माँ की सहेली को चोदा
फिर क्या था? रवीना आंटी मुझे एक एक दो दिन में कुछ ना कुछ बता देती और सामान मंगवाती रहती थी और में उनके घर में जाता रहता था.. लेकिन में कभी भी उनके घर … >> पूरी कहानी पढ़ें
फिर क्या था? रवीना आंटी मुझे एक एक दो दिन में कुछ ना कुछ बता देती और सामान मंगवाती रहती थी और में उनके घर में जाता रहता था.. लेकिन में कभी भी उनके घर … >> पूरी कहानी पढ़ें
मुझको अकेले रहने में कोई परेशानी नहीं होती, क्योंकि मैंने बीते समय में बहुत सारा वक्त घर और हॉस्टल में अकेले रहते हुए व्यतीत किया था और मुझको गृहकार्यों में पूरी महारत हासिल थी। sex … >> पूरी कहानी पढ़ें
वहाँ पर हमारे पड़ोस में एक अंकल-आंटी रहते थे जो मकान मालिक के चचेरे भाई थे। उनकी एक लड़की थी, क्या बताऊँ आपको, वो इतनी सेक्सी थी कि देखते ही लंड खड़ा हो जाये। आंटी … >> पूरी कहानी पढ़ें
एक लड़की मेरी मित्र थी, जिसका नाम कविता था। वो लड़की अभी कॉलेज में पढ़ती है और मेरी उससे दोस्ती मेरी एक रिश्तेदार की बेटी की वजह से हुई जिससे कि मेरी अच्छी तरह पटती … >> पूरी कहानी पढ़ें
फ्रेंड्स मैंने दिल्ली में किराए पर एक रूम ले लिया था और में उस समय फरीदाबाद में रहती थी। में पहले दिन अपनी ट्रैनिंग पर चली गई और मुझे वहां पर जाने के बाद पता … >> पूरी कहानी पढ़ें
यह उस समय की बात है जब मैं पढ़ता था। गर्मियों के दिन थे, मैं अपनी एक कॉपी अपनी अंग्रेजी की टयूशन टीचर के घर पर भूल आया था। मैं दोपहर को दो बजे अपनी … >> पूरी कहानी पढ़ें
इस मिशन के लिए मैंने उनके घर आना-जाना शुरू कर दिया। मैं किसी न किसी बहाने से उनके घर चला जाता कि शायद वो कभी कपड़े बदलते हुए मिल जाएँ.. पर ऐसा न हुआ.. लेकिन … >> पूरी कहानी पढ़ें
काम के सिलसिले में लुधियाना अक्सर जाना रहता था ! वहीं कुकरेजा साहब को नौकर की ज़रूरत थी तो सोचा क्यों न मैं ही लग जाऊँ ! साहब का बड़ा कारोबार था ! वो अक्सर … >> पूरी कहानी पढ़ें
पापा ने कहा कि वो नहीं जा पाएँगे, उनको ऑफीस के काम से बाहर जाना है। तभी मम्मी गुस्सा हो गई, उन्होंने कहा ठीक है आप मना कर दो फोन पर, में मना नहीं कर … >> पूरी कहानी पढ़ें
मैं एक बार दिल्ली से आगरा जा रहा था। मैं बस में दो वाली सीट पर जा कर बैठ गया। सर्दियों के दिन थे, बस खली पड़ी थी। अचानक एक मुस्लिम परिवार बस में चढ़ … >> पूरी कहानी पढ़ें