antarvasna hindi Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/antarvasna-hindi/ Hindipornstories.org Tue, 01 Feb 2022 09:14:01 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाभी ने बुझाई हवस ही आग https://sexstories.one/bhabhi-ko-chodne-ki-hawas/ Tue, 01 Feb 2022 09:14:01 +0000 https://sexstories.one/?p=3507 भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर...

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Bhabhi ko chodne ki hawas – हैल्लो दोस्तो मेरा नाम भावेश है और में इंदौर के पास एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 20 वर्ष है और कद 6 फ़ीट ओर लण्ड साढ़े 8 इंच का लंबा तगड़ा फौलाद है। आज मै आपसे अपनी एक सच्ची घटना साझा करने जा रहा हूँ कि कैसे मैने अपनी गोरी चिकनी भाभी की चुदाई का आंनद लिया और लेता आ रहा हूँ।

मेरे घर में 5 सदस्य हैं जिनमें मेरे बुढ़े माता पिता, बड़े भईया ओर भाभी है।

मेरी भाभी का नाम शीतल है और उनकी उम्र 35 साल है। दिखने में गोरी चिट्ठी, क़ातिलाना शक़्ल ओर बेहद चिकनी कमर वाली हुस्न की परी है। उनकी मोटी तगड़ी गांड का आकार देखकर कोई भी मर्द खड़े खड़े अपनी पेंट गीली कर दे। भाभी के टाइट तरबूज का स्वाद मै हमेशा से चकना चाहता था और वह मौका एक दिन मिल ही गया। तो चलिए दोस्तो बिना वक्त जाया किए मै चुदाई के रहस्य से पर्दा उठाता हूँ।

घर की हालत कुछ खास न होने के कारण बड़े भईया शहर में नौकरी करते हैं और ज्यादातर समय बाहर ही रहते हैं।

बचपन से में पोर्न और सेक्स की कहानियां पड़ता आ रहा हु जिससे कि मेरे अंदर की हवस बढ़ चुकी है और मेरी भाभी को देखकर मेरी हवस बेक़ाबू हो जाती हैं और में बाथरूम में जाकर उस आग को शांत कर देता हूँ।

गर्मियों के वक्त हम सब छत पर ही सोते हैं, बाउजी ओर अम्मा छत के एक कोने पर भाभी से अलग सोते है ताकि भाभी को आराम से नींद आये और मै भाभी के बगल में ही सोता हू क्योकि छत पर ज्यादा तर खेत का सामान पडा रहने के कारण जगह नही बचती। मैं कई बार रात को जब भाभी गहरी नींद में होती है तब धीरे से कभी अपना हाथ उनके बोबो पर रख देता हूं या कभी उनसे चिपकर सोते हुए अपना हाथ भाभी की मोटी झंगो पर रख देता हूं पर भाभी की जब नींद खुलती तो वे मेरा हाथ हटा देती है बिना कुछ बोले ओर फिर से सो जाती है। बस इससे ज्यादा मैं कुछ कर नही पा रहा था और सारा दिन मेरे मन में भाभी को पेलने के अलग अलग विचार आते रहते और बस में हाथ से काम चला रहा था पर कुछ करने का मौका मिल नही रहा था।

पर कहते हैं ना जब आप कुछ ठान लेते है तब रास्ते अपने आप खुलते हैं। बस एक दिन वह मौका आ ही गया।

एक दिन भाभी मेरे कमरे में आकर बोली के भावेश देखो ना यह फ़ोन में नेट सही से चल नही रहा। भाभी टाइट सलवार में क्या माल लग रही थी मन कर रहा था कि अभी लपेट लू , इतने में भाभी ने कहा मुझे मत देखो भावेश मेरा फ़ोन देखो। भाभी बिककुल मुझसे चिपकर खड़ी थी और अपने फोन को देख रही थी। में उनके सामने फ़ोन में सब कुछ चेक कर रहा था इतने में मैने देखा कि भाभी के फोन में सेक्स वीडियोस डाऊनलोड कर रखी थी,यह देखकर मैं दंग रह गया और भाभी की ओर एक शरारती हसी से देखा। भाभी मुझे देखकर शर्मा गयी और फ़ोन छीनकर बाहर जाने लगी और बोली बाद में ठीक कर लेना मुझे काम है और चली गयी।

अब मै समझ गया था कि भईया के दूर रहने के कारण भाभी के अंदर भी हवस उफान पर है और मौके पर चौका मार लेना चाहिए। और मैने मन ही मन थान लिया कि आज रात को भाभी को पेल ही लूंगा।

भाभी जब शाम की चाय बना रही थी तब फिरसे मेने खुराफात करने की सोची ओर ओर रसोई में एक शैतानी हसी लिए मेने भाभी से पूछा कि भाभी आपके फ़ोन में ये चीज़े?? तो नज़रे छुपाती भाभी धिरे से बोली के भईया तो है नही बस यही सहारा है तो मैने भी बिना शर्म के जवाब दिया कि मै हूंना। मेरे जवाब से भाभी एकाएक सन्न सी हो गई और बात को काटते हुए बोली हटो चाय ठंडी हो रही है, अम्मा बाउजी को दे आओ। मै भाभी के इस उत्तर को एक छोटा सा इशारा समझ चूका था,बस रात का इंतजार था।

अम्मा बाउजी जल्दी छत पर सो चुके थे और मैने भी रोज की तरह अपना बिस्तर भाभी के बगल में लगा लिया, भाभी मेरी तरफ अपनी पीठ करकर सो रही थी। मैने भाभी को फिरसे पूछा कि भाभी आपका फ़ोन ठीक कर देता हूं, पर भाभी ने जवाब नही दिया शायद गहरी नींद में थी तो मेने अपना हाथ भाभी की कमर पर रख दिया और भाभी की गांड से अपना लण्ड सटा कर औऱ नज़दीक आ गया ओर भाभी से धीरे से कहा कि भाभी आपको बोहोत समय से पेलने की इच्छा है पर कभी मौका नही मिला आपकी गांड बोहोत रसीली है।

भाभी को नींद में देखकर मेने भाभी की लाल टाइट सलवार को थोड़ा नीचे किया और देखा कि भाभी ने पेंटी नही पहन रखी है। भाभी की गोरी गट चिकनी गांड पर में हाथ धीरे धीरे सहला रहा था। अब मेने अपनी दोनों उंगलियों पर थूक लेकर भाभी की चूत पर धीमे धीमे सहला रहा था। भाभी की चूत एक दम क्लीन शेव औऱ नाजुक मुलायम सी थी। मैने एक बार फिर थूक से भीगी उंगीयो के बीच मे भाभी की चूत को पकड़ा और धिरे से अपनी उंगली भाभी की चूत में कर दी, ऐसा कई बार करने के बाद मैने आने फौलाद को चड्डी से बाहर निकाला और भाभी की चूत पर हल्के से रख दिया।

भाभी की गीली चूत से मेरे फौलाद का टोपा भीग चुका था, मैंने बिना ज्यादा समय लिए भाभी की चूत में अपने लण्ड का टोपा गुसा दिया। जैसे ही मेरा लण्ड भाभी की चूत में जाने लगा भाभी सिसकिया लेने लगी ‘सससस, उफ्फ’। भाभी की सांसें बढ़ गयी और तेज़ धड़कन को मै महसूस कर पा रहा था। भाभी नींद में नहीं थी, सब सुन रही थी बस सोने का नाटक कर रही थी।

मै घबरा गया और अपना लण्ड भाभी की चूत से बाहर निकाल कर भाभी से कहा “भाभी आप जग रही थी?”

भाभी ने बिना कोई उत्तर दिए अपनी मोटी गोल चिकनी गांड मेरे झांगो से बीच में चिपका दी ओर मेरा लण्ड अपने हाथों से अपनी चूत में डालती हुई बोली “रुक क्यो गए जल्दी करो”।

मुझे हरि झंडी मिल चुकी थी, मेने फिर से भाभी के पेट पर अपना हाथ रखा और अपना फौलाद को फिर से धीरे धीरे भाभी की चूत की गहराईयों में उतारने लगा।

हर एक इंच के अंदर जाने पर भाभी पहले से तेज़ सिसकियां ले रही थी। अब मेने एक जोर का ध्क्का मारकर अपना पूरा साढ़े 8 इंच का लण्ड भाभी की चूत में उतार दिया ओर भाभी धिरे से चीखी ” अरे मोरी मइया,उफ्फ्फ, आह”। में अब तेज़ी से भाभी की चूत में धक्के दे रहा था और भाभी तेज़ी से सिसकियां ले रही थी, अम्मा बाउजी रात में बहुत गहरी नींद में थे।

हम दोनों लेटे हुए थे, मै भाभी को बिना रुके पेल रहा था और कस कर भाभी की ब्रा में हाथ डालकर बोबो को दबा रहा था। मै भाभी की गर्दन को चूमते हुए भाभी की चूत में जोर जोर से धक्के दे रहा था और भाभी भी साथ दे रही थी। भाभी की चूत से निकलते पानी से मेरी झांगे तक गीली हो गयी थी पर मै बेक़ाबू हो चूका था। थोड़ी देर बाद मैने अपना रस भाभी की चूत में ही खाली कर दिया ओर धीरे धीरे धक्के देता रहा।

अब मै ओर भाभी दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे के पास में लेटे हुए थे, भाभी मेरे तरफ बढ़ी और मेरे कान के पास आकर धीमी आवाज़ में मुस्कराते हुए बोली ” भावेश तूने तो मेरी सालो की प्यास बुझा दी, तू तो छुपा रुस्तम निकला” और मेरे गालो पर चुम कर मुसकराने लगी। मैने भी भाभी को चूमते हुए कहा “भाभी अब यह प्यास में रोज़ बुझाया करूँगा” । हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को देखते रहे और न जाने कब सुबह हुई पता ही नही चला।

शीतल भाभी को चोदना अब भी मुझे सपने जैसा लग रहा था, मेरा मन कर रहा था कि भाभी से अलग ही न हु बस उनके गोरे बदन से लिपटा रहू ओर दिन रात चुदाई मचाता रहूं।

आज भाभी पहले से बहुत ज्यादा खुश और खिली खिली लग रही थी। सुबह सुबह भाभी को चाय बनाते देख मैने भाभी को पीछे से कस कर पकड़ लिया और उनकी गांड पर अपना लोडा रगड़ने लगा। भाभी की गर्दन को चूमते हुए कहा”क्यों भाभी रात को मज़ा आया,आप बोहोत सेक्सी हो, उममममम” ।

भाभी- “हटो भावेश बाद में, कोई देख लेगा, हटो”।

Chudas गांड का छेद माल से भर डाला

हमारा घर काफी छोटा होने के कारण भाभी को अम्मा बाउजी के होते चोदना खतरे से खाली नही था इसलिए में बस रात के भरोसे ही दिन काट रहा था। मैं भाभी को ठीक से चोदना चाहता था, उनके जिस्म के हर एक हिस्से हो नापना चाहता था पर कैसे करता, इसी सोच में बेचैन था।

लेकिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ फिरसे दिया और सुबह सुबह मेरे चाचा घर आये। चाचा ने आकर अम्मा बाउजी को एक हफ़्ते की तीर्थ यात्रा पर चलने की तैयारी करने को कहा। चाचा चाय पीते हुए बोले “भावेश तू जल्दी से अम्मा बाउजी का सामान बांधकर तैयारी कर दे, बड़ी मुशकिल से कल सुबह ट्रैन की टिकिट मिली है, देरी मत करना”।

चाचा की यह बात सुनकर में खुशी से झूम उठा, मेरे मन मे बस भाभी को पेलने के ख्याल ही घूम रहे थे, मै भाभी को अच्छे से पेलने के लिए उतावला हो रहा था, मन मे लड्डू फुट रहे थे। मैने भाभी की और हवस वाली शैतानी नज़र से देखा और मुसकराने लगा, भाभी भी मुझे ही देख रही थी और मन्द मन्द मुस्कराह रही थी।

चाचा अपनी चाय खत्म कर के जल्दी में चल दिए। पूरा दिन अम्मा बाउजी के लिए तैयारी करते करते में ओर भाभी थक चुके थे और रात को बिना कुछ किए सो गए। मै अगली सुबह अम्मा बाउजी को चाचा के साथ ट्रैन में बैठा कर घर लौट आया।

मेरे अंदर हवस की सुनामी उफान पर थी। मै घर लौटकर सीधा भाभी के कमरे में गया। शीतल भाभी लाल रेशम की साड़ी में पूरी तरह सज संवर कर बैठी आईने के सामने अपने खुले बालो को संवार रही थी। मै भाभी के इस क़ातिलाना अवतार को देखकर एकाएक स्तम्ब रह गया,मेरे मुंह से मानो लार टपक रही थी। भाभी के डीप ब्लाऊज से दोनों बूब्स आपस में मानो बाहर आने को उतारू थे। मुझे भाभी के साथ सुहागरात वाली फीलिंग आने लगी।

मैने भाभी को चिकनी कमर से पकड़कर अपनी और खींचा, भाभी के तरबूज मेरी छाती से पूरी तरह दब चुके थे, भाभी ओर मेरे होंठो के बीच नाममात्र दूरी थी, मै भाभी की सांसो को महसूस कर पा रहा था, मेरा लोडा टावर कि तरह तन्न चुका था मानो बस पेंट फाड़कर बाहर आने को बेताब था।

मेने भाभी से कहा ” शीतल मेरी जान, आज तुझे चोद चोदकर पागल कर दूंगा”

भाभी- “भाभी से सीधा शीतल, नटखट”

मेने भाभी के लाल गुलाबी होंटो पर अपने होठ रखते एक कस कर चुम्बन लिया। मेने अपनी जीभ को पूरा भाभी के मुह में डालते हुए उनकी जीभ पर फेरा। मै भाभी को बुरी तरह चुम रहा था और भाभी भी पूरा साथ दे रही थी। भाभी के होठों को मै चूमता गया कभी गर्दन पर चुंबन ले रहा था तो कभी भाभी की जीभ को खा जाने वाला था हम दोनों चुम्बन में मदहोश थे, एक दूसरे से कस कर लिपटे हुए काफी देर तक चुबंन का मज़ा मै लूटता रहा।

अब मैने भाभी को अपनी बाहों में उठाकर बेड पर लेटाया। भाभी का पेटीकोट मैने घुटनो तक उठा दिया और भाभी की गोरी पिंडलियों को चूमने लगा।

अब मै थोड़ा और ऊपर बड़ा और भाभी के पेटीकोट में अपना सर डालकर भाभी की गोरी गोरी झांगो को चूमने लगा। चूमते चूमते मेने भाभी का पेटीकोट उतार कर दिया।भाभी की गोरी लाल चूत को देखकर मेरे मुंह में लार भर आयी। मैने लपकते हुए भाभी की चूत पर अपनी जीभ फेरकर लाल चूत को चाटने लगा। भाभी को चूत में पूरी जीभ डालकर में किसी प्यासे की तरह चूत चाट रहा था, इस बार भाभी जोर जोर से सिसकियां ले रही थीं। मै ओर उत्तेजना से भाभी की चूत चाट रहा था, भाभी ने मेरे बालो को खीचते हुए अपनी दोनों गोरी झांगो की बीच मे मेरा सर दबाया ओर अपने दोनों पैर मेरे कंधो पर रखकर “उफ्फ उम्म भावेश ओह्ह,और तेज और तेज़” कहती हुई चूत चटवा रही थी। भाभी के चूत के रस से मेरी हवस की प्यास और उत्तेजित हो रही थी। अब मैने भाभी को उल्टा लेटाकर भाभी की मोटी गांड के बीचों बीच अपना मुँह दे मारा। भाभी की गांड चाटने को मै दोस्तो किसी शब्दो मे बयां नही कर सकता। भाभी की गांड को मानो दोस्तो में खा जाऊ।

अब मेने दोस्तो भाभी की कमर को चूमते हुए भाभी का ब्लाऊज उतारा और बिना वक्त गवाएं भाभी के ब्रा का हूक खोलकर दोनों कैदी बोबो को रिहा करवाया। भाभी के गोरे गोल रसीले तरबूज़ जैसे बोबो को देख में झूम उठा। गोरे बोबो पर काले निप्पल “उफ्फ्फ ससससससस’। शितल भाभी वाक़ई हूर की परी है।

एक एक कर दोनों काले निप्पल समेत मैं भाभी के तरबूज को पूरा मुँह में डाल चूस रहा था, कभी दाई वाला बूब कभी बायीं वाला बूब कभी दोनों को कसकर दबाते हुए दोनों एक साथ चूस रहा था। दोनों रसीले बूब दूध से भरे हुए थे, में इस दूध को मुँह में भरकर मन्त्रमुक्त हो चुका था। मैंने भाभी की जिस्म के हर एक अंग को चूमा, चूमता गया।

शीतल भाभी का नंगा जिस्म मैं अपने होठों से भीगा चुका था। भीगी हुई भाभी बेड पर पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। दोस्तो मैने पहली बार किसी औरत को नंगी देखा था और वह नंगी औरत मेरी शीतल भाभी थी, गोरी चिठ्ठी, लाल चूत और काले निप्पल वाली हवसी भाभी। मेरा लण्ड बुरी तरह से तन्न चुका था मानो पेंट से बाहर आने को तड़प रहा हो।

भाभी उठकर अपने घुटनों पर बैठते हुए । मेरे पेंट को खोलने लगी। मैने भी साथ देते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए केवल अंडरवियर में खड़ा था। भाभी ने जैसे ही मेरी अंडरवेयर उतारकर निचे की, मेरा फौलादी लण्ड कूद कर बाहर आ निकला। तीर की तरह सीधा, आसमां को सलामी देता हुआ मेरा साढ़े 8 इंच का मोटा तगड़ा लम्बा काला लण्ड भाभी के मुँह के सामने था।

भाभी की आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी और मेरा लण्ड सहलाते हुए बोली “इतना लंबा लण्ड , तुमहारे भईया का तो कुछ नही इसके सामने” और मेरी तरफ देखकर हँसने लगी।

भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर जो भाभी ने अपनी जीभ घुमाई है “उफ़्फ़फ़, शीतल मेरी जान” ।

मैने भाभी के बालों को पकड़कर अपना लण्ड भाभी के मुँह में डालने के लिए आगे किया तो मेरा साढ़े 8 इंच का चॉकलेटी लोडा भाभी के मुँह से फिसलता हुआ गले तक जा उतरा। शीतल भाभी की आँखे बाहर आ गयी पर भाभी रुकी नही बल्कि आँखे बंद कर लण्ड तेज़ी से चूस रही थीं। शीतल भाभी लण्ड चूसने में किसी पोर्नस्टार से कम नही लग रही थी। भाभी ने मेरा पूरा लण्ड मेरे दोनों गोटो समेत मुँह में भर लिया और सब कुछ गिला कर दिया। भाभी ने एक क्षण के लिए भी मेरे लण्ड से अपना मुँह अलग नहीं किया मानो सदियों से लण्ड की प्यासी हो ।

भाभी के मुलायम होठ ओर गीली जीभ मेरे लण्ड पर जादू कर चुके थे और देखते ही देखते मैने अपना पुरा मुठ ,अपने पुरे वीर्य रस से भाभी का मुँह भर दिया भाभी अभी भी मेरा लण्ड हर तरफ से चूस रही थी मानो एक बूंद मुठ भी व्यर्थ ना चली जाए।

मै अब भी उतना ही जोश में था। मैने नंगी भाभी को एक बार फिर उठा कर बेड पर लेटा दिया। अपने लण्ड पर थूक लगाकर मै अपने औज़ार की धार तेज़ करने लगा।

भाभी की गोरी टांगो को मैने चौड़ी कर भाभी की चूत पर अपना थूक लगाया। फिर अपने लण्ड को भाभी की चूत पर रखकर एक धीरे से ध्क्का दिया। मेरा लण्ड अभी आधा भी अंदर नही गया था कि भाभी सिसकिया लेने लगी ” ओह्ह भावेश उफ़्फ़फ़ मैईया ससससस ,और अंदर भावेश उफ़्फ़फ़” ।

भाभी की सिसकियों में अलग ही नशा था, मै जोश में आ गया और भाभी की चूत में एक जोर का धक्का दिया और भाभी चीख़ उठी ” आआहहहहहहह ससस मार ही डालेगा भावेश उफ़्फ़फ़ ओह्ह ओह्ह और तेज़ आआआहहहह”।

मै शीतल भाभी को चूमते हुए बुरी तरह चोद रहा था। मेरा लण्ड भाभी की चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था ” पच्च पच्च पच्च” ओर भाभी भी बिना किसी शर्म ओर प्रवाह के चिल्ला रही थी “भावेश उफ्फ आह और अंदर और आहहहह ससस भावेश और तेज़” मै भाभी को लबालब चोद रहा था।

कभी भाभी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा तो कभी भाभी को उल्टा लेटाकर पेलने लगा, कभी भाभी मुझपर तो कभी मै भाभी पर “आह भाभी आह एसस एसस उफ़्फ़फ़ शीतल मेरी रांड, उम्मम हह हह ऊऊएह” ।

भाभी के जिस्म का एक एक कोना मै नाप चुका था पर मै फिर भी रुका नही में चोदते रहा बिना रुके।

भाभी की मोटी गोरी गोल गोल चिकनी गांड मे मैने जोर जोर से धक्के दिए, भाभी को चोद चोद कर भाभी की गांड चौड़ी कर दी।

मै और भाभी चुदाई में पूरी तरह मस्त थे, पूरा कमरा हम दोनों ही चीख़ से गूँज रहा था पर हम बेपरवाह चुदाई मचा रहे थे।

मैने अपना पूरा रस भाभी की चूत में खाली कर दिया ओर अब भी लण्ड के धक्के भाभी की चूत में देता गया।

मै और भाभी पूरी तरह थक चुके थे और चुदाई करते करते रात कब हुई पता ही नही चला।

पसीने से लथपथ भाभी और मै एक दूसरे से अब भी लिपटे हुए थे। भाभी बोली ” भावेश ऐसी चुदाई तेरे भईया ने आज तक नहीं कि, तेरा लण्ड लण्ड नहीं फौलाद है, आज में सालो बाद संतुष्ट हुई हु” और यह कहने के बाद मै ओर भाभी दोनों एक साथ नहाने चले गए।

उस दिन के बाद दोस्तो शीतल भाभी और मैं लगभग रोज़ चुदाई करते हैं। जब कोई घर पर नही होता तो रसाई, बाथरूम कही भी चालू हो जाते हैं और जब कभी मौका नही मिलता तो रात को भाभी को चोदता हु।

दोस्तो भाभियों को चोदने में अलग ही मज़ा है।

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Dost Ki Bhabhi Ne Diya Diwali Ka Tohfa https://sexstories.one/dost-ki-bhabhi-xxx-chudai/ Mon, 01 Feb 2021 11:04:08 +0000 https://sexstories.one/dost-ki-bhabhi-ne-diya-diwali-ka-tohfa-xxx-storiez/ मेरा नाम अमर है और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 साल और में एकदम गोरा दिखने में ठीक ठाक हूँ। मेरी हाईट 5.10 और में एक पढ़ा लिखा लड़का हूँ। दोस्तों ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम अमर है और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 साल और में एकदम गोरा दिखने में ठीक ठाक हूँ। मेरी हाईट 5.10 और में एक पढ़ा लिखा लड़का हूँ। दोस्तों मैंने अभी अभी अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और उसके बाद में अपने घर पर बोर होने लगा था और इसलिए मैंने यह बात अपने एक बहुत अच्छे दोस्त को बता दी कि में बहुत बोर हो रहा हूँ। Dost Ki Bhabhi

उसने मुझे उसके घर पर कुछ दिन रहने के लिए बुला लिया था। मैंने बहुत सोचकर अपने पापा से उसके घर पर चले जाने की इजाजत ले ली, लेकिन मुझे बहुत मुश्किल से उसके घर पर जाने की इजाजत मिली और में अगले दिन ही अपना बेग पैक करके मेरे दोस्त के यहाँ पर रहने के लिए चला गया, जो कि बेंगलोर में रहा करता था।

Dost ki bhabhi ki raat bhar choda!

दोस्तों में सबसे पहले अपने दोस्त के परिवार के बारे में आप सभी को थोड़ा विस्तार से बता देता हूँ। उसके बाद अपनी कहानी सुनाऊंगा। मेरे दोस्त का नाम शेखर है, जो कि मेरे साथ इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था और उसके घर में उसकी माँ जो कि 49 साल की है, एक बड़े भाई जिनकी उम्र 28 साल की है, उसकी भाभी जो कि 25 साल की है, उसकी बहन जो कि 20 साल की है। फिर में उसके अगले दिन अपने दोस्त के घर पर पहुंच गया और मैंने अचानक से पहुंचकर उसको चकित कर दिया और मेरा दोस्त मुझे देखकर बहुत ख़ुश हो गया और उसने मुझे अपने गले से लगा लिया।

फिर हम लोग अंदर चले गये और उसकी माँ ने भी मुझे अपने गले से लगा लिया, उफफफफ्फ़ वाह क्या स्पर्श था? उसकी माँ के बूब्स के उनके बूब्स 38 साईज़ के थे और उनके चूतड़ भी बहुत बड़े आकार के थे।

यह सब देखकर महसूस करके मेरा लंड बड़ा हो गया। Dost Ki Bhabhi

फिर में उसके बड़े भाई जो कि एक सॉफ्टवेर इंजिनियर थे, उनका नाम राकेश था उनसे मिला और फिर में अपने दोस्त की भाभी से मिला, जिसको मैंने पहली बार देखते ही उसकी चुदाई के सपने देख लिए थे। में मन ही मन उसको देखकर सोचने लगा था कि मुझे कैसे भी करके इस सेक्सी माल को अपने लंड से चोदकर मस्त करना है यह बात सोचने लगा। दोस्तों वैसे उनका नाम करिश्मा था, उनको देखकर मेरी आखें फटी की फटी रह गई। मेरी नजर उनके सुंदर गोरे चेहरे और गदराए बदन से हटने को तैयार ही नहीं थी, लेकिन फिर मुझे हटानी पड़ी।

उन्होंने एक गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी और उनके वो खुले बाल और उनका वो 36-26-36 आकार का मस्त फिगर मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था। फिर में अपने दोस्त की बहन से मिला, जिसका नाम सविता था और घर में सभी लोगों का मुझसे परिचय होने के बाद में आराम करने चला लगा और फिर में अपने दोस्त की माँ के बूब्स को सोच सोचकर मुठ मारने लगा। उसके बाद में बेड पर लेट गया और उतने में मेरा दोस्त मेरे पास आकर मुझसे कहता है कि कल दीवाली है और मुझे कुछ पटाखे लेने जाना है, इसलिए तू आराम कर और में लेकर आता हूँ, वो मुझसे यह बात बोलकर चला गया और फिर में शॉर्ट्स पहनकर अपने लंड को हाथ में लेकर हिला रहा था।

तभी उतने में अचानक से भाभी रूम में आ गई, उनके हाथ में गरम कॉफी थी और उन्होंने मेरा लंड देख लिया था जो कि अब तक तनकर खड़ा हुआ था, क्योंकि वो अचानक से आई और में उस समय बहुत गरम था। मेरा लंड पूरा का पूरा खड़ा हुआ था और वो मेरे हाथ में था। फिर उसे देखकर उनकी आँख फटी की फटी रह गई और उसने मुझसे कहा।

भाभी : मुझे माफ़ करना में आपके लिए कॉफी लेकर आई हूँ आप पी लीजिए और इतना कहकर वो घूम गई।

में : आप मुझे माफ़ करना भाभी, मैंने यह बोलकर अपनी नज़रो को नीचे झुका लिया।

भाभी : कोई बात नहीं है, इस उम्र में यह सब होता है। Dost Ki Bhabhi

दोस्तों मुझसे यह बात कहकर वो मुझे एक शरारती स्माईल देकर चली गयी और में उन्हें घूर घूरकर देखता ही रहा।

दोस्तों में कॉफी पीकर अब भाभी के बारे में सोचने लगा था कि में कैसे भाभी को पटाकर चोदूँगा? और मैंने फिर से भाभी के नाम की मुठ मारी और अपने लंड को शांत किया, जो उनको सोच सोचकर फनफना रहा था और फिर दोपहर के खाने का टाईम हो गया तो हम सभी लोग एक साथ एक ही टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे। तभी राकेश भैया ने कहा कि कल रात उनको ऑफिस के काम से अचानक बाहर जाना है।

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दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हो गया था और फिर में सोचने लगा कि अब तो में कैसे भी करके भाभी की चुदाई करके ही रहूँगा और फिर हम सबने खाना खत्म किया और सब अपने अपने काम में व्यस्त हो गए और में सारा दिन और रात को भाभी को कैसे चोदा जाए यह बात सोचकर उनकी चुदाई प्लान बनाने लगा था और रात को में एक बार फिर से भाभी के नाम की मुठ मारकर सो गया।

अगले दिन जब में सोकर उठा.. Dost Ki Bhabhi

तो मुझे मेरे दोस्त ने नाश्ता करने के लिए बुला लिया और फिर हम सभी ने एक साथ बैठकर नाश्ता करना शुरू किए और अब में राकेश भैया के बोलने का इंतजार कर रहा था कि वो कब अपने कम्पनी के टूर के लिए निकल रहे है? तभी कुछ देर बाद में राकेश भैया ने बोला कि में अब चलता हूँ, मुझे अपने काम से बहुत दूर जाना है और में दूसरे दिन तक वापस आ जाऊंगा।

फिर में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और में मन ही मन सोचने लगा कि अब तो मेरा भाभी को चोदने का सपना पूरा होने वाला है और फिर हम सबने नाश्ता खत्म किया और सभी लोग शाम को दीवाली की तैयारी में लग गये और में अपने दोस्त के साथ कंप्यूटर पर गेम खेलने लगा और अब में मन में सोचने लगा कि चुदाई को कब कैसे शुरू करना है? फिर कुछ घंटो के बाद शाम हो गई और बाहर सभी लोग पटाखे चलाने लगे और घर के सभी लोग तैयार होने लगे और फिर में भी तैयार हो गया। फिर में बेचैनी से अपने दोस्त और उसके परिवार का इंतज़ार करने लगा था और करीब दस मिनट इंतज़ार करने के बाद सभी अपने अपने रूम से बाहर निकलकर हॉल में आ गए और मेरा दोस्त एक कमरे में जाकर सभी पटाखे लेकर आ गया और हम सभी घर के ऊपर जाकर पटाखे चलाने लगे।

हमें पटाखे चलाते हुए करीब आधा घंटा हो गया था। Dost Ki Bhabhi

फिर मैंने धीरे से एक पटाखा जानबूझ कर अपने हाथ में फोड़ लिया और अब में थोड़ा सा नाटक करने लगा कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। तभी मेरा दर्द देखकर मेरे दोस्त की माँ बहुत परेशान हो गई और उन्होंने मेरे दोस्त को मुझे किसी डॉक्टर के पास ले जाने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया, क्योंकि उस समय उसके पड़ोसी दोस्त भी आए हुए थे और वो उनके साथ पटाखे चलाने में बहुत व्यस्त था और मेरे दोस्त की माँ उसकी एक पड़ोस की दोस्त के साथ थोड़ा व्यस्त थी और उसकी बहन उस समय अपने कमरे में बुखार आ जाने से सो रही थी तो अब बची उसकी भाभी तो मेरे दोस्त ने अपनी भाभी से कहा।

शेखर : प्लीज़ भाभी जी आप मेरे दोस्त को थोड़ी दवा लगा दीजिए ना प्लीज़ उसे बहुत दर्द हो रहा है।

दोस्तों उसने अपनी भाभी से मेरे लिए बहुत बार आग्रह किया.. Dost Ki Bhabhi

तब जाकर भाभी मान गई और अब हम दोनों मेरे रूम में नीचे चले गये और में थोड़ा ज्यादा नाटक करते हुए ज़ोर से चिल्लाने लगा कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर उतने में भाभी जल्दी से मेरे बहुत पास आकर मुझसे बिल्कुल चिपककर बैठ गई और उफफफफ्फ़ वाह क्या बदन था उनका? जैसे वो मुझे पुकार पुकारकर कह रहा है कि अब जल्दी से मुझे चोद दो आकर। फिर भाभी मुझे दवाई लगाने लगी तो में भाभी के उभरे हुए एकदम गोल बड़े आकार के बूब्स को घूर घूरकर देखने लगा, जो कि 36 इंच के थे। भाभी ने उस समय अपने बिल्कुल गोरे बदन पर वो काले रंग की साड़ी उसी कलर के गहरे गले और पीछे से एकदम खुले हुए ब्लाउज के साथ पहनी हुई थी, जिसकी वजह से उनके आधे से ज्यादा बूब्स बाहर दिख रहे थे और उनकी गोरी नंगी कमर को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे लंड को भाभी ने देख लिया।

तभी वो हल्का सा मेरी तरफ मुस्कुराकर कहा कि हो गया है, अब आप आराम करिये और वो मुझसे यह बात कहकर वहाँ से उठी और जाने के लिए पलट गई। फिर मैंने उन्हें तुरंत खड़े होकर पीछे से कसकर पकड़ लिए और उन्हें हग कर दिया तो भाभी मुझसे कहने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो, प्लीज छोड़ दो मुझे, कोई आ जाएगा? फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी आप बहुत हॉट, सेक्सी हो और मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो, प्लीज मुझे एक बार आपको चोदना है। उनसे यह बात कहकर मैंने उनके एकदम गोल बड़े आकार के बूब्स को कसकर पकड़ लिया और अब में दोनों बूब्स को अपने पूरे ज़ोर से दबाने लगा और निचोड़ने लगा था।

फिर भाभी ज़ोर से चिल्लाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब छोड़ दो मुझे, तुम मेरे साथ यह क्या कर रहे हो? प्लीज छोड़ दो मुझे, लेकिन दोस्तों वहां पर उन्हें सुनने वाला कोई नहीं था, क्योंकि सभी लोग ऊपर छत पर थे और ऊपर से दीवाली के पटाखों की उस आवाज़ से कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था। अब में अपने एक हाथ से उनकी साड़ी के ऊपर से उनकी चूत को छूने लगा था और अपने दूसरे हाथ से उनके दोनों बूब्स को एक एक करके सहला रहा था और फिर कुछ देर उनकी चूत को सहलाने के बाद मैंने महसूस किया कि वो भी अब थोड़ा सा शांत हो गई थी और उन्होंने जोश में आकर मोन करने की आवाज निकालना शुरू कर दिया था आह्ह्हहह उउईईईईइ।

दोस्तों उसकी जोश से भरी वो आवाजे सुनकर मुझे भी अब उसकी चुदाई करने का ग्रीन सिग्नल मिल गया था और में मन ही मन बहुत खुश था।

अब में ज्यादा जोश में आकर उनके गदराए बदन को सहला रहा था। Dost Ki Bhabhi

फिर मैंने तुरंत उनको मेरी तरफ पलटकर दोबारा अपनी बाहों में भरकर में उनके होंठो पर किस करने लगा और वो भी अब गरम होकर धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी थी और फिर कुछ देर बाद वो मेरे मुहं में अपनी जीभ को डालने लगी थी और मेरी जीभ को चूसने लगी थी। फिर में उनको बेड पर लेटाकर धीरे धीरे से उनके बूब्स को दबाने मसलने लगा था, जिसकी वजह से उनको और मज़ा आने लगा था और वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी आहह्ह्ह्ह उूउऊँ उईईईईई उउफफफफफ्फ़। अब में धीरे से उनके ब्लाउज को उतारकर उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और साथ ही मैंने उनका एक हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया तो मेरे लंड को छूकर बहुत खुश हो गई और वो अब लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी और सहलाने लगी।

अब में उनके बूब्स के निप्पल को चूसने निचोड़ने लगा, जिसकी वजह से वो और भी बेचैन हो गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि अमर अब और मत तड़पाओ मुझे चोद दो अभी के अभी में बहुत तड़प रही हूँ तुम्हारे लंड के लिए, कल जब मैंने पहली बार देखा था, में तब से में तुम्हारे लंड को लेने के लिए पागल सी हुई जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो वर्ना कोई नीचे आ जाएगा, जल्दी से मेरी चूत में तुम्हारा लंड डालकर मेरी चूत को तुम आज बिल्कुल शांत कर दो। दोस्तों उनके मुहं से यह शब्द सुनकर में बहुत चकित था, लेकिन फिर मैंने सोचा कि मुझे उससे क्या मतलब? और फिर यह शब्द सुनते ही मैंने उनके मुहं में अपना 6 इंच लंबा मोटा लंड डाल दिया। फिर वो बहुत आराम से लंड को चूसने लगी, वाह क्या मज़ा आ रहा था। दोस्तों मुझे ऐसा लग रहा था कि में अब जन्नत में हूँ और मुझे बहुत मज़ा आया, क्योंकि वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंड को लोलीपोप समझकर चूस रही और करीब 5 मिनट चूसने के बाद वो थक़ गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम मुझे अब और मत तड़पाओ, प्लीज तुम अब मुझे चोदो, मुझे यह बात कहकर उसने मुझे अपनी चूत की तरफ इशारा किया और अब में भी बिल्कुल तैयार हो गया और उनको चोदने के लिए और फिर जैसे ही मैंने अपने लंड का टोपा भाभी की गीली गरम चूत के मुहं पर रखा तो मुझे पता चल गया कि वो कितने जोश में है।

अब मैंने अपने लंड को चूत के अंदर धीरे से एक धक्का दे दिया.. Dost Ki Bhabhi

जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में चल गया और भाभी बहुत ज़ोर से चिल्ला गई, उईईईईईइइइ आह्ह्ह्हह्ह् अमर प्लीज इसे बाहर निकाल दो, में नहीं ले सकती तुम्हारा इतना मोटा लंड उफफ्फ्फ्फ़ माँ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है और दोस्तों मुझसे यह कहते हुए मैंने देखा कि उनकी आँख से आँसू भी बाहर निकल गये थे। फिर मैंने उनके होंठो पर किस करते हुए धीरे से एक और जोरदार धक्का मार दिया और तब मेरा आधा लंड उनकी चूत के अंदर चले गया और भाभी उस असहनीए दर्द से चिल्ला उठी, लेकिन वो ज्यादा ज़ोर से नहीं चिल्ला सकती थी, क्योंकि मैंने अचानक से उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए थे और उनका मुहं दबा रखा था, लेकिन दोस्तों उनकी आँख से आँसू जिस तरह से निकल रहे थे, उनका दर्द मुझे पता चल रहा था। फिर मैंने एक और जोरदार धक्का देकर अपना पूरा का पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया था।

दोस्तों दर्द की वजह से उसने मेरी पीठ पर नाख़ून से नोच दिया और रोने लगी। फिर में कुछ देर वैसे ही लेटा रहा और फिर दो मिनट के बाद भाभी थोड़ा शांत हुई तो में उठकर अब धीरे धीरे धक्के देने लगा था और अब उनको भी मज़ा आने लगा और वो मोन करने लगी, उउफ़फ्फ़ आअहह आहहा आहह हाँ थोड़ा और ज़ोर से धक्का देकर चोदो मुझे मेरे राजा कहते हुए वो मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी और में उनके बूब्स को दबाते निचोड़ते हुए उनको 15 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदता रहा। फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और फिर उसने तुरंत मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी। फिर दो मिनट चूसने के बाद मैंने उसके मुहं में ही अपना वीर्य निकाल दिया, जिसको उन्होंने पूरा का पूरा गटक लिया। उसके बाद मेरे लंड को चाट चाटकर साफ कर दिया और वो अपनी उस चुदाई से मुझे चेहरे से बिल्कुल संतुष्ट नजर आ रही थी और फिर हम दोनों करीब दस मिनट तक ऐसे एक दूसरे के उपर नंगे लेटे रहे। फिर उसके बाद हम लोग हटे और खड़े होकर तैयार हो गए। उसके बाद हम दोनों ऊपर जाकर पटाखे चलाने लगे और दोस्तों इस तरह से में और मेरे दोस्त की भाभी उस चुदाई से फ्री हो गए। उसके बाद से हम दोनों हर कभी जब भी हमे मौका मिलता तो हम कभी किस करते तो कभी हग करते तो में कभी वो जब किचन में अकेली होती तो में मौका देखकर उनको पीछे से पकड़ लेता और उनके बूब्स को दबाता और उनकी चूत को सहलाकर गरम कर देता तो कभी भाभी अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाती दबाती और में वहां पर पूरे पांच दिन रुका। तब तक हमारे बीच बस यही सब चलता रहा, लेकिन हम दोनों के ऊपर किसी ने कभी शक़ नहीं किया और पांच दिन के बाद में अपने घर पर वापस आ गया, लेकिन फिर भी में हमेशा उनके ही बारे में बहुत समय तक सोचता रहा और मुझे उनकी चुदाई आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है, क्योंकि वो बहुत सेक्सी थी और उन्होंने मेरा हमेशा पूरा पूरा साथ दिया ।

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मेरी चुत की चटाई और हॉट चुदाई https://sexstories.one/meri-chut-chatai-aur-chudai/ Sun, 15 Nov 2020 19:02:39 +0000 https://sexstories.one/?p=1505 हैल्लो दोस्तों, आप सभी को मेरा नमस्ते, मेरा नाम दीपिका है, में 28 साल की हूँ और अजमेर की रहने वाली एक हाउसवाईफ हूँ, मेरे एक 3 साल की छोटी बच्ची है। मेरे पति के ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, आप सभी को मेरा नमस्ते, मेरा नाम दीपिका है, में 28 साल की हूँ और अजमेर की रहने वाली एक हाउसवाईफ हूँ, मेरे एक 3 साल की छोटी बच्ची है। मेरे पति के पास खुद का बिजनेस है, जिसमें वो दिन रात मस्त रहते है, उनके पास हमारे लिए टाईम ही नहीं है और वो ना ही मेरी सेक्स की भूख मिटा सकते है। वो पहले शादी के समय तो ठीक थे, लेकिन शराब और गलत संगत में पड़कर बहुत कमजोर हो गये है, अब संभला मुश्किल लगता है जबकि में एक सुंदर जवान और बहुत ही सेक्सी औरत हूँ, मेरी साईज 36-32-36 है और में हमेशा एक मस्त चुदाई की चाहत रखती हूँ, लेकिन मेरे दिल की तमन्ना कभी पूरी नहीं होती थी। chut chatai

में हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग की बहुत बड़ी फैन हूँ और में चाहती थी कि कोई अजमेर का रहने वाला लड़का मिल जाए, जिससे में अपनी प्यास बुझा सकूँ। फिर मैंने फेसबुक पर आई-डी एक बनाई और मुझे फेसबुक पर एक लड़का मिला और मुझे लगा कि ये मेरी समस्या का हल निकाल सकता है तो मैंने उसको एक मैसेज किया, उसमें मैनें अपनी समस्या लिख डाली। फिर उसने उसका जवाब इतने प्यार और विश्वास के साथ दिया कि में तुरंत तैयार हो गयी थी।

फिर मैंने उनसे उनका फोन नंबर मैल के ज़रिए ही लिया और उनको फोन पर बातें करने लगी थी। अब हम रोज घंटो बातें करने लगे थे। अब उसके साथ बात करना मुझे भी अच्छा लगने लगा था। फिर वो सेक्स की बातें करने लगा। अब जब वो सेक्सी बातें करता तो मुझे कुछ-कुछ होने लगता था। फिर हम रोल प्ले करने लगे और इंटरनेट पर ही सेक्स करते थे। फिर एक दिन मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसको अपने घर बुला लिया। वो दिखने में भी बहुत स्मार्ट और बोल्ड है। मैंने पहले तो सोचा कि क्या यही वही आदमी है? जो इंटरनेट पर सेक्सी बातें कर-करके ही मुझे फ्री कर देता है।

फिर वो मेरे करीब आया और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया। chut chatai

एक पल के लिए तो मेरी साँसे थम गयी थी कि अब मेरे साथ क्या होने वाला है? लेकिन दूसरे ही पल मुझे अच्छा लगने लगा था। फिर उसके लिप्स मेरे लिप्स से जा मिले। अब उसके हाथ मेरे बूब्स को दबाने लगे थे, तो मुझ पर नशा छाने लगा और में उसकी बाहों में सिमटने लगी थी। अब मुझे उसके हाथों में जादू सा लगने लगा था, जो मुझे पागल करने लगा था। फिर तब मुझे लगा कि यह आदमी मेरे लिए कमाल का काम करेगा और फिर में भी उसका साथ देने लगी और उसको अपनी बाहों में कसने लगी थी।

अब उसके जादू भरे हाथ मेरे बदन पर फिरने लगे थे और मुझको बहाल करने लगे थे, पता नहीं उसमें क्या जादू था? कि में बस बिखरती जा रही थी। अब मेरा मन कर रहा था कि बस वो मुझे चोद दे। फिर जब वो अपने हाथ मेरे बदन पर ऊपर से लेकर नीचे तक लेकर जाता तो बस मेरे मुँह से आहह, उउउफफफफफफ्फ़ की आवाज ही निकलती थी। फिर उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू किए, तो मुझे कुछ पता ही नहीं चला कि कब में उसके सामने नंगी हो गयी, क्योंकि उसके हाथों और उसके लिप्स के जादू में मानो में खो गयी थी।

Aunty ki chudaiचुदास आंटी के साथ सुहागरात मनाई

फिर थोड़ी देर तक तो मुझे पता ही नहीं चला कि वो मेरे बदन से अलग होकर मुझे नंगा देख रहा है। फिर जब में होश में आई तो मुझे पता चला तो मुझे बहुत शर्म आने लगी। फिर मैंने उसको पास आने को कहा, तो वो नहीं आया। अब में उसकी पागल तो हो चुकी थी तो में ही नंगी उठकर उसको पकड़ने लगी। अब वो रूम में इधर उधर भागने लगा था, लेकिन उसने मुझे पागल कर दिया था तो में भी नंगी ही उसको पकड़ने लगी थी।

दोस्तों ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पड़ रहे है। chut chatai

फिर जब वो मुझे अपनी बाहों में लेकर प्यार करने लगा, तो में फिर से मदहोश होने लगी थी। फिर थोड़ी देर के बाद मुझे होश आया तो मैंने पाया कि अब वो भी नंगा है और मुझे तब पता चला जब प्यार करते-करते उसने मेरा एक हाथ पकड़कर नीचे ले जाकर अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया। फिर तब मुझे एकदम से होश आया कि यह क्या है? अब उसको देखकर मुझे थोड़ा डर लगने लगा था कि में इसको कैसे लूँगी? लेकिन मुझे नहीं पता था कि आगे क्या होने वाला है? फिर उसने मुझे बेड पर लेटाकर मेरे पूरे बदन पर अपने लिप्स का जादू डाल दिया और मेरी चूत को इस तरह सक किया कि में तो दो बार झड़ गयी। अब में उसके प्यार से पागल हो गयी थी। फिर जब मुझे थोड़ा होश आया तो में उसके लंबे गुदगुदे खड़े लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी थी।

अब उसके लंड को देखकर मेरा मन उसे चूसने को किया तो में बड़े ही प्यार से उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, वाह क्या स्वाद था? उसका टोपा तो एकदम गुलाबी और बहुत ही अच्छा था। फिर उसने मुझे बेड पर लेटा दिया और कब मैंने उसके लिए अपनी दोनों टांगे खोल दी? मुझे पता ही नहीं चला। फिर जब उसका मस्त लंबा और मोटा गर्मा गर्म लंड जब मेरी चूत पर लगा तो एक पल के लिए मुझे होश आया, लेकिन थोड़ी देर के बाद वो अपने लिप्स मेरे लिप्स से मिलाकर मुझे चोदने लगा।

मुझे पता ही नहीं चला कि कब उसका गर्म लंड मेरी चूत में समा गया.. chut chatai

फिर जब वो मुझे चोदने लगा, तो मुझे पता चला कि कब उसका लंड मेरे अंदर चला गया? सच में वो बहुत अच्छा सेक्स करता था। उसके सेक्स स्टाइल ने मुझे इतना मस्त कर दिया था कि मुझे दर्द का भी अहसास नहीं हुआ था। उसके लिप्स और हाथों में अजीब सा जादू था, सच में ऐसा पार्टनर मिले जाए तो सेक्स का डर भी गायब हो जाए।

अब उस दिन से मेरा सेक्स से डर बिल्कुल दूर हो गया था। फिर थोड़ी देर के बाद वो फ्री हो गया। अब में हैरान थी कि इस बीच में 4 बार फ्री हो चुकी हूँ, लेकिन वो सिर्फ़ एक बार फ्री हुआ है। फिर जब वो मुझसे अलग हुआ तो मैंने देखा कि उसका लंड मेरी चूत के खून में नहाया हुआ है, तो यह देखकर में डर गयी, लेकिन मुझे अच्छा लगा कि मुझे दर्द का एहसास नहीं हुआ था।

फिर मैंने उसको अपनी बाहों में लेकर प्यार करना शुरू किया, सच में पता नहीं वो क्या जादूगर है? फिर उसने मुझे 3 बार और चोदा। अब वो सिर्फ़ 3 बार ही फ्री हुआ था, लेकिन में ना जाने कितनी बार फ्री हो चुकी थी? फिर थोड़ी देर के बाद हम दोनों नहा धोकर बैठ गये और फिर थोड़ी देर के बाद वो चला गया। आज भी जब भी मुझे कोई मौका मिलता है तो में उसको बुला लेती हूँ और सेक्स का मज़ा लूटती हूँ।

सच में वो इतने प्यार से करता है कि मुझे पता ही नहीं चलता है, बस में खुद को मजे में पाती हूँ। अब उसके चले जाने के बाद भी उसके हाथों और उसके लिप्स का जादू मेरे बदन पर छाया रहता है। अब हम दोनों रोज फोन पर सेक्स करते है। में उसकी बातें सुन-सुनकर ही फ्री हो जाती हूँ। फिर हमें जब भी कोई मौका मिलता है तो हमें रियल में करने में खूब मज़ा आता है।

अब उसके कारण आज में हर पल खुश रहती हूँ और एक बच्चे की माँ भी हूँ । chut chatai

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पूस की रात में बहन का साथ https://sexstories.one/poos-ki-raat/ Sat, 14 Nov 2020 15:15:34 +0000 https://sexstories.one/?p=1495 हैल्लो दोस्तों, में भूपेन हूँ और मेरी उम्र इस समय 23 साल है और में अपनी बड़ी बहन अर्चना के साथ रहता हूँ। मेरे पिताजी एक सरकारी ऑफिस में नौकरी करते थे और उनकी मौत ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, में भूपेन हूँ और मेरी उम्र इस समय 23 साल है और में अपनी बड़ी बहन अर्चना के साथ रहता हूँ। मेरे पिताजी एक सरकारी ऑफिस में नौकरी करते थे और उनकी मौत के बाद मेरी बहन अर्चना, जो कि उस समय ग्रेजुयेशन कर रही थी कि तभी उसको नौकरी में रख लिया गया, वो शहर मैं अकेली रहती थी और में उसके साथ पिछले 10 साल से रह रहा हूँ। मेरी माँ अभी भी गाँव में ही रहती है, क्योंकि हम लोगों की बहुत सी ज़मीन ज़ायदाद गाँव में है तो उसकी देखभाल के लिए माँ वहीं रहती है। poos ki raat

मेरी उम्र इस समय 23 साल है। में एक हट्टा-कट्टा लड़का हूँ और मेरी कद काटी भी अच्छी है। मेरी हाईट करीब 5 फीट 8 इंच, वजन 70 किलोग्राम और गोरा रंग है। में दिखने में खूबसूरत हूँ। मेरी बहन करीब 5 फुट 2 इंच की है, गोरी, भरा बदन और लंबे बाल, काली खूबसूरत आँखें है। में क्लास 5वीं में था, जब बहन के साथ रहने आया था। poos ki raat

फिर देखते-देखते ही समय बीत गया और में क्लास 12वीं में आ गया और मेरा खूब भरा पूरा शरीर हो गया और साथ में जवान लड़को वाली हरकतें भी आ गयी थी। अब में अक्सर दोस्तों के साथ बैठकर ब्लू फिल्म देखता और नंगी किताबें देखता और कभी-कभी तो रात में पॉर्न बुक्स घर भी ले आता, जिसमें चुदाई के सीन मुझे बहुत पसंद आते थे।

अब में घंटो देखता रहता और सोचता कि चोदने वालों की क्या ज़िंदगी है? तो मेरा लंड बेवजह ही खड़ा हो जाता, जो बैठने का नाम ही नहीं लेता और जब बैठता तो मेरा अंडरवेयर भीग गया होता। फिर में अपनी इस हरकत को छुपाने के लिए अपना अंडरवेयर खुद धोता और सूखने डाल देता और मेरी बहन को कानों कान कोई खबर ना होती।

फिर जब मेरी बहन ऑफिस में होती तो में उनकी ब्रा पहनकर उसमें कपड़ा भरकर खुद चूची समझकर दबाता और सेक्स का आनंद लेने की कोशिश करता और बहन की पेंटी, ब्रा को सूंघने का मज़ा लेता। अब यह सब हरकतें करने के बाद भी में कॉलेज में अच्छे नंबर लेकर पास होता था, तो मेरी बहन को मुझसे कोई शिकायत नहीं होती थी और फिर एक दिन गजब हो गया। में क़िसी दोस्त से किताब माँगकर लाया था और वापस देने के लिए कॉलेज बैग में ले गया, लेकिन दोस्त छुट्टी पर था, तो में वो किताब वापस घर ले आया।

अब वो किताब कॉलेज बैग में पड़ी थी, तो में रविवार को क्रिकेट खेलने पार्क में चला गया, तो घर पर मेरी बड़ी बहन ने मेरा बैग चैक कर लिया और बैग में से वो किताब निकाली। अब मुझे पता नहीं दीदी ने वो किताब देखी कि नहीं, लेकिन जब में घर आया तो दीदी का मूड उखड़ा हुआ था और वो मुझे बहुत घूर-घूरकर देख रही थी।

फिर में डर गया और मेरे बैग को देखने को भागा.. poos ki raat

तो मैंने देखा कि वो किताब गायब है तो मेरे चेहरे का रंग उड़ गया। फिर दीदी ने पूछा कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, तो वो किताब मेरी तरफ फेंकते हुए बोली कि यही तलाश रहे होना। फिर मैंने कुछ नहीं कहा और अपना सिर झुकाकर खड़ा हो गया। दोस्तों आप ये कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है l

अब मुझे पता था कि मुझे सजा मिलेगी और मिली और उन्होंने मेरा बैग उठाकर फेंक दिया और बोली कि निकल जा घर से, में तेरी शक्ल नहीं देखना चाहती। अब में चुपचाप खड़ा था और दीदी को देख भी नहीं पा रहा था कि दीदी ने मेरी बाजू को पकड़ा और घर से बाहर का दरवाजा दिखाकर दरवाजा बंद कर लिया। फिर में धीरे से बोला कि दीदी अच्छा कल में माँ के पास चला जाऊंगा, लेकिन आज में घर से बाहर ही रहूँगा।

ये करीब दोपहर के 2 बजे की घटना है. poos ki raat

तो में घर के सामने पार्क में जाकर बैठ गया और वही भूखा प्यासा बैठा रहा। फिर किसी तरह से दिन निकला और शाम हुई, तो शाम को अचानक से बरसात शुरू हो गयी, लेकिन मैंने भी ठान रखा था कि अब में घर नहीं जाऊंगा तो में बरसात में बैठा रहा और भीगता रहा, लेकिन घर नहीं गया।

फिर इतने में मेरे घर का दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि दीदी मेरी तरफ ही आ रही थी और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और बोली कि इतनी बरसात हो रही है तो तू बरामदे में ही आकर बैठ जाता। फिर मैंने कहा कि नहीं दीदी अब मेरा ठिकाना मेरा गाँव है, जहाँ मेरी माँ है जो मुझे ग़लती करने पर समझा देती है, लेकिन ऐसे घर से नहीं निकालती और भूखा तो बिल्कुल नहीं रहने देती।

फिर यह सुनकर मेरी दीदी मुझसे चिपक गयी और रोने लगी और मुझसे बोली कि अरे पगले में कोई तेरी दुश्मन थोड़ी ही हूँ। मुझे बुरा लगा तो मैंने बोल दिया, अब घर चल वहीं बात करेंगे, पहले गीले कपड़े बदल ले, तो में दीदी के समझाने पर घर आ गया।

फिर दीदी ने मेरे कपड़े निकाले और मुझे बदलने को बोला और गर्म कॉफी पिलाई और बोली कि अब बता तू यह सब क्यों करता है? यह सब करने की तेरी कोई उम्र थोड़ी है। फिर में बोला कि दीदी मेरे मन में सौ सवाल उठते है, क्यों मेरा लंड सुबह खड़ा हो जाता है? और लाख बैठाने पर भी नहीं बैठता, क्यों उसमें से सफेद रंग का पानी सा कुछ निकलता है? और में क्यों ठंडा पड़ जाता हूँ?

Sexy bhabhi – भाभी की जवानी बनी मेरी परेशानी

यह सवाल तो में अब आपसे पूछ नहीं सकता तो दोस्तों से पूछता हूँ और दोस्त जो जवाब देते है, वो आपके सामने है। मेरे दोस्त यही बताते है कि यह सब शरीर की भूख है जिसे एक औरत ही इस तरह ठंडा कर सकती है और वो सब में देखता हूँ और सोचता हूँ। अब आपके पास इन बातों का कोई जवाब है?

फिर दीदी चुप हो गयी और बोली कि में क्या जानू इन बातों को? मैंने तो अपने मन को मार लिया है और में यह सब नहीं सोचती हूँ। फिर में बोला कि आपको सोचना पड़ेगा दीदी, इस तरह तो आप घुट- घुटकर मर जाओगी। आप देखो और सोचो दीदी में छोटा ज़रूर हूँ, लेकिन जिस्म की भूख को समझने लगा हूँ।

अब दीदी की आँखों में आँसू थे और वो मुझसे बुरी तरह चिपक गयी और बोली तू छोटा ज़रूर है, लेकिन तू बातें बड़ी-बड़ी करता है, आ खाना खा ले और फिर बेड पर लेटकर बातें करेंगे। फिर मैंने कहा कि ठीक है दीदी और फिर मैंने मुँह हाथ धोकर खाना खाया और फिर थोड़ी देर तक टी.वी देखने के बाद हम लोग बिस्तर पर चले गये। हम सोते तो रोज़ ही साथ थे, लेकिन आज कुछ नई बात थी।

अब दीदी कुछ सोच रही थी और मेरे हाथ में वो पॉर्न बुक थी। फिर मैंने दीदी को बताया कि कुछ ज़रूरते ऐसी होती है जो सिर्फ़ शरीर ही पूरी कर सकते है, इसमें अपने मन को मारने जैसी कोई बात नहीं है। poos ki raat

फिर दीदी बोली कि अब यह सब में अगर छोटे भाई से करूँ, तो समाज क्या कहेगा? तो में बोला कि समाज क्या हमको रोटी देने आ रहा है? आप जो बात है खुलकर कहो। फिर दीदी कुछ नहीं बोली और मुझसे चिपककर बोली कि जो तेरा मन हो वो कर, अब में तेरे हवाले हूँ।

दोस्तों में जीत गया और दीदी से ज़ोर से चिपक गया और दीदी को किस करने लगा। अब में दीदी के शरीर से ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा लेना चाहता था तो मैंने धीरे से उनका ब्लाउज खोल दिया, तो उनके आम जैसे बूब्स बाहर निकल आए, दीदी ने शायद ब्रा नहीं पहन रखी थी। फिर मैंने उनके एक बूब्स को अपने मुँह में डाला और चूसने लगा, तो दीदी के शरीर में कुछ हरकत हुई और वो सिसकियाँ लेने लगी। फिर मैंने उनका दूसरा बूब्स अपने एक हाथ से पकड़कर दबाना शुरू कर दिया।

अब दीदी की हालत बुरी होने लगी थी और वो ज़ोर से मेरे साथ चिपक गयी। फिर मुझे ऐसा लगा कि वो मेरे शरीर में घुस जाना चाहती है। फिर मैंने धीरे से उनका पेटीकोट खोल दिया और उसे उनके पैरों के नीचे खिसका दिया। अब मैंने उनके ब्लाउज को भी निकाल दिया था, तो वो बिल्कुल नंगी हो गयी और बोली कि मेरे तो सब कपड़े निकाल दिए और खुद ने सारे के सारे कपड़े पहन रखे है।

दोस्तों आप ये कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है l poos ki raat

फिर में बोला कि तो आप निकालो, तो वो बोली कि मुझे शर्म आती है। फिर मैंने कहा कि अब किस बात की शर्म? तो वो धीरे से मेरी पेंट की चैन खोलने लगी, तो मैंने उनकी मदद की और मेरी टी-शर्ट उतार दी। फिर मुझको नंगा करके उन्होंने मेरे लंड पर अपनी निगाह मारी और अपनी उंगली की तरफ इशारा करके बोली कि यह इतना छोटा सा हुआ करता था, अब देखो कितना बड़ा हो गया है?

तो में उनकी चूची पर अपना एक हाथ रखकर बोला कि दीदी यह भी तो कैरेम बोर्ड की तरह सपाट होते थे, अब देखो कितने बड़े बूब्स हो गये है? तो वो शर्मा गयी और बोली कि तुमसे कोई नहीं जीत सकता, बताओ अब आगे क्या करना है मेरे भाई? तो में बोला कि आराम से करेंगे बहन। दोस्तों फिर इसके आगे मैंने उसे खूब चोदा और आज तक भी चोद रहा हूँ ।

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भाभी की जवानी बनी मेरी परेशानी https://sexstories.one/hot-bhabhi-sex-video/ Sat, 07 Nov 2020 12:07:45 +0000 https://sexstories.one/?p=1481 भाभी की ब्रा खोल उनकी दोनो बड़ी-बड़ी चुचिया पीने लगा. निपल्स तो बहुत ही मीठे थे. अपने अंगूठे से निपल्स की मालिश करता रहा. दोनो बोब्स कि अच्छी तरह मालिस कि. जिससे उनकी चुचियाँ टाइट ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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भाभी की ब्रा खोल उनकी दोनो बड़ी-बड़ी चुचिया पीने लगा. निपल्स तो बहुत ही मीठे थे. अपने अंगूठे से निपल्स की मालिश करता रहा. दोनो बोब्स कि अच्छी तरह मालिस कि. जिससे उनकी चुचियाँ टाइट होकर फूल कर बड़ी हो गयी और गोल गहरी नाभि की महक कस्तूरी हिरण के समान थी। ये पढ़के लंड खड़ा हो गया ना? अब पूरी कहानी पढ़िए..  bhabhi sex video

जवान औरत से सेक्स करना और औरत को चोदना हर जवान लड़के का सपना होता है। मेरा भी था की किसी अल्हड़, मस्त, जवान औरत की गांड, चूत मारी जाए और उसकी गांड मे जुभान डाल कर उसका रस चखा जाए।

औरत की भारी-भारी कसी-कसी उठान लिए ब्लाउस मे दूध से भरी चुचियाँ हमेशा हिलते हुए मुझे अपनी ओर आकर्षित करती और मे उनको दबाने के सपनो मे खो जाता की कब ब्लाउस के बटन खोल उन चुचियों को आज़ाद करूँगा। ब्लाउस के हुक खोल कर ब्रा को हटा कर दोनो चुचियाँ अपने हाथों मे ले कर दबाऊंगा. कब औरत के स्तन मेरे हाथो मे आएँगे? कब मे भी उनके निपल्स को मूह मे लेकर पी पाऊंगा?

मोहल्ले की हर जवान, गोरी, सुंदर और प्यारी भाभी के बारे मे सोचता रात को यह कितना मज़ा लूटवाती होंगी और लंड की सवारी कर रोज़ जन्नत घूमने जाती होंगी। हर भाभी भी मुझसे बहुत घुली-मिली रहती, कभी भी कोई काम होता तो यह देवर हमेशा काम करने को तैयार रहता था।

एक बार मेरे एक दूर के भैया हमारे यहाँ अपनी बीवी के साथ रहने आए। bhabhi sex video

बात एक रात की है की मुझे गर्मी के कारण नींद नही आ रही थी। मै एसे ही बाहर आँगन मे निकल आ गया. सामने बेडरूम की खिड़की से हल्की ट्यूबलाइट की रोशनी बाहर आ रही थी। क्योंकि खिड़की के काँच पर कपड़ा था. परंतु खिड़की का एक दरवाज़ा हल्का टेढ़ा खुला था ताकि हवा कमरे मे आ- जा सके।

मैने सोचा यह भैया क्या पढ़ रहें हैं? मैने बस हल्के से दबे पाँव पास जाकर खिड़की के नीचे से अंदर देखा तो मेरी सांस जैसे रुक गयी। भाभी पूरी नंगी होकर पेट के बल लेटी थी और उनकी मस्त गांड उपर की ओर थी।

भैया उनकी पीठ पर सरसों के तेल से मसाज कर रहे थे. भाभी हल्के-हल्के मूह से अहह…सस्स्सस्स.अहह.. कर रहीं थी। और जब भैया तेल लगा कर अपनी उंगली भाभी के चूतड़ को फैला कर गांड मे अंदर घुसा डालते तो भाभी कह उठती, “धीरे- धीरे डालो बाबा दर्द होता है.” भैया लूँगी पहने अपने दोनो हाथो से उनके उपर जाँघो पे बैठ कर दोनो चूतडो की मसाज कर रहे थे।

गांड की मालिश से भाभी बहुत खुश नज़र आ रही थी. भाभी के उल्टा होकर लेटने से मैने देखा की भैया हल्के से लेट कर पीछे से उनकी गांड मे अपनी जुबान भी लगा रहे थे। जिससे भाभी याआहह… ऊ.. करती जाती। फिर पीछे से ही भैया ने भाभी के जाघों को फेलाया जिससे उनकी चूत भी दो फांको मे बट गयी और चूत के गुलाबी छेद मे उंगली डाल वो अंदर-बाहर करने लगे। भाभी को अजीब सा नशा चढ़ने लगा. वो मदहोश होने लगी. भैया धीरे से भाभी के चूत के नीचे आ गये और अपनी जुभान से भाभी की चूत को लॅप-लॅप कर चाटना शुरू किया।

इससे भाभी की सिसकियाँ और सांसे और गरम और तेज़ हो गयी थी। bhabhi sex video

फिर भाभी अपनी पीठ के बल लेट गयी और भैया ने आगे वाले हिस्से कि मालिश शुरू की. भाभी के दोनो टांगो को फैला कर उनकी गोरी मसल झांगो को रगड़ कर मालिश किया और अपने अंगूठों से चूत के दोनो सिंघरों का मसाज किया। फिर खूब सारी थूक डाल कर उनकी चुत पे लेप लगा दिया. फिर अपनी जुभान से चूत को रगड रगड लाल कर उसके गुलाबी छेद मे जुभान अंदर-बाहर करके उंगली से तेज़ी से अंदर-बाहर कर चूत को गीला कर चोदने का प्रोग्राम बनाया।

Chut chudai – सेक्सी पिक्चर और खेल खेल में पेलमपेल

भैया बार-बार भाभी की चूत के ठीक बीच उपर उगी हुई हल्की काली घुँगराली झांटो को भी अपने मूह से होंटो मे दबा कर नोचते जिससे भाभी को बहुत नशा छा जाता. झांटो के नीचे चूत की सुंदरता देखते ही बनती थी. बड़ा ही सुहावना सीन था जिसे देख मेरा लंड तन कर कुतुब मीनार सा टाइट खड़ा हो गया था और लंड ने पानी भी छोड़ दिया था।

मेरा लंड भी खड़ा होकर मन मे भाभी को चोदने का हो गया.

मैने देखा भैया भाभी के सर की तरफ टॅंगो को कर लेट गये हैं. ओर भाभी की चूत मे जुभान से खेल रहें हैं और भाभी भैया का 6 इंच लंबा और तीन उंगल मोटा लंड पकड़ कर अपनी जुभान से भैया के लंड का गुलाबी रस चाट रहीं थी। थोड़ी देर मे भाभी ने भैया का लंड मूह मे लिए और अंदर-बाहर का मज़ा ले रही थी. ह्म..ऊओ..यॅ कह कर हाथ से मज़बूती से लंड पकड़ कर लंड को पूरा खड़ा कर दिया।

अब भैया ने लंड को भाभी की चूत फैला कर अंदर डाला और खप खप की आवाज़ के साथ नरम रेशम सी चिकनी चूत की मखमली गहरायी मे समा गया. अंदर-बाहर लंड चला।

भैया ने भाभी को जन्नत की सैर करवानी शुरू की.

फिर भाभी बोली अब गांड भी तो मारो इतने सूनने पर भैया ने भाभी की चूत से लंड को निकाल कर गांड के छेद पे लगा कर धक्का मारा. गांड की धुनाई कर भैया 3-4 मिनिट मे झड़ गए। उनके लंड से गरम वीर्य का फव्वारा देख मेरा भी लंड भीग आया। पर क्या करता दबे पाँव वापस आकर सोना पड़ा. बड़ी मुश्किल से वो रात कटी।
अब मैने भी भाभी की गांड मारने की सोची कुछ दिन बाद मौका मिल गया. एक दिन मे अचानक भाभी के बेडरूम मे जा घुसा.

भाभी नहा कर टॉवल लपेट कर निकली थी. bhabhi sex video

वो मुझको देख कर समझ तो गयी की इस लड़के को मेरी गांड चाहिए पर मुस्करा कर बोली- “आज घर मे कोई नहीं है.. सब शादी मे गये है.. कल तक हम दोनो अकेले हैं इस घर मे..”मैने कहा -“जानता हूँ.. भाभी आप बहुत सुंदर हो..””आज इतनी तारीफ़ क्यों?”- भाभी ने मुस्करा कर कहा. “वो भाभी आज मेरे दिल की तम्मना पूरी कर दो.” “क्या है तुम्हारी तम्मना?”- भाभी के चेहरे पर एक कातिल हसीना वाली मुस्कुराहट थी.

Chut me lundचुदने को जश्नेबहारा है – 3

“आपकी गांड मारनी है..सच भाभी इतनी खूबसूरत जवान.. मदमस्त भरी-फूली हुई साँचे मे ढली गांड मैने आज तक नहीं देखी.. इतनी मस्त है तुम्हारी गांड.. गोरी गोरी गांड के दर्शन करवा दो भाभी.. तुम्हारी खूबसूरती की कसम ज़िंदगी भर तुम्हारा गुलाम रहूँगा..” यह कह मे उनके टॉवल से लिपट गया. और उनको अपनी बाहों मे उठा लिया।
भाभी को बाहों मे भर गोद मे उठाने से उनका टॉवेल निकल कर ज़मीन पर आ गिरा. और वो ब्रा और पेंटी मे आ गयी थी. हल्की गुलाबी ब्रा और पेंटी मे वो बहुत ही मस्त लग रही थी. वो मुस्करा उठी मैने भी जल्दी से उनके होंटो को अपने होंटो मे क़ैद किया और 3-4 मिनिट तक अपने होंटो मे दबाए रखा।

जुभान से जुभान लड़ रही थी और थूक का आदान-प्रदान हो रहा था।

में उनके होट चूसता वो मेरे. बहुत मीठे थे उनके होट. गुलाबी, मुलायम और गुलाब की पंखुड़ी की तरह। में उनको गोद मे उपर उठाए था। उनकी दोनो गोरी जांगे मेरे कमर के पर थी। अब मैने उनको बिस्तर पर लाकर लिटा दिया और उनको मसाज करने लगा।

भाभी की ब्रा खोल उनकी दोनो बड़ी-बड़ी चुचिया पीने लगा. निपल्स तो बहुत ही मीठे थे. अपने अंगूठे से निपल्स की मालिश करता रहा. दोनो बोब्स कि अच्छी तरह मालिस कि. जिससे उनकी चुचियाँ टाइट होकर फूल कर बड़ी हो गयी और गोल गहरी नाभि की महक कस्तूरी हिरण के समान थी।

भाभी बोली जल्दी से पेंटी उतारो और चूत को चाट कर चूत की खुजली मिटाओ. मैने भी उनकी आज्ञा का पालन एक होनहार ड्राइवर की तरह किया ओर बीना टाइम गवाए उनकी चूत मैं अपनी जुभान से सेवा शुरू कर दी। हाययययी…यार कितना मज़ा देते हो.. ययययई..आअहह…ऊउनको अपनी चूत की खुजली और जलन शांत करवाने मे बड़ा मज़ा मिल रहा था। लॅप लॅप कर में उनकी चूत को गीला कर पूरी रफ़्तार से चूत चाटने लगा। थोड़ी देर बाद मैने उनके चूतड़ को उपर किए और गांड के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे मैने उनके गांड के उपर भी अपने प्यार का लेप लगाया।

में चूत को अपने होंटो मे दबाता फिर जुभान बाहर कर गांड के काले छेद पर भी थूक लगा कर हल्के से जुभान से गांड सहला देता जिससे उनकी जवानी को एक करंट लगता। अब में लंड को तैयार कर चुका था. मैने भाभी को कहा टाँगे फैलाओ ताकि गांड मे लंड डालने मे आसानी हो. ज़ोर लगा कर धक्का दिया।

जिससे लंड गांड के अंदर गुस गया. hot bhabhi chudai

बडा मज़ा लेकर गांड मारी।

फिर में नीचे सीधा लेट गया और भाभी सामने की ओर मूह कर मेरे लंड पर अपनी गांड टिकाकर बैठ गयी. मैने उनकी गांड को फिर चीरना शुरू किया और पीछे से हाथ बढ़ा दोनो चुचियाँ दबाने लगा। नीचे गांड की धुनाई करता जाता और पीछे से दोनो बोब्स की मालिश जिससे उनको आराम मिलता।

गांड के अंदर बाहर करने से लंड को एक अलग ही सुख मिल रहा था. साथ ही मैने अपनी दोनो उंगलियों को सामने चूत के गुलाबी छेद मे अंदर डाल चूत की चुदाई भी की जिससे भाभी को दुगना मज़ा मिल सके और वो जन्नत की सैर का भरपूर आनंद ले सकें। थोड़ी देर बाद मैने लंड को गांड से खींच लिया और भाभी के बोब्स पर सारा वीर्य गिरा दिया। भाभी की गांड की सैर कर में उनका गुलाम बन गया।

आज भी उनकी गांड मारने जाता हूँ। bhabhi sex video

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दुश्मन की बीवी की कुंवारी चूत https://sexstories.one/kunwari-dulhan/ Thu, 29 Oct 2020 19:43:48 +0000 https://sexstories.one/?p=1396 हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्की है और में मुंबई का रहने वाला हूँ। में भी आप लोगों की तरह सेक्सी कहानियों को पढ़ने का बहुत शौकीन हूँ और में ऐसा बहुत पुराने समय से करता ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विक्की है और में मुंबई का रहने वाला हूँ। में भी आप लोगों की तरह सेक्सी कहानियों को पढ़ने का बहुत शौकीन हूँ और में ऐसा बहुत पुराने समय से करता आ रहा हूँ। ऐसा करने से मेरा मन खुश हो जाता है और मुझे बड़ा मस्त मज़ा आता है। मेरी उम्र 23 है और आज में पहली बार अपनी कहानी को नहीं लिख रहा हूँ। दोस्तों यह कहानी तब की है जब में 21 साल का था, उन दिनों मेरे घर के पास वाले घर में मेरे एक पड़ोसी रहते थे। kunwari dulhan

उस परिवार में राजेश उसकी पत्नी जिसका नाम पायल उसकी माँ, दीदी और उसकी बूड़ी बुआ रहती थी। वो पूरा परिवार ही बहुत लड़ने झगड़ने वाले स्वभाव वाला था। मोहल्ले में सभी लोगों के साथ वो पहले ही कई बार झगड़ा कर चुके थे और हमारे साथ भी वो बहुत बार झगड़ चुके थे, इसलिए मैंने उस परिवार को मन ही मन अपना दुश्मन मान लिया और मैंने मन में सोच लिया था कि एक दिन में इसका उनसे जरुर बदला लूँगा। बचपन से हमारे बीच झगड़े होते रहते थे। kunwari dulhan

दोस्तों साल उस साल राजू की शादी हुई और वो शादी करके अपने घर ही पहुंचा होगा कि अचानक से उसकी दीदी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई और उस वजह से उसको तुरंत ही हॉस्पिटल ले जाना पड़ा। उसके साथ राजू भी चला गया, लेकिन यह बात किसी ने भी राजू कि नई नई पत्नी पायल को नहीं बताई थी और इस हादसे के कुछ देर बाद आसपास के सभी लोग कुछ देर बाद अपने अपने घर चले गये और सिर्फ़ बाहर कुछ लोग ही रह गये थे, पायल को यह बात नहीं बताना इस बात को राजू और राजू की माँ ने सभी को बोल रखा था, इसलिए पायल को नहीं पता था कि उसका पति अभी घर पर नहीं है और वो रात तक वापस नहीं आने वाला और बाकी रहे लोगों ने खाना पीना पूरा करके नई दुल्हन को राजू के बेडरूम में दूसरी मंजिल पर छोड़ दिया और उससे कहा गया कि राजू अभी किसी काम से बाहर गया है वो देर रात तक वापस आ जाएगा।

Interfaithxxx – नगमा को चाहिए मेरा फौलादी लंड

उस समय रात 11 बज चुके थे और यह सब में बाहर बहुत अंधेरा होने की वजह से बहुत अच्छी तरह से देख रहा था। फिर आधे घंटे के बाद मैंने, मेरा घर तीन मंजिल का है और उसका दो मंजिल का है इसलिए में अपनी तीसरी मंजिल से उसकी दूसरी मंजिल की छत पर बड़ी आसानी से जा सकता था, इसलिए मैंने उसकी छत से नीचे उतरने के लिए एक सीड़ी है जिससे में नीचे उतरकर उसके कमरे के आगे जो छज्जा है वहां पर पहुंच गया। kunwari dulhan

अब मैंने उसके कमरे में देखा एक छोटा सा बल्ब जला हुआ था और उस समय पायल दूसरी तरफ अपना मुहं करके लेटी हुई थी उस कमरे का दरवाजा सिर्फ़ धीरे से बंद था वो अंदर से ठीक तरह बंद नहीं था, इसलिए में बड़ी आसानी से कमरे के अंदर पहुंच गया और जाकर मैंने सबसे पहले उस बल्ब को भी बंद कर दिया और फिर में पायल के पीछे जाकर चुपचाप लेट गया उसके बाद पीछे से ही मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया। kunwari dulhan

अब वो अपने धीरे स्वर में मुझसे पूछने लगी क्या आप आ गए? मैंने सिर्फ़ हाँ का उसको जवाब और फिर में उसको सीधा लेटाकर उसके ऊपर लेट गया और उसके बाद में उसके नरम होंठो को किस करने लगा था जिसकी वजह से वो अब मदहोश होने लगी थी। अब मैंने महसूस किया कि यह चीज़ बड़ी नमकीन है, लेकिन कुछ भी मुझे दिख नहीं रहा था इसलिए में उस अंधेरे का पूरा पूरा फायदा उठा रहा था। अब मैंने हिम्मत करके मन ही मन बहुत खुश होते हुए धीरे से उसकी शादी का वो जोड़ा उतार दिया, उसके बाद में उसकी नाभि में अपनी जीभ को घुमाकर उसको चाटने लगा। kunwari dulhan

अब उसके मुहं से आआहह उफ्फ्फ की आवाजे आ रही थी और उस समय मैंने धीरे से उसके ऊपर के कपड़े भी हटा दिया, जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने अब ब्रा और पेंटी में थी। में ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा था, जिसकी वजह से वो अब धीरे धीरे और भी ज्यादा मदहोश होती जा रही थी। फिर कुछ देर बाद मैंने उसको पूरा नंगा कर दिया और उसके बाद में खुद भी पूरा नंगा हो गया, में उसके होंठो पर दोबारा किस करने लगा।

उसके बूब्स वाह क्या मस्त बड़े आकार के कड़क भी बहुत थे, मुझे उनको दबाने सहलाने में बहुत मज़ा आ रहा था। में तो एकदम पागल होता जा रहा था और मैंने उसके पूरे बदन को किस किया और फिर में अपनी जीभ से उसको चाटने लगा। दोस्तों ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पड़ रहे है।

Gaand chudai kahani – प्रियंका की मोटी गाण्ड

फिर वो मुझसे बोली कि जान मुझे ऐसे गुदगुदी होती है प्लीज तुम ज़रा धीरे से करो ना, कुछ देर उसका पूरा बदन चाटने के बाद मैंने उसकी बिना बालों वाली चिकनी चूत पर अपना हाथ घुमाया और उसको छूकर मैंने महसूस किया कि वाह क्या मस्त बिना बालों वाली और आकार में थोड़ी छोटी चूत लगी। फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि में उस बल्ब को जलाकर एक बार इस चूत को देख लूँ, लेकिन ऐसा करने में बड़ा ख़तरा था इसलिए मैंने अपने विचार को बदलकर तुरंत ही अपनी जीभ को उसकी चूत पर रख दिया और में उसको चाटने लगा.

वो आहहह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ आईईईईइ जान मुझे बहुत मज़ा आ रहा है इस काम को करने में आआहह इतना मज़ा आता है मैंने कभी सोचा भी नहीं था ओह्ह्ह वो पूरी तरह से मदहोश हो गई, फिर भी में उसकी चूत को चाटता ही जा रहा था और बीच बीच में काटता भी जा रहा था। फिर वो ऊहहह्ह्ह ऊफफ्फ्फ्फ़ किए जा रही थी और उसी समय वो झड़ गई और उसकी चूत ने अपना सर छोड़ दिया था जो मेरे मुहं पर था।

मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ किया। kunwari dulhan

फिर कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को उसके हाथ में देकर उसको अब लंड को अपने मुहं में लेने का इशारा किया, लेकिन वो ऐसा करने से मना कर रही थी और फिर भी वो मेरे बहुत बार कहने पर अब मेरे लंड का टोपा अपने मुहं में लेकर उसको चाटने लगी थी। फिर कुछ देर बाद में अपने लंड को धक्का देकर उसके मुहं और भी अंदर डालने लगा था, लेकिन तो वो उसी समय पीछे हट गई और अब वो मुझसे बोली कि यह कितना बड़ा और मोटा है, यह मेरे मुहं में पूरा अंदर नहीं जाएगा। दोस्तों मेरा लंड पांच इंच लंबा और तीन इंच मोटा है इसलिए वो मेरे लंड का वो आकार और असली रूप देखकर डरने लगी थी।

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मुझे बच्चा चाहिए, प्लीज चोदो मुझे https://sexstories.one/exbii-hindi-chudai-kahani/ Thu, 22 Oct 2020 12:22:46 +0000 https://sexstories.one/?p=1337 मेरे प्यारे दोस्तों मेरा नाम अजित  हे.  मेने इस साईट पर पहले भी स्टोरी लिख चुका हूँ. तो मेरी स्टोरी पढ के एक फीमेल रीडर ने मुझे ईमेल किया की मे आपसे मिलना चाहती हूँ ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरे प्यारे दोस्तों मेरा नाम अजित  हे.  मेने इस साईट पर पहले भी स्टोरी लिख चुका हूँ. तो मेरी स्टोरी पढ के एक फीमेल रीडर ने मुझे ईमेल किया की मे आपसे मिलना चाहती हूँ क्या आप मुझसे मिल सकते हैं मैने अपने ईमेल मे रिप्लाइ दीया की आप जब चाहे तब मुझसे मिल सकते हैं. उस रीडर ने मुझसे मेरा कॉंटॅक्ट नंबर माँगा तो मैने अपना कॉंटॅक्ट नंबर ईमेल से उसे दे दीया अब उसका मुझे कॉल आया ओर मुझे गुजरात के राजकोट के मार्केट मैं उसने मुझे बुलाया की आप उस जगह पर आ जाओ मैं वहाँ आप से मिलती हूँ ओर तभी आपको मैं अपने घर लेकर जांउगी… exbii hindi

दोस्तो अगले दीन मैं उस रीडर की बताई हुई जगह पर आ गया ओर वो मुझसे मिलने आई अपने दीए हुए टाइम पर. मुझे उसको देखते ही अच्छा लगा क्योंकि वो लेडी इतनी खूबसूरत थी की मैं उसे देखते ही रह गया. मन मे सोचने लगा की कब मुझे ये चोदने के लिये मिले मेरा 7 इंच का लंड उसे देख कर ज़ोर मारने लगा था लेकिन किसी तरह से मैने अपने लंड को कंट्रोल किया. उसने मुझे अपनी गाड़ी मे बिठाया ओर अपने घर को ले गयी जो की एक खूबसूरत अपार्टमेंट की 2nd फ्लोर पर उसका घर था. मुझको उसने अपने ड्राइंग रूम मे बिठाया ओर कहने लगी क्या लोगे ठंडा या गर्म तो मैने कहा की कुछ नही तो उसने जबाब दीया की नही यार कुछ तो लेना पड़ेगा ओर तभी किचन के अंदर गयी ओर चाय बना के लाई एक कप मेरे लिये ओर एक कप अपने लिये.

Sexy Chachi ki chudai – मस्त चाची, मसाज और चुदाई

हम दोनो सोफे पर बैठ कर बातें करने लगे ओर उसने कहा की देखो अजित  मेरे पति ज़्यादातर टाइम घर से ही बाहर रहते हैं क्योंकि उनका इस तरह का बिजनेस हे जो गुजरात से बाहर ही रहते हैं. उसने कहा की हमारी शादी को 8 साल हो गये लेकिन अभी कोई बच्चा नही हुआ है काफ़ी इलाज कराया है लेकिन सब बेकार. डॉक्टर कहते हैं की आपके पति पिता नही बन सकते.  तो मैने कहा की आप बताएँ की मे आपकी क्या मदद कर सकता हूँ..

उस फीमेल का नाम सुमन है ( बदला हुआ नाम). exbii hindi

सुमन ने मुझ से कहा की आप मेरे साथ सेक्स करके मेरे बच्चा पैदा कर दो मैं आपका जिंदगी बर एहसान नही भूलूंगी… तो मेने कहा की कोई बात नही में आपकी हर मदद करने को तेयार हूँ.. उसके बाद उसने होटल से खाना मंगवाया ओर हमने खाना खाया ओर वो मुझे अपने बेडरूम मे ले गयी ओर हम दोनो सुमन के बेड पर लेट गये ओर पहले मैने उसको किस किया ओर उसके लिप्स चूसने लगा ओर वो मेरे लंड को पकड़ के सहलाने लगी.

अब मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया. exbii hindi

मैने उसकी साड़ी को उतारा फीर पर पेटीकोट को अब वो ब्रा ओर पैंटी मे थी जो बेहद खूबसूरत लग रही थी उसका शरीर गठीला था ओर बड़े बड़े बोब्स थे ओर चुतडो की बात ही मत पूछो क्या गजब के चुतड़ हैं सुमन के मेरा लंड उसको नंगी देख कर तन कर खड़ा हो चुका था अब वो मेरे लंड से खेल रही थी अपने हाथों मैं लेकर ओर मैं उसकी ब्रा ओर पैंटी उतार कर अलग कर चुका था ओर ज़ोर ज़ोर से उसके बोब्स को चूस रहा था ओर दबा भी रहा था उसे मज़ा आ रहा था ओर ज़ोर ज़ोर से सिसकारी भर रही थी ओर आअहह उू उऊः की सिसकारी मार रही थी. अब वो मेरे लंड को चूस रही थी अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मुझे तो जन्नत ही मिल गयी थी.

मैने सपने मैं भी नही सोचा था की इतनी सुंदर ओरत मुझे चोदने को मिलेगी. अब हम 69 की पोज़िशन मैं आ चुके थे वो मेरे लंड को चूस रही थी ओर मैं उसकी चुत मैं अपनी जीभ डाल कर जीभ से चुदाई कर रहा था. अब उसे ओर ही मज़ा आ रहा था ओर कहने लगी की अजित  ज़ोर से चोदो मजा आ रहा है…

अब वो काफ़ी गर्म हो चुकी थी. अब सुमन ने कहा अजित  आप मेरे उपर आ जाओ सीधे होकर मे अब नही रह सकती अब मेरी चुत मैं अपना लंड डालो ना… मैं अब सीधा होकर उसके उपर आ गया ओर अपना 8 इंच का लंड उसकी चुत मैं डालने लगा ओर एक ज़ोर दार धक्का लगाया तो उसकी चीख निकल गयी. आआहह उईईई माअरर्र्ररर गाइिईई अजित  धीरे से दर्द हो रहा है.. उसकी चुत इतनी टाइट थी की मैने सोचा भी नही था की इतनी टाइट होगी.

Group chudai kahani – ऑफिस में माया की सामूहिक चुदाई – पार्ट २

मैं थोड़ी देर के लिय रुका रहा उसकी चुत मे लंड डाल कर थोड़ी देर के बाद अब मैने दूसरा धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी चुत मैं 6 इंच जा चुका था अब उसने फीर किलकारी मारी  आअहह उईईइ मरररर गई क्या कर रहे हो रुक जाओ ना..

अब मैं थोड़ी देर ओर रुका रहा थोड़ी देर के बाद फीर मैने एक ओर धक्का लगाया खींच के अब मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चुत मैं समा गया अब उसने बहुत ही ज़ोर की चीख मारी उउउ इईई मररर गाइिईई आ उई मा.. ओर मुझे ज़ोर से नोचने लगी हट जाओ ना.. मे मर जाउंगी क्या कर रहे हो मार ही डालोगे बहुत बड़ा ओर मोटा लंड है आपका.. अब मैं थोड़ी देर रुक गया उसकी चुत मैं लंड को डाल के ओर उसके उपर ही लेटा रहा अब थोड़ी देर के बाद अब वो पूरी गर्म हो चुकी थी उसकी चुत मेरे लंड को गर्म सी लगने लगी अब कहने लगी अजित अब चोदो धीरे धीरे से चोदना शुरू करो मज़ा आ रहा है.

. लेकिन धीरे धीरे.. मैने अब उसको चोदना शुरू कर दीया ओर उसको मज़ा आने लगा तो उसने कहा अजित  अब अपनी स्पीड बड़ा दो बहुत मज़ा आ रहा है चोदो मुझे ज़ोर ज़ोर से ओर ज़ोर फाड़ दो मेरी इस चुत को बहुत दीनो से प्यासी है.. यह चुत ओर मैं सिर्फ़ तुम्हारी ही रहेंगी. अब खूब चोदो मेरी इस चुत को मैदान उड़ा दो इस चुत का.
अब वो झड़ने वाली थी ओर अपने चुतड उठा उठा की साथ दे रही थी करीब 20-25 मिनिट के बाद वो झड़ गयी अब मुझे मज़ा आ रहा था मैने उसके बोब्स को अपने मूह मैं लेकर ओर एक बोब्स को हाथ से दबाते हुए ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था की 5 मिनिट के बाद मैं भी झड़ गया.

ओर मेरा सारा लंड का पानी उसकी चुत मैं चला गया अब मैं उसकी चुत मैं ही लंड को डाले हुए उसी के उपर लेटा रहा करीब 10 मिनिट तक वो भी मुझे अपने उपर लेटते हुए मुझे चूम रही थी ओर मेरे बालों को सहला रही थी ओर किस कर रही थी. अब उसके बाद उसने मेरे लंड को मुहं मे लेकर साफ़ किया.

ओर वही बेड पर लेट गये. exbii hindi

अब रात होने वाली थी उसने कहा अजित  अब रात होने वाली है आप आज यहीं सो जाओ खाना यहीं मंगा लेंगे उसने खाना मंगवाया ओर हम दोनो ने डिनर किया साथ साथ ओर उससी बेड रूम मे जाकर रात मैं करीब 5 बार फीर चोदा कभी डोगी स्टाइल मैं कभी अपने उपर लिटा कर ओर एक बार उसकी गांड को भी चोदा लेकिन गांड मैं मुझे इतना मज़ा नही आया.

उसकी चुत  इतनी टाइट है की मुझे उसकी चुत ही चोदने मे मज़ा आता है ओर अब तक उसकी दो रात ओर 3 दीनों से चुदाई कर रहा हूँ.  उसने कहा है की आपको मुझे रोजाना चोदना है जब तक बच्चा पैदा नही होता ओर मैं उसे रोज ही चोदता रहूँगा.

धन्यवाद . exbii hindi

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कुंवारे लंड की चाहत https://sexstories.one/kunware-lund-ki-chahat/ Sat, 18 Jul 2020 09:36:23 +0000 https://sexstories.one/?p=606 मेरा नाम अजीत है और मैं 5.9 फुट का एक अविवाहित युवक हूँ और जिम का शौकीन हूँ जिसके चलते मेरा शरीर काफी भरा हुआ और अच्छा दिखता है! मैं अपनी वासना की भूख को ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम अजीत है और मैं 5.9 फुट का एक अविवाहित युवक हूँ और जिम का शौकीन हूँ जिसके चलते मेरा शरीर काफी भरा हुआ और अच्छा दिखता है! मैं अपनी वासना की भूख को कई बार शांत कर चुका हूँ और इसी भूख के कारण एक दिन मेरे साथ एक ऐसी घटना घटी जो मुझे भुलाए नहीं भूलती… उसी घटना को आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ…

बात उस दिन की है जब मैं अपना बी.ए. फाइनल का एग्जाम देने गाव से बनारस आ रहा था! मौसम खराब था और आधे रास्ते में ही बारिश शुरु हो गई थी लेकिन एग्जाम जरूरी था इसलिए रुक कर इंतजार करने का कोई विचार ही नहीं था मेरे मन में… बारिश भी धीरे धीरे तेज हो रही थी और सड़क पर इक्का दुक्का वाहन ही दिख रहे थे!

चलते चलते बीच रास्ते में पक्की सड़क खत्म हो गई और एक कच्ची पगडंडी शुरु हो गई जो बारिश के कारण चलने के लायक नहीं बची थी और तेज हवा के झोंके सफर को और भी मुश्किल बना रहे थे!

फिर भी धीरे धीरे मैं बाइक को लेकर उस कच्ची पगडंडी के सुनसान से रास्ते पर चलता रहा…

Antarvasna Hindi – दो सहेलियां

कुछ दूर चलने पर देखा कि कोई इंसान छतरी लेकर शायद किसी की मदद का इंतजार कर रहा है…

थोड़ा पास पहुंचा तो पता चला छतरी के नीचे कोई लड़की खड़ी है शायद उसकी स्कूटी खराब हो गई है और वो किसी की मदद पाने के लिए वहाँ बारिश में खड़ी हुई है!

उसने मुझे हाथ के इशारे से रोका… मैं बाइक को एक तरफ लगाकर उसके पास गया…पास आकर लड़की बोली- जी मेरी स्कूटी में पानी चला गया है जिसकी वजह से यह स्टार्ट नहीं हो रही है… आप प्लीज एक बार देख लीजिए शायद आप मेरी कुछ मदद कर पाएँ… मेरा एग्जाम है बनारस में…

तो मैंने कहा- मैं भी वहीं जा रहा हूँ… आप घबराइये मत… मैं देख लेता हूँ…

दोस्तो, लड़कियाँ तो बहुत देखी थी लेकिन ऐसी लड़की जिसके बारे में सपने ही देखा करता था आज वैसी ही लड़की मेरी आँखों के सामने खड़ी बारिश में भीग रही थी… दूध जैसा रंग था जिस पर उसके भीगे हुए बाल देखकर लग रहा था जैसे अभी नहाकर आई है…

मोटी मोटी काली आँखें और बारिश के पानी के बोझ से बार बार झपकती पलकें उसको और मासूम बना रही थीं… ठंड की वजह से कांपते गुलाबी होंठों से पानी की बूंदें टपकती हुई उसकी ठोडी से होती हुई गले तक जा रही थीं…

उसने सफेद रंग का सूट पहन रखा था जो बारिश में बिल्कुल भीग चुका था…और उसके नीचे पहनी गुलाबी रंग की ब्रा में उसके उभार कसे हुए थे… उसके उभारों को संभालने के लिए ब्रा छोटी पड़ रही थी जिसकी वजह से उसकी भीगी हुई वक्षरेखा ऊपर तक दिखाई दे रही थीं… जिनमें उसकी होठों से आता हुआ पानी जा रहा था… और उसकी चूचियों को और भी सेक्सी बना रहा था!

कंधे पर लाल रंग का दुपट्टा था जो उसके एक उभार पर से होता हुआ दाएं घुटने तक जा रहा था… नीचे सफेद रंग की कसी हुई पजामी पहनी थी जो बारिश में उसकी त्वचा से चिपक गई थी और कूल्हों पर सूट के कट में से उसकी गुलाबी पैंटी भी नज़र आ रही थी…

उसने दोबारा कहा- क्या आप मेरी मदद करेंगे प्लीज़…

मैं ख्यालों की दुनिया से निकला और स्कूटी की तरफ बढ़ा…

चाबी लेकर तेल की टंकी चैक करने के लिए झुका तो वो भी मेरे ऊपर छाता लेकर कर खड़ी हो गई…एका एक तेज हवा का झोंका आया और छतरी हवा में उड़ गई और उसका दुपट्टा उसके मुंह पर जा चिपका और सूट ऊपर हवा में उड़ गया जिससे उसका पेट नंगा हो गया और सफेद पजामी में चिपकी गुलाबी पैंटी में बनी उसकी शेप भी नजर आने लगी…

मेरे लंड में एक हलचल सी हुई एक हल्का झटका सा लगा… लेकिन मैंने भावनाओं को काबू में रखा…

उसने खुद को संभाला और दुपट्टे को ओढ़ा और सूट को नीचे किया… शर्म से उसका मुंह लाल हो गया… और वो टूटी हुई छतरी उठाने के लिए झुकी तो उसके कूल्हों की शेप ने तो कहर ही ढहा दिया… उसका कमीज चूतड़ों के बीच की दरार में फंस हुआ था!

वो उठी और मेरे पास आकर खड़ी हो गई… अब तक मेरी ब्लू जींस और व्हाइट टी शर्ट भी बिल्कुल भीग चुकी थी और पानी से तर बतर मेरी चेस्ट की शेप ऊभर कर आ रही थी जिसमें से होता हुआ पानी मेरे अंडरवियर तक को भिगा चुका था…और मेरे लंड का उभार भी जींस में से साफ दिख रहा था!

Antarvasna Hindi – मसाज़ वाले से चुद गयी

मैंने कहा- हम कहीं पेड़ के नीचे खड़े हो जाते हैं, बारिश बहुत तेज हो गई है… पास खडे पेड़ के नीचे जाने लगे तो अचानक उसका पैर फिसला और उसको संभालने के चक्कर में मैं भी उसके ऊपर जा गिरा और हम पेड़ से लग गए… वो नीचे मैं ऊपर… अपना वजन रोकने के लिए मैंने पेड़ को पीछे से पकड़ा जिससे मेरी बाहों ने उसको घेर लिया और उसकी बाहें मेरी कमर पर थीं… मेरी छाती उसकी छातियों को दबा रही थी और मेरी एक टांग उसकी भीगी जांघों के बीच में घुस चुकी थी…

हमारी नजरें मिलीं और कुछ ही सेकेंड्स में होंठ भी मिल गए… मैं बेतहाशा उसके होठों को चूसने लगा और मेरे हाथ अपने आप ही उसकी छातियों को दबाने लगे… वो मेरा सिर पकड़ कर मेरे होठों को चूस रही थी और हम एक दूसरे में खोते जा रहे थे…

होठों को छोड़ अब मैंने अपना मुंह उसकी चूचियों में दे दिया और उसकी ब्रा को दांतों से नीचे खींचने लगा… और हाथों से उसकी गांड को दबाने लगा!

वो अपने हाथों से मेरा मुँह चूचियों में घुसा रही थी…

अब मैंने शर्ट को गले तक ऊपर उठाया और जिससे उसकी भीगी हुई गुलाबी ब्रा सामने आ गई और उनमें से तने हुए निप्पलों को मैंने चुटकी से मसल दिया, जिसके परिणाम में उसने मेरा लंड पैंट के ऊपर से ही पकड़ लिया… जिससे मुझे और जोश चढ़ा और मैंने शर्ट को निकाल कर ब्रा को सरका दिया और वो ऊपर से नंगी हो गई!

अब मैं पूरे जोश के साथ उसकी चूचियों को चूसने और काटने लगा. .वो मदहोश होने लगी और मेरी टी शर्ट को निकालने की कोशिश करने लगी…

मैंने टी शर्ट निकाली और वो मेरी चेस्ट को चूमने लगी… और मैं उसके चूतड़ों को मसलने लगा…

अब मैंने उसे पेड़ के सहारे टिकाया और नीचे बैठकर पजामी निकाल दी… जिससे गुलाबी पैंटी में भीगी उसकी चूत की शेप साफ दिखने लगी!

मैंने उस पर मुंह रख दिया… तो उसने एक टांग उठाकर मेरे कंधे पर रख दी… मैंने हाथों से पैंटी नीचे खींची तो उसकी लाल चूत मेरी आँखों के सामने थी जो पानी से तर बतर थी…

मैंने जीभ को पैना किया और चूत में घुसा दी… उसकी सिसकी निकल गई और उसने पूरे जोर के साथ मेरा मुंह चुत में घुसा दिया…

और मैं उसकी चूत को चाटने लगा…

उसको इतना सेक्स चढ़ चुका था कि उसने दोनों हाथों को पीछे करके पेड़ को पकड़ लिया और वो पूरी नंगी होकर अपनी चूत को मेरे मुंह में धकेले जो रही थी… आह…आह…की आवाजों में बारिश का शोर सुनना बंद हो गया था…

मैं खड़ा हुआ तो जींस में से लंड का डंडा बना चुका था बार बार झटके मार रहा था… मैंने बटन खोलकर जींस जांघों तक सरकाई तो जॉकी के सफेद अंडरवियर में मेरा लंड उफान मार रहा था!

उसने अंडरवियर पर हाथ रख कर लंड को दबाया तो मैं बेकाबू हो गया और उसकी चूचियों को दबाते हुए होठों को चूसने लगा!

इस दौरान मैं अंडरवियर में से ही उसकी चूत में धक्के मार रहा था!

उसने अपने हाथों से अंडरवियर को नीचे कर दिया तो मेरा लंड चूत से टकराने लगा और अंदर जाने का रास्ता बनाने लगा…

दोनों के जननांगों से निकलते रस की वजह से पच-पच की आवाज आने लगी…

अब उससे रहा नहीं गया और उसने अपने हाथ से लंड को चूत के छेद पर रखा और मेरे होठों को चूमते हुए दोनों हाथों से मेरे कूल्हों को अपनी चूत की तरफ धकेल दिया…

Antarvasna Hindi – आशा का नशा

और मैंने भी पूरी ताकत के साथ धक्का मारा तो लंड चूत को चौड़ी करते हुए अंदर तक जा फंसा!

अब मैंने आव देखा ना ताव और उसकी चूचियों को मसलते हुए उसकी चूत को चोदने लगा…

वो पागल होने लगी…

मेरी स्पीड धीरे धीरे बढ़ रही थी…

आह… आह… प्लीज… आह… जान… कहते हुए वो चुदे जा रही थी और मैं पागलों की तरह उसको चोद रहा था…

क्या गर्म चूत थी और ऊपर से बारिश में भीगते हमारे नंगे बदन…

कुछ देर बाद उसने मेरा मुंह अपनी छाती में दबा दिया और उसकी चूत से रस निकलने लगा जिसने मेरे लंड को भिगा दिया!

अब मुझे और जोश चढा़ और दोगुनी स्पीड से चूत मारने लगा!

वो एक टांग को मेरे कूल्हों पर रखे हुए मुझसे लिपटी हुई चुद रही थी… मन कर रहा था चूत को फाड़ दूं…

और 5 मिनट बाद मेरे लंड ने अपना रस उसकी गर्म चूत में छोड़ दिया और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर निढाल हो गए…
2 मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद फटाफट कपड़े पहने और उसे भी पहनाए!

मैं एग्जाम के लिए जाने लगा और उसको भी अपने साथ चलने के लिये कहा लेकिन वो स्कूटी छोड़ कर जाने को तैयार नहीं हुई!

उसको सॉरी बोलकर जाते हुए नाम पूछा तो बोली- अंजना…

कहते हुए उसकी आंखों से आँसू आ गए…

ना चाहते हुए भी मुझे उसको छोड़कर जाना पड़ा…

लेकिन उसके वो आँसू आज भी मेरे लिए एक सवाल बने हुए हैं…

मैं कई बार उस रास्ते पर गया भी लेकिन वो मुझे कभी नहीं मिली…

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दोस्त की बीवी की ज़बरदस्त चुदाई https://sexstories.one/dost-ki-biwi-ki-zabardast-chudai/ Tue, 24 Mar 2020 10:05:36 +0000 https://sexstories.one/?p=491 मैं पिछले दो साल से दिल्ली में रह रहा हूँ. वहाँ मुझे एक लड़की अदिति से मिलने का मौका मिला, जो 26 साल की एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी. अदिति ग्रेटर नोएडा में अपने सास ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मैं पिछले दो साल से दिल्ली में रह रहा हूँ. वहाँ मुझे एक लड़की अदिति से मिलने का मौका मिला, जो 26 साल की एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी. अदिति ग्रेटर नोएडा में अपने सास ससुर और पति के साथ रहती थी. अदिति का पति अक्सर काम के सिलसिले में दिल्ली से बाहर ही रहता था लेकिन मैंने कभी इस बात का मौका उठाने का नहीं सोचा था।

हम दोनों आपस में काफी बात करने लगे थे, स्काइप पे वीडियो चेट, व्हाट्सऐप हर वक़्त हम लोग टच में रहते थे.

अदिति मुझे अपने पति से भी मिला चुकी थी क्योंकि हम दोनों अच्छे दोस्तों की तरह ही थे, कभी किसी के मन में कुछ गलत नहीं था.

Antarvasna Paray mard se chudai – माउंट आबू में चुदाई

अदिति काफी पढ़ी लिखी लड़की थी लेकिन उसने अपने सास ससुर और पति के लिए शादी के बाद अपने सारे सपने और खुशी छोड़ दी थी। अब कुछ टाइम पहले ही अदिति का पति साल भर के लिए इंडिया से बाहर चला गया था जिस वजह से अदिति का घर पर मन नहीं लग रहा था तो अदिति ने जॉब करने की इच्छा मुझे बताई।

मैं पिछले दो साल से आई टी कंपनी में हूँ जिस वजह से मैं उसकी जॉब लगाने में आसानी रही।

अब अदिति काफी खुश थी और हम दोनों को जब भी मौका मिलता, हम अक्सर बाहर ही मिल लिया करते थे क्योंकि अब दोनों ही अपनी प्रोफेशनल लाइफ में बिजी हो चुके थे. जब भी बाहर मिलते तो अक्सर गोल गप्पे खाना, मूवीज जाना, पब जाना अब हम दोनों के लिए आम बात हो गई थी.

इसी बीच अदिति ने मुझे डिनर पर आने की जिद करने लगी जिसको मैं मना नहीं कर पाया।

Antarvasna Paray mard se chudai – सहेली की चुत में पति का लंड

मैं अदिति के घर पंहुचा तो अदिति ने ही दरवाजा खोला, अदिति वन पीस में खड़ी थी वो उस ड्रेस में बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। मैं उसकी तारीफ़ करने ही वाला था कि अदिति ने मुझे अपने गले लगा लिया।

मैंने भी उसे बड़े प्यार से गले लगाया और उसकी तारीफ़ करते हुए बोला- बहुत ही खूबसूरत लग रही हो… आज से पहले तुम्हें इस तरह कभी नहीं देखा तो आज तुमसे नज़र नहीं हट रही है.

मैंने उससे अलग होते हुए पूछा- सास ससुर कहाँ हैं, उनसे भी मिलने दोगी या यहीं दरवाजे पे डिनर करा के भेज दोगी?

तो अदिति ने बड़े ही नटखट अंदाज में मुझे जवाब दिया- आज तो मम्मी पापा किसी रिलेटिव की शादी में गए हैं। और तुम पहले अंदर तो आ जाओ, जाने या ना जाने की बाद में देखेंगे।

वो मुझे सोफे पर बिठा कर अंदर किचन से कोल्ड ड्रिंक लेकर आई और मुझे दी।मेरी तो आज अदिति से नज़रें ही नहीं हट रही थी।

ऐसे ही गप्पें मारते मारते कब 11 बज गए पता ही नहीं चला। फिर मैं अदिति को डिनर लाने को कहा- मैं लेट हो जाऊंगा, जाना भी है!

लेकिन अदिति ने बड़े ही प्यार से जवाब दिया- डिनर करने चलो लेकिन आज मेरे पास ही रुक जाओ।

रुकने की बात पर मैंने ऐतराज जताया तो अदिति नाराज होने लग गई। आखिर में मुझे उसके सामने हार माननी पड़ी और उसे धकेलते हुए डाइनिंग रूम में ले गया।

Antarvasna Paray mard se chudai – पिंकी की चुत का भोसड़ा बनाया

वहां डाइनिंग टेबल पर खाना रखा तो अदिति ने बियर की बोतल रख के मुझसे टाइम पूछा तो मैंने कहा कि 12 बजने वाले हैं।

मेरे यह कहते ही अदिति मेरे गले लग के रो पड़ी और कहने लगी कि आज उसका जन्मदिन था। जैसे ही मुझे पता चला कि आज उसका जन्मदिन है तो मैं कुछ नहीं कह पाया और उसे अपने गले लगा के रखा, लगभग 5 मिनट तक वो मुझसे गले लगे रही तो मैंने उसे अलग करते हुए कहा कि अभी दिन खत्म होने में कुछ मिनट बाकी हैं, चलो सेलिब्रेट करें!

मैंने बियर की बोतल उठाई, दो ग्लास में बियर डाली, एक उसे दिया और एक खुद उठा कर उसको अपने हाथों से पिला दिया और उसके हाथों से खुद पीया। बियर पीते पीते हम कब डांस करने लगे कुछ पता ही नहीं चला और जब डांस कर रहे थे तो दोनों ही होश में नहीं थे।

इसी बीच अदिति मेरे गले लगी और थैंक्यू कह कर मेरी गर्दन पे किस करके मुझसे लिपट गई।

अदिति की उस किस से मेरे बदन में करंट सा बहने लगा और मैं भी उसके चेहरे को पकड़ कर उसके लिप्स पे किस के किस करने लगा जिसमें अदिति भी मेरा साथ देने लगी, हम दोनों इसी पोजीशन में काफी देर तक किस करते रहे और धीरे धीरे एक दूसरे के बदन को टटोलने लग गए.

बदन टटोलते टटोलते कब मैंने उसका वन पीस उतार कर फेंक दिया, मुझे भी नहीं पता और वो मेरी टी शर्ट उतार चुकी थी।

Antarvasna Paray mard se chudai – बड़े चुचे वाली मौसी

मैंने उसे अब पीछे से पकड़ा और गर्दन पर खूब चूमने लगा कभी गर्दन कभी कान कभी पीठ और दोनों हाथों से उसके वो खूबसूरत बूब्स दबा रहा था.ये सब जब हो रहा था तो अदिति सिसकारियाँ ले रही थी जो मुझे ये बता रही थी कि अदिति कब से प्यासी है.अदिति की सिसकारियाँ सुन कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैंने उसकी ब्रा और पैंटी फाड़ के फेंक डाले और उसे उठा कर उसके बैडरूम में लेजा कर लिटा दिया.

इतने में अदिति बोल उठी- आज मुझे मत तड़पाओ मुझसे नहीं रहा जा रहा।

मैंने इसके बाद बूब्स जम के चूसे फिर धीरे धीरे पूरे बदन को चूमते हुए नीचे आया और टाँगें फैला कर उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरने लगा और इसके बाद अदिति अपने कंट्रोल से बाहर हो चुकी थी और मैं जीभ से उसकी चूत को तड़पा रहा था।

मैं उसे इतना तड़पा चुका था कि उसकी चूत ने जम के पानी निकल दिया जो मैं सारा चाट गया। बहुत दिनों से उसकी चूत से पानी नहीं निकला था इसलिए मुझे भी वो चूत का पानी पीने में बहुत टाइम लग गया।

अब मैं फिर से उसे चूमता रहा और कुछ देर में वो फिर गर्म हो गई. इस बार मैंने उसकी कमर के नीचे दो तकिये रख कर उसकी टाँगें खोली और अपने लंड से चूत रगड़ने लगा।

अदिति की सिसकारियाँ अब और तेज हो रही थी.

Antarvasna Paray mard se chudai – मेरी जूनियर क्या मस्त माल है

इतने में मैंने अपना लड उसकी चूत पर रखा और धक्का मारा लेकिन चूत काफी टाइम से चुदी नहीं थी और गीली भी थी इसलिए मुझे मेरा लंड डालने में बहुत मशक्कत करनी पड़ी।और जैसे ही दो चार धक्कों के बाद मेरा आधा लंड अंदर गया तो वो चीख पड़ी, उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे.घर पर कोई नहीं था इसलिए मैंने उसे चीखने दिया और फिर एक और धक्का मार के उसकी चूत में पूरा लंड डाल दिया।

अब वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून मार कर मुझे और उत्तेजित कर रही थी जिसका जवाब मैं जोर जोर के धक्कों से अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर करके जबरदस्त चुदाई से उसकी चीखें निकलवा कर दे रहा था, उसकी चीखें पूरे घर में गूंज रही थी।

20 मिनट तक चूत में लंड अंदर बाहर करते हुए उसकी चूत ने अपना सब्र खो दिया और पहली बार की तरह इस बार भी जम के पानी निकाल डाला.

बिस्तर गीला हो चुका था और अदिति का बदन ढीला पड़ चुका था इसलिए वो अब नीचे से कुछ रिस्पांस नहीं कर रही थी लेकिन मैं उस वक़्त भी अपनी चरम सीमा में था और उसके रोकने पर भी मुझसे कंट्रोल नहीं हो पर था इसलिए मैं उसकी मर्ज़ी ना होते हुए भी उसे जम के अभी भी चोद रहा था.

थोड़ी देर बाद मेरा भी काम होने वाला था, उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैंने सारा माल अदिति की चूत में भर डाला।

उसकी चूत से तो मानो आज बाढ़ निकल रही थी…

अब हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और थोड़ी देर बाद दोनों फिर गर्म हो उठे. इस बार मैंने उसे खड़ा करके घोड़ी बनाया और अच्छे से उसकी गांड मार डाली।

Antarvasna Paray mard se chudai – ऑफिस में माधुरी को चोदा

उस रात ये सब न जाने कितनी बार हुआ. लेकिन ये सब करने के बाद अदिति से जो दोस्ती थी, उसमें कोई फर्क नहीं पड़ा.

मगर मुझे एक बात हर वक़्त दिल में रहती कि जो हम दोनों के बीच हुआ उसकी वजह से अदिति और उसके पति के बीच कुछ प्रॉब्लम ना हो! इसलिए मैंने अदिति से थोड़ा दूरी बढ़ाना शुरु कर दिया… उसके बाद मैंने उसके साथ ये सब नहीं किया.

कहानी के अंत में मैं आपको बता दूँ कि अदिति नाम बदला हुआ नाम है. मैंने लाइफ में हमेशा लड़कियों की इज्जत की है, मैं नहीं चाहता मेरी वजह से उसकी पर्सनल लाइफ में प्रॉब्लम हो या उसकी प्रिवेसी लीक हो. इसलिए आज यह कहानी लिखी है तो उससे पूछ कर ही लिखी है.

आपको जबरदस्त चुदाई की यह कहानी कैसी लगी, आप हमें अपने सुझाव कमेंट पर जरूर देना।

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जुगाड़ में मिली छोकरी https://sexstories.one/office-me-chudai/ Wed, 18 Mar 2020 09:23:56 +0000 https://sexstories.one/?p=458 बात २ साल पहले की है !मैं बैंगलोर की एक बहु-राष्ट्रीय कम्पनी में साक्षात्कार देने के लिए गया था।साक्षात्कार के समय पर मेरी मुलाकात HR मैनेजर स्वाति से हुई। उसकी शोर्ट स्कर्ट देख कर ही ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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बात २ साल पहले की है !मैं बैंगलोर की एक बहु-राष्ट्रीय कम्पनी में साक्षात्कार देने के लिए गया था।साक्षात्कार के समय पर मेरी मुलाकात HR मैनेजर स्वाति से हुई। उसकी शोर्ट स्कर्ट देख कर ही मेरा लण्ड खड़ाहो रहा था, उफ्फ्फ्फ़ क्या क़यामत लग रही थी वो ! मैं पागलों की तरह बस उसकी चूचे और गांड को देख रहा था। office me chudai. उसकी गांड और चूचों को देख कर मेरा लण्ड एकदम तन गया था।

मैंने टांग के ऊपर टांग रख कर उसे दबाने की कोशिश की पर लण्ड बैठने का नाम नहीं ले रहा था। तभी मेरा नाम बोला गया। मैंने सामान्य होने की कोशिश करते हुए अंदर प्रवेश किया पर मेरा खड़ा हुआ लण्ड साफ़ दिखाई दे रहा था और स्वाति की निगाह अब मेरे लण्ड पर लग चुकी थी।

office me chudaiगुड मॉर्निन्ग मैडम कह कर मैं लण्ड को छुपाते हुए कुर्सी पर बैठ गया। मैं स्वाति से निगाह नहीं मिला पा रहा था। निगाह ना मिलाने का एक कारण उसकी चूचियाँ थी जिसकी वज़ह से मेरा लण्ड बैठने का नाम नहीं ले रहा था।

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पर स्वाति शायद लण्ड की प्यासी थी, उसने मुझसे कहा- आप को बैठने के लिए किसने बोला था?

मैंने कहा- माफ़ करें मैडम ! मैं मजबूर हूँ !

उसने मुझे खड़े होने के लिए कहा और खुद भी अपनी सीट से खड़ी हो गई। लेकिन मैं खड़ा नहीं हुआ।

अबवह खड़ी होकर मेरे लण्ड को निहाररही थी। ऐसा लग रहा था कि वो लण्डसे खेलना चाहती थी। मैंने हाथ से लण्ड को नीचे कर दोनों
टांगों के बीच में लण्ड को दबा लिया।

अब मैं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा था और उसी दशा में मैं सीधा खड़ा भी हो गया। उसने मेरा नाम पूछा और कहा- तुम क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हो? भगवान ने इसे छुपाने के लिए नहींबनाया है।

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मैं उसकी बात सुनकर सकपका गया औरमेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया, मैंने कहा- कुछ नहीं मैडम !

उसके बाद मैं सामान्य हो गया पर स्वाति के मन में कुछ और था और वहखुल कर बोलने लगी- तुम लण्ड क्यों छुपा रहे हो?

मैं ऐसा सुन कर मन ही मन में सोचने लगा- आज तो भगवान मुझ पर मेहरबान हैं !

मैंने कहा- मैडम, आपकी चूची और गांड को देखकर मेरा लण्ड खड़ा होगया है और अब यह बैठने का नाम नहीं ले रहा है ! और आप इन्टरव्यू लेने की बजाए मुझे छेड़ रही हैं ! बस इसी वज़ह से मैं ना तो आपसे निगाह मिला पा रहा हूँ और लण्ड को छुपा रहा हूँ। असल में मैंने आपको जब टेस्ट के समय देखा था तभी से भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि आपकी चूत मारने का मौका दिलवा दे !

स्वाति ने कहा- मुझे तुम्हारी निडरता अच्छी लगी।

तब मैंने कहा- और मेरा लण्ड

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उसने कहा- तुम उतने शरीफ नहीं हो जैसा मैं सोच रही थी। तुम काफ़ी शरारती हो ! तुम इस नौकरी के लिय चुन लिए गए हो ! आज शाम 11 बजे मुझे इस पते पर मिलो !

मैं फूला नहीं समा रहा था और मुझे वो कहावत याद आ रही थी- जब भगवान देता है तो छप्पर फ़ाड़ करदेता है !

मैंने धन्यवाद मैडम !

कह कर स्वाति से हाथ मिलाने के बहाने उसकी चूची पर चुटकी भर दी और वह चहुंक उठी। वो कौन सी पीछे रहने वाली थी, उसने आगे बढ़कर सीधा लण्ड को पकड़ कर सहला दिया।।

मैं सावधानी बरतते हुए जल्दी से वहाँ से निकललिया और बस रात का इंतज़ार करने लगा।

आखिर रात भी आ गई और मैं उसके बताये स्थान पर पहुँच गया। उसने नाईटी पहन रखी थी और वह घर पर अकेली थी। वो अपनी सहेली के साथ कमरे में रहती थी।

उसकी सहेली बाहर पार्टी में गई थी। उसकी नाईटी में से सब कुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था। दरवाजे पर ही उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया।

मैंने भी उसका पूरा साथ दिया और जम कर उसके होंठों को चूसा और एक हाथ से दरवाजा बंद कर दिया।

और अब धीरे-2 उसके चूचे दबाने लगा। इतनी ठण्ड होने के बावजूद हम दोनों गरमाने लगे थे। धीरे-2 दोनों नंगे हो गए। स्वाति पहले से खेली-खाई लग रही थी और वह सीधा लण्ड को पकड़ कर चूसने लगी।

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मैं भी उसके बालों को पकड़ कर उसके मुँह को अपने लण्ड से चोदनेलगा। 30-35 झटकों के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया। मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहाथा कि सुबह मैं जिसकी चूत मारना चाह रहा था, वो अब मेरे लण्ड को चूस रही है।

थोडी देर बाद ही मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और इस बार में उसके स्तन मुँह में लेकर चूस रहा था और हाथ से उसकी चूत के दाने को रगड़ रहा था।

स्वाति एकदम गरम हो चुकी थी और कह रही थी- अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा है, मेरी चूत को चोद दो !

मैंने भी उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया, अपने लण्ड को उसकी चूत के छेद पर लगा कर सीधा जोर लगाया और आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। उसकी चूत कसी थी और उस झटके से उसके मुँह से चीख निकल गई।

मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर उसे रोका। थोड़ी देर में ही उसे मजा आने लगा और गांड हिला-2 कर खुद चुदने लगी। धीरे-2 मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसके मुँह से आह ऊह्ह आः उछ स सी की आवाज़ निकलरही थी। ुझे अब अनुभव हो रहा था कि धरती पर कही स्वर्ग है तो चूत मारने में ही है।

करीब 25-30 झटकों में वो और मैंदोनों एक साथ झड़ गये और काफी देर तक एक दूसरे से लिपटे रहे। कुछ देर बाद फिर से हम दोनों एक दूसरे को वासना भरी नजरों से देखरहे थे।

इस बार मेरी निगाह उसकी गांड पर थी पर वो इससे अनजान थी। मैंने ढेर सारी क्रीम लेकर उसकी मस्तानी गांड की छेद पर मलने लगा।

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मुझे ऐसा करते देख, वो चुदास भरी नजरोँ से देखते हुए पूछी- ये क्या कर रहे हो राजा? उसने कहा- मैंने अभी तक गांड नहीं मरवाई है।

मैंने कहा- अब मरवाओ ना!

इतना कह कर मैंने लण्ड का सुपाराउसकी गांड के छेद पर लगाया और हल्का सा धक्का लगाया। सुपारा छेद में चला गया। गांड बहुत ज्यादा तंग थी। दर्द के साथ-2 बहुत मजा आ रहा था। वह भी दर्द केमारे अ आ या ऊह रहने दो ! चिल्ला रही थी।

थोड़ी देर में ही वह सामान्य हो गई और उसे भी मजा आने लगा। अब मैंभी पूरा लण्ड उसकी गांड में बार बार अंदर-बाहर कर रहा था। काफी देर तक चुदाई करने के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया।

इस तरह उसकी गांड और चूत की चुदाई पूरी रात चलती रही ।।।

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