ajnabi ne choda Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/ajnabi-ne-choda/ Hindipornstories.org Wed, 01 Dec 2021 06:52:22 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 रिक्शावाले ने चोदा बारिश में.. https://sexstories.one/rikshawale-ne-choda-baarish-me/ Wed, 24 Nov 2021 07:18:13 +0000 https://sexstories.one/?p=3326 मैं एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बोबे में उसका लंड समेत कर ऊपर निचे करने लगी.. उसने मुझे धक्का दिया और मैं पत्तों पर पीठ के बल गिर गयी.. और वो मेरे ऊपर चढ़ गया एयर मेरे पेट पर बैठ कर अपना लंड...

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Rikshawale Ne Choda Barish Me – हेलो दोस्तों. अपने लंड को हाथ में पकड़कर ये सेक्सी चुदाई वाली कहानी पढीये. मज़ा आएगा… मेरा नाम कोमल है. मैं २५ साल की पंजाबन लड़की हूँ और दिल्ली में कॉलेज में पढ़ रही हूँ. मेरा फिगर ३७-२८-३९ है और ऊंचाई ८ फुट ९ इंच है. मेरी आँखें और बाल काले हैं और मैं बहुत गोरी हूँ.. नाक पतली और छोटी, ठुड्डी राउंड है और फेस डायमंड शेप का है.. होंठ पतले हैं और चेहरा भरा हुआ है.. बात अभी कुछ दिन पहले की है.. जुलाई का महीना था और बारिश हलकी-फुलकी हो रही थी.. मैं अपने घर के रूम में बिस्तर पर बैठी अपने फ़ोन में सेक्सी वीडियोस देख रही थी.. अचानक मेरे फ्रेंड का फोन आया, जो की अपने मायके गयी हुई थी..

पायल – हेलो कोमल!

मैं – हाय पायल! कैसी है और कब आ रही है वापस?

पायल – अरे यार.. यहाँ बस स्टैंड पर कड़ी हूँ.. मुझे पुलिस स्टेशन में काम है अर्जेंट और मेरे पास काफी सामान है.. तू आजा.. साथ में डिनर करके चलेंगे फिर मार्केट से…

मैं – ओके! अभी आती हूँ.. सब ठीक तो है ना?

पायल – मेरा फ़ोन चोरी हो गया है, मुझे FIR करनी है अभी…

मैं – फिर चोरी हो गया? तू करती क्या है? बड़ी लापरवाह है… और FIR बाद में कर लेना.

पायल – अरे यार.. अभी ट्रैक हो जाये तो अच्छा है.. बाद में कोई कुछ नहीं करता…

मैं – ओके डार्लिंग.. डोंट वरी… मैं आती हूँ..

फिर मैं तैयार हुई जल्दी में, बिना ब्रा के ही, एक येलो टॉप और ब्लू जीन्स में.. घर से बाहर रिक्शा पकड़ा जो की ऊपर से खुला था..

ध्यान ही नहीं रहा की बारिश हुई तो सब भीग जायेगा.. बस स्टैंड करीब १० मिनट की दूरी पर था, और जो रास्ता है, वो काफी सुनसान सा है… रास्ते में जो डर था, वही हुआ.. बारिश शुरू ो गयी.. और मैं भीगने लगी.. खैर, इतनी तेज़ बारिश नहीं थी, इसलिए मैंने रिक्शा नहीं रुकवाया..

पर कुछ ही सेकंड में बहुत तेज़ बारिश होने लगी.. मैंने रिक्शावाले को साइड में पेड़ के निचे रुकने को कहा.. मैं जल्दी से रिक्शा से कूदकर पेड़ के निचे भागी.. रिक्शावाले को मैंने पैसे भी नहीं दिए थे.. इसलिए वो रुक गया और अपनी सीट पर ही बैठे-बैठे घूरने लगा…

रिक्शावाला – मैडम थोड़ी ही दूर है.. वह जाकर खड़ी हो जाना..

मैं – अरे.. दिख नहीं रहा भैया? मैं भीग गयी हूँ…! एक तो छत नहीं है तुम्हारे रिक्शे में, ऊपर से भीगा दोगे?

रिक्शावाला मुझे घुरे जा रहा था.. अचानक मुझे ध्यान आया!

हे भगवान्!!! मैंने ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे दोनों चुचे साफ़ चमक रहे है… टी-शर्ट गीली थी तो अंदर का सब दिख रहा था.. एकदम क्लियर!

ऊपर से बारिश की ठंडी बूंदे , जिनकी वजह से मेरे निप्पल्स कड़क हो गए थे.. रिक्शावाले ने रिक्शा साइड में लगाया और मेरे पास आकर खड़ा हो गया..

मुझे जैसे ही ध्यान आया, मैंने अपने हाथ फोल्ड कर लिए और निचे सर करके खड़ी हो गयी… स्लीवलेस टी-शर्ट पहनी थी, जिससे मेरे हांथों में हलकी हलकी ठण्ड लग रही थी.. जिससे मैं कांपने लगी.. मैं फ़ोन पर पोर्न देखने के बारे में सोचने लगी.. और मेरे दिमाग में अजीब-अजीब ख्याल आने लगे.. इतने में पायल का फ़ोन आय गया..

पायल – कहा है तू इशिका? मैं वेट कर रही हूँ…

मैं – अरे यार.. रिक्शा से आ रही थी और रिक्शे में छत ही नहीं है.. पेड़ के निचे कड़ी हु अभी..

पायल – अरे यार…

मैं – तू बाद में करवा लेना FIR , फ़ोन तो मिलेगा नहीं अब.. सिम इशू करवाने के लिए ही तो चाहिए होगी…

पायल – क्या पता मिल जाए…

मैं – अच्छा ठीक है.. बारिश कम होते ही आ रही हूँ..

मैं फ़ोन पर बात करते टाइम अपने हाथ निचे कर चुकी थी.. जिससे की रिक्शावाले को खूब मज़ा आ रहा था..

वो मेरे साइड में खड़ा होकर मेरे चुचे देख रहा था.. फिर वो बात करने की कोशिश करने लगा..

रिक्शावाला – मैडम, मौसम तो बढ़िया हो गया अब..

मैंने सोचा की ठीक है, बातें करुँगी तो यही रहेगा.. भागेगा नहीं.. तो मैं भी बातें करने लगी..

मैं – हाँ भैया.. कम से कम गर्मी तो कम होगी..

रिक्शावाला – पर अप्प लेट हो गयी बारिश में..

मैं – अब क्या करें? किसी का फायदा तो किसी का नुक्सान.. वैसे मुझे बारिश से कोई ख़ास शिकायत नहीं है..

रिक्शावाला – आप उत्तर प्रदेश से हो?

मैं – नहीं.. मैं पंजाब से हूँ.. आप शायद U.P. से हो..

रिक्शावाला मुस्कुराने लगा..

रिक्शावाला – मैडम.. आपका नाम क्या है?

मुझे अजीब लगा के ये क्या चाहता है जो नाम पूछ रहा है..

मैं – नाम का क्या करोगे?

रिक्शावाला – मेरा नाम लखन है.. ऐसे ही पुछा मैडम.. इंट्रोडक्शन के लिए..

मैं – हाँ.. हाँ.. आप तो मुझे पढ़े-लिखे लगते हो..

लखन – हांजी.. मैंने B.A. किया है.. वो तो मजबूरी में रिक्शा चला रहा हूँ..

मैं – ओह!

लखन – आप क्या करती है? मतलब क्या पढ़ रही हैं?

मैं – अरे, जो कॉलेज था न.. जहा आप खड़े थे.. वह पढ़ती हूँ..

लखन – अरे.. याद आया.. मैंने आपको कई बार आते-जाते देखा है..

लखन थोड़ा पास आ गया.. मेरा दिल धड़कने लगा तेज़ी से.. एक तो दिमाग में पोर्न मूवी चल रही थी.. जिसे देखकर मैं ऊँगली कर रही थी.. ऊपर से टी-शर्ट में खड़ी निप्पल्स!!

लखन बड़ा ही हसमुख आदमी था.. मुझसे हाइट में कुछ छोटा था.. पतला सा.. करीब ४५-५० के आस-पास का आगे वाला.. थोड़ी दाढ़ी भी थी उसको.. दो तीन मिनट तक तो वो खुद ही बोलता रहा… मेरे मन में अब लंड घूम रहा था.. मोटा सा लंड.. अपनी चूत में लेने की इच्छा हो रही थी.. फिर मेरे दिमाग में आया की क्यों न मैं लखन की साथ ही कुछ शरारत करू…?

मैंने अपने दोनों हाथ कमर पर रख लिए और फिर एक हाथ से टी-शर्ट की बाहर की तरफ खींचा.. खींचते ही टी-शर्ट से चिपके हुए मेरे मोठे चुचे अलग हो गए.. लखन बड़े ध्यान से देख रहा था..

उसका मुंह मेरे ही तरफ था शुरू से..

मैं – अच्छा तो आप मुझे देखते क्यों थे?

लखन – अरे मैडम.. इतनी खूबसूरत हो तो नज़र तो टिकेगी ही.. मैं अकेला थोड़े ही हूँ.. आप के कॉलेज के लड़के हो तो….

मैं – तो क्या? बताओ…

लखन – वही तो.. इशारे से पूछते थे के अच्छा लगा…

मैं – ओह! ऐसा है क्या? अच्छा तो फिर आप क्या कहते थे?

लखन – सच ही कहा था मैडम…

मैं – क्या कहते थे?

मैंने अपने आँखें बड़ी की और सीधा लखन की आँखों में बड़े प्यार से देखा..

लखन – यही की बड़ा मज़ा आया..

मैं – हम्म…. देख के मज़ा आता है..

लखन – और नहीं तो क्या मैडम..

मैं – मैडम मत कहो प्लीज.. मेरा नाम इशिका है.. बड़ा अजीब लगता है अपने से बड़े लोगों से मैडम सुनना…

लखन – ठीक है ईशिकाजी..

मैं सोच रही थी.. मर्द बड़ा रेस्पेक्ट देते है जब तक लड़की पट नहीं जाती.. पर जब एक बार चोद लेते है तो रेस्पेक्ट को हमारी गांड में डाल देते हैं…

मुझे ये सोच कर हंसी आ गयी.. के अभी जब इसे चुत दे दूंगी तो फिर जी-वि सब गायब हो जायेगा…

लखन – क्या हुआ इशिकाजी..

मैं – यही सोच रही थी के आपको क्या मज़ा आता होगा..

लखन भी इशारे पकड़ रहा था अब..

लखन – आपको पता है क्या?

मैं – हाँ.. आजकल तो सब को पता होता है…

और मैं मुस्कुराकर अपनी छाती बाहर निकाल कर निचे देखने लगी.. मेरी चूचियां फिर गीली टी-शर्ट पर चिपक गयी थी.. लखन का लंड भी पैंट का शेप बिगाड़ रहा था अब..

मैं – आपकी शादी हो गयी होगी…

लखन – हाँ..

अब लखन की आँखें मेरे छाती पर टिकी थी.. और वो मुझसे एक हाथ की दूरी पर था..

मैं – फिर भी आप जवान लड़कियों को देख कर मज़े लेते हो?

लखन – जितनी टाइट होती है न.. उतना मज़ा आता है देखने में…

और इतना कहकर ही उसने अपना एक हाथ मेरे बाएं चुचे पर रख दिया और हॉर्न की तरह ज़ोर से दो-तीन बार दबा दिया..

मैं – आअह्ह्ह!!! ये क्या कर रहे हो आप?

लखन – ड्रामा तो खूब कर लेती हो इशिका.. बेवकूफ समझा है क्या? कब से लाइन दे रही हो तुम..

मैं – मैं तो नार्मल ही बात कर रही थी..

इतने कह मैंने उसे धक्का दिया.. मैं भी मज़े ले रही थी… ताकि मुझे रफ़ ट्रीट करे.. मुझे रफ़ ट्रीटमेंट पसंद है..

लखन – भोस्डीकी, नार्मल बातें.. सभी के लंड भी ले लेती होगी।

फिर तो वो मेरे ऊपर झपटा और मेरे चुचे को दोनों हांथों से पकड़ लिया कस के और भोंपू बजाने लगा.. फिर आटे की तरह गूंथने लगा.. मेरा हाथ उसके हांथों पर था.. मैं रेसिस्ट नहीं कर रही थी.. मेरी चुत अचानक ही उफन पड़ी और खूब सारा जूस बहने लगा.. मैं शाम के उजाले में खुले सड़क पर साइड में एक रिक्शावाले से अपने बोबे दबवा रही थी.. ये सोच कर मुझे और जोश आ गया.. अब मैं कराहने लगी..

मैं – स्स्स्सस्स्स्स……

लखन – हे..हे.. आया मज़ा तुझे.. आ गयी न तू लाइन पर..

ये कह कर उसने मेरे चुचो के बीच मुंह रगड़ दिया.. टी-शर्ट के ऊपर से ही…

लखन – पसंद आ रही है साली रंडी?

मैं – ओह! हाँ.. पर यहाँ कोई देख लेगा.. कहीं और चलो..

लखन – देख लेगा तो क्या? वैसे भी यहाँ कई रंडियां चुदती है.. कोई कुछ नहीं कहता..

मैं – अरे.. पर मैं रंडी थोड़े ही हूँ..

लखन – जो भी हो तू माल तो ग़दर है..

उसने मेरे टी-शर्ट को ऊपर किया और अपना मुंह जितना खोल पाता, खोला और मेरे राइट बोबे पर चिपका दिया.. और खूब ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा.. लग रहा था की आज तो दूध ही निकल जाएगा.. चूसते-चूसते उसने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ पर रख के उसे दबा दिए… खूब जानवरों की तरह मेरे चूतड़ मसल रहा था वो…

मैं – प्लीज, साइड में चलो.. मैं मना थोड़े ही कर रही हूँ.. जो चाहो.. कर लेना… पर उस झाडी के पीछे..

फिर लखन मुझे झाडी के पीछे ले गया.. मुझे पीछे से दबोच लिया.. उसका मोटा सा लंड मेरी चूत पर रगड़ रहा था.. उसने मेरी टी-शर्ट निकाल फेकी…

मैं – अरे.. क्या कर रहे हो..? मुझे जाना भी है कही.. गन्दा मत करो..

लखन मेरे बूब्स पर चींटी की तरह मुंह लगाकर चिपका हुआ था.. और ऐसे ही मैं टी-शर्ट उठाने लगी.. फिर बड़ी मुश्किल से टी-शर्ट उठाकर साइड में रखा.. अब मैं ऊपर से पूरी नंगी थी और मेरे एक बोबे को लखन चूस रहा था और एक लटक रहा था हवा में.. मुझे अंदाजा हो गया की ये बड़ा ठरकी है.. आज तो हज़ामत बनाकर ही दम लेगा.. मैंने सोचा जल्दी ख़त्म करते हैं.. मैंने झट से अपनी जीन्स के बटन खोल दिया और उतारकर साइड में रख दिया.. लखन खड़ा होकर ख़ुशी से देखने लगा..

लखन – अपनी ठुकाई की तैयारी खुद ही कर रही है..

मैं – तुम तो सारा दिन बोबे ही चूसते रहोगे…

इतने में मैंने झट से पैंटी उतारी और कुतिया बन गयी.. मुझे लगा लखन अपना लंड डालेगा पीछे से.. देसी आदमी वैसे भी सिर्फ चुदाई ही जानते है.. पर वो भूखे शेर की तरह मेरी चूत पर मुंह लगाकर जूस चूसने लगा.. मेरी चीख निकल गयी.. सुननेवाले ने बहूत दूर से सुन ली होगी.. ऐसे चीख थी..

मैं – क्या कर रहे हो…. खा जाओगे क्या?

लखन – इतनी सूंदर चूत है तेरी.. खाना तो पड़ेगा ही.. ऐसे चूत तो सिर्फ विलायती फिल्मो में देखी है..

मैं – तुम्हे पसंद आयी ?

लखन – दिखाता हूँ.. कितनी पसंद आयी..

उसने फिर एक थप्पड़ घुमाकर दिया मेरे चूत पर.. मैं एकदम से उछल गयी…

मैं – आह्ह!!! जानवर हो क्या?

लखन – शेर हूँ.. शेर!

मैं – शेर का तो लंड छोटा होता है.. बड़ा तो सिर्फ गधे का होता है..

और मैं हंस पड़ी.. लखन ने मुझे बाल पकड़कर उठाया.. शायद वो समझ चूका था की मुझे काबू करना आसान है और मैं ज़्यादा कहूँगी नहीं.. मुझे उसने घुटनो के बल बिठाया गीले पत्तों पर और अपना पैंट उतार दिया.. उसका लंड ज़्यादा बड़ा नहीं था पर उसके सेहत के हिसाब से काफी ज़्यादा मोटा था..

मैं – वाओ! ये तो काफी मोटा है.. शेर के लिये..

इतना बोलते ही उसने अपना लंड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया और ज़ोर-ज़ोर से चुत की तरह चोदने लगा.. लंड मेरे गले तक घुस रहा था और मुझे उबकाई आ रही थी.. पर वो चोदे जा रहा था.. उबकाई के वजह से चिपचिपा थूक निकल कर लंड पर लग गया.. जिससे की वो और चिकना हो गया और सर्र-सर्र मुंह में अंदर-बाहर होने लगा.. मैं मुंह साइड में करने की कोशिश कर रही थी पर उसने मुझे बालों से पकड़ा था कसकर.. पर आखिर में मुंह साइड में करने में कामयाब हो गयी मैं.. पर वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था..

मेरे गले की जगह वो मेरे गाल को अपने मोठे लंड से चोद रहा था.. गाल लग रहा था के फट ही जायेगा.. पर कम से कम, उबकाई तो नहीं आ रही थी अब.. उसने खूब मुंह चोदा ३-५ मिनट तक.. फिर जल्दी से मुझे मोड़ा और फिर से कुतिया बना दिया और ज़ोर से मेरी चूत में लंड दाल दिया..

Chudai kahani गोवा के बीच पर गर्लफ्रेंड के साथ की मस्ती

लखन – साली रांड! कितनो से चुदवा चुकी है? चूत तो खुली है तेरी पर टाइट है काफी..

मैं – आह्ह्ह्हह…. बस मेरे बॉयफ्रेंड ने चोदा है अब तक..

लखन – मेरा लंड कैसा लगा तुझे?

मैं – मज़ेदार… आअह्हह्ह्ह्ह… है काफी… काफी एक्सपीरियंस वाला लंड है तुम्हारा. पर थोड़ा.. और लम्बा होता तो गहरा उतर जाताआआआ…..

लखन – गहरे का क्या है.. अभी ये देख..

लखन ने मेरी चूतड़ पर थप्पड़ मारा और पूरी जान लगाकर अपनी कमर हिलाने लगा.. लग रहा था, लंड नहीं खंजर हो.. जो मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा है.. इतना मज़ा आ रहा था के क्या बताऊँ.. मैं वह पड़े-पड़े मज़े ले रही थी.. इतने में फ़ोन बज पड़ा…

पायल – कहा है तू इशिका?

मैं – आअह्ह्ह… यही… हु…..

पायल – बारिश तो कब की बंद हुई है.. कब आएगी?

मैं – अरे.. बससससस…. निकलल…. रही हूँ..

लखन – भोसड़ीकी, कौन है.. जो चुदाई में बाधा डाल रही है…

मैंने पीछे मुड़कर इशारा किया चुप होने का.. लखन मेरी पीठ से चिपक गया और मेरे ऊपर लगभग लेट ही गया और चोदने लगा..

पायल – अरे यार.. तेरे चक्कर में कब से कड़ी हूँ.. जल्दी आ अब तू…

मैं – बस.. पहुँच… रही… हु…. उईईईईई!!!!

पायल – ये तेरी आवाज़ को क्या हुआ?

लखन धीरे से मज़े लेते हुए कहने लगा… चुत पिलवा रही है तेरे रंडी सहेली..

मैं – उम्मम्मम्म… रोड… पर…. गधे…. हैं…. यार… काफी…… उईईई! रिक्शावाले! धीरे करो… ना…. उईईईईई.. माँ!!!!

पायल – गधी! कौनसे रस्ते से आ रही है तू? खैर.. जल्दी आ…

मैं – ओके!

मैं – फूउ…. बच गयी…

लखन अब खुद तेज़ झटके माँ रहा था.. उसने अपने दोनों हथेली मेरी पीठ पर राखी थी और धकाधक चोदे जा रहा था मेरी चूत पीछे से… उसके झटके बहुत तेज़ हो रहे थे… मैं समझ गयी, इसका माल निकलने वाला है.. मैं एकदम से आगे हुई और उसका मोटा लंड बाहर आ गया.. पर वो झटका मार रहा था इसलिए बाहर आते ही, लंड मेरी गांड के छेद में ज़ोर से लगा…

लखन – माँ की लौड़ी.. आनेवाला है.. क्या कर रही है?

मैं एकदम से घुटनो के बल बैठी और अपने दोनों बोबे में उसका लंड समेत कर ऊपर निचे करने लगी.. उसने मुझे धक्का दिया और मैं पत्तों पर पीठ के बल गिर गयी.. और वो मेरे ऊपर चढ़ गया एयर मेरे पेट पर बैठ कर अपना लंड मेरे बोबों के बीच फसाकर आगे-पीछे घिसने लगा.. थोड़ी देर में उसके मोटे लंड की पिचकारी मेरी गर्दन पर और बोबों पर बिखर गयी.. मैंने मज़े लेकर उसका माल ऊँगली से छाता.. वो मेरे ऊपर ही लेट गया और लिपट गया मुझसे..

मैं – ले लिए मज़े अब तो..

लखन – अभी कहाँ? अभी तो असली काम बाकी है..

मैं – वो क्या?

लखन – मैं तेरी मोटी गांड पर फ़िदा हूँ.. वो लेनी है..

मैं – ओह! नो!! नहीं.. प्लीज़ अभी नहीं.. अभी मुझे जाना पड़ेगा.. मैं बाद में मिलूंगी कभी तो.. तब वो भी कर लेना …

लखन – चल ठीक है.. कहाँ भागेगी अब तू तो मेरी रंडी है..

मैं – हां.. हां..

फिर मैं उठी और लखन ने अपना लंड चुसवाकर साफ़ करवाया.. फिर अपने आपको साफ़ किया लखन की चड्डी से और कपडे पहने.. फिर मैं बाहर आयी झाडी से तो देखा के रोड के दूसरी तरफ से एक ऑटो आ रहा था..

ऑटो में पायल बैठी थी और मुझे देख रही थी.. उसने ऑटो रुकवाया पर ऑटो कुछ आगे जाके रुका.. लखन पेशाब कर के मेरे पीछे से निकला और रिक्शा पर बैठ गया.. पायल उसे मेरे पीछे से निकलते नहीं देख पायी थी..

लखन – चलो मैडम…

मैं – ओह.. रुको.. मेरी दोस्त यहाँ है..

लखन – चलो.. तो फिर अपना नंबर तो बता दो..

मैंने उसका नंबर लिया और अपना नंबर उसे दे दिया.. और फिर रिक्शा में बैठ कर उसी साइड चल दी जहा से आयी थी.. वैसे भी लखन को बीएस वापस जाना था वहीँ.. आगे मैं ऑटो के पास उत्तरी और ऑटो में बैठने लगी..

पायल – अरे.. पैसे तो दे दे बेचारे को..

मैं सोच रही थी की चूत और मुंह तो दे ही दिया है.. पैसे भी दू ऊपर से..

लखन – अरे नहीं.. मैडम का खाता है मेरे साथ.. कोई बात नहीं.. बाद में ले लूंगा जब दिखेंगी..

पायल – ओके!

और हम दोनों चल दी..

पायल ने रास्ते में कहा – मुझे पता है किस खाते की बात हो रही है..

मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी.. के इसे कैसे पता?

फिर हॉस्टल पहुँचने पर उसने बताया की तुझे जो झटके लग रहे थे वो चुदाई के ही हो सकते थे क्योंकि तू तो पेड़ के नीचे थी जहा तूने कहा था.. मैंने आँख मारी और कहा की क्या करू.. करना पड़ता है चूत के लिए..

आशा है आप सबको ये सेक्सी स्टोरी पसंद आयी होगी।

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लागा चूत में दाग https://sexstories.one/laaga-choot-me-daag-desi-porn-kahani/ Sat, 30 Oct 2021 10:41:21 +0000 https://sexstories.one/?p=3206 मैंने उससे कहा खड़े खड़े अपने घुटनों तक झुको और वो झुकने लगी | मैं उसके पीछे ही खड़ा था और जब वो झुकी तो उसका पजामा नीचे हो गया और उसकी गांड की नाली दिखने लगी. मैं तो यही सोच के मचल पड़ा की इसने पैंटी नहीं पहनी ज्यादा कपड़े नहीं उतारने पड़ेंगे...

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Desi porn kahani हैलो, मेरा नाम आशीष सिंह है और मैं भुवनेश्वर में रहता हूँ | मेरी उम्र 34 साल है और मैं एक सेल्समेन होने के साथ साथ योगा भी सिखाता हूँ वो भी प्राइवेट में | दोस्तों योग के बहुत फायेदे है जैसे मुझे ही ले लो मैं 34 साल का हो गया हूँ लेकिन दिखता बिलकुल नहीं हूँ और मैं अपनी जितनी भी क्लाइंट से अपनी उम्र पूछता हूँ, तो वो ज्यादातर 26 या 27 ही बोलती है | वैसे मैं शादीशुदा हूँ लेकिन आपको तो पता है लडको का दिल कितना बड़ा होता है, वो कभी भी आने वाली चीज़ को न नहीं करते और जब बात लड़की और औरत की हो, तो हम तो बाहें फैलाये खड़े मिलते है | तो आप तो समझ ही गए होंगे कि मैं ठरकी हूँ लेकिन इतना भी नहीं क्यूंकि अभी कुछ दिन पहले ही मैंने दो लड़कियों को योग सिखाने के लिए मना किया है क्यूंकि वो बिलकुल भी माल नहीं थी | चलिए ये तो होगी मेरी तारीफ अब मैं आपको अपने कुछ अनुभव बताता हूँ |

पिछले साल 21 जून को योग का बहुत बड़ा समारोह हुआ जिसमें मुझे बुलाया गया योग करवाने के लिए और इसका आयोजन बड़े पैमाने पे हुआ था, तो लोग बहुत आये थे | मैंने अपना काम किया और चला गया लेकिन उसके बाद से मुझे योग सिखाने के ऑफर बहुत मिलने लगे | मैंने भी कुछ चुनिंदा लोगों को ही सीख दी, मेरा मतलब सैक्सी लड़कियों और औरतों से है | तो मैं सिर्फ ऐसे लोगों को सिखाता था जो मुझे पसंद आते थे और मैंने जितनों को सिखाया है उनमें से सिर्फ एक को छोड़ के बाकी सब को चोदा है | वो एक इसलिए बच गई थी क्यूंकि उसको सिखाने मैं उसके घर जाता था और घर में कोई न कोई होता ही था और वो मुझसे पट भी नहीं पाई थी | चलो उसको जाने दो मैं आपको बाकी सब के बारे में बताता हूँ | मुझे एक दिन कॉल आया और उसने अपना नाम दीपिका बताया और कहा मैं योग सीखना चाहती हूँ क्या आप मेरे घर आके सिखा सकते है ? तो मैंने एड्रेस लिया और उसके घर पहुँच गया | जब मैं उससे मिला तो मेरी आँखें फटी रह गई, वो बहुत ही सुन्दर औरत थी लेकिन थोड़ी सी मोटी थी | मैंने उसको दो महीने सिखाया और उसकी चर्बी थोड़ी कम हो गई और वो बहुत गज़ब की लगाने लगी |

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एक दिन जब मैं उसको योग करवा रहा था तभी उसका थोडा सा बैलेंस बिगड़ा और मैंने उसको पकड़ा तो मेरा हाँथ उसके दूध पर चला गया और मैंने उसके दूध दबा दिए | मुझे बिलकुल भी अजीब सा नहीं लगा लेकिन वो शर्मा गई, तो मैंने उसको दूसरा आसन करवाया और उसकी गांड पे अपना अपना लंड दबाने लगा | मेरा इतना सब करने के बाद भी वो कुछ नहीं बोल रही थी और बस शर्मा रही थी, तो मैं समझ गया और उसको बाहों में पकड़ के कहा बस बहुत हो गया योग और उसको किस करने को किया, तो उसने नहीं किया | तो मैंने पूछा क्या हुआ मैं तुम्हें पसंद नहीं हूँ क्या ? तो उसने कहा ऐसा नहीं है मेरा पति है और बच्चे भी | तो मैंने कहा वो तो मेरे भी है, तो उसने कहा लेकिन, तो मैंने उसके होंठों पे ऊँगली रख दी और कहा किसी को कुछ पता नहीं चलेगा और फिर उसको किस किया तो वो भी शुरू हो गई | फिर किस करते हुए मैंने उसकी लैगी में हाँथ डाला और उसकी गांड दबाने लगा | फिर मैंने उसकी लैगी उतार दी और उसकी चूत चाटने लगा | मैंने उसकी चूत चाटी और उसके बाद अपना पजामा उतार के उसको लंड चुसना शुरू कर दिया |

वो मज़े से हिला हिला के मेरा लंड चूसने लगी और चूसने के बाद कहा ये मेरे पति से बड़ा और मोटा है डाल दो इसको और घोड़ी बन के खड़ी हो गई | मैंने भी लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और अन्दर डाल दिया और उसकी गांड पकड़ के उसको चोदना शुरू कर दिया | मैं उसकी चूत मार रहा था और वो अह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आया ह्ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआ आआअ कर रही थी | मैंने थोड़ी देर तक उसकी चूत मारी और उसके बाद वो घुटनों पर बैठ गई और मेरा लंड अपने दूध के बीच में दबा के हिलाने लगी | किसी ने पहली बार अपने दूध के बीच में दबा के मेरा लंड हिलाया था और सच में इसमें बहुत आनंद आता है | फिर उसने लंड मुंह में डाल के चूसना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद मेरा मुट्ठ उसके मुँह में ही निकल गया | उसके बाद जब भी मैं उसको सिखाने जाता था और घर पर कोई नहीं होता था तो हम योग के बजाए चुदाई ही किया करते थे |

ये तो हो गई एक की कहानी मैं आपको एक और सुनाता हूँ | एक दिन जब मैं दीपिका के घर गया तो उस दिन उसकी सहेली रूपाली भी उसके घर आई हुई थी, तो हम तीनो ने साथ बैठके बातें की और उसने कहा आप मुझे भी सिखा दीजिये योगा मेरे घर आके | जब उसने ये कहा तो दीपिका ने मेरी तरफ देखा और ऐसी नज़र से देखा जैसे वो समझ गई हो की मैं इसको भी चोदूंगा | वो दिखने में दीपिका से ज्यादा अच्छो ती नहीं थी लेकिन उसका फिगर कातिलाना था और जितनी भी औरतों को मैंने चोदा है उनमें से सबसे ज्यादा टाइट चूत इसी की थी | तो मैंने रूपाली के घर जाकर उसको योगा कराना शुरू कर दिया | एक जब मैं उसको योगा करा रहा था तो मैंने उससे कहा खड़े खड़े अपने घुटनों तक झुको और वो झुकने लगी | मैं उसके पीछे ही खड़ा था और जब वो झुकी तो उसका पजामा नीचे हो गया और उसकी गांड की नाली दिखने लगी | मैं तो यही सोच के मचल पड़ा की इसने पैंटी नहीं पहनी ज्यादा कपड़े नहीं उतारने पड़ेंगे | तो मैंने उससे कहा फिर से झुको और जब वो झुकी तो मैंने पीछे से उसकी गांड पकड़ ली |

वो जल्दी से उठी और आगे हो गई और मुड़कर मुझसे पूछा ये क्या कर रहे हो ? तो मैंने कहा बस तुम्हारी मदद | तो उसने कहा ये कैसी मदद कर रहे हो मैं सब समझती हूँ, तो मैंने कहा ऐसा कुछ नहीं है तुम गलत समझ रही हो | तो उसने कहा अच्छा रुक जाओ और उसने आके मेरा लंड और गोटियाँ दबा दी | मुझे थोडा दर्द हुआ लेकिन जब उसने उसे पकड़ा वो एहसास ही मज़ेदार था | तो मैंने जवाब में उसके दूध दबा दिए और उसके बाद हमने एक दूसरे को देखा और किस करने लगे | हम दोनों चिपक चिपक के किस कर रहे थे और मैं उसको पकड़ा हुआ था और वो मेरे पजामे में हाँथ डालके मेरा लंड सहला रही थी | उसके बाद उसने मेरा पजामा उतारा और मेरा लंड पकड़ के कहा सही कहा था दीपिका ने बड़ा है इसका, मज़ा आयेगा आज और इतना कहकर लंड चूसने लग गई | उसने पहले मेरे लंड के टोपे पे जीभ फिराई और ऊपर से नीचे तक चाटा और उसके बाद चूसना शुरू किया | मुझे लंड चुस्वाने में बड़ा मज़ा आ रहा था इसलिए में आखें बंद करके खड़ा हुआ था और इसका आनंद ले रहा था | उसने थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसा और फिर वो रुक गई |

मैंने उसको खड़ा किया और उसका टॉप उतारा और उसकी ब्रा भी फिर उसके दूध दबाते हुए चूसने लगा | मैंने उसके निप्पल चूसे और दूध जमकर दबाए और उसके दूध से जो दूध निकला उसे पिया भी | उसके बाद मैंने उसका पजामा उतारा और उसके बाद मैंने उससे पूछा अच्छा तुमने पैंटी क्यों नहीं पहनी ? तो उसने कहा मुझे पता था आज हमें ये करना है इसलिए | उसके बाद वो वहीँ ज़मीन पे बिछी गद्द्दी पे लेट गई और मैंने उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया | उसकी चूत बिलकुल चिकनी थी जैसे आज सुबह ही  बाल बनाये हो | मैंने थोड़ी देर तक उसकी चूत चाटी और उसके बाद उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूत में लंड डाल के उसको चोदने लगा | मैं उसको झटके मार रहा था और वो अह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आया ह्ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआ आआअ कर रही थी लेकिन इस तरह मैं उसे ठीक से नहीं चोद पा रहा था, तो मैंने उसको घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाल के उसको चोदने लगा | वो अह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह आआ आया ह्ह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह आआ आआअ करती रही और थोड़ी देर के बाद मेरा मुट्ठ निकल गया और मैंने उसके दूध के ऊपर गिरा दिया | उसके बाद उसने मेरा लंड चूसके उसे साफ़ किया और फिर हमने कपड़े पहने और मैं चला गया |

फिर उसके बाद जब भी मैं उसको घर जाता था तो चुदाई ज़रूर करता था और उसी एक छोटी बहन भी थी बाकी आप समझदार हैं |

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रंडी बहन की सामूहिक चुदाई https://sexstories.one/randi-bahan-ki-samuhik-chudai/ Wed, 21 Jul 2021 03:25:53 +0000 https://sexstories.one/?p=3960 हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राजीव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. में एक सीधा साधा सा दिखने वाला लड़का हूँ.. मुझे सेक्स का बहुत शौक है और में जब भी अपनी सभी कामों ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राजीव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. में एक सीधा साधा सा दिखने वाला लड़का हूँ.. मुझे सेक्स का बहुत शौक है और में जब भी अपनी सभी कामों से फ्री होता हूँ तो में वेबसाईट पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ.. जिसको में आप सभी को सुनाने की बहुत समय से सोच रहा था.. लेकिन मुझे अब लिखने का समय मिला और अब में थोड़ा अपने परिवार का परिचय आप सभी से करा देता हूँ.

दोस्तों मेरे घर में मेरी मम्मी में और मेरी बड़ी दीदी रहती है.. मेरी उम्र 22 साल है और मेरी दीदी की उम्र 26 साल है. में एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और काम के लिए सुबह जल्दी घर से निकल जाता हूँ.. मेरा पापा का अपना एक बिजनेस है और अब कुछ समय पहले पापा की म्रत्यु होने के बाद में खुद उसे चला रहा हूँ. तो में हर सुबह घर से 9 बजे निकल जाता हूँ और घर पर 11 बजे तक आ जाता हूँ और मेरी मम्मी की बहन (मतलब मेरी मौसी) हमसे एक घंटे की दूरी पर रहती है.

तो घर पर अकेले होने के कारण मम्मी ज़्यादातर मौसी के घर चली जाती है.. लेकिन मेरी बहन घर पर पूरा दिन एकदम अकेली रहती है. मेरी बहन का नाम सलोनी है और वो थोड़ा सावले रंग की है.. लेकिन उसकी कमर, फिगर बहुत मस्त है और वो एक बहुत सुंदर दिखने वाली लड़की है. उसके पीछे बहुत लड़के पड़ते है और वो भी उन लड़कों से मोबाइल पर घंटों बात करती रहती है.. लेकिन मैंने कभी भी उनसे उस बारें में कुछ नहीं कहा.

एक दिन में सुबह उठकर अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हुआ और फिर मम्मी ने कहा कि आज वो अपनी बहन के घर पर जाएगी और में तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल पड़ा. तो मैंने वहां पर पहुंच कर देखा कि ऑफीस में कुछ ज़्यादा काम नहीं था इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना आज में घर जल्दी चला जाऊँ और कोई अच्छी फिल्म देख लूँ. तो में जल्दी घर के लिए निकल पड़ा और घर के दरवाजे की एक चाबी मेरे पास भी थी.

तो में घर पर आया और वो दोपहर का टाईम था.. तो मैंने सोचा कि शायद दीदी सो रही होगी में उसे नींद से उठाकर परेशान नहीं करूँगा और फिर मैंने धीरे से दरवाजा खोला और घर के अंदर घुसते ही मुझे कुछ अजीब आवाजें आने लगी.. तो मैंने सोचा कि शायद दीदी बेडरूम में टीवी देख रही होगी और हो सकता है कि यह उसी की आवाज हो?

मैंने उस आवाज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और में अपने कमरे में पहुंचकर कपड़े बदले लगा और फिर में कपड़े बदल कर अचानक से अपनी दीदी के बेडरूम में चला गया.. लेकिन दीदी के बेडरूम का वो नज़ारा देखकर मेरी आखें खुली की खुली रह गयी. मैंने वहां पर देखा कि मेरी दीदी अपने बेड पर पड़ी हुई है और उन्होंने अपने दोनों पैरों को फैलाया हुआ है और वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थी.

तो यह सब देखकर मेरा लंड बहुत बुरी तरह से तनकर खड़ा हो गया और मेरे पूरे शरीर में एकदम जोश आ गया और में दरवाज़े के कोने से उन्हें देख रहा था और अपने लंड को सहला रहा था और अब कुछ देर बाद मैंने अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया.

फिर कुछ मिनट बाद उन्होंने अपनी स्पीड बड़ा दी और फिर वो झड़ गई और एकदम शांत होकर बेड पर पड़ी रही और उनकी चूत से रस बहता हुआ बाहर आने लगा. दोस्तों उन्हे इस हालत में यह सब करता हुआ देखकर एक बार तो मैंने सोचा कि में अभी जाकर अपनी दीदी को जबरदस्ती पकड़कर चोद डालूं..

लेकिन उस वक्त मैंने अपनी भावनाओ को काबू में रखा और उस पल को हमेशा याद रखने के लिए मैंने उसका वीडियो बना लिया और अब में हर रात को सोते समय उस वीडियो को देखकर अपना लंड हिलाता हूँ और मुठ मारकर अपने लंड को शांत करता हूँ. दोस्तों जब से मैंने अपनी दीदी को उस हालत में वो सब करते हुए देखा है..

तब से में उसे चोदने की तरकीब ढूँडने लगा और मैंने कई बार अपनी मम्मी की गैर हाज़री में दीदी को अपनी तरफ कई बार आकर्षित करने की कोशिश की.. दोस्तों में कभी कभी अंडरवियर में अपना लंड खड़ा करके दीदी के पास खड़ा हो जाता.. लेकिन उससे कुछ खास काम नहीं बना.

फिर एक दिन मेरी मम्मी फिर से अपनी बहन के घर जाने वाली थी और उस दिन मैंने ऑफिस से घर पर जल्दी आने का प्लान बनाया और फिर में उस दिन की तरह घर पर जल्दी आ गया. तो जब में अपनी बिल्डिंग में लिफ्ट की तरफ जा रहा था.. तब मेरी सोसाइटी के एक बच्चे ने मुझसे बोला कि यह लिफ्ट खराब है और वॉचमेन उसे ठीक करने के लिए छत पर गया हुआ है.

दोस्तों हमारा घर आखरी मंजिल पर है और बिल्डिंग एकदम नई थी.. इसलिए बहुत कम लोग ही लोग उसमे रहने आए थे. फिर में सीड़ियों पर चलता हुआ अपने घर पर पहुंच गया और मैंने वहां पर पहुंच कर बहुत धीरे से घर का दरवाज़ा खोला और अंदर घुसते ही मुझे उस दिन की तरह वही आवाज़ आ रही थी.

तो मैंने सोचा कि शायद दीदी आज फिर से अपनी चूत में उंगली डाल रही है? तभी मैंने एक नाटक करने के बारे में सोचा और मैंने अपने कपड़े खोले और पूरा नंगा होकर अपनी बहन के बेडरूम में अंजाने में जाने का प्लान बनाया और फिर में वैसे ही चला गया. तो आज जब में कमरे के अंदर गया तो नज़ारा और भी चौंकाने वाला था.

दोस्तों मेरी रंडी बहन अपने दोनों पैरों को फैलाए हुए बेड पर पड़ी हुई थी और वो वॉचमेन नीचे जमीन पर खड़ा हुआ अपना लंड मेरी रंडी बहन की चूत में डालकर ज़ोर ज़ोर से धक्के दे रहा था और यह सब देखकर मेरा लंड तो एकदम खड़ा हो गया.. लेकिन अब मुझे बहुत गुस्सा भी आ रहा था कि वो वॉचमेन मेरी बहन की चूत मारकर जा सकता है और अब तक में कुछ नहीं कर पाया.

फिर मेरी बहन की चूत में वॉचमेन करीब एक घंटे तक लंड डालता रहा.. वो उनकी चूत पर ताबड़तोड़ धक्के दे रहा था और वो नीचे पड़ी पड़ी सिसकियाँ ले रही थी. तभी अचानक से उसने अपनी स्पीड और बड़ा दी और कुछ धक्को के बाद उसने अपना वीर्य मेरी बहन की चूत में डाल दिया और वो सब चुदाई के द्रश्य मैंने अपने मोबाईल में रिकॉर्ड कर लिए थे.

फिर में कमरे से बाहर आकर अपने कपड़े पहनकर जल्दी से घर के बाहर चला गया और जब वॉचमेन मेरे घर से बाहर निकल गया.. तब मैंने अपने घर की घंटी बजाई और मेरी दीदी ने दरवाज़ा खोला और वो मुझे देखकर एकदम चकित हो गई.. लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और में भी उसे देखकर समझ गया कि यह अपनी चुदाई से बहुत थक चुकी है.. वो उसके चेहरे से झलक रहा था.. उसके बिखरे हुए बाल और चेहरे का उड़ा हुआ रंग साफ साफ बता रहा था कि वो अभी अभी चुदकर आ रही है

फिर वो मेरे आगे आगे अपनी गांड मटकाती हुई चलने लगी और में उसके पीछे पीछे उसकी गांड को देखता हुआ अंदर चला आया. फिर मैंने थोड़ा नाश्ता किया और हॉल में दीदी और में साथ बैठकर फिल्म देखने लगे और मैंने सोच ही लिया था कि आज इस साली रंडी को में किसी भी हालत में जरुर चोदूंगा.

में टीवी देखते हुए एकदम से उठा और अपने बेडरूम में चला गया और कुछ देर के बाद सिर्फ़ अंडरवियर और बनियान में बाहर आया. फिर मैंने अपनी दीदी के थोड़ा पास आकर कहा कि मेरे पास एक बहुत अच्छी नयी फिल्म आई है और अब हम उसे देखेंगे तो उसने हाँ कर दिया.. लेकिन उसकी नजर मेरे खड़े हुये लंड पर थी और मेरी उसके बड़े बड़े बूब्स पर.. जो मुझे अपनी और आकर्षित कर रहे थे. तो मैंने फिल्म शुरू की.. पहले तो फिल्म ठीक ठाक चल रही थी.. लेकिन थोड़ी देर बाद उसमे गंदे गंदे सीन चालू हो गये और फिर धीरे धीरे उसमे चुदाई वाले सीन चालू हो गए.

मेरी बहन एकदम उठकर खड़ी हुई और वो बनावटी गुस्से में मुझसे बोली कि यह क्या बदतमीजी है? यह तुम मुझे क्या दिखा रहे हो.. में तुम्हारी बड़ी बहन हूँ और में यह सब गंदी चीज़े नहीं देखती और अभी के अभी यह सब बंद करो. फिर में उठकर खड़ा हुआ और मैंने सबसे पहले उसे अपनी चूत में उंगली डालने वाली वीडियो दिखाई.. वो उसे देखकर एकदम भड़क गयी और उसने मुझे एक जोरदार थप्पड़ लगा दिया और कहा कि तुम भी तो बाथरूम में जाकर अपना लंड हिलाते हो.. तुमने मेरा ऐसा वीडियो क्यों लिया?

और हिलाते तो सब ही है और हाँ, में भी कभी कभी चूत में ऊँगली करती हूँ.. लेकिन मैंने कभी किसी के साथ सेक्स किया नहीं है. तो मैंने फिर उसे वॉचमेन से उसकी चुदाई वाली वो वीडियो दिखाई और फिर पूछा कि अब बोल साली रंडी तब तो पैर फैलाकर बड़े मज़े से लंड ले रही थी और जब मैंने कुछ सेक्स वाली फिल्म दिखाई तो मेरे ऊपर भड़क गयी? तो वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और मेरे पैरों पर गिर पड़ी और वो मुझसे माफ़ी मांगने लगी.. बोली कि प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.. मैंने बहुत बड़ी ग़लती कर दी.

(TBC)…

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चुद गए रे भाई आ के तेरे मोहल्ले https://sexstories.one/hotel-ke-kamre-me-chudai/ Tue, 11 May 2021 02:27:50 +0000 https://sexstories.one/?p=3533 नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सभी ? मैं आशा करती हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे | मेरा नाम शकुंतला है और मैं निवादगंज में रहती हूँ | मेरी उम्र 24 साल है और मैं ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सभी ? मैं आशा करती हूँ कि आप सभी अच्छे होंगे | मेरा नाम शकुंतला है और मैं निवादगंज में रहती हूँ | मेरी उम्र 24 साल है और मैं एक प्राइवेट जॉब करती हूँ | मैं दिखने में सांवली हूँ और मेरा फिगर सेक्सी है और मैं दिखती भी हॉट हूँ | दोस्तों आज जो मैं आप लोगो के सामने अपनी कहानी पेश करने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मैं उम्मीद करती हूँ कि आप सभी को मेरी ये कहानी (Hotel me meri chudai) पसंद आयगी | तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय ना लेते हुए सीधा अपनी कहानी शरू करती हूँ |

मैं प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हूँ तो मुझे मीटिंग्स में कई बार यहाँ वहां जाना पड़ता है | मैं कई बार लंड ले चुकी हूँ और मुझे चुदाई बहुत पसंद है | मेरा बस चले तो मैं हर दम चुद्वाती रहू | मुझे कई बार अपने बॉस और किसी न किसी से चुदवाने का अवसर मिलता रहा है | एक बार की बात है मुझे ऑफिस के काम से मुंबई जाना पड़ा | वहां होटल में रुकना था | सारी व्यवस्थाये कंपनी वालो ने ही कर के दिए थे |

Hotel me chudai ki sexy kahaniya

मुझे लगभग एक हफ्ते वहां रुकना था | वहां पर एक रूम सर्विस वाला था उसका नाम कालू था और वो काला भी बहुत था | पर उसकी कदकाठी ऐसी थी कि कोई लड़की उसके नीचे आ जाये तो उसकी गांड ही फट जायगी | वो वैसे नेचर से बहुत ही अच्छा था | एक बार मैं नहा कर निकली और अपने बदन को एक गीली टॉवल से ढाँका हुआ था | मेरी चाय पीने की बहुत इच्छा थी तो मैंने बेल बजाई और कालू जल्द ही आ गया | मैंने जब दरवाजा खोला तो वो मुझे बड़ी बड़ी आँखों से घूरने लगा | वो मेरे शरीर को बहुत अच्छे टोल मटोल रहा था | वो कभी मेरे दूध के उभारो को देखता तो कभी नंगी टांगो को |

फिर मैंने उससे कहा कालू मुझे चाय पीने का मन कर रहा है मस्त अदरक वाली चाय ला कर देना | उसने ओके मैडम कह कर चला गया | मैं फिर रेडी हुई और अच्छे से सज संवर गई | वो करीब 15 मिनट बाद आया और मुझे चाय दे कर कहा कि मैडम आप बहुत सुन्दर लग रहे हो | तो मैंने भी उसको थैंक यू कहा | उसके बाद वो चला गया | एक दिन रात में मुझे कालू का सपना आया कि वो मुझे चोद रहा है और मैं भी उससे चुदाई के मजे ले रही हूँ | फिर मेरी नींद खुल गई और मैंने एक बार अपनी चूत का पानी निकाल कर सो गई |

अब मेरा नजरिया कालू के प्रति बदल गया और मैं सोचने लगी कि कालू को किस तरह पटाऊ कि वो मुझे चोद दे | मैं प्लान बनाने लगी | मैंने शाम के समय ऑफिस से आने के बाद एक सेक्सी सा गाउन पहने हुयी थी जो की मेरे घुटनों तक थी | मैंने बेल बजाई और कालू तुरंत ही आ गया | मैंने दरवाजा खोला और तुरंत ही जा कर कालू की बांहों में गिर गई | कालू ने मुझे सँभालते कहा आराम से मैडम जी |

मैंने कहा कालू मुझे जल्दी से बिस्तर पर ले चलो पैर में मोच आ गई है शायद | उसने मुझे तुरंत अपनी गोद में उठाया और बिस्तर पर लेटा दिया | मैंने कहा कालू प्लीज कुछ करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है | मैं नाटक कर रही थी और कालू को लग रहा था कि सच में मेरे पैरो में मोच आई है | कालू जल्दी से मेरे बैग से तेल निकाला जो कि मैंने उससे निकालने के लिए कहा था | वो मेरे पैर को आयल से मालिश करने लगा जिससे मेरे बदन में एक सिहरन से दौड़ गई | दोस्तों आप लोग ये कहानी हिंदीसेक्सकहानियां डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं|

Waiter ne ki meri Hotel me chudai

मैं देख रही थी कि कालू बहुँत ही परेशान हो कर मेरे पैर की मालिश कर रहा था | फिर मैंने कालू से पूछा की कालू तुम कहाँ के रहने वाले हो ? तो उसने बताया कि मैडम में गाँव में रहता हूँ | फिर हम दोनों ऐसे ही बात करने लगे तो मैंने कालू से कहा कि कालू मुझे तुम्हारी एक मदद चाहिए है | उसने कहा हाँ मैडम कहिये न मैं जरुर करूँगा आपकी मदद | तो मैंने कालू से सीधा कह दिया कि कालू मुझे तुम्हारा लंड चाहिए |

मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ | मुझे कुछ नहीं हुआ है मेरा पैर एक दम सही है | मैं नाटक कर रही थी | ये सुन कर कालू मुझे हवस भरी निगांहो से देखने लगा | मैं तुरंत उठ कर कालू की बांहों में समां गई और उसके होंठ में अपने होंठ रख कर किस करने लगी | वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे होंठ को चूसने लगा |

हम दोनों ने करीब 15 मिनट टक खूब किये और उसके बाद उसने मेरे गाउन को उतार दिया और ब्रा के ऊपर से ही मेरे मम्मो को मसलने लगा तो मेरे मुंह से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह की सिस्कारिया निकलने लगी |

फिर उसने ब्रा को उतार दिया और मेरे दूध को अपने मुंह में ले कर चूसने लगा तो मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए उसके पेंट के उपर ही उसके लंड को मसलने लगी |

Kaale mote lund se meri Hotel me Chudai

फिर उसने मेरी पेंटी को उतार दिया और मेरी चूत पर अपनी जीभ रगड़ कर चाटने लगा तो मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए मदहोश होने लगी |

वो मेरी चूत को चाटते हुए चूत के दाने को भी चूस रहा था होंठ में दबा कर और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए उसके मुंह को अपनी चूत पर दबाने लगी | उसके बाद मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दी और अंडरवियर उतार कर पूरा नंगा कर दी |

मैंने जब उसके मूसंड लंड को देखा तो मुझसे रहा नहीं गया और मैं झट से उसके लंड को अपने हाँथ में ले कर जीभ से चाटने लगी तो वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए सिस्कारिया भरने लगा |

Hotel me meri gaand chudai bhi hui

फिर मैंने उसके लंड को अपने मुंह में डाल लिया और चूसने लगी तो वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए मेरे मुंह को चोदने लगा |

मैं जोर जोर से उसके लंड को अपने मुंह के अन्दर बाहर करते हुए चूस रही थी और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए मजे ले रहा था | फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत पे टिकाया और अन्दर डाल कर चोदने लगा |

मैं भी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए सातवे असमान की सैर करने लगी |

Sex kahani padhiye –বাসর রাতেই জামাই রেপ করলো

फिर उसने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दिया और जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदने लगा तो मैं भी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहह करते हुए अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई में उसका साथ देने लगी |

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद उसने अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया | फिर हम दोनों ने एक बार और चुदाई किये |

मैं जब तक मुंबई में रही उससे अपनी चूत चुद्वाती रही |

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Pati Ne Chudva Ke Pyas Bujayi https://sexstories.one/meri-chodayi-ki-kahani/ Sat, 13 Feb 2021 11:20:15 +0000 https://sexstories.one/pati-ne-chudva-ke-pyas-bujayi-xxx-storiez/ मैंने अपने पति को बोली थी की यह आदमी कभी कभी मुझे टच करता हैं. तो पति बोले की उसको मजाक करने की आदत हैं डार्लिंग. मैंने भी सोचा की चलो मैंने अपनी तरफ से ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मैंने अपने पति को बोली थी की यह आदमी कभी कभी मुझे टच करता हैं. तो पति बोले की उसको मजाक करने की आदत हैं डार्लिंग. मैंने भी सोचा की चलो मैंने अपनी तरफ से बता दिया पति को. एक दिन हम दोनों होटल में खाने के लिए गए थे की राजेश वहाँ आ गया. वो मेरे पति के बगल इ बैठ गया. chodayi ki kahani

मेरे पति के बगल में बैठे हुए भी उसने अपनी हरकतें चालू रखी. chodayi ki kahani

उसका लेग मेरे लेग को टच कर रहा था. वो मुझे सहला रहा था पाँव की साइड में. मैं क्या करती अब इसका. और फिर इस हरामी ने हिम्मत कर के मेरी जांघ के ऊपर अपना हाथ रख दिया. मेरे पति बगल में ही थे उसके और वो बिना कोई डर रखे मेरी जांघ को सहला रहा था.

Chudai ke nashe me main choor thi!

मैंने उसका हाथ पकड के हटा दिया. लेकिन उसने तो मेरा हाथ पकड के अपने लंड पर ही धर दिया. राजेश का लंड टाईट हुआ था जो मेरे हाथ से टच होते ही मुझे पता चल गया. साले ने मेरी मुठ्ठी में लंड पकडवा दिया. साले का लंड कितना तगड़ा, मोटा और गरम था. मेरे पति का लंड तो इस से आधा भी नहीं था.

सच कहूँ तो मुझे भी गुदगुदी हो रही थी. उसके हाथ वापस मेरी जांघ पर थे. मैंने इशारे कर के उसे यह सब करने से मना कर रही थी, जबकि उसका लोडा अभी भी मेरे हाथ में ही था. उसने मेरे पति को बातों में उलझाया हुआ था, उन्हें तो पता ही नहीं की टेबल के निचे क्या हो रहा हैं. अब राजेश ने मेरी साड़ी को ऊपर किया और हाथ अन्दर डाला. साले ने मेरी चूत के ऊपर हाथ रख दिया और अपनी पेंट की ज़िप खोल के लंड को सीधे मेरे हाथ में पकडवा दिया. मैं उसके लंड को दबा रही थी और उसने मेरी चूत में ऊँगली डाल दी थी. मेरे बदन में कम्पन हो रहे थे और वो चूत को गरम करता जा रहा था.

जब खड़े होने का वक्ता आया तो उसने अपनी ज़िप बंध की और मैंने भी किसी की नजर ना पड़े वैसे साडी को ठीक किया.

जब हम उठे तो राजेश ने मेरे पति से कहा, अरे यार तुमने बॉस के पास से वो फ़ाइल ले ली थी?

मेरे पति ने कहा, कौन सी? chodayi ki kahani

राजेश ने कहा, वर्मा बिल्डर वाली?

मेरे पति ने कहा, नहीं यार, बॉस ने कहा था क्या?

राजेश ने कहा, हाँ यार, वैसे वो फ़ाइल अभी सिंह के पास हैं. वहाँ से ले लेना, कल शायद बॉस मांगे.

मेरे पति ने कहा, लेकिन फ़ाइल एक दिन में थोड़ी हो जायेगी.

राजेश ने कहा, तू एक काम कर फ़ाइल ले के आजा सिंह से. मैं भाभी जी को घर छोड़ देता हूँ.

Chodayi ki meri katha padhiye!

मेरे पति ने कहा, साला सिंह तो दिल्ली के दुसरे कौने में रहता हैं मुझे वापस आने में देर हो जाएगी.

राजेश ने कहा, तू घबरा मत मैं भाभी के पास बैठता हूँ. chodayi ki kahani

मेरे पति ने अपनी बाइक चालू की और मुझे कहा मैं थोड़ी देर में आता हूँ. राजेश ने अपनी बाइक निकाली और बोला, आ जाओ भाभी.

मैंने उसके पीछे बैठी और उसने बाइक मेरे घर की और भगाई. रस्ते में उसने मेरा हाथ ले के अपने लंड पर रखवा दिया और बोला, हिलाओ मेरा लंड भाभी जी. इतना कह के वो हंसा और मैं उसके लंड को दबाने लगी थी. उसका मोटा लंड दबाते हुए मुझे कोई देख नहीं सकता था क्यूंकि मैंने स्वेटर के अन्दर से हाथ लंड पर रखा था. और वैसे भी अँधेरा ही था रस्ते पर.

घर पहुँचते ही राजेश ने मुझे दरवाजे के पास में ही ले दबोचा. वो मुझे किस करने लगा था. उसके मुहं से भी पति के मुहं जैसी तम्बाकू की स्मेल आ रही थी. उसके हाथ मेरे मम्मो पर थे और उसका लंड मेरे हाथ में ही था. फिर उसने मुझे दिवार के साथ सटा के खड़ा किया और साडी के ऊपर से ही गांड के ऊपर लोडे को रगड़ने लगा. उसका लंड बहुत ही गरम था और मोटा भी. मेरी तो हालत ख़राब हो रही थी. उसने अब मेरी साडी को खोला और मुझे एक मिनिट में पूरा नंगा कर दिया. फिर वो खुद भी पतलून खोल के खड़ा हुआ और बोला, भाभी जी लंड नहीं चुसोगी मेरा?

Free sex Kahani – Bengali Model nude.

मैं उसके सामने अपने घुटनों पर बैठी और लोडे को मुहं में भर के चूसने लगी. उसका लंड आधा भी नहीं लिया जा रहा था मेरे से मुहं में. ऊपर से उसने मेरे बाल पकडे हुए थे और वो मुझे लंड पूरा चुस्वाने के फिराक में ही था. उसके लंड से बदबू भी आ रही थी, शायद वो पेंट में ही मुठ मरता था.

२ मिनिट्स और लंड चूसने के बाद मैंने कहा, अब नहीं चूसा जा रहा मेरे से. chodayi ki kahani

राजेश ने मुझे खड़ा किया और मेरे बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा. मुझे मम्मो में दर्द होने लगा था क्यूंकि वो बड़े ही प्रेशर से दबा रहा था उन्हें. इधर उसका लंड पूरा खड़ा था और उसके अन्दर कम्पन भी हो रहे थे. अब उसके मुझे वही दिवार के साथ घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी चूत पर थूंक लगाने लगा. उसने अपने सुपाडे पर भी थोडा थूंक लगाया और बोला, चलो आज तुम्हे लोडे की असली गर्मी दिखाता हूँ.

और फिर उसने मेरी चूत के अन्दर एक ही झटके में अपना आधा लंड पेल दिया. मैं तो रोने ही वाली थी. उसके मेरे बूब्स पर थे जिन्हें वो पके आम की तरह गुंद रहा था जैसे की उनका ज्यूस निकालना हो. फिर उसने एक और झटका दिया और मेरे मुहं से आह निकल पड़ी. लेकिन राजेश को उस से कोई फर्क नहीं पड़ा. वो अपनी गांड को हिला रहा था और उसका लंड मेरी चूत की दीवारों को दर्द दे रहा था. साले का लंड इतना लम्बा था की मुझे लगता था की पेट तक पहुँचता हैं वो. और वो जोर जोर से झटके मार मार के मेरी चूत को ठोक रहा था. मैं सिसकियाँ ले रही थी और अपनी गांड को हिला रही थी. इतने बड़े लोडे से चुदवाने में मुझे भी मजा आ रहा था.

Mota lund mujhe pasand hai!

अब उसने मेरे बूब्स को छोड़ दिया और मेरी गांड पर दोनों हाथ रख दिए. वो मेरी गांड को पकड के आगे पीछे कर रहा था और लंड का सारा आक्रोश मेरी चूत को दे रहा था.

राजेश बोला, तेरा पति सच कहता हैं की तेरी चूत में बहुत गर्मी हैं….!

मैंने चौंक के कहा, क्या? chodayi ki kahani

राजेश हंस के बोला, हाँ उस हरामी ने ही मुझे कहा था की मेरी बीवी को चोदना हैं तो मैं सेटिंग करवाता हूँ. मुझे पता हैं की तुमने मेरी शिकायत की थी उस से. तुम्हे उस दिन ही समझ लेना चाहिए था जब उसने मुझे कुछ नहीं कहा था. आज भी जो कुछ हुआ उसके प्लान से ही हुआ हैं.

मैं कुछ नहीं बोली और वो बोला, उसे पता है की उसके छोटे लंड से तुम खुश नहीं हो पाती हो इसलिए यह सब उसने तुम्हारे लिए ही किया है.

मैं समझ नहीं पा रही थी की खुश होऊं या दुखी! chodayi ki kahani

इधर राजेश के झटके तीव्र होते गए और वो मेरी चूत में ही अपने कामरस को छोड़ बैठा. साले ने बहुत ढेर सारा वीर्य मेरी चूत में छोड़ा था. वीर्य निकालने के बाद भी २ मिनिट्स तक वो मुझे चोदता रहा.

मैं भी थक चुकी थी और वो भी हांफने लगा था. फिर उसने लंड निकाल के मेरी साडी से ही उसे साफ किया. हम दोनों कपडे पहन के सोफे पर बैठे की मेरे पति आ गये.

उन्होंने घर में घुसते ही राजेश की और देखा, उनकी आँखों में बहुत सारे सवाल थे. राजेश बोला, भैया आप का काम हो गया हैं.

अब मेरे पति ने मेरी और देख के कहा, तुम खुश हो डार्लिंग.

मैं दौड़ के उनके पास गई और उन्हें चिपक के होंठो पर किस दे दिया!

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मेरी चूत का उद्घाटन समारोह https://sexstories.one/desi-choot-ki-chudai/ Sun, 04 Oct 2020 21:51:39 +0000 https://sexstories.one/?p=305 जबसे मेरी दीदी गीता मेहरा के ज़रिये मुझे इस वेबसाइट का पता चला, मैंने उनकी बताई साईट खोली। जब कहानियाँ पढ़ी तो लोगों की बिस्तर की बातें इसमें देख मेरी तो चूत गीली हो गई ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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जबसे मेरी दीदी गीता मेहरा के ज़रिये मुझे इस वेबसाइट का पता चला, मैंने उनकी बताई साईट खोली। जब कहानियाँ पढ़ी तो लोगों की बिस्तर की बातें इसमें देख मेरी तो चूत गीली हो गई थी। मैं भी अपनी जिन्दगी का पहला सेक्स आपके सामने लाकर शुरुआत करने जा रही हूँ, उम्मीद से दुनिया कायम है, मुझे आशा है कि मेरी यह चुदाई – desi choot, जल्द ही आप सबके सामने अन्तर्वासना के ज़रिये आपकी कंप्यूटर स्क्रीन पर होगी।

Antarvasna desi choot – सेक्सी चाची

मेरा नाम वैशाली, ५ फुट ५ इंच कद, गुन्दाज़ बदन, गोरे-चिट्टे मखमल जैसे वक्ष ! मै बारहवीं जमात की छात्रा हूँ। पहले हम एक संयुक्त परिवार में रहते थे, चाचू-चाची, बुआजी, ताया-ताई, घर इतना बड़ा नहीं था, इसलिए मैं चुदाई के लाइव सीन देख देख बड़ी हुई।

एक दिन चाचू-चाची अकेले थे। मैं तबीयत ठीक न होने की वजह से पहले घर आ गई। चाचू के कमरे से सिसकी की आवाज़ सुन मैं पिछली खिड़की की ओर बढ़ी। मैं जब मॉम-डैड के बीच सोती थी तो कई बार डैड को मॉम पर सवार होते देखा था, लेकिन अच्छी तरह से नहीं देख पाई। आज मौका था, अन्दर चाचू बेड के किनारे बैठे थे नंगे, चाची फर्श पर घुटनों के बल बैठी चाचू के लौड़े को मजे ले ले कर चूस रहीं थी। फिर चाची बिस्तर पर आई। नंगी चाची को चाचू ने लिटा अपना लौड़ा चाची की चूत में घुसा दिया। यह देख मेरी पैंटी भी गीली हो गई।

फिर डैड ने शहर में आकर अपना बढ़िया मकान बनाया और हम शहर आकर बस गए। गाँव में पंजाबी मीडियम से सातवीं जमात तक पढ़ी, वो एक कन्या-विद्यालय था। यहाँ आकर मैंने एक प्राइवेट और अंग्रेजी मीडियम लड़के-लड़कियों के स्कूल में मैंने आठवीं में दाखला लिया और मेरी सहेलियां भी बन गई। हमारा चार लड़कियों का ग्रुप बन गया। श्वेता, मरियम, नूरी और मैं !

Antarvasna desi choot – सुहागरात की कहानी मेरी जुबानी

उनका अभी से लड़कों में ध्यान था, नूरी का तो अफेअर भी चल निकला था। हमारे ग्रुप की चर्चा चालू लड़कियों में होती थी। अब मेरी जवानी भी अंगड़ाई लेने लगी। सबमें से मेरी जवानी की बातें लड़कों में ज्यादा होने लगी। सब जब घर से निकलती तो लड़कों की निगाहें मेरी छातियों पर रहने लगी। देख देख मुझे मजा आने लगा। तभी मुझे मेरे ही स्कूल में पढ़ने वाले अमृत नाम के एक लड़के ने मुझे परपोज़ किया। उसको मैंने कोई जवाब नहीं दिया।

जब मैं स्कूल से घर जाती तो मेरे पीछे होंडा सिटी कार में एक दूसरा लड़का आने लगा हर रोज़ सुबह और स्कूल के बाद ! बहुत हैण्डसम था, बड़े घर का लड़का था। उसने मुझे एक दो बार कार पास लाकर अपना मोबाइल नंबर दिया, मेरे साथ नूरी भी रहती थी, उसने नंबर पकड़ के रख लिया और मुझे कहने लगी- पटा ले मेरी जान ! और क्या चाहिए !

मैंने कहा- जो अमृत ने परपोज़ किया उसका क्या?

उसको स्कूल तक सीमित रख !

मैंने नूरी से नंबर लिया, दोनों पास की एस.टी.डी पर गई और कॉल की। उसने अपना नाम करण बताया और मुझे कहा- मैं आप पर फ़िदा हूँ प्लीज़ !

मैंने उसको हाँ कर दी।

वो बोला- मैं इसी मार्केट में ही हूँ ! चलिए मैं आपको घर छोड़ देता हूँ, प्लीज़ मना मत करना ! मुड़ कर देखो !

Antarvasna desi choot – चूत का जुगाड़

मैंने केबिन से देखा, उसने हाथ हिलाया। नूरी का घर पास था, वो पैदल चली गई। मैं उसकी कार में बैठ गई। कुछ देर ऐसे ही घूमते रहे। उसने मेरा हाथ पकड़ा- आप बहुत सेक्सी हो, बहुत सुन्दर हो !

उसने हाथ पर किस किया- आई लव यू सो मच !

मैंने कहा- आई लव यू टू !

उसने पास खींचते हुए मेरे होंठों पे किस कर दी, मुझे करंट सा लगा। उसने कार साइड पर कर मेरे होंठ चूसने शुरु किये।

मैंने कहा- प्लीज़ छोड़ो न !

वो बोला- कितने दिन से आपके इन होंठों का रसपान करने का दिल था ! आप कहती हैं छोड़ो !

मुझे भी कुछ होने सा लगा- मैं भी लिप-किस में उसका साथ देने लगी। पता ही नहीं चला कब उसका हाथ मेरी शर्ट में घुसता हुआ मेरे मम्मों तक पहुँच गया। उसने सीट पीछे कर दी और मेरे ऊपर बैठ गया। एक हाथ उसने मेरी स्कर्ट में डाल मेरी जांघें सहलाने लगा। मैं इतनी गरम हो गई कि सब भूल गई। बस दोनों जवानी के जोश में एक दूसरे में खोने लगे।उसने बटन खोल मेरा मम्मा ब्रा से निकाल लिया और उसको मसलने लगा। मुझे तब होश आया जब मैंने उसका हाथ अपनी पैंटी पर महसूस किया। एकदम से अलग होकर हांफने लगी। वो बोला- क्या हुआ?

Antarvasna desi choot – तीन मोटे लंड और मम्मी की अकेली चूत

प्लीज़ ! हम सड़क पर हैं, कोई पकड़ लेगा तो आफत आ जायेगी !

बोला- इसको तो छोड़ो !

एकदम से मैं चौंक गई, मेरा हाथ उसके लौड़े पर था। मैं शरमा सी गई। उसने कहा- कोई नहीं आयेगा ! इतनी कड़ी गर्मी में कौन आएगा !

फिर भी उसने मुझे घर छोड़ दिया। बाथरूम में जाकर अपनी पैंटी देखी जो गीली हो गई थी। अपने मम्मे पर जब उसके दांत का निशान देखा तो मुझे अजीब सी हलचल हुई। उसके बाद कुछ दिन ऐसे ही कार में मिलते रहे। घूमने के बहाने चूमा-चाटी चलती रही।

एक रोज़ जब मैंने शाम को उसको कॉल किया। उसने कहा- आज ट्यूशन मिस कर दो, एअरपोर्ट रोड की तरफ घूमने जायेंगे। वहां सुनसान सी एक सड़क है।

मैंने कहा- ठीक है ! मुझे पिक कर लो ! ए एन टी ए आर वी ए एस एन ए .सी ओ एम

Antarvasna desi choot – शादी के दिन सास मां की चुदाई

हम निकल पड़े। वहां एक रेस्तराँ था, बिलकुल एअरपोर्ट के कार्नर पर था, वहां कई लोग अपनी अपनी कार में ही बैठे थे। आज वो अपनी बड़ी कार लाया था। उसने पार्किंग की बजाये वो साथ वाली खाली सड़क पर कार मोड़ ली और रेस्तराँ के पीछे ले गया। वहीं वेटर आया। उसने अपने लिए चिल्ड बियर ली, मैंने कोल्ड काफी आर्डर की।

उसने मुझे बाँहों में लिया। अब तो हम दोनों घुल मिल चुके थे, उसने फोर्ड एंडवर की सीट फ्लैट की। लग्ज़री कार किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं थी। मैंने उसका साथ देते हुए खुद ही उसके होंठ चूसने शुरु किये। वो मेरे मम्मों को बेरहमी से मगर मजा आने वाले अंदाज़ में मसल रहा था। मैं गरम होने लगी और उसने मेरा टॉप उतार दिया। मैंने अपनी ब्रा की स्ट्रिप खोल दी जिससे मेरे दोनों कबूतर आज़ाद हो गए। उसने उड़ते कबूतर पकड़ने में वक्त न लगाया और टूट पड़ा मुझे पर। मैं भी पूरी गर्म हो चुकी थी, मैं लगातार उसके लौड़े को मसल रही थी। उसने मेरी जींस खोल कर घुटनों तक सरका दी और आज खुल कर मेरी जांघें सहलाने लगा।

उसने स्पोर्ट्स ड्रेस डाली थी, मैंने भी लोअर खींच के नीचे करके उसके लौड़े को हाथ में पकड़ लिया, पहली बार इतना खुलकर पकड़ा था। मेरे हाथ लगते ही फनफ़ना उठा उसका लौड़ा ! इतने में वेटर आया। उसने कहा- खुद पी ले और बिल ले जाना ! वेटर बोला- जी साहिब !

Antarvasna desi choot – बीवी ने नौकर के मोटे लंड से चुदवाया

स्टार्ट कार, ए.सी ओन किया हुआ था, फिल्मिंग वाले शीशे थे, उसने सीट पूरी फ्लैट कर दी, बिस्तर सा बन गया। खींच कर मेरी जींस उतार दी और अपना लौड़ा मेरे होंठों पर रगड़ने लगा। मैंने झट से उसके लौरे को मुँह में डाल लिया और अच्छी तरह चूसने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। उसने थोड़ा चुसवाने के बाद मुझे पीछे लिटाते हुए बीच में बैठ अपना लौड़ा मेरी सील बंद चूत पे रखा। एक बार सोचा कि पता नहीं कैसे यह घुसेगा?

कार के आस पास दूर तक कोई न दिख रहा था। उसने मुझे पूरी नंगी कर दिया था खुद नीचे घुटनों तक ! मैंने सोचा- चल वैशाली ! आज तेरी लाडो रानी का उदघाटन समारोह कैसा रहेगा ? !

उसने झटका दिया और लौड़े का सर मेरी चूत में फंस गया। उसको भी तकलीफ हो रही थी। मैंने कस के सीट के कपड़े को पकड़ रखा था। उसने दूसरे झटके में आधा लौड़ा अन्दर डाल दिया। मेरी जान निकल गई- निकाल लो प्लीज़ ! यहाँ अच्छे से नहीं होगा ! जगह कम है, बहुत तकलीफ होगी ! दोनों का ही पहली बार है। लेकिन उसने तीसरा ऐसा झटका मारा कि लौड़ा पूरा घुस गया। मेरी चीख निकल गई। खून टपकने लगा ! आँखों में आंसू आ गए !

उसने मेरे होंठ अपने होंठो में ले रखे थे ताकि चीख न निकले। उसने फिर सारा निकाल के डाला ऐसे तीन चार बार जब किया तो दर्द की जगह मजे ने ले ली। आंखें खुद ब खुद बंद होने लगीं। उसके एक एक झटके का मुझे इतना मजा आया कि सिसकारी ले ले कर मैं चुदवाने लगी- हाय और करो ! और करो !

Antarvasna desi choot – मुस्लिम सब्ज़ीवाले ने मेरी बड़ी चूची वाली बीवी को चोदा

अचानक मुझे अपने अन्दर से कुछ गरम गरम सा पानी महसूस हुआ, मैं झड़ गई और मेरी चूत की गर्मी में तीन चार मिनट बाद ही करण भी झड़ गया। दोनों हांफने लगे। उसने कार में पड़ा एक कपड़ा मुझे दिया, जिससे मैंने अपनी चूत को साफ़ कर लिया, खून साफ़ किया !

दोनों ने कपड़े पहन लिए और सामान्य होकर एक दूसरे की बाँहों में लिपट गए। उसने मेरे होंठ चूमते हुए कहा- कैसा लगा?

बहुत अच्छा लगा !

सुबह उठने पर चूत पर सूजन सी थी, चलने में थोड़ी सी अजीब लग रही थी। नूरी इन कामों में से कई बार निकली थी, उसने मुझसे सब कुछ बकवा लिया। अन्तर्वासना पर इसके छपते ही मैं अपनी करण के अलावा किसी से चुदवाई लेकर सबके लौड़ों पर बैठने आऊँगी।

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क्लिनिक में चुदाई डॉक्टर के साथ https://sexstories.one/clinic-me-doctor-se-chudai/ Sat, 18 Jul 2020 10:21:23 +0000 https://sexstories.one/?p=634 हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और में 23 साल का हूँ। मैंने इस साईट पर बहुत सी स्टोरी पढ़ी तो मैंने सोचा कि मुझे भी अपनी लाईफ का अनुभव लिखना चाहिए। में यहाँ अपनी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और में 23 साल का हूँ। मैंने इस साईट पर बहुत सी स्टोरी पढ़ी तो मैंने सोचा कि मुझे भी अपनी लाईफ का अनुभव लिखना चाहिए। में यहाँ अपनी पहली स्टोरी लिख रहा हूँ तो पहले में आपको अपने बारे में बता दूँ। में हरियाणा की एक अमीर फेमिली से हूँ तो मेरे पापा ने मुझे पढ़ने के लिए दिल्ली भेजा और दिल्ली से 12वीं पास करके मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में ही एडमिशन ले लिया और बाद में कॉम्पीटिशन एग्जॉम की तैयारी करने लगा। में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जॉब कर रहा हूँ और अभी मेरी शादी नहीं हुई है तो में दिल्ली में अकेला रहता हूँ। Ajnabi se chudwai

ये बात 2007 की है, जब मैंने 12वीं पास करके कॉलेज में जाना शुरू किया था, तब में किराये के फ्लेट में अकेला रहता था। उस टाईम तक मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया था, मेरा मन सेक्स करने का तो बहुत करता था, लेकिन में थोड़ा शर्मीले स्वभाव का हूँ तो में कोई लड़की नहीं पटा सका तो अब बस में सिर्फ मुठ मारकर ही काम चलाता था। गर्मियों के दिन थे और मेरे लंड के आस पास के बाल बड़े हो गये थे, वैसे तो में अपने नीचे के बाल क्रीम से ही हटाता हूँ, लेकिन उस दिन मेरे पास क्रीम नहीं थी तो मैंने ब्लेड से ही बाल काटने की सोची। मुझे बाथरूम में गर्मी लग रही थी तो में जल्दी- जल्दी बाल काट रहा था तो अचानक ब्लेड से मेरे लंड के पास कट लग गया और उसमें से खून आने लगा। फिर मैंने बाहर आकर क्रीम लगाई तो थोड़ी देर में खून आना कम हो गया।

Ajnabi se chudwai – चूत में डालो मै सह लुंगी

फिर मैंने सोचा कि कट ज्यादा लगा है तो टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए। मेरे फ्लेट से थोड़ी ही दूरी पर 2-3 छोटे क्लिनिक है। फिर में जल्दी से नहाकर इंजेक्शन लगवाने चला गया। में क्लिनिक के अंदर गया तो वहाँ 3-4 मरीज ही बैठे थे और रिसेप्शन पर एक मोटी सी लड़की बैठी थी।

फिर मैंने उससे कहा कि मेम मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना है तो उसने पूछा क्या हो गया? फिर मैंने कहा कि कुछ खास नहीं बस ब्लेड से कट लग गया था और फिर उसने ज्यादा नहीं पूछा। फिर उसने मेरा नाम रजिस्टर में लिखा और इंतजार करने को बोला। मेरा डॉक्टर को दिखाने के लिए 4 नंबर पर नाम था, मरीज भी कम थे तो डॉक्टर भी सब को आराम-आराम से देख रहा था। फिर 20-25 मिनट के बाद मेरा नम्बर आया। फिर जब में डॉक्टर के कैबिन में अन्दर गया तो मैंने देखा कि वहाँ तो एक लेडी डॉक्टर बैठी थी, मुझे उसकी उम्र 35-40 साल के करीब लगी, वो ज्यादा तो सुंदर नहीं थी, लेकिन नॉर्मल थी और उसके फिगर का साईज़ 36 या 38 होगा।

फिर मैंने डॉक्टर से कहा कि मेम मुझे टिटनेस का इंजेक्शन लगवाना है, मुझे ब्लेड से कट लग गया था। फिर डॉक्टर ने पूछा कि कट हाथ में लगा है क्या? तो मुझे शर्म आने लगी। फिर मैंने गर्दन हिलाकर ना कहा। तब उन्होंने फिर पूछा तो कहाँ लगा है? फिर में थोड़ी देर तक कुछ नहीं बोला, तब डॉक्टर ने कहा कि बताओ ना। फिर मैंने धीरे से कहा कि जी वो नीचे लगा है तो डॉक्टर को थोड़ी हंसी आई और कहा कि देखो शरमाओ नहीं में तो एक डॉक्टर हूँ और डॉक्टर से क्या शर्माना?

Ajnabi se chudwai – देहाती चाची की जमके चुदाई की

अब सही से बताओ। फिर मैंने कहा कि जी वो में नीचे के बाल साफ कर रहा था, तब मेरे उसके पास थोड़ा कट लग गया तो डॉक्टर के चेहरे पर फिर से एक अजीब सी स्माईल थी और मुझे तो वो साली चालू टाईप की लग रही थी। तभी उसने कहा कि पास वाले बेड पर लेटो (जिस पर लेटाकर डॉक्टर इंजेक्शन लगाते है) और मुझे दिखाओं कहीं जख्म ज्यादा गहरा तो नहीं है और ब्लडिंग पूरी तरह से रुकी है या नहीं और उसने खुद कुर्सी से उठकर दरवाजा जो बंद था, वो भी लॉक कर दिया और पर्दा लगा दिया।

फिर उसने मुझे बेड पर लेटाया और कट देखने को बोला, मुझे शर्म आ रही थी तो में ना नुकर करने लगा। फिर डॉक्टर ने कहा कि तुम तो लड़कियों की तरह शरमा रहे हो, ये बात मुझे चुभ गयी और मैंने लेटे-लेटे अपना पजामा और अंडरवियर थोड़ा सा नीचे कर दिया। फिर डॉक्टर ने मेरा पजामा पकड़कर और नीचे कर दिया और वो कमीनी मुस्कुराने लगी। मेरा तो शर्म से मुँह लाल हो गया था तो मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और चुपचाप लेटा रहा। फिर डॉक्टर ने अपने हाथों में बिना कुछ पहने ऐसे ही मेरा लंड पकड़ा और उसे थोड़ा साईड में करके कट को देखने लगी, उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ की उंगली कट पर लगा रखी थी, जिस हाथ से उसने मेरे लंड को पकड़ा था, वो कमीनी उस हाथ से अजीब-अजीब हरकत कर रही थी।

मुझे तो बहुत हैरानी हो रही थी कि देखो साली कितनी बेशर्म औरत है? वो मेरे लंड को अपने हाथ से कभी टाईट पकड़ती तो कभी पूरी मुठी में ले लेती तो कभी मेरे लंड पर अपनी उंगलियां फेरती। इससे मेरी हालत ख़राब होने लगी थी, मतलब मेरा लंड खड़ा होने लगा था। फिर मैंने अपनी आँखे खोलकर देखा तो वो साली धीरे-धीरे मुस्कुरा रही थी। फिर उसने मुझसे कहा कि काफ़ी बड़ा है तो मैंने शरमाते हुए धीरे से पूछा जी क्या? फिर उसने कहा कि अरे तुम्हार कट और क्या? और जिस हाथ में मेरा लंड था, उसकी मुठी थोड़ी भींच दी। वो मेरे लंड पर अपने हाथ से कुछ हरकते कर रही थी। फिर उसने थोड़ा हँसते हुए पूछा कि ये कट कैसे लगा? फिर मैंने कहा कि जी वो में ब्लेड से अपने बाल काट रहा था तो जल्दी-जल्दी में लग गया।

Ajnabi se chudwai – अपने चिकनी पाठिका की चुदाई की

फिर उसने एकदम से पूछा कि अच्छा बाल काटकर अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने जा रहे थे क्या? फिर मैंने कहा कि नहीं मेम मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। फिर वो बोली क्यों? तुम तो अच्छे स्मार्ट हो, बॉडी भी मस्त है और ये भी। (फिर उसने अपनी मुट्ठी में मेरा लंड थोड़ा दबा दिया, जो कि अब तक पूरा खड़ा हो चुका था) फिर स्माईल के साथ पूछा तो तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड क्यों नहीं है? मुझसे झूट मत बोलो, ये बाल किसी गर्लफ्रेंड के लिए ही साफ किए होगें। फिर मैंने कहा कि नहीं मेम में सच कह रहा हूँ, मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, वो तो मुझे बड़े बाल अच्छे नहीं लगते इसलिए काट लिए थे। फिर उसने किसी दवाई से मेरे कट को थोड़ा साफ किया और उसके बाद कोई दवाई लगाई। अब दवाई लगाते टाईम भी उसने एक हाथ से मेरा खड़ा लंड ही पकड़ रखा था। अब ये तो कोई बेवकूफ़ भी समझ जाता कि ये औरत किस टाईप की है? और क्या चाहती है? मेरी लाईफ में पहली बार किसी ने मेरे लंड पर हाथ लगाया था और साथ ही वो मेरे लंड के साथ अजीब-अजीब हरकत कर रही थी।

अब मुझे लगा कि में तो इसके हाथ में ही झड़ जाऊंगा और मेरी भी उस पर नियत ख़राब होने लगी थी। फिर उसने मेरा लंड थोड़ा ऊपर नीचे किया और मेरे से इधर उधर की बातें करने लगी। फिर उसने मेरा नाम पूछा और पूछा कि तुम क्या करते हो? कहाँ के हो? किस कॉलेज में पढ़ते हो? तुम्हें किस तरह की लड़कियां पसंद है? फिर जब में जवाब देता तो उससे डॉक्टर साहब या मेम कहता। फिर उसने कहा कि मेरा नाम पूनम गुप्ता है और तुम मुझे पूनम कह सकते हो, ये मेम-मेम क्या लगा रखा है? फिर उसने पूछा कि सेक्स के बारे में क्या सोचते हो? फिर मैंने कहा कि में समझा नहीं। फिर उसने कहा कि तुम्हारा मन नहीं करता ये सब करने का तो मैंने कहा बहुत करता है। फिर उसने पूछा तो कैसे काम चलाते हो? फिर मैंने कहा कि बस हाथ से ही कर लेता हूँ तो वो ये सुनकर हंसने लगी और बोली कुछ कामों को खुद अपने हाथ में लेकर करने में उतना मज़ा नहीं आता है, जितना किसी और के हाथ से करवाने में आता है, इस बात पर मुझे भी हंसी आ गयी।

Ajnabi se chudwai – मेरा पहला सेक्स अनुभव

अब मुझे लगा कि जब अगली इतनी बेशर्म है तो मुझे शर्मीला बनने की क्या ज़रूरत है? अब में भी थोड़ा फ्रेंक हो गया। मेरा लंड उसके हाथ में था तो सेक्स भी सर चढ़कर बोल रहा था। फिर मैंने कहा कि पूनम जी आज तक मुझे किसी दूसरे का हाथ मिला ही नहीं है तो बताओं में क्या करता? अब वो हँसते हुए बोली कि हाथ तो बहुत है बस मांगने वाला होना चाहिए, इतना सुनकर मुझे भी हंसी आ गयी और मैंने उसका लेफ्ट हाथ जो फ्री था, उसे पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया। वो भी बिना कोई विरोध किए मेरी तरफ़ आ गयी। फिर मैंने उसे ठीक से पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया। उसका चेहरा मेरे चेहरे के पास था तो उसने अपने दोनों हाथों से मेरे गालों को पकड़ा और अपने लिप मेरे लिप पर रख दिए, मुझे तो बस मजा ही आ गया था।

फिर थोड़ी देर में उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, क्या मस्त किस कर रही थी साली? फिर मैंने सोचा कि बेटा इसी का नाम अनुभव होता है। फिर उसने मेरे गालों पर किस किया, वो बेड छोटा था और उसकी टाँगे अभी भी नीचे ही थी तो अब में भी खड़ा ही हो गया और उसने मुझे दीवार से चिपका दिया और बोली कि सालो तुम हरियाणा वालों का हथियार भी कितना बड़ा और मोटा होता है ना। फिर मुझे हंसी आई और वो भी हंसने लगी। फिर वो मुझे किस करने लगी। मैंने अपने हाथ उसकी पीठ पर फेरने शुरू कर दिए। फिर थोड़ी देर में मेरे हाथ उसके कूल्हों पर नीचे चले गये। क्या मुलायम- मुलायम कूल्हें थे साली के? फिर में उसके मोटे-मोटे कूल्हों को बुरी तरह से दबा रहा था।

फिर मैंने अपने हाथ ऊपर लाने शुरू किए और मेरे हाथ उसके बूब्स पर आ गये और सोचा कि भगवान ने भी बूब्स क्या मस्त चीज़ बनाई है? तभी तो ये लड़कियां इनको इतना बाहर निकाल-निकालकर चलती है साली। फिर उसने अपना एक हाथ आगे करके मेरा लंड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी, अब मेरी तो बुरी हालत थी। फिर उसने मेरा लंड हिलाते-हिलाते जब उसका हाथ एकदम से मेरे कट पर लगा तो मुझे बहुत दर्द हुआ और मैंने एकदम से आहह बोला।

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तब उसे भी थोड़ा होश आया। फिर उसने मुझसे सॉरी कहा और वो बोली कि हमें अन्दर ज्यादा टाईम हो गया है बाहर और भी मरीज आ गये होगें। फिर उसने धीरे से थोड़ा सा पर्दा हटाकर देखा तो बाहर 2 औरतें बैठी थी तो उसने कहा कि आज के लिए इतना ही काफ़ी है और अपना विज़िटिंग कार्ड देते हुए बोली कि ये मेरा नंबर है और शाम को इस नम्बर पर फोन करना और अब तुम जाओ। अब मेरा तो दिल ही टूट गया, हमारे हरियाणा में कहते है कि खड़े लंड पर किसी ने लाठी मार दी हो, ऐसा ही मुझे महसूस हुआ। में उससे फिर चिपक गया और कहा कि नहीं थोड़ा और थोड़ा और कहा कि बस 2 मिनट और 2 मिनट और फिर वो हंसने लगी और बोली कि तो तुम ऐसे नहीं मानोगे।

फिर उसने मुझे सीधा खड़ा किया और खुद घुटनों पर बैठ गयी और अब मेरा लंड उसके चेहरे के पास था। अब में समझ गया कि ये रंडी क्या करने वाली है? फिर उसने प्यार से अपनी जीभ मेरे सुपाड़े पर लगाई तो मेरी तो जान ही निकलने लग गयी। फिर उसने आराम-आराम से अपनी जीभ आगे-आगे घुमाई, अब उसका एक हाथ मेरे अंडो से खेल रहा था तो में जन्नत की सैर कर रहा था, मुझे सच में लग रहा था कि कुछ काम किसी और के हाथ से करवाने में कुछ ज्यादा ही मज़ा है। फिर उसने धीरे-धीरे से मेरा आधा लंड अपने मुँह में ले लिया, अब तो में पागल ही हो गया था। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसके सर को जोर से पकड़ लिया था और धीरे-धीरे उसके मुँह में झटके लगाने शुरू कर दिए।

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अब मुझे लग रहा था कि में बस झड़ने वाला हूँ और वो वैसे ही प्यार से मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी। तभी मेरी बॉडी अकड़ने लगी और में अपना लंड उसके मुँह में अंदर धकेलने लगा, लेकिन उसने अपने हाथ से मेरे लंड को रोक रखा था और आधे से ज्यादा अंदर नहीं जाने दिया। फिर तभी में झड़ने लगा और मुझे लगा कि मेरा इतना वीर्य आज तक कभी भी नहीं निकला होगा। अब में बहुत देर तक उसके मुँह में झड़ता रहा और वो रंडी मेरा सारा माल पी गयी। फिर मेरे लंड में गुदगुदी सी होने लगी और मैंने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकाल लिया। फिर वो भी खड़ी हुई और स्माईल के साथ बोली कि अब मिली कुछ शांति। फिर मैंने धीरे से कहा डार्लिंग बस मज़ा ही आ गया। फिर वो बोली कि ये तो सिर्फ ट्रेलर था, फिल्म तो अभी देखनी बाकी है।

फिर उसने कहा कि बहुत ज्यादा टाईम लग गया है, अब तुम जाओ और मेरे पास शाम को कॉल करो। फिर में आगे का प्लान बताती हूँ। अब टाईम ज्यादा हो गया है तो तुम्हारा इंजेक्शन भी कल ही लगाउंगी। फिर उसने मेरे गाल पर हल्का सा किस किया और बाय बोला। फिर मैंने उसे अपनी तरफ़ खींचकर हग किया और फिर धीरे से बिना आवाज़ किए दरवाजे का लॉक खोला और बाहर आ गया, बाहर मरीज बैठे थे तो में चुपचाप नीचे देखता हुआ क्लिनिक से बाहर आ गया ।

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