behan ko choda Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/behan-ko-choda/ Hindipornstories.org Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 बन गया मैं बहन का पति https://sexstories.one/behanchod-bankar-behan-ko-choda/ Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 https://sexstories.one/?p=4368 मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा..

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Behanchod – Ban Gaya Behan Ka Pati – एक बार मैं अपनी मामी की लड़की यानि मेरी दीदी के यहाँ मुंबई गया। मेरी दीदी के घर में तीन लोग थे। मेरी दीदी, जीजा जी और उनका तीन साल का एक लड़का। मेरी दीदी का नाम सोनी है। उसकी उम्र 28 साल थी फिगर 36-30-38 था। वह बहुत सेक्सी लगती है, जब चलती तो ऐसा लगता कि दिल पर छुरियाँ चला गई। उसकी गांड बहुत ही मस्त और मोटी है। उस पर उसका गोरा बदन और मोटे मोटे बोबे ! उसको देखते ही ऐसा लगता था कि बस कैसे भी इसे चोद डालूँ !

अब मैं असली बात पे आता हूँ। जीजा जी बहुत शराब पीते थे इसीलिए वो बहुत परेशान रहती थीं। एक दिन कुछ ऐसा हुआ जो शायद दीदी और मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। हुआ यूँ कि जीजा जी ऑफिस से आये और मुझसे कहा- आ आज शराब पियेंगे।

मैंने मना किया पर वो नहीं माने और मुझे उनके साथ बैठना पड़ा। उन्होंने एक शराब की बोतल निकाली और हम पीने लगे। हम लगभग पूरी बोतल पी गए। जीजा जी को बहुत नशा हो गया था। हमने खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।

अचानक रात में मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी।

मैं उठा और दीदी के कमरे की खिड़की से देखने लगा कि कुछ हुआ तो नहीं है।

तभी मैंने देखा कि जीजा जी ने दीदी की साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी पैंटी को उसके बदन से अलग कर दिया और अपना लंड पेल दिया उसकी बुर में। जीजा जी का लंड बहुत छोटा था। दो मिनट बाद ही जीजा जी झड़ गए और वहीं नशे में सो गए।

दीदी की आँखों में आँसू थे, वो उठी और कमरे से बाथरूम जाने लगी कि अचानक उन्होंने मुझे देख लिया। मैं भी वहाँ से चला गया और रात भर उनकी बुर के बारे में सोचता रहा। उसकी चूत क्या मस्त थी ! बिल्कुल गुलाबी ! एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर ! उसे सोचते सोचते ही मैं तो जैसे पागल हो गया। मैंने रात में मुठ मारी और सो गया।

सुबह जब उठा तो पता लगा कि जीजा जी दस दिनों के लिए पुणे गए हैं। मैं और दीदी एक दूसरे को देख रहे थे।

मुझे उसके पतली कमर के साथ डोलते हुए चूतड़ बहुत विचलित करते थे, मैं सोचता था कि उसे नंगी करने के बाद उसके गोरे गदराये चूतड़ कितने प्यारे लगेंगे.. उन्हें सहलाने में और दबाने में कितना मजा आएगा ! और कमर से ऊपर नज़र जाते ही.. उफ़ उसकी भरी हुई छातियाँ.. उसके स्तन एकदम कसे हुए थे.. एक बच्चे की माँ लेकिन स्तन जैसे बीस साल की कुंवारी लड़की के.. 36 साइज़ होगा उनका.. दोनों उसके ब्लाऊज़ या कुरते के अन्दर एक दूसरे से चिपके हुए रहते थे.. जिसके कारण उसके बीच की घाटी बहुत ही उत्तेजक दिखाई देती थी। सब कुछ मिला कर मेरे जैसे कामी पुरूष के लिए वो एक विस्फोटक औरत थी…

अब मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे अलग नजरों से देखना शुरू कर दिया था। शायद वह मेरी नजरों की भाषा समझ रही थी। हम दोनों एक दूसरे से खुल कर बातें करने लगे थे। जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। सूट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुंह में पानी आ जाता था।

एक रात मैं दीदी के कमरे में झांक रहा था तो जो देखा उससे मेरे रोंगटे खड़े हो गए ! दीदी टीवी पर ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत को जोर जोर से अपने हाथों से रगड़़ रही थी ! मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया, मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं खड़े खड़े मुठ मार कर उसे शांत किया।

मैं समझ गया कि जीजा जी से दीदी की बुर शांत नहीं होती है, वो प्यासी है उसकी बुर में आग लगी है और मेरा काम बन सकता है।

एक दिन मैं सोने के लिये बेडरूम में आ गया तो देखा की दीदी अपनी गैलरी में खड़ी थी। मैंने सोचा कि मौका अच्छा है। फ़िर तुरन्त ही अपना पैन्ट उतार कर, वो मुझे देख सके, उस तरफ़ मुँह करके अपने लण्ड को तेल लगा-लगा कर मालिश करने लगा।

जैसे ही उसने मुझे नंगा देखा, तुरन्त अपने कमरे में भाग गई। दोस्तो, मेरा लण्ड अगर किसी भी औरत या लड़की ने देखा तो चखने का मन बन ही जाता है। फ़िर मैंने खिड़की के काँच से देखा तो पता चला कि वो दरवाजे के पास कुर्सी डाल कर चुपके से मेरे कमरे में झांक रही थी।

मैंने सोचा कि मेरा काम हो गया। अब दीदी की आँखों में मुझे वासना नज़र आने लगी थी, बस मैं मौके के इंतज़ार में था।

एक दिन वो मेरे पास आई और उसने कहा- मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है और मैंने एक जरूरी इमेल करनी है। क्या मैं तेरा लैपटॉप प्रयोग कर सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !

मैंने कहा- दीदी, आप बैठिये, मैं लैपटॉप देता हूँ !

मैंने ऐसे ही लैपटॉप पकड़ा दिया। जैसे ही उन्होंने लैपटॉप देखा तो दीदी का चेहरा लाल हो गया, उसने झिझकते हुए कहा- भैया, तुम ही वेब साईट खोल कर दे दो।

मैंने लैपटॉप लिया तो देखा कि नंगी वेब साइट्स खुली हुई थी, मैं घबरा गया और बोला- सॉरी, यह लीजिये ! अब सब ठीक है !

दीदी बोली- शादी नहीं हुई है तो खूब ऐश हो रही है?

मैंने कहा- मन तो बहुत करता है मगर कुछ भी नहीं कर पाता, सिर्फ इन्टरनेट का ही सहारा है !

उसने कहा- क्या तुम मुझे इन वेब साइट्स के लिंक लिख कर दे सकते हैं?

मैं हैरान रह गया ! मैंने कहा- क्या दीदी?

वो बोली- हाँ ! वो असल में तुम्हारे जीजा जी को दिखानी हैं, शायद ये देख कर वो थोड़ा रोमांटिक हो जायें !

मैंने पूछा- क्यों? क्या वो अभी रोमांटिक नहीं है?

तो दीदी बोली- रोमांटिक का र भी नहीं आता उनको ! रात को आते हैं, शराब पीते हैं और मेरे हाथों में अपने छोटे से लंड को देकर कहते हैं- हिला दो ! मैं उसे झरवा देती हूँ और फिर वो सो जाते है। मेरे अरमान और बदन की गर्मी वहीं की वहीं रह जाती है। मैंने कई बार कोशिश की, मगर वो समझते ही नहीं ! कहते है कि बहुत थक गया हूँ।

शादी से लेकर आज तक बस बहुत कम ही हमने सेक्स किया है जिसमें वो पूरा अन्दर तक भी नहीं जाता।

वो बोली- अंकित, ये मेरी बहुत व्यक्तिगत बातें हैं, किसी को नहीं बताना ! मैं तुम्हे ये सब बता रही हूँ कि तुमने रात सबकुछ देख लिया था।

मैंने घबरा कर कहा- आप चिंता मत करो !

मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है, हथौड़ा मारने की देर है।

फिर वो बोली- मेरा काम हो गया है, मैं चलती हूँ अपने रूम में सोने को। तुम भी सो जाओ।

पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको !

और कह के अपनी जींस नीचे कर दी, मेरा नौ इंच का लंड खड़ा हुआ फुफकार रहा था। वो पलटी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, पसीना उसके गाल से बहने लगा और चेहरा लाल हो गया। वो मेरे पास आई, मेरी आँखों में गुस्से से देखा और मुझे जोरदार थप्पड़ मार दिया।

मैं बहुत घबरा गया, शायद मैंने उसकी बातों से गलत समझ लिया था कि वो मेरे साथ अपनी प्यास बुझा लेगी। मुझे लगा कि अब मेरी बदनामी कर देगी ये !

मगर वो बोली- तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में??

मेरी सांस में सांस आई और जान में जान ! गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और दीदी को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा। मेरा हाथ उनके कुरते में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे।

उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी, एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी। मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक सैंकड़ों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए।

वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी। उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽ ऊऽऽऽ… म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द… म्म्मम्म्म्म… आआआअ… यही आवाजें निकल रही थी।

मैंने पंद्रह मिनट तक उनके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी। मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर रगड़ रही थी। लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में लो !

तो वो फट से तैयार हो गई और मेरा नौ इंच लम्बा लंड देख कर बोली- तुम्हारा तो बहुत लम्बा है, और मोटा है, बिल्कुल काला नाग है ये, तुम्हारे जीजा जी का तो छोटा सा ही था।

मैंने कहा- लम्बे लंड से चुदने में जो मजा आपको अब आएगा वो कहीं नहीं आएगा।

वो बोली- तो जल्दी से चोद दो ना !

और मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा लंड चूसने लगी 69 की पोजिशन में।

तभी उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया और आआअह ह्ह्ह्ह्हा आआऊऊउईईइ म्म्म्म्मा करने लगी और जोर से झड़ गई। मैंने उनका पूरा पानी साफ़ कर दिया चाट चाट कर !

फिर मैंने उनसे कहा- अपना कमीज उतार दो।

तो उन्होंने उतार दिया और मैंने उनकी चूची चूसनी शुरू कर दी। वो फिर से गर्म होने लगी और आआअह्हह्ह म्मम्माआअ करने लगी और अपनी चूत रगड़़ने लगी।

मैंने उनके मुंह में अपना लंड डाला, वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए !

कुछ देर बाद मैं अपनी जीभ से उनकी नाभि चाटने लगा।

वो बोली- क्या बात है तुममें ! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की ! मैं एक अरसे से इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है।

मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था दीदी।

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अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली ! मैंने उनकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया। वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा। मैंने उनकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उनका चिल्लाना और तड़पना !

मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो फिर पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उन्होंने पानी न झारा हो।

तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उनके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया ! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उनके होंठ बंद कर दिए और एक झटका मारा, मेरा तीन इंच लंड उनकी बुर में घुस गया। उनकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी !

अभी तीन इंच लंड ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी।

मैंने कहा- दीदी, जीजाजी ने तुमको चोदा हुआ है, फिर भी ऐसे चिल्ला रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो !

तो बोली- एक तो तुम्हारा मोटा है, दूसरा तुम्हें पता है कि उनका लंड कितना बड़ा है, जरा धीरे करो ना !

मैंने कहा- ठीक है !

तो फिर मैं फिर से धक्का लगाने लगा और उनकी चूची चूसने लगा।

मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे…

वो बोली- तुम जानवर हो ! मुझे छोड़ दो ! मेरी चूत फट गई ! मेरी जान निकल रही है, बाहर निकालो।

मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए तो वो और चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और जोर जोर से चोदने लगा। 5 मिनट बाद उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर शुरू हुआ असली चुदाई का मजा !
मैं जितनी तेज ऊपर से झटके मारता वो नीचे से उतनी ही तेजी से जवाब देती। सच दोस्तों क्या बताऊँ क्या क़यामत चुदाई चल रही थी कि तभी वो मुझसे चिपक गई और मेरे कंधे पर काटने लगी और उसने अपने नाखून मेरी पीठ में चुभा दिए। वो आअ आआ आआ आह्ह्ह्ह करती हुई झड़ गई, फिर कहने लगी- जल्दी करो अब सहन नहीं हो रहा।

मैंने भी उन्हें खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।

मैं थक कर उनके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी। दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उनकी चूत से निकाला।

मैंने प्यार से उन्हें खूब सारे और चुम्मे दिए। उनकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था। वो इतनी खुश थी कि उनकी आँखों से आँसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता !

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दोस्त की बहन की गुलाबी चूत को अपने घर में चोदा https://sexstories.one/dost-ki-behan-ki-gulabi-choot-choda/ Tue, 21 Dec 2021 07:44:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3489 हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी.. वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी...

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Dost ki Behan ki gulabi choot ko Choda – हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रियाज़ है | मैं रहने वाला भोपाल का हूँ | मैं अभी जॉब करता हूँ | मैं आज आप लोगो की सेवा में एक कहानी को लेकर हाजिर हूँ | दोस्तों मैं भी आप लोगो की ही तरह कहानी पढने का शौक़ीन  हूँ | मैं काफी अरसे से सेक्सी कहानी पढ़ता आ रहा हूँ | मैं बहुत सी कहानियाँ पढ़कर उनका मज़ा ले चूका हूँ और दोस्तों मुझे ज्यादा कहानी पढना दोस्त की बहन और दोस्त की गर्लफ्रेंड वाली पसंद है | मेरी हाईट 6 फुट 4 इंच है | मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लम्बा और मोटा 3 इंच है | दोस्तों मुझे चुदाई करना बहुत पसंद है और मैं अभी तक काफी बार चूत चोद चूका हूँ इसलिए मुझे अब चुदाई करने के इतने पोजीशन मालूम हैं | मैं अपने इस सात इंच के लंड से किसी भी लड़की या औरत की चूत की गर्मी को बुझा सकता हूँ तो दोस्त ये तो मैंने अपने बारे में बता दिया | दोस्तों अब बकचोदी हो गयी है | मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये कहानी कुछ महीने पहले की है जब मैं एक साफ्टवेयर कम्पनी में जॉब करता था | मैं जॉब बंगलौर में करता था इसलिए मुझे बंगलौर में रहना पढता था | मैं वहीँ पर घर रेंट पर लेकर रहता था | जब मैं उस कम्पनी में जॉब करता था तो उस टाइम वहां मेरा एक लड़का दोस्त बन गया था | उसका नाम रोहन था और वो मेरे साथ ही जॉब करता था इसलिए मेरी उसकी दोस्ती हो गयी थी | धीरे धीरे काफी दिन हो गए और मेरी उसकी दोस्ती कुछ ज्यादा ही हो गयी | वो मुझे एक दिन अपने घर पर डिनर करने के लिए कहा | तब मैंने उससे कहा की सन्डे के दिन चलता हूँ  | दोस्तों मेरे ऑफिस में संडे को छुट्टी रहती हैं | उस दिन मैं और रोहन साथ में घुमने गए और जब हम दोनों लोग घूम कर आये | वो मुझे अपने घर ले गया | मैं उसके घर जाकर उसके साथ सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा | मैं टीवी देख रहा था तभी उसकी बहन आई |

रोहन – सुमित ये मेरी बहन नीलम है और नीलम ये मेरा दोस्त सुमित है |

मैं – हाय नीलम ?

नीलम – हाय सुमित |

मैं – हाउ आर यू ?

नीलम – जस्ट  फ़ाईन एंड यू ?

मैं – आई ऍम सो हैप्पी |

फिर मैं उससे ऐसे ही बात करने लगा साथ मैं मेरा दोस्त रोहन भी बैठा था | मैंने नीलम से पूछा इस टाइम क्या कर रही हो तो उसने बताया की मैं इस टाइम बी कॉम कर रही हूँ | दोस्तों मैं इससे आगे की कहानी बताने से पहले नीलम के फिगर के बारे में बता देता हूँ क्यूंकि ये ही मेरी कहानी की हिरोइन है | उसका मस्त कटीला भरा हुवा बदन है और उसके बूब्स तो काफी बड़े थे जो कपडे के ऊपर से ही साफ गोल दिखा करते हैं | उसकी गांड तो आकर्षण के केंद्र है | वो मुझे किसी हुस्न की मल्लिका से कम नही लगी थी जब मैंने उसको पहली बार देखा था |

Sexstories जिग्ना की कामुकता

पहली बार में ही मेरा दिल उस पर आ गया था और मैं उसे पटाने के बारे में सोचने लगा था | फिर उस दिन मैंने उसके साथ बैठ कर खाना खाया उसके बाद मेरा दोस्त रोहन मुझे छोड़ने आया | मैं अपने घर चला आया | दुसरे दिन की बात है जब मैं अपने ऑफिस में काम कर रहा था तो मेरे दोस्त ने कहा भाई चलते हैं लंच कर लेते हैं काम बात में कर लेना क्यूंकि उस टाइम लंच टाइम चल रहा था | मैं और रोहन एक साथ में लंच किया और अब मैं रोहन के घर अक्सर जाया करता था | मैं वहां नीलम से बात किया करता और वो मुझसे बता करती थी | जब वो मुझसे बात करती थी तो मुझे अच्छा लगता था | वो भी मुझे पसंद करती थी ये बात मुझे कुछ ही दिन में पता चल गया | एक दिन की बात है जब मैं छोट्टी पर था और उस दिन रोहन जॉब पर गया हुआ था | उस दिन नीलम शॉपिंग करने जा रही थी |

रोहन – ने मुझे कॉल की और कहाँ सुमित नीलम शॉपिंग के लिए जा रही है | मुझे टाइम नही है तो तू साथ में चला जा |

मैं – ठीक है चला जाता हूँ उस बोल दो की मेरे साथ जाना है |

रोहन –  हाँ मैं उसे बोल देता हूँ और तुम्हारा नम्बर देता हूँ |

मैं – हाँ देदो |

पर दोस्तों मेरे पास उसका नम्बर पहले से था और मेरा उसके पास क्यूंकि उसकी मेरी बात कभी कभी हुआ करती थी | कुछ ही देर में उसका फ़ोन आया |

नीलम – हेल्लो |

मैं – हेल्लो हाँ बोलो |

नीलम – भईया ने तुम्हारे साथ शॉपिंग के लिए जाने को कहा है |

मैं – तो मेरे साथ नही जाने का मन है क्या ?

नीलम – नही ऐसा नही है आप तो मुझे बहुत अच्छे लगते हो और मुझे तो भरोसा भी नही था की मुझे शॉपिंग के लिए तुम्हारे साथ जाने को मिलेगा |

फिर मैं और नीलम एक साथ शॉपिंग करने गए | जब मैं और नीलम एक मॉल में शॉपिंग कर रहे थे तो नीलम ने कुछ चीजे ली उसके बाद नीलम को एक जींस और पंसद आ गयी थी | नीलम ने अपने वॉलेट में देख तो रुपये कम थे तो वो जींस मैंने उसे लेके देदी | तब नीलम ने मुझे थैंक्स बोला और कहा तुम भी कुछ ले लो और नीलम ने मेरे लिए जींस और शार्ट सेलेक्ट किया | मैं लेके घर चला आया उस दिन से वो मुझे ज्यादा ही पंसद करने लगी थी | उसके 4 महीने के बाद की बात है जब वो मेरे साथ घुमने भी जाने लगी थी | उस दन मैं और नीलम मूवी देखने गए थे | उस दिन जब हम मूवी देख रहे थे तो उसने मुझे वहां मेरी होठो पर किस की और मेरा लंड खड़ा हो गया था वेसे हम लोग किस तो बहुत पहले से करते थे पर उस दिन मेरी अन्दर का जानवर जग गया था | मैंने भी उसे वहीँ पर गर्म कर दिया |  वो अब चुदने के लिए तैयार हो गयी थी |

मैं तुरंत ही वहां से अपने घर आया और फिर अपने बेडरूम में ले गया | वो मेरे से लिपट गयी और मैं उसकी होठो को चूसने लगा | वो भी मेरी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी | मैं उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसके बूब्स को दबाते हुए उसकी ब्रा भी खोल दी और उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके बूब्स के निप्पल को मुंह में रख कर चूस रहा था | मैं उसके बूब्स को ऐसे ही 3 -5 मिनट तक चूसने के बाद उसकी पैंटी को मुंह से पकड कर निकाल दिया | फिर मैंने उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर उसकी चूत तो चाटने लगा |

वो बिस्तर को कस के पकड का सेक्सी आवाज में ह ह ह ह ह…. अ अ अ अ अ….. हु हु हु हूँ…. आ आ आ…. सी सी सी सी… की आवाजे करने लगी | मैं उसकी मस्त सेक्सी आवाजे सुनकर और जोश में आ गया | तब मैंने उसकी चूत को चाटने के साथ में उसकी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी | वो हु हूँ हूँ हु….. आ आ आ आ….. हाँ हाँ हाँ… उई उई उई… हह हह ह हह… की सिसकियाँ लेने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसको अपनी ऊँगली से चोदने लगा | मैं उसकी चूत में ऐसे ही 3 -4 मिनट तक ऊँगली को अन्दर बाहर करता रहा | फिर मैंने अपने कपडे निकाल कर उसकी टांगो को फैला कर अपने लंड में थूक लगा कर उसकी चूत के ऊपर अपने लंड को रख कर उसकी चूत में धीरे से अपने लंड को घुसा दिया |

उसकी चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत में आराम से घुसा गया | वो सेक्सी आवज में उ ऊ ऊ ऊ….. हाँ हाँ हाँ… ह ह ह ह…. हूँ हूँ हूँ हूँ.. अ अ अ अ… सी सी सी सी… की आवाजे करने लगी | मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत में धीरे धीरे धक्को के साथ अन्दर बाहर करने लगा | मैं कुछ देर तक ऐसे ही धीरे धीरे अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदता रहा | वो कुछ ही देर में मस्त होकर चुदने लगी और मज़ा लेने लगी | तब मैं उसके दोनों बूब्स को पकड कर उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा | वो हाँ हाँ हाँ… ह ह ह ह…. हूँ हूँ हूँ हूँ.. अ अ अ अ… सी सी सी सी… की सिसकियाँ लेने लगी | मैं उसकी कमर को पकड कर उसको अपनी और खीच कर उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा जिससे कुछ ही देर में धक्को की आवाज कमरे में गूंजने लगी | वो सिसकियाँ पर सिसकियाँ ले रही थी साथ वो मस्त होकर अपने बूब्स के निप्पल को दबाती हुई चुदने लगी | मैं उसको ऐसे ही 15 मिनट तक चोदने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया |

फिर वो अपनी चूत में ऊँगली डाल डाल कर वीर्य को निकालने लगी | वो वीर्य को इसलिए निकाल रही थी अगर वीर्य अन्दर रह गया था | उसके बाद उसने कपडे पहन लिए और मैंने अपने कपडे पहन लिए | फिर उसको उसके घर तक छोड़ आया | दोस्तों ये थी मेरी कहानी मुझे उम्मीद है की आप लोगो को कहानी पढने में मज़ा आया होगा |

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दोस्त की कुंवारी बहन को पेला https://sexstories.one/dost-ki-kunwari-behan-ko-pela/ Thu, 18 Nov 2021 10:12:22 +0000 https://sexstories.one/?p=3357 मैंने कमरे की खिड़की से अंदर झांककर देखा कि वो अब अपनी सलवार में अपना एक हाथ डालकर ऊँगली को चूत के डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर करके मज़े ले रही थी और उस समय टीवी पर एक किसिंग का सीन चल रहा था...

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Dost Ki Kunwari Behan Ko Pela – मेरा नाम प्रकाश है और मेरी उम्र 20 साल है। दोस्तों यह बात उन दिनों की है, उस समय मेरा एक बहुत पक्का दोस्त था जिसका नाम ज़ुबेर था और उसकी एक बहन थी जिसका नाम सना था और वो दिखने में बहुत ही सुंदर थी। उसका गोरा रंग उभरे हुए बूब्स, गोरे गाल, गुलाबी होंठ और उसके शरीर का हर एक बाहर से दिखता हुआ अंग मुझे भी बहुत आकर्षक लगता था और उस समय उसके फिगर का आकार 36-26-36 था। वैसे वो पूरी उसकी माँ की तरह दिखती थी और उसकी मम्मी भी उसी की तरह बहुत हॉट सेक्सी थी।

उस समय हमारे पेपर खतम हो चुके थे और हम लोग गर्मियों की छुट्टियाँ मना रहे थे। एक दिन ज़ुबेर को अपने किसी काम की वजह से जबलपुर जाना पड़ा और वो अपने पापा के साथ चला गया, जिसकी वजह से अब आंटी और उसकी बहन सना को अपने घर में अकेले रहना था। दोस्तों पहले में सना को सिर्फ़ अपनी एक दोस्त मानता था और मैंने कभी भी उसके बारे में ऐसा कुछ गलत नहीं सोचा था, लेकिन एक दिन आंटी ने मुझे अपने घर पर बुलाकर कहा कि तुम नहाने का साबुन लाकर सना को दे दो, वो नहाने जा रही है।

फिर में पास की एक दुकान पर साबुन लेने चला गया और में वो साबुन लाकर सना को देने के लिए घर आया तो आंटी ने मुझसे कहा कि वो अब नहाने के लिए चली गई है तुम उसको यह साबुन बाथरूम में जाकर दे दो। उस समय आंटी छत पर अपना कुछ काम कर रही थी और उनके सामने में एक बहुत शरीफ और अच्छा लड़का खड़ा था। फिर उनके कहने पर में नीचे बाथरूम में चला गया, वो बहुत सुंदर गोरी सेक्सी थी और में मन ही मन बहुत पहले से चाहता तो था कि में उसको एक बार नंगा देख लूँ, लेकिन उस दिन मेरी बहुत समय से बंद किस्मत खुल गयी और मुझे वो मिल गया जिसको मैंने कभी सपने में भी नहीं सोच था।

दोस्तों अब मैंने बाथरूम के पास जाकर कहा कि सना यह साबुन ले लो, लेकिन मुझे कुछ देर खड़े रहने पर भी कोई जवाब नहीं मिला और में वैसे ही चुपचाप इंतजार करता रहा, लेकिन तभी अचानक से सना ने चीखना शुरू किया और वो तुरंत दरवाजा खोलकर बाहर आ गई और अब वो मुझसे लिपट गई। उसकी पकड़ मेरे शरीर पर बहुत मजबूत थी जिसकी वजह से उसके बूब्स मेरे बदन से छूकर दब रहे थे और उसकी सांसे बहुत तेजी से चल रही थी। फिर जब मैंने उससे पूछा कि अचानक से तुम्हे ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से तुम इतना डर गई हो और बाहर आकर मुझसे ऐसे लिपट रही हो? तब वो कहने लगी कि बाथरूम के अंदर एक बहुत मोटी छिपकली है, मेरी जब उस पर नजर पड़ी तो वो मेरी तरफ आगे बढ़ने लगी और मुझे उससे बहुत डर लग रहा है और उसने मुझसे कहा कि प्लीज सोनू तुम अंदर जाकर उस छिपकली को वहां से भगा दो, नहीं तो में अंदर नहीं जा सकती।

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फिर मैंने उसके कहने पर ठीक वैसा ही किया और मैंने उस छिपकली को वहां से भगा दिया और फिर वो नहाने बाथरूम में चली गई। फिर बाहर आकर मैंने सोचा कि जब वो मुझसे लिपटी हुई थी तो उसके बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे और वो उस समय सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और अब मेरे दिमाग़ में सिर्फ़ वो सेक्सी सीन चल रहा था और पूरी रातभर में उसके बारे में बहुत कुछ सोच रहा था और ज्यादा जोश में आकर मैंने उसके नाम से दो बार मुठ मारकर अपने लंड को शांत भी किया और उसके बाद में उसको सोचता हुआ गहरी नींद में सो गया। दोस्तों उसके बाद कामदेवता ने मुझसे बहुत ज्यादा खुश होकर तुरंत मुझे वो एक मौका दे दिया जब मेरे सभी घर वाले घूमने के लिए बाहर चले गए और उन्होंने मुझे अपने घर पर अपने पालतू कुत्ते की देख रेख करने के लिए छोड़ दिया और तभी उन सभी के चले जाने के बाद मेरी आंटी ने मुझसे कहा कि वो भी कहीं बाहर जा रही है तो तुम सना को अपने घर में अपने साथ रख लो, वर्ना यह अपने घर में अकेली रहेगी और आंटी को वापस आने में शाम हो जाएगी और फिर वो भी सना को मेरे साथ छोड़कर चली गई।

फिर मैंने सना को अपने कमरे के अंदर बुला लिया और उसके बाद मैंने टीवी पर एक कार्टून लगा दिया जिसको वो बैठकर देखने लगी और में नहाने चला गया। फिर कुछ देर बाद मुझे पता चला कि में अपने साथ टावल लाना भूल गया था इसलिए में बाथरूम से बाहर निकलकर अपने कमरे में टवल लेने आया और तब मैंने देखा कि सना अब उस कार्टून को हटाकर एक चेनल पर एक मस्त सेक्सी फिल्म देख रही है और में कुछ देर उसको देखता रहा। उसका मुझ पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं था और में चुप से अपना काम करके वापस बाहर चला गया, लेकिन मेरा मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा था कि में बाहर जाऊँ।

फिर मैंने कमरे की खिड़की से अंदर झांककर देखा कि वो अब अपनी सलवार में अपना एक हाथ डालकर ऊँगली को चूत के डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर करके मज़े ले रही थी और उस समय टीवी पर एक किसिंग का सीन चल रहा था और वो अब ज्यादा गरम होकर सिसकियाँ भर रही थी। अब मैंने जानबूझ कर आवाज़ करना शुरू किया और उसने तुरंत चेनल को बदल दिया उसके बाद मैंने कमरे में अंदर आकर उससे कहा कि मैंने अभी कुछ देर पहले बाहर से सब कुछ देख लिया है कि तुम तब क्या क्या कर रही थी?

दोस्तों वो मेरी इस बात को सुनकर एकदम चकित हो गई और उसके चेहरे का उड़ा हुआ रंग मुझे उसकी परेशानी साफ साफ बता रहा था और वो मुझसे बोली कि प्लीज आप मेरी मम्मी और भाई से कुछ भी मत कहना वर्ना मुझे बहुत मार पड़ेगी। तब मैंने उससे पूछा कि तुम सिर्फ़ यह किस सीन ही देखती हो या कुछ और भी? तो वो बोली कि टीवी पर कभी भी पूरा सीन नहीं आता है, लेकिन उसकी एक बहुत अच्छी पक्की सहेली ने उसको पहले ही सब कुछ बता दिया था कि सुहागरात में क्या होता है?

अब मैंने उससे कहा कि अगर में उसको वो पूरा सीन दिखाऊँ तो क्या तुम देखा चाहती हो वो सब? तब वो बोली कि तुम्हारी मर्ज़ी और इतना कहकर वो शरमा गई। दोस्तों में तुरंत समझ गया कि यह अब जरुर मुझसे पट जाएगी और यह मेरी किसी भी बात को बाहर किसी से नहीं कहेगी, इसलिए मैंने झट से अपने सीडी के बेग में से एक ब्लूफिल्म निकालकर उसे डीवीडी प्लेयर पर लगाकर दिखा दी, जिसकी वजह से वो बहुत गरम हो गई और मेरे ही सामने वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और अपनी सलवार में हाथ डालकर ऊँगली को डालने लगी।

अब मैंने उसको अपनी बाहों में उठा लिया और मैंने उसको बेड पर लेटा दिया। उसके बाद में उसके होंठो पर किस किया तो उसने भी कुछ देर बाद मेरा पूरा साथ दिया। उसके बाद मैंने सही मौका देखकर उसके सारे कपड़े उतार दिए और मैंने उसको सिर्फ़ ब्रा और पेंट में कर दिया और में उसके बूब्स को चूसने लगा और में उसकी चूत पर पेंटी के ऊपर से ही हाथ रगड़ने लगा था। तभी उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और वो भी मेरा लंड रगड़ने लगी और मैंने जोश में आकर अपने सारे कपड़े उतार दिया और उससे कहा कि अब तुम भी नंगी हो जाओ।

फिर वो भी मेरे कहने पर तुरंत नंगी हो गई और तब मैंने उसकी दोनों गोरी गरम जांघे एक दूसरे से अलग की और उसकी बेचेन कुंवारी चूत में मैंने पहली बार एक ज़ोर का धक्का देकर अपना 6 इंच का लंबा लंड डाल दिया, जिसकी वजह से उसके मुहं से वो ज़ोर की चीख निकल पड़ी और वो मुझसे बोली कि आह्ह्हह्ह प्लीज अब बस करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज आईईईई माँ में मर गई, इसको बाहर निकाल दो। फिर मैंने उससे कहा कि पहली बार है इसलिए तुम्हे दर्द हो रहा है, लेकिन कुछ देर बाद तुम्हे बड़ा मज़ा आएगा और तुम्हे इसकी आदत हो जाएगी, लेकिन वो अब भी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और उसको बहुत दर्द था।

अब मैंने बिना कुछ परवाह के अपने लंड से उनकी चूत पर दो तीन जोरदार झटके दे दिए और उसके बाद में लगातार धक्के देता रहा और थोड़ी ही देर बाद अब उसको भी मेरे साथ मज़ा आने लगा था और वो बहुत ही कामुक जोश से भरी आवाज़े निकालने लगी थी, जिसकी वजह से में पूरी तरह से जोश में आकर चुदाई करता रहा और फिर कुछ और देर तक धक्के देने के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया। में उसके ऊपर लेटा रहा और फिर कुछ देर बाद में उसके ऊपर से हट गया। दोस्तों मैंने उसको उस दिन रुक रुककर करीब तीन से चार बार चोदा और मज़े लिए, लेकिन वो अब ज्यादा चुदाई बर्दाश्त नहीं कर आ रही थी। फिर चुदाई खत्म होने के बाद जब वो उठी तो मैंने उसकी गोरी गांड देखी तो मैंने उससे कहा कि अब मुझे तेरी यह गांड भी मारनी है।

फिर वो कहने लगी कि नहीं मुझे बहुत दर्द होगा और में वो काम नहीं करूंगी और ना ही तुम्हे करने दूंगी। दोस्तों तब मैंने उसको बहुत प्यार से समझाया और कहा कि में इस बार बहुत धीरे धीरे से करूँगा, जिसकी वजह से तुम्हे इतना दर्द महसूस नहीं होगा, तो वो मान गई और मैंने अपने हाथ में तेल लिया और उसकी गांड पर लगाकर मसल दिया, जिसकी वजह से वो बहुत चिकनी नजर आ रही थी और उसके बाद मैंने अपने लंड को भी तेल से नहला दिया। उन दोनों के तेल से स्नान के बाद अब मैंने धीरे से अपने अपने लंड को उसकी गांड में डाला और थोड़ा थोड़ा करके मैंने अपना पूरा लंड उनकी गांड में डाल दिया, वो बहुत ज़ोर से चीखने लगी थी।

फिर मैंने उसको समझाकर चुप करवाया और में उसके बूब्स को सहलाने लगा। उसके बाद में अब धीरे धीरे धक्के देकर अपने लंड को उसकी चिकनी गांड में अंदर बाहर करके उसकी गांड मारने लगा और फिर कुछ देर बाद उसको भी अब मेरे साथ मज़ा आ रहा था, क्योंकि उसका वो दर्द कम हो गया था, लेकिन कुछ देर धक्के देने के बाद में झड़ गया और इस बार भी मैंने अपना गरम गरम वीर्य उसकी गांड में डाल दिया था और तब तक शाम के 6 बज गए थे। अब मैंने आख़िरी बार उसको किस किया और में नहाने चला गया।

मेरे पीछे पीछे वो भी बाथरूम में चली आई और हम दोनों एक साथ में ही नहाए और उसने मेरा लंड और मैंने उसकी चूत के अंदर तक पानी डालकर अच्छी तरह से साफ किया। उसके बाद हम बाहर आ गए और दोबारा कमरे में आकर एक दूसरे से चिपककर टीवी देखने लगे। फिर कुछ देर बाद उसके घरवालों के वापस आ जाने के बाद वो उनके साथ घर चली गई और वो मुझसे बोली कि यह सब मेरी जिंदगी का एक बहुत खास दिन था। तुम्हारे साथ बिताया हुआ हर एक पल वो लम्हा मुझे पूरी जिंदगी याद रहेगा। दोस्तों अब जब भी हमे कोई अच्छा मौका मिलता है तो में उसकी बहुत मस्त चुदाई करता हूँ और कभी कभी में उसकी गांड भी मारता हूँ वो हर बार मेरा पूरा पूरा साथ देती है और शायद मैंने उसको अपना दीवाना बना लिया, इसलिए वो मेरे साथ हमेशा खुश रहती है।

दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी अपने दोस्त की उस कुवारी बहन के साथ, जिसने कभी अपनी चूत के ऊँगली के अलावा लंड जैसा कोई अंग अपनी जवानी की उस पहले कदम पर लेने के बारे में नहीं सोचा था और वैसे मुझे भी उसकी चुदाई का ऐसा कोई अंदाजा नहीं था कि वो एक दिन मुझसे चुदेगी और मेरे लंड के लिए पागल हो जाएगी ।।

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होने वाली भाभी की बहन https://sexstories.one/hone-wali-bhabhi-ki-behan/ Tue, 19 Oct 2021 07:28:59 +0000 https://sexstories.one/?p=3059 मैं उसकी नंगे बदन पर चिपकी उसकी चूचियों को ही देखता रह गया। साली की चूचियाँ मौसम्मी के आकार की थीं। मैं उसकी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसे जा रहा था और मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में अपना कमाल दिखा रही थीं। उधर उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं...

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Hone Wali Bhabhi Ki Behan यह कहानी दो वर्ष पहले की है। जब मेरे भैया की शादी पटना शहर में ही तय हो गई थी। मैं उस समय बी.कॉम. फर्स्ट-ईयर में पढ़ता था। भैया की ससुराल मेरे कोचिंग के रास्ते में ही पड़ती थी।
एक दिन की बात है जब मैं कोचिंग से आ रहा था। तो रास्ते में मुझे मेरी होने वाली भाभी मिल गई और मैंने बाइक रोक दी। उन्होंने मुझे तुरन्त पहचान लिया, हम लोग सगाई पर मिल चुके थे। वो बाज़ार अपने निज़ी सामान लेने आई थीं।

मैंने कहा- आइए भाभी, आपको घर छोड़ दूँ।

उन्होंने ‘हामी’ भरी और मैंने उन्हें घर छोड़ दिया। वो अन्दर आने को कहने लगीं। मैंने मना कर दिया क्योंकि उस समय शाम के 5 बज़ रहे थे। परंतु उनके ज्यादा जोर देने पर मैं मना नहीं कर पाया और उनके पीछे अन्दर चला गया।
उस समय घर उनके और उनकी छोटी बहन जिसका नाम रूपा था, के सिवाए कोई नहीं था। सभी लोग पड़ोस में मेंहदी समारोह में गए हुए थे।

वो खाना खाने के लिए कहने लगीं, तो मैंने मना कर दिया। इतने में उनकी छोटी बहन रूपा आई।

क्या कमाल की छोरी थी, रंग तो उसका गेहुँआ था पर साली की फिगर कमाल की थी। उसने उस समय फ्रॉक पहनी हुई थी। हम लोग उनके बैडरुम में बैठकर इधर-उधर की बातें करने लगे। उससे पूछने पर पता चला इसी वर्ष उसने बारहवीं में प्रवेश किया है। उसकी निगाहें बड़ी चंचल थीं उसके हावभाव बताते थे कि वो मुझ पर कुछ अधिक आकर्षित थी। बात बात में उसकी आँख मारने की अदा बड़ी कामुक थी।

TMKOC Story अंजलि और जेठा का पहली बार – पार्ट 3

इतने में पड़ोस की आंटी ने भाभी को किसी काम से बुला लिया। हम लोग फिर से बातें करने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे जोरों से ‘एक नम्बर’ लगी। मैंने संकोचवश बाथरूम पूछा, उसने बता दिया। मैंने बाथरूम से आते समय देखा कि मेरा फोन उठाकर गैलरी में छिप कर ब्लू-फिल्म देख रही है और अपने चूचियों पर हल्के-हल्के हाथ रगड़ रही है।

मैं वहीं दरवाजे के पीछे खड़े होकर पर्दे के चिलमन से सब-कुछ देख रहा था। अब मेरा सब्र भी टूट रहा था और मेरा लण्ड भी तनकर ‘एफिल-टॉवर’ बन चुका था। मैंने पीछे जाकर फ्रॉक के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाने लगा।
पहले तो वो चौंक गई लेकिन मुझे पाकर वो शांत हो गई। अब मैंने उसकी चूचियों को आहिस्ते-आहिस्ते मसलना शुरु किया, अब उसे भी मज़ा आने लगा था। धीरे-धीरे मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में घुसा दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा। अब उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।

मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा। मैने अपनी जीभ उसके मुँह में दे दी। वो मेरी जीभ को लॉलीपॉप की तरह चूसे जा रही थी। हम दोनों को थोड़ी-थोड़ी गर्मी लगने लगी थी। उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मैने उसकी फ्रॉक उतारा।

मैं उसकी नंगे बदन पर चिपकी उसकी चूचियों को ही देखता रह गया। साली की चूचियाँ मौसम्मी के आकार की थीं। मैं उसकी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसे जा रहा था और मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में अपना कमाल दिखा रही थीं। उधर उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं।

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने तुरंत उसकी पैंटी उतारी और उसक चूत को बुरी तरह चूसने लगा। वो तो जैसे तड़प उठी, मैं अभी भी उसकी चूत को चूसे जा रहा था। इसी बीच वो मेरे मुँह में ही झड़ गई। मैंने सारा रस चट कर दिया। अब मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदे जा रहा था।

उसे भी मज़ा आ रहा था, अब वो फिर से अपने उफान पर आ रही थी। उसकी गहरी गुलाबी चूत को छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था। अब मैं थोड़ा ऊपर आकर उसकी दोनों टाँगों को अलग-अलग फैलाकर अपने लण्ड को उसकी चूत पर जोर-जोर से रगड़ने लगा। उसकी सिसकारियाँ भी जोर पकड़ने लगीं, तभी मुझे अपने लण्ड पर गीलापन महसूस हुआ, वो फिर से झड़ चुकी थी।

अब मैंने भी देर ना करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाने लगा, चिकनाई की वज़ह से लण्ड थोड़ा अन्दर चला गया। मैंने एक जोर का धक्का मारा लण्ड पूरा अदंर चला गया। दर्द के मारे उसके मुँह से जोर की चीख निकली, मैंने अपना एक हाथ उसके मुँह पर रख दिया, उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े।

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अब मैंने लण्ड को पीछे करके एक धक्का और मारा। अबकी बार लण्ड सीधा बच्चेदानी से जा टकराया, इस बार भी उसके मुँह से चीख निकल पड़ी, लेकिन इस बार का दर्द पिछली बार से कम था मैं कुछ देर इसी मुद्रा में रहा। जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लण्ड को आगे-पीछे करना शुरु कर दिया।

अब उसकी सिसकारियाँ भी आह-आह की आवाज़ में बदल चुकी थी, जिसने मेरी स्पीड बढ़ा दी। 20 मिनट तक मैंने जोरदार झटकों से उसे चोदा। उसके मुँह से ‘उँउँउँ…ईईई…ऊँऊँ” की आवाज़ें निकल रही थीं।

अब उसकी साँसें भी तेज़ होने लगी बदन ऐंठने लगा, ‘ओओओ…’ और उसकी चूत से झरना बह गया। मैंने भी समय की नज़ाकत को समझते हुए पांच मिनट बाद अपना खौलता हुआ लावा उसकी चूत में उड़ेल दिया। हम लोग कुछ देर इसी हालत में रहे। थोड़ी देर बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए और बैठ कर बातें करने लगे।

तभी दरवाजे की घण्टी बजी, रूपा ने कहा- लगता है दीदी आई है।

दरवाजा खोलने के पहले हमने एक-दूसरे की जोरदार चुम्मी ली और मै़ने उसके चूची को तीन-चार बार मसला। फिर वो दरवाजा खोलने चली गई, भाभी अदंर आईं।

मैंने पूछा- आप इतनी देर से कहाँ थीं?

भाभी ने कहा- मैं पड़ोस में मेहंदी समारोह में गई हुई थी।

रात के 9 बज़ चुके थे तो भाभी ने मुझे रुकने को कहा।

मैंने कहा-मैं यहाँ रुका तो घर पर सभी लोग परेशान होंगे और डाँट भी पड़ेगी।

भाभी ने कहा- अगर ऐसी बात है तो मैं घर पर फोन करके कह देती हूँ कि आज तुम यहीं रुकोगे। तब तो कोई परेशान नहीं होगा?

मेरे तो मन मे जैसे मन मे लड्डू फूट रहे थे, तो मैंने भी कह दिया- जैसा आप ठीक समझें।

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एक भाई की दो हॉट बहने https://sexstories.one/bhai-ki-do-hot-bahne/ Wed, 21 Jul 2021 10:04:36 +0000 https://sexstories.one/?p=3997 हैल्लो दोस्तों, मेरे बारे में आप सभी पहले से ही जानते है, क्योंकि में भी आप सभी की तरह अब तक ना जाने कितनी कहानियों के मज़े ले चुका हूँ और आज की मेरी इस ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, मेरे बारे में आप सभी पहले से ही जानते है, क्योंकि में भी आप सभी की तरह अब तक ना जाने कितनी कहानियों के मज़े ले चुका हूँ और आज की मेरी इस कहानी से पहले भी मैंने अपनी घटना को आप सभी की सेवा में हाजिर किया था. दोस्तों में फिर भी अपनी कहानी को शुरू करने से पहले अपना परिचय दे देती हूँ.

मेरी उम्र 22 साल है और में अभी एक कॉलेज से बी.कॉम की पढ़ाई कर रही हूँ और आज में बहुत दिनों के बाद अपनी एक सच्ची घटना को लिखने जा रही हूँ. दोस्तों ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि में आज कल पढ़ाई में बहुत व्यस्त रहती हूँ इसलिए मुझे लिखने का समय नहीं मिलता, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि मैंने सेक्सी कहानियों को पढ़ना बंद कर दिया है. अब भी में आप लोगों की घटनाओ को पढ़कर मज़े जरुर करती हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रही हूँ, उस खेल में मुझे भी बहुत मस्त मज़ा आया और आज आप सभी को भी जरुर मज़ा आएगा ऐसा मेरा मन कहता है और अब शुरू करते है. दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब मेरे पेपर के बाद कुछ दिनों की छुट्टियाँ चल रही थी और इसलिए में अपने घर में ही थी.

फिर मुझे दो दिन के बाद पता चला कि मेरी चचेरी बहन जिसका नाम सुमन है, उसकी उम्र 20 है वो हमारे घर आने वाली है और वो मेरे साथ ही कुछ दिन रहेगी. दोस्तों वो रिश्ते में मेरे मामा जी की लड़की थी, लेकिन उसको मिले हुए मुझे करीब तीन चार साल हो चुके थे और इस बीच हम दोनों कभी नहीं मिले. फिर वो लोग रविवार के दिन ही हमारे घर आ गए और सुमन भी उनके साथ ही थी, लेकिन में उसको इतने दिनों के बाद मिलने की वजह से पहचान भी नहीं सकी. दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर थी, इसलिए में उसकी तरफ बड़ी आकर्षित थी, क्योंकि उसका वो गोरा बदन बड़े आकार के एकदम गोलमटोल बूब्स मेरे पूरा ध्यान अपनी तरफ खीच रहे थे.

अब हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ मुस्कुराते हुए बड़े ही प्यार से हालचाल पूछने के बाद बैठकर बहुत सारी बातें की मुझे उसके साथ बैठना बातें करना बहुत अच्छा लगा और इसलिए मुझे पता ही नहीं चला कि इतनी जल्दी रात भी हो गई. फिर हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया, मुझे उसका व्यहवार बात करने का तरीका बड़ा पसंद आया और कुछ देर के बाद रात को वो मेरे कमरे में सोने के लिए आ गयी और उसने उस समय मेक्सी पहनी हुई थी. दोस्तों मैंने भी उस समय मेक्सी पहनी हुई थी, वो बहुत हॉट सेक्सी नजर आ रही थी और बार बार मेरी नजर उसके बदन को घूरने लगी थी. अब हम दोनों बातों ही बातों में बहुत अच्छी तरह से खुल चुके थे, इसलिए अब हम बातें हंसी मजाक करने लगे थे.

में : सुमन यार एक बात तो तुम मुझे सच सच बताओ क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?

सुमन : हाँ है ना यार और वैसे आजकल यह सभी का होता है.

में : अच्छा तो यह बात है.

सुमन : और तुम्हारा है कि नहीं वो भी तो तुम मुझे बताओ?

में : हाँ यार मेरा भी है.

सुमन : अच्छा मतलब कि तुम भी पीछे नहीं हो.

में : अच्छा ठीक है, अब तुम मुझे सच सच एक बात बताओ क्या कभी तुमने उसके साथ कुछ किया है?

सुमन : मतलब वो नहीं ऐसा मैंने कुछ भी नहीं किया.

में : सच में.

सुमन : हाँ मैंने नहीं किया, लेकिन क्या तुमने किया है?

में : सच बताऊँ तो हाँ मैंने उसके साथ कई बार किया है.

सुमन : ओह क्या तुम सच कह रही हो? अच्छा यह बताओ कि वो सब करने में कैसा लगता है?

में : बहुत अच्छा लगता है और बहुत मज़ा भी आता है.

सुमन : अच्छा ऐसा है, लेकिन क्या वो सब करने से डर नहीं लगता?

में : जब उस काम को करने में मज़ा आने लगता है, तो उसके बाद बिल्कुल भी डर नहीं लगता.

सुमन : अच्छा मुझे लगता है कि उस काम को करने में बहुत मज़ा आता है यह बात मुझे तुम्हारे चेहरे से पता चल रही है.

में : हाँ तुमने ठीक पहचाना, मेरी ब्रा का नंबर 34 इंच है और तुम्हारा क्या आकार है?

सुमन : मेरी ब्रा का आकार 32 इंच है.

में : वैसे यार तेरा पिछवाड़ा बहुत अच्छा है.

सुमन : हाँ आपका भी बहुत अच्छा है.

अब मेरा मन करने लगा कि अगर बॉयफ्रेंड नहीं है तो क्यों ना में अपनी बहन के साथ ही मज़ा ले लूँ? और में अब यह बात अपने मन में सोचकर उत्साहित होकर उसको उकसाने लगी थी.

में : यार क्या कभी तुमने किसी के साथ चुम्मा किया है?

सुमन : नहीं यार मुझे यह सब करने से बहुत डर लगता है.

में : अच्छा तुम्हारा मन तो यह सब करने के लिए करता ही होगा ना? मेरा तो बहुत दिल करता है.

सुमन : हाँ, लेकिन में क्या करूँ मुझे बहुत डर भी लगता है?

में : क्या तुम वो सब करना चाहोगी?

अब वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम चकित होकर मेरी तरफ बहुत ध्यान से देखने लगी थी, लेकिन वो चुप ही रही शायद उसके मन में यह काम करने की इच्छा थी.

में : सुमन चलो आज हम दोनों एक दूसरे को मज़ा देते है, चलो आ जाओ सुमन आज हम दोनों अलग दुनिया में चले जाते है

दोस्तों अब तब तो गरम हो चुकी थी और अब उसका भी चेहरा मेरे साथ यह बातें करके पूरा लाल हो गया था और अब में अच्छी तरह से समझ सकती थी कि उसका मन दो तरफ जा रहा है और वो मन ही मन सोच रही है कि में क्या करूं हाँ करूं या ना? मैंने उसको अपने हाथों में उसके चेहरे को जकड़ लिया और इससे पहले कि वो कुछ बोलती, मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

फिर उसी समय में जब उसके होंठों को चूस रही थी तब मैंने महसूस किया कि उसने भी अब जोश में आकर मुझे कसकर जकड़ लिया है और इस वजह से में प्रसन्न होकर उसके होठों को कस कसकर चूस रही थी और मेरी बाहों में जकड़े होने की वजह से उसके बूब्स भी मेरे बूब्स से दबे हुए थे और रगड़ खा रहे थे. फिर मैंने बिना देर किए उसकी मेक्सी को खोल दिया और बिना समय खराब किए मैंने तुरंत ही उसको अपने सामने नंगा कर दिया और देखा कि वो बिना कपड़ो के बहुत ही अच्छी लग रही थी. अब मैंने अपनी मेक्सी को भी उतार दिया और अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे हो चुके थे और अपनी चकित नजरों से हम एक दूसरे के नंगे गोरे बदन को लगातार घूरकर देख रहे थे, लेकिन अब वो थोड़ा सा शरमा रही थी.

अब में उसके पास गयी और मैंने तुरंत ही उसके एक बूब्स को अपने मुहं में भर लिया और फिर में गपगप करके चूसने लगी, जिसकी वजह से उसको भी अब बहुत मज़ा आने लगा था. अब उसने मज़े और जोश के मिलेजुले असर की वजह से हिम्मत करके मेरे बूब्स की निप्पल को मसलना शुरू कर दिया और मैंने खुश होकर उसका साथ देते हुए उसके दोनों बूब्स को बार बार बूब्स को अपने हाथ से दबाते हुए चूसा और उसकी उठी हुई निप्पल को छोटे बच्चो की अपने मुहं में भरकर अच्छी तरह चूसा और चूस चूसकर एकदम लाल कर दिया.

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