bhabhi ki chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/bhabhi-ki-chudai/ Hindipornstories.org Tue, 01 Feb 2022 09:14:01 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाभी ने बुझाई हवस ही आग https://sexstories.one/bhabhi-ko-chodne-ki-hawas/ Tue, 01 Feb 2022 09:14:01 +0000 https://sexstories.one/?p=3507 भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर...

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Bhabhi ko chodne ki hawas – हैल्लो दोस्तो मेरा नाम भावेश है और में इंदौर के पास एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 20 वर्ष है और कद 6 फ़ीट ओर लण्ड साढ़े 8 इंच का लंबा तगड़ा फौलाद है। आज मै आपसे अपनी एक सच्ची घटना साझा करने जा रहा हूँ कि कैसे मैने अपनी गोरी चिकनी भाभी की चुदाई का आंनद लिया और लेता आ रहा हूँ।

मेरे घर में 5 सदस्य हैं जिनमें मेरे बुढ़े माता पिता, बड़े भईया ओर भाभी है।

मेरी भाभी का नाम शीतल है और उनकी उम्र 35 साल है। दिखने में गोरी चिट्ठी, क़ातिलाना शक़्ल ओर बेहद चिकनी कमर वाली हुस्न की परी है। उनकी मोटी तगड़ी गांड का आकार देखकर कोई भी मर्द खड़े खड़े अपनी पेंट गीली कर दे। भाभी के टाइट तरबूज का स्वाद मै हमेशा से चकना चाहता था और वह मौका एक दिन मिल ही गया। तो चलिए दोस्तो बिना वक्त जाया किए मै चुदाई के रहस्य से पर्दा उठाता हूँ।

घर की हालत कुछ खास न होने के कारण बड़े भईया शहर में नौकरी करते हैं और ज्यादातर समय बाहर ही रहते हैं।

बचपन से में पोर्न और सेक्स की कहानियां पड़ता आ रहा हु जिससे कि मेरे अंदर की हवस बढ़ चुकी है और मेरी भाभी को देखकर मेरी हवस बेक़ाबू हो जाती हैं और में बाथरूम में जाकर उस आग को शांत कर देता हूँ।

गर्मियों के वक्त हम सब छत पर ही सोते हैं, बाउजी ओर अम्मा छत के एक कोने पर भाभी से अलग सोते है ताकि भाभी को आराम से नींद आये और मै भाभी के बगल में ही सोता हू क्योकि छत पर ज्यादा तर खेत का सामान पडा रहने के कारण जगह नही बचती। मैं कई बार रात को जब भाभी गहरी नींद में होती है तब धीरे से कभी अपना हाथ उनके बोबो पर रख देता हूं या कभी उनसे चिपकर सोते हुए अपना हाथ भाभी की मोटी झंगो पर रख देता हूं पर भाभी की जब नींद खुलती तो वे मेरा हाथ हटा देती है बिना कुछ बोले ओर फिर से सो जाती है। बस इससे ज्यादा मैं कुछ कर नही पा रहा था और सारा दिन मेरे मन में भाभी को पेलने के अलग अलग विचार आते रहते और बस में हाथ से काम चला रहा था पर कुछ करने का मौका मिल नही रहा था।

पर कहते हैं ना जब आप कुछ ठान लेते है तब रास्ते अपने आप खुलते हैं। बस एक दिन वह मौका आ ही गया।

एक दिन भाभी मेरे कमरे में आकर बोली के भावेश देखो ना यह फ़ोन में नेट सही से चल नही रहा। भाभी टाइट सलवार में क्या माल लग रही थी मन कर रहा था कि अभी लपेट लू , इतने में भाभी ने कहा मुझे मत देखो भावेश मेरा फ़ोन देखो। भाभी बिककुल मुझसे चिपकर खड़ी थी और अपने फोन को देख रही थी। में उनके सामने फ़ोन में सब कुछ चेक कर रहा था इतने में मैने देखा कि भाभी के फोन में सेक्स वीडियोस डाऊनलोड कर रखी थी,यह देखकर मैं दंग रह गया और भाभी की ओर एक शरारती हसी से देखा। भाभी मुझे देखकर शर्मा गयी और फ़ोन छीनकर बाहर जाने लगी और बोली बाद में ठीक कर लेना मुझे काम है और चली गयी।

अब मै समझ गया था कि भईया के दूर रहने के कारण भाभी के अंदर भी हवस उफान पर है और मौके पर चौका मार लेना चाहिए। और मैने मन ही मन थान लिया कि आज रात को भाभी को पेल ही लूंगा।

भाभी जब शाम की चाय बना रही थी तब फिरसे मेने खुराफात करने की सोची ओर ओर रसोई में एक शैतानी हसी लिए मेने भाभी से पूछा कि भाभी आपके फ़ोन में ये चीज़े?? तो नज़रे छुपाती भाभी धिरे से बोली के भईया तो है नही बस यही सहारा है तो मैने भी बिना शर्म के जवाब दिया कि मै हूंना। मेरे जवाब से भाभी एकाएक सन्न सी हो गई और बात को काटते हुए बोली हटो चाय ठंडी हो रही है, अम्मा बाउजी को दे आओ। मै भाभी के इस उत्तर को एक छोटा सा इशारा समझ चूका था,बस रात का इंतजार था।

अम्मा बाउजी जल्दी छत पर सो चुके थे और मैने भी रोज की तरह अपना बिस्तर भाभी के बगल में लगा लिया, भाभी मेरी तरफ अपनी पीठ करकर सो रही थी। मैने भाभी को फिरसे पूछा कि भाभी आपका फ़ोन ठीक कर देता हूं, पर भाभी ने जवाब नही दिया शायद गहरी नींद में थी तो मेने अपना हाथ भाभी की कमर पर रख दिया और भाभी की गांड से अपना लण्ड सटा कर औऱ नज़दीक आ गया ओर भाभी से धीरे से कहा कि भाभी आपको बोहोत समय से पेलने की इच्छा है पर कभी मौका नही मिला आपकी गांड बोहोत रसीली है।

भाभी को नींद में देखकर मेने भाभी की लाल टाइट सलवार को थोड़ा नीचे किया और देखा कि भाभी ने पेंटी नही पहन रखी है। भाभी की गोरी गट चिकनी गांड पर में हाथ धीरे धीरे सहला रहा था। अब मेने अपनी दोनों उंगलियों पर थूक लेकर भाभी की चूत पर धीमे धीमे सहला रहा था। भाभी की चूत एक दम क्लीन शेव औऱ नाजुक मुलायम सी थी। मैने एक बार फिर थूक से भीगी उंगीयो के बीच मे भाभी की चूत को पकड़ा और धिरे से अपनी उंगली भाभी की चूत में कर दी, ऐसा कई बार करने के बाद मैने आने फौलाद को चड्डी से बाहर निकाला और भाभी की चूत पर हल्के से रख दिया।

भाभी की गीली चूत से मेरे फौलाद का टोपा भीग चुका था, मैंने बिना ज्यादा समय लिए भाभी की चूत में अपने लण्ड का टोपा गुसा दिया। जैसे ही मेरा लण्ड भाभी की चूत में जाने लगा भाभी सिसकिया लेने लगी ‘सससस, उफ्फ’। भाभी की सांसें बढ़ गयी और तेज़ धड़कन को मै महसूस कर पा रहा था। भाभी नींद में नहीं थी, सब सुन रही थी बस सोने का नाटक कर रही थी।

मै घबरा गया और अपना लण्ड भाभी की चूत से बाहर निकाल कर भाभी से कहा “भाभी आप जग रही थी?”

भाभी ने बिना कोई उत्तर दिए अपनी मोटी गोल चिकनी गांड मेरे झांगो से बीच में चिपका दी ओर मेरा लण्ड अपने हाथों से अपनी चूत में डालती हुई बोली “रुक क्यो गए जल्दी करो”।

मुझे हरि झंडी मिल चुकी थी, मेने फिर से भाभी के पेट पर अपना हाथ रखा और अपना फौलाद को फिर से धीरे धीरे भाभी की चूत की गहराईयों में उतारने लगा।

हर एक इंच के अंदर जाने पर भाभी पहले से तेज़ सिसकियां ले रही थी। अब मेने एक जोर का ध्क्का मारकर अपना पूरा साढ़े 8 इंच का लण्ड भाभी की चूत में उतार दिया ओर भाभी धिरे से चीखी ” अरे मोरी मइया,उफ्फ्फ, आह”। में अब तेज़ी से भाभी की चूत में धक्के दे रहा था और भाभी तेज़ी से सिसकियां ले रही थी, अम्मा बाउजी रात में बहुत गहरी नींद में थे।

हम दोनों लेटे हुए थे, मै भाभी को बिना रुके पेल रहा था और कस कर भाभी की ब्रा में हाथ डालकर बोबो को दबा रहा था। मै भाभी की गर्दन को चूमते हुए भाभी की चूत में जोर जोर से धक्के दे रहा था और भाभी भी साथ दे रही थी। भाभी की चूत से निकलते पानी से मेरी झांगे तक गीली हो गयी थी पर मै बेक़ाबू हो चूका था। थोड़ी देर बाद मैने अपना रस भाभी की चूत में ही खाली कर दिया ओर धीरे धीरे धक्के देता रहा।

अब मै ओर भाभी दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे के पास में लेटे हुए थे, भाभी मेरे तरफ बढ़ी और मेरे कान के पास आकर धीमी आवाज़ में मुस्कराते हुए बोली ” भावेश तूने तो मेरी सालो की प्यास बुझा दी, तू तो छुपा रुस्तम निकला” और मेरे गालो पर चुम कर मुसकराने लगी। मैने भी भाभी को चूमते हुए कहा “भाभी अब यह प्यास में रोज़ बुझाया करूँगा” । हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को देखते रहे और न जाने कब सुबह हुई पता ही नही चला।

शीतल भाभी को चोदना अब भी मुझे सपने जैसा लग रहा था, मेरा मन कर रहा था कि भाभी से अलग ही न हु बस उनके गोरे बदन से लिपटा रहू ओर दिन रात चुदाई मचाता रहूं।

आज भाभी पहले से बहुत ज्यादा खुश और खिली खिली लग रही थी। सुबह सुबह भाभी को चाय बनाते देख मैने भाभी को पीछे से कस कर पकड़ लिया और उनकी गांड पर अपना लोडा रगड़ने लगा। भाभी की गर्दन को चूमते हुए कहा”क्यों भाभी रात को मज़ा आया,आप बोहोत सेक्सी हो, उममममम” ।

भाभी- “हटो भावेश बाद में, कोई देख लेगा, हटो”।

Chudas गांड का छेद माल से भर डाला

हमारा घर काफी छोटा होने के कारण भाभी को अम्मा बाउजी के होते चोदना खतरे से खाली नही था इसलिए में बस रात के भरोसे ही दिन काट रहा था। मैं भाभी को ठीक से चोदना चाहता था, उनके जिस्म के हर एक हिस्से हो नापना चाहता था पर कैसे करता, इसी सोच में बेचैन था।

लेकिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ फिरसे दिया और सुबह सुबह मेरे चाचा घर आये। चाचा ने आकर अम्मा बाउजी को एक हफ़्ते की तीर्थ यात्रा पर चलने की तैयारी करने को कहा। चाचा चाय पीते हुए बोले “भावेश तू जल्दी से अम्मा बाउजी का सामान बांधकर तैयारी कर दे, बड़ी मुशकिल से कल सुबह ट्रैन की टिकिट मिली है, देरी मत करना”।

चाचा की यह बात सुनकर में खुशी से झूम उठा, मेरे मन मे बस भाभी को पेलने के ख्याल ही घूम रहे थे, मै भाभी को अच्छे से पेलने के लिए उतावला हो रहा था, मन मे लड्डू फुट रहे थे। मैने भाभी की और हवस वाली शैतानी नज़र से देखा और मुसकराने लगा, भाभी भी मुझे ही देख रही थी और मन्द मन्द मुस्कराह रही थी।

चाचा अपनी चाय खत्म कर के जल्दी में चल दिए। पूरा दिन अम्मा बाउजी के लिए तैयारी करते करते में ओर भाभी थक चुके थे और रात को बिना कुछ किए सो गए। मै अगली सुबह अम्मा बाउजी को चाचा के साथ ट्रैन में बैठा कर घर लौट आया।

मेरे अंदर हवस की सुनामी उफान पर थी। मै घर लौटकर सीधा भाभी के कमरे में गया। शीतल भाभी लाल रेशम की साड़ी में पूरी तरह सज संवर कर बैठी आईने के सामने अपने खुले बालो को संवार रही थी। मै भाभी के इस क़ातिलाना अवतार को देखकर एकाएक स्तम्ब रह गया,मेरे मुंह से मानो लार टपक रही थी। भाभी के डीप ब्लाऊज से दोनों बूब्स आपस में मानो बाहर आने को उतारू थे। मुझे भाभी के साथ सुहागरात वाली फीलिंग आने लगी।

मैने भाभी को चिकनी कमर से पकड़कर अपनी और खींचा, भाभी के तरबूज मेरी छाती से पूरी तरह दब चुके थे, भाभी ओर मेरे होंठो के बीच नाममात्र दूरी थी, मै भाभी की सांसो को महसूस कर पा रहा था, मेरा लोडा टावर कि तरह तन्न चुका था मानो बस पेंट फाड़कर बाहर आने को बेताब था।

मेने भाभी से कहा ” शीतल मेरी जान, आज तुझे चोद चोदकर पागल कर दूंगा”

भाभी- “भाभी से सीधा शीतल, नटखट”

मेने भाभी के लाल गुलाबी होंटो पर अपने होठ रखते एक कस कर चुम्बन लिया। मेने अपनी जीभ को पूरा भाभी के मुह में डालते हुए उनकी जीभ पर फेरा। मै भाभी को बुरी तरह चुम रहा था और भाभी भी पूरा साथ दे रही थी। भाभी के होठों को मै चूमता गया कभी गर्दन पर चुंबन ले रहा था तो कभी भाभी की जीभ को खा जाने वाला था हम दोनों चुम्बन में मदहोश थे, एक दूसरे से कस कर लिपटे हुए काफी देर तक चुबंन का मज़ा मै लूटता रहा।

अब मैने भाभी को अपनी बाहों में उठाकर बेड पर लेटाया। भाभी का पेटीकोट मैने घुटनो तक उठा दिया और भाभी की गोरी पिंडलियों को चूमने लगा।

अब मै थोड़ा और ऊपर बड़ा और भाभी के पेटीकोट में अपना सर डालकर भाभी की गोरी गोरी झांगो को चूमने लगा। चूमते चूमते मेने भाभी का पेटीकोट उतार कर दिया।भाभी की गोरी लाल चूत को देखकर मेरे मुंह में लार भर आयी। मैने लपकते हुए भाभी की चूत पर अपनी जीभ फेरकर लाल चूत को चाटने लगा। भाभी को चूत में पूरी जीभ डालकर में किसी प्यासे की तरह चूत चाट रहा था, इस बार भाभी जोर जोर से सिसकियां ले रही थीं। मै ओर उत्तेजना से भाभी की चूत चाट रहा था, भाभी ने मेरे बालो को खीचते हुए अपनी दोनों गोरी झांगो की बीच मे मेरा सर दबाया ओर अपने दोनों पैर मेरे कंधो पर रखकर “उफ्फ उम्म भावेश ओह्ह,और तेज और तेज़” कहती हुई चूत चटवा रही थी। भाभी के चूत के रस से मेरी हवस की प्यास और उत्तेजित हो रही थी। अब मैने भाभी को उल्टा लेटाकर भाभी की मोटी गांड के बीचों बीच अपना मुँह दे मारा। भाभी की गांड चाटने को मै दोस्तो किसी शब्दो मे बयां नही कर सकता। भाभी की गांड को मानो दोस्तो में खा जाऊ।

अब मेने दोस्तो भाभी की कमर को चूमते हुए भाभी का ब्लाऊज उतारा और बिना वक्त गवाएं भाभी के ब्रा का हूक खोलकर दोनों कैदी बोबो को रिहा करवाया। भाभी के गोरे गोल रसीले तरबूज़ जैसे बोबो को देख में झूम उठा। गोरे बोबो पर काले निप्पल “उफ्फ्फ ससससससस’। शितल भाभी वाक़ई हूर की परी है।

एक एक कर दोनों काले निप्पल समेत मैं भाभी के तरबूज को पूरा मुँह में डाल चूस रहा था, कभी दाई वाला बूब कभी बायीं वाला बूब कभी दोनों को कसकर दबाते हुए दोनों एक साथ चूस रहा था। दोनों रसीले बूब दूध से भरे हुए थे, में इस दूध को मुँह में भरकर मन्त्रमुक्त हो चुका था। मैंने भाभी की जिस्म के हर एक अंग को चूमा, चूमता गया।

शीतल भाभी का नंगा जिस्म मैं अपने होठों से भीगा चुका था। भीगी हुई भाभी बेड पर पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। दोस्तो मैने पहली बार किसी औरत को नंगी देखा था और वह नंगी औरत मेरी शीतल भाभी थी, गोरी चिठ्ठी, लाल चूत और काले निप्पल वाली हवसी भाभी। मेरा लण्ड बुरी तरह से तन्न चुका था मानो पेंट से बाहर आने को तड़प रहा हो।

भाभी उठकर अपने घुटनों पर बैठते हुए । मेरे पेंट को खोलने लगी। मैने भी साथ देते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए केवल अंडरवियर में खड़ा था। भाभी ने जैसे ही मेरी अंडरवेयर उतारकर निचे की, मेरा फौलादी लण्ड कूद कर बाहर आ निकला। तीर की तरह सीधा, आसमां को सलामी देता हुआ मेरा साढ़े 8 इंच का मोटा तगड़ा लम्बा काला लण्ड भाभी के मुँह के सामने था।

भाभी की आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी और मेरा लण्ड सहलाते हुए बोली “इतना लंबा लण्ड , तुमहारे भईया का तो कुछ नही इसके सामने” और मेरी तरफ देखकर हँसने लगी।

भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर जो भाभी ने अपनी जीभ घुमाई है “उफ़्फ़फ़, शीतल मेरी जान” ।

मैने भाभी के बालों को पकड़कर अपना लण्ड भाभी के मुँह में डालने के लिए आगे किया तो मेरा साढ़े 8 इंच का चॉकलेटी लोडा भाभी के मुँह से फिसलता हुआ गले तक जा उतरा। शीतल भाभी की आँखे बाहर आ गयी पर भाभी रुकी नही बल्कि आँखे बंद कर लण्ड तेज़ी से चूस रही थीं। शीतल भाभी लण्ड चूसने में किसी पोर्नस्टार से कम नही लग रही थी। भाभी ने मेरा पूरा लण्ड मेरे दोनों गोटो समेत मुँह में भर लिया और सब कुछ गिला कर दिया। भाभी ने एक क्षण के लिए भी मेरे लण्ड से अपना मुँह अलग नहीं किया मानो सदियों से लण्ड की प्यासी हो ।

भाभी के मुलायम होठ ओर गीली जीभ मेरे लण्ड पर जादू कर चुके थे और देखते ही देखते मैने अपना पुरा मुठ ,अपने पुरे वीर्य रस से भाभी का मुँह भर दिया भाभी अभी भी मेरा लण्ड हर तरफ से चूस रही थी मानो एक बूंद मुठ भी व्यर्थ ना चली जाए।

मै अब भी उतना ही जोश में था। मैने नंगी भाभी को एक बार फिर उठा कर बेड पर लेटा दिया। अपने लण्ड पर थूक लगाकर मै अपने औज़ार की धार तेज़ करने लगा।

भाभी की गोरी टांगो को मैने चौड़ी कर भाभी की चूत पर अपना थूक लगाया। फिर अपने लण्ड को भाभी की चूत पर रखकर एक धीरे से ध्क्का दिया। मेरा लण्ड अभी आधा भी अंदर नही गया था कि भाभी सिसकिया लेने लगी ” ओह्ह भावेश उफ़्फ़फ़ मैईया ससससस ,और अंदर भावेश उफ़्फ़फ़” ।

भाभी की सिसकियों में अलग ही नशा था, मै जोश में आ गया और भाभी की चूत में एक जोर का धक्का दिया और भाभी चीख़ उठी ” आआहहहहहहह ससस मार ही डालेगा भावेश उफ़्फ़फ़ ओह्ह ओह्ह और तेज़ आआआहहहह”।

मै शीतल भाभी को चूमते हुए बुरी तरह चोद रहा था। मेरा लण्ड भाभी की चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था ” पच्च पच्च पच्च” ओर भाभी भी बिना किसी शर्म ओर प्रवाह के चिल्ला रही थी “भावेश उफ्फ आह और अंदर और आहहहह ससस भावेश और तेज़” मै भाभी को लबालब चोद रहा था।

कभी भाभी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा तो कभी भाभी को उल्टा लेटाकर पेलने लगा, कभी भाभी मुझपर तो कभी मै भाभी पर “आह भाभी आह एसस एसस उफ़्फ़फ़ शीतल मेरी रांड, उम्मम हह हह ऊऊएह” ।

भाभी के जिस्म का एक एक कोना मै नाप चुका था पर मै फिर भी रुका नही में चोदते रहा बिना रुके।

भाभी की मोटी गोरी गोल गोल चिकनी गांड मे मैने जोर जोर से धक्के दिए, भाभी को चोद चोद कर भाभी की गांड चौड़ी कर दी।

मै और भाभी चुदाई में पूरी तरह मस्त थे, पूरा कमरा हम दोनों ही चीख़ से गूँज रहा था पर हम बेपरवाह चुदाई मचा रहे थे।

मैने अपना पूरा रस भाभी की चूत में खाली कर दिया ओर अब भी लण्ड के धक्के भाभी की चूत में देता गया।

मै और भाभी पूरी तरह थक चुके थे और चुदाई करते करते रात कब हुई पता ही नही चला।

पसीने से लथपथ भाभी और मै एक दूसरे से अब भी लिपटे हुए थे। भाभी बोली ” भावेश ऐसी चुदाई तेरे भईया ने आज तक नहीं कि, तेरा लण्ड लण्ड नहीं फौलाद है, आज में सालो बाद संतुष्ट हुई हु” और यह कहने के बाद मै ओर भाभी दोनों एक साथ नहाने चले गए।

उस दिन के बाद दोस्तो शीतल भाभी और मैं लगभग रोज़ चुदाई करते हैं। जब कोई घर पर नही होता तो रसाई, बाथरूम कही भी चालू हो जाते हैं और जब कभी मौका नही मिलता तो रात को भाभी को चोदता हु।

दोस्तो भाभियों को चोदने में अलग ही मज़ा है।

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मस्त दुकान वाली भाभी – पार्ट 2 https://sexstories.one/mast-dukan-wali-bhabhi/ Fri, 10 Dec 2021 06:15:58 +0000 https://sexstories.one/?p=3422 मेने अब उनकी साड़ी निकाल दी अब और उनके बूब्स को ब्लाउज के उपर से ही दबाने लगा और एक हाथ से उनकी चूत को चोदने लगा उनकी चूत पानी छोड़ रही थी और मुझे उन्हे और तड़पाना था...

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Mast Dukan Wali Bhabhi – जैसे की आप ने पढ़ा होगा मेरी गर्मी की छुट्टी चल रही थी तब भाभी ने मुझे पूछा की मेरे गावं चलोगे क्या तो मे तुरन्त तैयार हो गया क्योकी मुझे गावं बड़ा अच्छा लगता है हम रात की गाड़ी मे बैठे और दूसरे दिन दोपहर को पहुंचे वहा पर सिर्फ़ भाभी की माँ और उनका बेटा रहता है भाभी की माँ को मेने देखा तोलगता ही नही था की वो उनकी माँ है उम्र होगी कोई 48 साल की लेकिन लगती है 35 साल और मुझे उनकी गांड ज्यादा पसंद आई मस्त मोटी गांड है मे तो उनको देखते ही रह गया भाभी की माँ मुझे पानी देने के लिये नीचे झुकी तो उनके बूब्स मुझे दिखे मे उसे देखने लगा क्योकी गावं के लोग ब्रा और पेंटी नही पहनते इसलिये उनके बूब्स मुझे आराम से दिख रहे थे मे बूब्स देख रहा हूँ ये भाभी ने देख लिया था माँ जी जब उठ के किचन मे गई तब भाभी बोली.

भाभी :क्या शरारत कर रहे थे?

मे : क्या किया मेने?

भाभी : मेरी माँ के बूब्स क्यों देख रहे थे?

मे : बस नज़र चली गई.

भाभी : क्या माँ को चोदने का इरादा है क्या?

मे : मिलेगा तो चोदूगा ज़रूर इतना मस्त माल है बड़ा मज़ा आयेगा.

फिर हम फ्रेश हो गये और मे सोने चला गया क्योकी सफ़र के कारण मे बहुत थक गया थाशाम को मे फ्रेश होकर बाहर घुमने गया और रात का खाना खाने पहुँच गयातब भाभी की माँ ने काले कलर की साड़ी पहनी थी और क्या गजब की लग रही थी मे उन्हे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गयाजब वो मुझे खाना परोसने झुकी तो उनका पल्लू नीचे गिर गया और मुझे उनके बूब्स के दर्शन हो गये मे उनके बूब्स देख रहा हूँ ये उन्होने देख लिया शायद उनको वो पसंद आया इसलिये एक सेक्सी स्माइल दी और चली गई खाना खाने के बाद मे और भाभी अंदर के कमरे मे सो गये और उनकी माँ और बेटा बाहर सो गये मुझे तो चोदने का मन था इसलिये मे भाभी कीचूचियों को मसलने लगा पर भाभी बोली मुझे मूड नही है और मे बहुत थक गई हूँ प्लीज मे हाथ से करके तुम्हारा पानी निकालती हूँ और उन्होने मेरा पानी हाथ से निकाला.

सुबह मे उठा तो देखा की भाभी घर मे नही है सिर्फ़ उनकी माँ और मे था मेने उनसे पूछा की भाभी कहा है तो बोली वो अपनी सहेली के घर गई है देर से आयेगी और बोली की तुम फ्रेश हो जाओ हमें खेत पर जाना है मे फटाफट फ्रेश हो गया और हम खेत की ओर निकलेजब वो मेरे आगे चल रही थी तब मे उनकी गांड को ही देख रहा था क्या मस्त हिल रही थी ऐसा लग रहा थी की अभी जाकर गांड मे लंड डाल दूँ पर मेने अपने आप पर कंट्रोल किया और चल रहा था थोड़ी देर बाद उनका खेत आ गया माँ जी मुझे खेत दिखा रही थी और मे उनकी गांड देख रहा था माँ जी ने जान लिया की मे उनकी गांड देख रहा हूँ और वो अब अपनी गांड और हिला रही थी और मेरे लंड को तरसा रही थी अब मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे हाफ पेन्ट से साफ साफ दिख रहा था.

Bhabi ki chodayi ऐसा मौका नहीं मिलेगा दोबारा

माँ जी अब मुझे खेत दिखाने के बहाने इतना नज़दीक खड़ी हो गई की उनकी गांड मेरे लंड को टच कर रही थी और ज़ोर से दबा रही थी अब मुझे पता चल गया की माँ जी को भी चुदवाने का मन कर रहा है तो मेने लंड को और ज़ोर से उनकी गांड पर रगड़ने लगा अब माँ जी धीरे से सिसकारी ले रही थी पर मुझे साफ साफ सुनाई नही दे रहा था पर बात करते वक्त गर्म सांसे मेरे सीने पर महसूस हो रही थी मेने सोचा अभी लोहा गर्म है हतोड़ा मार देना चाहिये और मेने अपना हाथ उनकी कमरपर रखा और आजू बाजू देखा कोई नही था और धीरे धीरे कमर को मसलने लगा माँ जी अब पूरे जोश मे थी और अपनी गांड ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड पर रगड़ने लगी.

अब मेरे हाथ धीरे धीरे उनके बूब्स पर ले गया और हल्का सा मसलने लगा वो आआहह ऊओ की आवाज़ निकालने लगी और अब मेने दोनो हाथो से उनके बूब्स को ज़ोर से दबाने लगा और लंड को गांड पर रगड़ने लगा हाअ सस्स्सुउउ धीरे दबाओं ना माँ जी बोलीअब मेरा एक हाथ धीरे धीरे उनकी चूत की ओर बड़ाने लगा और दूसरे हाथ से बूब्स को दबाने लगा माँ जी अब पूरी गर्म हो गई थी मेने उन्हे सीधा किया और उनके होठों पर अपने होठ रख दिये और किस करने लगा लेकिन उनको किस करना नही आ रहा था फिर भी वो कर रही थी और किस करते करते मेरे लंड को पेन्ट के उपर से सहलाने लगी अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था मेरे जीवन मे इतनी ज्यादा उम्र की औरत के हाथ लगते ही वो और कड़क हो गया हाईईइ दया लंड है या लोहा कितना कड़क हो गया है तुम्हारा कहते ही माँ जी ने मेरी पेन्ट को निकाला और मेरे लंड को हाथ मेलेकर सहलाने लगी और बोली इतना मस्त है तुम्हारा लंड अब जल्दी से इसे मेरी चूत मे पेल दो और नही रहा जाता और मेरे लंड के साथ खेलने लगी.

मेने अब उनकी साड़ी निकाल दी अब और उनके बूब्स को ब्लाउज के उपर से ही दबाने लगा और एक हाथ से उनकी चूत को चोदने लगा उनकी चूत पानी छोड़ रही थी और मुझे उन्हे और तड़पाना था इसलिये मेने उनके ब्लाउज और पेटीकोट को निकाल कर उनको पूरा नंगा कर दिया अब में घुटनो के बल बेठा और उनकी चूत को देखने लगा वो पूरी तरह गर्म हो गई थीऔर पानी छोड़ रही थी मेंने एक हल्का सा किस किया तो वो पागलो की तरह मेरे सर के बाल खीचने लगी और बोली जान क्या कर रहे हो में मर जाउंगी और मे उनकी चूत को चाटने लगा और वो पागलो की तरह चिल्ला रही थी हाँ में मर गई हाई दया कैसे क्या कर रहे हो मेरे पति ने भी मुझे ऐसा मजा नही दिया हे रे मेरे बलमा हाआअ और ज़ोर से चूसो इसको बड़ा मजाआ रहा है हाई मेरे तो निकलने वाला है आआआ हाईईईईई चूसो और जोर से में गई और कहते ही झड़ गई.

कुछ देर ऐसे ही खड़ी रही और फिर मे खड़ा हो गया और बोला अब आपकी बारी है और कहते ही मेने उनके सर को पकड़ के नीचे बिठाया और लंड को उनके लिप्स पर रगड़ने लगा पहले तो वो मना कर रही थी फिर थोड़ी देर के बाद ऐसे चूस रही थी की जैसे कई सालो से लंड चूसने का अनुभव हो हाय क्या मस्त मज़ा आ रहा था और मे अबउनके मुँह को चोदने लगा और मैने अपना सारा पानी उनके मुँह मे ही छोड़ दिया और फिर वो खड़ी हो गई बड़ा मज़ा आया बिना चुदाई किये ही तुमने मेरा पानी निकाला.

आज तो मे खुश हो गई और कहते ही मेरे लंड को सहलाने लगी मे भी अब उन्हे फिर से गर्म करने के लिये उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और एक उगली चूत मे डालकर अंदर बाहर करने लगा हाँ दबाओं और जोर से हाँ बड़ा मजा आता है अब मेने उनको नीचे घास पर सुलाया और मेरे लंड को चूत पर रगड़ने लगा वो बोली आराम से पेलना बहुत दिनो के बाद चुदवा रही हूँ दर्द होगा मेने निशाना लगाया और एक करारा शॉट मारा मेरा आधा लंड चला गया और माँ जी चिल्लाई हाइईईई दया माररर डाला रे मुझको निकाल नही मरवानी हमे तुम से ऊइ माआआ मेने अपने होठ उनके होठों पर रखे और किस करने लगा और बूब्स को दबाने लगा कुछ देर बाद उनका दर्द कम हो गया तो मेने फिर से करारा शॉर्ट मारा अब मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी चूत मे चला गया था और माँ जी को दर्द भी कम हो रहा था.

कुछ देर बाद माँ जी खुद ही अपनी गांड उठा उठा के शॉट मार रही थीहाँ इसे जोर से पेलो फाड़ डालो इस चूत को भोसड़ा बना दो इसका बहुत तडपती है जवान लंड के लिये और जोर से शाबाश मेरे राजा हाईईईई क्या मस्त करता है हाईईईईईई ऐसे ही पेलते रहो जी मेरे राजा हाईईईई क्या मस्त मजा आ रहा है और जोर से मेरा निकलने वाला है ऊऊऊऊओ माआआअ ओहोकहते ही झड़ गई पर मेरा नही झड़ा था मे चोद रहा था माँ जी बोली अब नही सह सकती मेने कहा तो मे आप की गांड मारूंगा और कहते ही गांड के छेद मे उगली डाल दी मार ले गांड तो मे मरवाती ही हूँ मेरी गांड के तो बहुत दिवाने है गावं में पर मेरी चूत को कोई नही मारना चाहता है.

फिर मेने उन्हे घोड़ी बनने को कहा और लंड के सुपाडे को गांड पर रखा और धक्का मारा तो लंड तो झट से चला गया मे बोला हाँ माँ जी आप सच कह रही हो तेरी तो गांड का छेद बड़ा है और ज़ोर ज़ोर से गांड मारने लगा करीब 10 मिनिट तक में उनकी गांड मारता रहा कभी गांड मे से लंड निकाल कर अचानक चूत में डाल देता तो वो बोलती हरामी गांड मे ही डाल ना कुत्ते मुझे क्यों तकलीफ देता है हाईईईई जाआअ जोर से हह आआआ सस्सस्स और कहते ही मे और माँ जी साथ साथ झड़ गये उस दिन मेने उनको और 2 बार चोदा पर घर पर और भाभी को आज तक नही पता चला की मेने उनकी माँ को 4 बार चोदा है और गांड भी मारी है.

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भाभी और उसकी सहेली रीना https://sexstories.one/bhabhi-aur-uski-saheli-rina-ki-mast-chudai/ Sat, 04 Dec 2021 06:32:44 +0000 https://sexstories.one/?p=3367 मुझसे अब रहा नहीं गया और में उसके मुँह में झड़ गया, उसने चूस चूसकर मेरा सारा वीर्य पी लिया, आअहह मेरी तो जैसे जन्नत की सैर हो गयी। फिर उसने अपना चेहरा साफ किया और बाहर जाने लगी...

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Bhabhi Aur Uski Saheli Rina Ki Mast Chudai – मेरा नाम आशीष है और में चंडीगढ़ में किराए से एक रूम लेकर रहता हूँ। दोस्तों मेरी उम्र 41 साल और में शादीशुदा हूँ, लेकिन मेरी पत्नी हिमाचल के एक छोटे से गावं में रहती है और में यहाँ पर रहकर अपनी एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ। मेरे पड़ोस वाले रूम में एक बहुत सेक्सी भाभी रहती है, उनका नाम रिचा है और उनकी उम्र लगभग 32 साल के आसपास होगी, लेकिन वो फिर भी दिखने में बहुत हॉट, सेक्सी है और उनके चेहरे से उनकी उम्र का अंदाजा नहीं लगता और उसके फिगर का साईज़ 34-30-36 है, उनका वो भरा हुआ बदन, मोटी गांड और बड़े बड़े बूब्स..

में जब भी देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था, हालाँकि बिल्कुल पास वाले कमरे होते हुए भी में उनसे शुरू शुरू में ज्यादा बात नहीं करता था, लेकिन में कभी कभी उसकी मटकती हुई गांड, झूलते हुए बड़े बड़े बूब्स के मज़े जरुर लेता था। फिर जब वो कपड़े धोती या झाड़ू लगाती तो उसके बड़े बड़े बूब्स उछल उछलकर ब्रा से बाहर आने को तैयार हो जाते थे और उसका यह नज़ारा देखकर मैंने कई बार मुठ मारी, लेकिन डर की वजह से मेरी कभी उन्हें छूने की हिम्मत नहीं हुई, में बस उन्हें दूर से देखकर मज़े लेता था।

एक दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी तो में सुबह देर से उठा और सीधा ब्रश करने वॉशरूम की तरफ़ चला गया। मैंने देखा कि वो उस समय वहाँ पर बैठकर कपड़े धो रही थी और झुककर कपड़े धोने की वजह से उनके आधे आधे बूब्स बाहर आ रहे थे। फिर में भी वहाँ पर जाकर पास ही खड़ा होकर ब्रश करने लगा और उस नज़ारे के मज़े लेने लगा। कुछ देर खड़े रहकर मज़े लेने के बाद अब मुझे पानी चाहिए था, लेकिन नल के नीचे उनकी बाल्टी लगी हुई थी। फिर वो समझ गई और जैसे ही वो अपनी बाल्टी को उठाने के लिए झुकी तो मुझे उसके झूलते, लटकते हुए पूरे बूब्स के दर्शन हो गये और मेरा लंड वो सब देखकर एकदम तनकर खड़ा हो गया। मैंने उस समय लोवर पहन रखा था और उसमें मेरा लंड खड़ा होकर पूरा टेंट बन गया, उसको शायद उसने भी देख लिया था। फिर उसने मुझसे पूछा कि आपका घर कहाँ है?

मैंने कहा कि हिमाचल और वो मुझसे कहने लगी कि हिमाचल से ही है। फिर हमारे बीच थोड़ी देर बहुत इधर उधर की बात हुई और उसके बाद में अपने कमरे में चला गया और फिर में खाना ख़ाकर और उसके नाम की मुठ मारकर सो गया। फिर उसके बाद से हमारे बीच धीरे धीरे थोड़ी बहुत बातें होने लगी। फिर एक बार उसने मुझसे पूछा कि क्यों तुम्हें कभी अपनी बीवी की याद नहीं आती क्या? तो मैंने भी हंसते हुए कहा कि भाभी क्या करूं आती तो बहुत है? और अब शादीशुदा होते हुए भी मुझे मजबूरी में इतनी सर्दियों में अकेला सोना पड़ता है तो भाभी हँसने लगी और बोली कि इसमें क्या है, तुम अपनी वाईफ को भी यहाँ पर ले आओ? फिर मैंने कहा कि जब तक में पूरी तरह से सेट नहीं हो जाता तब तक उसे यहाँ पर लाना बहुत मुश्किल है।

भाभी : तो क्या हुआ यहाँ कोई सहेली बना लो।

में : अब हमे लड़कियाँ पटाने का टाईम मिलता ही कहाँ है? और वैसे भी लड़कियाँ हम जैसे शादीशुदा लोगों में कम रूचि लेती है भला वो हम शादीशुदा से बात क्यों करने लगी?

भाभी : (शरारती मुस्कान के साथ मुझसे बोली) तो क्या हुआ तुम भी कोई अच्छी सी शादीशुदा सहेली देखकर पटा लो यहाँ कौन सी कमी है?

फिर मैंने कहा कि बात तो आप एकदम सही कह रही है, लेकिन मेरे पास इतना टाईम ही नहीं होता और आप ही अपने जैसी अपनी कोई एक सहेली से मेरी सेटिंग करवा दो। अब भाभी मुस्कुराने लगी और बोली कि मेरे जैसी ही क्यों? फिर मैंने कहा कि मेरी नई सहेली आपकी तरह सुंदर, अनुभवी भी तो होनी चाहिए तभी तो मज़ा आएगा। फिर भाभी मुझसे पूछने लगी कि कैसा मज़ा? तो मैंने कहा कि आप तो मुझसे ऐसे अंजान बनकर पूछ रही हो जैसे आपको कुछ पता ही नहीं।

फिर भाभी ज़ोर से हँसने लगी और वो किसी काम से अपने रूम में चली गई और अब मुझे लगा कि मेरी लाईन साफ है और में भी अब उसके साथ थोड़ी बहुत डबल मतलब की बातें करने लगा और वो भी जानबूझ कर बिल्कुल अंजान बनकर पूरे मज़े लेती थी। एक दिन मैंने उनसे पूछा कि क्यों भाभी क्या आपने मेरी बात कहीं चलाई? तो वो मुझसे बोली कि जो भी मेरी दोस्त मेरे पास आती है तो तुम देखकर बता देना कौन सी ठीक है, में सेट करा दूँगी। फिर मैंने कहा कि वो भाभी में कल ही आपको बता देता हूँ। दोस्तों वैसे तो मैंने उनकी दोस्त को देखा नहीं था और अगले दिन में बाथरूम में नहा रहा था तो भी भाभी वहाँ पर पास में आ गई और ज्यादातर समय में दरवाज़ा बंद नहीं करता, क्योंकि में अंडरवियर पहनकर ही नहाता हूँ।

अब भाभी बाथरूम के बाहर बाल्टी में कपड़े भिगोने लगी और चोरी चोरी तिरछी निगाहों से मुझे देखने लगी और उसको ऐसे घूरते हुए देख सर्दियों के दिनों में भी ठंडे पानी से नहाते हुए मेरा लंड खड़ा हो गया और में अपने लंड पर रगड़ रगड़कर साबुन लगाने लगा, लेकिन मेरा हाथ मेरी पीठ तक नहीं पहुँच रहा था और यह देखकर वो मुझसे बोली कि क्या हुआ आशु हाथ नहीं पहुँच रहा क्या? मैंने कहा कि नहीं भाभी वो बोली कि में लगा दूँ क्या और हँसने लगी? फिर मैंने कहा कि नेकी और पूछ पूछ, प्लीज लगा दो। फिर वो बोली कि में तो मज़ाक कर रही थी, नहीं कोई देख लेगा।

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फिर मैंने कहा कि हम दरवाजा बंद कर लेंगे, वो तुरंत अंदर आ गई और दरवाज़ा बंद कर दिया और साबुन लेकर मेरी पीठ पर लगाने लगी, वाह क्या मजा आ रहा था, मुझे लगा वो भी गरम हो गयी है इसलिए बड़े प्यार से सहला रही थी, लेकिन मुझे सीधा हाथ डालने में डर लग रहा था। फिर मैंने भाभी से पूछा कि आप कैसे नहाती हो आपके हाथ भी पीठ पर नहीं पहुंचते होंगे? तो वो बोली कि हाँ मैंने कहा कि आपने मेरी मदद की है और में आपकी मदद कर देता हूँ, आपकी पीठ पर साबुन लगा देता हूँ और बाकी आप खुद नहा लेना। फिर वो शरमाते हुए बोली कि नहीं। फिर मैंने बोला कि कोई बात नहीं भाभी में लगा देता हूँ और वो ज्यादा  मना करते हुए बोली कि ठीक है तुम अपना मुँह दूसरी साईड करो। फिर मैंने अपना मुहं दूसरी तरफ कर लिया। फिर उसने अपनी कमीज़ खोली और मेरी तरफ पीठ करके बैठ गयी और फिर मुझसे बोली कि लगाओ और में जैसे मुड़ा वाह क्या सीन था? में उसकी नंगी पीठ और सफेद ब्रा की डोरी देखकर पागल हो गया और में उसकी पीठ पर साबुन लगाने लगा। उसने आँखे बंद कर ली और में उसकी पीठ सहलाने लगा।

फिर कुछ देर बाद मैंने उनसे कहा कि भाभी आपकी ब्रा की डोरी दिक्कत कर रही है। फिर उसने तुरंत बोला कि खोल दो और मैंने जल्दी से उसकी ब्रा को खोल दिया और उसने अपने बूब्स पर हाथ रख लिए। अब उसकी सलवार पूरी तरह भीग गयी थी और पैरों से चिपक गयी थी और जिसकी वजह से उसकी काली कलर की पेंटी साफ साफ दिख रही थी और मेरा लंड बिल्कुल टाईट हो गया था और में साबुन लगते हुए उसके पेट पर हाथ घुमाने लगा और उसकी नाभि को सहलाते हुए में उसके बूब्स की तरफ अपना हाथ ले गया जो उसने अपने हाथों से ढक रखे थे। फिर मैंने पीछे से सलवार के अंदर हाथ डाल दिया और में उसके गोल गोल चूतड़ को मसलने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी और मेरे हाथ पकड़कर बाहर निकालने लगी। जैसे ही उसने मेरा हाथ पकड़ने के लिए अपने बूब्स से हाथ हटाया तो मैंने उसके बूब्स पकड़ लिए और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और अपना लंड अंडरवियर से बाहर निकालकर उसकी पीठ पर रगड़ने लगा और वो मोनिंग करते हुए अभी भी हटाने लगी।

भाभी : आशु प्लीज यह सब मत करो, आहह।

में : ( में उसके बूब्स मसलते हुआ गर्दन पर किस करते हुए) भाभी इस दिन का तो मुझे कई दिनों से इंतज़ार था तो में ऐसे कैसे इस मौके को अपने हाथ से जाने दूंगा।

अब भाभी बिल्कुल गरम हो गई थी, उसने भी अपने हथियार डाल दिए और खड़ी होकर मुझसे चिपक गई और मेरे होंठो को अपने होंठो से चूसने लगी। फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। दोस्तों भाभी क्या सेक्स की देवी लग रही थी, उसका वो भीगा बदन। वो अब सिर्फ़ काली कलर की पेंटी में खड़ी थी, उसके गीले बाल उभरे और कसे हुए बूब्स गोल गांड, हम दोनों बस मदहोश होकर एक दूसरे को अपनी गरमी दे रहे थे। अब मैंने उसकी पेंटी को भी खोल दिया और मैंने देखा कि उसकी काली झांटो से चूत पूरी तरह ढकी हुई थी। फिर मैंने उसकी झांटो को एक साईड किया और अपनी उंगली को उसकी चूत में डाल दिया तो वो एकदम से तड़प उठी और मेरे लंड को पकड़कर दबाने लगी, जितनी स्पीड से में उसकी चूत में उंगली डाल रहा था उतनी स्पीड से वो मेरे लंड को हिला रही थी। फिर वो मेरे आगे झुक गयी और मेरे लंड को चाटने लगी। दोस्तों वो बिल्कुल ब्लूफिल्म की तरह मेरा लंड चाट रही थी और फिर वो मेरा पूरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगी और इतनी देसी भाभी को लंड चूसते देख में बिल्कुल हैरान हो गया।

फिर मैंने उनसे पूछा कि क्यों भाभी कभी अपने पति का चूसा है? तो वो बोली कि नहीं। फिर मैंने कहा कि इतनी अच्छी तरह कैसे चूस लेती हो? फिर वो बोली कि मैंने अपने फोन पर चोरी से ब्लूफिल्म देखी है और मुझे बहुत दिल करता था किसी का लंड चूसने का, लेकिन में अपने पति के सामने इतनी खुलकर कह नहीं सकती और आज मुझे यह मौका मिला है। फिर मैंने कहा कि आआहह भाभी चूसो आज पूरी कर लो अपनी सब इच्छाए, वो पूरा मन लगाकर चूस रही थी, उसने मेरे लंड पर थूका और उसे अपनी जीभ से मेरे लंड पर गोल गोल घुमाने लगी और में सच में बिल्कुल हैरान था और में अब इतना उत्तेजित था जैसे कोई चुदाई का भूखा हो। अब वो मेरा लंड पूरा गले तक ले रही थी। दोस्तों वाह क्या नज़ारा था? फिर मेरी नज़र उसकी चूत पर पड़ी और मैंने कहा कि बस भाभी चोदने दो। अब वो मुझे शरारत भरी नज़र से देखती हुई मेरा लंड चूसती रही। फिर मैंने ज़बरदस्ती उसे वहाँ से हटाया और उसे वाशबेसिन पकड़कर घोड़ी बना दिया और वो अपनी गांड को हिलाते हुए मेरे लंड को अपनी चुदाई करने की दावत दे रही थी।

फिर मैंने उसकी कमर को पकड़कर उसकी चूत पर लंड रखा और उसने अपने एक हाथ से मेरा लंड अपनी चूत पर सेट करते हुए पीछे से धक्का मारा, आअहह क्या गरम चूत थी, मेरा आधा लंड अंदर घुस गया तो वो थोड़ी सी चीखी और उसने दूसरा धक्का मारा और मेरा पूरा लंड अपनी चूत के अंदर ले लिया और रुक गयी। दोस्तों अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसकी गांड को पकड़कर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और भाभी आहह आईईईइ उह्ह्ह्हह्ह मेरे राजा चोद मुझे फाड़ दे आज अपनी भाभी की चूत को और ज़ोर से धक्का मार आह्ह्ह्हह हाँ और थोड़ा अंदर डाल उह्ह्ह्ह।

अब में दनादन लंड उसकी चूत में डाल रहा था और उसके बूब्स ज़ोर ज़ोर से हिल रहे थे और वो भी पूरे मज़े लेकर मुझसे चुदवा रही थी और सिसकियाँ लेते हुए बड़बड़ा रही थी, ऊह्ह्ह्ह आह्ह्हह्ह आशु डाल अपना पूरा लंड मेरी चूत में आह्ह्ह चोद और फिर वो गालियाँ बकने लगी साले चोद भाभीचोद। में करीब दस मिनट तक लगातार उसे चोदता रहा और अब भाभी की चीखने, चिल्लाने की आवाज़ तेज होने लगी और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी आअहह और उसके पैर अकड़ गए और वो मेरे लंड को अपनी चूत से भींचने लगी तो में समझ गया कि भाभी झड़ रही है। फिर मैंने और तेज धक्के मारने शुरू कर दिए और फिर भाभी झड़ गयी और मेरा लंड पूरा गीला हो चुका था। फिर मैंने कहा कि भाभी क्या में अंदर ही निकाल दूँ? तभी वो एकदम से हटी और उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी और बोली कि मुझे तेरा माल पीना है और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी।

मुझसे अब रहा नहीं गया और में उसके मुँह में झड़ गया, उसने चूस चूसकर मेरा सारा वीर्य पी लिया, आअहह मेरी तो जैसे जन्नत की सैर हो गयी। फिर उसने अपना चेहरा साफ किया और बाहर जाने लगी, लेकिन मेरा मन अभी भी भरा नहीं था तो मैंने कहा कि भाभी अब मेरे रूम में चलो तो वो भी तुरंत समझ गई कि अभी भी उसकी और चूत घिसाई होनी है और उसने अपनी कमीज़ पहनी सलवार तो गीली थी तो कमीज़ पहनकर ही मेरे रूम में भागती हुई पहुंच गई। मैंने भी टावल लपेटा और उसके पीछे रूम में पहुँच गया।

फिर मैंने अंदर जाते ही दरवाज़ा बंद कर दिया और भाभी से बाथरूम में मज़ा लेने के बाद अब में उसे बेड पर चोदना चाहता था, लेकिन हम दोनों इतने गर्म हो चुके थे कि मैंने उसे वही दीवार से चिपका दिया। अब में उसके हाथ पकड़कर उसे स्मूच करने लगा और अब भाभी भी पूरी तरह से गर्म थी, अब वो भी पूरा मज़ा ले रही थी। अब हम एक दूसरे के मुहं में अपनी जीभ डाल रहे थे, वो अपनी गीली सलवार बाथरूम में ही छोड़ आई थी और में भी सिर्फ़ टावल में था।
अब मैंने उसे दीवार से चिपका कर अपना पूरा वजन उस पर डाल दिया और अब मेरे टावल में टेंट बन गया था जो कि मेरे लंड के हार्ड होने की वज़ह से था। अब भाभी पागलों की तरह तड़पती मछली की तरह हो गयी थी और मौन कर रही थी। फिर उसने टावल के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से भींचने लगी।

फिर में भी उसकी कमीज़ ऊपर उठाकर उसकी चूत में उंगली करने लगा। अब में भाभी को और तड़पाना चाहता था, लेकिन वो इतनी गर्म थी कि वो मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी और खड़े-खड़े ही अंदर घुसाने लगी। दोस्तों अब में सातवें आसमान पर था, अब में अपनी तरफ़ से लंड घुसाने की कोई हरकत नहीं कर रहा था बस उसकी तड़प का मज़ा ले रहा था।

अब वो कभी अपनी टाँगे चौड़ी करके मेरे लंड को पकड़कर चूत में डालती तो कभी अपनी टाँगे उठाकर खुद ही खड़े-खड़े धक्के मारती, लेकिन एक दो धक्को के बाद मेरा लंड बाहर निकला जा रहा था। अब वो कुछ नहीं बोल रही थी, बस मौन कर रही थी। अब उसकी चूत से रस टपक कर फर्श पर गिर रहा था, अब काफ़ी तड़पने के बाद उसने अपनी चुप्पी तोड़ी और बोली कि आशु बहुत हो गया अब चोदेगा या में खुद चूत में उंगली कर लूँ। अब यह बात सुनकर मुझे मज़ा भी आया और मेरा लंड भी और तन गया।  फिर मैंने उसे वहीं किचन पट्टी पकड़कर घोड़ी बना दिया और उसकी कमर पकड़कर सीधा अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया। अब उसकी चूत के पानी से उसकी चूत एकदम चिकनी हो चुकी थी और मेरा लंड सीधा उसकी चूत को चीरता हुआ जड़ तक जा घुसा और मैंने ताबड़तोड़ धक्के मारने शुरू कर दिए आआहह, अब वो ज़ोर-जोर से मौन करने लगी थी।

फिर मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा ताकि पड़ोसी सुन ना ले और उसे चोदने लगा। अब वो भी अपनी गांड हिला-हिलाकर मेरे लंड को अंदर ले रही थी, अब पूरे रूम में फ़च-फच की आवाज़ आने लगी थी। अब मेरी टाँगे उसकी जांघो पर हर धक्के के साथ तपाक से टकरा रही थी और वो ज़ोर-जोर से बड़बड़ाये जा रही थी। अब में अपनी पूरी स्पीड से उसे चोद रहा था। फिर वो वहाँ से हटी और मेरे बेड पर टांगे चौड़ी करके लेट गयी और बोली कि आशु आज फाड़ दे मेरी चूत को, मेरी चूत का भोसड़ा बना दे। फिर मैंने उसकी टाँगे अपने कंधे पर उठाई और उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया। अब वो बहुत जोर से चिल्ला रही थी, आआआआआअ आशु फाड़ और घुसा दे। अब उसकी टांगे अकड़ने लगी थी और वो उसके नाख़ून मेरी पीठ पर चुभा रही थी तो अब में समझ गया कि उसका होने वाला है, शायद उसका पहले भी हुआ हो, लेकिन इस बार तो मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे इतना पानी निकलेगा कि मेरा लंड पूरा भीग जायेगा।

अब उसकी आँखें बंद हो गयी और वो नीचे से धक्के मारने लगी। तभी मेरी नज़र खिड़की पर पड़ी जो कि आधी खुली थी, अब उसमें से हमें कोई देख रहा था। अब मेरा भी होने वाला था तो में रुक नहीं पाया और उसे चोदता ही रहा। अब वो ज़ोर-ज़ोर से साँस लेती हुई और मौन करते हुए झड़ गयी। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने भी अपना सारा पानी उसके मुँह पर छोड़ दिया। अब हम हांफते हुए बेड पर लेट गये। फिर उसने अपनी कमीज़ के साथ मेरा पजामा पहना और अपने रूम में जाने लगी। हमारा रूम पास-पास में ही था तो जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला तो उसकी सहेली रीना बाहर खड़ी थी। रीना भी शादीशुदा थी, गोरी और सुडोल शरीर, बड़े-बड़े बूब्स और उसकी गांड पीछे से बाहर निकली हुई थी, क्योंकि वो ज्यादातर स्किन टाईट कपड़े पहनती है तो इसलिए उसकी गांड बाहर निकली हुई लगती थी, लेकिन कमाल की गांड है उसकी, फिगर 34-30-36 है। अब में समझ गया था कि ये वही है जो हमें खिड़की से देख रही थी, लेकिन मैंने सब अनसुना कर दिया। अब रिचा उसे देखकर डर गयी और उससे नज़रे मिलाए बिना ही वहाँ से जाने लगी। अब रीना उसे देखकर हंस रही थी और उसके पीछे-पीछे उसके रूम में चली गयी। फिर मैंने भी अपने कपड़े पहने और यह जानने के लिए कि रीना अब क्या करेंगी? उनकी खिड़की के पास छुप गया।

रीना : अरे वाह, रिचा तू तो बहुत बड़ी खिलाड़ी निकली अकेले-अकेले मज़े ले रही है तो रिचा डरते हुए बोली किसी को मत बताना। फिर रीना ने उसकी गांड पर एक शरारती थप्पड़ मारा और अपनी चूत पर  हाथ फैरते हुए बोली कि यार तुम दोनों की चुदाई देखने का मज़ा आ गया। अब मुझे रिचा की सहेली की आँखो में हवस नज़र आ रही थी और मुझे लगा कि अब तो किस्मत खुल गयी और दूसरी भी तैयार है। फिर रिचा अपने बेड पर लेट गयी और उसकी सहेली उसकी सलवार में उसकी चूत के पास अपना मुँह करके लेट गयी।

रिचा बोली क्या कर रही है? तो वो बोली कि तेरी चूत से तेरे यार के लंड की खुशबू ले रही हूँ, अब मुझे तो ये सब सपना सा लग रहा था। फिर उसकी सहेली ने उसका नाडा खोला और उसकी चूत सूंघने लगी। अब में यह सब देखकर हैरान हो गया और अब में समझ नहीं पा रहा था कि यह कहीं लेस्बियन तो नहीं है। फिर वो उसकी चूत का रस अपने हाथ से लगाकर अपनी सलवार के अंदर डालकर अपनी चूत पर मलने लगी और सिसकारी लेती हुई बड़बडाई कि उसका लंड ना सही, लेकिन उसका पानी तो मेरी चूत तक पहुँच गया और वो दोनों हंसने लगी। अब रिचा जो काफ़ी देर से उसे देख रही थी, अब हंसते हुए नॉर्मल लग रही थी। फिर रिचा कपड़े बदलने लगी और उसकी सहेली वहीं लेटी हुई थोड़ी-थोड़ी देर में सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत पर हाथ घुमा रही थी। अब उसकी आँखे हवस से भरी हुई थी और अब मेरा दिल तो किया कि वहीं जाकर उसे चोद दूँ, लेकिन मुझे लगा कि रिस्क क्यों लेना?

फिर उसने रिचा से कहा कि यार तेरा तो पति से भी सुंदर है। फिर इसके चक्कर में कैसे पड़ी? तो रिचा बोली कि एक बार इससे चुदकर देख सब पता चल जायेगा। फिर उसकी सहेली ने आह भरते हुए कहा कि हाय वो दिन कब आयेगा? तुम दोनों की पलंगतोड़ चुदाई देखकर मेरा मन भी चुदने का हो रहा है, यह कहकर वो अपनी चूत को ज़ोर-जोर से रग़ड रही थी। अब में आउट ऑफ कंट्रोल हो गया और कमरे में चला गया तो उसने हड़बड़ा कर चादर अपने ऊपर खींच ली। फिर मैंने कहा कि यार मैंने सब कुछ सुन लिया है और देख लिया है, अब छुपाने का क्या फायदा है? फिर में उसके ऊपर चढ़ गया। अब रिचा हमें आश्चर्य से देखे जा रही थी। फिर रीना कुछ नहीं बोली और चुपचाप मेरी आँखो में देख रही थी, जैसे उसे वो मिल गया हो जो वो चाहती थी।

फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए और उसके गुलाबी होंठो को जी भरकर चूसने लगा। अब वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी थी। अब में अपने पूरे शरीर को उसके शरीर पर रग़ड रहा था। मुझे सबसे ज्यादा प्यारी उसकी गांड लगती है। फिर मैंने उसे उल्टा करके लेटा दिया और उसकी गांड की दरार में अपना लंड घुसाने लगा, अयाया क्या मज़ा आ रहा था? और उसके बूब्स दबा रहा था।

फिर मैंने एक हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया, अया क्या गर्म चूत थी उसकी? बिल्कुल गीली हो चुकी थी।  फिर मैंने उसकी कमीज़ उतारी और उसकी पीठ चाटने लगा, अब वो भी अपनी आँखे बंद करके मज़े ले रही थी। फिर मैंने उसकी सलवार भी उतार दी, अब वो मेरे सामने वाईट ब्रा और ब्लू पेंटी में उल्टी लेटी हुई थी। फिर मैंने उसकी पेंटी को थोड़ा साईड में करके उसकी गांड पर थूक लगाया और अपना लंड टिका दिया, उसकी चूत पर थोड़ी-थोड़ी झांटे थी। फिर मैंने उसकी गांड पर धक्का मारा तो वो बहुत ज्यादा टाईट थी तो मेरा लंड अंदर नहीं गया और वो ज़ोर से चिल्लाई और वो मेरे नीचे से फिसल कर साईड में हो गयी और बोली कि गांड में नहीं सीधा चूत में डाल नहीं तो में चली जाउंगी।

फिर मैंने उसे ओके बोला और उसे घोड़ी बनने को कहा तो वो बन गयी और बोली कि कहा ना गांड में मत डालना तो मैंने कहा कि ओके। फिर मैंने पीछे से उसकी चूत पर अपना लंड रखा, उसकी चूत बहुत गीली थी और ज़ोर से धक्का मारा तो वो थोड़ी चिल्लाई और मेरा लंड पूरा अंदर घुस गया। वो शादीशुदा होते हुए भी उसकी चूत टाईट थी। फिर में उसकी कमर पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। अब वो मौन करने लगी, हाईईई उउउईईई माँ, चोद मुझे, पूरा डाल जड़ तक, डाल आआआआ। अब में उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा था, उधर रिचा भी हमारी चुदाई देखकर गर्म हो गयी थी और कुर्सी पर बैठकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी। फिर मैंने उसे पास में बुलाया और अब वो मेरे पास में आकर बैठ गयी। अब मेरा लंड रीना की चूत में था और रिचा के बूब्स मेरे मुँह में थे, आअहह दोस्तों क्या मज़ा था? एक साईड में रीना की चुदाई कर रहा था तो दूसरी साईड में रिचा के बूब्स चूस रहा था और उसकी चूत में उंगली कर रहा था।

अब वो दोनों बहुत गर्म हो चुकी थी और ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ ले रही थी, अब मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था। तब रीना अपनी गांड आगे पीछे करके मेरा लंड अपने आप ले रही थी, तभी मुझे शरारत सूझी तो मैंने रिचा के कान में कहा कि रीना की टांगे पकड़ो और उसे हिलने मत देना। फिर रिचा ने मेरी तरफ शरारत भरी नज़र से देखा और उसकी टाँगे पकड़ ली। अब मैंने रीना की चूत से लंड बाहर निकाला जो पूरा गीला था और उसकी गांड पर रख दिया। फिर वो बोली कि कहा था ना गांड में मत डालना, लेकिन तब तक मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा आधा लंड उसकी गांड में जाकर फँस गया। फिर वो ज़ोर से चिल्लाई उूउउइईई माँ माररर डाला निकाल इसे, अब वो भागने लगी थी, लेकिन रिचा ने उसे कसकर पकड़ा हुआ था, अब वो छटपटाने के अलावा कुछ नहीं कर सकती थी।

रीना : रिचा छोड़ मुझे, यह मेरी गांड फाड़ देगा, आआअहह बहुत दर्द हो रहा है।

फिर रिचा हँसने लगी और मैंने अपना पूरा दवाब उसकी गांड पर डाल दिया। अब मेरा लंड पूरे से थोड़ा कम उसकी गांड में था। अब वो चिल्ला रही थी, मुझे नहीं चुदवाना, छोड़ो मुझे। फिर मैंने बुरी तरह से उसकी गांड मारनी शुरू कर दी। अब उसकी चीखे निकल रही थी। फिर धीरे-धीरे उसका दर्द कम हुआ और उसकी चीखे सिसकियों में बदलने लगी। अब वो मजे लेने लगी थी और बोलने लगी कि आशु फाड़ मेरी गांड, मेरे राजा मुझे ज़ोर से चोद। अब रिचा बहुत गर्म हो गयी थी। फिर उसने अपनी चूत रीना के मुँह पर लगा दी, आआहह क्या नज़ारा था? अब में रीना की गांड मार रहा था और रिचा अपनी चूत रीना से चटवा रही थी। अब मेरा होने वाला था फिर मैंने कहा कि कहाँ निकालूं? तो रीना बोली कि मेरी चूत में निकाल दो।

फिर मैंने उसे सीधा किया और अब मैंने उसकी एक टाँग उठाकर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और रिचा रीना के मुँह पर बैठ गयी। अब रीना बड़े मज़े से अपनी जीभ उसकी चूत में डाल रही थी और में रीना को चोदने लगा, आआहह आआआ आज़ा मेरे राजा आज तूने मेरी चूत और गांड फाड़कर रख दी और फाड़ आआआहह। अब में लगातार उसे चोदता रहा और रीना झड़ गयी और में भी उसकी चूत में ही झड़ गया और साईड में होकर लेट गया। अब सब बेड पर पड़े थे, तभी मेरा माल रीना की चूत से थोड़ा-थोड़ा टपकने लगा था। अब रिचा यह देखकर रीना की चूत चाटने लगी और पूरा रस अपने मुँह में भरकर रीना को किस करते हुए उसके मुँह में छोड़ दिया। फिर उन दोनों ने मेरा माल पिया और फिर मेरे लंड को चाटकर साफ किया ।।

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पति के पीठ पीछे, मीनू अपने बेस्ट फ्रेंड से चुद रही गई https://sexstories.one/meenu-ki-chudai-kar-di-maine/ Thu, 02 Dec 2021 09:44:18 +0000 https://sexstories.one/?p=3387 जैसे ही वो सीधी हुई मेने उसके पैरो को फैलाया और उसकी चूत के दर्शन किए। फिर चूत के पास गया और में मीनाक्षी की चूत को चाटना सुरु कर किया 5 मिनट चाटने के बाद में आगे बड़ा और अपना लन्ड उसके मुंह के पास ले गया..

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Meenu bhabhi ki Chudai ki kamuk kahani हैलो दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है जो की पूरी तरह से सच्ची कहानी है। ये कहानी मेरी और मेरी शादीशुदा फ्रेंड मीनाक्षी (बदला हुआ नाम) की है। कहानी सुरु होने से पहले में हम दोनो के बारे में बता दू। मेरा नाम अमित(बदला हुआ नाम) है। मेरी हाईट 5.9″ है। और में कोटा शहर में रहता हुं। मीनाक्षी मेरी स्कूल की बेस्ट फ्रेंड है। हम दोनो ने दसवीं क्लास पास करके आगे की पढ़ाई के लिए अलग अलग स्कूल में एडमिशन ले लिया था और हम अलग हो गए थे।

कुछ टाइम बाद मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को शादी हो गई। फिर मेरी उससे मुलाकात उसकी शादी के साल भर बाद हुई। वो अपने पेपर देने के लिए अपने होम टाउन कोटा आई। हम दोनो कॉलेज के गेट पर मिले और एक दूसरे के नंबर लिए और चले गये। फिर हमारी कुछ टाइम तक ही फोन पर बात हुई।

फिर मेरी काफी टाइम बाद मेरे पास मीनाक्षी ने कॉल किया और बताया कि वो और उसका पति कोटा में ही किराए से रहने लगे है और उसके पति को कोटा में जॉब की तलाश कर रहा है।
मेने उसके पति को एक अच्छी सी एम एन सी कम्पनी में जॉब लगवा दी। जिसकी खुशी में मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) और उसके पति ने मुझे पार्टी दी जिसके बाद मेरी लाइफ बदल गई और मेने कई बार मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को चोदा और उसे प्रेग्नेंट भी किया।

मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) के पति को जॉब लगवा दी उसके एक महीने बाद मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) के पति ने मुझे कॉल किया और अपने घर पर बुलाया। और बोला की वो एक छोटी सी पार्टी दे रहे है
तो में श्याम को तैयार होकर एक फूलों का गुलदस्ता लेकर उनके घर पहुंच गया वहा पहुंच कर देखा की पार्टी ओन्ली मेरे लिए रखी थी क्योंकि मेने उसकी जॉब लगवाई थी।

हा में आपको बताना तो भूल ही गया था की मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) राजपूत लड़की थी। अब राजपूताना पार्टी और उसमे दारू न हों तो कैसे काम चलेगा। तो वहां पर दारू भी थी।

हमने खूब दारु पी। हम सब ने कुछ ज्यादा ही पी ली थी तो मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) के पति ने मुझसे बोला की में रात को वही रुक जाऊं फिर मीनाक्षी ने भी मुझे रुकने के लिए बोला। लॉकडाउन का भी टाइम चल रहा था तो बाहर पुलिस वाले भी थे तो में वहा रुक गया।

फिर कुछ टाइम बाद हम तीनो खाना खा कर सोने की तैयारी करने लगे। वो दोनो जिस किराए के कमरे में रहते थे उसमे उनके पास बस एक ही रूम था जिसमे वो दोनो सोते थे बट उस दिन मुझे भी वही सोना था। तो हमारा बिस्तर लग गया जहा पर एक तरफ मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) का पति सो रहा था और उसके थोड़ी सी दूरी पर मीनाक्षी थी जो फिर थोड़ी डिस्टेंस बनाकर मेरा बिस्तर था जिस पर में लेटा हुआ था। में और मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) थोड़ी देर बाते कर रहे थे फिर में सो गया।

उसके बाद शायद रात के 12 बजे थे में बाथरूम गया। जो की उनके कमरे के बिलकुल पास में था लेकिन जब में वापस सोने के लिए आया तब मुझे सिसकारियों की आवाज आई मेने दरवाजे की आड़ से अंदर की तरफ देखा तो देखता ही रह गया मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) का पति उसे चोद रहा था। मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) की चूत दरवाजे की तरफ थी तो मुझे उसकी बिना बालों वाली गुलाबी चूत साफ साफ दिख रही थी जिसे उसका पति चोद रहा था। में बहुत ध्यान से मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को चुदते हुए देख रहा था बट शायद मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) में मुझे देख लिया था।

फिर थोड़ी देर में उसका पति मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) के अंदर झड़ गया और थक कर अपनी जगह पर सो गया लेकिन मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) की इच्छा पूरी नहीं हुई थी वो और चुदना चाहती थी पर वो कुछ नहीं कर पाई और नॉर्मल हो कर सो गई। में भी एक बार झड़ चुका था तो में वापस बाथरूम में गया अपने आप को शांत करके रूम में आ गया और अपनी जगह पर लेट गया।

में लेटा था की मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) ने मेरी तरफ अपना मुंह घुमा लिया। जैसे ही मेने उसे देखा मेरी अंदर की वासना भड़क गई में सोचने लगा की केसे मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) की चोदूं बट मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था की उसका पति देख न ले या फिर मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) नाराज न हो जाए। बड़ी मुस्किल से मेने हिम्मत कर अपना बिस्तर मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) के बिस्तर के पास में खिसका दिया और मीनाक्षी की तरफ मुंह करके लेट गया।

Kamuk chudai घर की छत पर गर्लफ्रेंड की चुदाई

मेंने पहली बार मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को हवस भरी निगाहों से देख रहा था। मेने अपनी थोड़ी और हिम्मत बड़ाई और मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) के एक साइड बूब्स की छूने लगा। उसके बूब्स का साइज नॉर्मल थे और मुलायम थे तो में मुझमें थोड़ी और हिम्मत बाद गई फिर मेने उसके दोनो बूब्स को अपने हाथो में लिया और उसके बूब्स को प्यार से मसलने दबाने लगा। अचानक से मेने नजर उसके चहरे पर पड़ी शायद उसे ये सब अच्छा लग रहा था उसकी आंखे बंद थी में आगे बड़ा और डरते डरते उसके होटों पर छोटा सा किस करके हट गया और अपने जगह पर लेट गया जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो।

फिर मेने वापस मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) की तरफ देखा उसकी तरफ से कोई भी परिक्रिया नहीं हुई तो मेरी हिम्मत बाद गई फिर में आगे बड़ा वापस उसके होटों पर किस करने लगा इस बार मेने काफी लंबा किस किया उसे। किस करते करते मेने मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को अपनी बाहों में लेने लगा और उसकी पीठ को सहलाने लगा था l इतना कुछ होने के बाद उसकी तरफ से जब कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मेरी हवस और मेरी हिम्मत चरम सीमा पर थी। मेने जल्दी के अपने कपड़े खोले और मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को सीधा किया। जैसे ही वो सीधी हुई मेने उसके पैरो को फैलाया और उसकी चूत के दर्शन किए। फिर चूत के पास गया और में मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) की चूत को चाटना सुरु कर किया 5 मिनट चाटने के बाद में आगे बड़ा और अपना लन्ड उसके मुंह के पास ले गया और मुंह के अंदर डालने की कोशिश करने लगा बट मेरा लन्ड उसके मुंह के अंदर नहीं गया फिर मेने मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) की टी शर्ट को ऊपर करके उसके दोनो बूब्स को चूसना सुरू कर दिया मेने उसके एक एक करके दोनो बूब्स को कम से कम 20 मिनट तक चूसा।

फिर मेने उसके होटों पर अपने हॉट रख कर उसे फिर से किस करने लगा था और उसके ऊपर लेट गया था।

मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को लिप किस करते हुए मेने उसके दोनो पैरो को अपने कमर के ऊपर रख दिए। और धीरे से अपने लन्ड को उसकी चूत के अंदर डालने लगा था। मेरा लन्ड एक ही बार में उसकी चूत के अंदर चला गया तब में उसे धीरे धीरे चोदता रहा और किस करता रहा। तभी मुझे पता चला की मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) सोई नहीं है वो जगी हुई है और चुदने का पूरा मजा ले रही है। तभी मेने सोचा की जो हो रहा है जैसा हो रहा है वैसा ही चलने दो फिर क्या था में बिना रुके मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को चोदता रहा और फिर मेने अपना पूरा माल मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) की चूत के अंदर छोड़ दिया और उससे चिपककर लेटा रहा।

2 मिनट बाद में उसके ऊपर से उतरा और कपड़े ठीक करके अपनी जगह पर लेट गया। तभी मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) ने अपने पति की तरफ मुंह कर लिया और उसकी गान्ड मेरी तरफ कर दी। मुझसे फिर रहा नही गया में हिम्मत करके मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) के पीछे से चिपक गया। जिससे मेरा लन्ड उसकी गान्ड से चिपक गया था मेने वापस उसके बूब्स दबाना शुरू कर दिए थे। फिर में उसे कपड़ों के ऊपर से उसकी गान्ड को अपने लन्ड से सहलाते सहलाते वापस उसके कपड़ो को ऊपर किया और उसकी एक टांग उठा कर उसकी चूत में लन्ड डाल कर चोदने लगा इस बार मेने मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को पीछे से और आगे से खूब चोदा किस किया और उसके दोनो बूब्स को खुद चूसा।

इस बार जैसे ही मेने उसकी चूत के अंदर अपना माल छोड़ा उसे कस कर गले लगा लिया और धीरे से मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) के कान में थैंक यू और आई लव यू बोला और उसे यह भी बताया की में जनता हु की वो सोई नहीं है और चुदने का पूरा आनंद ले रही। यह सुनते ही उसने भी मुझे कस कर पकड़ लिया थैंक यू और आई लव यू टू बोलकर किस करने लगी। फिर मेने एक बार और उसे जम कर चोदा।

चोदते टाइम उसके पति की तरफ देखा और में हस दिया और मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को उसके पति की तरफ दिखा कर बोला पति के पीठ पीछे मीनू अपने बेस्ट फ्रेंड से चुद रही है वो यह बात सुनकर थोड़ी सी मुस्करा दी और मुझे बोली और चोदने को। फिर में उसे चोदता रहा इस बार मेने उसे लगातार 1 घंटे तक चोदा। फिर वापस उसके अंदर अपना माल छोड़ कर हम दोनो अलग अलग होकर अपनी अपनी जगह सो गए।

फिर जब में सुबह उठा तब तक मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) और उसका पति दोनो उठ चुके थे। उठते ही मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) ने मुझे बताया की उसका पति बाथरूम में है तो मेने मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को पकड़ लिया और किस किया और उसके बूब्स को खुद दबाया और जब उसका पति बाथरूम से बाहर निकलने वाला था तब मेने मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को छोड़ा और फिर हमने साथ में नाश्ता किया और में घर आ गया।

उसके बाद मेने कई बार मीनाक्षी(बदला हुआ नाम) को चोदा। और मेरी द्वारा की गई उसकी चुदाई के बाद वो प्रेग्नेंट भी हो गई।

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रसीली प्रज्ञा भाभी https://sexstories.one/pragya-bhabhi-ki-rasili-chooth/ Fri, 19 Nov 2021 08:53:22 +0000 https://sexstories.one/?p=3439 उसका मुरझाया हुआ लण्ड देख कर चकित रह गयी काला स्याह लण्ड मेरे पति के खड़े लण्ड से दो गुना लंबा और मोटा उसके लण्ड का टॉप भी हथौड़े के जैसा गोल मोटा ऐसा लण्ड सिर्फ आजतक विदेशी नंगी फिल्मो मैं नीग्रो का ही देखा था...

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pragya bhabhi ki rasili chooth – दोस्तो मेरा नाम कमल है मैं एक शादी शुदा आदमी हु लेकिन सेक्स मैं कम रुचि रखने वाली औरत है और फिर उसकी छतिया बहुत छोटी थी और सेक्स मैं जोश भी नही दिखा पाती थी जल्दी ही थक जाती पहली रात को ही जब मैंने अपने पाइप जैसे मोटे लण्ड से उसको चोदा तब से ही वो ख़ौफ़ मैं रहती थी.. तीन दिन तक वो सीधी नही चल पाई थी..

बुखार अलग आ गया था मैं बड़े और मांसल छातियों वाली औरत के लिए हमेशा बेकरार रहता उसने मेरे लण्ड की साइज के बारे मे अपनी माँ और भाभी को भी बताया उधर समस्या इसके बिल्कुल विपरीत थी उसकी भाभी गाव की थी मेहनतकश बदन और उसका पति कमजोर छोटे से लण्ड वाला वो जानता था कि मेरा लण्ड छोटा है इसलिए वो अक्सर उसकी पत्नी से झगड़ा करता था उसके दिमाग मे यही बात रहती थी कि ये किसी से चुदवा न ले भाभी उसका नाम प्रज्ञा था…

एक डिलीवरी के बाद उसका पति महीनों उसकी चड्डी नही खोलता और वो अपनी सभी कामुक इच्छाओ को दबा कर जीवन जी रही थी उसकी गाव की सहेलियां जब अपने पति की साइज़ का बड़ा चढ़ा के बखान करती थी तो उसका दुख और बड़ जाता मेरी सास भी अपनी बेटी की समस्या को जानती थी लेकिन क्या करती दूसरी तरफ बहु बेटे के रोज रोज के झगड़े होली के दिन की बात है प्रज्ञा का पति अपने दोस्तों के साथ होली खेलने चला गया पीछे से उसके दो दोस्त आये प्रज्ञा भाभी ने उसको ससम्मान चाय नास्ता कराया जाते जाते वो प्रज्ञा को गालो पर रंग लगा गए..

उसके बाद वो उसके पति से मिले तो मजाक मजाक मैं उसने बोल दिया कि हम तेरे घर पर होली खेल कर आये है भाभी से पूछना कहा कहा रंग लगाया है कपड़ो पर निशान दिख जाए गे इधर उन लड़कों के जाने के बाद पड़ोस की आंटी आयी प्रज्ञा को रंग लगाया तो उसने उसकी सफेद ब्रा पर अपने दोनों हाथों के निशान लगा दिए अब पति पी पा कर दोपहर को घर आया तब तक प्रज्ञा नहा चुकी थी वो नहाने बाथरूम गया वहां उसकी नज़र प्रज्ञा की सफेद ब्रा पर गयी दोनो बोबे पर लाल रंग के पंजे के निशान पास मैं पैंटी सुख रही थी वो भी चुत और गांड की तरफ पंजे के निशान वो गुस्से मैं पागल हो गया और खूब गली गलोच करने लगा..

उसको लगा ये सब काम उसके दोस्तों ने कर दिया है तभी मेरा वहा पहुचना हुआ दोनो खूब झगड़ रहे थे प्रज्ञा भी बोल पड़ी मेरी जवानी तुम्हारे तो किसी काम की नही किसी के काम आयी तो क्या हुआ मामला बहुत गर्म था जैसे तैसे ठंडा किया और समझाया कुछ दिन बाद मैं पत्नी को लेने ससुराल गया वहां एक दोस्त बहुत दिनों बाद मिल गया वो भी मेरे साथ ससुराल आ गया पत्नी और सासु जी दोनो किसी काम से बाजार निकल गए दोस्त मोहन जाट फोटोग्राफर था और जिम ट्रेनर भी लंबा पूरा गोरा हैंडसम बिल्कुल जॉन इब्राहिम जैसा दिखता था….

प्रज्ञा भाभी उस पर खूब लटकी उसके आगे पीछे घूमने लगी बात बात मैं उसको कई बार आंख मारी उसके जाने के बाद मैंने ड्रिंक करने बैठा प्रज्ञा ने मुजे किचन के पास वाले रूम मैं ही बैठने का फोर्स किया मैं समझ नही पा रहा था कि ये अचानक दीवानी क्यो हो रही है वो बहुत खुश थी मैंने ड्रिंक करना शुरू किया वो किचन मैं से मुजे देख देख मुस्कुरा रही थी मैंने उसको अपने पास बुलाया वो इठलाती बल खाती आई मेरे पूछने पर उसने बताया कि आप अपनी पत्नी से संतुष्ट नही मैं मेरे पति से तो मम्मी ने और दीदी हैम तीनो ने फैसला किया कि आप मम्मी जी और मुजे अब कभी भी मौका मिलते ही आप चोदना चाहये तो चोद सकते है घर की इज्जत घर मे ही रहे गी..

प्रज्ञा ने अपने ब्लाउस के हुक खोल कर अपनी सांवली नंगी बड़ी बड़ी छातियां मेरे सामने कर दी मैं भी उसकी बड़े बुब्ब्स को चूसने लगा प्रज्ञा बेहद उत्तेजित हो उठी वो मेरी पेंट खोलने की कोशिश करने लगी जब मैंने मेरा लण्ड निकाल कर उसके हाथ मे दिया वो उस पर अपना प्यार लुटाने लगी तभी उसके पति का फोन आया काफी देर तक नही उठाने पर मैने बोला उठाने को वो मेरे लण्ड को हाथ मे लेकर पति …इतनी देर हो गयी फोन उठाने मैं ….प्रज्ञा भाभी …अपने यार का लण्ड चूस रही हु ..पति ….नाराज़ हो …होली के दिन से ….प्रज्ञा मेरे लण्ड के टोपे को आवाज निकाल कर चाटने लगी बोली 30 मिनट बाद फोन लगाना यार से अपनी चुत चुदवा लू फिर …पति ….मजाक मत करो अरे …उसदिन …तुम्हारी ब्रा पर पंजे के निशान थे तो प्रज्ञा …..तो …क्या …तुम्हारा खड़ा नही होता तो इस मैं मेरी गलती है पति ….अरे नही …उस दिन मैं गलत था प्रज्ञा ….नही उस दिन तुम सही थे तुम्हारे दोनो दोस्तों ने मेरे बोबे चूसे भी दबाये भी और पेंटी मैं मेरी चुत मैं उंगली घुसा कर रंग लगाया था और आज के बाद मैं अपनी इच्छा से किसी से भी चुड़वाओ तुम कुछ नही बोलो गे पति ….मेरी इज्जत का क्या होगा प्रज्ञा …तुम्हारी इज्जत मेरे चुप रहने मैं ही है ….वार्ना मैं अभी मेरे पापा को फोन लगती हु तुम ईज्जत के साथ यहाँ रहना पति ….

अब इस मैं पापाजी कहा से आ गए चलो जब तक मैं ठीक नही होता हूं मैं तुम्हे कुछ नही कहुगा प्रज्ञा ….मैं आप की थी आप की ही रहूंगी लेकिन आप जानते हो आप मेरी मजबूरी समझते हो आज तक मैन ऐसा बोला क्या पति ….हा नही बोला लेकिन मैं समझता हूं प्रज्ञा .. आप को मेरी छोटी बहन आशा पति …हा हा प्रज्ञा …अपनी शादी के बाद यहाँ आयी थी तब आपने उसके निम्बू कई बार दबाये थे पति …अरे …वो ….तो प्रज्ञा …मैं भी चुप थी न समझो यार पतिदेव पति की आवाज भारी होने लगी थी आशा के नाम से प्रज्ञा …

16 साल की उफनती जवानी है जानू कुछ समझे पति ….ओ हा हा समझ गया प्रज्ञा …मजे लेना 16 साल की कुंवारी के मुजे भी मजे लेने दो आप की बीमारी ठीक हो जाये तो पक्का मंगलसूत्र की कसम पति …लेकिन ये बात हम दोनों मैं ही रखना और प्रज्ञा को पति की भी सहमति मिल गयी मैं ….वो ब्रा पर निशान प्रज्ञा …..मैंने खुद ही लगाए थे वो अपनी दोनों छातियों के बीच मैं मेरे लण्ड को मालिश करती बोली मैं .. मतलब उन लड़को से ….प्रज्ञा ….नही मेरा कोई संबंध नही है मैं …तो ये सब नाटक क्यो …प्रज्ञा …इनका बहुत छोटा है फिर एक डिलेवरी के बाद ये मुजे तेरी ढीली हो गयी बोल कर करते नही थे खड़ा इनका नही होता और रंडी मुजे बोलते हर सुंदर मर्द से मेरा नाम जोड़ते मैं भी सुनते सुनते पक गयी एक दिन दीवाली के समय इन्होंने एक लड़के को साफ सफाई के लिए पास की जुग्गी से घर भेजा वो बहुत काला लेकिन लंबा मजबूत था धूप दिन भर रोड और मकान का काम करता था पहले दिन ही उसकी कसी हुई मजबूत मांसपेशियों को मैने काम करने के दौरान महसूस किया वो एक प्रकार का नीग्रो जैसा था..

Chudayi stories दोस्त की कुंवारी बहन को पेला

बहुत ताकत थी उस मैं उसने 100 किलो का बोरा (बेग)सिर्फ एक हाथ से उठा कर ऊपर रख दिया शाम को जब वो आज का काम पूरा कर बाथरूम के बाहर हाथ मुह धो रहा था तभी मेरी नज़र उसकी धोती मैं चली गयी मैं उसका मुरझाया हुआ लण्ड देख कर चकित रह गयी काला स्याह लण्ड मेरे पति के खड़े लण्ड से दो गुना लंबा और मोटा उसके लण्ड का टॉप भी हथौड़े के जैसा गोल मोटा ऐसा लण्ड सिर्फ आजतक विदेशी नंगी फिल्मो मैं नीग्रो का ही देखा था मेरी निप्पले कल्पना मात्र से ही खड़ी हो गयी थी मेरी चुत मैसे गर्म लावा बह निकला अगले दिन मैंने ज्यादा खुले गले का ब्लाउस पहना उस समय मेरे दिमाग मे सिर्फ उसका खड़ा लण्ड देखने की इच्छा थी स्टोर रूम की ऊपर की सफाई के लिए उसको स्टूल पर ऊपर खड़ा कर मैं स्टूल पकड़ खड़ी हो गयी..

अपने ब्लाउस के ऊपर के दो बटन भी मैने खोल रखे थे साड़ी का पल्लू भी पिन से नही लगाया था पल्लू नीचे गिराया और उसको अपनी आधी खुली छातियों के दर्शन कराए वो मेरे ब्लाउस मैं झांक रहा था मैं उसकी धोती मैं काला लण्ड अब फूलने लगा था लगातार बड़ा हो रहा था काफी मोटा और बड़ा हो गया लण्ड का टॉप अजीब था उसका इतना मोटा टॉप तो फिल्मो मैं भी नही देखा था एक छोटे एप्पल की साइज़ का था मैं अपने आप को रोक नही पाई और उसकी जांघो की मांसपेशियों पर हाथ फेरने लगी मैने उसकी आँखों मे देखा शायद वो कन्फर्म ही कर रहा था उसने अपनी धोती की गठान खोल दी अजगर की भांति उसका काला मोटा लंबा लण्ड मेरी आँखों के सामने तलवार की तरह तना हुआ खड़ा था मुजे ये सब सपने की तरह लग रहा था मैने आपा खो दीया और लण्ड के टॉप पर उंगली फेर दी लण्ड जोर जोर से उछलने लगा और तन गया…

तभी मेरे सिर को उस लड़के ने पकड़ा और मेरे चेहरे पर अपना लण्ड का टॉप फेरने लगा मुजे ऐसा लगा मानो स्टील का पाइप मेरे चेहरे को छू रहा हो इतना सख्त मेरे होटो पर उसने टॉप को रखा और सिर पकड़ कर मेरे मुह मैं लण्ड फसा दिया मैं गगगगगग गुऊऊऊUऊ की आवाज निकाली लण्ड चूसने लगी वो फिर स्टूल से उतरा और दोनों हाथों से मेरी छातियां मसलने लगा मैं उसकी गुलाम हो गयी थी कब उसने मेरी साड़ी अन्य कपड़े निकाल दिए पता ही नही चला मैं अब पूरी नंगी थी उसने मुजे अपनी मजबूत बहो मैं उठाया और मैंने गिरने के डर से अपनी नंगी टांगे उसकी कमर पर लपेट दी उसका तलवार जैसा खड़ा लण्ड अपने आप जगह बनाता मेरी चुत मैं समा गया उसका बदबू दार पसीना और बीड़ी की बदबू मेरे नथुनों मैं समा गई..

लेकिन मैं पागलो की तरह उसके गाल चाट रही थी उसने मुजे ऐसे ही खड़े खड़े चुदाई का रस दीया मैं जल्दी झर गयी फिर उसने मुजे नीचे उतारा और अपने लण्ड का पानी मेरे मुह और छाती पर निकाला वो फिर जब तक काम करता रहा रोज मेरी प्यासी चुत को अपना पानी पिलाता उसके बाद मुजे अलग अलग मर्दो का स्वाद लग गया लेकिन मैं डरती थी अब तो लायसेंस मिल गया है अब पति डर गया वो जोर से हँसी और नीचे जमीन पर सो गई मैं उसकी मांसल जवानी का दीवाना उसपर चढ़ गया काफी देर तक प्रज्ञा भाभी की चुदाई करि और प्रज्ञा …जीजा जी मैं अब उसी के साथ मस्ती करू गी जिसे आप इजाजत दो गे

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भाभी आप बहुत स्वीट हो… https://sexstories.one/sweety-bhabhi-ki-choot-chudai/ Fri, 05 Nov 2021 07:43:25 +0000 https://sexstories.one/?p=3270 भाभी ने मेरी ओर कामुक नजरो से देखा और मुझसे कहा की आज देखती हूँ की कितना दम है तुम में | मैं समझ गया की आज मेरी मनोकामना पूरी होने वाली है | मैंने भाभी को पकड़ कर बिस्तर पर गिरा लिया और उनके गुलाबी होंठों को चूसने लगा...

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antarvasna sweety bhabhi ki choot chudaiनमस्कार दोस्तों मेरा नाम वरुण है मेरी उम्र 19 साल है | मेरी लम्बाई 5.6 इंच है | रंग गोरा और देखने में काफी हैण्डसम हूँ | वैसे तो मेरी बहुत सी गर्लफ्रेंड है | पर आज जो मैं जो कहानी आप लोगो के लिए लेकर आया हूँ | वो मेरी पड़ोस की भाभी की है | उनका नाम स्वीटी था | उनकी उम्र लगभग 26 साल है | भाभी बहुत ही खूबसूरत है | उनके मम्मे एकदम मस्त है | उनका फिगर 34-28-36 है अब तो आप लोग समझ ही गए होंगे की वो दिखने में कितनी मस्त लगती है |  मैं हमेशा उनको देखता था तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था | उनके पति जॉब करते थे | वो रात में देर से घर आते थे | भाभी घर पर अकेली रहती थी और कभी-कभी वो मेरे घर आ जाया करती थी | इसकी वजह से हम दोनों में काफी अच्छी दोस्ती हो गयी थी | वो अक्सर मुझसे मजाक किया करती थी |

उनको अगर मार्केट से कोई भी सामान मंगाना होता था तो वो मुझसे ही मंगाया करती थी | एक दिन उन्होंने मुझसे पीरियड पैड्स मंगाए मुझे पता था फिर भी मैंने जान-बूझकर उनसे पुछा की भाभी इनका क्या काम होता है | उन्होंने मुझसे हंस कर कहा की तुम इतने बड़े हो गए हो इतना भी नहीं मालूम | मैंने कहा कसम से भाभी मुझे नहीं पता | उन्होंने कहा की मैं तुमको क्या बताऊ मुझे शर्म आती है | मैंने कहा बताओ ना भाभी आखिर ये किस काम में आते है | फिर उन्होंने मुझसे कहा की पीरियड्स के बारे में जानते हो | मैंने कहा नहीं तो उन्होंने कहा की हम औरतो के हर महीने में पीरियड्स आते है जिनमे हमारे प्राइवेट पार्ट्स से हल्का-हल्का खून और पानी आता है जिसे रोकने के लिए हम पैड्स का प्रयोग करते है | मैंने कहा की मैं समझ गया और मैं उनकी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा |

उनको शायद कुछ शक हो गया हो गया की मैंने जानते हुए भी उनसे ये सब पूछ रहा हूँ | मैं उनके उठे हुए बूब्स को बड़े ध्यान से देख रहा था | उन्होंने मुझसे क्या देख रहे हो वरुण मैंने हडबडाते हुए कहा कुछ नहीं भाभी मैं तो बस ऐसे ही | उन्होंने मुझसे कहा की क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | मैंने कहा नहीं भाभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | उसके बाद उन्होंने कहा बैठो मैं तुम्हारे लिए चाय बना लाती हूँ | वो मेरे लिए चाय बना कर लायी और जब वो मुझे चाय देने के लिए झुकी तो उनके मम्मे देखकर मेरा लंड एक दम तन गया | जो की पैंट के ऊपर से साफ़ दिखाई दे रहा था | उन्होंने मेरे लंड की तरफ देखा पर वो कुछ नहीं बोली | मैंने बड़ी मुश्किल से खुद को सम्हाला और हम दोनों ने चाय पी फिर मैं अपने घर आया और उनके बूब्स को याद करके मुठ मारकर अपने लंड को शांत किया |

Choot chudai ki kahani गांड और चुत की बरसात

उस दिन से मैं दिन रात उनकी चुदाई के सपने देखने लगा और रोज रात को उनको याद करके मुठ मारने लगा | एक दिन शाम को वो मेरे घर आई और उन्होंने मेरी माँ से कहा की आंटी आज आप वरुण से कह देना की वो मेरे घर में लेट जाये | मेरे पति बाहर गए हुए है और मैं घर पर अकेली हूँ | मेरी माँ ने मुझसे कहा की वरुण आज तुम स्वीटी के घर रात में सो जाना उनके पति कहीं बाहर गए हुए है और वो घर पर अकेली है | मैंने नखरा करते हुए कहा की क्या माँ आप भी पर मेरे अन्दर ही अन्दर लड्डू फूट रहे थे | फिर मैं रात को स्वीटी भाभी के घर पहुंचा | मैंने बेल बजाई स्वीटी भाभी ने दरवाजा खोला मैं उनको देखता ही रह गया उन्होंने रेड कलर की नाइटी पहन रखी थी | वो कितनी मस्त लग रही थी मेरा मन कर रहा था की बस अभी पकड़ कर चोद दूं |

उन्होंने मुझसे कहा की अब बाहर ही खड़े रहोगे की अन्दर भी आओगे | मैंने खुद को सम्हाला और अन्दर पहुंचा | उन्होंने खाना लगाया हम दोनों ने बैठ कर खाना खाया | पर मेरी नजर उनकी चूचियों पर ही थी | भाभी भी इस बात पर गौर कर रही थी | फिर उन्होंने मेरा बिस्तर लगाया और खुद भी मेरे पास वाले बिस्तर पर लेट गयी | मुझे नींद नहीं आ रही थी पर मैं चुप-चाप लेटा था | थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ की कोई मेरे लंड को सहला रहा है | मैं तुरंत उठकर बैठ गया मैंने देख की भाभी मेरे बिस्तर पर थी | और उनका हाँथ मेरे लंड पे था | मैंने कहा की ये क्या कर रही है आप | भाभी ने जवाब दिया की जो तुम चाहते हो | मैंने कहा की आप को कैसे पता की मैं क्या चाहता हूँ | उन्होंने कहा की मुझे सब पता है की तुम चुपके-चुपके मेरे बूब्स को घूरते रहते हो | मैंने कहा हाँ भाभी आप के बूब्स मुझे बहुत अच्छे लगते है | उन्होंने मुझसे कहा की और मुझमे क्या अच्छा लगता है | मैंने कहा की जब आप गांड मटका कर चलती है तो मन करता है की आप की गांड मार दूं |

भाभी ने मेरी ओर कामुक नजरो से देखा और मुझसे कहा की आज देखती हूँ की कितना दम है तुम में | मैं समझ गया की आज मेरी मनोकामना पूरी होने वाली है | मैंने भाभी को पकड़ कर बिस्तर पर गिरा लिया और उनके गुलाबी होंठों को चूसने लगा और साथ में उनके बूब्स को भी मसलने लगा | भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी | उन्होंने मेरे कपडे खोलकर निकाल दिए और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाने लगी | मैंने भी देर ना करते हुए उनकी नाइटी निकाल कर फेक दी अब वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थी |

गुलाबी ब्रा और पैंटी में क्या मस्त लग रही थी भाभी | फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल दी और उनके दोनों बॉल्स से खेलने लगा और उनको चूमने लगा | मैंने उनके निपल्स को अपने मुहँ में रखा और उनको चूसने लगा | भाभी के मुहँ से आह्ह उम्ह्ह्ह इश्ह्ह्ह की मादक सिसकियाँ निकलने लगी मैंने उनकी निपल्स को चूस कर एक दम लाल कर दिया | उन्होने मुझे निचे किया और खुद मेरे ऊपर आ गयी और उन्होंने मेरी अंडरवियर निकाल दी और मेरे लंड को देखकर उनकी आँखों में चमक सी आ गयी | उन्होंने मुझसे कहा की ये तो बहुत मस्त है | मैंने कहा की जैसा भी है बस आपका है जो मर्जी हो करो फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुहँ में ले लिया और उसको लोलीपॉप की तरह चूसने लगी |

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | आज तक मेरा लंड किसी ने ऐसे नहीं चुसा था | उन्होंने मेरा लंड 15 मिनट तक चूसा अब मैं झड़ने वाला था | मैंने कहा भाभी मैं झड़ने वाला हूँ | वो मेरे लंड को चुस्ती रही और मैं उनके मुहँ में ही झड गया | मैंने उनकी नाभी पर किस करते हुए मैने उनकी पैंटी के ऊपर से उनकी चूत पर किस किया और उनकी पैंटी उतार दी | क्या मस्त गुलाबी चूत थी | उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था | मैंने कहा की भाभी आप की चूत पर एक भी बाल नहीं है|

उन्होंने कहा की आज ही बनाये है सिर्फ तेरे लिए मेरे राजा | फर क्या था मैंने उनकी चूत पर अपना मुहँ रखा और उनकी चूत को चाटने लगा | उनके मुहँ से आह्ह्ह ओह्ह्ह  येस्स प्लीज्ज्ज जोर से चाटो मेरी चूत खा जाओ इसे अह्ह्ह जैसी आवाज़े निकल रही थी | फिर हम दोनों 69 की पोजीसन में आ गए मैं उनकी चूत चाट रहा था और वो मेरे लंड को चूस रही थी | अब उनसे कंट्रोल नहीं हो रहा था | उन्होंने मुझसे कहा की प्लीज वरुण अब मुझे मत तडपाओ डाल दो अपना लंड मेरी चूत में अब मुझसे रहा नहीं जा रहा |

मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा फिर एक जोर के धक्के के साथ मैंने पूरा लंड भभी की चूत में डाल दिया | भाभी के मुहँ से आह की चीख निकली और फिर मैंने भाभी की कमर पकड़ी और जोर –जोर से धक्के लगाने लगा | भाभी के मुहँ से अह्ह्ह ओह्ह्ह जोर से चोदो वरुण आह ओह्ह्ह फाड़ दो अपनी भाभी की चूत को आज तक तुम्हारे जैसा लंड इसने नहीं पाया | आज इसकी सारी प्यास मिटा दो | उनकी इन बातों को सुनकर मुझे और जोश आ रहा था | मैंने उनकी 20 मिनट तक चुदाई की उसके बाद भाभी झड गयी |

मैंने भाभी से कहा की भाभी मुझे आप की गान मारनी है | भाभी तुरंत तैयार हो गयी | मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और उनकी मस्त गांड में अपना लंड डाल दिया | मैं जोर-जोर से धाक्के लगा रहा था | भाभी अपनी गांड मटका- मटका कर पूरा मज़ा ले रही थी | मैंने भाभी की 15 मिनट तक गान मारी फिर मैं झड गया | उस रात मैंने भाभी की तीन बार चुदाई की | उसके बाद मेरा जब भी मन करता मैं भाभी के घर जाता और उनकी चुदाई किया करता था |

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भाभी के दूध का दीवाना https://sexstories.one/bhabhi-ke-mote-doodh-chuche-piye/ Thu, 04 Nov 2021 08:49:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3269 वो खड़ी हुई और उसने अपनी साड़ी उतार दी और सिर्फ पेटीकोट में अन्दर गई और कंडोम लेकर आई और उसके ऊपर जो वीर्य गिरा था वो भी साफ़ कर आई | फिर मैंने कहा अच्छा बेबी एक हवस का नंगा नाच हो जाये, तो उसने कहा क्या ? तो मैंने कहा अरे तुम नंगी हो कर नाचो न मज़ा आएगा...

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Bhabhi ke mote doodh piye हाय दोस्तों मेरा नाम नितिन चौहान है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 20 साल है और अभी मैं बी.कॉम. कर रहा हूँ | मेरे कॉलेज में मेरी एक गर्लफ्रेंड है लेकिन मेरा इंटरेस्ट बड़ी औरतों में है | मेरा ध्यान हमेशा अपने से बड़ी औरतों में रहता है और उनको पटाने के फायदे भी बहुत है | ये मेरी कहानी इसी पर आधारित है, मेरे घर के सामने रहने वाली एक औरत दीपिका और मेरे बीच की | मैंने अपने बारे में तो बताया ही है थोडा दीपिका के बारे में भी जान लो | रंग गोरा, पतली कमर, दूध बड़े और दिखने में बहुत मस्त | उसकी उम्र 28 साल है और उसकी शादी को 3 साल हो चुके है और उसकी एक बेटी भी है |

वो हमारे घर के सामने किराये से रहती थी और जैसा की मैंने बताया मेरा इंटरेस्ट ऐसी औरतों में है तो मैं आए दिन उसको आँख भर कर देखा करता था | वो भी मेरी हवस भरी निगाहों से वाकिफ़ थी कि मैं उसको ताड़ता हूँ लेकिन वो कुछ बोलती नहीं थी बल्कि नज़रें झुकाके निकल जाया करती थी | उसकी एक बेटी थी जिसका नाम शिल्पी था | मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उससे कैसे बात शुरू करूँ और कैसे उसे पटाऊं ? तो मेरे एक दोस्त जिसका नाम अमन है उसने मुझे दिमाग दिया कि पहले उस बच्ची से बात करना, खेलना शुरू करो, उससे बात अपने आप हो जाएगी |

मैंने ऐसा ही किया वो बच्ची जब भी बाहर आती थी मैं उसे खिलाता रहता था और ये पैंतरा काम कर गया | ऐसा करते करते मेरी उससे बात शुरू हो गई | मेरे दोस्त ने मुझे कहा था कि पहले उसको मैं आंटी ही बोलूं अगर उसे बुरा लगे तो समझ लेना कुछ बात बन सकती है और हुआ भी ऐसा | एक दिन उसने मुझे कहा देखो मुझे ठीक से मैं क्या आंटी लगती हूँ ? तो मैंने कहा नहीं, तो उसने कहा अच्छा तो तुम मुझे आज से आंटी नहीं कहोगे | तो मैंने उनसे पूछा कि क्या बुलाऊं फिर आपको ? तो उसने थोडा सोचा और मुस्कुराते हुए कहा दीपू भाभी |

मुझे अपने दोस्त कि कही हुई बात याद आ गई और मैंने मन में सोचा कि थोड़े दिन और रुक जाओ दीपू मैं तुम्हे बेबी बुलाऊंगा | उसके पति की मार्केट में दूकान थी इसलिए वो सुबह जल्दी चला जाता था और रात में देर से आता था | क्या देखकर उसे पसंद किया था | खैर जो भी हो मुझे तो उसकी चूत चाहिए थी और मैं वही पाने में लगा हुआ था | एक दिन मैं उसके घर गया और शिल्पी को आवाज़ लगाते हुए अन्दर गया | दीपु घर पर अकेली थी और अपने लिए नाश्ता बना रही थी तो उसने कहा शिल्पी स्कूल गई है, तो मैंने कहा अच्छा ठीक है थोड़ी देर बाद आता हूँ |

bhabhi ke mote doodh chuche piye aur chooth choda

तो उसने कहा अरे रुको मैं नाश्ता बना रही थी तुम नाश्ता करके जाना | मैंने कहा नहीं मुझे भूख नहीं है तो उसने कहा चल नाटक नहीं कर बैठ जाके मैं नाश्ता लेकर आती हूँ | वो आई और जैसे ही उसने नाश्ता टेबल पर रखा तो उसका पल्लू नीचे हो गया और उसके थोड़े थोड़े दूध दिखने लगे और उसने मुझे ये देखते हुए देख लिया कि मैं उसके दूध देख रहा हूँ लेकिन उसने कुछ नहीं कहा |

फिर हम दोनों बैठकर नाश्ता करने लगे तभी मेरा फ़ोन बजा और मैंने फ़ोन काट दिया | मुझे फिर से फ़ोन आया लेकिन कॉल कंपनी से था तो मैंने फिर से काट दिया | तो दीपू ने मज़ाक में कहा अरे उठा लो भाभी के सामने गर्लफ्रेंड से बात नहीं कर सकते क्या ? तो मैंने कहा गर्लफ्रेंड का नहीं था | तो दीपू ने कहा अच्छा तो गर्लफ्रेंड का फ़ोन कब आता है रात में | तो मैंने कहा नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है | दीपू मुझसे ज्यादा दूर नहीं बैठी थी और उसने जो कहा वो मुझे सुनाई दे गया जबकि उसने बहुत धीमी आवाज़ में कहा था | उसने कहा बेचारा हाँथ से काम चलाता है तो मैंने कहा क्या ?

तो उसने कहा नहीं कुछ नहीं | फिर नाश्ता करके मैं अपने घर चला गया और जाते से ही अपने दोस्त अमन को फ़ोन लगाया और उसे पूरी बात बताई | उसने मुझे कहा एक काम कर कल सुबह फिर से उसके घर जाना और इस बार कंडोम लेकर जाना | ये सुनकर मुझे थोडा अटपटा सा लगा जैसे अगली बार जाऊंगा तो वो मुझसे चुदवा लेगी लेकिन फिर भी एक बार उसकी बात अजमाने के लिए मैं अगली दिन सुबह उसके घर गया लेकिन कंडोम लेकर नहीं गया | उसने फिर से मुझे नाश्ते के लिए रोक लिया और नाश्ता करने के बाद मैं जाने को हुआ तो उसने मुझे रोक लिया और कहा कोई काम है क्या घर में ? तो मैंने कहा नहीं तो उसने कहा तो यहीं बैठो मेरे साथ, तो मैं वहीँ बैठ गया | तो उसने कहा वहां नहीं यहाँ मेरे पास आकर बैठो तो मैं उसके बाजू में जाके बैठ गया |

बात करते हुए बार बार नीचे झुक रही थी और उसकी साड़ी भी नीचे हो रही थी जिसकी वजह से उसके ऊपर के दूध दिखने लगे थे लेकिन वो अपनी साड़ी ठीक नहीं कर रही थी और मेरी नज़र बार बार उसके दूध पर जा रही थी | तो मैंने उससे कहा जो आपने कल कहा था न वो मैंने सुन लिया था | तो उसने कहा क्या ? तो मैंने कहा जब कहा था मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और उसके बाद जो आपने कहा था | तो एक पल के लिए वो शांत रही फिर उसने मेरी जांग पर हाँथ रखा और कहा तो मैंने कुछ गलत नहीं कहा था तुम्हें कोई तो चाहिए न अपनी मदद करने के लिए | तो मैंने कहा अच्छा तो आप ही कर दो मेरी मदद | तो वो एकदम से शांत हो गई और नीचे देखने लगी, तो मैंने सोचा चलो अब बारी है अपनी पैंट खोलने की और मैंने अपनी पैंट खोलना शुरू किया और जैसे ही मैंने अपनी पैंट उतारी उसने एक लम्बी साँस ली | फिर मैंने अपनी चड्डी भी उतार दी और जैसे ही मैं अपना लंड पकड़ने को हुआ तो उसने कहा नहीं और मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी |

Mote boobs wali bhabhi ne lund liya muh me

मैं वहीँ बैठ गया और वो ज़मीन पर बैठ कर लंड हिलाने लगी | फिर उसने मेरा लंड चूसा और मेरी गोटियाँ भी | फिर उसने अपना ब्लाउज खोला और अपने दूध के बीच में मेरा लंड दबा के ऊपर नीचे करने लगी | मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और इतना मज़ा आया की मेरे लंड ने माल छोड़ दिया | फिर मैंने कहा दीपू बेबी बहुत मज़ा आया तो उसने कहा जानेमन अभी तो असली काम बाकी है | तो मैंने कहा अरे मैं कंडोम तो लाया ही नहीं, तुम रुको मैं अभी लेकर आता हूँ | तो उसने कहा तुम बच्चों की यही प्रॉब्लम है कुछ पता ही नहीं होता है, रुको मेरे पास रखा है कंडोम लेकर आती हूँ |

फिर वो खड़ी हुई और उसने अपनी साड़ी उतार दी और सिर्फ पेटीकोट में अन्दर गई और कंडोम लेकर आई और उसके ऊपर जो वीर्य गिरा था वो भी साफ़ कर आई | फिर मैंने कहा अच्छा बेबी एक हवस का नंगा नाच हो जाये, तो उसने कहा क्या ? तो मैंने कहा अरे तुम नंगी हो कर नाचो न मज़ा आएगा | तो उसने अपना पेटीकोट और पैंटी उतारी और एक दो ठुमके लगाये | फिर मैंने उसका हाँथ पकड़ा और अपने पास खींच लिया और किस करने लगा | किस करते हुए मैं उसके दूध भी दबा रहा था, उसके दूध बड़े बड़े थे | फिर मैंने उसको वहीँ पर लेटाया और उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और वो अपने दूध दबाते हुए आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह अहह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआअ करने लगी |

Sex katha कॉलेज के डायरेक्टर ने चोद दिया

फिर मैंने चूत से ऊँगली बाहर निकाली और उसके मुंह में डाल दी और अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा | तभी मुझे याद आया मैंने कंडोम तो पहना ही नहीं तो मैंने जल्दी से कंडोम पहना और उसकी चूत में लंड डाल दिया | मैं उसको धीरे धीरे चोद रहा था और वो भी बिना पूरा लंड अन्दर डाले, तो उसने कहा बाकी का किसके लिए बचा रखा है पूरा डालो | तो मैंने एक जोर का झटका मारा और पूरा अन्दर कर दिया और उसकी अह्ह निकल गई | लेकिन अब मुझे मज़ा नहीं आ रहा था तो मैंने चूत से लंड निकाल के गांड में डाल दिया और जोर जोर के झटके मारने लगा | जब मैंने उसकी गांड मारना शुरू किया तो उसकी आह्ह्ह्हह्ह्ह्हा ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह हह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआ की चीखें निकलने लगी | फिर मेरा वीर्य निकल गया और मैं उसके ऊपर लेट गया | फिर उसके बाद जब भी वो घर पर अकेली रहती थी मैं पहुँच जाता था और हम चुदाई करते थे | ये सिलसिला कई सालों तक चलता रहा जब तक वो वहां से चली नहीं गयी | अब मैंने नयी भाभी पटाई है |

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यादगार चुदाई हॉट मकान मालकिन की https://sexstories.one/yaadgar-chudai-hot-makan-malkin-ki/ Mon, 01 Nov 2021 08:23:54 +0000 https://sexstories.one/?p=3217 भाभी बोली मेरे बच्चो की कसम मैने मेरे पति के सिवाय किसी से सेक्स नही किया और वैसे भी वो कभी कभी ही घर आते थे। में अब तीन साल से तो बिल्कुल ही नही चुदी हूँ। तो आप बिना डरे चोदो कुछ नही होगा। प्लीज़ में आपको बहुत मज़ा दूँगी। मैने तुरंत लाइट ऑन कर दी...

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Chudai Makan Malkin Ki मेरा नाम सुदेश है। मेरी उम्र 25 साल है। मेरी अभी शादी नहीं हुई है और में भोपाल का रहने वाला हूँ में एक प्राइवेट कंपनी मे नौकरी करता हूँ। ये बात करीब दो साल पहले की है। जब मेरी कंपनी ने मेरा तबादला जयपुर कर दिया था। शुरू के 15 दिन मैने होटेल मे ही गुजार कर अपने लिए कोई कमरे की तलाश शुरू की। आख़िर एक कमरा मिला जिस घर की मालकिन एक विधवा औरत और उसके तीन बच्चे थे। मैंने वहां अपना सामान कमरे मे शिफ्ट कर लिया।

मकान मालकिन की उम्र 34 साल दिखने मे सुंदर और चहरे से 25 साल उम्र जैसे लगती थी। शुरू के दो चार दिन तक में उनसे ज्यादा बात नही करता था। और ना ही वो कुछ कहती थी। फिर एक दिन रविवार को में कमरे पर था। तो मेरे कमरे के सामने मकान मालकिन सब्जी काट रही थी। क्योकि किचन मे लाईट नही थी। तो मैने खिड़की की जाली से परदा उठाकर मैने देखा की उसने नाईटी पहनी हुई थी। और एक दम मस्त लग रही थी। में काफ़ी देर उसे गौर से देखता रहा। मेरा लंड खड़ा हो गया मन मे अजीब ख़याल आने लगे थे।

तो मैने उनसे बात करने की सोची और बोला भाभी जी क्या कर रहे हो। तो वो एक दम चोंक कर बोली ओह आप हो क्या अंदर बैठे हो। तुम्हे अंदर गर्मी नही लग रही क्या? और उन्होंने इतना कहते हुए मेरे कमरे का दरवाजा खोला और अंदर झाँका तो में एक दम शर्म से झुक गया क्योकि मेरा खड़ा लंड पेंट मे से बाहर की ओर उभर कर निकला हुआ था। वो गौर से उसे उभरते हुए देखने लगी। और चुपचाप बाहर जाकर अपने काम मे लग गई। और थोड़ी थोड़ी देर मे खिड़की की तरफ देखने लगी। में फिर से उसी खिड़की से उसे देख रहा था।

फिर वो अंदर जा कर अपने काम मे लग गई और में मार्केट चला गया। में खाना बाहर ही खाता था तो में रात को 9:30 बजे के आस-पास कमरे पर आया तो भाभी बोली आज इतने लेट कैसे हो गये? मैने जवाब दिया की में तो रोज़ इसी समय तो आता हूँ।

भाभी बोली : अच्छा खाना कहाँ खाते हो?

मैने बोला: होटल पर लेकिन थोड़े दिनों मे टिफिन लगवा लूँगा। फिर मैने कपड़े चेंज किये और लाइट बंद करके सो गया और मोबाइल मे टाइम देखा तो रात के 10:30 बज चुके थे। भाभी ने आवाज़ लगाई आप सो गये हो क्या? तभी मेंने बोला क्या करू कुछ भी काम नही है। तो सोना ही है। अवाज़ साफ सुनाई दे रही थी क्योंकि मेरे कमरे के पास ही उनका बेडरूम था और उसका एक गेट मेरे कमरे मे भी खुलता था। तो मैने पूछा आप इसी कमरे मे सोती हो क्या? तो वो बोली हाँ वैसे हम कमरे किराए पर कभी नही देते है। वो तो हमारे चाचा जी के बहुत कहने पर दे ही दिया है। क्योंकि उसके पड़ोस के चाचा जी मेरी कंपनी मे ही जॉब करते है। तो मैने कहा भाभी धन्यवाद। फिर मैने कहा तो पहले इस कमरे में आप सोते थे? वो बोली नही बड़ी बेटी सोती थी। वैसे हमारे अंदर भी तीन कमरे और है। और भाभी टॉपिक चेंज करके बोली आप पूरा जयपुर देख चुके हो क्या?

मैने कहा : नही अभी ऑफीस मे सबसे दोस्ती नही हुई है तो कहीं भी घूमने नहीं गया।

तो वो बोली कोई अच्छी सी गर्लफ्रेंड बना लो। आपको पूरा शहर घुमा देगी मैने एकदम कहा वैसे आप भी तो मस्त हो।

तभी भाभी बोली : नहीं हमारी तो उम्र निकल गई है।

मैने पूछा “ आपकी उम्र क्या है? वो बोली 34 तो मैने कहा लगती नहीं आप 34 की हो आपके पति को क्या हो गया था।

Chudai sex kahani बन जा तू मेरी रंडी तेरी गांड मार लूँगा

वो बोली कि वो विदेश में थे और तीन साल पहले गुजर गये थे। मैने फिर मोबाइल मे टाइम देखा तो 1:30 से उपर टाइम हो चुका था। फिर भाभी बोली सो जाओ अब और तुम सुबह कितने बजे उठते हो। मैने कहा रोज तो जल्दी 6:00 उठता हूँ। पर आज तो दो बज गये तो पता नही कब नींद खुलेगी?

भाभी बोली में तुम्हे जगा दूँगी बोलो कितने बजे जगाना है?

मैने कहा 6:00 या 6:30 बजे तक बोली ठीक है। सुबह मुझे भाभी ने आवाज़ लगाई और गेट खटखटाया तो में उठा और सोचा की शायद भाभी अंदर आएगी। कुण्डी मेरी साइड से नही थी गेट की कुण्डी खुली ही थी। लेकिन उसने गेट नही खोला आख़िर में अपने लंड को हिलाकर रह गया।

दूसरे दिन फिर नाइट मे हमारे बीच काफ़ी देर तक बाते हुई। और नाइट के 11:00 बजे थे। मैने तुरंत कहा आपके बच्चो को ये बाते सुनाई नही देती क्या? भाभी बोली वो तो अपने सामने वाले कमरे मे सोते है। और बड़ी बेटी उपर के कमरे मे सोती है।

तो मैने तुरंत कहा भाभी जी तो आपने इधर का गेट क्यो बंद कर रखा है? तो इसे खोलो भाभी बोली नही यार परदा तो होना ही चाहिए। उसने मुझे यार कहा तो मैने कहा आपने तो अब यार कहा है। और वैसे भी आप अकेली और में भी अकेला ना मुझे नींद आती है और ना आपको तो वो हँसने लगी और बोली मुझे तो नींद आती है आपको ही नही आती तो मैने कहा तो मेरे लिए ही सही गेट तो खोल दो प्लीज़ प्लीज़-प्लीज़ भाभी।

भाभी बोली ठीक है में खोलती हूँ। पर आप मेरी मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करोगे। मैने कहा आपकी कसम प्लीज़ प्लीज़ भाभी ने गेट खोल दिया। हम लोग एक दुसरे की बाते करने लगे। बाते करते करते हम थक गये थे। और हमे नींद आने लगी तभी भाभी बोली मेरे पास ही सो जाओ। अब मुझे नींद कहाँ आनी थी। मेरी नींद उड़ गयी थी और साथ में भाभी की भी मेरे हाँ कहने से हम एक ही बेड पर सो रहे थे। वो आंखे बंद करके लेटी हुई थी और इंतजार कर रही थी मेरे कुछ करने का तो मैने भी मौका देख कर हल्का सा भाभी को छुआ वो कुछ नही बोली मैने एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। फिर गले से लगा लिया और सभी जगह छूने लगा। उसके लिप्स को फिर वो मेरा साथ देने लगी थी। अब में उसे छेड़ने लगा कभी उसके मस्त-मस्त बूब्स चूसता कभी उसकी चूत पर हाथ लगाता मैने मौका देख अपने सारे कपड़े खोल दिये और में एक दम नंगा हो गया तो भाभी मेरे लंड को देखकर बोली इतना बड़ा लंड? मैने कहा अब तक मैने किसी के साथ सेक्स नहीं किया। मेरा लंड तो आपकी चूत पर ही मेहरबान हुआ है।

अब मैने कहा भाभी ये नाईटी क्यो पहनी हुई है। प्लीज़ खोलो इसे तो वो बोली नही। में ये काम नही करूँगी और सब कुछ कर लूँगी। तो मैने उनके शरीर पर हाथ फेर कर उसकी चूत को जगा दिया और अपना लंड उसके हाथ मे थमा कर बोला लो ये आपके लिए ही है। जैसे चाहो खेलो खाओ। मुझे भी कोई जल्दी नही थी। अब भाभी थोड़ी देर तक हिलाती रही। फिर उठ कर लंड मुहं मे ले लिया।

लगभग दस मिनट तक वो चूसती रही। आख़िर मैने कहा भाभी अब निकलने वाला है। प्लीज़ आपकी चूत में तो अभी लंड डालना बाकी है। तो भाभी ने तुरंत अपनी नाईटी उतार दी तो मैने उसकी पेंटी भी खींच कर खोल दी। अब में लंड उसकी चूत मे डालने के मूड मे था पर भाभी ने उसे चूसने को कहा। मैने जैसे ही उसकी मस्त चूत के पास मुहं रखा उसमे थोडा पानी जैसा तरल और एक अजीब सी मदहोशी छा रही थी। मैने भाभी को कहा तो उसने तुरंत मुझे अपनी चूत के पास से दूर कर दिया।

उसकी चूत बहुत मस्त लग रही थी। फिर हम 69 स्टाइल मे आ गये। भाभी ने मेरे लंड को चूसना बंद नही किया। दस मिनट बाद मेरे लंड से तेज पिचकारी निकली भाभी का पूरा मुहं भर गया। अब वो लंड बाहर निकाल कर खांसने लगी। बोली मेरा गला भर गया है। लेकिन ये बहुत टेस्टी है और फिर पूरा वीर्य निकल जाने के बाद भाभी फिर मेरे लंड को चूसने लगी। और चूस चूस कर लंड को दोबारा खड़ा किया। और अपनी चूत मे लंड डालने का इशारा किया। मैने कहा भाभी बिना कंडोम के मुझे डर लगता है। क्योंकि आज कल एड्स का ख़तरा बहुत ज्यादा है। ये हमारे लिये सेफ नहीं है।

भाभी बोली मेरे बच्चो की कसम मैने मेरे पति के सिवाय किसी से सेक्स नही किया और वैसे भी वो कभी कभी ही घर आते थे। में अब तीन साल से तो बिल्कुल ही नही चुदी हूँ। तो आप बिना डरे चोदो कुछ नही होगा। प्लीज़ में आपको बहुत मज़ा दूँगी। मैने तुरंत लाइट ऑन कर दी और नंगे बदन मे भाभी कि मासूमियत देख रहा था। भाभी बोली लाइट ऑफ कर दो अड़ोसी पड़ोसी शक करेंगे मैने तुरंत लाइट ऑफ की और भाभी को बोला की इस चूत को और टाइट करो। भाभी ने ठीक ऐसा ही किया। फिर मैने भाभी से पूछा कि आपको कौन सी स्टाइल मे मज़ा आता है। वो बोली जैसे आप चाहो वैसे चोद लो लेकिन जल्दी करो अब नहीं रहा जाता चोदो मुझे डाल दो तुम्हारा पूरा लंड मेरी चूत में प्लीज जल्दी करो और मैने भाभी को लिटा दिया और चूत मे लंड डालने लगा। उसकी चूत बहुत टाइट और कसी हुई थी। क्योकि वो बहुत दिनों से नही चुदी थी। फिर मैने एक झटका लगाया लंड अंदर नही जा रहा था। मुझे बहुत दर्द हुआ और उसको भी वो दर्द से चीखी। तभी मैने लंड बाहर निकाल कर अपनी दो उँगलियाँ चूत में डाल दी।

उसे मजा आने लगा वो दर्द भूल गयी थी। मैने मौका देख कर लंड डाल दिया। अब पूरा का पूरा लंड उसकी चूत मे चला गया। ओह मर गई ओहऊऊओह करने लगी। मैने ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने शुरू कर दिये। भाभी का चीखना जारी था। फिर उसे बहुत अच्छा लगने लगा। और कहने लगी चोदो इसे फाड़ दो मेरी चूत को।

अब में धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा। तभी वो बोली यार मुझे बहुत समय के बाद लंड मिला है। मुझे बहुत मज़ा आ रहा है। प्लीज़ ज़ोर से चोदो में लगातार चार मिनट तक चोदते चोदते जैसे थक सा गया था। क्योंकि ये मेरी पहली चुदाई थी। मैने अब लंड बाहर निकलना चाहा पर भाभी बोली अभी लंड ना निकलना। अभी तो मुझे जोर जोर से चोद डालो यार फाड़ डालो इसे मैने भाभी की बात मानकर फिर से चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद भाभी भी झड़ने लगी और फिर में भी झड़ गया। मैने पूरा वीर्य चूत में ही निकाल दिया। अब भाभी बहुत खुश थी। सीधी होकर मुझसे लिपट गई और बोली मेरे राजा बहुत मज़ा आया आप बहुत अच्छे हो। फिर मुझे चूमने लगी। मेंने भी उसके लिप्स अपने मुहं मे ले लिए और दोनो सो गये। रात को भाभी नींद मे सो रही थी। में बीच बीच मे जाग जाता सुबह 5:30 बजे थोड़ा उजाला हुआ तो मैने भाभी को गौर से देखा। नींद मे उसका चेहरा बहुत ही मासूम लग रहा था। जैसे की बहुत सालों के बाद सूकून की नींद सो रही हो। मुझसे रहा नहीं गया मैने उसके माथे गाल और होंठ पर किस किए तभी वो जाग गई। मैने बोला तुम कितनी मासूम लग रही हो। तुम यहाँ घर मे अकेली रहती हो तो पड़ोस मे किसी की नज़र नही पड़ी क्या?

वो बोली मेरे साथ मेरी सास भी रहती है। अभी वो मेरे देवर के पास गावं मे है। क्योंकि मेरे देवर के घर में लड़की हुई है। मैने उनसे पूछ कर ही कमरे के लिए आपके अंकल को हाँ किया था। मेरी नजर उसके बूब्स पर पड़ी वो बहुत बड़े गोल थे। बूब्स को देख कर कुछ समय मे मेरा लंड खड़ा हो गया। अब मैने उसको फिर से चोदने के लिये बहुत मनाया कुछ समय बाद वो मान गई। मैने उसकी टांगे ऊँची करके लंड डाल दिया तो वो बोली मेरे राजा अब में आपको मना तो नहीं कर सकती। लेकिन चुदाई ज्यादा नहीं करनी चाहिए। इससे शरीर मे बहुत कमज़ोरी आती है।

मैने पूछा तो कब-कब करते है। वो बोली दो दिन मे एक बार मैने फिर जमकर चुदाई की तो भाभी पूरा मजा ले रही लेकिन वो थक गयी थी। उनके चहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। मैने करीब 10 मिनट चुदाई की और उनकी चूत लाल हो गई और में झड़ गया और बहुत थक गया था। तभी भाभी बोली लगता है नई नई जवानी आई है इसलिये तुम्हारा मन एक बार चुदाई से नही भरा। तब सुबह के 6:00 बज चुके थे। में उठ कर अपने कमरे में चला गया। और उन्होंने उठ कर गेट अंदर से बंद कर लिया था।

फिर उसने बच्चो को जगाया उन्हे स्कूल के लिए तैयार किया। आज में भी बहुत खुश था। में बाथरूम मे नहा रहा था। तभी गेट बजा मैने तुरंत गेट खोला वो सामने खड़ी थी। में बिल्कुल नंगा था वो शरमाते हुए बोली नहा लिये क्या? नाश्ता बन गया है में लेकर आती हूँ। और कमरे से बाहर चली गई। जब तक मैने कपड़े पहने तब तक वो गोभी के परांठे दही लेकर आई थी। मैने मना किया तो वो बोली जब तक मेरी सास नही आती आप खाना यहीं खाया करो। मैने नाश्ता किया और फिर में ऑफीस चला गया। शाम को उसने अपने बच्चो से मेरा परिचय कराया। तभी से में भाभी और उनके बच्चो से बहुत ज्यादा घुल मिल गया। और रोजाना रात को हम साथ ही सोते थे। कभी मेरे कमरे पर तो कभी भाभी के कमरे पर। बहुत सारी स्टाइल्स से चुदाई करके हमने खूब मज़े लिए। भाभी ने चुदाई में मेरा पूरा साथ दिया। हम इस चुदाई से एक दूसरे के बहुत पास आ गये थे।

अब हमें चुदाई करे बिना नींद नही आती थी। मुझे उसकी चुदाई और चूत चाटने में बहुत मजा आने लगा था। फिर आठ महीने बाद मेरा तबादला वापस भोपाल हो गया। में अपने घर भोपाल आ गया। बाद मे भाभी से फोन पर ही बात होती थी। मैने कई बार उनके घर जाकर उनकी चुदाई की। लेकिन कुछ महीने के बाद पता नही उनका फोन नम्बर बंद हो गया। तब हमारा लिंक टूट गया वैसे भी अब जयपुर मे मेरा कोई काम भी नही है और मेरी शादी भी होने वाली थी। लेकिन दोस्तो मेरे वो आठ महीने जिंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हें है जिन्हें में चाह कर भी नहीं भुला सकता ।।

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दिल्लीवाली भाभी मतवाली https://sexstories.one/chudai-delhi-wali-bhabhi-ki-xxx/ Sun, 31 Oct 2021 10:24:43 +0000 https://sexstories.one/?p=3207 वो एकदम मस्त हो गयी थी और मेरे हेड पर हाथ फेरने लगी. उसकी सिसकिया सारे कमरे में गूंज रही थी और एकदम गोरे- चिट्टे बूब्स थे उसके. अब मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी और उसने ब्लैक कलर की पेंटी पहनी हुई थी. मैंने उसकी लेग्स के बीच में अपना मुह लगा दिया...

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Chudai Delhi wali bhabhi ki xxx kahani – मैं एक ऍमएनसी कंपनी में एम्प्लोय हु और एक पंजाबी लड़का हु. अच्छी- खासी बॉडी है. तो दोस्तों, आपको अपनी कहानी बताता हु, जो की लास्ट मंथ हुई मेरे साथ. ये मेरी लाइफ का सबसे अच्छा खुबसूरत टाइम था अब तक का. दिल्ली की मर्सिडीज वाली भाभी को पटाया एक ही दिन में और फिर जालंधर में बुलाकर होटल में एक दिन तक भाभी को चोदा. मैं अपनी कंपनी के काम से दिल्ली गया हुआ था और काम ख़तम होने के बाद, मैं अपने फ्रेंड के घर हु रुक गया और मैंने नेक्स्ट दिन की रात की ट्रेन बुक कर रखी थी दिल्ली से जालंधर की. मेरे फ्रेंड ने कहा – चल मूवी देखने चलते है.

वो सैटरडे था. हम दोनों दोपहर का १२ बजे वाला मूवी का शो देखने चले गये और मूवी तो बहुत मस्त चल रही थी. जब २०-२५ मिनट की मूवी निकली, तो मेरी नज़र हमारे जस्ट पीछे वाली रो में बैठी हुई भाभी पर गयी. वो मुझे ही देख रही थी. मैंने पहली ही नज़र में उसको फुल स्कैन कर लिया था. उसने रेड टॉप पहना था और बड़े- बड़े बूब्स थे उसके. जब मैं उसके बूब्स को ताड़ रहा था, तो वो हँसने लगी. फिर नेक्स्ट १०-१५ मिनट में मैंने ४-५ बार पीछे देखा, तो वो भी नज़रे मिला रही थी, तो मैंने नेक्स्ट टाइम जब देखा तो हेलो कह दिया. उसने भी मुझे हेलो बोला और मेरा दोस्त मुझे बोला – साले, मरवाएगा क्या? मैंने भाभी को इशारे में बोला, कि क्या मैं आऊ, आपके बगल वाली सीट पर? तो वो हँसने लगी फिर से. मैं हिम्मत करके उसके पास वाली सीट पर चले गया. मैंने उससे चुपके से हैण्डशेक किया और धीरे से नार्मल बातें करने लगा.

उसकी बातें से मुझे पता चला, कि उसका पति दुबई में रहता है और साल में १ बार ही आता है १ मंथ के लिए. वो अकेली ही मूवी देखने आई थी. मुझे उससे बातें करके बहुत अच्छा लगा रहा था और बातो-बातो में मैंने उससे फ़्लर्ट करना शुरू कर दिया. मैंने उससे कहा – आप तो मैरिड नहीं लगती हो. मेरी इस बात पर वो हँसने लगी और बोली – मेरा तो ४ साल का एक बेटा भी है. मैं हैरान हो गया. अब वो मेरे साथ कम्फ़र्टेबल फील करने लगी थी. अब हम दोनों में से कोई भी मूवी नहीं देख रहा था. हम बस दोनों एक दुसरे को देख रहे थे और बातें कर रहे थे. मूवी ख़तम होने के बाद, मैंने उसको अपना नंबर दिया और फिर बाहर साथ में आये. तो मुझे पता चला, कि उसके पास मर्सिडीज कार है. ओह माय गॉड! आई वाज शोकेड. वो बोली – चलो मैं तुम्हे छोड़ देती हु. वो मुझे और मेरे फ्रेंड को हमारे घर छोड़ने आई और फिर मैं रात को ट्रेन पकड़कर जालंधर वापस आ गया और यहाँ से शुरू होती है स्टोरी स्टार्ट.

हमारी एक हफ्ते तक फ़ोन पर दिन- रात बातें होने लगी और मुझे उसके बारे में उसने मुझे सब कुछ बताया. उसने बताया, कि जब भी उसका पति इंडिया आता है, तो वो उसे संतुष्ट नहीं कर पाता. उसने बोला, कि उसकी एक्स्पेक्ट्शन बहुत ज्यादा है. बट कुछ कर नहीं सकते. मैंने मजाक- मजाक में बोला, मैं ट्राई करू एक बार आपको संतुष्ट करने का? तो वो जोर से हँसने लगी. वो बोली – तुम मुझसे अभी बहुत छोटे हो और कैसी बातें कर रहे हो? मैंने उसको बोला – मैंने ३-४ भाभियों को संतुष्ट किया है और वो सब उसके बाद भी मेरे कांटेक्ट में है. उसके बाद, मैंने उसे मना लिया जालंधर आने के लिए. वो मर्सिडीज लेकर जालंधर आ गयी और उसने इन्टरनेट से पहले ही एक मस्त होटल में कमरा बुक कर लिया था. मैंने न्यू क्लोथ्स ख़रीदे एक दिन पहले और उसे मिलने गया उसके होटल में. वो अपने रूम में थी, क्या मस्त लग रही थी! उसने ब्लू टॉप और ब्लैक जीन्स पहनी हुई थी और वो एकदम श्रुति हसन लग रही थी और बाल भी स्ट्रेट करवाए हुए थे.

Bengali bhabhi ki chudai ডাক্তার দেখাতে গিয়ে চোদা খাওয়া বাংলা চটি গল্প

मैंने एक बात भी नहीं की उससे. बस जाकर उसको बेड से उठाया और एक टाइट हग करी. तो उसने मेरे काम में बोला, सन्नी जी, इरादा क्या है आपका? मैंने पूरा दबोच लिया उसको अपने हाथो में, एकदम सॉफ्ट थी वो फॉर्म की तरह. मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसको नैक पर किस करना स्टार्ट कर दिया. वो बोलने लगी – मुझे लगता है, कि आज तो तुम मुझे खा ही जाओगे! मैंने ५ मिनट तक उसको नैक कर किस करता रहा और उसके शोल्डर को चूसता रहा और साथ में उसके बूब्स को भी प्रेस कर रहा था. उसके मुह से अहहहः हहहः की आवाज़े आने लगी. मैंने उसका टॉप उतार दिया. उसने नेट वाली ब्रा पहनी हुई थी. मैंने उसको बोला, कि ये मेरी फव्रेट है. मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को चुसना शुरू कर दिया और एक हाथ से उसकी जीन्स के बटन को खोल दिया और उसकी चूत पर अपनी फिंगर रख दी. उसको तो मानो, एकदम करंट लग गया था. उसके मुह से अहहहः अहहहः … मर गयी … होहोहोहो की आवाज़े आई, तो मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसका लेफ्ट वाला बूब चूसने लगा.

वो एकदम मस्त हो गयी थी और मेरे हेड पर हाथ फेरने लगी. उसकी सिसकिया सारे कमरे में गूंज रही थी और एकदम गोरे- चिट्टे बूब्स थे उसके. अब मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी और उसने ब्लैक कलर की पेंटी पहनी हुई थी. मैंने उसकी लेग्स के बीच में अपना मुह लगा दिया और पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को चाटने लगा. वो एकदम चिल्लाई – वाओ सन्नी, आई ऍम इन हेवन नाउ. उसकी चूत पूरी गीली थी. मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी और चूत ऊपर से चाटनी स्टार्ट कर दी. वो जोर-जोर से आवाज़े निकाल रही थी. संन्य बस … बस अहहहहहः ऊऊय्य्य्यईईईईइ .. अहहहः. मैंने करीब ५-१० मिनट उसकी चूत चाटकर और फिंगर करके अपना अंडरवियर उतार दिया. वो बोली, सन्नी तुम्हारा लंड तो काफी बड़ा है. मैंने लंड को उसकी चूत पर रखा और एक झटका दिया. उसने मस्त होके आईज बंद कर ली और जोर से चिल्लाने लगी आहाहहः अहहाह ..मर गयी. उसका ये हाल तो तब था, जब मेरा सिर्फ आधा लंड ही अन्दर गया था. मैंने उसको बोला, कि तुम्हारी चूत इतनी टाइट कैसे है, तो उसने बोला – मेरा पति साल बाद जो आता है.

पर तब तक टाइट हो जाती है और मैंने जोर- जोर से अपना लंड अन्दर- बाहर करना शुरू कर दिया. वो बोली – सन्नी बहुत मज़ा आ रहा है. फक मी हार्ड… और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. हम दोनों के लिप आपस में जुड़े हुए एकदूसरे को चूस रहे थे. मैंने फिर पोज चेंज किया और उसको उल्टा करके डोग्गी स्टाइल में उसके अन्दर लंड डाला. मेरी स्पीड बहुत तेज थी और मैं उसको जोर-जोर से चोद रहा था और ५ मिनट चोदने के बाद, वो मेरे ऊपर आके जोर- जोर से ऊपर- नीचे करने लगी. हम सेक्स करते- करते बीच में एक दुसरे से बात भी कर रहे थे. हमें सेक्स करने में बजा मज़ा आ रहा था और मैंने उसको करीब २०-२५ मिनट चोदा होगा. फिर हम दोनों डिस्चार्ज हो गये. मैंने उस दिन होटल में उसको ४ बार चोदा. वो भाभी मुझसे बहुत संतुष्ट हुई और अब भी मेरे कांटेक्ट में है. मैंने उसको १ मंथ में करीब १५-२० बार चोदा होगा.

अब वो बहुत खुश है और मजेदार बात ये है, कि वो सारा खर्चा खुद ही करती है.

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भाभी के गांड पर टिकाया अपना लंड https://sexstories.one/bhabhi-ki-gand-bur-chodi-devar-ne-sex/ Fri, 29 Oct 2021 12:53:22 +0000 https://sexstories.one/?p=3196 मेरा लंड सीधा उनकी गांड पर टच हुआ वो बहुत डर गई और मुझे देखने के लिये पीछे पलटी.. तो में बोला भाभी आप बहुत सेक्सी हो में तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.. तो वो अपनी आँखे बंद किये हुये कुछ नहीं बोल रही थी। में नज़दीक गया और उनके होठों पर किस किया...

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Bhabhi ki moti gand chodi मेरा नाम राज है और में कर्नाटक से हूँ। में अपनी पहली कहानी आपको बताने जा रहा हूँ। में आशा करता हूँ कि आप सबको ये कहानी पसंद आयेगी। अब में सीधा अपनी कहानी पर आ जाता हूँ। ये स्टोरी मेरी और मेरी भाभी की है। उनका नाम शबाना है और उनकी उम्र 23 साल की है और मेरी उम्र 19 साल की है। मेरे घर में सिर्फ़ में भाभी और माँ रहते है। भाई दुबई में काम करते है और पापा भी हमेशा बेंगलोर में रहते है। तो भाभी की शादी के 4 महीने के बाद भैया दुबई चले गये.. तो उसके बाद में और भाभी बहुत अच्छे दोस्त बन गये।

एक दिन मेरी माँ बाहर गई हुई थी.. तो में भाभी के रूम में गया.. भाभी सो रही थी। मैंने जाकर उनको उठाया.. तो वो बोली की क्या हुआ राज? में बोला की भाभी कहीं बाहर चलते है.. तो भाभी बोली कि नहीं में नहीं आ सकती। में बोला कि प्लीज.. तो वो नहीं मानी। फिर में अकेला ही बाहर चला गया.. लेकिन तुरंत ही वापस आ गया। में सीधा ही भाभी के रूम में गया.. तो भाभी रो रही थी। मैंने पूछा भाभी क्या हुआ क्यों रो रही हो?

भाभी – कुछ नहीं ऐसे ही मन उदास है।

में – प्लीज.. बोलो ना क्या हुआ?

भाभी – तुमसे बोलने में अजीब लग रहा है।

में – में कुछ नहीं बोलूँगा प्लीज.. बोलो।

भाभी – मैंने आज नहाते वक़्त …

में – हाँ भाभी बोलो।

भाभी – में नहाते वक़्त अपने नीचे के बाल साफ़ कर रही थी तो …

में – बोलो क्या हुआ? भाभी

भाभी – वहां पर चोट लग गई.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

में – बस इतनी सी बात.. में अभी डिटोल लगा देता हूँ।

भाभी – नहीं उससे बहुत जलन होती है।

में – नहीं भाभी, कुछ नहीं होगा.. मैंने बोला ना कि कुछ नहीं होगा।

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भाभी – अगर तुम्हारे भैया होते तो मेरा कितना ख्याल रखते.. में तो अब बिल्कुल अकेली हूँ।

में – क्यों ऐसा बोल रही हो भाभी.. में हूँ ना आपका ख्याल रखने के लिये। में वहां डिटोल लगा दूँगा।

भाभी बहुत मासूम थी। वो दर्द से बहुत तड़प रही थी.. ये देखते हुये में तुरंत उनके नज़दीक गया और उनकी नाईटी को ऊपर किया.. तो वो शरमा रही थी.. लेकिन में बहुत अच्छे दिल से उनकी मदद कर रहा था.. तो जब में उनकी चोट तक पहुँच गया तो मैंने देखा की चोट ब्लेड लगने से नहीं आई थी.. बल्कि उन्होंने कुछ अपनी चूत के अंदर डाला था इसलिये वो चोट आई थी।

में – भाभी आपने अपनी चूत में क्या डाला था?

भाभी – (रोते हुये बोली) सॉरी में आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी।

में – लेकिन.. तुमने आख़िर डाला क्या इसमें?

भाभी – मैंने टूथ ब्रश डाला।

में – लेकिन क्यों भाभी? आप क्यों ऐसा करते हो? ये ग़लत है।

मेरी ये बात सुनते ही वो बहुत उदास हो गई और हल्की सी रोने लगी। मैंने थोड़ा डिटोल उनकी चूत पर लगाया और वहां से निकल गया.. तो दो दिन तक वो बहुत नाराज़ और उदास थी। में सोच रहा था कि भाभी की तकलीफ़ कैसे दूर की जाये.. फिर 3 हफ्ते के बाद मुझे कॉलेज से छुट्टी मिली.. तो में भाभी को उनके गावं लेकर जा रहा था.. उनका गावं 180 किलोमीटर की दूरी पर था.. तो में उनके साथ बस में बैठ गया। थोड़ी देर हमने बातें की और उसके बाद वो मेरे कंधे पर सर रखकर सो गई.. तो उनका हाथ मेरे लंड पर लगा.. फिर मेरा दिमाग़ खराब होने लगा। में बहुत सेक्सी मूड में आ गया.. तो मैंने भाभी की कमर में धीरे से हाथ डाला। वो बुरखे में थी तो हाथ बहुत फिसल रहा था। मैंने उनकी गांड पर धीरे से टच किया और धीरे से दूसरा हाथ बूब्स से टच किया.. तो उसी टाईम बस ने अचानक ब्रेक मारा तो मैंने घबराकर बूब्स प्रेस कर दिया और भाभी नींद से जाग गई।

भाभी – क्या हुआ क्या कर रहे हो?

में – भाभी वो बस अचानक रुक गई तो मेरा हाथ गलती से वहां चल गया.. सॉरी भाभी।

भाभी – कोई बात नहीं।

लेकिन में उन्हे चोदना चाहता था। बस में भीड़ बहुत हो गई। उस वक़्त बारिश का मौसम था और रास्तें में एक संदूर गावं आता है.. वहां पर जंगल जैसा एक बहुत बड़ा पार्क है। मैंने भाभी से पूछा कि हम यहाँ उतरते है और थोड़ा पार्क देखकर गावं जाते है.. तो वो मान गई.. में तारा नगर बस स्टॉप पर उतर गया और ऑटो से पार्क गये और छुट्टियाँ होने के कारण वहां कोई नहीं था। थोड़ा दूर तक चलने के बाद पानी आया तो मैंने भाभी से पूछा कि हम नहाते है यहाँ कोई नहीं है.. तो भाभी बोली कि नहीं। मैंने कहा तुम्हें मेरी कसम.. तो वो मान गई। पहले उन्होंने अपना बुरखा उतार दिया.. फिर में बोला कि भाभी आप साड़ी भी उतार दो.. यहाँ कोई नहीं है। सिर्फ़ ब्रा पेंटी में हो जाओ ना प्लीज.. तो भाभी बोली में नहीं नहा सकती। फिर मेरे बोलने के बाद वो मान गई और अपने कपड़े निकालने लगी। मेरा तो दिमाग़ खराब हो गया.. में भी सिर्फ़ अंडरवेयर में आ गया.. तो हम पानी में चले गये।

थोड़ी देर बाद में भाभी के नज़दीक गया और धीरे से उनके पीछे पीठ को टच किया.. मेरा लंड सीधा उनकी गांड पर टच हुआ वो बहुत डर गई और मुझे देखने के लिये पीछे पलटी.. तो में बोला भाभी आप बहुत सेक्सी हो में तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.. तो वो अपनी आँखे बंद किये हुये कुछ नहीं बोल रही थी। में नज़दीक गया और उनके होठों पर किस किया और होंठो को चूसे जा रहा था.. तो भाभी ने मुझे गले से लगाया और किस करने लगी.. अभी भी हम पानी में ही थे। फिर में उन्हे गोद में ले कर थोड़ी झाड़ियाँ थी.. वहां ले कर गया और उनकी ब्रा को थोड़ी नीचे किया और बूब्स को किस करने लगा.. वो मौन कर रही थी। फिर में उनकी पूरी छाती को चाटने लगा वो भी बहुत गर्म हो गई। फिर मैंने धीरे से अपना हाथ चूत पर रखा.. तो वो उछल पड़ी और मैंने उनकी पेंटी उतार दी। मैंने उनकी चूत पर हल्का सा किस किया तो वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी.. में पूरे जोश में उनकी चूत चाट रहा था।

फिर में उठा और बैठ गया और मेरा 7 इंच का लंड बाहर निकाला.. तो भाभी ने उसे धीरे से टच किया और नज़दीक आने लगी। में बहुत तड़प रहा था.. वो धीरे से मेरे लंड को किस करने लगी। थोड़ी देर बाद में उठा और वहीं पर भाभी को लेटा दिया और चूत पर थूक लगाने लगा और उसने मेरे लंड पर थूक लगाया और धीरे से लंड चूत में डाला.. तो वो अंदर नहीं जा रहा था.. क्योंकि मेरा पहला सेक्स था.. तो मैंने फिर ट्राई किया। फिर लंड थोड़ा अंदर गया.. तो मैंने एक जोरदार धक्का मारा.. तो भाभी चिल्ला पड़ी और तड़पने लगी.. इस तरह में उनको जोर से चोदने लगा और 20 मिनट बाद बिना बोले उनकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया.. तो वो बोली कि ये तुमने क्या किया? में तो अब प्रेग्नेंट हो जाउंगी। मुझे जल्दी मेडिकल ले जाओ.. वरना बहुत बड़ी प्रोब्लम हो ज़ायेगी.. तो मैंने जल्दी अपने कपड़े पहने और भाभी ने भी अपनी साड़ी पहनी। फिर हम पार्क से सीधा सिटी में गये और आई-पिल खरीदी और भाभी को खिलाई। उसके बाद हमने गावं जाकर बहुत मस्ती और खूब सेक्स किया ।।

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