antarvasna kahani Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/antarvasna-kahani/ Hindipornstories.org Mon, 13 Sep 2021 06:55:29 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 दरवाजा खुला रह गया https://sexstories.one/darwaza-khula-reh-gaya/ Mon, 13 Sep 2021 06:55:29 +0000 https://sexstories.one/?p=4302 मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग करने के लिए मॉल में गया हुआ था मैं जब मॉल में गया तो उस वक्त मुझे किसी ने आवाज लगाई मैंने जब पीछे पलट कर देखा तो वह ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग करने के लिए मॉल में गया हुआ था मैं जब मॉल में गया तो उस वक्त मुझे किसी ने आवाज लगाई मैंने जब पीछे पलट कर देखा तो वह मनीष था। मनीष ने मुझे कहा कि रोहित तुम कितने दिनों बाद मुझे मिल रहे हो तो मैंने मनीष को कहा हम लोग करीब 7 वर्षों बाद मिल रहे हैं। कॉलेज खत्म होने के बाद हम लोगों की मुलाकात ही नहीं हो पाई और यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक था कि इतने वर्षों बाद हम एक दूसरे को मिल रहे थे। हम जब एक दूसरे को मिले तो हम दोनों को मिलकर काफी अच्छा लगा मैंने मनीष को कहा कि तुम क्या दिल्ली में ही रहते हो तो वह मुझे कहने लगा कि नहीं मैं अब दिल्ली में नहीं रहता मैं कोलकाता में नौकरी करता हूं और वहां मैं पिछले 5 वर्षों से काम कर रहा हूं। मैंने मनीष को कहा चलो यह तो बहुत ही अच्छी बात है मनीष मुझसे कहने लगा रोहित तुम क्या कर रहे हो तो मैंने उसे बताया कि मैं भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रहा हूं और पिछले काफी वर्षों से मैं वहीं पर नौकरी कर रहा हूं।

मैंने मनीष का नंबर ले लिया और उससे कहा कि तुम कितने दिनों तक रुकने वाले हो वह मुझे कहने लगा कि मैं इस हफ्ते तो घर पर हूं। मैंने मनीष को कहा अभी तो मैं अपनी फैमिली के साथ शॉपिंग करने के लिए आया हूं मैं तुमसे कुछ दिनों बाद मुलाकात करता हूं तो मनीष कहने लगा ठीक है। मनीष भी वहां से चला गया और मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग कर के अपने घर लौट चुका था हर रोज की तरह मैं अपने ऑफिस के लिए घर से निकला ही था कि तभी रास्ते में मेरी मोटरसाइकिल का टायर पंचर हो गया जिस वजह से मुझे उस दिन ऑफिस पहुंचने में देर हो गई। मैं अपने ऑफिस तो पहुंच चुका था लेकिन उस दिन मेरे मैनेजर ने मुझे काफी कुछ कहा उसी दिन जब मैं शाम के वक्त घर वापस लौट रहा था तो मनीष का मुझे फोन आया और मनीष मुझे कहने लगा कि रोहित क्या कल तुम फ्री हो। मैंने मनीष को कहा हां कल मैं फ्री हूं मनीष मुझे कहने लगा कि क्या कल तुम मुझे मिल सकते हो तो मैंने मनीष को कहा हां।

अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए मैंने मनीष को कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं और अगले दिन जब मैं मनीष को मिला तो मनीष ने मुझे कुछ भी नहीं बताया था और उसने मुझे एक रेस्टोरेंट में बुला लिया। हम लोग एक रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे हम लोग वहां पर बैठे हुए थे तो मैंने मनीष को कहा की तुमने मुझे यहां पर क्यों बुलाया है तो मनीष मुझे कहने लगा कि रोहित आज मैं तुम्हें किसी से मिलाना चाहता हूं। मैंने मनीष को कहा आज तुम मुझे किससे मिलाना चाहते हो हम दोनों आपस में बात कर रहे थे कि तभी एक लड़की आई वह जब आई तो मनीष ने मुझे कहा कि यह अंजली है। मैंने मनीष को कहा मनीष क्या तुम अंजलि को जानते हो तो मनीष कहने लगा हां, मनीष ने मुझे उस दिन पूरी बात बताई और कहने लगा कि अंजलि और मेरी मुलाकात ट्रेन में हुई थी उसके बाद हम दोनों में प्यार हुआ और अब हम दोनों शादी करना चाहते हैं।

मैंने मनीष को कहा मनीष यह तो बड़ी अच्छी बात है कि तुम शादी करना चाहते हो और अंजलि जैसी अच्छी लड़की तुम्हें मिल रही है। अंजली भी हमसे खुलकर बात कर रही थी और मनीष के साथ मैं काफी देर तक बात करता रहा मनीष के साथ मैंने बहुत देर तक बात की और उस दिन हम तीनों ने ही बहुत अच्छा समय साथ में बिताया उसके बाद अंजलि चली गई। मनीष ने मुझे पूरी बात बताई कि कैसे उसे अंजली मिली और उसके बाद उन दोनों में कैसे प्यार हुआ मैंने मनीष को कहा तुम बहुत ही खुश नसीब हो जो तुम्हें अंजलि जैसी लड़की मिल रही है। अंजली बहुत ही सुंदर थी और वह एक अच्छी कंपनी में एक अच्छे पद पर भी है मैंने मनीष को कहा मनीष मैं अभी अपने घर के लिए निकलता हूं मैं तुमसे दोबारा मुलाकात करूंगा।

मैं अपने घर के लिए निकल चुका था और फिर कुछ दिनों बाद मेरी मनीष से बात हुई वह कोलकाता वापस लौटने वाला था मैंने मनीष को कहा तुम कोलकाता से वापस कब आओगे मनीष कहने लगा कि मैं अब दो महीने के बाद ही वहां से आऊंगा। एक दिन मैं अपनी मोटरसाइकिल से अपने ऑफिस की तरफ जा रहा था उस दिन काफी बारिश हो रही थी तो मैंने अपना रेनकोट पहन लिया और मैं अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा। मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन भी मुझे ऑफिस पहुंचने में देर हो गई थी लेकिन उस दिन मेरे मैनेजर ने मुझे कुछ नहीं कहा।

मैं उस दिन शाम को घर वापस लौट रहा था तो रास्ते में मुझे अंजलि दिखाई दी मैंने अंजलि को देखते हुए अपनी बाइक को रोक लिया और उसके बाद मैं अंजली से मिला। जब मैं अंजली से मिला तो मैंने अंजलि को कहा तुम यहां पर कैसे तो अंजलि मुझे कहने लगी कि मैं किसी काम से यहां आई हुई थी। मैने अंजलि को कहा कि मैं यहां से गुजर रहा था तो सोचा तुम से मिल लूँ अंजलि कहने लगी कि तुमने बहुत अच्छा किया। मैंने अंजलि से कहा कि क्या तुम्हारी मनीष से बात होती रहती है तो वह मुझे कहने लगी कि हां मनीष से मेरी बात होती रहती है। उस दिन अंजलि ने मुझे बताया कि वह लोग जल्दी सगाई करने वाले हैं अंजलि ने अपने घर पर इस बारे में बता दिया था और शायद मनीष ने भी इस बारे में अपने परिवार वालों को बता दिया था जिसके बाद वह लोग अब सगाई करने वाले थे। मैंने अंजलि को उसकी सगाई के लिए बधाई दी और कहा यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम दोनों के परिवार वाले इस रिश्ते को मान चुके हैं। अंजलि कहने लगी की हां अब उन्हें मानना तो था ही।

अंजलि और मैं उस दिन काफी देर तक एक दूसरे से बात करते रहे उसके बाद भी अंजलि और मेरी मुलाकात होती रही। एक दिन अंजलि मुझे दिखी तो उस दिन काफी तेज बारिश हो रही थी। वह मुझे कहने लगी क्या तुम मुझे मेरे घर तक छोड़ दोगे? मैने अंजलि को कहा हां क्यों नहीं मैंने अंजलि को उसके घर तक छोड़ा हम दोनों ही काफी भीग चुके थे। उसने मुझे घर के अंदर ही बुला लिया और वह कहने लगी तुम घर पर ही आ जाओ। मैंने उसे पहले तो मना किया लेकिन फिर मैं घर पर चला गया जब मैं घर पर गया तो उस वक्त अंजलि के घर पर कोई भी नहीं था और अंजलि अपने कमरे मे कपडे बदलने लगी लेकिन उसने अपने दरवाजे को खुला ही रखा था।

जब मैंने दरवाजा खोला तो मैंने उसके बदन को  देख लिया था उसका गोरे बदन को देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा। वह तौलया लपेटे हुए कमरे से बाहर आई और मुझे कहने लगी सॉरी रोहित मैं कमरे का दरवाजा बंद करना भूल गई। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं लेकिन मेरी नजर तो सिर्फ उसके गोरे बदन पर थी मौसम भी बहुत ज्यादा सुहाना था तभी बादल बहुत तेज आवाज में गड़गडाहट कर रहे थे अंजलि मुझसे लिपट गई जब वह मुझसे लिपटी तो मैं उसके बदन को महसूस करने लगा। मेरा हाथ धीरे धीरे उसकी गांड की तरफ बढ़ने लगा वह मुझे कुछ नहीं कह रही थी। उसके अंदर की गर्मी बढ चुकी थी मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया और उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था उसके स्तनों को मैंने काफी देर तक अपने मुंह में लेकर चूसा मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी।

हम दोनों के बदन से काफी गर्मी बाहर निकलने लगी थी मैंने अंजलि के स्तनों को बहुत देर तक चूसा उसके बाद मैंने उसकी पैंटी को उतारते हुए उसकी चूत के अंदर उंगली घुसाने की कोशिश की लेकिन उसकी चूत के अंदर उंगली नहीं जा रही थी। मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए मैंने उसकी चूत मे लंड घुसा दिया वह बड़ी तेजी से चिल्लाई और मुझे कहने लगी तुमने तो मेरी चूत पूरी तरीके से फाड कर रख दी है।

मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो वह मुझे कहने लगी अब तुम मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो मैंने उसे बड़ी तेज गति से धक्के दिए उसकी चूत की चिकनाई में बढ़ोतरी हो गई थी। वह मुझसे कहने लगी आप मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो उसके धक्को मे लगातार बढ़ोतरी हो रही थी और उसकी गर्म सांसे मेरे कान मे सुनाई देती तो मैं उसके दोनों पैरों को कसकर पकड़ लेता और उसे तेजी से धक्के देता। उसके बदन से गर्मी बाहर निकलने लगी वह पसीना पसीना होने लगी थी। उसका बदन गिला हो चुका था मैंने जब उसकी चूत की तरफ देखा तो उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही खून बहार निकलने लगा था। मैंने उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए उसकी चूत के अंदर ही मैन अपने वीर्य को गिरा दिया। मैंने अब उसकी चूत से मेरे वीर्य को साफ किया। मैंने उसे घोड़ी बना कर दोबारा से चोदना शुरू कर दिया वह मेरा साथ बखूबी निभा रही थी वह मुझसे चूतडो को बार मिलाए जा रही थी।

मैंने उससे कहा मनीष और तुम्हारे बीच कभी पहले कुछ हुआ था? वह कहने लगी यदि हम लोगों के बीच कुछ होता तो क्या मेरी चूत से खून निकलता। मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चूत का उद्घाटन मैने ही किया है। वह कहने लगी हां अब ऐसा ही तुम समझ लो वह मुझसे बड़ी तेजी से चूतडो को मिलाए जा रही थी और मेरे अंदर की गर्मी उसने इतनी ज्यादा बढ़ा दी थी कि मैं भी झड़ने वाला था। मै उसकी चूतडो पर कसकर प्रहार करता रहा कुछ देर बाद मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिर चुका था। उसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए मैंने अंजलि से कहा तुम यह बात कभी मनीष को पता मत चलने देना। वह मुझे कहने लगी हां मैं कभी भी मनीष को पता नहीं चलने दूंगी उसके कुछ समय बाद ही उन दोनों की सगाई हो चुकी थी और जल्द ही उन दोनों की शादी होने वाली थी।

हम दोनों एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं क्योंकि मनीष तो कोलकाता मे ही रहता है इसलिए अंजलि मुझे अपने घर पर बुला लिया करती है।

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Bhabhi Aur Nanad Ki Jordar Chudai https://sexstories.one/bhabhi-aur-nanad-ki-jordar-chudai/ Sat, 16 Jan 2021 16:43:08 +0000 https://sexstories.one/bhabhi-aur-nanad-ki-jordar-chudai-part-3-xxx-storiez/ उस दिन मैं दफ्तर से काफी लेट आया था। रात को सोते वक्त अपनी और जहरा की बातें नज़ीला भाभी ने मुझे बाद में बतायीं। मैं तो खुद ज़हरा को चोदने के लिये बेकरार था। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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उस दिन मैं दफ्तर से काफी लेट आया था। रात को सोते वक्त अपनी और जहरा की बातें नज़ीला भाभी ने मुझे बाद में बतायीं। मैं तो खुद ज़हरा को चोदने के लिये बेकरार था। अगले दिन शाम को दफ्तर से आने के बाद मैं नज़ीला भाभी के साथ बैठ कर शराब पी रहा था तो उन्होंने ज़हरा को भी कंपनी देने के लिये बुला लिया। ज़हरा आयी तो मैं उसके हुस्न को देखता ही रह गया। Bhabhi Aur Nanad Ki Jordar Chudai

जब से ज़हरा चंडीगढ़ आयी थी. Bhabhi Aur Nanad Ki Jordar Chudai

मैंने तो उसे हमेशा जींस और कुर्ता-टॉप में ही देखा था। आज शायद नज़ीला भाभी की सलाह से उसने हल्के गुलाबी रंग की पतली सी स्लीवलेस नाइटी पहनी हुई थी जिसमें से उसका बेपनाह हुस्न छलक रहा था। होंठों पे लाल लिपस्टिक और गालों पे गुलाबी रूज़ और पैरों में सफेद रंग के ऊँची पेंसिल हील के कातिलाना सैंडल पहने हुए थे। ज़हरा भी हमारे साथ बैठ कर ड्रिंक करने लगी लेकिन ज़हरा मुझसे नज़र नहीं मिला रही थी। मैं और नज़ीला भाभी ही बातें कर रहे थे और ज़हरा चुपचाप अपना पैग पी रही थी। हमने दो-दो पैग खतम किये तो ज़हरा के हावभाव से साफ था कि उसे अच्छा खासा नशा होने लगा। नज़ीला भाभी ने जानबूझ कर ज़हरा के लिये तगड़े पैग बनाये थे। अब ज़हरा हमारी बातों पे खुल कर खिलखिलाते हुए हंस रही थी। मुझे भी हल्का सुरूर था और खुद नज़ीला भाभी भी नशे में झूम रही थीं। कातिलाना मुस्कुराहट के साथ उन्होंने मुझे आँख मार कर इशारा किया तो मैंने बेशरम होकर ज़हरा से पूछा, “क्या खयाल है ज़हरा जी? पसंद आया आपको मेरा लंड? कल तो आप शरमा कर अंदर ही भग गयी थीं!”

ज़हरा ने शरमा कर मुस्कुराते हुए अपनी भाभी की तरफ देखा तो नज़ीला भाभी हंसते हुए बोली, “हाय अल्लाह… देखो कैसे शर्मा रही है…! अरे शरम हया छोड़… नहीं तो बस केले-बैंगन से काम चलाती रहेगी तमाम ज़िंदगी… सच में दीनू! ज़हरा तो बेकरार है तुम्हारा लंड लेने के लिये!”

“हाँ दीनू! छः साल से अपनी तमन्नाओं को दबा रखा था… अब और बर्दाश्त नहीं होता… भाभी जान की तरह प्लीज़ मेरी प्यास भी बुझा दो!” ज़हरा ज़रा खुलते हुए बोली।

मैं बोला, “क्यों शर्मिंदा कर रही हैं मुझे, बेकरार तो मैं हूँ इतने दिनों से आप जैसी ख़ूबसूरत हसीना को चोदने के लिये!”

ये सुनते ही ज़हरा के गालों पर लाली आ गयी। हमने एक-एक पैग और पिया तो नज़ीला भाभी ने उनके बेडरूम में चलने का इशारा किया। मैं बाथरूम में पेशाब करके नज़ीला भाभी के बेडरूम में पहुँचा और दो मिनट के बाद वो दोनों भी सैंडल खटखटती हुई नशे में झुमती कमरे में आयीं। नशे में होने की वजह से ज़हरा की चाल में लड़खड़ाहट साफ नज़र आ रही थी।

दोनों बेड पर बैठ गयीं। Bhabhi Aur Nanad Ki Jordar Chudai

मैं उठ कर ज़हरा के पास आया और उसके गालों को चूमने लगा। नशे की मस्ती के बावजूद उसे बहुत शरमा आ रही थी। मैं अपने पैर लंबे करके पलंग पर बैठ गया और ज़हरा को अपनी गोद में खींच लिया और उसका चेहरा घुमा कर उसके होंठों को चूमा। फिर मैंने जीभ से उसके होंठ चाटे और जीभ मुँह में डालने का प्रयास किया लेकिन उसने मुँह नहीं खोला। “क्या हुआ ज़हरा जी? आपको अच्छा नहीं लग रहा क्या?”मैंने पूछा।

ज़हरा हंसते हुए धीरे से बोली, “नहीं-नहीं दीनू! बस थोड़ा ऑउट ऑफ प्रैक्टिस हो गयी हूँ ना!”

मैंने फिर उसके होंठों पे अपने होंठ रख दिये और उसका नीचे वाला होंठ अपने होंठों के बीच ले कर चूसा तो जहरा के जिस्म में झुरझुरी फ़ैल गयी और उसके दोनों निप्पल खड़े होने लगे। जहरा भी अब मेरा साथ देने लगी और मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और हम दोनों एक दूसरे की जीभें चूसने लगे। फिर मैं अपना हाथ उसके पेट से उसके मम्मों पर ले गया और नाइटी के ऊपर से सहलाने लगा। उसके मम्मों को सहलाते हुए मैं बोला, “ज़हरा जी, मम्मे तो बहुत बड़े-बड़े हैं और कठोर भी हैं!”

वो कुछ नहीं बोली। कुछ देर तक मम्मे सहलाने के बाद मैंने उसकी नाइटी के हुक खोल दिये और फ़िर से उसके होंठों को चूमने लगा और फिर उसके बोब्बों को दबाने और सहलाने लगा। मेरी उंगलियाँ छूते ही उसके निप्पल खड़े हो गये। इतने में मैंने महसूस किया कि नज़ीला भाभी मेरा बरमूडा मेरी टाँगों से नीचे खिसका रही है। फिर उन्होंने मेरा अंडरवीयर और टी-शर्ट भी उतार दी। मैंने भी ज़हरा की नाइटी और ब्रा और पैंटी उसके जिस्म से अलग कर दी। नज़ीला भाभी तो पहले ही कब नंगी हो गयी थीं मुझे पता ही नहीं चला।

अब मैं बिल्कुल नंगा दो नंगी हसिनाओं के साथ एक ही बिस्तार पर मौजूद था। नज़ीला भाभी ने चॉकलेट रंग के पेंसिल हील के सैंडल पहने हुए थे और उनकी ननद ज़हरा ने सफेद रंग के ऊँची हील के सैंडल।

दोनों का नंगा हुस्न देखकर मैं तो पागल हो गया। Bhabhi Aur Nanad Ki Jordar Chudai

ज़हरा को लिटा कर मैं उसकी चूत को सहलाने लगा और चूत में दो उंगलियाँ भी डाल दी। इतने में नज़ीला भाभी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। मैंने भी झुक कर ज़हरा की चूत पर अपने होंठ लगा दिये और उसकी चूत में जीभ डाल कर चूसने लगा। ज़हरा के होंठों से मस्ती में खुल कर सिसकरियाँ निकल रही थी और और वो टाँगें फैलाये हुए बिस्तर की चादर अपनी मुठियों में भींच रही थी।

नज़ीला भाभी के चूसने से मेरा लंड पत्थर की तरह सख्त हो गया था और ज़हरा भी काफी गरम हो चुकी थी। वो अब बिल्कुल बेशरम होकर मस्ती में बोली, “दीनूऽऽ अब बर्दाश्ट नहीं हो रहा… प्लीज़ चोदो मुझे…!”

नज़ीला भाभी ने मेरा लंड अपने मुँह में से निकाला और बोली, “हाँ दीनू… अब चोद दो मेरी ननद को… देखो कैसे सब शर्म-ओ-हया छोड़ कर चोदने के लिये गुज़ारिश कर रही है!”

मैं ज़हरा के ऊपर आ गया और नज़ीला भाभी ने मेरा लंड को अपनी उंगलियों में पकड़ कर अपनी ननद की चूत के मुहाने रख दिया। मेरे लंड के गरम सुपाड़े को अपनी चूत पर महसूस करके जहरा और भी तड़प कर सिसक उठी। मेरे लंड को जहरा की चूत पर दबाते हुए नजीला भाभी बोली, “फक इट अप दीनू… पूरा लौड़ा अंदर तक…!”

मैंने एक जोर का धक्का मारा तो आधा लंड ज़हरा की चूत में घुस गया। दर्द की वजह से ज़हरा ज़ोर से चिल्लायी, “ऊऊऊईईईईई आआआहहह मेरे अल्लाह…. मरऽऽऽ गयीऽऽऽ!” अपनी ननद को दर्द से बेहाल होकर तड़पते देख नज़ीला भाभी ज़हरा के पास जाकर उसके होंठों को चूमने लगी और उसके मम्मों को दबाने लगी। जहरा की चींखें कुछ कम हुई तो मैंने फिर कस कर एक धक्का मारा तो पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। ज़हरा की चूत की कसी-कसी और गरम-गरम दीवारें मेरे लंड को जकड़े हुए थी।

ज़हरा की तो फिर से चींख निकाल पड़ी और वो अपने सिर को इधर-उधर पटकते हुए चिल्लायी, “याऽऽ अल्लाहऽऽऽ… मेरे मालिक… इस जालिम लंड ने तो मेरी जान ही निकाल डाली… आआआईईईऽऽऽ!”

मैं कुछ देर उसकी चूत में पूरा लंड घुसाये पड़ा रहाऔर कुछ भी हर्कत नहीं की। नज़ीला भाभी अब भी अपनी ननद के मुँह में जीभ डालकर उसके होंठ चूम रही थी। जब जहरा नॉर्मल हुई तो मैं अपने चूतड़ हिला कर धीरे-धीरे चोदने लगा। नज़ीला भाभी अब उसे चूमना छोड़ कर ज़हरा के बगल में लेटी हुई अपने हाथ से उसकी चूचियाँ और पेट पर सहला रही थी। ज़हरा मस्ती में ज़ोर-ज़ोर से सिसकते हुए “आहह ऊँहह आँआँहह” कर रही थी। अपनी टाँगें उठा कर ज़हरा ने मेरे पीछे कमर पर कैंची की तरह कस दीं और अपनी बाँहें मेरी बगलों में से मेरे कंधों पर कस दीं।“हाँ…ओहह मेरा खुदा… सो गुड… ओह डू इट… चोदो…!” बड़बड़ाते हुए ज़हरा भी मेरे धक्कों के साथ-साथ अपने चूतड़ ऊपर उछालने की पूरी कोशिश कर रही थी।

थोड़ी ही देर में मैंने महसूस किया की नज़ीला भाभी अब मेरे पीछे थीं और मेरे चूतड़ों पर हाठ फिरा रही थीं। मैं भी सधे हुए लंबे-लंबे धक्के मारता हुआ अपना लंड ज़हरा की चूत में अंदर-बाहर चोद रहा था। “ओहह दीनू… आँहहा… अल्लाह… मैं… मैं… गयी… आआहहह!” ज़हरा ज़ोर से चींखी और अपनी टाँगें बहुत ज़ोर से मेरी कमर पर कस दीं और अपनी उंगलियों के नाखुन मेरे कंधों में गड़ा दिये। उसका बदन अकड़ गया और ज़हरा की चूत ने मेरे लंड पर पानी छोड़ दिया।

मैंने चोदना नहीं रोका और अब मैं और भी लंबे-लंबे धक्के मारते हुए चोदने लगा। पूरा लंड बाहर खींच कर एक झटके में ज़हरा की चूत में घुसेड़ने लगा। ज़हरा भी फिर से मस्ती में आ गयी और नीचे से अपने चूतड़ उछालने लगी। थोड़ी ही देर में धक्कों की रफ़्तार और बढ़ने लगी। कमरे में ज़हरा की“ऊँहहह आँहह” गूँज रही थी और उधर नज़ीला भाभी भी हमें जोश दिला रही थीं, “फक हर दीनू… और ज़ोर से चोद कुत्तिया को…!”

करीब पंद्रह-बीस मिनटों की चुदाई के बाद मैं ज़ोर से ज़हरा से लिपट गया और उसने भी मुझे ज़ोर से जकड़ लिया। हम दोनों ही झड़ने के कगार पर थे। पहले ज़हरा झड़ते हुए ज़ोरे से चींखी और मैंने भी पूरी ताकत से अपना लंड ज़हरा की चूत में अंदर तक ठाँस दिया। मेरी गोटियाँ भी ज़हरा के चूतड़ों के बीच की दरार में धंसी गयीं। अगले ही पल मेरा लंड उसकी चूत की गहरायी में पाँच-सात पिचकारियाँ मार कर झड़ गया। कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही लिपटे रहे। फिर जब मैंने आधा मुर्झाया हुआ लंड बाहर निकाला तो देखा उसकी चूत से वीर्य की धार बह रही थी। नज़ीला भाभी ने लपक कर अपनी जीभ ज़हरा की चूत पर लगा दी और उसमें से बहता हुआ मेरा वीर्य चाटने लगी। मेरा लंड भी नज़ीला भाभी ने चूस कर साफ किया और फिर उन्होंने ज़हरा से पूछा, “आया ना मज़ा?”

ज़हरा सिसकते हुए बोली, “या अल्लाह! इतने सालों से क्यों मैंने खुद को इतने मज़े से महरूम रखा?”

फिर मैंने नज़ीला भाभी को भी चोदा। ज़हरा भी नज़ीला भाभी की तरह ही चुदासी निकली। ज़हरा जितने दिन चंडिगढ़ रही हम तीनों रात को एक ही बिस्तर में सोते और रोज-रोज मैं उन दोनों ननद-भाभी को चोदता।दोनों चुदक्कड़ ननद-भाभी ने मुझे चुदाई की मशीन बना कर रख दिया और दोनों मिलकर मेरा लंड निचोड़ कर रख देतीं थीं। कईं दफा तो दोनों नशे धुत्त होकर में मेरे लौड़े के लिये आपस में बिल्लियों की तरह लड़ने और गाली-गलौच तक करने लगती थीं।

ज़हरा के जाने के बाद मैं करीब चार महीने चंडीगढ़ में नज़ीला भाभी के साथ रहा और उन्हें चोदता रहा। Bhabhi Aur Nanad Ki Jordar Chudai

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जवान लड़की से सेक्स करने की चाहत https://sexstories.one/sex-karne-ki-chahat/ Wed, 18 Nov 2020 23:10:07 +0000 https://sexstories.one/?p=1528 जवान लड़की किसे नहीं भाती? और अगर जवान लड़की अपनी चूत खुदबखुद चुदवाने आ जाए, तो क्या कहने.. ऐसे ही एक कहानी है राशी की. राशी का कद ५’६ होगा ओर उसका फिगर करीब ३२-२८-३२ ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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जवान लड़की किसे नहीं भाती? और अगर जवान लड़की अपनी चूत खुदबखुद चुदवाने आ जाए, तो क्या कहने.. ऐसे ही एक कहानी है राशी की. राशी का कद ५’६ होगा ओर उसका फिगर करीब ३२-२८-३२ वो देखने मे किसी पारी से कम नही लगती थी| राशी ओर मैं एक ही स्टेडियम मे आते थे| राशी भी अथलेटिक्स के लिए आती थी ओर मैं भी असे ही बॉडी फिट रखने के लिए जाता था| sex karne ki

असे ही देखते देखते हम दोनो की नज़रें मिल गई |

ओर एक दिन मैने उस से उसका नाम पूछ लिया ओर उसने भी तपाक से अपना नाम बता दिया|

फिर कुछ दिनों तक ऐसे ही हमारी बातें होती रही उसके बात करने के तरीके से मुझे लगने लगा था की वो भी मुझे पसंद करने लगी थी|

एक दिन ऐसे ही मैने कहीं घूमने का मन बनाया तो मैने ऐसे ही राशी से भी पूछ लिया तो उसने भी चलने के लिए हाँ कर दी |

हम दोनो मेरी बाइक पे निकल पड़े , रास्ते मे वो मेरे से चिपक रही थी ओर उसके उभार मेरी पीठ मे चुभ रहे थे ओर मुझे उत्तेजित कर रहे थे|

फिर मैने एक अच्छी सी जगह देख कर बाइक रोक दी| sex karne ki

हम दोनो बाइक से उतर कर बातें करने लगें वो बोले जा रही थी ओर मैं उसको सुन रहा था |

Sexy Kahani – गदराई आंटी के मस्त दूध निचोड़े

फिर मैने उसका हाथ पकड़ लिया ओर वो चुप हो गई हम दोनो एक दूसरे की आखों मे खो गए , करीब ५ मिनिट बाद मुझे होस आया | फिर मैने उसका हाथ पकड़े पकड़े ही उसको आइ लव यू बोल दिया|

मेरे आइ लव यू बोलते ही वो मेरे गले लग गए ओर बोली मोनू कितने दिन लगा दिए तुमने मुझे ये बोलने मे|

फिर उसने अपने होठ मेरे होठों पे रख दिए ओर करीब ५-६ मिनिट तक हम दोनो एक दूसरे के होतो को चूमते रहे|

वहाँ हम ज़्यादा देर तक नही रुक सकते थे क्योकि किसी के आने का डर था| sex karne ki

इसलिए हम वहाँ से चल पड़े, आते टाइम हम दोनो किसी से कुछ नही बोला फिर मैने उसको जहाँ से पिक किया था वही पे ड्रॉप कर दिया ओर बाय बोल के चला गया|

रात को उसका फोन आया ओर हमने खूब सारी बातें की ओर वो बोली की मुझे मिलना है|

फिर हम दोनो मिलने का प्लान बनाने लगे, लेकिन कहीं भी कोए जगह नही मिल रही थी|

फिर एक दिन मेरे घर वालों को मेरे भाई के जाना पड़ गया ओर वो लोग चल गये अब मैं अकेला घर पे बच गया, तो मैने राशी को फोन करके बताया तो वो खुशी से चिल्ला पड़ी|

फिर उसने घर वालों को झूठ बोला की अपनी दोस्त के पास जा रही है ओर वो मेरे घर आ गई|

ओर आते ही मेरे गले से चिपक गई ओर मुझे चूमने लगी मैने भी उसके होठों का रस-पान करने लगा, मैने बीच मे रुक कर गेट को लॉक किया ओर फिर से उसके होठों को चूमने लगा ओर उसके होठों को चूमते चूमते ही मेरे रूम मे ले गया मेरा रूम हमारे मेन गेट के बिकुल ही पास था|

मेरे रूम मे जाने के बाद मैने उसको मेरे बेड पे लिटा दिया ओर उसके उपर जाके उसके होतो को चूमने लगा|

तो वो बोली की यही करते रहोगे या फिर कुछ ओर करने का भी इरादा है|

फिर मैने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए, अब वो मेरे सामने केवल ब्रा ओर पॅंटी मे ही लेती हुई थी|

फिर मैं उसके बुब्स को दबाने लगा उसे भी मज़ा आ रहा था| sex karne ki

थोरी देर बाद वो बोलने लगी मोनू प्लीज़ तोड़ा कस कर दबाओ ना ओर फिर मैने उसकी ब्रा भी निकाल दी, अब वो मेरे सामने केवल पेंटी मे ही लेटी हुई थी|

मैने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए ओर अपना लॅंड उसके हाथ मे दे दिया अब वो लॅंड के साथ ओर मैं उसके बुब्स के साथ खेलने लगे|

फिर मैने अपना हाथ उसकी चूत पे रख दिया तो वो एक दम सहम गई ओर मेरे लॅंड के साथ खेलना बंद कर दिया ओर सिसकारिया भरने लगी|

फिर मैने एक उंगली उसकी चूत मे दल दी, वो चिहुक उठी|

मैं उंगली को धीरे धीरे उसकी चूत मे आगे पिछे करने लगा उसका मज़ा आ रहा था|

थोड़ी देर बाद वो बोली मोनू बस करो अब बर्दास्त नही होता|

तो मैने अपनी उंगली उसकी चूत मे से निकल ली ओर अपना लॅंड उसके मूह मे डाल दिया तो वो मेरे लॅंड के साथ असे खेल रही थी जसे काफ़ी पुरानी खिलाड़ी हो|

थोरी देर बाद मैने अपना लॅंड उसके मूह मे से निकल लिया| ओर उसकी चूत के सुपारे पे रख दिया|

Meri Samuhik Chudaiमेरी चुत की चटाई और हॉट चुदाई

ओर एक ही झटके मे आधा लॅंड उसकी चूत मे डाल दिया, ओर लगातार दूसरा झटका भी मार दिया |

मैने अपना लण्ड जोर डाल कर पूरा घुसा डाला| राशी ने जोर से मस्ती में अपनी आंखें बन्द कर ली। उसके जबड़े उभर आये … मुख खुला का खुला रह गया।

मैं थोड़ा सा रुक गया ओर फिर धीरे धीरे अपने लॅंड को उसकी चूत मे आगे पीछे करने लगा|

राशी मस्ती में पागल हुई जा रही थी। sex karne ki

मैं भी इसी आनन्द में डूबा हुआ था। मेरा मोटा लण्ड राशी को दूसरी दुनिया की सैर करवा रहा था। हम दोनों आपस में गुंथे हुये थे, राशी की चूत की कस कर पिटाई हो रही थी।

वो तो और जोर से अपनी चूत पिटवाना चाह रही थी। राशी के दांत भिंचे हुए थे, चेहरा बिगड़ा हुआ था, आंखें बन्द थी, जबड़े बाहर निकले हुये थे … मेरे हाथ उसके कड़े स्तनों का मर्दन कर रहे थे।

राशी का नशा आखिर चूत का पानी बन कर बह निकला।

लेकिन मैं मैं अभी भी उसका चूत के मज़े ले रहा था| sex karne ki

थोरी देर बाद वो फिर से अपनी गाण्ड उछालने लगी ओर फिर से मज़े लेने लगी|

करीब ७-८ मिनिट बाद मेरा भी निकालने वाला था तो मैने राशी से पूछा की कहा निकालु तो वो कहने लगी की मेरी चूत मे ही निकल दो मैं एस्को अपनी चूत मे ही महसूस करना चाहती हूँ|

मैं लगातार ६-७ झटको के साथ ही उसकी चूत मे झड़ गया| ओर राशी के उपर ही लेट गया|

थोरी देर बाद हम दोनो उठे ओर मैने अपने लंड ओर उसने अपनी चूत की सफाई की|

फिर थोरी देर बाद हमने बाते करते करते कुछ खाया .

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चुदास आंटी के साथ सुहागरात मनाई https://sexstories.one/%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a4-%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88/ Sun, 15 Nov 2020 09:01:13 +0000 https://sexstories.one/?p=1499 हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और मेरी उम्र 23 साल है और में तिरुपति में रहता हूँ। मेरी फेमिली में मम्मी, पापा, एक भाई और में हूँ। ये 5 साल पहले की बात है, ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और मेरी उम्र 23 साल है और में तिरुपति में रहता हूँ। मेरी फेमिली में मम्मी, पापा, एक भाई और में हूँ। ये 5 साल पहले की बात है, मेरे घर के सामने घर में एक नई फेमिली शिफ्ट हुई। उनकी फेमिली में अंकल-आंटी और उनके 2 बच्चे थे, अंकल की उम्र 46 साल और आंटी 42 साल की थी। उनकी लड़की की उम्र 17 साल और लड़के की उम्र 14 साल थी। सुहागरात वाली चुदाई

आंटी दिखने में बहुत सुंदर थी और अब में तो उनको देखते ही उनका दीवाना हो गया था। आंटी का नाम नीतू था, वो बहुत गोरी थी और उनकी हाईट भी अच्छी थी, शरीर हल्का भरा हुआ, लेकिन उसको मोटी नहीं कह सकते, उनके बूब्स का साईज़ लगभग 38 था, जो थोड़े लटके हुए थे, लेकिन उनके शरीर पर मस्त नज़र आते थे।

आंटी की कमर का साईज़ लगभग 36 था और सबसे खूबसूरत उनकी गांड थी, उनकी गांड का साईज़ 40 था, जिससे उनका फिगर कमाल का लगता था। आस पास के मर्दों का लंड उनको देखते ही खड़ा हो जाता था और हो भी क्यों ना? आंटी थी ही इतनी खूबसूरत। सुहागरात

में उन दिनों ग्रेजुयेशन फाइनल ईयर में था और में रोज़ अपनी बालकनी में शाम को ठहलता था। आंटी भी अक्सर अपनी बालकनी पर आती थी, अब में चुपके-चुपके उनको देखता था। अब हमारी नज़रे कई बार मिल चुकी थी, वो मेरी मम्मी की अच्छी दोस्त बन चुकी थी और अब आंटी का मेरे घर आना जाना शुरू हो चुका था।

Sexy Chut Chudai – लंड मिले तो खा जाए वो..

अब में भी आंटी और उनके बच्चों से घुल मिल चुका था, आंटी के पति अक्सर जॉब के सिलसिले में बाहर ही रहते थे। एक दिन आंटी शॉपिंग करके घर जा रही थी और रास्ते में मुझे मिल गयी तो मैंने अपनी बाइक रोकी और आंटी को बैठा लिया। अब रास्ते में जब भी ब्रेक लगता तो आंटी के बूब्स मेरी पीठ पर दब जाते थे। अब मुझे बड़ा मज़ा आने लगा था, अब हम पूरे रास्ते बातें करते आए।

फिर उनको घर ड्रॉप करके में भी अपने घर आ गया, उस रात मैंने बाइक वाला सीन याद करके मुठ मारा और काफ़ी सारा वीर्य निकाला और सो गया। अब में उनके बच्चों के साथ खेलने के बहाने से आंटी के यहाँ जाने लगा था। अब में आंटी को खेलते-खेलते देखता रहता था और आंटी ने भी ये बात नोटीस कर ली थी।

अब आंटी भी स्माइल कर देती थी। एक दिन खबर आई कि अंकल की एक्सिडेंट में मौत हो गयी। फिर उसके बाद उनके घर में अंतिम संस्कार की रस्म हुई और अंकल की पेन्शन से उनका घर चलने लगा। फिर धीरे धीरे आंटी भी नॉर्मल हो गयी और वो अपने बच्चों के साथ उदयपुर शिफ्ट हो गयी। फिर संयोग से मेरी नौकरी भी उदयपुर में लगी और अब में बहुत खुश हो गया था, फिर में भी उदयपुर आ गया। अब आंटी से मेरा मिलना जुलना फिर से शुरू हो गया था, अब मुझे आंटी भी खुश लगने लगी थी।

एक दिन मैंने हिम्मत करके आंटी को फोन किया और उनको अपने प्यार का इज़हार कर दिया और उनको शादी का प्रस्ताव दिया, तो आंटी ये सुनकर हैरान हो गयी और मुझे फोन पर डांटने लगी, तो मैंने आंटी से कहा कि अगर आप मुझे नहीं मिली तो में ज़हर खा लूँगा। फिर आंटी मुझे समझाने लगी कि ये ग़लत है, में तुम्हारी आंटी हूँ और ये नहीं हो सकता और उन्होंने फोन रख दिया। सुहागरात

उसके बाद मैंने भी उनको कॉल नहीं किया, लेकिन फिर 4 दिन के बाद उनका फोन आया और वो पूछने लगी कि अब तुम घर क्यों नही आते? तो मैंने बिना जवाब दिए फोन काट दिया। फिर उन्होंने मुझे कई बार फोन किया, लेकिन मैंने नहीं उठाया। फिर अगले दिन आंटी मेरे घर आई और फिर मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो वो मेरे गले से लिपट गयी और रोने लगी और कहने लगी कि मुझ पर मेरे बच्चों की ज़िम्मेदारी है, में तुमसे कैसे शादी कर सकती हूँ?

तो मैंने कहा कि में तुम्हें अपनी पत्नी बनाऊंगा तो तुम्हारे बच्चे तो मेरे भी हो गये और में उनकी ज़िम्मेदारी संभाल लूँगा, उनको पिता का प्यार दूँगा। अब नीतू आंटी मेरे गले लग गयी और मुझे आई लव यू बोला।

फिर एक महीने के बाद हम दोनों और दोनों बच्चे मंदिर पहुँचे, नीतू लाल रंग की साड़ी में कमाल लग रही थी। फिर पंडित ने फैरे करवाये और हमारी शादी हो गयी। फिर हम सब घर पहुँचे मैंने अपने घर में एक रूम बच्चों के लिए ठीक कर दिया था और नीचे वाला अपना बेडरूम फूलों से सज़ा दिया था। अब रात काफ़ी हो चुकी थी तो बच्चे अपने रूम में सोने चले गये थे और में नीतू को लेकर अपने बेडरूम में आ गया था।

फिर मैंने नीतू को आई लव यू कहा, तो उसने भी मुझे रिप्लाई दिया। फिर उसने मेरे पैर छुए तो मैंने उसको अपने गले से लगा लिया। फिर उसने कहा कि आज से हमारा सब कुछ आपका है, में आपकी हर इच्छा पूरी करूँगी। फिर मैंने उसे कमर से पकड़ा और अपनी और खींचा, तो उसने भी अपनी बाहें मेरे कंधो पर रख ली। फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए तो उसने 5-6 सेकेंड में ही शर्माकर अपने होंठ पीछे कर लिए, लेकिन आज में कहाँ मानने वाला था।

Bahan ki chudaiपूस की रात में बहन का साथ

फिर मैंने उसको कमर से और टाईट पकड़ा और हमारे होंठ फिर मिल गये। फिर हमने करीब 10 मिनिट तक एक दूसरे के होंठो को चूसा और उसके बाद में उसके पीछे आ गया और उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके पीछे से उसके बड़े बूब्स को दबाने लगा। अब उसकी सिसकी निकलने लगी थी और उधर मेरा लंड भी पजामे में खड़ा हो चुका था और उसकी गांड में घुसने की कोशिश कर रहा था। सुहागरात

फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी साड़ी उतार दी और अब उसके बड़े बूब्स का साईज़ उसके ब्लाउज से मस्त नज़र आ रहा था। फिर मैंने नीतू को अपनी बाँहों में उठाया और उसे बेड पर बैठाया और उसको किस करने लगा। फिर मैंने धीरे-धीरे नीतू के ब्लाउज के हुक खोल दिए और उसका ब्लाउज उतार दिया। अब ब्रा में वो कमाल की लग रही थी, अब में ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स दबाने लगा था। फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और नंगा हो गया। अब मेरे बड़े लंड को देखकर वो घबरा गयी थी।

दोस्तों ये सुहागरात वाली चुदाई कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पड़ रहे है।

फिर मैंने देर ना करते हुए उसका पेटीकोट भी उतार दिया और मैंने उसकी ब्रा और पेंटी भी उतार दी, उसके बूब्स बहुत खूबसूरत थे, उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। फिर मैंने उसके मुँह में अपना लंड देना चाहा तो उसने मुझे रोक दिया और वो मुँह में लेने को मना करने लगी।

फिर जब वो नहीं मानी तो मैंने ज़बरदस्ती उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया। फिर धीरे-धीरे उसने भी चूसना शुरू कर दिया और मैंने उसके मुँह में अपना ढेर सारा गाढ़ा वीर्य डाल दिया और वो मेरा सारा वीर्य पी गयी।

फिर मैंने उसको बेड पर लेटाया और उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी। सुहागरात

अब उसको भी मज़ा आने लगा था और वो सिसकारियां लेने लगी आहहाहहाहह और फिर वो 2 मिनट में ही झड़ गयी। फिर मैंने उसकी दोनों टांगो को चौड़ा किया और अपना बड़ा लंड उसकी चूत पर सहलाने लगा, तो नीतू ने कहा कि आराम डालना जी, मैंने 2 साल से सेक्स नहीं किया है। फिर मैंने कहा कि तू चिंता मत कर नीतू, आज से रोज़ तेरी चुदाई होगी। सुहागरात

फिर मैंने उसकी दोनों टांगो को अपने कंधे पर रखा और अपने लंड को उसकी चूत पर रखकर सेट किया और जोरदार झटका लगा दिया, तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर जा घुसा। अब नीतू की चीख निकल गयी थी, अब उसकी आँखों से आँसू आ गये थे। फिर उसने मुझे रोकने की कोशिश की, लेकिन में नहीं माना। अब में जोरदार झटके लगाने लगा था और अब पूरे कमरे में फ़च-फ़च की आवाज़े आने लगी थी।

Chut me lund Stories – छुप्पा छुप्पी

फिर नीतू धीरे-धीरे नॉर्मल हुई, लेकिन मेरी स्पीड लगातार बढ़ने लगी थी। इस बीच नीतू ने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन मेरा लंड अभी रुकने वाला नहीं था। अब उसकी चूत के पानी से मिलकर फ़च-फ़च की आवाज़ बढ़ गयी थी। अब हर झटके पर नीतू की आअहह निकल रही थी, अब वो लगातार सिसकारी भर रही थी अया अया आआहह। फिर मैंने भी अपने झटको की स्पीड बढ़ा दी और नीतू और मैंने एक साथ अपना पानी छोड़ दिया।

अब में नीतू के ऊपर ही लेटा रहा, अब हम दोनों थक चुके थे, अब हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में ही लेटे रहे। सुहागरात

फिर थोड़ी देर के बाद मेरा लंड फिर से फंनफनाने लगा तो मैंने नीतू की गांड मारनी चाही, तो नीतू ने मुझे मना कर दिया। फिर मैंने थोड़ी ज़िद की, तो वो मान गयी और मैंने उसको उल्टा किया और अपना लंड उसके छेद पर रखा और जोरदार धक्का लगा दिया, तो वो चिल्ला पड़ी और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी। फिर मैंने उसके कंधो के नीचे से हाथ निकालते हुए उसकी गर्दन पर फंसा लिया, वो अब कहीं नहीं भाग सकती थी।

फिर ज्यादा देर ना करते हुए में जोरदार धक्के लगाने लगा। अब कमरे में फिर से फ़च-फ़च की आवाज़े आने लगी थी। अब नीतू की चीख के साथ-साथ उसके आँसू भी गिर रहे थे। फिर करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने नीतू की गांड में ही अपना पानी छोड़ दिया। अब हम दोनों काफ़ी थक चुके थे और हम सो गये। फिर सुबह 9 बजे मेरी आँख खुली तो नीतू मेरे लिए चाय लेकर आई, अब वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी और फिर में नीतू को रोजना चोदने लगा ।

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सेक्सी पिक्चर और खेल खेल में पेलमपेल https://sexstories.one/%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b8%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a4%b0/ Fri, 06 Nov 2020 14:58:30 +0000 https://sexstories.one/?p=1446 हैल्लो दोस्तों, में भूपेन हूँ और मेरी उम्र इस समय 23 साल है और में अपनी बड़ी बहन अर्चना के साथ रहता हूँ। मेरे पिताजी एक सरकारी ऑफिस में नौकरी करते थे और उनकी मौत ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, में भूपेन हूँ और मेरी उम्र इस समय 23 साल है और में अपनी बड़ी बहन अर्चना के साथ रहता हूँ। मेरे पिताजी एक सरकारी ऑफिस में नौकरी करते थे और उनकी मौत के बाद मेरी बहन अर्चना, जो कि उस समय ग्रेजुयेशन कर रही थी कि तभी उसको नौकरी में रख लिया गया, वो शहर मैं अकेली रहती थी और में उसके साथ पिछले 10 साल से रह रहा हूँ। मेरी माँ अभी भी गाँव में ही रहती है, क्योंकि हम लोगों की बहुत सी ज़मीन ज़ायदाद गाँव में है तो उसकी देखभाल के लिए माँ वहीं रहती है। सेक्सी पिक्चर

मेरी उम्र इस समय 23 साल है। में एक हट्टा-कट्टा लड़का हूँ और मेरी कद काटी भी अच्छी है। मेरी हाईट करीब 5 फीट 8 इंच, वजन 70 किलोग्राम और गोरा रंग है। में दिखने में खूबसूरत हूँ। मेरी बहन करीब 5 फुट 2 इंच की है, गोरी, भरा बदन और लंबे बाल, काली खूबसूरत आँखें है। में क्लास 5वीं में था, जब बहन के साथ रहने आया था।

फिर देखते-देखते ही समय बीत गया और में क्लास 12वीं में आ गया और मेरा खूब भरा पूरा शरीर हो गया और साथ में जवान लड़को वाली हरकतें भी आ गयी थी। अब में अक्सर दोस्तों के साथ बैठकर ब्लू फिल्म देखता और नंगी किताबें देखता और कभी-कभी तो रात में पॉर्न बुक्स घर भी ले आता, जिसमें चुदाई के सीन मुझे बहुत पसंद आते थे।

अब में घंटो देखता रहता और सोचता कि चोदने वालों की क्या ज़िंदगी है? तो मेरा लंड बेवजह ही खड़ा हो जाता, जो बैठने का नाम ही नहीं लेता और जब बैठता तो मेरा अंडरवेयर भीग गया होता। फिर में अपनी इस हरकत को छुपाने के लिए अपना अंडरवेयर खुद धोता और सूखने डाल देता और मेरी बहन को कानों कान कोई खबर ना होती। सेक्सी पिक्चर

फिर जब मेरी बहन ऑफिस में होती तो में उनकी ब्रा पहनकर उसमें कपड़ा भरकर खुद चूची समझकर दबाता और सेक्स का आनंद लेने की कोशिश करता और बहन की पेंटी, ब्रा को सूंघने का मज़ा लेता। अब यह सब हरकतें करने के बाद भी में कॉलेज में अच्छे नंबर लेकर पास होता था, तो मेरी बहन को मुझसे कोई शिकायत नहीं होती थी और फिर एक दिन गजब हो गया। में क़िसी दोस्त से किताब माँगकर लाया था और वापस देने के लिए कॉलेज बैग में ले गया, लेकिन दोस्त छुट्टी पर था, तो में वो किताब वापस घर ले आया।

Pyaari bhabhi ki chudaiभाभी संग चुदाई का मजा

अब वो किताब कॉलेज बैग में पड़ी थी, तो में रविवार को क्रिकेट खेलने पार्क में चला गया, तो घर पर मेरी बड़ी बहन ने मेरा बैग चैक कर लिया और बैग में से वो किताब निकाली। अब मुझे पता नहीं दीदी ने वो किताब देखी कि नहीं, लेकिन जब में घर आया तो दीदी का मूड उखड़ा हुआ था और वो मुझे बहुत घूर-घूरकर देख रही थी।

फिर में डर गया और मेरे बैग को देखने को भागा तो मैंने देखा कि वो किताब गायब है तो मेरे चेहरे का रंग उड़ गया। फिर दीदी ने पूछा कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, तो वो किताब मेरी तरफ फेंकते हुए बोली कि यही तलाश रहे होना। फिर मैंने कुछ नहीं कहा और अपना सिर झुकाकर खड़ा हो गया। दोस्तों आप ये कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है l

अब मुझे पता था कि मुझे सजा मिलेगी और मिली और उन्होंने मेरा बैग उठाकर फेंक दिया और बोली कि निकल जा घर से, में तेरी शक्ल नहीं देखना चाहती। अब में चुपचाप खड़ा था और दीदी को देख भी नहीं पा रहा था कि दीदी ने मेरी बाजू को पकड़ा और घर से बाहर का दरवाजा दिखाकर दरवाजा बंद कर लिया। फिर में धीरे से बोला कि दीदी अच्छा कल में माँ के पास चला जाऊंगा, लेकिन आज में घर से बाहर ही रहूँगा। सेक्सी पिक्चर

ये करीब दोपहर के 2 बजे की घटना है तो में घर के सामने पार्क में जाकर बैठ गया और वही भूखा प्यासा बैठा रहा। फिर किसी तरह से दिन निकला और शाम हुई, तो शाम को अचानक से बरसात शुरू हो गयी, लेकिन मैंने भी ठान रखा था कि अब में घर नहीं जाऊंगा तो में बरसात में बैठा रहा और भीगता रहा, लेकिन घर नहीं गया।

फिर इतने में मेरे घर का दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि दीदी मेरी तरफ ही आ रही थी और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और बोली कि इतनी बरसात हो रही है तो तू बरामदे में ही आकर बैठ जाता। फिर मैंने कहा कि नहीं दीदी अब मेरा ठिकाना मेरा गाँव है, जहाँ मेरी माँ है जो मुझे ग़लती करने पर समझा देती है, लेकिन ऐसे घर से नहीं निकालती और भूखा तो बिल्कुल नहीं रहने देती।

फिर यह सुनकर मेरी दीदी मुझसे चिपक गयी और रोने लगी और मुझसे बोली कि अरे पगले में कोई तेरी दुश्मन थोड़ी ही हूँ। मुझे बुरा लगा तो मैंने बोल दिया, अब घर चल वहीं बात करेंगे, पहले गीले कपड़े बदल ले, तो में दीदी के समझाने पर घर आ गया।

फिर दीदी ने मेरे कपड़े निकाले और मुझे बदलने को बोला और गर्म कॉफी पिलाई और बोली कि अब बता तू यह सब क्यों करता है? यह सब करने की तेरी कोई उम्र थोड़ी है। फिर में बोला कि दीदी मेरे मन में सौ सवाल उठते है, क्यों मेरा लंड सुबह खड़ा हो जाता है? और लाख बैठाने पर भी नहीं बैठता, क्यों उसमें से सफेद रंग का पानी सा कुछ निकलता है? और में क्यों ठंडा पड़ जाता हूँ?

यह सवाल तो में अब आपसे पूछ नहीं सकता तो दोस्तों से पूछता हूँ और दोस्त जो जवाब देते है, वो आपके सामने है। मेरे दोस्त यही बताते है कि यह सब शरीर की भूख है जिसे एक औरत ही इस तरह ठंडा कर सकती है और वो सब में देखता हूँ और सोचता हूँ। अब आपके पास इन बातों का कोई जवाब है? सेक्सी पिक्चर

फिर दीदी चुप हो गयी और बोली कि में क्या जानू इन बातों को? मैंने तो अपने मन को मार लिया है और में यह सब नहीं सोचती हूँ। फिर में बोला कि आपको सोचना पड़ेगा दीदी, इस तरह तो आप घुट- घुटकर मर जाओगी। आप देखो और सोचो दीदी में छोटा ज़रूर हूँ, लेकिन जिस्म की भूख को समझने लगा हूँ।

अब दीदी की आँखों में आँसू थे और वो मुझसे बुरी तरह चिपक गयी और बोली तू छोटा ज़रूर है, लेकिन तू बातें बड़ी-बड़ी करता है, आ खाना खा ले और फिर बेड पर लेटकर बातें करेंगे। फिर मैंने कहा कि ठीक है दीदी और फिर मैंने मुँह हाथ धोकर खाना खाया और फिर थोड़ी देर तक टी.वी देखने के बाद हम लोग बिस्तर पर चले गये। हम सोते तो रोज़ ही साथ थे, लेकिन आज कुछ नई बात थी।

अब दीदी कुछ सोच रही थी और मेरे हाथ में वो पॉर्न बुक थी। फिर मैंने दीदी को बताया कि कुछ ज़रूरते ऐसी होती है जो सिर्फ़ शरीर ही पूरी कर सकते है, इसमें अपने मन को मारने जैसी कोई बात नहीं है। सेक्सी पिक्चर

फिर दीदी बोली कि अब यह सब में अगर छोटे भाई से करूँ, तो समाज क्या कहेगा? तो में बोला कि समाज क्या हमको रोटी देने आ रहा है? आप जो बात है खुलकर कहो। फिर दीदी कुछ नहीं बोली और मुझसे चिपककर बोली कि जो तेरा मन हो वो कर, अब में तेरे हवाले हूँ।

दोस्तों में जीत गया और दीदी से ज़ोर से चिपक गया और दीदी को किस करने लगा। अब में दीदी के शरीर से ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा लेना चाहता था तो मैंने धीरे से उनका ब्लाउज खोल दिया, तो उनके आम जैसे बूब्स बाहर निकल आए, दीदी ने शायद ब्रा नहीं पहन रखी थी। फिर मैंने उनके एक बूब्स को अपने मुँह में डाला और चूसने लगा, तो दीदी के शरीर में कुछ हरकत हुई और वो सिसकियाँ लेने लगी। फिर मैंने उनका दूसरा बूब्स अपने एक हाथ से पकड़कर दबाना शुरू कर दिया।

अब दीदी की हालत बुरी होने लगी थी और वो ज़ोर से मेरे साथ चिपक गयी। फिर मुझे ऐसा लगा कि वो मेरे शरीर में घुस जाना चाहती है। फिर मैंने धीरे से उनका पेटीकोट खोल दिया और उसे उनके पैरों के नीचे खिसका दिया। अब मैंने उनके ब्लाउज को भी निकाल दिया था, तो वो बिल्कुल नंगी हो गयी और बोली कि मेरे तो सब कपड़े निकाल दिए और खुद ने सारे के सारे कपड़े पहन रखे है। दोस्तों आप ये कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है l

फिर में बोला कि तो आप निकालो, तो वो बोली कि मुझे शर्म आती है। फिर मैंने कहा कि अब किस बात की शर्म? तो वो धीरे से मेरी पेंट की चैन खोलने लगी, तो मैंने उनकी मदद की और मेरी टी-शर्ट उतार दी। फिर मुझको नंगा करके उन्होंने मेरे लंड पर अपनी निगाह मारी और अपनी उंगली की तरफ इशारा करके बोली कि यह इतना छोटा सा हुआ करता था, अब देखो कितना बड़ा हो गया है? सेक्सी पिक्चर

तो में उनकी चूची पर अपना एक हाथ रखकर बोला कि दीदी यह भी तो कैरेम बोर्ड की तरह सपाट होते थे, अब देखो कितने बड़े बूब्स हो गये है? तो वो शर्मा गयी और बोली कि तुमसे कोई नहीं जीत सकता, बताओ अब आगे क्या करना है मेरे भाई? तो में बोला कि आराम से करेंगे बहन। दोस्तों फिर इसके आगे मैंने उसे खूब चोदा और आज तक भी चोद रहा हूँ ।

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कुसुम की झांट की सफाई https://sexstories.one/biwi-ki-jhaant-ki-safai/ Sun, 04 Oct 2020 21:16:39 +0000 https://sexstories.one/?p=277 हेलो दोस्तों.. मेरा नाम शेखर है. मैं हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर हिंदी सेक्स कहानी (Hindi sex kahani / Biwi ki chudai) पढ़ने अक्सर आता हु. मेरी बीवी कुसुम काफी भोली-भाली किस्म की औरत ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हेलो दोस्तों.. मेरा नाम शेखर है. मैं हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर हिंदी सेक्स कहानी (Hindi sex kahani / Biwi ki chudai) पढ़ने अक्सर आता हु. मेरी बीवी कुसुम काफी भोली-भाली किस्म की औरत है. हमको असम आके काफी टाइम हो। कुसुम ने एक सब्ज़ीवाले से चुदवा लिया था पहले ही.. अब वो कुछ और विचित्र हरकत करने वाली थी..

एक दिन मैंने कुसुम से कहा के वो अपने चूत की सफाई कर ले. उसकी झांटें बहुत बड़ी हो गयी थी… एक बार मैंने उसकी चूत के बाल निकाले थे.. बताया था उसको के कैसे निकालते है.. अब वो निकाल ले खुद ही..

उसने हाँ कर दी… कहा के कर लेगी..

मैं ऑफिस के लिए निकल गया… ऑफिस जाके के पता चला के हाफ डे ही काम होगा तो मैं दोपहर में फ्री हो गया..

मॉर्केट में आ कर मैं एक पान के दूकान पर खड़ा हो कर सिगरेट पीने लगा.. तभी मैंने देखा के कुसुम दूसरी ओर से चली आ रही है.. वो कुछ आगे आ कर एक गली में मुड़ी और एक दूकान में घुस गयी..

वो एक सलून था.. जेंट्स हेयर कटिंग सलून… मैं अवाक देखता रह गया.. भला इससे एक सलून में जाने की क्या ज़रुरत है…!!

तभी मुझे याद आया के मैंने उसे झांट साफ़ करने को बोला था… कही वही तो नहीं करवाने आई है वो???

Hot Biwi ki chudai – मुस्लिम सब्ज़ीवाले ने मेरी बड़ी चूची वाली बीवी को चोदा

कुछ देर बाद वो निकली और घर के तरफ चली गयी.. मैं सिगरेट ख़तम करके उस सलून में चला गया.. दाढ़ी बनवाने के बहाने पूछ पड़ा के वो औरत क्यों आई थी एक जेंट्स सलून में…

उस सलून में ३ नाइ थे.. तीनो हंस पड़े… बोले, के उसको अपनी झांट साफ़ करवानी है… कुछ देर में पैसे लेके आने वाली है…

मैंने पुछा कितना पैसा देगी वो झांट सफाई के लिए..

एक ने बोला के हमने २ हज़ार बोला तो वो झट मान गई…

मैंने मन ही मन सोचा… झांट सफाई तो बहाना है… उसे लंड चाहिए.. और इन लोगो से चुदवाना है उसको…

मैंने एक नाइ को ५०० रूपए दिए… और बोला के मुझे सब देखना है.. तुमको जो करना है करो पर मुझे देखने दो…

वो हंसा और बोला के काउंटर के पास वाले परदे के पीछे चुप जाओ… वहाँ से पूरा कार्यक्रम दिखेगा…

मैं जा कर वह बैठ गया…

Hot Biwi ki chudai – अदला बदली की शुरुआत – निशा के जलवे

कुछ देर बाद कुसुम आ गयी… उसने पैसे एक नाइ को दिए.. पैसे लेके उसके एक कुर्सी पर टांग फैला कर बैठने को कहा…

कुसुम असमंजस में खड़ी रही… फिर नाइ के बार बार प्रेशर करने पर उसने कपडे एक-एक करने उतर दिए और कुर्सी पर टांग फैला कर बैठ गयी…

दूसरे नाइ ने सलून का शटर गिरा दिया…

कुसुम ३ मुसलमान नाईओं के बीच में बिलकुल नंगी थी…

उसकी झांटों वाली चूत साफ़ दिख रही थी मुझे…

एक नाइ सामान ले आया और क्रीम लगाना शुरू किया कुसुम के चुत पे…. फिर उसने उस्तरे से उसकी झांट साफ़ की…

कुछ देर में लगभग पूरी झांट साफ़ हो गयी थी…

कुछ बाल चुत के एकदम पास वाले हिस्से में बच गए थे… उसने कुछ कहा कुसुम को… वो मुस्कुरा क्र कड़ी हुई तू पास एक टेबल पर आधी लेट गयी…

Hot Biwi ki chudai – ट्रैन में बिना टिकट सफर – डबल चुदाई रात भर

उसका कमर से ऊपर वाला भाग, टेबल पर था.. बाकी उसके नीचे वाला भाग ज़मीन पर.. वो लगभाग आधी कड़ी थी.. पर पेट के बल, टेबल पर..

उसकी गांड और चुत पीछे से दिख रही थी…

उसके गांड के छेद पर भी थोड़े बाल थे… उस नाई ने उसको भी साफ़ कर दिया…

फिर उसने कुसुम से कुछ कहा, जिसपर कुसुम ने हाँ से सर हिला दी…

इसके पहले के मैं समझ पाता के उसने कुसुम से क्या कहा था… तीनो ने अपने सारे कपडे उतार दिए…

वो नाई जिसने कुसुम के झांट की सफाई की थी, वो उसे जबरदस्त चोद रहा था… फच्च-फच्च की आवाज़ पूरे सलून में आ रही थी… कुसुम एक नाई के लंड चूस रही थी और दूसरे का सेहला रही थी…

कुछ देर चोदने के बाद उस नाई ने आपने सारा माल, कुसुम के चेहरे पे गिरा दिया.. कुसुम में उंगलिओं से सब चाट लिए..

फिर दूसरे ने भी कुसुम की चूत चोदी कुछ देर और उसकी गांड पर अपना वीर्य गिरा दिए…

तीसरा तो लंड पर तेल लगा कर आया और देखते-देखते उसने अपना फौलादी लंड कुसुम के गांड में डाल दिया…

कुसुम चिहुंक उठी… वो कुसुम को लगभग १५ मिनट चोदता रहा और उसकी गांड में ही अपना माल छोड़ दिया…

कुसुम को पूरी तरह इस्तेमाल करके तीनो पस्त होकर एक तरफ बैठ गए… कुसुम ने एक कपडे से सारे माल पोछा और कपडे पहन कर घर की ओर चली गई…

मैं भी बाहर निकल आया…

मेरी बीवी ने मस्त झांट सफाई करवाई थी… मैंने सोचा एक और सिगरेट पी लिया जाए…

अगली कहानी में एक और कहानी, कुसुम के जवानी की रासलीला की… पढियेगा ज़रूर… 🙂

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