मैं पीछे बैठा था, उसके बालों की खुशबू मुझे नशा दे रही थी, उसके रेशमी बाल मेरे मुँह पर आ रहे थे!
अचानक उसने ब्रेक लगाया तो मैं फिसल कर उससे चिपक गया पर वापिस पीछे खिसक गया।
थोड़ा चलते ही आकांक्षा भाभी ने स्कूटी थोड़ी तेज कर के फ़िर ब्रेक लगा दी, मैं फ़िर चिपक गया पर समझ गया कि वो जानबूझ कर ऐसा कर रही है!
इस बार मैं वहीं चिपका रहा, अब मेरा मुँह उसकी गर्दन के पास था और मेरा पप्पू उसकी गांड के थोड़ा ऊपर दबाव बना रहा था।
फ़िर उसने बिना कारण एक बार और ब्रेक लगाया तो मैं और ज़्यादा चिपक गया, अब मैंने दोनों हाथ उसकी मस्त मोटी जांघों पर रखे, वो कुछ नहीं बोली।
इतने में स्कूल आ गया!
मेरी प्यारी सहलज आकांक्षा अंदर चली गई और थोड़ी ही देर में वापिस भी आ गई, स्कूल से निकलते समय उसने एक मस्त स्माइल दी!
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अब उसने स्कूटी मोड़ कर चला दी, मैं तो पहले ही चिपक कर बैठ गया और दोनों हाथ उसकी जांघों पर रख कर बैठ गया। वो बार बार ब्रेक लगती जिससे मेरा लिंग उसकी कमर से थोड़ा नीचे टकराता।
मैं समझ गया कि लोहा गर्म है, हथोड़ा मार दूँ, मैंने एक हाथ से उसके खुले बालों को एक तरफ़ किया और इस बार ब्रेक लगते ही मेरा मुँह उसकी नाजुक रेशमी गर्दन पर लगा दिया और हटा लिया !
फ़िर मैंने मेरे दायें हाथ की कोहनी उसके दायें कंधे पर टीका दी, और उसकी रेशमी जुल्फों को एक तरफ़ पकड़ कर बैठ गया, बायाँ हाथ उसकी कमर की तरफ़ से पेट पर रखा, वो कुछ ना बोली और फ़िर से ब्रेक मारी।
इस बार मैंने अपना पूरा मुँह खोल कर उसके कंधे पर बिल्कुल गर्दन के पास टीका दिया और चूमने लगा।
इधर मेरा दूसरा हाथ पेट पर दबाव बढ़ा रहा था, उसकी साड़ी मेरे और उसके पेट के बीच में थी।
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अब उसने ब्रेक नहीं लगाया और ऊपर होकर मेरे लन्ड पर बैठ गईं अब उसने मेरे लन्ड को अपने मस्त नितम्बों के नीचे दबा रखा था! अब पीछे उसकी गरदन के दोनों तरफ़ अपने होंठों को फिराने लगा, वो और पीछे होने लगी।
ऐसे करते हुए घर आ गया था।
हम सीधे अंदर बेडरूम में चले गये!
हम दोनों ही कुछ नहीं बोल रहे थे, उसने जाते ही अपन पल्लू हटाया और बेड पर लेट गई!
मैं उसके बगल में लेट गया और उसके नर्म नाजुक हाथ पर अपना सिर टिका दिया और उसके पेट पर हाथ घुमाने लगा।
उम्म्म आह्हह क्या नरम पेट था !
दोस्तो, एकदम सफेद और मुलायम, समझ लो मक्खन में हाथ घुमा दिया!
उसकी आँखें बँद हो गईं, होंठ थोड़े खुल गये सिइई करके, उसके नीचे का होंठ हिलने लग गया!
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अब मैं थोड़ा सा खड़ा होकर उस पर झुक गया!
उसने मुझे अपनी बाँहों में ऐसे जकड़ लिया जैसे वर्षों की सूखी धरती में बारिश की बूँद समा जाती है!
मेरे होंठों ने उसके होंठों को अपना बना लिया और हमने एक लम्बा स्मूच किया!
वाआह्ह्ह्ह… क्या रसीली होंठ थे, ना ज्यादा बड़े ना पतले और रस ऐसा की बीकानेरी स्पोन्जी रसोगूल्ला चूसा हो!
अब उसके गोरे मांसल पैर एक दूसरे को रगड़ रहे थे, वो नागिन सी मचल रही थी।
अब मैं उठा और कमरे को कुंडी लगाकर अपने कपड़े उतारे!
वो वेसे ही पड़ी रही आँखों को बँद किये मचलती रही!
अब भी कमरे में भरपूर रोशनी थी, जिसमें वो चमक रही थी एकदम सफेद !
उसकी साड़ी घुटनों से थोड़ी नीचे तक उठ चुकी थी, फ़िर पेट और फ़िर वक्ष की घाटी से गर्दन तक दिख रही थी।
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स्लीवलेस ब्लाउज में हाथ ऊपर करने से अंडरआर्म और बाजू चमक रहे थे सफेद!
उसके गोरे चेहरे पर बिखरी काली रेशमी जुल्फें किसी अप्सरा का आभास दे रही थी… वो कामयौवना मुझे पागल कर रही थी!
अब मैंने धीरे धीरे उसके पेटिकोट को ऊपर उठाना शुरू किया, उसकी टाँगें एकदम चिकनी, वैक्सिंग करवाये हुए थी, गोल गोल थी उसकी टांगें और जांघें तो हीरे सी चमक रही थी, मोटी मांसल जांघें जिस पर कोई बाल या दाग नहीं बिल्कुल सोनाक्षी सिन्हा जैसी थी!
उस पर स्लेटी पेंटी, मैंने उसकी टाँगों को खूब सहलाया, फ़िर उसे हाथ पकड़ कर खड़ी किया और उसकी साड़ी उतारी।
वो बिल्कुल मूर्त सी खड़ी थी!
फ़िर मैंने उसके ब्लॉउज और पेटिकोट खोल दिए! अब वो ब्रा पेंटी में खड़ी थी।
‘ऊऊऊ ऊऊम्म्म म्म्म्म्माआह्ह…’ सफेद मूर्त थी, जिसका गदराया बदन इतना कामुक था कि मुरदे का भी खड़ा कर दे।
अब मैंने उसके पीछे अपना लन्ड उसकी गांड पर टीका दिया, उसके हाथों में अपने हाथ फँसा दिया और अपने मुँह से उसकी ब्रा की स्टेप उसके कंधे से नीचे खिसका दी!
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