग मत होना। वह मुझ पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन मेरे भैया और भाभी शायद हम लोगों से अलग होना चाहते थे। मेरी भाभी ने हम दोनों के बीच में जो दरार पैदा की थी वह बढ़ती ही जा रही थी।

एक दिन अमित भैया ने मुझसे कहा कि गौरव मुझे तुमसे बात करनी है. bhabi ki chut

मैंने भैया से कहा हां भैया कहिये भैया कहने लगे कि मैं तुमसे अकेले में बात करना चाहता हूं। भैया ने मुझे कहा कि देखो गौरव मैं चाहता हूं कि हम दोनों को कंपनियां अब अलग कर लेनी चाहिए और कंपनी के दो हिस्से हमें कर लेनी चाहिए। मैंने भैया से कहा भैया आप यह किस प्रकार की बात कर रहे हैं हम दोनों ने मिलकर इस कंपनी को खड़ा किया था और मैं नही चाहता कि हमे यह कंपनी अलग करनी चाहिए। मैंने भैया को मना कर दिया था और मैं किसी भी सूरत में कंपनी को अलग नहीं करना चाहता था। मैंने जब इस बारे में पिताजी से सलाह मशवरा किया तो पिताजी कहने लगे बेटा यदि तुम दोनों के बीच किसी बात को लेकर अनबन है तो तुम दोनों को बात करनी चाहिए। मैंने पापा से कहा ऐसा कुछ भी नहीं है लेकिन भैया को ना जाने क्या हो गया है वह अब हर चीज के लिए अपने हिस्से की बात करने लगते हैं।

मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था. bhabi ki chut

लेकिन कुछ समय से मैं देख रहा हूं कि भैया में काफी बदलाव आ चुका है भैया अब पूरी तरीके से बना चुके हैं। पिताजी इस बात से बहुत दुखी थे लेकिन मेरे पास भी उस वक्त कोई रास्ता नहीं था मैंने भैया से कहा कि भैया आप कंपनी को अलग मत कीजिए बल्कि हम लोग कंपनी को भेज देते हैं। हम लोगों ने अपनी कंपनी को बेचने का फैसला कर लिया था भैया इस बात से तैयार हो चुके थे हमारे इतने वर्षो की मेहनत पानी हो चुकी थी लेकिन भैया को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वह तो सिर्फ पायल भाभी के कहने के अनुसार ही चल रहे थे। मुझे इस बात का बहुत दुख था कि अब सब कुछ अलग होता जा रहा है और भैया और भाभी ने अलग रहने का भी फैसला कर लिया था। भाभी को ना जाने हम लोगों से ऐसी क्या समस्या थी वह हमारे साथ बिल्कुल भी एडजेस्ट नहीं कर पा रही थी और आए दिन भाभी मां के साथ झगड़ती रहती थी। ऐसा ना जाने क्या था कि पायल भाभी हमेशा मां के साथ झगड़ा करती रहती थी जबाकी मां का स्वभाव तो बिल्कुल ऐसा नहीं है उसके बावजूद भी पायल भाभी हमेशा मां से झगड़ते रहती।

वह मां को काफी गलत भी कहती थी लेकिन मां हमेशा चुप हो जाती मां भाभी के कड़वी बातों को सह लेती थी। भैया अब अलग रहने के लिए भी जा चुके थे और कंपनी भी बिक चुकी थी हम दोनों भाइयों ने आधा आधा हिस्सा अपने पास रख लिया था पैसे का भी बंटवारा हो चुका था और अब दोनों का भी बंटवारा हो चुका था। भैया पापा मम्मी से मिलने के लिए भी नहीं आते थे मैं अब अकेला हो चुका था कई बार मुझे लगता कि भाभी के आने से भैया में इतना परिवर्तन है कि उन्होंने घर से तक जाने का फैसला कर लिया। जब हमारी छोटी बहन आती तो वह हमेशा भैया के बारे में पूछा करती थी कि भैया क्या कर रहे है लेकिन भैया कहां घर आने वाले थे भैया तो भाभी की बात मानते थे और हमेशा उनके अनुसार ही चलते थे।

भैया ने अपना बिजनेस शुरू किया तो उसमे उनका नुकसान हो चुका था और नुकसान की भरपाई कर पाना मुश्किल था। मुझे जब यह बात पता चली तो मैंने उन्हें कुछ पैसे भी दिए पहले तो वह मना कर रहे थे लेकिन उसके बाद भी मैंने उनकी मदद की और उन्हें पैसे दिए। भाभी को फिर भी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि वह हम दोनों भाइयों के बीच में दरार पैदा कर चुकी थी और यह सब उनकी वजह से ही हुआ था। मेरे जीवन में अभी तक कोई भी लड़की नहीं आई थी लेकिन मेंरे जीवन मे जब महिमा आई तो मैं महिमा के साथ अच्छा समय बिताने लगा।

मुझे महिमा के साथ अच्छा लगने लगा था. bhabi ki chut

धीरे धीरे हम दोनों की दोस्ती बढ़ती जा रही थी महिमा हमारे पड़ोस में ही रहने के लिए आई थी और वह डॉक्टर है। मैं महिमा के पास अपनी मां को इलाज के लिए लेकर गया था तब से महिमा से मेरी अच्छी बातचीत हो चुकी थी और उसके बाद हम दोनों को जब भी समय मिलता तो हम लोग एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताया करते। मैं महिमा से फोन पर भी बातें कर लिया करता था महिमा मुझे पसंद आने लगी थी और वह भी हमारे घर पर कई बार आ जाया करती थी। एक दिन मेरी मां ने मुझसे कहा कि बेटा तुम्हें महिमा बहुत पसंद है ना तो मैंने उन्हें कहा नहीं मां ऐसा तो कुछ भी नहीं है।

मैंने यह बात किसी को भी नहीं बताई थी लेकिन मेरी मां ने मेरी आंखों को पढ़ लिया था और उन्होंने जब यह बात कही तो मैं उन्हें मना करने की कोशिश करने लगा लेकिन मेरी नजरों से मेरी मां ने मुझे पकड़ लिया और कहने लगी बेटा तुम महिमा से प्यार करते हो। मेरी मां कहने लगी तुम महिमा से शादी कर लो। मेरे अंदर बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी कि मैं महिमा से शादी के बात करूं इसलिए हम दोनों का रिश्ता सिर्फ दोस्ती तक ही था। मैंने महिमा से इस बारे में बात नहीं की थी एक दिन हम दोनों कार में बैठे हुए थे उस दिन गलती से मेरा हाथ महिमा की जांघ पर लग गया।

वह मुझे देखने लगी मैं भी. bhabi ki chut

उसकी आंखों की तरफ देख रहा था तभी हम दोनों के अंदर शायद जवानी फूटने लगी मैंने महिमा के होठों को चूसना शुरू कर दिया। मैंने जब महिमा के नरम और गुलाबी होठों को चूसना शुरू किया तो उसे भी बहुत अच्छा लग रहा था। पहली बार ही हम दोनों के बीच किस हुआ था लेकिन इसके आगे हम दोनों ने कुछ भी नहीं किया मैं अपने घर चला आया महिमा भी अपने घर चली गई। महिमा ने मुझे पलट कर भी नहीं देखा महिमा और मैंने बात नहीं की। महिमा का मुझे दो दिन बाद फोन आया तो महिमा मुझे कहने लगी गौरव क्या तुम फ्री हो?

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मैंने महिमा से कहा हां बताओ क्या कोई काम था। महिमा कहने लगी हां मैंने तुम्हारे लिए खीर बनाई है क्या तुम घर पर आ सकते हो। मुझे खीर बहुत पसंद है इसलिए मैं महिमा से मिलने के लिए चला गया जब मैं महिमा से मिलने गया तो हम दोनों साथ में बैठ कर बात कर ही रहे थे कि मेरी नजर महिमा के बदन से हट ही नहीं रही थी। मैंने महिमा के होठों को किस किया हम दोनों की उत्तेजना पूरी तरीके से बढ गई थी। मैंने महिमा को बिस्तर पर लेटा दिया जब मैंने महिमा के स्तनों का रसपान करना शुरू किया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी। मैंने महिमा की पैंटी को उतारते हुए उसकी योनि पर अपनी उंगलियों से सहलाना शुरू किया। उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी। महिमा ने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसे हिलाने लगी।

जब वह मेरे लंड को हिलाती तो मेरे अंदर भी जोश पैदा हो जाता और जिस प्रकार से वह मेरे लंड को हिला रही थी तो मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था। मैंने जैसे ही महिमा की योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह मुझे कहने लगी आज तो मजा आ गया। मैं महिमा को बड़ी तेजी से धक्के देने लगा मेरे धक्को में तेजी आती जा रही थी महिमा भी पूरी तरीके से जोश में आ चुकी थी।

महिमा ने मेरा पूरा साथ दिया.. bhabi ki chut

लेकिन जब वह अपने पैरों से मुझे जकडने लगी तो मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गया। महिमा झड़ चुकी थी मैं उसे अब भी उतनी ही तेजी से धक्के दिए जा रहा था। जितने तेजी से मे धक्के मार रहा था उससे आखिरकार मेरा वीर्य अब मेरे अंडकोष से बाहर की तरफ आ गया। जैसे ही मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को महिमा की योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया। महिमा की योनि में मेरा वीर्य जाते ही वह मुझसे गले लगने लगी हम दोनों एक हो गए। अब तक हम दोनों ने एक दूसरे से दिल की बात नहीं कही थी लेकिन मुझे महिमा का साथ बहुत अच्छा लगता है।

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मेरे बेडरूम का वह दिल छूने वाला माहौल https://sexstories.one/chudai-ki-antervasna-kahani/ Fri, 01 Jan 2021 07:20:42 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b0%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a5%87%e0%a4%a1%e0%a4%b0%e0%a5%82%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%b9-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2-%e0%a4%9b%e0%a5%82%e0%a4%a8%e0%a5%87/ एडमिशन का दौर शुरू हो चुका था और मैं भी चाहता था कि मेरे बच्चे का दाखिला अच्छे स्कूल में हो लेकिन अच्छे स्कूलों की मोटी फीस तो जैसे एक आम आदमी के लिए चुका ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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एडमिशन का दौर शुरू हो चुका था और मैं भी चाहता था कि मेरे बच्चे का दाखिला अच्छे स्कूल में हो लेकिन अच्छे स्कूलों की मोटी फीस तो जैसे एक आम आदमी के लिए चुका पाना बहुत ही मुश्किल था। मैंने अपने ससुर जी से जब इस बारे में बात की तो वह कहने लगे बेटा हम लोग भी कोशिश करेंगे कि कितना पैसा हम जुटा पाएंगे तुम्हें तो मालूम ही है कि मैं एक सरकारी क्लर्क से रिटायर हुआ था.. antervasna kahani

मेरी जो थोड़ी बहुत पेंशन आती है उससे हमारे घर का खर्चा चल जाता है और मैं फिर भी थोड़ा हिम्मत जुटाकर तुम्हें पैसे देने की कोशिश करूंगा। मेरे ससुर जी सरकारी स्कूल में क्लर्क थे और मैं चाहता था कि उनसे कुछ पैसे की मदद ले ली जाए हालांकि पहले तो मैंने इस बारे में नहीं सोचा था लेकिन जब मुझे मेरी पत्नी ने कहा कि आपको पापा से इस बारे में बात करनी चाहिए.. तो मैंने भी अपनी पत्नी की बात मान ली और अपने ससुर से बात करने के बारे में सोच लिया।

मैं चाहता था कि उनसे मैं बात करूँ और मैंने उनसे बात कर ली.. antervasna kahani

जब मैं घर लौटा तो मेरी पत्नी कि नजर मेरी तरफ ही थी वह मुझसे पूछने लगी पापा ने क्या कहा। उसके स्वर उत्सुकता से भरे हुए थे और मैं उसकी तरफ़ देखकर कहने लगा पापा ने हामी तो भर दी है लेकिन अभी उन्होंने कुछ नहीं कहा है। मेरी पत्नी चाहती थी कि हम अपने बच्चे का एडमिशन अच्छे स्कूल में करवाएं और उसके लिए मैंने भी अपने पास कुछ पैसे बचाये थे। कुछ ही दिनों में लता के पिताजी ने कहा कि मैं तुम्हारी पैसे से थोड़ी बहुत मदद कर देता हूं, मेरे लिए तो यह कोई सहारा जैसा था और उन्होंने मुझे कुछ पैसे दे दिए मैंने उससे अपने बच्चे का दाखिला एक बड़े स्कूल में करवा दिया।

हालांकि वहां पर सारे बड़े घराने के बच्चे आते थे लेकिन हिम्मत करके मैंने भी अपने बच्चे का दाखिला वहां करवा ही दिया लता इस बात से बहुत खुश थी लता कहने लगी कि हम लोग पापा मम्मी से मिल आते हैं। मैंने लता से कहा ठीक है हम लोग वहां चलते हैं और हम लोग लता के माता-पिता से मिलने के लिए चले गए जब हम लोग उनसे मिलने के लिए गए तो वहां पर लता के ममेरे भाई आए हुए थे..

और उनके साथ उनकी पत्नी थी। antervasna kahani

मेरा उनके साथ इतना ज्यादा परिचय तो नहीं था लेकिन लता ने मेरा उनसे परिचय करवाया और कहा की यह मेरे मामा जी के लड़के हैं उनका नाम सुबोध था और उनकी पत्नी का नाम आशा। वह दोनों ही हमसे कहने लगे यदि आपके घर के आस पास कोई घर किराए पर मिल जाए तो हमें बता दीजिएगा सुबोध का ट्रांसफर दिल्ली में हो चुका था तो वह चाहते थे की उनके लिए कोई घर देख लिया जाए।

मैंने कहा ठीक है मैं आपको बता दूंगा और उस दिन लता अपने माता पिता से मिलकर बहुत खुश थी सुबोध के साथ कुछ ही देर की दोस्ती बहुत गहरी हो गई। हम लोग शाम को अपने घर लौट आए मैंने आस पड़ोस में अपने दोस्तों को पूछना शुरू किया तो किसी ने मुझे गोयल जी के बारे में बताया उनसे मेरा इतना संपर्क नहीं था लेकिन जब मैं गोयल जी से मिलने के लिए गया तो मैंने उन्हें बताया कि मैं यहीं पास में रहता हूं।

गोयल जी कहने लगे मैंने आपको देखा तो है.. antervasna kahani

मैंने उनसे पूछा साहब क्या आपके घर पर कोई कमरा खाली होगा वह कहने लगे आप आकर देख लीजिए यदि आपको अच्छा लगे तो आप बता दीजिएगा। मैंने उन्हें कहा दरअसल मेरी पत्नी के ममेरे भाई को रहने के लिए दो कमरों का सेट चाहिए था यदि आपके पास वह उपलब्ध है तो मैं उन्हें बुला देता हूं वह कहने लगे हां क्यों नहीं आप देख लीजिए। मैंने जब उनके घर के ऊपर वाले फ्लोर को देखा तो मुझे अच्छा लगा और मैंने लता से कहा तुम सुबोध से कह देना कि वह देखने के लिए आ जाए लता कहने लगी ठीक है।

कुछ समय बाद सुबोध और आशा घर देखने के लिए आए तो उनको घर काफी अच्छा लगा और उन लोगों ने गोयल जी से रहने की बात कर ली अब वह लोग हमारे पड़ोस में ही रहने वाले थे। मैंने ही उनके घर के सामान को शिफ्ट करने में उनकी मदद करी और जब उनका घर का सामान शिफ्ट हो चुका था तो उस दिन उन लोगों ने हमारे घर पर ही रात का डिनर किया।

सब लोग थकान से चूर हो चुके थे.. antervasna kahani

क्योंकि घर की साफ सफाई में बहुत समय लग गया था लता ने जैसे तैसे खाना तो बना ही लिया था क्योंकि उसका साथ आशा ने दिया और उन दोनों ने रात का भोजन बना दिया था। हम लोगों ने साथ में भोजन किया तो सुबोध मुझे कहने लगे अब हम लोग चलते हैं वह लोग जा चुके थे और उसके बाद उन लोगों का अक्सर हमारे घर पर आना जाना था। लता को भी आशा के रूप में अपना साथी मिल चुका था क्योंकि लता भी काफी अकेली हो जाया करती थी इसलिए उसे भी आशा के रूप में एक दोस्त मिल चुका था। आशा काफी पढ़ी लिखी थी तो एक दिन मैंने आशा को कहा कि आप ट्यूशन क्यों नहीं पड़ा लेती वह कहने लगी हां बिल्कुल ठीक कह रहे हैं मैंने भी इस बारे में सुबोध से बात की थी तो वह भी मुझे यही कह रहे थे।

Choti Bangla

लता ने भी कहा कि भाभी आपको ट्यूशन पढ़ा लेना चाहिए इससे आपको अच्छा लगेगा और घर में दो पैसे भी आ जाया करेंगे। आशा भाभी ने ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था अब वह ट्यूशन पढ़ाती थी तो हमारे घर पर कम ही उनका आना होता था लेकिन फिर भी वह समय निकालकर दिन में एक बार तो आ ही जाती थी। मेरा और सुबोध का उठना बैठना भी काफी हो चुका था हम लोग भी एक दूसरे के साथ खुलकर बातें करने लगे थे मुझे नहीं मालूम था कि सुबोध शराब पीते हैं। एक दिन मैंने सुबोध से पूछ लिया तो वह कहने लगे हां मैं ड्रिंक कर लेता हूं तो उसी के साथ हम लोगों ने एक दिन घर पर बैठने का निर्णय किया और उस समय शराब के नशे में सुबोध मुझसे अपनी परेशानी बयां करने लगे।

उनके अंदर जैसे परेशानियों का भंडार था.. antervasna kahani

वह कहने लगे कि उनके भैया और उनके बीच में जमीनी विवाद काफी समय से चल रहा है जिस वजह से वह काफी परेशान हो चुके हैं और अपनी नौकरी पर भी ध्यान नहीं दे पाते। मैंने उन्हें कहा कोई बात नहीं सब सही हो जाएगा उन्हें उस दिन मुझसे बात कर के अच्छा लगा और पहली बार ही उन्होंने मुझसे अपने घर के बारे में बात कही थी इससे पहले उन्होंने कभी भी मुझसे इस बारे में नहीं बताया था। जब उन्होंने मुझे इस बारे में बताया तो मैं उन्हें कहने लगा कि आप चिंता ना कीजिए सब ठीक हो जाएगा और वह उसके बाद घर चले गए।

मैंने जब यह बात लता को बताई तो वह कहने लगी हां सुबोध भैया और गौतम भैया के बीच में काफी समय से जमीन का विवाद चल रहा है जिस वजह से उन दोनों भाइयों के बीच बिल्कुल भी नहीं बनती है। मुझे जब यह बात लता ने बताई तो मुझे अजीब सा महसूस हुआ क्योंकि मुझे तो लगता था की सुबोध और उनके परिवार में सब कुछ ठीक होगा परंतु उस दिन जब मुझे लता ने यह सब बात बताया तो मैं हैरान रह गया।

मैने लता से कहा क्या उन्होंने इसके लिए कुछ नहीं किया तो वह कहने लगी उन्होंने इस बारे में काफी बात की लेकिन अभी तक उनका जमीनी विवाद खत्म नहीं हो पाया शायद इसी वजह से सुबोध परेशान रहने लगे थे और उनका तनाव इतना अधिक होने लगा कि आशा भी परेशान रहने लगी थी। उनके झगड़े साफ तौर पर दिखाई देने लगे थे सुबोध आशा को बेवजह डांट दिया करते थे जिससे कि वह भी बहुत उदास रहने लगी थी। एक दिन लता ने मुझे कहा कि मैं आज पापा मम्मी से मिलने जा रही हूं और बच्चों को भी अपने साथ लेकर जा रही हो तो मैंने लता से कहा ठीक है लता जा चुकी थी।

आशा उस दिन घर पर आई.. antervasna kahani

तो वह कहने लगी आज लता नहीं दिखाई दे रही तो मैंने आशा से कहां वह पापा मम्मी से मिलने के लिए गई है काफी दिन हो गए थे वह मिल नहीं पाई थी। आशा कहने लगी मैं भी चलती हूं लेकिन मैंने आशा को रोक लिया और कहा तुम अभी जाकर क्या करोगी बैठ जाओ। मेरी नजर तो पहले से ही आशा पर थी और आशा को भी क्या मालूम था कि मैं उसके दुखती रथ पर हाथ रख दूंगा।

जब मैंने उसे कहा सुबोध के बारे में बताओ तो वह बहुत ही ज्यादा परेशान हो गई और कहने लगी मैं काफ़ी परेशान हो चुकी हूं। मैंने भी आशा की जांघ पर हाथ रखा और उसे सहलाना शुरू कर दिया जिस प्रकार से मै उसकी जांघ को सहला रहा था उससे वह भी मचलने लगी थी वह बिल्कुल भी रह ना सकी। मैंने आशा से कहा मैं तुम्हारी योनि के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं और तुम्हारे साथ में शारीरिक संबंध बनाना चाहता हूं।

वह भी मान गई और कहने लगी ठीक है आपको जो करना है कर लीजिए। antervasna kahani

हम दोनों की रजामंदी हो चुकी थी जब हम लोग बेडरूम में गए तो वहां पर मैने बेडरूम की बत्ती बुझा दी। बेडरूम में मैंने पूरा रोमांटिक माहौल पैदा कर दिया अब आशा मेरी बाहों में आ गई। मैंने आशा के गुलाबी होठों को अपने होठों में लिया तो वह भी मुझे ऐसे चुंबन दे रही थी जैसे कि ना जाने कितने दिनों से भूखी बैठी हो और आखिरकार उसने मुझे काफी देर तक किस किया।

जब वह मुझे किस करती तो मुझे भी अच्छा लगता जैसे ही मैंने आशा के स्तनो पर अपनी जीभ को लगाया तो वह पूरी तरीके से मचलने लगी और मुझे भी अच्छा लगने लगा परंतु जब मैंने अपने लंड को आशा की योनि पर लगाया तो वह मुझे कहने लगी तुम अंदर डालो। मैंने भी अंदर की तरफ धक्का देते हुए आशा की योनि में अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। उसकी योनि के अंदर मेरा लंड जा चुका था मैं बड़ी तेज गति से धक्के दिए जा रहा था। मैंने काफी देर तक उसे धक्के मारे जब हम दोनों एक दूसरे के बदन की गर्मी को ना झेल सके तो 10 मिनट के बाद मेरा वीर्य बाहर निकल आया।

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जब छाए तेरा जादू… https://sexstories.one/hot-bhabhi-ke-boobs/ Fri, 30 Oct 2020 18:14:55 +0000 https://sexstories.one/?p=1404 हैल्लो दोस्तों, में एक बार फिर से आपके सामने अपनी एक नई और अनोखी स्टोरी के साथ आया हूँ, जिसमें मैंने अपनी बड़ी भाभी के साथ दुबारा फिर से पूरे 5 साल के बाद बंद ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, में एक बार फिर से आपके सामने अपनी एक नई और अनोखी स्टोरी के साथ आया हूँ, जिसमें मैंने अपनी बड़ी भाभी के साथ दुबारा फिर से पूरे 5 साल के बाद बंद हुए संबंध फिर से कायम किए। इससे पहले भी में अपनी दो स्टोरी और लिख चुका हूँ। जब मैंने अपनी बड़ी भाभी को पहली बार चोदा था, तब में केवल 19 साल का था और वो मेरी ज़िंदगी की पहली चुदाई थी। bhabhi boobs

अब में आपको बता दूँ कि मेरी छोटी भाभी के साथ संबंध बनते ही मेरी बड़ी भाभी मुझसे नाराज हो गयी थी और संबंध तोड़ लिए थे और आज मेरी उम्र 24 साल है और इन 5 सालों में मैंने अपनी छोटी भाभी को भरपूर प्यार दिया और अभी तक में अपनी छोटी भाभी को चोदता आ रहा हूँ। इन 5 सालों के अपनी छोटी भाभी के साथ हुआ अनुभव भी में आपके साथ शेयर करूँगा, लेकिन पहले में आपको अपनी बड़ी भाभी की यह मजेदार स्टोरी सुनाना चाहता हूँ।

यह बात केवल 3 महीने पहले की है, जब मेरे लंड को पहली वाली चूत फिर से खाने को मिली जिसे मेरे लंड ने अपनी ज़िंदगी में पहली बार चोदा था। तो अब में आपका वक़्त ख़राब ना करते हुए अपनी स्टोरी पर आता हूँ। ये बात जून की है, भयंकर गर्मी के दिन थे, उन दिनों मेरी वाईफ का 9वां महीना चल रहा था और डिलेवरी होने वाली थी। फिर तभी मैंने अपनी बड़ी भाभी को मेरी वाईफ की मदद के लिए गाँव से शहर बुलाया। bhabhi boobs

में ग्वालियर में रहता हूँ और मेरी पूरी फेमिली गाँव में रहती है, तो भाभी मेरे साथ आ गयी। फिर मेरी वाईफ भाभी को देखकर बहुत खुश हुई। अब हम दो कमरो का घर लेकर रह रहे है, एक कमरे में हम तीनों सोते थे और दूसरे कमरे में मेरे दादी और भाभी के बच्चे सोते थे। अब गर्मी होने के कारण हम सभी जमीन पर सोते थे, ताकि थोड़ी ठंडक मिल सके। अब भाभी बीच में सोती थी और हम दोनों पति-पत्नी भाभी के दोनों तरफ सोते थे।

Hindi sex kahaniचूत का जुगाड़

फिर 2-3 दिन तो आराम से गुजरे, लेकिन बाद में मेरे मन में उथल-पुथल होने लगी कि में कब भाभी की मक्खन जैसी चूत को चोद पाउँगा? अब में आपको बता दूँ कि मेरी बड़ी भाभी मेरी छोटी भाभी से भी सेक्सी और चुदासी है, उनकी चूत हमेशा लंड खाने को बेकरार रहती है, क्योंकि ऐसा एक भी दिन नहीं जाता था जब वो भैया से ना चुदे, क्योंकि में कई बार उनकी चुदाई देख चुका था और मैंने उनके कमरे के बाहर से उनकी चुदाई की आवाज़ें सुनी थी इसलिए में ज़ानता था कि भाभी मुझसे जरूर चुदेगी, वो बिना लंड के नहीं रह सकती है इसलिए मुझे सिर्फ़ उनको भड़काने की जरूरत थी और ऐसा ही हुआ।

फिर एक दिन भाभी बहुत गहरी नींद में सो रही थी, वो एकदम सीधी लेटी थी, वाउ वो क्या लग रही थी? उनकी चूची एकदम ऊपर की तरफ तनी हुई और टाँगे फैली हुई थी। अब भाभी को ऐसे पोज में देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था। फिर मैंने अपना एक हाथ भाभी के सीने पर रख दिया और उनकी चूची दबाने लगा। फिर मैंने अपना एक हाथ भाभी की चूत पर रखा हाईईईईईईईईईईईईई उनकी चूत में से एकदम गर्म-गर्म भाप जैसी निकल रही थी और उनकी चूत एकदम फूली हुई पॉव रोटी की तरह मुलायम गद्देदार थी। bhabhi boobs

फिर मुझसे रहा नहीं गया तो में भाभी की साड़ी ऊपर की तरफ खिसकाने लगा और उनकी जाँघो पर अपना हाथ फैरने लगा। फिर भाभी थोड़ी कसमसाई और अपनी एक टांग मोड़ ली, जिससे उनकी चूत और फैल गयी शीईई, हाईईईईईई। फिर मैंने जैसे ही अपना हाथ उनकी चूत पर रखा, लेकिन भाभी ने पेंटी पहनी हुई थी। फिर मैंने उनकी पेंटी एक साईड में करके अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी और अपने एक हाथ से उनकी चूची दबाने लगा। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

अब मेरा लंड उनकी चूत में जाने के लिए फटा जा रहा था, अब पूरे 5 साल के बाद मेरे हाथ में वो चूत थी, जिसे मैंने पहली बार चोदा था। फिर मैंने अपनी उंगली आगे-पीछे करनी शुरू कर दी। अब मेरी उंगली उनकी चूत में अंदर बाहर होने लगी थी। फिर भाभी ने कसमसाकर अपनी दोनों टाँगे फैला दी और अपने दोनों हाथ बिल्कुल ऊपर उठा लिए, जिससे उनकी चूची और तन गयी और चूत तो जैसे बिल्कुल मुँह फाड़कर मेरे लंड को निमंत्रण देने लगी कि आजा मेरे राजा मुझमें समा जा। सच कहूँ तो उस पोज़िशन में भाभी किसी मल्लिका या बिपाशा से कम नहीं लग रही थी, हाईईईईई मेरी रानी।

फिर मैंने अपनी एक और उंगली भाभी की चूत में घुसा दी। अब भाभी की चूत में से ढेर सारा पानी निकल रहा था। अब में एकदम जोश में आ गया था और मैंने अपनी दोनों उंगलियाँ तेज़ी से उनकी चूत में चलानी शुरू कर दी। फिर तभी भाभी जाग गयी और मुझे हैरानी से देखने लगी, लेकिन में मुस्कुराने लगा। फिर वो सो गयी और में भी अपना लंड हिलाकर सो गया। फिर अगले दिन भी वही कहानी दोहराई, लेकिन इस बार मैंने अपनी 3 उंगलियाँ उनकी चूत में डाली थी।

फिर 3-4 दिन तक ऐसे ही चलता रहा, लेकिन भाभी ने मुझे चोदने का सिग्नल नहीं दिया, लेकिन मैंने फिर भी भाभी को नहीं छोड़ा और में उन्हें एक दिन चोदकर ही माना। bhabhi boobs

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भाभी की चूत पर लंड का वार https://sexstories.one/chodai-ki-mast-kahani/ Fri, 16 Oct 2020 19:52:48 +0000 https://sexstories.one/?p=1298 हैल्लो दोस्तों, अन्तर्वासना में भी आप लोगों की तरह सेक्सी कहानियों को पढ़ने का दीवाना हूँ और ऐसा करना मुझे बड़ा अच्छा लगता है। मेरी उम्र 24 साल है और मुझे हॉट सेक्सी माल की ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, अन्तर्वासना में भी आप लोगों की तरह सेक्सी कहानियों को पढ़ने का दीवाना हूँ और ऐसा करना मुझे बड़ा अच्छा लगता है। मेरी उम्र 24 साल है और मुझे हॉट सेक्सी माल की चुदाई करने में बहुत मज़ा आता है। दोस्तों में बहुत दिनों से आप लोगो की कहानियों को पढ़कर सोच रहा था कि में भी आप सभी के साथ अपने जीवन का हर एक लम्हा वो घटना सभी को बताऊँ जो मेरे साथ घटी और आज वो दिन आ ही गया इसलिए में अपनी कहानी को सभी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग के पढ़ने वालो के लिए लेकर आया हूँ। chodai ki mast kahani

दोस्तों यह बात आज से करीब 6 महीने पहले की है जब में कुछ दिनों के लिए अपने भाई और भाभी के यहाँ मुंबई गया हुआ था। दोस्तों मेरे भाई एक प्राइवेट कंपनी में काम करते है और उनको अक्सर अपने काम से बाहर जाना होता है। में जब अपने भाई के यहाँ मुंबई गया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। वैसे तो में मुंबई पहले भी बहुत बार गया था, लेकिन इस बार मेरे मन में एक कुछ अलग ही अंजानी खुशी थी। फिर दो चार दिनों के बाद ही में और मेरी भाभी बहुत अच्छे दोस्त बन गए। तो अक्सर अब हम दोनों के बीच हंसी मजाक होने के साथ साथ सेक्स के बारे में भी कभी कभी बातें होने लगी थी, इसलिए हम दोनों के बीच की दूरी धीरे धीरे कम होकर हमारे बीच अब दोस्ती से प्यार ने जन्म लेना शुरू कर दिया था, लेकिन हम दोनों वो बातें एक दूसरे से भी छुपा रहे थे। chodai ki mast kahani

दोस्तों मेरी भाभी जितनी सुंदर है उतना ही सेक्सी कातिल उसका जिस्म है अक्सर में कोई भी अच्छा मौका देखकर भाभी की मस्त गांड और बड़े आकार के गोलमटोल बूब्स को देखने के साथ साथ कभी छू भी लिया करता था और अब मेरा मन करता था कि में उसी समय भाभी की गांड, बूब्स को पकड़ लूँ उनका रस निचोड़ दूँ, लेकिन कभी मुझे ऐसा मौका नहीं मिल रहा था। दोस्तों मेरी भाभी की उम्र उस समय 29 साल थी और उसका वो आकर्षक फिगर 38-26-38 इंच का था, भाभी की उस गांड, बूब्स, को देखकर में बिल्कुल मदहोश हो जाता था और अब तो मेरा मन भाभी की जमकर चुदाई करने का हो रहा था।

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भाभी से में रात को तीन बजे तक साथ में बैठकर बातें किया करता और में बीच बीच में अपने लंड पर भी हाथ लगाता और भाभी को एहसासा करवाता कि भाभी को अपने आप मेरे मन की बात समझ में आ जाए। दोस्तों उस दिन बातें करते हुए रात बहुत हो गई थी और हमे सोना भी था, इसलिए हम लोग सो गये और भाई भी भाभी को कई बार बुला चुका था, फिर दूसरे दिन सुबह जब में सोकर उठा तो में कुछ देर बाद भाभी के रूम में चला गया और तब मैंने देखा कि भाभी के कमरे वाली टीवी पर एक ब्लूफिल्म की सीडी रखी हुई थी जिसको उस जगह पर रखा हुआ देखकर में बहुत चकित रह गया मेरे मन में अब तो अजीब सी हलचल हो गई थी। chodai ki mast kahani

में उस ब्लूफिल्म के फोल्डर को देख रहा था कि तभी अचानक से भाभी आ गई और उसने जैसे ही मेरे हाथ में उस फोल्डर को देखा तो वो शरमा और घबराकर वहां से भाग गई। अब मुझे तो ऐसा लगा कि भाभी आज मेरे भाई से यह सभी बातें ना बोल दे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मुझे नहीं पता था कि आज मुझे एक के बाद एक बहुत सारी खुशियाँ मिलेगी, क्योंकि जब मेरा भाई तैयार होकर अपने बेग को लेकर उसके ऑफिस जा रहा था तब भाई ने मुझसे कहा कि तुम अपनी भाभी का ध्यान रखना, क्योंकि में आज पूरे एक सप्ताह के लिए बाहर जा रहा हूँ और इतना कहकर वो चला गया।

दोस्तों मुझे तो उसके मुहं से वो बात सुनकर मानो कि कोई प्रसाद मिल गया था, जिसकी वजह से में मन ही मन यह बात सोचकर बहुत खुश हो रहा था कि आज मेरा काम बन जाएगा क्योंकि अब मेरा भाई हम दोनों को अकेला छोड़कर चला गया था। फिर ऐसे ही हम दोनों के बीच थोड़ी बहुत बात हुई और तब तक दिन के खाने का समय हो चुका था। तब तक भाभी भी नहाकर तैयार हो चुकी थी और उस समय भाभी ने एक गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी और उसमे भाभी क्या मस्त सेक्सी लग रही थी, वो बड़ी कमाल की मदहोश करने वाली सेक्सी औरत लग रही थी।

अब तो भाभी मुझसे और में भाभी से कुछ भी नहीं बोल पा रहा था। फिर हम दोनों एक दूसरे से झेप रहे थे, लेकिन दोस्तों शुरुआत तो करनी थी ना। अब में भाभी से बोल पड़ा भाभी क्या हुआ बोलो ना? भाभी मेरी तरफ देखकर हंसने लगी और उन्होंने मुझसे कहा कि आदि ऐसे किसी की कोई चीज़ बिना पूछे नहीं देखते और ना उसको हाथ लगाते है।

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फिर मैंने भाभी को कहा कि हाँ ठीक है भाभी में दोबारा नहीं देखूँगा और अगर मैंने देख भी लिया है तो क्या हुआ हम दोनों एक दोस्त भी तो है ना? अब भाभी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराकर चली गई और उसके कुछ देर बाद हम दोनों साथ में बैठकर खाना खाने लगे। तो मैंने उसी समय भाभी से कहा कि भाभी में आपसे एक बात जानना चाहता हूँ अगर आप इसका बुरा ना मानो तो में पूछ लूँ? अब भाभी ने कहा कि तुम्हे क्या बात मालूम करनी है? मैंने कहा कि क्यों आप बुरा तो नहीं मनोगी ना? भाभी ने कहा कि नहीं पागल में बुरा नहीं मानूगी तुम बोलो। अब मैंने भाभी से कहा कि भाभी आपको ब्लूफिल्म देखकर कैसा लगता है?

भाभी मेरे मुहं से यह सवाल सुनकर एकदम से घबरा गई और वो बिल्कुल चुप हो गई, मैंने भाभी को एक बार फिर से कहा प्लीज भाभी बताओ ना प्लीज भाभी बोलो ना में उनसे आग्रह करने लगा और उसके बाद वो बोली कि मुझे वो फिल्मे देखनी बहुत अच्छी लगती है। फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी एक बात और भी पूछनी है? भाभी ने कहा कि हाँ बोलो वो क्या है? तब मैंने भाभी से कहा कि भाभी मुझे कभी कभी ऐसा लगता है कि तुम भाई से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो पाती हो? अब भाभी ने कहा कि नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है और अब में एकदम चुप हो गया। chodai ki mast kahani

फिर दोपहर के दो बजे थे और में उस समय अपने रूम में आराम कर रहा था और उस समय भी में अपनी भाभी के बारे में ही सोच रहा था कि तभी पता नहीं मुझे क्या हुआ और में तुरंत उठकर भाभी के कमरे की तरफ चला गया और तब में अपनी आखों से वो नजारा देखकर एकदम हैरान रह गया क्योंकि उस समय भी मेरी भाभी ब्लूफिल्म देख रही थी और वो अब अपनी चूत में एक मोमबत्ती को डालकर उसको अंदर बाहर कर रही थी, लेकिन भाभी का काम ठीक तरह से नहीं हो पा रहा था।

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भाभी ने चोदना सिखाया https://sexstories.one/bhabhi-ki-chudai/ Sun, 04 Oct 2020 21:31:39 +0000 https://sexstories.one/?p=294 दोस्तो। मैं पल्लव ३२ साल का हूं और यह कहानी तब की है जब मैं २५ साल का था। मैं अक्सर यहाँ हिंदी सेक्स कहानी (Hindi sex story) और भैया से चुदाई कहानी पढ़ने आती ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तो। मैं पल्लव ३२ साल का हूं और यह कहानी तब की है जब मैं २५ साल का था। मैं अक्सर यहाँ हिंदी सेक्स कहानी (Hindi sex story) और भैया से चुदाई कहानी पढ़ने आती हु.. मैं दसवीं के विद्यार्थियों को ट्यूशन पढ़ाया करता था। मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था, पति-पत्नी, उनकी 5 लड़कियाँ, एक लड़का और बच्चों के दादा। बड़ी लड़की दसवीं में पढ़ती थी। आदमी दिल्ली में नौकरी करता था।

मुझे ट्यूशन पढ़ाते देख गीता भाभी ने मुझे अपने घर बुलाया और कहा -मेरी बेटी की दसवीं की परीक्षा है, घर की हालत ठीक नहीं है, क्या आप उसको कभी कभार दस-बीस मिनट कभी भी शाम को या रात में थोड़ा पढ़ा देंगे?

Hindi Sex Story – बीवी ने नौकर के मोटे लंड से चुदवाया

मैंने कहा- हाँ ! क्यों नहीं ! कल से ही आ जाउंगा।

दूसरे दिन फ़िर उसने मुझे कहा तो रात को मैं उनके घर चला गया, थोड़ी देर पढ़ाया और चला आया। फ़िए मैं रोज़ जाने लगा। पढ़ाई के समय गीता भाभी हमारे पास ही बैठती थी।

एक रात जब मैं पढ़ा रहा था तो गीता ने अपनी बेटी के सामने ही कहा- आप बहुत थक जाते होंगे, लाईये मैं आपके पैर दबा दूं !
पता नहीं क्यों मैं भी इन्कार ना कर सका और वो मेरे पैर दबाने लगी। मेरे शरीर में कुछ हलचल सी होने लगी। थोड़ी देर में मैं वहाँ से चला आया पर रात भर नींद नहीं आई क्योंकि पहली बार किसी औरत ने मेरे बदन को छुआ था।

अगले दिन से वो रोज़ मेरे पाँव दबाने लगी, पर उसका हाथ धीरे धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगा। एक दिन वो जिद करके तेल लगाने लगी। उस समय मैं उसकी बेटी को बायोलोज़ी पढ़ा रहा था। अचानक वो मेरे लण्ड पर तेल लगाने लगी। मेरा लण्ड खड़ा हो गया।जब मैंने उसकी ओर देखा तो वो मुस्कुराने लगी। जब मैंने आने लगा तो उसने कहा कि पेट दर्द की कोई दवाई हो तो देना।

करीब ९ बजे मैं दवाई देने गया तो दरवाज़ा खुला था, गीता के ससुर सोए हुए थे, मेर हाथ पकड़ कर वो मुझे अपने कमरे में ले गई। बच्चे दूसरे कमरे में सोए हुए थे। उसने भीतर से दरवाज़ बन्द किया और तेल लेकर आई और बोली- उस समय ठीक से लगा नहीं पाई थी। वो तेल लगाने लगी पर कुछ देर बाद तेल के बहाने वो मेरे लण्ड को सहलाने लगी। मेरा लण्ड तो पूरा खड़ा हो गया। मेरी सहनशक्ति समाप्त हो गई। मैंने उसे बाहों में कस कर जकड़ लिया और धीरे धीरे उसे बिछावन पर ले गया।

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बिछवन पर जाते ही उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए। मैं भी कुछ नहीं बोला। वो साली मेरा लण्ड खाने को बेताब थी ही। उसने सहलाते सहलाते मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। लण्ड चूसते हुए वो अपनी कमर भी ऊपर नीचे कर रही थी। मैं तो जैसे ज़न्नत में था। मेरे मुंह से ओह! भाभी और जोर से ! ओह गीता ओह ! मेरी रानी और तेज़ ! जैसे शब्द निकल रहे थे। उसकी कमर ऊपर नीचे होती देख मैंने पूछा- भाभी ! यह क्या कर रही हो, तो उसने झट मेरा हाथ पकड़ कर अपनी बुर पर रख दिया। उससे पानी निकल रहा था।

अब उसने मेरी उंगली अपनी बुर में जोर से ठेल दी। उंगली घुसते ही उसने ज़ोर से ओह! कहा और बोला- देवरजी एक और घुसा दो और तेजी से अन्दर बाहर करो और मेरी बुर को चोदो।

मैंने पूछा- क्या इसे ही चुदाई कहते हैं?

तब उसने कहा- देवर जी ! तुम पढ़ाई में तो काफ़ी तेज़ हो पर चुदाई में निरे बुद्धू हो। यह तो तुम उंगली से चोद रहे हो, पर जब तुम अपना यह मोटा हथियार मेरी बुर में घुसाओगे तब होगी असली चुदाई। अप्र वो सब बाद में। अभी तो तुम 69 की अवस्था में होअक्र उंगली ही अन्दर बाहर करो।

Hindi Sex Story – देहाती चाची की जमके चुदाई की

मैं वैसा ही करने लगा। वो सेक्स के जोश में गंदी गंदी बातें कहने लगी। मैं पेल रहा था और वो कहती जा रही थी- जोर से और जोर से मेरे राज़ा ! मेरे पति ने तो कभी ऐसे प्यार ही नहीं किया, साला सिर्फ़ लण्ड पर तेल मालिश करवाता है। जब लण्ड खड़ा होता तो मेरे गर्म ना होते हुए भी लण्ड मेरी बुर में घुसा देता है और अपना धात जल्दी ही गिरा कर सो जाता है। इस भौंसड़ी बुर ने भी छः कैलेण्डर निकाल दिए पर इसकी आग शान्त नहीं हुई। पर राज़ा तुम नादान हो, जैसा मैं कहती हूँ वैसा करो, तुम चुदाई सीख जाओगे। मैं तुम्हारा लण्ड चूस कर इस पर तेल लगा कर घोड़े जैसा बना दूंगी, फ़िर उस घुड़लण्ड से रोज़ चुदवाउंगी।

इतना कह कर गीता ने फ़िर मेरा लण्ड चूसना शुरू कर दिया। मैं भी अपनी उत्तेज़ना में उसकी बुर में अपनी तीन उंगली तेजी से घुसा निकाल रहा था, पर छः बच्चों के जन्म ने उस्की बुर का भौन्सड़ा बना दिया था। अतः उंगली कहाँ जाती, पता ही नहीं चलता। वो वाह रे मेरे राज़ा ! तेजी से करो, जैसे शब्द कह कर शान्त पड़ गई, वो झड़ गई।

इतने में मैंने कहा- भाभी ! मेरे भीतर से कुछ निकलने वाला है !

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इतना सुन कर उसने मेरे लण्ड को मुंह से निकाला और हाथ से मेरे लण्ड को आगे पीछे करने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ ही देर में मेरे लण्ड से फ़व्वारा निकला और उसकी साड़ी पर गिरा। उसने हंसते हुए कहा कि देवरजी सारी साड़ी खराब कर दी ना ! अब नई साड़ी ला कर देना।

पर कोई बात नहीं, अब तो मेरी साड़ी रोज़ खराब होनी है, क्योंकि जब तक तेरे भैया नहीं आ जाते, मैं तो तुमसे रोज़ चुदवाउंगी, तुझे चुदाई में होशियार कर दूंगी। पर उनके आने के बाद भी मुझे छोड़ना नहीं, उनका लण्ड तो पुराना हो गया है पर तेरा तो जवान है। मैं समय निकाल कर तुमसे जरूर चुदवाउंगी। इतना कह कर वो बाहर गई, पानी लाई और मेरा लण्ड साफ़ किया और फ़िर से उसे चूसने लगी। तो मैंने कहा- अभी जाने दो, कल आउंगा।

उसने कहा- ठीक है ! कल तुम्हें असली चुदाई सिखाउंगी और मज़ा दूंगी।

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भाभी की चूत और गांड मारी https://sexstories.one/bhabhi-ki-gaand-chut-hindi-sex-stories/ Fri, 07 Aug 2020 10:27:23 +0000 https://sexstories.one/?p=67 हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्चित है, में सूरत का रहने वाला हूँ. आज में अपना खुद का अनुभव आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ. यह स्टोरी मेरी और मेरी पड़ोसी भाभी के ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्चित है, में सूरत का रहने वाला हूँ. आज में अपना खुद का अनुभव आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ. यह स्टोरी मेरी और मेरी पड़ोसी भाभी के साथ सेक्स अनुभव की है. मेरी भाभी की उम्र 25 साल है, उनका नाम स्नेहा है, कलर सांवला, फिगर साईज 32-30-34 है. bhabhi chut

मुझे पहले मेरी भाभी में रूचि नहीं थी मगर यह एक दिन की बात है जब से मेरी लाईफ को चेंज कर दिया. जब शादी के 4 महीने के बाद उनके पति देव ऑस्ट्रेलिया चले गये, तो तब से मेरी कहानी शुरू हो गयी. फिर जब में कॉलेज के बाद घर आया तो तब वो बोली कि तुम अगर बिज़ी नहीं हो तो तुम मेरे घर पर आ सकते हो. तो तब मैंने उसको ना बोल दिया, अब मुझे काम था पढाई करनी थी, तो में नहीं जा पाता.

Bhabhi chut chudai karwane ko ready thi!

फिर कुछ दिन के बाद जब में उनको लास्ट वाली बात पर सॉरी बोलने गया तो तब मैंने देखा कि घर अच्छी तरह सजाया था. फिर मुझे पता चला कि उस दिन मेरी भाभी का बर्थ-डे था. ( उसके नौकर ने बताया था ) फिर मैंने सोचा कि क्यों ना विश करूँ? और सॉरी भी बोल दूँ और फिर में उनके रूम में विश करने गया तो रूम में कोई नहीं था. तो तब मेरी आँखे चमकी और ऐसे ही देखने लगा.

अब मेरे अंदर करंट दौड़ गया था और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. bhabhi chut

तब वो पंजाबी ड्रेस में थी और कपड़े फुल टाईट बूब्स तक कपड़े टाईट और वो बहुत खूबसूरत दिख रही थी. अब मैंने सोच लिया था कि ये मेरी ब्लू फिल्म की हिरोइन है, क्या बदन है? क्या बूब्स है? क्या गांड है साली की? अब मुझे सिर्फ़ उसे राज़ी करना है. अब में उसके बूब्स देखता ही रह गया था.

फिर मैंने होश में आकर कहा कि भाभी हैप्पी बर्थ-डे और सॉरी भी कहा. तो तब वो बोली कि कोई बात नहीं यार ऐसा होता रहता है. फिर उसके बाद मैंने फिर से एक बार बर्थ-डे विश किया और मन ही मन में कहा कि हैप्पी बूब्स डे. फिर उस दिन से में उनके क्लोज़ हो गया. अब हम बहुत बातें करने लगे थे मेरे कॉलेज पर और मूवी पर और में चान्स ढूँढ रहा था कि कब उसकी चूत देखूं?

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भाभी भी एक ऑफिस में नौकरी करती है, जो घर से बहुत दूर था. अब में चान्स ढूँढ रहा था और फिर एक दिन मुझे चान्स मिल ही गया और उस दिन रविवार था. उसके घर पर जो नौकर था, वो भी शानिवार को रात को अपने गाँव चला गया था और रविवार को मेरे घर में मेरी माँ ही थी, जो दोपहर के 1 बजे अपने काम से जाने वाली थी. फिर सुबह के 11 बजे तक सब बाहर चले गये और फिर मैंने भी कहा कि मुझे भी बाहर जाना है और चला गया, मुझे पता था कि शाम तक माँ नहीं आएँगी. फिर में 2 घंटे में ही घर वापस आ गया.

Bhabi ki mote chutad bahut mast hai!

अब मेरे घर पर लॉक होने से में उनके घर चला गया था. तो तब भाभी पीले कलर की नाइटी में थी और टी.वी देख रही थी और जब टाईम 1 बज रहे थे. फिर में भी उनके पास बैठ गया और टी.वी देखने लगा. फिर मैंने अपने हाथ आगे ले जाकर उनकी कमर पर डाले.

तब भाभी ने कुछ भी नहीं कहा और फिर वो किचन में काम करने चली गयी. bhabhi chut

फिर थोड़ी देर के बाद में भी उनके पीछे गया. अब में उसके गर्म बदन और उसकी बड़ी सी गांड को देखता ही रह गया था. अब मेरा तो लंड खड़ा हो गया था, जिसे में रोक नहीं सका और उसके पीछे आकर खड़ा हो गया और मेरे दोनों हाथों से भाभी को कसकर दबोचा और उनके बूब्स प्रेस करने लगा था. अब मेरा बड़ा लंड उनकी गांड में उनके कपड़ो के ऊपर से ही घुस गया था. तो तब वो शॉक हो गयी और बोली कि मुझे छोडो, तो मैंने उनको छोड़ दिया. फिर वो मुझे गुस्से से देखकर कहने लगी कि मैंने कभी नहीं सोचा तू ऐसा है और जाकर बेडरूम में लेट गयी थी.

फिर मैंने सारे दरवाजे और खिड़कियाँ बंद कर दिए और उनके बेडरूम में गया और सीधी बात कह डाली कि भाभी मुझे आपको चोदना है, में कब से इस टाईम का इंतजार कर रहा हूँ? प्लीज. तो तब भाभी ने कहा कि अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा? तो तब मैंने कहा कि क्या होगा? कुछ नहीं होगा और यह कहकर उनके बेड पर आ गया.

वो मुस्कुराने लगी और लेट गयी और तब करंट भी नहीं था. bhabhi chut

फिर मैंने धीरे से उनकी नाइटी के हुक एक-एक करके निकाले और फिर उनकी पूरी नाइटी उतार दी, तो उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली. फिर मैंने अपने पूरे कपड़े निकाल दिए. अब हम दोनों पसीने-पसीने थे. फिर मैंने उनको बिस्तर पर लेटा दिया और कहा कि अब सब मुझ पर छोड़ दो. भाभी का बदन सांवला है और पूरा गर्मा-गर्म है. फिर मैंने उनकी सफ़ेद ब्रा के हुक खोलकर उनकी ब्रा को फेंक दिया. अब वो शर्मा रही थी. अब में उनकी काले कलर की पेंटी उतारने लगा था. अब वो मुझे देख रही थी, उसकी चूत शेव की हुई थी. अब वो मुझे ही देख रही थी. अब में पूरे हवस में आ गया था और मन में अटेक कहकर उनके होंठो पर किस किया. अब वो भी मेरे साथ मिल गयी थी.

फिर में थोड़ा नीचे आया और भाभी के नारंगी साईज़ के बूब्स दबाने लगा. तब भाभी ने कहा कि आह और आह और फिर में 5 मिनट तक उनके बूब्स चूसता ही रहा और फिर उससे कहा कि साली रंडी कितनों से चुदवाई हो? तो तब वो कुछ नहीं बोली और हंसी.

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में नीचे आया और उसके पूरे बदन का पसीना ऊपर से नीचे तक चाटा तो वो मुझे देखती रही और उसके बदन का अंग-अंग मुझे देने लगी थी. फिर मैंने उनकी चूत पर अपना एक हाथ डाला तो मेरे हाथ डालते ही वो सिसकारियां लेने लगी. फिर में अपना मुँह उसकी चूत में डालकर चाटने लगा, मेरी भाभी की रसीली चूत का सबको मज़ा लेना चाहिए. फिर मैंने अपना 8 इंच का लंड उनके मुँह पर रख दिया, तो तब भाभी अपने मुँह से मेरे लंड को 10 मिनट तक चूसती रही और बाहर निकालने ही नहीं दे रही थी.

फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी मेरा लंड रुक नहीं रहा है और आपकी रसीली चूत में घुसना चाहता है. तब उसने कहा कि अर्चित जी तो ऐसे क्या देख रहे हो? आपके लंड का मज़ा तो दीजिए हमें. फिर मैंने उसकी दोनों टाँगों को चौड़ा किया और मेरा लंड उनकी काली साफ चूत में धीरे-धीरे डालने लगा. अब में उनकी चूत का मज़ा लूट रहा था. अब भाभी और मैंने हिलना करना शुरू कर दिया था और धीरे से अपना लंड बाहर लेकर आया और तेजी से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया तो तब वो जोर-जोर से कहने लगी कि अर्चित आआआ क्या बात है? आह, आआह, ऐसे ही, आह, ऐसे ही.

तब मैंने कहा कि भाभी आपकी चूत तो फट गयी साली, रंडी और अब तेरी गांड की बारी है और फिर भाभी की गांड में अपना लंड घुसाकर उस रंडी को पूरे 30 मिनट तक पूरी तरह से चोदा. अब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो तब मैंने कहा कि भाभी कहा निकालूं इस पानी को? तो तब वो बोली कि मेरे मुँह में. तो मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही छोड़ दिया और फिर में ठंडा हो गया. फिर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही 10 मिनट तक पड़े रहे. फिर उसने अपने कपड़े पहन लिए तो तब मैंने कहा भाभी आप मस्त माल हो.

फिर हम दोनों को जब कभी भी कोई मौका मिला, तो हमने चुदाई का भरपूर आनंद लिया और खूब इन्जॉय किया. bhabhi chut

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सख्ख्या भाभीला प्रेग्नंट केले https://sexstories.one/%e0%a4%b8%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%ad%e0%a5%80%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a4%82%e0%a4%9f/ Fri, 07 Aug 2020 09:47:23 +0000 https://sexstories.one/?p=50 हेल्लो मित्रांनो माझे नाव वासू आहे आणि माझे वय २१ आहे. माझा लंड ८ इंच लांब आहे आणि आता माझी गोष्ट ऐकून तुम्हाला पूर्ण मजा मिळेल. आज ची घटना माझी आणि माझ्या भाभी ची आहे. ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेल्लो मित्रांनो माझे नाव वासू आहे आणि माझे वय २१ आहे. माझा लंड ८ इंच लांब आहे आणि आता माझी गोष्ट ऐकून तुम्हाला पूर्ण मजा मिळेल. आज ची घटना माझी आणि माझ्या भाभी ची आहे. मी तिला कसे करून आई बनवले होते, एक वर्षे आधी माझ्या मोठ्या भाई चे लग्न झाले होते त्याचे नाव सुनील आहे.. marathi sex stories

आणि माझ्या भाभी चे नाव प्रिया आहे आणि तिचे वय २४ आहे.

माझे भैया दिसायला स्मार्ट आहेत आणि त्या मुळे भाभी पण एकदम सुंदर आहे आणि स्मार्ट दिसते, तिचे मस्त बुब्स पाहून माझे मन तिला ठोकायचे करते, आणि मी तिच्या नावाने मुठ पण मारून देत होतो. भैया इंजिनियर होते आणि त्यांना जास्त करून घर च्या बाहेर राहावे लागत होते, भाभी आणि मी घरी राहत होतो माझे मम्मी पप्पा गावी राहत होते. आता आम्ही दोघे एकदम फ्रेंडली मध्ये बोलत होतो आणि मस्ती पण करत होतो.

एक दिवस भाभी एकटी उदास बसली होती तर मी म्हणले.

काय झाले भाभी तुम्ही असे उदास का आहे?

ती म्हणली कि तुझे भैया मला आठवत आहेत, खूप दिवस झाले ते बाहेर गेले आहेत.

मी – भैया आता लवकर येतील तुम्ही उदास होऊ नका, मी आहे न तुमच्या बरोबर.

ती – तू तर आहेस पण ते तुला समजणार नाही.

मग ती जाऊ लागली होती, तेव्हा तिचा पाय घसरला होता आणि मग ती पडणार होती तेव्हा मी पटकन तिला पकडले होते आणि ती मला थेंक यु म्हणून गेली होती, मला एकदम विचित्र वाटले कारण कि मी तिचे बुब्स टच केले होते. आता माझा लंड एकदम कडक झाला होता आणि मी तर एकदम वेडा झालो होतो, तेव्हा भाभी ने म्हणले कि मी मार्केट मध्ये जाऊन येते, ओके.

मी म्हणले कि ओके.

आता घरी कोणी नव्हते आणि मी दरवाजा बंद करायला पण विसरलो होतो. मग मी भाभी च्या नावाची मुठ मारू लागलो होतो, तिची फोटो मी मोबाईल मध्ये पाहत होतो, तेव्हा भाभी चा आवाज आला हों कि वासू कोठे आहेस? मी पटकन कपडे घातले होते आणि बाहेर आलो होतो, मला वाटले कि तिने काही पाहून तर नाही न घेतले? तिने काही म्हणले नाही आणि मला शांती झाली होती. मग रात्र झाली होती. काही वेळ नंतर भाभी ने मला जेवण करायला बोलवले होते आणि टेबल वर बसून आम्ही दोघे डिनर करत होतो तेव्हा ती म्हणली.

भाभी – तुझ्या भैया बरोबर माझे बोलणे जाले ते अजून काही दिवस बाहेर राहणार आहेत आणि ती उदास झाली होती.

मी – भाभी तुम्ही उदास होऊ नका, आय लव यु ना.

ती – हो तू तर माझा आसरा आहेस वेड्या.

मग काही वेळ नंतर ती म्हणली कि आज तू तुझ्या रूम मध्ये काय करत होता? मी घाबरलो आणि म्हणले कि सोरी भाभी, भैया ला काही सांगू नका प्लीज.

ती – तर तू असे का करत होतास आणि माझे नाव घेत होतास?

मी – भाभी तुम्ही मला खूप आवडता आणि मला तुमच्या सारखी मुलगी सापडली नाही, मला तुम्हाला टच करून मला कंट्रोल झाले नाही त्या मुळे आय लव यु.

हे असे बोलून मग मी माझ्या रूम मध्ये गेलो होतो.

काही वेळ नंतर भाभी आली होती आणि माझ्या बेड च्या जवळ बसली होती आणि म्हणली कि वासू.

मी उठलो आणि म्हणले कि हो भाभी.

मग तिने मला पकडले होते आणि कीस करू लागली होती मला काही समजत नव्हते.

मग ती म्हणली कि तुझि या मध्ये काही चूक नाही आहे, मी पण तुझ्या भैया पासून त्रासले आहे, एक तर ते घरी राहत नाहीत आणि त्यांच्या चुकीच्या कामा मुळे त्यांचे स्पर्म काउंट खूप कमी झाले आहे, आणि त्यांचे लिंग पण लहान आहे, तू माझा पती असतास तर, मी तर आता खूप टेन्शन मध्ये आले आहे.

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मी – भाभी मी तुमच्या साठी काही पण करू शकतो आहे.

ती – खरेच आय लव यु, मग मला तिने मिठी मारली होती. आता तू मला सांग कि मला पाहून तुला काय करायची इच्छा होत असते? तू करून घे मी काही करणार नाही.

मी – भाभी आय लव यु सो मच..

मग मी तिचे बुब्स दाबू लागलो होतो आणि हळू हळू तिच्या ब्लाउज आणि ब्रा ला काढून टाकले होते आणि ती आह उऔअ उऊ या ईई ईई करू लागली होती आणि मी तिचे बुब्स पिऊ लागलो होतो.

काही वेळ नंतर ती म्हणली कि आता मला काही करायला देणार नाहीस काय?

मी म्हणले कि काय भाभी.

ती – चल कपडे काढ आणि बेड वर झोपून जा.

मग मी कपडे कढून बेड वर झोपलो होतो आणि भाभी ला चोकून माझा लंड कडक झाला होता आणि आता भाभी ने पेंटी सोडून सर्व काही काढले होते आणि भाभी ने माझा लंड हात मध्ये घेतला होता आणि म्हणली कि तू तर खूप मोठा झाला आहेस, तुझा लंड तर तुझ्या भैया पेक्षा पण मोठा आहे रे. मग ती माझा लंड पकडून हलवू लागली होती आणि तोंड मध्ये टाकला होता आणि चोकत होती आता मला खूप मजा येत होती आणि मी काही वेळ नंतर म्हणले कि आता माझे निघणार आहे, मग भाभी ने माझा लंड चे पाणी तिच्या तोंड मधे घेतले होते आणि पिऊन गेली होती, मग मी म्हणले कि भाभी मला तुमचे पाणी प्यायचे आहे, मग मी तिला बेड वर झोपवले होते.

मग मी तिची पेंटी काढली होती आणि तिची पुची एकदम पिंक होती आणि गोरी होती, मी तिला पाहून वेडा झालो होतो, मग ती पण इंजोय करत होती, काही वेळ नंतर भाभी ने माझे डोके तिच्या पुची मध्ये दाबले होते आणि सर्व पाणी माझ्या तोंड मध्ये आले होते, तिचे सर्व पाणी मी पिऊन गेलो होतो.

मग माझा लंड परत उभा झाला होता आणि मी लंड पकडला होता आणि भाभी च्या पुची वर ठेवला होता.

ती म्हणली कि जरा थांब कंडोम लावते.

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मग मी थांब्लो आणि ती कंडोम घेऊन आली होती आणि लंड वर लावला होता, ती म्हणली कि चल आता माझी तहान मिटवून दे.

मग मी माझा लंड तिच्या पुची मध्ये टाकला होता आणि भाभी च्या पुची मधून रक्त येऊ लागले होते कारण कि माझा लंड भैया पेक्षा मोठा होता.

मी भाभी ला म्हणले – त्रास होतो आहे काय?

ती – हो पण तू करत राहा, मला पण मजा येत आहे.

मी – भाभी मी तुम्हाला खूप प्रेम करतो आहे, आय लव यु, मग मी तिला जोर जोराणे झटके मारू लागलो होतो.

भाभी – थांब

मी – का?
ती – कंडोम काढून टाक, आता काही झाले तरी मला पर्वा नाही आहे.

मग मी काढले होते आणि आता मी तिचे बुब्स दाबत होतो आणि झटके देत होतो, काही वेळ नंतर भाभी ने काढले होते. आता मला पण १० मिनिट झाले होते, मी काढणार होतो आणि भाभी ला म्हणले कि माझे निघणार आहे बाहेर काढू काय?

तिने म्हणले कि नको आत मध्ये काढून टाक.

मग मी काही वेळ नंतर भाभी ची पुची भरून टाकली होती, मग मी तिच्या वर झोपून तिचे बुब्स चोकू लागलो होतो, १५ मिनिट नंतर मी भाभी ला म्हणले कि मला आत मध्ये काढायला का सांगितले?

ती – कारण कि तुझे भैया मला कधी आई बनवू शकणार नाही, पण तू मला इतके प्रेम करतो आहेस त्या मुळे मला तुझे मुल पाहिजे आहे.

मी – अच्छ म्हणजे तुम्ही माझ्या मुलाची आई बनणार आहे.

भाभी – एक वेळा करून हे काही होणार नाही पण तू माझी रोज मदत केली तर जरूर बनून जाईन करणार काय मदत?

मी हे ऐकले आणि माझा लंड कडक झाला होता, मग मी लंड पकडला होता आणि तिच्या पुची वर टेकवून टाकला होता आणि मग मी तिला कीस करत ठोके मारू लागलो होतो आणि त्या रात्री मी ३-४ वेळा माझे पाणी तिच्या पुची मध्ये काढले होते, १ महिना असे चालू होते आणि आता भाभी प्रेग्नंट झाली होती. ती खूप खुश होती, भैया ने त्याची कमी लपवायला भाभी ला काही म्हणले नाही आणि आता आमचा एक मुलगा आहे, आता मी रोज भाभी ला मजा देतो आणि ठोकतो.

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