ajnabi ki chudai kahani Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/ajnabi-ki-chudai-kahani/ Hindipornstories.org Mon, 13 Sep 2021 06:55:29 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 दरवाजा खुला रह गया https://sexstories.one/darwaza-khula-reh-gaya/ Mon, 13 Sep 2021 06:55:29 +0000 https://sexstories.one/?p=4302 मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग करने के लिए मॉल में गया हुआ था मैं जब मॉल में गया तो उस वक्त मुझे किसी ने आवाज लगाई मैंने जब पीछे पलट कर देखा तो वह ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग करने के लिए मॉल में गया हुआ था मैं जब मॉल में गया तो उस वक्त मुझे किसी ने आवाज लगाई मैंने जब पीछे पलट कर देखा तो वह मनीष था। मनीष ने मुझे कहा कि रोहित तुम कितने दिनों बाद मुझे मिल रहे हो तो मैंने मनीष को कहा हम लोग करीब 7 वर्षों बाद मिल रहे हैं। कॉलेज खत्म होने के बाद हम लोगों की मुलाकात ही नहीं हो पाई और यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक था कि इतने वर्षों बाद हम एक दूसरे को मिल रहे थे। हम जब एक दूसरे को मिले तो हम दोनों को मिलकर काफी अच्छा लगा मैंने मनीष को कहा कि तुम क्या दिल्ली में ही रहते हो तो वह मुझे कहने लगा कि नहीं मैं अब दिल्ली में नहीं रहता मैं कोलकाता में नौकरी करता हूं और वहां मैं पिछले 5 वर्षों से काम कर रहा हूं। मैंने मनीष को कहा चलो यह तो बहुत ही अच्छी बात है मनीष मुझसे कहने लगा रोहित तुम क्या कर रहे हो तो मैंने उसे बताया कि मैं भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रहा हूं और पिछले काफी वर्षों से मैं वहीं पर नौकरी कर रहा हूं।

मैंने मनीष का नंबर ले लिया और उससे कहा कि तुम कितने दिनों तक रुकने वाले हो वह मुझे कहने लगा कि मैं इस हफ्ते तो घर पर हूं। मैंने मनीष को कहा अभी तो मैं अपनी फैमिली के साथ शॉपिंग करने के लिए आया हूं मैं तुमसे कुछ दिनों बाद मुलाकात करता हूं तो मनीष कहने लगा ठीक है। मनीष भी वहां से चला गया और मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग कर के अपने घर लौट चुका था हर रोज की तरह मैं अपने ऑफिस के लिए घर से निकला ही था कि तभी रास्ते में मेरी मोटरसाइकिल का टायर पंचर हो गया जिस वजह से मुझे उस दिन ऑफिस पहुंचने में देर हो गई। मैं अपने ऑफिस तो पहुंच चुका था लेकिन उस दिन मेरे मैनेजर ने मुझे काफी कुछ कहा उसी दिन जब मैं शाम के वक्त घर वापस लौट रहा था तो मनीष का मुझे फोन आया और मनीष मुझे कहने लगा कि रोहित क्या कल तुम फ्री हो। मैंने मनीष को कहा हां कल मैं फ्री हूं मनीष मुझे कहने लगा कि क्या कल तुम मुझे मिल सकते हो तो मैंने मनीष को कहा हां।

अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए मैंने मनीष को कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं और अगले दिन जब मैं मनीष को मिला तो मनीष ने मुझे कुछ भी नहीं बताया था और उसने मुझे एक रेस्टोरेंट में बुला लिया। हम लोग एक रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे हम लोग वहां पर बैठे हुए थे तो मैंने मनीष को कहा की तुमने मुझे यहां पर क्यों बुलाया है तो मनीष मुझे कहने लगा कि रोहित आज मैं तुम्हें किसी से मिलाना चाहता हूं। मैंने मनीष को कहा आज तुम मुझे किससे मिलाना चाहते हो हम दोनों आपस में बात कर रहे थे कि तभी एक लड़की आई वह जब आई तो मनीष ने मुझे कहा कि यह अंजली है। मैंने मनीष को कहा मनीष क्या तुम अंजलि को जानते हो तो मनीष कहने लगा हां, मनीष ने मुझे उस दिन पूरी बात बताई और कहने लगा कि अंजलि और मेरी मुलाकात ट्रेन में हुई थी उसके बाद हम दोनों में प्यार हुआ और अब हम दोनों शादी करना चाहते हैं।

मैंने मनीष को कहा मनीष यह तो बड़ी अच्छी बात है कि तुम शादी करना चाहते हो और अंजलि जैसी अच्छी लड़की तुम्हें मिल रही है। अंजली भी हमसे खुलकर बात कर रही थी और मनीष के साथ मैं काफी देर तक बात करता रहा मनीष के साथ मैंने बहुत देर तक बात की और उस दिन हम तीनों ने ही बहुत अच्छा समय साथ में बिताया उसके बाद अंजलि चली गई। मनीष ने मुझे पूरी बात बताई कि कैसे उसे अंजली मिली और उसके बाद उन दोनों में कैसे प्यार हुआ मैंने मनीष को कहा तुम बहुत ही खुश नसीब हो जो तुम्हें अंजलि जैसी लड़की मिल रही है। अंजली बहुत ही सुंदर थी और वह एक अच्छी कंपनी में एक अच्छे पद पर भी है मैंने मनीष को कहा मनीष मैं अभी अपने घर के लिए निकलता हूं मैं तुमसे दोबारा मुलाकात करूंगा।

मैं अपने घर के लिए निकल चुका था और फिर कुछ दिनों बाद मेरी मनीष से बात हुई वह कोलकाता वापस लौटने वाला था मैंने मनीष को कहा तुम कोलकाता से वापस कब आओगे मनीष कहने लगा कि मैं अब दो महीने के बाद ही वहां से आऊंगा। एक दिन मैं अपनी मोटरसाइकिल से अपने ऑफिस की तरफ जा रहा था उस दिन काफी बारिश हो रही थी तो मैंने अपना रेनकोट पहन लिया और मैं अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा। मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन भी मुझे ऑफिस पहुंचने में देर हो गई थी लेकिन उस दिन मेरे मैनेजर ने मुझे कुछ नहीं कहा।

मैं उस दिन शाम को घर वापस लौट रहा था तो रास्ते में मुझे अंजलि दिखाई दी मैंने अंजलि को देखते हुए अपनी बाइक को रोक लिया और उसके बाद मैं अंजली से मिला। जब मैं अंजली से मिला तो मैंने अंजलि को कहा तुम यहां पर कैसे तो अंजलि मुझे कहने लगी कि मैं किसी काम से यहां आई हुई थी। मैने अंजलि को कहा कि मैं यहां से गुजर रहा था तो सोचा तुम से मिल लूँ अंजलि कहने लगी कि तुमने बहुत अच्छा किया। मैंने अंजलि से कहा कि क्या तुम्हारी मनीष से बात होती रहती है तो वह मुझे कहने लगी कि हां मनीष से मेरी बात होती रहती है। उस दिन अंजलि ने मुझे बताया कि वह लोग जल्दी सगाई करने वाले हैं अंजलि ने अपने घर पर इस बारे में बता दिया था और शायद मनीष ने भी इस बारे में अपने परिवार वालों को बता दिया था जिसके बाद वह लोग अब सगाई करने वाले थे। मैंने अंजलि को उसकी सगाई के लिए बधाई दी और कहा यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम दोनों के परिवार वाले इस रिश्ते को मान चुके हैं। अंजलि कहने लगी की हां अब उन्हें मानना तो था ही।

अंजलि और मैं उस दिन काफी देर तक एक दूसरे से बात करते रहे उसके बाद भी अंजलि और मेरी मुलाकात होती रही। एक दिन अंजलि मुझे दिखी तो उस दिन काफी तेज बारिश हो रही थी। वह मुझे कहने लगी क्या तुम मुझे मेरे घर तक छोड़ दोगे? मैने अंजलि को कहा हां क्यों नहीं मैंने अंजलि को उसके घर तक छोड़ा हम दोनों ही काफी भीग चुके थे। उसने मुझे घर के अंदर ही बुला लिया और वह कहने लगी तुम घर पर ही आ जाओ। मैंने उसे पहले तो मना किया लेकिन फिर मैं घर पर चला गया जब मैं घर पर गया तो उस वक्त अंजलि के घर पर कोई भी नहीं था और अंजलि अपने कमरे मे कपडे बदलने लगी लेकिन उसने अपने दरवाजे को खुला ही रखा था।

जब मैंने दरवाजा खोला तो मैंने उसके बदन को  देख लिया था उसका गोरे बदन को देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा। वह तौलया लपेटे हुए कमरे से बाहर आई और मुझे कहने लगी सॉरी रोहित मैं कमरे का दरवाजा बंद करना भूल गई। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं लेकिन मेरी नजर तो सिर्फ उसके गोरे बदन पर थी मौसम भी बहुत ज्यादा सुहाना था तभी बादल बहुत तेज आवाज में गड़गडाहट कर रहे थे अंजलि मुझसे लिपट गई जब वह मुझसे लिपटी तो मैं उसके बदन को महसूस करने लगा। मेरा हाथ धीरे धीरे उसकी गांड की तरफ बढ़ने लगा वह मुझे कुछ नहीं कह रही थी। उसके अंदर की गर्मी बढ चुकी थी मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया और उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था उसके स्तनों को मैंने काफी देर तक अपने मुंह में लेकर चूसा मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी।

हम दोनों के बदन से काफी गर्मी बाहर निकलने लगी थी मैंने अंजलि के स्तनों को बहुत देर तक चूसा उसके बाद मैंने उसकी पैंटी को उतारते हुए उसकी चूत के अंदर उंगली घुसाने की कोशिश की लेकिन उसकी चूत के अंदर उंगली नहीं जा रही थी। मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए मैंने उसकी चूत मे लंड घुसा दिया वह बड़ी तेजी से चिल्लाई और मुझे कहने लगी तुमने तो मेरी चूत पूरी तरीके से फाड कर रख दी है।

मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो वह मुझे कहने लगी अब तुम मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो मैंने उसे बड़ी तेज गति से धक्के दिए उसकी चूत की चिकनाई में बढ़ोतरी हो गई थी। वह मुझसे कहने लगी आप मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो उसके धक्को मे लगातार बढ़ोतरी हो रही थी और उसकी गर्म सांसे मेरे कान मे सुनाई देती तो मैं उसके दोनों पैरों को कसकर पकड़ लेता और उसे तेजी से धक्के देता। उसके बदन से गर्मी बाहर निकलने लगी वह पसीना पसीना होने लगी थी। उसका बदन गिला हो चुका था मैंने जब उसकी चूत की तरफ देखा तो उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही खून बहार निकलने लगा था। मैंने उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए उसकी चूत के अंदर ही मैन अपने वीर्य को गिरा दिया। मैंने अब उसकी चूत से मेरे वीर्य को साफ किया। मैंने उसे घोड़ी बना कर दोबारा से चोदना शुरू कर दिया वह मेरा साथ बखूबी निभा रही थी वह मुझसे चूतडो को बार मिलाए जा रही थी।

मैंने उससे कहा मनीष और तुम्हारे बीच कभी पहले कुछ हुआ था? वह कहने लगी यदि हम लोगों के बीच कुछ होता तो क्या मेरी चूत से खून निकलता। मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चूत का उद्घाटन मैने ही किया है। वह कहने लगी हां अब ऐसा ही तुम समझ लो वह मुझसे बड़ी तेजी से चूतडो को मिलाए जा रही थी और मेरे अंदर की गर्मी उसने इतनी ज्यादा बढ़ा दी थी कि मैं भी झड़ने वाला था। मै उसकी चूतडो पर कसकर प्रहार करता रहा कुछ देर बाद मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिर चुका था। उसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए मैंने अंजलि से कहा तुम यह बात कभी मनीष को पता मत चलने देना। वह मुझे कहने लगी हां मैं कभी भी मनीष को पता नहीं चलने दूंगी उसके कुछ समय बाद ही उन दोनों की सगाई हो चुकी थी और जल्द ही उन दोनों की शादी होने वाली थी।

हम दोनों एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं क्योंकि मनीष तो कोलकाता मे ही रहता है इसलिए अंजलि मुझे अपने घर पर बुला लिया करती है।

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साक्षी भाभी से सेक्स का पाठ https://sexstories.one/sakhi-bhabhi-ka-chodan/ Thu, 19 Aug 2021 02:52:11 +0000 https://sexstories.one/?p=4153 दोस्तो यह उस वक्त की बात है जब मेरी मुलाकात साक्षी भाभी से पहली बार हुई थी उनसे मेरी मुलाकात बड़े ही अजीब ढंग से हुई उन्होंने हमारे फ्लैट के नीचे वाला फ्लैट खरीद लिया ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तो यह उस वक्त की बात है जब मेरी मुलाकात साक्षी भाभी से पहली बार हुई थी उनसे मेरी मुलाकात बड़े ही अजीब ढंग से हुई उन्होंने हमारे फ्लैट के नीचे वाला फ्लैट खरीद लिया था। मैं एक दिन अपनी सीढ़ियों से उतर रहा था उस समय लिफ्ट खराब थी इसलिए मुझे सीढ़ियों से जना पड़ा, मैं जैसे ही सीढ़ियों से नीचे उतर रहा था तो मेरा पैर फिसल गया और मैं बड़ी तेजी से नीचे की तरफ को गिरा, उसी वक्त साक्षी भाभी भी अपना दरवाजा खोल कर बाहर आ रही थी और उनसे मेरी टक्कर इतनी जोरदार हुई की हम दोनों ही वहां नीचे गिर पड़े और जैसे ही हम दोनों जमीन पर गिरे तो उन्होंने मेरा चेहरा देखा, मैंने जब अपने चेहरे से उनके बालों को हटाते हुए उनके चेहरे की तरफ देखा तो मैं उन्हें देखते ही उनका दीवाना हो गया।Bhabhi sex stories aur antervasna

उसके बाद मैं उनके पीछे ही पड़ गया लेकिन मुझे नहीं पता था कि वह बड़ी ही सीधी और शरीफ महिला है इसलिए मुझे उन्हें पटाने में काफी समय लगा हालांकि उनके पति बड़े ही अच्छे हैं लेकिन मेरा दिल भी साक्षी भाभी पर आ चुका था क्योंकि उनकी सुंदरता का मैं बहुत ही कायल हो गया था और इसलिए मैं किसी भी हालात में अब कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करना चाहता था, मैंने सोच लिया कि मैं साक्षी भाभी को अपना बना कर ही रहूंगा। मेरी भी शादी नहीं हुई थी लेकिन मेरे घर वाले भी मेरे लिए लड़की देख रहे थे परंतु उन्होंने मुझे जितनी भी लड़कियां दिखाई वह सब साक्षी भाभी के आगे फैल थी, मैंने जब एक दिन उन्हें कहा कि भाभी आप मेरे साथ क्या घूमने चल सकती हैं? वह मुझे कहने लगे मैं ऐसे ही किसी के साथ भी नहीं जा सकती। मैंने उन्हें कहा क्या हम आज ऐसे ही हो गए? वह कहने लगे मुझे पता है आजकल का माहौल कैसा है यदि मैं तुम्हारे साथ आऊंगी तो सब लोग मेरे बारे में गलत सोचेंगे इसलिए मैं तुम्हारे साथ नहीं आना चाहती और ना जाने तुम्हारे दिल में मेरे लिए क्या चल रहा हो।

जब उन्होंने यह बात कही तो मैंने दिल ही दिल में सोचा कि उनके लिए तो मेरे दिल में बहुत कुछ चल रहा है परंतु मैं कह नहीं सकता और उस वक्त उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया लेकिन मैंने भी अब यह पूरी तरीके से ठान लिया था कि मैं उन्हें अपना बना कर ही रहूंगा इसलिए मैंने उन्हें अपना बनाने की सोच ली और एक दिन वह ऑटो से आ रही थी, जब वह ऑटो से आ रही थी तो उस वक्त उनका साड़ी का पल्लू ऑटो से बाहर की तरफ लटक रहा था मैं भी बिल्कुल उसी वक्त उनके पीछे आ रहा था, मैंने जब देखा कि उनका साड़ी का पल्लू नीचे लटक रहा है और वह एक जगह टायर में उलझ गया उनका साड़ी का पल्लू टायर में उलझ गया..

मैंने भी बिल्कुल सही वक्त पर एंट्री मारी और जैसे ही मैंने ऑटो वाले को कहा कि ब्रेक मारे तो उसने तुरंत ब्रेक मार दिया, ऑटो वाले को तो यह बात पता ही नहीं चल रही थी कि उनकी साड़ी का पल्लू एकदम टायर के बीच में आ चुका है और वह टायर पर फसने लगा है जब उन्होंने मुझे देखा तो साक्षी भाभी मुझे कहने लगी मैं तुम्हें कैसे शुक्रिया कहूं, मैंने उन्हें कहा मुझे शुक्रिया कहने की कोई आवश्यकता नहीं है मैं तो बस आपसे इतनी उम्मीद करता हूं कि आप मेरे साथ कभी कहीं बाहर चले मैं उतने में ही खुश हूं, वह कहने लगे कि लगता है अब तो मुझे तुम्हारे एहसान का बदला उतारना ही पड़ेगा।

उन्होंने मुझे कहा कि चलो फिर देरी किस बात की है हम लोग अभी कहीं चलते हैं, मैंने उन्हें कहा आज आप मेरे घर पर चलिए मैं आपको गरमा गरम कॉफी पिलाता हूं, वह कहने लगी ठीक है आज तुम्हारे घर पर ही मैं बैठ जाती हूं, वह मेरे घर पर आ गई और मैंने उनके लिए कॉफी बनाई,  जब मैंने उन्हें कॉफी दी तो वह कहने लगी तुम कॉफी तो बड़ी अच्छी बनाते हो, इसमें खुशबू भी बहुत अच्छी आ रही है, मैंने उन्हें कहा मुझे तो बस कॉफी बनाना आता है और मैं ज्यादा कुछ बना नहीं सकता क्योंकि मुझे खाना बनाना नहीं आता, वह कहने लगी तुम अकेले रहते हो और तुम्हें खाना बनाना नहीं आता तो तुम खाना कैसे खाते हो? मैंने उन्हें कहा कभी कबार मेरी मम्मी पापा मेरे साथ रहते आ जाते है लेकिन अधिकतर वह गांव में ही रहने लगे हैं इसलिए मैं अकेला ही रहता हूं, मैं खाना बाहर से ही आर्डर करवा लेता हूं, वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हें खाना बनाना सिखा दूंगी तुम उसकी बिल्कुल चिंता मत करो, मैंने उन्हें कहा यदि आप मुझे खाना बनाना सिखा दें तो मेरे ऊपर बहुत मेहरबानी होगी।

मैं बाहर का खाना खाकर वाकई में बहुत परेशान हो चुका हूं मुझ से बाहर का खाना ज्यादा समय तक नहीं खाया जाता लेकिन मेरी मजबूरी है इसलिए मैं बाहर खाना खाता हूं, वह कहने लगे कि चलो जब तुम्हारे पास वक्त हो तो तुम मुझे बता दिया करना, मैंने उन्हें कहा मेरे पास तो वक्त होगा लेकिन आपको तो मेरे लिए समय निकालना पड़ेगा, वह कहने लगी क्यों नहीं मैं तुम्हारे लिए जरूर समय निकाल लूंगी और उसके बाद हम दोनों अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बात करने लगे। वह मुझे अपने पति के बारे में बताने लगी और कहने लगी मेरे पति बहुत ही अच्छे हैं। मैंने उस वक्त सोचा कि क्या मैं साक्षी भाभी का ख्याल अपने दिल से निकाल दूं लेकिन उन्हें देखकर मेरे दिल की धड़कने और भी तेज हो जाती। मैं भी अपने आपको ज्यादा समय तक नहीं रोक पाया। मै उनके पास में जाकर बैठ गया मैंने जब उनके बालों को सहलाना शुरु किया तो वह कहने लगी क्या तुम्हें मेरे बाल इतने पसंद है। मैंने उन्हें कहा भाभी मुझे तो आपका पूरा बदन पसंद है यह कहते ही उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ लिया और कहने लगी तुम ऐसे मत करो यह बिल्कुल अच्छा नहीं है।

मैंने उनकी कमर पर हाथ लगा दिया, जब उनकी नंगी कमर पर मैंने हाथ लगाया तो वह अपने हाथ को मुझसे छुड़ाने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने भी उन्हें सोफे पर लेटा दिया। मैने जब उनके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह अपने मुंह से आवाज निकालने लगी। मैंने जैसे ही उनकी साड़ी को ऊपर किया तो वह कहने लगी तुम यह क्या कर दिया। मैंने भी उनकी योनि के अंदर अपनी उंगली डाल दी, जैसे ही मेरी उंगली उनकी चूत मे गई तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। वह कह रही थी ऐसा मत करो लेकिन मैंने रुकने का नाम नहीं लिया। मैंने अपने लंड को पैंट से बाहर निकाला तो मैंने उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड उनकी योनि में प्रवेश हुआ तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा, मैं उन्हें बड़ी तेजी से चोदने लगा उनकी चूतडे जब मुझसे टकराती और उनके साड़ी भी उनके पेट तक पहुंच चुकी थी। मैंने उनके बलाउज को खोलते हुए उनके स्तनों को बाहर निकाल दिया, जब मैंने उनके स्तनों को चूसना शुरू किया तो उनकी योनि से गर्म पानी बाहर निकलने लगा। जब मैंने अपनी जीभ को उनके निप्पल पर लगाया तो मुझे उनकी कमजोरी पता चल गई।

जैसे ही मै उनके निप्पल को चूसता तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाती, वह मेरा पूरा साथ देने लगती। मैंने उन्हें कहा जब मैं आपके निप्पलो को चूस रहा हूं तो आपको बड़ा अच्छा लग रहा है। वह मुझे कहने लगी यदि कोई भी मेरे निप्पलो को चूसता है तो मुझे बहुत अच्छा लगता है, उनकी योनि से लगातार तेज पानी बाहर की तरफ निकल रहा था मैंने भी उन्हें तेज गति से चोदना प्रारंभ कर दिया। मै बड़ी तेजी से अपने लंड को उनकी योनि के अंदर बाहर करता जाता, जब मेरा वीर्य पतन होने वाला था तो मैंने उन्हें कहा भाभी मेरा वीर्य गिरने वाला है क्या मैं आपकी योनि के अंदर अपने वीर्य को गिरा दू। वह मुझे कहने लगी हां तुम मेरी चूत के अंदर गिरा दो, मैंने भी एक ही झटके में उनकी योनि के अंदर अपने वीर्य को गिरा दिया, जब मेरा वीर्य उनकी योनि मे गिरा तो मुझे बहुत अच्छा लगा।

उसके बाद तो साक्षी भाभी मेरी हो चुकी थी और वह मुझे जब भी खाना बनाना सिखाती तो मैं उससे पहले उनकी चूत मारता, मुझे बहुत मजा आता है। उनके साथ मैंने सेक्स का पाठ पढ़ा और उन्होंने मुझे सेक्स के बारे में बताया, कौन से सेक्स के पोज होते है और कैसे अच्छे से सेक्स किया जाता है। मैंने भाभी से कहा आपने तो मुझे काफी खुशी कर दिया है अब मै शादी करने के लिए तैयार हो चुका हूं। वह मुझे कहने लगी अगर तुम शादी कर लोगे तो मेरी इच्छाओं को कौन पूरा करेगा।

मैंने उन्हें कहा आपकी इच्छाओं को मै जिंदगी भर पूरा करता रहूंगा लेकिन अब मुझे भी नई चूत की तलाश है, मुझे भी अब शादी करनी ही पड़ेगी।

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मुझे बच्चा चाहिए, प्लीज चोदो मुझे https://sexstories.one/exbii-hindi-chudai-kahani/ Thu, 22 Oct 2020 12:22:46 +0000 https://sexstories.one/?p=1337 मेरे प्यारे दोस्तों मेरा नाम अजित  हे.  मेने इस साईट पर पहले भी स्टोरी लिख चुका हूँ. तो मेरी स्टोरी पढ के एक फीमेल रीडर ने मुझे ईमेल किया की मे आपसे मिलना चाहती हूँ ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरे प्यारे दोस्तों मेरा नाम अजित  हे.  मेने इस साईट पर पहले भी स्टोरी लिख चुका हूँ. तो मेरी स्टोरी पढ के एक फीमेल रीडर ने मुझे ईमेल किया की मे आपसे मिलना चाहती हूँ क्या आप मुझसे मिल सकते हैं मैने अपने ईमेल मे रिप्लाइ दीया की आप जब चाहे तब मुझसे मिल सकते हैं. उस रीडर ने मुझसे मेरा कॉंटॅक्ट नंबर माँगा तो मैने अपना कॉंटॅक्ट नंबर ईमेल से उसे दे दीया अब उसका मुझे कॉल आया ओर मुझे गुजरात के राजकोट के मार्केट मैं उसने मुझे बुलाया की आप उस जगह पर आ जाओ मैं वहाँ आप से मिलती हूँ ओर तभी आपको मैं अपने घर लेकर जांउगी… exbii hindi

दोस्तो अगले दीन मैं उस रीडर की बताई हुई जगह पर आ गया ओर वो मुझसे मिलने आई अपने दीए हुए टाइम पर. मुझे उसको देखते ही अच्छा लगा क्योंकि वो लेडी इतनी खूबसूरत थी की मैं उसे देखते ही रह गया. मन मे सोचने लगा की कब मुझे ये चोदने के लिये मिले मेरा 7 इंच का लंड उसे देख कर ज़ोर मारने लगा था लेकिन किसी तरह से मैने अपने लंड को कंट्रोल किया. उसने मुझे अपनी गाड़ी मे बिठाया ओर अपने घर को ले गयी जो की एक खूबसूरत अपार्टमेंट की 2nd फ्लोर पर उसका घर था. मुझको उसने अपने ड्राइंग रूम मे बिठाया ओर कहने लगी क्या लोगे ठंडा या गर्म तो मैने कहा की कुछ नही तो उसने जबाब दीया की नही यार कुछ तो लेना पड़ेगा ओर तभी किचन के अंदर गयी ओर चाय बना के लाई एक कप मेरे लिये ओर एक कप अपने लिये.

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हम दोनो सोफे पर बैठ कर बातें करने लगे ओर उसने कहा की देखो अजित  मेरे पति ज़्यादातर टाइम घर से ही बाहर रहते हैं क्योंकि उनका इस तरह का बिजनेस हे जो गुजरात से बाहर ही रहते हैं. उसने कहा की हमारी शादी को 8 साल हो गये लेकिन अभी कोई बच्चा नही हुआ है काफ़ी इलाज कराया है लेकिन सब बेकार. डॉक्टर कहते हैं की आपके पति पिता नही बन सकते.  तो मैने कहा की आप बताएँ की मे आपकी क्या मदद कर सकता हूँ..

उस फीमेल का नाम सुमन है ( बदला हुआ नाम). exbii hindi

सुमन ने मुझ से कहा की आप मेरे साथ सेक्स करके मेरे बच्चा पैदा कर दो मैं आपका जिंदगी बर एहसान नही भूलूंगी… तो मेने कहा की कोई बात नही में आपकी हर मदद करने को तेयार हूँ.. उसके बाद उसने होटल से खाना मंगवाया ओर हमने खाना खाया ओर वो मुझे अपने बेडरूम मे ले गयी ओर हम दोनो सुमन के बेड पर लेट गये ओर पहले मैने उसको किस किया ओर उसके लिप्स चूसने लगा ओर वो मेरे लंड को पकड़ के सहलाने लगी.

अब मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया. exbii hindi

मैने उसकी साड़ी को उतारा फीर पर पेटीकोट को अब वो ब्रा ओर पैंटी मे थी जो बेहद खूबसूरत लग रही थी उसका शरीर गठीला था ओर बड़े बड़े बोब्स थे ओर चुतडो की बात ही मत पूछो क्या गजब के चुतड़ हैं सुमन के मेरा लंड उसको नंगी देख कर तन कर खड़ा हो चुका था अब वो मेरे लंड से खेल रही थी अपने हाथों मैं लेकर ओर मैं उसकी ब्रा ओर पैंटी उतार कर अलग कर चुका था ओर ज़ोर ज़ोर से उसके बोब्स को चूस रहा था ओर दबा भी रहा था उसे मज़ा आ रहा था ओर ज़ोर ज़ोर से सिसकारी भर रही थी ओर आअहह उू उऊः की सिसकारी मार रही थी. अब वो मेरे लंड को चूस रही थी अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मुझे तो जन्नत ही मिल गयी थी.

मैने सपने मैं भी नही सोचा था की इतनी सुंदर ओरत मुझे चोदने को मिलेगी. अब हम 69 की पोज़िशन मैं आ चुके थे वो मेरे लंड को चूस रही थी ओर मैं उसकी चुत मैं अपनी जीभ डाल कर जीभ से चुदाई कर रहा था. अब उसे ओर ही मज़ा आ रहा था ओर कहने लगी की अजित  ज़ोर से चोदो मजा आ रहा है…

अब वो काफ़ी गर्म हो चुकी थी. अब सुमन ने कहा अजित  आप मेरे उपर आ जाओ सीधे होकर मे अब नही रह सकती अब मेरी चुत मैं अपना लंड डालो ना… मैं अब सीधा होकर उसके उपर आ गया ओर अपना 8 इंच का लंड उसकी चुत मैं डालने लगा ओर एक ज़ोर दार धक्का लगाया तो उसकी चीख निकल गयी. आआहह उईईई माअरर्र्ररर गाइिईई अजित  धीरे से दर्द हो रहा है.. उसकी चुत इतनी टाइट थी की मैने सोचा भी नही था की इतनी टाइट होगी.

Group chudai kahani – ऑफिस में माया की सामूहिक चुदाई – पार्ट २

मैं थोड़ी देर के लिय रुका रहा उसकी चुत मे लंड डाल कर थोड़ी देर के बाद अब मैने दूसरा धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी चुत मैं 6 इंच जा चुका था अब उसने फीर किलकारी मारी  आअहह उईईइ मरररर गई क्या कर रहे हो रुक जाओ ना..

अब मैं थोड़ी देर ओर रुका रहा थोड़ी देर के बाद फीर मैने एक ओर धक्का लगाया खींच के अब मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चुत मैं समा गया अब उसने बहुत ही ज़ोर की चीख मारी उउउ इईई मररर गाइिईई आ उई मा.. ओर मुझे ज़ोर से नोचने लगी हट जाओ ना.. मे मर जाउंगी क्या कर रहे हो मार ही डालोगे बहुत बड़ा ओर मोटा लंड है आपका.. अब मैं थोड़ी देर रुक गया उसकी चुत मैं लंड को डाल के ओर उसके उपर ही लेटा रहा अब थोड़ी देर के बाद अब वो पूरी गर्म हो चुकी थी उसकी चुत मेरे लंड को गर्म सी लगने लगी अब कहने लगी अजित अब चोदो धीरे धीरे से चोदना शुरू करो मज़ा आ रहा है.

. लेकिन धीरे धीरे.. मैने अब उसको चोदना शुरू कर दीया ओर उसको मज़ा आने लगा तो उसने कहा अजित  अब अपनी स्पीड बड़ा दो बहुत मज़ा आ रहा है चोदो मुझे ज़ोर ज़ोर से ओर ज़ोर फाड़ दो मेरी इस चुत को बहुत दीनो से प्यासी है.. यह चुत ओर मैं सिर्फ़ तुम्हारी ही रहेंगी. अब खूब चोदो मेरी इस चुत को मैदान उड़ा दो इस चुत का.
अब वो झड़ने वाली थी ओर अपने चुतड उठा उठा की साथ दे रही थी करीब 20-25 मिनिट के बाद वो झड़ गयी अब मुझे मज़ा आ रहा था मैने उसके बोब्स को अपने मूह मैं लेकर ओर एक बोब्स को हाथ से दबाते हुए ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था की 5 मिनिट के बाद मैं भी झड़ गया.

ओर मेरा सारा लंड का पानी उसकी चुत मैं चला गया अब मैं उसकी चुत मैं ही लंड को डाले हुए उसी के उपर लेटा रहा करीब 10 मिनिट तक वो भी मुझे अपने उपर लेटते हुए मुझे चूम रही थी ओर मेरे बालों को सहला रही थी ओर किस कर रही थी. अब उसके बाद उसने मेरे लंड को मुहं मे लेकर साफ़ किया.

ओर वही बेड पर लेट गये. exbii hindi

अब रात होने वाली थी उसने कहा अजित  अब रात होने वाली है आप आज यहीं सो जाओ खाना यहीं मंगा लेंगे उसने खाना मंगवाया ओर हम दोनो ने डिनर किया साथ साथ ओर उससी बेड रूम मे जाकर रात मैं करीब 5 बार फीर चोदा कभी डोगी स्टाइल मैं कभी अपने उपर लिटा कर ओर एक बार उसकी गांड को भी चोदा लेकिन गांड मैं मुझे इतना मज़ा नही आया.

उसकी चुत  इतनी टाइट है की मुझे उसकी चुत ही चोदने मे मज़ा आता है ओर अब तक उसकी दो रात ओर 3 दीनों से चुदाई कर रहा हूँ.  उसने कहा है की आपको मुझे रोजाना चोदना है जब तक बच्चा पैदा नही होता ओर मैं उसे रोज ही चोदता रहूँगा.

धन्यवाद . exbii hindi

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अजनबी औरत की मजबूरी https://sexstories.one/aurat-ki-chudai/ Sat, 26 Sep 2020 20:08:24 +0000 https://sexstories.one/?p=1148 हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है और आप ये सेक्सी औरत की चुदाई अन्तर्वासना चुदाई कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं… मुझे मेरे फोन पर एक औरत ने ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है और आप ये सेक्सी औरत की चुदाई अन्तर्वासना चुदाई कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं… मुझे मेरे फोन पर एक औरत ने कॉल किया तो वो मुझसे कहने लगी कि में आपसे एक बार मिलना चाहती हूँ क्या आप मुझसे मिल सकते है? तो मैंने उसको अपनी तरफ से जवाब देकर कहा कि हाँ ठीक है आप जब चाहे तब मुझसे मिल सकती है और मुझे आपसे मिलने में बहुत ख़ुशी होगी। aurat ki chudai

अब उसने मुझसे कहा और मुझे उससे मिलने के लिए उसने मुझे दिल्ली के पहाड़गंज के मार्केट में बुला लिया और वो मुझसे कहने लगी कि आप उस जगह पर आ जाओ, में वहाँ पर आकर आपसे मिलती हूँ और वहीं से में आपको मेरे साथ अपने घर लेकर चली आउंगी और फिर मैंने उससे मिलने उस जगह पर पहुंचने के लिए उसी समय हाँ कह दिया और उसके बाद हमारी बातें खत्म हो गई। में अब उसकी चुदाई के सपने देखकर मन ही मन बहुत उत्साहित होने लगा था और मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था।

दोस्तों उसके अगले दिन में उस औरत की बताई हुई जगह पर बिल्कुल ठीक समय पर पहुंच गया और वो भी कुछ देर बाद वहीं पर मुझसे मिलने आ गई वो अपने दिए हुए समय से एक दो मिनट देरी से पहुंची थी। तो मुझे उसको पहली बार देखते ही एक झटका सा लगा क्योंकि वो औरत तो मेरी सोच से भी इतनी ज्यादा सुंदर थी कि में उसको बस अपनी चकित नजरो से देखता ही रह गया। aurat ki chudai

में मन ही मन में सोचने लगा कि कब मुझे यह हॉट सेक्सी मॉल चुदाई करने के लिए मिलेगा और में इसकी जमकर चुदाई करके मज़े लूँगा? दोस्तों मेरा लंड 5 इंच का है और उसकी सुंदरता को देखकर वो ज़ोर मारने लगा था। मेरे लंड ने हल्के हल्के झटके देने शुरू कर दिए थे, लेकिन फिर किसी तरह से मैंने अपने लंड को अपने काबू में किया। फिर उसने मुझे अपनी गाड़ी में बैठने का इशारा किया और में तुरंत उसमे बैठ गया और वो मुझे उसमे बैठाकर अपने घर की तरफ ले गयी और कुछ देर चलने के बाद मैंने देखा कि उसका मकान एक अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल पर था, हम दोनों लिफ्ट से वहां तक पहुंच गए और तब मुझे पता चला कि वो उस समय अपने घर में बिल्कुल अकेली थी।

फिर उसने मुझे अब अपने ड्राइंगरूम में बैठाया और अब वो मुस्कुराते हुए मुझसे पूछने लगी कि आप क्या लेना पसंद करोगे ठंडा या गरम? तो मैंने कहा कि जी कुछ नहीं, तब उसने मुझसे कहा कि नहीं यार आपको कुछ तो लेना ही पड़ेगा और आपके साथ में भी तो हूँ आपका साथ देने के लिए और तभी वो मुझसे इतनी बात कहकर अपने घर की रसोई के अंदर चली गयी और वो कुछ देर बाद एक कप मेरे लिए और एक कप अपने लिए चाय बनाकर ले आई। औरत की चुदाई

फिर हम दोनों एक साथ उस सोफे पर बैठकर चाय पीते हुए कुछ बातें हंसी मजाक करने लगे और तभी उसने मुझसे कहा कि देखो सन्नी मेरे पति ज़्यादातर समय घर से ही बाहर रहते है, क्योंकि उनका इस तरह का काम है जिसकी वजह से वो हमेशा दिल्ली से बाहर ही रहते है और उसने मुझे बताया कि हमारी शादी को पूरे पांच साल हो गये है, लेकिन अभी तक हमे कोई बच्चा नहीं हुआ है इसलिए हमने इस बीमारी का बहुत इलाज करवा लिया है, लेकिन वो सब कुछ बेकार साबित हुआ और अब डॉक्टर मुझसे कहते है कि मेरे पति को एक बीमारी है जिसकी वजह से वो कभी भी पिता नहीं बन सकते है।

फिर मैंने उससे पूछा कि अब आप ही मुझे बताए कि में आपकी किस तरह की क्या मदद कर सकता हूँ? दोस्तों उस औरत का नाम सुमन है, तो सुमन ने मुझसे कहा कि आप मेरे साथ आज सेक्स करके मुझे एक बच्चा पैदा करके दे दो, में आपका यह अहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगी और उसके लिए आपको मुझसे जो भी कीमत चाहिए वो भी में आपको देने के लिए तैयार हूँ, लेकिन बस आप मेरा यह इतना छोटा सा काम कर दीजिए। फिर मैंने उसकी वो बातें सुनकर मन ही मन खुश होकर उससे कहा कि कोई बात नहीं है, में आपकी हर तरह से मदद करने के लिए हमेशा तैयार हूँ और यह तो मेरी अच्छी किस्मत है जो आपने मुझे अपनी सेवा का इतना अच्छा मौका दिया। में आपकी जरुर हर एक इच्छा को पूरी कर दूंगा।

फिर उसके बाद उसने मेरे तैयार हो जाने पर खुश होकर हम दोनों के लिए एक होटल से खाना मंगवा लिया और अब हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना खाया और फिर उसके बाद वो मुझे अपने बेडरूम में ले गयी और हम दोनों सुमन के बेड पर अब लेट गये। फिर सबसे पहले मैंने उसको एक किस किया और में उसके नरम गुलाबी होंठो को चूसने लगा और वो उस समय मेरे लंड को पकड़कर धीरे धीरे सहलाने लगी थी। आप ये सेक्सी अन्तर्वासना चुदाई कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं… aurat ki chudai

अब मेरा लंड उसके हाथों का स्पर्श पाकर तुरंत ही तनकर खड़ा हो गया था, मैंने अब उसकी साड़ी को उतार दिया और फिर कुछ देर बाद उसके पेटीकोट को भी उतारकर दूर फेंक दिया, जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में थी जो उस हालत में बेहद सुंदर लग रही थी और उसका वो गोरा शरीर गठीला था और उसके उन बड़े बड़े बूब्स जो बिल्कुल गोल आकार के थे और कूल्हों के बारे में आप मत पूछो वो क्या गजब के कूल्हे थे, मेरा लंड उसको अपने सामने नंगी देखकर अब तनकर खड़ा हो चुका था और में वो सेक्सी नजारा देखकर पूरी तरह से जोश में आ चुका था।

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धीरे से चोदो https://sexstories.one/dheere-se-chodo/ Sun, 05 Apr 2020 05:52:04 +0000 https://sexstories.one/?p=563 दोस्तो, आज मैं अपनी कहानी आप को पहली बार लिख रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप को अच्छी लगेगी क्योंकि मेरी यह कहानी कहानी न हो करके एक असलियत है जो मेरे ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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दोस्तो, आज मैं अपनी कहानी आप को पहली बार लिख रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप को अच्छी लगेगी क्योंकि मेरी यह कहानी कहानी न हो करके एक असलियत है जो मेरे साथ घटित हुई है।

मेरा नाम आशीष है । मैं एक मध्यम परिवार का शादीशुदा मर्द हूँ, मेरा भी मन करता था कि मैं भी किसी के साथ सम्भोग करुँ। कोई ऐसी लड़की मिल जाये जो मुझे प्यार करे, जिसके साथ मैं खुल कर बातें कर सकूं और अपने मन की बात कह सकूँ।

Ajnabi se chudai – मुझे मिला दीपा को चोदने का मौका

दोस्तो और सहेलियो, अब आप मेरी कहानी सुनिए : मैं एक बहुत ही शरीफ लड़का था, मेरी शादी को बारह साल हो चुके थे। मैंने अपनी पत्नी के अलावा और किसी भी लड़की की तरफ कभी आँख उठा करके भी नहीं देखा था। करीब गयारह साल के बाद मेरी भी इच्छा हुई कि मेरी भी कोई दोस्त होती जिसे मैं भी आराम से चोद सकता और वो मुझसे चुदाई करवा के खुश हो जाती।

मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई जो कि मेरी हम-पेशा है। मैं उसका नाम नहीं बता सकता (कृपया मुझे माफ़ करें) हम लोग करीब साल भर बात ही करते रहे, न मैंने पहल की और न ही उसने कभी कहा कि उसका मन मुझसे मिलने को कर रहा है।

वो भी शादीशुदा है और मैं भी !

हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास भी है, पर पिछले साल अचानक उसने मुझ से कहा कि वो मुझसे अकेले में मिलना चाहती है। मैं तो पहले से ही तैयार था पर डरता था कि कहीं वो गुस्सा न हो जाये। उसके कहने पर तो जैसे मुझे मन मांगी मुराद ही मिल गई हो।

मैंने तुंरत उसे फ़ोन करके पूछा- बताओ कहाँ चलें?

तो उसने कहा- जहाँ आपको अच्छा लगे, वहीं चलते हैं, लेकिन जल्दी वापिस आना होगा !

मैंने कहा- ठीक है !

Ajnabi ki chudai kahani – मोटी गांड वाली भाभी को उसके घर पे चोदा

मैंने तुंरत अपनी कार निकाली, उसे जहाँ उसने कहा था, वहां से लिया और चल पड़े ! मैं कभी बाहर नहीं गया था, मैंने अपने एक दोस्त को फ़ोन किया (जो हर हफ्ते अपनी गर्ल फ्रेंड को लेकर जाता है ) और उसे कहा कि मेरे लिए एक कमरा बुक करवा दो !

उसने होटल में फ़ोन किया, उसके दो मिनट बाद ही हम वहां पहुँच गए और मैनेजर से बात करके कमरे में चले गए। कमरे में जाते ही हमने अन्दर से बंद कर लिया और जोर से जफ्फी डाली जैसे दो साथी जनम-जनम से बिछडे पता नहीं कितनी देर बाद मिले हों !

इसके बाद हम दोनों ने आपस में मुँह में मुँह डाल कर किस किया और जाने कब तक करते रहे।

फ़िर उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया। मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि वो मुझे इस तरह का मज़ा देगी। उसने मेरे पूरे के पूरे लण्ड को अपने मुंह में भर लिया। मुझे तो बस कुछ मत पूछो कि कितना मज़ा आया ! बता ही नहीं सकता !

थोड़ी देर चूसने के बाद उसने अपनी चूत की तरफ इशारा करके कहा- अब अपना लण्ड इसमें डालो ! पता नहीं कब से प्यासी है यह तुम्हारे लण्ड के लिए !

मैंने उसे सीधा लिटाया और उसकी चूत पर लण्ड रखा और अन्दर डालने लगा तो ऐसे लगा थोड़ी टाइट है, मैंने उससे पूछा- क्या बात है? चूत बहुत टाइट है? (उसके दो बच्चे हैं)

तो उसने कहा- बहुत दिनों से प्यासी है चूत तुम्हारे लण्ड के लिए ! जल्दी डालो ! लेकिन आराम से ! नहीं तो दर्द होगा !

मेरे पूछने पर उसने बताया कि उसका पति उसे संतुष्ट नहीं कर पाता इसलिए उसे मेरे लण्ड की बहुत जरुरत है। मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत में डाला। मेरा लण्ड बहुत ही टाइट जा रहा था उसकी चूत में ! मेरा लण्ड 7″ का है और 3″ मोटा है,

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उसने कहा- तुम्हारा तो बहुत मोटा है !

तो मैंने कहा- कोई बात नहीं ! तुम्हारे अन्दर फिट हो जायेगा !

मैंने जैसे ही उसकी चूत में अपना लण्ड डाला, वो चिल्लाने लगी- थोड़ा आराम से करो न ! बहुत दर्द हो रहा है !

मैंने कहा- कोई बात नहीं मेरी जान ! चिंता मत करो ! सब ठीक हो जायेगा !

और उसके होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर लण्ड उसकी चूत में रहा तो वो कहने लगी- अब करो न प्लीज़ !

तो मैंने उससे पूछा- अब दर्द कैसा है?

तो उसने कहा- प्लीज़ जल्दी करो ! मेरी चूत को फाड़ डालो ! जल्दी करो ! मेरी चूत को मसल डालो !

तो मैंने अपना काम शुरू कर दिया। थोड़ी देर में ही वो झड़ गई लेकिन मेरा अभी तक नहीं हुआ था। (दोस्तों मैं आप को बात बता दूं कि मेरा तब तक नहीं होता जब तक मैं नहीं चाहता, यह मेरा अनुभव है)

फिर मैंने उसे जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया।

वो बोली- आप बहुत जोर से करते हो और बहुत ज्यादा करते हो ! क्या खाते हो ?

तो मैंने कहा- मैं तो सिर्फ दूध ही पीता हूँ ! और वो भी दो थन वाली गौ का !

वो बोली- धत्त ! बेशरम ! चलो अब जल्दी करो !

मुझे भी जल्दी थी क्योंकि इस बीच मेरे पास दो तीन फ़ोन आ गए थे कि कहाँ हो ?

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तो मैंने जल्दी-जल्दी जोरदार शॉट लगाये और 40-50 शॉट लगा के मैं भी झड़ गया। मैंने अपना सारा रस उसकी चूत में ही डाल दिया और 5 मिनट उसके ऊपर ही लेटा रहा। मैं पसीने से नहा गया था। उसने मेरे बदन से पसीना पौंछा और खड़ी हो गई।

मैंने उससे पूछा- कैसे लगा?

तो उसने कहा- आप बहुत जोर से करते हो और बहुत समय लगाते हो !

मैंने पूछा- मज़ा आया या नहीं ?

तो उसने कहा- मज़ा तो बहुत आया ! मैं पूरी तुम्हारी हो गई हूँ।

अब तक हम बहुत बार मिल चुके हैं, एक दो बार वो गर्भवती भी हो गई तो उसने वो गर्भ गिरा दिया क्योंकि वो और बच्चा नहीं चाहती थी और न ही मैं चाहता था।

अब हम जब भी मिलते हैं तो कंडोम इस्तेमाल करते हैं ताकि कोई खतरा न रहे।

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