behan ki chut chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/behan-ki-chut-chudai/ Hindipornstories.org Sat, 18 Dec 2021 07:31:25 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मेरी चुड़क्कड़ बहन https://sexstories.one/bhai-bhain-ke-chudai/ Sat, 18 Dec 2021 07:31:25 +0000 https://sexstories.one/?p=3488 वह मेरे सामने एक खुली तिजोरी की तरह थी एकदम नंगी फिर उसने कहा सुनील अब मत रुको अब तो मुझे दे ही दो, फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए उसने जैसे ही मेरा लंड देखा उसने कहा यह बहुत बड़ा है...

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Bhai Bhain ke chudai – हेलो दोस्तों मेरा नाम सुनील है मैं 19 साल का हूं..मैं आज आपको अपनी जिंदगी का एक हादसा बताना चाहता हूं  दरअसल कि मेरी ताऊजी की लड़की के बारे में है उसका नाम सुमन है और वह 23 साल की है उसका   फिगर एकदम सनी लियोन के जैसा है उसके फुटबॉल जैसे बूब्स है.. चलो मैं शुरू करता हूं एक दिन मैं उसके घर गया उस समय उसके घर पर कोई भी नहीं था सब  कहीं गए हुए थे दरअसल मुझे चाय के लिए चीनी लेनी थी पर वहां कोई नहीं था इसलिए मैं सीधा घर के अंदर चला गया..

मैंने अंदर जाते ही रूम में  सुमन को उल्टा सोता हुआ देखा मैं वापस जा रहा था कि मेरी नजर उसकी गांड पर पड़ी सही में उस समय वह बहुत ही ज्यादा मोटी दिख रही थी मेरा मन तो था कि मैं उसको अपने हाथों से सेलाऊ पर मैं उस समय कुछ नहीं कर सका बस मैंने उसको देखकर वही मुठ मारी  और वापस आ गया सही में  उतना मजा मुझे मुठ मारने में आज तक नहीं आया..

अब मेरा दिमाग खराब हो रहा था क्योंकि मैंने उस समय उसकी नहीं मारी फिर  ऐसे ही दो-तीन दिन निकल गए फिर मैं एक बार और उसके घर गया तब वह नहा कर आई थी रूम में  वह अपने बाल सुखा रही थी तभी मैं पहुंच गया  कपड़े तो पहन रखे थे पर  गिला शरीर होने के कारण कपड़े सहारे उसके बदन से  चिपके हुए थे और चिपकने के कारण उसकी  काले कलर की ब्रा साफ साफ नजर आ रही थी जैसे ही उसने मुझे देखा वह बोली बाहर बैठो मैं आ रही हूं दो-तीन मिनट बाद वह बाहर आ गई उसने बोला कोई काम था क्या मैंने कहा नहीं बस ऐसे ही आ गया ..

उसने कहा चलो ठीक है मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूं जब वह किचन की तरफ जा रही थी तो उसकी गांड  मुझे साफ साफ नजर आ रही थी क्योंकि कपड़े भी गीले थे और चिपक भी रहे थे अब मुझसे रहा नहीं गया मैंने अपना मोबाइल निकाला और सर्च किया सिस्टर पोर्न वीडियो और मैं वही देखने लगा आवाज ना आए इसलिए मैंने हेडफोन लगा  लिए थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि मेरे पीछे कोई है जैसे ही मैंने पीछे मुड़ कर देखा मुझे सुमन नजर आई अब उसने सब कुछ देख लिया था मैं बहुत डर गया औरउससे माफी मांगने लगा..

वह कुछ भी बिना बोले अंदर वाले रूम में चली गई मैं बहुत डर गया था मुझे लगा कि अगर  आज तो यह सबको बता देगी कुछ समझ में नहीं आ रहा था क्या करूं फिर थोड़ी देर बाद अंदर से आवाज आई सुनील यहां आना जैसे तैसे मैंने हिम्मत की और मैं अंदर चला  गया अंदर गया तो देखा सुमन एक कोने में बैठी हुई थी,उसने कहा यहां बैठ  मुझे तुझसे कुछ बात करनी है मैं अभी भी सॉरी सॉरी बोल रहा था फिर थोड़ी देर बाद उसने कहा देख मेरे भाई  पोर्न सब देखते हैं मैं भी देखती हूं इसे देखना कोई गलत नहीं है मैं भी एक बायो की स्टूडेंट हूं और मैं जानती हूं कि इस समय क्या क्या होता है  इस स्टेज में…

मैंने कहा नहीं पर मैं तुम्हारे बारे में सोच रहा था यह गलत था ना, उसने कहा वह तो है पर मैं एक लड़की भी तो हूं, फिर वह मुझसे पूछने लगी कि तु मुझे कब से देख रहा है और तुमने मेरा कौन कौन अंग देखा है, फिर मैंने भी बता दिया कि मैंने उसे दो-तीन बार नहाते हुए और कपड़े चेंज करते हुए देखा है, फिर थोड़ी देर बाद उसने भी बताया कि मैं मैंने भी तुझे बिना कपड़ों के देखा है, मैंने उससे पूछा कब, उसने कहा छोड़ दूं इन बातों को और अपने घर जा, मैंने कहा नहीं पहले मुझे भी बता तुमने मुझे नंगा कब देखा..

उसने कहा कि जब तीन-चार दिन पहले तुम मुझे देखकर मुट्ठ मार रहे थे तब मैं  जग रही थी, मैंने फिर से कहा सॉरी उसने कहा कोई बात नहीं पर अब घर चला जा मैंने कहा नहीं अब मेरा घर जाने का मन ही नहीं हो रहा, मैं उसे रिक्वेस्ट करने लगा कि मैं एक बार तुम्हारे बूब्स को  छू लूं, थोड़ी देर रिक्वेस्ट करने के बाद उसने कहा चल ठीक है छू ले पर तू उसके बाद घर चला जाएगा ना मैंने कहा पक्का ठीक है, मैंने उसको अपनी ब्रा उतारने को कहा उसने उतार दी जैसे ही मैंने उसके बूब्स को छुए यह मेरी लाइफ का सबसे अलग एहसास था…

Kamuk Kahania मेरा लंड मैडम का साथी

मैं उसके बूब्स को सेलाता गया, मेरे सैलाने से उसने अपनी आंखें बंद कर रखी थी मैंने यह मौका देखा और उसके होठों पर किस करने लगा, उसने मुझे मना किया पर मैंने उसको जबरदस्ती नीचे दबाकर चूसने लगा, अब मुझे एहसास हो रहा था कि वह भी गरम हो रही है, अब उसके भी मुंह से  हम हम हम की आवाजें आने लगी थी, थोड़ी ही देर में मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए, वह मेरे सामने एक खुली तिजोरी की तरह थी एकदम नंगी फिर उसने कहा सुनील अब मत रुको अब तो मुझे दे ही दो, फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए उसने जैसे ही मेरा लंड देखा उसने कहा यह बहुत बड़ा है इससे मुझे दर्द होगा मैंने कहा कुछ नहीं होगा बस और ही ज्यादा मजा आएगा, फिर वह मेरे लंड को चूसने लगी, अब मुझे परम आनंद प्राप्त हो रहा था..

थोड़ी देर बाद वो बोली भाई अब नहीं रुका जा रहा अब जल्दी से इसे मेरी चुत में डाल दो मैंने अपना लंडउसकी चुत पर रखा हो और एकदम से ही उसके अंदर पूरा का पूरा घुसा दिया, वो जोर से चिल्लाई और बोली ओ भाई जरा आराम से डालो, फिर मैंने उससे घोड़ी बनाया और उसको तब भयंकर चोदा ना कि क्या बताऊं, फिर उसे उल्टा लेटा कर चोदा, फिर मैं सीधा सो गया फिर उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चुत में देकर ऊपर नीचे होने लगी, उस दिन मैंने उसे लगभग 15 मिनट तक खतरनाक तरीके से चोदा…

उसके बाद मैंने अब अपना मुंह खोलो वह मना करने लगे कि नहीं मैं तुम्हारा दूध अपने मुंह में नहीं दूंगी मुझे उल्टी आती है मैंने कहा नहीं यह तो लेना ही पड़ेगा, फिर मैंने कहा या तो मुंह में ले लो वरना मैं तुम्हारी चुत में छोड़ दूंगा तो तुम प्रेग्नेंट हो जाओगी, तभी उसने कहा नहीं चुत में मत छोड़ना मैं मुंह में ले लूंगी, फिर मैंने उसका मुंह अपने दूध से भर दिया फिर उसको जो जबरदस्ती पिला दिया , अब तक तो उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी उसे अब उठा भी नहीं जा रहा था फिर मैंने कहा भगवान तुम्हारी जैसी बहन सबको दे जो अपने भाई की इच्छा पूरी करें, फिर उसने कहा कि भैया अगली बार जब भी आओ ना तो कंडोम लेकर आना ऐसे प्रेग्नेंट होने का डर रहता है मैंने कहा चलो ठीक है उसके बाद मैंने उसे बहुत बार चोदा अभी तक मैं लगभग उसको भी 25 से 30 बार चोद चुका हूं

दोस्तों अगर मेरी यह सच्ची घटना पसंद आई हो तो स्टोरी को लाइक कर देना और अपने जिगरी दोस्तों तक भी भेजें.. धन्यवाद

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बहन की चूत का दीवाना https://sexstories.one/behan-ki-chut-ka-diwana/ Tue, 30 Nov 2021 10:05:45 +0000 https://sexstories.one/?p=4539 मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी..

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Behan Ki Chut Ka Diwana मै आपका दोस्त रविराज फ़िर से हाजीर हो गया हूँ एक नई कहानी लेकर। आपको ये कहानी जरुर पसंद आयेगी, में ऐसी उम्मीद करता हूँ। तो दोस्तो छुट्टीयों के दिन थे। गर्मी का मोसम चल रहा था। मेरी मौसी की लडकी सुमन छुट्टीया मनाने के लिये हर साल हमारे घर आती थी। सो इस साल भी वो आ गयी थी। इधर मेरी दीदी ने मुझे चोदने का चस्का लगा रखा था। एक भी दिन हमे चोदे बिना नहीं रहा जाता था । एक दिन खाना नहीं मिले तो चलेगा मगर मुझे हर रोज चूत चाहिये थी। मे इतना चुद्दक्कड बन गया था।

ये सब दीदी की मेहरबानी थी। मै हर रोज मेरी दोनो बहनों को चोदता था। कभी-कभी छोटी दीदी अपने लिये कोई नये लंड का इंतजाम कर लेती थी, पर मेरी बड़ी दीदी को सिर्फ़ मेरा लंड पसंद था। शायद उसने मेरे अलावा किसी ओर का लंड ना लेने की कसम खा रखी थी। ऐसे देखा जाये तो उसकी ये बात एक दम सही भी थी उसे जब चाहे घर मे बडी आसानी से मेरा लंड मिल जाता था। जिस दिन सुमन हमारे घर आयी थी। उस दिन हमे पूरा दिन बिना चोदे गुजारना पड़ा। न ही मै मेरी किसी भी दीदी के बोब्स दबा सका, और ना ही चूस सका। पूरा दिन ऐसे ही गुजर गया। फ़िर रात मे हम तीनो भाई- बहन ने खूब मजे लिये। पूरे दिन की कसर पूरी कर ली। पर सब कुछ बिल्कुल चुपचाप। ना कोई बात ना कोई शोर। एक दम सन्नाटा।

क्योंकी सुमन सोने के लिये हमारे कमरे मे आयी थी। कुछ देर बाद स्वाती दीदी ने मेरी तरफ मुहँ किया और मेरा हाथ पकडकर अपने चूचियों पर रख दिया। मै धीरे-धीरे उसके चूचीयाँ मसलने लगा, कुछ देर बाद मैने दीदी की एक चूची मुहँ मे लिया और चुसने लगा। और एक हाथ से दूसरी चूची दबाने लगा। उधर नेहा दीदी सुमन को बातों मे उलझा रही थी। कि उसका ध्यान हमारी तरफ़ ना आये। फ़िर मैने मेरी एक उंगली स्वाती दीदी की चूत मे डाल दी। और उसे धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। दीदी भी नीचे से गांड हिलाकर मेरा साथ देने लगी। फ़िर मैने दीदी की चूत मे दो उंगलिया डाल दी। और उन्हे अंदर-बाहर करने लगा। स्वाती दीदी अब बहुत गर्म हो गयी थी। उसकी चूत पानी छोड रही थी। दीदी से अब रहा नहीं जा रहा था। उसी करवट पर दीदी ने मेरा लंड अपनी हाथ मे पकडकर अपनी चूत पर लगा डाला। मैने मेरा मुहँ दीदी के मुहँ पर रखा और अपना पुरा लंड दीदी की चूत मे धकेल दिया। दीदी ने भी मेरा पूरा लंड अंदर लिया और कुछ देर तक उसे अंदर ही भींच लिया। और मेरा लंड अपनी टांगों के बीच दबाने लगी।

मुझे अच्छा महसूस हो रहा था। लेकिन मै दीदी के ऊपर चढकर उसे जोर-जोर से चोदना चाहता था। लेकिन हमारे कमरे मे सुमन के होने की वजह से हम ऐसी पोजीशन नहीं ले सकते थे। और मुझे दीदी को उसी पोज मे चोदना पड रहा था। ऐसा चोदने मे इतना मजा तो नहीं आ रहा था, लेकिन क्या करे हमारी मजबूरी थी। आदमी को एक ही स्टाइल मे भी मजा आता है क्या? लेकिन मजबूरी थी। मैने दीदी से धीरे से कहा,”दीदी सुमन का कुछ तो बंदोबस्त करना पडेगा।” मेरे राजा तू उसकी भी चूत मारना चाहता है क्या?” दीदी बोली। ऐसा तो मैने सोचा भी नहीं था। मैने कहा,”क्या दीदी सुमन भी मुझसे चुदवा लेगी?” तो दीदी बोली, “हाँ मेरे राजा, हर लडकी किसी-ना किसी से चुदवा ही लेती है। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि उसने अभी तक किसी से चुदवाया है।” मै बोला, “दीदी फ़िर तो वो मुझसे चुदवायेगी। क्या तुम कोशिश करके देखोगी।”

दीदी बोली “मै कुछ चक्कर चला कर देखती हूँ। अगर बात बनती है तो तूझे सुमन की भी चूत मिलेगी।” मैने कहा,”फ़िर तो दीदी कुछ बात बनती हें। कोशिश करके जरुर देखो, मुझे पूरा विश्वास है तुम उसे चुदने के लिये तेयार कर सकती हो। “तो दीदी बोली,” हाँ मेरे राजा भैय्या, मुझे भी अलग-अलग स्टाईल से चुदवाने की आदत है, ऐसे बिस्तर मे चुदवाने मे मुझे भी बिल्कुल मजा नहीं आ रहा है। और अगर सुमन को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी, वो सबको बता देगी कि हम सगे भाई-बहन चुदाई करते है। फ़िर क्या होगा। ये सोच के मुझे तो डर लग रहा है।” मैने कहा,” हाँ दीदी तुम्हारी बात तो एकदम सही है। अगर सुमन हमारा साथ देती है तो फ़िर कोई बात नहीं। कहते है ना चोर-चोर मोसेरे भाई।” ”तू तो बहुत बडी-बडी बाते करता है रे। “दीदी ने कहा। मै चुप हो गया। और दीदी को चोदने लगा। थोडी देर बाद हमारा राउंड पूरा हो गया। हमारा काम होने के बाद मै पेशाब करने बाथरुम चला गया। और स्वाती दीदी ने सुमन दीदी की तरफ़ मुहँ फ़ेर लिया। दीदी जान गयी थी कि हमारी राउंड पूरा हो गया है। अब मजे लेने का नंबर नेहा दीदी का था। मै बाथरुम से आ गया, और सोने के लिये अपनी जगह गया तो स्वाती दीदी बोली, “राज, तुम नेहा कि तरफ सो जाओ।

मुझे बहुत गर्मी हो रही है। सच तो वो ये कहना चाहती थी की, राज तुम अब नेहा की चुदाई करो। मै समझ गया।

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मेरे कुछ बात करने से पहले ही सुमन ने स्वाती दीदी के पेट पर हाथ रख कर सोने की कोशिश करने लगी। मै नेहा दीदी के पास मे जाकर बैठ गया। और चद्दर के अंदर हाथ डाल कर दीदी के चूचीयाँ ढुंढ रहा था। मैने पाया की दीदी चद्दर के अंदर एकदम नंगी सोयी थी, मेरे लंड के इंतजार मे। मैने धीरे से उसके चूचीयाँ सहलाने लगा। तो वो बोली पूरी पिच गीली है, तुम डायरेक्ट बैटिंग करो। मै दीदी के चद्दर मे घुस गया। मैने देखा उसकी चूत गीली हो गयी थी। हमारी (मेरी और स्वाती दीदी की) चुदाई का कार्यक्रम नेहा दीदी को मालुम था। हमारे बिस्तर मे होने वाली हलचल उसने महसुस की थी। देर ना करते हुये नेहा दीदी ने मेरा लंड पकडा, और सीधा अपने चूत के मुहँ पे लगा दिया।

और क्या बताऊ दोस्तों मै फ़िर जोर से नेहा दीदी पे टूट पडा। लगभग चालीस मिनिट तक मै दीदी कि चूत ठोकता रहा। बिल्कुल एक राक्षस की तरह मैने नेहा दीदी कि चूत चोद दी। उधर स्वाती दीदी बिलकुल शांत सो रही थी। उसकी बाजु मे सुमन भी सो गयी थी। और मैने नेहा दीदी कि चूत को भी ठंडा कर दिया था। मै भी नेहा दीदी की चूत पे हाथ रखकर वही पर सो गया। अब मुझे इतजार था की कल की सुबह का, और देखना ये था की दीदी सुमन को चुदाई के लिये कैसे तैयार करती है। अब तो मेरी लाटरी निकलने वाली थी। मुझे मालूम था की मेरी बहना बहुत कमीनी किस्म की है। और वो जरुर सुमन को चुदने के लिये तेयार कर लेगी। मुझे मेरी दोनो दीदीयों पर पूरा भरोसा था। सुमन तो उभरा हुआ मस्त माल थी। उसकी चूचीयाँ बहुत बडी-बडी थी। नेहा दीदी से भी बडी। सुमन मेरे से एक साल बडी थी।

दूसरे दिन दोपहर का वक्त था। घर मे हम चारों के सिवा कोई भी नहीं था। मै बेड पर बैठकर कुछ पढ रहा था। और सुमन किताब देख रही थी। इतने मे नेहा दीदी और स्वाती दीदी बाहर से आ गयी और हम दोनो के आजु-बाजू मे बैठ गयी। थोडी देर मे स्वाती दीदी ने सुमन के चूचीयो को धीरे से दबाया। शायद सुमन को ये बात अच्छी नहीं लगी। उसने कहा “कुछ शर्म नाम की चीज भी है क्या?” वो गुस्से से बोली। मेरे अरमानों पर पानी फ़िरता हुआ नजर आ रहा था। स्वाती दीदी कुछ नहीं बोली। तो नेहा दीदी बोली,”क्यु इतना गुस्सा कर रही हो कोई न कोई तो तुम्हारी चूचियों के साथ खेलने वाला ही है। तो स्वाती ने दबाया तो क्या हो गया। इसमे गैर क्या है, हर लडकी की चूचीयाँ कोई ना कोई तो मसल ही देता है, और इससे तो हमे मजा भी मिलता है। “सुमन बोली,”तुम दोनो भी पागल हो गयी हो। सामने छोटा भाई बैठा है फ़िर भी तुम्हे शर्म नहीं आ रही है।” स्वाती दीदी बोली, “ये महारानी तू छोटा किसे बोल रही है। हमारा भाई तो अब बडा हो गया है।” सुमन बोली, “हाँ हो गया है तो शादी कर दो ना। हम भी देखते है हमारी भाभी कैसी होगी। “और सब हँसने लगे। थोडी देर मे, मै बाहर चला गया। घर मे नेहा दीदी, स्वाती दीदी और सुमन बैठकर बाते कर रही थी उन्हे बात करने मे आसानी हो जाये इस लिये मै बाहर चला आया था।

लगभग आधे घंटे बाद मै बेडरुम के अंदर जा रहा था तो मुझे कुछ जानी-पहचानी आवाज सुनाई पडी। जो आवाज मै हर दिन हर रात दीदी की चुदाइ करते वक्त आती थी। मैने धीरे से बेडरुम मे झांक के देखा तो नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन के साथ वही खेल खेल रही थी। नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन को चुदाई का सबक पढा रही थी। स्वाती दीदी ने बेडरुम के दरवाजे मे मुझे देखा तो हाथ से ईशारा करके मुझे अंदर बुला लिया। किसी के भी अंग पर कोई भी कपडा नहीं था। मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी। वो बहुत उत्तेजित हो गयी थी। और उसकी दीदी अब बहुत गिली हो गयी थी। उसकी दीदी से चिप-चिपा सा पानी निकल रहा था। स्वाती दीदी ने मुझे सुमन के दो टांगों के बीच बैठने का ईशारा किया। मै सुमन के दो टांगों के बीच बैठ गया। आगे क्या करना था ये मै पहले से ही जानता था। अब तो मै चुदाई मास्टर बन गया था।

मैने अपना लंड सुमन की चूत पे लगाया, तो वो बोली, “नहीं राज ये पाप है, तुम रिश्ते मे मेरा भाई लगता है। झट से,, स्वाती दीदी बोली चुदाई के रिश्ते मे कोई किसी का भाई नहीं लगता है। और ना ही कोई किसी की बहन लगती है। चूत और लंड का रिश्ता तो सिर्फ़ चुदाई का है। सुमन अब बहुत गर्म हो गयी थी। वो अजीब-अजीब आवाजे निकाल रही थी। मैने इसी बात का फ़ायदा उठाया और सुमन की दीदी मे अपना लंड घुसाने लगा। मगर मेरा लंड तो उसकी दीदी मे नहीं जा रहा था। मैने बहुत कोशिश करके देखा पर सब मेहनत बेकार थी। उसकी दीदी बहुत कसी हुई थी। और मेरा लंड बहुत बडा था। जब मै नाकाम रहा तो, सुमन से रहा नहीं जा रहा था, तो उसने मेरा लंड अपने हाथ मे लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकडा, वो बोली, “हाय राम इतना बडा लंड है तेरा, तू तो मेरी चूत फ़ाड ही डालेगा। प्लीज मुझे छोड दो। मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है।

फ़िर मुझे नेहा दीदी ने अपने ऊपर लिया। और स्वाती दीदी तेल लाने के लिये किचन मे नंगी ही चली गयी। इधर मेरा और नेहा दीदी का रोमांन्स चालू हो गया। हमारा खेल देखकर सुमन भी मीठी आहे भरने लगी। स्वाती दीदी तेल लेकर आ गयी और उसने सुमन की चूत पर ढेर सारा तेल डाल दिया। नेहा दीदी ने मुझे अपने ऊपर से उतारा और मै फ़िर एक बार अपना लंड सुमन के चूत मे डालने की कोशिश करने लगा। इसके पहले सुमन ने कभी नहीं चुदवाया था। ये उसकी पहली बार थी। इसलिये उसे काफ़ी दर्द महसुस हो रहा था। थोडी ही देर मे मेरा थोडा सा लंड सुमन की चूत मे प्रवेश कर गया। सुमन जोर से चिल्लाई पर घर पर उसकी चीख सुनने वाला कोई भी नहीं था। उसकी मदद मेरी दोनो बहने कर रही थी। मैने धीरे से एक झटका लगाया, तो मेरा पुरा का पुरा लंड सुमन की चूत मे चला गया। उसकी चूत से गरम खून का निकल गया। खून देखकर सुमन बहुत डर गयी। पर स्वाती दीदी ने उसे समझाया हर लडकी को इस दोर से एक दिन गुजरना ही पडता है। वो बाते कर रही थी तो मै धीरे-धीरे धक्के लगा रहा था।

अब सुमन का दर्द थोडा सा कम हो गया था। और उसे भी मजा आ रहा था। मुझे मेरी दोनो बहनों की सील तोडने का मोका तो नहीं मिला था पर उनकी वजह से मैने आज मेरी मोसेरी बहन की सील को तोड दिया था। सुमन काफ़ी खुश थी। उसके बाद मैने नेहा दीदी को चोदा और फ़िर स्वाती दीदी को भी चोदा। मेरे लंड मे अब मुझे दर्द महसुस हो रहा था। आज मैने तीन –तीन चूतो को एक साथ चोदा था। चौथे राउंड मे फ़िर एक बार सुमन कि चूत ले ली। उस दिन से हम तीनो मिल के जब हमे मौका मिले तब चुदाई करते रहे। उस दौरान मेरी दीदी ने सुमन को चुदाई के बहुत सारे तरीके सिखा दिये। हम बहुत मजे लेते रहे। किसी का कोई टेंशन नहीं। घर की बात घर मे। हम लोग बहुत खुश है। मेरी दोनो बहनों की तो शादी हो गयी है लेकिन सुमन अभी कुंवारी ही है। उसकी चूत के लिये मेरा लंड तेयार है। जब मेरा दिल करता है मै मौसी को मिलने के बहाने से उनके गांव जाता हूँ। और सुमन की जी भर के चुदाई करके वापस आ जाता हूँ। और सुमन भी हमारे घर आकर एक महीना रहती है।

उस महीने मे, हम पिछ्ला पूरा हिसाब बराबर कर देते है।

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