यह कहानी सुन कर मैं और रजत गरम हो गये और थोड़ी देर के बाद हम लोग अपने-अपने कमरे में सोने के लिए चले गये।
अगले दिन रजत और सविता भाभी मुझे जहाँगीर आर्ट गैलरी, तारापुर एक्वेरियम, चौपाटी बीच, महालक्षमी और कई जगह ले गये और फिर लंच करने हम लोग घर वापस आ गये। करीब दोपहर दो बजे सिंगापुर से रजत के लिए फोन आया कि उसका वहाँ पहुँचना बहुत जरूरी है। उसका कोई टैंडर पास हो रहा है और वहाँ पर उसका रहना जरूरी है। वो मेरे कारण थोड़ा सोच में पड़ गया कि उसने इतनी ज़िद्द कर के मुझे मुम्बई बुलाया और खुद ही को सिंगापुर जाना पड़ रहा है। मैंने उसे समझाया और जाने के लिए कहा। रात के आठ बजे की फ़्लाइट से वो सिंगापुर के लिए निकल गया। मैं और सविता भाभी रजत को एयरपोर्ट छोड़ने गये थे और लौटते हुए हमने एक बहुत अच्छे होटल में डीनर लिया। घर लौटने के बाद मैं अपने आप को काफ़ी अकेला महसूस कर रहा था और मैं सविता भाभी से बातें करने लगा और बोला, “मैं रजत के बगैर क्या करूँगा.. मैं कल दिल्ली चला जाऊँगा।”
इस पर सविता भाभी बोलीं, “नहीं, इतनी जल्दी मत जाओ, रजत को बुरा लगेगा और मुझे भी कुछ अच्छा नहीं लगेगा और रजत नहीं है तो क्या हुआ…. मैं तो हूँ आपके साथ।” savita bhabhi
मैं रात को व्हिस्की पी रहा था और हम दोनों बातें कर रहे थे। मैंने सविता भाभी से भी ड्रिंक लेने को कहा और मेरा कहना मानते हुए सविता भाभी ने भी अपने लिए ड्रिंक बनाया। सविता भाभी बहुत ही सैक्सी लग रही थीं। उन्होंने मैरून रंग का सलवार सूट पहना हुआ था और उनके लो-कट कमीज़ में से उनकी बड़ी-बड़ी दूधिया चूचियाँ बाहर झाँक रही थीं. उनके गले में मोतियों का हार था और उन्होंने बहुत प्यारा मेक-अप लगा रखा था। उनके होठों पर सलवार-कमीज़ से मैचिंग मैरून लिपस्टिक लगी थी और उनके हाथ और पैरों के नाखूनों पे भी मैरून पॉलिश लगी थी। उनके गोरे-गोरे पैर काले रंग की हाई हील सैंडलों में बहुत सैक्सी लग रहे थे।
Savita bhabhi ki mast chut – आंटी की चूत में बेलन डालकर चोदा
हम लोग काफी देर तक बैठ कर व्हिस्की पीते रहे। हम काफी ज्यादा व्हिस्की पी चुके थे। सविता भाभी कुछ बहकी बहकी बातें कर रही थीं। थोड़ी देर के बाद सविता भाभी बोलीं, “तुम बैठो, मैं अभी अपने कपड़े बदल कर आती हूँ।”
मैं बोला, “भाभी आप इनही कपड़ों में बहुत सुंदर लग रही हैं… बाद में बदल लिजियेगा।” savita bhabhi
सविता भाभी बोलीं, “फिक्र मत करो… कपड़े बदलने के बाद और भी खूबसूरत दिखुँगी”और सविता भाभी उठ खड़ी हुईं। वोह नशे में झूम रही थीं और लड़खड़ातीहुए अपने बेडरूम में चली गयी।
मैं पीछे से हाई हील में मटकती उनकी गाँड देखता रहा। वो जब अपने कपड़े बदल कर वापस डगमगाती हुई आयी तो उन्हें देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। उन्होंने एक गुलाबी रंग की झीनी पारदर्शी नाईटी पहन रखी थी और उसके नीचे कुछ भी नहीं पहन रखा था। उनकी नाईटी के अंदर से उनकी गोल-गोल चूचियाँ और उनके निप्पल साफ-साफ झलक रहे थे और यहाँ तक कि उनकी गोरी-गोरी चूत भी हल्की-हल्की सी दिखाई दे रही थे।
मैंने उनसे कहा, “भाभी आप मेरे सामने ऐसे कपड़ों में मत आया करो क्योंकि मुझे अपने आप पर काबू पाना बहुत मुश्किल होता है। मेरा लंड खड़ा हो जाता है।”
सविता भाभी मेरी बात सुन कर हँस पड़ीं और मेरे पास आ कर खड़ी हो गयी और अपने लिए एक और पैग बना कर ड्रिंक सिप करने लगीं।
मैंने उनकी चूंची कि तरफ देखते हुए कहा, “भाभी, जब आपकी चूंची इतनी खूबसूरत है तो आपकी चूत तो और भी खूबसूरत होगी।”
इसपर सविता भाभी हँस दीं और बोली, “तुम अपना लंड मुझे दिखाओ तो मैं तुम्हें अपनी चूत दिखा दूँगी।”
फिर हँस कर अपना ड्रिंक सिप करते हुए बोलीं, “देखूँ तुम्हारा लंड वाकय खड़ा हुआ है या यूँ ही कह रहे हो।”
मैंने भाभी की बात सुन कर झट से अपनी जींस खोल कर अंडरवियर भी उतार दिया और मैं सविता भाभी के सामने अपना आठ इंच का लौड़ा दिखा-दिखा कर अपने हाथ से हिलाने लगा। मेरा आठ इंच का लंड फनफना कर खड़ा हो गया था।
सविता भाभी मेरे खड़े लंड को देखती हुई बोली, “वाकय तुम्हारा लंड बहुत लम्बा और मोटा भी है। उस लड़की को बेइंतेहा मज़ा आयेगा जो तुमसे चुदवायेगी।”
इसपर मैं कमर हिला कर अपना लंड उनकी तरफ़ बढ़ाते हुए बोला, “आप ही चुदवा कर देख लो कि कितना मज़ा आता है।”
मेरी बात सुन कर सविता भाभी बोली, “अगर रजत को पता चल गया तो बेहद बुरा होगा।”
मैंने कहा, “जब हम किसी को नहीं बतायेंगे तो किसीको कैसे पता चलेगा?”
यह सुन कर सविता भाभी मेरी तरफ देखते हुए मुस्कुराने लगी और व्हिस्की का एक बड़ा सा घूँट गटक कर अपने होठों पर अपनी जीभ फेरने लगीं। savita bhabhi
मुझे मालूम हो चुका था कि सविता भाभी मुझसे अपनी चूत चुदवाना चाहती हैं, लेकिन पहलमेरी तरफ से चाहती हैं। मैंने तब आगे बढ़ कर उनकी चूंचियों पर अपना हाथ रख दिया और उन्हें धीरे-धीरे सहलाने लगा। सविता भाभी कुछ नहीं बोलीं,बस मुस्कुराती रहीं। तब मैंने उनकी नाईटी उतार दी और मेरे जिगरी दोस्त रजत की बीवी, सविता भाभी, मेरे सामने अपने जवानी का जलवा दिखाते हुए बिल्कुल नंगी खड़ी थीं। उनके गले में मोतियों का हार और पैरों में काले हाई हील के सैंडल उनकी जवानी को और भी मादक बना रहे थे। मैं उनकी गोल-गोल चूंची देख कर हैरान हो गया। उनकी चूंची बिल्कुल तनी हुई थी। उनके निप्पलों का घेरा करीब एक इंच का था और निप्पल भी देखने में फुले हुए मुनक्का लग रहे थे। उनकी चूत का तो क्या कहना। उनकी चूत बिल्कुल चिकनी और साफ-सुथरी दिख रही थी।
मैंने सविता भाभी से पूछा, “भाभी आपकी चूत इतनी चिकनी है और उसपे एक भी बाल नहीं है? क्या आप खुद ही साफ करती हैं”
इसपर वो बोली, “अरे नहीं, मुझसे अपनी झाँटें ठीक से साफ नहीं होतीं और खासतौर से गाँड के बाल तो बिल्कुल नहीं। यह सब तो मैं ब्यूटी पार्लर में करवाती हूँ!”
मैंने फिर धीरे से उनको अपनी बाहों में ले लिया और उनकी चूचियों पर अपनी पकड़ मजबूत करके उनको अपने दोनों हाथों में लेकर मसलने लगा। मैंने सविता भाभी को अपनी बाहों में भर कर कसके जकड़ लिया। सविता भाभी भी मुझको अपने दोनों हाथों से पकड़े हुई थें। मैं उनके दोनों होंठ अपने होंठों के बीच ले कर चूसने लगा। सविता भाभी भी मेरी बाहों में नंगी खड़ी-खड़ी मुझे दोनों हाथों से पकड़ कर अपने होंठ चुसवा रही थी और अपनी चूंची मसलवा रही थी। अब धीरे-धीरे सविता भाभी ने मेरे हाथों से निकल कर मेरा बनियान उतार दिया और हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल मादरजात नंगे खड़े थे और दोनों एक दूसरे को देख रहे थे।
सविता भाभी मुझसे बोलीं, “हाय योगेश! तुम नंगे बेहद दिलकश दिखते हो, तुम्हारा खड़ा हुआ लम्बा लंड देखने में बेहद खूबसूरत लगता है और कोई भी लड़की या औरत इसको अपनी चूत में लेकर चुदवाना चाहेगी।”
मैंने अब सविता भाभी को अपनी बाहों में ले कर उनसे पूछा, “मुझे कोई और लड़की या औरत से मतलब नहीं है, क्या आप मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हैं कि नहीं?” savita bhabhi
तब सविता भाभी बोलीं, “अरे तुम अभी भी नहीं समझे, मैंने तो जब से रजत के मुँह से सुना कि तुम्हरा लंड अपने दोस्तों में सबसे लम्बा और मोटा है, तभी से तुम्हारे लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाना चाहती हूँ। अब जल्दी से तुम मुझे चोदो।मेरे चूत में आग लगी है।”
अब मैं सविता भाभी की एक चूंची अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरी चूंची अपने एक हाथ में लेकर मसलने लगा। सविता भाभी भी अब तक गरमा गयी थीं। उन्होंने मेरा लंड अपने हाथों में पकड़ा और मुझको घसीटते हुए अपने बेडरूम में ले गयीं। बेडरूम में आकर सविता भाभी ने मुझे बेड पर पटक दिया और मेरा लंड अपने हाथों में लेकर उसको बड़े ध्यान से देखने लगी।
थोड़ी देर के बाद वोह बोली, “रजत सही ही बोल रहा था। तुम्हारा लंड रजत के लंड से लम्बा है और मोटा भी है। आज मेरी चूत खूब मज़े ले-ले कर इस लंड से चुदेगी। अब तुम चुपचाप पड़े रहो। मुझको तुम्हारे लंड का पानी चखना है।” savita bhabhi
मैं तब बोला, “ठीक है भाभी जब तक आप मेरे लंड का स्वाद चखोगी, मैं भी आपकी चूत के स्वाद का मज़ा लुँगा । आइये हम दोनो ६९ पॉज़िशन में बेड पर लेटते हैं।”
फिर हम दोनों बेड पर एक दूसरे के पैर की तरफ़ मुँह करके लेट गये। सविता भाभी ने अभी भी अपने सैंडल पहने हुए थे। मैंने सविता भाभी को अपने ऊपर कर लिया। सविता भाभी ने मेरे लंड के सुपाड़े को अपने होठों से लगा कर एक जोरदार चुम्मा दिया और फिर अपने मुँह में ले कर चूसने लगीं और बीच-बीच में उसको अपनी जीभ से चाटने लगी। मुझको अपनी लंड चुसाई से रहा नहीं गया और अपना लंड सविता भाभी के मुँह में पेल दिया।
सविता भाभी लंड को अपने मुँह से निकालते हुए बोलीं, “वाह मेरे योगेश! अभी और पेलो अपने लंड को मेरे मुँह में, बाद में इसको मेरी चूत में पेलना।”
अब मैने अपने ऊपर लेटी हुई सविता भाभी के दोनों पैरों को फैला दिया। अब मेरी आँखों के सामने उनकी गोरी चिकनी और मुलायम चूत पूरी तरह से खुली हुई थी और मेरा लंड खाने के लिये तैयार थी। मैं अपनी अँगुली उनकी चूत में पेल कर अंदर-बाहर करने लगा। सविता भाभी तब जोर से बोली, “हाय! क्यों वक्त बर्बाद कर रहे हो, मेरी चूत को अँगुली नहीं चाहिए। अभी तुम इसको अपनी जीभ से चोदो। बाद में उसको अपना लंड खिलाना, वो तुम्हारा लंड खाने के लिए तरस रही है,”
मैं बोला, “क्यों चिंता कर रही हो भाभी, अभी आपकी चूत और मेरे लंड का मिलन करवा देता हूँ। पहले मैं आपकी चूत का रस चख तोलूँ। सुना है कि सुंदर और सैक्सी औरतों की चूत का रस बहुत मीठा होता है।” savita bhabhi
तब सविता भाभी बोलीं, “ठीक है, जो मर्जी में आये करो, यह चूत अब तुम्हारी है। इससे जैसे चाहे मज़े ले लो। हाँ एक बात और, जब हम एक दूसरे को चोदने कि लिये तैयार हैं और एक दूसरे के चूत और लंड चाट और चूस रहे हैं, तब यह आप-आप की क्या रट लगा रखी है। तुम मुझको नाम लेकर पुकारो और आप-आप की रट छोड़ो।”
अब मैंने देखा कि उनकी चूत लंड खाने के लिए खुल-बँद हो रही है और अपनी लार बहा रही है और बाहर और अंदर से रस से भीगी हुई है। मैंने जैसे ही अपनी जीभ सविता भाभी की चूत में घुसेड़ी, वो चिल्लाने लगी, “हाय, चूसो… चूसो, और जोर से चूसो मेरी चूत को। और अंदर तक अपनी जीभ घुसेड़ो,,, हाय मेरी चूत की घुँडी को भी चाटो… बहुत मज़ा आ रहा है। हाय मैं अब छूटने वाली हूँ।”
इतना कहते ही सविता भाभी की चूत ने गरम-गरम मीठा रस मेरे मुँह में छोड़ दिया जिसको कि मैं अपनी जीभ से चाट कर पूरा का पूरा पी गया। उधर सविता भाभी अपने मुँह में मेरा लंड लेकर उसको खूब जोर-जोर से चूस रही थीं और मैं भी सविता भाभी के मुँह में झड़ गया। मेरे लंड की झड़न सब की सब सविता भाभी के मुँह के अंदर गिरी और उसको वोह पुरा का पुरा पी गयीं। अब सविता भाभी का चेहरा काम-ज्वाला से चमक रहा था और वो मुस्कुरते हुए बोलीं, “चूत चुसाई में बेहद मज़ा आया, अब चूत चुदाई का मज़ा लेना चाहती हूँ। अब तुम जल्दी से अपना लंड चुदाई के लिये तैयार करो और मेरी चूत में पेलो… अब मुझसे रहा नहीं जाता।”