adult hindi stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/tag/adult-hindi-stories/ Hindipornstories.org Mon, 24 Jan 2022 07:11:12 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 रेशमा की काली चूत https://sexstories.one/reshma-ki-jawani-kaali-choot/ Mon, 24 Jan 2022 07:11:12 +0000 https://sexstories.one/?p=5119 थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया...

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Reshma ki Jawani aur Kaali Choot – नमस्कार मेरे चूत के दीवानों और लंड की मस्तानियों! मेरा नाम विशाल शर्मा है और मैं एक 28 साल का नौजवान लड़का हुँ , मैं जयपुर में रहता हुँ , ये कहानी मेरी और एक जवान लड़की रेशमा के बीच की अद्भुत सेक्स कहानी है जिसने मेरी जिंदगी को बदलकर रख दिया , रेशमा मेरे पड़ोसी अंकल की बहु है जो 30 साल की है और जिसकी शादी जैद से हो गयी थी , मेरी कहानी शुरू करने से पहले उसके कामुक बदन की सैर कर लीजिए..

रेशमा करीब 5 फुट 5 इंच की भरे पूरे गदराए बदन की मालकिन है , जिसका फिगर देख कर ही लंड पागल होकर फड़कने लग जाता है , रेशमा 36-32-38 फिगर की मालकिन है , और एक बात जो रेशमा को सबसे खास बनाती है वो है उसका काला रंग , इस बारे में हम आगे जानने वाले हैं, रेशमा की शादी 18 साल की उम्र में ही जैद से ही चुकी थी , जैद शादी के 1 महीने बाद ही दुबई में नौकरी करने चला गया था , जैद कभी कभी साल में 1 , 2 बार घर आता है लेकिन जब भी आता है रेशमा को चोद चोदकर बुरा हाल करके ही जाता ..

यह मुझे तब पता चला जब एक बार मैंने गलती से छत पर उन्हें चुदाई करते देख लिया था, लेकिन रेशमा फिर भी जैद से खुश नही थी , इसका कारण था जैद का दुबई से मोहब्बत करना , असल मे जैद घर पर बहुत कम रुकता था यहां तक कि दुबई से इंडिया आने के बाद भी वो घर न आकर जगह जगह घूमता रहता था इसके पीछे का राज उसकी हवस थी , जिसके बारे में मुझे बाद में पता चला , यूं तो रेशमा का फिगर किसी भी लंड की पिचकारी निकालने के लिए काफी है लेकिन जैद रेशमा को पसंद नही करता था क्यों कि रेशमा देखने मे खूबसूरत नही थी…

इसके बावजूद भी रेशमा की चूत के पीछे कई लोग पागल थे , अब थोड़ा मेरे बारे आप को बता दूं , मैं जयपुर में एक फ्रीलेन्सर हु और अच्छी खासी कमाई हो जाती है साथ ही मेरे पास खाली समय भी रहता है जिसमे मुझे तरह तरह की लड़कियों की चूत मारने का समय मिल जाता है कभी टिंडर से तो कभी किसी मस्त चिकनी लड़की को पटाकर उसकी चूत का भोसड़ा बनाने का मौका मिल जाता है लेकिन रेशमा के फिगर को देखकर कई बार उसके नाम की मुठ मारकर लन्ड की हालत खराब कर दी…

असल मे मुझे ऐसी लड़कियां काफि पसंद आती है जो देखने मे बदसूरत लगे लेकिन उनके फिगर को देखकर किसी का भी पानी निकल जाए साथ ही काली चूत का मैं हमेशा से दीवाना रहा हु , न जाने गोरी चूत से ज्यादा काली चूत चोदने में मुझे ज्यादा मजा क्यों आता है खैर….! रेशमा अधिकतर घर के काम काज में व्यस्त रहती थी इसलिए मुझे कभी उस से अकेले में बात करने का मौका नही मिला नही तो मैं उसे कब का अपनी जान बनाकर चूत की धज्जियां उड़ा देता , पर संयोग से एक दिन रेशमा छत पर घूम रही थी ,छत पर वह बुर्का लगाकर रहती है कसम से बुर्के में उसे देखकर लन्ड अचानक पेंट से बाहर निकलने के लिए तड़प उठता लेकिन जैसे तैसे मैने खुद को संभाला और रेशमा के गदराए बदन पर अपनी हवस भारी नजर डाली , मैं बेशर्म होकर उसे देख रहा था और रेशमा भी मुझे देख रही थी ।

हमारी छत एक दूसरे के पास थी इसलिए वह मुझसे ज्यादा दूर नही थी , जब वह कपड़े सुखाते सुखाते मेरी तरफ आयी तब मैंने कहा

और भाभी आप तो पहली बार दिखाई दिए हो मुझे तो पता ही नही था इस घर मे कोई लड़की रहती भी है या नही ( रेशमा से एक दो बार उसके की मौजूदगी में मेरा परिचय हो रखा था )

रेशमा – शर्माते हुए , क्या करे काम काज बहुत रहता है

मैं बोला – और भाभी जैद भैया कब आने वाले है उनके बिना आप अकेले कैसे रह लेती हो

रेशमा -अब क्या बताऊँ वो तो साल में एक दो बार ही दर्शन देते हैं बाकी समय तो मैं मन मसोस कर……

मैं – ओह्ह यह तो बड़ी परेशानी है शादी के 10 साल से ज्यादा हो गए फिर तो आप जैद भैया के साथ ज्यादा देर तक राह नही पाए , दुबई जाने से पहले के दिन तो आपके लिए यादगार होंगे

रेशमा – कौनसे दिन , आपके भैया तो मुझे बिल्कुल पसंद नही करते , उन्हें मेरी शक्ल बिल्कुल पसंद नही , बस शरीर को ही नोच….. (इतना कहते ही रेशमा भाभी रुक गयी क्यों कि जैद का ठरकी बाप ऊपर आ चुका था । में भी सोचने लगा असली point की बात आते ही ये मादरचोद कबाब में हड्डी बनके आ गया अब भाभी नीचे चली गयी और मैं उस ठरकी अंकल से politics को लेकर बकचोदी करने लग गया )

इसके बाद रेशमा भाभी कई बार छत पर आने जाने लगी और हमारी नॉर्मल बातें होती रही , बीच बीच में मैं रेशमा भाभी की दुखती रग पर हाथ रख देता जिस से उनकी उत्तेजना बढ़ जाती , वो समझ चुकी थी कि मैं बार बार उनकी सेक्स life के बारे में indirectly क्यों जिक्र करता हूँ )

एक दिन मैंने पूछ लिया भाभी आप उस दिन क्या कह रही थी , जो कहते कहते रुक गयी ।

तब रेशमा भाभी ने मुझे बताया कि वो जैद से बहुत परेशान है , न तो वो उसे पसंद करता है , न उससे प्यार से सेक्स करता है , शादी उसने जबरदस्ती ही कि थी क्यों कि वो दिखने में काफी बदसूरत है और रेशमा भी गरीब परिवार से थी , सो दोनों तरफ से जबरदस्ती शादी हुई ,जैद को रेशमा की शक्ल बिल्कुल पसंद नही थी , न जाने उसे करीना कपूर जैसी सुंदर और गोरी लड़की क्यों चाहिए थी जबकि खुद दिखने में राजपाल यादव जैसा था और 8 वी फैल पर सपने बड़े बड़े

भाभी ने यह भी बताया कि शुरुआत में कुछ समय तक तो औरत का भूखा जैद उनसे मजे लेकर सेक्स करता था लेकिन 1 महीने बाद जब वो दुबई गया और एक साल बाद वापस आया तो वह उनसे मार पिटाई करके wild सेक्स करता था , जो रेशमा को पसंद नही आता था और जैद साल में 1,2 बार ही घर आता था , जिससे रेशमा की फुदकती चूत की आग बढ़ती ही जा रही थी ।

रेशमा भाभी ने बताया कि जैद दुबई में रहकर अच्छे पैसे कमाकर रंडियों के साथ चुदाई करता था उसने कई गोरी चिट्टी लड़कियों को पटा रखा था साथ ही जब इंडिया में आता तो यहां भी रंडियों के पास ही रात गुजरता , वह अपने ज्यादा पैसे इसी अय्यासी में उड़ा देता था , कभी बेंगलोर कंही पुणे जाकर होटल में किसी सुंदर रांड को बुलाकर उसके साथ हमबिस्तर होता था ।

ये वजह थी कि रेशमा की सेक्स life बिल्कुल सुनी थी ।

मैंने पूछा भाभी आपको ये सब कैसे पता चला ?

तब भाभी ने कहा ये हरामी खुद ही मुझे ये सब बताता है ताकि मैं परेशान हो जाउ और कहता है कि तू बिल्कुल सुंदर नही मैं तो सुंदर लड़कियों के ही मजे लेता रहूंगा , पैसे दे देकर

खैर….. मैने बात बदलते हुए कहा

छोड़ो भाभी , आपका पति तो आपको संतुष्ट नही कर सकता लेकिन आपकी जवानी अभी काफी बाकी है इस से अच्छा आपको भी कोई और रास्ता खोजना चाहिये ।

भाभी बोली – क्या मतलब ?

मैंने कहा – क्या आप खुद को कंट्रोल कर पाते हो सेक्स के लिए

तो भाभी ने कहा – बिना सेक्स के मेरी हालत खराब हो जाती है लेकिन जैसे तैसे करके मुझे कंट्रोल करने ही पड़ेगा अब क्या करू आपके पास कोई रास्ता ह क्या ? (भाभी और मैं एक दूसरे को हवस भरी नजरों से देख रहे थे )
मैंने जानबूझकर कहा – आपको तो अब अपनी उंगली से ही काम चलाना पड़ेगा अब यही रास्ता बचा है

तो भाभी बोली – उंगली से ही तो 10 साल निकाल दिये, मैने तो सोचा आप कोई मर्दों वाली बात करोगे

तो मैंने कहा – मेरी मर्दानगी आपकी चीखें निकाल सकती

रेशमा ने कहा – अब चाहे कितनी चीखें निकले मुझे परवाह नही

यह सुनकर मै अपनी छत से उनकी छत पर गया और जैसे ही रेशमा भाभी के पास गया तो वो दूर हट गई

तो मैंने कहा – लगता है आपकी भी गांड में दम नही

रेशमा भाभी – ने शर्म लाज छोड़कर अपना पल्लू गिराके मेरे लंड की तरफ देखकर अपने होठों को काटते हुए मेरे पास बढ़ी

मैने लपक कर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और उसके मोटे मोटे होटों पर अपने होंठ रख कर बेतहासा चूमने लगा , होंठ चूमते हुए मेरा एक हाथ भाभी की पीठ को सहला रहा था तो एक हाथ उसकी मोटी गांड को दबा रहा था
5 मिनट तक रेशमा के काले होंठो रस पीने के बाद हम एक बार के लिए एक दूसरे से अलग हुए

रेशमा बोली चलो कमरे में चलते है

रेशमा ने छत का दरवाजा बंद कर दिए और मैं उसे अपनी गोदी में उठाकर कमरे में ले गया , और कमरे में ले जाकर मैने उसे बिस्तर पर पटक कर गिरा दिया

उसका पल्लू गिर चुका था , उसके मोटे मोटे boobs बाहर आने को बेताब थे ।

उसके चेहरे पर सालों की प्यास आसानी से दिखाई दे रही थी और मेरा लन्ड भी एक काली चूत की गहराइयो में जाने को बेताब हो रहा था ।

मैं रेशमा के ऊपर टूट पड़ा

फिर से उसके होंठों को चूमते हुए एक हाथ उसके मोटे मोटे काले काले मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था और दूसरे हाथ उसके सर को कस के पकड़ कर उसके होठों को मैं खा रहा था ।

बेतहासा चूमते हुए मैंने रेशमा को लिटाते हुए अपना हाथ उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी चूत के ऊपर ले गया और मेरा हाथ उसकी चूत को चड्डी के ऊपर से मसलने लगा , रेशमा की चूत पानी छोड़ने लगी ।

रेशमा को लगातार kiss करते हुए मेरा हाथ उसकी चूत की गहराई में जाने को तड़प रहा था और वहीं रेशमा ने अपने हाथ से मेरे लन्ड को कच्छे के ऊपर से मसलना शुरू कर दिया ।

10 मिनिट तक उसके होंठों को चूसने के बाद रेशमा ने मेरी पेंट की जिप खोली और मेरे लौड़े को बाहर निकाल कर आजाद कर दिया ।

2 सेकेंड़ के लिए मेरे uncut लौड़े को देखकर उसने अपनी लार टपकाते हुए लौड़े पर एक प्यासी नजर से देखा और तपाक से पूरे लौड़े को मुंह मे ले लिया

मेरा लन्ड रेशमा के होंठो की गिरफ्त में आ चुका था , रेशमा किसी लॉलीपॉप की तरह लंड को मस्त चुन्स रही थी ।

सालों से प्यासी रेशमा लन्ड पर ऐसे टूट पड़ी जैसे प्यासा पानी पर टूट पड़े ।

किसी पोर्नस्टार की तरह मस्ती से आह आह उम्म उम्म करते हुए रेशमा मेरे लन्द को बेतहासा आगे पीछे करते हुए चुन्स रही थी

में जन्नत की सैर कर रहा था

Hindipornstories वेट्रेस के साथ गैंगबैंग

5 मिनिट तक लौड़े की बेतहासा चुसाई के बाद मैंने रेशमा को पकड़ कर लिटा दिया और एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल दिए

रेशमा को नंगी बदनं के साथ कोई एक बार देख ले तो उस से सुंदर दुनिया मे कोई औरत नही लग सकती

रेशमा के मोटे मोटे पहाड़नुमा मम्मे देखकर मैं पागल हो गया

उसके nipples काफी लंबे थे यह देख मेरा लन्ड फड़क उठा

नीचे देखते ही लंड हिलोरे मारने लगा , रेशमा की काली चूत उसकी भूरी झांटो के पीछे छिपी हुई शर्मा रही थी ।

अब मुझसे रहा नही गया

मैम रेशमा की चूत पर टूट पड़ा

69 पोज़िशन मैं और रेशमा नंगे होकर एक दूसरे के अंग को चुन्स रहे थे ।

एक तरफ मैं रेशमा की काली चूत को बेतहासा चूँस चूँस कर चूत को गीला करता जा रहा था वहीं रेशमा उतने ही जोश से मेरे लन्ड की भयंकर चुदायी कर रही थी ।

रेशमा कभी तो लन्ड के टोपी को जीभ से चारो तरफ घुमा कर चुंसती तो कभी पूरा लन्ड आगे पीछे कर मुंह मे अंदर तक लौड़े को सैर करवाती ।

वहीं मैं रेशमा की चूत के अंदर जीभ डाल डाल कर जीभ से उसे चोदते हुए चूत रस पान कर रहा था ।

रेशमा मेरे लौड़े को अपने गले के अंदर तक उतार उतार कर अपनी मुंह की चुदायी करने लगी

अब लंड जवाब देने लगा ,

रेशमा के गले मे उतरते हुए लन्ड ने पिचकारी छोड़ दी और रेशमा ने पूरा माल सीधे गले मे ही गटक लिया

इधर रेशमा भी कुछ देर बाद चूत चुसाई से अपने रस छोड़ने लगी ।

अब थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया
इस बार मैंने ज्यादा समय न गवांकर रेशमा को तुरंत उल्टा किया और उसके बाल खींचते हुए गांड की तरफ अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया

और रेशमा के बालों को खींचते हुए उसे पीछे से चोदने लगा

रेशमा जोर जोर से बोलने लगी

हाय अल्लाह मेरी चूत का भोसड़ा बना दे

चोद साले चोद बहनचोद अपनी रंडी को

चोद मेरी काली चूत को

बुझा दे मेरी बरसो की प्यास

इधर में उसकी गंदी बातें सुनते हुए उसकी चूत में धक्के पेल रहा था , रेशमा की काली चूत में मैं आसानी से पेलम पेलाई कर रहा था और उसे गालियां देकर अपनी रंडी बनाकर चोद रहा था ।

उसके मुंह को घुमाकर उसके होंठों को चुंस्ते हुए उसकी चूत का भोसड़ा बनाने लगा ।

रेशमा जोर जोर से चुदने लगी

अब रेशमा मेरे ऊपर बैठकर cowgirl पोजिशन में आ चुकी थी और तूफान एक्सप्रेस की drive करने लगी और अपनी चूत को आगे पीछे करके चुदवाने लगी

क्यों साली तेरा पति तेरी चूत नही चोदता क्या

बहन की लौडी

ले ले मेरा लौडा

गालियां दी देकर उसकी चूत का बाजा मैं बजाता रहा रेशमा भी जोश में गंदी बाते बोलकर चुदवा रही थी

साले हरामी मादरचोद

मेरी काली चूत का भोसड़ा बना

मेरा पति नामर्द है बहुत दिन बाद एक मर्द हाथ लगा तेरे लन्ड को पूरा निचोड़कर कर ही मानूँगी

मार मेरी छिनाल चूत को , फाड़ दे इस काली रंडी को

अब मैंने उसे फिर से उल्टा लिटाकर उसकी चूत बजानी शुरू कर दी इसी बीच मैनी अचानक अपना लंड चूत से निकालकर उसकी गांड में डालने लगा

रेशमा की गांड के छेद ने मेरे लौड़े को आसानी से अपने अंदर ले लिया मानो रेशमा को इसी का इंतजार था

मैने सोचा – जरूर रेशमा ने अपनी गांड कई लोगो से मरवाई होगी वर्ना बिना थूंक लगाए इतनी आसानी लौडा अंदर नही जा सकता था

जरूर रेशमा ने अपने मर्द के गैर मौजूदगी में कई लौंडों से अपनी प्यास बुझाई होगी

ये सोचकर मैं लगातार उसकी गांड फाड़कर चोदने लगा

रेशमा बोली चोद भोसडीके चोद

फाड़ दे मेरी काली गांड को

मैं रेशमा की मोटी 38 इंच की गांड को मस्ती से चोदने लगा

करीब 15 मिनिट बाद मैं रेशमा की गांड में ही झड़ गया ।

अब रेशमा और मैं एक दूसरे से लिपटकर बतियाने लगे कि अचानक उसकी ठरकी ससुर ने उसे नीचे से आवाज लगाई इसलिए उसे जाना लेकिन रात में 8 बजे रेशमा फिर से ऊपर और फिर करीब 1 घण्टे फिर से मैंने रेशमा की चूत और गाँड़ के मजे लिए ।

इस तरह पिछले 2 साल से रेशमा और मैं चूत लंड की मस्त दुनिया मे घूम रहे हैं । रेशमा के साथ मैने आगे और क्या क्या गुल खिलाये कैसे रेशमा के नए राज खुले , किसे उसकी बहन और सहेलियों को मैंने पटाकर उनकी चूत ली यह बताऊंगा मैं आपको अगले हिस्से तो दोस्तो इस कहानी पर अपना प्यार जरूर बरसाए और मुझे जरूर बताएं कि आपको ये कहानी कैसी लगी मेरी mail id पर मुझे प्रतिक्रिया जरूर दें ताकि मैं जल्द से जल्द दूसरा भाग आपके लिए ला सकूं ।

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प्रेमिका के दोस्त के साथ सेक्स – भाग 2 https://sexstories.one/sex-with-girlfriends-friend/ Tue, 30 Nov 2021 10:25:11 +0000 https://sexstories.one/?p=4389 मैंने उसकी टाँगों को अलग किया और उसकी सूजी हुई चूत, उसकी चूत के होंठ गुलाबी, पतले, छोटे; यह एक कुंवारी बिल्ली की तरह दिखती है, उसकी योनि से बहुत सारा पानी बहता है...

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sex with girlfriend’s friend – मैं: हाँ मैं अकेला रह रहा हूँ, इसलिए कोई चारा नहीं है, मुझे खाना बनाना सीखना है। लेकिन सही पता है कि मैं खाना पकाने के मूड में नहीं हूं, हम पास के रेस्तरां में कुछ ऑर्डर कर सकते हैं, वे मुफ्त होम डिलीवरी देते हैं। और मैं उसकी ओर झपटा, वह मुस्कुराई।

मैं: क्या आप भी कुछ बियर लेना चाहते हैं?

वह: ठीक है

मैंने पिज्जा और बियर ऑर्डर किया।

Part 1 – एक्स-गर्लफ्रेंड की वर्जिन बेस्ट फ्रेंड

और इसका मतलब है कि जब उसने स्विच ऑन किया, मेरे चेतावनी देने से पहले ही, मैंने कल रात जो पोर्न फिल्म देखी, वह चलने लगी।

उसकी आँखें चौड़ी हो गईं और मुँह खुल गया, वह टीवी देखती है, और फिर मुझे, और फिर वापस टीवी पर।

और मुझमें उसकी आँखों में देखने की हिम्मत नहीं है।

उसे होश में आने में कुछ सेकंड लगते हैं और वह टीवी बंद कर देती है। कमरे में कुछ सेकंड के लिए चुप रही, और फिर उसने कहा, मैं घर वापस जाना चाहता हूं, और मुड़ गया, लेकिन मैंने उसे उसके हाथ से पकड़ लिया, और उसे अपनी तरफ खींच लिया, और कहा

मैं: प्लीज मत जाओ डियर, आई लव यू। और मैंने उसे पीछे से गले लगाया था, और उसके गले पर अपने होंठ रखे थे, और उसकी गर्दन को पीछे से चाटना शुरू कर दिया था, और साथ ही अपनी उँगलियाँ डाल कर उसके पेट पर घुमाने लगा, और थोड़ा ऊपर की ओर आया, और उसके बड़े, स्तन को हिलाते हुए महसूस किया उस बड़े, शहद के बर्तन पर मेरे हाथ।

और उन्हें थोड़ा निचोड़ने लगा, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं, और धीमी आवाज़ में कराहने लगी, मैं उसकी गर्दन से उसके कान तक गया और उसके कान के लोब को चाटने लगा। वह कांपने लगती है और तेज आवाज में कराहने लगती है।

मैंने चाटना बंद कर दिया, और उसके स्तन दबाते हुए, वह घूमी, और आँखें खोलीं, और मुझे घूर कर कहा,

वह: क्या?

मैंने कुछ नहीं कहा, बस उसका टॉप लिया और उसकी गर्दन तक खींच लिया, और उस खूबसूरत नज़ारे को देखने लगा, जो नज़ारा मैंने देखा था, उससे अपनी आँखें नहीं हटा पा रहा था, उसका गोरा और चिकना पेट और 2 मीठे बड़े बर्तन शहद की, हालांकि वे काली लेसी ब्रा से ढकी होती हैं, लेकिन यह मुश्किल से कुल स्तन के 1/4 भाग को कवर करती है।

मैं उस खूबसूरत नजारे को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया, और जब मैंने कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया, तो उसने खुद ही ऊपर की चोटी हटा दी, और मेरे पास आकर मेरे नंगे सीने पर हाथ फेरने लगी, और मेरा एक हाथ पकड़ कर बिस्तर की ओर खींच लिया , और जब हम बिस्तर के किनारे पर खड़े होते हैं, तो मुझे बिस्तर पर धकेल दिया।

मैं अपनी पीठ के बल बिस्तर पर गिर गया, उसके सुंदर सुडौल शरीर ने मुझे सम्मोहित कर दिया, और मैं सोचने की स्थिति में नहीं हूँ कि आगे क्या करना है।

वह चार्ज ले लेती है, और बस मुझ पर चढ़ जाती है, और अपने होंठ मेरी छाती पर रख देती है, और पूरी छाती को चूमने लगती है, और अंत में मेरे निप्पल पर बैठ जाती है, वह मेरे निपल्स पर थोड़ा सा काटती है, जिससे मैं अचानक अपने होश में आ गया, और विलाप करने लगा। वह मेरे निप्पल को चूसती रही।

मैंने अपना हाथ उसकी नंगी पीठ पर रखा, और मेरे हाथ उसकी पीठ पर घूम रहे थे। और वह जानती है कि ऊपर आओ, और मेरी गर्दन को चूमना शुरू करो, मैंने उसकी बड़ी गांड को अपने हाथों में पकड़ लिया, उसे अपनी पूरी शक्ति से दबाने लगा, और उसकी प्रगति के कारण कराहती हुई वह बहुत जंगली है और मेरी छाती और गर्दन पर कई जगहों पर काटती है, लेकिन यह मुझे और भी अधिक उत्तेजित करता है।

मैंने जोर से कराहना शुरू कर दिया था, और उससे कहा “हाँ बेबी, तुम सबसे अच्छी हो, तुम बहुत गर्म हो,” और वह बस मुस्कुराई और अपने काटने और मेरी गर्दन पर पसंद करने लगी।

मैंने अभी-अभी उसकी गांड से हाथ हटाया और उसकी ब्रा के हुक खोलना शुरू किया लेकिन वे बहुत तंग हैं, और उस उत्तेजित अवस्था में मैं उन्हें खोल नहीं पा रहा था, इसलिए मैं ब्रा की पट्टियों को इतनी जोर से खींचता हूँ कि हुक टूट जाते हैं, और फिर वह जल्दी से अपने शरीर से ब्रा हटा देती है।

फिर वो खड़ी हो गई और अपनी जींस उतार दी, जानिए वो मेरे सामने सिर्फ एक पैंटी में खड़ी है। वह स्वर्ग से सीधे मेरे बिस्तर पर आती है, 36 ”28” 38 की आकृति, और उसके शरीर के दूधिया रंग ने मुझे दीवाना बना दिया। मैंने बस उसे अपनी ओर खींच लिया और फिर उसे बिस्तर पर अपनी तरफ कर दिया।

तब मैं उसके पास आया, और उसका एक उल्लू अपने मुंह में, और दूसरा अपने एक हाथ में लिया।

मैंने एक-एक करके उसके स्तनों को जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया, और वह तेज़ आवाज़ में कराहने लगी, उम्म, आह हाँ, और चिल्लाई, “जाओ गधे, उन्हें ठीक से चूसो, उन्हें मत काटो, तुम गधे।

मेरा दूसरा हाथ उसकी पैंटी के पास गया और मैंने अपने एक हाथ से उसकी पैंटी को हटाना शुरू कर दिया, देखा उसके कूल्हों को ऊपर की ओर धकेलने में मेरी मदद करने के लिए मैंने एक पल के लिए स्तन छोड़ दिए और उसकी पैंटी को एक झटके में हटा दिया।

और स्वर्ग का द्वार मेरे साम्हने आता है; उसने अपने प्यार के ठिकाने को छिपाने के लिए अपनी टांगें पार कीं, और पहली बार में, मैं उसे शर्मीला लग रहा था। शरमाते हुए वह और भी खूबसूरत लगती है, उसके चूजे लाल हो जाते हैं और उन पर बने डिंपल बहुत खूबसूरत लगते हैं।

मैंने उसकी टाँगों को अलग किया और उसकी सूजी हुई चूत, उसकी चूत के होंठ गुलाबी, पतले, छोटे; यह एक कुंवारी बिल्ली की तरह दिखती है, उसकी योनि से बहुत सारा पानी बहता है।

मैंने झट से एक झटके में अपना छोटा और अंडरवियर उतार दिया; मेरे डिक को उसके प्यार के छेद पर रखो, हम दोनों पहली बार एक-दूसरे के प्यार के औजारों के संपर्क को महसूस कर कराहते हैं, मैंने शुरू किया, उसके होंठों को चूसते हुए और धीमी आवाज में उससे कहा, “आई लव यू डार्लिंग, मुझसे वादा करो कि तुम कभी नहीं छोड़ोगे मुझे तुम्हारा दोस्त पसंद है।

वह: मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ, और मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगी, मेरी जान। हमने फिर से होंठों को बंद कर दिया, उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, और मैंने अपना लंड उसकी गीली चूत में डाल दिया। उसकी चूत बहुत कसी हुई है, और डिक पहले धक्का में अंदर नहीं गया, फिर मैंने ठीक से अपना डिक सेट किया और एक शक्तिशाली झटके के साथ डाला, वह चिल्लाया लेकिन उसकी आवाज नहीं निकली क्योंकि मैंने उसका मुंह अपने साथ बंद कर लिया था। कुछ ही मिनटों में एक साथ कामोत्तेजना, मैं उसके अंदर गहराई तक आ गया था, और हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे

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गदराई आंटी के मस्त दूध निचोड़े https://sexstories.one/aurat-ka-doodh/ Wed, 18 Nov 2020 18:08:51 +0000 https://sexstories.one/?p=1522 मेरी माँ की सहेली सुनीता की उम्र करीब 40 से ज्यादा ही होगी पर वो लगती नही थी। उनके पति ऑफीस के काम से अक्सर बाहर जाते थे और उनके 2 बच्चे थे। एक लड़का ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरी माँ की सहेली सुनीता की उम्र करीब 40 से ज्यादा ही होगी पर वो लगती नही थी। उनके पति ऑफीस के काम से अक्सर बाहर जाते थे और उनके 2 बच्चे थे। एक लड़का जो होस्टल में पड़ता था और एक लड़की जिसकी कुछ टाइम पहले शादी हुई थी। वो मेरी माँ की कुछ टाइम पहले ही नई सहेली बनी थी। aurat ka doodh

फिर वो मेरे घर आने लगी सुनीता आंटी हमेशा साडी ही पहनती है। में उनके बारे में कभी कुछ गलत नही सोचता था। आंटी मेरे घर आई और मेरी माँ से कहने लगी। मेरे घर में कोई नही होता हे। में आशीष से कभी कुछ काम होगा तो उससे करा लूंगी।

मेरी माँ ने हाँ कह दिया आप कोई भी काम हो इस को बोल दिया करो। ये कर देगा फिर क्या था सुनीता आंटी मुझको एक दो दिन मैं कुछ ना कुछ समान मगाती रहती थी और में उन के घर में जाता रहता पर कभी घर के अंदर नही जाता था। बाहर से उनको समान दे कर चला जाता था।

एक दिन आंटी ने मुझको कॉल किया की आशीष मेरे साथ तुम मार्केट चलो मुझको कुछ समान लेना है। उन दीनो बारिश हो रही थी। मैं आंटी के घर के बाहर आया और कॉल की आंटी मैं आ गया हूँ….. आंटी ने क्या साडी पहनी थी। रेड सिल्क कलर की सिल्की साडी। मैने इतना ध्यान नही दिया क्यूकी में आंटी के बारे में कभी भी गलत नही सोचता था।

में आंटी को बाइक में ले जाने लगा और आंटी को मार्केट ले आया। आंटी ने कुछ घर का समान लिया और फिर आंटी एक शॉप में गयी। जहा पेंटी और ब्रा मिलता था। में शॉप के बाहर ही रुक गया। aurat ka doodh

आंटी बोली आशीष क्या हुवा में बोला आंटी आप ही जाइए आंटी ने बोला चलो ना कोई दिक्कत नही है। आंटी के साथ अंदर चला गया आंटी ने शॉपकीपर से कुछ पेंटी और ब्रा मंगवाई। आंटी का साइज़ 42 था। आंटी ने 3 पेंटी और ब्रा पसंद कर ली और आंटी को में घर लाने लगा तभी बारिश होने लगी।

आंटी और में तोड़ा भीग गये। हम जैसे आंटी के घर पहुचे तभी बारिश तेज़ हो गयी। आंटी बोली आशीष अंदर चलो जल्दी से मैं बाइक लगा के आंटी के घर चल दिया।

आंटी ने अपने घर का दरवाजा खोला और हम अंदर गये। मैं आंटी के घर के अंदर पहली बार गया था। आंटी ने कहा आशीष ये लो टॉवल जल्दी से ड्रेस उतार लो नही तो ठंड लग जायगी।

मैं कहा आंटी कोई बात नही में बारिश कम होते ही चला जाउगा। आंटी ने कहा अरे आशीष तुम्हारी ड्रेस पूरी भीग गयी है। तुम बीमार हो जाओगे। मैने आंटी की बात मान ली और ड्रेस उतार ली और टॉवल को पहन लिया और आंटी भी ड्रेस चेंज करने चली गयी। अपने रूम में। आंटी जब वापस आई तो क्या लग रही थी। वो पिंक कलर की नाइटी में आई और मेरे सामने आ कर बैठ गयी।

फिर आंटी बोली आशीष में चाय बना कर लाती हू। उस टाइम तक मेरे लिए आंटी के लिए कुछ ग़लत नही सोच रहा था। फिर आंटी चाय लेकर आई और मेरे सामने आ कर बेठ गयी और हम दोनो चाय पिने लगे और आंटी इधर उधर की बाते करने लगी की।। आशीष तुम क्या करते और क्या करना चाहते हो।

फिर आंटी कहने लगी आशीष में ब्रा चेक कर लू की साइज़ सही है या नही अगर सही नही होगा तो तुम चेंज कर लाना। फिर आंटी अंदर गयी और थोड़ी देर बाद आंटी ने मुझको आवाज़ मारी। आशीष ज़रा अंदर आना।

में टॉवल में ही अंदर गया और अंदर जाते ही मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी। aurat ka doodh

आंटी पेंटी और ब्रा में थी। ब्रा पहनने की कोशिस कर रही थी।

आंटी बोली अंदर आ जाओ। में हिम्मत करके अंदर गया और आंटी बोली आशीष ज़रा इसको पहनाना मुझसे हुक लग नही रहा। में बोला आंटी में… आंटी बोली तो क्या हुआ… में आंटी की ब्रा का हुक लगाने लगा और चुपके चुपके उनके मोटे बोब्स देख रहा था। आंटी मुझसे पूछने लगी आशीष तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है…. मैं उस टाइम चुप रहा आंटी फिर बोली बताओ ना मैं किसी को नही बोलूंगी…..

मैं बोला आंटी ऐसी कोई बात नही हे। मेरी कोई गर्लफ्रेंड नही है। आंटी क्यू झूट बोल रहा हे। मैं बोला आंटी कोई मिली नही. . .

आंटी बोली तुमको किस तरह की लड़की चाहिए।। मैं बोला जो मुझको प्यार करे। आंटी बोली हा सही है. . मैने आंटी के ब्रा का हुक लगा दिया। आंटी मेरे सामने सीधी हो कर खड़ी हो गयी। उनके मोटे मोटे बोब्स देखा कर लंड खड़ा हो गया और टॉवल से साफ दिखने लगा। आंटी ने देख लिया।

फिर आंटी बोली आशीष ज़रा वो वाली लाना जो बाद में है।। मैं उस दूसरी ब्रा लेने गया। तब तक आंटी ने अपनी ब्रा उतार दी और मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी मैं थी। मेरे दिमाग़ ही काम नही कर रहा था।

आंटी बोली लाओ। मैं लेकर आंटी के पास गया। aurat ka doodh

आंटी बोली क्या हुवा आशीष कभी किसी ओरत को ऐसे नही देखा… मैं कहा नही आंटी… मेरे लंड की तरफ़ देखकर बोली ये क्या है… में बोला आंटी कुछ नही… आंटी मेरे पास आई और मेरे लंड को छूने लगी।

में पागल सा हो रहा था। आंटी ने मेरा टॉवल निकाल दिया। मैं अपने अंडरवेयर में था। आंटी मेरे लंड को अंडरवेयर के बाहर से हिलाने लगी मुझसे कंट्रोल नही हुआ मैं आंटी को बाहो में भर लिया और उन को किस करने लगा।

आंटी बोली आशीष काफ़ी टाइम से तेरे अंकल ने मुझको प्यार नही किया। इस लिए मैने ये सब करा अगर मैं तुझसे बोलती तो तू मुझसे बात भी नही करता क्योकि तुमको मुझ मैं क्या मिलेगा।

मैने बोला आंटी ऐसी बात नही है। में आपको आज से प्यार करुगा। आंटी मुझको किस करने लगी। मैंने आंटी को गोद में लिया और बेड में लेटा दिया।

मैने आंटी की पेंटी के उपर से ही उनकी चूत मसलने लगा और उनके बोब्स को चूसने लगा। आंटी मस्त आवाज़ निकालती जा रही थी। मैने आंटी की पेंटी उतार दी मैने देखा आंटी की चूत में एक भी बाल नही है पूरी लाल चूत थी।

आंटी बोली मैंने आज ही साफ किया है। मुझे आज तुझसे जो मिलना था.. मैने कहा क्या बात है साली…

वो हँसने लगी और मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी। में उसके बोब्स चूसते चूसते उसकी नाभि को किस और चाटने लगा। उसने कहा आशीष अपनी आंटी को मत तड़पाओ प्लीज़ अपना लंड डालो। मैंने कहा अच्छा। मैने आंटी के पेरो को फेलाया और उनकी चूत में अपना लंड रखा। धीरे से अंदर डालना शुरू किया।

एक झटका दिया आंटी की चीख निकल गयी और मैंने अपनी स्पीड बड़ा ली और आंटी की आवाज़ मुझको दीवाना करने लगी। हहा…आ.आ.. हम्म हहा…आई… मैने स्पीड से उनकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड करता रहा। आंटी ने अपना पानी छोड़ दिया। पर मेरी स्पीड चल रही थी। 15 मिनट बाद मेरा भी निकलने वाला था।

मैंने पूछा आंटी कहा निकालू वो बोली बाहर निकाल दो। aurat ka doodh

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किरायेदार की बीवी की सील तोड़ी https://sexstories.one/desi-virgin-wife-fucked-landlord/ Fri, 07 Aug 2020 10:12:23 +0000 https://sexstories.one/?p=64 More Hindi sex stories on Hindipornstories.org. हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ, जो कि खुद मेरे साथ कुछ समय पहले घटित हुई है. दोस्तों मेरी उम्र ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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More Hindi sex stories on Hindipornstories.org. हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ, जो कि खुद मेरे साथ कुछ समय पहले घटित हुई है. दोस्तों मेरी उम्र 26 साल और में मुंबई का रहने वाला हूँ और में एक मज़बूत शरीर वाला अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ. में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ. मैंने अब तक बहुत सारी कहानियों के बड़े मज़े लिए और उनको पढ़कर एक दिन मैंने अपनी भी इस घटना को लिखने के बारे में विचार किया.

लेकिन में थोड़ा सा डरता था और एक दिन मैंने हिम्मत करके इसको आप तक पहुंचा दिया, इसमें मैंने एक उस प्यासी तरसती हुई औरत की चुदाई के मज़े लिए जिसको इसकी बहुत जरूरत थी और मैंने उसकी उस जरुर को पूरा किया और अब आप सुनिए कि मैंने ऐसा क्या किया. दोस्तों यह तब की बात है, जब हमने एक बार एक नई नई शादी होकर आये एक जोड़े को अपना मकान किराए पर दे दिया और देखते ही देखते हमारा पूरा परिवार और उन दोनों में बहुत अच्छा व्यहवार बन गया और में भी उनके साथ बैठने उनसे बातें हंसी मजाक करने लगा था. दोस्तों यह उसके हमारे यहाँ पर रहने के करीब 11 महीने के बाद की बात है, जब एक दिन मैंने दीपक जो कि मेरा किरायेदार था

मैंने उससे पूछा कि क्या बात है आपकी और भाभी की तरफ़ से अभी तक हमे कोई भी खुश खबरी नहीं मिली है? तो उसने मेरी उस बात को सुनकर तुरंत अपना मुहं नीचे लटका लिया और उसकी वो हरकत देखकर मुझे बहुत अजीब लगा और में मन ही मन में सोचने लगा कि मैंने उसको ऐसा क्या कह दिया है, जो वो इतना उदास हो गया?

फिर वो मुझसे कहने लगा कि देख, क्योंकि तू मेरे भाई जैसा है और तुझसे मैंने अब तक अपनी कोई भी बात कभी नहीं छुपाई है, इसलिए में तेरे साथ यह भी करना चाहता हूँ कि यार तेरी भाभी और मुझमें अच्छे सम्बंध नहीं है.

मैंने चकित होकर उसकी बात को सुनकर उससे पूछा कि ऐसा क्यों है? तब उसने मुझे बताया कि मेरी कमाई बहुत कम है और में अपने घर की हर दिन की ज़रूरतें पूरी नहीं कर पा रहा हूँ. फिर मैंने उससे कहा कि इसमें भाभी को बुरा मानने या रूठने की क्या ज़रूरत है, क्योंकि तुम तो बहुत मेहनती लड़के हो और कभी भी मेहनत से पीछे भी नहीं हटते हो और मुझे उम्मीद है कि तुम एक दिन बहुत अच्छा पैसा कमा लोगे और तब वो मेरी बात को सुनकर एकदम चुप हो गया. फिर में तुरंत समझ गया कि उसके मन में कुछ और बात भी है.

तब मैंने उससे कहा कि भैया आपने मुझे अभी अपना भाई कहा है और अब आप मुझसे ही वो बात छुपा रहे है. तब उसने कहा कि नहीं अजय ऐसी कोई भी बात नहीं है जैसा तुम सोच रहे हो, लेकिन हाँ कुछ बातें अगर पर्दे में ही रहे तो अच्छी होती है. अब मैंने उसको समझाया कि अगर आप किसी को अपनी समस्या नहीं बताओगे तो वो हल कैसे होगी? मेरे इतने कहने में वो रोने लगा और मुझसे बोला कि भाई एक औरत को अपने मर्द से सिर्फ़ दो चीज़े चाहिए होती है, एक पैसा और दूसरा प्यार, लेकिन में उसको अपनी तरफ से यह दोनों ही ठीक तरह से नहीं दे पा रहा हूँ. अब मैंने उससे पूछा कि क्यों आप तो इतने सुंदर गठीले शरीर वाले है तो फिर भी ऐसा क्यों? तब उसने कहा कि एक सुंदर दमदार शरीर होने से क्या होता है? तुम मुझे बताओ कि जब तुम अपनी घरवाली को अपनी तरफ से पूरी तरह से संतुष्ट ही नहीं कर पाओगे, तब तो वो तुमसे दूर भागेगी ही ना.

मैंने उससे कहा कि आप कम से कम मुझे बातें तो पूरी तरह खुलकर सही से बताए कि वो ऐसी क्या बात है? दोस्तों तब उसने जो मुझे बताया में तो उसको सुनकर एकदम चकित रह गया और उसको सुनकर मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि अब उसने मुझसे कहा कि हमारी शादी को पूरे 11 महीने हो गये है, लेकिन में इतने दिनों में एक बार भी तुम्हारी भाभी संजना के साथ वैसे शारीरिक संबंध नहीं बना पाया हूँ, जिसकी वजह से वो मुझसे खुश हो जाए.

दोस्तों अब में उसकी वो बात सुनकर बहुत हैरान हो गया और अंदर ही अंदर से मुझे उसके ऊपर बहुत गुस्सा भी आया, क्योंकि आख़िर जिस मर्द की इतनी नमकीन हॉट सेक्सी औरत हो, जो कि उम्र में सिर्फ़ 23 साल की हो और उसका रंग गोरा हो, आम की तरह जिसके बड़े बड़े लटकते हुए बूब्स हो, जो कि हर वक्त ब्रा से बाहर आकर साँस लेने को तड़पते हो, सच में मुझे उसके साथ यह काम देखकर बहुत बुरा लगा.

अब मैंने उससे साफ साफ पूछ लिया, क्या भाभी आपको उनकी चूत मारने से रोकती या मना करती है, उनको क्या कोई और लड़का पसंद है? तभी उसने कहा कि नहीं यार वो तो अब बहुत तड़प रही है कि कोई ना कोई उसकी चढ़ती हुई उस मस्त जवानी का पूरा मज़ा लूटे और उसको एक मर्द की तरह जमकर चोद दे और एक दमदार मर्द का पूरा प्यार उसको मिले और वो उस मर्द के बच्चे पैदा करे, वो तो असल में बहुत से बच्चे पैदा करना चाहती है, लेकिन उसकी किस्मत में मेरे जैसा नामर्द आ गया है, इसलिए उसके वो सारे सपने उसको अधूरे रहते हुए दिखाई दे रहे है, जिसकी वजह से वो अब बहुत परेशान सी रहने लगी है.

दोस्तों अब मुझे उसकी वो सभी बातें सुनकर मन ही मन में खुशी होने लगी थी और में सोचकर बहुत खुश था कि अब तो लगता है कि घर के इस भेदी को ही इस लंका पर अपनी चढ़ाई करनी ही पड़ेगी और फिर मैंने उसको आख़िरकार पूछा कि अगर भाभी आपको चूत मरवाने से मना नहीं करती है तो आप उसकी चूत को मारते क्यों नहीं हो, क्यों आप उनको अपनी चुदाई से खुश करके बच्चे पैदा नहीं करते?

तब वो मेरी उस बात को सुनकर उदास होकर रोने लगा और वो अब मुझसे कहने लगा, क्योंकि उसका लंड कमजोर है और बचपन में लगी एक चोट की वजह से वो खड़ा होने पर इतना सख़्त नहीं होता है कि किसी औरत की टाईट चूत को खोलते हुए वो उसमें पूरा अंदर चला जाए और यही वो वजह है. में आज तक संजना की टाईट चूत में अपना लंड नहीं डाल सका और वो अब तक मेरी चुदाई से माँ नहीं बनी, लेकिन अब मुझे डर इस बात का लगता है कि संजना किसी और मर्द के बहकावे में आकर किसी मर्द से संभोग ना कर बैठे, क्योंकि यह उम्र कुछ ऐसी ही होती है, जिसमें हर एक इंसान अपनी आग को शांत करने प्यास को बुझाने के लिए बहक जाता है.

मैंने उसको अपनी तरफ से समझाकर शांत किया. मैंने उसको हिम्मत देते हुए उससे कहा कि इस दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका हल ना हो, इसलिए अब आप थोड़ी हिम्मत रखे, में आपकी इस समस्या को दूर करने में आपकी पूरी पूरी मदद करूँगा और में आज ही किसी अच्छे डॉक्टर से आपकी इस समस्या के बारे में बात करूंगा और मुझे पूरा विश्वास है कि आप दोबारा ठीक हो जाएगें और उससे यह बात कहकर में अपने ऑफिस चला गया, लेकिन दोस्तों अब उसकी वो बातें सुनकर मेरा मन अपने काम में कहाँ टिकने वाला था और अब तो में संजना भाभी के साथ उनकी मस्त जमकर चुदाई के सपने देखने लगा था, क्योंकि अब तक मेरे घर में इतना प्यासा बिना चुदा मस्त माल इतने दिनों रह रहा था और मुझे यह सब पता ही नहीं था. अब मैंने उसकी चुदाई के मौके देखने शुरू कर दिए थे, क्योंकि मैंने मन ही मन उसकी चुदाई करके उसकी चूत को शांत करके मज़े देने की बात अपने मन में पूरी तरह से ठान ली थी.

दोस्तों अब जब भी दीपक भैया उनके काम पर चले जाते, तब में कोई भी बहाना बनाकर भाभी से हंसी मजाक और बातचीत किया करता था और उस वजह से भाभी भी मुझसे धीरे धीरे घुल मिल गयी थी और उनको भी मेरे साथ अपना समय बिताना बहुत अच्छा लगता था.

एक दिन मेरी अच्छी किस्मत ने मेरा पूरा साथ दिया और मैंने उसका पूरा पूरा फायदा उठाया, क्योंकि दोस्तों उस दिन हम दोनों घर में अकेले थे. वो मई का महीना था और भाभी अपने कपड़े धो रही थी और में पानी की टंकी को ठीक करने के बहाने से ऊपर छत पर चला गया. तब मैंने नीचे झांककर देखा कि भाभी उस समय अपने कपड़े धो रही थी और वो पूरी पसीने से भरी हुई थी.

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उनका वो सफेद रंग का सूट उस समय पूरा पसीने से लथपथ था और उस सूट के अंदर ब्रा उन्होंने पहनी नहीं थी. दोस्तों में देखकर अपने पूरे होश खो बैठा, क्योंकि मैंने ऐसा नज़ारा अपनी पूरी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा था. भाभी के बूब्स एकदम टाईट और उस पर खड़े हुए निप्पल थे और भाभी का निप्पल कम से कम एक इंच मोटा होगा, जिसको देखकर में बड़ा चकित हो गया था.

अब मैंने भाभी को कहा कि टंकी के ऊपर पड़ी इस मोटी सीमेंट की सील को उठाने में आप भी मेरी मदद करो और भाभी मेरे कहते ही झट से उठकर आ गई और गर्मी की वजह से मुझे भी बहुत पसीना आ गया और सीमेंट की उस सिल को उठाकर जैसे ही हम दोनों ने उसको ज़मीन पर नीचे रखा. तभी अचानक से भाभी फिसल गयी और गिर गयी. फिर मैंने जल्दी से उस सीमेंट की सिल को एक तरफ किया और मैंने भाभी की गरम भरी हुई जाँघ पर अपने हाथ रखते हुए उनसे पूछा क्यों भाभी आप ठीक तो है ना?

वो कहने लगी कि नहीं अजय तुम मुझे उठाओ और मेरे बेडरूम में ले चलो, मेरे बहुत ज़ोर से चोट लगी है. अब में बहुत खुश हो गया, क्योंकि अब में उसके पूरे शरीर को बहुत आराम से हाथ लगा सकता था. उस समय भाभी पूरी पसीने से लथपथ थी और उनकी उस भीनी भीनी खुशबू ने मुझे बिल्कुल पागल बना दिया और उनके पसीने की वो खुशबू प्याज़ जैसी थी.

मैंने उन्हें अपनी बाहों का सहारा देकर उठाया. उनका पूरा बदन मुझसे छू रहा था और फिर मैंने उनको कमरे में बेड के ऊपर लेटा दिया. दोस्तों असल में ज्यादा वजन उठाने की वजह से उनकी पीठ पर थोड़ा सा ज़ोर पड़ गया था. मैंने उस अच्छे मौके का पूरा फायदा उठाने की बात अपने मन में सोची और मैंने भाभी का सर अपनी गोदी में रखकर उन्हें आराम करने को कहा.

तभी भाभी ने अचानक से मेरा चेहरा नीचे खींचा और उन्होंने मुझे ज़ोर से किस करना शुरू कर दिया, में तो एकदम पागल हो गया था, क्योंकि मैंने जो उनसे चाहा था, वो मुझे मिल गया था और अब मैंने भी सही मौका देखकर भाभी को चूमना शुरू कर दिया और उसके पसीने की खुशबू ने मुझे पूरी तरह से मदहोश कर दिया था और इस चुंम्मा चाटी के बीच मेरा पसीना और भाभी का पसीना आपस में मिल गये थे. अब भाभी मुझसे कहने लगी कि अजय में शुरू से ही तुम्हारे सपने देख रही हूँ, क्योंकि तुम एक असली मर्द हो, इसलिए आज तुम मुझे बिल्कुल भी निराश ना करना, आज तुम मुझे एक असली मर्द के प्यार का वो एहसास दे दो, जिसके लिए में अब तक तरस रही हूँ, प्लीज आज तुम मुझे अपनी तरफ से खुश कर दो.

दोस्तों अब उसके मुहं से इतनी बातें कहने की देर थी कि में अपनी सभी हदे पार कर गया और मैंने उसके माथे पर चूमा और तुरंत सही मौका देखकर उसकी सलवार कमीज़ को उसी समय उतार दिया और कपड़ो से उन दोनों बूब्स को छुड़ा दिया और जैसे ही वो दोनों बूब्स उन कपड़ो की क़ैद से बाहर निकले, तो मैंने उनको ज़ोर से दबा दिया, जिसकी वजह से भाभी आहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ करने लगी, उनके बूब्स पर बहुत सारा पसीना आया हुआ था, लेकिन में वो सारा पसीना अपनी जीभ से चाट गया और अब में उनके निप्पल को दबाने लगा भाभी आह्ह्ह्हह अईईईईइ ऊऊऊओ करने लगी.

फिर मैंने देखा कि भाभी अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. तभी उसी समय भाभी मुझसे बोली कि में आज एक असली दमदार मर्द का यह शरीर पाकर धन्य हो गयी, इसलिए आज से में बस तुम्हारी पत्नी बनकर ही रहूंगी और तुम चाहो तो में तुम्हारे बच्चे भी जरुर पैदा करूँगी. अब में उसकी वो बातें सुनकर एकदम खुश हो गया और अब उसकी इतनी बात सुनकर मैंने उससे कहा कि संजना तुम बिल्कुल भी चिंता ना करो, तुम्हारी इस मस्त जवानी को में ऐसे ही खाली जाने नहीं दूँगा, तुम्हें एक मर्द का प्यार में जरुर दूँगा, जिसको पाकर तुम कभी किसी और मर्द के पास कभी जाओगी ही नहीं और वैसे भी तुमने आज मुझे अपना पति मान लिया है.

अब में भी तुम्हे अपनी पत्नी मानता हूँ और तुम्हारी हर प्यास को बुझाना तुम्हारी हर एक इच्छा को पूरा करना मेरा एक फ़र्ज़ है, तुमको जितने बच्चे चाहिए वो सब मेरी ही चुदाई से तुम्हें पैदा होंगे. अब संजना मेरी बातें सुनकर बहुत खुश हो गयी और वो मुझसे पूछने लगी कि आपको हमारा पहला बच्चा लड़का चाहिए या लड़की? तब मैंने उससे कहा कि मेरा यह मोटा लंबा लंड सिर्फ़ लड़के ही पैदा करेगा और तुम भी हमारे पहले लड़के का मन बना लो. फिर मेरे मुहं से इतना सुनते ही संजना बोली कि हाँ मेरे पति देव आप जैसा मर्द किसी औरत को चोदे और वो औरत बेटा ना पैदा करे, ऐसा हो ही नहीं सकता.

इतना कहते ही मैंने उसके हाथ बेड पर उसके सर के पीछे कर दिए और उसकी बगल जो कि बालों और पसीने से भरी हुई थी. फिर मैंने उनकी मदमस्त खुशबू को सूँघा और सच कहूँ तो दोस्तों मुझे मज़ा आ गया, हम दोनों पसीने से लथपथ थे और एक दूसरे के शरीर की खुशबू को सूंघ रहे थे. फिर में इतने में पूरा नंगा हो गया और अपनी पसीने और बालों से भरी छाती को मैंने उसके नरम और गरम बूब्स पर रख दिया, जिससे उसके बूब्स मेरी छाती के नीचे दब गये और उसके होंठो को अपने होंठों के साथ जोड़ते हुए उसकी सारी गुलाबी कलर की लिपस्टिक को में धीरे धीरे चाट गया.

मैंने अपना तना हुआ मोटा लंड बाहर निकाला तो वो देखकर एकदम से घबरा गयी और बोली कि उफ़ नहीं आज तो मेरा नया पति मेरी चूत को चोदकर फाड़ देगा और मुझे लगता है कि एक बच्चा तो मुझे आज ही पैदा करना पड़ेगा नहीं तो यह तुम्हारा लंबा मोटा लंड मुझे आज मार ही देगा, सच में अजय तुम्हारा यह 6 इंच का लंड एक असली मर्दानगी की पहचान है, अगर तुम मुझे पहले मिले होते तो अब तक में तुम्हारे लिए एक बेटा भी पैदा कर चुकी होती और मेरे इन दोनों बूब्स में आज तुम्हारे बेटे का दूध भरा होता.

दोस्तों अब में उसकी वो बातें सुनकर हंस पड़ा और अब में उसकी गीली, कामुक, वर्जिन चूत पर अपना लंड रखकर धक्का मारने लगा. दोस्तों मैंने तब महसूस किया कि उसकी चूत एकदम टाईट थी.

में बहुत हैरान हो गया और मन ही मन सोचने लगा कि वो पैशाब कैसे करती होगी और मैंने एक दो बार अपने लंड को धक्के देकर अंदर किया, लेकिन वो नहीं खुली. तभी मेरे दिमाग में एक बहुत अच्छा विचार आ गया और मैंने उसके बूब्स को उसका ध्यान बटाने के लिए ज़ोर ज़ोर से दबाने शुरू कर दिए और उसके दोनों निप्पल पर एक साथ चुमटी भरी.

उसके मुहं से ज़ोर की चीख निकल गई और उसी समय मैंने सही मौका देखकर एक ज़ोर का धक्का मार दिया और मैंने अपना आधा लंड उसकी चूत में डाल दिया. संजना को बहुत दर्द हुआ और उसकी आँखों से पानी बाहर निकल आया और वो ज़ोर से तड़पती हुई रोने लगी और दर्द से मचलने लगी थी, उसको वो दर्द लेना कुछ ज्यादा भारी पड़ गया था, क्योंकि उसकी पहली चुदाई में मेरा मोटा लंड उसको आज जबरदस्ती चीरता हुआ आधा अंदर जा पहुंचा था.

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तभी मुझे ऐसा लगा जैसे कि मेरे लंड पर कुछ गीला गीला लग रहा है और नीचे अपना हाथ ले जाकर उस जगह पर लगाने के बाद मैंने देखा कि वो खून था, जिसका मतलब अब साफ था कि उसकी चूत अब मेरी चुदाई से फट चुकी थी, इसलिए में अब धीरे धीरे अपने पूरे लंड को उसकी चूत के अंदर डालने में पूरी तरह से कामयाब रहा और फिर उसके बाद उसकी चूत और मेरे लंड ने आपस में बहुत देर तक मज़े लेकर जमकर आपस में रगड़ खाई. दोस्तों में सच कहूँ तो उसकी इतनी टाईट चूत को रगड़ना किसी लंड के लिए भी आसान काम नहीं था और करीब 15 मिनट तक हम दोनों सम्भोग के मज़े लेते रहे, जिसमें उसने मेरा पूरा साथ दिया और फिर मैंने आखरी में धक्के देते हुए अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया. उसके चेहरे पर एक ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी और पसीने से लथपथ होकर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर ही पड़े रहे.

मैंने उसके पसीने को दोबारा सूंघना शुरू किया, उसकी मुझे एकदम मस्त खुशबू आ रही थी और कुछ देर बाद वो अपने एक एक बूब्स को मेरी बालों और पसीने से भरी छाती पर रखकर मेरी बाहों में सो गयी. मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया.

दोस्तों उस दिन मैंने उसकी तीन बार बहुत जमकर चुदाई की. उसकी चूत पर रगड़ आ गयी थी और उस वजह से उसको अब ठीक तरह से चलने में बहुत मुश्किल हो रही थी, लेकिन कुछ भी रहा हो, वो मेरी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट बहुत खुश थी, उसको आज इतने दिनों के बाद मेरी वजह से वो सब मिल चुका था, जिसकी उसको बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी, वो यह प्यार अपने पति से पाना चाहती थी, लेकिन उस परेशानी की वजह से वो आज मेरे साथ वो मज़े ले रही थी और मैंने उसको अपनी तरफ से कभी भी ऐसा मौका नहीं दिया. वो कुछ कमी महसूस करे. में उसके कहने पर अब हर बार कोई अच्छा मौका देखकर तन और मन से उसकी सेवा में लगा रहा.

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हमारी किरायेदार https://sexstories.one/%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a5%87%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b0-hindi-sex-stories/ Fri, 07 Aug 2020 09:37:23 +0000 https://sexstories.one/?p=44 मेरा नाम राहुल है, बीस साल का हूँ, मैं महाराष्ट्र में कोल्हापुर में रहता हूँ और सांगली के कॉलेज में पढ़ता हूँ। यह मेरा पहला यौन अनुभव है जिसे मुझे आप सबके साथ बांटने में ख़ुशी ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम राहुल है, बीस साल का हूँ, मैं महाराष्ट्र में कोल्हापुर में रहता हूँ और सांगली के कॉलेज में पढ़ता हूँ। यह मेरा पहला यौन अनुभव है जिसे मुझे आप सबके साथ बांटने में ख़ुशी होगी। हमारे घर का ऊपर का माला हमने किराये पर दिया है जिसमें एक खूबसरत आंटी और उसका पति रहता है, उनकी शादी को कुछ 2-3 साल हुए हैं पर अभी तक उन्हें कोई बच्चा नहीं है। आंटी बहुत खूबसूरत और सेक्सी हैं। desi sex chudai

वो जबसे हमारे यहाँ रहने आये थे तब से ही मुझे उस आंटी के साथ सेक्स करने की ख्वाहिश थी और मेरी हरकतों से वो यह जान गई थी। उसका बदन ही ऐसा है कि कोई भी उस पर फ़िदा हो जाये, गोरा बदन, लम्बे बाल बड़े-बड़े भरे हुए स्तन, वो जब चलती है तो उसकी गांड क्या मस्त दिखती है ! उसका आकार होगा 38″…

जब भी मौका मिलता, मैं उसके बदन को छूता और वो कुछ नहीं कहती थी। ऐसा बहुत दिन तक चलता रहा। अब मैंने उसके साथ सेक्स करने की योजना बनाई।

एक दिन मेरे घर वाले एक शादी में जाने वाले थे। तब मैंने “मेरी तबीयत ख़राब है !” यह कह कर जाने को टाल दिया…

Daily chudai story – पारुल की वर्जिन चुत

जब सब चले गए तो मैं उस आंटी के कमरे में चला गया। उसका पति भी दफ़्तर गया हुआ था और रात को आठ बजे के बाद आने वाला था। अब पूरे घर में हम अकेले ही थे। मैंने पहले तो उससे यहाँ-वहाँ की बातें शुरु की, फिर उसके काम में हाथ बंटाने लगा और इसी बहाने उसे बार-बार छूने लगा और जब मुझे पूरा यकीन हो गया कि उसे कोई एतराज नहीं है तो मैंने अचानक उसका हाथ पकड़ लिया।

उसने कहा- यह क्या कर रहे हो? desi sex

मैं डर गया लेकिन और थोड़ी हिम्मत कर के मैंने कहा- आज कुछ मत बोलो !

और उसे अपनी तरफ खींच लिया। तब वो मुझसे अलग होने की झूठी कोशिश करने लगी, फिर मैंने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा। कुछ देर बाद वो भी गर्म होने लगी और मेरा साथ देने लगी।

फिर मैंने उसकी चुनरी हटा दी और उसके पूरे शरीर पर हाथ फिराने लगा। मैंने उसकी कमीज़ की ज़िप खोल दी और अन्दर हाथ डालकर उसकी पीठ पर हाथ घुमाने लगा। फिर मैं उसके गले पर, उसकी पीठ पर चूमता रहा। फिर मैंने उसकी कमीज़ पूरी उतार दी, जिससे उसका गोरा बदन, उसकी गुलाबी रंग की ब्रा मेरे सामने आ गई। यह सब देख कर मेरा लंड फटा जा रहा था। फिर मैंने उसके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ही चूसना शुरु किया और अपने हाथों से उसकी ब्रा खोल दी। जैसे ही मैंने ब्रा खोली, वो दो बड़े-बड़े स्तन छलांग लगा कर मेरे सामने आ गए। मैंने हल्के से उन्हें अपने हाथों में पकड़ा और जोर से दबा दिया और साथ मैं अपने दांतों से उसके चुचूकों को काटने लगा, जिसकी वजह से उसकी मुँह से आह की जोर से आवाज निकली…

फिर बहुत देर तक मैं उसके स्तन चूसता रहा… desi sex

फिर मैंने उसकी सलवार निकाल दी, उसने गुलाबी रंग की पैंटी पहनी थी जो अब आगे से भीग चुकी थी। मैं उसे बिस्तर पर ले गया और अपनी टी-शर्ट और जींस उतारकर उसके ऊपर आ गया। मैंने उसे बहुत चूमा उसके स्तनों को बहुत चूसा और नीचे की तरफ बढ़ा…

पहले तो मैंने उसकी पैंटी के आसपास अपनी जीभ घुमाई और फिर पैंटी के ऊपर जीभ घुमाने लगा। उसे बहुत अच्छा लग रहा था और वो मुँह से आह उम् ऊह्ह की आवाजें निकाल रही थी।

फिर मैंने अपने दांतों से पकड़ कर उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी गीली गोरी चूत को देख कर पागल हो गया, मैंने अपनी जीभ जैसे ही उसकी चूत पर लगाई उसने मेरे बालों को खींच कर मुझे अपनी चूत के ऊपर दबा दिया और मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी।

मैंने बहुत बार ब्लू फिल्म में चूत को चाटते हुए देखा है लेकिन तब पहली बार ऐसा किया … मैं उसकी चूत को बहुत देर तक चूसता रहा। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में भी डाली और वो सेक्सी आवाजें निकालती गई…

फिर वो उठ गई और मेरा लंड बाहर निकाला और बिना हाथ लगाये सीधे मुँह में ले लिया। इतना अच्छा मुझे कभी नहीं लगा था…

वो मेरे लण्ड को मुँह में लेकर वो अपने मुँह को ऊपर नीचे करने लगी …. यह मेरा पहला ही सेक्स अनुभव था इसलिए दो मिनट में मैंने उसका मुँह अपने माल से भर दिया और वो उसे ऐसे पी गई जैसे पानी हो…

Office sex kahani – ऑफिस में माया की सामूहिक चुदाई

गजब की बात तो मुझे यह लगी कि मेरा माल निकलने के बाद भी मेरा लंड खड़ा का खड़ा था और वो उसे चूसे जा रही थी। फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और मैं उसकी चूत और वो मेरा लंड चूसने लगी और दूसरी बार मेरा माल उसने अपने मुँह में भर लिया।

उसने कहा- अब मुझसे और सहा नहीं जा रहा, जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो ! desi sex

और यह कहते हुए वो बिस्तर पर लेट गई और अपने पैर फैला दिए। उसकी चूत को देख कर मैं उसके ऊपर आ गया और उसने अपने हाथों से मेरा लंड अपनी चूत पर रख लिया। फिर मैं अपना लंड उसकी चूत पर थोड़ी देर रगड़ता रहा और अचानक ही उसकी चूत में घुसा दिया जिससे वो चीख उठी, मेरा अभी आधा लंड ही उसकी चूत में था, मैंने और जोर लगाया और उसकी चूत में पूरा घुसा दिया, जैसे ही पूरा अन्दर गया उसने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए.. फिर मैं उसे उस अवस्था में तब तक चोदता रहा जब तक मेरा माल नहीं निकल गया।

उस बीच मैंने उसके होंठों को बहुत चूसा और उसे भी यह बहुत अच्छा लगता था तो वो मेरा पूरा साथ दे रही थी।

चोदते-चोदते मैं उसके स्तन और चुचूक भी जोर से दबा रहा था लेकिन चुम्बन की वजह से वो चीख भी नहीं पा रही थी बस मुँह में ही आवाज निकाल रही थी। कुछ देर बाद वो मुझे जोर से चोदने को कहने लगी तो मुझे पता चल गया कि वो पानी छोड़ने वाली है।

मैं उसे जोर से चोदता रहा और उसने अपनी सांस रोक कर पानी छोड़ दिया, कुछ देर बाद मैंने भी अपना माल निकाल दिया।

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा और पीछे से उसकी चूत चाटने लगा। पीछे से उसकी गांड क्या खूब लग रही थी, कुछ देर चूत चाटने के बाद मैं उसकी गांड भी चाटने लग गया और उसकी गांड गीली कर दी। फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उसके मुँह में चाटने के लिए दी और उसकी गांड में घुसा दी। उसकी गांड कुँवारी थी तो उसे दर्द होने लगा और वो निकालने के लिए बोलने लगी। फिर दो मिनट बाद मैंने उंगली निकाल ली और अपना लंड उसकी गांड के ऊपर रख दिया।

वो मुझे कहने लगी- गांड मत मारो ! desi sex

लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी, कब से मैं उसकी गांड को देख-देख कर मुठ मारता था और आज मौका मिला तो कैसे जाने देता…

फिर मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड में डालने की कोशिश की, लेकिन नहीं गया। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी गांड को बाहर की तरफ खींच दिया और फिर बहुत जोर से अपने लंड को धक्का दिया। तब सिर्फ आगे का हिस्सा ही अन्दर गया और वो- आह मर गई इसे बाहर निकालो…आह …. करके चीखने लगी …

लेकिन मैंने और एक धक्का दिया तब आधा अन्दर गया और जब तीसरी बार कोशिश की तो पूरा का पूरा उसकी गांड में फिट बैठ गया… वो बहुत चीख रही थी, उसे बहुत दर्द भी हो रहा था… फिर मैं थोड़ी देर ऐसे ही चुप रहा और नीचे से मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी और हिलाने लगा। तब उसे थोड़ा अच्छा लगने लगा।

फिर धीरे धीरे मैं अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा और उसकी चूत में भी ऊँगली डालता रहा। कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और मैं जोर से उसकी गांड मारने लगा…

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मैं जब उसकी गांड मार रहा था तो उसके स्तन बहुत जोर जोर से हिल रहे थे… desi sex

कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी तो उसे दर्द होने लगा और वो मुँह से सेक्सी आवाजें निकालने लगी। जिससे मुझे और अच्छा लग रहा था।

और दो मिनट बाद मैंने अपना सारा माल उसकी गांड में निकाल दिया। जैसे ही मैंने लंड बाहर निकाला, मेरा माल उसकी गांड के बाहर आने लगा।

उसके बाद हमने आराम किया और कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत और गांड फिर से मारी…

यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है आपको मेरी कहानी कैसी लगी, यह जरूर बताइए..

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