ajnabi se chudai Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/ajnabi-se-chudai/ Hindipornstories.org Wed, 24 Nov 2021 07:18:13 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 रिक्शावाले ने चोदा बारिश में.. https://sexstories.one/rikshawale-ne-choda-baarish-me/ Wed, 24 Nov 2021 07:18:13 +0000 https://sexstories.one/?p=3326 मैं एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बोबे में उसका लंड समेत कर ऊपर निचे करने लगी.. उसने मुझे धक्का दिया और मैं पत्तों पर पीठ के बल गिर गयी.. और वो मेरे ऊपर चढ़ गया एयर मेरे पेट पर बैठ कर अपना लंड...

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Rikshawale Ne Choda Barish Me – हेलो दोस्तों. अपने लंड को हाथ में पकड़कर ये सेक्सी चुदाई वाली कहानी पढीये. मज़ा आएगा… मेरा नाम कोमल है. मैं २५ साल की पंजाबन लड़की हूँ और दिल्ली में कॉलेज में पढ़ रही हूँ. मेरा फिगर ३७-२८-३९ है और ऊंचाई ८ फुट ९ इंच है. मेरी आँखें और बाल काले हैं और मैं बहुत गोरी हूँ.. नाक पतली और छोटी, ठुड्डी राउंड है और फेस डायमंड शेप का है.. होंठ पतले हैं और चेहरा भरा हुआ है.. बात अभी कुछ दिन पहले की है.. जुलाई का महीना था और बारिश हलकी-फुलकी हो रही थी.. मैं अपने घर के रूम में बिस्तर पर बैठी अपने फ़ोन में सेक्सी वीडियोस देख रही थी.. अचानक मेरे फ्रेंड का फोन आया, जो की अपने मायके गयी हुई थी..

पायल – हेलो कोमल!

मैं – हाय पायल! कैसी है और कब आ रही है वापस?

पायल – अरे यार.. यहाँ बस स्टैंड पर कड़ी हूँ.. मुझे पुलिस स्टेशन में काम है अर्जेंट और मेरे पास काफी सामान है.. तू आजा.. साथ में डिनर करके चलेंगे फिर मार्केट से…

मैं – ओके! अभी आती हूँ.. सब ठीक तो है ना?

पायल – मेरा फ़ोन चोरी हो गया है, मुझे FIR करनी है अभी…

मैं – फिर चोरी हो गया? तू करती क्या है? बड़ी लापरवाह है… और FIR बाद में कर लेना.

पायल – अरे यार.. अभी ट्रैक हो जाये तो अच्छा है.. बाद में कोई कुछ नहीं करता…

मैं – ओके डार्लिंग.. डोंट वरी… मैं आती हूँ..

फिर मैं तैयार हुई जल्दी में, बिना ब्रा के ही, एक येलो टॉप और ब्लू जीन्स में.. घर से बाहर रिक्शा पकड़ा जो की ऊपर से खुला था..

ध्यान ही नहीं रहा की बारिश हुई तो सब भीग जायेगा.. बस स्टैंड करीब १० मिनट की दूरी पर था, और जो रास्ता है, वो काफी सुनसान सा है… रास्ते में जो डर था, वही हुआ.. बारिश शुरू ो गयी.. और मैं भीगने लगी.. खैर, इतनी तेज़ बारिश नहीं थी, इसलिए मैंने रिक्शा नहीं रुकवाया..

पर कुछ ही सेकंड में बहुत तेज़ बारिश होने लगी.. मैंने रिक्शावाले को साइड में पेड़ के निचे रुकने को कहा.. मैं जल्दी से रिक्शा से कूदकर पेड़ के निचे भागी.. रिक्शावाले को मैंने पैसे भी नहीं दिए थे.. इसलिए वो रुक गया और अपनी सीट पर ही बैठे-बैठे घूरने लगा…

रिक्शावाला – मैडम थोड़ी ही दूर है.. वह जाकर खड़ी हो जाना..

मैं – अरे.. दिख नहीं रहा भैया? मैं भीग गयी हूँ…! एक तो छत नहीं है तुम्हारे रिक्शे में, ऊपर से भीगा दोगे?

रिक्शावाला मुझे घुरे जा रहा था.. अचानक मुझे ध्यान आया!

हे भगवान्!!! मैंने ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे दोनों चुचे साफ़ चमक रहे है… टी-शर्ट गीली थी तो अंदर का सब दिख रहा था.. एकदम क्लियर!

ऊपर से बारिश की ठंडी बूंदे , जिनकी वजह से मेरे निप्पल्स कड़क हो गए थे.. रिक्शावाले ने रिक्शा साइड में लगाया और मेरे पास आकर खड़ा हो गया..

मुझे जैसे ही ध्यान आया, मैंने अपने हाथ फोल्ड कर लिए और निचे सर करके खड़ी हो गयी… स्लीवलेस टी-शर्ट पहनी थी, जिससे मेरे हांथों में हलकी हलकी ठण्ड लग रही थी.. जिससे मैं कांपने लगी.. मैं फ़ोन पर पोर्न देखने के बारे में सोचने लगी.. और मेरे दिमाग में अजीब-अजीब ख्याल आने लगे.. इतने में पायल का फ़ोन आय गया..

पायल – कहा है तू इशिका? मैं वेट कर रही हूँ…

मैं – अरे यार.. रिक्शा से आ रही थी और रिक्शे में छत ही नहीं है.. पेड़ के निचे कड़ी हु अभी..

पायल – अरे यार…

मैं – तू बाद में करवा लेना FIR , फ़ोन तो मिलेगा नहीं अब.. सिम इशू करवाने के लिए ही तो चाहिए होगी…

पायल – क्या पता मिल जाए…

मैं – अच्छा ठीक है.. बारिश कम होते ही आ रही हूँ..

मैं फ़ोन पर बात करते टाइम अपने हाथ निचे कर चुकी थी.. जिससे की रिक्शावाले को खूब मज़ा आ रहा था..

वो मेरे साइड में खड़ा होकर मेरे चुचे देख रहा था.. फिर वो बात करने की कोशिश करने लगा..

रिक्शावाला – मैडम, मौसम तो बढ़िया हो गया अब..

मैंने सोचा की ठीक है, बातें करुँगी तो यही रहेगा.. भागेगा नहीं.. तो मैं भी बातें करने लगी..

मैं – हाँ भैया.. कम से कम गर्मी तो कम होगी..

रिक्शावाला – पर अप्प लेट हो गयी बारिश में..

मैं – अब क्या करें? किसी का फायदा तो किसी का नुक्सान.. वैसे मुझे बारिश से कोई ख़ास शिकायत नहीं है..

रिक्शावाला – आप उत्तर प्रदेश से हो?

मैं – नहीं.. मैं पंजाब से हूँ.. आप शायद U.P. से हो..

रिक्शावाला मुस्कुराने लगा..

रिक्शावाला – मैडम.. आपका नाम क्या है?

मुझे अजीब लगा के ये क्या चाहता है जो नाम पूछ रहा है..

मैं – नाम का क्या करोगे?

रिक्शावाला – मेरा नाम लखन है.. ऐसे ही पुछा मैडम.. इंट्रोडक्शन के लिए..

मैं – हाँ.. हाँ.. आप तो मुझे पढ़े-लिखे लगते हो..

लखन – हांजी.. मैंने B.A. किया है.. वो तो मजबूरी में रिक्शा चला रहा हूँ..

मैं – ओह!

लखन – आप क्या करती है? मतलब क्या पढ़ रही हैं?

मैं – अरे, जो कॉलेज था न.. जहा आप खड़े थे.. वह पढ़ती हूँ..

लखन – अरे.. याद आया.. मैंने आपको कई बार आते-जाते देखा है..

लखन थोड़ा पास आ गया.. मेरा दिल धड़कने लगा तेज़ी से.. एक तो दिमाग में पोर्न मूवी चल रही थी.. जिसे देखकर मैं ऊँगली कर रही थी.. ऊपर से टी-शर्ट में खड़ी निप्पल्स!!

लखन बड़ा ही हसमुख आदमी था.. मुझसे हाइट में कुछ छोटा था.. पतला सा.. करीब ४५-५० के आस-पास का आगे वाला.. थोड़ी दाढ़ी भी थी उसको.. दो तीन मिनट तक तो वो खुद ही बोलता रहा… मेरे मन में अब लंड घूम रहा था.. मोटा सा लंड.. अपनी चूत में लेने की इच्छा हो रही थी.. फिर मेरे दिमाग में आया की क्यों न मैं लखन की साथ ही कुछ शरारत करू…?

मैंने अपने दोनों हाथ कमर पर रख लिए और फिर एक हाथ से टी-शर्ट की बाहर की तरफ खींचा.. खींचते ही टी-शर्ट से चिपके हुए मेरे मोठे चुचे अलग हो गए.. लखन बड़े ध्यान से देख रहा था..

उसका मुंह मेरे ही तरफ था शुरू से..

मैं – अच्छा तो आप मुझे देखते क्यों थे?

लखन – अरे मैडम.. इतनी खूबसूरत हो तो नज़र तो टिकेगी ही.. मैं अकेला थोड़े ही हूँ.. आप के कॉलेज के लड़के हो तो….

मैं – तो क्या? बताओ…

लखन – वही तो.. इशारे से पूछते थे के अच्छा लगा…

मैं – ओह! ऐसा है क्या? अच्छा तो फिर आप क्या कहते थे?

लखन – सच ही कहा था मैडम…

मैं – क्या कहते थे?

मैंने अपने आँखें बड़ी की और सीधा लखन की आँखों में बड़े प्यार से देखा..

लखन – यही की बड़ा मज़ा आया..

मैं – हम्म…. देख के मज़ा आता है..

लखन – और नहीं तो क्या मैडम..

मैं – मैडम मत कहो प्लीज.. मेरा नाम इशिका है.. बड़ा अजीब लगता है अपने से बड़े लोगों से मैडम सुनना…

लखन – ठीक है ईशिकाजी..

मैं सोच रही थी.. मर्द बड़ा रेस्पेक्ट देते है जब तक लड़की पट नहीं जाती.. पर जब एक बार चोद लेते है तो रेस्पेक्ट को हमारी गांड में डाल देते हैं…

मुझे ये सोच कर हंसी आ गयी.. के अभी जब इसे चुत दे दूंगी तो फिर जी-वि सब गायब हो जायेगा…

लखन – क्या हुआ इशिकाजी..

मैं – यही सोच रही थी के आपको क्या मज़ा आता होगा..

लखन भी इशारे पकड़ रहा था अब..

लखन – आपको पता है क्या?

मैं – हाँ.. आजकल तो सब को पता होता है…

और मैं मुस्कुराकर अपनी छाती बाहर निकाल कर निचे देखने लगी.. मेरी चूचियां फिर गीली टी-शर्ट पर चिपक गयी थी.. लखन का लंड भी पैंट का शेप बिगाड़ रहा था अब..

मैं – आपकी शादी हो गयी होगी…

लखन – हाँ..

अब लखन की आँखें मेरे छाती पर टिकी थी.. और वो मुझसे एक हाथ की दूरी पर था..

मैं – फिर भी आप जवान लड़कियों को देख कर मज़े लेते हो?

लखन – जितनी टाइट होती है न.. उतना मज़ा आता है देखने में…

और इतना कहकर ही उसने अपना एक हाथ मेरे बाएं चुचे पर रख दिया और हॉर्न की तरह ज़ोर से दो-तीन बार दबा दिया..

मैं – आअह्ह्ह!!! ये क्या कर रहे हो आप?

लखन – ड्रामा तो खूब कर लेती हो इशिका.. बेवकूफ समझा है क्या? कब से लाइन दे रही हो तुम..

मैं – मैं तो नार्मल ही बात कर रही थी..

इतने कह मैंने उसे धक्का दिया.. मैं भी मज़े ले रही थी… ताकि मुझे रफ़ ट्रीट करे.. मुझे रफ़ ट्रीटमेंट पसंद है..

लखन – भोस्डीकी, नार्मल बातें.. सभी के लंड भी ले लेती होगी।

फिर तो वो मेरे ऊपर झपटा और मेरे चुचे को दोनों हांथों से पकड़ लिया कस के और भोंपू बजाने लगा.. फिर आटे की तरह गूंथने लगा.. मेरा हाथ उसके हांथों पर था.. मैं रेसिस्ट नहीं कर रही थी.. मेरी चुत अचानक ही उफन पड़ी और खूब सारा जूस बहने लगा.. मैं शाम के उजाले में खुले सड़क पर साइड में एक रिक्शावाले से अपने बोबे दबवा रही थी.. ये सोच कर मुझे और जोश आ गया.. अब मैं कराहने लगी..

मैं – स्स्स्सस्स्स्स……

लखन – हे..हे.. आया मज़ा तुझे.. आ गयी न तू लाइन पर..

ये कह कर उसने मेरे चुचो के बीच मुंह रगड़ दिया.. टी-शर्ट के ऊपर से ही…

लखन – पसंद आ रही है साली रंडी?

मैं – ओह! हाँ.. पर यहाँ कोई देख लेगा.. कहीं और चलो..

लखन – देख लेगा तो क्या? वैसे भी यहाँ कई रंडियां चुदती है.. कोई कुछ नहीं कहता..

मैं – अरे.. पर मैं रंडी थोड़े ही हूँ..

लखन – जो भी हो तू माल तो ग़दर है..

उसने मेरे टी-शर्ट को ऊपर किया और अपना मुंह जितना खोल पाता, खोला और मेरे राइट बोबे पर चिपका दिया.. और खूब ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा.. लग रहा था की आज तो दूध ही निकल जाएगा.. चूसते-चूसते उसने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ पर रख के उसे दबा दिए… खूब जानवरों की तरह मेरे चूतड़ मसल रहा था वो…

मैं – प्लीज, साइड में चलो.. मैं मना थोड़े ही कर रही हूँ.. जो चाहो.. कर लेना… पर उस झाडी के पीछे..

फिर लखन मुझे झाडी के पीछे ले गया.. मुझे पीछे से दबोच लिया.. उसका मोटा सा लंड मेरी चूत पर रगड़ रहा था.. उसने मेरी टी-शर्ट निकाल फेकी…

मैं – अरे.. क्या कर रहे हो..? मुझे जाना भी है कही.. गन्दा मत करो..

लखन मेरे बूब्स पर चींटी की तरह मुंह लगाकर चिपका हुआ था.. और ऐसे ही मैं टी-शर्ट उठाने लगी.. फिर बड़ी मुश्किल से टी-शर्ट उठाकर साइड में रखा.. अब मैं ऊपर से पूरी नंगी थी और मेरे एक बोबे को लखन चूस रहा था और एक लटक रहा था हवा में.. मुझे अंदाजा हो गया की ये बड़ा ठरकी है.. आज तो हज़ामत बनाकर ही दम लेगा.. मैंने सोचा जल्दी ख़त्म करते हैं.. मैंने झट से अपनी जीन्स के बटन खोल दिया और उतारकर साइड में रख दिया.. लखन खड़ा होकर ख़ुशी से देखने लगा..

लखन – अपनी ठुकाई की तैयारी खुद ही कर रही है..

मैं – तुम तो सारा दिन बोबे ही चूसते रहोगे…

इतने में मैंने झट से पैंटी उतारी और कुतिया बन गयी.. मुझे लगा लखन अपना लंड डालेगा पीछे से.. देसी आदमी वैसे भी सिर्फ चुदाई ही जानते है.. पर वो भूखे शेर की तरह मेरी चूत पर मुंह लगाकर जूस चूसने लगा.. मेरी चीख निकल गयी.. सुननेवाले ने बहूत दूर से सुन ली होगी.. ऐसे चीख थी..

मैं – क्या कर रहे हो…. खा जाओगे क्या?

लखन – इतनी सूंदर चूत है तेरी.. खाना तो पड़ेगा ही.. ऐसे चूत तो सिर्फ विलायती फिल्मो में देखी है..

मैं – तुम्हे पसंद आयी ?

लखन – दिखाता हूँ.. कितनी पसंद आयी..

उसने फिर एक थप्पड़ घुमाकर दिया मेरे चूत पर.. मैं एकदम से उछल गयी…

मैं – आह्ह!!! जानवर हो क्या?

लखन – शेर हूँ.. शेर!

मैं – शेर का तो लंड छोटा होता है.. बड़ा तो सिर्फ गधे का होता है..

और मैं हंस पड़ी.. लखन ने मुझे बाल पकड़कर उठाया.. शायद वो समझ चूका था की मुझे काबू करना आसान है और मैं ज़्यादा कहूँगी नहीं.. मुझे उसने घुटनो के बल बिठाया गीले पत्तों पर और अपना पैंट उतार दिया.. उसका लंड ज़्यादा बड़ा नहीं था पर उसके सेहत के हिसाब से काफी ज़्यादा मोटा था..

मैं – वाओ! ये तो काफी मोटा है.. शेर के लिये..

इतना बोलते ही उसने अपना लंड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और ज़ोर-ज़ोर से चुत की तरह चोदने लगा.. लंड मेरे गले तक घुस रहा था और मुझे उबकाई आ रही थी.. पर वो चोदे जा रहा था.. उबकाई के वजह से चिपचिपा थूक निकल कर लंड पर लग गया.. जिससे की वो और चिकना हो गया और सर्र-सर्र मुंह में अंदर-बाहर होने लगा.. मैं मुंह साइड में करने की कोशिश कर रही थी पर उसने मुझे बालों से पकड़ा था कसकर.. पर आखिर में मुंह साइड में करने में कामयाब हो गयी मैं.. पर वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था..

मेरे गले की जगह वो मेरे गाल को अपने मोठे लंड से चोद रहा था.. गाल लग रहा था के फट ही जायेगा.. पर कम से कम, उबकाई तो नहीं आ रही थी अब.. उसने खूब मुंह चोदा ३-५ मिनट तक.. फिर जल्दी से मुझे मोड़ा और फिर से कुतिया बना दिया और ज़ोर से मेरी चूत में लंड दाल दिया..

Chudai kahani गोवा के बीच पर गर्लफ्रेंड के साथ की मस्ती

लखन – साली रांड! कितनो से चुदवा चुकी है? चूत तो खुली है तेरी पर टाइट है काफी..

मैं – आह्ह्ह्हह…. बस मेरे बॉयफ्रेंड ने चोदा है अब तक..

लखन – मेरा लंड कैसा लगा तुझे?

मैं – मज़ेदार… आअह्हह्ह्ह्ह… है काफी… काफी एक्सपीरियंस वाला लंड है तुम्हारा. पर थोड़ा.. और लम्बा होता तो गहरा उतर जाताआआआ…..

लखन – गहरे का क्या है.. अभी ये देख..

लखन ने मेरी चूतड़ पर थप्पड़ मारा और पूरी जान लगाकर अपनी कमर हिलाने लगा.. लग रहा था, लंड नहीं खंजर हो.. जो मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा है.. इतना मज़ा आ रहा था के क्या बताऊँ.. मैं वह पड़े-पड़े मज़े ले रही थी.. इतने में फ़ोन बज पड़ा…

पायल – कहा है तू इशिका?

मैं – आअह्ह्ह… यही… हु…..

पायल – बारिश तो कब की बंद हुई है.. कब आएगी?

मैं – अरे.. बससससस…. निकलल…. रही हूँ..

लखन – भोसड़ीकी, कौन है.. जो चुदाई में बाधा डाल रही है…

मैंने पीछे मुड़कर इशारा किया चुप होने का.. लखन मेरी पीठ से चिपक गया और मेरे ऊपर लगभग लेट ही गया और चोदने लगा..

पायल – अरे यार.. तेरे चक्कर में कब से कड़ी हूँ.. जल्दी आ अब तू…

मैं – बस.. पहुँच… रही… हु…. उईईईईई!!!!

पायल – ये तेरी आवाज़ को क्या हुआ?

लखन धीरे से मज़े लेते हुए कहने लगा… चुत पिलवा रही है तेरे रंडी सहेली..

मैं – उम्मम्मम्म… रोड… पर…. गधे…. हैं…. यार… काफी…… उईईई! रिक्शावाले! धीरे करो… ना…. उईईईईई.. माँ!!!!

पायल – गधी! कौनसे रस्ते से आ रही है तू? खैर.. जल्दी आ…

मैं – ओके!

मैं – फूउ…. बच गयी…

लखन अब खुद तेज़ झटके माँ रहा था.. उसने अपने दोनों हथेली मेरी पीठ पर राखी थी और धकाधक चोदे जा रहा था मेरी चूत पीछे से… उसके झटके बहुत तेज़ हो रहे थे… मैं समझ गयी, इसका माल निकलने वाला है.. मैं एकदम से आगे हुई और उसका मोटा लंड बाहर आ गया.. पर वो झटका मार रहा था इसलिए बाहर आते ही, लंड मेरी गांड के छेद में ज़ोर से लगा…

लखन – माँ की लौड़ी.. आनेवाला है.. क्या कर रही है?

मैं एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बोबे में उसका लंड समेत कर ऊपर निचे करने लगी.. उसने मुझे धक्का दिया और मैं पत्तों पर पीठ के बल गिर गयी.. और वो मेरे ऊपर चढ़ गया एयर मेरे पेट पर बैठ कर अपना लंड मेरे बोबों के बीच फसाकर आगे-पीछे घिसने लगा.. थोड़ी देर में उसके मोटे लंड की पिचकारी मेरी गर्दन पर और बोबों पर बिखर गयी.. मैंने मज़े लेकर उसका माल ऊँगली से छाता.. वो मेरे ऊपर ही लेट गया और लिपट गया मुझसे..

मैं – ले लिए मज़े अब तो..

लखन – अभी कहाँ? अभी तो असली काम बाकी है..

मैं – वो क्या?

लखन – मैं तेरी मोटी गांड पर फ़िदा हूँ.. वो लेनी है..

मैं – ओह! नो!! नहीं.. प्लीज़ अभी नहीं.. अभी मुझे जाना पड़ेगा.. मैं बाद में मिलूंगी कभी तो.. तब वो भी कर लेना …

लखन – चल ठीक है.. कहाँ भागेगी अब तू तो मेरी रंडी है..

मैं – हां.. हां..

फिर मैं उठी और लखन ने अपना लंड चुसवाकर साफ़ करवाया.. फिर अपने आपको साफ़ किया लखन की चड्डी से और कपडे पहने.. फिर मैं बाहर आयी झाडी से तो देखा के रोड के दूसरी तरफ से एक ऑटो आ रहा था..

ऑटो में पायल बैठी थी और मुझे देख रही थी.. उसने ऑटो रुकवाया पर ऑटो कुछ आगे जाके रुका.. लखन पेशाब कर के मेरे पीछे से निकला और रिक्शा पर बैठ गया.. पायल उसे मेरे पीछे से निकलते नहीं देख पायी थी..

लखन – चलो मैडम…

मैं – ओह.. रुको.. मेरी दोस्त यहाँ है..

लखन – चलो.. तो फिर अपना नंबर तो बता दो..

मैंने उसका नंबर लिया और अपना नंबर उसे दे दिया.. और फिर रिक्शा में बैठ कर उसी साइड चल दी जहा से आयी थी.. वैसे भी लखन को बीएस वापस जाना था वहीँ.. आगे मैं ऑटो के पास उत्तरी और ऑटो में बैठने लगी..

पायल – अरे.. पैसे तो दे दे बेचारे को..

मैं सोच रही थी की चूत और मुंह तो दे ही दिया है.. पैसे भी दू ऊपर से..

लखन – अरे नहीं.. मैडम का खाता है मेरे साथ.. कोई बात नहीं.. बाद में ले लूंगा जब दिखेंगी..

पायल – ओके!

और हम दोनों चल दी..

पायल ने रास्ते में कहा – मुझे पता है किस खाते की बात हो रही है..

मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी.. के इसे कैसे पता?

फिर हॉस्टल पहुँचने पर उसने बताया की तुझे जो झटके लग रहे थे वो चुदाई के ही हो सकते थे क्योंकि तू तो पेड़ के नीचे थी जहा तूने कहा था.. मैंने आँख मारी और कहा की क्या करू.. करना पड़ता है चूत के लिए..

आशा है आप सबको ये सेक्सी स्टोरी पसंद आयी होगी।

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लागा चूत में दाग https://sexstories.one/laaga-choot-me-daag-desi-porn-kahani/ Sat, 30 Oct 2021 10:41:21 +0000 https://sexstories.one/?p=3206 मैंने उससे कहा खड़े खड़े अपने घुटनों तक झुको और वो झुकने लगी | मैं उसके पीछे ही खड़ा था और जब वो झुकी तो उसका पजामा नीचे हो गया और उसकी गांड की नाली दिखने लगी. मैं तो यही सोच के मचल पड़ा की इसने पैंटी नहीं पहनी ज्यादा कपड़े नहीं उतारने पड़ेंगे...

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Desi porn kahani हैलो, मेरा नाम आशीष सिंह है और मैं भुवनेश्वर में रहता हूँ | मेरी उम्र 34 साल है और मैं एक सेल्समेन होने के साथ साथ योगा भी सिखाता हूँ वो भी प्राइवेट में | दोस्तों योग के बहुत फायेदे है जैसे मुझे ही ले लो मैं 34 साल का हो गया हूँ लेकिन दिखता बिलकुल नहीं हूँ और मैं अपनी जितनी भी क्लाइंट से अपनी उम्र पूछता हूँ, तो वो ज्यादातर 26 या 27 ही बोलती है | वैसे मैं शादीशुदा हूँ लेकिन आपको तो पता है लडको का दिल कितना बड़ा होता है, वो कभी भी आने वाली चीज़ को न नहीं करते और जब बात लड़की और औरत की हो, तो हम तो बाहें फैलाये खड़े मिलते है | तो आप तो समझ ही गए होंगे कि मैं ठरकी हूँ लेकिन इतना भी नहीं क्यूंकि अभी कुछ दिन पहले ही मैंने दो लड़कियों को योग सिखाने के लिए मना किया है क्यूंकि वो बिलकुल भी माल नहीं थी | चलिए ये तो होगी मेरी तारीफ अब मैं आपको अपने कुछ अनुभव बताता हूँ |

पिछले साल 21 जून को योग का बहुत बड़ा समारोह हुआ जिसमें मुझे बुलाया गया योग करवाने के लिए और इसका आयोजन बड़े पैमाने पे हुआ था, तो लोग बहुत आये थे | मैंने अपना काम किया और चला गया लेकिन उसके बाद से मुझे योग सिखाने के ऑफर बहुत मिलने लगे | मैंने भी कुछ चुनिंदा लोगों को ही सीख दी, मेरा मतलब सैक्सी लड़कियों और औरतों से है | तो मैं सिर्फ ऐसे लोगों को सिखाता था जो मुझे पसंद आते थे और मैंने जितनों को सिखाया है उनमें से सिर्फ एक को छोड़ के बाकी सब को चोदा है | वो एक इसलिए बच गई थी क्यूंकि उसको सिखाने मैं उसके घर जाता था और घर में कोई न कोई होता ही था और वो मुझसे पट भी नहीं पाई थी | चलो उसको जाने दो मैं आपको बाकी सब के बारे में बताता हूँ | मुझे एक दिन कॉल आया और उसने अपना नाम दीपिका बताया और कहा मैं योग सीखना चाहती हूँ क्या आप मेरे घर आके सिखा सकते है ? तो मैंने एड्रेस लिया और उसके घर पहुँच गया | जब मैं उससे मिला तो मेरी आँखें फटी रह गई, वो बहुत ही सुन्दर औरत थी लेकिन थोड़ी सी मोटी थी | मैंने उसको दो महीने सिखाया और उसकी चर्बी थोड़ी कम हो गई और वो बहुत गज़ब की लगाने लगी |

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एक दिन जब मैं उसको योग करवा रहा था तभी उसका थोडा सा बैलेंस बिगड़ा और मैंने उसको पकड़ा तो मेरा हाँथ उसके दूध पर चला गया और मैंने उसके दूध दबा दिए | मुझे बिलकुल भी अजीब सा नहीं लगा लेकिन वो शर्मा गई, तो मैंने उसको दूसरा आसन करवाया और उसकी गांड पे अपना अपना लंड दबाने लगा | मेरा इतना सब करने के बाद भी वो कुछ नहीं बोल रही थी और बस शर्मा रही थी, तो मैं समझ गया और उसको बाहों में पकड़ के कहा बस बहुत हो गया योग और उसको किस करने को किया, तो उसने नहीं किया | तो मैंने पूछा क्या हुआ मैं तुम्हें पसंद नहीं हूँ क्या ? तो उसने कहा ऐसा नहीं है मेरा पति है और बच्चे भी | तो मैंने कहा वो तो मेरे भी है, तो उसने कहा लेकिन, तो मैंने उसके होंठों पे ऊँगली रख दी और कहा किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और फिर उसको किस किया तो वो भी शुरू हो गई | फिर किस करते हुए मैंने उसकी लैगी में हाँथ डाला और उसकी गांड दबाने लगा | फिर मैंने उसकी लैगी उतार दी और उसकी चूत चाटने लगा | मैंने उसकी चूत चाटी और उसके बाद अपना पजामा उतार के उसको लंड चुसना शुरू कर दिया |

वो मज़े से हिला हिला के मेरा लंड चूसने लगी और चूसने के बाद कहा ये मेरे पति से बड़ा और मोटा है डाल दो इसको और घोड़ी बन के खड़ी हो गई | मैंने भी लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और अन्दर डाल दिया और उसकी गांड पकड़ के उसको चोदना शुरू कर दिया | मैं उसकी चूत मार रहा था और वो अह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आया ह्ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआ आआअ कर रही थी | मैंने थोड़ी देर तक उसकी चूत मारी और उसके बाद वो घुटनों पर बैठ गई और मेरा लंड अपने दूध के बीच में दबा के हिलाने लगी | किसी ने पहली बार अपने दूध के बीच में दबा के मेरा लंड हिलाया था और सच में इसमें बहुत आनंद आता है | फिर उसने लंड मुंह में डाल के चूसना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद मेरा मुट्ठ उसके मुँह में ही निकल गया | उसके बाद जब भी मैं उसको सिखाने जाता था और घर पर कोई नहीं होता था तो हम योग के बजाए चुदाई ही किया करते थे |

ये तो हो गई एक की कहानी मैं आपको एक और सुनाता हूँ | एक दिन जब मैं दीपिका के घर गया तो उस दिन उसकी सहेली रूपाली भी उसके घर आई हुई थी, तो हम तीनो ने साथ बैठके बातें की और उसने कहा आप मुझे भी सिखा दीजिये योगा मेरे घर आके | जब उसने ये कहा तो दीपिका ने मेरी तरफ देखा और ऐसी नज़र से देखा जैसे वो समझ गई हो की मैं इसको भी चोदूंगा | वो दिखने में दीपिका से ज्यादा अच्छो ती नहीं थी लेकिन उसका फिगर कातिलाना था और जितनी भी औरतों को मैंने चोदा है उनमें से सबसे ज्यादा टाइट चूत इसी की थी | तो मैंने रूपाली के घर जाकर उसको योगा कराना शुरू कर दिया | एक जब मैं उसको योगा करा रहा था तो मैंने उससे कहा खड़े खड़े अपने घुटनों तक झुको और वो झुकने लगी | मैं उसके पीछे ही खड़ा था और जब वो झुकी तो उसका पजामा नीचे हो गया और उसकी गांड की नाली दिखने लगी | मैं तो यही सोच के मचल पड़ा की इसने पैंटी नहीं पहनी ज्यादा कपड़े नहीं उतारने पड़ेंगे | तो मैंने उससे कहा फिर से झुको और जब वो झुकी तो मैंने पीछे से उसकी गांड पकड़ ली |

वो जल्दी से उठी और आगे हो गई और मुड़कर मुझसे पूछा ये क्या कर रहे हो ? तो मैंने कहा बस तुम्हारी मदद | तो उसने कहा ये कैसी मदद कर रहे हो मैं सब समझती हूँ, तो मैंने कहा ऐसा कुछ नहीं है तुम गलत समझ रही हो | तो उसने कहा अच्छा रुक जाओ और उसने आके मेरा लंड और गोटियाँ दबा दी | मुझे थोडा दर्द हुआ लेकिन जब उसने उसे पकड़ा वो एहसास ही मज़ेदार था | तो मैंने जवाब में उसके दूध दबा दिए और उसके बाद हमने एक दूसरे को देखा और किस करने लगे | हम दोनों चिपक चिपक के किस कर रहे थे और मैं उसको पकड़ा हुआ था और वो मेरे पजामे में हाँथ डालके मेरा लंड सहला रही थी | उसके बाद उसने मेरा पजामा उतारा और मेरा लंड पकड़ के कहा सही कहा था दीपिका ने बड़ा है इसका, मज़ा आयेगा आज और इतना कहकर लंड चूसने लग गई | उसने पहले मेरे लंड के टोपे पे जीभ फिराई और ऊपर से नीचे तक चाटा और उसके बाद चूसना शुरू किया | मुझे लंड चुस्वाने में बड़ा मज़ा आ रहा था इसलिए में आखें बंद करके खड़ा हुआ था और इसका आनंद ले रहा था | उसने थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसा और फिर वो रुक गई |

मैंने उसको खड़ा किया और उसका टॉप उतारा और उसकी ब्रा भी फिर उसके दूध दबाते हुए चूसने लगा | मैंने उसके निप्पल चूसे और दूध जमकर दबाए और उसके दूध से जो दूध निकला उसे पिया भी | उसके बाद मैंने उसका पजामा उतारा और उसके बाद मैंने उससे पूछा अच्छा तुमने पैंटी क्यों नहीं पहनी ? तो उसने कहा मुझे पता था आज हमें ये करना है इसलिए | उसके बाद वो वहीँ ज़मीन पे बिछी गद्द्दी पे लेट गई और मैंने उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया | उसकी चूत बिलकुल चिकनी थी जैसे आज सुबह ही  बाल बनाये हो | मैंने थोड़ी देर तक उसकी चूत चाटी और उसके बाद उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूत में लंड डाल के उसको चोदने लगा | मैं उसको झटके मार रहा था और वो अह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आया ह्ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआ आआअ कर रही थी लेकिन इस तरह मैं उसे ठीक से नहीं चोद पा रहा था, तो मैंने उसको घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल के उसको चोदने लगा | वो अह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आया ह्ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआ आआअ करती रही और थोड़ी देर के बाद मेरा मुट्ठ निकल गया और मैंने उसके दूध के ऊपर गिरा दिया | उसके बाद उसने मेरा लंड चूसके उसे साफ़ किया और फिर हमने कपड़े पहने और मैं चला गया |

फिर उसके बाद जब भी मैं उसको घर जाता था तो चुदाई ज़रूर करता था और उसी एक छोटी बहन भी थी बाकी आप समझदार हैं |

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पति के पास चोदने का वक्त ही नहीं था https://sexstories.one/gair-mard-se-chudai-karwai/ Mon, 06 Sep 2021 09:42:43 +0000 https://sexstories.one/?p=4247 रजत अपने ऑफिस के काम से कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जा रहे थे तो मैंने रजत को कहा कि मुझे कुछ पैसे चाहिए थे रजत ने मुझे कहा कि ठीक है मैं ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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रजत अपने ऑफिस के काम से कुछ दिनों के लिए शहर से बाहर जा रहे थे तो मैंने रजत को कहा कि मुझे कुछ पैसे चाहिए थे रजत ने मुझे कहा कि ठीक है मैं कल तुम्हें जाने से पहले पैसे दे दूंगा। अगले दिन सुबह जब रजत गए तो उन्होंने मुझे जाने से पहले पैसे दे दिए थे रजत और मेरी शादी को 10 वर्ष हो चुके हैं रजत और मेरा शादीशुदा जीवन अच्छे से चल रहा है। रजत ने हमेशा ही मुझे खुश रखने की कोशिश की है उन्होंने मुझे कभी किसी चीज की कोई कमी महसूस नहीं होने दी रजत और मैं एक दूसरे से जब भी बात करते हैं तो हमें बहुत ही अच्छा लगता। रजत कुछ दिनों के लिए घर से बाहर थे इसलिए मैं अपने आपको काफी अकेला महसूस कर रही थी वह अक्सर अपने काम के सिलसिले में बाहर जाते रहते थे। मैंने उस दिन सोचा कि मैं क्यों ना अपनी दोस्त सुमन के घर चली जाऊं और फिर मैं अपनी सहेली सुमन से मिलने के लिए चली गई। सुमन हमारे घर के पास ही रहती है और काफी दिनों बाद मैं सुमन से मिलने के लिए गई थी।

उस वक्त करीब 11:00 बज रहे थे मैं अपने घर का सारा काम कर के सुमन से मिलने के लिए गई और जब मैं सुमन के घर पहुंची तो सुमन घर पर ही थी सुमन ने मुझे देखते ही कहा कि राधिका तुम कितने दिनों बाद मुझसे मिलने के लिए आ रही हो। मैंने सुमन को कहा कि हां सुमन मैं तुमसे काफी दिनों बाद मिल रही हूं। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे कि तभी मैंने देखा कि सुमन के घर पर कोई मेहमान भी आए हुए थे सुमन ने मुझे बताया कि वह उसके चाचा जी हैं सुमन ने मुझे अपने चाचा जी से मिलवाया। थोड़ी देर हम उनके साथ ही बैठे रहे और सुमन रसोई में चाय बनाने के लिए चली गई थी। सुमन चाय लेकर आई और हम लोग साथ में बैठे हुए थे तो सुमन के चाचा जी भी अब चाय पीकर रूम में चले गए। सुमन ने मुझे बताया कि उसके चचेरे भाई का सिलेक्शन हुआ है और वह कुछ दिनों के लिए हमारे साथ ही रहने वाला है लेकिन उस वक्त वह घर पर नहीं था क्योंकि वह अपने ऑफिस गया हुआ था।

Mastram chudai – तमन्ना कॉलेज की

सुमन ने मुझे बताया कि उसके चाचा जी कल रोहतक चले जाएंगे सुमन और मैं काफी देर तक साथ में बैठे रहे करीब दोपहर के 1:00 बज रहे थे तो मैंने सुमन से कहा कि मैं अब चलती हूं और मैं अपने घर चली आई। मैं जब घर आई तो उस वक्त मुझे रजत का फोन आया और रजत के साथ मैं फोन पर बात करने लगी रजत के साथ मैंने फोन पर काफी देर तक बात की। मैंने रजत से कहा कि आप वापस कब लौट रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मैं बस दो दिनों बाद वापस लौट आऊंगा। उसके बाद मैं भी खाना बनाने की तैयारी करने लगी थी क्योंकि बच्चे भी थोड़ी देर बाद स्कूल से आने वाले थे। मैंने खाना बनाया ही था कि बच्चे भी घर पहुंच चुके थे बच्चे घर पहुंचते ही शरारत करने लगे मेरी सासू मां मुझे आवाज देते हुए कहने लगी कि राधिका बेटा जरा इन बच्चों को देखना। वह मेरी सासू मां को काफी ज्यादा परेशान कर रहे थे इसलिए मैं उन्हें उनके कमरे से बाहर ले आई और फिर उन्हें मैंने खाना खिलाया।

खाना खाने के बाद वह लोग कुछ देर आराम करने लगे फिर शाम के वक्त मैं उन्हें छोड़ने के लिए ट्यूशन चली गई मेरे दोनों ही बच्चे पड़ोस में ट्यूशन पढ़ने के लिए जाते हैं। मैं उन्हें लेने के लिए करीब 6:00 बजे गई, जब मैं उन्हें लेकर घर आ रही थी तो सुमन से मैंने कुछ देर बात की और फिर मैं अपने घर लौट आई। रजत भी दो दिन बाद वापस लौट आए थे रजत उस दिन घर पर ही थे तो मैंने रजत को कहा कि क्या आज आप ऑफिस नहीं जा रहे हैं तो रजत ने मुझे बताया कि नहीं आज वह ऑफिस नहीं जा रहे हैं। मैं और रजत एक दूसरे से बात कर रहे थे तो रजत ने मुझे कहा कि राधिका तुम मेरे लिए चाय बना देना मैंने रजत के लिए चाय बनाई। रजत अखबार पढ़ने में इतने व्यस्त थे कि वह मेरी तरफ देख ही नहीं रहे थे और उन्होंने जब अखबार पढ़ कर एक किनारे रखा तो मैंने रजत को कहा कि क्या आज हम लोग साथ में समय बिता सकते हैं? रजत कहने लगे क्यों नहीं। काफी समय बाद रजत मुझे और बच्चों को शॉपिंग कराने के लिए ले गए थे मुझे याद है करीब 6 महीने पहले हम लोग साथ में शॉपिंग करने के लिए गए थे।

उस दिन जब हम लोग साथ में थे तो हमें काफी अच्छा लगा बच्चे भी काफी खुश थे और जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त शाम हो चुकी थी शाम के करीब 7:00 बज रहे थे और हम लोग घर लौट आये थे। मैं रसोई में खाना बनाने की तैयारी करने लगी थी मैं खाना बनाकर करीब एक घंटे बाद फ्री हुई और 9:00 बजे के आसपास हम लोगों ने डिनर कर लिया था हम लोगों ने डिनर किया। रजत कहने लगे कि राधिका मुझे कल जल्दी ऑफिस जाना है मैंने रजत को कहा कि कल आप कितने बजे तक हो ऑफिस जाएंगे तो रजत कहने लगे कि मैं कल सुबह 8:00 बजे ही घर से निकल जाऊंगा। मैंने रजत से कहा ठीक है मैं आपके लिए सुबह नाश्ता बना दूंगी और अब रजत और मैं सो चुके थे। उस रात मुझे नींद नहीं आ रही थी और मेरे अंदर एक अलग ही बेचैनी सी हो रही थी। मैंने रजत को कहा कि मुझे आज आपके साथ सेक्स करना है तो रजत मुझे कहने लगे राधिका आज मेरा बिल्कुल भी मन नहीं है मैं तुम्हारे साथ सेक्स नहीं कर सकता। उस रात रजत ने मेरी तड़प अधूरा ही रखी जो कि मैं अगले दिन पूरा करवाने के लिए सुमन के घर चली गई। जब मैं सुमन के घर पर गई तो मैंने देखा कि उस दिन उसका चचेरा भाई संजय भी घर पर ही था संजय से मैं पहली बार ही मिली थी मुझे नहीं पता था कि संजय से मैं अपनी चूत की खुजली को मिटा दूंगी।

संजय को मैंने अपने बदन के मायाजाल में पूरी तरीके से फंसा लिया था और संजय मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो चुका था। मैंने उसे उस दिन अपने घर पर बुलाया वह भी घर पर आ गया वह घर पर आया तो संजय के लंड को मैं अपनी चूत में लेना चाहती थी मेरी सासू मां अपने कमरे में सो रही थी अब संजय और मैं ही मेरे रूम में थे हम दोनों बेडरूम में थे। मैंने संजय से कहा तुम अपने लंड को तो दिखाओ संजय ने मुझे अपने लंड को दिखाया। संजय का मोटा लंड देखते ही तुरंत उसे अपने हाथ में ले लिया जब मैंने उसे अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। मैं संजय के लंड को बड़े अच्छे तरीके से अपने हाथों में लेकर हिला रही थी और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था लेकिन अब मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी। मैंने उसके मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया और उसे तब तक मैं चूसती रही जब तक संजय के लंड से मैंने पानी बाहर नहीं निकाल दिया। संजय पूरी तरीके से तड़पने लगा था और उसकी तड़प को मैंने इतना अधिक बढ़ा दिया था कि वह जल्दी से मेरी चूत मारने के लिए तैयार हो चुका था।

मैंने भी अपने बदन से कपड़े उतार दिए और जब मैंने अपने बदन के कपड़े उतारे तो उसने मेरी तरफ देखा और कहने लगा मैं आपकी चूत मारने के लिए तैयार हूं। मेरी चूत भी उसके मोटे लंड को लेने के लिए बेताब हो रही थी मैंने उसके सामने अपने पैरों को चौड़ा कर लिया जब उसने मेरी चूत की तरफ देखा तो उसने मेरी चूत के अंदर अपनी उंगली को घुसाया और काफी देर तक उसे वह अंदर बाहर करता रहा उसकी उंगली जब मेरी चूत के अंदर जा रही थी तो मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कि किसी का मोटा लंड मेरी चूत में जा रहा हो। उसने जब मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया तो मुझे और भी अधिक मज़ा आने लगा मुझे इतना अधिक मज़ा आने लगा था कि मैं उसके मोटे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए बड़ी बेताब थी।

Desi Incest – सहेली के भाई की साथ घर पर चुदाई

उसने भी मेरी चूत पर अपने लंड को सटाया और धीरे धीरे अंदर की तरफ डलाना शुरू किया जैसे ही उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा तो मुझे बहुत ही मजा आया मैंने अपनी चूतडो को थोड़ा सा ऊपर उठाया तो उसका मोटा लंड मेरी चूत के अंदर तक चला गया था अब मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा था। वह मुझे बड़ी तीव्रता से चोद रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका मोटा लंड मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा। यह पहला ही मौका था जब मैंने किसी गैर पुरुष के साथ संभोग किया था इससे पहले रजत ने ही मेरी चूत मारी थी और रजत ने ही मेरी इच्छा को पूरा किया था लेकिन अब मुझे संजय के साथ अपनी चूत मरवाने में मजा आ रहा था। संजय जिस प्रकार से मुझे धक्के देता उस से मेरी गर्मी में भी बढ़ोतरी होती जा रही थी और मेरी सिसकारी इतनी अधिक बढ़ने लगी थी कि संजय कहने लगा कि कहीं आपकी सासू मां ना सुन ले।

मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम मुझे धक्के देते रहो। अब वह लगातार मुझे बड़े अच्छे से चोद रहा था और काफी देर तक उसने मेरी चूत का आनंद लिया लेकिन जब मुझे एहसास होने लगा कि मैं झड़ने वाली हूं तो मैंने उसे अपने दोनों पैरों के बीच में जकडना शुरू किया जब मैंने उसे अपने दोनों पैरों के बीच में जकड़ लिया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। अब मेरी चूत कुछ ज्यादा ही टाइट हो गई थी इसलिए वह मुझे कहने लगा आपकी चूत बहुत ही ज्यादा टाइट हो चुकी है। मैंने उसे कहा कि तुम अपने माल को मेरी चूत के अंदर ही गिरा दो तो उसने भी अपने माल को मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया। जब उसने अपने माल को गिराया तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा उस दिन संजय से अपनी चूत मरवाकर मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी और वह भी बड़ा खुश था।

उसके बाद भी जब मेरा मन होता तो मैं उसे बुला लिया करती और वह मेरी इच्छा को पूरा कर दिया करता मेरे लिए तो बहुत ही अच्छी बात थी कि मै उसके साथ संभोग कर पाती थी क्योंकि रजत तो अक्सर अपने काम से थक जाते थे और उनके पास मुझे चोदने का वक्त ही नहीं होता था।

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शादी के बाद भी मैं अनचुदी रह गई https://sexstories.one/meri-fuddi-chudi/ Mon, 02 Nov 2020 11:19:28 +0000 https://sexstories.one/?p=1423 काफी सारी कहानियाँ पढ़ने के बाद मैं चाहती हूँ कि अपनी आप-बीती भी मैं आपको सुनाऊँ। मेरा नाम बेला है, मैं रांची से हूँ। मेरी शादी एक सीधे साधे चूतिया टाइप के इंसान से हुई ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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काफी सारी कहानियाँ पढ़ने के बाद मैं चाहती हूँ कि अपनी आप-बीती भी मैं आपको सुनाऊँ। मेरा नाम बेला है, मैं रांची से हूँ। मेरी शादी एक सीधे साधे चूतिया टाइप के इंसान से हुई है। शादी के बाद हम अपनी मधु चन्द्रिका मनाने मनाली गए पाँच दिनों के लिए। उन पाँच दिनों में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे मुझे मज़ा आया हो! आप शायद समझ गए ! तरुन (मेरे पति) ने मुझे ढंग से नहीं चोदा- मैं अनचुदी रह गई। chudi

मैं वापस दिल्ली आ गई और ऑफिस के काम में लग गई।

एक रोज़ बॉस ने कहा- शनिवार को आना है !

मुझसे वैसे भी शनिवार काटे नहीं कटता था क्यूंकि तरुन का शनिवार को भी ऑफिस होता है। मैं तकरीबन ग्यारह बजे ऑफिस पहुँच गई। बॉस आ चुके थे। हम दोनों ने दो बजे तक डटकर काम किया। ऑफिस में सिर्फ मेरा बॉस, मैं और ऑफिस बॉय राजू था।

Antervasanaमम्मी का नंगा बदन

मैं अपने कंप्यूटर पर कुछ काम कर रही थी कि बॉस पीछे से आकर देखने लगे और समझाने लगे कि कैसे क्या करना है। मैं उनका निर्देश लेकर काम करती रही। चूंकि बॉस बहुत पास आकर देख रहे थे, मेरा एक गाल उनके बहुत ही नज़दीक हो गया था। उनको पता नहीं क्या सूझी, उन्होंने मेरे गाल पर एक पप्पी दे दी। मैं चौंक गई।

बॉस ने कहा- बेला, तुम बहुत सुन्दर हो और मुझे तुम अच्छी लगती हो। chudi

मैं बस उनको देखती रह गई। फिर उन्होंने मेरी बाहों पर हाथ फेरना शुरु किया। हाथ फेरते फेरते उनके हाथ मेरे गले तक पहुंचे और वे मुझे प्यार करने लगे। इतने में राजू अन्दर आया। मैंने बॉस से कहा- सर, राजू को बाहर भेजिए पहले।

बॉस खुश। इसमें मेरी हाँ जो थी।

वे बाहर गए यह कहते हुए कि तैयार रहना। मैं समझ गई कि बॉस मुझे आज चोदेगा और मैं खुश हो गई। मैंने अपनी चूत से कहा- देख निगोड़ी ! सब्र का फल मीठा होता है। आज उछल कर चुदना।

मैं सीधे बाथरूम गई, खूब मूता और अपनी चूत को खूब साफ़ किया। हल्का सा स्प्रे लगाकर मैं बाहर आ गई। इतने में बॉस अन्दर आये। और उन्होंने मुझे दीवार से टिकाकर मुझे खूब चूमा। चूमते चूमते उन्होंने मेरा ब्लाऊज उतार दिया। अब मैं ब्रा और स्कर्ट में थी। मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरे होटों को चूसने लगे। मैं भी कहाँ पीछे हटने वाली थी। मैं भी मस्त हो कर उनसे झूल गई। क्यों ना झूलती ! मेरी चूत में भी तो कुछ कुछ हो रहा था।

उन्होंने मुझे खड़ा किया और मेरी स्कर्ट उतार दी। मैं अब सिर्फ चड्डी और ब्रा में थी। बॉस मुझे निहार रहे थे, मैंने इनकी टी-शर्ट उतार दी और फिर उनकी जींस। बॉस का लंड तो बाहर आने के लिए कुलांचे भर रहा था। मैंने उनका लंड पकड़ लिया।

बॉस ने एक आह भरी और मुझे मेरी ब्रा से अलग किया। chudi

दोनों मम्मों को दबाने लगे और फिर मुझे गोद में उठाकर मेरी चड्डी अलग कर दी। इस वक़्त मैं बॉस की बाहों में पूरी की पूरी नंगी थी। बॉस मुझे इसी अवस्था में बोर्ड रूम ले गए और मुझे मेज़ पर लिटा दिया। मेरे दोनों हाथ ऊपर और दोनों टाँगे अलग अलग करके वे मेरी झांटों से खेलने लगे।

मेरे होंठों पर उनके होंठ, उनका एक हाथ मेरी एक बांहों को सहला रहा था और दूसरे हाथ से वे मेरी चूत से खेल रहे थे। ऐसा सुख मुझे तरुन ने कभी नहीं दिया था। बॉस मुझे चूमते हुए मेरी नाभि तक पहुंचे और फिर मेरी चूत पर। चूत को चौड़ा कर उन्होने अपनी जीभ मेरे रति-छिद्र में डाल दी जिससे में दो फ़ुट ऊपर उछल गई।

इतने में मेरा मोबाईल बजा, अब मैं कैसे उठाती। बजते बजते बंद हो गया। फिर बजा। और उसके बाद फिर। मैं समझ गई तरुन ही होंगे। इतने में ऑफिस का फ़ोन बजा और चूंकि एक फ़ोन उस मेज़ पर ही था, मैंने अनायास उठा लिया। दोस्तों आप ये कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है l
तरुन ही थे, पूछ रहे थे- क्या कर रही हो डार्लिंग?

अब मैं क्या कहती – अपनी चूत चुसवा रही हूँ?

मैंने कहा- काम कर रही हूँ।

इतने में राज के चूसने से मैं झड़ने वाली थी। मेरे मुँह से एक लम्बी आह निकली।

तरुन ने पूछा क्या हुआ? chudi

सोचा- बोल दूं कि झड़ने वाली हूँ, लेकिन कहा- एक जगह बैठे बैठे पांव सुन्न हो गया। हिल नहीं पा रही हूँ।

इतने में राज ने मेरी चूत से पानी निकाल दिया। मैंने फ़ोन रख दिया और जोर से हूँ-हाँ करने लगी। बॉस ने अब ऊँगली करनी शुरू कर दी और मैं फिर से झड़ गई। बॉस मुझे खूब चूमा और कहा- उठो।

मैं मेज़ से उठ नहीं पा रही थी। बॉस समझ गए। मेरे बदन को निहारते रहे।

पांच मिनट के बाद में उठी और बॉस के सामने खड़ी हो गई। अब बॉस मेज़ पर लेट गए। मैंने उनकी चड्डी उतार दी। उनका लंड तो एक भयानक किस्म का जीव लग रहा था। आठ इंच लम्बा और डेढ़ इंच मोटा। उनका सुपारा एकदम गुलाबी रंग का था और मैंने उस सुपारे को अपने नाख़ून से थोड़ा पिंच किया। मेरे बॉस के मुँह से एक दर्दनाक आह निकली। मैंने अपने दोनों हाथों से उनका लंड लिया। मेरे दोनों हाथों में नहीं समा पा रहा था वो।

खैर मैंने एक हाथ से उसको हिलाना शुरू किया। chudi

फिर बॉस ने अपनी टांगें चौड़ी की और कहा- टेबल पर आ जाओ !

मैं मेज़ पर चढ़ गई और उनका लंड चूसने लगी। मैंने खूब चूसा और खूब हिलाया। उनके टट्टे अपने मुँह में लेकर उनके लंड को ऊपर नीचे करने लगी। बॉस शायद झड़ने वाले थे। एक लम्बी आह भरी और बोले- बेला मेरा मट्ठा निकल रहा है ! चूस रानी चूस।

मैने भी उनके लंड को चूसकर सारा का सारा मट्ठा निकाला और पी गई। बॉस का लंड एक ओर लुढ़क गया। मैने उसे चूमा और बॉस के पास आकर लेट गई।

दस मिनट के बाद बॉस ने पूछा- तैयार हो?

मैं तो कब से तैयार थी, मैं बोली- हाँ ! और इनका लंड फिर से तैयार करने लगी।

बॉस मेरी चूत में ऊँगली करने लगे। मैं तो गीली हो गई थी। बॉस ने मुझे गोद में उठाया और सोफे की ओर ले गए। मुझे औंधा लिटा कर उन्होंने मेरे चूतड़ उठाये और फिर मेरी फुद्दी में अपनी एक ऊँगली डाल दी। मैं तैयार थी। इतने में बॉस ने अपना सुपारा मेरी चूत में डाला और एक जोर का झटका दिया। मैं चीख पड़ी। बॉस को कोई फर्क नहीं पड़ा।

वे मेरी कमरिया को पकड़कर कभी मुझे अपनी ओर खींचते या फिर मुझे स्थिर रखकर अपने आप को धक्का देते। दोनों ही सूरत में मेरी फाड़ रहे थे। मैं तो बस चीखती रही। ये तो सहवाग की तरह बल्लेबाजी कर रहे थे। पता नहीं इनको क्या जल्दी थी। ऐसा उन्होने मेरे साथ तकरीबन पंद्रह मिनट तक किया और नीचे से मेरे मम्मों को भी दबा रहे थे।

मैं चिल्ला रही थी- बस करो बस करो, आह, ऊह, मर गई, मम्मीईई, मम्मीईईई ! दोस्तों आप ये कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है l

मगर बॉस को कोई रहम नहीं आया। बॉस मुझे चोदते रहे और मैं चुदती रही। मेरी चूत का तो उन्होंने भोसड़ा बन दिया था। मन ही मन चाह रही थी कि तरुन देखें और सीखें कि किस तरह से एक चूत को चोदा जाता है। थोड़ी देर में बॉस झड़ने वाले थे।

उन्होंने अपना लंड निकाला और मेरी गोरी पीठ पर रख दिया। chudi

एक गर्म एहसास हुआ पीठ पर और बॉस ने अपना सारा माल मेरी पीठ पर उड़ेल दिया और फिर मेरे बगल में बैठ गए। मैं बॉस की गोद में लुढ़क गई। मैं बहुत थक गई थी। मैंने शादी से पहले ऐसी चुदने की कल्पना भर की थी। तरुन ने यह सुख कभी ना दिया और ना ही कभी देगा। और बॉस ने तो मेरी ले ली।

उस रोज़ बॉस ने मुझे दो बार मेरी चूत को और चोदा और एक बार गांड भी मारी। शाम होते होते मैं बहुत पिद चुकी थी। इतनी चुदाई के बाद तो मैं खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। बॉस ने मुझे उस रात घर तक छोड़ा। उसके बाद तो मैं बॉस से खूब खुलकर चुदने लगी। मैं हफ्ते में तीन चार बार तो बॉस से चुदती ही हूँ। अच्छा एक बात तो बताना ही भूल गई।

मेरा प्रोमोशन हो गया है। chudi

वैसे तरुन भी कभी कभी अपनी लुल्ली मेरे अन्दर डाल देता है।

अब बर्फी खाकर गुड़ में मजा कहाँ रहता है? chudi

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पिज़्ज़ावाले का कड़क लंड https://sexstories.one/bada-lund-se-chudai-kahani/ Sun, 01 Nov 2020 11:19:36 +0000 https://sexstories.one/?p=1413 मेरा नाम रेशमा शर्मा है मेरी उम्र 18 साल है, मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव की रहने वाली हु 12th की पढाई पूरी करने के बाद मैं लखनऊ आ गयी आगे कॉलेज के ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम रेशमा शर्मा है मेरी उम्र 18 साल है, मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव की रहने वाली हु 12th की पढाई पूरी करने के बाद मैं लखनऊ आ गयी आगे कॉलेज के पढाई करने के लिए मैंने बी ए में एडमिशन लिया है। जब मैं यहाँ आयी तो पापा मेरे साथ आये थे और मुझे गर्ल्स हॉस्टल की जगह प्राइवेट एक कमरे का रूम किराये से दिलवा दिया। bada lund

मैं कॉलेज जाना शुरू की और वहाँ मैं देखी सभी लड़कियों के बॉय फ्रेंड्स है वहाँ जल्दी ही मेरी कुछ सहेलियां बन गयी और ऐसे ही एक सप्ताह निकल गया मुझे कॉलेज में बहोत मजा आ रहा था, आप ये स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है। नया शहर मुझे बहोत अच्छा लगा क्यों की मैं यहाँ आजाद थी, घर पर मुझे कही भी जाने की इजाजत नहीं मिलती पापा मम्मी हमेशा मुझ पर नजर रखते थे इसलिए मेरा कोई बॉय फ्रेंड नहीं था।

Chudai kahani – मम्मी का नंगा बदन

मैं घर पर मम्मी पापा को बहोत बार सेक्स करते देख चुकी थी और मेरी भी चुदाई की इक्षा होती थी लेकिन पापा से डर से मुझे किसी से चुदवाने की हिम्मत नहीं हुई, पापा ने मुझे यहाँ लखनऊ में अलग रूम इसलिए दिलवाया था ता की मैं गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों के साथ बिगड़ न जाऊ।

यहाँ उन्होंने मकान मालिक को मेरा ध्यान रखने को कहा था और मकान मालिक आते जाते मुझ पर नजर रखता था मेरा मकान मालिक यही कोई ५५ साल का था जिसे मैं ताऊ जी बुलाती थी।

कॉलेज से निकलने के बाद मैं कुछ टाइम अपने सहेलियों के साथ पार्क में जाती थी, वहाँ मेरी एक सहेली में मुझे बताया की वो कैसे अपने बॉय फ्रेंड से चुदवाती है और उसे कितना मजा आता है, ये सब सुन कर मेरी चुदवाने की खुजली और बढ़ गयी लेकिन मैं डर की वजह से कुछ कर नहीं सकती थी।

फिर मैं सोचने लगी जैसे लड़के लोग रंडियों को पैसा दे कर चोदते है ऐसे ही कोई पैसे ले कर चोदन वाला लड़का मिल जाये तो मैं भी चुदवा लेती।

रविवार का दिन था कॉलेज की छुट्टी थी मैं घर पर थी मकान मालिक अपने फॅमिली को लेकर बहार घूमने गए हुए थे, मैं घर पर बैठे ऊब रही थी तभी मेरे मेरे मोबाइल पर पिज़्ज़ा कंपनी का मैसेज आया 50% डिस्काउंट का और मैं सोची आज खाना नहीं बनती और पिज़्ज़ा आर्डर कर दी। तभी मुझे याद आया पिज़्ज़ा देने तो कोई लड़का आएगा अगर मैं पिज़्ज़ा डिलीवरी वाले को पटा कर चुदवा लू तो मजा आ जायेगा आज मौका भी है।

पिज़्ज़ा आने में 30 मिनट का समय था मैं सोचने लगी कैसे करू की वो पिज़्ज़ा वाला लड़का मुझे चोदने को तैयार हो जाये और मुझे एक आईडिया आ गया। मैं पूरी नंगी हो कर टॉवल लपेट कर बैठ गयी और इन्तजार करने लगी कुछ देर बाद डोर बेल बजी मैं समझ गयी पिज़्ज़ा वाला आया है और मैं दरवाजा खोली तो देखी एक पतला दुबला सा लड़का यही कोई 22 या 23 साल का होगा पिज़्ज़ा लेकर खड़ा है.

मैं उसको अंदर आने को बोली वो जैसे अंदर आया मैं पिज़्ज़ा लेकर टेबल पर रख दी और उसको बैठने को बोली पहले वो मना करने लगा फिर बैठ गया मैं उसको बोली अभी रुको मैं पैसा निकल कर देती हु। आप ये स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है। वो लड़का नजरें चुरा कर मुझ और मेरी नंगी टांगों को देखे जा रहा था तभी मैंने टॉवल गिरा दिया और टॉवल गिर जाने का नाटक कर के नंगी हो गयी वो मुझे नंगी देख कर खड़ा हो गया और मुझे घूरते हुए नज़ारे घुमा लिया मैं जल्दी से टॉवल उठा कर फिर से लपेट ली।

Sex kathaमारवाड़ी लड़की को सरकारी संडास में चोदा

मेरी नजर उसके पेन्ट पर गयी उसका लंड खड़ा हो गया था और ऊपर से फुला हुआ दिख रहा था मैं समझ गयी मेरा काम हो चूका है और मैं जा कर दरवाजा लॉक कर दी वो चुपचाप खड़ा था। मैं उसको लिपट गयी और किस करने लगी अभी भी वो वैसे ही चुपचाप खड़ा था। मैं अपना टॉवल खोली और बोली क्या हुआ मैं अच्छी नहीं लगी क्या ?

वो लड़का बोला नहीं मैडम आप बहोत सुन्दर हो मैं बोली सिर्फ मैं सुन्दर हु और कुछ नहीं ? bada lund

उसने कहा मैडम आप का सब कुछ सुन्दर है और आकर मुझे पकड़ लिया और मेरे बूब्स चूसने लगा मैं पुरे जोश में आ गयी और मेरी चुत से पानी आने लगा।

मैं जल्दी से उसके कपडे उतारने लगी जैसे ही मैं उसका चड्डी उतारी एक मस्त मोटा लम्बा सा पूरा खड़ा हुआ लंड मेरे सामने था वो लड़का जितना पतला था उसका लंड उतना ही मोटा था मैं थोड़ा डर गयी इतने मोटे लंड से कही मेरी चुत फट ना जाये, लेकिन आज मुझे चुदना ही था। इसलिए मैं उसका लंड चूसने लगी और वो मेरे बूब्स मसल रहा था इसके बाद मैं लेट गयी और उसको मेरी चूत चाटने को बोली.

वो उठा और पिज़्ज़ा का बॉक्स ओपन कर के के पिज़्ज़ा का टुकड़ा ले कर मेरी चूत पर रख दिया और पिज़्ज़ा का क्रीम अपने लण्ड पर लगा कर बोला 69 पोजीशन में करते है मैं समझ गयी वो मेरे ऊपर आ गया और मेरे मुँह में क्रीम लगा हुआ लंड डाल दिया और मेरी चुत के ऊपर रखा हुआ पिज़्ज़ा खाते हुए मेरी चूत चाटने लगा। आप ये स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है।

मैं पहली बार चुदने वाली थी इसलिए डर भी लग रहा था और मजा भी आ रहा था। bada lund

5 मिनट तक हम एक दूसरे का चूसते रहे उसके बाद वो उठा और बोलै मैडम आप लेट जाओ आज मैं आप को चोद कर आप को खुश कर दूंगा मैं बोली मैं अभी कुवारी हूँ आराम से करना वो बोला मैडम आप डरो मत मैंने पहले भी कुवारी लड़कियों को चोदा है आज आप के चूत की पूरी खुजली मिटा दूंगा और वो मेरे ऊपर आ गया.

Chut me lund – जब छाए तेरा जादू…

मेरे चूत में उसने थूक लगाया और मेरे ऊपर चढ़ कर लन्ड चूत पर रख कर जोर का एक धक्का दिया उसका मोटा लंड आधा मेरी चूत में चला गया और दर्द से मेरे आँसू निकलने लगा वो रुक गया और मेरे बूब्स को चूसने लगा २ मिनट बाद मुझे दर्द काम हुआ तब तक वो मेरे बूब्स चूसे जा रहता था मुझे मजा आने लगा और मैं बोली अब चोदो मुझे और उसने एक और जोर का झटका दिया इस बार उसक पूरा लंड मेरी चूत में था और वो धीरे धीरे मुझे चोद रहा था अब मुझे मजा आने लगा।

आह आह आह उह इस आउच और जोर से चोदो और जोर से आह मजा आ रहा है। bada lund

वो लड़का मुझे जोर जोर से चोदने लगा और 5 मिनट बाद उसने लंड बहार निकाला और मेरी चूत के ऊपर लंड का पानी निकाल दिया लेकिन अभी भी मेरी प्यास अधूरी थी मैं बोली मेरा अभी हुआ नहीं और मैं फिर से उसका लंड चूसने लगी उसके लंड पर वीर्य लगा हुआ था जिसका टेस्ट पहले मुझे अच्छा नहीं लगा बाद में मजा आने लगा और मैं उसका लंड चूसती रही उसका लंड 5 मिनट में फिर से खड़ा होने लगा और वो बोला मैडम आप घोड़ी बन जाओ।

मैं घोड़ी बन गयी पहले तो वो मेरी गांड को चाटने लगा और फिर उसने मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दिया और मुझे फुल स्पीड से चोदने लगा इस बार मुझे और ज्यादा मजा आने लगा मैं भी साथ में धक्के देने लगी और 10 मिनट की चुदाई हुई होगी मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं उसको लंड बाहर निकालने को बोली और उसका लंड चूसने लगी इस बार मैं उसके लंड का पूरा माल पीना चाहती थी 2 मिनट में उसने लन्ड का सारा माल मेरे मुँह में छोड़ दिया और मैं पूरा गटक गयी।

आज मेरी पहली चुदाई हुई थी मुझे बहोत मजा आया और मैं खुश थी. bada lund

वो लड़का भी बहोत खुश नजर आ रहा था। मैं उसका नाम पूछी तो उसने अपना नाम राकेश बताया और बोला उसने पहली बार पिज़्ज़ा देते हुआ किसी को चोदा है। मैं उठ कर पैसे निकालने लगी और उसको पिज़्ज़ा का 150 रूपए दे दी वो लड़का बोला मैडम आप को कभी भी मेरी जरुरत हो तो बता देना उसने मुझे अपना नंबर दिया और कपडे पहन कर चला गया, मैं अभी भी नंगी थी और चुदाई को याद कर के खुश हो रही थी। आप ये स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है।

Bhabhi ki chudai – भाभी संग चुदाई का मजा

उसके बाद जब भी मैं घर पर होती और मकान मालिक अपनी फॅमिली के साथ बाहर होता, मैं राकेश को बुला कर खूब चुदती थी। एक दिन मैं राकेश से चुदवा रही थी तभी मकान मालिक आ गया और आगे की स्टोरी अगले पार्ट में।

दोस्तों आगे मैं आप को बताउंगी कैसे उस बुड्ढ़े ताऊजी ने मुझे चोदा और अपने बुड्ढे दोस्तों से मुझे चुदवाया तब तक के लिए बाय बाय। bada lund

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मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका https://sexstories.one/choot-chudai/ Sun, 04 Oct 2020 21:56:39 +0000 https://sexstories.one/?p=310 बात उन दिनो की है जब मैं गयारहवीं कक्षा में पढ़ता था। हमारे पड़ोस में एक पंजाबी परिवार रहता था जिसमें सिरफ़ तीन ही सदस्य थे। एक 70 वर्षीय बुजुर्ग, एक लड़का और एक लड़की। ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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बात उन दिनो की है जब मैं गयारहवीं कक्षा में पढ़ता था। हमारे पड़ोस में एक पंजाबी परिवार रहता था जिसमें सिरफ़ तीन ही सदस्य थे। एक 70 वर्षीय बुजुर्ग, एक लड़का और एक लड़की। लड़के की उमर लगभग 24-25 साल की रही होगी और लड़की की उम्र 20-21 साल की होगी। बुजुर्ग उन दोनों के पिता थे और अकसर बीमार से ही रहते थे। जबकि उन दोनों की माँ की मृत्यु हो चुकी थी। वैसे तो उस परिवार में 5-6 लड़कियाँ और भी थी लेकिन वो सब काफ़ी उमर की थी और सब की शादी हो चुकी थी और अपने पति के साथ अपनी ससुराल में ही रहती थी जो कि कभी-2 अपने पिताजी को देखने परिवार के साथ 2-3 दिन के लिये आती रहती थी। हमारा भी उस परिवार में काफ़ी आना जाना था। (Antarvasna, Choot, Kamukta story, Hindi sex story)

Antarvasna Choot Chudai – कुसुम की झांट की सफाई

लड़के का नाम राजेश और लड़की का नाम दीपाली था। दीपाली बहुत ही खूबसूरत थी। मैं राजेश को भाई साहब और दीपाली को जीजी कहता था। दीपाली का बदन मानो भगवान ने सांचे में ढाल कर बनाया हो। गोरा चिट्टा रंग हल्का गुलाबीपन लिये जैसे कि दूध में चु्टकी भर केसर डाल दी हो। शरीर 36-24-38। चूची एक दम सख्त और उभरी हुई और उसके चूतड़ भारी थे, लगता था कि उसके चूतड़ की जगह दो गोल बड़ी बड़ी गेंदें हो।

choot chudaiवो अधिकतर सलवार कुरता पहनती थी और जब चलती थी तो ऐसा मालूम होता था कि दो गेंद आपस में रगड़ खा रही हो। जब वो हंसती थी तो गालो में बड़े प्यारे गढ्ढे पड़ते थे जिस से वो और भी खूबसूरत लगने लगती थी।

वोह बोलती बहुत थी और एक मिनट भी चुप नहीं बैठ सकती थी। उसमें एक खास बात थी कि वो किसी की भी चीज में कोई नुक्स नहीं निकालती थी चाहे उसको पसंद हो या ना हो।

वो हमेशा यही कहती थी कि बहुत ही प्यारी है। यदि उसको कुछ खाने के लिये दो और वो उसको पसंद नहीं आई हो पर वो तब भी उसकी तारीफ़ ही करती कि बहुत ही स्वादिष्ट बनी है।

Antarvasna Choot Chudai – आंटी और उनकी बेटी की चुदाई

इस बात की हम सब हमेशा ही दीपाली की तरीफ़ किया करते थे।

हमारी कालोनी के सभी लोग उसके दीवाने थे और एक बार बस उसको चोदना चाहते थे। मैं भी अकसर सोचता था कि काश मैं दीपाली को चोद सकूँ और एक दिन ऐसा मौका आ ही गया।

सितम्बर का महीना चल रहा था। उस दिन रविवार था और सबकी छुट्टी थी और समय रहा होगा लगभग 11 बजे सुबह का। मैं किसी काम से अपनी छत पर गया था।

हमारी दोनों की छत आपस में मिली हुई हैं और छत से उनके कमरे और बाथरूम बिलकुल साफ़ दिखाई देते हैं।

तो उस रोज जब मैं छत पर गया तो दीपाली के गाने की आवाज आ रही थी सो मैं वैसे ही उनके घर की तरफ़ देखने लगा तो मैं चौंक गया कयोंकि दीपाली बिलकुल नंगी बाथरूम में पटरे पर बैठी थी और टाँगें चौड़ी कर रखी थी।

Antarvasna Choot Chudai – चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा

सच दोस्तो ! मैं तो देखता ही रह गया। दीपाली की चूचियाँ एकदम गोरी और तनी हुई थी और जैसा कि मैं ख्यालों में सोचता था, उससे भी अधिक सुंदर थी। उसकी गोरी चूचियों के बीच में हल्के गुलाबी रंग के दो छोटे-2 घेरे थे और उनमें बिलकुल गुलाबी रंग के निप्पल थे जो कि बाहर को निकले थे। उसका सारा शरीर बहुत ही चिकना और गोरा था और टाँगों के बीच में तो पूछो ही मत। वहाँ उसकी चूत पर काले रेशमी बाल नज़र आ रहे थे और उनके बीच हल्की सी गुलाबी रंग की दरार नज़र आ रही थी। दरार में ऊपर की तरफ़ एक छोटा सा चने जैसा दना चमक रहा था। वो उस वक्त कपड़े धो रही थी और उसका सारा ध्यान उस तरफ़ ही था।

दीपाली को इस हालत में देख कर मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया मानो वो इस हसीन चूत को सलामी दे रहा हो। मन कर रहा था कि मैं फ़ोरन ही वहाँ पहुँच जाऊँ और दीपाली को कस कर चोद दूँ पर मैं ऐसा नहीं कर सका। मैं काफ़ी देर तक वहाँ खड़ा रहा और दीपाली को ऐसे ही देखता रहा और ऊपर से ही अपने लण्ड को पकड़ कर सहलाता रहा। मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी। मेरा गला एकदम से खुश्क हो गया था कि मैं थूक भी ठीक से नहीं निगल पा रहा था। मेरी टाँगें काम्प रही थी और ऐसा लग रहा था कि मेरी टाँगों में बिलकुल दम नहीं रहा और मैं गिर जाऊँगा।

मैं इस हालत में उसको करीब 15-20 मिनट तक देखता रहा। वो बार-2 सर झुका कर टाँगों में अपनी चूत की तरफ़ देख रही थी और एक कपड़े से चूत के बालों को रगड़ रही थी जिस से उसकी चूत के कुछ बाल उतर जाते थे। मैं समझ गया कि आज दीपाली अपनी चूत के बाल हेयर-रिमूवर से साफ़ कर रही है। मैं उसे बड़े ही गौर से देख रहा था कि अचनक उसकी नज़र मेरे ऊपर पड़ गई और उसने एकदम से बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया।

Antarvasna Choot Chudai – पड़ोसवाली भाभी की गुलाबी चुत

यह देख कर मैं बहुत डर गया और छत से नीचे उतर आया। मैं सारे दिन इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि अगर जीजी इस बारे में पूछेंगी तो मैं क्या जवाब दूंगा लेकिन कुछ सूझ ही नहीं रहा था। मैंने सोचा कि मैं 2-3 दिन उसको दिखाई ही नहीं दूंगा और उसके बाद मामला कुछ शान्त हो ज़ायेगा और तभी देखा जयेगा कि क्या जवाब देना है।

मैं एक दिन तो दीपाली से बचा ही रहा और उसकी नज़रों के सामने ही नहीं अया।

अगले दिन पापा और मम्मी को किसी के यहाँ सुबह से शाम तक के लिये जाना था और ड्राइवर आया नहीं था तो पापा ने मुझको कहा कि मैं उनको कार से छोड़ आऊँ और शाम को वापस ले आऊँ।

मैं उनको कार से छोड़ने जा रहा था कि मैंने दीपाली को अपनी कार की तरफ़ तेजी के साथ आते हुए देखा तो डर के मारे मेरा हलक खुश्क हो गया। मम्मी पापा कार में बैठ ही चुके थे सो मैंने झट से कार आगे बढ़ा दी।

हालांकि मम्मी ने कहा भी कि दीपाली हमारी तरफ़ ही आ रही है कहीं कोई ज़रूरी काम ना हो, पर मैंने सुना अनसुना कर दिया और गाड़ी को तेजी के साथ ले गया।

Antarvasna Choot Chudai – भीगी भीगी रात में

मैंने मन ही मन सोचा कि जान बची तो लाखों पाये और लौट कर बुद्धू घर को आये।

जब मैं पापा मम्मी को छोड़ कर वापिस घर आया तो देखा कि वो हमारे गेट पर ही खड़ी है, जैसे ही मैंने कार रोकी, वो भाग कर कार के पास आ गई और मेरे से बोली कि कार को भगा कर ले जाने की कोशिश ना करना वरना बहुत ही बुरा होगा।

मैं बहुत बुरी तरह से डर गया और हकलाते हुये कहा- जीजी मैं कहाँ भागा जा रहा हूँ और मेरी इतनी हिम्मत ही कहाँ है कि जो मैं आप से भाग सकूँ?

इस पर दीपाली ने कहा- अभी जब तूने मुझे देखा था तब तो जल्दी से भाग गया था और अब बात बना रहा है।

मैंने कहा- जीजी, मुझ को कार को एक तरफ़ तो लगाने दो और फिर अंदर बैठ कर बात करते हैं।

Antarvasna Choot Chudai – सवेरे वाली चुदाई

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वो काली रात https://sexstories.one/xxx-sex-kahani-wo-raat/ Tue, 29 Sep 2020 09:22:12 +0000 https://sexstories.one/?p=787 हैल्लो दोस्तों, में अर्जुन आज आप सभी को अपने साथ घटी एक सच्ची घटना बताना चाहता हूँ, वैसे मेरे मन में बहुत दिनों से यह बात थी, लेकिन में ना जाने क्यों किसी को इसे ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, में अर्जुन आज आप सभी को अपने साथ घटी एक सच्ची घटना बताना चाहता हूँ, वैसे मेरे मन में बहुत दिनों से यह बात थी, लेकिन में ना जाने क्यों किसी को इसे नहीं बता सका और यह बात सिर्फ़ मुझे ही पता है या आज के बाद आपको पता होगी. xxx sex kahani

दोस्तों यह बात आज से दो साल पहले की है जब में राजस्थान में रहता था और में उस समय जयपुर के एक कॉलेज में पढ़ता था, मेरी उम्र उस समय 19 साल थी और उसी के पास में एक छोटा सा गाँव है, लेकिन में आप सभी को उस गाँव का नाम नहीं बता सकता. फिर मेरा एक बहुत अच्छे कॉलेज में एड्मिशन हो गया था और में उस समय अपनी पढ़ाई में थोड़ा सा होशियार भी था और अपने घर से हर दिन कॉलेज आने जाने में मुझे बहुत परेशानी होती थी, इसलिए पास के ही एक गाँव में हमारे कोई दूर के रिश्तेदार रहते थे.

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मैंने उनके यहाँ पर रहने का विचार बनाया और उनके यहाँ पर में पूरे तीन साल रहने वाला था और उस घर में 6 लोग रहते थे पति, पत्नी उनके तीन बच्चे और उनकी दादी. दोस्तों में उस परिवार के साथ बहुत ही कम समय में बहुत अच्छी तरह से घुल मिल सा गया था तो उन्हें भी में बहुत अच्छा लगने लगा था, लेकिन परिवार के लोगों के बीच में रहकर मेरी पढ़ाई नहीं हो पाती थी तो में इसलिए उन्हीं के घर से कुछ दूरी पर उनकी एक जगह थी और वो गाँव के बिल्कुल बाहर सी लगती थी और में वहां पर बहुत अच्छी तरह से अपनी पढ़ाई कर सकता था और मुझे वहां पर खाने पीने की भी कोई समस्या नहीं होती थी.

फिर में इसलिए वहां पर बहुत अच्छे से रहने लगा, लेकिन मुझे हर कभी रात को कुछ आवाज़े सुनाई दिया करती थी जैसे कोई लड़की के रोने की आवाज, लेकिन में उन्हें जानबूझ कर भुला दिया करता था और कुछ दिनों तक मुझे लगातार ऐसे ही आवाज़े सुनाई दी. फिर मैंने वहां के आस पास के लोगों से पूछा तो लोगों ने मुझसे कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और तुम उस पर ज्यादा ध्यान मत दो, लेकिन मेरे दिल में अब कहीं ना कहीं उस बेचारी के बारे में दुख सा हो जाता कि वो क्यों दुखी है?

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xxx sex kahaniउस दिन के कुछ दिनों बाद मुझे एक रात को मेरे कमरे की खिड़की पर कुछ आहट सी सुनाई दी. फिर मैंने तुरंत दरवाज़ा खोलकर देखा तो वहां पर कोई नहीं था और में दोबारा दरवाजा बंद करके पढ़ने लगा तो वो गाँव तो था ही राजस्थान का तो आपको तो बहुत अच्छे से पता ही होगा कि गाँव में अक्सर लाईट नहीं रहती है तो उस रात भी लाईट नहीं थी और कुछ देर बाद मुझे फिर से वही आहट सुनाई दी और मैंने फिर से दरवाजा खोलकर देखा तो इस बार एक लड़की बाहर खड़ी हुई थी तो वो मुझसे बोली कि क्या थोड़ा पीने को पानी मिलेगा?

फिर मैंने उसे पानी पिलाया और फिर मैंने उससे पूछा कि तुम कहाँ पर रहती हो? तो उसने मुझसे कहा कि में यही पड़ोस में रहती हूँ और मेरे घर का पानी खत्म हो गया तो इसलिए में तुम्हारे यहाँ पर पीने आ गई और बातों ही बातों में उससे पूछ बैठा कि यहाँ पर अक्सर मुझे किसी लड़की की रोने की आवाज़ सुनाई देती है वो किसकी आवाज़ है और वो क्यों रोती चिल्लाती रहती है? फिर उसने मेरी बात को सुनकर बहुत दुखी होकर मुझे बताया कि वो आवाज़ उसी की थी और वो एक शादीशुदा थी और जिसके पति की कुछ समय पहले एक घटना से मौत हो गई है, लेकिन फिर भी उसने दूसरी शादी नहीं की थी.

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फिर मैंने उससे कहा कि ऐसे रोने से कुछ नहीं होता और तुम ज्यादा रोया ना करो तो वो और उदास हो गई, अब तक वो दरवाज़े पर ही खड़ी थी. फिर मैंने उसे अपने कमरे के अंदर बुलाया और उसे अपनी खटिया पर बैठाया और मैंने उसका मन हल्का करने की कोशिश की तो वो थोड़ी सी ठीक हो गई. फिर मैंने उसे अपना नाम अर्जुन बताया और उसने मुझे अपना नाम रूपा बताया तो वो सच में अपने नाम की ही तरह थी, में तो जैसे उस पर फिदा हो गया था और ऐसे ही बातों ही बातों में कब सुबह के 4 बज गये थे, हमें पता भी नहीं चला.

फिर वो मुझसे बोली कि अब मुझे जाना होगा तो मैंने उससे पूछा कि तुम अब दोबारा कब आओगी? फिर उसने कहा कि बहुत जल्द और इतना कहकर मेरी तरफ मुस्कुराकर वो चली. फिर दूसरी रात को में उसका बहुत बेसब्री से इंतजार करने लगा, लेकिन वो नहीं आई और अब में उस दिन थोड़ा उदास सा रहा.

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फिर उसके अगली रात को करीब एक बजे मेरे दरवाज़े पर दस्तक हुई तो में जैसे तैसे नींद से उठकर दरवाज़ा खोलकर देखता हूँ तो मैंने देखा कि मेरे सामने रूपा खड़ी हुई थी और मेरी तो उसे देखकर पूरी नींद ही उड़ गई थी, में बहुत खुश हुआ और मैंने उसे थोड़ा डांटा भी कि तुम कल क्यों नहीं आई? तो वो मुझसे बोली कि कल रात को मेरी आंख लग गई थी. फिर मैंने उससे कहा कि चल कोई बात नहीं और फिर वो अंदर आई.

दोस्तों हम तो जैसे एक ही दिन में ऐसे घुल मिल गये थे कि जैसे हमे मिले हुए एक दिन नहीं बल्कि पूरा एक साल हो गया हो. फिर हमने ऐसे ही इधर उधर की बात की और बातों ही बातों में उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? फिर मैंने उससे कहा कि नहीं है और फिर मैंने उससे पूछा कि क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?

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उसने मेरी कमर पर एक हल्का सा चांटा लगाया और फिर बोली कि तुम शहरी लड़को का कोई भी भरोसा नहीं है तुम कभी भी चले जाओगे? फिर मैंने उससे वादा किया कि में तुम्हें कभी भी छोड़कर कहीं भी नहीं जाऊंगा और अगर में कहीं पर जाऊंगा तो तुम्हे अपने साथ जरुर लेकर जाऊंगा और मेरे थोड़ा बहुत कहने पर वो मान गई.

फिर में थोड़ा सा गरम हो गया था और अब में उससे कुछ प्यार की बात करने लग गया, पहले तो वो थोड़ा सा शरमाई और फिर मेरी बात का जवाब देने लगी. उसने मुझसे पूछा कि क्या तुमने कभी किसी को किस किया है? तो तुरंत मैंने उसे किस कर दिया और बोला कि हाँ एक बार जरुर किया है.

तब उसने मुझसे कहा कि पगले किस ऐसे नहीं करते और उसने मुझे पकड़ा और मेरे होंठो पर एक ज़बरदस्त किस जड़ दिया और में भी उसे किस करने लगा और करीब दस मिनट तक हमने लगातार स्मूच किया.

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फिर में अपने हाथ धीरे धीरे उसके बूब्स पर ले जाने लगा और दबाने लगा, वो भी जैसे यह सब पहले से ही चाहती हो तो में अब बहुत ज़ोर ज़ोर से बूब्स को दबाने लगा और दबाते हुए में उसकी गाँव की लहंगा चोली, हाँ पता नहीं, लेकिन वो औरत उसमें बहुत अच्छी दिख रही थी.

फिर मैंने उसका टॉप उतारा और अब बूब्स को ज्यादा ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और चूसने लगा और पता नहीं इन्हीं कामों में कब चार बज गये तो वो अब मुझसे कहने लगी कि अब मुझे अपने घर पर जाना है. फिर मैंने उसे बहुत रोकने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं रुकी और फिर वो मुझसे अगली रात को आने का वादा करके चली गई और उस रात मुझे उसके चले जाने के बाद अपना लंड हिलाकर काम चलना पड़ा.

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फिर वो अगली रात को ठीक 12:30 बजे के आस पास मेरे पास आ गई तो मैंने तुरंत उसका एक हाथ पकड़कर उसे अंदर खींच लिया और इस बार उसके अंदर आते ही मैंने उससे कोई भी बात नहीं की और सीधा उससे लिपट गया और 15 मिनट के लम्बे किस के बाद मैंने उसको खटिया पर लेटा दिया और अब में उसके ऊपर चढ़ गया और बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और मैंने अब उसकी चोली को उतार दिया और मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बिल्कुल गरम और गीली थी, उसे देखकर बिल्कुल भी नहीं लगता था कि इसकी शादी भी हो चुकी थी और उसकी चूत बिल्कुल वर्जिन जैसी लग रही थी एकदम छोटी सी उभरी हुई और चूत पर हल्के हल्के बाल भी थे.

फिर उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरा ट्राउज़र उतारकर लंड बाहर निकाल लिया और फिर वो मेरा लंड देखते ही बोली हाए राम कितना बड़ा और टाईट है. फिर मैंने कहा कि जान यह तेरे लिए ही है और वो बिना कुछ बोले मेरे लंड ऊपर नीचे की तरफ धीरे धीरे सहलाती रही और अपने हाथ को लगातार ऊपर नीचे करने लगी. फिर मैंने बोला कि जान ऐसे ही सहलाएगी या थोड़ा प्यार से मुहं में भी डालेगी? तो वो मना करने लगी और कहने लगी कि छी मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता.

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फिर मैंने उससे अपने लंड को मुहं में लेने की बहुत ज़िद की और फिर उसने कुछ देर बाद मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया, लेकिन मैंने देखा कि उसे लंड चूसना बिल्कुल भी नहीं आता था और कुछ देर बाद उसने लंड को अपने मुहं से बाहर निकाल दिया.

अब मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया और वो मोन करने लगी, आहह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ मेरे जीभ फिराने की स्टाईल से तो में उसे पागल किए जा रहा था और वो अब अपनी चूत पर मेरा सर दबाने लगी और मेरे बालों को नोंचने लगी. फिर मैंने लगभग ऐसे ही उसकी चूत को बीस मिनट तक चाटने के बाद अपना प्यारे लाल उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और अब में हल्के हल्के उसकी चूत के अंदर करने लगा तो उसकी चीख सी निकल गई.

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फिर मैंने उसे उसके मुहं पर अपना एक हाथ रखकर चुप करवाया, क्योंकि रात को गाँव में बहुत आवाज़ गूँजती है इसलिए में थोड़ा सा रुककर हल्के हल्के लंड को अंदर बाहर करने लगा और अब कुछ देर बाद वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और लगभग आधे घंटे के बाद में उसकी चूत में झड़ गया और इस बीच वो भी एक बार झड़ चुकी थी.

अब में कुछ देर ऐसे ही उसकी चूत में अपना लंड डाले हुए ही लेटा रहा, लेकिन उसे लगातार किस करता रहा और उसके बूब्स को दबाता मसलता रहा, जिसकी वजह से कुछ ही देर बाद में और वो एक बार फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गये और एक बार फिर से ऐसे ही ज़ोर ज़ोर से धक्का देकर चुदाई करने में पता ही नहीं चला कि कब चार बज गये और इस बीच ही वो उठकर जाने की ज़िद करने लगी तो इस बार मैंने उसे कुछ ज़्यादा रोकने की कोशिश की और उसे बहुत मनाया, लेकिन वो सब बिल्कुल बेकार था और वो नहीं रुकी.

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फिर वो चली गई तो मुझे बड़ा दुख हुआ और अब मुझे उस पर शक़ भी हुआ कि क्यों वो हर रोज चार बजते ही चली जाती है और मेरे लाख बार मनाने पर भी नहीं रुकती? फिर अगली रात को वो फिर से आई और इस बार वो रात के एक बजे आई और आते ही वो मुझसे कल की बात पर माफी माँगने लगी.

दोस्तों में उस समय बड़ा गुस्से में था और जब उसे लगा कि में आज नहीं मानने वाला तो रोने लगी. फिर कुछ देर बाद भी में नहीं माना तो वो मुझसे लिपटने लगी तो में उससे बोला कि अब तुमने ग़लती की है तो सज़ा भी तो भुगतनी होगी? फिर वो तुरंत मुझसे बोली कि मुझे मंज़ूर है.

फिर में बोला कि सोच लो तो वो बोली कि हाँ मैंने सब सोच लिया है तुम बोलो मुझे क्या करना है? फिर मैंने बोला कि तुम्हें थोड़ी देर बाद अपने आप पता चल जाएगा और फिर वही कल वाला काम चालू हो गया.

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मैंने उसे किस किया करीब दस मिनट तक और उसकी चूत चाटी और बीस मिनट तक जोरदार धक्के देकर मारी. फिर मैंने उससे बोला कि जान अब तुम पलट जाओ और वो मेरे इरादे अब तक समझ चुकी थी एकदम आप लोगों की तरह. फिर वो मुझसे बोली कि नहीं जान मुझे बड़ा दर्द होगा. फिर मैंने उससे बोला कि तुम्हें ही तो मेरी हर शर्त मंज़ूर थी तो अब निभाने का वक़्त आया है.

फिर मेरे थोड़ा बहुत कहने पर वो तैयार हो गई और मैंने तेल की बोतल जो मेरे पास रखी हुई थी, उसे लेकर अपने लंड पर बहुत सारा तेल लगाया और उसकी गांड पर भी तेल लगाया और फिर लंड को तेल लगाकर एकदम चिकना करके उसकी गांड के मुहं पर रख दिया और अब मैंने धीरे धीरे लंड को अंदर डालने की कोशिश की, लेकिन अंदर नहीं डाल पाया.

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फिर एक ज़ोर के धक्के के साथ मेरा लंड का टोपा उसकी गांड में घुस गया तो वो करीब तीन चार मिनट तक चिल्लाती रही और मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ रखकर उसका मुहं दबाकर बंद किया और फिर अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया और थोड़ी देर रुका और हल्के हल्के झटके लगाने लगा, लेकिन उसकी गांड अब भी टाईट थी, में ऐसे ही धक्के लगाता रहा और वो चुदती रही और करीब पूरे 35 मिनट बाद में झड़ गया और मैंने उसकी गांड में ही अपना वीर्य डाल दिया और फिर हम एक दूसरे को ऐसे ही किस करते रहे और फिर चार बजने को हुए वो उठकर जाने लगी और अब मुझे एक बार फिर से उस पर शक हुआ कि यह साली चार बजे ही क्यों जाती है?

और ऐसे ही वो लगभग हर रात को आती रही, हमे पूरे सात महीने हो गये थे और ऐसे ही हम रोजाना चुदाई करते रहे और में तो उससे कुछ ज़्यादा ही मन से जुड़ गया तो मुझे इस बात का पता ही नहीं चला और जिस दिन वो नहीं आती थी तो मुझे वो पल वो रात गुज़ारना बहुत मुश्क़िल सा लगता था और इस बीच मेरे शरीर का वजन 70 से घटकर 55 हो गया था जो कि मुझे भी महसूस हुआ था और अब मेरी क्या हालत हो गई कि मेरे रिश्तेदार भी इस बात को सोचने लगे कि जरुर कुछ तो गड़बड़ है? उस परिवार में एक बड़ा लड़का था जो कि मुझसे तीन या चार साल बड़ा था.

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उसने मुझसे पूछा कि कुछ गड़बड़ तो नहीं है ना और उसे तो पता थी कि क्या बात है क्यों मेरा इतना वजन कम हुआ और में धीरे धीरे अपनी पढ़ाई में भी खराब हो गया था.

इस बीच जो कि ना भुला देने वाली बात थी, क्योंकि में पढ़ाई में बहुत अच्छा था तो इसलिए उसने मुझसे पूछा कि क्या कोई लड़की रात को यहाँ पर आती है?

तो में उसकी यह बात सुनकर एकदम से बहुत चकित सा हो गया कि इसको यह सब कैसे पता चला?

फिर उसने मुझसे थोड़ा सा इशारे में ही कहा कि में उससे थोड़ा दूर ही रहा करूं, वो मुझे भी खुलकर सब बातें नहीं बताना चाहता था कि कहीं में डर ना जाऊँ और फिर वो मुझसे बोला कि वो लड़की बड़ी ही खराब है.

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फिर मैंने कहा कि ऐसे किसी के बारे में तुम इतना गलत कैसे कह सकते हो? फिर उसने मुझसे पूछा कि तूने कभी उसे दिन में देखा है? तो मैंने कहा कि नहीं और वो मुझसे बोला कि वो क्यों नहीं आती तो इस बात से अंदाज़ा लगा लो कि क्यों वो लड़की खराब है और में तुम्हें क्यों इतना समझा रहा हूँ.

दोस्तों मुझे अब थोड़ा थोड़ा सा शक हुआ कि कहीं यह औरत भूतनी या चुड़ैल तो नहीं बता रहा?

लेकिन मुझे अभी तक तो सिर्फ़ शक ही था यकीन नहीं था या में खुद करना नहीं चाह रहा था,

जैसा भी था, लेकिन उसके साथ चुदाई करने का मज़ा बहुत था.

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क्लिनिक में चुदाई डॉक्टर के साथ https://sexstories.one/clinic-me-doctor-se-chudai/ Sat, 18 Jul 2020 10:21:23 +0000 https://sexstories.one/?p=634 हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और में 23 साल का हूँ। मैंने इस साईट पर बहुत सी स्टोरी पढ़ी तो मैंने सोचा कि मुझे भी अपनी लाईफ का अनुभव लिखना चाहिए। में यहाँ अपनी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और में 23 साल का हूँ। मैंने इस साईट पर बहुत सी स्टोरी पढ़ी तो मैंने सोचा कि मुझे भी अपनी लाईफ का अनुभव लिखना चाहिए। में यहाँ अपनी पहली स्टोरी लिख रहा हूँ तो पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ। में हरियाणा की एक अमीर फेमिली से हूँ तो मेरे पापा ने मुझे पढ़ने के लिए दिल्ली भेजा और दिल्ली से 12वीं पास करके मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में ही एडमिशन ले लिया और बाद में कॉम्पीटिशन एग्जॉम की तैयारी करने लगा। में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जॉब कर रहा हूँ और अभी मेरी शादी नहीं हुई है तो में दिल्ली में अकेला रहता हूँ। Ajnabi se chudwai

ये बात 2007 की है, जब मैंने 12वीं पास करके कॉलेज में जाना शुरू किया था, तब में किराये के फ्लेट में अकेला रहता था। उस टाईम तक मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया था, मेरा मन सेक्स करने का तो बहुत करता था, लेकिन में थोड़ा शर्मीले स्वभाव का हूँ तो में कोई लड़की नहीं पटा सका तो अब बस में सिर्फ मुठ मारकर ही काम चलाता था। गर्मियों के दिन थे और मेरे लंड के आस पास के बाल बड़े हो गये थे, वैसे तो में अपने नीचे के बाल क्रीम से ही हटाता हूँ, लेकिन उस दिन मेरे पास क्रीम नहीं थी तो मैंने ब्लेड से ही बाल काटने की सोची। मुझे बाथरूम में गर्मी लग रही थी तो में जल्दी- जल्दी बाल काट रहा था तो अचानक ब्लेड से मेरे लंड के पास कट लग गया और उसमें से खून आने लगा। फिर मैंने बाहर आकर क्रीम लगाई तो थोड़ी देर में खून आना कम हो गया।

Ajnabi se chudwai – चूत में डालो मै सह लुंगी

फिर मैंने सोचा कि कट ज्यादा लगा है तो टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए। मेरे फ्लेट से थोड़ी ही दूरी पर 2-3 छोटे क्लिनिक है। फिर में जल्दी से नहाकर इंजेक्शन लगवाने चला गया। में क्लिनिक के अंदर गया तो वहाँ 3-4 मरीज ही बैठे थे और रिसेप्शन पर एक मोटी सी लड़की बैठी थी।

फिर मैंने उससे कहा कि मेम मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना है तो उसने पूछा क्या हो गया? फिर मैंने कहा कि कुछ खास नहीं बस ब्लेड से कट लग गया था और फिर उसने ज्यादा नहीं पूछा। फिर उसने मेरा नाम रजिस्टर में लिखा और इंतजार करने को बोला। मेरा डॉक्टर को दिखाने के लिए 4 नंबर पर नाम था, मरीज भी कम थे तो डॉक्टर भी सब को आराम-आराम से देख रहा था। फिर 20-25 मिनट के बाद मेरा नम्बर आया। फिर जब में डॉक्टर के कैबिन में अन्दर गया तो मैंने देखा कि वहाँ तो एक लेडी डॉक्टर बैठी थी, मुझे उसकी उम्र 35-40 साल के करीब लगी, वो ज्यादा तो सुंदर नहीं थी, लेकिन नॉर्मल थी और उसके फिगर का साईज़ 36 या 38 होगा।

फिर मैंने डॉक्टर से कहा कि मेम मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना है, मुझे ब्लेड से कट लग गया था। फिर डॉक्टर ने पूछा कि कट हाथ में लगा है क्या? तो मुझे शर्म आने लगी। फिर मैंने गर्दन हिलाकर ना कहा। तब उन्होंने फिर पूछा तो कहाँ लगा है? फिर में थोड़ी देर तक कुछ नहीं बोला, तब डॉक्टर ने कहा कि बताओ ना। फिर मैंने धीरे से कहा कि जी वो नीचे लगा है तो डॉक्टर को थोड़ी हंसी आई और कहा कि देखो शरमाओ नहीं में तो एक डॉक्टर हूँ और डॉक्टर से क्या शर्माना?

Ajnabi se chudwai – देहाती चाची की जमके चुदाई की

अब सही से बताओ। फिर मैंने कहा कि जी वो में नीचे के बाल साफ कर रहा था, तब मेरे उसके पास थोड़ा कट लग गया तो डॉक्टर के चेहरे पर फिर से एक अजीब सी स्माईल थी और मुझे तो वो साली चालू टाईप की लग रही थी। तभी उसने कहा कि पास वाले बेड पर लेटो (जिस पर लेटाकर डॉक्टर इंजेक्शन लगाते है) और मुझे दिखाओं कहीं जख्म ज्यादा गहरा तो नहीं है और ब्लडिंग पूरी तरह से रुकी है या नहीं और उसने खुद कुर्सी से उठकर दरवाजा जो बंद था, वो भी लॉक कर दिया और पर्दा लगा दिया।

फिर उसने मुझे बेड पर लेटाया और कट देखने को बोला, मुझे शर्म आ रही थी तो में ना नुकर करने लगा। फिर डॉक्टर ने कहा कि तुम तो लड़कियों की तरह शरमा रहे हो, ये बात मुझे चुभ गयी और मैंने लेटे-लेटे अपना पजामा और अंडरवियर थोड़ा सा नीचे कर दिया। फिर डॉक्टर ने मेरा पजामा पकड़कर और नीचे कर दिया और वो कमीनी मुस्कुराने लगी। मेरा तो शर्म से मुँह लाल हो गया था तो मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और चुपचाप लेटा रहा। फिर डॉक्टर ने अपने हाथों में बिना कुछ पहने ऐसे ही मेरा लंड पकड़ा और उसे थोड़ा साईड में करके कट को देखने लगी, उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ की उंगली कट पर लगा रखी थी, जिस हाथ से उसने मेरे लंड को पकड़ा था, वो कमीनी उस हाथ से अजीब-अजीब हरकत कर रही थी।

मुझे तो बहुत हैरानी हो रही थी कि देखो साली कितनी बेशर्म औरत है? वो मेरे लंड को अपने हाथ से कभी टाईट पकड़ती तो कभी पूरी मुठी में ले लेती तो कभी मेरे लंड पर अपनी उंगलियां फेरती। इससे मेरी हालत ख़राब होने लगी थी, मतलब मेरा लंड खड़ा होने लगा था। फिर मैंने अपनी आँखे खोलकर देखा तो वो साली धीरे-धीरे मुस्कुरा रही थी। फिर उसने मुझसे कहा कि काफ़ी बड़ा है तो मैंने शरमाते हुए धीरे से पूछा जी क्या? फिर उसने कहा कि अरे तुम्हार कट और क्या? और जिस हाथ में मेरा लंड था, उसकी मुठी थोड़ी भींच दी। वो मेरे लंड पर अपने हाथ से कुछ हरकते कर रही थी। फिर उसने थोड़ा हँसते हुए पूछा कि ये कट कैसे लगा? फिर मैंने कहा कि जी वो में ब्लेड से अपने बाल काट रहा था तो जल्दी-जल्दी में लग गया।

Ajnabi se chudwai – अपने चिकनी पाठिका की चुदाई की

फिर उसने एकदम से पूछा कि अच्छा बाल काटकर अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जा रहे थे क्या? फिर मैंने कहा कि नहीं मेम मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। फिर वो बोली क्यों? तुम तो अच्छे स्मार्ट हो, बॉडी भी मस्त है और ये भी। (फिर उसने अपनी मुट्ठी में मेरा लंड थोड़ा दबा दिया, जो कि अब तक पूरा खड़ा हो चुका था) फिर स्माईल के साथ पूछा तो तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है? मुझसे झूट मत बोलो, ये बाल किसी गर्लफ्रेंड के लिए ही साफ किए होगें। फिर मैंने कहा कि नहीं मेम में सच कह रहा हूँ, मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, वो तो मुझे बड़े बाल अच्छे नहीं लगते इसलिए काट लिए थे। फिर उसने किसी दवाई से मेरे कट को थोड़ा साफ किया और उसके बाद कोई दवाई लगाई। अब दवाई लगाते टाईम भी उसने एक हाथ से मेरा खड़ा लंड ही पकड़ रखा था। अब ये तो कोई बेवकूफ़ भी समझ जाता कि ये औरत किस टाईप की है? और क्या चाहती है? मेरी लाईफ में पहली बार किसी ने मेरे लंड पर हाथ लगाया था और साथ ही वो मेरे लंड के साथ अजीब-अजीब हरकत कर रही थी।

अब मुझे लगा कि में तो इसके हाथ में ही झड़ जाऊंगा और मेरी भी उस पर नियत ख़राब होने लगी थी। फिर उसने मेरा लंड थोड़ा ऊपर नीचे किया और मेरे से इधर उधर की बातें करने लगी। फिर उसने मेरा नाम पूछा और पूछा कि तुम क्या करते हो? कहाँ के हो? किस कॉलेज में पढ़ते हो? तुम्हें किस तरह की लड़कियां पसंद है? फिर जब में जवाब देता तो उससे डॉक्टर साहब या मेम कहता। फिर उसने कहा कि मेरा नाम पूनम गुप्ता है और तुम मुझे पूनम कह सकते हो, ये मेम-मेम क्या लगा रखा है? फिर उसने पूछा कि सेक्स के बारे में क्या सोचते हो? फिर मैंने कहा कि में समझा नहीं। फिर उसने कहा कि तुम्हारा मन नहीं करता ये सब करने का तो मैंने कहा बहुत करता है। फिर उसने पूछा तो कैसे काम चलाते हो? फिर मैंने कहा कि बस हाथ से ही कर लेता हूँ तो वो ये सुनकर हंसने लगी और बोली कुछ कामों को खुद अपने हाथ में लेकर करने में उतना मज़ा नहीं आता है, जितना किसी और के हाथ से करवाने में आता है, इस बात पर मुझे भी हंसी आ गयी।

Ajnabi se chudwai – मेरा पहला सेक्स अनुभव

अब मुझे लगा कि जब अगली इतनी बेशर्म है तो मुझे शर्मीला बनने की क्या ज़रूरत है? अब में भी थोड़ा फ्रेंक हो गया। मेरा लंड उसके हाथ में था तो सेक्स भी सर चढ़कर बोल रहा था। फिर मैंने कहा कि पूनम जी आज तक मुझे किसी दूसरे का हाथ मिला ही नहीं है तो बताओं में क्या करता? अब वो हँसते हुए बोली कि हाथ तो बहुत है बस मांगने वाला होना चाहिए, इतना सुनकर मुझे भी हंसी आ गयी और मैंने उसका लेफ्ट हाथ जो फ्री था, उसे पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया। वो भी बिना कोई विरोध किए मेरी तरफ़ आ गयी। फिर मैंने उसे ठीक से पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया। उसका चेहरा मेरे चेहरे के पास था तो उसने अपने दोनों हाथों से मेरे गालों को पकड़ा और अपने लिप मेरे लिप पर रख दिए, मुझे तो बस मजा ही आ गया था।

फिर थोड़ी देर में उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, क्या मस्त किस कर रही थी साली? फिर मैंने सोचा कि बेटा इसी का नाम अनुभव होता है। फिर उसने मेरे गालों पर किस किया, वो बेड छोटा था और उसकी टाँगे अभी भी नीचे ही थी तो अब में भी खड़ा ही हो गया और उसने मुझे दीवार से चिपका दिया और बोली कि सालो तुम हरियाणा वालों का हथियार भी कितना बड़ा और मोटा होता है ना। फिर मुझे हंसी आई और वो भी हंसने लगी। फिर वो मुझे किस करने लगी। मैंने अपने हाथ उसकी पीठ पर फेरने शुरू कर दिए। फिर थोड़ी देर में मेरे हाथ उसके कूल्हों पर नीचे चले गये। क्या मुलायम- मुलायम कूल्हें थे साली के? फिर में उसके मोटे-मोटे कूल्हों को बुरी तरह से दबा रहा था।

फिर मैंने अपने हाथ ऊपर लाने शुरू किए और मेरे हाथ उसके बूब्स पर आ गये और सोचा कि भगवान ने भी बूब्स क्या मस्त चीज़ बनाई है? तभी तो ये लड़कियां इनको इतना बाहर निकाल-निकालकर चलती है साली। फिर उसने अपना एक हाथ आगे करके मेरा लंड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी, अब मेरी तो बुरी हालत थी। फिर उसने मेरा लंड हिलाते-हिलाते जब उसका हाथ एकदम से मेरे कट पर लगा तो मुझे बहुत दर्द हुआ और मैंने एकदम से आहह बोला।

Ajnabi se chudwai – हमारी किरायेदार

तब उसे भी थोड़ा होश आया। फिर उसने मुझसे सॉरी कहा और वो बोली कि हमें अन्दर ज्यादा टाईम हो गया है बाहर और भी मरीज आ गये होगें। फिर उसने धीरे से थोड़ा सा पर्दा हटाकर देखा तो बाहर 2 औरतें बैठी थी तो उसने कहा कि आज के लिए इतना ही काफ़ी है और अपना विज़िटिंग कार्ड देते हुए बोली कि ये मेरा नंबर है और शाम को इस नम्बर पर फोन करना और अब तुम जाओ। अब मेरा तो दिल ही टूट गया, हमारे हरियाणा में कहते है कि खड़े लंड पर किसी ने लाठी मार दी हो, ऐसा ही मुझे महसूस हुआ। में उससे फिर चिपक गया और कहा कि नहीं थोड़ा और थोड़ा और कहा कि बस 2 मिनट और 2 मिनट और फिर वो हंसने लगी और बोली कि तो तुम ऐसे नहीं मानोगे।

फिर उसने मुझे सीधा खड़ा किया और खुद घुटनों पर बैठ गयी और अब मेरा लंड उसके चेहरे के पास था। अब में समझ गया कि ये रंडी क्या करने वाली है? फिर उसने प्यार से अपनी जीभ मेरे सुपाड़े पर लगाई तो मेरी तो जान ही निकलने लग गयी। फिर उसने आराम-आराम से अपनी जीभ आगे-आगे घुमाई, अब उसका एक हाथ मेरे अंडो से खेल रहा था तो में जन्नत की सैर कर रहा था, मुझे सच में लग रहा था कि कुछ काम किसी और के हाथ से करवाने में कुछ ज्यादा ही मज़ा है। फिर उसने धीरे-धीरे से मेरा आधा लंड अपने मुँह में ले लिया, अब तो में पागल ही हो गया था। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके सर को जोर से पकड़ लिया था और धीरे-धीरे उसके मुँह में झटके लगाने शुरू कर दिए।

Ajnabi se chudwai – मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका

अब मुझे लग रहा था कि में बस झड़ने वाला हूँ और वो वैसे ही प्यार से मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी। तभी मेरी बॉडी अकड़ने लगी और में अपना लंड उसके मुँह में अंदर धकेलने लगा, लेकिन उसने अपने हाथ से मेरे लंड को रोक रखा था और आधे से ज्यादा अंदर नहीं जाने दिया। फिर तभी में झड़ने लगा और मुझे लगा कि मेरा इतना वीर्य आज तक कभी भी नहीं निकला होगा। अब में बहुत देर तक उसके मुँह में झड़ता रहा और वो रंडी मेरा सारा माल पी गयी। फिर मेरे लंड में गुदगुदी सी होने लगी और मैंने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकाल लिया। फिर वो भी खड़ी हुई और स्माईल के साथ बोली कि अब मिली कुछ शांति। फिर मैंने धीरे से कहा डार्लिंग बस मज़ा ही आ गया। फिर वो बोली कि ये तो सिर्फ ट्रेलर था, फिल्म तो अभी देखनी बाकी है।

फिर उसने कहा कि बहुत ज्यादा टाईम लग गया है, अब तुम जाओ और मेरे पास शाम को कॉल करो। फिर में आगे का प्लान बताती हूँ। अब टाईम ज्यादा हो गया है तो तुम्हारा इंजेक्शन भी कल ही लगाउंगी। फिर उसने मेरे गाल पर हल्का सा किस किया और बाय बोला। फिर मैंने उसे अपनी तरफ़ खींचकर हग किया और फिर धीरे से बिना आवाज़ किए दरवाजे का लॉक खोला और बाहर आ गया, बाहर मरीज बैठे थे तो में चुपचाप नीचे देखता हुआ क्लिनिक से बाहर आ गया ।

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धीरे से चोदो https://sexstories.one/dheere-se-chodo/ Sun, 05 Apr 2020 05:52:04 +0000 https://sexstories.one/?p=563 दोस्तो, आज मैं अपनी कहानी आप को पहली बार लिख रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप को अच्छी लगेगी क्योंकि मेरी यह कहानी कहानी न हो करके एक असलियत है जो मेरे ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तो, आज मैं अपनी कहानी आप को पहली बार लिख रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप को अच्छी लगेगी क्योंकि मेरी यह कहानी कहानी न हो करके एक असलियत है जो मेरे साथ घटित हुई है।

मेरा नाम आशीष है । मैं एक मध्यम परिवार का शादीशुदा मर्द हूँ, मेरा भी मन करता था कि मैं भी किसी के साथ सम्भोग करुँ। कोई ऐसी लड़की मिल जाये जो मुझे प्यार करे, जिसके साथ मैं खुल कर बातें कर सकूं और अपने मन की बात कह सकूँ।

Ajnabi se chudai – मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका

दोस्तो और सहेलियो, अब आप मेरी कहानी सुनिए : मैं एक बहुत ही शरीफ लड़का था, मेरी शादी को बारह साल हो चुके थे। मैंने अपनी पत्नी के अलावा और किसी भी लड़की की तरफ कभी आँख उठा करके भी नहीं देखा था। करीब गयारह साल के बाद मेरी भी इच्छा हुई कि मेरी भी कोई दोस्त होती जिसे मैं भी आराम से चोद सकता और वो मुझसे चुदाई करवा के खुश हो जाती।

मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई जो कि मेरी हम-पेशा है। मैं उसका नाम नहीं बता सकता (कृपया मुझे माफ़ करें) हम लोग करीब साल भर बात ही करते रहे, न मैंने पहल की और न ही उसने कभी कहा कि उसका मन मुझसे मिलने को कर रहा है।

वो भी शादीशुदा है और मैं भी !

हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास भी है, पर पिछले साल अचानक उसने मुझ से कहा कि वो मुझसे अकेले में मिलना चाहती है। मैं तो पहले से ही तैयार था पर डरता था कि कहीं वो गुस्सा न हो जाये। उसके कहने पर तो जैसे मुझे मन मांगी मुराद ही मिल गई हो।

मैंने तुंरत उसे फ़ोन करके पूछा- बताओ कहाँ चलें?

तो उसने कहा- जहाँ आपको अच्छा लगे, वहीं चलते हैं, लेकिन जल्दी वापिस आना होगा !

मैंने कहा- ठीक है !

Ajnabi ki chudai kahani – मोटी गांड वाली भाभी को उसके घर पे चोदा

मैंने तुंरत अपनी कार निकाली, उसे जहाँ उसने कहा था, वहां से लिया और चल पड़े ! मैं कभी बाहर नहीं गया था, मैंने अपने एक दोस्त को फ़ोन किया (जो हर हफ्ते अपनी गर्ल फ्रेंड को लेकर जाता है ) और उसे कहा कि मेरे लिए एक कमरा बुक करवा दो !

उसने होटल में फ़ोन किया, उसके दो मिनट बाद ही हम वहां पहुँच गए और मैनेजर से बात करके कमरे में चले गए। कमरे में जाते ही हमने अन्दर से बंद कर लिया और जोर से जफ्फी डाली जैसे दो साथी जनम-जनम से बिछडे पता नहीं कितनी देर बाद मिले हों !

इसके बाद हम दोनों ने आपस में मुँह में मुँह डाल कर किस किया और जाने कब तक करते रहे।

फ़िर उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया। मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि वो मुझे इस तरह का मज़ा देगी। उसने मेरे पूरे के पूरे लण्ड को अपने मुंह में भर लिया। मुझे तो बस कुछ मत पूछो कि कितना मज़ा आया ! बता ही नहीं सकता !

थोड़ी देर चूसने के बाद उसने अपनी चूत की तरफ इशारा करके कहा- अब अपना लण्ड इसमें डालो ! पता नहीं कब से प्यासी है यह तुम्हारे लण्ड के लिए !

मैंने उसे सीधा लिटाया और उसकी चूत पर लण्ड रखा और अन्दर डालने लगा तो ऐसे लगा थोड़ी टाइट है, मैंने उससे पूछा- क्या बात है? चूत बहुत टाइट है? (उसके दो बच्चे हैं)

तो उसने कहा- बहुत दिनों से प्यासी है चूत तुम्हारे लण्ड के लिए ! जल्दी डालो ! लेकिन आराम से ! नहीं तो दर्द होगा !

मेरे पूछने पर उसने बताया कि उसका पति उसे संतुष्ट नहीं कर पाता इसलिए उसे मेरे लण्ड की बहुत जरुरत है। मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत में डाला। मेरा लण्ड बहुत ही टाइट जा रहा था उसकी चूत में ! मेरा लण्ड 7″ का है और 3″ मोटा है,

Hindi sex storiesमेरी पड़ोसन जिया

उसने कहा- तुम्हारा तो बहुत मोटा है !

तो मैंने कहा- कोई बात नहीं ! तुम्हारे अन्दर फिट हो जायेगा !

मैंने जैसे ही उसकी चूत में अपना लण्ड डाला, वो चिल्लाने लगी- थोड़ा आराम से करो न ! बहुत दर्द हो रहा है !

मैंने कहा- कोई बात नहीं मेरी जान ! चिंता मत करो ! सब ठीक हो जायेगा !

और उसके होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर लण्ड उसकी चूत में रहा तो वो कहने लगी- अब करो न प्लीज़ !

तो मैंने उससे पूछा- अब दर्द कैसा है?

तो उसने कहा- प्लीज़ जल्दी करो ! मेरी चूत को फाड़ डालो ! जल्दी करो ! मेरी चूत को मसल डालो !

तो मैंने अपना काम शुरू कर दिया। थोड़ी देर में ही वो झड़ गई लेकिन मेरा अभी तक नहीं हुआ था। (दोस्तों मैं आप को बात बता दूं कि मेरा तब तक नहीं होता जब तक मैं नहीं चाहता, यह मेरा अनुभव है)

फिर मैंने उसे जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया।

वो बोली- आप बहुत जोर से करते हो और बहुत ज्यादा करते हो ! क्या खाते हो ?

तो मैंने कहा- मैं तो सिर्फ दूध ही पीता हूँ ! और वो भी दो थन वाली गौ का !

वो बोली- धत्त ! बेशरम ! चलो अब जल्दी करो !

मुझे भी जल्दी थी क्योंकि इस बीच मेरे पास दो तीन फ़ोन आ गए थे कि कहाँ हो ?

Hindi sex kahani – चुत चुदाई गन्ने के खेत में

तो मैंने जल्दी-जल्दी जोरदार शॉट लगाये और 40-50 शॉट लगा के मैं भी झड़ गया। मैंने अपना सारा रस उसकी चूत में ही डाल दिया और 5 मिनट उसके ऊपर ही लेटा रहा। मैं पसीने से नहा गया था। उसने मेरे बदन से पसीना पौंछा और खड़ी हो गई।

मैंने उससे पूछा- कैसे लगा?

तो उसने कहा- आप बहुत जोर से करते हो और बहुत समय लगाते हो !

मैंने पूछा- मज़ा आया या नहीं ?

तो उसने कहा- मज़ा तो बहुत आया ! मैं पूरी तुम्हारी हो गई हूँ।

अब तक हम बहुत बार मिल चुके हैं, एक दो बार वो गर्भवती भी हो गई तो उसने वो गर्भ गिरा दिया क्योंकि वो और बच्चा नहीं चाहती थी और न ही मैं चाहता था।

अब हम जब भी मिलते हैं तो कंडोम इस्तेमाल करते हैं ताकि कोई खतरा न रहे।

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सहेली की चुत में पति का लंड https://sexstories.one/saheli-ko-pati-ne-choda/ Sat, 21 Mar 2020 21:43:37 +0000 https://sexstories.one/?p=475 मेरी शादी हो चुकी है। मेरे पति अजय मुझे बहुत प्यार करते हैं। फिर भी कभी कभी मन मचल जाता है कुछ नया करने का इस बार मन था औरअपने पति को कुछ नया दिखाने ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरी शादी हो चुकी है। मेरे पति अजय मुझे बहुत प्यार करते हैं। फिर भी कभी कभी मन मचल जाता है कुछ नया

करने का इस बार मन था औरअपने पति को कुछ नया दिखाने का। पर समझ में नहीं आ रहा था कि क्या किया जाये।

अजय के ऑफिस चले जाने के बाद कुछ न कुछ सोचती रहती। अचानक एक विचार मन में आया कि क्यों न अजय को कुछ सरप्राईज दिया जाए। बस मन इसी दिशा में काम करने लगा। वो कहते हैं ना कि जहाँ चाह वहाँ राह…

जल्दी ही मेरी मुलाकात मेरी एक फ़्रेंड रानी से हो गई जो मेरी तरह खुले विचारों की थी। हम एक दूसरे से बात करने लगी, सेक्स को लेकर बातें होती। मैं अपने सेक्स के बारे में उसे बताती। मैंने महसूस किया वो शायद सेक्स के बारे में बात करते करते उत्तेजित हो जाती थी।

Antarvasna Saheli ki chudai – भैया के साथ सुहागरात मनाई

जैसे वो अकसर सेक्स के बारे में बात करते वक्त गरमी महसूस करती। मुझे लगा बात बन जायेगी।

एक दिन बातों बातों में पूछ लिया कि वो किस तरह का सेक्स पसंद करती है।

वो बोली- ऐसा सेक्स जिसमें सब कुछ भूल जाएं।

मैंने पूछा कि क्या वो मुझ से ट्रेनिंग लेना पसंद करेगी?

तो वो खुश हो कर बोली- क्यों नहीं।

मेरी योजना का पहला चरण पूरा हो चुका था।

हम योजना बनाने लगे कि कब मिलेंगे और क्या क्या करेंगे।

आखिर वो दिन आ गया। अजय कहीं काम से बाहर जाने वाले थे और देर रात तक वापिसी थी। मैंने रानी को बताया कि मैं दो दिन अकेली हूँ।

रानी शाम तक घर आ गई। उसके आते ही मैंने उसे गले लगा लिया और उसके गालों पर एक चुम्बन जड़ दिया। मैंने देखा रानी के गाल लाल हो गये थे पर वो शर्म के मारे कुछ ना बोली।

Antarvasna Saheli ki chudai – मुझे चुदना है

हम बैड पर बैठ कर बातें करने लगे। मैंने बात करते करते उसका हाथ पकड़ लिया। वो अचानक चुप हो गई और मेरी आँखों में देखने लगी। मैंने देर न करते हुए उसके होठों को चूम लिया। उसने अपनी आंखें बंद कर ली और अपने होंठों को खोल दिया।

मैंने अपनी जुबान उसके मुँह में डाल दी और अंदर बाहर करने लगी।

वो मेरा पूरा साथ देने लगी। मेरी जुबान को जोर जोर से चूस कर सारा रस अंदर लेने लगी। हमारी सांसें एक दूसरे में समा रही थी।

मैंने उसे चूमते हुए बैड पर लिटा दिया। उसके ऊपर आकर उसका चेहरा पकड़ कर उसके दोनों होंठों को मुँह में ले कर अच्छी तरह चूसा।

मेरे पूरे बदन में गुदगुदी सी होने लगी। अगले दो मिनट में हम दोनों के जिस्म नंगे थे। मैं उसके ऊपर आ गई और हमारे नंगे जिस्म एक दूसरे के साथ रगड़ खाने लगे। मैं फ़िर बेतहाशा उसके गुलाबी होंठों का मजा लेने लगी। मेरी योनि में से रस निकल कर उसकी योनि में समा रहा था। मेरे दोनों हाथ उसके मम्मों को तकरीबन कुचल रहे थे। फ़िर धीरे से मैंने अपना हाथ नीचे लिया और उसकी चूत पर रख दिया। उसकी चूत की पखुड़ियाँ हम दोनों के रस से भीग चुकी थी।

मैंने अपनी एक उंगली झटके से अंदर डाल दी। उसके मुँह से एक जबरदस्त आह निकली और उसने मेरे होठों को अपने मुँह में ले लिया। मैं अपनी उंगली से उसे चोदने लगी। उसने अपनी टांगें फ़ैला दी। पूरा रास्ता मिलने पर मैंने दो उंगलियाँ घुसा दीं। पांच मिनट तक चोदने के बाद मैंने वो भीगी हुई उंगलियाँ उसके मुँह में दे दी। वो अपना रस ऐसे चाट रही थी जैसे कब की प्यासी हो।

Antarvasna Saheli ki chudai – चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा

अब तक मेरी हालत खराब हो चुकी थी। मैंने अपना दायाँ मम्मा उसके मुँह में दे दिया। जैसे जैसे वो चूस रही थी मेरी चूत की खुजली बढ़ती जा रही थी। मैंने उसकी टांगें खोल कर अपनी चूत को उसकी चूत के साथ रगड़ना शुरु कर दिया। उसकी आँख़ें बंद थी होंठ खुले। मेरे होंठ उसके होंठों के बिल्कुल ऊपर। अचानक मेरे खुले होंठों से रस उसके मुँह में लार की तरह गिरने लगा। उसने अपना मुँह पूरा खोल लिया और सारा रस पीने लगी। मैं एकदम से उठी और अपनी चूत उसके मुँह से टिका दी।

उसने मेरी चूत को चाटते हुए अपनी गर्म जुबान अंदर घुसा दी। मेरी चूत में जैसे आग लग गई। मैं आगे पीछे हो कर उसके मुँह पर अपनी चूत रगड़ने लगी। मेरे सिसकारियों से वो और जोश में आ गई और अपनी एक उंगली मेरे पीछे डाल दी। मैं अपने चरम तक पहुँचने वाली थी। मुझे लगा मेरा पेशाब निकल जाएगा। मैंने रानी को यह बताया और उसे हटाने की कोशिश की।

पर वो बोली- आज तो जो निकला पी जाऊँगी।

सेक्स उसके सिर चढ़ कर बोल रहा था। मैंने भी अपनी टांगें खोल कर उसके मुँह पर टिका दी। एक गुदगुदी के साथ गरम पेशाब की धार सी निकली और धीरे धीरे रानी के मुँह में समाने लगी। मैंने देखा वो गटागट मेरा पेशाब पी रही थी। मैं भी जैसे एक एक बूंद उसके मुँह में निचोड़ देना चाहती थी। मैंने देखा उसने एक बड़ा सा घूंट भर लिया और उठ कर बैठ गई। मैं समझ नहीं पाई कि वो क्या करना चाहती है।

मेरे कुछ सोचने से पहले उसने होंठ मेरे मुँह से लगा दिया और मुँह में भरा हुआ सब कुछ मेरे मुँह में डाल दिया। न चाहते हुए भी मैं अंदर गटक गई। कुछ कड़वा और नमकीन सा स्वाद था। पर सेक्स के नशे में सब अच्छा लगता है। एक जोरदार चुंबन के बाद फिर से उसने मेरी चूत में अपनी जीभ घुसा दी। मेरे मुँह से निकल रही आहें उसका जोश बढ़ा रही थी। मेरे दाने पर उसकी फिसलती जीभ मुझे जन्नत की तरफ ले गई और मैं जोरदार आह के साथ झड़ गई।

Antarvasna Saheli ki chudai – हमारी किरायेदार

मैं कुछ थक गई थी पर अभी उसकी बारी थी। मैंने पूरे जोश में उसे उल्टा बैड पर गिरा दिया और उसकी गोरी गोल गोल गांड सहलाने लगी।

वो बोली- संजना , काश कोई लड़का भी इस वक्त हमारे साथ होता तो वो गांड को चोदता और मैं तुम्हारी चूत चाटती।

मैंने मन ही मन सोचा- यही तो मैं भी चाहती हूँ।

मैंने उसकी गांड पूरी खोल कर अपनी जीभ को उस पर रगड़ना शुरू कर दिया। रानी की गांड से आ रही महक मुझे पागल कर रही थी। मैंने अपनी जीभ एकदम से अंदर घुसा दी। वो अपनी गांड हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी। कुछ देर चाटने के बाद मैंने उसकी चूत में अपनी दो उंगलियाँ डाल दी और उसके दाने को चूसने लगी। उसकी चूत का रस मेरी उंगलियों और होठों पर लग रहा था।

इस सबके बीच हम दोनों को पता ही नहीं लगा कि खुले दरवाजे से मेरे अजय न जाने कब अदंर आ गए। वो अपना लंड निकाल कर हिला रहे थे।

मैं उन्हें देखकर मुस्कुराई और मुझे अपनी योजना कामयाब होती नजर आई। रानी अभी भी आंखें बंद करके लेटी थी। मैंने इशारे से अपने पति को पास बुलाया और रानी की गांड खोल कर आंख मारी। मेरे पति समझ गए और अपना गर्म लंड उसकी गांड के छेद पर टिका दिया।

इससे पहले रानी कुछ समझ पाती, लंड फिसलता हुआ उसकी गांड में घुस गया। रानी चिहुंक उठी और घबरा कर पीछे देखने लगी।

मैं अभी भी मुस्कुरा रही थी। रानी के मुँह पर असमंजस के भाव थे। मैं रानी के पास लेट कर बोली- देख, तेरी ख्वाहिश इतनी जल्दी पूरी हो गई।
और उसके होठों को अपने मुँह में ले लिया। मेरे हाथ उसके पूरे बदन पर चलने लगे।

एक दो मिनट की हिचकिचाहट के बाद वो सारा माजरा समझ गई और बोली- पहले बताती तो हम जीजू को साथ लिटा कर सेक्स करती।

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मैंने बोला- अब कर ले।

मेरे इतना कहते ही वो सीधा लेट गई और अपनी दोनों टांगें फैला कर बोली- जीजू, आज मेरी चूत फाड़ दो, मैं आज पूरा मजा लेना चाहती हूँ।

अजय तो पहले ही तैयार थे, झट से अपने सारे कपड़े उतार डाले और अपना छ: इन्च का मोटा लंड मेरी प्यारी सहेली की चूत में डाल दिया। रानी ने मुझसे ऊपर आकर अपनी चूत चटवाने को कहा। मैंने फिर से अपनी गुलाबी चूत उसके होठों पर टिका दी।

वो मजे ले कर चूस रही थी और अजय अपने लंड के जोरदार झटकों से उसकी चूत का कीमा बना रहे थे। मेरी चूत में फिर से गुदगुदी हो रही थी। रानी ने अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगी।

साथ साथ रानी अपने दाने को रगड़ रही थी। करीब पंद्रह मिनट की जोरदार चुदाई के बाद रानी का पूरा शरीर जोर से कांपा और उसने अपने होंठ मेरी चूत से हटा लिये। उसके मुँह से निकल रही तेज सांसें बता रही थी कि वो झड़ गई थी। पर अजय अभी भी उसे चोद रहे थे। मैंने अजय को इशारे से रुकने को कहा और नीचे लेट गई। अब अजय मुझे चोद रहे थे और रानी मेरे मम्मे चूस रही थी।

मैंने रानी से पूछा कि क्या वो अपना रस मुझे नहीं पिलाएगी तो रानी मेरे ऊपर अपनी चूत टिका कर घुटने के बल हो गई।

अब मैं रानी की चूत और गांड पागलों की तरह चाट रही थी। उसकी चूत से निकल रहा गर्म रस मुझे मदहोश कर रहा था।

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अचानक अजय बोले- मैं झड़ने वाला हूँ।

मैं और रानी दोनों उठ कर उनके लंड के आगे बैठ गई। अजय हाथ से अपने लंड को हिलाते हुए चरम पर पहुंच रहे थे। एक दम वीर्य की मोटी पिचकारी सी छूटी और रानी और मेरा मुँह उससे भीग गया। कमल एक एक बूंद निचोड़ रहे थे। मैंने अजय का लंड हाथ में लिया और चूसने लगी। रानी ने भी साथ देना शुरू किया और फिर मैंने और रानी ने एक दूसरे को चूमा।

मैं अभी झड़ी नहीं थी। अजय के कहने पर मना कर दिया और उन दोनों से वादा लिया कि वो दोनों रात भर मुझे जमकर चोदेंगे।

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