antarvasna sex stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/antarvasna-sex-stories/ Hindipornstories.org Tue, 22 Mar 2022 11:15:50 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाई के ऑफिस में बहन चुद गयी https://sexstories.one/bhai-ke-office-mein-behan-chud-gayi/ Tue, 22 Mar 2022 11:15:50 +0000 https://sexstories.one/?p=3520 मैं अपने कपड़े बदल चुकी थी और जब अपने छोटे भाई को देखा तो सिर पर दुपटा लेकर उसका स्वागत करने पहुची. मैने अपने भाई के चरण स्पर्श किए जैसे की हमारा रिवाज़ है...

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Bhai Ke Office Mein Behan Chud Gayi – मैं सीमा हूँ..और मेरी फिगर 36-25-38 है. गणेश मेरा भाई अभी कुँवारा है.मैं भी कई महीनो से एक अच्छे लंड की तलाश में थी, जो कहीं आज मिला था मुझे. मेरा पति साला 4 इंच का लंड लेकर मुझे चोदने लगता है तो मैं संतुष्ट नहीं हो पाती. कई मर्दों के साथ संबंध बना चुकी हूँ, लेकिन
मेरी चूत हमेशा भूखी रह जाती है.

मेरे पति के बॉस ने मुझे एक बार अपने पार्ट्नर के साथ मिल कर दो दो लंड के साथ चोदा था, लेकिन कुछ वक्त से पति के बॉस का भी तबादला हो गया और अब मुझे लंड की कमी महसूस होती है.” सीमा, मेरी प्यारी दीदी, तू भी हमारी मम्मी जैसी चुदकर हो. मम्मी का भी एक मर्द से गुज़ारा नहीं होता।

आज सुबह जब वो रसोई में खाना बना रही थी तो उसकी चुचि ब्लाउस से बाहर झाँक रही थी. उसी वक्त फोन आया तो मम्मी ने उठाया. दूसरी तरफ से मनोहर अंकल ने कहा” रानी, आज अपनी चूत को शेव कर लो, तुझे मैं और दिलबाघ दोनो चोदने वाले हैं… दिलबाघ तुझे ना जाने कब से चोदने के लिए मिन्नते कर रहा है… तुम ठीक 5 बजे होटल संगम पहुँच जाना, मेरी रानी.., आज तेरी दीवाली मनाएँगे…” मैं उस वक्त उन दोनो की बातें सुन रहा था. मेरा तो दिल कर रहा था की मम्मी को वहीं चोद डालूं, पर मैं इस बात पर खुश था की आज शाम को अपनी सीमा दीदी के साथ मजे करूँगा. सच सीमा, मैने आज तक तेरे जैसी औरत नहीं चोदी…”

Chudai story भाभी ने बुझाई हवस ही आग

मेरे बारे में मेरे भाई को कुछ दिन पहले ही पता चला था. मेरा भाई मुझसे मिलने आया था. मेरा पति अपनी दुकान और मेरी सास बाज़ार गयी हुई थी. मुझे यही मौका था और मैं अपने जवान नौकर से चुदवाने लगी. मेरा नौकर रामू भी जानता था की मैं लंड की प्यासी हूँ क्योंकी वो मेरे पति की नामर्दानगी के बारे में जानता था।

रामू उस वक्त टेबल सॉफ कर रहा था जब मेरी सास बाज़ार गयी. मैने रामू को पीछे से पकड़ लिया और उसके मस्ताने लंड से खेलने लगी, ” क्या बात है.., मालकिन, आज बड़ी मस्ती में हो.., कहीं मेरा केला खाने का इरादा तो नहीं है?” मैने उसके पजामे को नीचे सरकाते हुए उसका लंड मुहँ में डाल लिया. रामू मेरी आदत जानता था की मुझे केला खाने की आदत है।

रामू बोला,” सीमा मालकिन क्यों ना आज तुझे तेरी सास के बिस्तर पर चोदा जाए… उसको भी मेरा केला बहुत पसंद है..अब तो सास बहू दोनो को एक ही लंड से गुज़ारा करना पड़ेगा… साली बुडिया भी लंड की शौकीन है, आपकी तरह..”

रामू मुझे उठा कर सासू माँ के बिस्तर पर ले गया और मुझे नंगा करने लगा. मेरे चूतड़ पर हाथ फेर कर बोला,” सीमा आज ना जाने क्यों तुझे कुत्तिया बनाने का मन कर रहा है… तुम मालकिन भी हो और मेरी रांड़ भी… अगर मैने अपनी मालकिन की सवारी नहीं की तो दुनिया क्या कहेगी? आपकी सास तो मेरे लंड की सवारी करने का शौक रखती है… आपके चूतड़ मुझे बहुत आकर्षित करते है..अगर एतराज़ ना हो तो जल्दी घोड़ी बन जाओ… बुडिया का कोई पता नहीं कब आ टपके..”

मैं झट से घोड़ी बन गयी. वैसे तो मैं हर आसन में चुदाई का आनंद ले चुकी हूँ, लेकिन घोड़ी बन के मर्द के सामने झुकना मुझे मर्द के आगे समर्पण करने के बराबर लगता है. मैं नौकर के आगे झुकी तो उसके चेहरे पर जीत भरी मुस्कान थी. उसने एक ही धक्के में अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. उसके हाथों ने मुझे चूतड़ से कस के पकड़ रखा था. लंड मेरी चूत चोद रहा था और मेरी चूत सावन के गीत गा रही थी. रामू ने मुझे बालों से खींच कर चुदाई शुरू कर दी. वो मेरे बालों को एसे खींच रहा था जैसे घोड़ी की लगाम खींच रहा हो।

हम दोनो को पता ही नहीं चला की कब से मेरा भाई गणेश हम दोनो को देख रहा था. हम जल्दी में डोर बंद करना भूल गये. मैने उत्तेजना वश आँखें बंद कर रखी थी और एक कुत्तिया की तरह हाँफ रही थी. रामू का लंड किसी पिस्टन की तरह मुझे चोद रहा था,” अहह…..ज़ोर से चोद….रामू….चोद मुझे माँदरचोद….मेरी चूत की आग बुझा साले रामू, चोद ज़ोर से मेरी चूत….है मैं मरी जा रही हूँ…बहनचोद ज़ोर से डाल,” मैं चीख रही थी और रामू लगातार तेज़ धक्के मार रहा था।

उसका लंड भी अब झड़ने को था और वो बोल रहा था,” सीमा…साली रांड़…क्या मस्त माल है तू….अच्छी है तेरा पति नामर्द है वरना एसी मख्खन जैसी चूत मेरी किस्मत में कहा होती….वा मालकिन…मेरी रंडी मालकिन…..चुदवा रामू के मस्त लंड से,”

हम दोनो थोड़ी देर में झड़ गये और रामू काम करने लग गया. गणेश शायद हमारी बेशर्मी देख कर दरवाज़े से हट गया और बाहर चला गया था क्युकि वो थोड़ी देर से घर में दाखिल हुआ. मैं अपने कपड़े बदल चुकी थी और जब अपने छोटे भाई को देखा तो सिर पर दुपटा लेकर उसका स्वागत करने पहुची. मैने अपने भाई के चरण स्पर्श किए जैसे की हमारा रिवाज़ है. कमरे में कोई नहीं था. गणेश मुझे अजीब नज़रों से देख रहा था. उसने मुझे आलिंगन में लेते हुए सीने से लगा लिया।

मेरी चुचिजो के बहुत बड़ी है, मेरे भाई के सीने में धस गयी. उसने मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेते हुए पूछा,” दीदी, क्या नौकर अब पति से बढ़ कर है तेरे लिए? जब मैने आपको उसके सामने मर्दजात नंगी होकर घोड़ी बने हुए देखा तो मुझे बहुत शर्म आई… क्या अब रामू का दर्ज़ा मेरे जीजा का हो चुका है? क्या अब मेरे घर की इज़्ज़त नौकर के लंड की मोहताज़ हो चुकी है? क्या अब इस घर में मर्दों की कमी है? अगर जीजा जी में दम नहीं था तो कम से कम अपने भाई तो अपना लिया होता… गणेश साला, रंडी के कोठे पर पैसे देकर चूत मागता फिरता है और उसकी बहन नौकरों को फ्री में बाँट रही है… सीमा, तुझे नंगी देख कर मैं पागल हो चुका हूँ… अब से रामू की छुट्टी कर दो और मुझे अपना पति बना लो… मेरे लंड को देख लो, पूरा 9 इंच का है,” कहते ही उसने अपनी पेंट की ज़िप खोल डाली।

उसका मोटा लंड बहुत प्यारा लगा. लेकिन एक बात मुझे सता रही थी,” गणेश, बहनचोद साले अपनी ही बहन को चोदोगे तुम? अगर ऐसा ही करना था तो मेरी शादी उस नपुंसक से क्यों की थी, जिसकी कमी मैं नौकर से पूरी कर रही हूँ… भाई, बहन को भाई नहीं चोदा करते… भाई के लिए तो भाभी होती है..”

गणेश मेरी बात पर हंस कर बोला,”सीमा, अगर रामू तुझे चोद सकता है तो गणेश में क्या कमी है? जीजा जी की कमज़ोरी का दुख तुझे ही क्यों उठना पड़े? भाई का फ़र्ज़ बनता है की अपनी बहन को हर मुश्किल से निकाले, उसको हर खुशी दे जिस पर उसका हक बनता है… और दीदी, तुझ जैसी सुन्दर और सेक्सी औरत की सेवा करना तो खुशकिस्मत भाई को ही मिलता है… मेरा बस चलता तो मैं तेरी शादी कभी ना होने देता… तुझे अपना बना कर रखता… लेकिन फिकर मत करना… अब तुम मेरी हो… आज से तुझे चूत ठंडी करवाने के लिए किसी के पास जाने की ज़रूरत नहीं है… मैं तेरी सास को बोल दूँगा की मेरे पास अपनी दीदी के लिए अपने ऑफीस में काम है जिसको कर के दीदी के पैसे भी बन जाएँगे और टाइम भी पास हो जाएगा… बुडिया लालची है, शक नहीं करेगी और मान जाएगी… तुम रोज़ मेरे ऑफीस चली आना और हम मेरे कमरे में खूब मौज करेगे… मैने वहाँ बिस्तर पहले ही लगा रखा है.” गणेश ने अपनी पूरी स्कीम मुझे बता डाली।

“लेकिन गणेश, लोग क्या कहेंगे? किसी को शक नहीं होगा?” मैने अपने मन की आशंका बताई.” दीदी, शक कैसा? तुम मेरी बहन हो… क्या बहन अपने भाई के ऑफीस में जॉब नहीं कर सकती? अब सोच विचार का वक्त नहीं है, तुम हां कर दो… बाकी मैं खुद देख लूँगा.” मेरी चूत ने मुझे सोचने का मौका ही नहीं दिया. साली अपने भईया के लंड की खुशबू सूंघ कर मस्ती से भर गयी और मैने भईया की ऑफर मान ली. सासू माँ ने गणेश की बात झट से स्वीकार कर ली. शायद उसके लिए अब रामू से चुदवाने का खुला मौका था. खैर अगले दिन मैं गणेश के ऑफीस जा पहुँची।

आगे कि कहानी अगले भाग में . . .

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कर लो अपनी हवस पूरी https://sexstories.one/desi-ladki-ke-saath-chudai-ki-hawas-poori-ki/ Mon, 29 Nov 2021 06:46:46 +0000 https://sexstories.one/?p=3363 मैंने तुरंत ही उसकी योनि में अपने मोटे लंड को डाल दिया। उसकी योनि  बहुत ज्यादा टाइट थी। मुझे अपने लंड को घुसाने में बहुत ही दिक्कत हो रही थी लेकिन मैंने एक झटके में अपने लंड को उसकी योनि में डाल दिया...

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chudai ki hawas मेरा नाम रमन है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूं। मैं एक 24 वर्ष का युवा हूं। मेरे घर में मेरे पिताजी मेरी माता और मेरी बहन गरिमा है। गरिमा और मैं बेकरी का काम चलाते हैं। यह हमारे पिताजी ने शुरू किया था और इस काम को हम बहुत समय से करते हुए आ रहे हैं। मेरे पिताजी को यह काम करते हुए 30 वर्ष से ऊपर हो चुके हैं। अब हमारी दुकान बहुत ही अच्छी चलती है। जितने भी हमारे इलाके में बर्थडे होते हैं सब लोग हमारे से ही केक लेकर जाते हैं। क्योंकि हम लोगों उन्हें फ्रेश केक देते हैं और जितना भी बेकरी का आइटम होता है वह सब हमारे यही से लेकर जाते हैं। जिस वजह से हमारी बेकरी शॉप बहुत ही अच्छे से चल रही है। इसलिए हम दोनों बेकरी शॉप में ही काम देख रहे हैं। वहां पर हमारे कुछ कर्मचारी भी हैं जो कि हमारा काम देखा करते हैं।

वह बेकरी में आइटम तैयार करते हैं। उन्हें भी हमारे यहां काम करते हुए कई वर्ष हो चुके हैं। वह मेरे पिताजी के साथ से काम करते हुए आ रहे हैं। हम लोगों की बेकरी शॉप घर के पास ही है। जिस वजह से जितने भी लोग हमारे मोहल्ले में या आस-पास के एरिया में रहते हैं, उन सब से हम बहुत ही अच्छे से परिचित हैं। वह लोग हमारे पास आते हैं और हम से ही सामान ले जाते हैं। एक दिन हमारे पड़ोस में एक डॉक्टर रहने आई। वह डॉक्टर शादीशुदा नहीं थी और उनकी पढ़ाई अभी कंपलीट हुई थी। इसलिए उनका ट्रांसफर हमारे शहर में हो गया था और वह हमारे पास वाले घर में ही रहती थी। एक दिन जब वह हमारी बेकरी शॉप में आई तो वह मुझसे सामान ले गई और मुझे वह बहुत ही पसंद आई। उन्होंने जिस तरीके से मुझसे बात की और उनका बात करने का अंदाज मुझे बहुत ही अच्छा लगा लेकिन मैं उनका नाम नहीं पूछ पाया और उस दिन कुछ तो मेरी तबीयत थोड़ा खराब होने लगी। मैं घर पर आराम कर रहा था। मैं घर पर ही था तो मेरी बहन दुकान का काम संभाल रही थी और उसने बहुत ही अच्छे से दुकान में काम संभाल लिया था।

गरिमा बहुत ही अच्छे से दुकान में काम संभाल रही थी और कुछ दिनों बाद मेरी तबीयत ठीक हो गई। मैं वापस से दुकान में चला गया। जब मैं अपनी शॉप में अपनी बहन के साथ गया तो वह मुझे कहने लगी, चलो तुम अब शॉप में आ गए हो तो मेरा मन बहला रहेगा। नहीं तो मैं बोर होने लगी थी। मैंने अब दोबारा से अपना काम शुरू कर दिया था और एक दिन वह डॉक्टर हमारी दुकान पर आ गई और वह मेरी बहन से बहुत ही अच्छे से बात कर रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उन दोनों के बीच में दोस्ती हो चुकी है। मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि उन दोनों के बीच में दोस्ती हो चुकी है। वह दोनों बहुत ही अच्छे से बात कर रही थी और उसके बाद उसने मुझे डॉक्टर से मिलाया। मेरी बहन ने जब हम दोनों का इंट्रोडक्शन कराया तो उस दिन उनका नाम मुझे पता चला। उसका नाम रेखा था। रेखा बहुत ही सुंदर थी।

Chudai ki kahani मेरी प्रेमिका के साथ पहला सेक्स अनुभव

वह मुझसे बहुत ही अच्छे से बात कर रही थी। वह मुझे उससे बात कर के बहुत ही अच्छा लग रहा था। रेखा से अब मेरी मुलाकात भी हो चुकी थी और मैं अब उससे बात भी करने लगा था। मुझे बहुत ही अच्छा लगता था उससे बात करके। उसका स्वभाव बहुत ही अच्छा था। अब जब भी वह हमारी शॉप में आती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था और मैं उससे अच्छे से बात किया करता था और वह भी मुझसे बहुत ही अच्छी तरीके से बात किया करती थी। अब हम दोनों के बीच में भी बहुत अच्छी बातचीत होने लगी और मैंने उससे उसका नंबर भी ले लिया। जब मैंने उसका नंबर लिया तो उसके चेहरे पर भी एक मुस्कुराहट सी थी और कभी जब वह हमारी शॉप से आर्डर करवाती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और मैं दुकान से खुद ही उसके घर पर सामान ले जाता था।

एक दिन उसका बर्थडे था और उसने हमारे शॉप में एक बहुत बड़ा केक आर्डर करवाया और जब उसने वह केक आर्डर करवाया तो उसने मेरी बहन और मुझे फोन करके इनवाइट करा था। अब हम दोनों उस के बर्थडे में गए और बहुत ही अच्छे से रेखा ने अरेंजमेंट करवा रखा था। काफी सारा सामान तो हमारी दुकान से ही  ले गई थी। मैंने उससे उसके पैसे नहीं लिए और कहा कि यह हमारी तरफ से आपके लिए बर्थडे गिफ्ट है। वह बहुत ही खुश हुई और जब हम उसके घर में थे तो हम लोगों ने बहुत ही मौज मस्ती की। अब मैं रेखा से मिलने भी लगा था। मैं उससे फोन पर भी बात करने लगा और हम दोनों के बीच में बहुत ज्यादा नज़दीकियां हो गई।

एक दिन रेखा ने हमारी शॉप में फोन करके पेस्ट्री का आर्डर दिया लेकिन मेरी बहन वह ऑर्डर भूल गई। हम अपने काम में ही बहुत व्यस्त थे थोड़े समय बाद दोबारा से रेखा का फोन आया। तो मेरी बहन कहती है कि तुम जल्दी से रेखा का ऑर्डर दे आओ नहीं तो वह बहुत ही गुस्सा हो जाएगी। मैंने तुरंत ही वह पेस्ट्री पैक करवाई और मैं दौड़ते हुए उसके घर पर चला गया। जैसे ही मैं उसके घर के अंदर पहुंचा तो उसका दरवाजा खुला हुआ था और वह अपने सोफे पर पैंटी और ब्रा में थी। मैंने जैसे ही उसे देखा तो मेरा मन पूरा खराब हो गया उसका शरीर इतना ज्यादा मुलायम और गोरा था कि वह मुझे दूर से ही दिखाई दे रही थी। उसने नीली कलर की पैंटी ब्रा पहनी हुई थी और मैं जैसे ही उसके पास गया तो मैंने उसके बदन को हाथ लगाया वह भी पूरी उत्तेजना में आ गई और बहुत ही ज्यादा खुश हो गई।

उसने तुरंत ही मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया। मैंने वह पेस्ट्री निकालते हुए अपने हाथ से उसे खिलाना शुरू कर दिया और उसके स्तनों पर पेस्ट्री लगा दी। अब मैं  उसके स्तनों को चाटता तो वह पेस्ट्री मेरे मुंह में लग जाती और मुझे बहुत ही मजा आता। मैंने अपने लंड पर भी बहुत पेस्ट्री लगा दी और वह उसे चूसने लगी। उसे बहुत ही मजा आ रहा था वह बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूस रही थी। थोड़े समय बाद मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही चिपचिपा पदार्थ बाहर निकल रहा था। मैंने उसे अब उसी सोफे पर लेटा दिया।

जैसे ही मैंने उसे उस सोफे पर लेटाया तो उसका शरीर पूरा गरम हो गया था और मैंने तुरंत ही उसकी योनि में अपने मोटे लंड को डाल दिया। उसकी योनि  बहुत ज्यादा टाइट थी। मुझे अपने लंड को घुसाने में बहुत ही दिक्कत हो रही थी लेकिन मैंने एक झटके में अपने लंड को उसकी योनि में डाल दिया। अब मै अपने लंड को अंदर बाहर करता जाता। मैं उसकी योनि से अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मुझे बड़ा ही मजा आता जब मैं उसकी योनि में अपने लंड को प्रवेश करवा रहा था और मैं उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था। उसके स्तन बड़े ही गोल-गोल और अच्छे थे उसके होंठ भी बड़े नाजुक और मुलायम थे। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे उसके होठों को मैं हमेशा ही किस करता रहूं। मैं जब भी उसके शरीर को देख रहा था तो मेरा मन  भर ही नही रहा था।

मैं बहुत ही खुश हुआ जा रहा था मुझे इतना अच्छा लग रहा था। मैं सोच रहा था इसे बस चोदता ही रहूं और मैं उसे बड़ी तीव्रता से धक्के दिए जा रहा था। अब वह भी अपने दोनों पैरों को और चौड़ा कर लेती। वह भी उत्तेजना में आ जाती वह कुछ ज्यादा ही खुश हो रही थी और उसे बहुत ही मज़ा आ रहा था। मैं भी उसे बड़ी तीव्रता से धक्के दिया जा रहा था और उसका शरीर अब पूरा गरम हो गया था। हम दोनों पसीने-पसीने होने लगे और एक समय ऐसा आया जब मेरा वीर्य गिरने वाला था। मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके स्तनों पर सारा वीर्य गिरा दिया। वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गए और मुझे कहने लगी अब से तुम ही मेरे लिए सामान लाया करो। वह जब मुझसे सामान मंगाती तो मैं डॉक्टर रेखा की चूत जरूर मारता था। वह बहुत ही ज्यादा खुश होती थी और कहती थी कि मुझे बहुत ही मज़ा आता है जब तुम मेरी चूत मारा करते हो। मैं भी बहुत खुश था डॉक्टर रेखा की मुलायम और नरम चूत मारकर क्योंकि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं किसी डॉक्टर को कभी चोद पाऊंगा मेरी इच्छा पूरी हो चुकी थी।

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प्रोजेक्ट मेरा चूत तेरी https://sexstories.one/chudai-chut-sex-kahani/ Mon, 01 Nov 2021 08:35:30 +0000 https://sexstories.one/?p=3235 फिर जैसे ही मैंने उसका टॉप उतारा उसके दूध कमाल लगे | ऐसे दूध रिया के नहीं थे | मैंने तुरंत उसके ब्रा को फाड़ के अलग कर दिया और उसके दूध को चूसने लगा | मैं इतने जोर से उसके दूध चूस रहा था कि उसे मदहोशी छा गयी और मुझे पीठ पर नाखून लगाने लगी....

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Chudai Chut Sex Kahani दोस्तों मैं आपका दोस्त निशांत खत्री अपनी कहानी लेकर हाज़िर हूँ आपके सामने | दोस्तों मैं हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूँ और आपको तो पता है हिमाचल की लड़कियाँ कितनी माल होती है | मैं भी उन्ही खूबसूरत लड़कियों का दीवाना हूँ वैसे उनकी चूत का | मैं अभी तक 4 लड़कियाँ चोद चुका हूँ और ये कहानी चौथी वाली के साथ चुदाई की है | वैसे मैं दिखने में अच्छा हूँ लेकिन मेरी शकल मासूमों वाली है और नीयत कमीनों वाली जिसका मुझे बड़ा फायदा मिलता है | ये कहानी मेरे कॉलेज के समय की है जब मैं कॉलेज में लास्ट ईयर में था और प्रोजेक्ट बना रहा था |

वैसे मैं क्लास में ज्यादातर अकेला ही रहता था क्यूंकि मेरे सारे दोस्तों की या तो बैक थी या फिर कुछ ने तो छोड़ ही दी थी | मैं इंजीनियरिंग का स्टूडेंट था वो भी कंप्यूटर साइंस ब्रांच तो लड़कियाँ बहुत ज्यादा और लड़के बहुत कम | तो ले दे के मेरे साथ कोई नहीं था तभी एक लड़की जिसका नाम खुशी था वो मेरे पास आई और कहा मुझे कुछ बात करनी है | मैं क्लास में पीछे वाली सीट पर अकेला बैठा था और अपने प्रोजेक्ट की प्लानिंग कर रहा था, तो मैंने कहा हाँ बोलो तो वो मेरे बाजू में बैठ गई और अपनी दुख भरी कहानी सुनाने लगी कि कोई उसको अपने ग्रुप मैं नहीं ले रहा है और भी वगैरह वगैरह, तो मैंने उससे कहा अच्छा ठीक है लेकिन तुम चाहती क्या हो ? तो उसने हिचकिचाते हुए कहा क्या तुम मुझे अपने ग्रुप में ले सकते हो ? तो मैंने कहा मेरा कोई ग्रुप नहीं है मैं अकेला काम करता हूँ | तो उसने कहा प्लीज़ ले लो और फिर अपनी गाथा शुरू कर दी, तो मैंने उससे कहा ठीक है और फिर उसने कहा थैंक यू और मुझसे चिपकने लगी |

वैसे मेरी भी एक छोटी सी कहानी है, इलेक्ट्रिकल ब्रांच में लड़की थी जिसका नाम रिया था और वो मेरी गर्लफ्रेंड थी और रिया और ख़ुशी बहुत अच्छी दोस्त थी | एक बार रिया ने मुझे बताया था कि ख़ुशी मुझे बहुत पसंद करती है लेकिन तुम मेरे बॉयफ्रेंड हो इसलिए कुछ नहीं कहती | मुझे भी उसकी हरकतों से ऐसा ही लगता था लेकिन मैं उसपे ज्यादा ध्यान नहीं देता था लेकिन माल तो ख़ुशी भी थी | वैसे मैंने सोचा था कि प्रोजेक्ट मैं अकेले ही बनाऊंगा क्यूंकि क्लास में ऐसा कोई था ही नहीं जिसको बनता हो और मैं हूँ भी सख्त लौंडा लेकिन जैसे ही उनसे झुककर मुझसे बिनती की मैं पिघल गया |

Chut chudai sex kahani भाभी के गांड पर टिकाया अपना लंड

फिर मैंने बैठा कर उसको पूरे प्रोजेक्ट का ब्रीफ दिया और उससे जो बन सकता था उसको वो काम दे दिया | वैसे एक लड़की और आई थी मेरे ग्रुप में जुड़ने के लिए लेकिन मैंने मना कर दिया था क्यूंकि वो इतनी कोई माल भी नहीं लगती थी | उसके बाद मैं और ख़ुशी रोज़ साथ बैठे रहते थे और मैं हमेशा प्रोजेक्ट की बात करता था और वो पता नहीं कहाँ कहाँ की | एक दिन वो मेरे साथ बैठी और मैं लैपटॉप पे प्रोजेक्ट का काम कर रहा था तभी मैंने अपना मोबाइल उठाया, तो उसने मेरा मोबाइल मुझसे छीन लिया और फिर मैं उससे मोबाइल लेने लग गया लेकिन वो नहीं दे रही थी और हम छीना झपटी करने लगे, फिर भी मोबाइल मेरे हाँथ नहीं लगा |

तभी उसने मोबाइल अपनी ब्रा में रख लिया और कहा अच्छा हिम्मत है तो अब ले के दिखाओ | तो मैंने कहा हिम्मत की बात मत करना मैं ले सकता हूँ लेकिन तुम्हें ही प्रॉब्लम होगी | तो उसने कहा नहीं होगी तुम करके तो दिखाओ, हम क्लास में बैठे थे और क्लास में हमें छोड़ के दो और लड़कियाँ थी जो अपने में लगी थी | तो मैंने ख़ुशी के हाँथ पकड़े और उसको घुमा दिया और पीछे से उसके हाँथ पकड़कर मैंने अपना एक हाँथ उसकी सलवार के अन्दर डाला और अपना मोबाइल निकाला और बाहर निकालकर रख दिया लेकिन मैंने उसका हाँथ नहीं छोड़ा और फिर से अन्दर हाँथ डाल दिया और उसके दूध के ऊपर ऊँगली फिराने लगा | तो उसने कहा मोबाइल मिल गया न अब छोड़ो, तो मैंने फिर आसपास देखा और कोई हमारी तरफ ध्यान नही दे रहा था तो मैंने कहा मोबाइल तो मिल गया और भी कुछ चाहिए है और उसके दूध दबाने लगा | उसने फिर झटके से अपना हाँथ छुड़ाया और मेरा हाँथ बाहर निकाला और चुपचाप बैठ गई | मैंने कहा हो गया, कर ली मन की, आ गया मज़ा और उसने मुझे मारना शुरू कर दिया धीरे धीरे और कहने लगी तुम बहुत बुरे हो और भी बहुत कुछ | फिर दो दिन बाद उसने मुझे प्रोपोस मार दिया और मैंने ये सोच के मना नही किया कि अगर मना करूँगा तो बुरा न मान जाए जो मेरे प्रोजेक्ट के लिए अच्छा नहीं होता | जिस दिन उसने मुझे प्रोपोस मारा मैंने सोच लिया था इसको कॉलेज ख़त्म होने से पहले चोदना है वरना साली लडकियां चली जाती है और देती भी नहीं है |

अगले दिन हम दोनों सबसे पीछे वाली सीट पर बैठे थे और ये वही जगह थी जहाँ की रिकॉर्डिंग कैमरे में नहीं आती थी और मैं इस बात का फायदा उठाना चाहता था | तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और कहा हिलाओ, तो उसने कहा नहीं, तो मैंने कहा देखो मैं प्रोजेक्ट बना रहा हूँ और तुमसे ज्यादा कुछ करने के लिए बोल भी नहीं रहा हूँ और तुम इतना नही कर सकती मेरे लिए तो उसने थोडा बहुत सोचा और धीरे धीरे हिलाना शुरू किया और थोड़ी देर तक हिलाती रही | थोड़ी देर हिलाने के बाद मेरा मुट्ठ निकल गया और गिरा भी उसके हाँथ पे | फिर मेरा ऐसा ही चलता रहा कभी वो मेरा लंड हिलाती कभी चूसती या फिर कभी कभी मैं उसकी चूत में ऊँगली किया करता लेकिन मेरा असली मकसद तो उसको चोदना था जिसमें मैं अभी तक कामियाब नहीं हुआ था लेकिन मैंने प्लानिंग कर रखी थी पर हुआ कुछ अलग | एक दिन उसने मुझे फ़ोन करके कहा आज मेरे घर कोई नहीं है आ जाओ प्रोजेक्ट बनाते है |

वो तो सब जानते है मैं कौन सा प्रोजेक्ट बनाऊंगा वहां जाके | मैंने भी फुरती दिखाई और जल्दी से उसके घर पहुँच गया और जाके अन्दर बैठ गया | उसने दरवाज़ा बंद किया और मेरे पास आकर बैठ गई और कहा तुम बैग नहीं लाए प्रोजेक्ट कैसे बनाओगे ? उसकी आवाज़ सुनके ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका मूड बना हुआ है बस चालू करने की देर है | मैंने भी मौके की नजाकत को समझते हुए कहा जानेमन तुम भी जानती हो कि तुमने मुझे किसलिए बुलाया है | उसने कहा तुम क्या सोच रहे हो तो मैंने कहा वही जो तुमने अधूरा छोड़ दिया |

इतना कहने के बाद मैंने उसको गले से लगा लिया और उसने एक मादक आवाज़ में कहा बस आज मेरे तन को तुमाहरा प्यार मिलेगा | मैंने कहा हां इसके लिए तुम सालों से प्यासी हो | वो मुझे किस करने लगी और मैं उसके दूध दबाने लगा | फिर जैसे ही मैंने उसका टॉप उतारा उसके दूध कमाल लगे | ऐसे दूध रिया के नहीं थे | मैंने तुरंत उसके ब्रा को फाड़ के अलग कर दिया और उसके दूध को चूसने लगा | मैं इतने जोर से उसके दूध चूस रहा था कि उसे मदहोशी छा गयी और मुझे पीठ पर नाखून लगाने लगी | वो आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः करते हुए मेरे उत्साह को बढ़ा रही थी |

फिर मैंने उसको अपना लंड दिया और उसने चूसना चालू कर दिया और मैं आराम से लेटा था | पर थोड़ी देर बाद जब उसने मेरे लंड को पूरा मुंह में लिया तब मेरे मुंह से आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः निकलने लगा और मेरा मुट्ठ उसने पी लिया | मेरा लंड शांत था पर माहोल गरम था इसलिए मैंने उसको लेटाया और उसकी चूत को दबा के चाटना चालु कर दिया |

जैसे ही मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया वो आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः करने लगी और कहने लगी बस अब प्यास बुझाओ और लंड डालो | मैंने थोड़ी देर के बाद अपना कड़क लंड उसकी चूत में पेल दिया और उसे बहुत दर्द होने लगा | वो कहने लगी हटाओ पर मैंने उसे अनसुना कर दिया और धीरे धीरे चोदता रहा |

फिर एक जोर के झटके से लंड आदर करके उसको जैम के चोदना शुरू किया और वो आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः करने लगी | हमारी चुदाई के बाद हम चले गए और अभी तक चुदाई करते है |

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Padosan Girlfriend Ko Choda Chat Pe https://sexstories.one/padosan-girlfriend-ko-choda-sexi-kahani/ Sun, 14 Feb 2021 23:22:06 +0000 https://sexstories.one/padosan-girlfriend-ko-choda-chat-pe-xxx-storiez/ ये कहानी मेरी पड़ोस मैं रहने वाली फॅमिली की है उस फॅमिली मैं एक लड़की थी जिसका नाम नेहा था जो मेरी गर्लफ्रेंड थी। पहले मैं आपको उसकी फॅमिली के बारे मैं बता देता हूँ। उनकी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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ये कहानी मेरी पड़ोस मैं रहने वाली फॅमिली की है उस फॅमिली मैं एक लड़की थी जिसका नाम नेहा था जो मेरी गर्लफ्रेंड थी। पहले मैं आपको उसकी फॅमिली के बारे मैं बता देता हूँ। उनकी फॅमिली मैं संजय (मेरी गर्लफ्रेंड के पापा) उम्र 48 साल हाइट 5’8, पूजा (गर्लफ्रेंड की माँ ) उम्र 44 साल हाइट 5’5, राकेश (गर्लफ्रेंड का भाई) उम्र 26 साल हाइट 5’6, सोनिया (गर्लफ्रेंड की भाभी) उम्र 23 साल हाइट 5’4, नेहा (मेरी गर्लफ्रेंड) उम्र 20 साल हाइट 5’5.. sexi kahani

पहले मैं अपनी और गर्लफ्रेंड की कहानी बताता हूँ की कैसे वो मेरी गर्लफ्रेंड बनी.. sexi kahani

ये कहानी 2008 की है मैं 22 साल का हूँ और एक कंपनी मैं कंप्यूटर ऑपरेटर की जॉब कर रहा हूँ मेरे पड़ोस मैं कोई फॅमिली नहीं थी। मेरी और पड़ोस की छत आपस में जुड़ी हुई थी और हमारे घर के दो तरफ प्लॉट खाली थे और एक तरफ गली और सामने रोड और रोड के सामने पार्क था। मैं गर्मियो मैं अपनी बाजू वाली छत पर ही सोता था क्योकि उसकी बाउंड्री बहुत छोटी थी जिससे वहाँ हवा अच्छी लगती थी।

कुछ दिनो के बाद वहां पर एक फॅमिली आई और मैं बाहर ही बैठा अपने एक दोस्त के साथ बात कर रहा था। sexi kahani

उनके साथ उनका बहुत सारा समान था जो एक ट्रक मैं था उन्होने मुझे और मेरे दोस्त को बुलाया और उनकी मदद करने के लिए कहा मेरे पापा भी वही थे तो उन्होने भी उनका समान उतारने मैं उनकी मदद की और घर मैं रख दिया। उन्होने हमे शाम को अपने घर पर खाने के लिए बुलाया मेरी मम्मी और पापा किसी के घर खाना नहीं खाते इसलिए मैं और मेरा भाई और मेरा दोस्त उनके घर गये और हमने वहाँ पर खाना खाया।

फिर हम घर आ गये में अब रोज की तरह खाना खाकर छत पर घूम रहा था। sexi kahani

अचानक वो लड़की और उसकी बहन और भाई छत पर आ गये और हम बाते करने लगे वो लड़की मुझे देख रही थी मैं भी उसे बार बार देख रहा था और हमे बाते करते करते बहुत समय हो गया फिर वो दोनो बहने नीचे चली गई और मैं अपना बिस्तर लेकर ऊपर आ गया और सोने लगा तो उसका भाई भी मेरे पास आ गया और हम बाते करते करते सो गये ऐसे ही कुछ दिन बीत गये मैं और वो लड़की बहुत घुल मिल गये थे और हम बहुत अच्छे दोस्त बन गये थे अब हमारे बीच फोन पर भी बात होने लगी एक दिन उसने मुझे छत पर बुलाया बहुत धूप थी मैं छत पर गया और तो उससे पूछा की उसने मुझे क्यों बुलाया है तो उसने कहा की उसे मुझसे कुछ बात करनी है मैने कहा कहो आप बुरा तो नहीं मानोगे वो बोली मैने कहा नहीं मानूँगा बोलो।

मुझे लगता की है मुझे आपसे प्यार हो गया है उसने नज़र नीचे करते हुए कहा। sexi kahani

ये तुम क्या कह रही हो मैने कहा। तभी वो बोली क्या मैं आपको अच्छी नहीं लगती उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा नहीं ऐसी बात नहीं है आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो मैंने उसकी तरफ देखते हुए कहा। तभी उसने कहा की में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और अचानक मेरे गले लगते हुए थोड़ी देर मैं मैने उसे हटाया और कहा में भी तुम से बहुत प्यार करता हूँ और फिर हम नीचे आ गये। नीचे आते ही उसका फोन आया और हम बाते करने लगे।

मैं रोज़ की तरह छत पर ही सोता था.. sexi kahani

और ये वो भी जानती थी लेकिन अब मैं अकेला ही सोता था उसका भाई नीचे ही सोता था। मैं ऐसे ही लेटा हुआ था रात के 10 बजे थे अचानक मेरे फोन पर मेसेज आया मैंने देखा तो वो मेसेज उसका ही था मैने फोन किया और हम बात करने लगे। हम धीरे धीरे बहुत रोमेंटिक बाते करने लगे और मैने उससे कहा की प्लीज़ नेहा मुझे आपसे मिलना है। सुबह मिलते है उसने कहा नहीं मुझे अभी मिलना है मैने उससे कहा।

नेहा: लेकिन अभी कैसे मिल सकते है।

मैं: अभी क्यों नहीं मिल सकते है। sexi kahani

नेहा: लेकिन अभी रात हो चुकी है और घर मैं सब है अगर किसी को कुछ पता चल गया तो।

मैं: मैं कुछ नहीं जनता आपको मुझसे अभी मिलना है या नहीं।

नेहा: जानू मैं मिलना तो चाहती हूँ लेकिन।

मैं: लेकिन क्या अगर आप नहीं आई तो मैं आपसे कभी बात नहीं करूँगा।

नेहा: प्लीज जानू तुम समझने की कोशिश करो मैं आना चाहती हूँ लेकिन अभी नहीं आ सकती हूँ।

मैं: तो ठीक है मत आओ मैं जनता था की आप मना करोगी क्योकि आप तो मुझसे प्यार करती ही नहीं हो।

नेहा: मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ लेकिन प्लीज समझा करो मैं अभी नहीं आ सकती हूँ।

मैं: ठीक है मत आओ और मैने फोन काट दिया। sexi kahani

उसने मुझे कई बार फोन किया पर मैने उठाया नहीं। हमे बात करते हुए 12:15 हो गये थे फिर उसने मुझे मैसेज किया सॉरी जानू प्लीज फोन उठाओ ना और वो फिर मुझे फोन करने लगी लेकिन मैने फोन नहीं उठाया और सोने की कोशिश करने लगा। तभी वो ऊपर आ गयी और मुझे उठाने लगी मैं वैसे ही आँख बंद करके लेट रहा वो मुझे उठाने लगी और कहा प्लीज जानू आँखे खोलो ना मैं एक दम उठ कर बैठ गया और उसे प्यार से देखने लगा।

नेहा: क्या हुआ क्यों बुलाया ऊपर मुझे।

मैं: कुछ नहीं कहा “गुस्से से। sexi kahani

नेहा: तो फिर आप मुझसे ऐसे क्यों बात कर रहे हो और “उसकी आँखो मैं आंसू छलक आए थे।

मैं: मुझे नींद आ रही है हटो सोने दो मुझे और मैं सोने लगा।

नेहा: प्लीज़ जानू सॉरी और वो अपने कान पकड़ के रोने लगी।

मैं: उठा और कहा नेहा आप इस तरह रो क्यों रहे हो।

नेहा: आप मुझसे बात क्यों नहीं कर रहे थे। sexi kahani

मैं: मैने उसके आँसू पोछे और कहा मैं नाराज़ नहीं हूँ आप रोना बंद करो प्लीज।

नेहा: प्लीज़ जो कहना है जल्दी कहिये मुझे नीचे जाना है अगर कोई आ गया तो बहुत प्रॉब्लम हो जाएगी।

मैं: कुछ नहीं कहना मुझे आप जाओ।

नेहा: आप तो कह रहे थे कि…

में: मुझे कुछ नहीं कहना अब जाओ और मैं आपसे नाराज़ नहीं हूँ।

नेहा मेरे गले लगी और कहा में आपसे बहुत प्यार करती हूँ और प्लीज आप मुझसे नाराज़ मत हुआ कीजिए। मैने उसे हटाया और कहा ठीक है अब आप जाओ और वो वहां से चली गई और में सोने की कोशिश करने लगा और मुझे नींद आ गयी सुबह मैं नाश्ता करके ऑफीस चला गया और 2 बजे के करीब उसका फोन आया। मैं लंच के लिए जाने वाला था तो मैंने उसे बाद मे फोन करने को कहा और लंच पर से आते ही मैंने उसे फोन किया और हम बात करने लगे मैं थोड़ा रूड़ली बात कर रहा था।

नेहा: आप मुझसे नाराज़ है अभी तक

मैं: ऐसी कोई बात नहीं है। sexi kahani

नेहा: तो आप ऐसे क्यों बात कर रहे है।

मैं: ऐसी कोई बात नहीं है में तुम से नाराज़ नहीं हूँ।

नेहा: अच्छा कल तो आपकी छुट्टी है तो हम कहीं बाहर मिल सकते है।

मैं: नहीं मुझे कल बहुत काम है।

नेहा: प्लीज जानू मैं जानती हूँ आप मुझसे बहुत नाराज़ है इसलिए आप ऐसे कह रहे है।

हमारी ऐसे ही बात होने लगी वो मुझसे बार बार मिलने के लिए कहती रही तो मैने गुस्से मैं कह दिया आप सच मैं मिलना चाहती है।

नेहा: हाँ sexi kahani

मैं: लेकिन हमे बाहर किसी ने देख लिया तो।

नेहा: हम छुप कर मिलेंगे।

मैं: और अगर किसी ने बाहर देख लिया तो।

नेहा: गुस्से मैं आपको मुझसे मिलना है या नहीं बताओ।

मैं: नहीं जब आप मिलना ही नहीं चाहती तो क्या फायदा।

नेहा: मैं तो आपसे मिलना चाहती हूँ।

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भाभी की चुदाई का खेल – भाग २ https://sexstories.one/bhabi-ki-chudai-ka-khel-2/ Mon, 18 Jan 2021 13:10:08 +0000 https://sexstories.one/bhabhi-ki-chudai-ka-khel-part-2-indian-sex-stories/ हेलो दोस्तों | आज मैं अपनी कहानी का दूसरा भाग बताने जा रहा हूँ | तो सुनिए फिर क्या हुआ | कुछ दिनों के बाद भैया आ गए | मुझे डर था कि कही भाभी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तों | आज मैं अपनी कहानी का दूसरा भाग बताने जा रहा हूँ | तो सुनिए फिर क्या हुआ | कुछ दिनों के बाद भैया आ गए | मुझे डर था कि कही भाभी मेरी शिकायत भैया से न कर दें | लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ | भाभी ने उसके बारे में भैया को कुछ भी नही बताया | अब मैं भाभी  के सामने न जाने की कोशिश करने लगा था | कुछ दिनों बड भैया फिर कही चले गए | Bhabi ki chudai

मैंने सोचा की क्यों न एक बार भाभी जी से माफ़ी मांग लूं |Bhabi ki chudai

मैं उनके कमरे में गया उनसे माफ़ी मागने लगा तो उन्होंने कहा की अगर तुम चाहते हो किमै ये सब किसी को न बताऊँ तो जो मै कहूँगी तुम्हे करना पड़ेगा | मै डरा हुआ था | कैसे भी अपनी नौकरी बचानी थी | मैंने हाँ में सर हिला दिया | फिर वो बोली तो ठीक है उस दिन का अधूरा काम पूरा करो |   भाभी की आँखों में उस वक्त जो चमक थी | वैसी चमक मैंने पहले कभी नहीं देखी थी | मैं वही पर डर के चुपचाप खड़ा था | भाभी मेरे पास आ गई और उसने बिना कुछ कहे ही मेरे होंठो के ऊपर एक किस दे दी | मुझे बहुत ही अजीब लगा ये | मैंने कुछ भी नही किया बस खड़ा रहा |

लेकिन भाभी हंस रही थी मेरी आँखों में आंखे डाल के देख के | और फिर वो बोली मैं हमेशा ही तुम्हारे साथ चुदाई करवाना चाहती थी क्यूंकि तुम्हारे भाई मुझे खुश नहीं कर पाते हैं | वो तो बस हमेशा काम के लिए भागते रहते हैं | और मैं एकदम गर्म रहती हूँ | मैं तुम्हारे लिए उस दिन से पागल हुई जा रही हूँ जिस दिन तुमने मुझेकिस किया था | मुझे बाद में बहुत पछतावा हुआ | चलो अब सुन क्या रहे हो शुरू हो जाओ | और आज खूब जम के चोदो मुझे मेर्रे चूत की गर्मी को आज शांत कर दो |

मेरे पास अब कुछ कहने को नहीं रहा था | Bhabi ki chudai

मैं आगे बढ़ा और हम किस करने लगे | वो बड़ी मस्त थी लिप्स को लिप्स से लगाने में | हमारी जीभ एक दुसरे से मिल गई और साँसों के साथ साँसे टकरा गई | मेरे हाथ पीछे उसकी गांड पर चले गए और वो मेरी कमर को पकड़ के खड़ी हुई थी |

मैंने उसकी गांड की फांक को दबाया और जैसे बिच में से गांड को दो बराबर हिस्सों में बाँट सा दिया | पहली बार गांड पे हाथ लगाया था | हम ऐसे ही एक दुसरे को किस करते हुए कुछ मिनटों तक खड़े रहे | और फिर भाभी ने मेरी अंडरवेर के ऊपर हाथ डाल के मेरे लंड को अपने कब्जे में ले लिया और उसे दबाने लगी | वो मेरे आँखों में देखते हुए ही अपने घुटनों के ऊपर जा बैठी | और अपनी उँगलियों को उसने लंड के चारो तरफ रखा हुआ था | मैं तो खुसी के मारे फूला नही समां रहा था |की अब चूत भी मिल जाएगी | और नौकरी का भी कोई पंगा नही | भाभी ने मुझे बिस्तर पर धक्का देकर बैठा दिया | और उसने मेरी अंडरवेर को निकाल फेंका | वो खड़े हो के अपने कपडे भी निकाल के मेरे साथ बिस्तर में लेट गई | हमारे चे  हरे एक दुसरे के सामने थे | मैंने उसकी गांड पर हाथ रख के उसे अपनी तरफ खींचा | वो भी मेरे लंड को हाथ में पकड़ के पम्प करने लगी थी |

Padosi ne choda

और फिर भाभी ने अपने मुहं में लंड को ले लिया और उसे चूसने लगी | वो मेरे लंड को अपने मुहं में चला रही थी | मुझे बहुत मज़ा आ रहा था | मै तो बस स्वर्ग के नज़ारे ले रहा था | और फिर उसने मेरी टांगो को पूरा खोल के पुरे लंड को मुहं में ले लिया | उसकी जबान मेरे लंड को और बॉल्स को हिला रही थी | वो अपने एक हाथ से अपनी चूत की फांको को और दाने को हिला रही थी |

5मिनट तक वो मजे से लंड को चूस रही थी और मेरे लिए अब बहुत हो रहा था | मेरे लंड में और बॉल्स के अन्दर एकदम से खिंचाव आ गया | मेरी कमर में भी मोड़ आ गया था जैसे मैंने भाभी के माथे को पकड़ के अपनी तरफ खिंचा और भाभी भी समझ गया की मेरी हालत वीर्य निकालने वाली हो गई थी| वो भी अपनी चूत को जोर जोर से ऊँगली से हिलाने लगी थी | और मोअन कर रही थी | आह्ह्हह्ह .. आह्ह्हह्ह…. | फिर मेरे बॉल्स के अन्दर एकदम से प्रेशर बना और मेरे लंड से निकल पड़ी वीर्य की एक लम्बी सी पिचकारी | भाभी के मुहं, छाती और पेट का भाग मेरे गाढे वीर्य की वजह से गन्दा हो गया था | वो मेरे लंड को तब तक चुस्ती गई जब तक उसका सब वीर्य नहीं निकल गया | आखरी बूंद को भी उसने चाट के साफ़ कर दी |

फिर वो मेरी गोदी में आ के बैठ गई और अपने बदन को मेरे ऊपर घिसने लगी | Bhabi ki chudai

फिर मैंने उसको पकड के उसके होंठो को चूम लिया | और जोर से उनके बूबे दबाने लगा | फिर भाभी आगे खिसक के बिस्तर की किनारे पर आ गई. और मैं उसकी दो टांगो के बीच में बैठ सकूँ उतनी जगह बनाई भाभी एकदम गीली हो चुकी थी | भाभी ने अपनी चूत में एक ऊँगली डाल के निकाली | मैंने धीरे से भाभी की चूत को किस की और वो जैसे सातवें आसमान के ऊपर उड़ रही थी और साथ में एकदम जोर जोर से मोअन भी कर रही थी | मैंने अपनी जबान को भाभी की चूत में अन्दर तक डाली और उन्हें अपनी जीभ से चोदे लगा | भाभी के मुहं से निकलती हुई सिसकियाँ और भी तेज हो गई | आह्ह्हह्ह्ह्ह…. उफ्फ्फह्ह्ह… | और उसने मुझे कान में कहा, रमेश अब डाल दो अपने लंड को मेरे अंदर अब मेरे से नहीं रहा जा रहा है | मैंने खड़ा हुआ | मेरा लंड एकदम तपा हुआ था | मैंने भी देर न करते हुवे चूत पे अपना लंड रखा और एक ही झटके में लंड को उनकी चूत में पार कर दिया | फिर जम के चोदे लगा | वो भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी | फिर मने उन्हें घोड़ी बनाने को कहा | उन्होंने मना कर दिया | फिर मै बोला जल्दी से मुड़ | गांड में और भ मज़ा आयेगा तुझे | वो बोली मैंने आज तक कभी भ गांड नही मरवाई है | बहुत दर्द होगा |

फिर मैंने बहुत जिद किया तो मन गई | Bhabi ki chudai

मैंने उन्हें उल्टा लिटा दिया और अपने लंड पे थोडा थूक लगाया और उनकी गांड की छेद में डालने लगा | जैसे ही मेरा लंड उनकी गांड में घुसा | वो चिल्ला पड़ी | मुझे धक्का दिया पर मैंने कस के उन्हें पकड़ा हुआ था | इसीलिए वो छुड़ा नही पाई | मैं थोड़ी देर तक ऐसे ही पड़ा रहा फिर धीरे धीरे झटके देना शुरू कर दिए | अब रीता भाभी को भी मज़ा आने लगा था | वो चिल्ला रही थी | आःह्ह्ह आह्ह …. चोद मुझे | आज फाड़ दे मेरी गांड | अब वो गांड हिला हिला कर मेरा साथ दे रही थी | और जम के मज़े लूट रही थी | करीब 15 मिनट तक मैंने उनकी गांड मारी | फिर मै झड गया | और थक कर लेट गया | भाभी जी ने मेरा लंड अपने मुह में ले कर फिर से खड़ा कर दिया | उनकी गर्मी अभी शांत नही हुई थी | मेरा लंड एक बार फिर उनकी चूत में गोते खा रहा था | मैंने पूरी रात उन्हें लगभग 6 बार चोदा | पूरी रात हम चुदाई करते रहे | सुबह फिर मैं भाभी जी को एक बार और चोदा | फिर दोनों ने साथ में नहाया | आज भाभी जी बहुत खुश दिख रही थी क्योकि उन्हें जिस चीज की इतने दिन से इंतजार था वो उन्हें कल रात को मिल चुका था |

ऐसे अब हम अक्सर चुदाई करने लगे | Bhabi ki chudai

जब भी भैया घर पर नही होते | मैं भाभी जी को जम के चोदता था | अब भाभी ने मेरी तनख्वाह भी बढ़ा दी थी |  करीब एक साल तक ये सिल सिला चलता रहा | उसके बाद मेरी शादी हो गई मैंने वो नौकरी छोड दी | अब मैं अपनी बीवी को वैसे ही चोदता हूँ | जैसे भाभी जी को चोदा था | लेकिन आज भी भाभी जी के साथ की गई चुदाई का मज़ा कुछ और ही था |

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थिएटर में लौंडिया चुदाई https://sexstories.one/cinema-hall-me-ladki-chodi/ Mon, 18 Jan 2021 05:08:07 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%a5%e0%a4%bf%e0%a4%8f%e0%a4%9f%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b2%e0%a5%8c%e0%a4%82%e0%a4%a1%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88-indian-sex-sto/ हाय दोस्तों, कैसे हैं आप लोग ? मैं आशा करता हूँ कि आप लोग अच्छे होंगे | मेरा नाम शुभम है और मैं पन्ना का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 27 साल है और ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हाय दोस्तों, कैसे हैं आप लोग ? मैं आशा करता हूँ कि आप लोग अच्छे होंगे | मेरा नाम शुभम है और मैं पन्ना का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 27 साल है और मैं अभी जॉब करता हूँ | मेरा रंग सांवला है और मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है और मेरा शरीर गठीला है | दोस्तों मैं इस साईट का रोजाना पाठक हूँ और मुझे कहानी पढने का बहुत शौख है चाहे वो चुदाई की हो या कोई और कहानी हो | cinema hall me ladki chodi

मुझे बस कहानी पढने से मतलब रहता है | cinema hall me ladki chodi

मैंने आज सोचा कि आप लोगो के लिए एक कहानी लिखूं तो दोस्तों आज जो मैं आप लोगो के सामने अपनी कहानी पेश करने जा रहा हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की एक दम सच्ची घटना है | मैं आशा करता हूँ कि आप लोगो को मेरी ये कहानी जरुर पसंद आएगी और आप लोगो को मेरी कहानी पढ़ कर मजा भी बहुत आएगा | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय नहीं लेते  हुए अपनी कहानी शुरू करता हूँ |

ये घटना कुछ दिनों पहले की है | cinema hall me ladki chodi.

मेरे घर में मम्मी ( रश्मि ), पापा ( राकेश ), और अमित और अनिश मेरे दो भाई हैं | मेरे दोनों भाई कॉलेज में है | पापा सरकारी नौकरी करते हैं और मम्मी प्राइवेट स्कूल में इंग्लिश कि टीचर हैं | दोस्तों जब मैं स्कूल में पढाई करता था तब मेरे एक दोस्त गुरु ने मुझे इस चुदाई की कहानी के खजाने के बारे में बताया था लेकिन तब मैं इन सब चीज़ में ध्यान नहीं देता था | कॉलेज में जब मैं गया तब मैं इन सब मामलो मी कुछ खुल सा गया था और मैंने भी ब्लू फिल्म देखना और चुदाई की कहानियां पढाना कर दिया था | कॉलेज के आखिर तक मैं फुल बिंदास हो चुका था और मेरी एक गर्लफ्रेंड भी बन गई थी जिसका नाम सीमा है और उसकी उम्र भी 24 साल; है और वो दिखने में सेक्सी है और उसका फिगर भी क़यामत है | उसके दूध और उसकी गांड बड़ी और मस्त है और उसका रंग गोरा है | कॉलेज की फेयरवेल पार्टी में उसने मुझ्र प्रोपोस किया था और उस दिन से ले कर आज तक हम दोनों बहुत अच्छे लोवर हैं | हम दोनों हर दम मिलते और किस जरुर किया करते थे | जब वो मेरी गर्लफ्रेंड बने उसके कई महीनो बाद तक हमारी कभी चुदाई के विषय में बात नहीं होती थी |

फिर एक दिन मैंने उससे मजाक मजाक में बात छेद दिया था चुदाई ई और उसे भी भी मजा आया तो हमने सेक्स चैट करना भी शुरू कर दिया | उसके बाद एक बार हमने सेक्स किया और हमे जब भी मौका मिलता तो हम जरुर सेक्स करते | लेकिन हम दोनों ने एक साल से सेक्स नहीं किआ था और चुदाई की आग दोनों तरफ ही लगी ही थी | मैं सोचने लगा कि आखिर चुदाई कहाँ की जाए | फिर मुझे याद आया कि एक बार मेरे दोस्त ने मुझे बताया था कि उसने अपनी बटेर को थिएटर में चोदा था | फिर मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को फ़ोन में सारी प्लानिंग समझा दिया और वो भी मेरे साथ वहां पर चुदाई करने के लिए तैयार थी | फिर हम मूवी देखने अगले ही दिन गये | टिकेट ले कर हम दोनों कार्नर की दो लास्ट सीट पर बेथ गए और किस्मत से हॉल में बस कुछ ही लोग थे |

जैसे ही अँधेरा हुआ और मूवी चालू हुई तो.. cinema hall me ladki chodi

मैंने उसके होंठ से अपने होंठ को लगा दिया और उसके होंठ को चूसने लगा | वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ ओ चूसना शुरू कर दी | मैं उसके होंठ को चूसते हुए उसके दूध को एक हाँथ से मसल रहा था और वो मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे हाँथ को अपने हाँथ से सहला रही थी | उसके बाद मैंने उसके टॉप को ऊपर खिसका दिया और ब्रा को भी ऊपर कर दिया
अब उसके दूध मेरे सामने थे और मैंने उसके एक दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और दुसरे को दबाने लगा और उसके आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह की आवाज़ की आवाज़ निकलने लगी | फिर मैंने उसके दुसरे दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और पहले को दबाने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | उसके बाद मैंने उसके दोनों दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे सिर पर हाँथ फेरने लगी | उसके बाद इंटरवल हो गया तो मैंने उससे पूछा कि तुम्हे कैसा लगा मेरा ऐसा करना ? तो उसने कहा कि मुझे बहुत अच्छा लगा इतना अच्छा लगा कि मेरी चूत भी गीली हो गई |

Bhauja

मैंने उससे पूछा कि तुम कुछ खाओगी ? cinema hall me ladki chodi

तो उसने कहा हाँ मैं स्वीट कॉर्न खाऊँगी | फिर मैं उठ कर गया और दो स्वीट कॉर्न ले कर आया | फिर हम दोनों बैठ कर खाते हुए चुदाई की बाते करने लगे | उसके बाद फिर से लाइट ऑफ हो गई और मूवी चालू हो गई | तब तक हम स्वीट कोनर खा चुके थे | उसके बाद मैंने अपने जीन्स के बटन को खोल दिया और चैन खोल कर अपने लंड को बाहर कर दिया जो कि खड़ा हुआ हा | वो मेरे लंड को अपने हाँथ में ले कर सहलाने लगी | फिर वो झुक कर मेरे लंड को चांटे लगी तो मेरे मुंह से भी आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह की सिस्कारियां निकलने लगी | वो मेरे लंड पर अपनी जीभ घुमा घुमा कर हर जगह चाट रही थी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके दूध को दबा रहा था | फिर उसने मेरे लंड के सुपाड़े को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगा | वो मेरे लंड को ऊपर नीचे करते हुए चूस रही थी और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उसके सिर को अपने लंड पर दबा रहा था | उसका एसा करना मुझे बहुत अच्छा लगा | उसने मेरे लंड को करीब 10 मिनट तक चूसा |

उसके बाद उसने अपनी स्कर्ट को ऊपर कर के पेंटी साइड में कर दी तो मैं अपनी सीट से उठा उसके सामने आ गया और झुक कर उसकी चूत को चाटने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपने दूध को दबाने लगी | मैं उसकी चूत को चाट रहा था और चूत के दाने को भी अंगूठे से सहला रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे मुंह को अपनी चूत पर दबा रही थी | कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत में फंसा कर उसके दोनों पैरो को अपने कंधे में रख कर चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | फिर मैंने अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दिया और जोर जोर से उसकी चूत को चोद रहा था और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरी गर्दन पर अपने पैरो को लपेट कर चुदाई के मजे ले रही थी |

उसके बाद मैं अपनी कुर्सी में बैठ गया और वो मेरे ऊपर आ कर सामने कि तरफ फेस कर बैठ गई और मैंने उसकी चूत में अपना लंड डाल कर चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उचक उचक कर चुदाई के मजे ले रही थी | फिर मैंने उसे दूसरी तरफ घुमा दिया और उसके दोनों दूध ओ मसलते हुए चोदने लगा और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही निकाल दिया | उसके बाद हम दोनों ने खुद को ठीक किया और तब तक मूवी भी खत्म हो गई और उसके बाद हम दोनों अपने अपने घर चले गए |

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी | cinema hall me ladki chodi

मैं आशा करता हूँ कि आप लोग को मेरी कहानी जरुर पसंद आई होगी |

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जेठ जी ऐसे ना देखो मुझे https://sexstories.one/jeth-ne-choda/ Tue, 05 Jan 2021 03:45:43 +0000 https://sexstories.one/%e0%a4%9c%e0%a5%87%e0%a4%a0-%e0%a4%9c%e0%a5%80-%e0%a4%90%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%96%e0%a5%8b-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%9d%e0%a5%87/ बच्चों की स्कूल की छुट्टी होती है लेकिन मुझे कुछ पता ही नहीं चलता क्योंकि मैं अपने काम में इतना व्यस्त रहता हूं कि मुझे शायद ही अपने परिवार के बारे में कुछ पता होता ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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बच्चों की स्कूल की छुट्टी होती है लेकिन मुझे कुछ पता ही नहीं चलता क्योंकि मैं अपने काम में इतना व्यस्त रहता हूं कि मुझे शायद ही अपने परिवार के बारे में कुछ पता होता है। मेरी पत्नी कई बार मुझे कहती है कि आप इतने व्यस्त रहते हैं कि आप तो हम लोगों के बारे में भी सोचते नहीं हैं लेकिन मैं शायद उन लोगों के लिए ही यह सब कर रहा था। मैंने उन्हें कभी भी कोई दुख तकलीफ नहीं होने दी मैंने हमेशा ही उनकी खुशियों का पूरा ख्याल रखा। jeth ne choda

एक बार मेरी तबीयत ठीक नहीं थी तो मैंने सोचा आज मैं घर पर ही रहता हूं उस दिन मैं घर पर ही था मैंने अपनी पत्नी कल्पना से पूछा आज बच्चे क्या स्कूल नहीं गए। मेरी पत्नी कल्पना मुझे कहने लगी कि आपको तो घर से शायद कोई लेना देना ही नहीं है आज रविवार है और आपको मालूम ही नहीं होता कि बच्चे कब स्कूल जाते हैं और कब नहीं।

मैंने कल्पना से कहा हां यार तुम बिल्कुल सही कह रही हो मैं वाकई में बिल्कुल भूलने लगा हूं मुझे कुछ याद ही नहीं रहता। मैं अपने काम के चलते कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहने लगा था जिस वजह से मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था और यह मैं अपनी पत्नी और बच्चों के लिए ही कर रहा था लेकिन उस दिन मुझे लगा की मुझे अपनी पत्नी कल्पना और बच्चों को कहीं लेकर जाना चाहिए। मैंने उसी वक्त अपने चचेरे भाई को फोन किया और उसे कहा क्या तुम कुछ दिनों बाद मेरे साथ घूमने के लिए चल सकते हो वह कहने लगा भैया लेकिन मुझे ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ेगी आपको तो मालूम ही है कि ऑफिस से छुट्टी लेने में कितनी दिक्कत होती है। मैंने उसे कहा लेकिन तुम कोशिश तो करो हम लोग कहीं घूमने के लिए चलते हैं वह कहने लगा ठीक है मैं कोशिश करूंगा। मैंने अपनी पत्नी को यह बता दी थी कि हम लोग कुछ दिनों के लिए घूमने के लिए चलेंगे कल्पना कहने लगी वह तो आप ना जाने कब से कह रहे हो लेकिन आपके पास तो समय ही नहीं होता है।

मैंने कल्पना से कहा मैंने रौनक से कहा है कि हम लोग घूमने का प्लान बना रहे हैं.. jeth ne choda

मेरी पत्नी कल्पना कहने लगी कि क्या आप सच कह रहे हैं। मैंने उसे कहा हां मैं सच कह रहा हूं हम लोग घूमने के लिए चलेंगे बस मैं रौनक के फोन का इंतजार कर रहा हूं कि कब उसे छुट्टी मिले और हम लोग घूमने का प्लान बनाएं लेकिन रौनक का फोन मुझे आया नहीं तो मैंने ही उसे फोन किया और उसे याद दिलाया। मैंने रौनक को फोन किया तो रौनक ने फोन उठाया और कहने लगा हां भैया कहिए मैंने रोनक से कहा क्या तुमने अपने ऑफिस में छुट्टी की बात नहीं की। रौनक मुझे कहने लगा भैया मैंने ऑफिस में छुट्टी के लिए एप्लीकेशन तो दे दी है शायद कल मुझे इस बारे में पता चल जाएगा मैंने रौनक से कहा तुमने अपनी पत्नी और बच्चों को क्या इस बारे में बताया।

रौनक कहने लगा नहीं भैया मैंने अभी कुछ नहीं बताया है जब तक छुट्टी नहीं मिल जाती तब तक घर में बता कर कोई फायदा नहीं है, रौनक मुझे कहने लगा भैया मैं कल आपको बता दूंगा कि मुझे छुट्टी मिल रही है या नहीं। मैंने रौनक से कहा तुम कल मुझे पक्का बता देना और अगले ही दिन मुझे रौनक ने फोन किया और कहने लगा भैया मुझे छुट्टी मिल चुकी है अब आप बताइए कि हम लोग घूमने के लिए कहां जाएं। मैंने रौनक से पूछा कि हमें घूमने के लिए कहां जाना चाहिए रौनक कहने लगा कि भैया मुझे इस बारे में तो नहीं पता लेकिन फिर भी मैं सोचकर आपको बताता हूं कि हमें घूमने के लिए कहा जाना चाहिए।

रौनक ने मुझे फोन किया तो वह कहने लगा कि भैया हम लोग केरल घूमने के लिए जा सकते हैं अभी कुछ समय पहले ही मेरा एक दोस्त वहां गया था तो वह वहां की बड़ी तारीफ कर रहा था। मैंने रौनक से कहा ठीक है हम लोग वहीं घूमने के लिए चलते हैं तो क्या मैं वहां की टिकट बुक करवा दूं रौनक कहने लगा हां भैया आप वहां की टिकट बुक करवा लीजिए। मैंने केरल की टिकट बुक करवा दी हम लोग फ्लाइट से जाने वाले थे क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि हम लोगों का समय बर्बाद हो इसलिए मैंने फ्लाइट से ही सब की टिकट बुक करवा दी। हम लोग कुछ समय बाद ही केरल घूमने के लिए जाने वाले थे जिस दिन हम लोगों को जाना था उस दिन हम दोनों को एयरपोर्ट पहुंचने में देरी हो गई थी मैंने रौनक को फोन किया तो वह मुझे कहने लगा बस भैया अभी पहुंच रहे हैं।

वह तो शुक्र है कि वह समय पर पहुंच ही गया था और उसके साथ उसकी पत्नी और बच्चे भी थे उसकी पत्नी का नाम सुधा है। jeth ne choda

हम लोग केरल पहुंच गए जब हम लोग केरल पहुंचे तो मैंने जिस होटल में रूम बुक किए थे हम लोग वहां पर चले गए हमारा सामान वहां पर काम करने वाले स्टाफ ने हमारे रूम तक पहुंचा दिया। हम लोग अब कुछ देर आराम करने वाले थे और उसके बाद हम लोग घूमने के लिए जाने वाले थे क्योंकि सब कुछ मैंने पहले से ही करवा दिया था मैंने जिस ट्रैवल एजेंसी से हमारे घुमाने की बात की थी मैंने उसे फोन किया और उसे मैंने होटल में बुला लिया। हम सब लोग तैयार हो चुके थे और टैक्सी ड्राइवर भी पहुंच गया जब टैक्सी ड्राइवर होटल पहुंचा तो उसने मुझे फोन किया मैंने उसे कहा बस हम लोग 5 मिनट में आ रहे हैं तुम पार्किंग में ही रहना। वह पार्किंग में ही हमारा इंतजार कर रहा था और हम लोग कुछ देर बाद वहां पर चले गए हम लोग कार में बैठे और उसके बाद हम लोग वहां से घूमने के लिए निकल पड़े। मुझे भी काफी अच्छा लग रहा था क्योंकि इतने समय बाद हम लोग साथ में कहीं घूम रहे थे मेरे साथ मेरी पत्नी और बच्चे भी थे जो कि बहुत खुश थे रौनक और सुधा भी खुश थे और उनके बच्चे भी बहुत खुश थे।

हम लोग जब बीच के किनारे बैठे हुए थे तो वहां पर बच्चे खूब मस्ती कर रहे थे और वह लोग बहुत इंजॉय कर रहे थे मुझे उनके चेहरे की खुशी देखकर अपना बचपन याद आ रहा था। मैंने रौनक से कहा तुम्हें याद है जब हम लोग बचपन में ऐसे ही खेला करते थे और हमें कोई फिक्र ही नहीं होती थी। रौनक कहने लगा हां भैया आप बिल्कुल सही कह रहे हैं मुझे भी याद है जब हम लोग बचपन में मिट्टी में खेला करते थे। जब हम घर जाते थे तो मम्मी हमें कितना मारती थी लेकिन उसके बाद भी हम लोग कभी सुधारते नहीं थे और हमेशा ही हम लोग अपने कपड़े गंदे किया करते थे और जब भी घर आते थे तो हमेशा हम लोग पिटते थे।

मैंने रौनक से कहा बचपन के दिन तो कुछ और ही थे उस वक्त काफी अच्छा लगता था। jeth ne choda

हम लोग जब होटल में पहुंचे तो वहां पर हमें काफी देर हो चुकी थी और हम लोगों ने होटल में ही डिनर किया उस दिन का टूर हमारा बड़ा ही अच्छा रहा। मैंने ड्राइवर से कहा कि तुम कल सुबह 10:00 बजे तक आ जाना हम लोग सुबह तैयार हो जाएंगे। ड्राइवर ने कहा सर ठीक है मैं यहां पर 10:00 बजे तक पहुंच जाऊंगा और उसके बाद वह वहां से चला गया था। अगले दिन वह 10:00 बजे वहां पहुंच गया था और हम लोग भी बिल्कुल 10:00 बजे तैयार हो चुके थे हम लोगों को उसने अगले दिन भी घुमाया और उस दिन हम लोगों ने काफी एंजॉय किया। हम लोग एक दिन पैदल पैदल ही घूमने चले गए लेकिन कल्पना और रौनक बच्चों के देखते हुए पीछे ही रह गए थे और सुधा और मैं होटल में आ चुके थे। मैं सुधा से बात कर रहा था, जब उसके स्तनों पर मेरी नजर पड़ी तो मैं उसे देखने लगा।

वह भी समझ चुकी थी कि मेरी नजर उसके स्तनों पर है वह अपने स्तनों को छुपाने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने पहली बार इतनी नजदीक से सुधा के स्तनों को देखा था तो भला मैं अपने आप पर कैसे काबू कर पाता। मैं उसके स्तनों को दबाने की कोशिश करने लगा लेकिन वह पीछे की तरफ लेट गई। मैं उसके ऊपर लेटा तो मैंने उसके स्तनों को दबाया और उसके होठों को भी चूमना शुरू किया वह मुझे कहने लगी आप यह क्या कर रहे हैं जेठ जी। मैंने उसे कहा क्यों इसमें कोई बुराई है क्या तुम्हें किसी और अन्य पुरुष के साथ सेक्स करना अच्छा नहीं लगता। उसने मुझसे कुछ नहीं कहा मैंने सुधा के होंठो को चूमना शुरू किया और उसके गोरे और नरम स्तनों को मैंने जब अच्छे से अपने मुंह के अंदर लिया तो वह भी उत्तेजित हो गई। मैंने उसके पेट पर जब अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो उसकी उत्तेजना में दोगुनी बढोतरी हो गई। मैंने उसकी सलवार को उतारा और उसकी चिकनी चूत को मैंने काफी देर तक चाटा जिससे कि उसकी योनि के अंदर हलचल पैदा होने लगी और मैंने अपने लंड को उसकी योनि पर सटा दिया। जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर घुसाया तो वह चिल्ला रही थी..

लेकिन मुझे उसे धक्के देने में बड़ा मजा आता। jeth ne choda

मैं उसे लगातार तेजी से धक्के दिए जा रहा था जिससे कि उसके बदन की गर्मी बढ़ती जा रही थी मेरा लंड उसकी योनि के अंदर बाहर होता जिससे कि हम दोनों की उत्तेजना में बढ़ोतरी हो जाती और मैं ज्यादा देर तक सुधा की योनि की गर्मी को बर्दाश्त नही कर पाया। उसने अपनी योनि को टाइट कर लिया, मैंने जैसे ही उसकी योनि के अंदर बाहर अपने लंड को किया तो मेरा वीर्य उसकी चूत मे गिर गया। जैसे ही मेरा वीर्य पतन हुआ तो मुझे बड़ा अजीब सा महसूस हुआ जैसे मेरे अंदर से पूरी ताकत बाहर निकल चुकी हो। सुधा ने कपड़े पहन लिए और वह मेरी तरफ देखने लगी मैंने उसे कहा क्या तुम्हें मजा नहीं आया तो उसने कुछ नहीं कहा लेकिन उसे भी बड़ा मजा आया था। उसके बाद हम दोनों ऐसे ही बैठे रहे कुछ ही देर बाद रौनक और मेरी पत्नी कल्पना भी आ गए वह कहने लगे आप लोग कहां चले गए थे।

मैंने रौनक से कहा हम लोग आगे ही आ चुके थे, मेरा सफर बड़ा ही अच्छा रहा क्योंकि मुझे सुधा की चूत मिल चुकी थी। jeth ne choda

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असंतुष्ट आंटी की गुलाबी चूत https://sexstories.one/aunty-ko-choda-ghar-pe/ Thu, 22 Oct 2020 12:27:46 +0000 https://sexstories.one/?p=406 हेलो दोस्तों मेरा नाम संजय हैं, अन्तर्वासना, हिंदी सेक्स स्टोरी, मस्तराम और कामुकता के दुनिया में आपका स्वागत है.. मैं बलरामपुर, यूपी में रहता हूं. बात तब की है जब मैं बलरामपुर में कोचिंग क्लास ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तों मेरा नाम संजय हैं, अन्तर्वासना, हिंदी सेक्स स्टोरी, मस्तराम और कामुकता के दुनिया में आपका स्वागत है.. मैं बलरामपुर, यूपी में रहता हूं. बात तब की है जब मैं बलरामपुर में कोचिंग क्लास कर रहा था. मेरी सोशल नेटवर्किंग साइट के अकाउंट पर गोंडा जिले की एक शादीशुदा आंटी थी जिनसे मैं कभी-कभी बात करता था. कुछ दिनों तक बात करने के बाद हम दोनों एकदम क्लोज़ हो गए. वो अपने बारे में हर बात मुझे बताने लगी. उसकी 3 बेटियाँ थीं जो अभी कम उम्र की ही थीं.

एक बार आंटी ने मुझे मिलने के लिये बुलाया तो मैं उनके घर जाने के लिए राज़ी हो गया.

जब मैं उससे पहली बार मिलने गया तो उसने मुझे एक रेस्तराँ में बुलाया. उसे देख कर मैं हैरान रह गया. उसको देख कर लगा ही नहीं कि वो तीन बच्चों की माँ है. देखने में वह केवल 25-26 साल की लग रही थी. वो जीन्स और टॉप पहन कर आई थी.

Kamukta Hindi chudai kahani – कुसुम की झांट की सफाई

रेस्तराँ में हम दोनों ने कॉफी पी. फिर वह मुझसे यह कहकर चली गई कि तुम कुछ देर इंतजार करो, मैं थोड़ी देर के बाद तुम्हें फोन करूंगी. मैं वहीं पर होटल में उसका इंतजार करने लगा. दस मिनट के बाद उसका फोन आया और उस लेडी ने मुझे अपने घर बुला लिया.

पहले तो मैं थोड़ा घबरा रहा था क्योंकि मैं इससे पहले कभी किसी शादीशुदा औरत से नहीं मिला था. मैं सोच रहा था कि जाऊं या न जाऊं. उसके बाद मैंने हिम्मत करके उसको आने के लिए हाँ कर दी. उसने अपने घर की लोकेशन मुझे इंटरनेट के जरिये फोन पर भेज दी.

उसकी बताई जगह पर पहुंचकर मैंने उसको फोन किया तो उसने अपना क्वार्टर नम्बर बता दिया. उसके बाद मैं उसके घर पर पहुंच गया और जाकर डोर बेल बजाई. जब अंदर से दरवाजा खुला तो वह नाइट ड्रेस में थी. जब तक मैं कुछ समझ पाता उसने मुझे अंदर खींच लिया और घर का दरवाजा बंद कर दिया. अंदर आते ही वह मुझे अपने बेडरूम में ले गयी.

हम दोनों बेड पर जाकर बैठ गये और कुछ बातें करने लगे. उसने बताया कि उसके पति सरकारी नौकरी करते हैं. उसको पता नहीं क्या हुआ कि कहते-कहते वो रोने लगी कि उसके पति उसको टाइम ही नहीं देते हैं.

मैंने उससे चुप होने के लिए कहा. मगर वह नहीं रुकी. फिर मैंने उसके कंधे पर हाथ रख दिया. वह मुझसे लिपट गई और सुबकने लगी.

मैंने उससे कहा- ऐसे नहीं रोते, आपको जो चाहिए वो मैं आपका दूंगा. लेकिन आप दिल छोटा मत करो.

मेरा हाथ उसकी चूची पर टच हो गया. उसकी चूची का स्पर्श पाते ही मेरा ध्यान उसके बूब्स पर चला गया. अब मैंने जान-बूझकर उसको सांत्वना देने के बहाने से उसकी चूचियों को दो बार और टच कर दिया. उसकी तरफ से कोई रिएक्शन नहीं हो रहा था.

Kamukta Hindi chudai kahani – चाची की रसीली चूत और मेरा कड़क लंड

वह चुप हो गई थी. उसने मेरी जांघ पर हाथ रख दिया. मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने उसकी चूची को अपने हाथ में भर लिया और उसको दबाने लगा.

मेरी इस हरकत पर वह थोड़ी सहम सी गई और उसने मुझे अपने से अलग कर दिया.

वह बोली- मैं जानती हूँ कि तुम्हारा मन कर रहा है. लेकिन तुम इस बात के बारे में किसी को नहीं बताओगे, मुझसे वादा करो.
मैंने कहा- ठीक है, जब तक तुमको मुझ पर भरोसा नहीं हो जाता मैं तुम्हारी तरफ देखूंगा भी नहीं.

मैं उठ कर बेडरूम से बाहर जाने लगा और उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोक लिया. मैंने पीछे पलट कर देखा तो वह खड़ी हो गयी और एकदम से मुझे अपनी बांहों में भर कर मुझसे लिपट गई.

वह बोली- तुम मुझे छोड़ कर मत जाओ प्लीज.

कहकर उसने मेरे गाल पर किस कर दिया.

मैंने कहा- तो अब तुमको मुझ पर विश्वास हो गया या नहीं?

वह बोली- हाँ, मुझे तुम पर विश्वास है.

उसके बाद मैंने भी उसको अपनी बांहों में भर लिया और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को वहीं खड़े होकर चूसने लगे. मैंने उसके होंठों को चूसते हुए उसकी नाइटी के ऊपर से ही उसकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया. मेरा लंड मेरी पैंट में तन गया था और उसके शरीर से रगड़ खा रहा था. मेरा लंड उसकी जांघों के बीच में घुस जाना चाहता था मगर बीच में उसकी नाइटी आ रही थी.

Kamukta Hindi chudai kahani – पिंकी की चुत का भोसड़ा बनाया

मैं उसको जल्दी से नंगी कर देना चाहता था ताकि उसकी चूत में अपने लंड को डाल सकूं लेकिन मैंने सब कुछ धीरे-धीरे करना ही ठीक समझा ताकि उसका विश्वास मुझ पर बना रहे.

कई मिनट तक ऐसे ही किस करने के बाद वह बोली- संजय, मेरे पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते.

मैंने कहा- तो क्या हुआ, मैं हूँ न. मुझे अपना पति मान सकती हो तुम.

कहकर मैंने उसकी नाइटी को निकलवा दिया और अब वह मेरे सामने ब्रा और पैंटी में खड़ी थी. उसके बदन को देखकर मेरी हवस जाग गई. मैंने उसकी ब्रा को किस किया और फिर उसकी गर्दन पर चूमने लगा. वह भी गर्म होने लगी. उसने मुझे अपने से लिपटा लिया और मुझे बांहों में लेकर मेरी गर्दन पर किस करने लगी.

उसके बाद मैंने उसको पलटा कर उसकी ब्रा के हुक खोल दिये और उसकी ब्रा को निकाल कर बेड पर फेंक दिया. उसके लम्बे बाल उसकी कमर पर बिखरे हुए थे. पीछे से उसकी कमर नंगी हो गई थी. उसकी गोरी, नंगी पीठ, जो काले बालों के नीचे ढकी हुई थी, को देख लग रहा था जैसे किसी फिल्म की हिरोइन हॉट सीन देने के लिए तैयार खड़ी हो.

मैंने उसको अपनी तरफ घुमाया और उसके चूचों को देखते ही मैं उन पर टूट पड़ा. मैंने उसके चूचों को सीधा मुंह में भर लिया और उसकी गांड को दबाते हुए मैं उसके चूचों को चूसने लगा. बहुत मजा आ रहा था दोस्तो. वह खूबसूरत तो थी ही, साथ ही उसका बदन भी सुडौल था.

Kamukta Hindi chudai kahani – चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा

मेरा लंड मेरी पैंट में तन कर फटने को हो रहा था. जब मैंने नीचे झांक कर देखा तो मेरे लंड ने मेरी पैंट पर पानी का निशान बना दिया था. मैंने उस लेडी को नीचे बैठा दिया और वह घुटनों पर मेरे सामने बैठ गई. मैंने अपनी पैंट को खोल दिया और अंडरवियर समेत उसको नीचे गिरा दिया. मेरा लौड़ा तन कर उसके मुंह के सामने आ गया.

वह भी समझ गई कि मैं उसको अपना लंड चुसवाना चाहता हूँ. उसने मेरे लंड को हाथ में लिया तो मेरी आह्ह … निकल गई. बड़े ही नर्म हाथ थे उसके. फिर उसने एक दो बार मेरे लंड की मुट्ठ मारी और उसको मुंह में लेकर चूसने लगी. उसके मुंह में लंड गया तो मुझे बहुत ही ज्यादा उत्तेजना होने लगी. मैंने उसके सिर को हल्के से पकड़ कर अपने लंड को उसके मुंह में धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.

वह पूरी तबियत के साथ मेरे लंड को चूस रही थी. बीच-बीच में वह मेरी गोलियों को किस कर लेती थी और कभी पूरी की पूरी मुंह में भर लेती थी. वह मुझे पागल बना रही थी. मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था.

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चुत चुदाई गन्ने के खेत में https://sexstories.one/chut-chudai-ganne-ke-khet-me/ Wed, 25 Mar 2020 22:15:41 +0000 https://sexstories.one/?p=497 मैं अभी बुरी तरह उत्तेज़ित हो ही रही थी कि उसने मेरी कच्छी के ऊपर से एक उंगली मेरी चुत में घुसेड़नी शुरू कर दी। मुझे दर्द का भी अहसास हुआ.. पर मैं उसे मना ना कर सकी। पता नहीं मुझे क्या हो गया था...

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hindi sex kahani दोस्तो, मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ और मेरा कॉलेज हमारे घर से बहुत दूर शहर के बाहर है, वो इलाका थोड़ा जंगल जैसा है। मैं कॉलेज हमेशा बस से ही जाती हूँ।

एक दिन मैं कॉलेज जाने के लिए जब घर से निकली और बस स्टॉप पर पहुंची.. तो बस जा चुकी थी और मुझे कॉलेज पहुँचने में बहुत देर हो रही थी। तब मैंने सोची कि क्यों न किसी से लिफ्ट मांग कर कॉलेज चली जाऊँ।

मैं सड़क के किनारे खड़ी होकर लिफ्ट मांगने लगी। काफी देर बाद एक बाइक वाला मेरे पास आकर रुक गया।

उसने अपना हेलमेट उतार कर मुझसे पूछा- आपको कहाँ जाना है?

जब उसने अपना हेलमेट उतारा.. तो मैं उसे देखती ही रह गई, वो दिखने में बहुत आकर्षक था, कुछ देर तो मैं उसे यूं ही देखती रही।

उसने मुझसे फिर पूछा- आपको कहाँ जाना है?

तब मैंने उसे बताया- मुझे कॉलेज जाना है और मैं बहुत लेट हो गई हूँ.. और बस भी छूट गई है।

तब उसने पूछा- कौन से कॉलेज जाना है?

मैंने उसे कॉलेज का नाम बताया तो उसने कहा- मैं भी उसी तरफ जा रहा हूँ, चलो में तुम्हें छोड़ देता हूँ।

मैं बाइक पर बैठ गई।

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रास्ते में हमारी काफी बात हुई और उसने मुझे कॉलेज छोड़ दिया।

जाते-जाते मैंने उससे कहा- आपसे इतनी बात हुई पर मैंने आपका नाम नहीं पूछा?

तब उसने अपना नाम मुझे विवेक बताया।

उस दिन के बाद वो रोज मुझे बस स्टॉप पर मिलने लगा, वो मुझे देख कर मुस्कुराता और कहता- चलो मैं तुम्हें कॉलेज छोड़ देता हूँ।

मुझे भी उसके साथ बाइक पर जाना अच्छा लगने लगा था, कुछ ही दिनों में हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे।

एक दिन उसने मुझसे कहा- चलो कंचन आज मूवी देखने चलते हैं।

मैंने कहा- नहीं यार, आज कॉलेज जाना जरूरी है।

उसने कहा- तो कॉलेज के बाद मूवी देखने चलते हैं।इस बार मैंने भी ‘हाँ’ कर दी।

कॉलेज के बाद वो मुझे लेने आया और हम दोनों मूवी देखने के लिए गए। वो एक हॉलीवुड मूवी थी। उस मूवी में काफी सेक्सी सीन थे।

हॉल में ज्यादा लोग भी नहीं थे और हम एक कोने वाली सीट पर बैठे थे।

जब काफी अँधेरा हो गया.. तो मुझे विवेक का हाथ मुझे मेरे मम्मों पर महसूस हुआ। तब मैंने उसका हाथ हटा दिया और बोली- ये क्या कर रहे हो?

वो बोला- यार कंचन मूवी बहुत सेक्सी है.. मैं अपने आपको कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा हूँ।

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फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया। उसका लंड जैसे ही मेरे हाथ में आया.. मेरे अन्दर एक सुरसुराहट सी हुई।

उसका लंड बहुत गर्म था।

अब मेरा भी मन करने लगा था तो मैं उसके लंड को जोर-जोर से हिलाने लगी, वो मुझे किस करने लगा।

उतने में ही इंटरवल हो गया.. तो हम बाहर आ गए।

मैंने विवेक से कहा- चलो अब घर चलते हैं।

उसने बोला- क्यों क्या हो गया.. मजा नहीं आ रहा क्या?

मैंने कहा- नहीं यार बहुत देर हो रही है अब मुझे घर जाना है.. ये मजा फिर कभी करेंगे।

उसने भी कहा- चलो ठीक है.. पर वादा करो कि मैं जब बोलूंगा, करोगी।

मैंने भी ‘हाँ’ कर दी।

फिर उसने मुझे बस स्टॉप पर ही छोड़ दिया और मैं घर आ गई।

फिर कुछ दिन बाद एक दिन जब वो मुझे बस स्टॉप पर मिला तो वो बोला- चलो कॉलेज छोड़ देता हूँ।

मैं भी बैठ गई.. अचानक ही हम कॉलेज जाने वाले मोड़ से कॉलेज की बजाए जंगल वाली सड़क पर मुड़ गए।

शुरू में तो मुझे मजे मजे में पता ही नहीं चला.. पर थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा, तो बोला- कॉलेज में तो रोज ही जाते हैं.. चलो आज एक नया नजारा दिखाता हूँ।

मैं कुछ नहीं बोली और वो भी बाइक आगे ले गया, आगे एक जगह बिल्कुल सुनसान थी, दूर-दूर तक कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था। तभी हमें गन्ने के खेत के बीच में कुछ खाली हिस्सा नजर आया, वो मुझे वहीं ले गया और मुझसे लिपट कर जगह जगह मुझे चूमने चाटने लगा।इससे मेरी उत्तेजना और बढ़ गई।

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इसके बाद जब उसने मेरी चूचियों को दबाना-मसलना शुरू किया तो मुझे जैसे जन्नत दिखाई देने लगी। वो एक हाथ से मेरी चूचियां और दूसरे हाथ से मेरे चूतड़ों को मस्ती से दबाए जा रहा था।

अचानक उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए। मैं मना करने की स्थिति में नहीं थी, सो मैंने हाथ ऊपर कर दिए ताकि वो मेरा कुर्ता आराम से उतार सके।

उसने मेरी सलवार का नाड़ा भी खींच दिया। अब मैं उसके सामने केवल ब्रा और पेंटी में रह गई थी।

मुझे शर्म तो आ रही थी लेकिन उत्तेजना शर्म पर हावी हो गई थी तो मैं चुपचाप तमाशा देखती रही।

उसने पहले तो मेरे सीने को.. फिर नाभि को चूसना शुरू कर दिया। मैं अभी बुरी तरह उत्तेज़ित हो ही रही थी कि उसने मेरी कच्छी के ऊपर से एक उंगली मेरी चुत में घुसेड़नी शुरू कर दी। मुझे दर्द का भी अहसास हुआ.. पर मैं उसे मना ना कर सकी। पता नहीं मुझे क्या हो गया था। मैं भी बेशर्म हो कर अपनी चूचियाँ अपने आप दबाने लगी थी।

उसने धीरे धीरे मेरी पेंटी और ब्रा को भी मेरे शरीर से अलग कर दिया और मुझे पूरी नंगी कर दिया। मैं तड़प रही थी और उसे मजा आ रहा था।

वो अभी तक पूरे कपड़ों में खड़ा था। मुझे गुस्सा आया और मैंने उसे गाली देकर कहना शुरू कर दिया- तू अपने कपड़े भी तो उतार बे!
वो झटके से मुझसे अलग हुआ और बिजली की रफ्तार से उसने अपने कपड़े उतार दिए। उसका लंड बहुत बड़ा था, उसके लंड की लम्बाई एक बड़ी और मोटी गाजर जितनी थी।

उसने अपना हथियार मेरे हाथ में देकर मुझसे सहलाने को कहा। मैं उसे हाथ में लेकर आगे-पीछे करने लगी.. तो उससे डर कुछ कम लगने लगा। फिर उसने मुझे नीचे बैठाया और अपना लंड मेरे मुँह में देने लगा, मैंने उसका मोटा लंड अपने मुँह में बिना उसके कहे डाल लिया और चूसने लगी।

Antarvasna Hindi sex kahani – मेरी चूत का उद्घाटन समारोह

मुझे तो खैर उसमें बहुत मजा आ ही रहा था, मैंने महसूस किया कि उसे भी इसमें बहुत मजा आ रहा होगा क्योंकि उसका लंड पहले से अधिक सख्त और गर्म महसूस हो रहा था।

वो मेरा सिर पकड़ कर आगे-पीछे करने लगा। अब मेरी चुत में उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। यह बात मैंने पूरी बेशर्मी से उसको बताई तो वो अपना लंड मेरी चुत में डालने को तैयार हो गया।

वो मुझे जमीन पर लिटाकर मेरे ऊपर आ गया। उसके लंड का अगला भाग जैसे ही मेरी चुत से टकराया तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे गर्म सरिया या रॉड सी कोई चीज मेरी चुत पर छुआ दी गई हो।

सच में अगर चुत में लंड डलवाने की इतनी खुजली न मची होती तो मैं तुरन्त उसे वहां से हटा देती, लेकिन मैं अपनी चुत के हाथों मजबूर थी।

अब उसने चुत पर लंड का दबाब बढ़ाना शुरू किया। मुझे दर्द का एहसास हुआ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… तो मैंने उसे थूक लगाकर लंड डालने की सलाह दी.. जिसे उसने तुरन्त मान लिया।

उसने लंड के सुपाड़े पर थूक लगाकर जोर का झटका मेरी चुत के छेद पर मारा। पर उसका निशाना मिस हो गया और लंड मेरे पेट के निचले हिस्से की खाल को जैसे छीलता हुआ ऊपर आया।

मैंने उसे अपने पर्स में निकालकर अपनी कोल्ड क्रीम दी और उसके लंड पर लगाने को कहा। अबके उसने लंड के साथ-साथ मेरी चुत को भी क्रीम से भर दिया। उसने मेरी चुत में उंगली डाल-डाल कर क्रीम अन्दर पहुँचा दी।

Antarvasna Hindi sex kahani – शादी के दिन सास मां की चुदाई

मेरी हालत प्रतिक्षण खराब होती जा रही थी, मैंने उससे कहा- मैं रास्ता दिखाती हूँ तुम जोर का धक्का मारो।

फिर मैंने उसका लंड पकड़ कर अपनी चुत के छेद पर रखा.. दबाया और उसे आंख से देखा। उसने मेरी आँख का इशारा पाते कर पूरी ताकत से धक्का मार दिया।

मुझे बहुत तेज दर्द हुआ.. उस समय ऐसा लगा कि उसने धक्का नहीं मारा.. बल्कि मुझे मार दिया।

एक झटके में उसका आधे से ज्यादा महालंड मेरी चुत में समा गया था, मेरी चुत निश्चित ही फट गई थी। मुझे दर्द का वो अहसास हुआ.. जो आज तक कभी भी जिन्दगी में नहीं हुआ।

मैं सिर पटकने लगी। सारी उत्तेजना जाने कहाँ हवा हो गई थी। मैं उससे लंड निकालने की रो-रोकर विनती करने लगी। लेकिन उसे तरस न आया, वो तो उल्टा मेरी चूचियों को चूसने और काटने लगा। उसने लंड निकाल तो नहीं.. पर कुछ पल के लिए लंड को वहीं रोक दिया।

थोड़ी देर में मुझे कुछ आराम सा महसूस होने लगा तो मैंने उसे बताया।

अब उसने लंड को धीरे-धीरे गति देनी चालू की, अब उसके लंड के धक्के मेरी चुत को फाड़े दे रहे थे। मुझे भंयकर दर्द हो रहा था..

लेकिन यह उस जानलेवा दर्द के आस-पास भी नहीं था.. जो पहले झटके में शायद क्रीम के कारण हो गया था।

थोड़ी ही देर में मुझको भी मजा सा आने लगा। उसके धक्के अभी भी दर्द पैदा कर रहे थे.. पर उस दर्द में भी एक अलग आनन्द की अनुभूति हो रही थी।

मेरी चुत में से पता नहीं.. क्या कुछ निकल कर रिस रहा था। पर उसका चूमना-चाटना और बीच-बीच में काटने से मिलने वाला मजा अलग ही था।मैंने इतना आनन्द प्राप्त किया जो जिन्दगी में पहले नहीं किया था।

Antarvasna Hindi sex kahani – असंतुष्ट आंटी की गुलाबी चूत

पर बात उससे आगे की भी थी।करीब दस मिनट बाद उसने अचानक धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। मैं भी सहयोग करने का निश्चय करके नीचे से चूतड़ उछालने लगी।

हम दोनों अपने आवेग में थे कि अचानक मेरी चुत में कुछ संकुचन सा हुआ और मैंने उसको कसके चिपटा लिया, अपने नाखून उसकी कमर में गाड़ दिए।

तभी मैंने अपनी चुत में कुछ गर्म-गर्म लावा सा गिरता हुआ महसूस किया, कुछ ही मिनटों में हम दोनों शान्त हो गए थे, इन आखिर के एक-दो मिनट में जो आनन्द आया.. उसके सामने शायद जन्नत का सुख भी फीका हो।

मैं उसकी मुरीद हो गई, उसने उसके बाद लंड निकाला और मेरे मुँह में डाल दिया, मैंने उसे बड़े प्यार से चाट-चाट कर साफ किया।फिर जब मैंने बैठकर अपनी चुत रानी को देखा तो मेरे मुँह से चीख सी निकल गई। चुत का भोसड़ा तो बन ही गया था।

मैं यह देखकर डर गई थी पर उसने हिम्मत बंधाई। पता नहीं उसने मुझे वापस लिटाकर मेरी चुत में कपड़े से और क्रीम से क्या-क्या किया.. पर सुकून मिल गया था।

अब थकान बहुत महसूस हो रही थी तो मैं थोड़ी देर लेटी रही।फिर उसके सहारे से उठी और शरीर झाड़ कर कपड़े पहने। कपड़े पहन कर मैंने उसकी तरफ मुस्कुराकर देखा तो उसने फिर एक बार मेरे निचले होंठ को चूसना शुरू कर दिया और चूचियों को दबाने लगा।

मुझे बहुत आनन्द आया और सच में अगर घर वापिस लौटने में टाइम का ख्याल नहीं होता तो मैं उसे हटने को कभी नहीं कहती।

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