Ajnabi se biwi ne chudwaya Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/ajnabi-se-biwi-ne-chudwaya/ Hindipornstories.org Sun, 12 Dec 2021 08:02:18 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 टैक्सी ड्राइवर से बीवी को चुदवाया https://sexstories.one/taxi-driver-se-biwi-ko-chudwaya/ Sun, 12 Dec 2021 08:02:18 +0000 https://sexstories.one/?p=4966 मैंने उसकी टांगें फैला दीं और उसकी चूत को कुछ देर साड़ी पर रगड़ा... फिर मैं वापस अपनी कुर्सी पर बैठ गया और उन्हें देखने लगा... अब तक उसने उसके दोनों बूब्स निकाल कर चूसा, दबाया और काटा।...

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Taxi driver se biwi ko chudwaya – नमस्ते, मैं राज हूं, फिर से एक कहानी के साथ, मेरी पत्नी के बारे में जो एक टैक्सी ड्राइवर के साथ सेक्स मस्ती के लिए साझा की गई थी। जैसा कि मैंने आपको पहले बताया है, मैं 32 वर्ष का हूं। मैं गोवा से एक अर्ध सरकारी संगठन के लिए काम कर रहा हूं। मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं। मेरी पत्नी कीर्ति 29 साल की है। अब चलो सेक्स कहानी पर चलते हैं।

हम आंध्र प्रदेश में एक शादी के लिए गए थे और मेरी पत्नी साड़ी में हॉट और सेक्सी लग रही थी, ब्लाउज थोड़ी गहरी गर्दन और बिना आस्तीन का था, पार्टी में उन पर कई निगाहें थीं, जिन्हें मैंने देखा और आनंद लिया।

मैं अपनी पत्नी को किसी और द्वारा चोदते हुए देखने के लिए एक लंबे समय से कल्पना कर रहा था। मैंने उसे इसके बारे में बताया था और उसे अपने किसी पुराने दोस्त या किसी ऐसे व्यक्ति के साथ करने के लिए कहा जिस पर वह भरोसा करती है ताकि मैं अपनी कल्पना को पूरा कर सकूं लेकिन वह डरी हुई थी। जैसे-जैसे पार्टी चल रही थी, मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मुझे उन लोगों को देखने में मज़ा आ रहा है जो उसके स्तन और गांड को देख रहे हैं। वह मुस्कुराई और चुप रही।

पार्टी के बाद वह थोड़ी नशे में थी लेकिन होश में थी। हम सब पार्टी से बाहर आए और अपने होटल जाने के लिए टैक्सी मंगवाई। हम टैक्सी में सवार हो गए.. मैंने उसे अपने होटल का पता बताया और हम आगे बढ़ गए। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि ड्राइवर कार के शीशे से मेरी पत्नी को देख रहा है। उसके कोमल स्तन आधे दिखाई दे रहे थे।

मुझे एक विचार आया है…

मैंने अपनी स्थानीय भाषा में अपनी पत्नी से पूछा कि क्या वह टैक्सी ड्राइवर के साथ सेक्स करना चाहेगी? उसने मना कर दिया .. लेकिन मैंने उसे यह कहते हुए मना लिया कि हम दूसरे राज्य में हैं और कोई हमें नहीं जानता … और यह ठीक रहेगा … वह मान गई और पूछा कि उसे क्या करना होगा … मैंने उससे कहा कि चिंता मत करो .. मैं सब कुछ व्यवस्थित कर दूंगा…

मैंने ड्राइवर से बात करना शुरू किया.. उसका नाम नरेश था.. उसने मेरे और मेरी पत्नी के बारे में पूछा.. मैंने कुछ बने-बनाए नाम बताए और उससे कहा कि, वह मेरी पत्नी नहीं है, बल्कि मेरी दोस्त है… और वह मेरे साथ आई थी क्योंकि उसका पति अपने काम में व्यस्त था।

उसने मेरी तरफ देखा और कहा कि तुम सच में भाग्यशाली आदमी हो। तुम्हारे साथ किसी और की खूबसूरत बीवी है… जो साड़ी में हॉट और सेक्सी लग रही है… और नशे में भी..

मैं हँसा .. हम चलते रहे … उसने मेरी पत्नी को अपनी आँखें बंद करते हुए देखा और मुझसे पूछा, ‘क्या मुझे उसके साथ कुछ करने का मौका मिल सकता है? ‘

मैंने कहा ज़रूर.. कोशिश करूँगा, होटल पहुँचकर।

उसका चेहरा लाल था और उसकी निगाह सिर्फ मेरी पत्नी पर थी।

मैंने उनसे पूछा, क्या उन्हें कभी मौका मिला है.. ऐसी किसी महिला के साथ कुछ भी करने का?

उसने कहा नहीं.. मैं तुम्हारी तरह अच्छा दिखने वाला और अमीर नहीं हूं।

फिर मैंने पूछा कि क्या मैं तुम्हें यह मौका दूंगा, क्या तुम उसके साथ ऐसा करोगे?

Sex kahani शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली

उसने तुरंत कार रोक दी और मुझसे कहा कि इस विषय पर मजाक मत करो..

मैंने उससे कहा कि मैं गंभीर हूँ… जिससे उसका चेहरा चमक उठा और कहा कि क्या यह संभव है?

मेरी पत्नी यह सब सुन रही थी। मैंने अपनी पत्नी से हमारी भाषा में कहा कि मैंने उसे मना लिया है तो क्या आप इसके लिए तैयार हैं या नहीं.. उसने तुरंत कहा – ठीक है।

मैंने नरेश से कहा कि वह ठीक है.. अगर आप किसी को नहीं बताते हैं और इसे हमारे बीच में रखते हैं।

वह बहुत खुश हुआ और उसने मेरी पत्नी को धन्यवाद दिया।

उसने कहा कि हम यह उसके घर पर कर सकते हैं, क्योंकि वह अकेला रहता है।

मैं मान गया और उसने पूछा कि क्या वह उसे छू सकता है.. मैंने हाँ कहा और उसने उसका हाथ पकड़ कर उसे चूमा और कहा- मैडम आप बहुत कोमल हैं..

मेरी पत्नी मुस्कुराई और नीचे देखा..

मैंने साड़ी को उसके बूब्स से सरकाया और कहा- ये देखो, ये सॉफ्ट है फिर उसका हाथ और उसे छूने को कहा..

उसने उसके एक स्तन को सहलाया और धीरे से उसे दबाया। मैंने उसे अपने घर की ओर गाड़ी चलाने के लिए कहा।

उसने अपने हाथों को उसके स्तन से हटा दिया, लंड को सेट किया, और गाड़ी चलाने लगा।

15 मिनट में हम उसके घर पहुँच गए.. बीच-बीच में मैं उसके बूब्स दबा रहा था और उसे किस कर रहा था.. ताकि वो देख सके और अपना लंड सख्त रख सके.

यह तीन मंजिला इमारत थी। वह ऊपर की मंजिल पर रह रहा था। हमने अंदर प्रवेश किया, उसका कमरा उतना साफ नहीं था.. कॉलेज के लड़कों के कमरे जैसा।

मैं और कीर्ति सोफे पर बैठ गए और उन्होंने पानी की एक बोतल ली और मुझसे कहा सॉरी नो ग्लास..

मैंने 1 घूंट लिया और मेरी पत्नी ने भी लिया। वह हर समय उसे घूर रहा था इसलिए मैंने उससे कहा कि अगर तुम चाहो तो शुरू करो। वो उसके पास आया और उसके होठों को छुआ और उसे 2-3 मिनट तक किस किया… यह देख कर मेरा लंड सख्त हो गया। फिर उसने अपना हाथ उसके बाएं स्तन पर रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए उसे दबाने लगा।

मेरी बीवी की कॉलेज लाइफ में उसके 2-3 बॉयफ्रेंड थे.. इसलिए उसके लिए नरेश के साथ एडजस्ट करना इतना मुश्किल नहीं था. मैंने उसे उसके होठों को चूसकर उसके चुंबन का जवाब देते देखा। मैंने अपने लंड को अपनी पैंट में मला और एडजस्ट किया।

मैं गया और उसके बगल में बैठ गया … और उसके स्तनों को दबाने लगा … और उसके ब्लाउज के 2 बटन खोल दिए … और नरेश के लिए एक उल्लू निकाल दिया … उसने उसे देखा और उसके निपल्स को दबाने लगा। फिर वह उसके निप्पलों को चूसने और चाटने लगा।

मैंने अपनी पत्नी का हाथ लिया और उसकी पैंट के ऊपर उसके लंड के हिस्से पर रख दिया… यह बहुत सख्त था… इसलिए उसके लिए उस पर हाथ रखना मुश्किल नहीं था… उसने उसे दबाना शुरू कर दिया।

मैंने उसकी टांगें फैला दीं और उसकी चूत को कुछ देर साड़ी पर रगड़ा… फिर मैं वापस अपनी कुर्सी पर बैठ गया और उन्हें देखने लगा… अब तक उसने उसके दोनों बूब्स निकाल कर चूसा, दबाया और काटा। और उन्हें हल्का गुलाबी कर दिया।

मैंने नरेश से कहा कि वह उसकी साड़ी उतारकर बेडरूम में ले जाए।

नरेश खड़ा हो गया और मैं देख सकता था कि उसका लंड सख्त था और उसके प्री-कम की पैंट पर एक छोटा सा गीला पैच था।

उसने मेरी पत्नी को खड़े होने के लिए कहा। वह उठ खड़ी हुई और नरेश ने साड़ी उतार दी। मेरी पत्नी पेटीकोट और ब्लाउज में अपने बूब्स के साथ खड़ी थी। नरेश ने उसे फिर से गले लगाया और उसे किस करने लगा और उसकी गांड दबाने लगा।

मैं देख सकता था, मेरी पत्नी का हाथ फिर से उसके लंड पर था और उसे सहला रहा था। फिर वह उसे बेडरूम में ले गया और मैंने उसका पीछा किया। मेरी पत्नी जाकर पलंग के किनारे पर बैठ गई और नरेश उसके सामने। मैंने अपनी पत्नी से अपने कपड़े उतारने को कहा। नरेश अपनी कमीज उतारने लगा और मेरी पत्नी ने उसकी पैंट उतार दी.. अब वह अंडरवियर में खड़ा था।

मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और उसे पूरी तरह से हटा दिया। वह उसके बड़े स्तनों को देख रहा था और अपने लंड को रगड़ रहा था, मैंने अपनी पत्नी को उसके पास जाने का इशारा किया और वह चली गई और उसने अपने स्तन दबाए और उसके निप्पल चूसे।

उसने मेरी तरफ देखा और उसके अंडरवियर में हाथ डाला और बाहर निकाल लिया। नरेश काँप उठा जैसे बिजली का झटका लगा हो।

उसके पास 7 इंच का लंड था !! मेरे लंड से थोड़ा बड़ा। उसके लंड का पानी उसके सिर के ऊपर चमक रहा था। मेरी पत्नी ने उसे बिस्तर पर बिठाया और वह घुटनों के बल बैठ गई और उसके लंड को सहलाने लगी।

नरेश को मज़ा आ रहा था.. मेरी पत्नी ने अपनी दूसरी उंगली से उसके लंड के सिरे को छुआ और उसके वीर्य की एक बूंद लेकर उसके मुँह में डाल दी और नरेश की ओर देखा और कहा- उम्म्म…

मैंने भी अपना लंड निकाला और उसे सहलाने लगा। मेरी पत्नी ने अब कुछ देर के लिए अपना लंड चाटा और अपने मुँह में ले लिया। वह वेश्या की तरह उसका लंड चूस रही थी.. वह स्वर्ग में था… कुछ देर बाद मैं अपनी पत्नी के पीछे आया और उसकी चूत को छूने के लिए उसके पेटीकोट के अंदर अपना हाथ रखा.. वह गीली थी… और मैं महसूस कर सकता हूँ चिपचिपाहट, उसकी जाँघिया पर।

to be continued…

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पति नहीं भाया, अजनबी से चुदवाया https://sexstories.one/pati-nahi-bhaya-ajnabi-se-chudwaya/ Sat, 18 Jul 2020 09:56:23 +0000 https://sexstories.one/?p=616 दोस्तो, मेरा नाम अनिता अग्रवाल है, और मैं 25 साल की एक औरत हूँ| मैंने :- पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ीं हैं, और अक्सर दिल में ये खयाल आता कि काश कभी मेरी भी कहानी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तो, मेरा नाम अनिता अग्रवाल है, और मैं 25 साल की एक औरत हूँ| मैंने :- पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ीं हैं, और अक्सर दिल में ये खयाल आता कि काश कभी मेरी भी कहानी :- पर छपे, मगर दिक्कत यह थी कि ऐसा मैं क्या लिखूँ, पहले लिखने का कोई तजुरबा नहीं|
तो एक दिन मैंने सोचा कि हर औरत की ज़िंदगी में कुछ न कुछ ऐसा ज़रूर होता है जिसे वो सबसे छुपा कर रखती है, किसी को नहीं बताती| अब शादीशुदा, बालबच्चेदार औरत हूँ, अगर अपने पति के साथ अपने सेक्स के बारे में बात करूंगी तो उसमें क्या खास है, सभी पति पत्नी आपस में सेक्स करते हैं, इसे नया या अलग कुछ भी तो नहीं|

फिर और क्या लिखूँ…. स्कूल में या कॉलेज में भी कोई खास नहीं हुआ, साधारण सी शक्ल की लड़की, कोई बॉय फ्रेंड नहीं था|

शादी से पहले मेरे किसी से कोई चक्कर या सेक्स का तो कोई मतलब ही नहीं था| पहली बार से अपनी सुहाग रात पर अपने पति से किया|

मगर उसके बाद ऐसा चस्का लगा लंड का कि मेरी चूत हर वक़्त मछली के मुँह की तरह खुली रहती| शादी के बाद तो ये हाल हो गया कि दिन में दो बार बढ़िया सेक्स करने के बाद भी मैं हाथ से करती थी|

फिर सोचा क्यों न अपनी शादी के बाहर जो मैंने कारनामे किए हैं, उन पर कुछ लिखूँ|

Ajnabi se biwi ne chudwaya – ससुराल में तीन लंड और मैं अकेली

पहले मैंने एक कहानी लिखी, फिर पढ़ी, मगर मुझे जँची नहीं, फिर मैंने उसमें और फेर बदल किया| ऐसा ही करते करते मैंने 3 महीने से भी ज़्यादा समय लगा दिया, मगर अंत में जो कहानी बन कर सामने आई, वही कहानी मैं आपको पेश कर रही हूँ|

22 साल की थी, जब मेरी शादी अशोक से हुई| अच्छा हट्टा कट्टा मर्द, मेरी खूब रेल बनाई| पहले पहले तो डर भी बहुत लगा, दर्द भी बहुत हुआ, मगर जब मशीन रवां हो गई, फिर मैंने अशोक की रेल बनाई| वो खुद कहते हैं ‘साली तेरा पेट नहीं भरता चुदवा चुदवा के….’

मेरा जवाब होता:- पेट तो बाद की बात है, अभी तो ये छोटा सा सुराख ही नहीं भरा|

खैर, अशोक की जॉब अच्छी तो है, मगर इसमें बार बार बदली का बहुत झंझट है| हर दो तीन साल में कहीं न कहीं बदली हो जाती है| जब हमारी बदली दिल्ली की हुई, तो हम दिल्ली के पीतमपुरा में आए, यहाँ पे हमे एक एल आई जी फ्लैट किराए पर मिला| वो भी टॉप फ्लोर, चौथी मंज़िल| अब दिन में 2:-3 बार ऊपर नीचे आना जाना तो हो ही जाता था|

मैंने नोटिस किया, बार बार सीढ़ियाँ चढ़ने उतरने से मेरे फिगर में फर्क पड़ गया था| मेरे कपड़े ढीले हो गए थे| एक दिन मैंने खुद को अपने घर में लगे बड़े सारे शीशे के सामने खड़े हो कर निहारा, सच में मैं पहले से पतली हो गई थी|

मैंने सोचा, ऐसे कपड़ों में नहीं, कपड़े उतार कर देखा जाए|

घर में कोई नहीं था, बच्चे स्कूल गए थे, पति ऑफिस| मैंने अपने सारे कपड़े उतार कर बेड पे रख दिये और अपने बदन हर एक कोण से देखने लगी कि कहाँ कहाँ से मुझे फर्क पड़ा है|

अब खुद को नंगी देख रही थी, तो थोड़ा मन भी बेईमान सा होने लगा, मैं खुद ही अपने बदन को सहलाने लगी| मेरा दिल कर रहा था, अगर आज शनिवार होता तो मेरे पति घर होते और बच्चे स्कूल, तो दोनों पति पत्नी खुल कर मौज करते, मगर आज तो बुधवार था|

तभी अचानक मेरी निगाह, सामने वाले फ्लैट में गई, वहाँ उनका 19:-20 साल का लड़का मुझे देख रहा था| पहले तो मुझे बड़ी शर्म आई, मगर मैं तो खुद मचल रही थी| मैंने बिना ये ज़ाहिर किए के मुझे उस लड़के के बारे में पता चल गया है, मैं वैसे ही एक्टिंग करती रही और शीशे में से ही उसे देखती रही|

वो अपनी खिड़की में खड़ा हिल रहा था|

Ajnabi se biwi ne chudwaya – पडोसी की बेटी का भोसड़ा

‘क्या वो मुट्ठ मार रहा है?’ ये विचार मेरे मन में आया और मेरे मुँह में लंड का नमकीन स्वाद आ गया|

‘ओह, इसके पास भी तो एक लंड होगा, मोटा, लंबा, काला’ मैंने सोचा|

फिर शीशे में अपने ही प्रतिबिंब से पूछा:- अनिता, क्या तुझे उस नौजवान का लंड लेना चाहिए, क्या तेरी चूत में उसका लंड लेने की प्यास जग रही है, क्या तेरी चूत के मुँह में भी उसका लंड सोच कर पानी आ रहा है?

मैंने हाथ लगा कर देखा, उफ़्फ़…. ये तो सचमुच गीली हो चुकी थी| मेरा मन बेचैन हो उठा, क्या मैं इशारा करके उस लड़के को बुलाऊँ? नहीं…. पहले मैं उसे ये जता दूँ कि मैंने उसे देख लिया है|

यह सोच कर मैंने अपने नाईटी पहनी, गला खींच कर आगे किया, ताकि मेरा क्लीवेज दिख सके और बड़ी बेख्याल सी हो कर बाहर बालकनी में आ कर खड़ी हो गई और नीचे देखने लगी| अपनी दोनों बाहें मैंने अपने बूब्स के नीचे ऐसे रखी कि मेरे बूब्स ऊपर को उठ जाएँ और मेरा क्लीवेज और बड़ा दिखे|

पहले इधर उधर देखा फिर नज़र घूमती हुई, उस लड़के की तरफ ले गई| वो अभी अपना लंड फेंट रहा था| मैंने उसे देखा, उसने मुझे देखा और मैं एक हल्की सी स्माइल पास करके अपना मुँह घुमा लिया|

वो ताड़ गया कि मैंने उसे स्माइल दी है| वो खिड़की से काफी पीछे हट कर खड़ा हो गया जहाँ से मैं उसे पूरा देख सकती थी|

हम दोनों के फ्लैट्स के बीचे कोई 50 फीट का फासला था, हम दोनों एक दूसरे को बिल्कुल साफ देख सकते थे|

टी शर्ट के नीचे उसने कुछ नहीं पहना था, नीचे से बिल्कुल नंगा, कोई 6 फिट के करीब कद, उसका, 6:-7 इंच का ही उसका लंड होगा, मोटा, लंबा, मगर गोरा और गुलाबी टोपा|

मैं उसे देखती रही और वो मुझे देख कर मुट्ठ मारता रहा और फिर उसके लंड से वीर्य की धार बह गई| मैंने अपने माथे पे हाथ मार कर उसे इशारा किया कि पगले ये क्या किया तुमने|

उसने मेरा इशारा देख कर मुझसे इशारे में ही पहले अपने लंड को हाथ लगाया और फिर मेरी तरफ इशारा किया, जैसे कहा हो ‘तुम्हें चाहिए क्या?’

मैंने भी ‘हाँ’ में सर हिला दिया|

मेरी हाँ सुन कर वो तो नाचने लगा, अपनी टी शर्ट भी उसने उतार दी| गोरा बदन, और सारे बदन पर बाल ही बाल|

Ajnabi se biwi ne chudwaya – पति ने रण्डी बनाया

उसको खुश देख कर मैं भी मुस्कुरा दी और अंदर आ गई, आकर मैं बिल्कुल सामने कुर्सी पर बैठ गई|

उस लड़के ने अपनी खिड़की से मुझे इशारा किया:- अपने कपड़े उतारो|

मैंने अपनी नाईटी, अपने घुटने तक उठाई और नीचे गिरा दी|

वो वहाँ तड़पा:- नहीं, पूरी उतार कर दिखाओ|

उसने इशारा किया|

मैंने अपनी नाईटी, उतारी और एक तरफ फेंक दी| उधर वो नंगा, इधर मैं नंगी|

मैं यह भी सोच रही थी कि ये मैं क्या कर रही हूँ| क्या मैं उस लड़के से पट गई, या वो मुझसे पट गया|

अगले दिन करीब 11 बजे सुबह, वो लड़का फिर खिड़की में खड़ा था| मैंने सोचा, क्या किया जाए| सिर्फ इशारे बाज़ी तक ही ठीक है या बात आगे बढ़ाई जाए|

मैं देखने लगी उसे, तो उसने मुझे दिखा कर अपने सारे कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगा हो कर मेरी तरफ दिखा कर अपना लंड हिलाने लगा|

वो लंड हिला रहा था और मेरे तन बदन में आग सी जलने लगी थी| जब ऐसे ही काफी देर चलता रहा, तो मैंने उसे हाथ से इशारा करके बुला लिया|

उसने एक मिनट में अपने कपड़े पहने और नीचे उतरा|

2 मिनट बाद ही मेरे घर की काल बेल बजी, मैंने दरवाजा खोला, सामने वो खड़ा था|

‘नमस्ते भाभी|’ वो बोला|

मैंने भी नमस्ते कहा.

मैंने देखा कि उसकी निकर में उसका लंड अभी भी कुछ तना हुआ था, मैंने उसके लंड को देखा और फिर उसे अंदर बुला लिया| मगर हम दोनों के मन में ही ये बात चल रही थी कि बात शुरू कैसे की जाए|

मैंने उसे अंदर तो बुला लिया, पर अब सोच रही थी कि अब मैं क्या करूँ, इसे वापिस भेजूँ, या नहीं, क्योंकि ये तो पूरा मूड बना कर आया है| मैंने उसे पानी लाकर दिया|

‘थैंक्स’ कह कर वो गटागट पानी पी गया|

फिर हमने एक दूसरे को एक खिसियानी सी स्माइल पास की

‘मैं जी…. वहाँ आपके सामने ही रहता हूँ.’ वो बोला|

मैंने भी हाँ में सर हिलाया|

‘वहाँ से आपको देखा, आप तो जी बहुत ही गजब हो|’ वो फिर बोला|

मैं फिर मुस्कुरा दी, मगर बोली कुछ नहीं|

‘क्या आप मेरे साथ सेक्स करेंगी?’ उसने एकदम से पूछा|

मैं क्या कहती, मैं चुप सी बैठी रही, मन में ज़रूर मेरे ये बात आई कि यार तुझे इसी लिए तो बुलाया है, अगर मेरी खुजली उठ रही थी, तभी तो तुझे आने का इशारा किया| मन में बहुत कुछ चल रहा था, मगर मैं कह नहीं पा पा रही थी, बस चुप ही रही|

मगर वो मुझे दिलेर लगा, वो उठ कर मेरे पास आया और उसने मेरे बिल्कुल पास खड़े हो गया:- आप कुछ बोल नहीं रही हैं, मैं तो बहुत कुछ सोच कर आया था, अगर आप चुप रहेंगी तो बात आगे कैसे बढ़ेगी?

Ajnabi se biwi ne chudwaya – चलती ट्रक में चूत और चूची का मज़ा

मैंने कहा:- कौन सी बात?

वो बोला:- अरे भाभी आप ऐसा मत कहिए, जिस बात के लिए आपने मुझे यहाँ बुलाया, मुझे अपने घर के अंदर लिया|

मगर मैं अपने मन की कशमकश में उलझी थी, इस लड़के को बुला तो लिया पर अपने पति अशोक से थोखा कैसे करूँ| अगर कल को किसी को पता चल गया तो? क्या होगा?

उसने अपनी निकर नीचे को खिसका दी, नीचे से उसने चड्डी नहीं पहनी थी| 4 इंच का भूरा सा लंड मेरे बिल्कुल पास था, मेरी चूत में जैसे एकदम से पानी का बांध टूट गया हो| एक पल में ही मैं उसका लंड देख कर गीली हो गई| जो प्यास मैं दबाये बैठी थी, वो एकदम से भड़क गई, मेरे सब्र का बांध टूट गया, मैंने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसे ऊपर को उठाया, और उसकी चमड़ी पीछे हटा कर, उसका गुलाबी टोपा बाहर निकाला|

‘चूसो इसे|’ वो बोला|

वो ना भी कहता तो भी मैं तो इसे चूसने वाली ही थी| मैंने अपने मुँह खोला और बिना कुछ कहे उसका लंड चूसने लगी|

1 मिनट से भी कम समय में उसका लंड तन कर सख्त हो गया|

वो मेरी नाईटी के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबा रहा था| जब उसका लंड टनाटन हो गया तो उसने मुझे उठा कर खड़ा किया, और मेरी नाइटी उठाई और उतार दी| पहली बार मैं किसी गैर मर्द के सामने नंगी हुई थी|

‘क्या सेक्स में सचमुच इतनी ताकत होती है, जो आपको इतना मजबूर कर दे कि आप सेक्स के लिए किसी से भी धोखा कर दो, किसी के भी नीचे लेट जाओ?’ मैंने सोचा|

मगर अब सोचने समझने का वक़्त नहीं रहा था, एक अंजान लड़का जिसका मैं नाम नहीं जानती थी, पहली बार आज हमारे घर में वो आया, और आने के 3 मिनट बाद मैं उसके सामने नंगी खड़ी थी, उसका लंड मेरे मुँह में जा चुका था और वो मेरे बोबों से खेल रहा था, उन्हें दबा के मसल के देख रहा था|

‘क्या था यह? प्यार तो नहीं है…. सिर्फ और सिर्फ काम वासना| और मैं इसी काम वासना की नदी में बह जाना चाहती हूँ|’ मैंने अपनी आँखें बंद कर ली, उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और बेड पे ले गया| बेड पे लेटा कर वो मेरे ऊपर लेट गया|

मैंने भी अपनी टाँगें खोल कर उसको अपने ऊपर एडजस्ट कर लिया| मेरे बालों को थोड़ा सा सहला कर उसने मेरे होंठों को चूमा, फिर हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे|

मैं नीचे लेटी लेटी अपनी कमर हिला रही थी, मैं चाहती थी कि किसी तरह से इसका कड़क लंड मेरे चूत में घुस जाए, मगर ऐसा नहीं हो पा रहा था|

फिर उसने खुद ही अपना लंड मेरी चूत पे रखा, और अगले ही पल मेरी चूत में एक गर्म सख्त कीला जैसे घुस गया| एक जवान और मजबूत लंड|

लंड अंदर डालते ही वो ताबड़तोड़ चोदने लगा, उसके चोदने का तरीका भी बड़ा बेहूदा था|

मैंने उस से पूछा:- आज पहली बार कर रहे हो क्या?

वो बोला:- जी भाभी, आज तो सब कुछ मेरा पहली बार ही है, पहली बार किसी औरत की चूत इतनी करीब से देख, पहली बार किसी औरत के होंठ चूसे, पहली बार किसी औरत के बोबे दबाये, बोबे चूसे, चूत चाटी, चूत मारी, जो कुछ भी मैं आज कर रहा हूँ, सब पहली बार ही है| पर आपने ये क्यों पूछा?

Ajnabi se biwi ne chudwaya – पति के भतीजे और एक पंजाबी से चुदवाया

मैंने कहा:- तुम्हारा सेक्स करने का तरीका बड़ा बेकार है| जिस स्पीड से तुम कर रहे हो, तुम 2:-3 मिनट में झड़ जाओगे और मैं प्यासी रह जाऊँगी|
वो रुक गया और बोला:- तो कैसे करूँ भाभी?

मैंने उसे कहा:- पहली बात, इसको पूरा अंदर डालते हैं और पूरा बाहर निकालते हैं, और वो भी आराम से|

उसने मेरे कहे मुताबिक किया, 5:-6 बाहर अंदर बाहर कर के बोला:- उम्म्ह…. अहह…. हय…. याह…. अरे वाह भाभी, ये तो मज़ेदार है|

फिर मैंने कहा:- अपना ध्यान सिर्फ सेक्स करने पे ही मत रखो, इसके साथ साथ औरत के जिस्म के बाकी अंगों से भी खेलो, उसे चूमो, चाटो, ये पता करो उसके बदन पे किस जगह, छूने, चूमने, चाटने या काटने से वो और उत्तेजित होती है| उसके सारे बदन पर अपने हाथ फिराओ|

उसने मेरे बदन पे अपनी उंगलियों से सहलाया, गर्दन के पास, और कमर पर छूने से मैं मचली तो उसने बार बार मुझे वहाँ छूकर, सहला कर और तड़पाया|

‘मेरे होंठ चूसो, मेरे निप्पल अपने मुँह में लेकर दूध पियो मेरा|’ अपने लंड को धीरे धीरे से चलाते हुये मेरे बदन पर जहाँ जहाँ भी हो सकता था, उसने चूमा चाटा| मुझे खूब चूसा और यही मैं चाहती थी| सेक्स के दौरान मुझे जितना चूमा और चाटा जाता है, मैं उतनी जल्दी पानी छोड़ देती हूँ|

सिर्फ 3:-4 मिनट में ही मैंने उसे अपनी बाहों में कस कर, अपनी पूरी जीभ उसके मुँह में डाल दी| उसने मेरी जीभ चूसी और मैं इतने में ही झड़ गई| मैंने अपनी जीभ उसके मुँह से नहीं निकाली, और वो भी मेरी जीभ को चूसता रहा| पूरी तरह स्खलित होकर मैं नीचे को ढल गई|

उसने पूछा:- आपका हो गया भाभी?

मैंने कहा:- हाँ, मेरा हो गया, अब तू अपना ज़ोर लगा ले|

उसने भी बड़े वहशियाना तरीके से दबादब मेरी चुदाई की और एक डेढ़ मिनट में ही मेरे पेट पर अपना गर्म माल गिरा दिया| उसके लंड से गर्म वीर्य की छींटे मेरी छाती तक आ कर गिरे| झड़ने के बाद वो मेरे ऊपर ही लेट गया|

‘वाह भाभी, मज़ा आ गया, आज पहली बार चूत मारी किसी की, आप बहुत सेक्सी हो भाभी, आई रियली लव यू|’

मैंने कहा:- ये प्यार नहीं है, सिर्फ वासना है, जिसमें हम दोनों ने मज़े किए| अब सुन आज के बाद हाथ मत करना, जब दिल करे तो आ जाया करो| सुबह 9 से 3 बजे तक मैं घर में अकेली होती हूँ’|

वो बोला:- और अगर रात को मेरा दिल करे तो?

मैंने कहा:- तो अगले दिन तक का इंतज़ार कर, मगर आना सिर्फ इसी वक़्त|

वो बोला:- पर अभी तो 12 बजे हैं, क्या हम एक बार और कर सकते हैं?

मैंने कहा:- हाँ, क्यों नहीं…. पर पहले मैंने लंच का इंतजाम कर लूँ|

वो बोला:- ठीक है|

Ajnabi se biwi ne chudwaya – शादी में मेरी पहली चुदाई

उसके बाद उसने मेरे साथ लंच बनवाने में पूरी मदद की, सारा समय हम दोनों बिल्कुल नंगे ही रहे, मैंने बिल्कुल नंगे ही लंच पकाया, फिर हमने साथ में खाया| इस दौरान हमने बहुत सी बातें करी|

उसका नाम अंशु था|

खाना खा कर हमने एक बार और सेक्स किया| उसके बाद तो ये हमारी रूटीन ही हो गई|

मैंने अंशु को दिल से प्यार किया, उसे हर तरह से सेक्स करने का तरीका सिखाया, जितना भी मुझे आता था| बहुत सी चीज़ें हमने साथ में ब्लू फिल्मे देख देख कर, उनकी नकल कर के सीखीं| मेरे बदन में जो सेक्स की चाहत थी, वो उसने और बढ़ा दी थी| अब तो मुझे उसके अलावा और भी पड़ोसी मर्दों को ताड़ने की आदत पड़ गई थी|

पता नहीं क्यों, मुझे ऐसा लगने लगा कि पड़ोसी ही आपको सच्ची संतुष्टि दे सकता है| मैंने 3 और पड़ोसियों से भी सेक्स किया, मगर सब से ज़्यादा मज़ा मुझे अंशु के साथ आया| उसका चढ़ती उम्र का जोश बहुत ही लाजवाब था|

तीन साल तक मैंने अपने पति को इस बात का पता नहीं लगने दिया| जब मेरे पति की फिर से बदली हो गई, तो हम नए शहर में गए, वहाँ भी मैंने अपने एक नए पड़ोसी से बहुत जल्दी संबंध बना लिए|

आज जब मैं आपके लिए अपनी ये कहानी लिख रही हूँ, तो आज भी मैं खुद नहीं समझ पा रही हूँ, अपने आप को ठीक से बयान नहीं कर पा रही हूँ कि क्यों मैंने अंशु के साथ सेक्स किया|

ऐसा क्या हुआ था, उस दिन कि मैंने उसे ये सब करने से क्यों नहीं रोका, और उसे ऐसे सेक्स करने दिया, जैसे मैं उसकी कोई पुरानी गर्ल फ्रेंड हूँ|

पर जो भी हुआ, उसने मुझे सदा के लिए मेरे चरित्र को ही बदल दिया| आज भी मैं हर जगह सबसे पहले अपने पड़ोसी को ही देखती हूँ| कोई भी हो मर्द या नौजवान लौंडा, लाइन मैं सबको देती हूँ, क्या पता कब किसका तना हुआ लंड मेरे अंदर हो…

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