antharavasna Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/antharavasna/ Hindipornstories.org Sat, 30 Oct 2021 10:32:12 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मौसी की लड़की के नंगे बूब्स https://sexstories.one/mausi-ki-ladki-ke-nange-boobs/ Sat, 30 Oct 2021 10:32:12 +0000 https://sexstories.one/?p=3203 मैंने उसकी गांड पर एक ज़ोर का तमाचा मारा। अब उसकी गोरी गांड लाल हो गयी थी, अब वो जोर-जोर से चीखने लगी थी। फिर मैंने उससे कहा कि चुपकर में स्वर्ग की सेर कर रहा हूँ और तू मुझे टोक रही है रंडी, तो फिर उसने मुझे सॉरी कहा। फिर मैंने उसको ब्लोजोब के लिए कहा...

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Mausi Ki Ladki Ke Nange Boobs : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पप्पू है और मेरी उम्र 28 साल है। में भुवनेश्वर का रहने वाला हूँ। ये कहानी मेरी और मेरी कज़िन की है, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी ये स्टोरी जरुर पसंद आएगी और अब वक़्त बर्बाद ना करते हुए में सीधा स्टोरी पर आता हूँ। मेरी कज़िन का नाम श्रुति है, जो कि उम्र में मुझसे 2 साल छोटी है। उसका फिगर साईज 36-32-36 है और उसके बूब्स और गांड किसी के भी लंड से पानी निकाल सकते है, वो बहुत खूबसूरत तो नहीं है, लेकिन फिर भी मेरा पहला प्यार है। में उसे सिस बुलाता हूँ और हम दोनों बचपन के खेल में पति पत्नी हुआ करते थे, शायद वो ये बात भूल गयी होगी, लेकिन में कभी नहीं भूला। उसको याद करके में हर दिन मुठ मारता था और उसके घर में वो 4 लोग थे मौसा, मासी, उसकी बड़ी बहन स्वाती और वो।

अब उन सभी को उसकी दादी की अस्थियाँ विसर्जन करने के लिए हरिद्वार जाना था, लेकिन सिस के एग्जॉम के चलते उसको घर पर ही रुकना पड़ा। अब उसकी सारी जिम्मेदारी हमारे परिवार पर ही थी, लेकिन हमारे घर में जॉइंट फेमिली थी, तो उसकी पढ़ाई का नुकसान हो सकता था इसलिए मुझे उसके घर पर रुकना पड़ा। फिर जिस दिन उसके घरवाले हरिद्वार के लिए निकल गये तो में उसके घर पहुँचा। फिर उसने कहा कि भैया तुम टी.वी देखो, मुझे पढ़ना है। फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हें कुछ परेशानी हो तो पूछ लेना, तो उसने कहा कि ओके। फिर में टेबल पर उसकी दूसरी साईड पर बैठ गया। अब वो झुककर पढ़ाई कर रही थी और मुझे सुबह-सुबह उसकी क्लीवेज के दर्शन हो गये थे। अब मेरा लंड खड़ा हो गया था, मेरा मन तो करता था कि वही उसके कपड़े फाड़ दूँ, लेकिन मेरी मजबूरी थी।

फिर उसने मुझे चाय दी और नहाने चली गयी। फिर वो वापस आकर फिर से पढ़ाई करने लगी और मुझे फिर से उसकी क्लीवेज दिखने लगी। अब मेरा लंड फिर से तन गया था तो में बाथरूम में चला गया। अब वहाँ पर उसकी ब्रा और पेंटी रखी थी, तो मैंने उसी में मूठ मार दी। फिर जब में वापस आया, तो मेरा फोन उसके हाथ में था। फिर वो मुझे देखकर बोली कि भाई तुम बहुत गंदे हो, तुमने कितनी गंदी वीडियो रखी हुई है। अब में थोड़ा घबरा गया और बोला कि ये मेरा दोस्त का मेमोरी कार्ड है। फिर उसने पूछा कि क्या तुम हमेशा इसे देखते हो? तो मैंने कहा कि हाँ मज़बूरी है, हम बिना शादीशुदा लोगों की यही तो लाइफ लाईन है। फिर उसने कहा कि छी आप बहुत ही बेशर्म हो, कोई अपनी कज़िन के साथ ऐसी बात करता है क्या? अब मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी थी और मैंने सोचा कि ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलेगा। फिर मैंने उससे कहा कि इसमे बेशर्मी की क्या बात है? ये तो सब करते है, तुम भी करती होगी। फिर वो थोड़ा शर्मा गयी और बोली कि नहीं में तुम्हारी जैसी नहीं हूँ।

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में : तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?

सिस : नहीं।

में : कभी ब्लू फिल्म देखी है।

सिस : फिर वो शर्माकर बोली कि हाँ 1-2 बार देखी है।

में : फिर मैंने कहा कि अभी देखोगी? मेरे पास अच्छी ब्लू फिल्म है।

सिस : नहीं, मुझे शर्म आएगी।

में : इसमें शरमाने की क्या बात है? कल तुम्हारी शादी होगी और तुम्हें कुछ पता भी नहीं होगा।

फिर में ये कहकर उसके पास चला गया और अपने मोबाईल पर ब्लू फिल्म चालू कर दी। अब वो उठकर जाना चाहती थी, लेकिन में उसे बैठाकर ब्लू फिल्म दिखाने लगा। उसमें एक लड़का लड़की की जमकर चुदाई कर रहा था, अब वो गर्म होने लगी थी और फिर उसकी नज़र मेरी पेंट पर गयी, तो वो हँसने लगी और बोली कि आप तो बड़े बेशर्म हो, मेरे सामने ही तंबू बना डाला। अब उसकी बात सुनकर में और गरम हो गया था। फिर वो उठकर बाथरूम में चली गयी और शायद अपनी चूत में उंगली करने के लिए, लेकिन वो तुरंत गुस्से से लाल होकर चिल्लाने लगी।

सिस : आपने बाथरूम में मेरे कपड़ों पर क्या किया है?

में : कुछ भी नहीं, मैंने क्या किया?

सिस : झूठ मत बोलो, में जानती हूँ आपने क्या किया है? आपको शर्म नहीं आई मेरे कपड़ो पर ये सब करते हुए।

में : सॉरी, वो तुम झुककर बैठी थी तो मुझसे रहा नहीं गया।

सिस : क्या तुम ऐसा हमेशा करते हो?

में : नहीं, जब मेरी गर्लफ्रेंड थी तो नहीं करता था, लेकिन ब्रेकअप के बाद बस यही सहारा है।

सिस : क्या तुम रोज करते थे?

में (नादान बनकर) : क्या करता था?

सिस (शर्माकर) : सेक्स।

में : हाँ, रोज़ दो बार।

सिस : ऑम्ग, उसे बहुत दर्द होता होगा ना।

में : तुम्हें कैसे पता?

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सिस : अरे नहीं, में तो वर्जिन हूँ, लेकिन मेरी दोस्त मुझे बताती है, वो उसके बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स करती है।

फिर मैंने सोचा कि इस वर्जिन माल से घबराना नहीं चाहिए और अचानक उसके गले लग गया और रोने लगा, में बहुत अकेला हो गया हूँ प्लीज तुम मुझे बचा लो, तुम प्लीज मेरी प्यास बुझा दो। अब वो मुझसे छुड़ाने लगी थी, लेकिन अब में उसे कहाँ छोड़ने वाला था। अब वो वैसे भी ब्लू फिल्म देखकर गर्म हो गयी थी। फिर में ज़बरदस्ती उसके लिप्स चूसने लगा, अब वो पहले अपने आपको छुड़ाने लगी थी, लेकिन फिर वो मेरा रेस्पॉन्स देने लगी थी। अब वो मेरी ज़ुबान को चूस रही थी और अब हम अपना थूक एक्सचेंज करने लगे थे। फिर अचानक से में उसकी ड्रेस में अपना हाथ डालकर उसके बूब्स दबाने लगा। अब वो सिसकियाँ लेने लगी थी और अब में पुराना पापी और वो पुरानी प्यासी या सेक्स की दासी हो चुकी थी। फिर हमारे होंठ अलग हुए और फिर मैंने उसकी कमीज़ निकालकर फेंक दी और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स चूसने लगा। फिर उसने खुद अपनी ब्रा निकाल दी, अब मेरे सामने मेरे सपनों की रानी के नंगे बूब्स थे।

अब में पागल हो गया था। फिर में उसे उठाकर बेडरूम में ले गया और बेड पर पटक दिया। फिर में उसके ऊपर चढ़कर सीधा उसके बूब्स पर टूट पड़ा, अब कभी में उसके बूब्स को चाटता तो कभी चूसता, तो कभी काट देता। अब वो जोर-जोर से सिसकारी ले रही थी और बोल रही थी आ भैया खा जाओ मेरे बूब्स, इन्हें दबाओ और दबाओ, चाटो, चूसो और प्यार करो, ऊओह आआहह मुझे अपनी बीवी बना डालो, अब मेरा सब कुछ तुम्हारा है आअहह भैया। अब उसकी बातें सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया था तो मैंने उसकी स्कर्ट और पेंटी भी खोलकर फेंक दी।

अब मेरे सपनो की मल्लिका मेरे सामने पूरी नंगी थी। अब में पागल हो रहा था और वो मधहोश हो रही थी। अब उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, फिर मैंने अपनी ज़ुबान उसकी चूत के ऊपर रखी, तो वो सिसक उठी और में उसकी चूत के दाने को चाटने लगा। अब वो पागलों की तरह चिल्लाने लगी और मेरे फेस को अपने दोनों पैरों से जकड़ने लगी थी। फिर वो अंगड़ाई लेते हुए झड़ गयी और में उसका सारा जूस पी गया। फिर मैंने उसको उल्टा किया तो अब मेरे सामने मेरे बरसो की मूठ प्रेरणा थी उसकी मटकती रसीली गांड। फिर में पूरा नंगा हो गया और उसकी गांड को दबाने लगा, चाटने लगा, चूसने लगा और अपनी जुबान उसकी गांड के छेद में डालने लगा, तो वो बोली कि आप बहुत गंदे हो।

फिर मैंने उसकी गांड पर एक ज़ोर का तमाचा मारा। अब उसकी गोरी गांड लाल हो गयी थी, अब वो जोर-जोर से चीखने लगी थी। फिर मैंने उससे कहा कि चुपकर में स्वर्ग की सेर कर रहा हूँ और तू मुझे टोक रही है रंडी, तो फिर उसने मुझे सॉरी कहा। फिर मैंने उसको ब्लोजोब के लिए कहा तो वो मना करने लगी। फिर मैंने उसकी गांड पर एक और ज़ोर का तमाचा मारा तो वो रोने लगी। फिर मैंने ज़बरदस्ती अपना लंड उसके मुँह में घुसा दिया। फिर उसने बोला कि मुझे नहीं आता। फिर मैंने उससे कहा कि जैसे लॉलीपोप चूसते है वैसे चूस मेरी चूत की रानी। फिर वो मेरा लंड चूसने लगी। अब में सातवें आसमान पर था। फिर थोड़ी देर के बाद में उसके मुँह में ही झड़ गया और उसे अपने लंड का सारा वीर्य पिला दिया। फिर मैंने उसको बेड पर सुलाकर उसकी दोनों टाँगे फैलाई तो उसने कहा कि भैया अब मेरे सैयां बन जाओ, आज से तुम मेरे पति बन जाओ और में तुम्हारी बीवी बन जाऊं।

फिर मैंने देरी ना करते हुए एक ज़ोर का झटका दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। अब वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी प्लीज इसे बाहर निकालो, में मर जाउंगी, ऊओहह प्लीज बाहर निकालो। फिर मैंने उसको होंठो को अपने होंठो से लॉक कर दिया और उसके बूब्स मसलने लगा। अब उसकी आँखों से आँसू आ रहे थे, फिर कुछ देर के बाद वो नॉर्मल हुई और मेरा साथ देने लगी। अब वो बडबडाने लगी थी चोदो मेरे भैया, उफ्फ्फ सॉरी मेरे सैयां, मेरे पति मेरे मालिक, फाड़ दो अपनी बीवी की चूत, खा जाओ मेरे बूब्स। अब में जोश में आकर उसे ज़ोर-जोर से चोदने लगा और फिर हम एक साथ झड़ गये। फिर मैंने देखा तो अब बेडशीट उसके खून और हम दोनों के वीर्य से भरी हुई थी। अब उससे चला भी नहीं जा रहा था, फिर में उसको उठाकर बाथरूम में ले गया और नहलाया।

फिर उस रात हमने और 2 बार सेक्स किया और फिर मैंने उसकी गांड भी मारी ।।

धन्यवाद …

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ससुराल वालों की खातिरदारी https://sexstories.one/sasural-walon-ki-khatirdari-xxx/ Tue, 26 Oct 2021 06:41:24 +0000 https://sexstories.one/?p=3171 दिब्या जल्दी से उठी और बाथरूम में घुस गई तो मैं भी दबे पाँव पाँव बाथरूम में घुस गया तो देखा कि दिब्या पेसाब कर रही थी दिब्या कि चूत से पेसाब करने कि इस तरह से आवाज निकल रही थी स्सी स्सीस्सीस्सीस्सीस्सी जैसे ही दिब्या ने मुझे देखा तो साड़ी से अपना मुह ढक लिया...

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Sasural Walon Ki Khatirdari xxx बात जनवरी २००९ कि है जब मेरी सासु जी और साली साहिबा मेरे यहाँ आई और शिर्डी साईं बाबा के दर्शन कि इच्छा जाहिर किया तो मैं और मेरी पत्नी ,सासु ,साली जी शिर्डी के लिए चल दिए ,दिब्या कि उम्र ३० साल के आसपास होगी जबकि मैं करीब ४२ साल का हु ,दिब्या बहुत ही आधुनिक खयालात कि और बहुत ही सुन्दर हल्की सा सावला रंग , गोल मटोल चेहरा ,मांसल सरीर गदराया वदन ,हमेशा ही कट बाह, बड़े गले का टाइट ब्लाउज पहनती है..

जब भी मैं ससुराल जाता हु दिब्या बहुत आव भगत करती है मेरा, एकात बार तो मेरे साथ बाइक में घूमेने भी जा चुकी है बाजार में काफी घुली मिली रहती है साली साहिबा को एक लड़का भी है करीब १८ माह का उसके कारण कई बार कार को रस्ते में रोकना पड़ा इस कारण हैम थोड़ा लेट हो गए और करीब ९ घंटे का सफ़र करने के बाद हम साम को ८ बजे शिर्डी से १८ किलोमीटर पहले एक छोटे से कसबे में एक होटल में रुक गए क्योकि शिर्डी में होटल बहुत महगे है होटल में हमें दो डबल बेड वाला रूम लिया हैम सभी ने खाना खाया और रात के ९ बजे के लगभग सोने कि तैयारी करने लगे..

एक बेड में मैं लेट गया और एक बेड ये तीनो (सासु जी और मेरी साली और पत्नी) मेरी पत्नी अपने माँ के कारण सरम के मारे मेरे साथ नहीं सोई और साली व सासु को मेरे साथ सोने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता मैंने तो कम्बल ओढ़ा और सो गया क्योकि जनवरी का महीना था और ठण्ड अच्छी पड़ रही थी |

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रात में करीब ११.३० बजे मेरी नीद खुल गई क्योकि साली का लड़का रोने लगा क्योकि तीन तीन ओरते सोई थी इस कारण जगह कि कमी पड़ती थी बालक इस कारन रोने लगा तो मेरी सासु माँ ने मेरी पत्नी से कहा कि जा सो जा उस पलंग में यहाँ जगह कम है तो मेरी पत्नी ने मन कर दिया क्योकि कि ओ बहुत गहरी नीद में थी और ओ जब नीद में होती है तो जल्दी से नहीं उठती मेरी पत्नी ने साली को बोला कि दिब्या तू जा ना क्यों परेसान कर रही है प्रज्वल {साली के लड़के का नाम प्रज्वल है}को साली ने थोड़ा ना नुकूर करने के बाद करीब ११.४५ पर मेरे बेड पर आ गई मैं तो जाग गया था पर सोने का नाटक कर रहा था |

दिब्य ने हैम दोनों के बीच में अपने लड़के को सुला दिया और अपने कम्बल के साथ लड़के के साथ सोने लगी पर मैं जान बूझकर बीच बीच में उसके लड़के को करवट लेने के बहाने उसे दबा देता तो ओ रोने लगता कई बार ऐसा करने पर तो दिब्या ने लड़के को दूसरे किनारे पर लिटा दिया और फिर मेरे तरफ तरफ घूम कर सोने लगी मैं करीब रात में १.३० पर दिब्या को अपने कम्बल में ओढ़ा लिया और धीरे से बोला कि इतना नाटक क्यों कर रही थी पहले ही मेरे पास आ कर सो जाना था तुम मेरी पत्नी हो इसमें क्या संकोच था अब दिब्या तो सोयेगी नहीं मेरे साथ फिर इतना नाटक करने कि क्या जरुरत थी |

ये सब मैं जान बूझकर दिब्या से कह रहा था जिससे दिब्या ये समझे कि मैं उसे अपनी पत्नी समझ रहा हु दिब्या ने कोई जबाब नहीं दिया और चुपचाप कम्बल के नीचे सोई रही तो मैं कुछ देर बाद दिब्या को अपनी तरफ खीच लिया और कमर में हाथ डाल कर सीने से लगा लिया और बीच बीच में दिब्या के स्तनो को दबाने लगा दिब्या ने कोई बिरोध नहीं किया पर हलके से मेरे हाथ को अपने स्तन से हटा देती थी फिर मैं वापस स्तनो को दबाने लगता और मैं किस करने लगा दिब्या के होठो कि जोरदार किस करता और बीच बीच में दिब्या कि जीभ को अपने मुह में रख कर चूसने लगता अब दिब्या भी गर्म पड़ने लगी और अपने हाथ को मेरे कमर में डाल दिया और हलके हाथ से अपनी तरफ खीच लिया मैं समझ गया कि दिब्या को चुदाने का मन पड़ गया मेरे से पर उस समय कमरे में एक हल्का सा बल्ब जल रहा था हल्का सा उजाला था कमरे में मैं चुप चाप दबे पाँव उठा और उस बल्ब को भी बंद कर दिया अब कमरे में पूरा अन्धेरा छा गया
मोबाइल में देखा तो उस समय रात के २ बज रहे थे ,मैं वापस बिस्तर में आ गया और फिर से दिब्या के स्तन को दबाने लगा | पर मैं प्यूरी तरह से अनजान बना हुआ था मेरी नजरो में दिब्या मेरी पत्नी है और ये बात दिब्या भी समझ रही थी कि जीजा जी, जीजी समझ कर ये सब कर रहे है मैं मेरे नाटक में सफल हो रहा था ,मैं दिब्या कि साड़ी को जांघो से ऊपर खिसका दिया और जांघो को सहलाने लगा और धीरे से ब्लाउज और ब्रा का हुक खोल दिया तो स्तन आजाद हो गए तो मैं स्तनो को चूसने लगा

दिब्या अब मस्त गर्म पड़ गई सम्भोग के लिए ओ मेरे लण्ड को हाथ से पकड़ लिया तो मैं दिब्या कि पेंटी को निकालने लगा तो दिब्या ने अपने हाथ से ही पेंटी को निकाल दिया अब मैं दिब्या कि चूत को सहलाने लगा मस्त चिकनी चूत थी एक भी बाल नहीं थे चूत में लगता है ओ मन बनाकर ही आई थी कि जीजा जी का लण्ड लुंगी | दिब्या के मुह से हलके हलके सी अस्स आस्स आ आ उ उउउ उउउ के आवाज आने लगी और मेरे लण्ड को बार बार दबाने लगी तो मेरा ९ इंची लण्ड तड़प उठा चूत का रस पीने के लिए ।

मैं दिब्या कि साड़ी को उतारने के लिए खीचने लगा तो दिब्या ने साडी को हाथ से से मैं समझ गया कि ये साडी नहीं उतरना चाहती है तो मैं पूरी साडी को पेट के ऊपर और पीठ के नीचे खिसका दिया और दिब्या के ऊपर लेट गया और धीरे से अपने लण्ड को दिब्या कि चूत में घुसेड़ने लगा तो दिब्या कि चूत टाइट है मैंने धीरे से दिब्या के कान में नाटक करते हुए कहा कि भब्या [ मेरी पत्नी का नाम भब्या है ] आज टाइट क्यों है तो दिब्या ने कुछ नहीं कहा और मेरे गाल पर किस लेकर जोर से चिपका लिया मैं धीरे धीरे दिब्या कि चूत में लंड घुसेड़ने लगा दिब्य कि चूत सच में टाइट थी जब पूरा लंड को घुसेड़ दिया तो दिब्या मेरे पोड में हाथ लगाकर अपनी तरफ खीचने लगी मैं समझ गया कि ये झटके चाहती है तो मैं धीरे धीरे झटके मारने लगा बिना आवाज किये क्योकि मैं सोच रहा था कि कही मेरी पत्नी व सासु कि नीद नहीं खुल जाए |

मैं मजे से झटके मारते रहा दिब्या बड़े प्यार से मेरे मुह में ओठो में गालो में किस करती रही मैं बीच बीच में दिब्या के बड़े बड़े स्तनो को दबा देता कभी स्तनो को चूसने लगता दिब्या बड़े प्यार से चुदाती रही और दिब्या धीरे धीरे ऊऊऊऊऊआआआआसीएससी आह आह ऊ ऊ आए सी सी सी कि आवाज निकलती रही मैं झटके मरता रहा करीब ८ मिनट तक लगातार झटके खाने के बाद दिब्या सिथिल पड़ गई मैं समझ गया कि ये तो जहर चुकी है तो मैं जल्दी जल्दी झटके मारने लगा तो मैं भी स्खलित हो गया और ढेर सारा वीर्य दिब्या कि चूत में उड़ेल दिया

तो दिब्या जल्दी से उठी और बाथरूम में घुस गई तो मैं भी दबे पाँव पाँव बाथरूम में घुस गया तो देखा कि दिब्या पेसाब कर रही थी दिब्या कि चूत से पेसाब करने कि इस तरह से आवाज निकल रही थी स्सी स्सीस्सीस्सीस्सीस्सी जैसे ही दिब्या ने मुझे देखा तो साड़ी से अपना मुह ढक लिया और फिर पेसाब करके उठ गई तो मैं आस्चर्य भरी निगाह से दिब्या को देखने लगा और बोला कि ओह आप थी ,मैं तो सोचा कि तुम्हारी दीदी है और इतना कहने के बाद मैं दिब्या के मुह से कपड़ा हटा दिया और गाल में एक जोरदार किस किया और बोला कि बहुत मजे देती हो आप तो दिब्या कुछ नहीं बोली और मुस्कुरा कर चली गई मैं भी पेसाब किया व मोबाइल कि घड़ी कि तरफ देखा तो रात के २ बजकर ४५ मिनट हो रहे थे मैं चुपचाप जा कर अलग अलग कम्बल में सो गया दिब्या ने अपने लड़के को बीच में सुला दिया और भी सो गई ,सुबह कब हो गई पता ही नहीं चला जब मेरी पत्नी ने पाँव पकड़ कर हिलाया तो नीद खुली उस समय पर ८ बज रहे थे पत्नी ने झुझलाते हुए बोली कि सोने आये हो या दर्शन करने तो मैं उठा और बैठ गया मेरी पत्नी और सास दोनों नहा कर कम्प्लीट थी…

सासु ने दिब्या को आवाज दिया तो ओ भी उठ गई और चौक कर इधर उधर देखने लगी और कहने लगी कि मैं इस बिस्तर पर कब आई माँ , तो सासु जी ने कहा कि रात में प्रज्वल रो रहा था तब मैंने तुझे यहाँ सोने के लिए कह दिया था तो दिब्या कुछ नहीं बोली और मेरी तरफ देखते हुए हसने लगी और मेरी पत्नी कि तरफ घूम कर बोली कि दीदी आज मैं तुम्हारी जहग आ गई , तो मेरी पत्नी बोली कि चल उठ बाते नहीं बना तैयार हो जा दर्शन नहीं करना है क्या फिर मैं और दिब्या दोनों जल्दी जल्दी तैयार हो गए और ९ बजे मंदिर के लिए निकल लिए और मंदिर में जाकर लाइन में लग गए करीब १० बजे दिब्या के लड़के ने लेट्रीन कर दिया तो दिब्या ने कहा कि अब कैसे दर्शन करू इसने अशुद्ध कर दिया तो मेरी पत्नी ने कहा कि जाओ इसे बाहर से साफ़ करवा लाओ तब मैंने पूछा कि कपड़ा लाइ हो इसका दिब्या तो बोली कि नहीं तो मैं मेरी पत्नी से बोला कि जब दूसरा कपड़ा नहीं है तो क्या करेगे ऐसे ही दर्शन कर लो कोई मूर्ति थोड़े ही छू रही हो तो मेरी पत्नी ने कहा नहीं आप जाओ होटल से फिर से इसके कपडे बदलवा कर लाओ तो मैंने बोला कि बहुत समय लग जयेगा तब तक तुम क्या करोगी तो पत्नी ने कहा कि मैं कई बार आ चुकी हु मम्मी को दर्शन कराकर मैं बाहर मिल जाउगी तब मैंने बोला टीक है और इतना कहकर बाहर निकल गया दिब्या को साथ में लेकर बाहर आने के बाद मैं एक केमिस्ट कि दूकान से वियाग्रा १०० पॉवर कि एक पैकेट और कंडोम खरीद लिया और एक गोली वही केमिस्ट कि दूकान में खा लिया और फिर

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ट्रेनिंग के दौरान किया चुदाई https://sexstories.one/training-me-chodai/ Wed, 20 Oct 2021 05:34:11 +0000 https://sexstories.one/?p=3072 वह मुझे इतना समझा रही थी लेकिन मेरे दिमाग में कुछ भी बात नहीं घुस रही थी। मैं सिर्फ उसके होठों को देख रहा था और उसके बड़े बड़े स्तनों को देखे जा रहा था। मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और अपने नीचे दबोच लिया। वह छटपटाने लगी लेकिन मैंने उसके होठों को अपने होठों में..

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desi porn chodai kahani, hindi sex stories मेरा नाम सोनू है और मैं कक्षा 12वीं में पढ़ने वाला एक छात्र हूं। मेरी उम्र 17 वर्ष है और मैं अपने स्कूल का सबसे एक्टिव स्टूडेंट हूं। हमारे स्कूल में जितने भी प्रतियोगिताएं होती हैं उन सब में मैं हिस्सा लेता हूं और सब टीचर मुझे बहुत ही पसंद करते हैं। मुझे भी बहुत अच्छा लगता है जब मैं प्रतियोगिता में हिस्सा लेता हूं। मेरे पिताजी हमेशा ही मुझे कहते रहते हैं तुम बहुत ही अच्छे हो पढ़ने में इसलिए तुम अपनी पढ़ाई में पूरा ध्यान दिया करो। उसके बाद तुम किसी अच्छी प्रतियोगिताओं की तैयारी करना।

जिससे कि तुम एक अच्छी जगह पर नौकरी पा सको। एक बार हमारे स्कूल में खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन हमारे स्कूल के द्वारा किया गया। उसमें और स्कूलों से भी बच्चे आए हुए थे। उनके साथ में टीचर भी आई हुई थी। मैंने भी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया हुआ था। मैंने एक मैडम देखी तो वह मुझे बहुत ही सुंदर लगी और ना जाने मुझे उनकी तरफ अट्रैक्शन सा हो गया। अब मैं उनका नाम जानने के लिए उत्सुक हो गया। क्योंकि मैं किसी भी तरीके से उनका नाम जानना चाहता था। उनकी शादी नहीं हुई थी। मेरे स्कूल के टीचरों से मेरी बहुत ही अच्छी बातचीत थी तो मैंने अपनी एक मैडम से पूछा जिन मैडम ने पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई है क्या आप उन्हें जानते हैं। वह कहने लगे की हां उनका नाम मालती है।

मुझे उन मैडम का नाम पता चल चुका था और मैं बहुत ही खुश था। मैं जब अपने घर गया तो मैंने मालती मैडम को फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड कर दी लेकिन उन्होंने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नहीं की थी और मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट पेंडिंग में ही पड़ी हुई थी। अब हमारे स्कूल की प्रतियोगिताएं भी समाप्त हो चुकी थी। मैं चाहता था मालती मैडम से मेरी बात हो पाए। एक दिन उन्होंने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लिया और जब उन्होंने मुझसे पूछा क्या मैं तुम्हें जानती हूं। तब मैंने उन्हें बताया कि हां आप हमारे स्कूल में कुछ दिन पहले आई थी। अब हमारी बात मैसेजेस में ही होने लगी और वह मेरे बारे में पूछने लगी।

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मैं भी उनके बारे में पूछ लिया करता था। एक बार मैंने मालती मैडम से पूछा क्या आप मुझे ट्यूशन पढ़ा सकती हैं। मैं घर पर ही पढ़ाई कर रहा हूं। परंतु अब मैं चाहता हूं कि मैं इस वर्ष अच्छे अंको से पास हो जाऊं और उसके लिए मैं ट्यूशन पढ़ना चाहता हूं। वह कहने लगे कि मैं तुम्हें ट्यूशन पढ़ा दूंगी। उनके पास बहुत सारे बच्चे ट्यूशन पढ़ने आया करते थे और मैं भी उनके पास ट्यूशन पढ़ने के लिए चला गया। जब मैं उनके पास पहले दिन ट्यूशन पढ़ने गया तो उन्होंने मुझसे पूछा, तुमने अब तक अपने स्कूल में क्या पढ़ाई की है। मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया कि मैंने स्कूल में कितना पढ़ा है। अब वह शुरू से मुझे पढ़ाने लगी। जब भी मालती मैडम मुझे पढ़ाती तो मैं उनकी तरफ देखा करता था।

मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब मैं उनकी तरफ देखता जाता हूं लेकिन जैसे ही वह मुझे देखती तो मैं अपनी नजरें झुका लिया करता हूं। मुझे उन्हें देखकर शर्म लगती थी और अब ऐसे ही हमारी बात होती चली गई। वह मुझे बहुत ही अच्छा पढ़ाती थी। वह जब भी मुझे पढ़ाती तो मुझे सब कुछ समझ आ जाया करता। कुछ दिनों बाद उनकी इंगेजमेंट होने वाली थी और जब उनकी इंगेजमेंट हुई तो उन्होंने हमें मिठाई भी खिलाई थी। मुझे अंदर ही अंदर से बहुत बुरा भी लग रहा था और मैं सोच रहा था की काश मैं बड़ा होता तो मैं मालती मैडम से शादी कर पाता लेकिन मेरी उम्र बहुत ही कम है और वह मुझसे बड़ी थी। अब मेरा पढ़ाई में भी मन नहीं लग रहा था और मैं पढ़ाई भी नहीं कर पा रहा था। मालती मैडम मुझे बहुत डांट दिया करती थी और कहती थी कि तुम पढ़ाई में अपना ध्यान नहीं लगा रहे हो।

अगर तुम इसी तरीके से पढ़ते रहोगे तो तुम अच्छे नंबर नहीं ला पाओगे। मैं उन्हें कहता कि आजकल पता नहीं क्यों मेरा मन पढ़ाई में नहीं लग पा रहा है। मेरे दिमाग में बहुत सारी चीजें चल रही है इसकी वजह से मैं अच्छे से पढ़ भी नहीं पा रहा हूं। जब मैंने उनसे यह बात कही तो वह मुझे कहने लगी तुम मुझे बताओ तुम्हारे दिमाग में क्या चीज चल रही है। मैंने सोचा मैं इन्हें बताऊंगा तो मैडम को बुरा लग जाएगा लेकिन मैंने हिम्मत करते हुए उन्हें बताइए दिया कि आपके लिए मेरे दिल में कुछ फीलिंग है तो वह जोर जोर से हंसने लगी और कहने लगी अभी तुम्हारी उम्र बहुत कम है। तुम्हें पता नहीं है कि मेरी इंगेजमेंट हो चुकी है।

मैंने उन्हें कहा मुझे तो पता है लेकिन मेरे दिल में आपके लिए ऐसा कुछ हुआ तो वही मैंने आपको बताया। उन्होंने मुझे कहा कि अभी तो मैं बिजी हूं। तुम एक काम करना कल तुम थोड़ा जल्दी आ जाना। उसके बाद में मैं तुमसे इस बारे में बात करूंगी। अगले दिन जब मैं जल्दी चला गया तो मैडम मुझे कहने लगी तुम इन फालतू चीजों में मत पड़ो। तुम सिर्फ अपना ध्यान पढ़ाई पर रखो। वह मुझे बहुत ही ज्यादा समझा रही थी लेकिन मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। क्योंकि मेरे दिल में उनके लिए कुछ चीजें चल रही थी।

वह मुझे इतना समझा रही थी लेकिन मेरे दिमाग में कुछ भी बात नहीं घुस रही थी। मैं सिर्फ उसके होठों को देख रहा था और उसके बड़े बड़े स्तनों को देखे जा रहा था। मैंने उसे कसकर पकड़ लिया और अपने नीचे दबोच लिया। वह छटपटाने लगी लेकिन मैंने उसके होठों को अपने होठों में किस करना शुरू किया तो उसकी सारे समझदारी उसकी चूत मे चली गई और उसकी चूत से पानी टपकने लगा। अब मैंने उसके सारे कपड़े खोल दिया और उसके स्तनों को अपने मुंह में समा लिया। जब मैंने उसका बदन देखा तो वह बहुत ही ज्यादा गोरा और मुलायम था। मैंने उसके स्तनों को बहुत ही अच्छे से चाटा उसके स्तनों से थोड़ा बहुत दूध भी निकल रहा था। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो वह हैरान रह गई और उसने तुरंत ही अपने हाथों में मेरे मोटे लंड को ले लिया। उसने अपने मुंह के अंदर लंड को समा लिया।

Ghapaghap chodai लौड़े में दम नहीं फिर भी हम किसी से कम नहीं

मैंने भी इतना तेज धक्का मारा कि उसके गले के अंदर तक मेरा लंड चला गया। अब उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ चुकी थी मैंने उसके चूत के अंदर अपने लंड को जैसे ही डाला तो उसकी हालत खराब हो गई और वह बड़ी तेज आवाज में चिल्लाने लगी। मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था जब मैं उसे धक्के दिए जा रहा था। मैंने इतनी तेजी से उसे चोदना शुरू किया कि उसका पूरा शरीर हिलता जा रहा था और वह मुझसे कह रही थी सोनू तुम तो मुझे बहुत ही अच्छे से चोद रहे हो। उसने अपने दोनों पैरों को भी खोल लिया था अब वह बहुत ज्यादा मूड में आ गई तो मैंने उसे अपने लंड के ऊपर बैठा लिया। जैसे ही मैंने उससे अपने ऊपर बैठाया तो उसकी योनि के अंदर मेरा पूरा लंड जा चुका था। अब मैंने बड़ी तेजी से उसे धक्का देना शुरु कर दिया था और मेरा शरीर भी पूरा  गर्म होने लगा था।

वह भी पूरे मूड में आ गई मुझसे मालती मैडम के स्तनों को देखा नहीं जा रहा था और मैं उन्हें अपने मुंह में लेकर चूस रहा था। मैंने उन पर अपने दांत भी काट दिए थे जिससे कि मुझे बड़ा मजा आता और उन्हें भी बहुत आनंद आ रहा था। अब वह अपनी चूतड़ों को इतनी तेजी से ऊपर नीचे करने लगी कि मेरा लंड बुरी तरीके से छिल चुका था उनकी योनि भी बहुत बुरी तरीके से रगड़ रही थी। मुझे इतना मजा आ रहा था मैंने उनके होठों को किस करते हुए थोड़े समय बाद उन्हें घोडी बना दिया। मैंने जैसे ही उनकी योनि में अपने लंड को डाला तो वह चिल्ला उठी मुझे बहुत मजा आया जब मैंने उनकी योनि में अपने लंड को डाला।

वह भी अपने चूतड़ों को मुझसे सटाए जा रही थी और बहुत ही मजे ले रही थी। जैसे ही मैं उन्हें आगे की तरह  धक्के देता तो वह अपने चूतड़ों को पीछे कर लेती। उनके चूतड़ों से बहुत तेज फच फच की आवाज आ रही थी। उनकी बड़ी-बड़ी चूतडे मेरे हाथ में भी नहीं आ रही थी फिर भी मैंने उन्हें कस कर पकड़ा हुआ था। मुझे इतना मजा आ रहा था उन्हें धक्के देने में कि मेरा शरीर पूरा गर्मी छोड़ने लगा और उनकी योनि से भी आग निकलने लगी। मुझे प्रतीत हो गया कि थोड़े समय बाद मेरा वीर्य गिरने वाला है और मैंने बड़ी तेज तेज झटके दिए उन्हीं झटकों के बीच में मेरा वीर्य पतन हो गया।

मालती मैडम उसके बाद मुझे कुछ नहीं कहती और अपनी चूत मुझसे ही मरवाती हैं।

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होने वाली भाभी की बहन https://sexstories.one/hone-wali-bhabhi-ki-behan/ Tue, 19 Oct 2021 07:28:59 +0000 https://sexstories.one/?p=3059 मैं उसकी नंगे बदन पर चिपकी उसकी चूचियों को ही देखता रह गया। साली की चूचियाँ मौसम्मी के आकार की थीं। मैं उसकी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसे जा रहा था और मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में अपना कमाल दिखा रही थीं। उधर उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं...

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Hone Wali Bhabhi Ki Behan यह कहानी दो वर्ष पहले की है। जब मेरे भैया की शादी पटना शहर में ही तय हो गई थी। मैं उस समय बी.कॉम. फर्स्ट-ईयर में पढ़ता था। भैया की ससुराल मेरे कोचिंग के रास्ते में ही पड़ती थी।
एक दिन की बात है जब मैं कोचिंग से आ रहा था। तो रास्ते में मुझे मेरी होने वाली भाभी मिल गई और मैंने बाइक रोक दी। उन्होंने मुझे तुरन्त पहचान लिया, हम लोग सगाई पर मिल चुके थे। वो बाज़ार अपने निज़ी सामान लेने आई थीं।

मैंने कहा- आइए भाभी, आपको घर छोड़ दूँ।

उन्होंने ‘हामी’ भरी और मैंने उन्हें घर छोड़ दिया। वो अन्दर आने को कहने लगीं। मैंने मना कर दिया क्योंकि उस समय शाम के 5 बज़ रहे थे। परंतु उनके ज्यादा जोर देने पर मैं मना नहीं कर पाया और उनके पीछे अन्दर चला गया।
उस समय घर उनके और उनकी छोटी बहन जिसका नाम रूपा था, के सिवाए कोई नहीं था। सभी लोग पड़ोस में मेंहदी समारोह में गए हुए थे।

वो खाना खाने के लिए कहने लगीं, तो मैंने मना कर दिया। इतने में उनकी छोटी बहन रूपा आई।

क्या कमाल की छोरी थी, रंग तो उसका गेहुँआ था पर साली की फिगर कमाल की थी। उसने उस समय फ्रॉक पहनी हुई थी। हम लोग उनके बैडरुम में बैठकर इधर-उधर की बातें करने लगे। उससे पूछने पर पता चला इसी वर्ष उसने बारहवीं में प्रवेश किया है। उसकी निगाहें बड़ी चंचल थीं उसके हावभाव बताते थे कि वो मुझ पर कुछ अधिक आकर्षित थी। बात बात में उसकी आँख मारने की अदा बड़ी कामुक थी।

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इतने में पड़ोस की आंटी ने भाभी को किसी काम से बुला लिया। हम लोग फिर से बातें करने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे जोरों से ‘एक नम्बर’ लगी। मैंने संकोचवश बाथरूम पूछा, उसने बता दिया। मैंने बाथरूम से आते समय देखा कि मेरा फोन उठाकर गैलरी में छिप कर ब्लू-फिल्म देख रही है और अपने चूचियों पर हल्के-हल्के हाथ रगड़ रही है।

मैं वहीं दरवाजे के पीछे खड़े होकर पर्दे के चिलमन से सब-कुछ देख रहा था। अब मेरा सब्र भी टूट रहा था और मेरा लण्ड भी तनकर ‘एफिल-टॉवर’ बन चुका था। मैंने पीछे जाकर फ्रॉक के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाने लगा।
पहले तो वो चौंक गई लेकिन मुझे पाकर वो शांत हो गई। अब मैंने उसकी चूचियों को आहिस्ते-आहिस्ते मसलना शुरु किया, अब उसे भी मज़ा आने लगा था। धीरे-धीरे मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में घुसा दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा। अब उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।

मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा। मैने अपनी जीभ उसके मुँह में दे दी। वो मेरी जीभ को लॉलीपॉप की तरह चूसे जा रही थी। हम दोनों को थोड़ी-थोड़ी गर्मी लगने लगी थी। उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मैने उसकी फ्रॉक उतारा।

मैं उसकी नंगे बदन पर चिपकी उसकी चूचियों को ही देखता रह गया। साली की चूचियाँ मौसम्मी के आकार की थीं। मैं उसकी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसे जा रहा था और मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में अपना कमाल दिखा रही थीं। उधर उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं।

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने तुरंत उसकी पैंटी उतारी और उसक चूत को बुरी तरह चूसने लगा। वो तो जैसे तड़प उठी, मैं अभी भी उसकी चूत को चूसे जा रहा था। इसी बीच वो मेरे मुँह में ही झड़ गई। मैंने सारा रस चट कर दिया। अब मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदे जा रहा था।

उसे भी मज़ा आ रहा था, अब वो फिर से अपने उफान पर आ रही थी। उसकी गहरी गुलाबी चूत को छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था। अब मैं थोड़ा ऊपर आकर उसकी दोनों टाँगों को अलग-अलग फैलाकर अपने लण्ड को उसकी चूत पर जोर-जोर से रगड़ने लगा। उसकी सिसकारियाँ भी जोर पकड़ने लगीं, तभी मुझे अपने लण्ड पर गीलापन महसूस हुआ, वो फिर से झड़ चुकी थी।

अब मैंने भी देर ना करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाने लगा, चिकनाई की वज़ह से लण्ड थोड़ा अन्दर चला गया। मैंने एक जोर का धक्का मारा लण्ड पूरा अदंर चला गया। दर्द के मारे उसके मुँह से जोर की चीख निकली, मैंने अपना एक हाथ उसके मुँह पर रख दिया, उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े।

Naukrani sex नौकरानी की बेटी को चोदा

अब मैंने लण्ड को पीछे करके एक धक्का और मारा। अबकी बार लण्ड सीधा बच्चेदानी से जा टकराया, इस बार भी उसके मुँह से चीख निकल पड़ी, लेकिन इस बार का दर्द पिछली बार से कम था मैं कुछ देर इसी मुद्रा में रहा। जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लण्ड को आगे-पीछे करना शुरु कर दिया।

अब उसकी सिसकारियाँ भी आह-आह की आवाज़ में बदल चुकी थी, जिसने मेरी स्पीड बढ़ा दी। 20 मिनट तक मैंने जोरदार झटकों से उसे चोदा। उसके मुँह से ‘उँउँउँ…ईईई…ऊँऊँ” की आवाज़ें निकल रही थीं।

अब उसकी साँसें भी तेज़ होने लगी बदन ऐंठने लगा, ‘ओओओ…’ और उसकी चूत से झरना बह गया। मैंने भी समय की नज़ाकत को समझते हुए पांच मिनट बाद अपना खौलता हुआ लावा उसकी चूत में उड़ेल दिया। हम लोग कुछ देर इसी हालत में रहे। थोड़ी देर बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए और बैठ कर बातें करने लगे।

तभी दरवाजे की घण्टी बजी, रूपा ने कहा- लगता है दीदी आई है।

दरवाजा खोलने के पहले हमने एक-दूसरे की जोरदार चुम्मी ली और मै़ने उसके चूची को तीन-चार बार मसला। फिर वो दरवाजा खोलने चली गई, भाभी अदंर आईं।

मैंने पूछा- आप इतनी देर से कहाँ थीं?

भाभी ने कहा- मैं पड़ोस में मेहंदी समारोह में गई हुई थी।

रात के 9 बज़ चुके थे तो भाभी ने मुझे रुकने को कहा।

मैंने कहा-मैं यहाँ रुका तो घर पर सभी लोग परेशान होंगे और डाँट भी पड़ेगी।

भाभी ने कहा- अगर ऐसी बात है तो मैं घर पर फोन करके कह देती हूँ कि आज तुम यहीं रुकोगे। तब तो कोई परेशान नहीं होगा?

मेरे तो मन मे जैसे मन मे लड्डू फूट रहे थे, तो मैंने भी कह दिया- जैसा आप ठीक समझें।

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