नमस्कार दोस्तोँ, मेरा नाम नेहा शर्मा है. मैँ एक 36 साल की औरत हूँ. मेरी शादी को हुए 8 साल बीत चुके हैँ. मेरी एक लडकी है जिसकी उम्र 6 साल है. मेरे पति एक बैंक मैनेजर हैँ और मैँ एक हाऊस वाईफ हूँ.मुझे अपने घर की देख रेख करना बहुत अच्छा लगता है. लेकिन मुझे सब्से ज़्यादा कोई चीज़ खलती है मेरी लाईफ मेँ तो वो है सेक्स. मुझे घर मेँ सेक्स का सुख नहीँ मिलता है. Devar ka lund
मेरे पति अक्सर थक कर घर आते हैँ और सेक्स से कतराते हैँ. Devar ka lund
उन्हेँ सेक्स पसन्द हुआ करता था लेकिन जब से वो मैनेजर बने हैँ, बस उन्हेँ सिर्फ और सिर्फ काम ही नज़र आता है. अपनी मदमस्त चूचीयोँ और भरी हुई गांड वाली बीवी पर तो उनकी नज़र पडती ही नहीँ है. बस इसी फिराक मेँ मुझे यहाँ वहाँ नज़र दौडानी पडती है. लेकिन समाज के डर से मैँ बाहर कुछ भी नहीँ कर सकती हूँ तो इसलिये मुझे अपनी चूत की आग को अपनी हथेली और ऊंगली से बुझाना पडता है.
लेकिन एक दिन ऐसा हुआ जिसने मेरी ज़िन्दगी बदल दिया. Devar ka lund
पूरी तरह से. जी हाँ, मेरे घर मेँ मेरे पति का कज़िन मैँ मोहित रहने आया अपनी छुट्टियाँ बिताने के लिये. उसकी उम्र 20 साल की है. लम्बा चौडा लडका है. और स्वभाव से भी काफी हंसमुख है. उसे देखकर मुझे लगा क्योँ ना इसे ट्राय करूँ, हो सकता है यह मेरी प्यास बुझा दे. यही सोच कर मैँने एक प्लान बनाया ताकि मोहित मेरे हुस्न और चूत के जाल मेँ फंस कर मुझे खुद ब खुद अपना लंड सौंप दे. और उस लंड से मैँ अपनी प्यास जब चाहे तब बुझा सकूँ. बस इसी आस मेँ मैँने अपने प्लान को पूरा करना शुरु कर दिया. बात एक ह्फ्ते पहले की है.
एक दिन मोहित मेरे सामने सोफे पर बैठ कर टी वी देख रहा था. उसने शौर्ट और बनियान पहन रखा था. मैँने भी कैप्री और टी शर्ट पहना हुआ था. वो मुझे बीच बीच मेँ देखे जा रहा था क्युंकि सामने टी वी मे एक किस सीन चल रहा था और मैँ मोहित को कंखियोँ से देख रही थी. उसकी टांगेँ वासना के मारे कांप रही थी, यह सब मैँ समझ और देख पा रही थी. मुझे लगा कि इसे पटाना बहुत आसान है. तो इसलिये मैँने उसके कन्धे के पास अपना हाथ रख दिया. वो मुझे देखने लगा और मैँ बिना उसे देखे ही मुस्कुराने लगी. उसने थूक निगला और थोडा सा मेरी ओर सरक आया. मेरी धडकनेँ भी बढने लगीँ. मुझे यह सब अच्छा लगने लगा था.
मैँने जानबूझ कर अपना हाथ नीचे उसकी जांघ के पास रख दिया. Devar ka lund
अब मेरे हाथ उसकी जांघोँ को छू रहे थे. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. और वो भी ज़ोर ज़ोर से सांसेँ ले रहा था. मैँने अपनी हथेल धीरे धीरे बढा कर उसकी नंगी जांघोँ पर रख दी. वो कांपने लगा. यह देखकर मुझे बहुत मज़ा आने लगा. घर मेँ सेक्स की कल्पना से ही मेरी चूची कडी और मेरी चूत गीली हो गई. मान्सल जांघोँ को छोने और सह्लाने मेँ बहुत मज़ा आ रहा था. एकदम फौलादी जांघ थी उसकी.
उसका लंड भी मैँ देख पा रही थी उसके चौर्ट्स मेँ उभार बना रहा था. मुझे इतना अच्छा लगा कि मन किया कि अभी उसे पकड कर मुर्गे की तरह उसकी भी गरदन मरोड दूँ. किसी तरह मन को रोका और उसे कुछ करने के लिये उकसाने की प्लानिंग करने लगी. मैँने अपनी एक ऊंगली उसकी चड्ढी मेँ घुसा दिया और उसे घुमाने लगी. वो पसीने पसीने होने लगा और उसने मेरे कन्धे पर हाथ रख दिया.
अब मैँ फील करने लगी उसके बढते हाथ मेरी गोल गोल सुन्दर गोरी चूची के बहुत पास थे. अचानक से जैसे ही मेरी ऊंगली उसके लंड के करीब पहुंची, उसने झट से मेरी चूची को पकड लिया और लगा उसे कस कस कर दबाने. मैँने आंखेम बन्द कर लिया और उसके लंड को पकड कर उसे दबाने लग गई. वाह क्या मज़ा आ रहा था.
उसने मेरी टी शर्ट को निकाल दिआ और मैँने भी उसकी बनियान और चड्धी को खींच कर बाहर कर दिया, अब मैँ कैप्री मेँ थी और वो अंडरवीयर मेँ. उसने मुझे कस कर दबोच लिया और कस कस कर मेरे लिप्स को किस करने लगा. मुझे भी रिस्पोंस करने मेँ मज़ा आने लगा. फिर मैँने उसके लंड को अंडरवीयर से आज़ाद कर दिया. और उसने भी मेरी कैप्री को निकाल दिया और मेरी गांड को मेरी पैंटी के अन्दर हाथ डाल कर सह्लाते हुए मेरे गांड और चू के छेद से खेलने लगा.
मैँ एकदम से गीली होती जा रही थी. Devar ka lund chusa bhabhi ne
हमारी सांसेँ फूल रही थी. बहुत मज़ा आने लगा था. उसने मेरी पैंटी को निकाल कर मुझे एकदम नंगा कर दिया और मुझे सोफे पर बिठा कर मेरी टांगोँ को फैलाकर मेरे चूत को चाटने लगा. हाय.. सी ..उउउ म्म्म.. इस तरह आवाज़ निकालने मेँ बहुत मज़ा आने लगा मुझे. और यह आवाज़ सुनकर वो भी जोश मेँ आकर मुझे और चाटने लगा.
थोडी देर बाद वो उठा और अपने लंड को सहलाते हुए मेरे मुख के पास उसे रख दिया जिसे मैँने गप से चूसना शुरु कर दिया. वाह क्या लंड था साले का. मोटा तगदा जवान, वीर्य से भरपूर. जैसे वैनिला कैंडी. मज़ेदार लंड था उसका. घर मेँ सेक्स का अनोखा आनन्द हम दोनोँ ही लूट रहे थे आज. ऐसा आनन्द जो हम दोनोँ को ही कभी नहीँ मिला था.
मैँ जितनी बार उसे पकड कर मरोडती उतना ही ज़्यादा वो बडा और कडक होता जा रहा था जैसे कोई काला नाग हो और संपेरे से लड रहा हो. उसके लंड की ताकत देख कर ही मेरी चूत के बाल खडे हो गये और मेरी चूत गीली होने लगी. मेरे चूत के दाने को उसने अपनी ऊंगलियोँ के बीच फंसाया और बडे प्यार से चुभलाने लगा. असीम आन्नद की अनुभूति मेरे सारे शरीर मेँ दौड गई.
ऐसा लगा जैसे वो मुझे लिफ़्त मेँ बैठा कर स्वर्ग ले जा रहा हो और लिफ्ट का बटन मेरी चूत का दाना हो. बहुत बडा खिलाडी लग रहा था वो. मुझे अहसाह हो गया कि आज कोई आ गया है मेरी टक्कर का जो धक्के से धक्का मिला कर मुझे चुनौती देगा और मेरी सारी थकान दूर कर देगा. इसी आस मेँ मैँ नीचे झुकी उसके लंड को सलाम करने के लिये और फिर उसे आंखोँ से लगा कर उसकी गर्मी महसूस किया और उसे मुख मेँ ले कर चूसने लगी.
वाह्ह्ह्ह… क्या स्वाद था साले के लंड का. Devar ka mota lund
बहुत टेस्टी था. मैँ चूसती गई लेकिन उसका लंड मेरे मुख मेँ पूरा नहीँ समा रहा था. आखिर मैँने उसे बहुत चूसा तो वो मुझे लिटा कर मेरी चूत चाटने और चूसने लगा. हम दोनोँ ही पागल हो गये और सुध बुध खो बैठे.
थोडी देर बाद उसने मुझे सीधा लिटा दिया और मेरी चूत पर लंड टिका कर अनदर डालने लगा. आह्ह्ह्ह … बहुत मोटा है तुम्हारा लंड मोहित प्लीज़ थोडा धीरे से डालो यह कहा मैँने और यह सुनकर वो मुस्कुराया और बडी बेदर्दी के साथ एक ज़ोरदार ठाप मारा और उसका आधा लौडा मेरी चूत को नश्तर की तरह फाड कर अन्दर घुस गया. मैँने उसे कस कर पकड लिया और मेरे नाखून उसके जिस्म मेँ घुसा दिये.
उसने गुस्से मेँ एक के बाद एक धक्के मेरी चूत मेँ मारने शुरु कर दिये जैसे कि वो बदला ले रहा हो. और हम दोनोँ की यह चुदाई वाली जंगली लडाई और भी ज़्यादा हिंसक होने लगी. थोडी देर बाद उसने मेरे होंठोँ को चूसना और काटना शुरु कर दिया फिर वो नीचे झुका और चोदते हुए मेरी चूची को चूसते हुए उसे भी काटने लगा.
इस तरह की चुदाई से मैँ आज तक वाकिफ नहीँ हुई थी. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. मैँ भी गांड उठा उठा कर उसके लंड की ठाप का जवाब अपनी चूत से देने लगी. घर मेँ सेक्स का वातावरण बहुत ज़्यादा घुल चुका था और अचानक से हम दोनोँ ही कचकचा कर एक साथ झड गये. उस दिन हमने फिर से 4 बार चुदाई किया और एक दूसरे को संतुष्ट किया.