Bhabhi ko choda Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/bhabhi-ko-choda/ Hindipornstories.org Mon, 28 Feb 2022 09:05:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बंद कमरा, मैं और वो https://sexstories.one/chudas-padosan-ko-choda/ Mon, 28 Feb 2022 09:05:27 +0000 https://sexstories.one/?p=4322 वह अपनी चूत के अंदर उंगली कर रही थी और मैंने जब उनकी चूत के अंदर अपनी उंगली को डाला तो वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने उनकी चूत के अंदर बाहर अपनी उंगली को करना जारी रखा..

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Chudas Padosan ko Choda हमारा पूरा परिवार अभी संयुक्त परिवार में रह रहा है घर में छोटी मोटी अनबन तो होती ही रहती हैं लेकिन फिर भी मेरी मां ने आज तक घर की बागडोर संभाल कर रखी हुई है और वह परिवार को एकजुट करने में हमेशा ही लगी रहती हैं। पिताजी के देहांत के बाद हम चारों भाइयों ने हीं घर की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर संभाल लिया घर में मैं ही सबसे बड़ा था इसलिए मेरे ऊपर ही सब की जिम्मेदारी है। मेरी पत्नी मीना ने भी मेरा बहुत साथ दिया और हम लोग अभी भी सब साथ में रहते हैं हम चारों भाइयों ने मिलकर अपना कारोबार शुरू किया और अभी तक हम उस कारोबार को करते आ रहे है हमारा काम बहुत ही अच्छे से चल रहा है। मेरी पत्नी कई बार मुझे कहती है कि तुमने अपने परिवार के लिए इतना कुछ किया है लेकिन तुम्हारे भाई तुम्हें बिल्कुल भी नहीं मानते हैं। मैंने अपनी पत्नी को कई बार समझाया कि तुम ऐसी बातें मेरे सामने मत किया करो क्योंकि मुझे नहीं लगता कि तुम कुछ सही कहती हो।

मेरी पत्नी एक बड़े घराने की है और वह चाहती थी कि हम लोग अलग हो जाएं लेकिन मैं कभी भी अपने भाइयों से अलग नहीं होना चाहता था और ना ही वह मुझसे अलग होना चाहते थे। हमारे पत्नियों के बीच में हमेशा ही झगड़े होते रहते थे लेकिन उसके बावजूद भी मेरी मां ने अपने घर को एकजुटता में बांधा हुआ था। अब हम लोग अपने कारोबार को और बढ़ाना चाहते थे और उसके लिए हम लोगों ने दिल्ली तक काम करने के बारे में सोच लिया था क्योंकि दिल्ली में हम लोगों के कारोबार की खबर बहुत ज्यादा होने वाली थी इसलिए हम लोग अब दिल्ली में अपना काम शुरू करना चाहते थे। लखनऊ से हम लोगों ने दिल्ली में अपना काम शुरू करने के बारे में सोचा तो मैंने कुछ दिन दिल्ली में रहने के बारे में अपने मन में ख्याल बना लिया। मैं कुछ दिनों तक दिल्ली में ही था मैं अपने मसाले के बिजनेस के लिए ढूंढ रहा था ताकि मुझे कोई डिस्ट्रीब्यूटर मिल सके और हमारे सामान को बाजार तक पहुंचा पाए।

मेरी एक दो डिस्ट्रीब्यूटर से बात तो हुई थी लेकिन उनके साथ कुछ बात नहीं जमी इसलिए मैंने फिलहाल तो दिल्ली में अपना काम शुरू करने के बारे में अपने दिमाग से ख्याल निकाल दिया था लेकिन कुछ ही समय बाद जब मुझे एक डिस्ट्रीब्यूटर का फोन आया और वह कहने लगे कि मुझे आपका नंबर रतन ने दिया है। मैंने उन्हें कहा हां भाई साहब कहिये तो वह मुझे कहने लगे कि मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि आप दिल्ली में कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो मैं उसमे आपकी मदद कर सकता हूं। मैंने उन्हें कहा यदि आप मेरी मदद कर दे तो मुझे बहुत खुशी होगी और आपको भी उसमें मुनाफा हो जाएगा वह मुझे कहने लगे कि क्या आप मुझसे मिलने आ सकते हैं। मैंने उन्हें कहा हां क्यों नहीं मैं आपसे मिलने के लिए आ जाता हूं।

मेरा छोटा भाई रतन जो कि काम को लेकर बहुत ही ज्यादा ईमानदार और वफादार है रतन ने हीं मेरा नंबर अभिषेक को दिया था। अभिषेक से मिलने के लिए मैं जब दिल्ली गया तो मेरी और अभिषेक की बात हुई अभिषेक ने मुझे कहा कि भाई साहब आप बिल्कुल भी फिक्र ना करें मैं आपके कारोबार को यहां दिल्ली में पूरी तरीके से सेट कर दूंगा। मैंने अभिषेक से कहा चलो यदि ऐसा हो जाता है तो आपको भी हम लोग उसमें अच्छा खासा मुनाफा दे देंगे। वह मुझे कहने लगे कि देखिए अजय भाई साहब मुझे काम शुरू करने में कोई भी परेशानी नहीं है लेकिन यदि आप मुझे बता देते कि आप मुझे सामान किस दाम में देने वाले हैं तो आगे चलकर भी हम लोगों का व्यापार अच्छा रहेगा।

मैंने अभिषेक को सब कुछ बता दिया तो अभिषेक भी मान गए अब अभिषेक ने दिल्ली में काम करना शुरू कर दिया था दिल्ली में हमारे मसाले का कारोबार चलने लगा था और धीरे-धीरे वह और भी आगे बढ़ने लगा। हमारे पास अब दिल्ली से काफ़ी ऑर्डर आने लगा था यह सब अभिषेक की वजह से ही हो पाया था इसलिए अभिषेक को हम लोगों ने दिल्ली में डिस्ट्रीब्यूटर बना दिया था और वही अपने माध्यम से बाजार में सामान बेचा करते थे। मुझे भी काफी मुनाफा हो रहा था इसलिए मैंने दिल्ली में ही अब एक छोटी सी फैक्ट्री डालने के बारे में सोच लिया था जिससे कि थोड़ा बहुत पैसा बच सके। दिल्ली में मैंने अब एक फैक्ट्री शुरू कर दी थी और हम लोगों का मसाला काफी बिकने लगा था इसलिए मुझे अब दिल्ली में ही काम संभालना पड़ा।

मेरे तीनो भाई लखनऊ में ही काम संभाल रहे थे क्योंकि लखनऊ में बहुत ज्यादा काम था इसलिए वहां पर वह तीनों मिलकर काम कर रहे थे। दिल्ली में भी अब काम बहुत अच्छा चलने लगा था अभिषेक से मेरी मुलाकात हर रोज हो जाया करती थी मुझे दिल्ली में और भी लोगों के फोन आ रहे थे लेकिन मैंने सब को मना कर दिया था क्योंकि अभिषेक के साथ मेरा व्यवहार बहुत ही अच्छा था और वह मुझे अच्छा काम भी कर के दे रहे थे मुझे और किसी की जरूरत ही नहीं थी। अब धीरे-धीरे दिल्ली के आसपास के जितने भी छोटे-मोटे इलाके थे वहां तक भी हमारा सामान पहुंचने लगा था अभिषेक के साथ मेरी अच्छी बोल चाल हो गई थी तो मैं उनसे मिलने के लिए उनके घर पर चला जाया करता था। अभिषेक के परिवार में भी अब सब लोग मुझे पहचानने लगे थे और अभिषेक मुझे कहने लगे कि अजय भाई साहब आप की बदौलत ही आज मैंने यह घर खरीदा है। अभिषेक ने कुछ दिनों पहले ही नया घर खरीदा था और वह सब अच्छा कारोबार चलने की वजह से ही हो पाया था। मैंने अभिषेक से कहा कि यदि ऐसा ही काम चलता रहा तो तुम जल्दी और तरक्की कर लोगे अभिषेक कहने लगा हां जी भाई साहब आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं यदि ऐसा ही काम चलता रहा तो जल्द ही और भी तरक्की हो जाएगी।

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अभिषेक न एक दिन अपने घर पर एक छोटी सी पार्टी रखी हुई थी और उस दिन का अभिषेक ने मुझे घर पर डिनर के लिए भी इनवाइट किया था। मैं अभिषेक के घर पर चला गया और जब मैं उस दिन अभिषेक के घर गया तो अभिषेक के पड़ोस में रहने वाली एक महिला भी आई हुई थी मुझे वह बहुत अच्छी लगी अभिषेक ने मुझे बताएं कि उनके पति नहीं है और उनके पति का देहांत कुछ वर्षों पहले हो गया था। मुझे भी तो कोई ऐसा चाहिए था जिससे कि मैं दिल्ली में रह कर बात कर सकूं मैंने उनसे बात करनी शुरू कर दी उनका नाम बबीता है और बबीता से बात करना मुझे अच्छा लगता। हम लोग आपस में बात करते तो मैं उनसे कई बार सेक्स की डिमांड कर दिया करता था लेकिन वह मुझे कहती कि घर में बच्चे होते हैं इसलिए मैं आपको घर पर नहीं बुला सकती।

मैंने उन्हे कहा आप मेरे पास ही आ जाइए लेकिन वह मुझे तड़पाती रहती थी परंतु वह मुझे कितने दिन तक तड़पाती एक दिन मैंने उन्हें अपने घर पर बुला लिया। मैं घर पर अकेला ही रहता था जब वह मेरे पास आई तो मैंने उन्हें अपनी गोद में बैठा लिया और जब मैंने उन्हें गोद में बैठाया तो उनकी गांड से मेरा लंड टकराने लगा था और मुझे भी अच्छा लग रहा था। काफी देर तक मैंने उनके होठों को अपने होठों में लेकर चूमा और गर्मि बढ़ती ही जा रही थी हम दोनों के चुम्मा चाटी के बाद मैंने जब उनके ब्लाउज को खोला तो उनके स्तन मेरे सामने थे। मै अपने हाथो से उनके स्तनों को दबाने लगा जब मैंने उनके स्तनो को मुंह में लिया तो बबीता को भी मजा आने लगा और मुझे भी अच्छा लग रहा था।

मैंने उनके बड़े स्तनों को बहुत देर तक चूसा और उनके स्तनों से मैंने पानी निकालकर रख दिया था उनके स्तनों से खून निकलने लगा था और वह तड़पने लगी थी। वह अपनी चूत के अंदर उंगली कर रही थी और मैंने जब उनकी चूत के अंदर अपनी उंगली को डाला तो वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने उनकी चूत के अंदर बाहर अपनी उंगली को करना जारी रखा और उन्हें बहुत ही मजा आ रहा था उनकी चूत गिली हो चुकी थी और गरम भी हो चुकी थी। उनकी चूत से गर्मी इतनी ज्यादा बाहर निकलने लगी थी जैसे ही उनकी चूत के अंदर मेरा लंड प्रवेश होने लगा तो वह खुश होने लगी।

वह मुझसे लिपट चुकी थी मेरा लंड उनकी चूत के अंदर जाते ही वह चिल्लाने लगी और वह बड़ी तेज आवाज मे सिसकिया ले रही थी मैंने अपने हाथ को उनके मुंह पर रखते हुए कहा कि आप आराम से सिसकिया लिजिए कही कोई आ ना जाए लेकिन वह तो बड़ी तेज आवाज म सिसकिया ले रही थी। उनकी सिसकियां इतनी तेज होती कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा माल अभी गिर जाएगा। मुझे बहुत अच्छा लगा लेकिन काफी देर तक ऐसा करने के उपरांत जब मेरा वीर्य बाहर गिरने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को बबीता जी की योनि के अंदर ही प्रवेश करवा दिया और अपने लंड को बाहर निकाल कर मैंने अपने लंड को बबीता के मुंह मे डाल दिया।

उन्होंने मेरे लंड को बहुत ही अच्छे से चूसा और मुझे उन्होंने पूरा मजा दिया काफी देर ऐसा करने के बाद जब मेरे लंड दोबारा से तन कर खड़ा हुआ तो उनकी चूत से टपकता हुआ वीर्य अब भी टपक रहा था। मैंने अपने लंड को उनकी गांड पर सटाते हुए अंदर की तरफ को धकेलना शुरू कर दिया था। मैंने जब अपने लंड को उनकी गांड मे घुसाया तो वह चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा गर्मी महसूस हो रही है। मैंने बबीता की गांड के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया था वह कहने लगी तुमने तो आज मेरी पूरे गांड फाड दी है।

मैंने बबीता से कहा कि यही तो मेरा अंदाज है मै ऐसे ही गांड मारता हूं अब उनकी गांड के अंदर बाहर मेरा लोड आसानी से हो रहा था क्योंकि उनकी गांड क चिकनाई बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी और गांड की चिकनाई बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मेरा लंड आसानी से गांड के अंदर बाहर हो रहा था जब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने अपने लंड को बबीता के मुंह के अंदर डाला और आपने वीर्य को बबीता के मुंह के अंदर घुसा दिया उन्होने सब चाट कर साफ कर दिया था।

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भाभी ने बुझाई हवस ही आग https://sexstories.one/bhabhi-ko-chodne-ki-hawas/ Tue, 01 Feb 2022 09:14:01 +0000 https://sexstories.one/?p=3507 भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर...

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Bhabhi ko chodne ki hawas – हैल्लो दोस्तो मेरा नाम भावेश है और में इंदौर के पास एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 20 वर्ष है और कद 6 फ़ीट ओर लण्ड साढ़े 8 इंच का लंबा तगड़ा फौलाद है। आज मै आपसे अपनी एक सच्ची घटना साझा करने जा रहा हूँ कि कैसे मैने अपनी गोरी चिकनी भाभी की चुदाई का आंनद लिया और लेता आ रहा हूँ।

मेरे घर में 5 सदस्य हैं जिनमें मेरे बुढ़े माता पिता, बड़े भईया ओर भाभी है।

मेरी भाभी का नाम शीतल है और उनकी उम्र 35 साल है। दिखने में गोरी चिट्ठी, क़ातिलाना शक़्ल ओर बेहद चिकनी कमर वाली हुस्न की परी है। उनकी मोटी तगड़ी गांड का आकार देखकर कोई भी मर्द खड़े खड़े अपनी पेंट गीली कर दे। भाभी के टाइट तरबूज का स्वाद मै हमेशा से चकना चाहता था और वह मौका एक दिन मिल ही गया। तो चलिए दोस्तो बिना वक्त जाया किए मै चुदाई के रहस्य से पर्दा उठाता हूँ।

घर की हालत कुछ खास न होने के कारण बड़े भईया शहर में नौकरी करते हैं और ज्यादातर समय बाहर ही रहते हैं।

बचपन से में पोर्न और सेक्स की कहानियां पड़ता आ रहा हु जिससे कि मेरे अंदर की हवस बढ़ चुकी है और मेरी भाभी को देखकर मेरी हवस बेक़ाबू हो जाती हैं और में बाथरूम में जाकर उस आग को शांत कर देता हूँ।

गर्मियों के वक्त हम सब छत पर ही सोते हैं, बाउजी ओर अम्मा छत के एक कोने पर भाभी से अलग सोते है ताकि भाभी को आराम से नींद आये और मै भाभी के बगल में ही सोता हू क्योकि छत पर ज्यादा तर खेत का सामान पडा रहने के कारण जगह नही बचती। मैं कई बार रात को जब भाभी गहरी नींद में होती है तब धीरे से कभी अपना हाथ उनके बोबो पर रख देता हूं या कभी उनसे चिपकर सोते हुए अपना हाथ भाभी की मोटी झंगो पर रख देता हूं पर भाभी की जब नींद खुलती तो वे मेरा हाथ हटा देती है बिना कुछ बोले ओर फिर से सो जाती है। बस इससे ज्यादा मैं कुछ कर नही पा रहा था और सारा दिन मेरे मन में भाभी को पेलने के अलग अलग विचार आते रहते और बस में हाथ से काम चला रहा था पर कुछ करने का मौका मिल नही रहा था।

पर कहते हैं ना जब आप कुछ ठान लेते है तब रास्ते अपने आप खुलते हैं। बस एक दिन वह मौका आ ही गया।

एक दिन भाभी मेरे कमरे में आकर बोली के भावेश देखो ना यह फ़ोन में नेट सही से चल नही रहा। भाभी टाइट सलवार में क्या माल लग रही थी मन कर रहा था कि अभी लपेट लू , इतने में भाभी ने कहा मुझे मत देखो भावेश मेरा फ़ोन देखो। भाभी बिककुल मुझसे चिपकर खड़ी थी और अपने फोन को देख रही थी। में उनके सामने फ़ोन में सब कुछ चेक कर रहा था इतने में मैने देखा कि भाभी के फोन में सेक्स वीडियोस डाऊनलोड कर रखी थी,यह देखकर मैं दंग रह गया और भाभी की ओर एक शरारती हसी से देखा। भाभी मुझे देखकर शर्मा गयी और फ़ोन छीनकर बाहर जाने लगी और बोली बाद में ठीक कर लेना मुझे काम है और चली गयी।

अब मै समझ गया था कि भईया के दूर रहने के कारण भाभी के अंदर भी हवस उफान पर है और मौके पर चौका मार लेना चाहिए। और मैने मन ही मन थान लिया कि आज रात को भाभी को पेल ही लूंगा।

भाभी जब शाम की चाय बना रही थी तब फिरसे मेने खुराफात करने की सोची ओर ओर रसोई में एक शैतानी हसी लिए मेने भाभी से पूछा कि भाभी आपके फ़ोन में ये चीज़े?? तो नज़रे छुपाती भाभी धिरे से बोली के भईया तो है नही बस यही सहारा है तो मैने भी बिना शर्म के जवाब दिया कि मै हूंना। मेरे जवाब से भाभी एकाएक सन्न सी हो गई और बात को काटते हुए बोली हटो चाय ठंडी हो रही है, अम्मा बाउजी को दे आओ। मै भाभी के इस उत्तर को एक छोटा सा इशारा समझ चूका था,बस रात का इंतजार था।

अम्मा बाउजी जल्दी छत पर सो चुके थे और मैने भी रोज की तरह अपना बिस्तर भाभी के बगल में लगा लिया, भाभी मेरी तरफ अपनी पीठ करकर सो रही थी। मैने भाभी को फिरसे पूछा कि भाभी आपका फ़ोन ठीक कर देता हूं, पर भाभी ने जवाब नही दिया शायद गहरी नींद में थी तो मेने अपना हाथ भाभी की कमर पर रख दिया और भाभी की गांड से अपना लण्ड सटा कर औऱ नज़दीक आ गया ओर भाभी से धीरे से कहा कि भाभी आपको बोहोत समय से पेलने की इच्छा है पर कभी मौका नही मिला आपकी गांड बोहोत रसीली है।

भाभी को नींद में देखकर मेने भाभी की लाल टाइट सलवार को थोड़ा नीचे किया और देखा कि भाभी ने पेंटी नही पहन रखी है। भाभी की गोरी गट चिकनी गांड पर में हाथ धीरे धीरे सहला रहा था। अब मेने अपनी दोनों उंगलियों पर थूक लेकर भाभी की चूत पर धीमे धीमे सहला रहा था। भाभी की चूत एक दम क्लीन शेव औऱ नाजुक मुलायम सी थी। मैने एक बार फिर थूक से भीगी उंगीयो के बीच मे भाभी की चूत को पकड़ा और धिरे से अपनी उंगली भाभी की चूत में कर दी, ऐसा कई बार करने के बाद मैने आने फौलाद को चड्डी से बाहर निकाला और भाभी की चूत पर हल्के से रख दिया।

भाभी की गीली चूत से मेरे फौलाद का टोपा भीग चुका था, मैंने बिना ज्यादा समय लिए भाभी की चूत में अपने लण्ड का टोपा गुसा दिया। जैसे ही मेरा लण्ड भाभी की चूत में जाने लगा भाभी सिसकिया लेने लगी ‘सससस, उफ्फ’। भाभी की सांसें बढ़ गयी और तेज़ धड़कन को मै महसूस कर पा रहा था। भाभी नींद में नहीं थी, सब सुन रही थी बस सोने का नाटक कर रही थी।

मै घबरा गया और अपना लण्ड भाभी की चूत से बाहर निकाल कर भाभी से कहा “भाभी आप जग रही थी?”

भाभी ने बिना कोई उत्तर दिए अपनी मोटी गोल चिकनी गांड मेरे झांगो से बीच में चिपका दी ओर मेरा लण्ड अपने हाथों से अपनी चूत में डालती हुई बोली “रुक क्यो गए जल्दी करो”।

मुझे हरि झंडी मिल चुकी थी, मेने फिर से भाभी के पेट पर अपना हाथ रखा और अपना फौलाद को फिर से धीरे धीरे भाभी की चूत की गहराईयों में उतारने लगा।

हर एक इंच के अंदर जाने पर भाभी पहले से तेज़ सिसकियां ले रही थी। अब मेने एक जोर का ध्क्का मारकर अपना पूरा साढ़े 8 इंच का लण्ड भाभी की चूत में उतार दिया ओर भाभी धिरे से चीखी ” अरे मोरी मइया,उफ्फ्फ, आह”। में अब तेज़ी से भाभी की चूत में धक्के दे रहा था और भाभी तेज़ी से सिसकियां ले रही थी, अम्मा बाउजी रात में बहुत गहरी नींद में थे।

हम दोनों लेटे हुए थे, मै भाभी को बिना रुके पेल रहा था और कस कर भाभी की ब्रा में हाथ डालकर बोबो को दबा रहा था। मै भाभी की गर्दन को चूमते हुए भाभी की चूत में जोर जोर से धक्के दे रहा था और भाभी भी साथ दे रही थी। भाभी की चूत से निकलते पानी से मेरी झांगे तक गीली हो गयी थी पर मै बेक़ाबू हो चूका था। थोड़ी देर बाद मैने अपना रस भाभी की चूत में ही खाली कर दिया ओर धीरे धीरे धक्के देता रहा।

अब मै ओर भाभी दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे के पास में लेटे हुए थे, भाभी मेरे तरफ बढ़ी और मेरे कान के पास आकर धीमी आवाज़ में मुस्कराते हुए बोली ” भावेश तूने तो मेरी सालो की प्यास बुझा दी, तू तो छुपा रुस्तम निकला” और मेरे गालो पर चुम कर मुसकराने लगी। मैने भी भाभी को चूमते हुए कहा “भाभी अब यह प्यास में रोज़ बुझाया करूँगा” । हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को देखते रहे और न जाने कब सुबह हुई पता ही नही चला।

शीतल भाभी को चोदना अब भी मुझे सपने जैसा लग रहा था, मेरा मन कर रहा था कि भाभी से अलग ही न हु बस उनके गोरे बदन से लिपटा रहू ओर दिन रात चुदाई मचाता रहूं।

आज भाभी पहले से बहुत ज्यादा खुश और खिली खिली लग रही थी। सुबह सुबह भाभी को चाय बनाते देख मैने भाभी को पीछे से कस कर पकड़ लिया और उनकी गांड पर अपना लोडा रगड़ने लगा। भाभी की गर्दन को चूमते हुए कहा”क्यों भाभी रात को मज़ा आया,आप बोहोत सेक्सी हो, उममममम” ।

भाभी- “हटो भावेश बाद में, कोई देख लेगा, हटो”।

Chudas गांड का छेद माल से भर डाला

हमारा घर काफी छोटा होने के कारण भाभी को अम्मा बाउजी के होते चोदना खतरे से खाली नही था इसलिए में बस रात के भरोसे ही दिन काट रहा था। मैं भाभी को ठीक से चोदना चाहता था, उनके जिस्म के हर एक हिस्से हो नापना चाहता था पर कैसे करता, इसी सोच में बेचैन था।

लेकिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ फिरसे दिया और सुबह सुबह मेरे चाचा घर आये। चाचा ने आकर अम्मा बाउजी को एक हफ़्ते की तीर्थ यात्रा पर चलने की तैयारी करने को कहा। चाचा चाय पीते हुए बोले “भावेश तू जल्दी से अम्मा बाउजी का सामान बांधकर तैयारी कर दे, बड़ी मुशकिल से कल सुबह ट्रैन की टिकिट मिली है, देरी मत करना”।

चाचा की यह बात सुनकर में खुशी से झूम उठा, मेरे मन मे बस भाभी को पेलने के ख्याल ही घूम रहे थे, मै भाभी को अच्छे से पेलने के लिए उतावला हो रहा था, मन मे लड्डू फुट रहे थे। मैने भाभी की और हवस वाली शैतानी नज़र से देखा और मुसकराने लगा, भाभी भी मुझे ही देख रही थी और मन्द मन्द मुस्कराह रही थी।

चाचा अपनी चाय खत्म कर के जल्दी में चल दिए। पूरा दिन अम्मा बाउजी के लिए तैयारी करते करते में ओर भाभी थक चुके थे और रात को बिना कुछ किए सो गए। मै अगली सुबह अम्मा बाउजी को चाचा के साथ ट्रैन में बैठा कर घर लौट आया।

मेरे अंदर हवस की सुनामी उफान पर थी। मै घर लौटकर सीधा भाभी के कमरे में गया। शीतल भाभी लाल रेशम की साड़ी में पूरी तरह सज संवर कर बैठी आईने के सामने अपने खुले बालो को संवार रही थी। मै भाभी के इस क़ातिलाना अवतार को देखकर एकाएक स्तम्ब रह गया,मेरे मुंह से मानो लार टपक रही थी। भाभी के डीप ब्लाऊज से दोनों बूब्स आपस में मानो बाहर आने को उतारू थे। मुझे भाभी के साथ सुहागरात वाली फीलिंग आने लगी।

मैने भाभी को चिकनी कमर से पकड़कर अपनी और खींचा, भाभी के तरबूज मेरी छाती से पूरी तरह दब चुके थे, भाभी ओर मेरे होंठो के बीच नाममात्र दूरी थी, मै भाभी की सांसो को महसूस कर पा रहा था, मेरा लोडा टावर कि तरह तन्न चुका था मानो बस पेंट फाड़कर बाहर आने को बेताब था।

मेने भाभी से कहा ” शीतल मेरी जान, आज तुझे चोद चोदकर पागल कर दूंगा”

भाभी- “भाभी से सीधा शीतल, नटखट”

मेने भाभी के लाल गुलाबी होंटो पर अपने होठ रखते एक कस कर चुम्बन लिया। मेने अपनी जीभ को पूरा भाभी के मुह में डालते हुए उनकी जीभ पर फेरा। मै भाभी को बुरी तरह चुम रहा था और भाभी भी पूरा साथ दे रही थी। भाभी के होठों को मै चूमता गया कभी गर्दन पर चुंबन ले रहा था तो कभी भाभी की जीभ को खा जाने वाला था हम दोनों चुम्बन में मदहोश थे, एक दूसरे से कस कर लिपटे हुए काफी देर तक चुबंन का मज़ा मै लूटता रहा।

अब मैने भाभी को अपनी बाहों में उठाकर बेड पर लेटाया। भाभी का पेटीकोट मैने घुटनो तक उठा दिया और भाभी की गोरी पिंडलियों को चूमने लगा।

अब मै थोड़ा और ऊपर बड़ा और भाभी के पेटीकोट में अपना सर डालकर भाभी की गोरी गोरी झांगो को चूमने लगा। चूमते चूमते मेने भाभी का पेटीकोट उतार कर दिया।भाभी की गोरी लाल चूत को देखकर मेरे मुंह में लार भर आयी। मैने लपकते हुए भाभी की चूत पर अपनी जीभ फेरकर लाल चूत को चाटने लगा। भाभी को चूत में पूरी जीभ डालकर में किसी प्यासे की तरह चूत चाट रहा था, इस बार भाभी जोर जोर से सिसकियां ले रही थीं। मै ओर उत्तेजना से भाभी की चूत चाट रहा था, भाभी ने मेरे बालो को खीचते हुए अपनी दोनों गोरी झांगो की बीच मे मेरा सर दबाया ओर अपने दोनों पैर मेरे कंधो पर रखकर “उफ्फ उम्म भावेश ओह्ह,और तेज और तेज़” कहती हुई चूत चटवा रही थी। भाभी के चूत के रस से मेरी हवस की प्यास और उत्तेजित हो रही थी। अब मैने भाभी को उल्टा लेटाकर भाभी की मोटी गांड के बीचों बीच अपना मुँह दे मारा। भाभी की गांड चाटने को मै दोस्तो किसी शब्दो मे बयां नही कर सकता। भाभी की गांड को मानो दोस्तो में खा जाऊ।

अब मेने दोस्तो भाभी की कमर को चूमते हुए भाभी का ब्लाऊज उतारा और बिना वक्त गवाएं भाभी के ब्रा का हूक खोलकर दोनों कैदी बोबो को रिहा करवाया। भाभी के गोरे गोल रसीले तरबूज़ जैसे बोबो को देख में झूम उठा। गोरे बोबो पर काले निप्पल “उफ्फ्फ ससससससस’। शितल भाभी वाक़ई हूर की परी है।

एक एक कर दोनों काले निप्पल समेत मैं भाभी के तरबूज को पूरा मुँह में डाल चूस रहा था, कभी दाई वाला बूब कभी बायीं वाला बूब कभी दोनों को कसकर दबाते हुए दोनों एक साथ चूस रहा था। दोनों रसीले बूब दूध से भरे हुए थे, में इस दूध को मुँह में भरकर मन्त्रमुक्त हो चुका था। मैंने भाभी की जिस्म के हर एक अंग को चूमा, चूमता गया।

शीतल भाभी का नंगा जिस्म मैं अपने होठों से भीगा चुका था। भीगी हुई भाभी बेड पर पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। दोस्तो मैने पहली बार किसी औरत को नंगी देखा था और वह नंगी औरत मेरी शीतल भाभी थी, गोरी चिठ्ठी, लाल चूत और काले निप्पल वाली हवसी भाभी। मेरा लण्ड बुरी तरह से तन्न चुका था मानो पेंट से बाहर आने को तड़प रहा हो।

भाभी उठकर अपने घुटनों पर बैठते हुए । मेरे पेंट को खोलने लगी। मैने भी साथ देते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए केवल अंडरवियर में खड़ा था। भाभी ने जैसे ही मेरी अंडरवेयर उतारकर निचे की, मेरा फौलादी लण्ड कूद कर बाहर आ निकला। तीर की तरह सीधा, आसमां को सलामी देता हुआ मेरा साढ़े 8 इंच का मोटा तगड़ा लम्बा काला लण्ड भाभी के मुँह के सामने था।

भाभी की आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी और मेरा लण्ड सहलाते हुए बोली “इतना लंबा लण्ड , तुमहारे भईया का तो कुछ नही इसके सामने” और मेरी तरफ देखकर हँसने लगी।

भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर जो भाभी ने अपनी जीभ घुमाई है “उफ़्फ़फ़, शीतल मेरी जान” ।

मैने भाभी के बालों को पकड़कर अपना लण्ड भाभी के मुँह में डालने के लिए आगे किया तो मेरा साढ़े 8 इंच का चॉकलेटी लोडा भाभी के मुँह से फिसलता हुआ गले तक जा उतरा। शीतल भाभी की आँखे बाहर आ गयी पर भाभी रुकी नही बल्कि आँखे बंद कर लण्ड तेज़ी से चूस रही थीं। शीतल भाभी लण्ड चूसने में किसी पोर्नस्टार से कम नही लग रही थी। भाभी ने मेरा पूरा लण्ड मेरे दोनों गोटो समेत मुँह में भर लिया और सब कुछ गिला कर दिया। भाभी ने एक क्षण के लिए भी मेरे लण्ड से अपना मुँह अलग नहीं किया मानो सदियों से लण्ड की प्यासी हो ।

भाभी के मुलायम होठ ओर गीली जीभ मेरे लण्ड पर जादू कर चुके थे और देखते ही देखते मैने अपना पुरा मुठ ,अपने पुरे वीर्य रस से भाभी का मुँह भर दिया भाभी अभी भी मेरा लण्ड हर तरफ से चूस रही थी मानो एक बूंद मुठ भी व्यर्थ ना चली जाए।

मै अब भी उतना ही जोश में था। मैने नंगी भाभी को एक बार फिर उठा कर बेड पर लेटा दिया। अपने लण्ड पर थूक लगाकर मै अपने औज़ार की धार तेज़ करने लगा।

भाभी की गोरी टांगो को मैने चौड़ी कर भाभी की चूत पर अपना थूक लगाया। फिर अपने लण्ड को भाभी की चूत पर रखकर एक धीरे से ध्क्का दिया। मेरा लण्ड अभी आधा भी अंदर नही गया था कि भाभी सिसकिया लेने लगी ” ओह्ह भावेश उफ़्फ़फ़ मैईया ससससस ,और अंदर भावेश उफ़्फ़फ़” ।

भाभी की सिसकियों में अलग ही नशा था, मै जोश में आ गया और भाभी की चूत में एक जोर का धक्का दिया और भाभी चीख़ उठी ” आआहहहहहहह ससस मार ही डालेगा भावेश उफ़्फ़फ़ ओह्ह ओह्ह और तेज़ आआआहहहह”।

मै शीतल भाभी को चूमते हुए बुरी तरह चोद रहा था। मेरा लण्ड भाभी की चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था ” पच्च पच्च पच्च” ओर भाभी भी बिना किसी शर्म ओर प्रवाह के चिल्ला रही थी “भावेश उफ्फ आह और अंदर और आहहहह ससस भावेश और तेज़” मै भाभी को लबालब चोद रहा था।

कभी भाभी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा तो कभी भाभी को उल्टा लेटाकर पेलने लगा, कभी भाभी मुझपर तो कभी मै भाभी पर “आह भाभी आह एसस एसस उफ़्फ़फ़ शीतल मेरी रांड, उम्मम हह हह ऊऊएह” ।

भाभी के जिस्म का एक एक कोना मै नाप चुका था पर मै फिर भी रुका नही में चोदते रहा बिना रुके।

भाभी की मोटी गोरी गोल गोल चिकनी गांड मे मैने जोर जोर से धक्के दिए, भाभी को चोद चोद कर भाभी की गांड चौड़ी कर दी।

मै और भाभी चुदाई में पूरी तरह मस्त थे, पूरा कमरा हम दोनों ही चीख़ से गूँज रहा था पर हम बेपरवाह चुदाई मचा रहे थे।

मैने अपना पूरा रस भाभी की चूत में खाली कर दिया ओर अब भी लण्ड के धक्के भाभी की चूत में देता गया।

मै और भाभी पूरी तरह थक चुके थे और चुदाई करते करते रात कब हुई पता ही नही चला।

पसीने से लथपथ भाभी और मै एक दूसरे से अब भी लिपटे हुए थे। भाभी बोली ” भावेश ऐसी चुदाई तेरे भईया ने आज तक नहीं कि, तेरा लण्ड लण्ड नहीं फौलाद है, आज में सालो बाद संतुष्ट हुई हु” और यह कहने के बाद मै ओर भाभी दोनों एक साथ नहाने चले गए।

उस दिन के बाद दोस्तो शीतल भाभी और मैं लगभग रोज़ चुदाई करते हैं। जब कोई घर पर नही होता तो रसाई, बाथरूम कही भी चालू हो जाते हैं और जब कभी मौका नही मिलता तो रात को भाभी को चोदता हु।

दोस्तो भाभियों को चोदने में अलग ही मज़ा है।

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भाभी ने कहा मुझे चोदो https://sexstories.one/bhabhi-ki-chodai-xxx/ Thu, 16 Dec 2021 06:54:08 +0000 https://sexstories.one/?p=3479 भाभी को नंगा देखने की मेने वॉशरूम के डोर के नीचे से देखा तो सिर्फ़ उनकी टांगे दिखी मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ गया 10 मिनिट के बाद भाभी बाहर आई उन्होने पजामा सूट डाला था...

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Bhabhi Ki xxx Chodai – मेरा नाम सतनाम है और मैं जालंधर (पंजाब )से हूँ. मेरा लंड साइज़ 6.5 इंच का है मुझे भाभीया चोदने मैं बड़ा मज़ा आता है अभी में सीधा स्टोरी पर आता हूँ यह मेरी पहली स्टोरी है जिसने मेरी ज़िंदगी खुश कर दी हमेशा के लिये स्टोरी मैं मैने अपने कजिन की वाइफ को चोदा उनका नाम सिमरन है आज से 3 साल पहले उनकी शादी हुई उनका एक बेटा है 1 साल का मेरे कजिन का डी.जे का काम है तो शादीयों के सीज़न मैं बाहर रहते है मेरा कजिन भी एक नंबर का हरामी है उसके डांसर से कॉन्टेक्ट है और जब मेरे घर मैं कोई नहीं होता तो हर बार एक नई डांसर को चोदने के लिये ले आता.

उनके घर मैं सिर्फ़ भाभी मेरा कजिन और उनकी माँ है जो की एक शॉप चलाती है भाभी घर पर दिन मैं अकेली होती है और भाभी को मेरे कजिन पर भी शक रहता है उनका घर करतारपुर मैं है जो की हमारे यहाँ से 25 किलोमीटर दूर है आंधे घंटे मैं में वहा पहुँच जाता हूँ बात फरवरी 2011 की है उन दिनों काफ़ी शादीयां होती है तो कजिन बिज़ी रहता है 2-3 दिन घर नही आता भाभी घर मैं उदास रहती हैं भाभी बहुत सेक्सी है और बूब्स का साइज़ 36 है. उस दिन मैं किसी काम से उनके घर गया तो भाभी अकेले घर मैं टी.वी देख रही थी मेरे को देख कर वो बहुत खुश हुई क्योकी वो बोर हो रही थी में काफ़ी मजाक टाइप के नेचर का हूँ तो मेरे साथ उनको अच्छा लगता है.

मैं सुबह 10 बजे वहाँ पहुँच गया था इसलिये वो अभी नहाई नही थी और उन्होंने केफ्री और टॉप डाल रखा था इतनी सेक्सी लग रही थी उनके बूब्स बाहर को आ रहे थे मैं देख कर हैरान हो गया उनका बेटा सो रहा था उन्होने मेरे लिये चाय बनाई और वो बोली मैं 5 मिनिट मैं नहा कर आती हूँ तब तक तुम चाय पियो और वॉशरूम चल गई वॉशरूम रूम के पास था मुझे पानी की आवाज़ आने लगी मैं फील करने लगा भाभी नंगी कैसी लग रही होंगी इतने मैं मेरा लंड खड़ा हो गया मेरी इच्छा करने लगी.

भाभी को नंगा देखने की मेने वॉशरूम के डोर के नीचे से देखा तो सिर्फ़ उनकी टांगे दिखी मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ गया 10 मिनिट के बाद भाभी बाहर आई उन्होने पजामा सूट डाला था विद टाइट कुरती उनका गीला गीला बदन और खुले बाल देख कर मेरे होश उड़ गये हम बेठ कर बाते करने लगे बातों बातों मे पता लगा की उनकी सास शॉप पर है जो दोपहर में खाना खाने आयेगे और कजिन शादी मैं जो रात भर नहीं आयेगे पर भाभी बिल्कुल मेरा साथ देनो वालो मैं से नही थी इतनी देर में उनका बेबी रोने लगा भाभी ने उसको अपना दूध थोड़ा सा साइड मैं हो कर उसे दूध पिलाने लगी मेरी अचानक नज़र सामने कांच पर गई भाभी ने अपना एक बूब पूरा निकाला था जो मुझे दिख रहा था मेरा लंड और ज्यादा खड़ा हो गया.

Chodai story टैक्सी ड्राइवर से बीवी को चुदवाया – भाग 2

कुछ देर मैं भाभी की नज़र कांच पर गई और वो शरमाने लगी और बूब्स ढक लिये उन्होने मेरी और देखा मेरा खड़ा लंड देख कर वो थोड़ी सी स्माइल देने लगी और फिर बाते करने लगी मुझसे फेमिली के बारे मैं और पास आकर बेठ गई बातों बातों मैं वो रोने लगी बोली की तुम्हारे भैया मुझे टाइम नहीं देते मैं अकेला फील करती हूँ मेने उनको चुप करने के लिये इशारा किया और मेने उनको कस के पकड़ लिया और देखा तो उनकी आँखे बंद थी उनके लाल लाल रसीले होंठ देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया था. और मेने स्मूच कर दिया 5 मिनिट स्मूच करने के बाद मैने बोला भाभी सॉरी मुझसे ग़लती हो गयी भाभी का जवाब सुनके मैं हैरान हो गया की ग़लती पूरी करके सॉरी माँगना मैंने ना समझने का ड्रामा किया तो भाभी बोली सतनाम मैं ही काफ़ी दिनो से सॅटिस्फाइड नही हूँ और मुझे पता हे तु भी सेक्स चाहता है और मेरे को स्मूच करने लगी और बोली रुक मैं डोर लॉक करके आती हूँ.

जब तक वो डोर लॉक करके वापस आती मैने अपने पूरे कपड़े उतार लिये वो मेरा लंड डोर से देख कर हैरान हो गयी और भागी भागी आई और लंड मुँह मैं डाल लिया क्या चूसती थी यार. वो 15 मिनिट तक उन्होंने चूसा वो लंड पूरा गले तक ले जाती थी वो फिर मैं उनके बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा मैने उनकी कुरती उतारी और बूब्स चूसने लगा मैं उनका पजामा उतारने लगा इतने मैं डोर बेल बजी उन्होने जल्दी से कपड़े पहने और डोर खोलने चली गई डोर पर उनकी सास थी मैने भी कपड़े पहन लिये थे. मैने उनके पैर छुए की और बाते करने लगा पता चला की आज वो शॉप बंद करके आई है क्योकी उनकी तबीयत ठीक नहीं है और वो भी वापस नही जायेगी.

मुझे लगा की मेरे खड़े लंड पर डंडा पड़ गया भाभी ने मेरे और देखा और बोली भाभी ने इशारे मैं कहा मैं हूँ ना वेट कर मेरी मामी जी जैसे ही आराम करने गयी तो बोली पूरी रात अपने पास है मज़े से सेक्स करेंगे और बोली अपनी मामी के सामने यह बोल कर आओ की तुम वापस जा रहे हो मैं मामी जी के पास वापस गया और बोला मैं जा रहा हूँ और भाभी के कमरे मैं छुप गया रात के 10 बजे भाभी ने देखा मामी जी सो गयी है तो डोर लॉक कर दिया और बोली आजा मेरे देवर जी अपनी भाभी को जम कर चोद ले मेने जल्दी से उन्हे गोद मे लिया और बेड पर ले आया मैने इस बार सीधा उनका पजामा उतारा तो मैने देखा एकदम पिंक चूत थी उनकी मैं चूत चाटने लगा मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है.

भाभी को मज़ा आने लगा और वो आआआः अयाया करने लगी और बोली अब मेरी बारी और मेरा लंड निकाला और ज़ोर ज़ोर से लंड चूसने लगी जैसे पता नही कितने दिनो से लंड की प्यासी थी मैने उनकी टांगे उठाई और बूब्स को मुँह मैं ले लिया और ज़ोर ज़ोर से लंड डाल कर शॉट मारने लगा आधे घंटे मैं मेरा पानी छूट गया और भाभी भी पूरी सॅटिस्फाइड हो चुकी थी फिर हम 1 घंटे के लिये भाभी मेरे उपर चड कर नंगी ही सो गई एक घंटे बाद फिर से उठी और बोली देवर जी उठो अब नये तरीके से करते है.

मैने बोला कैसे तो उन्होने अलमारी में से ब्लू फिल्म निकाली और लगा दी फिर मैने हर स्टाइल से उन्हे चोदा घोड़ी बना कर, साइड से, खड़े हो कर वो बोली इतनी शान्ति तो मुझे सिर्फ़ अपनी सुहागरात पर मिली थी थैंक्स देवर जी मैं सुबह सुबह 5 बजे वहाँ से चुपचाप निकल आया ताकि मामी जी को पता ना चले भाभी उस दिन के बाद जब भैया घर पर नही होते तो मुझे फोन करके बुलाती है और हम नये नये तरीक़ो से सेक्स करते है तो दोस्तों केसी लगी मेरी स्टोरी

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मस्त दुकान वाली भाभी – पार्ट 2 https://sexstories.one/mast-dukan-wali-bhabhi/ Fri, 10 Dec 2021 06:15:58 +0000 https://sexstories.one/?p=3422 मेने अब उनकी साड़ी निकाल दी अब और उनके बूब्स को ब्लाउज के उपर से ही दबाने लगा और एक हाथ से उनकी चूत को चोदने लगा उनकी चूत पानी छोड़ रही थी और मुझे उन्हे और तड़पाना था...

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Mast Dukan Wali Bhabhi – जैसे की आप ने पढ़ा होगा मेरी गर्मी की छुट्टी चल रही थी तब भाभी ने मुझे पूछा की मेरे गावं चलोगे क्या तो मे तुरन्त तैयार हो गया क्योकी मुझे गावं बड़ा अच्छा लगता है हम रात की गाड़ी मे बैठे और दूसरे दिन दोपहर को पहुंचे वहा पर सिर्फ़ भाभी की माँ और उनका बेटा रहता है भाभी की माँ को मेने देखा तोलगता ही नही था की वो उनकी माँ है उम्र होगी कोई 48 साल की लेकिन लगती है 35 साल और मुझे उनकी गांड ज्यादा पसंद आई मस्त मोटी गांड है मे तो उनको देखते ही रह गया भाभी की माँ मुझे पानी देने के लिये नीचे झुकी तो उनके बूब्स मुझे दिखे मे उसे देखने लगा क्योकी गावं के लोग ब्रा और पेंटी नही पहनते इसलिये उनके बूब्स मुझे आराम से दिख रहे थे मे बूब्स देख रहा हूँ ये भाभी ने देख लिया था माँ जी जब उठ के किचन मे गई तब भाभी बोली.

भाभी :क्या शरारत कर रहे थे?

मे : क्या किया मेने?

भाभी : मेरी माँ के बूब्स क्यों देख रहे थे?

मे : बस नज़र चली गई.

भाभी : क्या माँ को चोदने का इरादा है क्या?

मे : मिलेगा तो चोदूगा ज़रूर इतना मस्त माल है बड़ा मज़ा आयेगा.

फिर हम फ्रेश हो गये और मे सोने चला गया क्योकी सफ़र के कारण मे बहुत थक गया थाशाम को मे फ्रेश होकर बाहर घुमने गया और रात का खाना खाने पहुँच गयातब भाभी की माँ ने काले कलर की साड़ी पहनी थी और क्या गजब की लग रही थी मे उन्हे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गयाजब वो मुझे खाना परोसने झुकी तो उनका पल्लू नीचे गिर गया और मुझे उनके बूब्स के दर्शन हो गये मे उनके बूब्स देख रहा हूँ ये उन्होने देख लिया शायद उनको वो पसंद आया इसलिये एक सेक्सी स्माइल दी और चली गई खाना खाने के बाद मे और भाभी अंदर के कमरे मे सो गये और उनकी माँ और बेटा बाहर सो गये मुझे तो चोदने का मन था इसलिये मे भाभी कीचूचियों को मसलने लगा पर भाभी बोली मुझे मूड नही है और मे बहुत थक गई हूँ प्लीज मे हाथ से करके तुम्हारा पानी निकालती हूँ और उन्होने मेरा पानी हाथ से निकाला.

सुबह मे उठा तो देखा की भाभी घर मे नही है सिर्फ़ उनकी माँ और मे था मेने उनसे पूछा की भाभी कहा है तो बोली वो अपनी सहेली के घर गई है देर से आयेगी और बोली की तुम फ्रेश हो जाओ हमें खेत पर जाना है मे फटाफट फ्रेश हो गया और हम खेत की ओर निकलेजब वो मेरे आगे चल रही थी तब मे उनकी गांड को ही देख रहा था क्या मस्त हिल रही थी ऐसा लग रहा थी की अभी जाकर गांड मे लंड डाल दूँ पर मेने अपने आप पर कंट्रोल किया और चल रहा था थोड़ी देर बाद उनका खेत आ गया माँ जी मुझे खेत दिखा रही थी और मे उनकी गांड देख रहा था माँ जी ने जान लिया की मे उनकी गांड देख रहा हूँ और वो अब अपनी गांड और हिला रही थी और मेरे लंड को तरसा रही थी अब मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे हाफ पेन्ट से साफ साफ दिख रहा था.

Bhabi ki chodayi ऐसा मौका नहीं मिलेगा दोबारा

माँ जी अब मुझे खेत दिखाने के बहाने इतना नज़दीक खड़ी हो गई की उनकी गांड मेरे लंड को टच कर रही थी और ज़ोर से दबा रही थी अब मुझे पता चल गया की माँ जी को भी चुदवाने का मन कर रहा है तो मेने लंड को और ज़ोर से उनकी गांड पर रगड़ने लगा अब माँ जी धीरे से सिसकारी ले रही थी पर मुझे साफ साफ सुनाई नही दे रहा था पर बात करते वक्त गर्म सांसे मेरे सीने पर महसूस हो रही थी मेने सोचा अभी लोहा गर्म है हतोड़ा मार देना चाहिये और मेने अपना हाथ उनकी कमरपर रखा और आजू बाजू देखा कोई नही था और धीरे धीरे कमर को मसलने लगा माँ जी अब पूरे जोश मे थी और अपनी गांड ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड पर रगड़ने लगी.

अब मेरे हाथ धीरे धीरे उनके बूब्स पर ले गया और हल्का सा मसलने लगा वो आआहह ऊओ की आवाज़ निकालने लगी और अब मेने दोनो हाथो से उनके बूब्स को ज़ोर से दबाने लगा और लंड को गांड पर रगड़ने लगा हाअ सस्स्सुउउ धीरे दबाओं ना माँ जी बोलीअब मेरा एक हाथ धीरे धीरे उनकी चूत की ओर बड़ाने लगा और दूसरे हाथ से बूब्स को दबाने लगा माँ जी अब पूरी गर्म हो गई थी मेने उन्हे सीधा किया और उनके होठों पर अपने होठ रख दिये और किस करने लगा लेकिन उनको किस करना नही आ रहा था फिर भी वो कर रही थी और किस करते करते मेरे लंड को पेन्ट के उपर से सहलाने लगी अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था मेरे जीवन मे इतनी ज्यादा उम्र की औरत के हाथ लगते ही वो और कड़क हो गया हाईईइ दया लंड है या लोहा कितना कड़क हो गया है तुम्हारा कहते ही माँ जी ने मेरी पेन्ट को निकाला और मेरे लंड को हाथ मेलेकर सहलाने लगी और बोली इतना मस्त है तुम्हारा लंड अब जल्दी से इसे मेरी चूत मे पेल दो और नही रहा जाता और मेरे लंड के साथ खेलने लगी.

मेने अब उनकी साड़ी निकाल दी अब और उनके बूब्स को ब्लाउज के उपर से ही दबाने लगा और एक हाथ से उनकी चूत को चोदने लगा उनकी चूत पानी छोड़ रही थी और मुझे उन्हे और तड़पाना था इसलिये मेने उनके ब्लाउज और पेटीकोट को निकाल कर उनको पूरा नंगा कर दिया अब में घुटनो के बल बेठा और उनकी चूत को देखने लगा वो पूरी तरह गर्म हो गई थीऔर पानी छोड़ रही थी मेंने एक हल्का सा किस किया तो वो पागलो की तरह मेरे सर के बाल खीचने लगी और बोली जान क्या कर रहे हो में मर जाउंगी और मे उनकी चूत को चाटने लगा और वो पागलो की तरह चिल्ला रही थी हाँ में मर गई हाई दया कैसे क्या कर रहे हो मेरे पति ने भी मुझे ऐसा मजा नही दिया हे रे मेरे बलमा हाआअ और ज़ोर से चूसो इसको बड़ा मजाआ रहा है हाई मेरे तो निकलने वाला है आआआ हाईईईईई चूसो और जोर से में गई और कहते ही झड़ गई.

कुछ देर ऐसे ही खड़ी रही और फिर मे खड़ा हो गया और बोला अब आपकी बारी है और कहते ही मेने उनके सर को पकड़ के नीचे बिठाया और लंड को उनके लिप्स पर रगड़ने लगा पहले तो वो मना कर रही थी फिर थोड़ी देर के बाद ऐसे चूस रही थी की जैसे कई सालो से लंड चूसने का अनुभव हो हाय क्या मस्त मज़ा आ रहा था और मे अबउनके मुँह को चोदने लगा और मैने अपना सारा पानी उनके मुँह मे ही छोड़ दिया और फिर वो खड़ी हो गई बड़ा मज़ा आया बिना चुदाई किये ही तुमने मेरा पानी निकाला.

आज तो मे खुश हो गई और कहते ही मेरे लंड को सहलाने लगी मे भी अब उन्हे फिर से गर्म करने के लिये उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और एक उगली चूत मे डालकर अंदर बाहर करने लगा हाँ दबाओं और जोर से हाँ बड़ा मजा आता है अब मेने उनको नीचे घास पर सुलाया और मेरे लंड को चूत पर रगड़ने लगा वो बोली आराम से पेलना बहुत दिनो के बाद चुदवा रही हूँ दर्द होगा मेने निशाना लगाया और एक करारा शॉट मारा मेरा आधा लंड चला गया और माँ जी चिल्लाई हाइईईई दया माररर डाला रे मुझको निकाल नही मरवानी हमे तुम से ऊइ माआआ मेने अपने होठ उनके होठों पर रखे और किस करने लगा और बूब्स को दबाने लगा कुछ देर बाद उनका दर्द कम हो गया तो मेने फिर से करारा शॉर्ट मारा अब मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी चूत मे चला गया था और माँ जी को दर्द भी कम हो रहा था.

कुछ देर बाद माँ जी खुद ही अपनी गांड उठा उठा के शॉट मार रही थीहाँ इसे जोर से पेलो फाड़ डालो इस चूत को भोसड़ा बना दो इसका बहुत तडपती है जवान लंड के लिये और जोर से शाबाश मेरे राजा हाईईईई क्या मस्त करता है हाईईईईईई ऐसे ही पेलते रहो जी मेरे राजा हाईईईई क्या मस्त मजा आ रहा है और जोर से मेरा निकलने वाला है ऊऊऊऊओ माआआअ ओहोकहते ही झड़ गई पर मेरा नही झड़ा था मे चोद रहा था माँ जी बोली अब नही सह सकती मेने कहा तो मे आप की गांड मारूंगा और कहते ही गांड के छेद मे उगली डाल दी मार ले गांड तो मे मरवाती ही हूँ मेरी गांड के तो बहुत दिवाने है गावं में पर मेरी चूत को कोई नही मारना चाहता है.

फिर मेने उन्हे घोड़ी बनने को कहा और लंड के सुपाडे को गांड पर रखा और धक्का मारा तो लंड तो झट से चला गया मे बोला हाँ माँ जी आप सच कह रही हो तेरी तो गांड का छेद बड़ा है और ज़ोर ज़ोर से गांड मारने लगा करीब 10 मिनिट तक में उनकी गांड मारता रहा कभी गांड मे से लंड निकाल कर अचानक चूत में डाल देता तो वो बोलती हरामी गांड मे ही डाल ना कुत्ते मुझे क्यों तकलीफ देता है हाईईईई जाआअ जोर से हह आआआ सस्सस्स और कहते ही मे और माँ जी साथ साथ झड़ गये उस दिन मेने उनको और 2 बार चोदा पर घर पर और भाभी को आज तक नही पता चला की मेने उनकी माँ को 4 बार चोदा है और गांड भी मारी है.

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भाभी आप बहुत स्वीट हो… https://sexstories.one/sweety-bhabhi-ki-choot-chudai/ Fri, 05 Nov 2021 07:43:25 +0000 https://sexstories.one/?p=3270 भाभी ने मेरी ओर कामुक नजरो से देखा और मुझसे कहा की आज देखती हूँ की कितना दम है तुम में | मैं समझ गया की आज मेरी मनोकामना पूरी होने वाली है | मैंने भाभी को पकड़ कर बिस्तर पर गिरा लिया और उनके गुलाबी होंठों को चूसने लगा...

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antarvasna sweety bhabhi ki choot chudaiनमस्कार दोस्तों मेरा नाम वरुण है मेरी उम्र 19 साल है | मेरी लम्बाई 5.6 इंच है | रंग गोरा और देखने में काफी हैण्डसम हूँ | वैसे तो मेरी बहुत सी गर्लफ्रेंड है | पर आज जो मैं जो कहानी आप लोगो के लिए लेकर आया हूँ | वो मेरी पड़ोस की भाभी की है | उनका नाम स्वीटी था | उनकी उम्र लगभग 26 साल है | भाभी बहुत ही खूबसूरत है | उनके मम्मे एकदम मस्त है | उनका फिगर 34-28-36 है अब तो आप लोग समझ ही गए होंगे की वो दिखने में कितनी मस्त लगती है |  मैं हमेशा उनको देखता था तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था | उनके पति जॉब करते थे | वो रात में देर से घर आते थे | भाभी घर पर अकेली रहती थी और कभी-कभी वो मेरे घर आ जाया करती थी | इसकी वजह से हम दोनों में काफी अच्छी दोस्ती हो गयी थी | वो अक्सर मुझसे मजाक किया करती थी |

उनको अगर मार्केट से कोई भी सामान मंगाना होता था तो वो मुझसे ही मंगाया करती थी | एक दिन उन्होंने मुझसे पीरियड पैड्स मंगाए मुझे पता था फिर भी मैंने जान-बूझकर उनसे पुछा की भाभी इनका क्या काम होता है | उन्होंने मुझसे हंस कर कहा की तुम इतने बड़े हो गए हो इतना भी नहीं मालूम | मैंने कहा कसम से भाभी मुझे नहीं पता | उन्होंने कहा की मैं तुमको क्या बताऊ मुझे शर्म आती है | मैंने कहा बताओ ना भाभी आखिर ये किस काम में आते है | फिर उन्होंने मुझसे कहा की पीरियड्स के बारे में जानते हो | मैंने कहा नहीं तो उन्होंने कहा की हम औरतो के हर महीने में पीरियड्स आते है जिनमे हमारे प्राइवेट पार्ट्स से हल्का-हल्का खून और पानी आता है जिसे रोकने के लिए हम पैड्स का प्रयोग करते है | मैंने कहा की मैं समझ गया और मैं उनकी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा |

उनको शायद कुछ शक हो गया हो गया की मैंने जानते हुए भी उनसे ये सब पूछ रहा हूँ | मैं उनके उठे हुए बूब्स को बड़े ध्यान से देख रहा था | उन्होंने मुझसे क्या देख रहे हो वरुण मैंने हडबडाते हुए कहा कुछ नहीं भाभी मैं तो बस ऐसे ही | उन्होंने मुझसे कहा की क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | मैंने कहा नहीं भाभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | उसके बाद उन्होंने कहा बैठो मैं तुम्हारे लिए चाय बना लाती हूँ | वो मेरे लिए चाय बना कर लायी और जब वो मुझे चाय देने के लिए झुकी तो उनके मम्मे देखकर मेरा लंड एक दम तन गया | जो की पैंट के ऊपर से साफ़ दिखाई दे रहा था | उन्होंने मेरे लंड की तरफ देखा पर वो कुछ नहीं बोली | मैंने बड़ी मुश्किल से खुद को सम्हाला और हम दोनों ने चाय पी फिर मैं अपने घर आया और उनके बूब्स को याद करके मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया |

Choot chudai ki kahani गांड और चुत की बरसात

उस दिन से मैं दिन रात उनकी चुदाई के सपने देखने लगा और रोज रात को उनको याद करके मुठ मारने लगा | एक दिन शाम को वो मेरे घर आई और उन्होंने मेरी माँ से कहा की आंटी आज आप वरुण से कह देना की वो मेरे घर में लेट जाये | मेरे पति बाहर गए हुए है और मैं घर पर अकेली हूँ | मेरी माँ ने मुझसे कहा की वरुण आज तुम स्वीटी के घर रात में सो जाना उनके पति कहीं बाहर गए हुए है और वो घर पर अकेली है | मैंने नखरा करते हुए कहा की क्या माँ आप भी पर मेरे अन्दर ही अन्दर लड्डू फूट रहे थे | फिर मैं रात को स्वीटी भाभी के घर पहुंचा | मैंने बेल बजाई स्वीटी भाभी ने दरवाजा खोला मैं उनको देखता ही रह गया उन्होंने रेड कलर की नाइटी पहन रखी थी | वो कितनी मस्त लग रही थी मेरा मन कर रहा था की बस अभी पकड़ कर चोद दूं |

उन्होंने मुझसे कहा की अब बाहर ही खड़े रहोगे की अन्दर भी आओगे | मैंने खुद को सम्हाला और अन्दर पहुंचा | उन्होंने खाना लगाया हम दोनों ने बैठ कर खाना खाया | पर मेरी नजर उनकी चूचियों पर ही थी | भाभी भी इस बात पर गौर कर रही थी | फिर उन्होंने मेरा बिस्तर लगाया और खुद भी मेरे पास वाले बिस्तर पर लेट गयी | मुझे नींद नहीं आ रही थी पर मैं चुप-चाप लेटा था | थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ की कोई मेरे लंड को सहला रहा है | मैं तुरंत उठकर बैठ गया मैंने देख की भाभी मेरे बिस्तर पर थी | और उनका हाँथ मेरे लंड पे था | मैंने कहा की ये क्या कर रही है आप | भाभी ने जवाब दिया की जो तुम चाहते हो | मैंने कहा की आप को कैसे पता की मैं क्या चाहता हूँ | उन्होंने कहा की मुझे सब पता है की तुम चुपके-चुपके मेरे बूब्स को घूरते रहते हो | मैंने कहा हाँ भाभी आप के बूब्स मुझे बहुत अच्छे लगते है | उन्होंने मुझसे कहा की और मुझमे क्या अच्छा लगता है | मैंने कहा की जब आप गांड मटका कर चलती है तो मन करता है की आप की गांड मार दूं |

भाभी ने मेरी ओर कामुक नजरो से देखा और मुझसे कहा की आज देखती हूँ की कितना दम है तुम में | मैं समझ गया की आज मेरी मनोकामना पूरी होने वाली है | मैंने भाभी को पकड़ कर बिस्तर पर गिरा लिया और उनके गुलाबी होंठों को चूसने लगा और साथ में उनके बूब्स को भी मसलने लगा | भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी | उन्होंने मेरे कपडे खोलकर निकाल दिए और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाने लगी | मैंने भी देर ना करते हुए उनकी नाइटी निकाल कर फेक दी अब वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थी |

गुलाबी ब्रा और पैंटी में क्या मस्त लग रही थी भाभी | फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल दी और उनके दोनों बॉल्स से खेलने लगा और उनको चूमने लगा | मैंने उनके निपल्स को अपने मुहँ में रखा और उनको चूसने लगा | भाभी के मुहँ से आह्ह उम्ह्ह्ह इश्ह्ह्ह की मादक सिसकियाँ निकलने लगी मैंने उनकी निपल्स को चूस कर एक दम लाल कर दिया | उन्होने मुझे निचे किया और खुद मेरे ऊपर आ गयी और उन्होंने मेरी अंडरवियर निकाल दी और मेरे लंड को देखकर उनकी आँखों में चमक सी आ गयी | उन्होंने मुझसे कहा की ये तो बहुत मस्त है | मैंने कहा की जैसा भी है बस आपका है जो मर्जी हो करो फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुहँ में ले लिया और उसको लोलीपॉप की तरह चूसने लगी |

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | आज तक मेरा लंड किसी ने ऐसे नहीं चुसा था | उन्होंने मेरा लंड 15 मिनट तक चूसा अब मैं झड़ने वाला था | मैंने कहा भाभी मैं झड़ने वाला हूँ | वो मेरे लंड को चुस्ती रही और मैं उनके मुहँ में ही झड गया | मैंने उनकी नाभी पर किस करते हुए मैने उनकी पैंटी के ऊपर से उनकी चूत पर किस किया और उनकी पैंटी उतार दी | क्या मस्त गुलाबी चूत थी | उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था | मैंने कहा की भाभी आप की चूत पर एक भी बाल नहीं है|

उन्होंने कहा की आज ही बनाये है सिर्फ तेरे लिए मेरे राजा | फर क्या था मैंने उनकी चूत पर अपना मुहँ रखा और उनकी चूत को चाटने लगा | उनके मुहँ से आह्ह्ह ओह्ह्ह  येस्स प्लीज्ज्ज जोर से चाटो मेरी चूत खा जाओ इसे अह्ह्ह जैसी आवाज़े निकल रही थी | फिर हम दोनों 69 की पोजीसन में आ गए मैं उनकी चूत चाट रहा था और वो मेरे लंड को चूस रही थी | अब उनसे कंट्रोल नहीं हो रहा था | उन्होंने मुझसे कहा की प्लीज वरुण अब मुझे मत तडपाओ डाल दो अपना लंड मेरी चूत में अब मुझसे रहा नहीं जा रहा |

मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा फिर एक जोर के धक्के के साथ मैंने पूरा लंड भभी की चूत में डाल दिया | भाभी के मुहँ से आह की चीख निकली और फिर मैंने भाभी की कमर पकड़ी और जोर –जोर से धक्के लगाने लगा | भाभी के मुहँ से अह्ह्ह ओह्ह्ह जोर से चोदो वरुण आह ओह्ह्ह फाड़ दो अपनी भाभी की चूत को आज तक तुम्हारे जैसा लंड इसने नहीं पाया | आज इसकी सारी प्यास मिटा दो | उनकी इन बातों को सुनकर मुझे और जोश आ रहा था | मैंने उनकी 20 मिनट तक चुदाई की उसके बाद भाभी झड गयी |

मैंने भाभी से कहा की भाभी मुझे आप की गान मारनी है | भाभी तुरंत तैयार हो गयी | मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और उनकी मस्त गांड में अपना लंड डाल दिया | मैं जोर-जोर से धाक्के लगा रहा था | भाभी अपनी गांड मटका- मटका कर पूरा मज़ा ले रही थी | मैंने भाभी की 15 मिनट तक गान मारी फिर मैं झड गया | उस रात मैंने भाभी की तीन बार चुदाई की | उसके बाद मेरा जब भी मन करता मैं भाभी के घर जाता और उनकी चुदाई किया करता था |

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भाभी के दूध का दीवाना https://sexstories.one/bhabhi-ke-mote-doodh-chuche-piye/ Thu, 04 Nov 2021 08:49:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3269 वो खड़ी हुई और उसने अपनी साड़ी उतार दी और सिर्फ पेटीकोट में अन्दर गई और कंडोम लेकर आई और उसके ऊपर जो वीर्य गिरा था वो भी साफ़ कर आई | फिर मैंने कहा अच्छा बेबी एक हवस का नंगा नाच हो जाये, तो उसने कहा क्या ? तो मैंने कहा अरे तुम नंगी हो कर नाचो न मज़ा आएगा...

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Bhabhi ke mote doodh piye हाय दोस्तों मेरा नाम नितिन चौहान है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 20 साल है और अभी मैं बी.कॉम. कर रहा हूँ | मेरे कॉलेज में मेरी एक गर्लफ्रेंड है लेकिन मेरा इंटरेस्ट बड़ी औरतों में है | मेरा ध्यान हमेशा अपने से बड़ी औरतों में रहता है और उनको पटाने के फायदे भी बहुत है | ये मेरी कहानी इसी पर आधारित है, मेरे घर के सामने रहने वाली एक औरत दीपिका और मेरे बीच की | मैंने अपने बारे में तो बताया ही है थोडा दीपिका के बारे में भी जान लो | रंग गोरा, पतली कमर, दूध बड़े और दिखने में बहुत मस्त | उसकी उम्र 28 साल है और उसकी शादी को 3 साल हो चुके है और उसकी एक बेटी भी है |

वो हमारे घर के सामने किराये से रहती थी और जैसा की मैंने बताया मेरा इंटरेस्ट ऐसी औरतों में है तो मैं आए दिन उसको आँख भर कर देखा करता था | वो भी मेरी हवस भरी निगाहों से वाकिफ़ थी कि मैं उसको ताड़ता हूँ लेकिन वो कुछ बोलती नहीं थी बल्कि नज़रें झुकाके निकल जाया करती थी | उसकी एक बेटी थी जिसका नाम शिल्पी था | मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उससे कैसे बात शुरू करूँ और कैसे उसे पटाऊं ? तो मेरे एक दोस्त जिसका नाम अमन है उसने मुझे दिमाग दिया कि पहले उस बच्ची से बात करना, खेलना शुरू करो, उससे बात अपने आप हो जाएगी |

मैंने ऐसा ही किया वो बच्ची जब भी बाहर आती थी मैं उसे खिलाता रहता था और ये पैंतरा काम कर गया | ऐसा करते करते मेरी उससे बात शुरू हो गई | मेरे दोस्त ने मुझे कहा था कि पहले उसको मैं आंटी ही बोलूं अगर उसे बुरा लगे तो समझ लेना कुछ बात बन सकती है और हुआ भी ऐसा | एक दिन उसने मुझे कहा देखो मुझे ठीक से मैं क्या आंटी लगती हूँ ? तो मैंने कहा नहीं, तो उसने कहा अच्छा तो तुम मुझे आज से आंटी नहीं कहोगे | तो मैंने उनसे पूछा कि क्या बुलाऊं फिर आपको ? तो उसने थोडा सोचा और मुस्कुराते हुए कहा दीपू भाभी |

मुझे अपने दोस्त कि कही हुई बात याद आ गई और मैंने मन में सोचा कि थोड़े दिन और रुक जाओ दीपू मैं तुम्हे बेबी बुलाऊंगा | उसके पति की मार्केट में दूकान थी इसलिए वो सुबह जल्दी चला जाता था और रात में देर से आता था | क्या देखकर उसे पसंद किया था | खैर जो भी हो मुझे तो उसकी चूत चाहिए थी और मैं वही पाने में लगा हुआ था | एक दिन मैं उसके घर गया और शिल्पी को आवाज़ लगाते हुए अन्दर गया | दीपु घर पर अकेली थी और अपने लिए नाश्ता बना रही थी तो उसने कहा शिल्पी स्कूल गई है, तो मैंने कहा अच्छा ठीक है थोड़ी देर बाद आता हूँ |

bhabhi ke mote doodh chuche piye aur chooth choda

तो उसने कहा अरे रुको मैं नाश्ता बना रही थी तुम नाश्ता करके जाना | मैंने कहा नहीं मुझे भूख नहीं है तो उसने कहा चल नाटक नहीं कर बैठ जाके मैं नाश्ता लेकर आती हूँ | वो आई और जैसे ही उसने नाश्ता टेबल पर रखा तो उसका पल्लू नीचे हो गया और उसके थोड़े थोड़े दूध दिखने लगे और उसने मुझे ये देखते हुए देख लिया कि मैं उसके दूध देख रहा हूँ लेकिन उसने कुछ नहीं कहा |

फिर हम दोनों बैठकर नाश्ता करने लगे तभी मेरा फ़ोन बजा और मैंने फ़ोन काट दिया | मुझे फिर से फ़ोन आया लेकिन कॉल कंपनी से था तो मैंने फिर से काट दिया | तो दीपू ने मज़ाक में कहा अरे उठा लो भाभी के सामने गर्लफ्रेंड से बात नहीं कर सकते क्या ? तो मैंने कहा गर्लफ्रेंड का नहीं था | तो दीपू ने कहा अच्छा तो गर्लफ्रेंड का फ़ोन कब आता है रात में | तो मैंने कहा नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | दीपू मुझसे ज्यादा दूर नहीं बैठी थी और उसने जो कहा वो मुझे सुनाई दे गया जबकि उसने बहुत धीमी आवाज़ में कहा था | उसने कहा बेचारा हाँथ से काम चलाता है तो मैंने कहा क्या ?

तो उसने कहा नहीं कुछ नहीं | फिर नाश्ता करके मैं अपने घर चला गया और जाते से ही अपने दोस्त अमन को फ़ोन लगाया और उसे पूरी बात बताई | उसने मुझे कहा एक काम कर कल सुबह फिर से उसके घर जाना और इस बार कंडोम लेकर जाना | ये सुनकर मुझे थोडा अटपटा सा लगा जैसे अगली बार जाऊंगा तो वो मुझसे चुदवा लेगी लेकिन फिर भी एक बार उसकी बात अजमाने के लिए मैं अगली दिन सुबह उसके घर गया लेकिन कंडोम लेकर नहीं गया | उसने फिर से मुझे नाश्ते के लिए रोक लिया और नाश्ता करने के बाद मैं जाने को हुआ तो उसने मुझे रोक लिया और कहा कोई काम है क्या घर में ? तो मैंने कहा नहीं तो उसने कहा तो यहीं बैठो मेरे साथ, तो मैं वहीँ बैठ गया | तो उसने कहा वहां नहीं यहाँ मेरे पास आकर बैठो तो मैं उसके बाजू में जाके बैठ गया |

बात करते हुए बार बार नीचे झुक रही थी और उसकी साड़ी भी नीचे हो रही थी जिसकी वजह से उसके ऊपर के दूध दिखने लगे थे लेकिन वो अपनी साड़ी ठीक नहीं कर रही थी और मेरी नज़र बार बार उसके दूध पर जा रही थी | तो मैंने उससे कहा जो आपने कल कहा था न वो मैंने सुन लिया था | तो उसने कहा क्या ? तो मैंने कहा जब कहा था मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और उसके बाद जो आपने कहा था | तो एक पल के लिए वो शांत रही फिर उसने मेरी जांग पर हाँथ रखा और कहा तो मैंने कुछ गलत नहीं कहा था तुम्हें कोई तो चाहिए न अपनी मदद करने के लिए | तो मैंने कहा अच्छा तो आप ही कर दो मेरी मदद | तो वो एकदम से शांत हो गई और नीचे देखने लगी, तो मैंने सोचा चलो अब बारी है अपनी पैंट खोलने की और मैंने अपनी पैंट खोलना शुरू किया और जैसे ही मैंने अपनी पैंट उतारी उसने एक लम्बी साँस ली | फिर मैंने अपनी चड्डी भी उतार दी और जैसे ही मैं अपना लंड पकड़ने को हुआ तो उसने कहा नहीं और मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी |

Mote boobs wali bhabhi ne lund liya muh me

मैं वहीँ बैठ गया और वो ज़मीन पर बैठ कर लंड हिलाने लगी | फिर उसने मेरा लंड चूसा और मेरी गोटियाँ भी | फिर उसने अपना ब्लाउज खोला और अपने दूध के बीच में मेरा लंड दबा के ऊपर नीचे करने लगी | मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और इतना मज़ा आया की मेरे लंड ने माल छोड़ दिया | फिर मैंने कहा दीपू बेबी बहुत मज़ा आया तो उसने कहा जानेमन अभी तो असली काम बाकी है | तो मैंने कहा अरे मैं कंडोम तो लाया ही नहीं, तुम रुको मैं अभी लेकर आता हूँ | तो उसने कहा तुम बच्चों की यही प्रॉब्लम है कुछ पता ही नहीं होता है, रुको मेरे पास रखा है कंडोम लेकर आती हूँ |

फिर वो खड़ी हुई और उसने अपनी साड़ी उतार दी और सिर्फ पेटीकोट में अन्दर गई और कंडोम लेकर आई और उसके ऊपर जो वीर्य गिरा था वो भी साफ़ कर आई | फिर मैंने कहा अच्छा बेबी एक हवस का नंगा नाच हो जाये, तो उसने कहा क्या ? तो मैंने कहा अरे तुम नंगी हो कर नाचो न मज़ा आएगा | तो उसने अपना पेटीकोट और पैंटी उतारी और एक दो ठुमके लगाये | फिर मैंने उसका हाँथ पकड़ा और अपने पास खींच लिया और किस करने लगा | किस करते हुए मैं उसके दूध भी दबा रहा था, उसके दूध बड़े बड़े थे | फिर मैंने उसको वहीँ पर लेटाया और उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और वो अपने दूध दबाते हुए आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह अहह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआअ करने लगी |

Sex katha कॉलेज के डायरेक्टर ने चोद दिया

फिर मैंने चूत से ऊँगली बाहर निकाली और उसके मुंह में डाल दी और अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा | तभी मुझे याद आया मैंने कंडोम तो पहना ही नहीं तो मैंने जल्दी से कंडोम पहना और उसकी चूत में लंड डाल दिया | मैं उसको धीरे धीरे चोद रहा था और वो भी बिना पूरा लंड अन्दर डाले, तो उसने कहा बाकी का किसके लिए बचा रखा है पूरा डालो | तो मैंने एक जोर का झटका मारा और पूरा अन्दर कर दिया और उसकी अह्ह निकल गई | लेकिन अब मुझे मज़ा नहीं आ रहा था तो मैंने चूत से लंड निकाल के गांड में डाल दिया और जोर जोर के झटके मारने लगा | जब मैंने उसकी गांड मारना शुरू किया तो उसकी आह्ह्ह्हह्ह्ह्हा ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह हह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआ की चीखें निकलने लगी | फिर मेरा वीर्य निकल गया और मैं उसके ऊपर लेट गया | फिर उसके बाद जब भी वो घर पर अकेली रहती थी मैं पहुँच जाता था और हम चुदाई करते थे | ये सिलसिला कई सालों तक चलता रहा जब तक वो वहां से चली नहीं गयी | अब मैंने नयी भाभी पटाई है |

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भाभी के गांड पर टिकाया अपना लंड https://sexstories.one/bhabhi-ki-gand-bur-chodi-devar-ne-sex/ Fri, 29 Oct 2021 12:53:22 +0000 https://sexstories.one/?p=3196 मेरा लंड सीधा उनकी गांड पर टच हुआ वो बहुत डर गई और मुझे देखने के लिये पीछे पलटी.. तो में बोला भाभी आप बहुत सेक्सी हो में तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.. तो वो अपनी आँखे बंद किये हुये कुछ नहीं बोल रही थी। में नज़दीक गया और उनके होठों पर किस किया...

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Bhabhi ki moti gand chodi मेरा नाम राज है और में कर्नाटक से हूँ। में अपनी पहली कहानी आपको बताने जा रहा हूँ। में आशा करता हूँ कि आप सबको ये कहानी पसंद आयेगी। अब में सीधा अपनी कहानी पर आ जाता हूँ। ये स्टोरी मेरी और मेरी भाभी की है। उनका नाम शबाना है और उनकी उम्र 23 साल की है और मेरी उम्र 19 साल की है। मेरे घर में सिर्फ़ में भाभी और माँ रहते है। भाई दुबई में काम करते है और पापा भी हमेशा बेंगलोर में रहते है। तो भाभी की शादी के 4 महीने के बाद भैया दुबई चले गये.. तो उसके बाद में और भाभी बहुत अच्छे दोस्त बन गये।

एक दिन मेरी माँ बाहर गई हुई थी.. तो में भाभी के रूम में गया.. भाभी सो रही थी। मैंने जाकर उनको उठाया.. तो वो बोली की क्या हुआ राज? में बोला की भाभी कहीं बाहर चलते है.. तो भाभी बोली कि नहीं में नहीं आ सकती। में बोला कि प्लीज.. तो वो नहीं मानी। फिर में अकेला ही बाहर चला गया.. लेकिन तुरंत ही वापस आ गया। में सीधा ही भाभी के रूम में गया.. तो भाभी रो रही थी। मैंने पूछा भाभी क्या हुआ क्यों रो रही हो?

भाभी – कुछ नहीं ऐसे ही मन उदास है।

में – प्लीज.. बोलो ना क्या हुआ?

भाभी – तुमसे बोलने में अजीब लग रहा है।

में – में कुछ नहीं बोलूँगा प्लीज.. बोलो।

भाभी – मैंने आज नहाते वक़्त …

में – हाँ भाभी बोलो।

भाभी – में नहाते वक़्त अपने नीचे के बाल साफ़ कर रही थी तो …

में – बोलो क्या हुआ? भाभी

भाभी – वहां पर चोट लग गई.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

में – बस इतनी सी बात.. में अभी डिटोल लगा देता हूँ।

भाभी – नहीं उससे बहुत जलन होती है।

में – नहीं भाभी, कुछ नहीं होगा.. मैंने बोला ना कि कुछ नहीं होगा।

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भाभी – अगर तुम्हारे भैया होते तो मेरा कितना ख्याल रखते.. में तो अब बिल्कुल अकेली हूँ।

में – क्यों ऐसा बोल रही हो भाभी.. में हूँ ना आपका ख्याल रखने के लिये। में वहां डिटोल लगा दूँगा।

भाभी बहुत मासूम थी। वो दर्द से बहुत तड़प रही थी.. ये देखते हुये में तुरंत उनके नज़दीक गया और उनकी नाईटी को ऊपर किया.. तो वो शरमा रही थी.. लेकिन में बहुत अच्छे दिल से उनकी मदद कर रहा था.. तो जब में उनकी चोट तक पहुँच गया तो मैंने देखा की चोट ब्लेड लगने से नहीं आई थी.. बल्कि उन्होंने कुछ अपनी चूत के अंदर डाला था इसलिये वो चोट आई थी।

में – भाभी आपने अपनी चूत में क्या डाला था?

भाभी – (रोते हुये बोली) सॉरी में आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी।

में – लेकिन.. तुमने आख़िर डाला क्या इसमें?

भाभी – मैंने टूथ ब्रश डाला।

में – लेकिन क्यों भाभी? आप क्यों ऐसा करते हो? ये ग़लत है।

मेरी ये बात सुनते ही वो बहुत उदास हो गई और हल्की सी रोने लगी। मैंने थोड़ा डिटोल उनकी चूत पर लगाया और वहां से निकल गया.. तो दो दिन तक वो बहुत नाराज़ और उदास थी। में सोच रहा था कि भाभी की तकलीफ़ कैसे दूर की जाये.. फिर 3 हफ्ते के बाद मुझे कॉलेज से छुट्टी मिली.. तो में भाभी को उनके गावं लेकर जा रहा था.. उनका गावं 180 किलोमीटर की दूरी पर था.. तो में उनके साथ बस में बैठ गया। थोड़ी देर हमने बातें की और उसके बाद वो मेरे कंधे पर सर रखकर सो गई.. तो उनका हाथ मेरे लंड पर लगा.. फिर मेरा दिमाग़ खराब होने लगा। में बहुत सेक्सी मूड में आ गया.. तो मैंने भाभी की कमर में धीरे से हाथ डाला। वो बुरखे में थी तो हाथ बहुत फिसल रहा था। मैंने उनकी गांड पर धीरे से टच किया और धीरे से दूसरा हाथ बूब्स से टच किया.. तो उसी टाईम बस ने अचानक ब्रेक मारा तो मैंने घबराकर बूब्स प्रेस कर दिया और भाभी नींद से जाग गई।

भाभी – क्या हुआ क्या कर रहे हो?

में – भाभी वो बस अचानक रुक गई तो मेरा हाथ गलती से वहां चल गया.. सॉरी भाभी।

भाभी – कोई बात नहीं।

लेकिन में उन्हे चोदना चाहता था। बस में भीड़ बहुत हो गई। उस वक़्त बारिश का मौसम था और रास्तें में एक संदूर गावं आता है.. वहां पर जंगल जैसा एक बहुत बड़ा पार्क है। मैंने भाभी से पूछा कि हम यहाँ उतरते है और थोड़ा पार्क देखकर गावं जाते है.. तो वो मान गई.. में तारा नगर बस स्टॉप पर उतर गया और ऑटो से पार्क गये और छुट्टियाँ होने के कारण वहां कोई नहीं था। थोड़ा दूर तक चलने के बाद पानी आया तो मैंने भाभी से पूछा कि हम नहाते है यहाँ कोई नहीं है.. तो भाभी बोली कि नहीं। मैंने कहा तुम्हें मेरी कसम.. तो वो मान गई। पहले उन्होंने अपना बुरखा उतार दिया.. फिर में बोला कि भाभी आप साड़ी भी उतार दो.. यहाँ कोई नहीं है। सिर्फ़ ब्रा पेंटी में हो जाओ ना प्लीज.. तो भाभी बोली में नहीं नहा सकती। फिर मेरे बोलने के बाद वो मान गई और अपने कपड़े निकालने लगी। मेरा तो दिमाग़ खराब हो गया.. में भी सिर्फ़ अंडरवेयर में आ गया.. तो हम पानी में चले गये।

थोड़ी देर बाद में भाभी के नज़दीक गया और धीरे से उनके पीछे पीठ को टच किया.. मेरा लंड सीधा उनकी गांड पर टच हुआ वो बहुत डर गई और मुझे देखने के लिये पीछे पलटी.. तो में बोला भाभी आप बहुत सेक्सी हो में तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.. तो वो अपनी आँखे बंद किये हुये कुछ नहीं बोल रही थी। में नज़दीक गया और उनके होठों पर किस किया और होंठो को चूसे जा रहा था.. तो भाभी ने मुझे गले से लगाया और किस करने लगी.. अभी भी हम पानी में ही थे। फिर में उन्हे गोद में ले कर थोड़ी झाड़ियाँ थी.. वहां ले कर गया और उनकी ब्रा को थोड़ी नीचे किया और बूब्स को किस करने लगा.. वो मौन कर रही थी। फिर में उनकी पूरी छाती को चाटने लगा वो भी बहुत गर्म हो गई। फिर मैंने धीरे से अपना हाथ चूत पर रखा.. तो वो उछल पड़ी और मैंने उनकी पेंटी उतार दी। मैंने उनकी चूत पर हल्का सा किस किया तो वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी.. में पूरे जोश में उनकी चूत चाट रहा था।

फिर में उठा और बैठ गया और मेरा 7 इंच का लंड बाहर निकाला.. तो भाभी ने उसे धीरे से टच किया और नज़दीक आने लगी। में बहुत तड़प रहा था.. वो धीरे से मेरे लंड को किस करने लगी। थोड़ी देर बाद में उठा और वहीं पर भाभी को लेटा दिया और चूत पर थूक लगाने लगा और उसने मेरे लंड पर थूक लगाया और धीरे से लंड चूत में डाला.. तो वो अंदर नहीं जा रहा था.. क्योंकि मेरा पहला सेक्स था.. तो मैंने फिर ट्राई किया। फिर लंड थोड़ा अंदर गया.. तो मैंने एक जोरदार धक्का मारा.. तो भाभी चिल्ला पड़ी और तड़पने लगी.. इस तरह में उनको जोर से चोदने लगा और 20 मिनट बाद बिना बोले उनकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया.. तो वो बोली कि ये तुमने क्या किया? में तो अब प्रेग्नेंट हो जाउंगी। मुझे जल्दी मेडिकल ले जाओ.. वरना बहुत बड़ी प्रोब्लम हो ज़ायेगी.. तो मैंने जल्दी अपने कपड़े पहने और भाभी ने भी अपनी साड़ी पहनी। फिर हम पार्क से सीधा सिटी में गये और आई-पिल खरीदी और भाभी को खिलाई। उसके बाद हमने गावं जाकर बहुत मस्ती और खूब सेक्स किया ।।

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सगी भाभी से सच्चा प्यार https://sexstories.one/matwali-bhabhi-ki-chodayi-ki-sex-kahani/ Tue, 25 May 2021 14:14:08 +0000 https://sexstories.one/?p=3633 सगी भाभी से सच्चा प्यार.. नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज है और यह मेरी पहली और एकदम सच्ची कहानी है जो की मेरी जिंदगी में बीती थी । मै फिरोजाबाद का रहने वाला हु और ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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सगी भाभी से सच्चा प्यार.. नमस्कार दोस्तों मेरा नाम राज है और यह मेरी पहली और एकदम सच्ची कहानी है जो की मेरी जिंदगी में बीती थी । मै फिरोजाबाद का रहने वाला हु और मेरी उम्र 20 वर्ष है और मेरे लंड का साइज़ 8 इंच है। मै दिखने में स्मार्ट लगता हु । मेरे परिवार में मै, मेरे मम्मी पापा, बहन और भैया भाभी रहते है । मेरे भाई का नाम विशाल है और भाभी का नाम अमृता है।

भाभी पतिव्रता नारी है और मेरे भैया से बहुत ही प्यार करती है। भाभी की उम्र 24 वर्ष है और उनका फिगर 32 है । उनकी गांड मोटी है और वो बहुत ही खुबसूरत हॉट लगती है। उनको देखकर अच्छे अच्छे के लंड खड़े हो जाते है। मै भाभी से बहुत प्यार करता हु और उन्हें चोदना चाहता हु। मेरा कमरा भाभी के कमरे के पास ही है। मेरे भैया की शादी को 5 साल हो गए है परन्तु अभी तक उनको बच्चा नहीं हुआ है।

Bhabhi bahu matwali thi… Chodayi ko aatur..

उन्होंने कई डॉक्टरों को दिखाया किन्तु कुछ भी नहीं हुआ।

एक दिन मै रात को 11 बजे बाथरूम गया तो मैंने भैया और भाभी की आवाज सुनी। भाभी भैया से बोल रही थी की आप से नहीं होता है तो मत किया करो। रोज रोज खुद का पानी निकाल लेते हो और मेरा रह जाता है। तब मुझे पता लगा की आखिर कमी मेरे ही भैया में है । मेरा भैया प्राइवेट जॉब करते है वो सुबह 9 बजे जाते है और शाम को 6 बजे आते है। दिनभर मै और भाभी हंसी मजाक करते रहते है।

Aur Padhiye – चुद गए रे भाई आ के तेरे मोहल्ले

एक दिन दोपहर को मम्मी पापा अपने कमरे में सो रहे थे और मै भाभी के कमरे में टीवी देख रहा था। भाभी में मेरे पास आकर बैठी और हम हंसी मजाक करने लगे । बातो ही बातो में मैंने भाभी से बोल दिया की भाभी आप मुझे बहुत ही अच्छे लगते हो। मुझे आपको किश करना है और इस पर भाभी ने मुझे डाटा। मै रोज बार बार जिद करता और वो हर बार मना कर देती थी।

इस तरह करीब 1 महिना गुजर गया। एक दिन दोपहर को मै क्रिकेट खेल कर घर आया तो देखा भाभी अपने कमरे में सो रही थी। और उनकी गांड दरवाजे की तरफ थी तो मै भी भाभी के पास आया और उनको पकड़कर सो गया। मैंने अपना लंड भाभी की साड़ी के ऊपर से ही उनकी गांड में सेट किया और पीठ पर किस करने लगा। तो भाभी अचानक से उठी और मेरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारा।

Matwali bhabhi ke boobs mast the..

भाभी बोली की देवर जी मुझे आपसे ये उम्मीद नहीं थी। मै बोला भाभी आप मुझे सेक्सी लगती हो और देवर भाभी में इतना सा तो चलता है तो वो बोली की देवर जी मै उस टाइप की ओरत नहीं हु जो तुम समझ रहे हो। तुम्हारे भैया को पता चल गया तो मुझे जान से ख़त्म कर देंगे। तुम्हारा तो कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि तुम तो उनके सगे भाई हो और तुमसे वो बहुत प्यार करते है । मै बोला भाभी किसी को कुछ पता नहीं चलेगा यह बात सिर्फ हम दोनों के बीच रहेगी। मै ज्यादा कुछ नही सिर्फ तुम्हे किस ही करूँगा। और मैंने भाभी को कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। प

रन्तु भाभी ने मुझे धक्का मारा और बाहर चली गयी। मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया। 2-3 दिन तक मैंने उससे बात नहीं की। फिर वो खुद ही मुझे मनाने के लिए मेरे पास आयी और प्यार से बाते करने लगी और मै उनका चेहरा देखकर मान भी गया। यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। मै उसे किस करने के लिए राजी करता और वो मना कर देती थी। मै उनको व्हाट्सअप चैट पर किस के फोटो और विडियो भेजने लगा। किन्तु उन पर कोई असर नहीं हुआ। एक दिन घर में कोई नहीं था। मेरे सभी घर वाले मेरे मामा के चले गए थे और मेरे भैया ऑफिस चले गए थे।

Mere lund par kudne ko tayyar thi sexy matwali bhabhi

घर में सिर्फ मै और भाभी ही थे। तो मैंने सोचा इससे अच्छा मोका दोबारा नहीं मिलेगा। दोपहर को मै भाभी के पास आया और उनसे बाते करने लगा, बातो ही बातो में मैंने अपना हाथ उनके कंधो पर रख दिया और धीरे धीरे मसलने लगा। वो बोली देवर जी ये सब ठीक नहीं है। मै बोला भाभी अभी घर में सिर्फ हम दोनों है किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और मेरे बार बार जिद करने पर भाभी बोली की सिर्फ किस ही करने दूंगी, इससे आगे कुछ नहीं।

मै मान गया। मैंने भाभी की कमर में हाथ डाला और उन्हें कस के पकड़ लिया। मैंने अपने होठ भाभी के होठो पर रख दिए और चूसने लगा। मेरा हाथ उनकी पीठ पर से खिसकता हुआ उनकी गांड पर जा टिका। करीब 10 मिनट तक हम होठो पर किस करते रहे। इससे भाभी भी गर्म हो रही थी। मैंने पीछे से भाभी की साड़ी को उप्पर करके जांघो तक खिसका दिया। और उनकी जांघो को मसलने लगा।

और मेने अपना हाथ उनके ब्लाउज में डाल दिया। तभी भाभी ने मुझे धक्का दिया और पीछे खिसक गयी। अब मैंने भाभी को जबरदस्ती पीछे से पकड़ लिया और उनकी पीठ पर किस करने लगा। मैंने अपना लंड भाभी की गांड पर टिका दिया, भाभी ने मेरे पजामे में हाथ डाल कर लंड पकड़ लिया और मसलने लगी। भाभी के हाथो के स्पर्श से मेरा लंड तनकर खडा हो गया।

Bhabhi ko chodayi ki sexkahani padhiye

मै दोनों हाथो से भाभी के बूब्स मसल रहा था और भाभी लंड को लगातार मसल रही थी और मुझे मजा आ रहा था।

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भाभी की चूत की आग को चोद कर बुझाया https://sexstories.one/sarla-bhabhi-ki-chut-chudai/ Fri, 12 Feb 2021 05:36:04 +0000 https://sexstories.one/?p=2693 मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती है.. उनका नाम सरला है। वह शायद मेरी जवानी देख कर मचलने लगी थी। वैसे उसका पति है.. पर शायद उसका पति लम्बाई में तो अपनी पत्नी से छोटा ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती है.. उनका नाम सरला है। वह शायद मेरी जवानी देख कर मचलने लगी थी। वैसे उसका पति है.. पर शायद उसका पति लम्बाई में तो अपनी पत्नी से छोटा तो था ही.. पर शायद उसका हथियार भी छोटा था। इसीलिए भाभी संतुष्ट नहीं हो पाती थी और दूसरे लण्ड की तलाश में रहती। sarla bhabhi

मेरी जवानी उसे पसंद आ गई और मैं भी सेक्स की चाहत के कारण उसके जाल में आ गया।

उसने मुझे एक रात पेट दर्द के बहाने बुलाया.. मैं दवा लेकर पहुँचा.. उसे दवा दी और उसके कहने पर कुछ देर रुका रहा।

Sarla Bhabhi ki Chut Chodi Maine!

जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो अचानक वो उठी और उसने मुझे किस कर लिया और बोली- देवर जी.. क्या दवा दी है कि रोग ही ठीक हो गया। मैंने तुझे बदले में जो इनाम दिया.. कहीं तुझे बुरा तो नहीं लगा?

मैंने कहा- नहीं भाभी जान.. बिल्कुल नहीं.. sarla bhabhi

उसका मन बढ़ गया और उसने कहा- तब तो देवर राजा और कुछ दूँगी तो बुरा नहीं मानोगे ना?

मैंने कहा- नहीं.. बिल्कुल नहीं..

उसने मुझे कुछ देर सहलाया जो मुझे बहुत अच्छा लगा। सहलाते-सहलाते उसने मेरी जिप खोलकर अंडरवियर के अन्दर हाथ डाला और मेरा हथियार निकाल लिया।

मुझे यह बहुत अच्छा लगा.. पर वह इसे देख कर आश्चर्य भरी निगाहों से देख रही थी।

उसने कहा- जानू.. इतना बड़ा..! ये तो तेरे भाई के लौड़े से दुगना बड़ा है.. उनका तो किसी पतली गाजर के जैसा छोटा और पतला है.. क्या मैं इसे भी चूस लूँ?

मैं भी जोश में आ गया था.. सो उसके दूध दबाते हुए बोला- भाभी जान.. अभी ये तेरी अमानत है.. इसे जो भी उपहार देना है.. दे दो।

Bhabhi ke kaha chodo mujhe!

वो मेरा लण्ड चूसने लगी.. मुझे और अधिक जोश आ गया और मैंने उसकी साड़ी खोल कर कहा- मैं भी तेरे सामान को चुम्मी करना चाहता हूँ।

तो बोली- करो न.. किसने रोका है। sarla bhabhi

अब हम दोनों 69 के जैसे हो गए.. उसने अपना पेटीकोट और ब्लाऊज़.. ब्रा, पैन्टी सब उतार दिया।

विपरीत 69 के कारण हम दोनों एक-दूसरे का सामान चूसने लगे। लौड़ा चूसते-चूसते उसने मेरा माल निकाल दिया और पी गई।

मैं भी कहाँ मानने वाला था। मैंने भी उसकी बुर चूस कर उसे झाड़ दिया और सारा रस जीभ से चाट गया।

इतने में उसने कहा- राजा.. अब मेरी बुर को चोदो.. मैं तेरा लण्ड चूसकर खड़ा किए देती हूँ।

यह कह कर वो मेरा मुरझाया लण्ड फिर से चूसने लगी और कुछ देर चूसने के बाद ही मेरा लण्ड फनफनाने लगा।

मैंने कहा- चल चित्त हो जा.. मेरी रंडी चुदक्कड़ भाभी.. अपने पति के लण्ड से तुझे तृप्ति नहीं मिली ना.. भैन की लौड़ी.. आज बताता हूँ कि कुंवारे लण्ड से बुर का क्या हाल होता है।

उसने कहा- हाय राजा.. यही तो मैं चाहती हूँ.. आज इस हरामजादी बुर को ऐसा मज़ा चखाओ कि यह भोसड़ी हमेशा तेरे ही लण्ड से चुदवाने के लिए तड़पे.. अपने भरतार के लण्ड को हमेशा के लिए भूल जाए.. मेरे पति ने तो कभी मुझे पूरा सुख दिया ही नहीं।

Kamuk Kissa

यह कह कर उसने बिल्कुल रंडी की तरह अपने चूतड़ फैला दिए।

उसे इस हालत में देख मुझे भी ताव आ गया.. sarla bhabhi

मैंने अपने लण्ड को उसकी बुर के ऊपर रखा और धक्का लगा दिया।

लण्ड भीतर नहीं गया बाहर ही फिसल गया.. इस पर वो हंसने लगी और बोली- राजा तुम बिल्कुल अनाड़ी हो.. तुमने आज तक किसी को नहीं चोदा है? लाओ मैं तेरे लण्ड को अपनी बुर के छेद पर लगाती हूँ।

Bhabi ke choot se khoon nikal raha tha!

उसने ऐसा ही किया और मुझे धक्का लगाने को कहा.. मैंने भी एक जोर का धक्का दिया..

मेरा ये धक्का करारा था इसलिए वो चिल्ला उठी और गन्दी गालियां बकने लगी- साले मादरचोद.. खेत समझा है क्या.. कि चाहे जैसे जोत दिया? ओह… आह.. हाय.. ऊह.. आ साले हरामी ने फाड़ दिया रे.. मेरी बुर को फाड़ दिया उई मम्मी.. साले भाभीचोद.. फाड़ दे अपनी गीता रानी की बुर को.. कचूमर निकाल दे इसका.. आह्ह.. मेरे मर्द देवर और जोर से चोद.. भैन के लण्ड.. मुझे तृप्त कर दे.. अब मेरी बुर का दूसरा कोई मालिक नहीं बनेगा.. मेरा गांडू भरतार भी नहीं.. अब तो मैं अपने भरतार के सामने भी तुझसे ही चुदवाऊँगी.. आह्ह.. तब उस साले को पता चलेगा कि मर्द क्या होता है?

इतना सुनकर मैंने और जोर से चुदाई शुरू कर दी।

वो चिल्लाने लगी- हाय.. ओह.. ओह.. sarla bhabhi

मैं अब पूरे जोश में था.. एक हाथ से उसकी चूची मसल रहा था और धकाधक अपने लण्ड को अन्दर-बाहर कर रहा था।

मेरे मुँह से गन्दी-गन्दी गालियाँ निकलने लगीं- साली रंडी.. तेरी बुर ने मेरे लण्ड को फंसा ही लिया.. मादरचोदी.. आज तेरी बुर को भोसड़ा नहीं बनाया तो मेरा नाम नहीं..

आज तो तेरी बुर की खैर नहीं.. आज तो इतनी बार चोदूँगा कि तेरी बुर फ़ूल कर पावरोटी बन जाए।

उसने कहा- ओह्ह.. हाँ राजा.. जोर से.. और जोर से चोदो.. मेरे दुद्धू को चूसकर उससे दूध निकाल दो..

ऐसी गन्दी बातें करते हुए हमने 30 मिनट तक हचक कर चुदाई की.. फिर मैंने कहा- रानी मेरे लण्ड से कुछ निकलने वाला है।

इस पर उसने भी कहा- मैं भी झड़ने वाली हूँ.. पर राजा.. तुम अपने लण्ड के फव्वारे से ही मेरी बुर की प्यास बुझाना।

Choot me lund daal maine khoob choda usse

इतना कहते-कहते मेरे लण्ड ने झटका देना चालू कर दिया.. वो अपनी बुर उठा उठा कर मेरे लण्ड का सारा रस अपनी बुर में लेने लगी।

वो मदहोशी में कहे जा रही थी- ओह.. आह.. ओह.. मेरे देवर राजा आज मैं तृप्त हुई.. अब इस बुर के मालिक तुम हो.. इसे चोदते रहना.. आह्ह.. रोज रात को आना.. मैं तुम्हें नए-नए स्टाइल सिखाऊँगी.. तुझे चुदाई का मास्टर बना दूँगी।

मैंने भी कहा- हाँ मेरी गीता रानी.. अब तुम ही मुझे चुदाई का सारा तरीका सिखाओ। अब मुझे तेरी ही बुर चोदनी है पर कंडोम मँगा लेना.. कहीं कोई बच्चा रह गया तो.. अभी तेरी उम्र ही क्या है।

वो बोली- ठीक है.. पर अगर तेरे बच्चे की माँ बन भी गई तो कोई गम नहीं।

लंड को चूत में डालने के लिए ये कहानिया जरूर पढ़े… sarla bhabhi

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Dost Ki Bhabhi Ne Diya Diwali Ka Tohfa https://sexstories.one/dost-ki-bhabhi-xxx-chudai/ Mon, 01 Feb 2021 11:04:08 +0000 https://sexstories.one/dost-ki-bhabhi-ne-diya-diwali-ka-tohfa-xxx-storiez/ मेरा नाम अमर है और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 साल और में एकदम गोरा दिखने में ठीक ठाक हूँ। मेरी हाईट 5.10 और में एक पढ़ा लिखा लड़का हूँ। दोस्तों ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम अमर है और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 साल और में एकदम गोरा दिखने में ठीक ठाक हूँ। मेरी हाईट 5.10 और में एक पढ़ा लिखा लड़का हूँ। दोस्तों मैंने अभी अभी अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और उसके बाद में अपने घर पर बोर होने लगा था और इसलिए मैंने यह बात अपने एक बहुत अच्छे दोस्त को बता दी कि में बहुत बोर हो रहा हूँ। Dost Ki Bhabhi

उसने मुझे उसके घर पर कुछ दिन रहने के लिए बुला लिया था। मैंने बहुत सोचकर अपने पापा से उसके घर पर चले जाने की इजाजत ले ली, लेकिन मुझे बहुत मुश्किल से उसके घर पर जाने की इजाजत मिली और में अगले दिन ही अपना बेग पैक करके मेरे दोस्त के यहाँ पर रहने के लिए चला गया, जो कि बेंगलोर में रहा करता था।

Dost ki bhabhi ki raat bhar choda!

दोस्तों में सबसे पहले अपने दोस्त के परिवार के बारे में आप सभी को थोड़ा विस्तार से बता देता हूँ। उसके बाद अपनी कहानी सुनाऊंगा। मेरे दोस्त का नाम शेखर है, जो कि मेरे साथ इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था और उसके घर में उसकी माँ जो कि 49 साल की है, एक बड़े भाई जिनकी उम्र 28 साल की है, उसकी भाभी जो कि 25 साल की है, उसकी बहन जो कि 20 साल की है। फिर में उसके अगले दिन अपने दोस्त के घर पर पहुंच गया और मैंने अचानक से पहुंचकर उसको चकित कर दिया और मेरा दोस्त मुझे देखकर बहुत ख़ुश हो गया और उसने मुझे अपने गले से लगा लिया।

फिर हम लोग अंदर चले गये और उसकी माँ ने भी मुझे अपने गले से लगा लिया, उफफफफ्फ़ वाह क्या स्पर्श था? उसकी माँ के बूब्स के उनके बूब्स 38 साईज़ के थे और उनके चूतड़ भी बहुत बड़े आकार के थे।

यह सब देखकर महसूस करके मेरा लंड बड़ा हो गया। Dost Ki Bhabhi

फिर में उसके बड़े भाई जो कि एक सॉफ्टवेर इंजिनियर थे, उनका नाम राकेश था उनसे मिला और फिर में अपने दोस्त की भाभी से मिला, जिसको मैंने पहली बार देखते ही उसकी चुदाई के सपने देख लिए थे। में मन ही मन उसको देखकर सोचने लगा था कि मुझे कैसे भी करके इस सेक्सी माल को अपने लंड से चोदकर मस्त करना है यह बात सोचने लगा। दोस्तों वैसे उनका नाम करिश्मा था, उनको देखकर मेरी आखें फटी की फटी रह गई। मेरी नजर उनके सुंदर गोरे चेहरे और गदराए बदन से हटने को तैयार ही नहीं थी, लेकिन फिर मुझे हटानी पड़ी।

उन्होंने एक गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी और उनके वो खुले बाल और उनका वो 36-26-36 आकार का मस्त फिगर मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था। फिर में अपने दोस्त की बहन से मिला, जिसका नाम सविता था और घर में सभी लोगों का मुझसे परिचय होने के बाद में आराम करने चला लगा और फिर में अपने दोस्त की माँ के बूब्स को सोच सोचकर मुठ मारने लगा। उसके बाद में बेड पर लेट गया और उतने में मेरा दोस्त मेरे पास आकर मुझसे कहता है कि कल दीवाली है और मुझे कुछ पटाखे लेने जाना है, इसलिए तू आराम कर और में लेकर आता हूँ, वो मुझसे यह बात बोलकर चला गया और फिर में शॉर्ट्स पहनकर अपने लंड को हाथ में लेकर हिला रहा था।

तभी उतने में अचानक से भाभी रूम में आ गई, उनके हाथ में गरम कॉफी थी और उन्होंने मेरा लंड देख लिया था जो कि अब तक तनकर खड़ा हुआ था, क्योंकि वो अचानक से आई और में उस समय बहुत गरम था। मेरा लंड पूरा का पूरा खड़ा हुआ था और वो मेरे हाथ में था। फिर उसे देखकर उनकी आँख फटी की फटी रह गई और उसने मुझसे कहा।

भाभी : मुझे माफ़ करना में आपके लिए कॉफी लेकर आई हूँ आप पी लीजिए और इतना कहकर वो घूम गई।

में : आप मुझे माफ़ करना भाभी, मैंने यह बोलकर अपनी नज़रो को नीचे झुका लिया।

भाभी : कोई बात नहीं है, इस उम्र में यह सब होता है। Dost Ki Bhabhi

दोस्तों मुझसे यह बात कहकर वो मुझे एक शरारती स्माईल देकर चली गयी और में उन्हें घूर घूरकर देखता ही रहा।

दोस्तों में कॉफी पीकर अब भाभी के बारे में सोचने लगा था कि में कैसे भाभी को पटाकर चोदूँगा? और मैंने फिर से भाभी के नाम की मुठ मारी और अपने लंड को शांत किया, जो उनको सोच सोचकर फनफना रहा था और फिर दोपहर के खाने का टाईम हो गया तो हम सभी लोग एक साथ एक ही टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे। तभी राकेश भैया ने कहा कि कल रात उनको ऑफिस के काम से अचानक बाहर जाना है।

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दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हो गया था और फिर में सोचने लगा कि अब तो में कैसे भी करके भाभी की चुदाई करके ही रहूँगा और फिर हम सबने खाना खत्म किया और सब अपने अपने काम में व्यस्त हो गए और में सारा दिन और रात को भाभी को कैसे चोदा जाए यह बात सोचकर उनकी चुदाई प्लान बनाने लगा था और रात को में एक बार फिर से भाभी के नाम की मुठ मारकर सो गया।

अगले दिन जब में सोकर उठा.. Dost Ki Bhabhi

तो मुझे मेरे दोस्त ने नाश्ता करने के लिए बुला लिया और फिर हम सभी ने एक साथ बैठकर नाश्ता करना शुरू किए और अब में राकेश भैया के बोलने का इंतजार कर रहा था कि वो कब अपने कम्पनी के टूर के लिए निकल रहे है? तभी कुछ देर बाद में राकेश भैया ने बोला कि में अब चलता हूँ, मुझे अपने काम से बहुत दूर जाना है और में दूसरे दिन तक वापस आ जाऊंगा।

फिर में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और में मन ही मन सोचने लगा कि अब तो मेरा भाभी को चोदने का सपना पूरा होने वाला है और फिर हम सबने नाश्ता खत्म किया और सभी लोग शाम को दीवाली की तैयारी में लग गये और में अपने दोस्त के साथ कंप्यूटर पर गेम खेलने लगा और अब में मन में सोचने लगा कि चुदाई को कब कैसे शुरू करना है? फिर कुछ घंटो के बाद शाम हो गई और बाहर सभी लोग पटाखे चलाने लगे और घर के सभी लोग तैयार होने लगे और फिर में भी तैयार हो गया। फिर में बेचैनी से अपने दोस्त और उसके परिवार का इंतज़ार करने लगा था और करीब दस मिनट इंतज़ार करने के बाद सभी अपने अपने रूम से बाहर निकलकर हॉल में आ गए और मेरा दोस्त एक कमरे में जाकर सभी पटाखे लेकर आ गया और हम सभी घर के ऊपर जाकर पटाखे चलाने लगे।

हमें पटाखे चलाते हुए करीब आधा घंटा हो गया था। Dost Ki Bhabhi

फिर मैंने धीरे से एक पटाखा जानबूझ कर अपने हाथ में फोड़ लिया और अब में थोड़ा सा नाटक करने लगा कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। तभी मेरा दर्द देखकर मेरे दोस्त की माँ बहुत परेशान हो गई और उन्होंने मेरे दोस्त को मुझे किसी डॉक्टर के पास ले जाने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया, क्योंकि उस समय उसके पड़ोसी दोस्त भी आए हुए थे और वो उनके साथ पटाखे चलाने में बहुत व्यस्त था और मेरे दोस्त की माँ उसकी एक पड़ोस की दोस्त के साथ थोड़ा व्यस्त थी और उसकी बहन उस समय अपने कमरे में बुखार आ जाने से सो रही थी तो अब बची उसकी भाभी तो मेरे दोस्त ने अपनी भाभी से कहा।

शेखर : प्लीज़ भाभी जी आप मेरे दोस्त को थोड़ी दवा लगा दीजिए ना प्लीज़ उसे बहुत दर्द हो रहा है।

दोस्तों उसने अपनी भाभी से मेरे लिए बहुत बार आग्रह किया.. Dost Ki Bhabhi

तब जाकर भाभी मान गई और अब हम दोनों मेरे रूम में नीचे चले गये और में थोड़ा ज्यादा नाटक करते हुए ज़ोर से चिल्लाने लगा कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर उतने में भाभी जल्दी से मेरे बहुत पास आकर मुझसे बिल्कुल चिपककर बैठ गई और उफफफफ्फ़ वाह क्या बदन था उनका? जैसे वो मुझे पुकार पुकारकर कह रहा है कि अब जल्दी से मुझे चोद दो आकर। फिर भाभी मुझे दवाई लगाने लगी तो में भाभी के उभरे हुए एकदम गोल बड़े आकार के बूब्स को घूर घूरकर देखने लगा, जो कि 36 इंच के थे। भाभी ने उस समय अपने बिल्कुल गोरे बदन पर वो काले रंग की साड़ी उसी कलर के गहरे गले और पीछे से एकदम खुले हुए ब्लाउज के साथ पहनी हुई थी, जिसकी वजह से उनके आधे से ज्यादा बूब्स बाहर दिख रहे थे और उनकी गोरी नंगी कमर को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे लंड को भाभी ने देख लिया।

तभी वो हल्का सा मेरी तरफ मुस्कुराकर कहा कि हो गया है, अब आप आराम करिये और वो मुझसे यह बात कहकर वहाँ से उठी और जाने के लिए पलट गई। फिर मैंने उन्हें तुरंत खड़े होकर पीछे से कसकर पकड़ लिए और उन्हें हग कर दिया तो भाभी मुझसे कहने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो, प्लीज छोड़ दो मुझे, कोई आ जाएगा? फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी आप बहुत हॉट, सेक्सी हो और मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो, प्लीज मुझे एक बार आपको चोदना है। उनसे यह बात कहकर मैंने उनके एकदम गोल बड़े आकार के बूब्स को कसकर पकड़ लिया और अब में दोनों बूब्स को अपने पूरे ज़ोर से दबाने लगा और निचोड़ने लगा था।

फिर भाभी ज़ोर से चिल्लाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब छोड़ दो मुझे, तुम मेरे साथ यह क्या कर रहे हो? प्लीज छोड़ दो मुझे, लेकिन दोस्तों वहां पर उन्हें सुनने वाला कोई नहीं था, क्योंकि सभी लोग ऊपर छत पर थे और ऊपर से दीवाली के पटाखों की उस आवाज़ से कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था। अब में अपने एक हाथ से उनकी साड़ी के ऊपर से उनकी चूत को छूने लगा था और अपने दूसरे हाथ से उनके दोनों बूब्स को एक एक करके सहला रहा था और फिर कुछ देर उनकी चूत को सहलाने के बाद मैंने महसूस किया कि वो भी अब थोड़ा सा शांत हो गई थी और उन्होंने जोश में आकर मोन करने की आवाज निकालना शुरू कर दिया था आह्ह्हहह उउईईईईइ।

दोस्तों उसकी जोश से भरी वो आवाजे सुनकर मुझे भी अब उसकी चुदाई करने का ग्रीन सिग्नल मिल गया था और में मन ही मन बहुत खुश था।

अब में ज्यादा जोश में आकर उनके गदराए बदन को सहला रहा था। Dost Ki Bhabhi

फिर मैंने तुरंत उनको मेरी तरफ पलटकर दोबारा अपनी बाहों में भरकर में उनके होंठो पर किस करने लगा और वो भी अब गरम होकर धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी थी और फिर कुछ देर बाद वो मेरे मुहं में अपनी जीभ को डालने लगी थी और मेरी जीभ को चूसने लगी थी। फिर में उनको बेड पर लेटाकर धीरे धीरे से उनके बूब्स को दबाने मसलने लगा था, जिसकी वजह से उनको और मज़ा आने लगा था और वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी आहह्ह्ह्ह उूउऊँ उईईईईई उउफफफफफ्फ़। अब में धीरे से उनके ब्लाउज को उतारकर उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और साथ ही मैंने उनका एक हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया तो मेरे लंड को छूकर बहुत खुश हो गई और वो अब लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी और सहलाने लगी।

अब में उनके बूब्स के निप्पल को चूसने निचोड़ने लगा, जिसकी वजह से वो और भी बेचैन हो गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि अमर अब और मत तड़पाओ मुझे चोद दो अभी के अभी में बहुत तड़प रही हूँ तुम्हारे लंड के लिए, कल जब मैंने पहली बार देखा था, में तब से में तुम्हारे लंड को लेने के लिए पागल सी हुई जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो वर्ना कोई नीचे आ जाएगा, जल्दी से मेरी चूत में तुम्हारा लंड डालकर मेरी चूत को तुम आज बिल्कुल शांत कर दो। दोस्तों उनके मुहं से यह शब्द सुनकर में बहुत चकित था, लेकिन फिर मैंने सोचा कि मुझे उससे क्या मतलब? और फिर यह शब्द सुनते ही मैंने उनके मुहं में अपना 6 इंच लंबा मोटा लंड डाल दिया। फिर वो बहुत आराम से लंड को चूसने लगी, वाह क्या मज़ा आ रहा था। दोस्तों मुझे ऐसा लग रहा था कि में अब जन्नत में हूँ और मुझे बहुत मज़ा आया, क्योंकि वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंड को लोलीपोप समझकर चूस रही और करीब 5 मिनट चूसने के बाद वो थक़ गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम मुझे अब और मत तड़पाओ, प्लीज तुम अब मुझे चोदो, मुझे यह बात कहकर उसने मुझे अपनी चूत की तरफ इशारा किया और अब में भी बिल्कुल तैयार हो गया और उनको चोदने के लिए और फिर जैसे ही मैंने अपने लंड का टोपा भाभी की गीली गरम चूत के मुहं पर रखा तो मुझे पता चल गया कि वो कितने जोश में है।

अब मैंने अपने लंड को चूत के अंदर धीरे से एक धक्का दे दिया.. Dost Ki Bhabhi

जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में चल गया और भाभी बहुत ज़ोर से चिल्ला गई, उईईईईईइइइ आह्ह्ह्हह्ह् अमर प्लीज इसे बाहर निकाल दो, में नहीं ले सकती तुम्हारा इतना मोटा लंड उफफ्फ्फ्फ़ माँ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है और दोस्तों मुझसे यह कहते हुए मैंने देखा कि उनकी आँख से आँसू भी बाहर निकल गये थे। फिर मैंने उनके होंठो पर किस करते हुए धीरे से एक और जोरदार धक्का मार दिया और तब मेरा आधा लंड उनकी चूत के अंदर चले गया और भाभी उस असहनीए दर्द से चिल्ला उठी, लेकिन वो ज्यादा ज़ोर से नहीं चिल्ला सकती थी, क्योंकि मैंने अचानक से उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए थे और उनका मुहं दबा रखा था, लेकिन दोस्तों उनकी आँख से आँसू जिस तरह से निकल रहे थे, उनका दर्द मुझे पता चल रहा था। फिर मैंने एक और जोरदार धक्का देकर अपना पूरा का पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया था।

दोस्तों दर्द की वजह से उसने मेरी पीठ पर नाख़ून से नोच दिया और रोने लगी। फिर में कुछ देर वैसे ही लेटा रहा और फिर दो मिनट के बाद भाभी थोड़ा शांत हुई तो में उठकर अब धीरे धीरे धक्के देने लगा था और अब उनको भी मज़ा आने लगा और वो मोन करने लगी, उउफ़फ्फ़ आअहह आहहा आहह हाँ थोड़ा और ज़ोर से धक्का देकर चोदो मुझे मेरे राजा कहते हुए वो मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी और में उनके बूब्स को दबाते निचोड़ते हुए उनको 15 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदता रहा। फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और फिर उसने तुरंत मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी। फिर दो मिनट चूसने के बाद मैंने उसके मुहं में ही अपना वीर्य निकाल दिया, जिसको उन्होंने पूरा का पूरा गटक लिया। उसके बाद मेरे लंड को चाट चाटकर साफ कर दिया और वो अपनी उस चुदाई से मुझे चेहरे से बिल्कुल संतुष्ट नजर आ रही थी और फिर हम दोनों करीब दस मिनट तक ऐसे एक दूसरे के उपर नंगे लेटे रहे। फिर उसके बाद हम लोग हटे और खड़े होकर तैयार हो गए। उसके बाद हम दोनों ऊपर जाकर पटाखे चलाने लगे और दोस्तों इस तरह से में और मेरे दोस्त की भाभी उस चुदाई से फ्री हो गए। उसके बाद से हम दोनों हर कभी जब भी हमे मौका मिलता तो हम कभी किस करते तो कभी हग करते तो में कभी वो जब किचन में अकेली होती तो में मौका देखकर उनको पीछे से पकड़ लेता और उनके बूब्स को दबाता और उनकी चूत को सहलाकर गरम कर देता तो कभी भाभी अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाती दबाती और में वहां पर पूरे पांच दिन रुका। तब तक हमारे बीच बस यही सब चलता रहा, लेकिन हम दोनों के ऊपर किसी ने कभी शक़ नहीं किया और पांच दिन के बाद में अपने घर पर वापस आ गया, लेकिन फिर भी में हमेशा उनके ही बारे में बहुत समय तक सोचता रहा और मुझे उनकी चुदाई आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है, क्योंकि वो बहुत सेक्सी थी और उन्होंने मेरा हमेशा पूरा पूरा साथ दिया ।

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