ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म
जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया…
जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया…
उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था…
भाभी को नंगा देखने की मेने वॉशरूम के डोर के नीचे से देखा तो सिर्फ़ उनकी टांगे दिखी मुझे और ज्यादा सेक्स चढ़ गया 10 मिनिट के बाद भाभी बाहर आई उन्होने पजामा सूट डाला था…
उसने मेरी पेंट की ज़िप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाला। और अपने मुहं मे भर लिया दोस्तो कसम ख़ाके कहता हूँ। क्या मज़ा आया मुझे और मैने कहा रूको अभी पहले देख लो कोई है तो नहीं फिर वो कमरे से बाहर गई…
मैंने जब उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो उसकी चूत मे लंड डालने में मुझे बहुत मजा आया। मैं उसकी चूत का आनंद ज्यादा देर तक नहीं ले पाया जब मेरा वीर्य पतन हो गया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए पारुल से कहां मैं अब तुम्हारी गांड नहीं मार पाऊंगा…
वो खड़ी हुई और उसने अपनी साड़ी उतार दी और सिर्फ पेटीकोट में अन्दर गई और कंडोम लेकर आई और उसके ऊपर जो वीर्य गिरा था वो भी साफ़ कर आई | फिर मैंने कहा अच्छा बेबी एक हवस का नंगा नाच हो जाये, तो उसने कहा क्या ? तो मैंने कहा अरे तुम नंगी हो कर नाचो न मज़ा आएगा…
दोनों पान की तरह रसमलाई खाकर, एक दुसरे के होठो को चूमने लगे और चाचा ने मलाई रस अपने लंड पर डाल दिया. फिर चाची लंड को चूसने लगी. ये देख कर मैं तो और एक्साइट हो रहा था. फिर दोनों एक कामसूत्र कपल की तरह उन्होंने चाची के दोनों बूब्स दबाने लगे…
दिब्या जल्दी से उठी और बाथरूम में घुस गई तो मैं भी दबे पाँव पाँव बाथरूम में घुस गया तो देखा कि दिब्या पेसाब कर रही थी दिब्या कि चूत से पेसाब करने कि इस तरह से आवाज निकल रही थी स्सी स्सीस्सीस्सीस्सीस्सी जैसे ही दिब्या ने मुझे देखा तो साड़ी से अपना मुह ढक लिया…
मेरा लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा सटा सट अंदर बाहर हो रहा था. 10 मिनिट की चुदाई के बाद प्रिया फिर से झड़ गयी. मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया तो उसने मेरे लंड को तुरंत पकड़ लिया और कहने लगी, बाहर क्यों निकाल रहे हो. अभी मुझे और मज़ा लेना है…
मैं उसकी नंगे बदन पर चिपकी उसकी चूचियों को ही देखता रह गया। साली की चूचियाँ मौसम्मी के आकार की थीं। मैं उसकी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसे जा रहा था और मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में अपना कमाल दिखा रही थीं। उधर उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं…