आह्ह्ह… क्याआ आह्ह्ह्ह्ह कर रहे ईईईईऐ होओ जान!’ वो फ़ुसफ़ुसाई और सिसकारियाँ भरने लगी- आअह्हह ह्हह ऊम्म्म आआऊच्च्च ऊओह्ह!
थोड़ा झुक कर मेरे लिंग पर अपनी गांड का दबाव बढ़ा दिया! मेरे हाथ उसके हाथों में फँसे थे, उनको वो अपने पेट पर ले गई और फ़िर अपने बूब्स के बिल्कुल नीचे ले जाकर दबाव दिया और छोड़ दिया।
अब मैंने उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से हल्के से सहलाना और दबाना शुरू किया।
उसने स्पोंज वाली ब्रा पहनी थी।
मेरा मुँह अब उसकी पीठ पर और गरदन पर बालों के नीचे तक चल रहे थे, हाथ बूब्स को सहला रहे थे।
मैंने महसूस किया कि 34 साइज़ के होंगे बूब्स!
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Sali ki chudai – पडोस की सेक्सी भाभी
अब मैं उसके कान के निचले हिस्से को काट रहा था और कान की नीचे भी चूस रहा था, वो ‘आअह्ह ह्हह्हह जान्नन आआह्ह आअह्ह हह्हह…’ कर रही थी, पीछे की तरफ़ पूरा दबाव बना रही थी!
फ़िर मैंने उसकी ब्रा पेंटी भी उतार दी, अब उसे सीधा लेटा कर उसके दोनों बूब्स पर पहले थोड़ा मसाज़ किया, फ़िर उसे चूसा जोर से, बीच बीच में हल्का सा गुलाबी निप्पल को काट रहा था!
उसकी निप्पल का रंग हल्का था और चूसने से और भी गुलाबीपन आ गया था।
वो बुरी तरह से मचल गई थी!
फ़िर मैं उसके रसीले होंठ मुँह में डाल कर चूसने लगा!
अब मेरे हाथ उसके पेट और चुचूक को सहला रहे थे, वो भी सिसकारियाँ भर रही थी और मेरा साथ भी दे रही थी, ‘उउउम्म्म आआह्ह्ह’ कर रही थी!
अब उसने अपनी रसीली जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मैं उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगा!अब मैंने थोड़ा नीचे होकर फ़िर से बूब्स चूसने लगा, एक हाथ उसकी चूत पर घुमाया तो वो पानी छोड़ रही थी।
अब मुझसे रहा नहीं गया, मैं उसके पेट और कमर को चूमते हुए उसकी चूत तक पहुँच गया!
Sali ki chudai – पडोसी की बेटी का भोसड़ा
क्या मस्त चूत थी, हल्की काली जिस पर कोई बाल नहीं, गोरे रंग की मांसल मुलायम जांघों के बीच में हल्की कली सी मस्त चूत!
अब मेने उसे बेड के किनारे पर बैठाया और उसकी चूत चाटने लगा, उसकी चूत की ऊपरी हिस्से पर जो दाना था, उसे चाटा, सहलाया और हल्का काटने लगा तो वो बहुत ज्यादा सिसकारियाँ भरने लगी ‘आआह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह आआह्ह ऊम्म्मह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह ऊऊइई इइइस्स्स स्स्साआआह्ह्ह आह्ह!’
उसका हाथ मेरे सिर को अपने अंदर दबा रहा था!
फ़िर उसने खड़ी होकर मुझे लिटा दिया और मेरा लन्ड चूसने लगी।
‘आअह ह्हह…’ अब मैं ‘आअह्हह्ह ह्हह आअह्ह ह्हह्हह…’ कर रहा था!
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2-3 मिनट बाद वो बोली- जीज्जु जान, और ना तड़फ़ाओ… डाल दो अब!
Sali ki chudai – सहेली के जीजू का लंड
मैं तो पहले ही तैयार था, मैंने उसे गोद में उठा कर दीवार के सहारे उसकी पीठ लगा कर, उसकी गर्म टपकती चूत में लन्ड डाल दिया ! लंड उस गरम भट्टी की दीवारें चीरता अंदर तक चला गया।
‘आह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह जीज्जु… उउम्म्म म्म्म…’ उसने अपने होंठ काटे तो मैं भी उसके रसीले होंठ चूसने लगा, उसके हाथ मेरे कंधों को नोचने लगे!
फ़िर आकांक्षा एक हाथ मेरी गर्नन के पीछे से ले जा कर बालों को सहलाने लगी। अब वो अपने पैरों को, जिनको मैंने अपने हाथों से उठा रखा था, जोर लगाने लगी और खुद उछलने लगी।
वो बहुत जोर से ‘आआह्ह्ह आह्ह्ह्ह आअह्ह ह्हह्हह ऊम्म्म्माआह्ह्ह…’ करने लगी।
अब कुछ देर ऐसा करने में वो झड़ गई।
अब मैं उसे वापिस बेड पर लाया और लिटा कर उसके मस्त चूचों को फ़िर चूसने लगा!
फ़िर मैंने उसे बेड के किनारे डॉगी स्टाइल चोदा और झड़ गया।
मैं हांफ़ते हुए उसे सीधा लेटा कर उसके नंगे शरीर पर लेट गया !
Sali ki chudai – वो काली रात
थोड़ी देर ऐसे चुपचाप लेटे रहने के बाद वो बोली- जीज्जु, दीदी तो बड़ी किस्मत वाली है, आपने आज खूब आनन्द दिया… थेंक्स!
मैंने उसके होंटों को एक बार फ़िर चूम लिया!
अगले दिन मैं वापिस आ गया और हमें आज तक दोबारा मौका नहीं मिला!